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सबसे ज्यादा पिथौरो के 65 किसानों ने कीटनाशक दवाईयों की मांग की जिसकी पूर्ति की गई
महासमुंद : महासंमुद जिले के 116 कृषकों को उनकी मांग पर खरीफ फसलों (धान एवं अन्य) में कीट एवं बीमारी की कीटनाशक दवाईयों की होम डिलीवरी की गई। महासंमुद विकास खंण्ड से 4 किसानों ने कीटनाशक दवाईयों की मांग की थी, विकासखंड बागबाहरा से 19 कृषकों ने, सबसे अधिक पिथौरा विकासखंड से 65 कृषकों ने अपनी फसलों के कीट एवं बीमारी के लिए संबंधित अधिकारी से मोबाईल पर सम्पर्क कर कीटनाशक दवाईयों की मांग की थी। सभी को पंजीकृत कृषि कीटनाशक दवा विक्रेताओं के माध्यम से होम डिलीवरी कराया गया।
इसी प्रकार विकासंखड बसना से 19 कृषकों ने और सरायपाली से 9 किसानों अपनी-अपनी फसलों से कीट एवं रोग से बचाने के लिए जरूरी कृषि कीटनाशक दवाईयां जिला प्रशासन द्वारा जारी मोबाईल नम्बरों पर सम्पर्क कर मांग की गई थी। उप संचालक कृषि श्री एस.आर डोगरे ने बताया कि संबंधित अधिकारियांे द्वारा क्षेत्र के पंजीकृत कृषि कीटनाशक दवाईयों के विक्रेताओं के माध्यम से उपलब्ध कराया गया।
मालूम हो कि महासमुंद जिले में कोराना वायरस संक्रमण (कोविड-19) की रोकथाम,संभावत प्रसार एवं चैन को तोड़ने हेतु 23 सितम्बर से आगामी 30 सितम्बर की मध्य रात्रि तक जिला प्रशासन द्वारा सम्पूर्ण राजस्व जिला क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है। जिला प्रशासन द्वारा वर्तमान में किसानों की खरीफ फसलांे (धान एवं अन्य ) में कीट एवं बीमारी का प्रकोप की संभावना को देखते हुए खरीफ फसलांे (धान एवं अन्य)की कीटनाशक दवाईयां की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कृषकों के द्वारा आवश्यकतानुसार मांग किए जाने पर कीटनाशक दवाईयां निकटतम इच्छुक पंजीकृत दुकानों से होम डिलीवरी के माध्यम से प्रातः 6.00 बजे से प्रातः 9.00 बजे तक उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए महासमुंद सहित सभी ब्लांक के कृषि अधिकारियों के मोबाईल नम्बर जारी किए गए थे ।
कलेक्टर के निर्देश पर उप संचालक कृषि द्वारा संबंधितों के नाम एवं मोबाईल नम्बर जारी किए है महासमुंद विकास खंड से श्री बी.आर.घोड़ेसवार, बागबाहरा से श्री एच.आर. देवागंन, पिथौरा विकासखंड से श्री डी.पी. पटेल, बसना के श्री पी.एन सामल और सरायपाली से श्री जे.डी. मांझी से किसानों ने सम्पर्क किया था। किसानों द्वारा चाही गई तकनीकी सलाह भी दी गई। उक्त सभी कृषि अधिकारियों ने कीटनाशक दवाई, संबंधित क्षेत्र के निकटतम ईच्छुक पंजीकृत दुकनों के डिलीवरी ब्यॉय के माध्यम से, भुगतान पर उपलब्ध करायी गयी। ताकि लॉकडाउन के समय कोविड-19 संक्रमण के फैलाव पर प्रभावी नियंत्रण बना रहे। - दुर्गा प्रतिमाओं की ऊंचाई, पंडाल, श्रृद्धालुओं की संख्या और विसर्जन आदि के दिशा-निर्देश जारी
सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन की अनुमति नहीं
महासमुंद : अगले माह 17 अक्टूबर से प्रारंभ होने वाली नवरात्रि दुर्गा-पूजा को मद्देनजर और कोविड-19 के चलते नवरात्रि उत्सव को लेकर महासमुंद जिला प्रशासन ने गाईडलाईन जारी कर दी है। उत्सव के दौरान दुर्गा प्रतिमाओं की ऊंचाई, पंडाल, श्रृद्धालुओं की संख्या और विसर्जन आदि सहित कुल 28 दिशा-निर्देश जारी किए है। नवरात्रि के लिए 6 फीट से ऊंची और 5 फीट से चौड़ी मूर्ति, 15 बाई 15 से ज्यादा पंडाल नही बनाने के निर्देश दिये गये है।
इसके साथ ही बनाये गये पंडाल के सामने 4000 वर्गफीट की खुली जगह हो, कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावति नहीं होना चाहिए। वहीं पंडाल में एक बार में 20 से ज्यादा लोग नहीं होंगे। जारी आदेश में कहा गया है कि मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करें, जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम,पता, मोबाईल नम्बर दर्ज करना होगा।इसके अलावा मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति कम से कम 04 सीसीटीवी कैमरे लगायेगा, ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोराना संक्रमित होने पर कांटेक्ट ट्रेसिंग किया जा सकें। इसके लिए स्थापना का चिन्हांकन स्थानीय पुलिस प्रभारी द्वारा तय किया जावेगा।
नवरात्रि उत्सव की जारी गाईड लाईन में कहा गया है कि मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जायेगा। ऐसा पाये जाने पर संबंधित एवं आयोजन समिति के विरूद्ध वैधानिक कर्यवाही की जायेगी। मूर्ति स्थापित करने वले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सैनेटाईजर, थर्मल स्क्रिनिंग, ऑक्सीमीटर, हेण्डवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था करनी होगी। थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी। व्यक्ति या समिति द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा। इस हेतु आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था, बांस, बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर कराया जावेगा ।
मूर्ति स्थापना, विसर्जन के दौरान प्रसार, चरणमृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की भी अनुमति नहीं है। कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन घोषित होता है, तो केवल एक पुुजारी जाकर पूजा कर सकता है। एवं विसर्जन हेतु संबंधित क्षेत्र के इन्सीडेंट कमांडर (अनुविभागीय दण्डाधिकारी) के आदेश के बाद ही विसर्जन की अनुमति होगी । मूर्ति विसर्जन के दौरान चार से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। पृथक से वाहन की अनुमति नहीं होगी।सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन की अनुमति नहीं होगी ।
आदेश में कहा गया है कि मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के भोज, भंडार, जगराता का आयोजन अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलवा मूर्ति स्थापना के समय, स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के बाद भी किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र/डीजे बजाने की मनाई है। गाईड लाईन में स्पष्ट किया गया है कि निर्देशों के उल्लंघन करने पर एपीडेमिक डिसीजी एक्ट एवं विधि अनुकूल नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। -
फीवर क्लीनिक में चल रही काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए सुरक्षित दायरे के मुद्दे पर हुई चर्चा
नए प्रपत्र के अनुरूप देनी होगी काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग और होम आइसोलेशन की जानकारी
महासमुंद : जिले में कोविड-19 के नियंत्रण एवं संक्रमण रोकथाम के लिए अपनाए जा रहे नवीनकृत उपायों में अब शहर के फीवर क्लीनिक का कायाकल्प होगा। जिससे यहां मरीजों को मिलने वाली सुरक्षित सेवाओं में इजाफा होगा। इसके साथ ही कोविड-19 के नवीन धनात्मक में भी नए प्रपत्र के अनुरूप पूरी जानकारी देकर सहयोग करने की अपील जिला स्वास्थ्य द्वारा जारी की गई है।मंगलवार 29 सितम्बर को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर. के. परदल के निर्देशानुसार कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम दल के जिला नोडल अधिकारी डाॅ. अनिरुद्ध कसार ने जिला मुख्यालय स्थित फीवर क्लीनिक में की जा रही धनात्मक मरीजों की काउंसलिंग सहित काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग स्पाॅट का औचक निरीक्षण कर सेवा प्रदाता चिकित्सकों और स्टाफ सहित मरीजों से बातचीत कर हाल जाना।इस दौरान राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के आयुष चिकित्सा अधिकारी डाॅ. देवेंद्र साहू जो इन दिनों मुख्यालयीन प्रकरण संबंधी कार्यभार सम्हाले हुए हैं ने डाॅ. कसार को यहां आने वाली दिक्कतों के बारे में पुनः अवगत कराया। जिस पर डाॅ. कसार ने उक्त क्षेत्र को उम्दा सुरक्षा प्रणाली से लैस करने के साथ मरीजों के लिए और बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए मामले को आला अधिकारियों के संज्ञान में लाने की बात कही।कोविड-19 के डिस्ट्रिक्ट सर्विलेन्स अधिकारी डाॅ. छत्रपाल चंद्राकर ने बताया कि काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए राज्य शासन से मिले नवीन दिशा-निर्देशों पर अमल करने पर चर्चा की गई। जिसमें अद्यतन जानकारी के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया साथ ही जांच कराने के बाद धनात्मक आने वाले स्थानीय आमजनों से अपील कर गई कि वे निर्धारित प्रपत्र में पूछी जाने वाली जानकारी का उत्तर अनिवार्य रूप से दें। इसमें मुख्य रूप से नाम, पता, संबंधित निजी चिकित्सक का नाम सहित प्रतिदिन के दैनिक स्वास्थ्य आंकलन आदि की अनिवार्य जानकारी से होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम को निर्धारित समयवधि में अवगत कराने का अनुरोध किया गया है।उल्लेखनीय है कि एकीकृत रोग निगरानी शाखा से प्राप्त ताजा आंकड़ों के अनुसार सोमवार 28 सितम्बर की रात आठ बजे तक की स्थिति में जिले में कुल दो हजार 549 मरीज कोविड-19 से धनात्मक पाए गए, इनमें से एक हजार 661 मरीज डिस्चार्ज भी हो चुके हैं। सोमवार के दिन हुई कोविड जांच में भी क्रमशः आरटीपीसीआर, ट्रू-नाॅट और रैपिड एन्टीजन टेस्ट में कुल मिला कर चार सौ पचास संदिग्ध मरीजों के नमूनों का परीक्षण किया गया।जिनमें से 51 मरीज कोविड-19 से धनात्मक मिले हैं। अब केवल 853 प्रकरण ही सक्रिय बचे हैं। जिन्हे चिकित्सकीय सेवा सुविधाओं में होम आइसोलशन, कोविड केयर सेन्टर्स एवं डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। -
एक अक्टूबर से आगामी सप्ताह-भर शहरी क्षेत्रों में घर-घर जाकर बच्चों को खिलाई जाएगी कृमि नाशक दवा
महासमुंद : एल्बेन्डाजोल की गोलियां यानी कृमि नाशक दवा बच्चों को केवल कृमि की परेशानी से निजाद दिलाती है बल्कि यह कृमि के कारण बच्चों में होने वाली शारीरिक और मानसिक विकास संबंधित बाधाओं को भी दूर करती हैं। कोविड-19 की वैश्विक महामारी को देखते हुए इस बार लोगों के घरों में जाकर इसकी खुराक दे रही है।दो भागों में चल रहे इस अभियान में पहले चरण में 23 सितम्बर 2020 से ग्रामीण क्षेत्रों में एल्बेन्डाजोल की दवा खिलाया जाना शुरू किया गया। जिसका अंतिम दिन आज बुधवार 30 सितम्बर 2020 को पूर्ण हो रहा है। इस ओर प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर. के. परदल ने आमजन से अपील की है कि वैसे तो मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर दवा सेवन कराया है,किन्तु अगर कोई अब भी इसके लाभ से वंचित रह गए हैं तो आज ही अपने नजदीकी क्षेत्र की मितानिन या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से समन्वय कर अपने बच्चों को दवा खिला सकते हैं।बढ़ते क्रम में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी श्री संदीप ताम्रकार ने बताया कि कोविड-19 के दौर में जिले के कई क्षेत्रों को कन्टेनमेन्ट जोन घोषित किए जाने के कारण अभियान दो चरणों में चलाया जा रहा है। दूसरे चरण में एक अक्टूबर 2020 से आगामी सप्ताह-भर तक शहरी क्षेत्रों में निवासरत परिवारों के बच्चों को दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए शहरी क्षेत्र में आवश्यक दवाओं का भंडारण भी कर लिया गया है।आरएमएनसीएचए सलाहकार (शिशु स्वास्थ्य) डाॅ. मुकंद राव घोड़ेसवार से मिली जानकारी के मुताबिक शहरी क्षेत्र में विकासखण्डवार महासमुंद में कार्यरत मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्थानीय आमजन का गृह भ्रमण कर दवा सेवन करवाएंगी। वहीं, विकासखण्ड पिथौरा, बसना, सरायपाली और बागबाहरा में यह कार्य केवल आंगनबाड़ी कार्यकताओं द्वारा ही संपादित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जिले में चार लाख 68हजार 342 बच्चों को एल्बेन्डाजोल की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें एक से दो वर्ष के बच्चों को आधी गोली पीस कर एवं तीन से उन्नीस वर्ष आयु तक के बच्चों व किशोरों को पूरी गोली खिलाई जा रही है। चिकित्सकों की राय में इस दवा के कोई साइडफेक्ट्स नहीं हैं और हाल ही में ग्रामीण अंचल में चले अभियान के दौरान बच्चों ने इस दवा के मीठे स्वाद के कारण बिना किसी परेशानी आसानी से इसकी खुराक ली है।सुरक्षा सावधानी के लिए आमजन से अनुरोध किया गया है कि वे भी कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत आपके घर आकर दवा सेवन कराने वाले स्वास्थ्यकर्मियों का सहयोग करें, सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करें, अनावश्यक भीड़ न बढ़ाएं और मास्क का उपयोग करना तो बिलकुल भी न भूलें। बच्चों को दवा सेवन कराने के पूर्व स्वयं एवं बच्चों के हाथ और मुंह भली प्रकार साबुन से धो लें, साथ में स्वच्छ पानी रखें।इस दौरान बच्चों के मुँह से मास्क केवल उसी समय हटाएं जब उन्हें दवा खिलाई जा रही हो। दवा सेवन कराए जाने के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण का फैलाव न हो इसके लिए जिला स्वास्थ्य ने स्वास्थ्यकर्मियों को मास्क, दस्ताने और सैनिटाइजर आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा दिए हैं। इससे आप निःसंकोच अपने बच्चों को एल्बेन्डाजोल की दवा खिला सकते है। - महासमुंद : जिला स्वास्थ्य ने रविवार को सरायपाली निवासी 41 वर्षीय व्यक्ति की राजधानी के एक निजी चिकित्सालय में मृत्यु होने की पुष्टि की है। प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर.के. परदल से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार 26 सितम्बर को सरायपाली निवासी 41 वर्षीय मरीज उपचार के लिए रायपुर के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती हुए थे। उन्हें निमोनिया की शिकायत थी।इस दौरान राजधानी के निजी चिकित्सालय में ही उनमें कोविड-19 संक्रमण की जांच की गई, जिसमें वे धनात्मक पाए गए थे। तकलीफ बढ़ती देख चिकित्सकों द्वारा उपचार दिए जाने के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका।रविवार 27 सितम्बर की दोपहर तकरीबन एक बज कर 10 मिनट पर उन्होेंने अंतिम सांस ली। अंतिम संस्कार के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी डाॅ. अनिमेस राय ने बताया कि कोविड-19 प्रोटोकाॅल के निर्धारित प्रोटोकाॅल के तहत मृतक के स्थानीय क्षेत्र में संबंधित चिकित्सा अधिकारी एवं दण्डाधिकारी की उपस्थिति में विधिवत उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
- जिले में आज 51 लोगों क़ोरोना की जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी
अब तक 1600 से ज़्यादा लोग ठीक हुए
आज 86 लोग स्वस्थ्य होकर गए अपने घर सुरक्षित पहुँचेलॉक डाउन का दिखने लगा असर, पॉज़िटिव लोगों की संख्या में आयी कमी
महासमुंद : महासमुंद जिले में लॉकडाउन का असर दिखाई देने लगा है। महासमुंद जिले में कोरोना वायरस ( कोविड-19) संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए विगत 23 सितम्बर से आगामी 30 सितम्बर तक महासमुंद जिला अन्तर्गत सम्पूर्ण क्षेत्र को कंटेन्मेंट जोन (लॉक डाउन) घोषित किया गया है।
महासमुंद जिले में आज कुल 450 संदिग्ध व्यक्तियों की कोरोना जाँच की गई थी। जिसमें ट्रू नाट से 39, आरटीपीसीआर से 83 और एंटीजन से 328 टेस्ट किए गए। जिले में क़ोरोना की जाँच रिपोर्ट में पॉज़िटिव लोगों की संख्या में पहले की अपेक्षा गिरावट आयी है।आज तक जिले में कुल 2549 लोग कोरोना पॉज़िटिव पाए गए थे। अब तक 1661 लोग उपचार के बाद ठीक हुए हुए और अपने घर गए। वहीं आज 86 लोग बेहतर उपचार के बाद स्वस्थ्य होकर अपने घर सुरक्षित पहुँचे है। वर्तमान में जिले में 853 एक्टिव केस हैं । जिनका उपचार चल रहा है।
आज 51 लोगों की कोरोना जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है ।जो कुछ दिनो से आ रहे आँकड़ो से कम है। बसना और बागबाहरा के लिए राहत भरी खबर है। यहाँ आज इक्का दुक्का की कोरोना जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव है। महासमुंद विकासखंड से सर्वाधिक 34 लोगों की जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है। सरायपाली एवं पिथौरा से 7-7 कोविड-19 मिले है। बसना और बागबाहरा से राहत की खबर है, बसना से 2 और बागबाहरा से केवल एक क़ोरोना पॉज़िटिव की रिपोर्ट आयी है। - महासमुंद : जिला स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को सरायपाली निवासी 41 वर्षीय व्यक्ति की राजधानी के एक निजी चिकित्सालय में मृत्यु होने की पुष्टि की है।प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर.के. परदल से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार 26 सितम्बर 2020 को सरायपाली निवासी 41 वर्षीय मरीज उपचार के लिए रायपुर के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती हुए थे।
उन्हें निमोनिया की शिकायत थी। इस दौरान राजधानी के निजी चिकित्सालय में ही उनमें कोविड-19 संक्रमण की जांच की गई। जिसमें वे धनात्मक पाए गए थे। तकलीफ बढ़ती देख चिकित्सकों द्वारा उपचार किए जाने के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका। रविवार 27 सितम्बर 2020 की दोपहर एक बज कर 10 मिनट पर उन्होेंने अंतिम सांस ली।
अंतिम संस्कार के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी डाॅ. अनिमेस राय ने बताया कि कोविड-19 प्रोटोकाॅल के निर्धारित प्रोटोकाॅल के तहत मृतक के स्थानीय क्षेत्र में संबंधित चिकित्सा अधिकारी एवं दण्डाधिकारी की उपस्थिति में विधिवत उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। -
जिले में 230 लोगों पर लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर लगा 26000 से अधिक का जुर्माना
महासमुंद 28 सितम्बर 2020 /- महासमुंद जिले में कोरोना वायरस ( कोविड-19)संक्रमण के बढ़ते प्रभाव क देखते हुए विगत 23 सितम्बर से आगामी 30 सितम्बर तक महासमुंद जिला अन्तर्गत सम्पूर्ण क्षेत्र को कंटेन्मेंट जोन (लॉक डाउन) घोषित किया गया है । यह लॉक डाउन पूरे महासमुंद जिले में बुधवार 30 सितम्बर 2020 तक लागू है ।कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने एक बार फिर दो गज की दूरी ( सोशल डिस्टेंसिंग) मास्क लगाने और समय-समय पर हाथ धोने की बात दोहराई । उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि अभी तक ज़िला प्रशासन का सहयोग किया ऐसा करते रहे । लोग बिना वजह से अपने घरों से नहीं निकलें ।लॉकडाउन की स्थिति को लोग और गंभीरता से लें। उन्होंने जिले के सभी एसडीएम से लॉक डाउन को सख्ती से लागू करने को कहा है । स्थानीय प्रशासन के अधिकारी पहले से और सख़्त हो गए है। इस कारण आज सोमवार को लॉकडाउन के छटवे महासमुंद शहर सहित जिले के सभी विकासखंडों बागबाहरा,पिथौरा,सरायपाली,और बसना में सन्नाटा पसरा रहा । इक्का-दुक्का लोग ही नज़र आए ।एसडीएम महासमुंद श्री सुनील कुमार चंद्रवंशी ने बताया कि आज लॉक डाउन का उलंघन्न करने वालें 6 दुकानदारो एफ.आइ.आर.दर्ज की गई ।महासमुंद, बसना,पिथौरा और बागबहरा से एक-एक दुकानदार और सरायपाली के दो दुकानदार।दुकानदार शामिल है । जिन पर एफ.आइ.आर.दर्ज की गई । बसना में ही लॉक डाउन का उलंघन्न करने वालों के 8 वाहनो को जप्त किया गया और 4 दुकानों को सील किया गया । वहीं महासमुंद में बेवजह घूमने वाले 20 लोगों पर एफ.आइ.आर.ज़रूरी और चालानी कार्यवाही की गई । जिले में 230 लोगों पर लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 26100 रुपए से अधिक का जुर्माना वसूला गया। जिसमें महासमुंद में 151 लोगों से 18000, बागबहरा में 50 लोगों पर 5200, और पिथौरा में 29 लोगों पर 2900 रुपए है ।कलेक्टर श्री गोयल ने लोगों से पुनः अनुरोध किया कि कृपा करके कोरोना वायरस संक्रमण से अपने आप को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं, निर्देशों का गंभीरता से पालन करें । जीवन की डोर तभी लंबी होगी जब आप सोशल /शारीरिक डिसटेंन्स बनाकर रखेंगे । - महासमुंद : आज शनिवार को लॉकडाउन के चौथे दिन महासमुंद शहर में कोविड-19 के अंतर्गत लॉकडाउन में उल्लंघन करने पर कुल 20 लोगों पर नगर पालिक परिषद महासमुंद दल द्वारा कुल 2100 रुपए चालान काटा गया। उक्त जानकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री सुनील चंद्रवंशी ने दी।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने नागरिकों से स्वयं व दूसरों की रक्षा के लिए मास्क लगाना जरूरी बताया। कलेक्टर ने कहा कि महासमुंद जिला अन्तर्गत सम्पूर्ण क्षेत्र में इस माह 23 से 30 तक कंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया है। पहले से कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंस का पालन करना और मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है।इसके बावजूद कुछ लोग शहर में बिना मास्क के ही घूम रहे हैं। जब पूरा देश कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए जूझ रहा है इस संकट की घड़ी में जहाँ देशवासी और जिले की जनता साथ दे रही है। ऐसे लोगों पर आज शनिवार को ज़िला और पुलिस प्रशासन द्वारा जो बिना मास्क के ज़रूरी कार्य से निकले उन्हें समझाइश दी गई।
जो लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं। जबकि मास्क लगाने से स्वयं भी सुरक्षित है और दूसरे भी। बिना मास्क के घर से निकल ने वालों पर कार्रवाई शुरू की है। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने नागरिकों व से स्वयं व दूसरों की रक्षा के लिए मास्क लगाना जरूरी बताया। - डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में 15 दिनों में कुल 76 हुए एडमिट और 44 डिस्चार्ज
महासमुंद : इन दिनों जिस गति से कोविड-19 की महामारी पांव पसार रही है उतनी ही शीघ्रता से संक्रमण को मात देकर स्वस्थ होने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। कोरोना से जंग जीतने वाले फाइटर्स (मरीजों) की मानें तो कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर. के. परदल के मार्गदर्शन में अनुभवी चिकित्सकीय अमले की लगन साफ दिखाई दे रही है।जिनकी दिन-रात की लगन और मेहनत से कुछ ऐसे गंभीर प्रकरणों में भी मरीजों को नया जीवन मिला, जिनमें कुछ ने तो जीने की उम्मीद तक छोड़ दी थी और कुछ ऐसे भी मिले जिन्होंने बाहरी राज्य का निवासी होने के बावजूद महासमुंद जिले में ही कोविड का उपचार लेना बेहतर समझा। भर्ती हुए एक मरीज ने बताया कि वे 70 वर्ष के हैं। उन्हें निमोनिया की परेशानी होने पर वे शहर के स्थानीय निजी चिकित्सालय में उपचार ले रहे थे।
इस दौरान उनके चिकित्सक की सलाह पर उन्होंने कोविड-19 की जांच कराई और परिणाम धनात्मक मिलने पर वे डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में भर्ती हो गए। उन्होंने बताया कि भर्ती होते ही उपचार तत्काल शुरू कर दिया गया। ऑक्सीजन लगा कर जीवनरक्षक दवाओं सहित इन्जेक्शन्स भी लगाए गए। पहले घंटे से ही उन्हें राहत महसूस होने लगी और महज 10 दिनों में केवल वे ही नहीं बल्कि उनके साथ उपचार ले रहे 7 अन्य मरीज भी स्वस्थ होकर अपने-अपने घरों की ओर लौट गए।
वे कहते हैं कि यहां मेट्रो सिटी जैसे बड़े-बड़े शहरों के नामी चिकित्सालयों से भी बेहतर चिकित्सकीय सेवाएं मिली, यही कारण है कि उन्होंने हालिया दौर में जिला भ्रमण पर रही राजाखरियार, ओड़िशा निवासी अपनी 67 वर्षीय बहन का उपचार भी जिले के डेडिकेटेट कोविड अस्पताल में ही करवाया और आज वे भी कोविड-19 से मुक्त हैं। स्वस्थ होकर घर लौटने का श्रेय वे यहां की चिकित्सकीय सेवा सुविधाओं को देखते हुए बताते हैं कि उपचार के दौरान एक भी दवा बाहर से नहीं मंगवानी पड़ी, नाश्ता और भोजन भी बराबर सही समय पर मिलता था। चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ की पूछ-परख, निगरानी और समुचित देख-भाल से यहां मरीजों को जल्द स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है।
तीसरा एवं चौथा प्रकरण क्रमशः शहर के गुड़रू पारा के 58 वर्षीय बीपी व शुगर के मरीज और उनके कोविड पाॅजिटिव भाई का है। वे बताते हैं कि उन्हें एकाएक सांस लेने में परेशानी होने लगी थी, किन्तु बार-बार जांच कराने के बाद भी उनकी कोविड-19 रिपोर्ट ऋणात्मक ही मिल रही थी। वे जानते थे कि उन्हें पहले अनियमित रक्चाप और मधुमेह की पीड़ा सता चुकी थी, ऐसे में तकलीफ बढ़ती देख चिकित्सकों की सलाह पर बिना देर किए वे डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में भर्ती हो गए और उनके भाई को होम आइसोलेशन में रखा गया।
शुरूआती दौर में उनकी हालत इतनी नाजुक थी कि ऑक्सीजन लगाने तक की नौबत आ गई। फिर जल्द ही स्वास्थ्य में सुधार दिखने लगा। इस दौरान दोनों भाइयों ने निरंतर चिकित्सकीय परामर्श एवं उपचार में सहयोग बनाए रखा।
आज दोनों पूरी तरह स्वस्थ होकर कोरोना वायरस से जंग जीत चुके हैं। उन्होंने आमजन से अपील की है कि कोरोना से जीतने के लिए सबसे अहम है जागरूकता के साथ विश्वास तत्व। सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण दिखते ही जांच कराने के अनुरोध किया है। साथ ही स्वस्थ रहने के लिए स्वयं के द्वारा अपनाए गए तरीकों के बारे में बताते हुए एलोपैथिक दवाओं के अतिरिक्त उन्होंने आयुर्वेदिक काढ़े एवं भाप के सेवन पर विशेष जोर देते हुए इन्हें अभ्यास में लाने की सलाह भी दी है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर.के. परदल ने बताया कि विगत पखवाड़े भर में ही डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में कुल 76 मरीज भर्ती हुए, उपचार उपरांत इनमें से 44 को डिस्चार्ज भी किया जा चुका है। वहीं, 7 मरीज ऐसे रहे जो अपनी स्वेच्छा से और एक चिकित्सकों की अनुमति से रिफर हुए। स्वस्थ होकर लौटने वालों की तुलना में मृत्यु का आंकड़ा 04 प्रकरणों तक ही सीमित रहा। इनमें भी मरीजों में पहले से ही अन्य कई तरह की गंभीर बीमारियों का प्रभावी होना ही प्रमुख कारण माना जा रहा है।
डाॅ. परदल ने बताया कि डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में डाॅ. कुलवंत आजमानी, डाॅ. के. गजभिए, डाॅ. हेमेश्वरी वर्मा, डाॅ. दिनेश सिन्हा, डाॅ. ओंकेश्वरी साहू व डाॅ. शुभा एक्का के सुपरविजन में पालीवार जिले के सबसे उम्दा चिकित्सकीय दल को ड्यूटी पर लगाया गया है। जिसमें सिस्टर इंचार्ज मीना तारन, स्टाफ नर्स वाटिका गोयल एवं फार्मासिस्ट श्री पंकज साहू सहित संलग्न नर्सिंग स्टाफ व स्वास्थ्यकर्मी चैबीसों घंटे मरीजों की सेवा में जुटे हुए हैं। सीसीटीवी निगरानी, आवश्यक दवा भंडारण एवं ऑक्सीजन और सक्शन मशीन तक की व्यवस्था है, जो विषम परिस्थितियों में भी मरीजों को खतरे से बाहर निकालने में कारगर साबित हो रहे हैं। - कृषकगणों को अपने निकटतम कृषि अधिकारियों से दूरभाष पर करना होगा सम्पर्क
महासमुंद : महासमुंद जिले में कोराना वायरस संक्रमण (कोविड-19) की रोकथाम, संभाव्य प्रसार एवं चैन को तोड़ने हेतु 23 सितम्बर से आगामी 30 सितम्बर 2020 की मध्य रात्रि तक जिला प्रशासन द्वारा सम्पूर्ण राजस्व जिला क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। वर्तमान में किसानों की खरीफ फसलांे (धान एवं अन्य ) में कीट एवं बीमारी का प्रकोप की संभावना को देखते हुए खरीफ फसलांे (धान एवं अन्य)की कीटनाशक दवाईयां की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जिले के किसान/कृषकगण कार्यालय उप संचालक कृषि, महासमुंद के दूरभाष क्रमांक 07723-222132 पर उक्त अवधि में प्रातः 10.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक एवं संबंधित विकासखंड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों से सम्पर्क कर सकते है।
संबंधित अधिकारियों द्वारा कृषकों के द्वारा आवश्यकतानुसार मांग किए जाने पर कीटनाशक दवाईयां निकटतम इच्छुक पंजीकृत दुकानों से होम डिलीवरी के माध्यम से प्रातः 6.00 बजे से प्रातः 9.00 बजे तक उपलब्ध करायी जायेगी। कलेक्टर के निर्देश पर उप संचालक कृषि द्वारा संबंधितों के नाम एवं मोबाईल नम्बर जारी किए है - महासमुंद विकास खंड से श्री बी.आर. घोड़ेसवार, 90092-29778, बागबाहरा से श्री एच.आर. देवागंन, 99267-89661 है।
इसी प्रकार पिथौरा विकासखंड से श्री डी.पी. पटेल का मोबाईल नम्बर 88891-66853, बसना के श्री पी.एन सामल का 77718-97070 और सरायपाली से श्री जे.डी. मांझी के मोबाईल नम्बर 98267-13022 पर सम्पर्क किया जा सकता है। जिले के किसान इस दूरभाष/मोबाईल नम्बर पर संपर्क कर तकनीकी सलाह भी ले सकते है तथा उनके द्वारा आवश्यकतानुसार मांग किए जाने पर खरीफ फसल की कीटनाशक दवाई, संबंधित क्षेत्र के निकटतम इच्छुक पंजीकृत दुकानों के डिलीवरी ब्यॉय के माध्यम से, भुगतान देने पर उपलब्ध करायी जायेगी।
यह विशेष कीटनाशक/संबंधित कृषि उत्पादकों की होम डिलीवरी हेतु समय प्रातः 6.00 बज से प्रातः 9.00 बजे तक ही रहेगा। कृषि उप संचालक ने बताया कि फसल कीटनाशक दवाईयों की मांग उपरोक्त नम्बर पर ही देना होगा तथा संबंधित अधिकारियों के द्वारा होम डिलीवरी की व्यवस्था ईच्छुक दुकानों के माध्यम से कराई जायेगी ताकि लॉकडाउन के समय कोविड-19 संक्रमण के फैलाव पर प्रभावी नियंत्रण बना रहे । -
महासमुंद 26 सितम्बर 2020/- महासमुंद जिले में कोविड-19 की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए अपनाए जा रहे चिकित्सकीय एवं प्रबंधकीय उपबंधों को अपडेट किया जा रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण एवं रोकथाम दल के जिला नोडल अधिकारी डाॅ. अनिरुद्ध कसार ने बताया कि जैसे-जैसे समय बीत रहा है कोविड-19 से बचाव के प्रयासों में बेहतरी के लिए अद्यतन बदलाव किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में राज्य स्तर से मिले निर्देशानुसार जिले में काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग अब नए फाॅर्मेट में की जाएगी। जिसमें सारी जानकारी का अंकन ऑनलाइन होगा।
अब चाहे मरीज जिला मुख्यालय के हों या ग्रामीण अंचल के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में कोविड जांच के बाद पॉज़िटिव आने पर काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग के दौरान उन्हें मौके पर ही उपचार के लिए होम आइसोलेशन या संबंधित निकटस्थ कोविड केयर सेन्टर के चयन की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए प्राथमिक स्तर पर काम पहले ही शुरू किया जा चुका है। डिस्ट्रिक्ट सर्विलेन्स ऑफिसर डाॅ. छत्रपाल चंद्राकर ने बताया कि जिले में मुख्यालय सहित सभी विकासखण्डों व सामुदायिक एवं ग्रामीण स्तर पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग टीमें काम कर रही हैं। उन्होंने आमजन से कोविड-19 के लक्षण दिखने पर जांच कराने के बाद पॉज़िटिव आने की स्थिति में बिना घबराए काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग स्वास्थ्य अमले को सहयोग करने की अपील की है।आज शनिवार 26 को नेशनल इन्फोर्मेशन सेन्टर से अद्यतन राज्य स्तरीय ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें सलाहकार, डाटा अंकन अधिकारी-कर्मचारी और काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण उपरांत एकीकृत रोग निगरानी शाखा की इपीटिमियोेलाॅजिस्ट डाॅ. मीनाक्षी राॅय ने बताया कि रोजाना दैनिक डाटा अंकन के निर्देश मिले हैं। जिसमें जिले के सभी कोविड मरीजों के पॉज़िटिव आने से लेकर उनके उपचार स्थल (होम आइसोलेशन या कोविड केयर सेन्टर) में रहने एवं स्वस्थ हो जाने तक की प्रमाणिक जानकारी संप्रेषित की जाएगी। जिला डाटा प्रबंधक सुश्री संहिता ध्रुव के मुताबिक इस रिपोर्टिंग में स्वास्थ्यकर्मी मरीजों से निरंतर संपर्क बनाए रखेंगे और उनके स्वास्थ्य के संबंध में भी दैनिक जानकारी एकत्र करेंगे। जिसमें मरीज एवं उनके चिकित्सक सहित अन्य आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराना भी जरूरी होगा। प्रशिक्षण में जिला मुख्यालय से डाॅ. सुजाता गोस्वामी, सुश्री लोचन ध्रुव, सुश्री गुंजा साहू, श्री गौतम यादव एवं श्री कोमल साहू सहित संबंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। -
डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में 15 दिनों में 76 कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ भर्ती हुए बेहतर उपचार के बाद 44 घर सुरक्षित पहुँचे
रिफर प्रकरण छोड़ कर 20 मरीजों का चल रहा उपचारमहासमुंद 26 सितम्बर 2020/-कोरोना काल में महामारी पांव पसार रही है, तो उतनी ही शीघ्रता से महासमुंद जिले में संक्रमण को मात देकर स्वस्थ होने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। कोरोना से जंग जीतने वाले फाइटर्स (मरीजों) ठीक हो कर घर जाने पर उनके चहरे पर मुस्कान एक सुकून भरी कहानी कहती दिखाई देती है । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर. के. परदल। ने बताया कि कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में अनुभवी चिकित्सकीय अमले की लगन भी साफ तौर पर दिखाई दे रही है।जिनकी दिन-रात की लगन और मेहनत से कुछ ऐसे गंभीर प्रकरणों में भी मरीजों को नया जीवन मिला, जिनमें कुछ ने तो जीने की उम्मीद तक छोड़ दी थी और कुछ ऐसे भी मिले जिन्होंने बाहरी राज्य का निवासी होने के बावजूद महासमुंद जिले में ही कोविड का उपचार लेना बेहतर समझा।नाम गोपनीय रखने की शर्त पर यहां भर्ती हुए सबसे पहले मरीज ने बताया कि वे 70 वर्ष के हैं। उन्हें निमोनिया की परेशानी होने पर वे शहर के स्थानीय निजी चिकित्सालय में उपचार ले रहे थे, इस दौरान उनके चिकित्सक की सलाह पर उन्होंने कोविड-19 की जांच कराई और परिणाम पॉज़िटिव आने पर वे महासमुंद के डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में भर्ती हो गए। उन्होंने बताया कि भर्ती होते ही उनका बेहतर उपचार तत्काल शुरू कर दिया गया, ऑक्सीजन लगा कर जीवनरक्षक दवाओं सहित इन्जेक्शन्स भी लगाए गए। पहले घंटे से ही उन्हें राहत महसूस होने लगी और महज 10 दिनों में केवल वे ही नहीं बल्कि उनके साथ उपचार ले रहे 7 अन्य मरीज भी स्वस्थ होकर अपने-अपने घरों की ओर सुरक्षित लौट गए। वे कहते हैं कि यहां मेट्रो सिटी जैसे बड़े-बड़े शहरों के नामी चिकित्सालयों से भी बेहतर चिकित्सकीय सेवाएं मिली, यही कारण है कि उन्होंने हालिया दौर में जिला भ्रमण पर रही राजाखरियार, ओड़िशा निवासी अपनी 67 वर्षीय बहन का उपचार भी जिले के डेडिकेटेट कोविड अस्पताल में ही करवाया और आज वे भी कोविड-19 से मुक्त हैं। स्वस्थ होकर घर लौटने का श्रेय वे यहां की चिकित्सकीय सेवा सुविधाओं को देते हुए बताते हैं कि उपचार के दौरान एक भी दवा बाहर से नहीं मंगवानी पड़ी, नाश्ता और भोजन भी बराबर सही समय पर मिलता था। चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ की पूछ-परख, निगरानी और समुचित देख-भाल से यहां मरीजों को जल्द स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है।तीसरा एवं चौथा प्रकरण क्रमशः शहर के गुडरू पारा के 58 वर्षीय बीपी व शुगर के मरीज और उनके कोविड पाॅजिटिव भाई का है। वे बताते हैं कि उन्हें एकाएक सांस लेने में परेशानी होने लगी थी, किन्तु बार-बार जांच कराने के बाद भी उनकी कोविड-19 रिपोर्ट ऋणात्मक ही मिल रही थी। वे जानते थे कि उन्हें पहले अनियमित रक्चाप और मधुमेह की पीड़ा सता चुकी थी, ऐसे में तकलीफ बढ़ती देख चिकित्सकों की सलाह पर बिना देर किए वे डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में भर्ती हो गए और उनके भाई को होम आइसोलेशन में रखा गया। शुरूआती दौर में उनकी हालत इतनी नाजुक थी कि ऑक्सीजन लगाने तक की नौबत आ गई। फिर जल्द ही स्वास्थ्य में सुधार दिखने लगा। इस दौरान दोनों भाइयों ने निरंतर चिकित्सकीय परामर्श एवं उपचार में सहयोग बनाए रखा। आज दोनों पूरी तरह स्वस्थ होकर कोरोना वायरस से जंग जीत चुके हैं। उन्होंने आमजन से अपील की है कि कोरोना से जीतने के लिए सबसे अहम है जागरूकता के साथ विश्वास तत्व। सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण दिखते ही जांच कराने के अनुरोध किया है। साथ ही स्वस्थ रहने के लिए स्वयं के द्वारा अपनाए गए तरीकों के बारे में बताते हुए एलोपैथिक दवाओं के अतिरिक्त उन्होंने आयुर्वेदिक काढ़े एवं भाप के सेवन पर विशेष जोर देते हुए इन्हें अभ्यास में लाने की सलाह भी दी है।इस ओर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर.के. परदल से प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत पखवाड़े भर में ही डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में कुल 76 मरीज भर्ती हुए, उपचार उपरांत इनमें से 44 को डिस्चार्ज भी किया जा चुका है। वहीं, 7 मरीज ऐसे रहे जो अपनी स्वेच्छा से और एक चिकित्सकों की अनुमति से रिफर हुए। स्वस्थ होकर लौटने वालों की तुलना में मृत्यु का आंकड़ा केवल 04 प्रकरणों तक ही सीमित रहा, इनमें भी मरीजों में पहले से ही अन्य कई तरह की गंभीर बीमारियों का प्रभावी होना ही प्रमुख कारण माना जा रहा है। डाॅ. परदल ने बताया कि डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में डाॅ. कुलवंत आजमानी, डाॅ. के. गजभिए, डाॅ. हेमेश्वरी वर्मा, डाॅ. दिनेश सिन्हा, डाॅ. ओंकेश्वरी साहू व डाॅ. शुभा एक्का के सुपरविजन में पालीवार जिले के सबसे उम्दा चिकित्सकीय दल को ड्यूटी पर लगाया गया है। जिसमें सिस्टर इंचार्ज मीना तारन, स्टाफ नर्स वाटिका गोयल एवं फार्मासिस्ट श्री पंकज साहू सहित संलग्न नर्सिंग स्टाफ व स्वास्थ्यकर्मी चैबीसों घंटे मरीजों की सेवा में जुटे हुए हैं। सीसीटीवी निगरानी, आवश्यक दवा भंडारण एवं ऑक्सीजन और सक्शन मशीन तक की व्यवस्था है, जो विषम परिस्थितियों में भी मरीजों को खतरे से बाहर निकालने में कारगर साबित हो रहे हैं। -
महासमुंद 21 सितम्बर 2020 / - महासमुंद जिले में कोराना वायरस संक्रमण (कोविड-19) की रोकथाम,संभावत प्रसार एवं चैन को तोड़ने हेतु 23 सितम्बर से आगामी 30 सितम्बर की मघ्य रात्रि तक जिला प्रशासन द्वारा सम्पूर्ण राजस्व जिला क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। वर्तमान में किसानों की खरीफ फसलांे (धान एवं अन्य ) में कीट एवं बीमारी का प्रकोप की संभावना को देखते हुए खरीफ फसलांे (धान एवं अन्य)की कीटनाशक दवाईयां की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जिले के किसान/कृषकगण कार्यालय उप संचालक कृषि, महासमुंद के दूरभाष क्रमांक 07723-222132 पर उक्त अवधि में प्रातः 10.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक एवं संबंधित विकासखंड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों से सम्पर्क कर सकते है।
संबंधित अधिकारियों द्वारा कृषकों के द्वारा आवश्यकतानुसार मांग किए जाने पर कीटनाशक दवाईयां निकटतम इच्छुक पंजीकृत दुकानों से होम डिलीवरी के माध्यम से प्रातः 6.00 बजे से प्रातः 9.00 बजे तक उपलब्ध करायी जायेगी । कलेक्टर के निर्देश पर उप संचालक कृषि द्वारा संबंधितों के नाम एवं मोबाईल नम्बर जारी किए है - महासमुंद विकास खंड से श्री बी.आर.घोड़ेसवार, 90092-29778, बागबाहरा से श्री एच.आर. देवागंन, 99267-89661 है। इसी प्रकार पिथौरा विकासखंड से श्री डी.पी. पटेल का मोबाईल नम्बर 88891-66853, बसना के श्री पी.एन सामल का 77718-97070 और सरायपाली से श्री जे.डी. मांझी के 98267-13022 पर सम्पर्क किया जा सकता है। जिले के किसान उक्त दूरभाष/मोबाईल नम्बर पर संपर्क कर तकनीकी सलाह भी ले सकते है तथा उनके द्वारा आवश्यकतानुसार मांग किए जाने पर खरीफ फसल की कीटनाशक दवाई, संबंधित क्षेत्र के निकटतम इच्छुक पंजीकृत दुकानों के डिलीवरी ब्यॉय के माध्यम से, भुगतान देने पर उपलब्ध करायी जायेगी । यह विशेष कीटनाशक/संबंधित कृषि उत्पादकों की होम डिलीवरी हेतु समय प्रातः 6.00 बज से प्रातः 9.00 बजे तक ही रहेगा । कृषि उप संचालक ने बताया कि फसल कीटनाशक दवाईयों की मांग उपरोक्त नम्बर पर ही देना होगा तथा संबंधित अधिकरियों के द्वारा होम डिलीवरी की व्यवस्था इच्छुक दुकानों के माध्यम से कराई जायेगी । ताकि लॉकडाउन के समय कोविड-19 संक्रमण के फलाव पर प्रभावी नियंत्रण बना रहे । - महासमुन्द : कोविड़-19 के महामारी से बचाव एवं रोकथाम के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता वर्धक आयुष काढ़ा का वितरण अब तक 3854 पैकेट एवं 11915 पॉम्पलेट जिले के विभिन्न कार्यालयों, जिला चिकित्सालय एवं सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के फीवर क्लीनिक तथा कान्टेक्ट ट्रेसिंग दल को विगत दिवस तक जिला आयुर्वेद अधिकारी कार्यालय द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. गदाधर पण्डा की देख-रेख में वितरण किया जा चुका है एवं उपयोग विधि तथा बचाव की जानकारी हेतु पॉम्पेलट दिया गया।
जिले के विकासखण्डों में कोविड-19 धनात्मक रोगी जो होम आईसोलेशन में रखे जा रहे है । ऐसे सभी रोगियों को एलोपैथीक मेडिसिन के साथ आयुष काढ़ा किट का वितरण किया जा रहा है। कल 25 सिंतबर 2020 को 710 पैकेट आयुष काढ़ा का वितरण किया गया।काढ़ा के उपयोग के संबंध में नोडल अधिकारी डॉ. गदाधर पण्डा के मोबाईल नम्बर 94242-87568, 98270-38793 पर संपर्क कर सकते हैं। -
अब तक 1500 से अधिक लोग हुए स्वस्थ्य
महासमुंद : महासमुंद जिले में कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड-19 ) से स्वस्थ होने वाले व्यक्तियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। आज शुक्रवार को जिले में 290 कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों को स्वस्थ होकर अपने घर सुरक्षित पहुँच गए है। ठीक होने पर कई लोगों ने स्वास्थ्य अमले के काम की सराहना की।स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज इन्हें डिस्चार्ज किया गया है। जिले में अब तक 1511 कोरोना संक्रमित मरीज पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं। आज 25 सितम्बर तक जिले में 797 एक्टिव केस है। जिनका बेहतर उपचार किया जा रहा है। आज जिले में कोरोना के लक्षण दिखने वाले कुल 456 लोगों की कोरोना जाँच की गयी, जिसमें 54 लोगों की जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव पायी गई ।
कोरोना संक्रमण से निपटने के चार प्रमुख स्तंभ आईडेंटिफिकेशन, आइसोलेशन, टेस्टिंग एवं ट्रीटमेंट पर जिला प्रशासन द्वारा विशेष फोकस किया गया है।नये कोरोना संक्रमित मरीजों को शीघ्र कांटेक्ट ट्रेसिंग कर उन्हें संस्थागत क्वारेंटाइन किया जा रहा है। सर्दी, खांसी, बुखार व कोरोना संदिग्ध मरीजों की प्राथमिक स्टेज में ही पहचान की जा रही है तथा उन्हें आइसोलेट कर नियमानुसार टेस्टिंग व ट्रीटमेंट का कार्य गंभीरता से किया जा रहा है।
कोविड अस्पताल और कोविड केयर सेंटर में बेहतर इंतजाम किए गए है । इनमें कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार किया जा रहा है । जिला प्रशासन द्वारा सभी कोविड केयर सेंटरों में समुचित व्यवस्थाएं की गई है । मरीजों को गुणवत्तायुक्त भोजन एवं समय पर दवाइयाँ का प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन कराया जा रहा है। फलस्वरूप कोरोना संक्रमित मरीज शीघ्र स्वस्थ हो रहे हैं। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल द्वारा कोविड अस्पताल, कोविड केयर सेंटर एवं क्वारेंटाइन केंद्रों पर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की सतत मानिटरिंग की जा रही है। -
स्वयं के साथ-साथ अपने परिजनों को भी कोविड से बचाए रखने का करें अभ्यास
घर के बाहर मास्क और हैंड रब सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए रखना भी जरूरी, शीतल पेय, अधिक तेल-मसाला न खाएं
सर्दी, खांसी, बुखार के लक्षणों को हल्के में न लें, तुरंत कराएं कोविड की जांच
महासमुंद : यदि आपके घर-परिवार में छोटे बच्चे या बुजुर्ग हैं तो आपको कोविड-19 के बढ़ते खतरे से और भी अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। यह कहना है प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर.के. परदल का उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लू.एच.ओ द्वारा जारी सुरक्षा सावधानी निर्देशिका के महत्वपूर्ण बिन्दुओं को पुनः बतलाते हुए संक्रमण रोकथाम और बचाव की दिशा में एडवायजरी जारी की है।
उनके अनुसार एक स्वस्थ वयस्क की तुलना में बुजुर्ग और पहले से बीमार लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और यही स्थिति शारीरिक एवं मानसिक विकासक्रम में तेजी से बढ़ने वालों बच्चों में भी पाई जाती है। इसलिए इनके कोविड-19 की महामारी की चपेट में आने की सम्भावनाएं अधिक बढ़ जाती है।
हाल ही में फीवर क्लीनिक में अपने परिजनों के साथ कोविड-19 की जांच कराने पहुंची एक पांच वर्षीय बालिका का उदाहरण देते हुए डाॅ. परदल कहते हैं कि वह स्टेशन रोड निवासी एक व्यवसायी की पुत्री है और व्यवसाय के चलते उसके पिता का रोजाना बहुत लोगों से मिलना-जुलना होता रहा। विगत तीन दिवस पूर्व व्यवसायी पिता कोविड-19 से संक्रमित हो गए, उन्हें होम आइसोलेट किया गया। जिसके बाद अन्य परिजनों ने भी अपनी जांच कराई और उनकी पांच वर्षीया पुत्री कोविड-19 की धनात्मक (एसिम्टोमेटिक मलतब लक्षण रहित) पाई गई। वर्तमान में दोनों वे होम आइसोलेशन में रह कर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
उन्होने कहा कि परिवार के ऐसे सदस्य जो बाहरी लोगो के निरंतर संपर्क में आते हैं उन्हें स्वयं के साथ-साथ अपने परिजनों को भी संक्रमण से बचाए रखने की ओर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। यदि आप सुरक्षा सावधानी पर अमल कर रहे हैं और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है तो आप संक्रमण से काफी हद तक सुरक्षित रह सकते हैं। लेकिन, यह जरूरी नहीं कि आपके परिवार का कोई बच्चा, बुजुर्ग या पहले से पुराने गंभीर रोगों से पीड़ित सदस्य भी रोगों से लड़ने में आपकी तरह ही मजबूत हो।
जरा सी लापरवाही से वह भी संक्रमण की चपेट में आ सकता है। ऐसे में हमें चाहिए कि घर से बाहर हमेशा मास्क पहने रहें और घर में व बाहर दोनों ही स्थानों में रहते हुए समय-समय पर हैंड रब सैनिटाइजर या साबुन से हाथ साफ करते रहें। यही नहीं आइसक्रीम, शीतल पेय पदार्थ, अत्यधिक तेल व मसाला युक्त भोजन न करें। बल्कि इनके बजाय हरी सब्जी, फल, सलाद, दूध, और गर्म पानी एवं संतुलित आहार आदि का नियमित रूप से सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा।
इन सावधानियों को अपना कर हम और आप स्वयं के साथ अपने परिजनों को भी कोविड-19 की महामारी से संक्रमित होने से बचा सकते हैं। - महासमुन्द : महासमुंद जिले के बागबाहरा में कंटेनमेंट जोन का उल्लंघन कर दुकान खोलने वाले व्यापारी के खिलाफ पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया। इस किराना दुकान को कंटेनमेंट जोन (लॉकडाउन )के दौरान भी खोले जाने की शिकायत मिली थी ।
मालूम हो कि जिले में क़ोरोना वायरस संक्रमण के बचाव एवं रोकथाम हेतु संपूर्ण महासमुंद ज़िला क्षेत्र को 23 से 30 सितम्बर 2020 तक द.प्र.स.धारा 144 लागू की गई है एवं जिले को कंटेनमेंट जोन घोषित किया किया गया गया है।उपरोक्त दर्शित अवधि में महासमुंद जिले की सभी सीमाएं पूर्णतः सील है ।
चूंकि निकाय अंतर्गत वार्ड क्रमांक 15 से देहानीभाटा निवासी श्री विनोद चंद्राकर आत्मज श्री महादेव चंद्राकर द्वारा आज 25 सितंबर 2020 को अपने किराना दुकान खोलकर विक्रय किया जा रहा था जो कि भारतीय दंड संहिता 1860 के धारा 188 का स्पष्ट उल्लंघन है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद बागबाहरा ने श्री विनोद चंद्राकर आत्मज श्री महादेव चंद्राकर के विरुद्ध प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज करायी है ।
स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा इस महामारी से बचाव के संबंध में प्रचार-प्रसार कर लोगों को घरों में रहने, सोशल डिस्टेंस बनाए रखने हेतु जागरूक किया जा रहा है इसके बावजूद भी वार्ड क्रमांक 15 देहानीभाटा के श्री विनोद चंद्राकर द्वारा अपने किराया दुकान को खोलकर क्रय-विक्रय कर रहा था। जिस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराने बाबत एक लिखित आवेदन दिया जिसे लेकर थाना बागबाहरा पेश किया गया है। - कोविड-19 के धनात्मक प्रकरणों में राजधानी के निजी चिकित्सालयों में उपचार के दौरान गुरूवार को दो एवं शुक्रवार को एक मरीज की मृत्यु होने की पुष्टि हुई है।
इनमें एक बीपी और निमोनिया की तकलीफ से जूझ रहा था।
दूसरे को निमोनिया के साथ किडनी की भी बीमारी थी, वहीं, तीसरे को फेफड़े में परेशानी सहित उसका लिवर भी कमजोर था। कोविड-19 के प्रोटोकाॅल के तहत इनका अंतिम संस्कार किया गया
महासमुंद : रायपुर के निजी चिकित्यालयों में उपचार के दौरान विगत दो दिवसों में क्रमशः गुरूवार एवं शुक्रवार को तीन मरीजों की मृत्यु होने की पुष्टि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ आर.के. परदल ने की है।जिला स्वास्थ्य से मिली जानकारी के मुताबिक गुरूवार 24 सितम्बर 2020 को शहरी क्षेत्र महासमुंद निवासी 62 वर्षीय मरीज ने उपचार के दौरान रायपुर के एक निजी चिकित्सालय में दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि उन्हें अनियमित रक्तचाप यानी बीपी की समस्या के साथ निमोनिया की भी परेशानी थी। इन्हें कोविड-19 का धनात्मक पाया गया था।वहीं दूसरा प्रकरण भी गुरूवार का ही है जहां एक अन्य निजी चिकित्सालय में उपचार के दौरान 65 वर्षीय मरीज की मृत्यु हुई। बताया जा रहा है कि उन्हें निमोनिया के साथ किडनी के गंभीर रोग भी थे। ये भी कोविड-19 से धनात्मक पाए गए थे।तीसरा प्रकरण ग्राम खरोरा के 57 वर्षीय निवासी का है। उन्होंने उपचार के दौरान राजधानी के निजी चिकित्सालय में शुक्रवार 25 सितम्बर 2020 को अंतिम सांस ली। प्राप्त जानकारी के अनुसार वे भी कोविड-19 के धनात्मक प्रकरणों में से एक रहे।जीवनरक्षक प्रयासों के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका। कोविड-19 प्रकरणों में अंतिम संस्कार में समन्वय के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी डाॅ. अनिमेस राय ने बताया कि कोविड-19 के निर्धारित प्रोटोकाॅल के तहत संबंधित क्षेत्र के दण्डाधिकारियों की उपस्थिति में सभी का विधिवत अंतिम संस्कार किया गया। - महासमुंद : महासमुंद जिले के सभी ग्रामों में ख़रीफ़ फसल गिरदवारी का कार्य विगत 20 सितम्बर को पूरा कर लिया गया है तथा गिरदवारी का कार्य भुइयाँ साफ़्टवेयर में ग्रामवार फसल क्षेत्राच्छादन की प्रविष्टि भी की गई है ।
डिप्टी कलेक्टर श्रीमती सीमा ठाकुर ने बताया कि ग्राम में फसलवार/ कृषकवार फसल क्षेत्राच्छादन गिरदावरी प्रतिवेदन का प्रकाशन 21 सितम्बर से 28 सितम्बर 2020 को किया गया। इसके अंतर्गत कृषक अपने रकबे में फसल प्रविष्टी की जानकारी प्राप्त कर सकते है।
इस क्षेत्राच्छादन गिरदावरी पर दावा आपत्ति प्राप्त करने की अंतिम तिथि 28 सितम्बर तक है तथा दावा आपत्ति का निराकरण करने की अंतिम तिथि आगामी 7 अक्टूबर 2020 तक निर्धारित की गई है। - पुलिस प्रशासन का करेंगे सहयोग
महासमुंद : जिले में क़ोरोना वायरस संक्रमण के बचाव एवं रोकथाम हेतु संपूर्ण महासमुंद ज़िला क्षेत्र को 23 से 30 सितम्बर तक द.प्र.स.धारा 144 लागू की गई है एवं जिले को कंटेनमेंट जोन घोषित किया किया गया गया है।उपरोक्त दर्शित अवधि में महासमुंद जिले की सभी सीमाएं पूर्णतः सील है।
पड़ोसी राज्य ओड़िशा से लगने वाली जिले की सीमा निरंतर चौकसी एवं अनाधिकृत प्रवेश को रोकने हेतु प्रवेश स्थलों (एंट्री पॉईंट) में लगे पुलिस विभाग के अधिकारी/ कर्मचारियों के साथ सहयोग के लिए ज़िला प्रशासन ने विभिन्न विभागों के 30 ज़िला स्तरीय अधिकारी/कर्मचारियों की पालियों में ड्यूटी लगायी गई हैं।
अंतर्राज्यीय राज्य सीमा से बागबाहरा तहसील से लगे ग्राम नर्रा, खट्टी, टेमरी और रेवाघाट है। पिथौरा के लालीपुर, ढोढरकसा, नदीचरौदा और लिलेसर है। इसी प्रकार बसना से दो गाँव परसापाली और सल्हेझरिया है। सरायपाली से पाँच गाँव जंगलबेड़ा, राजाडीह, पझरापाली, रेहटीखोल और सिरपुर है, जहाँ प्रवेश स्थलों (एंट्री पॉईंट) पर अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गई है । - महासमुंद : लॉकडाउन के पहले दिन महासमुंद शहर में 29 लोगों पर बिना मास्क पहने रहने पर चालनी कारवाई की गई। ज़िला प्रशासन ने 9 लोगों पर 900 रुपए और पुलिस द्वारा 20 व्यक्तियों पर बिना मास्क के पाए जाने पर जुर्माना लगाया।
इस प्रकार कुल 29 व्यक्तियों का बिना मास्क के घर से निकलने पर चालान कटा। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने नागरिकों व से स्वयं व दूसरों की रक्षा के लिए मास्क लगाना जरूरी बताया।कलेक्टर श्री कर्तिकेया गोयल ने कहा कि महासमुंद जिला अन्तर्गत सम्पूर्ण क्षेत्र में इस माह 23 से 30 तक कंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया है। पहले से कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंस का पालन करना और मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। इसके बावजूद कुछ लोग शहर में बिना मास्क के ही घूम रहे हैं।
जब पूरा देश कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए जूझ रहा है इस संकट की घड़ी में जहाँ देशवासी और जिले की जनता साथ दे रही है। ऐसे लोगों पर आज शुक्रवार को ज़िला और पुलिस प्रशासन द्वारा जो बिना मास्क के ज़रूरी कार्य से निकले लोगों के चालान काटे गए। कुछ लोगों को समझाइश दी गई ।
जो लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं। जबकि मास्क लगाने से स्वयं भी सुरक्षित है और दूसरे भी। बिना मास्क के घर से निकल ने वालों पर कार्रवाई शुरू की है। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने नागरिकों व से स्वयं व दूसरों की रक्षा के लिए मास्क लगाना जरूरी बताया। - महासमुंद : महासमुंद जिले मे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत समस्त अधिकारी-कर्मचारी आज की स्थिति में अपने कार्य पर पुनः लौट आए हैं।उल्लेखनीय है कि पूरे राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी 19 सितंबर 2020 से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर थे। किंतु प्रशासन, समाज हितैषी संगठनों एवं समाज के सभी वर्गों ने इनसे अपनी हड़ताल छोड़कर कोविड काल, को ध्यान में ध्यान में रखते हुए अपने काम पर लौटने की अपील की थी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.सिद्धेश्वर प्रसाद वारे ने आज जानकारी दी है कि जिला महासमुंद में कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में जिला प्रशासन एवं समाज की अपील पर, जनहित को ध्यान में देखते हुए महासमुंद में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 261 अधिकारी-कर्मचारी अपनी हड़ताल छोड़कर काम पर लौट आए हैं।
सभी कर्मचारियों ने लिखित में जानकारी दी है । वे आज गुरुवार 24 सितम्बर की शाम से ही ये सभी अपने पदस्थापना स्थल पर कार्य में शामिल हो गये हैं। जिला महासमुंद में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्य करने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों की हड़ताल समाप्ति एवं अपने कार्य पर पुनः लौटने की स्वप्रेरित नेक पहल को जिले के कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने सराहनीय कदम बताया है।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने समूचे प्रशासन एवं जनता की ओर से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिये कार्य करने एवं जनता को बेहतर सेवाएं देने के लिये शुभकामनाएं दी है। -
जिले में साढ़े चार लाख से अधिक बच्चों को खिलाए जा रही एल्बेन्डाजोल की दवा
मीठा स्वाद होने की वजह से बच्चों को आने लगी पसंद
कृमि विकार दूर कर शारीरिक व मानसिक विकास में है सहायक
बच्चों और किशोरों को कृमि की समस्या न हो और इसकी वजह से उनके मानसिक एवं शारीरिक विकास में बाधा न आए, इसके लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम अंतर्गत खिलाई जा रही दवा को लेकर बच्चों में रुचि दिखने लगी है, वहीं जिला स्वास्थ्य ने इस ओर पालको से भी सहयोग करने की अपील की है
महासमुंद : कोविड-19 के दौर में शासन स्तर से मिले निर्देशानुसार कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन में निर्धारित मानकों का पालन करते हुए जिले के ग्रामीण अंचलों में बच्चों और किशोरों को कृमि नाशक दवा एल्बेन्डाजोल की गोलियां उनके घर जा कर खिलाई जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.पी. वारे के मुताबिक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम आगामी 30 सितंबर 2020 तक जारी रहेगा।
वहीं30 सितम्बर 2020 के बाद ऐसे शहरी क्षेत्र जो कन्टेनमेन्ट जोन में नहीं आएंगे वहां दवा खिलाई जाएगी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी श्री संदीप ताम्रकार ने बताया कि मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा 1 से 19 वर्षीय बच्चों एवं किशोर किशोरियों को कृमिनाशक दवा अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जा रही है। जो कि स्वाद में मीठी होती है और इसे खाने में बच्चों में रुचि भी बढ़ी है। उनके अनुसार पूर्व के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश पर लगभग 70 फीसदी बच्चों में कृमि की समस्या देखी जाती थी।
जो पिछले तीन साल के प्रयासों से घट कर महज 17 फीसदी ही रह गई है। उन्होंने आमजन का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि कृमि नाशक दवा के सेवन से न केवल बच्चों को कृमि की समस्या से निजाद मिलती है बल्कि यह कृमि के कारण उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास में उत्पन्न होने वाली बाधाओं को भी दूर करती है। बच्चों को प्रत्येक वर्ष छह-छह माह के अंतराल में एल्बेन्डाजोल की खुराक देने से उनमें एनिमिया जैसी समस्याएं भी कम होती है। इस ओर, आरएमएनसीएचए सलाहकार (शिशु स्वास्थ्य) डाॅ. मुकुंद राव घोड़ेसवार ने आमजन से अपने बच्चों को कृमि की दवा खिलाने की अपील करते हुए अनुरोध भी किया है कि पालकों को चाहिए कि चलाए जा रहे अभियान के दौरान वे अपने क्षेत्र की नजदीकी मितानिन या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क कर इस निशुल्क सेवा का लाभ अवश्य लें।
वर्तमान परिपेक्ष्य में जिले में कोविड-19 के संक्रमण फैलाव को देखते हुए इन दिनों कन्टेनमेन्ट जोन बनाए गए हैं। ऐसे में जिला स्वास्थ्य ने आमजन का आश्वस्त किया है कि वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में चल रहे दवा खिलाने के कार्य में रुकावट नहीं आएगी साथ ही आगामी 30 सितम्बर के बाद से शहरी क्षेत्र में भी यही सेवा सुविधाएं प्रदाय की जाएंगी। कृमि संक्रमण के लक्षण बच्चों के शरीर में खून की कमी होना।हमेशा थकान महसूस होते रहना।रोग प्रतिरोधक क्षमता का घटना आदि है।कृमि संक्रमण से बचाव के उपाय- नाखून साफ और छोटे रखें। स्वच्छ पानी ही पीऐं, खाने को ढंक कर रखें।फल व सब्जियां धो कर खाएं साफ-सफाई रखें, खुले में शौच न जाएं। - महासमुंद 24 सितंबर 2020/ महासमुंद जिले मे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत समस्त अधिकारी-कर्मचारी आज की स्थिति में अपने कार्य पर पुनः लौट आए हैं।उल्लेखनीय है कि पूरे राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी 19 सितंबर 2020 से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर थे। किंतु प्रशासन, समाज हितैषी संगठनों एवं समाज के सभी वर्गों ने इनसे अपनी हड़ताल छोड़कर कोविड काल, को ध्यान में ध्यान में रखते हुए अपने काम पर लौटने की अपील की थी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.सिद्धेश्वर प्रसाद वारे ने आज जानकारी दी है कि जिला महासमुंद में कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में जिला प्रशासन एवं समाज की अपील पर, जनहित को ध्यान में देखते हुए महासमुंद में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 261 अधिकारी-कर्मचारी अपनी हड़ताल छोड़कर काम पर लौट आए हैं। सभी कर्मचारियों ने लिखित में जानकारी दी है । वे आज गुरुवार 24 सितम्बर की शाम से ही ये सभी अपने पदस्थापना स्थल पर कार्य में शामिल हो गये हैं। जिला महासमुंद में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्य करने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों की हड़ताल समाप्ति एवं अपने कार्य पर पुनः लौटने की स्वप्रेरित नेक पहल को जिले के कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने सराहनीय कदम बताया है। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने समूचे प्रशासन एवं जनता की ओर से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिये कार्य करने एवं जनता को बेहतर सेवाएं देने के लिये शुभकामनाएं दी है।