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महासमुंद : बच्चों को भाने लगी घर-घर खिलाई जा रही एल्बेन्डाजोल की गोलियां

 जिले में साढ़े चार लाख से अधिक बच्चों को खिलाए जा रही एल्बेन्डाजोल की दवा


मीठा स्वाद होने की वजह से बच्चों को आने लगी पसंद

कृमि विकार दूर कर शारीरिक व मानसिक विकास में है सहायक

बच्चों और किशोरों को कृमि की समस्या न हो और इसकी वजह से उनके मानसिक एवं शारीरिक विकास में बाधा न आए, इसके लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम अंतर्गत खिलाई जा रही दवा को लेकर बच्चों में रुचि दिखने लगी है, वहीं जिला स्वास्थ्य ने इस ओर पालको से भी सहयोग करने की अपील की है

महासमुंद : कोविड-19 के दौर में शासन स्तर से मिले निर्देशानुसार कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन में निर्धारित मानकों का पालन करते हुए जिले के ग्रामीण अंचलों में बच्चों और किशोरों को कृमि नाशक दवा  एल्बेन्डाजोल की गोलियां उनके घर जा कर खिलाई जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.पी. वारे के मुताबिक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम आगामी 30 सितंबर 2020 तक जारी रहेगा।

वहीं30 सितम्बर 2020 के बाद ऐसे शहरी क्षेत्र जो कन्टेनमेन्ट जोन में नहीं आएंगे वहां दवा खिलाई जाएगी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी श्री संदीप ताम्रकार ने बताया कि मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा 1 से 19 वर्षीय बच्चों एवं किशोर किशोरियों को कृमिनाशक दवा अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जा रही है। जो कि स्वाद में मीठी होती है और इसे खाने में बच्चों में रुचि भी बढ़ी है। उनके अनुसार पूर्व के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश पर लगभग 70 फीसदी बच्चों में कृमि की समस्या देखी जाती थी।

जो पिछले तीन साल के प्रयासों से घट कर महज 17 फीसदी ही रह गई है।  उन्होंने आमजन का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि कृमि नाशक दवा के सेवन से न केवल बच्चों को कृमि की समस्या से निजाद मिलती है बल्कि यह कृमि के कारण उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास में उत्पन्न होने वाली बाधाओं को भी दूर करती है। बच्चों को प्रत्येक वर्ष छह-छह माह के अंतराल में एल्बेन्डाजोल की खुराक देने से उनमें एनिमिया जैसी समस्याएं भी कम होती है। इस ओर, आरएमएनसीएचए सलाहकार (शिशु स्वास्थ्य) डाॅ. मुकुंद राव घोड़ेसवार ने आमजन से अपने बच्चों को कृमि की दवा खिलाने की अपील करते हुए अनुरोध भी किया है कि पालकों को चाहिए कि चलाए जा रहे अभियान के दौरान वे अपने क्षेत्र की नजदीकी मितानिन या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क कर इस निशुल्क सेवा का लाभ अवश्य लें।

 वर्तमान परिपेक्ष्य में जिले में कोविड-19 के संक्रमण फैलाव को देखते हुए इन दिनों कन्टेनमेन्ट जोन बनाए गए हैं। ऐसे में जिला स्वास्थ्य ने आमजन का आश्वस्त किया है कि वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में चल रहे दवा खिलाने के कार्य में रुकावट नहीं आएगी साथ ही आगामी 30 सितम्बर के बाद से शहरी क्षेत्र में भी यही सेवा सुविधाएं प्रदाय की जाएंगी। कृमि संक्रमण के लक्षण बच्चों के शरीर में खून की कमी होना।हमेशा थकान महसूस होते रहना।रोग प्रतिरोधक क्षमता का घटना आदि है।
कृमि संक्रमण से बचाव के उपाय- नाखून साफ और छोटे रखें। स्वच्छ पानी ही पीऐं, खाने को ढंक कर रखें।फल व सब्जियां धो कर खाएं साफ-सफाई रखें, खुले में शौच न जाएं।

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