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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
आदिवासियों के लिए उन्नत ग्राम अभियान लाभदायकरायपुर : छत्तीसगढ़ शासन की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने केंद्र की आम बजट पर कहा कि केंद्र में मोदी सरकार ने बजट में युवाओं, बच्चों की शिक्षा, किसानों, महिलाओं, उद्योगपति सहित हर वर्गों को लाभ पहुंचाने वाला है। महिलाओं युवाओं की साझेदारी सुनिश्चित करने वाला है बजट बजट महिलाओं की आर्थिक साझेदारी सुनिश्चित करेगा साथ ही छोटे व्यवसायों और एमएसएमई सेक्टर के लिए नया मार्ग भी दिखाएगी रोजगार प्रावधानों से युवाओं को लाभ होगा ।
आदिवासियों के लिए उन्नत ग्राम योजना
इस योजना के तहत आदिवासियों की आर्थिक सामाजिक दशा में सुधार के लिए जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का ऐलान किया गया है। इस अभियान का लक्ष्य आदिवासी बहुल गांवों व आकांक्षी जिलों में आदिवासी परिवारों के जीवन स्तर में सुधार के साथ उनके लिए सुविधाओं का विस्तार है। अभियान के दायरे में 63 हजार आदिवासी बहुल गांव आएंगे इससे 5 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा।
शिक्षा, रोजगार व कौशल पर खर्च होंगे 1.48 लाख करोड़ रुपए
बजट में रोजगार से जुड़ी तीन योजनाएं शुरू होगी 5 साल में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार के लिए 2 लाख करोड रुपए का आवंटन किया जाएगा। नौकरी शुरू करने वाले 30 लाख युवाओं के लिए सरकार एक महीने का पीएफ योगदान देगी। यह बजट ईज ऑफ डूइंग बिजनस और म्दजतमचतमदमनतेीपच को और बढ़ावा देकर देश के आर्थिक विकास को नई ऊँचाई देने की मोदी जी की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही, इस बजट में टैक्स नियमों का भी सरलीकरण किया गया है, जिससे करदाताओं को बहुत आसानी होगी।
इस बजट के माध्यम से देश की भावी पीढ़ी के आत्मबल को मजबूती मिलेगी और हमारा देश विकसित भारत बनने के साथ ही हमारा राष्ट्र विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर होगा। इस बजट के लिए मैं छत्तीसगढ़वासियों की ओर से देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। -
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साय सरकार का विधानसभा में प्रथम अनुपूरक बजट हुआ पारितरायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में 23 जुलाई 2024 को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सरकार का विधानसभा में प्रथम अनुपूरक ध्वनिमत से पारित हुआ। सदन में वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत किए गए 7 हजार 329 करोड़ रुपए के प्रथम अनुपूरक बजट में महतारी वंदन योजना, पीएम जनमन योजना, के साथ खेल सुविधाओं, आंगनबाड़ी भवन, सहित अनेक योजनाओं एवं विकास कार्यों के लिए प्रावधान रखे गए हैं। साय सरकार ने यह अनूपूरक बजट विकसित भारत और छत्तीसगढ़ विजन 2047 को ध्यान में रखते हुए बनाया है।
बजट सत्र पर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि यह बजट महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि महतारी वंदन योजना के लिए 4 हजार 900 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इस बजट में गरीब, महिला, मध्यमवर्गीय, छोटे व्यापारियों सहित सभी वर्गों का ध्यान रखा गया। जिससे प्रदेश का चौमुखी विकास हो सके। इस अनुपूरक बजट के लिए श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं प्रदेश के वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी को प्रदेशवासियों की ओर से बधाई एवं शुभकामनाएं दी और आभार व्यक्त किया। -
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रायपुर : राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 437.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 24 जुलाई सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1059.0 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 170.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 254.4 मिमी, बलरामपुर में 383.6 मिमी, जशपुर में 296.1 मिमी, कोरिया में 288.3 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 283.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।
इसी प्रकार, रायपुर जिले में 395.1 मिमी, बलौदाबाजार में 431.1 मिमी, गरियाबंद में 519.3 मिमी, महासमुंद में 360.4 मिमी, धमतरी में 531.4 मिमी, बिलासपुर में 396.6 मिमी, मुंगेली में 461.8 मिमी, रायगढ़ में 356.5 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 212.2 मिमी, जांजगीर-चांपा में 347.9 मिमी, सक्ती में 297.7 कोरबा में 454.8 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 421.8 मिमी, दुर्ग में 306.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।कबीरधाम जिले में 363.5 मिमी, राजनांदगांव में 526.5 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 515.1 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 343.3 मिमी, बालोद में 623.1 मिमी, बेमेतरा में 271.1 मिमी, बस्तर में 578.6 मिमी, कोण्डागांव में 474.8 मिमी, कांकेर में 586.3 मिमी, नारायणपुर में 572.1 मिमी, दंतेवाड़ा में 588.8 मिमी और सुकमा जिले में 772.3 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई। -
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युवाओं को मिलेगा उच्च गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्रीज्ञान आधारित समाज’ के प्रतीक के रूप स्थापित करने की योजना,85 करोड़ रुपए से अधिक की राशि स्वीकृतरायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के नालंदा परिसर की तर्ज पर प्रदेश के 13 नगरीय निकायों में लाइब्रेरी निर्माण के प्रस्ताव को वित्त विभाग से हरी झंडी मिल गई है। लाइब्रेरी को “नॉलेज बेस्ड सोसायटी” यानी “ज्ञान आधारित समाज’’ के प्रतीक के रूप में प्रदेश के अलग-अलग स्थानों में स्थापित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी के लिए उच्च गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने संकल्पित है। उन्होंने आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित लाइब्रेरी की सौगात दी है, जिसका लाभ युवाओं को मिलेगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे प्रदेश के युवाओं को बड़ी सौगात मिलने जा रही है। वित्त विभाग ने रायपुर के नालंदा परिसर की तर्ज पर प्रदेश के 13 नगरीय निकायों में लाइब्रेरी के लिए 85 करोड़ 42 लाख रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की है। प्रदेश के 4 नगरीय निकायों में 500 सीटर और 9 नगरीय निकायों में 200 सीटर लाइब्रेरी का निर्माण किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि यह उन विद्यार्थियों के लिए लाभदायक होगा, जो छोटे शहरों में रहकर उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई करना चाहते हैं या फिर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। लाइब्रेरी निर्माण का मुख्य उद्देश्य स्थानीय युवाओं के शैक्षिक और सांस्कृतिक विकास को सुनिश्चित करना है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अपने मुख्य बजट भाषण में भी इसका जिक्र करते हुए कहा था कि युवाओं के अध्ययन के लिए नालंदा परिसर की तर्ज पर लाइब्रेरी निर्माण किया जाएगा। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि इन केंद्रों को ‘‘नॉलेज बेस्ड सोसायटी’’ यानी ज्ञान आधारित समाज के प्रतीक के रूप में स्थापित किया जाए, ताकि ये युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत और सरकार के लिए एक आदर्श बन सके। -
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गरीब, युवाओं, किसानों और महिलाओं की सशक्तिकरण पर केंद्रित है बजटरायपुर : कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस बजट में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत 2047 की झलक है। यह बजट गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं की सशक्तिकरण पर केंद्रित है। श्री नेताम ने विकसित भारत की लक्ष्य को लेकर पेश की गई बजट के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया है।उन्होंने कहा कि यह बजट वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सबको अवसर के सिद्धांत पर आधारित इस बजट में रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी गई है। श्री नेताम ने कहा कि किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रूपए का प्रावधान किया है इस फंड से कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए जनहितकारी योजनाएं संचालित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि बजट में किसानों से जुड़े उत्पादन संगठनों, कोऑपरेटिव और स्टार्टप को बढ़ावा देने की बात कही गई है। जो एक सराहनीय पहल है।मंत्री श्री नेताम ने कहा कि बजट में जनजातियों के विकास के लिए भी विशेष प्रावधान किया गया है। पीएम जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत सरकार जनजातीय इलाकों का विकास करेगी। इसके तहत 63 हजार गांवों का विकास होगा। यह जनजातीय समुदाय के विकास के लिए सराहनीय कदम सिद्ध होगा। -
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किसानों के लिए है पर्याप्त खाद-बीज का भण्डारण10.28 लाख मीट्रिक टन खाद और 8.53 लाख क्विंटल बीज का हो चुका वितरणअब तक 34.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र याने लक्ष्य का 71 प्रतिशत बोनी पूर्णइस खरीफ सीजन में 48.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का है लक्ष्यअब तक 401.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्जरायपुर : कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर प्रदेश के किसानों को उनकी मांग के अनुरूप सुगमता के साथ प्रमाणित खाद-बीज का वितरण किया जा रहा है। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश के किसानों को अब तक 10.28 लाख मीट्रिक टन खाद जो लक्ष्य का 75 प्रतिशत वितरित हो चुका है। इसी प्रकार किसानों को 8.53 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 87 प्रतिशत है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में मानसून के साथ शुरू हुए खेती-किसानी में बोनी का रकबा भी निरंतर बढ़ते जा रहा है। राज्य में अब तक 34.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र याने 71 प्रतिशत में विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है। राज्य सरकार द्वारा इस खरीफ सीजन में 48.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी का लक्ष्य रखा गया है। -
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बच्चों से पूछा गिनती और पहाड़ा, बच्चों को उज्जवल भविष्य की दी शुभकामनाएंरायपुर : महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े विगत् दिवस जशपुर प्रवास पर थी। मंत्री श्रीमती राजवाड़े शासकीय प्राथमिक शाला भींजपुर पहुंचकर वहां का अवलोकन किया। उन्होंने बच्चों से हालचाल पूछा और पढ़ाई के संबंध में जानकारी ली। सभी बच्चों को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखने के लिए सलाह दी और नियमित स्कूल आने कहा। श्रीमती राजवाड़े ने छोटे बच्चों से बड़े प्यार एवं दुलार से गिनती और पहाड़ा पूछा, बच्चों ने गिनती एवं पहाड़ा सुनाया। उन्होंने बच्चो का हौसला अफजाई करते हुए निरंतर कड़ी मेहनत कर लक्ष्य प्राप्त करने शुभकामनाएं दी। -
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रायपुर : राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 401.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 23 जुलाई सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 972.2 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 150.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 224.0 मिमी, बलरामपुर में 355.9 मिमी, जशपुर में 260.5 मिमी, कोरिया में 264.0 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 224.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।
इसी प्रकार, रायपुर जिले में 325.2 मिमी, बलौदाबाजार में 361.3 मिमी, गरियाबंद में 483.7 मिमी, महासमुंद में 275.7 मिमी, धमतरी में 503.4 मिमी, बिलासपुर में 375.4 मिमी, मुंगेली में 419.1 मिमी, रायगढ़ में 338.5 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 206.1 मिमी, जांजगीर-चांपा में 340.1 मिमी, सक्ती में 286.7 कोरबा में 408.3 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 377.7 मिमी, दुर्ग में 254.0 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 344.3 मिमी, राजनांदगांव में 474.9 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 490.3 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 314.1 मिमी, बालोद में 594.0 मिमी, बेमेतरा में 254.2 मिमी, बस्तर में 538.1 मिमी, कोण्डागांव में 451.9 मिमी, कांकेर में 562.1 मिमी, नारायणपुर में 531.7 मिमी, दंतेवाड़ा में 528.3 मिमी और सुकमा जिले में 747.6 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई। -
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कोरबा के छह दूरस्थ गांव के ग्रामीणों का सहारा बना पीडीएसरायपुर : बेहतर वितरण प्रणाली से देश-विदेश में अपनी पहचान साबित कर चुकी छत्तीसगढ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस ) सही मायने में ग्रामीणों के लिये वरदान साबित हो रही है। दूरस्थ अंचल तक शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालित होनें से पहाडी व सरहदी इलाकों में बसने वाले ग्रामीणों को सहूलियते बढ गई है साथ ही सैकड़ों गरीब परिवारों को समय पर खाद्यान्न मिलने की गारंटी भी हो गई है। राज्य में ऐसे कई ग्राम पंचायत है जो दूरस्थ क्षेत्र में होने के साथ ही मजरा टोले एवं पारा से जुड़े है और इन ग्रामों की आबादी न तो घनी है है और न ही अधिकांश घर आस पास है। विषम परिस्थितियों के बीच बसर करने वाले ग्रामीणों का शासकीय उचित मूल्य की दुकान खाद्यान्न सहायता योजना अंतर्गत मिल रही खाद्यान्न ही एकमात्र सहारा है, जहां इन्हें प्रत्येक माह चावल समेत दूसरी सामग्री मिलने की गारंटी होती है।
कोरबा जिले के सुदूर वनांचल लामपहाड़ सहित बगदरीडांड, परसाखोला, बहेरा, खोरी भावना,सरडीह के कार्डधारियों को पहले अपने ग्राम पंचायत में 12 से 17 किलोमीटर तक की दूरी तय कर खाद्यान्न लाना पड़ता था। इस दौरान उन्हें खाद्यान्न लाने के लिए किराए का वाहन तक भी लेना पड़ता था। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मंशानुशार कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य विभाग ने राशन दुकान से बहुत दूर आश्रित ग्रामों के कार्डधारियों को नजदीक के राशन दुकानों में खाद्यान्न लेने की व्यवस्था की है। इस व्यवस्था से सबसे ज्यादा दूरस्थ क्षेत्र लाम पहाड, सरडीह, बगदरीडांड में रहने वाले पहाड़ी कोरवा लाभन्वित हुए हैं।
कोरबा विकासखंड से लगभग 80 किलोमीटर दूर ग्राम लामपहाड में बड़ी संख्या में पहाड़ी कोरवा निवास करते हैं। लामपहाड़ ग्राम पंचायत बड़गांव का आश्रित ग्राम है। जो कि बड़गांव से 12 किलोमीटर दूर है। लामपहाड़ से लगभग 4 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत अरसेना के शासकीय उचित मूल्य के दुकान में 78 राशनकार्डधारियों को खाद्यान्न प्रदान करने की सुविधा प्रदान की गई है।इसी तरह ग्राम पंचायत बेला से 6 किलोमीटर दूर परसाखोला के 66 राशनकार्डधारियों को दो किलोमीटर दूर चुईया के राशन दुकान में खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गई है। ग्राम सोनगुड़ा के आश्रित ग्राम तराईडांड की दूरी 5 किलोमीटर दूर होने पर नजदीक के ग्राम 1.5 किलोमीटर दूरी पर स्थित सोनपुरी में, गढ़उपरोड़ा के आश्रित ग्राम बहेरा की दूरी 10 किमी होने पर तीन किलोमीटर दूर सतरेंगा में और ग्राम पंचायत केराकछार के आश्रित ग्राम बगदरीडांड, खोरीभावना, सरडीह की दूरी लगभग 17 किलोमीटर थी।जिसे 5 किलोमीटर दूर मदनपुर के शासकीय उचित मूल्य के दुकानों में स्थानान्तरित कर में हितग्राहियों को नजदीक के राशन दुकानों में खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा दी गई है। शासकीय उचित मूल्य की दूकान से कार्डधारी ग्रामीणों को अनाज एवं अन्य सामग्री, शक्कर, नमक तथा चना प्राप्त होता है। अलग-अलग गांव के ग्रामीणों की जरूरतों की पूर्ति महीने के निर्धारित दिनों में होती है। ग्रामीणों की माने तो पहले लंबी दूरी तय कर चावल लाना बड़ी चुनौती थी।
महीने भर की चिंता से मिलती है मुक्ति-
ग्राम लामपहाड का पहाड़ी कोरवा संतोष कुमार और उनकी पत्नी दिलेश्वरी बाई, रघुवीर कोरवा और उनकी पत्नी सुखमती बाई, मंगलू कोरवा, धनसिंह मजदूरी का काम करता है। पहाड़ी कोरवा बताते हैं कि सरहदी पहाड़ी इलाका होने की वजह से खेती कार्य आसान नही है, ऐसी स्थिति में राशन कार्ड उनके परिवार का प्रमुख सहारा है। पहाड़ी कोरवा संतोष बताता है कि महीने में एक बार 12 किलोमीटर दूर बड़गांव के राशन दुकान में जाने में बहुत समय लगता था। वहां से अनाज को उठाकर इतनी दूरी तय करना भी मुश्किल था, इसलिए किराए में वाहन करना पड़ जाता था। अब पास के ही दुकान में खाद्यान्न उपलब्ध होने से उनका समय और किराए के वाहन का पैसे भी बचेंगे। -
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रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर एक वृक्ष माँ के नाम अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में लगातार वृक्षारोपण किया जा रहा है। इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में भी एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण किया गया। नवा रायपुर स्थित आयोग कार्यालय के परिसर में आयोग के सचिव गोपाल वर्मा सहित उप सचिव श्रीमती आभा तिवारी, अवर सचिव गीता दीवान, अतुल वर्मा, प्रदीप गौर, श्रीमती रजनी सहित अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने वृक्षारोपण किया।वृक्षारोपण में आम, अमरूद, जामुन, करौंदा, अनार, पीपल, बड़, नीम, सीताफल, सन्तरा, आँवला, चीकू, नीबू आदि फलदार पौधों के साथ ही पारिजात, मोंगरा, कचनार, मधुमालती गुलमोहर आदि फूलांे के पौधे लगाए गए। इस दौरान सूचना आयोग के कर्मचारियों ने पौधों को अपनी माँ को समर्पित कर पौधों की सुरक्षा करने का भी संकल्प लिया। -
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जंगली मशरूम, घर पर ही जड़ी-बूटी से उपचार और प्रसव पश्चात लापरवाही के कारण हुई मौतकवर्धा के सोनवाही गांव में हालात सामान्य, जांच में नहीं मिला डायरिया को कोई प्रकरणसरेंडा गांव में तीन ग्रामीणों की मृत्यु अलग-अलग कारणों से, ग्राम में स्वास्थ्य परीक्षण जारीकलेक्टर के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम ने की मामले की जांचरायपुर : ग्राम सोनवाही में बैगा आदिवासियों की मृत्यु के संबंध में जांच के लिए कवर्धा कलेक्टर ने तीन सदस्यीय टीम बनायी थी। इस टीम के द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में बैगा आदिवासियों की मौत डायरिया से नहीं बल्कि अन्य कारणों से होना पाया गया। जांच टीम में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शामिल थे। जांच टीम ने संयुक्त रूप से ग्राम का भ्रमण कर तथा ग्रामवासियों और मृतकों के परिजनों से चर्चा कर जो तथ्य पाए हैं उसके अनुसार महिला बैगा आदिवासी फुलबाई के पति ने ये जानकारी दी है उन्होंने जंगली मशरूम खाया था जिसके बाद उसकी पत्नी और बेटे दोनों की तबीयत खराब हो गयी थी और फिर पत्नी की मौत हो गयी।एक अन्य मामले में मृतक सुरेश धुर्वे को पेट दर्द की शिकायत थी, मितानिन द्वारा उसके घर जाकर सरकारी अस्पताल ले जाकर ईलाज कराने के सलाह देने के बावजूद चिकित्सा लाभ न लेकर स्वयं घरेलू उपचार करने के कारण उसकी मौत हो गयी। अन्य प्रकरण में ललेश्वरी नाम की बैगा आदिवासी महिला सामान्य प्रसव होने के बाद अपने मायके लालघाट मध्यप्रदेश चली गई थी। और वहीं उसकी तबीयत बिगड़ने से मौत हो गयी। सोनसिंह नामक मृतक की तबीयत खराब थी।
ग्राम सोनवाही में स्वास्थ्य शिविर लगाकर स्वास्थ्य कर्मियों एवं मितानिनों द्वारा डोर टू डोर रैपिड फीवर सर्वे कराकर सभी संभावितों की जांच व उपचार किया जा रहा है तथा ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति वर्तमान में ग्राम सोनवाही की स्थिति सामान्य है। इसी तरह से कबीरधाम जिले के बोडला विकासखण्ड के ग्राम सोनवाही के पारा-टोला ग्राम सरेंडा निवासी तीन ग्रामीणों की मृत्यु का कारण अलग-अलग है। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के निर्देश पर बनी तीन सदस्यीय जांच टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट दी है। कलेक्टर के निर्देश पर सरेंडा ग्राम में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है।
जांच रिपोर्ट में बताया गया कि सरेंडा गांव में तीन ग्रामीणो की मृत्यु की सूचना प्राप्त होने पर ग्राम सरेंडा का भ्रमण कर मृतक के परिजनों और ग्रामीणों से पूछताछ की गई। पूछताछ में बताया गया कि सरेंडा की निवासी मृतक पनकिन बाई पति नन्हुआ सिंह 75 वर्ष की थी। पिछले कुछ वर्षों से लकवा रोक से ग्रसित थी, जिसके कारण वह चलने फिरने में असमर्थ थी। धीरे-धीरे शारीरिक कमजोरी बढ़ने के कारण घर पर ही मृत्यु हो गई।
मृतक सोमबाई पति सुमेर सिंह बैगा का उम्र 70 वर्ष की थी। पिछले दो वर्षों से लकवा ग्रस्त थी। उसे खाना खाने में बहुत तकलीफ हो रही थी। पिछले 20 दिनों से खाना भी नहीं खा पा रही थी। मृत्यु के समय उन्हे किसी भी प्रकार की अन्य बीमारी नहीं थी। इसी प्रकार मृतक अनिता बैगा पिता महासिंह उम्र 29 वर्ष की थी, वह 6 माह की गर्भवती थी।उन्हें उल्टी-दस्त बुखार एवं रक्त स्त्राव की समस्या के साथ 14 जुलाई को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झलमला में भर्ती कराया गया। स्थिति में सुधार नहीं होने के कारण उन्हे जिला अस्पताल कवर्धा में रिफर किया गया। जिला अस्पताल में उनका स्वास्थ्य सुधार नहीं होने के कारण उसे डॉ भींम राव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर में भर्ती किया गया, उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वास्थ्य संबंधी देखभाल को गंभीरता से लेते हुए सभी जिले के मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी, कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देश हैं कि सतत ग्रामीण क्षेत्रों को भ्रमण कर जलजनित बीमारी की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य शिविर लगाना सुनिश्चित करें और पेयजल स्रोतों में क्लोरिनेशन करना सुनिश्चित करें। -
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शासकीयकरण हेतु समिति का हुआ गठनसमिति 30 दिनों के भीतर अपना प्रतिवेदन शासन को करेगी प्रस्तुतरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा पंचायत सचिव दिवस के अवसर पर प्रदेश पंचायत सचिव संघ, छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में पंचायत सचिव संघ के शासकीयकरण की मांग पर घोषणा किया था कि इसके कियान्वयन के लिए समिति का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप पंचायत सचिवों की शासकीयकरण की मांग एवं इसके कियान्वयन के विचार हेतु समिति का गठन किया गया है।सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्री राजेश सिंह राणा को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। संचालक, पंचायत संचालनालय श्रीमती प्रियंका ऋषि महोबिया को सदस्य सचिव तथा वित्त नियंत्रक, विकास आयुक्त कार्यालय मो.यूनूस को सदस्य बनाया गया है। यह समिति 30 दिनों के भीतर अपना प्रतिवेदन शासन को प्रस्तुत करेगी। -
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खाद-बीज, पीएम किसान सम्मान निधि, राजस्व, एफ आर. ए., ध्वनि प्रदूषण सहित अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा कीरायपुर : मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन से वीडियों कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कलेक्टरों और संभागयुक्तों की बैठक ली। बैठक में सड़क सुरक्षा, ध्वनि प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण, अभियोजन और राजसात की प्रगति, जेलों में अतिरिक्त बैरक्स, सॉलिड एवं लिक्विड बेस्ट मैनेजमैंट, पी एम किसान सम्मान निधि , वनाधिकार पट्टों का डिजीटाईजेशन एवं अभिलेख दुरूस्ती, जल-जीवन मिशन, राजस्व अभिलेखों, मादक पदार्थों की रोकथाम और मौसमी बीमारियों से निपटने जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर जिलेवार विस्तार से समीक्षा की गई।मुख्य सचिव श्री जैन ने जिला सड़क सुरक्षा समितियों की नियमित बैठक आयोजित करने और सड़कों पर आवारा पशुओं से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही करने, गृह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, पशुपालन, लोक निर्माण, परिवहन तथा नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को समन्वय से कार्य के निर्देश दिए हैं। कलेक्टरों को ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण हेतु डी.जे. वाहनों पर कानूनी प्रावधानों के तहत सक्त कार्यवाही कर अभियोजन एवं राजसात करने के लिए कहा गया है।मुख्य सचिव ने नक्सल प्रभावित जिलों के नक्सल पीड़ित परिवार और आत्म समर्पित नक्सलियों को शासन की कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को मादक पदार्थों की रोकथाम तथा नशा करने वालों को नशामुक्ति अभियान से जोड़ने कहा है। उन्होंने इस संबंध प्रतिमाह जिला स्तरीय समिति की नियमित बैठक लेने और प्रभावी कार्यवाही करने को कहा है।
बैठक में वनाधिकार पत्रकों के डिजीटाईजेशन एवं अभिलेखों की दुरूस्तीकरण की जिलेवार समीक्षा की गई। व्यक्तिगत और सामुदायिक वनाधिकार पत्रकों के हितग्राहियों को शासन की योजनाओं से लाभान्वित करने विशेष कार्यवाही करने कहा गया है। एफआरए पट्टों के नामांतरण एवं फौत दर्ज कर नियमानुसार अभिलेख दूरूस्ती की कारगर व्यवस्था करने आदिम जाति विकास, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों को समन्वय से कार्य करने कहा गया है। इसी तरह से राजस्व अभिलेखों में त्रुटि सुधार और भू-अर्जन अवार्ड के अनुरूप राजस्व अभिलेखों में दुरूस्ती कर संबंधित हितग्राहियों को संशोधित अभिलेख की प्रति प्रदान करने राजस्व अधिकारियों से कहा गया है।
राजस्व नक्शों में सुधार के लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए भी विशेष अभियान चलाने कहा गया है। मुख्य सचिव ने उच्चतम न्यायालय के पारित आदेश के परिपेक्ष्य में केन्द्रीय और जिला जेलों के ओव्हर क्रॉउडिंग के निराकरण के लिए अतिरिक्त बैरक और जेल निर्माण कार्यों के लिए गृह एवं जेल, लोक निर्माण और वित्त विभाग के अधिकारियों को जरूरी कार्यवाही करने के निर्देश दिए। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सॉलिड एवं लिक्विड बेस्ट मैनेजमैंट के लिए डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन सहित अन्य व्यवस्थाओं की जिलेवार समीक्षा की गई।
बैठक में जिलेवार वर्षा की स्थिति एवं खरीफ फसलों की बुआई और खाद-बीज वितरण की स्थिति की भी समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने मौसमी बीमारियों तथा मलेरिया, डायरिया आदि से निपटने के लिए जिला कलेक्टरों को प्रभावित इलाकों की लगातार मॉनिटरिंग करने को कहा है। बैठक में गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया की मुम्बई-नागपुर-झारसुगड़ा गैस पाईप लाईन परियोजना के अंतर्गत आने वाले जिलों में राजनांदगांव, दुर्ग, रायगढ़, बेमेतरा, रायपुर, सक्ति सहित अन्य जिलों के राजस्व अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही कर सहयोग करने कहा गया है।
बैठक में आदिवासी विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, नगरीय प्रशासन एवं मुख्यमंत्री के सचिव श्री बसवराजू एस., राजस्व विभाग के सचिव श्री अविनाश चंपावत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव श्री मोहम्मद कैसर अब्दुलहक़, स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव श्री चंदन कुमार, परिवहन विभाग के सचिव श्री एस. प्रकाश सहित कृषि आवास एवं पर्यावरण, गृह, पशुधन विकास सहित अन्य विभागों के अधिकारी, सभी संभागायुक्त और जिला कलेक्टर शामिल हुए। -
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बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की होगी भर्ती- श्री जायसवालरायपुर : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज जशपुर जिले के प्रवास के दौरान राजा देवशरण जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। उन्होंने विभिन्न वार्डों में जाकर भर्ती मरीजों का हालचाल पूछा और जिला चिकित्सालय में उपलब्ध चिकित्सा सुविधा जांच उपकरणों एवं दवाओं की जानकारी ली।उन्होंने सुरक्षित एवं संस्थागत प्रसव कराने के साथ ही अस्पताल की रख-रखाव एवं स्वच्छता के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए। उन्होंने सीटी स्कैन, पोषण पुनर्वास केंद्र, पंजीयन कक्ष, ओपीडी कक्ष, कैंसर वार्ड, आईसीयू वार्ड, पोस्ट पेशेंट वार्ड, खून जांच लैब, मातृ शिशु स्वास्थ्य कक्ष का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सभी कक्ष में सीलिंग फॉल लगाने हेतु प्राक्कलन बनाने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जायसवाल ने आयुष्मान कार्ड समय पर बनाने कहा जिससे अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों से बातचीत कर निरंतर बेहतर चिकित्सा सेवा देने प्रोत्साहित किया। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य सफाई कर्मियों से भी बातचीत की। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए जिला अस्पताल में डॉक्टरों, नर्सों की जरूरत है आवश्यकता के अनुसार सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी और विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती भी की जाएगी।ऑक्सीजन प्लांट की रिपेयरिंग कराई जाएगी इसके लिए अस्पताल प्रबंधन एवं जिला प्रशासन को सभी आवश्यकताओं का प्राक्कलन बनाकर प्रस्तुत करने की निर्देश दिए। उन्होंने निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर, वार्ड, शौचालय को साफ सफाई की व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए । -
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रायपुर : बारिश के मौसम में विभिन्न कीटाणुओं और विषाणुओं के संपर्क में आने से अनेक तरह की बीमारियों का खतरा होता है, जिनकी ओर ध्यान न देने पर गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। मानसून के आगमन के साथ ही राज्य में मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए जागरुक करने स्वास्थ्य और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सतत् प्रयासरत है। स्वास्थ्य विभाग ने इन बीमारियों की रोकथाम के लिए जनता से सतर्कता की अपील की है। इन मानसूनी बीमारियों से बचाव के आवश्यक उपायों व तरीकों का गंभीरता से पालन करें।मानसून के इन्हीं खतरों के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग बीमारियों से सुरक्षा हेतु शहरवासियों एवं ग्राम वासियों को जागरूक करने का निरंतर प्रयास कर रहा है। इस अभियान के तहत् गांवों के आवासों का सर्वे, निरीक्षण, दवाओं का वितरण तथा छिड़काव शुरू हो चुका है। स्वास्थ्य विभाग का अमला प्रत्येक दिन घर-घर जाकर पानी के पात्रों को खाली कर उनकी सफाई व दवाईयों की छिड़काव आदि करती है।इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग एवं मलेरिया विभाग द्वारा संयुक्त रूप से लगातार उनके प्रशिक्षित कर्मचारियों के सहायोग से घर-घर सर्वेक्षण, दवाईयों के वितरण और छिड़काव आदि के कार्य के साथ गांव के नागरिकों को इसके लिए निरंतर जागरूक भी किया जा रहा है। इन बीमारियों से बचाव हेतु इसके कारण, लक्षण और बचाव के तरीकों की जानकारी होना अति आवश्यक है।
डेंगू के कारण, लक्षण एवं रोकथाम के उपाय
डेंगू एडिस नामक मच्छर के काटने से होता है, इससे बचाव के लिए मच्छरों से बचने का पूरा प्रबंध करें जैसे मच्छरदानी का उपयोग, शरीर को पूरा ढकने वाले कपड़ों को इस्तेमाल आदि । डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें। डेंगू से बचने के लिए सावधानी ही सुरक्षा है, डेंगू से बचाव के उपायों को अवश्य अपनाएं। कूलर, पानी की टंकी, फ्रिज की ट्रे, फूलदान, इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करें व धूप में सुखाकर प्रयोग करें। नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायरों में पानी जमा न होने दें, घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली व परदे लगायें, पैर में मोजे पहने एवं सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
मलेरिया के कारण, लक्षण एवं रोकथाम के उपाय
मलेरिया एक गंभीर और कभी-कभी जानलेवा बीमारी है। यह संक्रमित मादा एनाफिलिज़ मच्छर के काटने से फैलती है। आमतौर पर संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के 10-15 दिन बाद इसके लक्षण दिखने लगते हैं। मलेरिया के लक्षणों में तेज बुखार के साथ कंपकपी आना, पसीना आना, मतली या उलटी, सिरदर्द, दस्त, थकान महसूस होना, शरीर में दर्द इत्यादि हो सकते हैं। इससे बचने के लिए मच्छरों से बचाव के तरीके अपनाएं व लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। घरों में नीम की पत्ती जलाकर धुंआ करें और नाली में कैरोसीन या जला हुआ तेल डालें, जिससे मच्छर का लार्वा नष्ट हो जाता है।
आंत्रज्वर (टायफायड) के कारण, लक्षण एवं रोकथाम के उपाय
आंत्रज्वर जीवन के लिए एक खतरनाक रोग है जो सलमोनेल्ला टायफी नामक जीवाणु (बैक्टीरिया) से होता है, जिसकी संभावना बारिश के मौसम में अत्यंत बढ़ जाती है। आंत्रज्वर (टाइफायड) का उपचार सामान्यतः एंटीबायोटिक दवाइयों से किया जा सकता है। इसे मियादी बुखार भी कहा जाता है। यह रोग गंदे हाथों से खाना खाने से, दूषित पानी व खाना खाने से होता है। टायफायड में दस्त लगना व मल में खून आना, भूख न लगना व कमज़ोरी आना, उल्टियां आना, तेज बुखार व सिर में तेज दर्द होना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। इसके उपचार के लिए तुरंत डॉक्टर से सलाह लें, साथ ही समय पर दवाइयों का सेवन करें व पूरी तरह आराम करें। शौच के बाद व खाना बनाने अथवा खाने से पहले हाथ अच्छी तरह से अवश्य धोएं, स्वच्छ पानी पियें और पूर्णतः पका खाना ही खायें। -
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महासमुंद जिले की 8846 हितग्राहियों को मिला लाभरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन में मिल रहा है गर्भवती महिलाओं को लाभ। गरीब परिवारों में गर्भवती महिलाओं के प्रसव के दौरान सबसे बड़ी समस्या आती है। ऐसी परिस्थिति को देखते हुए, छत्तीसगढ़ में मिनीमाता महतारी जतन योजना की शुरुआत की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर गर्भवती महिलाओं को प्रसूति सहायता राशि प्रदान करना है। इससे महिलाओं को मदद मिलेगी और उनके परिवार को लाभ होगा। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मिनीमाता महतारी जतन योजना के अंतर्गत, पंजीकृत हितग्राहियों को 20 हजार रुपये की प्रसूति सहायता राशि दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य है कि राज्य की अधिकतर जरूरतमंद महिलाओं को इसका लाभ मिल सके।
महासमुंद जिले में मिनीमाता महतारी जतन योजना की शुरुआत से अब तक 8846 हितग्राहियों को लाभ मिला है। जिसमें महासमुंद की सुभाष नगर निवासी श्रीमती जागृति साहू को 20 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है। जागृति ने बताया कि वे छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत श्रमिक हैं। उन्होंने योजना की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि प्राप्त राशि का उपयोग बच्चे के रहन-सहन और उचित देखभाल में किया जा रहा है। मिनीमाता महतारी जतन योजना की पात्रता
गौरतलब है कि मिनीमाता महतारी जतन योजना का लाभ लेने के लिए महिला श्रमिकों का छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत पंजीकृत होना अनिवार्य है। योजना का लाभ लेने के लिए हितग्राही को बच्चे के जन्म के 90 दिनों के भीतर श्रमिक पंजीयन प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड, उत्तराधिकारी का आधार कार्ड, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर, शिशु के जन्म प्रमाण पत्र तथा मूल दस्तावेज के साथ श्रम विभाग, लोक सेवा केंद्र या वीएलई के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। -
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बेहतर प्रबंधन उपचार एवं काउंसलिंग के जरिए रोकथाम के बताए गए उपायरायपुर : मुंगेली कलेक्टर श्री राहुल देव की अध्यक्षता में जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में सिकलसेल तथा डायरिया जांच, प्रबंधन एवं रोकथाम विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री देव ने कहा कि आज की कार्यशाला बहुत महत्वपूर्ण है। सभी चिकित्सक इस कार्यशाला को गंभीरता से समझे और जिले में सिकलसेल एवं डायरिया के जांच, प्रबंधन एवं रोकथाम हेतु बेहतर कार्य करें।उन्होंने लोगों को डायरिया एवं सिकलसेल के बेहतर उपचार तथा बचाव संबंधी उपायों के प्रति जागरूक एवं सतर्क रहने के लिए अपील भी की। उन्होंने डायरिया से बचाव के लिए स्वच्छ पानी पीने और लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सकीय जांच एवं परामर्श लेने के लिए कहा। वहीं जिन समुदायों में सिकलसेल की बीमारी पाई जाती है, उन समुदायों के विवाहित जोड़ों की सिकल की जांच अवश्य कराने की बात कही।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेंद्र पैकरा ने बताया कि डायरिया से बचाव के लिए पीने का साफ पानी उपलब्ध होना बेहद जरूरी है, इसके लिए टंकियों की उचित साफ-सफाई की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि जल जनित बीमारियों को ध्यान में रखते हुए घरों में तथा कुएं एवं जल स्रोतों की अच्छी तरह से साफ-सफाई और संक्रमण रोकने के लिए क्लोरीन टैबलेट वितरित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांव में डायरिया की रोकथाम में प्रबंधन के लिए सभी मितानिनों एवं एएनएम को पूरी सक्रियता एवं तत्परता से कार्य करना चाहिए।मितानिनों द्वारा सभी 5 वर्ष तक के बच्चों के घरों में ओआरएस पैकेट, जिंक की गोली वितरित की जाए। डॉ. अमर सिंह ठाकुर ने कहा कि डायरिया से रोकथाम के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों में ओ.आर.एस. एवं जिंक पर्याप्त रूप से उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ-साथ साफ सफाई, भोजन से पहले नियमित रूप से साबुन से हाथ धोने आदि गतिविधियों के बारे में आमजनों को जागरूक करें ताकि डायरिया की रोकथाम की जा सके।
कार्यशाला में सिकलसेल एनीमिया बीमारी एवं बचाव के संबंध में भी विस्तृत चर्चा की गई। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप सिहारे ने बताया कि सिकल के दो प्रकार होते हैं। पहला सिकल वाहक या ट्रेट, दूसरा सिकल धारक या एनीमिया। उन्होंने बताया कि सिकल सेल से बचाव के लिए मरीजों की पहचान, सिकल वाहक की पहचान, नवजात शिशु की जांच आदि जरूरी है। सिकलसेल विशेषज्ञ डॉ. विनोद अग्रवाल ने बताया कि जिन समुदायों में सिकलसेल की बीमारी पाई जाती है, उन समुदायों के विवाहित जोड़ों की सिकल की जांच करना और उन्हें प्रीनेटल डायग्नोसिस के लिए प्रेरित करना जरूरी है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डॉ संजय अग्रवाल ने बताया कि जिन समुदायों में सिकल की बीमारी पाई जाती है, उनके नवजात शिशुओं की जांच कर सिकल का पता लगाया जाए और तुरंत इलाज किया जाए, इससे शिशु और बाल मृत्यु दर में भी कमी आएगी। उन्होंने बताया कि जिन समुदायों में यह बीमारी पाई जाती है उन्हें बीमारी से संबंधित पूरी जानकारी देना और सिकल से संबंधित भ्रांतियां को दूर करना जरूरी है। इस अवसर पर सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. एम. के. राय, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री गिरीश कुर्रे, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. कमलेश खैरवार, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, आरएचओ, निजी स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सकगण, जनप्रतिनिधिगण, विभिन्न समाजों के प्रतिनिधिगण, मीडिया प्रतिनिधिगण मौजूद रहे। -
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बीमारियों को देखते हुए डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों कोमुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देशस्कूलों में प्रार्थना के बाद बच्चों को डायरिया एवं मलेरिया के बारे में जागरूक किया जायेगाकलेक्टर ने बाईक से किया मलेरिया प्रभावित गांवों का दौरामलेरिया चौपाल लगाकर मितानिनों से खुद की कराई मलेरिया जांचरायपुर : बारिश की मौसम में बीमारियों का प्रकोप रहता है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि स्वास्थ्य के मामले में कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। श्री साय ने सभी अधिकारियों को संवेदनशील गांवों का भ्रमण कर हालत पर नजर रखने और जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
इसी कड़ी में बिलासपुर जिले के कलेक्टर श्री अवनीश शरण ने कोटा विकासखण्ड के मलेरिया प्रभावित कुरदर, छुईहा, टेंगनमाड़ा सहित अनेक ग्रामों का दौरा किया। कलेक्टर ने बारिश के कारण कीचड़ एवं दलदल से सने छुईहा एवं चिखलाडबरी सड़क मार्ग का बाईक में सवार होकर निरीक्षण किया और गांव के पहुंच मार्ग को तुरंत दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए हैं। कलेक्टर ने कुरदर में मलेरिया चौपाल लगाकर वहां के हालात की समीक्षा की। उन्होंने गांव के चौक पर मलेरिया चौपाल लगाकर स्वयं मितानिन से मलेरिया जांच कराकर परीक्षण किया।इस दौरान कलेक्टर ने ग्रामीणों और स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कर्मचारियों से हालात की जानकारी ली। कुरदर के सरपंच श्री राजकुमार पैकरा से भी चर्चा की। उन्होंने स्वास्थ्य अमले को रोज शाम को जनचौपाल लगाकर लोगों में जागरूकता फैलाने को कहा है। उन्होंने एक बाईक एम्बुलैंस को कुरदर में चौबीसों घण्टे रखने के निर्देश दिए। सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने को कहा है। कैंदा अस्पताल को एक 108 वाहन उपलब्ध कराने एवं कुरदर में पानी एवं बिजली की समस्या के निदान करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
उन्होंने टेंगनमाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का भी निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिया है कि यदि फेल्सिफेरम मलेरिया कन्फर्म होती है तो स्थानीय स्तर पर इलाज न करके सीधे जिला अस्पताल अथवा सिम्स में भर्ती के लिए रिफर किया जाये। उन्होंने कहा कि स्कूलों में प्रार्थना के उपरांत बच्चों को डायरिया एवं मलेरिया से बचने के उपाय बताएं। कलेक्टर ने निर्देश दिया है कि एक अलग कर्मचारी की ड्यूटी लगाकर मरीजों के घर का फोन नम्बर लेकर लगातार बीमारी की मॉनीटरिंग की जाये। -
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छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के स्वप्नद्रष्टा थे डॉ. खूबचंद बघेलडॉ. खूबचंद बघेल की 124वीं जयंती समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव सायरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के डॉ. खूबचंद बघेल व्यावसायिक परिसर, फूल चौक में आयोजित डॉ. खूबचंद बघेल की 124वीं जयंती समारोह में शामिल हुए। उन्होंने डॉ. खूबचंद बघेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री श्री टंकराम वर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने डॉ. खूबचंद बघेल का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि वे छत्तीसगढ़ के स्वप्नदृष्टा थे। एक अच्छे डॉक्टर और साहित्यकार के रूप में उनकी अलग पहचान थी। मुख्यमंत्री श्री साय ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण कर हमारे पुरखों का सपना पूरा किया। हम सभी अटल जी के आभारी हैं। अब इस राज्य को संवारने की जिम्मेदारी हम सभी की है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आप सभी के आशीर्वाद से सरकार के मुखिया का दायित्व मुझे मिला है। हमारी सरकार ने प्रदेश में 7 माह पूरे किए हैं और सरकार बनने के दूसरे ही दिन हमने 18 लाख गरीब परिवारों को आवास देने का काम किया। किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान की खरीदी की। 13 लाख किसानों को दो साल के बकाया धान बोनस का अंतरण, महतारी वंदन योजना के अंतर्गत 70 लाख से अधिक माताओं-बहनों को हर महीने एक-एक हजार रुपए सालाना 12 हजार रूपए की सहायता राशि के साथ ही तेन्दूपत्ता संग्राहकों के लिए संग्रहण दर 4 हजार रुपए से बढ़ाकर 5 हजार 500 रुपए प्रति मानक बोरा करने जैसे कई अहम निर्णय लिए हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे पुरखों ने जिस छत्तीसगढ़ का सपना देखा है, उसे आकार देने के लिए हम सभी कार्य कर रहे हैं। हमारे पास खनिज संपदा भरपूर मात्रा में है। हमारे पास कोयला, आयरन, बॉक्साइट, गोल्ड, डायमंड जैसे खनिज उपलब्ध हैं। मिनरल्स के क्षेत्र में भी हमारा छत्तीसगढ़ बहुत समृद्ध है। तरह-तरह के वनोपज हमारे छत्तीसगढ़ की शोभा बढ़ाते हैं, जिनके वैल्यू एडिशन से हम वनवासी भाइयों-बहनों के जीवन को आर्थिक रूप से सशक्त और समृद्ध बना रहे हैं।
राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने उपस्थित लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि हम समाज और प्रदेश के विकास में सकारात्मक भूमिका निभाएं । डॉ. खूबचंद बघेल ने समाज में भेदभाव को मिटाने के लिए और गरीब तबके को ऊपर उठाने के लिए जीवन भर संघर्ष किया। उन्होंने समाज में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का काम किया।
छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के कार्यकारी अध्यक्ष श्री के के नायक ने डॉ. खूबचंद बघेल के प्रारंभिक जीवन, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका और सामाजिक उत्थान के लिए उनके योगदानों के बारे में विस्तार से बताया।इस मौके पर श्री रघुनंदन वर्मा, श्री दशरथ वर्मा सहित छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के पदाधिकारीगण और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। -
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सरेंडा गांव में तीन ग्रामीणों की मृत्यु अलग-अलग कारणों सेग्राम सरेंडा में स्वास्थ्य परीक्षण जारीरायपुर : कबीरधाम जिले के बोडला विकासखण्ड के ग्राम सोनवाही के पारा-टोला ग्राम सरेंडा निवासी तीन ग्रामीणों की मृत्यु का कारण अलग-अलग है और एक ग्रामीण महिला की मृत्यु रायपुर डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय में हुई है। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के निर्देश पर बनी तीन सदस्यीय जांच टीम ने गुरूवार को कलेक्टर को अपनी जांच रिपोर्ट दी है। कलेक्टर के निर्देश पर सरेंडा ग्राम में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वास्थ्य संबंधी देखभाल को गंभीरता से लेते हुए सभी जिले के मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी, कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देश हैं कि सतत ग्रामीण क्षेत्रों को भ्रमण कर जलजनित बीमारी की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य शिविर लगाना सुनिश्चित करें और पेयजल स्रोतों में क्लोरिनेशन करना सुनिश्चित करें। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने बताया कि बोडला विकासखण्ड के ग्राम सोनवाही के आश्रित पारा-टोला सरेंडा में तीन ग्रामीणों की मृत्यु होने की सूचना मिली थी।कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग, पीएचई और अनुविभागीय अधिकारी बोडला के साथ सरेंडा गांव का अवलोकन किया था और पीड़ित परिवारों से मिलकर उनके स्वास्थ्य परीक्षण, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति पर चर्चा की। कलेक्टर ने तीन ग्रामीणों की मृत्यु की वास्तविक कारणों की जांच के लिए मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी कवर्धा, कार्यपालन अभियंता पीएचई और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बोडला की तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई थी। जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौपी है।जांच रिपोर्ट में बताया गया कि सरेंडा गांव में तीन ग्रामीणो की मृत्यु की सूचना प्राप्त होने पर ग्राम सरेंडा का भ्रमण कर मृतक के परिजनों और ग्रामीणों से पूछताछ की गई। पूछताछ में बताया गया कि सरेंडा की निवासी मृतक पनकिन बाई पति नन्हुआ सिंह 75 वर्ष की थी। पिछले कुछ वर्षों से लकवा रोक से ग्रसित थी, जिसके कारण वह चलने फिरने में असमर्थ थी। धीरे-धीरे शारीरिक कमजोरी बढ़ने के कारण घर पर ही मृत्यु हो गई।
मृतक सोमबाई पति सुमेर सिंह बैगा का उम्र 70 वर्ष की थी। पिछले दो वर्षों से लकवा ग्रस्त थी। उसे खाना खाने में बहुत तकलीफ हो रही थी। पिछले 20 दिनों से खाना भी नहीं खा पा रही थी। मृत्यु के समय उन्हे किसी भी प्रकार की अन्य बीमारी नहीं थी। इसी प्रकार मृतक अनिता बैगा पिता महासिंह उम्र 29 वर्ष की थी, वह 6 माह की गर्भवती थी।उन्हें उल्टी-दस्त बुखार एवं रक्त स्त्राव की समस्या के साथ 14 जुलाई को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झलमला में भर्ती कराया गया। स्थिति में सुधार नहीं होने के कारण उन्हे जिला अस्पताल कवर्धा में रिफर किया गया। जिला अस्पताल में उनका स्वास्थ्य सुधार नहीं होने के कारण उसे डॉ भींम राव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर में भर्ती किया गया, उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु का कारण सेप्टीक शॉक विथ एक्यूट किडनी इन्ज्यूरी विथ सर्वेयर मेटाबूलिक एसिडोसिस एण्ड एक्यूट गैस्ट्रोएन्टेराइटिस विथ आईयूडी बताया गया है।
कलेक्टर कबीरधाम श्री जनमेजय महोबे ने बताया कि ग्राम सरेंडा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले 14 जुलाई से 17 जुलाई तक स्वास्थ्य शिविर लगाकर सभी महिला-पुरूषों एवं बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। स्वास्थ्य परीक्षण में ग्रामीणों को उनके स्वास्थ्य के आधार पर दवाई दी जा रही है। सरेंडा गांव और आसपास के सभी क्षेत्रों में बोडला एसडीएम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बीएमओ द्वारा लगातार भ्रमण किया जा रहा है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा दो दिव्यांग को बैटरी चलित मोटराइज्ड ट्राई सायकिल उपलब्ध कराया गया है। बैटरी चलित ट्राई सायकिल पाकर दिव्यांग टिकेश्वर और गौरी ने मुख्यमंत्री श्री साय और जिला प्रशासन का आभार जताया है। महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम अठारहगुड़ी के रहने वाले 34 वर्षीय दिव्यांग श्री टिकेश्वर पटेल और ग्राम रेमडा निवासी 30 वर्षीय गौरी खंडेल कलेक्टर श्री प्रभात मिलक के हाथों ट्राई साइकिल पाकर वे दोनों बहुत खुश हैं।दोनों दिव्यांगों को पहले आने-जाने के लिए परिजन या किसी व्यक्ति का सहारा लेना पड़ता था। मोटराईज्ड ट्रायसायकल मिल जाने से अब उन्हें गांव या गांव से बाहर आने-जाने में आसानी होगी। दिव्यांग टिकेश्वर पटेल ने बताया कि अब उन्हें अपने व्यवसाय के द्वारा आर्थिक स्थिति में और सुधार करने का मौका मिलेगा।इसी तरह गौरी खंडेल ने कहा कि मोटराइज्ड ट्राई साइकिल मिलने से मुझे अपने पैरों पर खड़ा होने का अवसर मिला है। समाज कल्याण विभाग के उप संचालक श्रीमती संगीता सिंह ने बताया कि दोनों 80 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग हैं, इसलिए ऑटोमेटिक ट्राई साइकिल समाज कल्याण विभाग द्वारा दी गई है। ताकि वे अपने रोजमर्रा के काम सरलता से कर सके तथा स्व रोजगार से अपना जीवन यापन कर सकें। -
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रेडियोलॉजिस्ट के होने से मरीजों की बीमारियों का सही समय पर औरसटीक निदान हो सकेगारायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के अथक प्रयासों से कबीरधाम जिला चिकित्सालय में रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति की गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कबीरधाम जिला अस्पताल के लिए रेडियोलॉजिस्ट डॉ. वी. गोपाला कृष्णा को एनएचएम (संविदा) के पद पर शर्ताे के अधीन नियुक्ति प्रदान की है।इस सबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। जिला चिकित्सालय में रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति से अब मरीजों को भटकना नहीं पडे़गा। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कबीरधाम जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधा का विस्तार और विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्यामबिहारी जायसवाल से विशेष अनुरोध किया था।
जिला चिकित्सालय में रेडियालॉजिस्ट की नियुक्ति से सुविधाओं में विस्तार होगा। रेडियोलॉजिस्ट के होने से मरीजों की बीमारियों का सही समय पर और सटीक निदान हो सकेगा। इससे उपचार की प्रक्रिया में सुधार होगा। स्थानीय स्तर पर रेडियोलॉजिस्ट की उपलब्धता से मरीजों को बड़े शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे समय और पैसे की बचत होगी। आपातकालीन स्थिति में रेडियोलॉजिस्ट की उपस्थिति से तत्काल जांच और उपचार संभव होगा, जिससे मरीज की जान बचाई जा सकती है।रेडियोलॉजिस्ट की विशेषज्ञता से जटिल मामलों में भी सही निदान और उपचार की योजना बनाई जा सकती है। रेडियोलॉजिस्ट के माध्यम से रोग की पहचान तेजी से होती है, जिससे इलाज जल्दी शुरू किया जा सकता है। इन सभी लाभों के कारण जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की भर्ती से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार होगा। -
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रायपुर : इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट आफ इंडिया की फायनल परीक्षा अविनाश प्राईड, हीरापुर, रायपुर निवासी स्वर्गीय श्री राजेश गुप्ता की सुपुत्री प्रियांशी गुप्ता ने पास कर सी ए बन कर शहर एवं समाज को गौरवान्वित किया है। मेधावी छात्रा रही प्रियांशी स्नातक तक की शिक्षा रायपुर शहर में रहते हुए प्राप्त की है। इनके द्वारा परिवार के सपोर्ट से और अपनी लगन एवं मेहनत से यह सफलता प्राप्त की हैं। प्रियांशी को उनके परिजनों के अलावा उनके कॉलोनीवासी और मित्रों ने बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामनाएं की है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और साहित्यकार डॉ. खूबचंद बघेल की 19 जुलाई को जयंती पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री ने डॉ. बघेल के छत्तीसगढ़ के लिए योगदान को याद करते हुए कहा कि डॉ. बघेल किसान-मजदूर हितैषी और रचनात्मक गतिविधियों से जुड़कर जीवन के अंतिम समय तक छत्तीसगढ़ की सेवा करते रहे।डॉ. बघेल ने अपने विचार मूल्यों से छत्तीसगढ़ को एक नई दिशा दी। समाज सुधारक, संवेदनशील साहित्यकार और कुशल चिकित्सक के रूप में उन्होंने ख्याति अर्जित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. खूबचंद बघेल का व्यक्तित्व और कृतित्व हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा। -
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रायपुर : राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा के निवास कार्यालय में आज भारत स्कॉउट एवं गाइड के राज्य मुख्य आयुक्त डॉ. सोमनाथ यादव ने सौजन्य भेंट की। डॉ. यादव ने भारत सरकार स्काउट एवं गाइड्स के छत्तीसगढ़ में आयोजित गतिविधियों से अवगत कराते हुए स्काउट गाइड्स झीपन में आबंटित भू-खण्ड के विकास के लिए मंत्री श्री वर्मा को ज्ञापन सौंपा।
डॉ. यादव ने मंत्री श्री वर्मा को अवगत कराया कि भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के निर्माणाधीन राज्य प्रशिक्षण केन्द्र ग्राम झीपन, तहसील सिमगा जिला बलौदाबाजार-भाटापारा स्थित भूमि खसरा नं. 11, रकबा 13.40 हेक्टयर में से 5 हेक्टयर भूमि को भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ राज्य प्रशिक्षण केन्द्र हेतु ग्राम पंचायत के सहयोग से शासन द्वारा हस्तांतरित किया गया है।इस राज्य प्रशिक्षण केन्द्र में बाऊन्ड्रीवाल निर्माण करने का ज्ञापन सौंपते हुए डॉ. यादव ने कहा कि भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ द्वारा विविध प्रशिक्षण एवं अन्य गतिविधियों का संचालन जैसे आपदा प्रबंधन शिविर, एडवेंचर कैंप इत्यादि का आयोजन किया जाता है जिसके लिए मैदान में समतलीकरण किया जाना अतिआवश्यक है। इसके साथ ही उन्होंने आवश्यक एडवेंचर बेस का निर्माण और राज्य प्रशिक्षण केन्द्र झीपन का सौंदर्यीकरण करने का ज्ञापन सौंपा।