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रायपुर : नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक का एक छोटा-सा हरा-भरा गांव है थुलथुली। चारों तरफ जंगलों और पहाड़ियों से घिरा यह गांव अब तक शिक्षक की कमी के कारण शिक्षा से वंचित था। शासकीय बालक आश्रम शाला, थुलथुली में भवन तो था, लेकिन पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं थे। बच्चे स्कूल तो आते थे, पर पढ़ाई की रफ्तार रुकी हुई थी।
इस हालात को बदला है छत्तीसगढ़ सरकार की युक्तियुक्तकरण ने, जिसके तहत स्कूलों में बच्चों की संख्या के हिसाब से शिक्षकों की तैनाती की गई है। इसी योजना के तहत शिक्षक श्री शोभीराम मरकाम की पोस्टिंग थुलथुली में हुई। पहले वे कुर्सीनवार के प्राथमिक शाला में पदस्थ थे। थुलथुली पहुंचते ही उन्होंने इसे सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि एक मिशन मान लिया।
श्री मरकाम न केवल बच्चों को पढ़ा रहे हैं, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और उम्मीद भी जगा रहे हैं। वे मानते हैं कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों को एक अच्छा इंसान बनाती है। गांववाले भी उन्हें एक उम्मीद की किरण मानने लगे हैं। शिक्षक मरकाम अपनी इस उपलब्धि का श्रेय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और सरकार की नीतियों को देते हैं। उनका कहना है कि युक्तियुक्तकरण योजना जैसे प्रयासों ने दूरदराज के गांवों में भी शिक्षा की लौ जलानी शुरू कर दी है।
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रायपुर : कभी वीरान और बंजर रहा सोंठी गांव आज हरियाली की मिसाल बन गया है। जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम पंचायत सोंठी में एक समय बंजर पड़ी भूमि अब हरियाली से आच्छादित हो गई है। यह बदलाव सिर्फ मिट्टी की सतह पर नहीं, बल्कि ग्रामीणों की सोच, जीवनशैली और सामुदायिक एकता की परतों में भी देखा जा सकता है। इस प्रेरणास्पद परिवर्तन की शुरुआत हुई गांव की जनसभा में लिए गए उस फैसले से, जिसमें यह ठाना गया कि गांव की बंजर भूमि को हरियाली में बदला जाएगा। महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत वर्ष 2022-23 में वृक्षारोपण और भूमि सुधार का कार्य शुरू किया गया। इसके लिए 17.61 लाख रुपये की स्वीकृति मिली, जिसमें मजदूरी मद में 14.08 लाख और सामग्री मद में 3.53 लाख रुपये खर्च किए गए।
इस कार्य ने न केवल पर्यावरण को संजीवनी दी, बल्कि रोजगार का भी सृजन किया। कुल 5718 मानवदिवस के सृजन से 43 परिवारों के 175 मजदूरों को 12.08 लाख रुपये की मजदूरी मिली। गड्ढा खुदाई, पौधरोपण, जल प्रबंधन और पौधों की देखरेख में पारदर्शिता और तकनीकी निगरानी का पूरा ध्यान रखा गया। इस कार्य की खास बात रही, रिमझिम महिला संकुल संगठन, क्लस्टर बम्हनीडीह की भागीदारी। गांव की महिलाओं ने न केवल श्रमदान किया, बल्कि अमरूद, सीताफल और नींबू जैसे फलों के पौधों की लगातार देखरेख की। हरियाली की इस यात्रा को अपना बना लिया। सरपंच बताती हैं कि इस काम से गांव का पूरा वातावरण ही बदल गया है। अब हर पौधा गांव वालों का अपना है। सबकी साझा भागीदारी ने इस पहल को केवल एक योजना तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे सामुदायिक चेतना का प्रतीक बना दिया।
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पुनर्वास केन्द्र नारायणपुर में आत्मसमर्पित नक्सलियों से उप मुख्यमंत्री ने किया संवाद
रायपुर : नारायणपुर जिले के सबसे सुदूर क्षेत्र सोनपुर, अबूझमाड़ तथा कोंडागांव के आत्मसमर्पित नक्सलियों को कौशल विकास के तहत कम्प्यूटर, सिलाई एवं अन्य प्रशिक्षण प्रदाय कराया जा रहा है। विगत तीन माह से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे आत्मसमर्पित नक्सलियों ने उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा का स्वागत भारत माता की जय घोष करते हुए किया।इस अवसर पर आत्मसमर्पित नक्सलियों ने उपमुख्यमंत्री से सीधा संवाद करते हुए अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की। आत्मसमर्पित नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ सरकार के पुनर्वास नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि पहले के नक्सल संगठन का जीवन एक भटका हुआ और गुमराह से भरा जीवन था। उस खोखली विचारधारा को त्याग कर समाज के मुख्यधारा से जुड़कर बहुत ही बेहतर जीवन मिला लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की जानकारी के अभाव में हम रास्ता भटक गए थे किन्तु शासन के पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण कर एक बेहतर जीवन जी रहे हैं। आज शासन-प्रशासन द्वारा हमें कौशल विकास के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिससे हम आत्मनिर्भर बनकर समाज के मुख्यधारा में शामिल हो सके।उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा एवं वनमंत्री श्री केदार कश्यप ने उनके अनुभवों को गंभीरतापूर्वक सुना और आाधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, बैंक खाता सहित सभी प्रकार आवश्यक दस्तावेज पुनर्वास केन्द्र में ही बनवाकर केन्द्र और राज्य शासन के समस्त योजनाओं का समुचित लाभ दिलाने। वहीं पुनर्वास केन्द्र में उनके दैनिक दिनचर्या से अवगत होकर और भी गतिविधियों को शामिल कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने आवश्यक पहल करने, एक्सपोजर विजिट कराकर बाहरी दुनिया का भ्रमण कराने रायपुर, जगदलपुर जैसे शहर ले जाने के निर्देश दिए। ज्यादातर लोग पढ़ाई नहीं किए है उनको साक्षर बनाने के लिए आवश्यक पहल करते हुए दिनचर्या में शामिल कर खेलकूद, मनोरंजन, देशभक्ति फिल्में दिखाने सहित उनको नियमित आमदनी के स्त्रोत हासिल हो सके उस दिशा विशेष प्रयास करने के निर्देश कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत को दिए। -
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रायपुर : केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में भारत मण्डपम नई दिल्ली के सभागार में सभी राज्यों के सहकारिता मंत्री तथा सहकारिता विभाग के सचिवों की राष्ट्रीय कार्यशाला का आज आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ से सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप तथा सहकारिता सचिव डॉ. सी. आर. प्रसन्ना इस कार्यशाला में भाग लिए। भारत सरकार के सहकार से समृद्धि की योजनाओं तथा कार्यक्रमों को सभी राज्यो के पैक्स सोसाइटियों, दुग्ध तथा वनोपज समितियों में लागू किया गया है। सभी पैक्स को कामन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप द्वारा इस राष्ट्रीय कार्यशाला में छत्तीसगढ़ में सहकार से समृद्धि की प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री श्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ में 25 अगस्त 2025 को बैठक उपरांत 750 नवीन मत्स्य, दुग्ध तथा वनोपज समितियों का गठन किया जा चुका है। साथ ही 532 नवीन पैक्स का गठन प्रक्रियाधीन है। एक लाख किसानों का कोआपरेटिव्ह बैंको में नवीन खाता खोला गया है। एक लाख केसीसी कार्ड जारी किया गया। छत्तीसगढ़ के 6 जिलों में आदिवासी परिवारों को गाय बांटने की कार्ययोजना तैयार की गई है। किसानों को राशि रुपये 7500 करोड़ का अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित किया गया है। धान विक्रय करने वाले किसानों को 2058 पैक्स सोसाइटी द्वारा माइक्रो एटीएम से राशि रुपये 145 करोड़ का भुगतान किया गया। छत्तीसगढ़ में 2028 पैक्स सोसायटियो का कम्प्यूटरीकरण व डिजिटलाइजेशन किया जा चुका है।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर नियद नेल्लानार योजना के तहत छत्तीसगढ़ के सुदूर और पिछड़े वनांचल क्षेत्रों में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। इसी कड़ी में नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र के अति संवेदनशील ग्राम इरकभट्टी में वर्षों पुरानी पेयजल समस्या का समाधान कर 55 परिवारों को हर घर नल कनेक्शन से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया गया है।
गौरतलब है कि घने जंगलों और दुर्गम पहाड़ी रास्तों से घिरे इस गांव में पहले केवल 5 हैंडपंप ही पेयजल का एकमात्र साधन थे, जो पारा-मोहल्लों की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पाते थे। इससे ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं को कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता था, जिससे उन्हें काफी कठिनाई और समय की बर्बादी का सामना करना पड़ता था।
भारत सरकार की जल जीवन मिशन के सहयोग से गांव में 3,850 मीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई है और 10,000 लीटर क्षमता वाले 9 मीटर ऊंचे स्टेजिंग टैंक पर आधारित 4 सोलर जल संरचनाएं स्थापित की गई हैं। इन संरचनाओं के माध्यम से अब प्रत्येक परिवार को नल कनेक्शन के जरिए घर पर ही स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो रहा है।ग्रामीणों का कहना है कि इस व्यवस्था से न केवल पानी की समस्या हल हुई है बल्कि महिलाओं को भी राहत मिली है। अब वे पानी के लिए दूर-दूर नहीं भटकतीं और उन्हें घर-परिवार की देखरेख एवं अन्य आजीविका कार्यों के लिए अधिक समय मिल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की नियद नेल्लानार योजना का उद्देश्य वनांचल क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं के समग्र विकास को गति देना है। ग्राम इरकभट्टी में जल जीवन मिशन के माध्यम से हुआ यह कार्य इस योजना की सफलता का प्रतीक है, जिसने दूरस्थ गांव में विकास, खुशहाली और स्वास्थ्य की नई उम्मीद जगाई है।
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छत्तीसगढ़ राज्य वित्त सेवा अधिकारी संघ की वार्षिक आमसभा एवं स्नेह सम्मेलन: शामिल हुए वित्त मंत्री
रायपुर : वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ के नीति प्रबंधन और नियंत्रण में राज्य वित्त सेवा के अधिकारियों की सराहना की और कहा कि राज्य के वित्तीय प्रबंधन में वित्त अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने वित्त सेवा के अधिकारियों को पूरी ईमानदारी और सजगता से कार्य करने के लिए प्रेरित किया। वित्त मंत्री श्री चौधरी आज राजधानी रायपुर के न्यू-सर्किट हाऊस में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य वित्त सेवा अधिकारी संघ के वार्षिक आमसभा एवं स्नेह सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।
वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ राज्य वित्त सेवा अधिकारी संघ की विभिन्न मांगों पर आवश्यक पहल करने के लिए आश्वस्त किया। उन्होंने संघ की वेबसाईट का शुभारंभ तथा स्मारिका ‘सुनिधि‘ का विमोचन तथा सेवानिवृत्त अधिकारियों को शॉल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष, सेवानिवृत्त प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन श्री आर.एस. विश्वकर्मा ने की।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती शीतल शाश्वत वर्मा, विशेष सचिव वित्त विभाग, श्री चंदन कुमार, विशेष सचिव वित्त विभाग एवं श्री रितेश अग्रवाल, संचालक कोष एवं लेखा शामिल हुए। आमसभा एवं स्नेह सम्मेलन में सेवानिवृत्त वित्त अधिकारियों ने व्याख्यान दिए। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियाँ दी गईं। छत्तीसगढ़ राज्य वित्त सेवा अधिकारी संघ की अध्यक्ष डॉ. अल्पना घोष ने संघ का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और विभिन्न प्रस्तावों को सदस्यों के समक्ष रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। संघ के कोषाध्यक्ष श्री अनिल पाठक द्वारा संघ के आय-व्यय का विवरण सभा में रखा गया। संघ के सचिव श्री सचिन शर्मा द्वारा धन्यवाद प्रेषित करने के पश्चात् सम्मेलन का समापन हुआ।
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बलरामपुर शहर में 10 किलोमीटर फोरलेन बायपास मार्ग बनाने दिया प्रस्ताव
अम्बिकापुर-रामानुजगंज-गढ़वा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-343 कॉरीडोर का निर्माण है प्रगति पर
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि विकास एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने आज नागपुर, महाराष्ट्र में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी से सौजन्य मुलाकात की। मंत्री श्री नेताम ने इस दौरान बताया कि निर्माणाधीन अम्बिकापुर-रामानुजगंज-गढ़वा राष्ट्रीय राजमार्ग कमांक-343 में कॉरीडोर योजना के लिए 397.44 करोड़ रुपये एवं 199.05 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
मंत्री श्री नेताम ने केंद्रीय मंत्री श्री गड़करी से आग्रह करते हुए कहा कि यह मार्ग अम्बिकापुर से रामानुजगंज होते हुए झारखण्ड को जोड़ने वाला अंतर्राज्यीय मुख्य मार्ग है। इस मार्ग से यात्री बसें, व्यावसायिक वाहन एवं आमजनों के आवागमन अधिक होने के साथ-साथ अति विशिष्टजनों का आवागमन भी होता है। इसी मार्ग पर बलरामपुर शहरी भाग स्थित है, जो कि जिला मुख्यालय है, जिसके दोनों ओर व्यवसायिक एवं आवासीय बसाहट है। सभी छोटे अथवा भारी वाहनों का आवागमन वर्तमान में शहरी क्षेत्र से होने के कारण आये दिन माल वाहकों से जाम की स्थिति एवं दुर्घटनाएं होती रहती है। मंत्री श्री नेताम ने बताया कि बलरामपुर शहरी क्षेत्र में आवागमन में होने वाली असुविधा को देखते हुए फोरलेन बायपास मार्ग अनुमानित लम्बाई 10 किलोमीटर की अत्यधिक आवश्यकता है। इसके निर्माण से आम नागरिकों के सुचारू आवागमन के साथ-साथ अन्तर्राज्यीय व्यवसाय एवं राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी।
मंत्री श्री नेताम ने केन्द्रीय मंत्री से बलरामपुर बायपास की स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। इसके लिए जिला बलरामपुर-रामानुजगंज के निवासी आपका हृदय से आभारी रहेंगे। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि भारत सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग भारत माला परियोजना के तहत दक्षिण छत्तीसगढ़ रायपुर से विशाखापट्टनम मार्ग का कार्य पूर्णता पर है। इससे प्रदेश के नागरिकों को सीधे दक्षिण भारत एवं महाराष्ट्र मुंबई की बेहतर आवागमन की सुविधा उपलब्ध होगी। इसी तर्ज पर भारत माला परियोजना के तहत उत्तर छत्तीसगढ़ को जोड़ते हुए रायपुर-बिलासपुर-अम्बिकापुर से वाड्रफनगर होते हुए बनारस (वाराणसी) तक रोड के बन जाने से सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के नागरिकों को उत्तर दक्षिण एवं पूर्व पश्चिम के सभी महानगरों से बेहतर आवागमन की सुविधा प्राप्त हो जाएगी। मंत्री श्री नेताम ने केन्द्रीय मंत्री श्री गडकारी से रायपुर-बनारस (वाराणसी) मार्ग को भारत माला परियोजना के तहत शामिल कर स्वीकृति प्रदान करने का अग्राह किया।
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गोलावण्ड में जनजातीय उत्कर्ष शिविर का आयोजन, हितग्राहियों को मिला योजनाओं का लाभ
रायपुर : वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने आज धरती आबा योजना के तहत आयोजित शिविर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 5 लोगों को आयुष्मान कार्ड और 5 को जन्म प्रमाण पत्र, कृषि विभाग अंतर्गत 5 किसानों को धान बीज, सहकारिता विभाग 6 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, 6 विद्यार्थियों को जाति प्रमाण पत्र और ‘एक पेड़ मां के नाम‘ अभियान के तहत 300 ग्रामीणों को पौधे वितरित किए। वन मंत्री श्री कश्यप आज कोण्डागांव जिले के ग्राम गोलावण्ड में आयोजित धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत विशेष शिविर में शामिल हुए। इस शिविर में आसपास के 16 गांवों के ग्रामीण बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि धरती आबा अभियान के तहत जनजातीय समुदाय के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हो रहा है।
वन मंत्री श्री कश्यप ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कि जनजातीय नायक भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर शुरू हुई यह योजना अब गांव-गांव तक पहुंच रही है। इसका उद्देश्य सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पक्ति के व्यक्ति तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, विश्वकर्मा योजना, आयुष्मान भारत योजना और वय वंदना योजना जैसे प्रमुख कार्यक्रमों का लाभ सभी योग्य हितग्राहियों को जल्द से जल्द मिले और कोई भी पात्र व्यक्ति इन योजना से वंचित न रहें। उन्होंने अधिकारियों को सभी महत्वाकांक्षी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिए। कार्यक्रम के अंत में वन मंत्री श्री कश्यप ने सभी ग्रामीणों को नशा मुक्ति की शपथ भी दिलाई।इस अवसर पर पूर्व विधायक श्री सेवकराम नेताम, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती यशोदा कश्यप, श्रीमती रामदई नाग, जनपद अध्यक्ष श्रीमती अनिता कोर्राम, उपाध्यक्ष श्री टोमेन्द्र सिंह ठाकुर, श्री दीपेश अरोरा सहित अनेक जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
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भारतीय लोक प्रशासन संस्थान छत्तीसगढ़ शाखा, रायपुर द्वारा न्यू सर्किट हाउस, सिविल लाईन्स रायपुर में आयोजित हुआ परिचर्चा
रायपुर : भारतीय लोक प्रशासन संस्थान छत्तीसगढ़ शाखा के द्वारा आज यहाँ सिविल लाइन स्थित न्यू सर्किट हाउस में श्री सुयोग्य मिश्रा, पूर्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भारतीय प्रशासनिक सेवा अन्य अखिल भारतीय सेवा के सेवानिवृत्त व अन्य वरिष्ठ सदस्यों की एक बैठक तथा राज्य में स्थित एमिटि विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ० पियूष कान्त पाण्डेय का व्याख्यान व परिचर्चा आयोजित किया गया। सर्वप्रथम श्री सुयोग्य मिश्रा ने पुष्पगुच्छ से मुख्य वक्ता का स्वागत किया।
डॉ० पियूष ने वर्तमान परिवेश में देश में आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस
की तकनीकि के उपयोग को राज्य के प्रशासनिक नेतृत्व हेतु अपरिहार्य बताया और कहा कि इसके उपयोग में यह ध्यान रखा जाना आवश्यक होगा कि मानवीय संवेदनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना इस संसाधन का समन्वित उपयोग किया जाना संभव नहीं होगा। विज्ञान की यह तकनीक एक अवसर व एक चुनौती समाज के सम्मुख लेकर आयी है। जहाँ एक ओर यह तकनीक शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि सेक्टर के विकास संबंधित प्रशासनिक अड़चनों के सटीक व सामयिक समाधान के अवसर को प्रभावी सरल व मितव्ययी बना सकती है वही यह व्यक्तिगत जानकारियों संवेदनशील ऑकड़ो की सुरक्षा व सदुपयोग इस तकनीक तक सामान्य जनों की आसान पहुँच सुनिश्चित किये जाने, इसे समावेशी बनाये जाने जैसी चुनौतियों भी प्रस्तुत करती है। उल्लेखित व्याख्यान में वक्ता, प्रतिभागियों में चर्चा को जीवंत बनाते हुये बहुत से मानवोपयोगी प्रश्नों पर वस्तु स्थिति को और स्पष्ट कर सकने में सफल हो सके और इस विवादित तकनीक को मानवोपयोगी निरुपित करने के संबंध में सफल रहे। परंतु इस तकनीक की चुनौतियों के प्रति सबको जागरुक करने तथा मेधा व सावधानी से तकनीकि को उपयोग करने पर ही इसके नियंत्रित व सफल उपयोग संभव होने के तथ्य से भी उन्होंने प्रतिभागियों को अवगत कराया। यह भी बात सामने आयी कि नीति निर्माताओं, नेतृत्व कर्ताओं के द्वारा इस तकनीकि संबंधित नवाचार, अन्वेषण व अनुसंधान को ठोस आधार व पर्याप्त गति दिये बिना तकनीकि का अपेक्षित व पूर्ण सामयिक लाभ प्राप्त नहीं हो सकेगा।
आगे आने वाली पीढ़ी को भी विकास की अपेक्षित गति बनाये रखने के योग्य बनाये रखकर ही समुचित स्थान व सम्मान दिलाते हुये देश व समाज को अपेक्षानुसार लाभान्वित किया जाना संभव हो सकेगा । कार्यक्रम के अंत में संस्था के सदस्य सचिव श्री अनुप श्रीवास्तव ने मुख्य वक्ता व सभी उपस्थित अधिकारियों व प्रतिभागी प्रबुद्ध जनों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार व्यक्त किया।
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रायपुर : वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप आज बस्तर विकासखंड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भानपुरी में शाला प्रवेशोत्सव में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि ‘शिक्षा जीवन की नींव है‘। शिक्षा ही व्यक्ति के जीवन को सशक्त और समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने बच्चों को शिक्षा के महत्व को समझने और उसे अपने जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं और समाज के विकास में योगदान दे सकते हैं। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि नव प्रवेशी विद्यार्थियों को बधाई व शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
वन मंत्री ने कहा कि शिक्षा के महत्व को समझना और उसे अपने जीवन में लागू करना अत्यंत आवश्यक है। शिक्षा न केवल व्यक्तिगत विकास में मदद करती है, बल्कि समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। इस अवसर पर नवप्रवेशी विद्यार्थियों का पारंपरिक रूप से तिलक व चंदन लगाकर स्वागत किया गया और उन्हें पुस्तकें, गणवेश और स्कूल बैग प्रदान किए गए। बच्चों और अभिभावकों के चेहरों पर उत्साह और प्रसन्नता स्पष्ट रूप से झलक रही थी।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप और जनपद अध्यक्ष श्री संतोष बघेल ने भी नव प्रवेशी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा ही समाज की सच्ची ताकत है और विद्यार्थियों को अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को बधाई व शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर अनुविभागीय अधिकारी श्री ऋषिकेश तिवारी, खंड शिक्षा अधिकारी श्रीमती भारती देवांगन, शिक्षकगण, शिक्षिकाएं, पालकगण, ग्रामीणजन और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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खाद्य विभाग की सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने केन्द्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के उप निदेशक को लिखा पत्र
बायोमैट्रिक ट्रान्जेक्शन, भण्डारण व तौलने में आ रही है व्यवहारिक दिक्कतें
रायपुर : खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री दयाल दास बघेल के निर्देश पर खाद्य विभाग की सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन कार्डधारियों को माह जून से अगस्त तक तीन माह का एकमुश्त राशन वितरण की तिथि 20 जुलाई 2025 तक वृद्धि करने केन्द्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के उप निदेशक को पत्र लिखकर आग्रह किया है। गौरतलब है कि वर्तमान में तीन माह का एकमुश्त राशन वितरण करने का समय-सीमा 30 जून तक निर्धारित है।
सचिव श्रीमती कंगाले द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य में माह जून, 2025 से अगस्त, 2025 तक के 03 माह का खाद्यान्न राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत जारी 56.78 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को तथा छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम, 2012 के अंतर्गत जारी 24.44 लाख राज्य पूल के राशनकार्डधारी परिवारों को भी माह जून से अगस्त 2025 तक के 03 माह का खाद्यान्न एकमुश्त रूप से चालू माह जून में वितरित किया जा रहा है।
पत्र में कहा गया है कि माह जून में 03 माह के एकमुश्त चावल के भण्डारण एवं वितरण का कार्य राशनकार्डधारी परिवारों को केन्द्रीय पूल एवं राज्य पूल के 03 माह के खाद्यान्न के वितरण हेतु प्रति हितग्राही 06 बायोमैट्रिक ट्रान्जेक्शन के आधार पर कुल 3.41 करोड़ बायोमैट्रिक प्रमाणीकरणयुक्त ट्रान्जेक्शन राज्य भर में होने हैं, जो कि बहुत अधिक संख्या में है।
इसी तरह UIDAI के निर्देशानुसार 7000 एल-0 बायोमैट्रिक ई-पॉस मशीन को अपग्रेड करने का कार्य भी समानांतर रूप से प्रचलित है। राज्य में लगभग 50 प्रतिशत दुकानों में एल-0 मशीन डिस्कंटीन्यू कर दिए गए हैं। साथ ही माह मई 2025 में असामयिक रूप से हुई वर्षा से 03 माह के खाद्यान्न का अग्रिम भण्डारण भी प्रभावित हुआ है। उचित मूल्य दुकानो में 03 माह के खाद्यान्न के भण्डारण की व्यवस्था के साथ-साथ इन महीनों के खाद्यान्न का तौल कर वितरण में भी अतिरिक्त समय लग रहा है। उपरोक्त दृष्टिगत रखते हुए राज्य हेतु माह जून से अगस्त 2025 के खाद्यान्न के भण्डारण की समय-सीमा 23 जून 2025 तक तथा हितग्राहियों को राशन वितरण की समय-सीमा में 20 जुलाई, 2025 तक वृद्धि करने का अनुरोध किया गया है।
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योग एक ऐसी साधना है, जो तन, मन, आत्मा और मस्तिष्क को रखती है संतुलित: कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम
बलरामपुर के हाई स्कूल मैदान में किया गया सामूहिक योगाभ्यास मंत्री श्री नेताम ने ताड़ासन, वृक्षासन, अर्धचक्रासन, भ्रदासन, वज्रासन का
अभ्यास कर लोगों को प्रतिदिन योग करने का दिया संदेश
रायपुर : कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम आज 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बलरामपुर के स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल के खेल मैदान में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल हुए। योगाभ्यास के इस कार्यक्रम में कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा, वनमण्डलाधिकारी श्री आलोक बाजपेयी, जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह तोमर, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री धीरज सिंहदेव, नगरपालिका अध्यक्ष श्री लोधी राम एक्का, गणमान्य नागरिक श्री ओमप्रकाश जायसवाल तथा अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित आमजनों ने योगाभ्यास किया। जिले से योग प्रशिक्षकों के द्वारा योगाभ्यास कराया गया।
सामूहिक योग कार्यक्रम में बच्चों, युवाओं, महिलाओं सहित सभी आयु वर्ग के लोगों ने उत्साहपूर्वक विभिन्न प्रकार के आसनों का अभ्यास एवं प्राणायाम कर नियमित योग के साथ प्रतिदिन योग करने प्रेरित किया। इस वर्ष ‘‘योगः एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग’’ की थीम पर सभी लोगों ने उत्साह एवं नई ऊर्जा के साथ योग किया। योग की आसान संक्रियाओं को करने के साथ ही लोगों ने योग के महत्व को भी जाना। योग अपने शरीर को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा माध्यम है। योग से नई शक्ति का संचार होता है। जिससे कार्यक्षमता बढ़ती है। उपस्थित सभी लोगों ने विश्व योग दिवस के उपलक्ष्य में अपने दैनिक दिनचर्या में योग क्रिया को अनिवार्य रूप से शामिल करने का संकल्प लिया।कृषि मंत्री श्री नेताम ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिले वासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आज के व्यस्त और तनावपूर्ण जीवन में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। उन्होंने जीवन की दिनचर्या में लगातार हो रही भागदौड़, चिंता और अनियमितता के कारण मनुष्य अनेक प्रकार की शारीरिक और मानसिक बीमारियों से ग्रस्त होता जा रहा है। ऐसे में योग एक ऐसी साधना है, जो तन, मन, आत्मा और मस्तिष्क को संतुलन प्रदान करती है। आज योग को न केवल देश में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज विश्व भर में लोग योग को अपनाकर लाभान्वित हो रहे हैं। चाहे वह किसी भी आयु वर्ग का व्यक्ति हो योग सभी के लिए उपयुक्त है। बच्चों से लेकर वृद्धजनों तक, सभी योग के माध्यम से निरोग जीवन की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। मंत्री श्री नेताम ने कहा कि योग केवल आसनों या प्राणायाम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अनुशासन, आत्मनियंत्रण और सकारात्मकता को बढ़ावा देती है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि योग दिवस केवल शहरों तक सीमित न रहे, बल्कि यह हर गांव, हर कस्बे और हर व्यक्ति तक पहुँचे। उन्होंने योग को अपने दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा मानते हुए अपने दिनचर्या में शामिल करने को कहा।
जिला स्तरीय कार्यक्रम में लगभग 600 लोग शामिल हुए। जिसमें जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारी-कर्मचारीगण, स्कूली बच्चों के साथ उनके अभिभावकों ने भी इस समारोह में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। योग शिक्षक ने प्रार्थना, ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्धचक्रासन, भ्रदासन, वज्रासन, योग निद्रासन, मकरासन जैसे अन्य योग भ्रामरी प्राणायाम एवं ध्यान का अभ्यास कराया।योग कार्यक्रम के पश्चात् कृषि मंत्री श्री नेताम ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन योजना अंतर्गत बीज मिनी कीट का वितरण किया और हाई स्कूल मैदान परिसर में ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ तहत मौलश्री के पौधे का रोपण किया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 55.0 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक जशपुर जिले में सर्वाधिक 188.4 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। नारायणपुर जिले में सबसे कम 13.5 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा में 74.4 मि.मी., सूरजपुर में 86.4 मि.मी., बलरामपुर में 187.7 मि.मी., कोरिया में 127.0 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 55.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर जिले में 38.6 मि.मी. बलौदाबाजार में 41.9 मि.मी., गरियाबंद में 47.5 मि.मी., महासमुंद में 30.4 मि.मी. और धमतरी में 24.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर में 23.1 मि.मी., मुंगेली में 14.8 मि.मी. रायगढ़ में 112.7 मि.मी., सारंगढ़ बिलाईगढ़ में 40.6 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 42.5 मि.मी., सक्ती में 47.6 मि.मी. कोरबा में 63.9 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 49.6 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। दुर्ग जिले में 42.0 मि.मी., कबीरधाम में 32.9 मि.मी., राजनांदगांव में 25.9 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 21.5 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 42.9 मि.मी., बालोद में 38.7 मि.मी. और बेमेतरा में 14.6 मि.मी. वर्षा रिकार्ड हुई है। बस्तर जिले में 63.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। कोंडागांव में 26.9 मि.मी., कांकेर में 35.8 मि.मी., दंतेवाड़ा में 73.8 मि.मी., सुकमा में 20.8 मि.मी. और बीजापुर में 67.3 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।
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एक निशान एक संविधान और एक प्रधान का नारा डॉ. मुखर्जी ने दिया
छगन लोन्हारे, उप संचालक
रायपुर : लम्हों ने खता की और सदियों ने सजा पाई ऐसे में बरबस डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पुण्य स्मरण हो जाता है जिन्होंने कश्मीर को भारत का अखंड अंग बनाने की पुरजोर वकालत की थी और उसके लिए अपने प्राणों का शेख अब्दुला की जेल में उत्सर्ग कर दिया। डॉ. श्यामा प्रसाद का बलिदान आज इतिहास के पन्नों पर दर्ज है। जम्मू-कश्मीर जो भारत का मुकुट और दुनिया की जन्नत रही है आज उग्रवाद आतंकवाद के कारण लहुलुहान है। डॉ. मुखर्जी पहले व्यक्ति थे जिन्होंने यह कल्पना की थी कि विभाजन की पीड़ा नासूर बनेगी फिर तुष्टिकरण की नीति का अंत नहीं होगा। एक निशान एक संविधान और एक प्रधानमंत्री का नारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिया। भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते थे। यह जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता था। जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 और 35ए द्वारा दिए गए विशेष दर्जे को हटाने के लिए भारतीय संसद ने 5 अगस्त, 2019 को मंजूरी दी।
राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के शिल्पी डॉ. मुखर्जी की अनन्य राष्ट्र भक्ति की गौरव गाथा ऐतिहासिक है। उनकी जिद के कारण पाकिस्तान के रूप में संपूर्ण पंजाब और बंगाल तश्तरी में भेंट नहीं किया जा सका। लेकिन जम्मू कश्मीर को दोहरे मापदण्डों में लाकर भारत और उसके मुकुट प्रदेश को लहुलुहान होने को छोड़ दिया नतीजा आज हमारे सामने है। वे जीवन पर्यन्त जम्मू कश्मीर भारत विलय और अखंडता के लिए संघर्ष करते रहे। भारत के मुकुट प्रदेश जम्मू कश्मीर के मर्म को डॉ. मुखर्जी ने देश की आजादी के दौरान ही समझ लिया था। राष्ट्रीय एकता अखंडता के प्रतीक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई सन 1901 को कलकत्ता के आशुतोष मुखर्जी के यहां हुआ था। भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने शुरू से ही अनुच्छेद 370 का विरोध किया। उन्होंने इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने का बीड़ा उठाया था। उन्होंने कहा था कि इससे भारत छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट रहा है। मुखर्जी ने इस कानून के खिलाफ भूख हड़ताल की थी। वो जब इसके खिलाफ आन्दोलन करने के लिए जम्मू-कश्मीर गए तो उन्हें वहां घुसने नहीं दिया गया। वे गिरफ्तार कर लिए गए थे। 23 जून 1953 को हिरासत के दौरान ही उनकी रहस्यमय ढंग से मृत्यु हो गई।
डॉ. श्यामा प्रसाद में बचपन से ही निडरता आज्ञापालन शिक्षण के प्रति गहन रूचि और विलक्षण स्मरण शक्ति देखी जा सकती थी। कई बार अपने स्कूल के गरीब विद्यार्थियों को वे अपनी पुस्तक दे देते थे यह कहकर मुझे सब पाठ याद है। उनका शांत शालीन स्वभाव और कक्षा में प्रथम आने के कारण सभी शिक्षक उन्हें चाहते थे। भवानीपुर इंस्टीट्यूट में उन्होंने शिक्षा ग्रहण की और सन 1917 में प्रथम श्रेणी में मेट्रिक पास हुए। प्रेसीडेंसी कॉलेज में प्रवेश लेकर सेन 1921 में बी ए की पदवी प्राप्त की।
उन्होंने वर्ष 1923 में बांग्ला में एम ए की उपाधि ली और फिर लॉ की भी डिग्री हासिल की। वर्ष 1926 में वे इंग्लैण्ड से बैरिस्टर होकर स्वदेश लौटे। उनकी विद्वता के लिए इतना कहना पर्याप्त होगा कि वे 33 वर्ष की आयु में कलकत्ता विश्व विद्यालय के उप कुलपति पद से सम्मानित किए गए। डॉ. मुखर्जी सन 1942 में बंगाल प्रांत के हक मंत्रीमंडल से इस्तीफा देकर स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में कूद पड़े। ब्रिटिश सरकार ने जब भारत के विभाजन पर प्रस्ताव किया और कांग्रेस ने लीग के उग्रवादी तेवरों के सामने घुटने टेक कर बंगाल और पंजाब प्रदेश पाकिस्तान के रूप में भेंट करने में रजामंदी दिखाई तो डॉ. मुखर्जी ने इसका प्रबल विरोध किया। महात्मा गांधी और सरदार वल्लभ भाई पटेल के अनुरोध पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी आजाद भारत के पहले केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनने सहमत हो गए। उन्होंने भारी उद्योग मंत्रालय संभाला और चिंतरंजन लोकोमोटिव के निर्माण की आधार शिला रखी लेकिन सरदार पटेल के अवसान के पूर्व तत्कालीन सरकार की तुष्टिकरण नीतियों के कारण मतभेद गहरा हो गया और उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रवादी प्रखर चिंतन की नई दिशा को सार्थक दिशा दी। डॉ. मुखर्जी के उस भाषण पर गौर किए जाने की आवश्यकता है जो उन्होंने 26 जून सन 1952 को संसद में दिया था उन्होंने कहा था जब भारत आजाद है और जम्मू कश्मीर का उसमें संवैधानिक विलय हो चुका है तो जम्मू कश्मीर के जनमानस को वही अधिकार क्यों नहीं जो सारे भारत के नागरिक को दिए गए हैं। एक निशान एक संविधान और एक प्रधानमंत्री का नारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिया।
उन्होंने कहा था कि जम्मू कश्मीर के लिए विशेष धारा 370 स्थायी रूप से नहीं रह सकती है क्योंकि स्थायी होने पर वह क्षेत्रीय अखंडता में बाधक होगी परंतु डॉ. मुखर्जी की दूरदर्शिता लोगों को रास नहीं आयी। डॉ. मुखर्जी मई 1953 को जम्मू कश्मीर में दोहरी राजनैतिक व्यवस्था संवैधानिक विसंगति को दूर करने निकल पड़े। तब जम्मू कश्मीर में प्रवेश के लिए परमिट लेना अनिवार्य था। जनसंघ और उसके संस्थापक डॉ. मुखर्जी को यह बर्दाश्त नहीं था। डॉ. मुखर्जी की बिना परमिट जम्मू कश्मीर यात्रा को समझने तत्कालीन विसंगतियां समझी जा सकती है।
जम्मू कश्मीर में प्रजा परिषद के आंदोलन को गति देने और दोहरी व्यवस्था समाप्त करने की खातिर डॉ मुखर्जी ने अपनी यात्रा को दृढ़तापूर्वक जारी रखा उन्हें पंजाब सीमा पर गिरफ्तार नहीं किया गया। जम्मू जाने दिया गया और माधोपुर पर रावी नदी का पुल पार करते ही डॉ. मुखर्जी को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार कर श्रीनगर में निरुद्ध कर लिया। यदि उन्हें पंजाब सीमा पर बंदी बनाया जाता हो उन्हें मुक्त कराने के लिए जनता द्वारा आवाज उठायी जा सकती थी दोहरी शासन व्यवस्था के कारण जम्मू कश्मीर में गिरफ्तार कर लिया गया। राष्ट्रवादी चिंतक, विचारक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ किया गया यह सलूक एक अनकही दुखद कहानी है। इस षड़यंत्र में ही डॉ. श्यामा प्रसाद का प्राणांत श्रीनगर जेल में हो गया। आगरा में पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी और जनरल परवेज मुशर्रफ के बीच हुई वार्ताओं में दोनों देशों के बीच अमन चैन एवं सहयोग बढ़ाने के साथ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर भी रहा है। ऐसे में बरबस डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पुण्य स्मरण हो जाता है जिन्होंने जम्मू कश्मीर के इस मर्म को पहले ही समझ लिया था और जीवन पर्यन्त जम्मू कश्मीर का भारत विलय एवं अखंडता के लिए संघर्ष किया। डॉ. मुखर्जी ने जम्मू कश्मीर की धरती पर जिस तरह अंतिम सांस ली वह उनकी अनन्य राष्ट्रभक्ति की गौरवगाथा का इतिहास बन चुकी है। डॉ. मुखर्जी का अवदान ऐतिहासिक है उन्होंने जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने के लिए जो संघर्ष किया। उसकी देन है कि हम अपने समग्र भूगोल को संजोए हुए हैं।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
नवा रायपुर के बंजारी में 40 एकड़ में बनेगा दोनों संस्थानों का सर्वसुविधायुक्त आधुनिक भवन
साइंटिफिक इन्वेस्टीगेशन के साथ ही फोरेंसिक विज्ञान, अपराध विज्ञान, खोजी अनुसंधान और फोरेंसिक मनोविज्ञान में शिक्षा व प्रशिक्षण की मिलेगी सुविधा
रायपुर : केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नवा रायपुर के ग्राम बंजारी में राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) और राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला (एनएफएसएल) के भवनों के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया। नवा रायपुर के बंजारी में 40 एकड़ में दोनों राष्ट्रीय संस्थानों के सर्वसुविधायुक्त आधुनिक भवन बनाए जाएंगे। परिसर में दोनों संस्थानों के भवनों के निर्माण के लिए प्रारंभिक रूप से 130-130 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा, छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डा. रमन सिंह, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम और वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री केदार कश्यप भी भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल हुए।
एनएफएसएल देश की सबसे हाइटेक फोरेंसिक लैब है। इसकी स्थापना से छत्तीसगढ़ को साइंटिफिक इन्वेस्टीगेशन के क्षेत्र में बड़ी सुविधा मिलने जा रही है। वहीं एनएफएसयू फोरेंसिक विज्ञान के अध्ययन के लिए देश का शीर्षस्थ संस्थान है। यह फोरेंसिक विज्ञान, खोजी विज्ञान और अपराध विज्ञान में विशेषज्ञता के कोर्सेज संचालित करती है। वर्ष 2020 में इसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा दिया गया है। राज्य में इसकी स्थापना से फोरेंसिक विज्ञान, अपराध विज्ञान, खोजी अनुसंधान और फोरेंसिक मनोविज्ञान जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में शिक्षा और प्रशिक्षण सुलभ होगा।
इस अवसर पर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल श्री रमेश बैस, विधायकगण सर्वश्री किरण देव, इंद्र कुमार साहू, अनुज शर्मा और गुरू खुशवंत साहेब, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन और पुलिस महानिदेशक श्री अरुण देव गौतम सहित गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
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रायपुर : केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ आगमन पर आज स्वामी विवेकानंद विमानतल रायपुर में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, विधायक श्री धर्मलाल कौशिक, श्री किरण देव, श्री अमर अग्रवाल, श्री पुरंदर मिश्रा, श्री अनुज शर्मा, गुरु खुशवंत साहेब , मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अरुण देव गौतम, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानंद, रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री लाल उमेद सिंह उपस्थित थे।
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जिला मुख्यालयों में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्रीगण, सांसदगण एवं विधायकगण होंगे मुख्य अतिथि
जशपुर में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मुख्य आतिथ्य में होगा योगाभ्यास
रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है। जिला मुख्यालयों से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक 21 जून को इस बार ’’योग संगम-हरित योग’’ थीम पर सामूहिक योगाभ्यास का कार्यक्रम आयोजित होगा। जिला मुख्यालयों में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास के कार्यक्रम में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री द्वय, मंत्रीगण, सांसद एवं विधायकगण मुख्य अतिथि होंगे। छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार जिला मुख्यालयों में आयोजित होने वाले सामूहिक योगाभ्यास में मुख्य अतिथि नामांकित किया गया है।
राज्यपाल श्री रमेन डेका के मुख्य आतिथ्य में 21 जून को राजधानी रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर सामूहिक योगाभ्यास का कार्यक्रम आयोजित होगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मुख्य आतिथ्य में जशपुर जिले के रणजीता स्टेडियम में सुबह 7 बजे सामूहिक योगाभ्यास होगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कैबिनेट मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े करेंगी। इस अवसर पर कार्यक्रम में वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, विधायक श्री राधेश्याम राठिया, श्रीमती गोमती साय, श्रीमती रायमुनि भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, योग आयोग के अध्यक्ष श्री रूपनारायण सिन्हा सहित अन्य जनप्रतिनिधि कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि होंगे।
उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव जिला मुख्यालय मुंगेली तथा उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा कबीरधाम में तथा विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह राजनांदगांव में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। इसी प्रकार बलरामपुर-रामानुजगंज में मंत्री श्री रामविचार नेताम, बेमेतरा में मंत्री श्री दयालदास बघेल, नारायणपुर में मंत्री श्री केदार कश्यप, कोरबा में मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में मंत्री श्री श्यामबिहारी जायसवाल, रायगढ़ में मंत्री श्री ओ.पी.चौधरी, गरियाबंद में मंत्री श्री टंकराम वर्मा, बलौदाबाजार-भाटापारा में सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, दुर्ग में सांसद श्री विजय बघेल, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई में सांसद श्री संतोष पाण्डेय, सरगुजा में सांसद श्री चिन्तामणी महाराज, महासमुंद में सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में सांसद श्री राधेश्याम राठिया, जांजगीर-चांपा में सांसद श्री कमलेश जांगड़े, सुकमा में सांसद श्री महेश कश्यप, कांकेर में सांसद श्री भोजराज नाग, सक्ती में सांसद श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह, बिलासपुर में विधायक श्री अमर अग्रवाल, बीजापुर में विधायक श्री आशाराम नेताम, धमतरी में विधायक श्री अजय चंद्राकर, बस्तर में विधायक श्री किरण सिंह देव, कोरिया में विधायक श्री भैयालाल राजवाड़े, सूरजपुर में विधायक श्रीमती रेणुका सिंह, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में विधायक श्री गुरू खुशवंत साहेब, दंतेवाड़ा में विधायक श्री चैतराम अटामी, बालोद में विधायक श्री ललित चन्द्राकर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में विधायक श्री प्रणव कुमार मरपच्ची और कोण्डागांव में विधायक श्री नीलकंठ टेकाम मुख्य अतिथि के तौर पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में शामिल होंगे। -
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‘योग संगम एवं हरित योग‘ थीम पर होगा इस वर्ष का 11वाँ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस
रायपुर : वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी के मुख्य आतिथ्य में 21 जून 2025 को जिला स्तरीय सामूहिक योगाभ्यास का कार्यक्रम स्टेडियम ग्राउण्ड बोईरदादर, रायगढ़ में प्रात: 7 बजे से आयोजित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ शासन समाज कल्याण विभाग द्वारा 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ‘योग संगम एवं हरित योग‘ थीम पर योग दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। रायगढ़ के इच्छुक नागरिक स्टेडियम ग्राउण्ड बोईरदादर, रायगढ़ में पहुंचकर योग दिवस के कार्यक्रम में सम्मिलित हो सकते है।
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महाविद्यालयों के प्राचार्यों को संपूर्ण गतिविधियां संचालित करने हेतु किया प्रोत्साहित
शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ में आयोजित हुआ एक दिवसीय कार्यशाला
रायपुर : उच्च शिक्षा आयुक्त डॉ.संतोष देवांगन के मुख्य आतिथ्य में आज शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 रू क्रियान्वयन के बिन्दु पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ के कुलपति प्रो. डॉ. ललित प्रकाश पटैरिया एवं डॉ.प्रवीण कुमार पाण्डेय संभागीय अपर संचालक उच्च शिक्षा बिलासपुर उपस्थित थे।
आयुक्त, उच्च शिक्षा डॉ. संतोष देवांगन ने अपने गुरूजनों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से संबंधित विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने रिसर्च के क्षेत्र में उच्च शिक्षा में बेहतर प्रयासों के लिए प्राध्यापकों से कार्ययोजना बनाने पर जोर दिया। उन्होंने स्थानीय संसाधनों पर क्रेन्द्रित रिसर्च को बढ़ावा देने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आरंभ की गई एनईपी कार्यक्रम उच्च शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय भी चाहते हैं कि हमारे विद्यार्थी राज्य से बाहर न जाएँ, बल्कि छत्तीसगढ़ में ही उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और वे यहीं से रोजगार प्राप्त करें।
आयुक्त, उच्च शिक्षा डॉ.संतोष देवांगन ने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल डिग्री देना नहीं, बल्कि छात्रों को ऐसा कौशल देना है जो उन्हें रोजगार दिला सके। इसी दिशा में रूसा के माध्यम से उद्योग और शिक्षा संस्थानों के बीच समन्वय स्थापित किया गया है, जिससे छात्रों को प्रशिक्षण और अवसर मिल सके। रायगढ़ क्षेत्र में पांडुलिपियों और ऐतिहासिक धरोहरों की अपार संपदा है। साथ ही हाथी प्रभावित क्षेत्रों जैसे धरमजयगढ़ में वन विभाग के साथ मिलकर शोध और समाधान की दिशा में कार्य किया जा सकता है। इन क्षेत्रों में अनुसंधान की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि आप सभी इस मिशन में सक्रिय भूमिका निभाएँ, ताकि हम छत्तीसगढ़ को शिक्षा और शोध का एक आदर्श केंद्र बना सकें। इस दौरान उन्होंने सभी गतिविधियों में भागीदारी सुनिश्चित कर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले महाविद्यालयों को गतिविधियां संचालित करने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान के साथ सम्मानित करने की बात कही।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.इन्दु अनंत संयुक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ.घनश्याम, ओ.एस.डी (एनईपी) उच्च शिक्षा डॉ. डी के श्रीवास्तव ने भी कार्यशाला को संबोधित किया। मुख्य वक्ताओं ने प्रश्नोत्तर सत्र में नोडल अधिकारियों की समस्याओं को गंभीरतापूवर्क सुना और उनके समस्याओं का समाधान भी बताया। इस अवसर पर इस अवसर पर विश्वविद्यालय के परीक्षा प्रभारी श्री सुनील अग्रवाल, अकादमी प्रभारी डॉ.नीरजा तिवारी सहित प्रभारी अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। -
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पीएम जनमन से जबगा एवं कुर्रा के बिरहोर परिवारों की बदली जिंदगी
सुरक्षा एवं स्थिरता का हो रहा अहसास
रायपुर : रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ के सुदूर वनांचल में बसा है जबगा गांव। यह बिरहोर परिवारों का निवास भी है। यहां रहने वाले 7 बिरहोर परिवार एक स्थान पर झोपड़ी बनाकर रहते हुए पालतू जानवरों के लिए रस्सी तैयार कर जीवन यापन कर रहे थे। उन्होंने सोचा नहीं था कि उनका कच्चा मकान कभी पक्का बन पाएगा। लेकिन आज पीएम जनमन योजना से उन परिवारों के लिए एक साथ एक कालोनी के रूप में बसाए गए है। बिरहोर परिवार अब अपने पुराने कच्चे मिट्टी के घर को छोड़कर अपने पक्के प्रधानमंत्री आवास में रह रहे है। पक्का घर से मिलने से अब उन्हें सुरक्षा और स्थिरता का अहसास हो रहा है, जिससे उनके चेहरे पर स्पष्ट खुशी दिखाई दे रही हैं।
विदित हो कि रायगढ़ जिला अंतर्गत धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम बलपेदा ग्राम पंचायत जबगा जो कि जनपद मुख्यालय से 20 किमी एवं जिला मुख्यालय से लगभग 100 कि.मी दूरी पर स्थित है। यहां पर निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति- बिरहोर के 7 परिवार निवासरत हैं। जो कि 2016 के पूर्व जंगल में ही बने एक गुफा में निवास करते थे। बलपेदा के ग्रामीणों ने उन्हें ग्राम के निकट आबादी प्लॉट में निवास करने के लिए कह कर जंगल से बाहर लाये थे। वहीं इनके द्वारा रहने के लिए झोपड़ी एवं कच्चे मकान बनाये गये थे, पक्का आवास तो जैसे इनके लिए सपना था।
जंगल में प्राप्त होने वाले माहुल पेड़ से पालतु जानवरों जैसे- गाय, बकरी को बांधने वाली रस्सी बनाकर एवं स्थानीय भाषा में बोले जाने वाले बगाई नामक घास जिससे रस्सी बनाकर खाट का नेवार बनाया जाता है, जिसे बेचकर अपने कमाए पैसों से दैनिक आवश्यकताओं को पूर्ण करते है। इन्हीं कमाएं हुए पैसों से अपने परिवार के सदस्यों का भरण पोषण भी करते है। यह भोजन के रूप में कोदो, कनकी जैसे अनाज को ग्रहण करते हैं। गांव पहाड़़ी क्षेत्र में होने के कारण हर साल तेज हवा, पानी के कारण घरों को बहुत नुकसान होता था। जिसके कारण इन परिवारों को हर साल घर की मरम्मत करनी पड़ती है। इस वजह से इन परिवारों की आय का अधिकांश हिस्सा घर मरम्मत में ही खर्च हो जाता था। जिससे इन परिवारों के आशियाने की चिंता बनी रहती थी। बरसात के दिनों में कच्चे मकानों में साफ - सफाई की कमी से बीमारी का खतरा भी बना रहता था। पक्के मकान मिलने के बाद ये सारी चिंता और चुनौतियां अब दूर हो गई हैं।
कुर्रा में बसी पक्के आवासों की कॉलोनी
रायगढ़ जिले के अंतिम छोर में लैलूंगा के करीब बसा है कुर्रा गांव। इसकी पहचान विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर परिवारों में निवास स्थल के रूप में भी है। पीएम जनमन योजना में शामिल होने के बाद यहां दिखने वाले 10 बिरहोर परिवारों के कच्चे घास फूस के घर अब पक्के मकानों में तब्दील हो चुके हैं। इन परिवारों के मकान निर्माण एक साथ एक कॉलोनी के रूप में किया गया है। इस बिरहोर कॉलोनी के लिए विशेष रूप से डिजाइन और लेआउट तैयार करवाया गया। जिससे ये अपने समुदाय बीच रह सकें। इन घरों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण करवाया गया है। उनके आवागमन हेतु सड़क, पेयजल व्यवस्था हेतु पानी, बिजली की सुविधा जिला प्रशासन की तरफ से प्रदाय किया जा रहा है। इन बिरहोर परिवारों को शासन की अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं से भी जोड़ा गया है। जो बिरहोर परिवार घास-फुस, झुग्गी झोपड़ी, छप्पर वाले कच्चे घरों में रहते थे। बरसात के मौसम में जहरीले सांप, बिच्छु एवं अन्य जंतुओं को भय बना रहता था। अब वे पीएम जनमन योजना से पक्के आवास का निर्माण कर अपने सपनों के आशियानों में सुकून से रह रहे हैं। यह अभियान रायगढ़ जिले के कुर्रा गांव के बिरहोर परिवारों के जीवनस्तर में अभूतपूर्व बदलाव लेकर आया है।
पक्के मकानों से मिली सुरक्षा और स्थिरता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाई जा रही पीएम जनमन योजना विशेष पिछड़ी जनजाति को समाज की मुख्यधारा में जोडऩे में एक अहम कड़ी साबित हो रही है। ग्राम जबगा और कुर्रा के बिरहोर परिवार एक स्थान पर झोपड़ी बनाकर अपना जीवन यापन कर रहे थे। जब उन्हें शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत पक्का आवास निर्माण हेतु सहायता राशि प्राप्त होना बताया गया तो वह खुशी से फुले नहीं समाये। ये बिरहोर परिवार जो अपने कच्चे मिट्टी के झोपड़ी जिसमें बरसात में पानी टपकता रहता था बरसात में विषैले जानवरों का भी खतरा बना रहता था। पक्के मकानों के इन परिवारों को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान की है, जिससे उनमें काफी खुशी है। उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को अपना धन्यवाद ज्ञापित किया है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जिलेभर से लोग करेंगे सामूहिक योगाभ्यास
सिरपुर में योग, संस्कृति और सामूहिकता का अनूठा संगम
रायपुर : राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ग्यारहवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय योगाभ्यास कार्यक्रम में पुरातत्व एवं ऐतिहासिक नगरी सिरपुर में शामिल होंगे। यह आयोजन 21 जून को सुबह 5ः30 बजे से प्रारंभ होगा। इस वर्ष योग दिवस की थीम ‘‘योग संगम’’ एवं ‘‘हरित योग’’ तय की गई है। कार्यक्रम में सांसद, विधायक, कलेक्टर, सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी, छात्र-छात्राएं, सामाजिक संगठन व दिव्यांगजन एवं आमजन बड़ी संख्या में सामूहिक योगाभ्यास में हिस्सा लेंगे।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर सिरपुर में योग दिवस का आयोजन जिले में स्वास्थ्य, एकता और जागरूकता का संदेश देगा। इस आयोजन के माध्यम से योग को जन-जन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे निरोग और स्वस्थ समाज का निर्माण सुनिश्चित हो सके। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिले में मुख्य समारोह लक्ष्मण मंदिर सिरपुर में प्रातः 05ः30 बजे से आयोजित होगा। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भाषण का सीधा प्रसारण होगा। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम में प्रातः 5ः30 बजे सभी प्रतिभागियों का आगमन एवं प्रातः 6ः00 बजे गणमान्य अतिथियों का आगमन होगा। प्रातः 6ः10 बजे से 6ः30 बजे तक योग प्रदर्शन व मुख्य अतिथि का भाषण होगा तथा प्रातः 6ः30 बजे से 7ः00 बजे तक योग संबंधी गतिविधियों का सीधा प्रसारण किया जाएगा। -
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“हर स्कूल में शिक्षक, हर बच्चे को शिक्षा” का सपना हो रहा साकार
रायपुर : छत्तीसगढ़ में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में लागू युक्तिकरण नीति अब सार्थक परिणाम दे रही है। जिलेभर के स्कूलों में शिक्षक व्यवस्था सुदृढ़ होने से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, बल्कि छात्रों की उपस्थिति में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।शिक्षकविहीन और एकल शिक्षक के भरोसे संचालित स्कूलों में अब नियमित शिक्षण व्यवस्था प्रारंभ हो चुकी है। इससे दूरस्थ अंचलों के बच्चों को अब विषयानुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो रही है।
311 एकल शिक्षक स्कूलों और 14 शिक्षकविहीन शालाओं को मिला संबल
बलरामपुर जिले में 311 एकल शिक्षक वाले और 14 शिक्षकविहीन विद्यालयों में युक्तिकरण के अंतर्गत अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की गई डेटा आधारित कार्ययोजना और संतुलित पुनर्विन्यास के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी विद्यालय में शिक्षक का पद लंबी अवधि तक रिक्त न रहे।
दूरस्थ अंचलों में लौटा शिक्षा का उजियारा
बलरामपुर विकासखंड का प्राथमिक शाला महाराजगंज, जो लंबे समय से शिक्षकविहीन था, वहां युक्तिकरण नीति के तहत शिक्षक की पदस्थापना के बाद पुनः नियमित कक्षाएं संचालित हो रही हैं। इसी तरह प्राथमिक शालाएं लुर्गी, भीतर सौनी और मक्याठी जैसे एकल शिक्षक विद्यालयों में भी अब विषयवार शिक्षकों की तैनाती संभव हो पाई है।
शिक्षकों का संतुलित भार, छात्रों को विषयवार पढ़ाई
युक्तिकरण नीति ने शिक्षकों का कार्यभार संतुलित किया है और विद्यार्थियों को समुचित विषयों की पढ़ाई मिल रही है। इससे विद्यार्थियों को न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं में लाभ मिलेगा, बल्कि जीवन कौशल और सर्वांगीण विकास की दिशा में भी वे आगे बढ़ पाएंगे।
विद्यालयों में दिखने लगा बदलाव
युक्तिकरण नीति का असर केवल शिक्षकों की उपलब्धता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव विद्यालयों के शैक्षणिक वातावरण, बालसभा, पठन-संवर्धन, कला-संस्कृति गतिविधियों, अभिभावकों की संतुष्टि और समुदाय के विश्वास के रूप में भी देखने को मिल रहा है। यह नीति न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊँचाई दे रही है, बल्कि स्कूल और समाज के बीच साझेदारी को भी मज़बूत कर रही है। आने वाले समय में यह पहल छात्रों की उपस्थिति, वार्षिक परीक्षा परिणाम और समग्र शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।
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रायपुर : शिक्षा को प्रोत्साहन देने और बच्चों का स्वागत करने के उद्देश्य से जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव 2025 का आयोजन 20 जून को दोपहर 1 बजे किया जाएगा। यह कार्यक्रम राजधानी स्थित स्वामी आत्मानंद शासकीय जगन्नाथ राव दानी कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित होगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वन मंत्री श्री केदार कश्यप होंगे, वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल करेंगे।
इस अवसर पर विधायक श्री राजेश मूणत, श्री सुनील सोनी, श्री मोतीलाल साहू, श्री गुरु खुशवंत साहेब, श्री पुरंदर मिश्रा, श्री अनुज शर्मा, श्री इंद्र कुमार साहू, रायपुर महापौर श्रीमती मीनल चौबे, सभापति श्री सूर्यकांत राठौर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नवीन अग्रवाल और उपाध्यक्ष श्री संदीप यदु, पार्षद श्री मुरली शर्मा की गरिमामय उपस्थिति रहेगी।
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रायपुर : सीधी भर्ती 2023 में चयनित एवं बी.एड. अर्हता के कारण सेवा से पृथक किए गए सहायक शिक्षकों के लिए शासन के निर्देशानुसार सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) पद पर समायोजन की ओपन काउंसिलिंग प्रक्रिया शासकीय शिक्षा महाविद्यालय, शंकर नगर, रायपुर में जारी है। आज काउंसिलिंग के तृतीय दिवस पर 299 अभ्यर्थियों को आमंत्रित किया गया था, जिनमें से 298 अभ्यर्थी उपस्थित रहे तथा 1 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहा। यह समायोजन प्रक्रिया शिक्षकों को पुनः सेवा अवसर देने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। 20 जून 2025 को काउंसिलिंग के चतुर्थ दिवस के लिए 300 अभ्यर्थियों को आमंत्रण भेजा गया है। रिक्त पदों की जानकारी अभ्यर्थी विभाग की वेबसाइट https://eduportal.cg.nic.in/ पर देख सकते हैं।
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि काउंसिलिंग की प्रक्रिया दिनांक 26 जून 2025 तक प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से आयोजित की जाएगी। जो अभ्यर्थी अपनी नियत तिथि को उपस्थित नहीं हो पाए हैं, वे आगामी दिनों में काउंसिलिंग में सम्मिलित हो सकते हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शिता एवं अभ्यर्थी हित को ध्यान में रखते हुए कुशलता से संचालित की जा रही है। -
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पहले की अपेक्षा बच्चों को मिले अधिक शिक्षक, मिल रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेशभर में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जा रहा है, जिससे शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में नए शिक्षकों की नियुक्ति हो रही है।
इसी क्रम में रायपुर जिले की शासकीय प्राथमिक शाला गोगांव में 7 नए शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। पहले की तुलना में अब इस विद्यालय में कुल 17 शिक्षक हो गए हैं, जिससे 421 विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है। अब छात्र-शिक्षक अनुपात बेहतर हो गया है, जिससे प्रत्येक विद्यार्थी को व्यक्तिगत रूप से मार्गदर्शन और गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिल पा रही है।
युक्तियुक्तकरण के तहत जिले के अतिशेष शिक्षकों को काउंसलिंग के माध्यम से आवश्यकतानुसार विभिन्न विद्यालयों में पदस्थ किया गया है। इसका सकारात्मक प्रभाव विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है।
शाला के प्रभारी श्री जीवराखन साहू ने बताया कि युक्तियुक्तकरण से पूर्व यहां 10 शिक्षक थे तथा विद्यार्थियों की संख्या 488 थी। सभी बच्चों को समुचित रूप से ध्यान देने में कठिनाई का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब युक्तियुक्तकरण के बाद 17 शिक्षक हो गए हैं। अब 30 से 35 बच्चों का एक बैच बनाकर विद्यार्थियों को अधिक समय तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे पा रहे हैं। पालकों ने इस फैसले का स्वागत किया है और इस पहल पर प्रसन्नता जताई है। अब बच्चे पहले से अधिक उत्साह के साथ स्कूल आ रहे हैं और पढ़ाई में रुचि ले रहे हैं।