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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
एनपीके और एसएसपी उर्वरकों के वितरण लक्ष्य में 4.62 लाख मीट्रिक टन की बढ़ोत्तरी
मुख्यमंत्री ने कहा किसानों को नहीं होगी किसी तरह की परेशानी
कोरिया : खरीफ 2025 के सीजन में डीएपी खाद की आपूर्ति में आई कमी को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने समय रहते प्रभावी और वैकल्पिक कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट किया है कि किसानों को खाद की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। डीएपी के स्थान पर एनपीके और एसएसपी जैसे विकल्पों को बढ़ावा देते हुए इनके वितरण लक्ष्य में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।
डीएपी की कमी का समाधान
देश में डीएपी खाद के आयात में कमी के कारण राज्य में इसकी आपूर्ति प्रभावित हो रही है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने एनपीके (20रू20रू0रू13 और 12रू32रू16) तथा एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) उर्वरकों के वितरण लक्ष्य को बढ़ाकर वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की है। अब एनपीके का लक्ष्य 1.80 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 4.90 लाख मीट्रिक टन, तथा एसएसपी का लक्ष्य 2 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 3.53 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है। इसके साथ ही डीएपी का संशोधित लक्ष्य 1.03 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है।कुल वितरण लक्ष्य 17.18 लाख मीट्रिक टन हुआ
पहले खरीफ सीजन में उर्वरकों का कुल वितरण लक्ष्य 14.62 लाख मीट्रिक टन निर्धारित था, जिसे अब बढ़ाकर 17.18 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है। इनमें यूरिया 7.12 लाख मी.टन, एनपीके 4.90 लाख मी.टन, एसएसपी 3.53 लाख मी.टन और एमओपी 60 हजार मी.टन शामिल हैं।मुख्यमंत्री का किसानों को भरोसा
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा, राज्य सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। डीएपी की कमी के बावजूद किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए हर स्तर पर तैयारी की गई है। कृषि वैज्ञानिकों के परामर्श से किसान विकल्प के रूप में अन्य उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं।श्कृषि वैज्ञानिकों की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि डीएपी की जगह यदि 3 बोरी एसएसपी और 1 बोरी यूरिया का उपयोग किया जाए, तो पौधों को पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, कैल्शियम और सल्फर मिल सकता है। एसएसपी न सिर्फ जड़ों के विकास में सहायक है, बल्कि इससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में भी वृद्धि होती है।भंडारण एवं वितरण की स्थिति
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य में अब तक 12.13 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का भंडारण किया जा चुका है। इसमें से 7.29 लाख मीट्रिक टन खाद का वितरण पहले ही किसानों को किया जा चुका है। वर्तमान में राज्य में 4.84 लाख मीट्रिक टन खाद सहकारी एवं निजी वितरण केंद्रों पर उपलब्ध है।सरकार की प्राथमिकता किसानों की चिंता दूर करना
राज्य सरकार ने जिलों की सहकारी समितियों और निजी विक्रेताओं को निर्देश दिए हैं कि किसानों की मांग के अनुसार समय पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करें। साथ ही भंडारण, परिवहन और वितरण की सतत निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी प्रकार की कालाबाजारी या कृत्रिम संकट की स्थिति न बने। -
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कोरिया ; जिला कृषि कार्यालय, कोरिया में विगत दिनों कृषि स्थायी समिति की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता समिति की अध्यक्षा श्रीमती स्नेहलता उदय ने की। इस दौरान समिति के सदस्यगण एवं कृषि, पशुपालन, मत्स्य, बीज निगम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में खरीफ 2025 की तैयारियों की गहन समीक्षा की गई। इसमें खरीफ फसलों की बुआई की प्रगति, सिंचाई सुविधाओं की स्थिति, कृषि यंत्रों की उपलब्धता, बीज एवं उर्वरकों के भण्डारण एवं वितरण जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
समिति की अध्यक्षा श्रीमती उदय ने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि के लिए नवाचारों को बढ़ावा देना होगा। जैविक खेती को प्राथमिकता दी जाए एवं धान की जगह दलहन-तिलहन फसलों को अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाए। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि शासकीय योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति तक के किसानों तक पहुँचना सुनिश्चित करें और समयबद्ध सहायता दी जाए।
बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने विभागीय योजनाओं की प्रगति की जानकारी साझा की। वहीं, समिति के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल के लिए संबंधित विभागों को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश भी जारी किए गए। इस अवसर पर समिति सदस्य श्रीमती गीता राजवाड़े, श्री सुरेश कुमार सिंह, उप संचालक कृषि श्री राजेश कुमार भारती, उप संचालक पशुपालन डॉ. विभा सिंह बघेल, सहायक संचालक मत्स्य श्री एस.एम. द्विवेदी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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बलरामपुर : सरगुजा संभागायुक्त श्री एन. के.दुग्गा ने एसडीएम कार्यालय राजपुर, तहसील कार्यालय राजपुर एवं शंकरगढ़ का औचक निरीक्षण कर राजस्व प्रकरणों की स्थिति की गहन समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कार्यालय में राजस्व अभिलेखों के संधारण सहित राजस्व प्रकरणों की अद्यतन स्थिति तथा दस्तावेजीय प्रविष्टियों की गुणवत्ता का अवलोकन किया।
संभागायुक्त श्री दुग्गा ने एसडीएम न्यायालय, तहसीलदार न्यायालय, एवं नायब तहसीलदार न्यायालय , नाजिर शाखा, कानूनगो शाखा, रिकार्ड रूम सहित विभिन्न शाखा का निरीक्षण कर आवश्यक सुधार करने तथा दस्तावेजों को सुव्यवस्थित, अद्यतन और पारदर्शी बनाए रखने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजस्व से संबंधित सेवाओं में पारदर्शिता एवं समयबद्धता सुनिश्चित करना शासन की प्राथमिकता है। इसके लिए सभी अधिकारी अपने दायित्वों का बेहतर निर्वहन करते हुए कार्य संपादित करें। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कार्यालयीन साफ-सफाई, कर्मचारियों की उपस्थिति विभिन्न पंजी की भी जांच की। साथ ही आम नागरिकों को मिलने वाली सेवाओं की वस्तुस्थिति की जानकारी ली। संभागायुक्त श्री दुग्गा ने संबंधित अधिकारियों को लंबित राजस्व प्रकरणों का शीघ्र एवं पारदर्शी निराकरण सुनिश्चित के निर्देश देते हुए कहा कि आवेदनों का समयबद्ध निराकरण करते हुए आम जनता को बेहतर सेवा प्रदान करें।
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रायपुर : नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक का एक छोटा-सा हरा-भरा गांव है थुलथुली। चारों तरफ जंगलों और पहाड़ियों से घिरा यह गांव अब तक शिक्षक की कमी के कारण शिक्षा से वंचित था। शासकीय बालक आश्रम शाला, थुलथुली में भवन तो था, लेकिन पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं थे। बच्चे स्कूल तो आते थे, पर पढ़ाई की रफ्तार रुकी हुई थी।
इस हालात को बदला है छत्तीसगढ़ सरकार की युक्तियुक्तकरण ने, जिसके तहत स्कूलों में बच्चों की संख्या के हिसाब से शिक्षकों की तैनाती की गई है। इसी योजना के तहत शिक्षक श्री शोभीराम मरकाम की पोस्टिंग थुलथुली में हुई। पहले वे कुर्सीनवार के प्राथमिक शाला में पदस्थ थे। थुलथुली पहुंचते ही उन्होंने इसे सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि एक मिशन मान लिया।
श्री मरकाम न केवल बच्चों को पढ़ा रहे हैं, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और उम्मीद भी जगा रहे हैं। वे मानते हैं कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों को एक अच्छा इंसान बनाती है। गांववाले भी उन्हें एक उम्मीद की किरण मानने लगे हैं। शिक्षक मरकाम अपनी इस उपलब्धि का श्रेय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और सरकार की नीतियों को देते हैं। उनका कहना है कि युक्तियुक्तकरण योजना जैसे प्रयासों ने दूरदराज के गांवों में भी शिक्षा की लौ जलानी शुरू कर दी है।
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रायपुर : कभी वीरान और बंजर रहा सोंठी गांव आज हरियाली की मिसाल बन गया है। जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम पंचायत सोंठी में एक समय बंजर पड़ी भूमि अब हरियाली से आच्छादित हो गई है। यह बदलाव सिर्फ मिट्टी की सतह पर नहीं, बल्कि ग्रामीणों की सोच, जीवनशैली और सामुदायिक एकता की परतों में भी देखा जा सकता है। इस प्रेरणास्पद परिवर्तन की शुरुआत हुई गांव की जनसभा में लिए गए उस फैसले से, जिसमें यह ठाना गया कि गांव की बंजर भूमि को हरियाली में बदला जाएगा। महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत वर्ष 2022-23 में वृक्षारोपण और भूमि सुधार का कार्य शुरू किया गया। इसके लिए 17.61 लाख रुपये की स्वीकृति मिली, जिसमें मजदूरी मद में 14.08 लाख और सामग्री मद में 3.53 लाख रुपये खर्च किए गए।
इस कार्य ने न केवल पर्यावरण को संजीवनी दी, बल्कि रोजगार का भी सृजन किया। कुल 5718 मानवदिवस के सृजन से 43 परिवारों के 175 मजदूरों को 12.08 लाख रुपये की मजदूरी मिली। गड्ढा खुदाई, पौधरोपण, जल प्रबंधन और पौधों की देखरेख में पारदर्शिता और तकनीकी निगरानी का पूरा ध्यान रखा गया। इस कार्य की खास बात रही, रिमझिम महिला संकुल संगठन, क्लस्टर बम्हनीडीह की भागीदारी। गांव की महिलाओं ने न केवल श्रमदान किया, बल्कि अमरूद, सीताफल और नींबू जैसे फलों के पौधों की लगातार देखरेख की। हरियाली की इस यात्रा को अपना बना लिया। सरपंच बताती हैं कि इस काम से गांव का पूरा वातावरण ही बदल गया है। अब हर पौधा गांव वालों का अपना है। सबकी साझा भागीदारी ने इस पहल को केवल एक योजना तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे सामुदायिक चेतना का प्रतीक बना दिया।
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शहीदों के परिजनों को मिलेगा विभाग चुनने का विकल्प, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी का आभार - उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा
बेमेतरा : राज्य शासन द्वारा नक्सली हिंसा में शहीद हुए पुलिस सेवकों के परिजनों के हित में एक महत्वपूर्ण और मानवीय निर्णय लिया गया है। विगत दिनों मंत्रिपरिषद ने "एकजाई पुनरीक्षित अनुकम्पा नियुक्ति निर्देश-2013" की कंडिका 13(3) में संशोधन को मंजूरी दी है। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि शहीद हमारे समाज की अमूल्य धरोहर हैं। उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर प्रदेश और देश की रक्षा की है। उनके परिजनों को केवल विकल्पहीन नियुक्ति देना न्यायसंगत नहीं था। लंबे समय से शहीद परिवारों की इस मांग को हमने सरकार के समक्ष पूरी गंभीरता से रखा। मुझे प्रसन्नता है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने इस निर्णय को पारित किया है। अब शहीदों के परिजनों को विभाग चुनने का अधिकार मिलेगा, जिससे उनकी सुविधा और सम्मान दोनों सुनिश्चित होंगे। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस संशोधन के अनुसार, अब नक्सली हिंसा में शहीद हुए पुलिस सेवकों के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति केवल पुलिस विभाग तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि वे राज्य शासन के किसी भी विभाग में, किसी भी जिला अथवा संभाग में अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त कर सकेंगे। पूर्व में यह प्रावधान था कि अनुकम्पा नियुक्ति उसी विभाग में दी जाए, जिसमें दिवंगत शासकीय सेवक सेवारत था। परंतु शहीदों के परिजनों की लगातार मांग को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने इस नीति में संशोधन कर यह विकल्प प्रदान किया है।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की पहल पर इस निर्णय को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी के समक्ष मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रस्तुत किया गया। उल्लेखनीय है कि उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा को लगातार शहीद परिवारों और उनके संगठनों से यह मांग प्राप्त हो रही थी कि उन्हें अनिवार्य रूप से पुलिस विभाग में नियुक्ति न देकर, अन्य विभागों में भी विकल्प मिलना चाहिए। उप मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और सक्रियता से यह विषय मंत्रिपरिषद में लाया गया और सर्वसम्मति से निर्णय पारित हुआ। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा राज्य के शहीद परिवार ने पुलिस विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति के साथ अन्य विभागों में नियुक्ति की मांग की थी। अब उनके लिए यह रास्ता खुल गया है, जिससे उन्हें सम्मानजनक और सुविधाजनक रोजगार का अवसर प्राप्त होगा। यह निर्णय न केवल शहीदों के बलिदान को सम्मान देने का कार्य है, बल्कि उनके परिवारों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व का भी प्रमाण है।
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-विद्यालय में प्रवेश हेतु वांछित दस्तावेज आवश्यक
सूरजपुर : जिले अंतर्गत संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 में कक्षा 6वीं में प्रवेश हेतु काउंसलिंग का आयोजन 16,17 एवं 19 मई तथा द्वितीय काउंसलिंग का आयोजन 04 जून एवं 06 जून को किया गया था। पुनः काउंसिलिंग में अनुपस्थित छात्रों को अंतिम अवसर प्रदान करने हुए 24 जून को काउंसलिंग उपरांत राज्य स्तर से प्राप्त मेरिट क्रम अनुसार विद्यालय आबंटन की सूची जिले के वेबसाईट http://surajpur.nic.in/ पर एवं कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सूरजपुर तथा जिले के एकलव्य विद्यालयों के सूचना पटल पर अवलोकन किया जा सकता है। प्रवेश हेतु विद्यालय आबंटन अनुसार संबंधित छात्र,छात्राएं विद्यालय में 10 दिवस के भीतर प्रवेश लेना सुनिश्चित करें।
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सूरजपुर : जिला संयुक्त कार्यालय के सभा कक्ष में आज राजस्व विभाग की साप्ताहिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन ने की। इस दौरान उन्होंने जिले में लंबित राजस्व प्रकरणों की तहसीलवार विस्तृत समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी मामलों का निराकरण समय-सीमा के भीतर सुनिश्चित किया जाए।
कलेक्टर श्री जयवर्धन ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तत्परता और संवेदनशीलता बेहद आवश्यक है। उन्होंने सीमांकन, बंदोबस्त, त्रुटि सुधार, भू-अभिलेख, भू-अर्जन, वन अधिकार पट्टा नामांतरण, बंटवारा, खाता विभाजन सहित सभी प्रकार के लंबित प्रकरणों की प्रगति की गहन समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रकरणों के निराकरण में किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी सुनिश्चित करें कि आम जनता को समय पर न्याय मिले और उनकी राजस्व से संबंधित समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जाए। बैठक में सर्व एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर, भू अभिलेख अधिकारी,तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित राजस्व विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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शिविर के विस्तार से जनजातीय परिवारों को मिलेगा शासन के योजनाओं से लाभ
सूरजपुर : धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत जनजातीय समुदायों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं से जोड़ने के लिए 15 से 30 जून तक शिविर का आयोजन किया गया था। जिसमें सकरात्मक परिणाम मिला, परिणाम और बेहतर हो जिसके तहत पुनः शिविर का आयोजन जिले में 01 से 15 जुलाई तक आयोजित किया जाना है। जिसे सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सूरजपुर को नोडल अधिकारी तथा विकासखण्ड स्तर पर संबंधित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को नोडल अधिकारी एवं मण्डल संयोजको को सहायक नोडल अधिकारी बनाये गए है।
शिविर का आयोजन विकासखण्ड भैयाथन में 01 से 03 जुलाई तक ग्राम बैजनापुर, सावांरावां, गोविन्दगढ़, खाड़ापारा, घोंसा एवं तरका में, 04 से 06 जुलाई तक ग्राम पटियाडांड, चौनपुर, मोहली, केवटाली में, 07 से 09 जुलाई तक ग्राम चंद्रपुर, पहाड़ अमोरनी, पलमा, चन्द्रमेढ़ा एवं कटिन्दा में, 10 से 12 जुलाई तक ग्राम गंगोटी, कुर्रीडीह, कुसमुसी एवं सुन्दरपुर में, 13 से 15 जुलाई तक ग्राम बुंदिया, धरमपुर, लक्ष्मीपुर, सुदामानगर, सोनपुर एवं राई में किया जाना है।
विकासखण्ड ओडगी में शिविर का आयोजन 01 जुलाई को ग्राम बेगारीडांड, दवेढी, कांतिपुर, सेमरा एवं विशालपुर में, 02 से 03 ग्राम तक पेंडारी, पासल, खैरा, कछिया, खोहिर, कोल्हुवा एवं उमझर में, 04 से 05 जुलाई ग्राम तक केसर, छतौलिबिजो, खोड़, इंजानि, टमकी, मसनकी में, 06 जुलाई को ग्राम कुप्पा, लांजित, मयूरधक्की, चिकनी में, 07 से 08 जुलाई तक ग्राम खड़ौली, रैसरा, रैसरी, जाज एवं करौटी-बी में, 09 से 10 जुलाई तक ग्राम माड़र, भकुरा, भांडी, दवनसरा, दवना एवं टोमो में, 11 जुलाई को ग्राम छतरंग, पालकेवरा, घुईडीह एवं बड़वार में, 12 जुलाई को ग्राम कर्री, चपदा, कुप्पी एवं धरसेडी में, 13 से 15 जुलाई तक कालामांजन, गिरजापुर, कुदरगढ़, बभना एवं पालदनौली में किया जाना है।
विकासखण्ड प्रतापपुर में शिविर का आयोजन 01 से 02 जुलाई तक ग्राम भेल कच्छ, रमकोला, बरपटिया, दुलदुली, बोंगा, गोविंदपुर, नरोला, धुम्माडांड एवं धुरिया में, 03 जुलाई को ग्राम डांडकरवां, धोधा, गोर्वधनपुर, रामपुर, चांचीडांड-2, रेवटी, पहाडकरवां, भेडिया एवं बटई में, 04 जुलाई को ग्राम गोरगी, गिरिया, जजावल, अंजनी, पकनी, देवरी, मायापुर, डोमहत, सेमई, दरहोरा, नवाधक्की, चन्दौरा एवं घाटपेण्डरी में, 05 जुलाई को ग्राम लोलकी, खुंशी, पहिया, मानी, बरौल, अमनदोन, करंजवार, सरहरी, खोरमा एवं डुमरखोली में, 06 जुलाई को सेमराकलां, सिलौटा शिवपुर, सौतार, खैराडीह, खुजरी एवं बैकोना में, 07 से 08 जुलाई तक ग्राम चांडीडांड, टुकुडांड, , पडीपा, सोनपुर, मसगा, नवाडीह, कनकनगर, बुढ़ाडांड, बरबसपुर, करसी, मकनपुर एवं सिलफिली में, 09 से 10 जुलाई तक ग्राम गणेशपुर, मदननगर, धरमपुर, बगड़ा, पलढा, माडीडांड, कोटेया, गौरा, सिंघरा, मानपुर, गोटगावा में, 11 जुलाई को पंपापुर, केरता, जगन्नाथपुर, खडगवाकला, चन्द्रपुर, सुखदेवपुर बोझा में, 12 जुलाई को सोनगरा, श्यामनगर, सकलपुर, शंकरपुर, मायापुर, झिंगादोहर, बंशीपुर, दुरती, मरहटा, सेंधापारा, पंडरीडांड एवं कोरंधा में, 13 से 15 जुलाई तक केंवरा, पार्वतीपुर, दवनकरा, परमेश्वरपुर, हरिहरपुर, माटिगढ़ा, सेमराखुई, पोड़ी, सत्तीपारा, सिंगरी में किया जाना है।
विकासखण्ड प्रेमनगर में शिविर का आयोजन 01 से 02 जुलाई तक गौरीपुर, नवापाराकला, खजूरी, कनकपुर में, 03 जुलाई को कंचनपुर एवं अन्नापूर्ण में, 04 से 05 जुलाई तक ग्राम चंदनगर, अभयपुर, सलका, नमना में, 06 जुलाई को ग्राम सारसताल में, 07 जुलाई को ग्राम नवापाराखूर्द एवं दुर्गापुर में, 08 से 09 जुलाई तक हरिहरपुर, महेशपुर, लक्ष्मणपुर एवं रामेश्वरनगर में, 11 से 12 जुलाई तक ग्राम तारा, शिवनगर, मेण्ड्रा एवं कांटारोली में , 13 से 15 जुलाई तक कोतल, उमेश्वरपुर, पार्वतीपुर, लक्ष्मीपुर, वृन्दावन, अनन्तपुर एवं बकालो में किया जाना है।
विकासखण्ड रामानुुजनगर में शिविर का आयोजन 01 से 02 जुलाई तक ग्राम पटना, आमगांव, कोट, साल्ही, चन्दरपुर, तेलसरा, बिशुनपुर, सागरपुर एवं रामपुर में, 03 से 04 जुलाई तक ग्राम पम्पानगर अक्षयपुर, द्वारिकापुर, गोकुलपुर, लब्जी, केशवपुर, रामेश्वरम, दवना, सरईपारा में, 05 से 06 जुलाई तक परशुरामपुर, राजापुर, मोहनपुर, सेन्दुरी एवं पतरापाली में, 07 से 08 जुलाई तक ग्राम गणेशपुर, पंचवटी, रामतीर्थ, हनुमानगढ, बरबसपुर एवं परमेश्वरपुर में, 09 से 10 जुलाई तक धनेशपुर, कललपुर एवं गोविन्दपुर में, 11 से 12 ंजुलाई तक तिवरागुडी, मकरबंधा, पिवरी एवं बकना में, 13 से 15 जुलाई तक ग्राम जगतपुर अर्जुनपुर मदनपुर, छिदिया एवं पवनपुर में किया जाना है।
विकासखण्ड सूरजपुर में शिविर का आयोजन 01 से 03 जुलाई तक ग्राम देवीपुर, नयनपुर, चंपनगर, चंदरपुर, पतरापारा, नवगई एवं सरस्वतीपुर में, 04 से 06 जुलाई तक ग्राम करमपुर, कसकेला, बिहारपुर, पार्वतीपुर, जुडवानी में, 07 से 10 जुलाई तक ग्राम भरतपुर, मानी, पोड़ी, जोबगा, लाछा, केतका, बेलटिकरी, लांची एवं गेतरा में, 11 से 13 जुलाई तक ग्राम तुलसी मोहनपुर, हरिपुर, मंजीरा,छतरपुर, रामेश्वरपुर एवं पोडिपा में, 14 से 15 जुलाई तक ग्राम पंडोनगर, पहाडगांव, गोरखनाथपुर, आमागांव संबलपुर एवं सोनवाही में किया जाना है।
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सूरजपुर : छ.ग. राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, रायपुर के निर्देश पर जिले में सड़क एंव सड़क जैसी परिस्थिति में रहने वाले बच्चों का सर्वेक्षण किया गया। जिला कलेक्टर श्री एस.जयवर्धन के आदेश पर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री रमेश साहू के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में इस प्रकार के बच्चों का सर्वेक्षण सूरजपुर के सभी 8 हॉटस्पॉट सहित अन्य विभिन्न स्थानों में चिन्हांकन एवं रेस्क्यू हेतु अभियान चलाया गया ।
उक्त संयुक्त टीम के द्वारा किराना दुकान, होटल, गैरेज, ईंट भट्टा एवं कारखानों में निरीक्षण किया गया। जिसमें भिक्षावृत्ति में संलिप्त, बाल श्रम में लगे, घुमन्तु बच्चे, स्कूल ड्रॉप आउट बच्चों की पूछताछ की गई उपरोक्त सर्वेक्षण में सूरजपुर विश्रामपुर, प्रेमनगर, रामानुजनगर, भैयाथान, भटगांव, जरही स्थानों का सर्वेक्षण किया गया। कार्यक्रम 12 जून से 30 जून तक सर्वेक्षण किया गया, सर्वेक्षण कार्य महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई, श्रम विभाग, पुलिस विभाग, चाईल्ड लाईन सम्मिलित है। उक्त चिंहाकन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री मनोज जायसवाल, श्रीमती अंजनी साहू सामाजिक कार्यकर्ता, पवन धीवर आउटरीच वर्कर, चाईल्ड लाईन से जनार्दन यादव, दिनेश यादव, रमेश साहू, प्रकाश राजवाडे, श्रम विभाग से श्री एम पी कादरी, पी एस एक्का, डोलामणी मांझी श्रम निरीक्षक एवं विवेक गुप्ता, ललित दुबे नगर सैनिक एवं पुलिस विभाग से श्री हरी शंकर सिंह उपस्थित रहे।
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सूरजपुर : कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री रमेश साहू के मार्गदर्शन में संयुक्त टीम लगातार बाल विवाह रुकवा रही है। वर्तमान प्रकरण में ग्रामीणों द्वारा सूचना दी गई कि एक 17 वर्षीय नाबालिग बालिका का विवाह रिस्तेदारो द्वारा उसके गांव से अन्यत्र उसकी बुआ के यहां ले जाकर विवाह कराया जा रहा है। जिसका सत्यापन आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक से कराने पर शिकायत की पुष्टि होने पर जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी को दी गई, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री रमेश साहू के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में संयुक्त टीम जिला बाल संरक्षण इकाई, चाईल्ड लाईन, महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस बालिका के बुआ के घर पहुची। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने बालिका के साथ उनके परिजनों को समझाईस दिया गया और बताया गया कि इतनी छोटी बच्ची का विवाह नहीं होना चाहिए बच्ची कक्षा 8 वीं तक की पढाई की है। उसे अभी स्कूल में पढ़ाई कराया जाना चाहिए और 18 वर्ष की हो तभी विवाह किया जाये। बाल विवाह के दुष्परिणामो एवं कानुनो केे बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। समक्षाईस पश्चात मौके पर यह बाल विवाह न करने हेतु बालिका का कथन, पंचनामा, बुआ, फूफा का कथन तैयार किया गया। बाल विवाह हो जाने की शंका पर बालिका को बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत करने हेतु पंचनामा बनाकर रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष के निर्देश पर सखी वन स्टाप सेंटर सूरजपुर में संरक्षित किया गया।
जांच के द्वौरान बालिका कि बुआ द्वारा यह बताया गया कि इसी मंडप में अपने बेटे का विवाह कर रहे है बालक के दस्तावेज की भी जांच की गई बालक की उम्र अभी 18 वर्ष पूर्ण नहीं हुआ है। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि बालक को एक 26 वर्षीय महिला द्वारा 2019 से बहला फुसलाकर प्रेम संबंध स्थापित कर विवाह कर अपने साथ रख कर लैगिक शोषण किया गया है। जिससे महिला गर्भवती हो गई एवं एक बालक को जन्म दी है। परिवार वालो द्वारा बालक एवं महिला का घर मे पुनः विवाह कराया जा रहा है। बालक की उम्र अभी विवाह योग्य नहीं हुई है। उक्त प्रकरण में गीता लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की दोषी प्रतित होती है। जिस हेतु पंचनामा, गीता का कथन, बालक का कथन लिया गया। प्रकरण कार्यवाही हेतु लैगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं बाल विवाह प्रतिशेध अधिनियम 2006 के तहत जांच कर अपराध कायम करने हेतु थाना प्रभारी भटगांव को पत्र जारी किया गया है।
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सूरजपुर : कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन की अध्यक्षता में जीवन दीप समिति की बैठक आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई, जिसमें जिला चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।बैठक में सिविल सर्जन द्वारा जिला चिकित्सालय में उपलब्ध समस्त स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी गई। कलेक्टर ने जिला अस्पताल के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्था को बेहतर बनाने के निर्देश दिए। साथ ही जिला चिकित्सालय में आईसीयू यूनिट को क्रियाशील करने, प्राइवेट रूम की सुविधा आरंभ करने, पार्किंग शेड निर्माण, आयुष ओपीडी प्रारंभ करने तथा पंचकर्म चिकित्सा हेतु भवन की सुविधा पर विस्तृत चर्चा की गई। एमसीएच अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट के मरम्मतीकरण, सीसीटीवी कैमरों की स्थापना एवं पुराने कैमरों की मरम्मत, फिजियोथेरेपी यूनिट में सुविधाएं बढ़ाने तथा आधार-आधारित उपस्थिति प्रणाली लागू करने जैसे विषयों पर भी समीक्षा की गई। इसके अतिरिक्त NextGen e-Hospital, NQAS (नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड) प्रोत्साहन राशि पर भी विचार-विमर्श किया गया। कलेक्टर ने अस्पताल परिसर की साफ-सफाई, भवनों की मरम्मत एवं निर्माण कार्य की स्थिति की जानकारी ली।
बैठक में जीवन दीप समिति की आय-व्यय की स्थिति की भी विस्तृत समीक्षा की गई और संसाधनों के प्रभावी उपयोग पर बल दिया गया।
कलेक्टर श्री जयवर्धन ने निर्देशित किया कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ एवं जनसुलभ बनाया जाए। चिकित्सालयों में चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ पूर्ण हों ताकि आमजन को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा सुलभ हो सके। उक्त बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सूरजपुर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग (भ./स.), कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, कार्यपलन अभियंता छ.ग. विद्युत मंडल विभाग, कार्यपालन अभियंता सी०जी०एम०एस०सी० सरगुजा संभाग, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, आवासीय चिकित्सा अधिकारी, स्त्री रोग विशेषज्ञ,आयुष चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, अस्पताल प्रबंधक, मेट्रन, नर्सिंग सिस्टर उपस्थित थे।
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-स्वास्थ्य विभाग को मौसमी बीमारियों के संबंध में आवश्यक तैयारी करने व दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के दिये निर्देश
-समय सीमा की बैठक संपन्न
सूरजपुर : कलेक्टर श्री एस.जयवर्धन ने आज समय-सीमा की बैठक में विभागीय कामकाज की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के सहायक आयुक्त को छात्रावास/आश्रम में स्वच्छता, स्वास्थ्य व सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए।बच्चों को संतुलित, स्वच्छ, पौष्टिक भोजन व शुद्ध पेयजल दिया जाए इस हेतु संबंधित को रेगुलर मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों के नियमित चेकअप के निर्देश दिए व बीमारी की स्थिति में तुरंत चिकित्सक सेवा उपलब्ध कराने की बात कही ।उन्होंने छात्रावासों / आश्रमों में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिये विशेष फोकस करने की बात कही। उन्होंने छात्रावास/ आश्रम की दीवारों पर महत्वपूर्ण जानकारियों के प्रदर्शन के निर्देश भी दिए गये । उन्होंने मौसमी बीमारियों के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने की बात कही ।उन्होंने स्वास्थ्य विभाग व अन्य संबंधित अधिकारियों को मौसमी बीमारियों के संबंध में आवश्यक तैयारी करने व दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि डायरिया, डेंगू, मलेरिया एवं फाइलेरिया से बचाव ही सावधानी है। कलेक्टर ने नागरिकों से अपील कि है कि बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए मौसमी बीमारियों के प्रति आवश्यक सावधानी रखें एवं सुरक्षात्मक उपायों का पालन करें।
उन्होंने नगरीय निकाय क्षेत्रों में सीएमओ को साफ-सफाई करने के निर्देश दिए। इसके साथ उन्होंने शिक्षा विभाग से पुस्तक व गणवेश वितरण की अद्यतन जानकारी ली और शीघ्रातिशीघ पुस्तक व गणवेश के शत प्रतिशत वितरण के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू, अपर कलेक्टर श्री जगन्नाथ वर्मा, सर्व एसडीएम व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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-ओड़गी के ग्राम पंचायत घूर एवं चपदा में पण्डो बस्ती का किया भ्रमण
-राजस्व अधिकारी व जनपद सीईओ को कहा वांछित दस्तावेज सभी को कराये उपलब्ध
-स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करने हेतु दिये आवश्यक दिशा निर्देश
सूरजपुर : कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन एवं एसडीएम ओड़गी द्वारा आज जनपद पंचायत ओड़गी अंतर्गत ग्राम पंचायत घूर एवं चपदा में स्थित पण्डो बस्ती का निरीक्षण किया गया। इस दौरान कलेक्टर ने क्षेत्र का निरीक्षण कर स्थानीय रहवासियों से सीधा संवाद किया। भ्रमण के दौरान कलेक्टर ने बस्ती में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं जैसे पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, राशन वितरण एवं आवास आदि की वस्तुस्थिति का जायजा लिया। पंडों के बीच बैठकर उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा की, शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है कि नहीं पूछा व बच्चों को नियमित स्कूल भेजने की बात कही। राजस्व अधिकारियों व जनपद सीईओ को निर्देशित किया कि इनके सभी वांछित दस्तावेज बनाये (जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड इत्यादि )। स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त हो इसके लिये संबंधितों को निर्देशित किया। ग्रामीणों को पानी उबाल कर पीने की सलाह दी ताकि पानी जनित रोग से बचा जा सके। उन्होंने लोगों से उनकी समस्याएं पूछी और अधिकारियों को संबंधित विषयों पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए। साथ ही कलेक्टर ने ग्रामीणों को शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ ले इस हेतु अपील की।
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महासमुंद : जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी के निर्देशानुसार जिले के 24 कार्यालयों में इन हाउस मॉडल के अनुसार आधार केन्द्र संचालन हेतु 26 आधार संचालक/ऑपरेटर का चयन किए जाने के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया था। निर्धारित अंतिम तिथि तक कार्यालय को कुल 116 आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। कुल प्राप्त आवेदनों में से 73 आवेदन पात्र एवं 43 आवेदन अपात्र पाए गए हैं। जिसकी सूची तैयार कर ली गई है।
पात्र/अपात्र की सूची का अवलोकन जिला कार्यालय एवं जिले की अधिकृत वेबसाईट https://mahasamund.gov.in पर किया जा सकता है। जिस भी आवेदक को पात्र/अपात्र सूची में आपत्ति हो तो वे स्वयं कक्ष क्रमांक 22, सी.जी. स्वान कक्ष जिला कार्यालय महासमुंद में उपस्थित होकर 04 जुलाई 2025 को शाम 05.00 बजे तक दावा आपत्ति आवेदन जमा कर सकते है।
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महासमुंद : महासमुंद के रमनटोला निवासी श्री परमानंद साहू जो कि एक ठेकेदार एवं सप्लायर है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सौर पैनल सिस्टम आज से तीन माह पूर्व स्थापित कराया है। उन्होंने बताया कि सोलर सिस्टम स्थापित किए जाने के बाद 24×7 निर्बाध बिजली की आपूर्ति हो रही है। अब बारहों महीने बिजली की आपूर्ति होगी। आंधी-तूफान या अन्य मौसमी आपदा में भी उन्हें बिजली मिलती रहेगी। उन्होंने बताया कि अब उनका बिजली बिल शून्य ही नहीं बल्कि माइनस हो गया है, और उन्हें क्रेडिट यूनिट का भी लाभ मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई “पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना“ आम नागरिकों के लिए ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित हो रही है। इस योजना का उद्देश्य देश के आवासीय परिवारों को अपनी बिजली स्वयं उत्पन्न करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके अंतर्गत 3-5 किलोवाट तक के सोलर रूफटॉप सिस्टम पर केंद्र सरकार द्वारा 78,000 रुपए तथा राज्य सरकार द्वारा 30,000 रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस पहल से न केवल आम जनता को आर्थिक राहत मिल रही है, बल्कि अक्षय ऊर्जा को भी बढ़ावा मिल रहा है। महासमुंद जिले के अनेक नागरिक इस योजना का लाभ उठा रहे हैं और अपने अनुभव साझा कर रहे हैं।
श्री साहू ने कहा कि यह योजना वास्तव में आम जनता के लिए लाभकारी पहल है। इससे न केवल बिजली खर्च से राहत मिली है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देने का अवसर मिल रहा है। हर परिवार को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए। इस योजना से नागरिकों को फायदा ही फायदा है। उन्होंने बताया कि उनके मोहल्ले में 10-12 घरों में सौर ऊर्जा से उनके घर रोशन हो रहे हैं। जिले में 142 हितग्राहियों छत पर सोलर सिस्टम स्थापित किया गया है। जिससे उनके घर रोशन हो रहे हैं। उन्होंने इसे सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल बताते हुए इस योजना का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं लोगों को योजना का लाभ उठाने प्रेरित कर रहे हैं।
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कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक
जशपुरनगर : पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा हेतु मंगलवार को कलेक्टर रोहित व्यास की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभाकक्ष में बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक में कलेक्टर ने दुलदुला ग्राम पंचायत को मॉडल ग्राम के तहत विकसित करने के लिए बनाई गई कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा की। इसके तहत गांव में वेस्ट पार्क निर्माण, तरल अपशिष्ट प्रबंधन, वृक्षारोपण, स्वच्छता कार्यों आदि के प्रबंधन, संचालन एवं निर्माण योजना पर चर्चा की गई।
कलेक्टर ने ग्रामीण सचिवालयों के नियमित संचालन पर जोर देते हुए नोडल अधिकारियों को नियमित रूप से सचिवालयों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने नियमित निरीक्षण ना करने वाले अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस देने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सचिवालयों में प्राप्त आवेदनों पर निराकरण की स्थिति का जायजा लेते हुए सभी आवेदनों का समाधानकारक निराकरण सुनिश्चित करने को कहा।
इस अवसर पर कलेक्टर ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वसहायता समूहों की आजीविका गतिविधियों को बढ़ाकर समूहों की महिलाओं के आर्थिक संबल को प्रदान करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही समूह गठन एवं उनके बैंक लिंकेज कार्य को भी तीव्र गति से संचालित करने को कहा। मनरेगा योजनांतर्गत समयानुसार भुगतान, कार्यों की जियो टैगिंग, सेग्रिगेशन शेड निर्माण, समाजिक अंकेक्षण आदि कार्यों को पूर्ण करने को कहा। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत कार्यों की पूर्णता की गति बढ़ाने के लिए निर्देश दिए।
पीएम जनमन योजनांतर्गत आवास निर्माण के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए कलेक्टर ने आवास मित्रों, पंचायत जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों के साथ बैठक लेकर आवास निर्माण के कार्य को तीव्र गति से बढ़ाने को कहा। अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों के सुचारू संचालन के लिए उन्होंने सभी शामिल ग्रामों में योजनांतर्गत आवश्यक व्यवस्था कर केंद्र संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित वृद्धावस्था एवं दिव्यांग पेंशन के डिजिटाइजेशन के कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण करने को कहा। इसके तहत हितग्राहियों के आधार सीडिंग का कार्य करवाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर सहायक कलेक्टर अनिकेत अशोक, सभी जनपद सीईओ सहित विभिन्न योजनाओं के अधिकारी उपस्थित रहे।
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कलेक्टर ने राजस्व विभाग के अधिकारियों की ली समीक्षा बैठक
जशपुरनगर : जिला कार्यालय सभाकक्ष में मंगलवार को कलेक्टर रोहित व्यास की अध्यक्षता में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कलेक्टर ने सभी सीमांकन, बटांकन आदि राजस्व प्रकरणों के प्राप्त आवेदनों पर चर्चा करते हुए। सभी तहसीलों में आवेदन प्राप्त करते हुए प्रकरणों को तुरंत ऑनलाइन दर्ज करने के निर्देश दिए साथ ही आवेदकों के द्वारा आवेदन प्राप्ति के समय दिनांक अवश्य दर्ज करने एवं निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश दिए।
समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने सभी तहसीलों में लंबित प्रकरणों की ऑनलाइन जांच करते हुए प्रकरणवार राजस्व अधिकारियों से उन पर चर्चा की और समय पर सभी के निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने कार्य न करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर त्रुटि सुधार, खाता विभाजन, बटांकन, आधार प्रविष्टि, डिजिटल हस्ताक्षर से सत्यापित अभिलेख, मोबाइल नम्बर प्रविष्टि, किसान किताब प्रविष्टि, नक्शा अद्यतनीकरण, लंबित पटवारी प्रतिवेदनों आदि की समीक्षा की गई।
इस दौरान समस्त शासकीय विभागों को विकास कार्यों हेतु भूमि आबंटन एवं सामाजिक संगठनों को कार्यों हेतु भूमि आबंटन की स्थिति पर चर्चा की गई। जिसमें कलेक्टर द्वारा प्रकरणवार चर्चा करते हुए सभी के त्वरित निराकरण के निर्देश दिए। पीड़ित क्षतिपूर्ति एवं भू अर्जन के मामलों पर प्रकरणवार चर्चा करते हुए सभी में प्रक्रिया पूर्ण कर निराकरण करवाने के लिए कहा। इस बैठक में सहायक कलेक्टर अनिकेत अशोक, एसडीएम प्रदीप राठिया, ऋतुराज सिंह बिसेन, नंदजी पांडे, ओंकार यादव, डिप्टी कलेक्टर विश्वास राव मस्के सहित सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार, रीडर एवं अन्य अधिकारी वर्चुअली शामिल हुए।
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जशपुरनगर : कलेक्टर श्री रोहित व्यास के निर्देश पर खनिज रेत के अवैध भण्डारण पर सख्त कार्यवाही जारी है। इसके तहत खनिज रेत के अवैध भण्डारण की रोकथाम हेतु खनिज अधिकारी के नेतृत्व में अमला द्वारा जशपुर जिला अंतर्गत विभिन्न क्षेत्र में मौका जांच किया गया। जिसमें खनिज रेत के अवैध भण्डारण करने वालों पर खान और खनिज विकास एवं विनियमन 1957 की धारा में उल्लेखित प्रावधानों के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है।
जिला खनिज अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया की इस माह लोदाम क्षेत्र के ग्राम साईटांगरटोली, जिसमें 160 ट्रैक्टर (480 घ.मी.) रेत तथा ग्राम पोड़ी, जिसमें 150 ट्रैक्टर (450 घ.मी.) रेत के अवैध भण्डारण का प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार आगे भी जिले में खनिज के अवैध भण्डारण संबंधित मामले की नियमित जांच कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
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जशपुरनगर : जशपुर जिले में 01 जून से अब तक 3009.5 मिमी वर्षा हो चुकी है। जिले में बीते 10 वर्षों की तुलना में 01 जुलाई तक की स्थिति में 1559.8 मिमी औसत वर्षा हुई है। बीते दिवस जिले में 161.5 मिमी वर्षा हुई है। भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 01 जून से अब तक तहसील जशपुर में 356.7 मिमी, मनोरा में 441.7 मिमी, कुनकुरी में 373.9 मिमी, दुलदुला में 197.6 मिमी, फरसाबहार में 253.4 मिमी, बगीचा में 312.1 मिमी, कांसाबेल में 315.3 मिमी, पत्थलगांव में 214.2 मिमी, सन्ना में 388.0 मिमी एवं बागबहार में 156.6 मिमी वर्षा हो चुकी है। सर्वाधिक वर्षा मनोरा तहसील में दर्ज की गई है।
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जिले में अब शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकों की संख्या शून्य हो गई है
युक्तियुक्तकरण के पश्चात 15 शिक्षक विहीन स्कूल में 34 शिक्षकों की गई पदस्थापना
जशपुरनगर : जिले में कभी शिक्षक विहीन रहे स्कूल अब शिक्षा की रोशनी से जग मगाने लगें हैं। युक्तियुक्तकरण के पूर्व जिले में 15 शिक्षक विहीन स्कूल थे। इसमें प्राथमिक शाला की संख्या 14 और हाई स्कूल की संख्या 01 थी। युक्तियुक्तकरण के उपरांत इन 14 प्राथमिक शाला में 28 और 01 हाई स्कूल में 06 शिक्षकों को दर्ज संख्या के मान से पदस्थ कर दिया गया है। शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार युक्तियुक्तकरण के पूर्व एकल शिक्षकीय प्राथमिक शाला की संख्या 262 थी। युक्तियुक्तकरण के बाद 262 शिक्षकों को दर्ज संख्या के मान से पदस्थ कर दिया गया है। जिले में अब शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय स्कूलों की संख्या शून्य हो गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप जिले में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के लिए शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का कहना है कि युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। इसको ध्यान में रखकर शालाओं और शिक्षकों का तर्कसंगत समायोजन किया गया है। जहां जरूरत ज्यादा है, वहां शिक्षकों का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो। उन स्कूलों को, जो कम छात्रों के कारण समुचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें नजदीक के अच्छे स्कूलों के साथ समायोजित किया गया है, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई का समान अवसर मिल सके। मनोरा विकास खंड के प्राथमिक स्कूल गीधा में शिक्षकों की पदस्थापना होने से स्कूल की रौनकता बढ़ गई, बच्चे उत्साह से स्कूल पहुंच रहे, अच्छे से पढ़ाई कर रहे और विभिन्न गतिविधियों में शामिल भी हो रहे हैं। युक्तियुक्तकरण से शिक्षा का स्तर सुधरेगा और हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को ज्यादा सशक्त बनाने के लिए किया गया है।छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और प्रत्येक विद्यार्थी को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की एक व्यापक और प्रभावशाली प्रक्रिया शुरू की है। इस पहल से दूरस्थ, आदिवासी व ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता और शिक्षा की गुणवत्ता का नया संतुलन कायम होगा।
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’हितग्राहीमूलक योजनाओं के आवेदनों पर संवेदनशीलता से करे कार्यः कलेक्टर श्री व्यास’
’जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति की त्रैमासिक बैठक का संपन्न’
जशपुरनगर : जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति की त्रैमासिक बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय और कलेक्टर श्री रोहित साय की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय ने बैंक अधिकारियों से ग्रामीण अंचलों में जागरूकता की कमी के कारण उत्पन्न होने वाली व्यवहारिक समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए, हितग्राहियों को शासकीय योजनाओं का लाभ सरलता से दिलाने के लिए संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने की अपील की।
उन्होंने सुझाव दिया कि खाताधारकों को परेशानी न हो, इसके लिए नया खाता खुलवाते समय ही आधार लिंकिंग और केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण कराई जाए। साथ ही, यदि किसी हितग्राही की मृत्यु हो जाती है, तो नामांकित व्यक्ति को बीमा अथवा योजना की राशि प्राप्त करने में किसी प्रकार की दिक्कत न आए, इस दिशा में सुधारात्मक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। श्री साय ने बीमा भुगतान में त्वरितता लाने और किसानों, स्व-सहायता समूहों एवं आम नागरिकों को बैंकिंग सेवाओं का लाभ सरलता से दिलाने हेतु बैंकों से उदार व सहयोगात्मक रुख अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जनहित को सर्वोपरि रखते हुए बैंकिंग प्रणाली को और अधिक सहज व लाभकारी बनाया जाए।
इस अवसर पर बैंकों के द्वारा बटईकेला और पंडरीपानी में नवीन बैंक शाखाओं के स्थल पर चर्चा करते हुए समिति द्वारा उसका अनुमोदन किया। इसके साथ ही अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई की आरा, छिछली और कुड़ेकेला में ग्रामीण बैंक शाखा भवन निर्माण अंतिम चरण में है। यहां पर कार्य जल्द शुरू कर दिया जाएगा। बैठक में बैंकों द्वारा सीएसआर मद से किए जाने वाले कार्यों पर भी चर्चा हुई। कलेक्टर ने बैंक के अधिकारियों को कोई भी संदेहास्पद लेनदेन होने पर इसे तत्काल पुलिस को सूचित करने, सुरक्षा गार्ड नियुक्ति के समय पुलिस वेरिफिकेशन करने और बैंकों में अच्छी क्वालिटी के सीसीटीवी लगाने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने बिहान समूहों के बैंक लिंकेज को तीव्रता से करने के साथ मुद्रा योजनांतर्गत अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने हेतु निर्देशित किया। कलेक्टर ने कहा कि बैंकों में नए खाते खोलते समय बेवजह कोई परेशानी ना हो इस पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति को कमजोर वर्गों के प्रति उदारता बरतने और स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने का कार्य प्राथमिकता के साथ करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री व्यास ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत दिए जाने वाले ऋण में उदारता बरतते हुए अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने इस संबंध में आने वाले व्यवहारिक परेशानियों को दूर करने के लिए अन्य विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने को कहा। उन्होंने क्रेडिट और जमा अनुपात को संतुलित करते हुए अधिक से अधिक हितग्राहियों को ऋण उपलब्ध कराकर लाभान्वित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही स्वनिधी योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, बिहान योजना सहित अन्य योजनाओं के अंतर्गत प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि जरूरतमंदों के साथ संवेदनशीलता से कार्य करने को कहा। कलेक्टर ने केंद्र और राज्य सरकारों को द्वारा चलाई जा रही योजनाओं जिसमें केवाईसी की आवश्यकता है उसे जल्द पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके अभाव में कोई भी हितग्राही योजनान्तर्गत लाभ लेने में वंचित ना हो।
कलेक्टर ने बैंकों द्वारा चलाये जा रहे आरसेटी कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों को विभिन्न विधाओं के तहत दिए जा रहे प्रशिक्षण कोर्स मिस्त्री वर्क, मकान निर्माण संबंधी प्रशिक्षण सहित अन्य रोजगारमूलक प्रशिक्षण देने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर लीड बैंक मैनेजर वाल्टर भेंगरा, आरबीआई एलडीओ श्री नवीन तिवारी, सहायक महाप्रबंधक नाबार्ड श्री मिलयोर बड़ा सहित सहित बैंकों के मैनेजर तथा सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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बेमेतरा : बेमेतरा जिले में जल संकट से निपटने और भूजल स्तर को बनाए रखने के उद्देश्य से ’’मोर गांव मोर पानी’’ महाअभियान के तहत जन सहभागिता पर आधारित व्यापक जल संरक्षण अभियान चलाया गया। इस अभियान के अंतर्गत जिले में लोगों की सहभागिता से 26 जून से 30 जून 2025 तक वृहद पैमाने पर जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया गया। अभियान के तहत बोरी बंधान एवं रिचार्ज पिट/सोखता गड्ढों जैसे वाटर रिचार्ज संरचनाओं का निर्माण प्राथमिकता से कराया गया। इस कार्य में जनप्रतिनिधियों, ग्राम पंचायत सचिवों, रोजगार सहायकों, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और ग्रामीण नागरिकों की सक्रिय भूमिका रही, जिसने अभियान को जनांदोलन का स्वरूप दे दिया।
अभियान की सफलता सुनिश्चित करने हेतु जिले के सभी विकास खंडों में क्लस्टर स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक और स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को जल संरक्षण तकनीकों की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभागियों को संरचनाओं के निर्माण की तकनीकी दक्षता भी प्रदान की गई, जिससे वे अपने गांवों में इन संरचनाओं को स्वप्रेरणा से निर्मित कर सकें। इस महाअभियान के परिणामस्वरूप जनभागीदारी से अब तक जिले में लगभग 110 बोरी बंधान और 915 रिचार्ज पिट/सोख्ता गड्ढों का निर्माण किया गया है। इन संरचनाओं के निर्माण से लोगों में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला और अब वे आगामी दिनों में और अधिक जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण के लिए स्वेच्छा से आगे आने को तत्पर हैं।
जनसहभागिता से चलाए जा रहे इस जल संरक्षण अभियान का दीर्घकालिक प्रभाव जिले के जलस्तर में सकारात्मक बदलाव के रूप में परिलक्षित होगा। यह पहल आने वाले वर्षों में स्थायी जल उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। जिला प्रशासन की यह अभिनव पहल, ग्रामीणों की सहभागिता और सामूहिक प्रयास से जल संकट के स्थायी समाधान की दिशा में एक प्रेरणादायी मॉडल प्रस्तुत करती है, जो अन्य जिलों के लिए भी अनुकरणीय बन सकती है।
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बेमेतरा : महिला एवं बाल विकास विभाग बेमेतरा द्वारा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना अंतर्गत बालिकाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के उद्देश्य से शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कुसमी, परियोजना-बेरला में आत्मरक्षा प्रशिक्षण एवं नगर पंचायत भिंभौरी में ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया।
यह कार्यक्रम कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री चन्द्रवेश सिंह सिसोदिया के निर्देशन तथा महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री सी.पी. शर्मा के मार्गदर्शन में संचालित हो रहा है। एक माह की अवधि वाले आत्मरक्षा प्रशिक्षण में द वर्सी मार्शियल आर्ट्स एंड सेल्फ डिफेन्स अकादमी बेमेतरा के मास्टर ट्रेनर भानु प्रताप द्वारा किशोरी बालिकाओं को आत्मरक्षा की तकनीकें सिखाई जा रही हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास भी सशक्त हो रहा है। साथ ही, भिंभौरी में 15 दिवसीय निःशुल्क ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण का शुभारंभ भी किया गया है, जिससे बालिकाएं स्वावलंबी बन सकें। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की पूजा-अर्चना से की गई।
इस अवसर पर बेरला परियोजना अधिकारी डॉ. विद्यानंद बोरकर, जिला मिशन समन्वयक श्री राजीव कुमार वर्मा, सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती रश्मि वर्मा, जेंडर विशेषज्ञ श्रीमती सेवन्तिका साहू, शासकीय विद्यालय के व्यायाम शिक्षक एवं स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रहे। आगामी समय में जिले के अन्य ग्रामों में भी इसी प्रकार के प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाने की योजना है, जिससे अधिकाधिक बालिकाएं लाभान्वित हो सकें।
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नगरीय प्रशासन विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष के अधोसंरचना मद से मंजूर की राशि
बलरामपुर : नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने बलरामपुर नगर पालिका में अधूरे स्टेडियम और टाउन-हाल के निर्माण कार्यों को पूर्ण करने कुल 09 करोड़ 02 लाख 18 हजार रुपए मंजूर किए हैं। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के अधोसंरचना मद से दोनों कार्यों के लिए ये राशि स्वीकृत की गई है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने बलरामपुर नगर पालिका में निर्माणाधीन स्टेडियम के शेष कार्यों को पूरा करने 05 करोड़ 51 लाख 20 हजार रुपए मंजूर किए हैं। विभाग ने बलरामपुर नगर पालिका में वार्ड क्रमांक-1 में प्रगतिरत टाउन-हॉल के शेष कार्यों को पूर्ण करने 03 करोड़ 50 लाख 98 हजार रुपए स्वीकृत किए हैं। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने गुणवत्ता एवं निर्धारित मापदंड सुनिश्चित करते हुए दोनों कार्यों को समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए हैं।