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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बलरामपुर : सड़को पर घुमंतु एवं असहाय पशुओं की सुरक्षा एवं देखभाल के लिए पशुपालन विभाग तथा रक्षा वेलफेयर फाउंडेशन के संयुक्त तत्वधान में संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में रेस्क्यू वाहन को रेड क्रास सोसाइटी के अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश जायसवाल एवं नगर पालिका बलरामपुर के अध्यक्ष श्री लोधीराम एक्का के द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री आर.एस. लाल, पशु पालन विभाग के उप संचालक डॉ. श्री शिशिर कान्त पाण्डेय एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा संस्था से जुड़े पदाधिकारी व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
रेस्क्यू वाहन के संबंध में जानकारी दी गई है कि वाहन नगरीय निकायों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों पर घायल, बीमार एवं आवारा पशुओं को रेस्क्यू वाहन उपचार एवं सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएगा। -
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बलरामपुर : संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं सह मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य नोडल एजेंसी, छत्तीसगढ़ रायपुर के निर्देशानुसार जिलों में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाना है, जिसके अंतर्गतएक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की अध्यक्षता में 12 सितम्बर 2025 दिन शुक्रवार को समय प्रातः 10.30 बजे से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय बलरामपुर के सभा कक्ष में आयोजित किया गया है। उक्त कार्यशाला में आयुष्मान कार्ड, आयुष्मान वय वंदन कार्ड पंजीयन सहित अन्य संबंधित विषयों पर तथा योजना के क्रियान्वयन व प्रगति के संबंध में चर्चा कि जाएगी। जिसमें जिले के समस्त शासकीय अस्पतालों के प्रभारी एवं आयुष्मान मित्र शामिल होंगे।
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बलरामपुर : जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, बलरामपुर द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय भारत सरकार के राइजिंग एंड एक्सीलरेशन एमएसएमई परफॉर्मेंस (रैंप) योजना अंतर्गत एमएसएमई उद्यमियों के वित्तीय सहायता एवं नये स्टार्टअप को एमएसएमई अंतर्गत प्रोत्साहित करने हेतु जिला पंचायत सभाकक्ष में इंडस्ट्री और बैंकर्स मीट का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का उद्देश्य उद्यमियों को बैंकिंग सेवाओं, ऋण योजनाओं में वित्तीय सहायता उपलब्धता से अवगत कराना और उनके समक्ष आने वाले वित्तीय चुनौतियों का समाधान सुनिश्चित करना था।
महाप्रबंधक श्री लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता द्वारा औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के प्रावधानों, अनुदान, छूट, रियायतों एवं आवेदन की सम्पूर्ण प्रक्रिया की जानकारी देते हुए प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाया गया तथा रैंप योजना के माध्यम से बैंकर्स और उद्यमियों को एक मंच पर सवालों का समाधान सुनिश्चित करने की व्यवस्था से अवगत कराया गया। कार्यशाला में जिले में औद्योगिक विकास की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए एमएसएमई उद्यमी, नये स्टार्टअप प्रतिभागी एवं महिला स्व-सहायता समूहों के प्रतिभागियों को औद्योगिक विकास नीति का लाभ लेने हेतु आवश्यक सुझाव एवं मार्गदर्शन दिया गया। अग्रणी बैंक प्रबंधक द्वारा बैंकिंग प्रक्रियाओं की जानकारी एवं एमएसएमई ऋण प्रकरणों मे बैंक की ओर से आने वाले कठिनाईयों का समाधान करने हेतु सुझाव दिया गया। अन्त्यावसायी अधिकारी श्री ओमप्रकाश साहू द्वारा विभागीय योजनाओं की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। इस अवसर पर एमएसएमई उद्यमियों/प्रतिभागियों के द्वारा अपनी शिकायतों को बैंकर्स के बीच रखा गया। जिसका निराकरण उपस्थित बैंक के अधिकारियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम में महाप्रबंधक द्वारा विभागीय योजनाओं, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना की जानकारी दी गई।
कार्यशाला में शाखा प्रबंधक, स्थानीय उद्यमी एवं व्यापारी/युवा प्रतिभागी एवं स्व-सहायता समूह के सदस्य शामिल रहे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्य के पर्यटन विकास की दिशा में विभिन्न श्रेणियों में महत्वपूर्ण पुरस्कारों की घोषणा
15 सितम्बर 2025 तक कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन
बलरामपुर : छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष 2025 के अवसर पर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड द्वारा राज्य में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े उत्कृष्ट कार्य करने वाले संस्थानों एवं व्यक्तियों को विश्व पर्यटन दिवस 27 सितम्बर 2025 के अवसर पर राज्य स्तरीय पर्यटन पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। पुरस्कारों का उद्देश्य राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना, नवाचार को प्रोत्साहित करना तथा पर्यटन क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान देने वाले श्रेष्ठ प्रयासों को सामने लाना है। इस वर्ष विश्व पर्यटन दिवस पर सर्वश्रेष्ठ होटल, सर्वश्रेष्ठ टूर ऑपरेटर, सर्वश्रेष्ठ जिला पर्यटन प्रोत्साहन पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्टार्टअप/उद्यमिता पुरस्कार, सीटीबी स्टार परफॉर्मर (सर्वश्रेष्ठ रिसॉर्ट) (केवल छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड की ईकाइयों के लिए), सीटीबी स्टार परफॉर्मर (पर्यटक सूचना केन्द्र) (केवल छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के पर्यटक सूचना केन्द्रों के लिए), सर्वश्रेष्ठ होमस्टे, सर्वश्रेष्ठ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, सर्वश्रेष्ठ इको-टूरिज्म साइट पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ एडवेंचर टूरिज्म को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। प्रत्येक पुरस्कार हेतु 11 हजार रुपये, स्मृति चिन्ह (मेमेंटो) एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। सभी श्रेणियों के पुरस्कार हेतु पात्र आवेदक 1 से 15 सितम्बर 2025 तक दिए गए लिंक पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
सर्वश्रेष्ठ होटल पुरस्कार 2025 के लिए https://forms.gle/eU6JLSjQdGBn7mne8
सर्वश्रेष्ठ पंजीकृत टूर ऑपरेटर पुरस्कार 2025 के लिए https://forms.gle/VLLyTHLF96GS6EubA, सर्वश्रेष्ठ जिला टूरिज्म प्रमोशन पुरस्कार 2025 के लिए https://forms.gle/456ijRfQVTpRf94s6, सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्टार्टअप/उद्यमिता पुरस्कार 2025 के लिए https://forms.gle/mWpzb4HUHB2Zo41u7 सीटीबी स्टार परफॉर्मर (सर्वश्रेष्ठ रिसॉर्ट) पुरस्कार 2025 के लिए https://forms.gle/XubAWH5a7TwtDR8e7, सीटीबी स्टार परफॉर्मर (पर्यटक सूचना केन्द्र) पुरस्कार 2025 के लिए https://forms.gle/iwtn7eexuvZEPSY99, सर्वश्रेष्ठ होमस्टे पुरस्कार 2025 के लिए https://forms.gle/chpSp7gKJUVb8HXS7, सर्वश्रेष्ठ सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर पुरस्कार 2025 के लिए https://forms.gle/mQCdJ1nxtxTxUSYW8, सर्वश्रेष्ठ इको टूरिज्म साइट पुरस्कार 2025 के लिए https://forms.gle/MYCZsxps2hZmipEp7 सर्वश्रेष्ठ एडवेंचर टूरिज्म पुरस्कार 2025 https://forms.glexkV2Ra5fNeukN1prr9 लिंक पर आवेदन कर सकते हैं।
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महासमुंद : मां बनना हर स्त्री के जीवन का सबसे बड़ा सुख है। परंतु इस सुख के साथ कई जिम्मेदारियाँ और चुनौतियाँ भी आती हैं। गर्भावस्था के दौरान शारीरिक कमजोरी, कामकाज का बोझ और आर्थिक अभाव अक्सर माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य पर असर डालते हैं। इन्हीं कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की जो गर्भवती माताओं के लिए संबल और वरदान बनकर सामने आई।
महासमुंद जिले की हजारों माताओं ने इस योजना का लाभ उठाया है। महासमुंद निवासी श्रीमती अंशुनी साय, रेखा देवांगन, राजकुमारी निषाद और तबस्सुम खातून जैसी हितग्राही महिलाओं का कहना है कि इस योजना से उन्हें न सिर्फ आर्थिक सहयोग मिला, बल्कि अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की हिम्मत और अवसर भी मिला। योजना से प्राप्त राशि से उन्होंने पौष्टिक आहार लिया और आज मां और शिशु दोनों स्वस्थ हैं। यही अनुभव वे अब अन्य गर्भवती माताओं के साथ भी साझा कर उन्हें इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग श्री टीकवेंद्र जटवार ने बताया कि इस योजना का मूल उद्देश्य यही है कि गर्भवती माताओं को पर्याप्त विश्राम और अच्छा पोषण मिले ताकि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें और आने वाली पीढ़ी मजबूत हो।वर्ष 2017 से शुरू हुई इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत पिछले तीन वर्षों में ही महासमुंद जिले की 19,036 गर्भवती माताओं को 6 करोड़ 32 लाख 84 हजार रुपये का लाभ दिया गया है। पंजीयन के बाद गर्भावस्था के सातवें माह में 3,000 रुपये और प्रसव के साढ़े तीन माह बाद बच्चे को टीका लगने के पश्चात 2,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं। यही नहीं, दूसरी डिलीवरी में यदि बालिका जन्म लेती है तो माताओं को 6,000 रुपये की विशेष प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है, एक पहल जो बेटियों के जन्म को सम्मान और सुरक्षा देती है।
यह योजना केवल आर्थिक सहायता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि मातृत्व का सम्मान है। यह एक ऐसा स्पर्श है, जो गर्भवती माताओं के चेहरे पर संतोष की मुस्कान और शिशुओं के भविष्य में स्वास्थ्य की नींव रखता है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ने वास्तव में माताओं के जीवन में उम्मीद, पोषण और सुरक्षा का उजियारा भरा है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बिलासपुर : छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) के सभागार में मनोरोग विभाग द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. लखन सिंह (चिकित्सा अधीक्षक) सिम्स, डॉ मधुमित्ता मूर्ति विभागाध्यक्ष निसचेतना, डॉ राकेश नहारेल विभागाध्यक्ष शिशु रोग डॉ. चन्द्रहास ध्रुव (अधीक्षक, बालक छात्रावास) एवं डॉ. ज्योति पोर्ते (अधीक्षक, बालिका छात्रावास) उपस्थित रहे। इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आत्महत्या रोकथाम दिवस की थीम “आत्महत्या पर वर्णन को बदलना है” निर्धारित की है।
कार्यक्रम का प्रस्तावना उद्बोधन मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ. सुजीत नायक ने दिया। इसके पश्चात् डॉ. गौरी शंकर सिंह एवं डॉ. राकेश जांगड़े ने Suicide Prevention and Management विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। अपने संबोधन में अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने आत्महत्या को समाज के लिए अभिशाप बताते हुए इसके कारणों एवं बचाव के उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बच्चों की सफलता का आकलन परीक्षा के अंकों से नहीं, बल्कि अर्जित ज्ञान से होना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को आत्महत्या न करने तथा इसके रोकथाम के लिए सक्रिय प्रयास करने की शपथ भी दिलाई। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने हर कठिन परिस्थिति में धैर्य एवं संयम बनाए रखने और आत्मबल बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को भी अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए इस पर विशेष ध्यान देने की अपील की। कार्यक्रम के दौरान मनोरोग विभाग के स्नातकोत्तर चिकित्सकों द्वारा लघु नाट्य का मंचन किया गया, वहीं बिलासा नर्सिंग महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी नाट्य प्रस्तुति देकर आत्महत्या रोकथाम का संदेश दिया। दर्शकों ने दोनों प्रस्तुतियों की सराहना की। अंत में विभागाध्यक्ष डॉ. नायक ने आभार प्रदर्शन किया और कार्यक्रम का समापन हुआ। सम्पूर्ण कार्यक्रम का सफल मंच संचालन डॉ. सुधांशु भट्ट ने किया। इस आयोजन को सफल बनाने में मनोरोग विभाग के डॉ. अंकित गुप्ता, डॉ. अंशुल गुप्ता, डॉ. प्रियांश, डॉ. अंकिता, डॉ. सत्यस्मिता, डॉ. तुलेश्वर, डॉ. आयुष, डॉ. अलीश, डॉ. किशन एवं सभी इंटर्न विद्यार्थियों का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
धान खरीदी, सड़क मरम्मत, मौसमी बीमारी के प्रति सजग रहें अफसर
अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण करने भेजें प्रस्ताव
जीवन स्तर में आया बदलाव ही योजना की सफलता का पैमाना
बिलासपुर : अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं जिले के प्रभारी सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ ने आज जिला अधिकारियों की बैठक लेकर राज्य शासन द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का मुख्य उद्देश्य लोगों को मदद देकर उनकी आमदनी का जरिया बढ़ाना है। योजनाओं की सफलता का मूल्यांकन भी इसी आधार पर किया जाये कि हितग्राहियों के जीवन स्तर में क्या बदलाव आया है। एक दफा मदद पाने के बाद उनमें इतना विश्वास पैदा हो जाये कि वह अपने दम पर कारोबार संभाल सके। बार-बार उसे सहायता के लिए सरकार या अन्य किसी का मुंह ताकने की नौबत नहीं होना चाहिए। कलेक्टर संजय अग्रवाल, एसएसपी रजनेश सिंह, नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल सहित जिला स्तरीय वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
श्री पिंगुआ ने लगभग डेढ़ घण्टे अधिकारियों की बैठक लेकर राज्य सरकार की फ्लैगशीप योजनाओं की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बिलासपुर सहित संम्पूर्ण छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि एवं इससे जुड़े कारोबार पर आधारित है। इसलिए किसानों एवं ग्रामीणों की आमदनी दो-गुनी करने के लिए इस सेक्टर पर ज्यादा जोर देना होगा। उन्होंने खेती-किसानी से जुड़े यूरिया एवं अन्य खाद की आपूर्ति और धान खरीदी की प्रारंभिक तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने खुशी जताई कि बड़ी संख्या में किसान अब सब्जी एवं नकदी फसलों की खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं। उन्होंने इनके सरप्लस उत्पादन के प्रसंस्करण के लिए स्थानीय स्तर पर कोई उद्योग की दिशा में पहल करने के निर्देश कलेक्टर को दिए। बताया गया कि फसलों की स्थिति अभी अच्छी है। यूरिया खाद की 1050 मीटरिक टन की खेप कल पहुंच रही है। सभी बांध एवं तालाब लबालब भरे हुए हैं। गिरदावरी का काम 90 फीसदी पूर्ण हो गया है। उन्होंने अभी से धान खरीदी की तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए। सभी पात्र किसानों का पंजीयन हो जाये, इसे देखें। बारदाना, परिवहन आदि सभी कार्य समय रहते कर लिया जाये। मौसमी बीमारियों की जानकारी से भी अवगत हुए और किसी भी हालात से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा कि मितानिनों के पास सभी मूलभूत दवाईयां रहंे और इनकी निरंतर आपूर्ति बनी रहनी चाहिए। टीकाकरण से एक भी बच्चा न छूटे और अस्पतालों में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र हमेश भरे रहने चाहिए।
एसएसपी रजनेश सिंह ने जिले में आगामी दिनों में आने वाले त्योहार, कानून व्यवस्था एवं नशे के विरूद्ध किये गये सख्त कार्रवाई के संबंध में बताया। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने ई-साक्ष्य के जरिए पुलिस, डॉक्टर एवं अन्य लोगों की न्यायालयों में पेशी के लिए की जारी तैयारियों की भी जानकारी ली। बैठक में उन्होंने निर्माण कार्य से जुड़े विभागों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बरसात की सीजन अब संपन्न होने जा रहा है। सड़क मरम्मत और पक्का पेच वर्क के लिए अभी से सभी तैयारियां कर ली जाये ताकि तत्काल काम शुरू की जा सके। श्री पिंगुआ ने जिले में अधूरी पड़ी सिंचाई योजनाओं को पूर्ण करने के राज्य सरकार के निर्देशों की जानकारी देते हुए इनका जल्द से जल्द प्रस्ताव भेजने को कहा है। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। उन्होंने जिले में शासकीय योजनाओं की प्रमुख उपलब्धियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि प्रभारी सचिव महोदय द्वारा इस बैठक में दिए गये दिशा-निर्देशों का पालन कर योजनाओं को तेजी से लागू करते हुए लोगों को लाभान्वित किया जायेगा।
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बिलासपुर : शासन की महत्वकांक्षी योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ‘‘मनरेगा’’ का मूल उद्देश्य ग्रामीण पंजीकृत श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर मांग के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराया जाना है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में बिलासपुर जिले के द्वारा 10 सितम्बर 2025 की स्थिति में प्रदेश में सर्वाधिक 27 लाख 67 हजार 874 मानव दिवस का सृजन किया गया है। जिले के 486 ग्राम पंचायतों में 77 हजार 938 पंजीकृत परिवारों के 1 लाख 27 हजार 337 सदस्यों को मांग के आधार पर रोजगार प्रदाय करते हुए उक्त 27 लाख 67 हजार 874 मानव दिवस का सृजन कराते हुए 6618.10 लाख रुपए का मजदूरी भुगतान किया गया है। उक्त मानव दिवस का सृजन हेतु ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आवास निर्माण, नवीन तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, डबरी निर्माण, रिचार्जपीट चेकडेन, वृक्षारोपण, नर्सरी, आंगनबाड़ी भवन इत्यादि कार्यों में रोजगार उपलब्ध कराया गया है। मनरेगा योजना के तहत बिलासपुर जिले में 27.67 लाख, कोरबा जिले में 25.07 लाख, कवर्धा जिले में 23.71 लाख, रायपुर जिले में 23.55 लाख, मुंगेली जिले में 23.33 लाख, सक्ती जिले में 22.84 लाख, बलरामपुर जिले में 21.73 लाख, राजनांदगांव जिले में 21.72 लाख, जशपुर में जिले में 20.01 लाख एवं बालोद जिले में 19.84 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया।
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चालू खरीफ सीजन में किसानों को 6636 करोड़ रुपए का
मिला ब्याज मुक्त ऋणकिसानों को 13.83 लाख मीट्रिक टन खाद और 4.72 लाख क्विंटल बीज वितरित
अब तक 961 मि.मी. से अधिक औसत वर्षा दर्ज
रायपुर : खरीफ सीजन 2025 में प्रदेश में 47.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान, मक्का, कोदो-कुटकी सहित विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है। खेतों में निदाई-कोड़ाई का कार्य तेजी से के साथ जारी है। इस खरीफ सीजन में राज्य सरकार ने 48.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का लक्ष्य रखा है। वहीं चालू खरीफ सीजन में किसानों को 6636 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण वितरित किया जा चुका है। ब्याज मुक्त ऋण वितरण से 14 लाख 96 हजार किसान लाभान्वित हुए है। इस वर्ष 7 हजार 800 करोड़ रूपए ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने किसानों को खेती-किसानी में सहुलियतें प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक सहयोग करने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किए हैं। उन्होंने किसानों को उनकी मांग के अनुसार सुगमता के साथ खाद का वितरण करने को भी कहा हैं। कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश के किसानों को अब तक 13.83 लाख मीट्रिक टन खाद और 4.72 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया जा चुका है। 08 सितम्बर 2025 की स्थिति में प्रदेश में प्रदेश में 961 मिमी से अधिक औसत वर्षा दर्ज की गई है, जबकि प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 1238.7 मिमी है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष खरीफ 2025 के लिए प्रदेश में 4.95 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 4.86 लाख क्विंटल बीज का भंडारण कर अब तक 4.72 लाख क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया गया है, जो मांग का 95 प्रतिशत है।
इसी प्रकार प्रदेश में इस खरीफ सीजन में 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उक्त लक्ष्य के विरूद्ध 16.04 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में भंडारण किया गया है। उक्त भंडारण के विरूद्ध 13.83 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का वितरण किसानों को किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 95 प्रतिशत है।
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बेमेतरा : उद्योग विभाग द्वारा आरएएमपी योजना के अंतर्गत जीईएम कार्यशाला का आयोजन 15 सितम्बर 2025 को प्रातः 11 बजे जिला कार्यालय स्थित दिशा सभा कक्ष में किया जाएगा। यह कार्यशाला जीईएम टीम रायपुर द्वारा आयोजित की जाएगी। इस कार्यशाला में जिला स्तरीय शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों को विभागीय निविदा प्रक्रिया हेतु जीईएम पोर्टल पर क्रेता के रूप में ऑनलाइन पंजीयन, निविदा दस्तावेज तैयार करने, प्रकाशित करने एवं निविदा खोलने की प्रक्रिया आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही एमएसएमईएस के विक्रेताओं को गेम जीईएम पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीयन, उत्पाद कैटलॉग बनाने तथा निविदाओं में भागीदारी हेतु आवेदन करने की प्रक्रिया का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। निर्धारित तिथि और समय पर कार्यशाला में सभी संबंधित शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों एवं एमएसएमई विक्रेताओं की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
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नशा मुक्ति के लिए ठोस कदम आवश्यक – कलेक्टर
बेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा कि अध्यक्षता मे आज कलेक्ट्रेट के दिशा सभाकक्ष में आज नारको को-ऑर्डिनेशन सेंटर एनकॉर्ड, सड़क सुरक्षा, नशा मुक्त भारत अभियान, पशु क्रूरता निवारण तथा नवीन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर एक महत्वपूर्ण समन्वय बैठक आयोजित की गई। बैठक मे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू भी उपस्थित थे। बैठक में पिछले माह लिए गए बिंदुओं और सुझावों की प्रगति की समीक्षा की गई और आगामी रणनीतियों पर चर्चा हुई। कलेक्टर ने नशीले पदार्थों के बढ़ते प्रचलन पर गहरी चिंता जताई और कहा कि युवाओं का भविष्य नशे की गिरफ्त में फँस रहा है, जिसे रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन मिलकर कठोर कदम उठा रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अब तक जिले में नशे के कारोबार से जुड़े कई व्यक्तियों पर कार्रवाई की गई है और मादक पदार्थ जब्त किए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि नशे के खिलाफ एक संगठित व समर्पित प्रयास ही स्थायी समाधान है।
शिक्षण संस्थानों में जागरूकता अभियान पर जोर
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में नशा विरोधी जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है। समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिए गए कि वे प्रचार-प्रसार और विशेष कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में नशे के दुष्प्रभावों को लेकर जागरूकता फैलाएँ। बैठक में जिला परिवहन अधिकारी श्री अरविंद भगत ने बताया कि जिले में राष्ट्रीय राजमार्गों और बेरला क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है। इन क्षेत्रों में ब्लैक स्पॉट चिन्हांकित कर आवश्यक सुरक्षा उपाय जैसे स्पीड ब्रेकर, संकेतक बोर्ड आदि लगाए गए हैं। कलेक्ट्रेट के सामने सड़क सुरक्षा को लेकर स्पीड लिमिट बोर्ड, डिवाइडर और मास्ट लाइट की व्यवस्था हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को पत्राचार करने की बात कही गई।
पशु क्रूरता पर सख्ती
बैठक में पशु क्रूरता निवारण के विषय पर भी चर्चा हुई। यह तथ्य सामने आया कि कुछ लोग पशुओं को इकट्ठा कर बध हेतु अन्य स्थानों पर बेचते हैं। इस पर पुलिस अधीक्षक श्री साहू ने कहा कि गश्त के दौरान ऐसी गतिविधियों पर कार्रवाई की जाएगी और यदि समय पर सूचना मिलती है तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। बैठक में अपर कलेक्टर डॉ. अनिल बाजपेयी, डीएसपी राजेश झा, आरटीओ भगत, आबकारी विभाग सहित समिति के अन्य सदस्य मौजूद रहे।
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औद्योगिक निवेश को मिलेगा नया आयाम – युवाओं के लिए बढ़ेंगे रोजगार अवसर
कलेक्टर शर्मा ने कहा – स्थानीय युवाओं के लिए तैयार होंगे नए अवसर
बेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा की अध्यक्षता में आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में उद्योग विभाग अंतर्गत जिला निवेश प्रोत्साहन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देना, स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहित करना तथा नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से संबंधित प्रस्तावों की गहन समीक्षा करना रहा।
बैठक में कलेक्टर शर्मा ने कहा कि बेमेतरा जिला कृषि प्रधान और संसाधन संपन्न क्षेत्र है, जहां खाद्य प्रसंस्करण, लघु उद्योग, एग्री-बेस्ड यूनिट्स, कोल्ड स्टोरेज, हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम और सर्विस सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। यदि इन अवसरों का सही ढंग से उपयोग किया गया तो जिले में रोजगार के अवसर दोगुने होंगे और स्थानीय युवाओं को बाहर पलायन नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उद्योग स्थापना की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और समयबद्ध बनाया जाए। एनओसी प्राप्ति, बिजली आपूर्ति, श्रम विभाग की औपचारिकताएं, पर्यावरण और वन विभाग की मंजूरियां जैसी प्रक्रियाएं एकल खिड़की (Single Window System) के माध्यम से तेज़ी से पूरी हों, ताकि निवेशकों को किसी तरह की बाधा का सामना न करना पड़े।
कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि प्रशासन निवेशकों और उद्यमियों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि उद्योगों की स्थापना से न केवल जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी बल्कि स्थानीय छोटे एवं मध्यम उद्यमियों को भी नए अवसर प्राप्त होंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी जिला निवेश प्रोत्साहन समिति की बैठक में सभी संभावित निवेशकों और उद्यमियों को आमंत्रित किया जाएगा। उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान कर विश्वास और पारदर्शिता का माहौल तैयार किया जाएगा।
कलेक्टर शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन योजनाएं निवेशकों के लिए बहुत उपयोगी हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत भूमि, बिजली, कर रियायत, प्रशिक्षण और वित्तीय सहयोग जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। उद्योग विभाग को निर्देशित किया गया है कि इन योजनाओं की जानकारी गांव-गांव और शहर-शहर तक पहुँचाई जाए, ताकि इच्छुक उद्यमी अधिक से अधिक लाभ ले सकें। बैठक में विभागीय अधिकारियों ने अब तक आए विभिन्न औद्योगिक प्रस्तावों की जानकारी प्रस्तुत की। निवेशकों को मिलने वाली रियायतों एवं सुविधाओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई। कलेक्टर ने सुझाव दिया कि जिले की खास पहचान और उत्पादों (जैसे धान, सब्ज़ी, दुग्ध उत्पाद, हस्तशिल्प) के आधार पर क्लस्टर आधारित उद्योग स्थापित किए जाएँ, जिससे स्थानीय किसानों और कारीगरों को प्रत्यक्ष लाभ हो। इस अवसर पर अपर कलेक्टर डॉ. अनिल बाजपेई, जिला उद्योग महाप्रबंधक श्री राकेश चौरसिया, प्रबंधक श्री लोकपाल खांडेकर सहित समिति के सदस्य एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बिलासपुर : जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा बिलासपुर अंतर्गत जिले में संचालित 06 पीएमश्री विद्यालयों में अंशकालिक स्पेशल एजुकेटर एवं 13 पीएमश्री विद्यालयों में अंशकालिक संगीत प्रशिक्षक की नियुक्ति की जाएगी। यह सेवाएँ आगामी 31 मार्च 2026 तक ली जाएंगी। इसके लिए पात्र एवं इच्छुक उम्मीदवारों से 16 सितम्बर 2025 तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
चयनित स्पेशल एजुकेटर को अधिकतम 20 हजार प्रतिमाह और संगीत प्रशिक्षक को 10 हजार रूपये का मानदेय प्रदान किया जाएगा। आवेदन के लिए स्पेशल एजुकेटर के लिए न्यूनतम योग्यता के रूप में प्राथमिक स्तर के लिए विशेष शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा तथा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्तर के लिए विशेष शिक्षा में स्नातक या बी.एड. की डिग्री अनिवार्य है। संगीत प्रशिक्षक के लिए संगीत में स्नातक डिग्री अनिवार्य है। आवेदक जिले में संचालित पीएमश्री विद्यालय में से किसी एक विद्यालय के लिए ही आवेदन कर सकते है।
इच्छुक अभ्यर्थी निर्धारित प्रारूप में अपना आवेदन 16 सितंबर 2025 तक जिला परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा, जिला पंचायत भवन, द्वितीय तल बिलासपुर में जमा कर सकते हैं। आवश्यक योग्यता के संबंध में जानकारी भी कार्यालय में चस्पा है जिसका अवलोकन किया जा सकता है। आवेदन पत्र सीधे स्वीकार नहीं किये जाएंगे। आवेदन पत्र डाक, स्पीड पोस्ट, कुरियर से ही स्वीकार होंगे। विस्तृत जानकारी, आवश्यक योग्यता, नियम एवं शर्तें तथा आवेदन पत्र का प्रारूप जिले की आधिकारिक वेबसाइट www.bilaspur.gov.in पर भी उपलब्ध है।
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जिला कार्यालय में एक ऐसा कोना, जहां महिलाएं सिर्फ कर्मचारी ही नहीं, एक बच्चे की मां भी हैं
बिलासपुर : बिलासपुर कलेक्टोरेट का जब सुबह 10 बजे दरवाजा खुलता है तब सैकड़ों कर्मचारियों के साथ 55 से अधिक महिलाएं भी कार्यालय में आती है। इस समय कुछ महिलाएं अकेली नहीं होती उनकी गोद में नन्हे बच्चों के रूप में एक और जिम्मेदारी होती है। जिला प्रशासन ने इन माताओं की जिम्मेदारी को समझा। इनकी भावनाओं को समझते हुए कलेक्ट्रेट में एक ऐसा कोना तैयार किया है जो सिर्फ महिलाओं और उनके बच्चों के लिए समर्पित है। जहां बच्चे मुस्कुराते है, महिलाएं सुकून से बैठती है और मातृत्व को एक गरिमामयी स्थान मिला है, इसे वात्सल्य कक्ष का नाम दिया गया है।
यह सिर्फ ईंट पत्थर से बना एक कमरा नहीं, यह मातृत्व का सम्मान है। एक ऐसा प्रयास जो बताता है कि महिला कर्मचारी सिर्फ कामकाजी महिला भर नहीं हैं, वो एक नन्हें बच्चे की मां भी होती है और उस भूमिका के लिए भी दफ्तर में जगह होनी चाहिए। कार्यालय में बहुत सी महिलाएं कार्यरत हैं, जिनमें कई शिशुवती माताएं भी है। उनके लिए दिन के 8-10 घंटे बच्चे से दूर रहना केवल पेशेवर जिम्मेदारी नहीं बल्कि भावनात्मक संघर्ष भी होता है।
इसी संघर्ष को समझते हुए जिला प्रशासन ने 8 मार्च 2025 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर वात्सल्य कक्ष का लोकार्पण किया। एक ऐसी जगह जहां कार्यरत महिलाएं अपने बच्चों को सुरक्षित और स्नेहिल माहौल में रख सकती है। महिलाएं आवश्यकता पड़ने पर भोजन के दौरान बच्चों को खाना खिला सकती है। कुछ देर आराम कर सकती है। घर और कार्यालय के काम को भी संभालती महिलाओं को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने की ये जिला प्रशासन की पहल बहुत ही सराहनीय है। इस वात्सल्य कक्ष में बच्चों की देखरेख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आशा यादव और सहायिका चमेली यादव करती है। यहां बच्चों के खेलने के लिए खिलौने, टीव्ही और शैक्षणिक चित्रकारी, आरामदायक फर्नीचर, एसी और पिंक टॉयलेट की सुविधा है। इसमें महिलाओं और बच्चों को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं की गई है। इसका निर्माण जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफ मद के प्रावधान अनुसार सक्षम समिति/शासी परिषद द्वारा अनुमोदन उपरांत किया गया है।
महिलाओं की आंखों में दिखता है सुकून -
कलेक्टोरेट में कार्यरत श्रीमती जूही सोम ने बताया कि यह पहल हमें एहसास दिलाती है कि हमारे मातृत्व को सम्मान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह हमारा कोना है, जहां हम अपने बच्चों को रखकर सुरक्षित महसूस करते है। उन्होंने बताया कि एक कामकाजी महिला के लिए नौकरी और बच्चों की परवरिश एक साथ करना चुनौती होती है। हमारी बरसों पुरानी मांग अब पूरी हुई है। पहले हमें या तो अवकाश लेना पड़ता था या बच्चों को कई और छोड़कर आना होता था जिससे हम अपने काम पर भी फोकस नहीं कर पाते थे। अब हम निश्चिंत होकर काम कर पाते है। इसी प्रकार श्रीमती रजनी तिवारी ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह पहल उनकी दैनिक चुनौतियों को समझने और उन्हें हल करने की दिशा में मिल का पत्थर साबित हुआ है। अब हम काम पर भी ध्यान दे पा रहे हैं और बच्चों को लेकर निश्चिंत भी है। मां के बनने बाद महिलाओं को बहुत कुछ छोड़ना पड़ता है किंतु इस वात्सल्य कक्ष में हमें हमारी दो दुनियाओं के बीच संतुलन दे दिया है।
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लगातार लोकप्रिय हो रही प्रधानमंत्री जी की ड्रीम योजना
बिलासपुर : प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के प्रति अब लोगों का रुझान बढ़ाने लगा है, अब घरेलू उपयोग के साथ ही उपयोगिता समझने पर लोग व्यावसायिक उपयोग के लिए भी इसका इस्तेमाल करने लगे हैं। योजना के तहत कोनी निवासी श्री ओम अग्रवाल ने अपने दो घरों की छत पर सोलर पैनल लगवाया है, बर्तन बनाने और बेचने के अपने व्यवसाय के लिए भी उन्होंने सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, उन्होंने बताया कि व्यावसायिक उपयोग के कारण बिजली की खपत काफी अधिक थी जिसके कारण बिल भी काफी अधिक आता था। पहले घरेलू उपयोग के लिए उन्होंने छह किलोवाट का सोलर पैनल लगवाया और इससे मिलने वाले लाभ को देखते हुए व्यावसायिक उपयोग के लिए 10 किलोवाट का सोलर पैनल लगवाया है जो उनके पु़त्र मुरली अग्रवाल के नाम पर है। उन्होंने बताया कि सोलर पैनल से हो रहे बिजली उत्पादन से अब उन्हें महंगे बिजली के बिल से राहत मिल रही है और उनके दोनों घरों का बिजली बिल काफी कम हो गया है। इस महत्वपूर्ण योजना के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार जताया है।
श्री ओम अग्रवाल के पोते संस्कार अग्रवाल ने बताया कि सूर्यघर योजना के विषय में जानकारी मिलने पर उन्होने सबसे पहले घरेलू उपयोग के लिए सोलर पैनल लगवाया जिससे उनका बिजली बिल शून्य हो गया। सोलर पैनल के लाभ को देखते हुए परिवार ने व्यावसायिक उपयोग के लिए भी इसे लगवाने का निर्णय लिया और दूसरे घर में 10 किलोवाट का सोलर पैनल लगवाया। दोनों सोलर पैनल लगवाने पर लगभग नौ लाख की लागत आई जिसमें से केंद्र और राज्य की सब्सिडी मिलाकर दो लाख सोलह हजार खाते में आ गए हैं। दोनों घरों की छत पर 16 किलोवाट का सोलर पैनल लगा है, जिससे हो रहे बिजली उत्पादन से प्रतिमाह बिजली बिल काफी कम हो गया है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत केवंल 1 बार निवेश करना है जिसके बाद 25 वर्षाे तक बिजली की आपूर्ति होती रहेगी। लंबे समय के लिए यह एक बेहद किफायती योजना है जिसमें मेंटेनेंस की सुविधा भी कम्पनी द्वारा दी जाती है। यह योजना ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने वाली है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह इस योजना को अपनाकर सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए बिजली के लिए आत्मनिर्भर बनें और पर्यावरण संवर्धन में अपना योगदान दें।
उल्लेखनीय है कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत शासन द्वारा शहरी एवं ग्रामीण घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को अपने घरों की छतों पर रूफ टॉप सोलर प्लाण्ट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उक्त स्थापित प्लाण्ट नेट मीटरिंग द्वारा विद्युत ग्रिड से जुड़ेगा जिससे उपभोक्ता द्वारा अपनी खपत से अधिक उत्पादित बिजली ग्रिड में सप्लाई हो जाती है। इससे न केवल उपभोक्ता के घर का बिजली बिल शून्य हो जाता है, बल्कि ग्रिड में दी गई बिजली के एवज में अतिरिक्त आमदनी भी मिल जाती है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से कम बिजली बिल, बिजली उत्पादन कर आत्मनिर्भरत और नवीन रोजगार का भी सृजन हो रहा है। इससे नवीनीकृत ऊर्जा स्त्रोत के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। शासन द्वारा इस योजना में 30 हजार रूपये से लेकर 78 हजार रूपये तक अनुदान भी दिया जाता है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता पीएम सूर्यघर डॉट जीओव्ही डॉट इन वेब पोर्टल अथवा पीएम सूर्यघर एप्प में पंजीयन करा सकते हैं।
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सूरजपुर : सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा राज्योत्सव 2025 के अवसर पर राज्य स्तरीय अलंकरण पुरस्कार हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इनमें पंडित रविशंकर शुक्ल सम्मान, यतियतन लाल सम्मान और अखिल भारतीय पुरस्कार महाराजा अग्रसेन सम्मान वर्ष 2025 शामिल हैं। निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र जिला कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत किए जा सकते हैं। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 22 सितंबर 2025 सायं 5.30 बजे तक निर्धारित की गई है। निर्धारित तिथि एवं समय के पश्चात कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
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-आत्मनिर्भरता की मिसाल बनी प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना
सूरजपुर : प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत बिश्रामपुर के कंदरई निवासी श्री रविन्द्र सिंह ने अपने घर की छत पर 03 किलोवाट क्षमता का रूफटॉप सोलर पैनल स्थापित कर एक मिसाल कायम किया है। अब वे न केवल मुफ्त बिजली का लाभ उठा रहे हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली उत्पादन कर उसे ग्रिड में भेजकर आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं। श्री रविन्द्र सिंह को इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार से लगभग 78000 एवं राज्य सरकार से 30000 की सब्सिडी प्राप्त हुई। सोलर पैनल से हो रहे उत्पादन के कारण उनका बिल शून्य हो चुका है। उन्होंने बताया कि योजना की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने ऑनलाइन पंजीयन कर योजना का लाभ लिया।
श्री रविन्द्र सिंह ने कहा, “यह योजना न केवल आर्थिक रूप से राहत देती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी हमारी भागीदारी सुनिश्चित करती है। अब हम हरित ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं, जिससे प्रदूषण भी कम हो रहा है।” उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे भी इस योजना से जुड़ें और बिजली के लिए आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने बताया कि पंजीयन की प्रक्रिया सरल है। पीएम सूर्यघर मोबाइल ऐप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकता है।प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना अब आम जनता के लिए बिजली आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सशक्त और क्रांतिकारी पहल बनती जा रही है।
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-17 सितंबर तक प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक आयोजित होगा शिविर
सूरजपुर : छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अवसर पर एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े की विशेष पहल पर जिले के ओड़गी विकासखंड के ग्राम पंचायत धरसेड़ी के पंचायत भवन में आज राजस्व शिविर का आयोजन किया गया।इस शिविर में राजस्व, वन एवं पंचायत विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे।
कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देशन में आज आयोजित शिविर में आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र के 40 प्रकरण प्राप्त हुए, जिनका मौके पर पटवारी प्रतिवेदन तैयार कर संबंधित आवेदकों को प्रदान किया गया। इसके अलावा वन अधिकार किसान किताब, श्रम विभाग से संबंधित तथा वन अधिकारी पत्र के लिए एक-एक आवेदन प्राप्त हुए। साथ ही ऑनलाइन त्रुटि सुधार हेतु 4 आवेदन भी प्राप्त हुए, जिन पर आवश्यकतानुसार कार्यवाही की गई।
उल्लेखनीय है कि शिविर 10 से 17 सितंबर तक प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक आयोजित होगा। शिविर में ग्रामीणों की राजस्व एवं भूमि संबंधी समस्याओं जैसे नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, जाति, निवास एवं आय प्रमाण पत्र आदि का निराकरण किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने क्षेत्रवासियों से अधिक से अधिक संख्या में शिविर में उपस्थित होकर लाभ लेने की अपील की है।
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-छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के उपलक्ष्य में वृद्धजनों को बांटे गये श्रवण यंत्र व सहायक उपकरण
सूरजपुर : सूरजपुर जिले में शबरी सेवा संस्था द्वारा संचालित स्नेह संबल वृद्धाआश्रम में आज वन मण्डल अधिकारी श्री पंकज कमल एवं समाज कल्याण विभाग की उपसंचालक द्वारा औचक निरीक्षण किया गया। इस अवसर वरिष्ठजनों से संस्था के संबंध में सामान्य चर्चा किया गया। छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव अंतर्गत तीन वरिष्ठजन को श्रवण यंत्र एवं छड़ी प्रदाय किया गया। इसके साथ ही वन मण्डल अधिकारी श्री पंकज कमल द्वारा वृद्धजनों को सप्रेम कम्बल व तौलिये का वितरण किया गया।
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जागरूक सूरजपुर : छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव 2025 के अंतर्गत ग्राम केतका के पंचायत भवन में आयुष विभाग द्वारा हर घर आयुर्वेद के बारे में लोगों को जागरूक किया गया। इस अभियान के तहत लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, इसके साथ ही लोगों को आयुष विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रम के बारे में बताया गया । हर घर आयुर्वेद के तहत औषधि युक्त पौधों , योग, पंचकर्म , के बारे में बताया गया साथ ही साथ ग्राम केतका से आए हुए ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक पद्धति के द्वारा किया गया इस स्वास्थ्य शिविर में 210 लोगों आयुर्वेद, और होमियोपैथी से लाभान्वित हुए, जिसमें उदार रोग ,वात रोग , डायबिटीज , हाइपरटेंशन,अर्थराइटिस, बवासीर, अन्य सामान्य व्याधियों पाई गई इस शिविर में डॉ. कुलदीप द्विवेदी डॉ., दिवाकर सिंह ,डॉ. अनीता पैकरा, डॉ. लीना प्रिय क्रिकेटर एवं दाऊ राम कंवर, प्रेम जांघेल ,भारत कंवर फार्मासिस्ट ,धन साय पी . टी.एस.उपस्थित रहे ।
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सूरजपुर : शासकीय नवीन महाविद्यालय चांदनी बिहारपुर में मतदाता जागरूकता अभियान के तहत नए मतदाता बनाने उन्हें जोड़ने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी और स्वीप प्रोफेसर नोडल धीरेंद्र कुमार जायसवाल के संचालन में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को मतदान करने और मतदाता बनकर उनका अधिकार जानने के बारे में बात कर छात्र-छात्राओं को उनके अपने परिवार मोहल्ला टोला गांव शहर तथा उनके अपने दोस्तों के माध्यम से जिला से लेकर छत्तीसगढ़ राज्य जहां कहीं भी उनके अपने जानने वाले हैं उनसे नए मतदाताओं को मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए प्रेरित करने का काम किया गया । इसी कड़ी में महाविद्यालय के अतिथि व्याख्याता सचिन कुमार मिंज पिंटू कुमार गुप्ता रामनिवास पटेल के द्वारा इस कार्यक्रम को व्यवस्थित करते हुए अधिक से अधिक संख्या में नए मतदाता जुड़े इसके लिए छात्र-छात्राओं के माध्यम से जुड़ने और मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए प्रेरित किया गया कार्यक्रम में अधिक संख्या में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही और कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका रही।
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सूरजपुर : जिला महिला सशक्तिकरण केंद्र (हब) महिला एवं बाल विकास विभाग, सूरजपुर के द्वारा भारत सरकार की योजना संकल्प अंतर्गत महिला केंद्रित विषयों पर 10 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान कलेक्टर श्री एस जयवर्धन के निर्देशन व जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री शुभम बंसल के मार्गदर्शन से 10 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान का आयोजन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिलफिली में किया गया जहां पर महिला सशक्तिकरण (हब) मिशन शक्ति के अंतर्गत जिला मिशन समन्वयक श्रीमती शारदा सिंह द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अंतर्गत बालिका भ्रूण हत्या, बाल विवाह, घरेलु हिंसा, सखी वन स्टाप सेंटर, टोल फ्री न० 181, 1098 एवं किशोरी बालिकाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी प्रदान की। साथ ही पोषण माह अंतर्गत किशोर बालिकाओ का सभी प्रकार के पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थाे की जानकारी दी गई एवं व्यक्तिगत सुरक्षा, नशे से दूरी से संबंधित जानकारी प्रदान की गई तथा बालिकाओ के स्वास्थ्य एवं शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए छात्राओ को पढाई में आगे बढ़ने हेतु प्रोत्साहित किया गया एवं । बढ़ते हुए साइबर क्राइम के बारे में भी बालिकाओ को अवगत कराया गया एवं सतर्क रहने की समझाइस दी गई।
कार्यक्रम में यूनिसेफ समन्वयक हितेश निर्मलकर भी बालिकाओं को महत्वपूर्ण जानकारी देने हेतु शामिल हुए साथ ही जेंडर विशेषज्ञ सलोमी कुजूर द्वारा बाल विवाह निषेध शपथ दिलवाई गई विद्यालय के प्राचार्य एवं शिक्षकगणों का पर्याप्त सहयोग प्राप्त हुआ जिससे कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ।
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सूरजपुर : शासकीय नवीन महाविद्यालय चांदनी बिहारपुर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 को एक दिवसीय कार्यशाला सह दीक्षारंभ संस्कार का आयोजन ग्राम सरपंच बिहारपुर श्रीमती फूलमती नवनियुक्त महाविद्यालय जनभागीदारी अध्यक्ष श्री कालीचरण कांशी , आयुर्वेद अस्पताल बिहारपुर के डॉ श्री आशीष शर्मा, बिहारपुर हायर सेकेंडरी विद्यालय के प्राचार्य श्री नारायण प्रसाद शर्मा, श्री योगेश पटेल फार्माशिष्ट की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित हुआ। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि महाविद्यालय प्राचार्य तथा अन्य विशिष्ट अतिथि ने माँ सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया। सभी अतिथियों का पुष्पागुच्छ से स्वागत उपरांत स्वागत उदबोधन में महाविद्यालय प्राचार्य ने एनईपी की जरुरत वर्तमान समय के विद्यार्थियों में उसकी प्रासंगिकता पर और कौशल विकास से अपना भविष्य उज्जवल करने जैसे विषयों पर अपनी बात रखी मुख्य अथिति ग्राम सरपंच ने सभी बच्चों को अच्छे पढ़ने की शुभकामनायें दी जनभागीदारी अध्य्ाक्ष श्री कांशी ने अपने उदबोधन में महाविद्यालय में बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने उनकी आवश्यकता पर खुद को खरा उतरने की बात की और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बहुआयमी पक्ष पर अपनाने हेतु सभी को बधाई दी उसी क्रम में डॉ शर्मा ने भारतीय ज्ञान परम्परा में आयुर्वेद के योगदान पर अपने विचार व्यक्त किए हायरसेकेंडरी प्राचार्य श्री शर्मा राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास हेतु बनाई गई आप अपने ज्ञान और कौशल से उक्त नीति को सार्थक बनाये महाविद्यालय
एनईपी नोडल अधिकारी श्री धीरेन्द्र कुमार जायसवाल सहायक प्राध्यापक वाणिज्य ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बहुआयामी पक्ष पर बिंदुवार चर्चा की विधार्थियो के तरफ से आये प्रश्नों का प्रतिउत्तर देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सैद्धांतिक, व्यावहारिक और प्रायोगिक पक्ष को स्पष्ट किया उक्त कार्यशाला में मंच संचालन सचिन मिंज अतिथि व्याख्याता इतिहास, टेक्निकल कार्य पिंटू गुप्ता अतिथि व्याख्याता समाजशास्त्र , रामनिवास पटेल अतिथि व्याख्याता हिंदी ने अनुशासन और अन्य पक्ष पर कार्य किया उक्त कार्यशाला में महाविद्यालय के अधिकाधिक छात्र छात्राएं उपस्थित थे।
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योजना के तहत शासन द्वारा सोलर आधारित बिजली उत्पादन पर दिया जा रहा है सब्सिडी
सूरजपुर : छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव पर जिले में पीएम सूर्यघर योजना के तहत हितग्राहियों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से आज सीएसपीडीसीएल सूरजपुर संभाग में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पीएम सूर्यघर रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस योजनान्तर्गत भारत के सभी घरों को सोलर आधारित बिजली उपलब्ध कराना है। इस योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फ़रवरी, 2024 को किया था। इस योजना के तहत, घरों को अपनी छतों पर सौर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी सौर पैनलों की लागत का लगभग 55 से 60: तक कवर करेगी। पीएम सूर्यघर योजना से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि जिले में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन की हॉफ बिजली बिल योजना में हाल ही में किए गए संशोधन के तहत अब घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर 50 प्रतिशत की रियायत मिलेगी। राज्य विद्युत वितरण कंपनी का दावा है कि इस निर्णय से जिले के लगभग 78 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं पर कोई असर नहीं होगा। सूरजपुर जिले के कुल 1 लाख 19 हजार 960 घरेलू उपभोक्ताओं में से 94 हजार 100 उपभोक्ताओं की मासिक खपत 100 यूनिट से कम है, जो प्रायः बीपीएल वर्ग से आते हैं।
ऐसे उपभोक्ता जिनकी खपत 100 यूनिट से अधिक है, उनके लिए केंद्र सरकार की पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना लाभकारी सिद्ध हो रही है। इस योजना में उपभोक्ता न केवल अपनी जरूरत की बिजली उत्पादित कर सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली बेचकर आमदनी भी अर्जित कर सकते हैं।
इसी कड़ी में आज सूरजपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रमणी पैकरा एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष स्वाति सिंह ने कार्यालय कार्यपालन अभियंता, सीएसपीडीसीएल सूरजपुर संभाग में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पीएम सूर्यघर रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
यह रथ आगामी एक सप्ताह तक जिले के विभिन्न ब्लॉक मुख्यालयों, गली-मोहल्लों और ग्रामीण इलाकों में घूमकर योजना से संबंधित जानकारी देगा। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक उपभोक्ता पंजीकरण कर इस योजना से जुड़ें और इसका लाभ उठाएं।
गौरतलब है कि सोलर प्लांट क्षमता 1 किलोवॉट जिसकी अनुमानित लागत 70000, कुल वित्तीय सहायता राशि 45000, सोलर प्लांट क्षमता 2 किलोवॉट अनुमानित लागत 140000 पर कुल वित्तीय सहायता राशि 90000, सोलर प्लांट क्षमता 3 किलोवॉट अनुमानित लागत 200000, पर कुल वित्तीय सहायता राशि 108000, सोलर प्लांट क्षमता 5 किलोवॉट अनुमानित लागत 324000 पर कुल वित्तीय सहायता राशि 108000, सोलर प्लांट क्षमता 10 किलोवॉट अनुमानित लागत 680000 पर कुल वित्तीय सहायता राशि 108000 प्रदान की जाएगी। -
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कोरिया : पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक नई पहल करते हुए झुमका वाटर टूरिज्म सोसायटी, बैकुण्ठपुर द्वारा झुमका जलाशय क्षेत्र में एक नग हाउस बोट के संचालन हेतु मुहरबंद प्रथम निविदा आमंत्रित की गई है। यह निविदा दो वर्ष के अनुबंध पर निर्धारित की गई है। इच्छुक निविदाकार 18 सितंबर 2025 तक 1000 रुपये नगद या बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से निविदा प्रपत्र प्राप्त कर सकते हैं। निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 18 सितंबर 2025 दोपहर 2 बजे निर्धारित की गई है। प्राप्त निविदाओं को उसी दिन दोपहर 3 बजे खोला जाएगा। हाउस बोट की संख्या 01 नग है। अमानत राशि 5 लाख रुपये है, मासिक किराया 1.4 लाख रुपये (समिति द्वारा निर्धारित) है। निविदा से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति झुमका वाटर टूरिज्म सोसायटी, बैकुण्ठपुर से संपर्क कर सकते हैं।