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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
योजना से कोनी निवासी श्रीमती संगीता तिवारी के घर का बिजली बिल हुआ आधा
बिलासपुर : प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से बिलासपुर की कोनी निवासी श्रीमती संगीता तिवारी के घर का बिजली बिल आधे से भी कम हो गया है। इस महत्वपूर्ण योजना के तहत सोलर पैनल लगवाने से अब उन्हें घर के बिजली बिल से राहत मिल रही है। इस योजना के जरिए आम लोगों को बिजली बिल की चिंता से न केवल मुक्ति मिल रही है बल्कि वे ग्रीन एनर्जी को अपनाकर पर्यावरण संरक्षण में भी अपना योगदान दे रहे हैं।
बिलासपुर के कोनी स्थित रिवर व्यू कॉलोनी में रहने वाली श्रीमती संगीता तिवारी के घर पर 10 किलो वाट का सोलर पैनल लगा है,श्रीमती संगीता तिवारी की बहू श्रीमती शालिनी तिवारी ने बताया कि पीएम सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना के तहत उनके घर की छत पर 10 किलोवाट का सोलर पैनल लगवाया गया है जिसकी लागत 5 लाख आई है। जिसमें शासन की ओर से योजना के तहत 78 हजार रुपए की सब्सिडी भी मिली है। उन्होंने बताया कि संयुक्त परिवार होने के कारण उनके घर पर बिजली की खपत बहुत ज्यादा थी उनके यहां प्रतिमाह से 8 से दस हजार रुपए तक का हर महीने बिजली बिल आता था। वहीं गर्मी के मौसम में बिजली का बिल भी काफी बढ़ जाता था। लेकिन घर की छत पर सोलर पैनल लगवाने से पिछले कुछ माह से बिजली बिल आधे से भी कम हो गया है। उन्होंने कहा कि शासन की इस योजना का सभी लोगों को लाभ उठाना चाहिए ऐसा करके लोग अपने पर्यावरण के लिए भी योगदान दे सकेंगे।उन्होंने लोगों से अपील की है कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ग्रीन उर्जा को बढ़ावा दें और अपने बिजली बिल की लागत खत्म करने के लिए इस योजना का लाभ जरूर उठाएं। उन्होंने इस योजना के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया।
पीएम सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना हेतु आवेदन की प्रक्रिया
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ता राष्ट्रीय सौर ऊर्जा पोर्टल https://pmsuryaghar.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए बिजली कनेक्शन नंबर, आधार कार्ड और छत की फोटो जैसी सामान्य जानकारियां अपलोड की जानी है। उपभोक्ता अपने नजदीकी बिजली विभाग में संपर्क कर भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना के तहत सोलर पैनल लगवाने पर ऋण का भी प्रावधान है।
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छत्तीसगढ़ राज्य वित्त सेवा अधिकारी संघ की वार्षिक आमसभा एवं स्नेह सम्मेलन: शामिल हुए वित्त मंत्री
रायपुर : वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ के नीति प्रबंधन और नियंत्रण में राज्य वित्त सेवा के अधिकारियों की सराहना की और कहा कि राज्य के वित्तीय प्रबंधन में वित्त अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने वित्त सेवा के अधिकारियों को पूरी ईमानदारी और सजगता से कार्य करने के लिए प्रेरित किया। वित्त मंत्री श्री चौधरी आज राजधानी रायपुर के न्यू-सर्किट हाऊस में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य वित्त सेवा अधिकारी संघ के वार्षिक आमसभा एवं स्नेह सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।
वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ राज्य वित्त सेवा अधिकारी संघ की विभिन्न मांगों पर आवश्यक पहल करने के लिए आश्वस्त किया। उन्होंने संघ की वेबसाईट का शुभारंभ तथा स्मारिका ‘सुनिधि‘ का विमोचन तथा सेवानिवृत्त अधिकारियों को शॉल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष, सेवानिवृत्त प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन श्री आर.एस. विश्वकर्मा ने की।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती शीतल शाश्वत वर्मा, विशेष सचिव वित्त विभाग, श्री चंदन कुमार, विशेष सचिव वित्त विभाग एवं श्री रितेश अग्रवाल, संचालक कोष एवं लेखा शामिल हुए। आमसभा एवं स्नेह सम्मेलन में सेवानिवृत्त वित्त अधिकारियों ने व्याख्यान दिए। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियाँ दी गईं। छत्तीसगढ़ राज्य वित्त सेवा अधिकारी संघ की अध्यक्ष डॉ. अल्पना घोष ने संघ का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और विभिन्न प्रस्तावों को सदस्यों के समक्ष रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। संघ के कोषाध्यक्ष श्री अनिल पाठक द्वारा संघ के आय-व्यय का विवरण सभा में रखा गया। संघ के सचिव श्री सचिन शर्मा द्वारा धन्यवाद प्रेषित करने के पश्चात् सम्मेलन का समापन हुआ।
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महासमुंद : जिलास्तरीय निषाद समाज के वार्षिक सम्मेलन में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने निषाद समाज के सामाजिक विकास के लिए 30 लाख रुपए देने की घोषणा की। सम्मेलन में महासमुंद की सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी ने भी समाज के उत्थान के लिए 5 लाख रुपए देने की घोषणा की। इस कार्यक्रम में गुंडरदेही विधायक श्री कुंवर निषाद, पूर्व राज्य मंत्री श्री पूनम चंद्राकर, नगर पालिका अध्यक्ष श्री निखिलकांत साहू, श्री येतराम साहू, श्री रवि निषाद, श्री नेहरू निषाद सहित समाज के अनेक गणमान्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि निषाद समाज का इतिहास और योगदान अत्यंत गौरवशाली है, और सरकार समाज के हित में निरंतर कार्य करती रहेगी। सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी ने अपने संबोधन में निषाद समाज के योगदान को महत्वपूर्ण बताया और समाज की एकता व प्रगति के लिए हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।कार्यक्रम में गुण्डरदेही विधायक श्री कुंवर निषाद भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। सम्मेलन के दौरान समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और सामाजिक एकता को मजबूत करने का आह्वान किया गया।
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बलरामपुर शहर में 10 किलोमीटर फोरलेन बायपास मार्ग बनाने दिया प्रस्ताव
अम्बिकापुर-रामानुजगंज-गढ़वा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-343 कॉरीडोर का निर्माण है प्रगति पर
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि विकास एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने आज नागपुर, महाराष्ट्र में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी से सौजन्य मुलाकात की। मंत्री श्री नेताम ने इस दौरान बताया कि निर्माणाधीन अम्बिकापुर-रामानुजगंज-गढ़वा राष्ट्रीय राजमार्ग कमांक-343 में कॉरीडोर योजना के लिए 397.44 करोड़ रुपये एवं 199.05 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
मंत्री श्री नेताम ने केंद्रीय मंत्री श्री गड़करी से आग्रह करते हुए कहा कि यह मार्ग अम्बिकापुर से रामानुजगंज होते हुए झारखण्ड को जोड़ने वाला अंतर्राज्यीय मुख्य मार्ग है। इस मार्ग से यात्री बसें, व्यावसायिक वाहन एवं आमजनों के आवागमन अधिक होने के साथ-साथ अति विशिष्टजनों का आवागमन भी होता है। इसी मार्ग पर बलरामपुर शहरी भाग स्थित है, जो कि जिला मुख्यालय है, जिसके दोनों ओर व्यवसायिक एवं आवासीय बसाहट है। सभी छोटे अथवा भारी वाहनों का आवागमन वर्तमान में शहरी क्षेत्र से होने के कारण आये दिन माल वाहकों से जाम की स्थिति एवं दुर्घटनाएं होती रहती है। मंत्री श्री नेताम ने बताया कि बलरामपुर शहरी क्षेत्र में आवागमन में होने वाली असुविधा को देखते हुए फोरलेन बायपास मार्ग अनुमानित लम्बाई 10 किलोमीटर की अत्यधिक आवश्यकता है। इसके निर्माण से आम नागरिकों के सुचारू आवागमन के साथ-साथ अन्तर्राज्यीय व्यवसाय एवं राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी।
मंत्री श्री नेताम ने केन्द्रीय मंत्री से बलरामपुर बायपास की स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। इसके लिए जिला बलरामपुर-रामानुजगंज के निवासी आपका हृदय से आभारी रहेंगे। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि भारत सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग भारत माला परियोजना के तहत दक्षिण छत्तीसगढ़ रायपुर से विशाखापट्टनम मार्ग का कार्य पूर्णता पर है। इससे प्रदेश के नागरिकों को सीधे दक्षिण भारत एवं महाराष्ट्र मुंबई की बेहतर आवागमन की सुविधा उपलब्ध होगी। इसी तर्ज पर भारत माला परियोजना के तहत उत्तर छत्तीसगढ़ को जोड़ते हुए रायपुर-बिलासपुर-अम्बिकापुर से वाड्रफनगर होते हुए बनारस (वाराणसी) तक रोड के बन जाने से सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के नागरिकों को उत्तर दक्षिण एवं पूर्व पश्चिम के सभी महानगरों से बेहतर आवागमन की सुविधा प्राप्त हो जाएगी। मंत्री श्री नेताम ने केन्द्रीय मंत्री श्री गडकारी से रायपुर-बनारस (वाराणसी) मार्ग को भारत माला परियोजना के तहत शामिल कर स्वीकृति प्रदान करने का अग्राह किया।
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कोरिया : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी असर दिखाने लगी है। कोरिया जिले के ग्राम तलवापारा में इस योजना का लाभ उठाकर कई परिवार अब सौर ऊर्जा के माध्यम से सस्ती और स्थायी बिजली प्राप्त कर रहे हैं। ग्राम तलवापारा निवासी श्री ओमप्रकाश राजवाड़े की पत्नी श्रीमती मंजूषा राजवाड़े ने बताया कि उन्होंने अपने घर में 3 किलोवाट की सौर ऊर्जा प्रणाली लगाई है, जिससे अब उनके बिजली बिल में उल्लेखनीय कमी आई है। पहले हर महीने 1600 से 1700 रुपये तक का बिल आता था, जो अब घटकर 400 से 500 रुपए हो गया है। श्रीमती राजवाड़े ने बताया कि उन्हें इस योजना की जानकारी समाचार पत्रों से मिली। इसके बाद उन्होंने स्थानीय बिजली कार्यालय जाकर पूरी जानकारी प्राप्त की और आवेदन किया।
इस योजना के अंतर्गत उन्हें बैंक से ऋण प्राप्त हुआ और सरकार द्वारा 78,000 रुपये की सब्सिडी भी दी गई। इससे उन्हें सौर यूनिट लगवाने में बहुत मदद मिली। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस योजना ने आम जनता को आर्थिक रूप से राहत दी है और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना का उद्देश्य देश के नागरिकों को सौर ऊर्जा का अधिकतम लाभ देना है, जिससे न केवल बिजली की बचत हो, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिले।जिले में इस योजना के सफल क्रियान्वयन से अब अन्य ग्रामीण भी प्रेरित हो रहे हैं और आवेदन की प्रक्रिया में जुटे हैं।
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सूरजपुर : आईआईएफटी और जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, सूरजपुर के संयुक्त तत्वाधान में निर्यात संवर्धन की संभावना को बढ़ावा देने एवं उद्यमियों को जागरूक करने तथा मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला, जिला पंचायत, सूरजपुर के सभाकक्ष में आयोजित किया गया । इस कार्यशाला में आईआईएफटी, कोलकाता के प्रमुख श्री के० रंगराजन एवं सलाहकार सुमाना दास ने पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से निर्यात हेतु पंजीयन की प्रकिया, विभिन्न देशों में निर्यातक वस्तुओं की संभावना एवं निर्यात हेतु तैयार किये जाने वाले दस्तावेज में होने वाली त्रुटियों की सूक्ष्मता से जानकारी दी गयी । उनके द्वारा दिये गये ऑकड़े के अनुसार सूरजपुर जिले के निर्यात किये जाने वाले वस्तुओं और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनके कीमतों की तुलना कर निर्यात से होने वाले लाभ के विषय में उद्यमियों को जानकारी दी गयी । कार्यक्रम में जिले के उत्पादों को अंतर्राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने के लिए संभावित उत्पादों, निर्यात प्रकिया, कस्टम नियमों, एमएसएमई ऋण सुविधा, ई-कॉमर्स और डिजिटल मार्केटिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई । कलेक्टर श्री एस० जयवर्धन ने कहा कि जिले में राईस मिलें अधिक संख्या में है, जिसे निर्यात किया जा सकता है। जिले के उद्यमियों को निर्यात हेतु प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमारे जिले से लघु वनोपज एवं कृषि उत्पाद का निर्यात किया जा सकता है ।
कार्यशाला में कलेक्टर, श्री एस० जयवर्धन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कमलेश नंदिनी साहू, जिला लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष, कलवंत गोयल, छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक अग्रवाल, रौनक जैन, लालमन साहू, शारदा गुप्ता, आलोक अग्रवाल, विनोद जिंदल, अतुल अग्रवाल, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, कोरिया के महाप्रबंधक, श्री मितवा बड़ा, जिला व्यापार एवं उद्योग, सूरजपुर के महाप्रबंधक श्री जयसिंह राज, प्रबंधक, श्री अवधेश कुमार कुशवाहा सहित कृषि, वन एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारीगण, चार्टर्ड एकाउंटेंट, स्व-सहायता समूह, कृषि उत्पादक संगठन, औद्योगिक इकाईयों के स्वामी एवं जिले के इच्छुक उद्यमी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
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सूरजपुर : पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना अभियान से ग्रीन एनर्जी मिशन को बढावा देकर पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने मे मदद होगी साथ ही रोजगार के नए अवसर पैदा करना है। भारत सरकार ने सौर रूफटॉप क्षमता की हिस्सेदारी बढ़ाने और आवासीय घरों को अपनी बिजली पैदा करने के लिए सशक्त बनाने के लिए 29 फरवरी, 2024 को मंजूरी दी है। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना केवल घरों को रोशन करने के लिए नहीं है बल्कि यह योजना सूरज की ऊर्जा को अपनाने के तेज और किफ़ायती तरीक़े के बारे में भी है। एक किलोवाट प्रणाली के लिए 30,000 रुपये, 2 किलोवाट प्रणाली के लिए 60,000 रुपये तथा 3 किलोवाट या उससे अधिक प्रणाली के लिए 78,000 रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इस योजना से बिजली के बिल में कमी, पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा स्वतंत्रता को बढ़ावा मिलेगा। यह योजना न केवल स्थायी ऊर्जा की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह हमारे पर्यावरण को बचाने की ओर भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
शासन द्वारा लाभार्थी को सब्सिडी प्रदान की जाएगीः- यह योजना भारत के घरों पर बिजली बिल की वित्तीय बोझ कम करने और पर्यावरणीय स्थिरता में भी योगदान देने की दिशा में एक व्यापक दृष्टिकोण पर काम करती है। इस योजना के तहत 2 किलोवाट क्षमता तक की प्रणालियों के लिए सौर इकाई लागत का 60 और 2 से 3 किलोवाट क्षमता के बीच की प्रणालियों के लिए अतिरिक्त प्रणाली लागत का 40 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है। सब्सिडी की सीमा 3 किलोवाट क्षमता तक सीमित रखी गई है।
पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना से 1 करोड़ लोगो को इस योजना के तहत लाभ मिलेंगा, इस योजना के तहत प्रतिमाह 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएँगी । सोलर पैनल खरीदने के लिए सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाएँगी द्य सरकार द्वारा बैंक से सोलर पैनल खरीदने के लिए लोन उपलब्ध कराने के लिए सहायता व मार्गदर्शन दिया जाएगा।
कौन ले सकता है लाभः- पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को छत्तीसगढ का मूल निवासी होना आवश्यक है। इस योजना में आवेदक का उम्र 18 वर्ष से अधिक होना चाहिए । इस योजना में मध्यम वर्ग एवं गरीब वर्ग को प्राथमिकता दी जाएगी । यह योजना वर्ग के लोगों के लिए मान्य है। आवेदक बैंक खाते से जुड़ा आधार कार्ड योजना, मूलनिवासी प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, बिजली का बिल, पासपोर्ट साइज़ फोटो, शपथ पत्र के साथ आय प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा। लोगों को अपनी जमीन या घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी मुहैया कराती है । इस योजना से लोगों को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे किसान और आम लोग अपने घरों के टॉप पर सोलर पैनल लगाकर बिजली बिल शून्य कर सकते हैं और सरप्लस एनर्जी बेचकर कमाई भी कर सकते हैं।
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सूरजपुर : माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा प्रकरण में पारित निर्णय के अनुक्रम में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का त्रुटिपूर्ण उम्र निर्धारण कर जेल में निरुद्ध किये जाने की संभावना होती है। कम उम्र के बच्चे जेल में निरुद्ध न हो इसके लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली से प्राप्त निर्देश के अनुक्रम में जिले में स्थित जेल में निरुद्ध बंदियों में यदि कोई 18 वर्ष से कम आयु का है तो उम्र सत्यापन किये जाने हेतु अनुविभागीय अधिकारी (रा0) सूरजपुर की अध्यक्षता में गठित जेल निरीक्षण पैनल द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (रा0) सूरजपुर एवं पैनल के सदस्यों द्वारा जिला जेल का निरीक्षण किया गया। जिला जेल सूरजपुर में जेल के सभी बंदियों से मुलाकात करवाया किया गया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल द्वारा जेल के बंदियों से 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे जेल में है क्या इस संबंध में जेल में निरुद्ध बंदियों से जानकारी ली गयी। जेल के 01 बंदी द्वारा अपनी आयु को लेकर शंका किया गया। जिस पर पैनल द्वारा बंदी की जानकारी लेकर उसके शैक्षणिक दस्तावेज जांच कर आयु के संबंध में पुष्टि की जावेगी। अन्य किसी भी बंदियों द्वारा अपनी आयु को लेकर कोई भी शंका व्यक्त नहीं कि गयी की उनकी आयु 18 वर्ष से कम है। जिससे कोई भी बंदी 18 वर्ष के कम आयु का नही पाया गया।
जेल में निरीक्षण के दौरान 01 बंदियों द्वारा उनके घर पर उनके बच्चों का देखभाल करने वाले नहीं है ऐसी जानकारी पैनल के समक्ष आयी। पैनल द्वारा उस निरुद्ध बंदी का नाम, पता लेकर संबंधित ग्राम में उन बच्चों के संबंध में जानकारी इकट्ठा की जावेगी। यदि बच्चों का देखभाल एवं संरक्षण करने वाले नहीं होंगे तो उन बच्चों को बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत करने की कार्यवाही की जावेगीं।
निरीक्षण के दौरान श्रीमती शिवानी जायसवाल अनुविभागीय अधिकारी सूरजपुर, श्री रमेश साहू जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग, श्री प्रियांक पटेल शिशु रोग विशेषज्ञ, श्री सलदेव सिंह आयाम जिला लोक अधियोजन अधिकारी सूरजपुर, श्री मनोज जायसवाल जिला बाल संरक्षण अधिकारी, श्री अखिलेश कुमार सिंह संरक्षण अधिकारी (संस्थागत) उपस्थित रहें।
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कोरिया : कोरिया जिले की सहकारी समितियों में खरीफ सीजन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शासन के लक्ष्यानुसार उर्वरक एवं बीज का पर्याप्त भंडारण किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, अब तक 11,552 किसानों ने समितियों से उर्वरक प्राप्त कर खेती में उपयोग किया है, वहीं बीज भंडारण भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिसका किसानों द्वारा निरंतर उठाव किया जा रहा है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष आज की तारीख तक उर्वरक भंडारण की मात्रा लगभग समान रही है।
डीएपी की विकल्प के रूप में सुझाव
जिले में कृषि विभाग ने किसानों के लिए उपयोगी विकल्प सुझाए हैं, जिससे कृषि कार्य बाधित न हो। डीएपी के स्थान पर किसान अन्य उर्वरक संयोजन का उपयोग कर सकते हैं, एनपीके 12ः32ः16, डीएपी 20ः20ः0ः13 या 1.5 बोरी यूरिया $ 2 बोरी सुपर फॉस्फेट विशेषज्ञों के अनुसार, इन संयोजनों से फसलों को आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं और उत्पादन प्रभावित नहीं होता।
कृषि वैज्ञानिकों द्वारा धान फसल के लिए फसल अवधि के अनुसार नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और अन्य पोषक तत्वों की संतुलित सिफारिशी मात्रा निर्धारित की गई है, जिसे किसानों को अपनाने की सलाह दी गई है। जल्दी पकने वाली देशी किस्मों के लिए लगभग 24 किग्रा नाइट्रोजन, मध्यम अवधि (126-140 दिन) की किस्मों के लिए 40 किग्रा नाइट्रोजन, लंबी अवधि (141 दिन से अधिक) और संकर किस्मों के लिए इससे अधिक मात्रा सिफारिश की गई है। इन पोषक तत्वों को अलग- अलग खादों जैसे यूरिया, सुपर फॉस्फेट और एनपीके के माध्यम से संतुलित तरीके से देने की सलाह दी गई है।
किसानों से अपील
उप संचालक कृषि श्री राजेश भारती ने किसानों से आग्रह किया है कि वे केवल शासन द्वारा पंजीकृत सहकारी समितियों से ही उर्वरक व बीज की खरीदी करें और संबंधित संस्था से पक्की रसीद अवश्य प्राप्त करें।
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बिलासपुर : राजीव निषाद मछुआ सहकारी सोसाइटी मर्यादित रैनपुर कर्रा के मतदाता सूची का प्रथम प्रकाशन कर दिया गया है। इस संबंध में दावा-आपत्ति 4 जुलाई 2025 तक कार्यालयीन दिवस में सोसाइटी कार्यालय के समक्ष प्रस्तुत किए जा सकते हैं। दावा-आपत्ति निराकरण पश्चात् मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 4 जुलाई को किया जाएगा।
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मौसमी बीमारियों से निपटने रहे अलर्ट
बिलासपुर : संभागायुक्त श्री सुनील जैन ने आज कमिश्नर कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग की संभागीय बैठक ली। बैठक में अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं, मौसमी बीमारियों की रोकथाम, अस्पतालों की व्यवस्थाएं, स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की गई। बैठक में संभाग के बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर-चांपा, कोरबा, रायगढ़, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, सक्ति एवं बिलाईगढ़-सारंगढ़ जिले के सीएमएचओ, डीपीएम एवं सिविल सर्जन शामिल हुए। संभागायुक्त ने डेंगू, मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मरीजों को गुणवत्तापूर्ण और समय पर इलाज उपलब्ध कराया जाए।
बैठक में संभागायुक्त श्री जैन ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए दवाईयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। राज्य एवं केन्द्र द्वारा संचालित स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों का बेहतर संचालन करें। आयुष्मान कार्ड बनाकर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करें। उन्होेंने मरीजों को प्रिंटेड पर्ची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। संभागायुक्त ने संस्थागत प्रसव में अपेक्षाकृत कम प्रगति पर मुंगेली जिले पर नाराजगी जताई। उन्होंने टीकाकरण एवं एनआरसी की भी समीक्षा की। महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से अधिक से अधिक बच्चों को एनआरसी में भर्ती कर उन्हें सुपोषित करने के निर्देश दिए। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूलों में अभियान चलाकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करने कहा। आयुष्मान भारत योजना के तहत वय वंदन कार्ड बनाने के निर्देश दिए। इसके अलावा अस्पतालों में ओपीडी, आईपीडी की भी समीक्षा की और जरूरी निर्देश दिए।
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हर बच्चे में है एक विशेष योग्यता,जरूरत है उसे निखारने की : कलेक्टर
बिलासपुर : कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल बिल्हा ब्लॉक के शासकीय प्राथमिक शाला मन्नाडोल के शाला प्रवेश उत्सव में शामिल हुए। उन्होंने नव प्रवेशी बच्चों को मिठाई खिलाकर प्रवेश दिलाया। उन्हें किताबें और गणवेश भी वितरित किए। उन्होंने बच्चों का तिलक से स्वागत करते हुए शुभकामनाएं दी। वर्तमान में सभी विद्यालयों में शासन के निर्देशानुसार शाला प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में शहर के मन्नाडोल में शाला प्रवेश उत्सव एवं नेवता भोज का कार्यक्रम रखा गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, सहायक कलेक्टर अरविंथ कुमारन डी,जिला मिशन समन्वयक ओम पांडे, सहायक परियोजना अधिकारी अखिलेश तिवारी, शहरी स्त्रोत समन्वयक वासुदेव पांडे, सेवानिवृत्ति एडीपीओ रामदत्त गौरहा, संकुल प्रभारी अजीत कुजूर,वार्ड पार्षद वैजयंती जोशी, शैक्षिक समन्वयक आशीष वर्मा,शैक्षिक समन्वयक बिजौर मनोज सिंह ठाकुर, शैक्षिक समन्वयक तिफरा सुनील पांडे एवं संकुल सिरगिट्टी के सभी प्रधान पाठक एवं शिक्षक उपस्थित थे।
कलेक्टर ने मन्नाडोल में अवर एम फाउंडेशन की ओर से कराए गए लगभग 17 लाख से निर्मित शाला परिसर में प्रधान पाठक कक्ष, मेंन गेट, बाउंड्री वॉल, चेकर टाईल्स, मध्यान भोजन कक्ष, पुस्तकालय, टॉयलेट यूरिनल आदि का उद्घाटन भी किया। स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां भी दी गई। विद्यालय के होनहार बच्चों ने ‘‘ऑपरेशन सिंदूर’’ के थीम पर देशभक्ति नृत्य से अतिथियों का अभिनंदन किया जिससे अधिकारी अभिभूत हो गए । शाला परिसर में वृक्षारोपण भी मुख्य अतिथियों द्वारा किया गया। ‘‘सांस हो रही है काम आओ पेड़ लगे हम’’ नारों के बीच न केवल पेड़ लगाया गया बल्कि उसे जिंदा रखने के लिए भी शपथ लिया गया।
कभी दो कमरों और 112 बच्चों के साथ संचालित होने वाली मन्नाडोल शाला आज 260 से अधिक बच्चों के साथ पर्याप्त कमरे लाइब्रेरी शौचालय स्मार्ट कक्षा के साथ संचालित हो रही है और यहां के बच्चों ने राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर शहर का नाम रोशन किया है। इस शाला के मोहल्ला क्लास को देखने शिक्षण विभाग के प्रमुख सचिव का भी आगमन हो चुका है। कलेक्टर, सीईओ और डीएमसी के द्वारा शाला का पूर्ण रूप से अवलोकन किया गया और शाला प्रबंधन की प्रशंसा की। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधान पाठक आर.आर. श्रीवास वरिष्ठ शिक्षक सत्यनारायण मिश्रा, कंचन झा विजयलक्ष्मी वैष्णव, मौसमी साहू, सरिता भार्गव, गंगोत्री साहू, उषा साहू एवं सफाई कर्मचारी प्रदीप साहू उपस्थित थे।
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बिलासपुर : प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य सौर ऊर्जा को घरों तक पहुंचाकर उपभोक्ताओं को आत्मनिर्भर बनाना है। इसके तहत सौर ऊर्जा अपनाने वाले नागरिकों को सब्सिडी प्रदान की जाती है। जिले में इस योजना से कई लोगों को फायदा हुआ है। बोदरी निवासी श्री अनुराग शर्मा ने अपने घर की छत पर 7 किलोवॉट का सोलर पैनल लगवाया, तब से उन्हें बिजली के बिल की फिक्र नहीं करनी पड़ती हैै। पहले जहां हर माह दो से पांच हजार का बिजली बिल दे रहे थे, वहीं अब बिल नहीं आ रहा है उल्टे अतिरिक्त बिजली भी उत्पादित हो रही है। सरकार द्वारा शुरू की गयी पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना अनुराग शर्मा जैसे कई लोगों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है। सूर्य की एनर्जी का इस्तेमाल कर लोग घरों की छत पर सोलर पैनल लगाकर इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
श्री अनुराग शर्मा ने इस योजना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए बताया कि उन्होंने अपनी छत पर 7 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाया है। इसके लिए उन्हें सरकार से 78 हजार की सब्सिडी भी मिली है। इससे उन्हें आर्थिक बचत हो रही है। वे कहते हैं कि पहले जहां हर माह दो से पांच हजार बिजली बिल देते थे वहीं अब बिजली बिल क्या होता है हम भूल ही गए हैं। यह बहुत ही अच्छी योजना है सभी को इसका फायदा लेना चाहिए।
पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना क्या है - इस योजना के अंतर्गत शासन द्वारा शहरी एवं ग्रामीण घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को अपने घरों की छतों पर रूफ टॉप सोलर प्लाण्ट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उक्त स्थापित प्लाण्ट नेट मीटरिंग द्वारा विद्युत ग्रिड से जुड़ेगा जिससे उपभोक्ता द्वारा अपनी खपत से अधिक उत्पादित बिजली ग्रिड में सप्लाई हो जाती है। इससे न केवल उपभोक्ता के घर का बिजली बिल शून्य हो जाता है, बल्कि ग्रिड में दी गई बिजली के एवज में अतिरिक्त आमदनी भी मिल जाती है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से अधिक आय, कम बिजली बिल और नवीन रोजगारों का सृजन होगा तथा नवीनीकृत ऊर्जा स्त्रोत के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। शासन द्वारा इस योजना में 30 हजार रूपये से लेकर 78 हजार रूपये तक अनुदान भी दिया जाता है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता पीएम सूर्यघर डॉट जीओव्ही डॉट इन वेब पोर्टल अथवा पीएम सूर्यघर एप्प में पंजीयन करा सकता है।
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बिलासपुर : विधायक श्री अमर अग्रवाल ने आज शहर के जगमल चौक में मूक बधिर एवं मंदबुद्धि दिव्यांग स्कूल का शुभारंभ किया। लगभग डेढ़ सौ बच्चे इस विशेष स्कूल में कक्षा पहली से आठवीं तक पढ़ाई कर रहे हैं। मुख्य अतिथि ने सभी बच्चों को संस्था की ओर से स्कूल बैग वितरित किये। समाजसेवी संस्था सुवाणी शिक्षण समिति द्वारा इस विशेष स्कूल का संचालन एवं बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जायेगी। कलेक्टर संजय अग्रवाल एवं संयुक्त संचालक समाज कल्याण विभाग श्रीमती श्रद्धा मैथ्यू भी इस मौके पर उपस्थित थी।
मुख्य अतिथि श्री अमर अग्रवाल ने रथयात्रा के पावन अवसर पर स्कूल का शुभारंभ करने के लिए प्रबंधन को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मूक बधिर एवं मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चे अक्सर विशेष जरूरतों एवं चुनौतियों का सामना करते हैं। उन्हें शिक्षा और विकास का अवसर प्रदान करने के लिए विशेष ध्यान और समर्थन की जरूरत होती हैै, जो कि इस विशेष स्कूल की स्थापना से संभव हो पायेगा। उन्होंने उम्मीद जताई की यह स्कूल इन विशेष योग्यता वाले बच्चों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद करेगा ताकि बच्चे जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें। इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने अतिथियों का स्वागत किया और उनके सम्मान में मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। इस मौके पर समाजसेवी श्री एसपी चतुर्वेदी, श्यामसुन्दर तिवारी, प्रशांत बुधिया, पवन अग्रवाल, सुरेन्द्र वर्मा, श्रीमती सरिता सिंह राधा फाउण्डेशन, स्कूल के प्राचार्य आरजे सिंह, पार्षद मोती गंगवानी सहित बड़ी संख्या में बच्चे, उनके पालक, स्कूल के शिक्षक एवं कर्मचारी तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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बेमेतरा : जिले की एकीकृत बाल विकास परियोजना बेमेतरा अंतर्गत वर्तमान में नवीन स्वीकृत पद एवं रिक्त पद हेतु आ.बा. सहायिका के पद पर शासन द्वारा निर्धारित निर्देश एवं मानदंडों के अनुसार नियमानुसार नियुक्ति किया जाना हैं। इसके अंतर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय जिला बेमेतरा के ग्राम बावामोहतरा पुराना वार्ड नंबर 12 के नया वार्ड 15 आगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक 2 पर सहायिका पद पर आवेदन आमंत्रित किया गया हैं।
आवेदन संबंधित नगरीय की आवेदिकाओ द्वारा आवेदन पत्र भरकर निर्धारित तिथि में 26 जून 2025 से 11 जुलाई 2025 तक एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय बेमेतरा वार्ड नं. 10/13 (सिंघौरी) बेमेतरा में कार्यालयीन समय 10ः00 से 5ः30 बजे तक सीधे अथवा पंजीकृत डाक द्वारा जमा किये जायेगे। निर्धारित तिथि के पश्चात् प्राप्त आवेदन स्वीकार नहीं किये जावेगे।
आंगनबाड़ी सहायिका के पद हेतु निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 8 वीं परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। आवेदिका की आयु 18 से 44 वर्ष के मध्य होना चाहिए। एक वर्ष या अधिक सेवा अनुभव रखने वाले अभ्यर्थियों को आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट दी जाएगी। आवेदिका को ग्रामीण क्षेत्रों में उसी नगरी वार्ड की स्थानीय निवासी होनी चाहिए जिस वार्ड में आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए विज्ञापन जारी हुआ है। तथा नगरीय क्षेत्र में उसी वार्ड की निवासी होनी चाहिए जिस वार्ड हेतु विज्ञापन जारी हुआ है। सभी आवश्यक दस्तावेजों की स्व-प्रमाणित प्रति के साथ आवेदन पत्र सम्बन्धित एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय में निर्धारित अंतिम तिथि तक सीधे अथवा पंजीकृत डाक के माध्यम से प्रस्तुत किया जा सकता है।
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बेमेतरा : बेमेतरा जिले के विभिन्न थाना/चौकी क्षेत्रों में आबकारी एवं अन्य मामलों में जब्त किए गए 12 वाहनों की नीलामी की प्रक्रिया 9 जुलाई 2025 को सम्पन्न होगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय, बेमेतरा से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह नीलामी प्रातः 11ः00 बजे से पुलिस थाना सिटी कोतवाली बेमेतरा परिसर में की जाएगी।
नीलामी हेतु वाहनों का निरीक्षण इच्छुक बोलीदाताओं द्वारा 9 जुलाई की सुबह 04ः00 बजे से किया जा सकेगा। नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को ₹2000 की पंजीयन शुल्क राशि जमा करनी होगी, जबकि ₹5000 की धरोहर राशि नगद के रूप में जमा करना अनिवार्य होगा।
नीलामी में भाग लेने के इच्छुक व्यक्ति 7 जुलाई 2025 तक कार्यालयीन समय में संबंधित अधिकारी से संपर्क कर पंजीयन करा सकते हैं। केवल समयसीमा में पंजीकृत व्यक्ति ही नीलामी प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे। वाहनों की नीलामी से पूर्व इच्छुक व्यक्ति थाना सिटी कोतवाली परिसर में आकर वाहन भी देख सकते हैं। इसके अतिरिक्त, नीलामी से संबंधित जानकारी थाना सिटी कोतवाली, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, तथा अन्य थाना/चौकियों में चस्पा नोटिस बोर्ड से भी प्राप्त की जा सकती है।
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बेमेतरा : छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा संचालित स्टेट प्लॉन ऑफ एक्शन कैलेंडर माह जून 2025 के तहत अध्यक्ष/प्रधान जिला न्यायाधीश श्री बृजेन्द्र कुमार शास्त्री जी के मार्गदर्शन में तथा श्रीमती निधि शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा द्वारा लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम एवं समस्त अधिकार मित्रों के लिए मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। उक्त बैठक में लीगल एड डिफेंस कौंसिल को सुहास चकमा बनाम भारत संघ (और अन्य) मामला व सतेन्द्र कुमार अंतिल मामले में निर्देशित बिंदुओं का पूर्णतः पालन किये जाने का आदेश दिया गया तथा सौंपे गए प्रकरणों मे उचित कानूनी जांच प्रभावी बचाव रणनीति की योजना बनाने, प्रत्येक माह नियमित रूप से जेल भ्रमण करने, विचाराधीन बंदियों के जमानत संबंधी आवेदन प्रस्तुत किये जाने की कार्यवाही के संबंध में चर्चा किया गया। साथ ही समस्त अधिकार मित्रों को नालसा और सालसा द्वारा संचालित योजनाएं, वरिष्ठजनों के अधिकार, मोटरयान दुर्घटना दावा प्रकरण अधिनियम, नालसा टोल फ्री नंबर 15100, हमर अंगना स्कीम के अंतर्गत घरेलू हिंसा अधिनियम, सचेत अभियान, जागृति योजना, संवाद योजना, डान योजना, निःशुल्क विधिक सहायता व कानूनी विषयों के संबंध में जानकारी प्रदान करने हेतु चर्चा किया। इसके साथ ही आगामी नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य प्रकरणों के निराकरण संबंधी जानकारी आम जनों को प्रदान कर व विधिक जागरूक्ता शिविर के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने हेतु निर्देश दिया गया।
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बेमेतरा : प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana) अब छत्तीसगढ़ में एक नए युग की शुरुआत हुई है। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को अब छत्तीसगढ़ राज्य सरकार का भी प्रत्यक्ष सहयोग प्राप्त हो गया है। इसका परिणाम है-डबल सब्सिडी का लाभ और हाफ बिजली से मुफ्त बिजली की दिशा में ठोस कदम। इस योजना से न केवल घरों में मुफ्त बिजली मिलेगी, बल्कि आमजन के मासिक खर्च में भी अभूतपूर्व कमी आएगी। इसके साथ ही अतिरिक्त बिजली की बिक्री से कमाई का नया अवसर भी खुलेगा। बेमेतरा जिले में माह मई 2025 तक 24 नागरिकों ने अपने निवास की छतों पर जरूरतें मुताबिक एक किलोवाट वाट से लेकर 6 किलोवाट तक सोलर पैनल लगवाए है।
यह लेख इस योजना के विभिन्न पहलुओं, इसके आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव तथा छत्तीसगढ़ की दृष्टि को विस्तार से समझने का प्रयास है।
1. योजना की मूल संरचना: क्या है पीएम सूर्य घर योजना
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना का उद्देश्य देशभर में आवासीय भवनों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर घर-घर स्वच्छ और निःशुल्क ऊर्जा पहुंचाना है। वर्ष 2024 में इसकी घोषणा के बाद से यह योजना पूरे भारत में लागू की जा रही है। अब छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इस योजना में अपनी हिस्सेदारी जोड़ दी है, जिसके तहत राज्य सरकार केंद्र द्वारा दी जा रही सब्सिडी के अतिरिक्त स्वयं की ओर से भी आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। इसका परिणाम है कि उपभोक्ताओं को डबल सब्सिडी का सीधा लाभ मिलेगा।
2. सब्सिडी से सशक्तिकरण: डबल सब्सिडी का लाभ
पूर्व में केंद्र सरकार इस योजना के अंतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने पर 60% तक की सब्सिडी देती थी। छत्तीसगढ़ सरकार अब इस सब्सिडी में अपनी भागीदारी जोड़कर उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान कर रही है। यानी, एक सामान्य 3 किलोवाट क्षमता वाले सोलर सिस्टम की लागत लगभग ₹1.5 लाख होती है, जिसमें अब उपभोक्ता को केवल ₹30,000-₹40,000 ही वहन करना होगा
3. आसान ऋण और सस्ती EMI: बिना बोझ के सोलर
छत्तीसगढ़ सरकार और बैंकिंग संस्थाओं के बीच हुए करार के तहत अब उपभोक्ताओं को 6.5ः की रियायती ब्याज दर पर 10 वर्षों के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध होगी। इससे मासिक ईएमआई बेहद कम हो जाएगी-इतना कम कि यह आपके मौजूदा मासिक बिजली बिल से भी कम हो सकता है।इसका अर्थ है कि उपभोक्ता हर माह बिजली का बिल देने के बजाय अब सोलर सिस्टम का ईएमआई देगा और कुछ वर्षों बाद जीवन भर मुफ्त बिजली का आनंद लेगा।
4. अतिरिक्त कमाई का अवसर: बिजली बेचो, आमदनी पाओसूर्य ऊर्जा से उत्पादित बिजली यदि आपके घर की खपत से अधिक है, तो वह अतिरिक्त बिजली राज्य की डिस्कॉम कंपनियों को ग्रिड के माध्यम से बेची जा सकती है। इस अतिरिक्त बिक्री से उपभोक्ता को आय होगी, जिससे वह न केवल अपने निवेश की भरपाई कर सकेगा बल्कि एक अतिरिक्त आमदनी का साधन भी विकसित होगा। यह प्रावधान छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्र के परिवारों के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता का माध्यम बन सकता है।
5. पर्यावरणीय लाभ: हर घर बनेगा ग्रीन एनर्जी हबसूर्य ऊर्जा स्वच्छ और अक्षय स्रोत है। पीएम सूर्य घर योजना के माध्यम से न केवल बिजली की निर्भरता को कम किया जा रहा है, बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी भारी कमी लाई जा रही है।इस योजना से जुड़े हर घर को अब “ग्रीन एनर्जी ’हब” कहा जा सकता है, जो जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सक्रिय योगदान दे रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस दिशा में एक हरित और दीर्घकालिक विकास मॉडल प्रस्तुत किया है।
6. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल: ऊर्जा का विकेंद्रीकरणछत्तीसगढ़ के अधिकांश गाँवों में बिजली की आपूर्ति कई बार बाधित रहती है। सूर्य ऊर्जा के माध्यम से अब इन गाँवों में निर्बाध और स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। इसके साथ ही स्थानीय तकनीशियनों, इंस्टॉलेशन एजेंसियों और सौर उपकरण निर्माताओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यह योजना न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता बल्कि रोजगार सृजन का भी जरिया बन रही है।
7. “हाफ बिजली से मुफ्त बिजली”-सरकार का जनहित संकल्पछत्तीसगढ़ सरकार ने इस योजना के तहत “हाफ बिजली से मुफ्त बिजली” का नारा दिया है, जिसका अभिप्राय है कि एक बार सौर पैनल लगाने के बाद जो बिजली पहले बिल के रूप में जाती थी, अब उसी लागत से उपभोक्ता को मुफ्त बिजली मिलेगी।
राज्य सरकार का यह संकल्प छत्तीसगढ़ को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की दिशा में उल्लेखनीय कदम है।8. योजना से जुड़ने की प्रक्रिया: कैसे पाएं लाभ
सामान्य नागरिक इस योजना से जुड़ने के लिए https://pmsuryaghar.gov.in पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद विद्युत वितरण कंपनी और अधिकृत विक्रेता द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। फिर सोलर पैनल की इंस्टॉलेशन होगी और उसके बाद सब्सिडी की राशि उपभोक्ता के खाते में सीधे जमा होगी।छत्तीसगढ़ में अब जिला स्तर पर जनसंपर्क, पंचायत और बिजली विभाग के सहयोग से जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक लोग योजना से लाभान्वित हो सकें।
9. चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि यह योजना अत्यंत प्रभावी है, लेकिन इसकी पूर्ण सफलता के लिए कुछ चुनौतियाँ भी हैं-जैसे लोगों में तकनीकी जानकारी की कमी, इंस्टॉलेशन एजेंसियों की पारदर्शिता, और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल आवेदन प्रक्रिया की जटिलता। इसके लिए सरकार और दी छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (सीपीडीसीएल) ज़रूरत के हिसाब से स्थानीय स्तर पर सहायता केंद्र, पंचायत कार्यालयों में फेसिलिटेशन डेस्क और फील्ड सपोर्ट टीम गठित करने की कार्यवाही कर सकती है। जो लोगों को आवेदन से लेकर इंस्टॉलेशन तक की प्रक्रिया में सहयोग दे।
10. निष्कर्ष: सौर ऊर्जा से समृद्ध छत्तीसगढ़प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के साथ छत्तीसगढ़ सरकार की सहभागिता ने राज्य के लाखों घरों के लिए उजाला और समृद्धि का नया मार्ग प्रशस्त किया है। डबल सब्सिडी, आसान ऋण, अतिरिक्त आमदनी और पर्यावरणीय संरक्षण-ये सभी पहलू मिलकर छत्तीसगढ़ को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रहे हैं। अब जरूरत है जनभागीदारी और जागरूकता की। हर नागरिक को इस योजना से जुड़कर हर घर सौर-हर घर रोशन के सपने को साकार करने में अपनी भूमिका निभानी होगी। यही एक स्वच्छ, समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ की दिशा में सच्चा योगदान होगा।
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बेमेतरा : कार्यालय कार्यपालन अभियंता एवं सदस्य सचिव, जिला जल एवं स्वच्छता मिशन (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग), खंड-बेमेतरा द्वारा जारी सूचना के अनुसार जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की महत्वपूर्ण बैठक 30 जून 2025, दिन सोमवार को प्रातः 10:00 बजे कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित की जाएगी। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर एवं मिशन प्रमुख द्वारा की जाएगी। इस बैठक में जिला पंचायत बेमेतरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, उप संचालक कृषि, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी सदस्य के रूप में सम्मिलित होंगे।
बैठक का मुख्य एजेंडा अंतर्गत जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा। 25 सितंबर 2024 के पश्चात प्राप्त प्रस्तावों के अनुमोदन पर चर्चा। प्री-क्वालिफिकेशन के आधार पर निविदाओं की स्वीकृति/अस्वीकृति पर निर्णय। विद्युत संयोजन से संबंधित समस्याओं पर विचार। अपूर्ण योजनाओं पर चर्चा एवं आवश्यक निर्णय। संपूर्ण योजनाओं की सामुदायिक स्वीकृति की स्थिति पर चर्चा। न्यूनतम दर पर प्राप्त निविदा के संबंध में निर्णय। जल जीवन मिशन के कार्यों के प्रचार-प्रसार हेतु निविदा पर विचार। ग्राम सभाओं में प्रशासनिक स्वीकृति हेतु रखे गए प्रस्तावों पर चर्चा। अन्य आवश्यक विषयों पर चर्चा। बैठक में मिशन के अंतर्गत क्रियान्वित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी एवं भावी कार्ययोजना पर निर्णय लिया जाएगा।
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बेमेतरा : भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) वर्ष 2025 के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार देश के उन प्रतिभाशाली बच्चों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने बहादुरी, नवाचार, खेल, समाज सेवा, संस्कृति, पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में असाधारण प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन किया है। जिले से ऐसे योग्य बच्चों को चिन्हित कर ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। आवेदन केवल पोर्टल https://awards.gov.in पर ही स्वीकार किए जाएंगे, जिसकी अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है। पोर्टल 1 अप्रैल 2025 से लाइव है।
पुरस्कार के रूप में चयनित बच्चों को नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में राष्ट्रपति के करकमलों द्वारा पदक, प्रमाणपत्र और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। यह कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष जनवरी माह में आयोजित किया जाता है।
आवेदन की पात्रता
इस पुरस्कार के लिए 5 वर्ष से अधिक एवं 18 वर्ष से कम आयु (31 जुलाई 2025 की स्थिति में) वाले भारत में निवासरत भारतीय नागरिक आवेदन कर सकते हैं।
नामांकन भेजने के अधिकारी/संस्था
नई गाइडलाइन के अनुसार राज्य सरकार, जिला कलेक्टर/जिला मजिस्ट्रेट, पंचायती राज संस्थान, शहरी स्थानीय निकाय, शैक्षणिक संस्थान भी असाधारण कार्य करने वाले बच्चों के नामांकन भेज सकते हैं। पुरस्कार का उद्देश्य बच्चों की प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है और उन्हें दूसरों के लिए रोल मॉडल के रूप में स्थापित करना है। इच्छुक प्रतिभाशाली बच्चे, उनके अभिभावक या संस्थाएं निर्धारित पोर्टल पर आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए https://awards.gov.in पर विजिट कर सकते है।
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बेमेतरा : स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण-2 के अंतर्गत स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2025 का आयोजन पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य ओडीएफ प्लस मॉडल ग्रामों की स्थिति को सत्यापित करना तथा निर्धारित मापदंडों पर जिलों को रैंकिंग प्रदान करना है। स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2025 के अंतर्गत नागरिकों से मोबाइल ऐप के माध्यम से फीडबैक लिया जाएगा। इसके लिए सभी अधिकारी-कर्मचारियों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने अधीनस्थ कार्यालयों में कार्यरत कर्मियों से भी राज्य द्वारा प्रेषित एसओपी के अनुसार मोबाइल ऐप के माध्यम से फीडबैक दिलाना सुनिश्चित करें।
नागरिक फीडबैक हेतु ऐप SBMSSG 2025 को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इसके लिए उपयोगकर्ता SBMSSG 2025 टाइप करके ऐप डाउनलोड कर सकते हैं अथवा नीचे दिए गए लिंक से भी ऐप इंस्टॉल किया जा सकता है। जिला प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में फीडबैक देकर स्वच्छता अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं।
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महासमुंद : धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत आज जिले के चयनित जनजातीय बहुल क्षेत्र पिथौरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत जबलपुर और सरायपाली ब्लॉक ग्राम पंचायत भगत सराईपाली में शिविर का आयोजन किया गया। यह अभियान भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित है, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जनजाति समुदायों को विभिन्न शासकीय योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें लाभ से जोड़ना तथा उनके सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण को सुनिश्चित करना है।
आज आयोजित शिविर में विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाए गए, जहां ग्रामीणों को आयुष्मान भारत कार्ड, राशन कार्ड, जाति-निवास-आय प्रमाण पत्र, श्रम कार्ड, स्वरोजगार योजनाएं, कृषि व उद्यानिकी से जुड़ी योजनाओं, बैंकिंग सेवाओं, स्वास्थ्य जांच तथा पोषण से संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराई गईं। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों, स्थानीय प्रशासन तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण जनों की सक्रिय उपस्थिति देखने को मिली।
सरायपाली विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत भगत सरायपाली शिविर में 198 विभिन्न योजनाओं से संबंधित हितग्राहियों का पंजीयन किया गया। जिसमें आधार कार्ड के लिए 10, राशन कार्ड के लिए 6, आयुष्मान कार्ड के लिए 10, जाति प्रमाण पत्र के लिए 35, निवास प्रमाण पत्र के लिए 20, पीएम किसान सम्मान निधि अंतर्गत 2 कृषक, जॉब कार्ड के लिए 10 श्रमिक एवं पीएम मातृत्व वंदन योजना के तहत 7 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया गया। वहीं 3 पात्र हितग्राहियों का पेंशन के लिए स्वीकृति दी गईै। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 65 लोगों का स्वास्थ्य जांच एवं सिकल सेल जांच किया गया। इसी तरह पिथौरा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम जबलपुर शिविर में 86 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के तहत पंजीयन किया गया। जिसमें 06 हितग्राहियों का आधार कार्ड, 05 का राशन कार्ड, 05 आयुष्मान कार्ड, 27 का जाति प्रमाण पत्र, 27 का निवास प्रमाण पत्र, 2 कृषकों का केससी, 2 श्रमिकों का जॉब कार्ड के लिए एवं दो गर्भवती महिलाओं का पीएम मातृत्व वंदन योजना अंतर्गत पंजीयन किया गया। साथ ही 4 हितग्राहियों का जनधन खाता खोला गया तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा 6 लोगों का सिकल सेल जांच किया गया।
इस अवसर पर जबलपुर शिविर में किसान श्री बोधराम भोई को किसान क्रेडिट का वितरण किया गया। श्री भोई ने केसीसी पाकर खुशी जाहिर करते हुए शासन के इस पहल को सराहनीय बताया तथा इस पहल के लिए उन्होंने शासन का धन्यवाद ज्ञापित किया है। वहीं किसान श्री घसिया राज जगत को भी कृषि विभाग द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किया गया। श्री जगत ने केसीसी कार्ड के मिलने पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि शासन की योजनाएं हमारे तक पहुंचकर लाभ प्रदान कर रहें हैं। यह हम जैसे हितग्राहियों के लिए बहुत ही अच्छी पहल है। इसके लिए उन्होंने शासन एवं जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया।
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भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा जगन्नाथ मंदिर दोकड़ा से मौसीबाड़ी पहुंचे, 9 वें दिन होगी भव्य वापसी
गजपति महाराजा की परंपरागत भूमिका में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय रथयात्रा में हुए शामिल
जशपुरनगर : जशपुर ज़िले के ऐतिहासिक एवं प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर दोकड़ा में इस वर्ष भी रथयात्रा महोत्सव का आयोजन परंपरा, श्रद्धा और भव्यता के साथ निकाली गई। रथ यात्रा से पहले मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने जगन्नाथ मंदिर में पूरे विधि-विधान से भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और कल्याण की मंगलकामना की। इस वर्ष की रथ यात्रा में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय स्वयं गजपति महाराजा की परंपरागत भूमिका में हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने हजारों श्रद्धालुओं के साथ भक्तिभावपूर्वक रथ यात्रा में भाग लिया।श्रद्धालुओं ने भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के रथ की रस्सी खींचकर श्रद्धा से आगे बढ़ाया। पूरे वातावरण में जय जगन्नाथ के जयघोष, भजन-कीर्तन और भक्तिमय उल्लास से गूंजता रहा। रथ यात्रा मुख्य मार्गों से होते हुए मौसीबाड़ी पहुंची। भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा नौ दिनों तक अपनी मौसी के घर मौसीबाड़ी में विराजमान रहेंगे। नौवें दिन 5 जुलाई को शुभ वापसी श्री जगन्नाथ मंदिर, दोकड़ा में होगी। यह आयोजन ओडिशा के पुरी धाम की परंपरा के अनुरूप आयोजित किया गया है।
सन् 1942 से जारी है रथ यात्रा की परंपरा, सतपथी दंपति ने रखी थी आध्यात्मिक यात्रा की नींव
रथ यात्रा की शुरुआत दोकड़ा में 1942 में हुई थी। इसकी आधारशिला स्वर्गीय सुदर्शन सतपथी एवं उनकी धर्मपत्नी स्वर्गीय सुशीला सतपथी द्वारा श्रद्धा और समर्पण के साथ रखी गई थी। तब से यह परंपरा निरंतर श्रद्धा और उत्साह के साथ निर्विघ्न रूप से जारी है। समय के साथ यह आयोजन अब एक भव्य धार्मिक मेले का रूप ले चुका है, जिसमें श्रद्धालुओं की विशाल सहभागिता देखने को मिलती है। रथ यात्रा के पावन अवसर पर ओडिशा से आमंत्रित कीर्तन मंडलियों ने भक्ति संगीत की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिससे वातावरण भक्तिमय हो उठा। साथ ही रथ यात्रा में अनेक धार्मिक एवं सांस्कृतिक झांकियां भी शामिल रहीं, जो भगवान श्री जगन्नाथ की महिमा और हमारी सांस्कृतिक विविधता की भव्यता को अत्यंत आकर्षक रूप में प्रदर्शित कर रही थीं।
नौ दिनों तक चलेगा धार्मिक पर्व, होंगे विविध कार्यक्रमश्री जगन्नाथ मंदिर समिति दोकड़ा के सदस्यों ने जानकारी देते हुए बताया कि रथ यात्रा महापर्व एक भव्य नौ दिवसीय धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर मंदिर परिसर और दोकड़ा गांव पूरे श्रद्धा और उत्साह से सराबोर रहता है। पूरे महोत्सव के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन, संगीतमय प्रस्तुतियाँ, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ बच्चों और युवाओं के लिए विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जो पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक रंगों से भर देता है। रथ यात्रा के उपलक्ष्य में दोकड़ा में एक विशाल मेले का भी आयोजन किया गया है, जो इस उत्सव की शोभा को और अधिक बढ़ा देता है। मेला परिसर में मनोरंजन के लिए झूले, स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टॉल, पारंपरिक हस्तशिल्प की दुकानें और अन्य आकर्षण मौजूद हैं। जो सभी के लिए आनंद का केंद्र बनते हैं। यह आयोजन आस्था, संस्कृति और सामाजिक समरसता का अद्भुत संगम है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जशपुरनगर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने ज़िले के ऐतिहासिक व प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर कांसाबेल विकास खंड के ग्राम दोकड़ा में इस वर्ष भी रथ यात्रा में शामिल हुए रथयात्रा में भव्यता व श्रद्धा के साथ किया गया भगवान श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के रथ को हजारों श्रद्धालु रस्सी खींचकर दोकड़ा का भ्रमण कराया गया भक्तों ने उत्साह के साथ रथयात्रा में शामिल हुए। इस वर्ष की रथ यात्रा में एक विशेष आकर्षण रहा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय स्वयं गजपति महाराजा की परंपरागत भूमिका निभाई उनके साथ धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय भी शामिल थी । यह आयोजन ओडिशा के पुरी धाम की परंपरा के अनुरूप आयोजित किया गया । 1942 से हो रही रथ यात्रा, सतपथी दंपति ने रखी थी परंपरा की नींव बताया जाता है कि रथ यात्रा की शुरुआत दोकड़ा में सन् 1942 में हुई थी। इसकी नींव स्व. सुदर्शन सतपथी एवं उनकी धर्मपत्नी स्व. सुशीला सतपथी ने रखी थी। तब से लेकर आज तक यह परंपरा निर्विघ्न रूप से जारी है और अब यह आयोजन एक भव्य धार्मिक मेले का रूप ले चुका है। ओडिशा के कीर्तन मंडलियों और झांकियों से सजेगा आयोजनरथ यात्रा के अवसर पर ओडिशा से विशेष रूप से आमंत्रित कीर्तन मंडलियां भक्ति संगीत की प्रस्तुति देंगी। साथ ही अनेक धार्मिक, सांस्कृतिक झांकियां भी यात्रा में शामिल होंगी, जो भगवान श्री जगन्नाथ की महिमा और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाएंगी।
नौ दिनों तक चलेगा धार्मिक पर्व, होंगे विविध कार्यक्रम
श्री जगन्नाथ मंदिर समिति दोकड़ा के लोगों ने बताया कि रथ यात्रा महापर्व केवल एक दिन का नहीं होगा, बल्कि पूरा नौ दिन तक चलने वाला महोत्सव होगा। इस दौरान मंदिर परिसर एवं दोकड़ा गांव में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, बाल व युवा प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होगा मेला
रथ यात्रा के दौरान दोकड़ा में विशाल मेला का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय व दूर-दराज से पहुंचे श्रद्धालु भाग लेंगे। मेला में मनोरंजन, खानपान, झूले, हस्तशिल्प की दुकानों आदि की भरमार रहेगी। यह रथ यात्रा ना केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह दोकड़ा गांव की संस्कृति, परंपरा और सामुदायिक एकता का जीवंत उदाहरण बन गई है। आयोजन समिति की ओर से श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर इस ऐतिहासिक और आध्यात्मिक उत्सव का हिस्सा बनें।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
गोलावण्ड में जनजातीय उत्कर्ष शिविर का आयोजन, हितग्राहियों को मिला योजनाओं का लाभ
रायपुर : वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने आज धरती आबा योजना के तहत आयोजित शिविर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 5 लोगों को आयुष्मान कार्ड और 5 को जन्म प्रमाण पत्र, कृषि विभाग अंतर्गत 5 किसानों को धान बीज, सहकारिता विभाग 6 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, 6 विद्यार्थियों को जाति प्रमाण पत्र और ‘एक पेड़ मां के नाम‘ अभियान के तहत 300 ग्रामीणों को पौधे वितरित किए। वन मंत्री श्री कश्यप आज कोण्डागांव जिले के ग्राम गोलावण्ड में आयोजित धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत विशेष शिविर में शामिल हुए। इस शिविर में आसपास के 16 गांवों के ग्रामीण बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि धरती आबा अभियान के तहत जनजातीय समुदाय के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हो रहा है।
वन मंत्री श्री कश्यप ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कि जनजातीय नायक भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर शुरू हुई यह योजना अब गांव-गांव तक पहुंच रही है। इसका उद्देश्य सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पक्ति के व्यक्ति तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, विश्वकर्मा योजना, आयुष्मान भारत योजना और वय वंदना योजना जैसे प्रमुख कार्यक्रमों का लाभ सभी योग्य हितग्राहियों को जल्द से जल्द मिले और कोई भी पात्र व्यक्ति इन योजना से वंचित न रहें। उन्होंने अधिकारियों को सभी महत्वाकांक्षी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिए। कार्यक्रम के अंत में वन मंत्री श्री कश्यप ने सभी ग्रामीणों को नशा मुक्ति की शपथ भी दिलाई।इस अवसर पर पूर्व विधायक श्री सेवकराम नेताम, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती यशोदा कश्यप, श्रीमती रामदई नाग, जनपद अध्यक्ष श्रीमती अनिता कोर्राम, उपाध्यक्ष श्री टोमेन्द्र सिंह ठाकुर, श्री दीपेश अरोरा सहित अनेक जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।