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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को अंतर्राष्ट्रीय वानिकी दिवस 21 मार्च के अवसर पर शुभकामनाएं दी है। आज यहां जारी अपने संदेश में उन्होंने कहा है कि जंगल, पृथ्वी पर प्राणवायु ऑक्सीजन के साथ विभिन्न खाद्य और अन्य उपयोगी सामग्रियों के स्रोत हैं। विश्व भर में पेड़ों और जंगल की सुरक्षा और उसका महत्व जन-जन तक पहुंचाने के लिए 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस मनाया जाता है। बढ़ती जनसंख्या और बदलती जीवन शैली का दुष्प्रभाव हमें सिमटते जंगल और प्रदूषित पर्यावरण के रूप में दिखाई दे रहा है। जंगल पर हजारों-लाखों प्रकार के जीव-जन्तु, कीट पतंगों और प्राणियों की परस्पर निर्भरता रहती है। यह व्यवस्था पर्यावरण के साथ-साथ जैविक सह-अस्तित्व की सुरक्षा के लिए बहुत आवश्यक है। सभी प्रदेशवासी पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आएं। सभी पेड़ लगाएं और वर्षों में तैयार हुए जंगल को बचाकर भविष्य की पीढ़ी को प्रदूषण मुक्त पर्यावरण देने में सहभागी बनें।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कांकेर जिले में विकास कार्य निरंतर जारी रहेंगे
मुख्यमंत्री कोसरिया मरार (पटेल) समाज के महासम्मेलन एवं शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए
कांकेर जिले को 143.92 करोड़ रूपये के 95 विभिन्न विकास कार्यों की दी सौगात
कांकेर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज कांकेर जिले के नरहरपुर विकासखण्ड के ग्राम करप में आयोजित कोसरिया मरार (पटेल) समाज के महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किश्त की राशि 25 मार्च तक किसानों के खाते में पहुंच जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांकेर जिले में विकास कार्य निरंतर जारी है, स्कूल-कॉलेज खुल रहे हैं। मेडिकल कॉलेज की सुविधा के साथ हाट-बाजार में ग्रामीणों को निःशुल्क इलाज मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कांकेर जिले के विकास के लिए 143.92 करोड़ रूपये की लागत के 95 विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने कोसरिया मरार(पटेल) समाज के महासम्मेलन में छत्तीसगढ़ महतारी और कोसरिया मरार (पटेल) समाज की अराध्या देवी शाकम्भरी माता की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की समृद्धि व खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने शाकम्भरी माता को नमन करते हुए कहा कि उनकी जयंती के अवसर पर हमने अवकाश घोषित किया है। मुख्यमंत्री ने कोसरिया मरार समाज को कांकेर में सामाजिक भवन निर्माण के लिए 50 लाख रुपये दिए जाने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के लिए पहला छात्रावास कांकेर में खोला गया, जिसमें वर्तमान शैक्षणिक सत्र से 50 सीटर अन्य पिछड़ा वर्ग बालिका छात्रावास संचालित किया जा रहा है। अब संभाग मुख्यालय और कुछ बड़े जिलों में भी पिछड़े वर्ग के लिए छात्रावास खोलने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन ने 01 अप्रैल से आर्थिक सर्वेक्षण कराने की घोषणा की है, सर्वे तीन बिंदुओं आवास, उज्जवला गैस कनेक्शन और शौचालय पर आधारित होगा। ताकि पिछले 12 वर्षों में इन योजनाओं के पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ दिलाया जा सके। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में आज पूरे देश का 74 प्रतिशत लघु वनोपज खरीदा जा रहा है और उसका वैल्यू एडिशन भी हो रहा है। इससे वनांचल के लोगों की आय बढ़ी है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि गौठानों में आजीविकामूलक गतिविधियों के कारण गांवों में आर्थिक समृद्धि आई है। गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट और बिजली उत्पादन की दिशा में तेजी से कार्य हो रहे हैं, ऐसे गौठान जहां प्रतिदिन पांच क्विंटल से ज्यादा गोबर की खरीदी हो रही है, उन गौठानों में बिजली उत्पादन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के उद्देश्य से पिछले 4 वर्षों से लगातर मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। जिला चिकित्सालय कांकेर को एमआरआई जांच की सुविधा भी मिल गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों की संख्या बढ़कर अब 23 लाख 50 हज़ार हो गई है और नया कीर्तिमान गढ़ते हुए इस वर्ष 107 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में सर्वाधिक पुरस्कार जीतने पर कांकेर जिलावासियों को बधाई भी दी।
कोसरिया मरार (पटेल) समाज के महासम्मेलन को आबकारी एवं उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, संसदीय सचिव एवं कांकेर विधायक श्री शिशुपाल शोरी, अंतागढ़ विधायक श्री अनूप नाग, भानुप्रतापपुर के विधायक श्रीमती सावित्री मण्डावी, कोसरिया मरार पटेल समाज के प्रदेष अध्यक्ष राजेन्द्र नायक और जिला अध्यक्ष कौशल पटेल ने भी संबोधित किया। आबकारी मंत्री श्री कवासी लखमा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार के बनते ही किसानों की कर्ज माफ किये गये। किसानों को समर्थन मूल्य के साथ इनपुट सब्सिडी दी गई। जिससे किसानों को प्रति क्विंटल 2500 रूपए धान की कीमत मिली। तेन्दूपत्ता पारिश्रमिक बढ़ाकर 04 हजार रूपये प्रति मानक बोरा किया गया। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजनांतर्गत गरीब परिवारों को मदद दी जा रही है। आदिवासियों के पूजा स्थल देवगुड़ी का निर्माण हो रहा है तथा संस्कृति के संरक्षण हेतु गोटुल का निर्माण किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मितानीन, कोटवार, ग्राम पटेल के मानदेय बढ़ाये गये हैं। छत्तीसगढ़ सरकार समाज के हर वर्ग के साथ खड़ी है।
अंतागढ़ विधायक श्री अनूप नाग ने कहा कि छत्तीसगढ़ की परंपरा एवं संस्कृति को सहजने का कार्य भी राज्य सरकार कर रही है। मरार समाज के लोगों द्वारा साग-सब्जी एवं फूलों की खेती के साथ-साथ छिंद के पत्तों से मौर बनाने की कार्य भी किया जाता है, जो शादी-विवाह में उपयोग होता है। भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्रीमती सावित्री मण्डावी ने कहा कि मरार समाज के लोग मेहनती होते हैं, इनका मूल व्यवसाय खेती-किसानी है, इनके द्वारा उन्नत तरीके से साग-भाजी की खेती की जाती है। उन्होंने कहा कि समाज के आर्थिक उत्थान एवं उन्नति के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हर संभव मदद दी जा रही है। कोसरिया मरार समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेन्द्र नायक एवं जिला अध्यक्ष कौशल पटेल ने भी संबोधित किया तथा समाज के महासम्मेलन में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में मरार समाज के प्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री का गेंदा फूल एवं छिंद के पत्ते से बने मौर-मुकुट और गजमाला पहनाकर सम्मान किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार श्री राजेश तिवारी, पूर्व विधायक एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री शंकर ध्रुव, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य श्री नितिन पोटाई, गौसेवा आयोग के सदस्य श्री नरेन्द्र यादव, पर्यटन मंडल के सदस्य श्री नरेश ठाकुर, बस्तर विकास प्राधिकरण के सदस्य श्री बीरेश ठाकुर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हेमंत ध्रुव सहित अनेक जनप्रतिनिधि, बड़ी संख्या में ग्रामीणजन एवं कोसरिया मरार समाज के लोग उपस्थित थे। -
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महादेव घाट में भवन निर्माण के लिए 50 लाख की घोषणा
पारंपरिक एवं आधुनिक तकनीक से बुनाई के लिए मिलेगा युवाओं को प्रशिक्षण
उद्योग एवं व्यवसाय के लिए रियायती दर पर मिलेगी भूमि और बिजली की सुविधा
मुख्यमंत्री झेरिया-गड़रिया समाज के वार्षिक अधिवेशन में हुए शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में गड़रिया समाज की एक अलग पहचान है। गड़रिया समाज पहले से ही प्रतिष्ठित और सम्मानित समाज है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गरीब-मजदूर, किसान सहित सभी वर्गों के विकास के लिए नीति बनाकर कार्य कर रही है। श्री बघेल ने कहा कि जब सभी परिवार और समाज आर्थिक रूप से मजबूत होगा तभी छत्तीसगढ़ और देश आगे बढ़ेगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर स्थित स्वर्गीय बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित झेरिया गड़रिया (पाल, धनगर) समाज के वार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर समाजजनों की मांग पर भेड़ पालन एवं ऊन संवर्धन बोर्ड गठन की घोषणा की। साथ ही महादेव घाट में सामाजिक भवन निर्माण हेतु 50 लाख रूपए देने की घोषणा की। अधिवेशन में गड़रिया समाज के लोगों ने स्व-निर्मित खुमरी, कंबल पहनाकर अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में समाज के उत्कृष्ट और प्रतिभावान व्यक्तियों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गड़रिया समाज के वार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में आधुनिक उद्योग धंधों के कारण परंपरागत रूप से कार्य करने वाले लोगों पर संकट गहराता जा रहा है, इससे गड़रिया समाज भी अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि झेरिया गड़रिया समाज सहित सभी वर्गों के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध हैं। जहां-जहां भेड़ पालन किया जा रहा है, ऐसे परिवारों और उनके बच्चों को पारंपरिक और आधुनिक मशीनों के जरिए बुनाई कार्य का प्रशिक्षण और भेड़ एवं बकरी पालन की नई तकनीक की जानकारी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झेरिया-गड़रिया समाज के युवाओं को उनके पारंपरिक व्यवसाय और उद्योग के लिए हरसंभव मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें रियायती दर पर जमीन और बिजली आदि सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि अन्य समाजों की तरह गड़रिया समाज को भी नवा रायपुर में रियायती दर पर जमीन दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने अधिवेशन में कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) के तहत ग्रामीणों को पारंपरिक व्यवसाय के साथ ही छोटे-छोटे व्यवसाय के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बजट में 600 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना के तहत बड़ी संख्या में महिलाएं और ग्रामीण गोबर खरीद कर वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने के काम कर रही हैं। इसके साथ ही गौठानों में बकरी पालन, मुर्गी पालन सहित अन्य व्यवसाय से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। अब गौठानों में गोबर से पेंट बनाने का काम भी शुरू हो गया, इसके अलावा बिजली उत्पादन का काम भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण और शहरी बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता में है। इसी उद्देश्य से आईटीआई में नए और आधुनिक ट्रेड खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के बेरोजगार युवकों को इस वित्तीय वर्ष से 2500 रूपए बेरोजगारी भत्ता देने का भी प्रावधान बजट में किया है। अब युवाओं को बेरोजगारी भत्ता के साथ-साथ उन्हें रूचिकर विषयों में व्यवसाय एवं उद्योग के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। कार्यक्रम को खाद्य और संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर नगर निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, सर्व गड़रिया समाज के अध्यक्ष श्री लक्ष्मी प्रसाद महतो, झेरिया-गड़रिया समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री मिलन धनगर सहित समाज के पदाधिकारी और समाजजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
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भक्त माता कर्मा जयंती कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल
मुख्यमंत्री कन्या विवाह के अंतर्गत परिणय सूत्र में बंध रहे 101 जोड़ो को दिया आशीर्वाद
154 करोड़ से अधिक के 145 विभिन्न विकास कार्यों का किया वर्चुअल लोकार्पण और भूमिपूजन
कोंडागांव : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बांसकोट में केशकाल विधानसभा के ग्राम बांसकोट में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा की स्थापना, मांझीनगढ़ पर्यटन स्थल को जैव विविधता पार्क के रूप में जंगल सफारी की तर्ज पर विकसित करने तथा उप स्वास्थ्य केंद्र गम्हरी का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में उन्नयन करने के साथ ही बांसकोट में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने एवं साहू सदन बाँसकोट में आहाता निर्माण की घोषणा की। इसके अतिरिक्त उन्होंने जिले के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए केशकाल में इंडोर स्टेडियम निर्माण की भी घोषणा की।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज कोंडागांव जिले के बांसकोट में भक्त माता कर्मा जयंती तथा मुख्यमंत्री कन्या विवाह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुए। उन्होंने साहू समाज सहित क्षेत्रवासियों को भक्त माता कर्मा जयंती की शुभकामनाएं दी और मुख्यमंत्री कन्या विवाह के अंतर्गत परिणय सूत्र में बंध रहे 101 जोड़ो को आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री ने कोंडागांव जिले में 154 करोड़ के 145 विभिन्न कार्यों का वर्चुअल लोकार्पण और भूमिपूजन भी किया।
साथ ही मुख्यमंत्री की वर्चुअल उपस्थिति में विधानसभा उपाध्यक्ष श्री संतराम नेताम,बस्तर सांसद श्री दीपक बैज, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप, जिला पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में पारंपरिक, सांस्कृतिक धरोहर स्थलों जैसे देवगुड़ी, मातागुड़ी एवं घोटुल की भूमि को संरक्षित रखने हेतु कुल 436 सामुदायिक वन अधिकार पत्र ग्रामीणों को प्रदान किये गए तथा साहू समाज के प्रतिभावान युवाओं को सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भक्त माता कर्मा को नमन किया उन्होंने कहा कि आज भक्त माता कर्मा जी की 1007 वीं जयंती हम सब मना रहे हैं । आज प्रदेश भर में बेमौसम बारिश हुई है जिससे असुविधा हुई है परंतु इस बारिश से किसी प्रकार से उत्साह में कमी नहीं आई है । पूरे हर्षाेल्लास के साथ माता कर्मा जी की जयंती मनाई जा रही है। उन्होंने माता कर्मा का जो योगदान है उसे समाज कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने एकता में ही ताकत के आधार पर समाज को संगठित किया और एक नई दिशा प्रदान की।
उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या विवाह अंतर्गत परिणय सूत्र में बंध रहे नव दंपतियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इसके दी जा रही सहायता राशि को हमने 15 हजार से बढ़कर 25 हजार किया था और वर्तमान बजट में इसे बढ़ाकर 50 हजार करने का प्रावधान कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने सुपोषण अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन से आए सकारात्मक बदलावों पर प्रशंसा व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आज छत्तीसगढ़ की मजबूत अर्थव्यवस्था की चर्चा पूरे देश में हो रही है और उसके पीछे सभी समाज के साथ-साथ साहू समाज का भी बड़ा योगदान है। हमने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के संकल्प के साथ 4 साल पहले एक नई यात्रा की शुरुआत की थी, हमारी सरकार ने किसानों, मजदूरों तथा परंपरागत व्यवसाय करने वाले मेहनतकश कारीगर और महिलाओं के लिए प्राथमिकता के साथ कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोंडागांव जिले में ही 29 हजार 939 किसानों के कुल 116 करोड़ 34 लाख 72 हज़ार कर्ज माफ हुए हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना का भी प्रदेश सहित जिले के किसानों को लाभ मिल रहा है। किसान हितैषी सरकार ने इस वर्ष सर्वाधिक धान खरीदी का नया कीर्तिमान रचते हुए प्रदेश में 107 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी की है। लघु वनोपज खरीदी हो या फिर गोबर से प्राकृतिक पेंट या बिजली उत्पादन करने की बात हो, इसका लाभ जरूरतमंदों को मिल रहा है और उनकी आय बढ़ी है।
कार्यक्रम को सांसद दीपक बैज ने माता कर्मा जयंती की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि सरकार ने हर व्यक्ति और समाज के विकास के लिए कार्य किया है। बस्तर की पहचान अब देश विदेश में होनी लगी है। क्षेत्र के दंतेवाड़ा का डेनेक्स के कपड़ा, लघु वनोपज महुआ इमली और मिलेटस की माँग देश विदेश में हो रहा है। योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से लोंगों की आय में वृद्धि होने से बैंकों की माँग होने लगी है। सरकार ने बस्तर की संस्कृति को संरक्षित करने के लिए देवगुड़ी मातागुड़ी घोटूल का जीर्णाेद्धार किया जा रहा है। संभाग के जिलों में सभी समाजों के लिए सामाजिक भवनों का निर्माण किया जा रहा है।
विधानसभा उपाध्यक्ष श्री संतराम नेताम ने कहा कि कर्मा जयंती के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में बारिश की वजह से मुख्यमन्त्री वर्चुअल शामिल हुए इसके मुख्यमन्त्री का आभार। क्षेत्र के विकास के लिए भेंट मुलाक़ात के दौरान मुख्यमन्त्री द्वारा किए घोषणा को पूरा किया जा रहा है। सरकार द्वारा क्षेत्र में अतिरिक्त धान ख़रीदी केंद्रों का स्थापना, सामाजिक भवनों की सौगात, वन अधिकार और सामुदायिक वन अधिकार दिया गया। उन्होंने कार्यक्रम में कन्या विवाह योजना के तहत 101 नव दंपति को आशीर्वाद और साहू समाज के प्रतिभावान युवाओं को बधाई दी। कार्यक्रम में कलेक्टर श्री सोनी ने जिले में किए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी दी। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज शाम यहां निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में विभिन्न विभागों के अंतर्गत संचालित शासन की उच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं की समीक्षा की।
बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा तथा ग्रामोद्योग आदि विभागों की योजनाओं तथा कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के संबंध में चर्चा की गई। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस दौरान विभागीय अधिकारियों को उनके सही ढंग से संचालन के लिए आवश्यक मार्गदर्शन दिए। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव श्री आलोक शुक्ला, मुख्यमंत्री के सचिव श्री डी.डी. सिंह सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री शदाणी दरबार में संत राजाराम साहिब जी के 63वें वर्सी महोत्सव में हुए शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर स्थित शदाणी दरबार तीर्थ में आयोजित संत राजाराम साहिब जी के 63वें वर्सी महोत्सव में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर चेेटीचण्ड्र महोत्सव पर राज्य के नगर निगम व नगर पालिका क्षेत्रों में अवकाश की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने शदाणी दरबार में संत राजाराम साहिब के 63वें वर्सी महोत्सव में शामिल होने पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आए लगभग 350 श्रद्धालुओं का छत्तीसगढ़ की धरती पर स्वागत किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस मौके पर शदाणी दरबार द्वारा 122 माताओं और बहनों को पाकिस्तान के सिंध प्रांत से भारत के विभिन्न धार्मिक स्थलों का दर्शन कराने की व्यवस्था किए जाने पर प्रशंसा की। शदाणी दरबार में संत राजाराम साहिब जी के 63वें वर्सी महोत्सव का आयोजन 14 से 17 मार्च 2023 के बीच किया जा रहा है। शदाणी दरबार द्वारा पवित्र सरोपा भेंट कर मुख्यमंत्री का सम्मान किया गया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर शदाणी दरबार पर आधारित फिल्म ‘धुनेश्वर महादेव‘ की सीडी का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंधी समाज मूलतः व्यावसायिक समाज है, छत्तीसगढ़ में हमने किसानों के कर्ज माफी तथा सर्वाधिक दाम में धान की खरीदी सहित कई ऐसे कार्य किए हैं, जिससे कि लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है। इन कार्यों का सीधा लाभ छत्तीसगढ़ के व्यापारियों को मिला मिला है। ग्राहकों की जेब में पैसा जाने से छत्तीसगढ़ के बाजार गुलजार हैं। पूरे देश में मंदी होने पर भी छत्तीसगढ़ में मंदी का असर नहीं रहा, यहां के बाजारों में रौनक बनी रही। कार्यक्रम में गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत स्वामी रामसुंदर दास और शदाणी दरबार के पीठाधीश संतश्री डॉ. युधिष्ठिरलाल जी ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर शदाणी दरबार के पीठाधीश संतश्री डॉ. युधिष्ठिरलाल जी, संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, विधायक व छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत स्वामी रामसुंदर दास, रायपुर केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री पंकज शर्मा, सिंधी अकादमी के अध्यक्ष श्री राम गिडलानी सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सार्थक पहल से छत्तीसगढ़ के नागरिकों के जेब को मिल रही बड़ी राहत
श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर जरूरतमंद एवं गरीबों के लिए बन रही जीवनरक्षक
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर सभी आयु वर्ग के लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं सुलभ कराने के उद्देश्य से संचालित श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना से अब तक मरीजों को 100 करोड़ रूपए से अधिक की बचत हो चुकी है, जिससे छत्तीसगढ़ के नागरिकों के जेब को बड़ी राहत मिली है। राज्य के सभी नगरीय निकायों में संचालित इस योजना के अंतर्गत प्रख्यात कंपनियों की जेनेरिक दवाएं 50 से 70 प्रतिशत कम दाम पर उपलब्ध कराई जाती है। धन्वंतरी दवा दुकानों में सर्दी, खांसी, बुखार, ब्लड प्रेशर, इन्सुलिन के साथ गंभीर बीमारियों की दवा, एंटीबायोटिक, सर्जिकल आईटम भी रियायती मूल्य पर जरूरतमंदों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना 20 अक्टूबर 2021 से शुरू की गई है। योजना के तहत राज्य के समस्त 169 नगरीय निकायों में 194 श्री धनवंतरी मेडिकल स्टोर खोले गये हैं। शासकीय चिकित्सकों को अस्पताल में इलाज हेतु आने वाले मरीजों को जेनेरिक दवाई लिखना अनिवार्य किया गया है। योजना से अब तक 165.59 करोड़ रूपए एम.आर.पी. की दवाईयों के विक्रय पर 106 करोड़ 53 लाख रूपए की छूट जरूरतमंद लोगों को दी गई है। गौरतलब है कि प्रदेश के विभिन्न नगरीय निकाय में संचालित धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल की दुकानों से 50 लाख 80 हजार से अधिक नागरिकों ने सस्ती दवायें खरीदी है। जिससे लोगों को काफी राहत मिली है और कम मूल्य पर दवा उपलब्ध होने से बचत हो रही है। श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोरों में दवाओं की उपलब्धता एवं संचालन व्यवस्था की निगरानी नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया करते रहते है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को नागरिकांे को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए उच्च गुणवत्ता की जेनेरिक दवाएं रियायती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए सभी जरूरी व्यवस्थायें लगातार करते रहने के निर्देश दिए है।
नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रायपुर जिले में 20, गरियाबंद में चार, बलौदाबाजार-भाटापारा में सात, धमतरी में सात, महासमुंद में छह, दुर्ग में 19, बालोद में आठ, बेमेतरा में आठ, राजनांदगांव में पांच, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में तीन, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ में एक, कबीरधाम में छह, बिलासपुर में 10 तथा गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में दो, धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर संचालित किए जा रहे है।इसी तरह से मुंगेली में चार, कोरबा में छह, जांजगीर-चांपा में नौ, सक्ती में छह, रायगढ़ में आठ, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में पांच, जशपुर में पांच, सरगुजा में चार, बलरामपुर में पांच, सूरजपुर में छह, कोरिया में दो, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में पांच, बस्तर में तीन, कोण्डागांव में तीन, नारायणपुर में एक, कांकेर में छह, दंतेवाड़ा में पांच सुकमा में तीन और बीजापुर जिले में तीन धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर संचालित किए जा रहे है। शासकीय चिकित्सकों को अस्पताल में इलाज हेतु आने वाले मरीजों को जेनेरिक दवाई लिखना अनिवार्य किया गया है। -
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गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को अब तक 419 करोड़ 25 लाख रूपए का हुआ भुगतान
विगत माह तक गौठानों में 107.75 लाख क्विंटल गोबर की हुई खरीदी
बजट में किसानों, मजदूरों, ग्रामीणों सहित सभी वर्गों के हितों का रखा गया ध्यान:- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 7 करोड़ 4 लाख रूपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया, जिसमें 16 फरवरी से 28 फरवरी तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय 2.13 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 4 करोड़ 25 लाख रूपए, गौठान समितियों को 1.65 करोड़ रूपए और महिला समूहों को 1.14 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि हर महीने की 5 से 15 तारीख किसानों के लिए खास होती है। क्योंकि इस दिन उन्हें गोधन न्याय योजना की राशि प्रदान की जाती है। यह खुशी की बात है कि बड़ी संख्या में गौठान स्वावलंबी हो रहे हैं। स्वावलंबी गौठानों को प्रोत्साहित करने के लिए गौठानों की संचालन समिति के अध्यक्ष और सदस्य को मानदेय प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने अन्य गौठानों को भी स्वावलंबी होने का आग्रह किया। श्री बघेल ने कहा कि यह खुशी की बात है कि अब गोबर से अन्य उत्पादों के बनाने के अलावा बिजली बनाने का काम शुरू हो गया है। बस्तर के डोमरपाल में गोबर से बिजली बनाने के संयंत्र को ग्रिड से सिंक्रोनाईज किया जा चुका है। इससे बनने वाली बिजली की दर 9 रूपए प्रति यूनिट तय कर दी गई है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी में स्वावलंबी गौठान न सिर्फ अपनी सहभागिता निभा रहे हैं बल्कि निरंतर बढ़त बनाए हुए हैं। बीते कई पखवाड़ों से गोबर खरीदी के एवज में भुगतान की जा रही राशि में स्वावलंबी गौठानों की हिस्सेदारी 60 से 70 प्रतिशत तक रहने लगी है। आज की स्थिति में 50 फीसदी से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की राशि से गोबर एवं गौमूत्र की खरीदी के साथ-साथ गौठान की अन्य गतिविधियों को स्वयं की राशि से पूरा कर रहे हैं। 16 फरवरी से 28 फरवरी तक गौठानों में कुल 2.13 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है, जिसके एवज में गोबर विक्रेताओं को अंतरित की जाने वाली 4.25 करोड़ रूपए की राशि में से
1.92 करोड़ की राशि कृषि विभाग द्वारा तथा 2.33 करोड़ रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा किया जाएगा। स्वावलंबी गौठानों द्वारा गोबर खरीदी के एवज में अब तक 45.52 करोड़ रूपए का भुगतान स्वयं की राशि से किया गया है।
गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को आज भुगतान की गई राशि को मिलाकर अब तक 419 करोड़ 25 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। राज्य में 28 फरवरी 2023 तक गौठानों में 107.75 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गोबर विक्रेताओं से क्रय किए गए गोबर के एवज में 215 करोड़ 50 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 185 करोड़ 77 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है।इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने सम्बोधन दिया। कार्यक्रम में खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, मुख्यमंत्री सलाहकार श्री राजेश तिवारी, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत, कृषि विभाग के विशेष सचिव श्री अयाज तम्बोली, कृषि विभाग की संचालक श्रीमती रानू साहू, उद्यानिकी विभाग की संचालक श्रीमती चंदन त्रिपाठी उपस्थित थीं। -
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मुख्यतः 05 वृक्ष प्रजातियों की खेती के लिए विशेष प्रोत्साहनटिशू कल्चर बांस, क्लोनल नीलगिरी, मिलिया डूबिया, टिशू कल्चर सागौन तथा सफेद चंदन योजना में शामिल
वन विभाग द्वारा तैयारियां जोरो पर
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य में वृक्षों के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा देने की अपार संभानाओं को देखते हुए ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’’ को लागू किए जाने की घोषणा की है। इस योजनांतर्गत कृषकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कृषकों की सहमति पर उनके भूमि पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जाना है। मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना की क्रियान्वयन की तैयारी में वन विभाग जुट गया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना अंतर्गत समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी पात्र होंगे। इसके अलावा शासकीय, अर्धशासकीय तथा शासन के स्वायत्व संस्थान जो अपने स्वयं के भूमि पर रोपण करना चाहते हैं, पात्र होंगे। इसी तरह निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें, भूमि अनुबंध धारक, जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते हैं, वे पात्र होंगे। इस योजनांतर्गत राज्य शासन द्वारा 5 एकड़ तक वृक्षारोपण हेतु 100 प्रतिशत अनुदान तथा 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में वृक्षारोपण हेतु 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान देगी। योजना अंतर्गत मुख्य रूप से 05 वृक्ष प्रजातियों की खेती के लिए कृषकों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। इनमें टिशू कल्चर बांस, क्लोनल नीलगिरी, मिलिया डूबिया, टिशू कल्चर सागौन तथा सफेद चंदन शामिल है।
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है। इसके तहत राज्य के सभी कृषकों, शासकीय, गैर शासकीय, अर्धशासकीय, पंचायतें, अथवा स्वायत्व संस्थानों की भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों के वृक्षारोपण उपरांत सहयोगी संस्था, निजी कंपनियों के माध्यम से निर्धारित समर्थन मूल्य पर वनोपज के क्रय की व्यवस्था करते हुए एक सुदृढ़ बाजार व्यवस्था आदि सुनिश्चित करना है।
इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री संजय शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजनांतर्गत राज्य में इस वर्ष 12 प्रकार के प्रजाति के वृक्ष का 30 हजार एकड़ रकबे में रोपण किया जाएगा। इनमें से क्लोनल यूकलिप्टस का 17 हजार 182 एकड़ में, रूटशूट टीक का 6 हजार 456 एकड़ में, टिश्यू कल्चर का 2 हजार 617 एकड़ में, चंदन का 1 हजार 462 एकड़ में, मिलिया डूबिया का 8 सौ 34 एकड़ में, सामान्य बांस का 7 सौ 37 एकड़ में, टिश्यू कल्चर बम्बू का 6 सौ 7 एकड़ में, रक्त चंदन का 1 सौ 26 एकड़ में, आमला का 43 एकड़ में, खमार का 40 एकड़ में, शीशम का 20 एकड़ में तथा महानीम का 20 एकड़ रकबे में लगाने का लक्ष्य रखा गया है। -
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“अंगना म शिक्षा” कार्यक्रम को मिला वर्ष 2022 का स्कॉच अवार्ड
मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री ने दी बधाई
रायपुर : छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग को एक बार पुनः अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार लेने का अवसर प्राप्त हुआ है। कड़ी प्रतियोगिता के बाद राज्य में समग्र शिक्षा द्वारा संचालित “अंगना म शिक्षा” कार्यक्रम के तहत वर्ष 2022 में किए गए कार्य के लिए स्कॉच अवार्ड 2022 प्राप्त हुआ है। यह पूरा कार्यक्रम छत्तीसगढ़ की महिला शिक्षिकाओं के समूह द्वारा संचालित की जा रही है। इस वर्ष इस कार्यक्रम का तीसरा वर्ष होगा और प्रतिवर्ष इसमें महिला नेतृत्व द्वारा कुछ नया डिजाइन शामिल किया जाता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने इस अवार्ड के लिए विभाग एवं राज्य की शिक्षिकाओं को बधाई दी है।
उल्लेखनीय है कि स्कॉच अवार्ड एक स्वतंत्र संगठन द्वारा प्रदत्त देश का सर्वाेच्च नागरिक सम्मान है, जो लोगों, परियोजनाओं और संस्थानों की पहचान करता है जो भारत को एक बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करते है। इस अवार्ड को वर्ष 2003 में स्थापित किया गया था। यह अवार्ड डिजिटल, वित्तीय और सामाजिक समावेश के क्षेत्र में सर्वाेत्तम प्रयासों के लिए प्रदाय किया जाता है।
कोरोना के समय जब स्कूल शिक्षा विभाग का पूरा अमला बच्चों की पढ़ाई को जारी रखने के लिए निरंतर प्रयासरत था और शिक्षकों को इस कार्य के लिए प्रोत्साहित करते हुए नए-नए तरीकों से बच्चों की पढाई को जारी रखने की कोशिश सतत् की जा रही थी। उसी समय राज्य के कुछ महिला शिक्षिकाओं ने इस राज्यव्यापी कार्यक्रम “पढ़ई तुंहर दुआर” में अपने योगदान का प्रस्ताव रखा। उन्होंने माताओं को प्रशिक्षित कर उनके माध्यम से घर पर रहते हुए ही बच्चों को सिखाने के प्रयास को “अंगना म शिक्षा” के रूप में प्रारंभ किया।
‘अंगना म शिक्षा‘ कार्यक्रम के माध्यम से माताओं में अपने बच्चों की पढ़ाई के प्रति अलख जगाने में सफलता पाई। माताओं एवं छोटे बच्चों को गाँव-गाँव में मेलों का आयोजन कर, मेले में माताओं एवं बच्चों को आमंत्रित कर घर में उपलब्ध सामग्री जैसे बर्तन, सब्जी, फल, कपडे़ आदि का उपयोग कर सिखाया जाए, इस पर कार्य किया गया।
ग्राम स्तर पर बेहतर कार्य कर रही माताओं को स्मार्ट माता के रूप में चयन कर सम्मानित किया गया। स्मार्ट माता अन्य माताओं को भी इस कार्यक्रम में जोड़े रखने एवं सीखने में सहयोग के साथ-साथ समय-समय पर बालवाड़ी एवं प्राथमिक शालाओं में जाकर बच्चों की शिक्षा में सहयोग एवं शिक्षकों से अपने बच्चों के सीखने के कार्य संबंधी जानकारी लेने का कार्य भी करती थीं। इस कार्यक्रम के माध्यम से माताओं में बच्चों को घर पर पढ़ाने की संस्कृति विकसित करने में सफलता मिली है।
बच्चों ने जो कुछ सीखा, उसे रिपोर्ट कार्ड के बदले एक सपोर्ट कार्ड डिजाइन कर माताओं के हस्ताक्षर से माताओं द्वारा अपने बच्चों के शिक्षकों को देना सुनिश्चित किया गया। माताओं को बहुत आसान तरीकों से सरल चिन्ह्नों का उपयोग कर बच्चों की विभिन्न दक्षताओं में स्थिति को दर्शाने का प्रयास किया गया। शिक्षिकाओं के समूहों द्वारा संकुल, विकासखंड, जिले एवं राज्य स्तर पर कोर ग्रुप के माध्यम से पूरे कार्यक्रम की मानिटरिंग की व्यवस्था की गयी। -
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मुख्यमंत्री ने किया 'विधिक जागरूकता प्रशिक्षण शिविर सह कार्यशाला' का शुभारंभ
ऑनलाइन शिकायतों के लिए बनाया गया मोबाइल एप "छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग" लॉन्च किया
मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ के माध्यम से लोगों को ऑन द स्पॉट नियमों की जानकारी के साथ मिल रहा है न्याय
प्रकरणों के त्वरित निराकरण में सहयोग के लिए जिलों के कलेक्टर, एसपी, डीपीओ और प्रशिक्षक मुख्यमंत्री के हाथों हुए सम्मानित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर स्थित पं.दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा आयोजित 'विधिक जागरूकता प्रशिक्षण शिविर सह कार्यशाला' का शुभारंभ किया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तेजकुंवर नेताम भी उपस्थित रहीं। मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण शिविर सह कार्यशाला का छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन एवं राज्यगीत के साथ शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल का स्वागत राजकीय गमछे और औषधीय महत्व वाले सीता अशोक के पौधे से किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिला आयोग की स्मारिका एवं ऑनलाइन शिकायतों के लिए बनाए गए मोबाइल एप "छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग" लॉन्च किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को महिलाओं को अधिकार सम्पन्न, सुरक्षित, सशक्त बनाने की शपथ दिलायी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि महिलाओं से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे लोगों की कार्यकुशलता इस कार्यशाला से और अधिक निखरेगी। साथ ही बेहतर तालमेल और सहयोग से लक्ष्यों को और अधिक तेजी से हासिल किया जा सकेगा। इस कार्यशाला में जो मास्टर ट्रेनर्स तैयार किए जाएंगे, वे महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की रोकथाम में अपनी प्रभावी भूमिका निभाएंगे। मानव तस्करी, साइबर अपराध और कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न जैसे अत्यंत संवेदनशील विषयों पर यह कार्यशाला केंद्रित है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि आज हो रहे अपराधों के पीछे गरीबी, अशिक्षा, अज्ञानता है। मानव तस्करी को रोकने में आर्थिक शैक्षणिक रूप से सरकार काम कर रही है, पुलिस अधिकारियों की सजगता से मानव तस्करी में बड़ी गिरावट आई है, लेकिन इतना काफी नहीं है, मानव तस्करी होना ही नहीं चाहिए। साइबर क्राइम भी बढ़ रहा है, हमारे छत्तीसगढ़ में भोले-भाले लोग हैं, इसलिए जरूरी है कि इन्हें जागरूक किया जाए, हमारी सरकार इस दिशा में भी काम कर रही है। महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए हमने छोटी-छोटी योजनाओं का जमीनी स्तर पर प्रभावी संचालन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम होना जरूरी है। इसके लिए सरकार नई-नई योजनाएं लागू कर रही है। कोरोना काल में लोगों को राहत देने के लिए चावल वितरण के साथ मनरेगा के कार्य प्रारंभ किए गए। लोगों को आर्थिक रूप से सक्षम करने समूह के माध्यम से कार्ययोजना बनाई गई है। आज महिलाएं गौठानों में वर्मी कंपोस्ट,पेंट बनाने और साग सब्जी का उत्पादन कर आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो रही है। इसी तरह ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने रीपा की स्थापना की जा रही है। इससे पारंपरिक कार्यों के साथ नए कार्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा। समाज को आगे और आधुनिक समय के साथ कदम से कदम मिला कर चलने के लिए विधिक जानकारी जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान ने हमें अधिकार सम्पन्न बनाया है, शासन की कल्याणकारी योजनाएं हमारे लिए हैं, सभी को अपने अधिकार और दायित्वों की जानकारी हो यह जरूरी है, इसलिए राज्य महिला आयोग द्वारा मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ का संचालन किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ के माध्यम से लोगो को ऑन द स्पॉट नियमो की जानकारी के साथ न्याय भी दिलाया गया। महिला आयोग की कार्यप्रणाली में आधुनिक तकनीकों का भी उपयोग किया जा रहा है,जिससे प्रकरणों का निराकरण शीघ्र किया जा सके।लोगो को जागरूक करने करने के लिए शॉर्ट फिल्मों के अतरिक्त विषय विशेषज्ञों के माध्यम से संभागस्तरीय प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने कहा कि समय के अनुरूप महिलाओ और बच्चियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना जरूरी है।आयोग इनके लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करता है। महिलाओं को तत्काल न्याय दिलाने के लिए महतारी रथ का परिभ्रमण पूरे राज्य में कराया जा रहा है।आज महिलाओं के आत्मसम्मान में वृद्धि हुई है। महिलाएं स्वयं जागरूक हो और अन्य को भी जागरूक करें।अपराध को नियंत्रित करने सभी को सहयोग करना होगा।प्रदेश की महिलाओं की दशा और दिशा को बदलने के लिए विधिक जागरूकता अति आवश्यक है।वर्तमान में महिलाएं आजीविका के सभी क्षेत्रों में अपना योगदान दे रही है और आत्मनिर्भर बन रही है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आयोग के कार्यकाल से अवगत कराते हुए कहा कि कार्यकाल में आयोग ने राज्य के सभी जिलों में सुनवाई करते हुए प्रताड़ित महिलाओ को न्याय दिलाया। आयोग ने प्रशासन के सहयोग से सभी कार्यों को सफलतापूर्वक किया।
विधिक कार्यशाला सह प्रशिक्षण में मानव तस्करी रोकथाम विषय पर पुलिस महानिरीक्षक डॉ संजय शुक्ला, महिला अपराध एवं साक्ष्यों के लिए सावधानियां विषय पर फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. सुनंदाढेंगे, परिवार न्यायालय एवं महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण प्रतिषेध तथा प्रतितोष) विषय पर एजीपी सुश्री शमीम रहमान, साइबर क्राइम पर प्रस्तुतिकरण विषय पर साइबर एक्सपर्ट सुश्री मोनाली गुहा ने बात रखी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महिला आयोग की ओर से जिलों के सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को प्रकरणों के निराकरण के लिए दिए गए सहयोग के लिए सम्मानित किया। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, रायपुर नगर निगम के महापौर श्री एजाज ढेबर, राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा, श्रीमती अर्चना उपाध्याय, श्रीमती अनिता रावटे, श्रीमती बालो बघेल उपस्थित थीं। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 11 मार्च को दुर्ग, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के प्रवास पर रहेंगे और वहां आयोजित स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होंगे।निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 11 मार्च को सुबह 10.40 बजे पुलिस लाईन हेलीपेड रायपुर से प्रस्थान कर 11.55 बजे दुर्ग जिले के मिनी स्टेडियम पाटन पहुंचेंगे और वहां सुबह 11 बजे से स्वर्गीय भोलाराम कश्यप स्मृति सभास्थल में आयोजित छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज पाटन राज के 77वें महाधिवेशन में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री कार्यक्रम पश्चात दोपहर 2.05 बजे हेलीकॉप्टर से प्रस्थान कर 3.05 बजे मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के मनेन्द्रगढ़ पहुंचेंगे और इसके बाद दोपहर 3.45 बजे मनेन्द्रगढ़ से प्रस्थान कर शाम 4.45 बजे पुलिस लाईन हेलीपेड रायपुर आएंगे। -
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात
कोल रॉयल्टी, जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से की चर्चा
छत्तीसगढ़ में जी-20 समूह की होने वाली बैठक की कार्ययोजना पर भी चर्चा की
प्रधानमंत्री ने सीएम हाउस में आयोजित होली महोत्सव का मुख्यमंत्री से किया जिक्र
नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की। इस दौरान श्री बघेल ने जनगणना जल्द कराने, जीएसटी क्षतिपूर्ति, कोल रॉयल्टी सहित विभिन्न लंबित मांगों पर प्रधानमंत्री से चर्चा की। मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने सीएम हाउस में आयोजित होली महोत्सव का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने होली पर फाग गाते हुए देखा आपको।
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राजकीय पशु वनभैंसे का प्रतीक चिन्ह भेंट किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से जल्द जनगणना कराए जाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि 2011 के बाद जनगणना नहीं होने से हितग्राहियों के चयन में दिक्कत आ रही है। कई पात्र हितग्राही योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने पूर्व में प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था।
मुलाकात में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जीएसटी क्षतिपूर्ति का मुद्दा भी प्रधानमंत्री के सामने रखा। उन्होंने कहा कि उत्पादक राज्य होने की वजह से छत्तीसगढ़ को वाणिज्यिक कर राजस्व में कमी का सामना करना पड़ रहा है। जून 2022 से अब तक जीएसटी क्षतिपूर्ति की 1375 करोड़ की राशि केन्द्र सरकार के पास लंबित है, जिसे शीघ्र प्रदान किया जाए।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कोल ब्लॉकों से एडिशनल लेवी के रूप में प्राप्त रॉयल्टी की 4170 करोड़ की राशि का भी शीघ्र भुगतान का प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है।मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से नवा रायपुर से दुर्ग के लिए शुरू किए जाने वाले लाइट मेट्रो सर्विस के लिए प्रधानमंत्री से सहयोग भी मांगा है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि सितंबर माह में जी-20 के चौथे स्थायी वित्त कार्य समूह की बैठक छत्तीसगढ़ में होने वाली है। इसकी तैयारी को लेकर प्रधानमंत्री से चर्चा की गयी। उन्होंने बताया कि बैठक को लेकर प्रधानमंत्री से मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ है। श्री बघेल ने बताया कि मैंने जी-20 के अतिथियों के लिए विश्व स्तर की व्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछली मुलाक़ात में मिलेट मिशन पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने रायपुर में मिलेट कैफे शुरू किए जाने का सुझाव दिया गया था। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि इस पर अमल करते हुये रायपुर सहित छत्तीसगढ़ के अन्य शहरों में मिलेट कैफे की शुरुआत की गयी है। -
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गीदम को नए राजस्व अनुभाग का दर्जा देने की घोषणा
मुख्यमंत्री दंतेवाड़ा में आयोजित फागुन मड़ई में आए देवी-देवताओं के बिदाई समारोह में हुए शामिल
दंतेवाड़ा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा में माँ दंतेश्वरी मंदिर परिसर में आयोजित फागुन मड़ई में आए देवी-देवताओं के बिदाई समारोह में शामिल हुए। यहां मुख्यमंत्री ने गीदम में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नामकरण मां दंतेश्वरी के नाम पर करने, गीदम को नए राजस्व अनुभाग का दर्जा देने और शंखनी-डंखनी नदी में पर्यटन के लिए रिवर फ्रंट व्यू पॉइंट का निर्माण करने की घोषणा की।
फागुन मड़ई में आए देवी-देवताओं के बिदाई समारोह में पहली बार शामिल हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने यहां ओड़ीसा, तेलंगाना सहित बस्तर के 851 देवी, देवताओं की बिदाई को अदभुत बताया। उन्होंने कहा कि बस्तर की संस्कृति के कई रंग हैं, बस्तर के दशहरा के समान दंतेवाड़ा की फागुन मड़ई भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। मां दंतेश्वरी के आंगन में होली खेलने के लिए क्षेत्र के सैकड़ों देवी-देवता यहां आते हैं। हमारे यहां की आदिवासी परंपराओं के पीछे जो भाव, दर्शन और कथाएं हैं, उसे जाने-समझे बिना छत्तीसगढ़ की संस्कृति को नहीं पहचाना जा सकता। सरकार ने अपनी गौरवशाली और अनूठी परंपराओं और तीज-त्यौहारों को सहेजने का काम किया है। गांव-गांव में स्थित देवगुड़ियों के संरक्षण का काम भी इसी उद्देश्य से शुरू किया है। आदिवासी परंपराओं को आगे बढ़ाने वाले पुजारी, बैगा, गुनिया, मांझी, हाट पहरिया, बजा मोहरिया को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में शामिल करते हुए उनके लिए 7 हजार रुपए की वार्षिक सहायता की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार के बजट में कोटवारों, गांव के पटेलों, मध्यान्ह भोजन तैयार करने वाले रसोइयों, स्कूलों के स्वच्छता कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी सहायिकाओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिनों और होमगार्ड के जवानों के मानदेय में वृद्धि का प्रावधान किया गया है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना के जरिये छत्तीसगढ़ में भगवान राम से जुड़ी ऐसी ही स्मृतियों को सहेजा जा रहा है। राज्य सरकार ने इस साल के बजट में भी छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहारों और परंपराओं को आगे बढ़ाने के लिए ‘मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ की घोषणा की है। राज्य के आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति अपनाई है। बस्तर को पहले नक्सली घटनाओं के लिए जाना जाता था, आज बस्तर की पहचान दंतेवाड़ा का डेनेक्स, जगदलपुर का काजू और कॉफी, नारायणपुर की फूल झाड़ू, कोंडागांव का तिखुर और कांकेर के मिलेट्स कारखाने से होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल के बजट में प्रदेश में चार नये मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की गई है, इनमें से एक मेडिकल कॉलेज गीदम में खोला जाएगा। मेडिकल कालेज के स्थापना से अंचल में चिकित्सकों की कमी दूर होगी और यहां के बच्चे अध्ययन कर यहीं अपनी सेवाएं देंगे। इस कार्यक्रम में विभिन्न जगहों से पहुँचे देवी-देवताओं के आशीर्वाद से बस्तर उन्नति की राह पर चलेगा। कार्यक्रम को उद्योग मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा, सांसद श्री दीपक बैज, विधायक श्रीमती देवती कर्मा ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री विक्रम मंडावी, विधायक चित्रकोट श्री राजमन बेंजाम, क्रेडा के अध्यक्ष श्री मिथलेश स्वर्णकार, इंद्रावती विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री राजीव शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष तूलिका कर्मा, मुख्यमन्त्री सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, कमिश्नर श्री श्याम धावड़े, आईजी श्री सुंदरराज पी., संचालक खनिज विभाग श्री जय प्रकाश मौर्य, कलेक्टर श्री विनीत नंदनवार, पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ तिवारी, मंदिर समिति के पुजारी, मांझी चालकी व अन्य सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों उपस्थित थे।
पुजारियों को सामग्री और देवगुड़ियों को दिया गया सामुदायिक वनाधिकार पत्र
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम के उपरांत पुजारियों को सामग्री भेंट की। जिसमे विकासखंड कटेकल्याण के श्री अनतराम पुजारी, कटेकल्याण जिहाकोड़ता के श्री दशरू कवासी, गीदम विकासखंड के तुमनार निवासी श्री बुधराम डेगल, दंतेवाड़ा विकासखंड से श्री रामलाल गायता, जगदलपुर महुपाल केे श्री आशाराम पुजारी को भेंट दिए। कार्यक्रम में जिले के सामुदायिक वन अधिकार पत्र के वितरण के तहत 5 देवगुड़ियों को प्रतीकात्मक स्वरूप सामुदायिक वन अधिकार पत्र का वितरण किया गया। जिले में अब तक 122 देवगुड़ियों को सामुदायिक वनाधिकार पत्र जारी किया जा चुका है। इसमें मुख्यमंत्री के हाथों कुआकोंडा के रेंगानार दंतेवाड़ा विकासखंड के मेटापाल, भोगाम, केशापुर और गीदम के कारली के मातागुड़ी को सामुदायिक वनाधिकार पत्र दिया गया। -
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माननीय अध्यक्ष महोदय,
रायपुर : प्रदेश की जनता के स्नेह और आशीर्वाद से चार वर्ष पूर्व हमें छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा का जनादेश मिला था। तब मैंने इस सदन में कहा था कि जनता को हमसे अपार अपेक्षाएं हैं। उन अपेक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरना ही हमारा लक्ष्य है। आज मुझे यह कहते हुए संतोष हो रहा है कि हम जनता की उम्मीदों पर खरे उतरे हैं।
1. “गढ़बो नवा छत्तीसगढ़“ के ध्येय वाक्य के साथ प्रदेश की प्रगति और खुशहाली के लिए इन चार वर्षों में हमने कई अभूतपूर्व निर्णय लिये हैं। देश और प्रदेश के इतिहास में 17 लाख 96 हजार किसानों को 08 हजार 07 सौ 44 करोड़ की ऋण माफी का लाभ देने का काम केवल हमारी सरकार ने किया है। खरीफ 2018 की धान फसल के लिये किसानों को 06 हजार 22 करोड़ की प्रोत्साहन राशि भुगतान करने का काम हमारी सरकार ने किया है।
2. छत्तीसगढ़ की जनता से किए गए वादों को पूरा करने के लिए तमाम बाधाओं के बीच भी हम अपने निर्णय पर अडिग रहे। किसानों को उनकी उपज का उचित लाभ देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की गयी। इसके तहत किसानों को प्रति एकड़ 09 हजार की आदान सहायता राशि देने का निर्णय लिया गया। खरीफ 2019 से लेकर अब तक 16 हजार 415 करोड़ की आदान सहायता राशि सीधे किसानों के खातों में भुगतान की जा चुकी है।
3. हमारी सरकार की न्याय योजनाओं से किसानों, मजदूरों, वन आश्रित परिवारों, महिलाओं और युवाओं सहित समाज के सभी वर्गों का सशक्तीकरण हुआ है। छत्तीसगढ़ी तीज-त्योहार, ग्रामीण खेल-कूद एवं लोक संस्कृति को पुनः सहेजकर हमने छत्तीसगढ़ महतारी का मान बढ़ाया है। नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी की चार चिन्हारी को आधार बनाकर हमने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का प्रयास किया है।
4. हमारे लिए यह गौरव की बात है कि मात्र 04 वर्ष की अल्पावधि में हमारी सरकार द्वारा किये गये विकास कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ मॉडल के रूप में पहचान मिली है। देश के अन्य राज्यों एवं भारत सरकार ने भी समय-समय पर इसे रेखांकित किया है। इसके लिए मैं प्रदेशवासियों को साधुवाद देना चाहता हूँ जिन्हांेने अपनी लगन और मेहनत से हमारी सोच को सही साबित करने का काम किया है।
5. इस वर्ष पुराने कीर्तिमानों को तोड़ते हुए हमने सर्वाधिक धान खरीदी का नया कीर्तिमान रचा है। राज्य को सबसे ज्यादा लघु वनोपजों की खरीदी करने वाले राज्य का गौरव भी मिला है। गोबर को गोधन बनाने वाली हमारी गोधन न्याय योजना के बहु-हितकारी महत्व को भारत सरकार द्वारा भी सराहा और अपनाया जा रहा है।
6. लघु धान्य फसलों कोदो-कुटकी-रागी का समर्थन मूल्य घोषित करने, इनके उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन आदि के लिए हमने जो कदम विगत वर्ष उठाये थे, वे इस वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर नीति निर्धारण का आधार बने हैं। वनोपज की खरीदी एवं प्रसंस्करण को बढ़ावा देकर वनवासियों को आर्थिक स्वावलंबन देने की दिशा में भी सार्थक काम हुआ है।
7. सुखद पहलू यह है कि हमारे प्रयास अब भी निरंतर जारी हैं। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना को इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ नगर पंचायत क्षेत्र के लिए भी विस्तार किये जाने की घोषणा करता हूँ।
8. शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की नवीन योजना शुरू की जायेगी। रोजगार एवं पंजीयन केन्द्र में पंजीकृत कक्षा 12वीं पास 18 से 35 वर्ष के युवा, जिनके परिवार की वार्षिक आय 02 लाख 50 हजार से कम होगी, उन्हें अधिकतम 02 वर्ष तक 2500 रू. प्रति माह की दर से बेरोजगारी भत्ता प्रदान करने की घोषणा करता हूँ। इसके लिए 02 सौ 50 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान रखा गया है।
9. निराश्रितों, बुजुर्गों, दिव्यंागों एवं विधवा तथा परित्यक्ता महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना अंतर्गत दी जाने वाली मासिक पेंशन की राशि 350 रू. से बढ़ाकर 500 रू. प्रति माह किये जाने की घोषणा करता हूँ।
10. महिलाओं तथा बच्चों के पोषण एवं टीकाकरण हेतु प्रदेश भर में संचालित 46 हजार 660 आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दी जाने वाली मासिक मानदेय की राशि 06 हजार 500 रू. प्रति माह से बढ़ाकर 10 हजार रू. प्रति माह किये जाने की घोषणा करता हूँ। आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 03 हजार 250 रू. से बढ़ाकर 05 हजार रू. प्रति माह किये जाने की घोषणा करता हूँ।
11. मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 04 हजार 500 रू. से बढ़ाकर 07 हजार 500 रू. प्रति माह किये जाने की घोषणा करता हूँ।
12. गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहन से लेकर स्वास्थ्य विभाग की हर छोटी-बड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग प्रदान करने वाली मितानिन बहनों को पूर्व से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के अतिरिक्त राज्य मद से 22 सौ रू. प्रति माह की दर से मानदेय दिये जाने की घोषणा करता हूँ।
13. ग्राम कोटवारों को सेवा भूमि के आकार के अनुसार अलग-अलग दरों पर मानदेय दिया जाता है। पूर्व प्रचलित मानदेय की राशि 22 सौ 50 रू. को बढ़ाकर 03 हजार रू., 33 सौ 75 रू. को बढ़ाकर 04 हजार 05 सौ रू., 04 हजार 50 रू. को बढ़ाकर 55 सौ रू. एवं 04 हजार 05 सौ रू. को बढ़ाकर 06 हजार रू. प्रति माह किये जाने की घोषणा करता हूँ। ग्राम पटेल को दिये जा रहे 02 हजार रू. मासिक मानदेय की राशि को बढ़ाकर 03 हजार रू. किये जाने की घोषणा करता हूँ।
14. मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत स्कूलों में दोपहर का भोजन बनाने वाले रसोईयों को दी जा रही मानदेय की राशि रूपये 01 हजार 05 सौ को बढ़ाकर 01 हजार 08 सौ रू. प्रति माह किये जाने की घोषणा करता हूँ। विद्यालयों में कार्यरत स्वच्छता कर्मियों का मानदेय भी 25 सौ रू. से बढ़ाकर 28 सौ रू. प्रति माह किये जाने की घोषणा करता हूँ।
15. राज्य के पर्व-त्यौहार, आपत्ति-विपत्ति एवं विभिन्न प्रशासनिक कार्यों के दौरान कानून व्यवस्था को बनाये रखने में सहयोग प्रदान करने वाले होमगार्ड के जवानों के मानदेय में न्यूनतम 06 हजार 300 रू. से अधिकतम 06 हजार 420 रू. प्रति माह की वृद्धि किये जाने की घोषणा करता हूँ।
16. स्वावलंबी गोठानों की संचालन समिति के अध्यक्ष को 750 रू. एवं सदस्यों को 500 रू. मानदेय दिये जाने की घोषणा करता हूँ। इस मानदेय की पात्रता केवल अशासकीय सदस्यों को होगी।
17. मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत दी जाने वाली सहायता राशि को 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार किये जाने की घोषणा करता हूँ। इसके लिए 38 करोड़ का प्रावधान है।
18. प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में आधुनिकतम एवं उच्च गुणवत्ता की मूलभूत सुविधाओं के विकास हेतु अधोसंरचना विकास के कार्यों को प्राथमिकता दी जायेगी। नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न शहरी अधोसंरचना निर्माण कार्यों के लिए 01 हजार करोड़ का प्रावधान है।
19. महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना के तर्ज पर शहरी क्षेत्र में भी औद्योगिक पार्क की स्थापना की जायेगी। औद्योगिक पार्कों में लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना के प्रोत्साहन हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है।
20. प्रदेशवासियों को आवागमन हेतु सहज, सस्ता एवं आधुनिक साधन उपलब्ध कराने के लिए नवा रायपुर, अटल नगर से दुर्ग तक लाइट मेट्रो सेवा शुरू करने का प्रस्ताव है।
21. शासकीय शालाओं में प्रवेशित विद्यार्थियों को पब्लिक स्कूलों की भांति अंग्रेजी माध्यम से उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से वर्ष 2020-21 में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय योजना प्रारंभ की गई है। वर्तमान में 247 अंग्रेजी माध्यम एवं 32 हिन्दी माध्यम स्वामी आत्मानंद विद्यालयों में 02 लाख 38 हजार 961 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इस वर्ष 101 नवीन स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोलने का प्रस्ताव है। इस योजना के लिए 08 सौ 70 करोड़ का प्रावधान है।
22. मनेन्द्रगढ़, गीदम, जांजगीर चंापा एवं कबीरधाम जिले में नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना की जायेगी। बजट में इसके लिए 200 करोड़ का प्रावधान है।
23. कोरबा पश्चिम में नवीन ताप विद्युत गृह की स्थापना की जायेगी। बजट में इसके लिए 25 करोड़ का प्रावधान है।
24. प्रदेशवासियों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य एवं मूलभूत सुविधाओं सहित आजीविका के प्रचुर अवसर उपलब्ध कराने के लिए हमारी सरकार कृत संकल्पित हैं।आर्थिक स्थिति
25. अध्यक्ष महोदय, अब मैं राज्य की आर्थिक स्थिति का ब्यौरा सदन के सामने प्रस्तुत करता हूँ। राज्य के चालू वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार स्थिर भाव पर वर्ष 2021-22 की तुलना में चालू वर्ष के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 08 प्रतिशत की वृद्धि का अग्रिम अनुमान है। जबकि इसी अवधि में भारत सरकार के सकल घरेलू उत्पाद में 07 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।
26. वर्ष 2022-23 में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र में भारत सरकार की अनुमानित वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत की तुलना में राज्य में 5.93 प्रतिशत की दर से वृद्धि का अनुमान है। स्थिर भाव पर औद्योगिक क्षेत्र में भारत सरकार की अनुमानित वृद्धि दर 4.1 प्रतिशत की तुलना में राज्य में 7.83 प्रतिशत की दर से वृद्धि का अनुमान है। स्थिर भाव पर सेवा क्षेत्र में भारत सरकार की अनुमानित वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत की तुलना में राज्य में 9.21 प्रतिशत की दर से वृद्धि का अनुमान है। इस प्रकार कृषि, उद्योग एवं सेवा तीनों ही क्षेत्र में राज्य की वृद्धि दर केन्द्र से अधिक अनुमानित है।
27. प्रचलित भाव पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2021-22 में 04 लाख 06 हजार 416 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 04 लाख 57 हजार 608 करोड़ होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.60 प्रतिशत अधिक है।
28. वर्ष 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 01 लाख 20 हजार 704 रूपये की तुलना में वर्ष 2022-23 में 01 लाख 33 हजार 898 रूपये होने का अनुमान है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 10.93 प्रतिशत अधिक है।
29. वर्ष 2022-23 के राज्य बजट में केन्द्रीय करों एवं केन्द्रीय सहायता अनुदान मद में कुल 44 हजार 573 करोड़ का प्रावधान रखा गया था। वर्ष 2023-24 के केन्द्रीय बजट को देखते हुए इस वर्ष राज्य के बजट में कुल 49 हजार 800 करोड़ की राशि केन्द्र से प्राप्त होने का अनुमान है।
30. वर्ष 2022-23 के बजट में राज्य के स्वयं के कर एवं करेत्तर राजस्व से कुल 44 हजार 500 करोड़ की प्राप्ति का अनुमान था। वर्ष 2023-24 में राज्य के राजस्व स्रोतों से 56 हजार 200 करोड़़ प्राप्त होने का अनुमान है। इस प्रकार केन्द्रीय प्राप्तियों में 11.73 प्रतिशत एवं राज्य के राजस्व प्राप्तियों में 26.30 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।
कृषि एवं किसान कल्याण31. अध्यक्ष महोदय, मुझे यह कहते हुए संतोष हो रहा है कि “धान का कटोरा” के रूप में प्रसिद्ध छत्तीसगढ़़ राज्य को हमने “धन का कटोरा” होने का गौरव दिलाया है। खरीफ 2017 में 12 लाख किसानों से उपार्जित 57 लाख मीट्रिक टन धान की तुलना में खरीफ 2022 में 23 लाख 42 हजार किसानों से 107 लाख मीट्रिक टन धान उपार्जित किया गया है। इस प्रकार विगत 04 वर्षाें के दौरान धान विक्रय करने वाले किसानों की संख्या में 11 लाख 42 हजार की वृद्धि एवं उपार्जित धान की मात्रा में 50 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि दर्ज की गयी है।
32. खरीफ 2022 के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत 26 लाख 41 हजार किसानों द्वारा 34 लाख 06 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे का पंजीयन कराया गया है। इन किसानों को आदान सहायता राशि वितरण हेतु वर्ष 2023-24 के बजट में 06 हजार 800 करोड़ की राशि का प्रावधान है।
33. गन्ना उत्पादक किसानों को भी प्रति वर्ष प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जा रहा है। इसके लिए 60 करोड़ का प्रावधान है।
34. नवा रायपुर, अटल नगर में 60 करोड़ की लागत से कृषि एवं किसान कल्याण भवन के निर्माण हेतु प्रावधान है।
35. किसानों को गुणवत्तायुक्त रासायनिक एवं जैविक खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राजनांदगांव एवं रायगढ़ जिले में नवीन उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला की स्थापना की जायेगी। रायपुर स्थित प्रयोगशाला के लिए अतिरिक्त सेटअप सृजन करने का प्रावधान है।
36. रासायनिक एवं जैविक कीटनाशकों के गुणवत्ता परीक्षण हेतु रायपुर में नवीन प्रयोगशाला की स्थापना का प्रावधान है। इन सभी प्रयोगशालाओं को एन.ए.बी.एल. से सम्बद्धता दिलाने हेतु पृथक से बजट भी रखा गया है।
37. उद्यानिकी से संबंधित आधुनिक तकनीकों के प्रदर्शन हेतु नवा रायपुर, अटल नगर में सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना की जायेगी। इसके लिए नवीन मद में 02 करोड़ 51 लाख का प्रावधान है।
38. विकासखंड मुख्यालय गंडई में कृषकों को उद्यानिकी फसलों की गुणवत्तापूर्ण पौध रोपण उपलब्ध कराने हेतु हाईटेक नर्सरी एवं छुईखदान में पान अनुसंधान केन्द्र की स्थापना एवं भवन निर्माण हेतु नवीन मद में 02 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
39. राजपुर विकासखंड धमधा में शासकीय बीज प्रगुणन प्रक्षेत्र की स्थापना हेतु नवीन मद में 01 करोड़ 57 लाख का प्रावधान है।
40. शासकीय कृषि महाविद्यालय गरियाबंद में महाविद्यालय भवन एवं बालक-बालिकाओं के छात्रावास निर्माण हेतु नवीन मद में 02 करोड़ का प्रावधान है।
41. ग्राम आलीवारा, जिला-राजनांदगांव एवं ग्राम केवरा, जिला-सरगुजा में किसान सुविधा केन्द्र की स्थापना के लिए नवीन मद में 35 लाख का प्रावधान है।
42. राज्य स्तरीय कृषि यंत्र परीक्षण प्रयोगशाला, रायपुर के भवन निर्माण हेतु नवीन मद में 20 लाख का प्रावधान है।
43. सीड लॉ एन्फोर्समेन्ट के लिए रायपुर में नवीन प्रयोगशाला की स्थापना की जायेगी।
44. 05 नये जिलों में उप संचालक, कृषि कार्यालय की स्थापना तथा दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा, दुर्ग एवं मुंगेली में अनुविभागीय अधिकारी, कृषि कार्यालय की स्थापना की जायेगी।पशु चिकित्सा
45. ग्राम दतरंेगा, जिला-रायपुर में पशुधन के उपचार एवं देख-भाल हेतु राज्य पशु गृह एवं पशु-रूग्णावास की स्थापना की जायेगी। इसके सेटअप एवं अधोसंरचना निर्माण के लिए नवीन मद में 02 करोड़ 18 लाख 50 हजार का प्रावधान है।
46. 25 नये पशु औषधालय दुधली जिला-बालोद, सुहेला एवं बालपुर जिला-बलौदाबाजार, खोडरी जिला-गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, दैहान, उमरवाही एवं सोनेसरार जिला-राजनांदगांव, सिल्ली एवं नोनबिर्रा जिला-कोरबा, बकरकट्टा जिला-खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, टेमरा जिला- जांजगीर चांपा, फुण्डा जिला-दुर्ग, जुनवानी जिला-कबीरधाम, मौहाभाटा एवं खाती जिला-बेमेतरा, घाटलोहंगा, मधोता, लावागांव मोहलई, छोटे देवड़ा एवं सिरिसगुड़ा जिला-बस्तर, बड़ाबदामी एवं गगोली जिला-सरगुजा, मिरतुर जिला-बीजापुर, छतरंग जिला-सूरजपुर तथा भवरमाल जिला-बलरामपुर में खोलना प्रस्तावित है। इसके लिए नवीन मद में 02 करोड़ 85 लाख का प्रावधान है।
47. 14 पशु औषधालय रिसाली, अण्डा, सेलुद, जिला-दुर्ग, परपोड़ी जिला-बेमेतरा, सारागांव जिला-जांजगीर चांपा, सेमरा जिला-धमतरी, रतनभाट जिला-राजनांदगांव, बतरा एवं शिवप्रसाद नगर जिला-सूरजपुर, महारानीपुर, राजापुर एवं मंगारी जिला-सरगुजा, सामरी एवं त्रिकुण्डा जिला-बलरामपुर को पशु चिकित्सालयों में उन्नयन किए जाने हेतु 42 पदों के सृजन का प्रावधान है।
48. 17 नवीन पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशालाओं की स्थापना जिला-बलौदाबाजार, बालोद, बेमेतरा, मुंगेली, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, सारंगढ-बिलाईगढ़, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सक्ती, गरियाबंद, बलरामपुर, सूरजपुर, कोण्डागांव, सुकमा, बीजापुर एवं नारायणपुर में की जायेगी।
49. पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, बिलासपुर में पशुधन फार्म कॉम्प्लेक्स एवं अन्य कार्यों हेतु नवीन मद में 05 करोड़ का प्रावधान है।मछली पालन
50. ग्राम किकिरमेटा, जिला-दुर्ग, ग्राम दुब्बाटोटा जिला-सुकमा एवं बालोद में 03 नवीन मत्स्य प्रक्षेत्र एवं हेचरी की स्थापना की जायेगी।
51. मत्स्य महाविद्यालय, कवर्धा में बाउंड्रीवाल तथा आंतरिक सड़क निर्माण हेतु नवीन मद में 02 करोड़ का प्रावधान है।जल संसाधन
52. सिंचाई परियोजनाओं की क्षमता के अनुरूप वास्तविक सिंचाई का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिये प्रबंधन की कमियों को दूर करने का प्रयास किया गया है, जिसके आशातीत परिणाम मिले हैं। मार्च 2018 की स्थिति में वास्तविक सिंचाई औसतन 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो पाती थी, जो दिसंबर 2022 की स्थिति में बढ़कर 13 लाख 05 हजार 451 हेक्टेयर हो गयी है।
53. वर्ष 2023-24 के बजट में वृहद सिंचाई योजना के 218, मध्यम सिंचाई योजना के 75, लघु सिंचाई योजना के 840, एनीकट-स्टॉप डैम के 598 तथा बाढ़ नियंत्रण संबंधी 256 नवीन कार्याें के लिए प्रावधान है।खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण
54. धान के उठाव एवं कस्टम मिलिंग संबंधी कार्यों को समय-सीमा में सुगमतापूर्वक संपन्न करने की दृष्टि से सी.एम.आर. में वृद्धि की गई है। राज्य सहकारी विपणन संघ को इस राशि की प्रतिपूर्ति हेतु 01 हजार करोड़ का प्रावधान है।
55. खाद्यान्न वितरण कार्य हेतु नियुक्त डीलर्स के प्रोत्साहन हेतु पी.डी.एस. डीलर्स मार्जिन योजना में गत वर्ष के 101 करोड़ के प्रावधान को बढ़ाकर इस वर्ष 02 सौ 21 करोड़ का प्रावधान है।
56. खाद्यान्न सुरक्षा के साथ-साथ स्वाद एवं पोषण को ध्यान में रखते हुए चना प्रदाय योजना की राशि 01 सौ 71 करोड़ से बढ़ाकर 03 सौ 61 करोड़, शक्कर वितरण की राशि 100 करोड़ से बढ़ाकर 01 सौ 24 करोड़ एवं आयोडाइज्ड नमक वितरण की राशि 49 करोड़ से बढ़ाकर 94 करोड़ का प्रावधान है।इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी
57. सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए निवेश प्रोत्साहन योजना में विगत वर्ष के बजट प्रावधान 11 करोड़ की तुलना में इस वर्ष 26 करोड़ का प्रावधान है।
सामान्य प्रशासन
58. चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में नवीन छत्तीसगढ़ भवन की व्यवस्था हेतु नवीन मद में 28 करोड़ 26 लाख का प्रावधान है।
59. विभिन्न योजनाओं का अध्ययन एवं मूल्यांकन करके बेहतर एवं त्वरित परिणाम देेने वाले नवाचारों को लागू करने के संबंध में अनुशंसा प्रस्तुत करने के लिए नवाचार आयोग का गठन किया गया है।
वाणिज्य कर (स्टाम्प एवं पंजीयन)
60. सरायपाली, पिथौरा एवं बसना जिला-महासमंुद, भाटापारा जिला-बलौदाबाजार, आरंग जिला-रायपुर, पंडरिया एवं बोड़ला जिला-कबीरधाम, राजपुर जिला-बलरामपुर एवं भिलाई-3 जिला-दुर्ग स्थित उप पंजीयक कार्यालयों के भवन निर्माण हेतु प्रावधान है।राजस्व एवं आपदा प्रबंधन
61. 07 नवीन तहसीलों भोथिया जिला-सक्ती, कुकदुर जिला-कबीरधाम, बागबहार जिला-जशपुर, दाढ़ी जिला-बेमेतरा, सरसीवां जिला- सारंगढ़-बिलाईगढ़, कुमरदा जिला-राजनांदगांव एवं फिंगेश्वर जिला-गरियाबंद का गठन किया जायेगा। इस हेतु 98 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान है।
62. अंतागढ़, कटघोरा एवं सराईपाली में अपर कलेक्टर कार्यालय तथा 07 नवीन राजस्व अनुभाग कार्यालय उदयपुर जिला-सरगुजा, केल्हारी जिला-मनेन्द्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी, शंकरगढ़ जिला-बलरामपुर, फरसाबहार जिला-जशपुर, बसना जिला-महासमुंद, छुरा जिला-गरियाबंद एवं पलारी जिला-बलौदाबाजार में प्रारंभ किये जायंेगे। इस हेतु 70 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान है।
63. ई-धरती परियोजना अंतर्गत राजस्व भूमि का अत्याधुनिक लीडार तकनीक के माध्यम से पुनः सर्वेक्षण हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है।
64. प्रदेश के समस्त तहसील कार्यालयों में सुरक्षा की दृष्टि से सी.सी.
टी.वी.कैमरा लगाये जाने हेतु नवीन मद मे 02 करोड़ 20 लाख का प्रावधान है।
65. जिला अभिलेखागारों के आधुनिकीकरण हेतु नवीन मद में 03 करोड़ का प्रावधान है।
66. जिला रायपुर में कम्पोजिट बिल्डिंग निर्माण एवं कलेक्टर भवन के उन्नयन कार्य हेतु नवीन मद में 10 करोड़ का प्रावधान है।
67. शासकीय मुद्रणालय, नवा रायपुर में नवीन मशीनों के क्रय हेतु नवीन मद में 02 करोड़ 60 लाख का प्रावधान है।धार्मिक न्याय एवं धर्मस्व
68. राजिम माघी पुन्नी मेला के आयोजन हेतु नवीन मेला स्थल पर नागरिक सुविधाओं के विकास तथा मंदिर एवं अन्य स्थलों के जीर्णोद्धार व निर्माण कार्यों के लिए नवीन मद में 20 करोड़ 73 लाख का प्रावधान है।
69. छत्तीसगढ़ कल्चरल कनेक्ट योजना के तहत अन्य राज्यों में स्थित तीर्थस्थलों के भ्रमण के दौरान राज्य के नागरिकों की सुविधा के लिए छत्तीसगढ़-जननिवास भवन के निर्माण का प्रावधान है।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
70. दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में मोबाइल मेडिकल यूनिट की स्थापना हेतु 05 करोड़ का प्रावधान है।
71. डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल, रायपुर में 700 बिस्तर क्षमता वाले एकीकृत चिकित्सालय की स्थापना हेतु 85 करोड़ का प्रावधान है।
72. चिकित्सा महाविद्यालयों से संबद्ध अंबिकापुर, कोरबा, कांकेर, जगदलपुर, रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़ एवं महासमुंद के अस्पतालों में ई-चिकित्सालय की स्थापना हेतु 50 पदों का सेटअप एवं सूचना प्रौद्योगिकी कार्यों के लिए 07 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
73. सिविल अस्पताल धरमजयगढ़ तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चिरमिरी, कुसमी, वाड्रफनगर एवं सीतापुर को 100 बिस्तर अस्पताल में उन्नयन हेतु कुल 470 पदों के सृजन का प्रावधान रखा गया है। दल्लीराजहरा जिला-बालोद एवं सारंगढ़ में नवीन 100 बिस्तर अस्पताल की स्थापना हेतु 246 पदों के सृजन का प्रावधान है।
74. रायपुर एवं अंबिकापुर में नवीन मानसिक चिकित्सालय की स्थापना हेतु 274 पदों के सृजन एवं भवन निर्माण हेतु नवीन मद में 02 करोड़ का प्रावधान है।
75. डौण्डीलोहारा जिला-बालोद, नवागढ़ जिला-बेमेतरा, घरघोड़ा जिला-रायगढ़ एवं साल्हेवारा जिला-खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 50 बिस्तर अस्पताल की स्थापना हेतु 119 पदों के सृजन का प्रावधान है।
76. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गिरौदपुरी जिला-बलौदाबाजार, राजपुर जिला-रायगढ़, इंदौरी जिला-कबीरधाम, मारो जिला-बेमेतरा, पोड़ी जिला-कोरिया को 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन के लिए कुल 185 पदों के सृजन का प्रावधान है। आस्ता जिला-जशपुर, कौरगांव जिला-दंतेवाड़ा में नवीन 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना के लिए 74 पदों के सृजन का प्रावधान है।
77. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुसुमकसा, जिला-बालोद एवं भानबेड़ा जिला-कांकेर को 20 बिस्तर अस्पताल में उन्नयन के लिए 36 पदों के सृजन का प्रावधान है।
78. इन्दागांव जिला-गरियाबंद, घटगांव, धौराभांठा एवं बसंतपुर जिला-रायगढ़, सकर्रा जिला-जांजगीर-चांपा एवं आमाटोला जिला-मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा अमलीडीह विकासखण्ड घरघोड़ा एवं ग्राम नवापारा विकासखण्ड-पुसौर जिला-रायगढ़ के उप स्वास्थ्य केन्द्रों का उन्नयन कर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना हेतु 96 पदों के सृजन का प्रावधान है।
79. 50 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र साजा जिला-बेमेतरा, 50 बिस्तर मातृ एवं शिशु अस्पताल कुनकुरी जिला-जशपुर, 30 बिस्तर अस्पताल नैमेड़ जिला-बीजापुर एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र कठानी जिला-रायगढ़ के भवन निर्माण हेतु नवीन मद में प्रावधान है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी
80. जल जीवन मिशन योजना के तहत 49 लाख ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित है। अब तक 20 लाख ग्रामीण परिवारों को लाभान्वित किया जा चुका है। शेष परिवारों तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए 02 हजार करोड़ का प्रावधान राज्यांश की राशि के लिए किया गया है।नगरीय प्रशासन
81. भवनों के नियमितीकरण से प्राप्त आय में से नगरीय निकायों को प्रोत्साहन अनुदान देने के लिए 03 करोड़ का प्रावधान है।
82. नगरीय क्षेत्रों में स्थित शासकीय भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थापना हेतु 25 करोड़ का प्रावधान है।ऊर्जा
83. पी.एम. कुसुम योजना के अंतर्गत ग्रिड के माध्यम से ऊर्जीकृत कृषि पम्प फीडर को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिये 810 मेगावॉट (डी.सी. क्षमता)/675 मेगावॉट (ए.सी. क्षमता) के सोलर पावर प्लांट की स्थापना की जायेगी। इसके लिये 50 करोड़ का प्रावधान है।
84. सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सौर सुजला योजना अंतर्गत सोलर सिंचाई पम्प की स्थापना हेतु 600 करोड़ का प्रावधान है।
85. रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम अंतर्गत अधोसंरचना एवं आई.टी.ओ.टी. कार्यों हेतु 46 करोड़ का प्रावधान है।वन एवं जलवायु परिवर्तन
86. भू-जल एवं जल संरक्षण कार्य योजना अंतर्गत अत्याधुनिक लीडार तकनीक के माध्यम से भू-जल सर्वेक्षण कार्य हेतु 187 करोड़ का प्रावधान है।
87. निजी भूमि पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने हेतु मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना प्रारंभ की जाएगी। इसके लिए नवीन मद में 100 करोड़ का प्रावधान है।
88. कबीरधाम में नवीन जंगल सफारी के निर्माण हेतु 02 करोड़ एवं जंगल सफारी, नवा रायपुर के उन्नयन हेतु 11 करोड़ का प्रावधान है।
89. छत्तीसगढ़ राज्य आर्द्र-भूमि प्राधिकरण की स्थापना हेतु 10 करोड़ का प्रावधान है।
90. लघु वनोपज कार्यों हेतु वनोपज संघ को अनुदान हेतु 20 करोड़ का प्रावधान है।महिला एवं बाल विकास
91. महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कौशल्या समृद्धि योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके लिए नवीन मद में 25 करोड़ का प्रावधान है।
92. बाल संप्रेक्षण गृह से बाहर जाने की आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करते हुये इनके पुनर्वास हेतु मुख्यमंत्री बाल उदय योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके लिए 01 करोड़ का प्रावधान है।
93. यूनिफाईड डिजिटल एप्लीकेशन योजना के अंतर्गत प्रारंभिक सर्वेक्षण एवं डी.पी.आर. तैयार करने हेतु 05 करोड़ का प्रावधान है।पंचायत एवं ग्रामीण विकास
94. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अब तक 08 लाख 42 हजार 289 आवास पूर्ण हो चुके हैं। भारत सरकार से प्राप्त लक्ष्य के अनुरूप 02 लाख 30 हजार ग्रामीण आवास के निर्माण हेतु वर्ष 2023-24 में 03 हजार 02 सौ 38 करोड़ का प्रावधान है।
95. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित सड़कों के संधारण हेतु 05 सौ करोड़ का प्रावधान है।
96. ग्राम पंचायत क्षेत्र में निर्मित शासकीय भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम की स्थापना हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है।
97. राज्य के गैर अनुसूचित क्षेत्र में छत्तीसगढ़ी पर्व एवं त्यौहारों के गरिमामयी आयोजन हेतु मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़़ी परब सम्मान निधि योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके तहत ग्राम पंचायतों को अनुदान दिये जाने हेतु 05 करोड़ का प्रावधान है।
98. प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण की नीति के तहत प्रदेश में नये जिलों के निर्माण को प्राथमिकता दी गई है। नये जिलों में काम-काज के सुचारू संचालन हेतु प्रति विकासखण्ड 01 करोड़ के मान से अधोसंरचना निर्माण कार्यों के लिए 15 करोड़ का प्रावधान है।स्कूल शिक्षा
99. कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम हेतु जारी प्रोटोकॉल के तहत शैक्षणिक संस्थाओं में बच्चों की उपस्थिति पर रोक के कारण प्रारंभिक शिक्षा में अधिगम के स्तर की कमी को देखते हुए विश्व बैंक के समर्थन से चॉक(CHALK) परियोजना प्रारंभ की जा रही है। इस योजना में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार का काम किया जायेगा। इसके लिए 04 सौ करोड़ का प्रावधान है।
100. प्रदेश की शालाओं में उच्च स्तर की अधोसंरचनात्मक सुविधाएं विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना शुरू की जायेगी। इसके लिए 05 सौ करोड़ का प्रावधान है।
101. शिक्षकों में पढ़ने-पढ़ाने के उचित कौशल विकास हेतु नवा रायपुर, अटल नगर में राष्ट्रीय स्तर का शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान खोलने के लिए 01 करोड़ का प्रावधान है।
102. मेडिकल एवं इंजीनियरिंग संस्थानों की प्रवेश परीक्षा के पूर्व कोचिंग हेतु कोटा राजस्थान जाने वाले राज्य के विद्यार्थियों की सुविधा के लिए कोटा में छात्रावास निर्माण हेतु प्रावधान है।
103. 07 प्राथमिक शालाओं को पूर्व माध्यमिक शाला में, 08 पूर्व माध्यमिक शालाओं को हाई स्कूल में तथा 17 हाई स्कूलों को हायर सेकेण्डरी विद्यालय में उन्नयन किया जायेगा।
104. 13 प्राथमिक शाला, 05 पूर्व माध्यमिक शाला, 10 हाई स्कूल एवं 18 हायर सेकेण्डरी स्कूल के भवन निर्माण हेतु 30 करोड़ का प्रावधान है।आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास
105. छात्रावास-आश्रम एवं प्रयास विद्यालयों में रहकर अध्ययन करने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को दी जाने वाली शिष्यवृत्ति की राशि 1000 रू. प्रति माह को बढ़ाकर 1500 रू. प्रतिमाह किया जायेगा।
106. पोस्ट मैट्रिक छात्रावास के विद्यार्थियों को भोजन सहाय योजना में दी जाने वाली 700 रू. प्रति माह की राशि को बढ़ाकर 1200 रू. प्रति माह किया जायेगा।
107. आदिवासी पर्व एवं त्यौहारों के गरिमामयी आयोजन हेतु मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके तहत ग्राम पंचायतों को अनुदान दिये जाने हेतु 05 करोड़ का प्रावधान है।
108. मेडिकल, इंजीनियरिंग एवं अन्य व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन योजना प्रारंभ की जायेगी।
109. प्रत्येक संभाग मुख्यालयों एवं रायगढ़ तथा राजनांदगांव जिलों में 100-100 सीटर बालक एवं बालिका छात्रावास अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए खोले जायेंगे। इस हेतु 13 करोड़ का प्रावधान है।
110. वन अधिकार अधिनियम के बेहतर क्रियान्वयन हेतु ग्राम वन समितियों के सशक्तीकरण के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराये जाने का प्रस्ताव है। इस हेतु 05 करोड़ का प्रावधान है।
111. विभागीय छात्रावास एवं आश्रमों में अधोसंरचनात्मक सुविधाएं विकसित करने के लिए 100 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। छात्रावास एवं विशिष्ट शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा की दृष्टि से सी.सी.टी.वी. कैमरा लगाने के लिए 04 करोड़ का प्रावधान है।जनसंपर्क विभाग
112. पत्रकारों को निजी आवास निर्माण में सहयोग हेतु पत्रकार गृह निर्माण ऋण अनुदान योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके तहत 25 लाख रूपये तक के आवास ऋण पर ब्याज अनुदान दिया जायेगा। इस हेतु 50 लाख का प्रावधान है।
पुलिस प्रशासन
113. डायल-112 योजना को पूरे राज्य में विस्तार करने हेतु 69 पदों के सृजन का प्रावधान है तथा 400 नग हल्का वाहन क्रय करने हेतु 33 करोड़ का प्रावधान हैं।
114. ग्राम चपले जिला-रायगढ़, महादेवडंाड जिला-जशपुर, पोड़ी-बचरा जिला-कोरिया, हल्दी जिला-बालोद, सुकुलदैहान जिला-राजनांदगांव, छपोरा जिला-सक्ती एवं रणजीतपुर जिला-कबीरधाम में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना किये जाने हेतु 231 पदों के सृजन का प्रावधान है।
115. ग्राम टिकनपाल एवं सुरनार जिला-दंतेवाड़ा, स्मृतिनगर (भिलाई) जिला-दुर्ग तथा मोपका एवं मंगला जिला-बिलासपुर में नवीन पुलिस थाना एवं बिन्द्रानवागढ़ जिला-गरियाबंद, बिरेझर जिला-धमतरी, बेलगहना जिला-बिलासपुर में पूर्व स्वीकृत चौकी का पुलिस थानों में उन्नयन किये जाने हेतु 479 पदों के सृजन का प्रावधान है।
116. कटघोरा जिला-कोरबा एवं अंतागढ जिला-कांकेऱ में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय तथा शिवरीनारायण जिला-जांजगीर चांपा में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कार्यालय की स्थापना हेतु 18 पदों के सृजन का प्रावधान है।
117. रायपुर, बिलासपुर एवं दुर्ग में नये साइबर थाना की स्थापना एवं रेंज मुख्यालयों पर अधिसूचित 05 साइबर थानों के लिए 138 पदों के सृजन का प्रावधान है।
118. विशेष आसूचना शाखा एवं अपराध अनुसंधान शाखा पुलिस मुख्यालय हेतु 59 पद, राज्य पुलिस अकादमी चंदखुरी हेतु 23 पदों के सृजन का प्रावधान है।
119. 10 पुलिस चौकी एवं 10 पुलिस थानों के भवन निर्माण का प्रावधान किया गया है। बिलासपुर, कोरिया तथा रायगढ़ जिलों में पुलिस अधीक्षक कार्यालय भवन निर्माण किया जायेगा। इसके लिए 12 करोड़ का प्रावधान है।
120. बस्तर, कोण्डागांव, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कांकेर एवं नारायणपुर में आमचो बस्तर पुलिस कैन्टीन के भवन निर्माण हेतु 01 करोड़ 40 लाख का प्रावधान है।
121. पुलिस विभाग की कार्य कुशलता में वृद्धि के लिए विभिन्न कार्यालयों हेतु आवश्यक नवीन उपकरण इत्यादि की व्यवस्था की जायेगी। इसके लिए 91 करोड़ 92 लाख का प्रावधान है।
122. पुलिस विभाग में 03 भारी वाहन, 03 मध्यम वाहन एवं 18 हल्का वाहन क्रय हेतु 01 करोड़ 94 लाख का प्रावधान है।
123. कुम्हारी जिला-दुर्ग में स्मार्ट थाना एवं जिला-दंतेवाड़ा में महिला थाना भवन के निर्माण का प्रावधान हैं।विमानन
124. बैकुण्ठपुर में नवीन हवाई पट्टी का विकास तथा कोरबा में व्यवसायिक हवाई अड्डा के विकास हेतु नवीन मद में प्रावधान है।
परिवहन
125. दंतेवाड़ा, मुंगेली, जशपुर एवं बलौदाबाजार में जिला परिवहन कार्यालयों के भवन तथा 11 चेक पोस्ट के भवन निर्माण हेतु 11 करोड़ 70 लाख का प्रावधान है।
विधि एवं विधायी कार्य126. 57 नवीन न्यायालयों की स्थापना की जायेगी। इसके लिए 360 पदों के सृजन सहित आवर्ती एवं अनावर्ती व्यय हेतु 23 करोड़ 25 लाख का प्रावधान है।
127. जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों का कम्प्यूटरीकरण किया जायेगा। इसमें कम्प्यूटर क्रय एवं अन्य कार्यो के लिए 13 करोड़ 76 लाख का प्रावधान है।
खेल एवं युवा कल्याण
128. खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल स्पर्धाओं का आयोजन एवं खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था हेतु 05 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान है।
129. तीरंदाजी को राजकीय खेल के तौर पर प्रोत्साहित करने के लिये बस्तर एवं रायपुर में तीरंदाजी खेल अकादमी की स्थापना की जायेगी। नारायणपुर में मलखम्ब अकादमी एवं रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन खेल अकादमी की स्थापना की जायेगी।
130. जिला-बस्तर में एडवेंचर स्पोर्ट्स अकादमी की स्थापना एवं ग्राम सलियाटोली विकासखण्ड-कुनकुरी में एडवेंचर स्पोर्ट्स सुविधाओं के विकास हेतु नवीन मद में 03 करोड़ 70 लाख का प्रावधान है।
131. प्रदेश के परंपरागत खेलों को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष से छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन की शुरूआत की गई है। इन खेलों के प्रति स्थानीय लोगों के रूझान एवं उत्साह को देखते हुए आगामी वर्ष में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन हेतु 25 करोड़ का प्रावधान है।
वाणिज्य एवं उद्योग132. छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति (2019 से 2024) के अंतर्गत औद्योगिक इकाईयों को Be-spoke policy के तहत अतिरिक्त पूंजी निवेश की प्रतिपूर्ति हेतु 150 करोड़ का प्रावधान है।
133. औद्योगिक क्षेत्र उरला में प्लास्टिक पार्क की स्थापना से संबंधित निर्माण कार्यों के लिए 02 करोड़ का प्रावधान है।संस्कृति एवं पर्यटन
134. प्राचीन स्मारकों की सुरक्षा एवं संरक्षण के प्रति जन जागरूकता विकसित करने एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से युवा पीढ़ी का परिचय कराने के लिए मुख्यमंत्री धरोहर दर्शन योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके अंतर्गत राज्य संरक्षित स्मारक स्थलों पर धरोहर मित्र नियुक्त किये जायेंगे तथा शैक्षणिक संस्थाओं के विद्यार्थियों को भ्रमण हेतु अनुदान की सुविधा दी जायेगी।
135. प्रदेश के प्राचीन शिल्प, स्थापत्य एवं कलाकृतियों को प्रत्येक जिले के चिन्हित कार्यालय अथवा महाविद्यालय में प्रतिकृतियों के माध्यम से प्रदर्शन करने हेतु मुख्यमंत्री विरासत झरोखा योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके लिए 99 लाख का प्रावधान है।
136. रामलीला मंचन तथा मानस गायन दलों के संरक्षण-संवर्धन हेतु चंदखुरी जिला-रायपुर में कौशल्या महोत्सव का आयोजन किया जायेगा। इसके लिए 10 करोड़ का प्रावधान है।
137. अंतर्राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन हेतु 12 करोड़ का प्रावधान है।
138. जिला कबीरधाम में भोरमदेव मंदिर के समीप आदिवासी संग्रहालय का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए 03 करोड़ का प्रावधान है।उच्च शिक्षा
139. स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों से कक्षा 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम से ही उच्च शिक्षा निरंतर रखने की सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से शिक्षा सत्र 2023-24 से प्रदेश के चयनित महाविद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षण प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है।
140. महासमुंद, कोरबा, बिलासपुर एवं रायगढ़ में अंग्रेजी माध्यम महाविद्यालय हेतु नवीन सेटअप एवं प्रति भवन 12 करोड़ की लागत से 04 महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु प्रावधान है।
141. रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, कांकेर, बस्तर एवं अंबिकापुर में पूर्व स्वीकृत महाविद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित करते हुए कुल 10 जिलों में अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालयों का संचालन प्रारंभ किया जायेगा।
142. इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ में देश-विदेश से अध्ययन हेतु आने वाले विद्यार्थियों की सुविधा के लिए नवा रायपुर, अटल नगर में ऑफ कैम्पस सेंटर की स्थापना की जायेगी।
143. 04 संभागीय मुख्यालयों पर संगीत महाविद्यालय एवं 06 कन्या महाविद्यालय सहित इस वर्ष कुल 23 नवीन महाविद्यालयों की स्थापना की जायेगी।
144. राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों को शोध कार्य में सहयोग प्रदान करने के लिए राज्य रिसर्च फेलोशिप योजना प्रारंभ की जायेगी।आवास एवं पर्यावरण
145. सिरपुर के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए क्षेत्र के समन्वित विकास के लिए सिरपुर विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। इस हेतु 05 करोड़ का प्रावधान है।
146. व्यवसायिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रायपुर एयरपोर्ट के समीप एरोसिटी की स्थापना की जायेगी। इस हेतु 02 करोड़ का प्रावधान है।
147. नवा रायपुर, अटल नगर में वाणिज्यिक गतिविधियों के विकास के लिए कॉमर्शियल हब की स्थापना की जायेगी। इस हेतु 05 करोड़ का प्रावधान है।तकनीकी शिक्षा
148. बेरोजगारी भत्ता योजना के अंतर्गत पात्र शिक्षित बेरोजगार आवेदकों को गुणवत्तायुक्त रोजगार मूलक प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। इसके लिए 10 करोड़ का प्रावधान है।
149. टाटा टेक्नोलॉजीज़ पुणे के सहयोग से 36 शासकीय आई.टी.आई. संस्थाओं को टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित किया जायेगा। इसके लिए 100 करोड़ का प्रावधान है।
150. लोईंग महापल्ली जिला-रायगढ़ एवं लिटिया जिला-दुर्ग में नवीन आई.टी.आई. की स्थापना की जायेगी।समाज कल्याण
151. छत्तीसगढ़ राज्य केश शिल्पी कल्याण बोर्ड के संचालन हेतु नवीन सेटअप का प्रावधान है।
152. वरिष्ठ नागरिकों, उभयलिंगी व्यक्तियों, विधवा-परित्यक्ता महिलाओं एवं दिव्यांगजनों की समस्याओं के ऑनलाईन समाधान हेतु सियान हेल्पलाईन संेटर एवं टॉल फ्री नंबर की स्थापना की जायेगी। इसके लिए 01 करोड़ का प्रावधान है।
153. उभयलिंगी व्यक्तियों के शिक्षण-प्रशिक्षण तथा रोजगार हेतु प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहायता के लिए नवा पिल्हर योजना प्रारंभ की जायेगी। इसके लिए 25 लाख का प्रावधान है। ग्रामोद्योग
154. भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान चांपा के भवन निर्माण एवं प्रयोगशाला उपकरण क्रय हेतु 05 करोड़ का प्रावधान है।लोक निर्माण
155. प्रदेश में अधोसंरचना विकास एवं पूंजीगत व्यय को प्रोत्साहित करने के लिए लोक निर्माण विभाग के बजट में कुल 07 हजार 651 करोड़ का प्रावधान है।
156. राज्य मार्गो के निर्माण हेतु 180 करोड़, मुख्य जिला सड़कों के निर्माण हेतु 378 करोड़, ग्रामीण मार्गो के निर्माण हेतु 735 करोड़, वृहद एवं मध्यम पुलों के निर्माण हेतु 629 करोड़ तथा रेलवे ओवरब्रिज निर्माण हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है।
157. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 1377 नवीन निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं। इसमें 1081 सड़क कार्य हेतु 579 करोड़, 272 वृहद एवं मध्यम पुल कार्य हेतु 149 करोड़ तथा 24 नवीन शासकीय विश्रामगृह के निर्माण हेतु 09 करोड़ का प्रावधान है। 50 रेलवे ओवरब्रिज निर्माण, सर्वेक्षण, भू-अर्जन एवं यूटिलिटी कार्य हेतु कुल 29 करोड़ 95 लाख का प्रावधान है।
158. विभिन्न शासकीय भवनों जैसेः-स्कूल-कॉलेज, स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी इत्यादि को पक्की सड़क से जोड़ने हेतु पहुंच मार्ग निर्माण की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना में 150 करोड़ का प्रावधान है।
159. एशियन विकास बैंक की सहायता से निर्माणाधीन सड़क विकास परियोजनाओं के लिए 07 सौ 93 करोड़ का प्रावधान है। ए.डी.बी. फेस-4 परियोजना अंतर्गत 17 सड़कों के सर्वेक्षण एवं निर्माण कार्य के लिए नवीन मद के रूप मंें 43 करोड़ का प्रावधान है।
160. नाबार्ड की सहायता से ग्रामीण मार्गों के निर्माण हेतु 150 करोड़ का प्रावधान है।
161. राम वन गमन पथ के मार्गों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने तथा मार्गों पर संकेतकों व प्रतीकों के विकास के लिए नवीन मद में 02 करोड़ प्रावधान है।
162. राजधानी रायपुर के हृदय स्थल में प्रवाहित खारून नदी पर रिवर फ्रंट का विकास किया जायेगा। इसमें नदी के तटों पर पक्के निर्माण कार्य एवं सौंदर्यीकरण के कार्य किये जायेंगे। इस प्रकार पूरे तट क्षेत्र का व्यवसायिक उपयोग सुनिश्चित किया जायेगा। इस हेतु 10 करोड़ का प्रावधान है।
163. रायपुर के जी.ई. रोड पर शारदा चौक से तात्यापारा चौक तक सड़क चौड़ीकरण के लिए 10 करोड़ का प्रावधान है।
164. रायपुर में तेलीबांधा फ्लाई ओवर के निर्माण हेतु नवीन मद में प्रावधान है।वर्ष 2022-23 का पुनरीक्षित एवं 2023-24 का बजट अनुमान
165. अध्यक्ष महोदय, अब मैं वर्ष 2022-23 का पुनरीक्षित एवं 2023-24 का बजट अनुमान सदन के समक्ष प्रस्तुत करता हूँ।
166. वर्ष 2022-23 में कुल प्राप्ति के बजट अनुमान 01 लाख 04 हजार करोड़ की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान 01 लाख 12 हजार 708 करोड़ है। इस प्रकार बजट अनुमान की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान में 08 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।
167. पुनरीक्षित प्राप्तियों में वृद्धि को देखते हुए कुल व्यय का बजट अनुमान 01 लाख 04 हजार करोड़ से बढ़ा करके पुनरीक्षित अनुमान 01 लाख 12 हजार 708 करोड़ प्रस्तावित है।
168. वर्ष 2023-24 में 01 लाख 21 हजार 500 करोड़ की कुल प्राप्ति का बजट अनुमान है, जो गत वर्ष की अनुमानित बजट प्राप्तियों से 17 प्रतिशत अधिक है। कुल प्राप्तियों में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 56 हजार 200 करोड़, केन्द्र से प्राप्तियां 49 हजार 800 करोड़ एवं पूंजीगत प्राप्तियां 15 हजार 500 करोड़ अनुमानित है।
169. वर्ष 2023-24 के लिए विनियोग का आकार 01 लाख 32 हजार 370 करोड़ का है। सकल व्यय से ऋणों की अदायगी एवं पुनर्प्राप्तियों को घटाने पर शुद्ध व्यय 01 लाख 21 हजार 500 करोड़ अनुमानित है। राजस्व व्यय 01 लाख 02 हजार 501 करोड़ एवं पूंजीगत व्यय 18 हजार 660 करोड़ है। वर्ष 2023-24 में पूंजीगत व्यय कुल व्यय का 15.36 प्रतिशत है।
170. प्रदेश में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग के विकास के लिए कुल बजट की 45 प्रतिशत राशि का प्रावधान किया गया है।
171. वर्ष 2023-24 के बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिये 41 प्रतिशत, आर्थिक क्षेत्र के लिये 36 प्रतिशत एवं सामान्य सेवा क्षेत्र के लिये 23 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है।राजकोषीय स्थिति
172. अध्यक्ष महोदय, यह कहते हुए मुझे संतोष है कि राज्य के स्वयं की राजस्व प्राप्तियों को बढ़ाने की दिशा में किए जा रहे हमारे प्रयास का परिणाम सकारात्मक रहा है। इस वर्ष राज्य के स्वयं के राजस्व में 26 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।
173. हमारी पूर्ववर्ती सरकार द्वारा राज्य के विकास कार्यों हेतु वर्ष 2012-13 से निरंतर बाजार ऋण लिया जा रहा था। विगत 03 वर्षों में कुशल वित्तीय प्रबंधन अपनाते हुए वर्ष 2022-23 में हमारी सरकार ने अब तक बाजार ऋण नहीं लिया है।
174. वर्ष 2021-22 के वित्त लेखे के अनुसार 04 हजार 642 करोड़ का राजस्व आधिक्य रहा है। चालू वर्ष में माह जनवरी 2023 के लेखा अनुसार भी 04 हजार 471 करोड़ के राजस्व आधिक्य की स्थिति बनी हुई है।
175. वर्ष 2021-22 के वित्त लेखे के अनुसार वित्तीय घाटा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 0.17 प्रतिशत रहा है। चालू वर्ष में माह जनवरी 2023 की स्थिति में राज्य सरकार का शुद्ध ऋण (-)788 करोड़ है।
176. राज्य का वास्तविक ऋण भार जनवरी 2023 की स्थिति में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में 17.90 प्रतिशत है। इसी अवधि में भारत सरकार का ऋण भार सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में 48 प्रतिशत है।
177. राज्य का सकल वित्तीय घाटा 15 हजार 200 करोड़ अनुमानित है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 2.99 प्रतिशत है। इस प्रकार एफ.आर.बी.एम. एक्ट में निर्धारित 03 प्रतिशत की सीमा में है।
178. राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियां 01 लाख 06 हजार करोड़ एवं कुल राजस्व व्यय 01 लाख 02 हजार 500 करोड़ अनुमानित है। अतः वर्ष 2023-24 में कुल 03 हजार 500 करोड़ का राजस्व आधिक्य ;त्मअमदनम (Revenue Surplus)अनुमानित है।कर प्रस्ताव
अध्यक्ष महोदय, वर्ष 2023-24 के लिये कोई कर प्रस्ताव नहीं है।
इस प्रकार वर्ष 2023-24 का वार्षिक वित्तीय विवरण तथा अनुदान की मांगे सदन के समक्ष प्रस्तुत करता हँू। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ का 'भरोसे' का बजट 2023 में लाइव प्रशारण देखने के लिए या फिर साथ जुड़ने के लिए निचे दिए गये लिंक पर क्लिक करके देखे सकते हैlink :- -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
आज सभी राज्य अपना रहे है छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य-शिक्षा मॉडल
छत्तीसगढ़ सबसे अच्छा आर्थिक प्रबंधन वाला प्रदेश
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता को किसा संबोधित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 6 मार्च को छत्तीसगढ़ सरकार का वर्ष 2023 का बजट पेश करेंगे। बजट की पूर्व संध्या पर उन्होंने प्रदेश की जनता को संदेश देते हुए विश्वास दिलाया है कि यह ‘भरोसे’ का बजट होगा। उन्होंने कहा है कि यह उस भरोसे का बजट है जिसने छत्तीसगढ़ को ‘नवा छत्तीसगढ़’ बनने का संबल दिया है। यह वही भरोसा है जो आपने हमारे घोषणापत्र पर, हमारी कार्यशैली पर और हमारी सरकार की जनकल्याणकारी सोच पर जताया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमने सरकार बनते ही महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के संकल्प और न्याय की नीति को आकार देना शुरू कर दिया था। इस दौरान बीते वर्षों में आई चुनौतियों से सभी परिचित हैं। चाहे वह कोरोना जैसी वैश्विक आपदा की चुनौती हो या अन्य चुनौतियां जिन्हें आप सब समझते हैं। लेकिन यह कहते हुए गर्व होता है कि इन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए हम बाहर निकले हैं और इस समय हम सबसे अच्छे आर्थिक प्रबंधन वाले प्रदेशों में से एक हैं।
यह आपके ही ‘भरोसे’ का परिणाम है कि देशभर में मंदी होने के बाद भी छत्तीसगढ़ के बाजारों में रौनक हैं। सबसे कम बेरोजगारी दर छत्तीसगढ़ में है। देशभर में छत्तीसगढ़ ने धान खरीदी में भी रिकॉर्ड तोड़ा है। प्रदेश में सुदूर अंचलों के आदिवासियों तक नई योजनाएं पहुंची हैं। साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा का छत्तीसगढ़ मॉडल देशभर की सरकारें अपना रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि पहले छत्तीसगढ़ को लोग सिर्फ नक्सली हिंसा की घटनाओं के लिए याद करते थे। पर्यटकों के दिमाग में छत्तीसगढ़ को लेकर प्रश्न चिन्ह आते थे। अचानक से इतना कुछ बदल गया है कि देश के लोग अब छत्तीसगढ़ आने को उत्सुक हैं। आप देख रहे होंगे कि प्रदेश में लगातार बॉलीवुड कलाकार फिल्म और वेब सीरिज की शूटिंग के लिए आ रहे हैं, पर्यटकों की संख्या में शानदार वृद्धि हुई है। यह सब जनभागीदारी से संभव हो सका है। हमारा राज्य अब देश को रास्ता दिखा रहा है। लोगों का नजरिया बदला है। आज समय बदल गया है। छत्तीसगढ़ में रोड सेफ्टी जैसे 2 बड़े सीजन क्रिकेट मैच हो चुके हैं, पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच ने हम सबका गौरव बढ़ाया है। सेलेब्रिटी क्रिकेट लीग भी अभी हाल में ही सम्पन्न हुआ है।
विधानसभा में सोमवार को जो छत्तीसगढ़ के ‘भरोसे’ का बजट प्रस्तुत होगा, वह हमारे प्रदेश के सपनों को एक नई हकीकत देने वाला बजट होगा, जो आसमान की नहीं जमीन की बात करेगा। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर मैं आप सबको ‘भरोसा’ बनाए रखने के लिए धन्यवाद देता हूं। साथ ही यह जिम्मेदारी भी आप सबके कंधों पर रखना चाहूंगा कि छत्तीसगढ़ को ‘नकारात्मकता’ से भर देने वालों को पहचानिए और नवा छत्तीसगढ़ की इस यात्रा को सब लोग मिलकर रफ्तार दीजिए। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
एम्स में भर्ती मरीजों के परिजनों के रुकने के लिए बनाया गया है गहोई भवन
श्री गहोई वैश्य समाज रायपुर द्वारा एम्स के समीप टाटीबंध में बनवाया गया है नवीन भवन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी रायपुर में एम्स के समीप टाटीबंध में श्रीगहोई वैश्य समाज, रायपुर द्वारा बनवाए गए नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त को नमन करते हुए कहा की एम्स में मरीजों के इलाज के दौरान मरीजों और उनके परिजनों के रुकने की व्यवस्था के लिए समाज द्वारा यह भवन बनवाया गया है। श्रीगहोई वैश्य समाज रायपुर ने सेवाभाव से यह बहुत ही प्रशंसनीय और पुनीत कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आप सबको नवनिर्मित भवन के लोकार्पण की बधाई देता हूँ। सामाजिक भवनों, धर्मशालाओं में समाज के उत्थान और विकास की चर्चाएं भी होती हैं, दूसरे समाज के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ के बाहर दूसरे राज्यों से आने वाले मरीजों के लिए यह भवन काफी उपयोगी होगा। कई बार इलाज के लिए काफी समय के लिए रुकना पड़ता है, ऐसे में इस भवन के माध्यम से मरीजों और उनके परिजनों की रुकने की समस्या का समाधान हो सकेगा और उन्हें काफी राहत प्रदान करेगा। अस्पताल के मरीजों के लिए आप कमरे उपलब्ध कराएंगे, इस कार्य को मरीज और उनके परिजन कभी नहीं भुला पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज का यह कार्य उच्च कोटि की मानव सेवा है। समाज द्वारा नया रायपुर में सामाजिक भवन के लिए जमीन की मांग पर उन्होंने कहा कि कोई भी समाज जिसके पास जमीन नहीं है, उन्हें सामाजिक कार्यों के लिए निर्धारित राशि देने पर भू खण्ड दिया जा रहा है। कलेक्टर गाइडलाइन को भी हमने 30 प्रतिशत कम कर दिया है। श्री बघेल ने कहा कि समाज के नाम से जमीन की रजिस्ट्री करा लें ,भवन बनाने के लिए सहायता दी जाएगी।
नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कार्यक्रम का अध्यक्षता की। विशेष अतिथि के रूप में सांसद श्री सुनील सोनी, संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष एवं विधायक श्री कुलदीप जुनेजा, विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर महापौर श्री एजाज ढेबर भी उपस्थित थे।
गहोई समाज के अध्यक्ष श्री अशोक बानी ने बताया कि अत्याधुनिक सुविधायुक्त यह भवन विशेष रूप से एम्स रायपुर के मरीजों के परिजनों के ठहरने के लिए बनाया गया है। सचिव श्री संजय गुप्ता व कोषाध्यक्ष श्री पंकज सरावगी ने बताया कि भवन के लोकार्पण समारोह में समाज के विभिन्न स्थानों से समाज के लोग एकत्रित हुए हैं। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में छत्तीसगढ़ की विशेष संरक्षित जनजातियों पर डॉ. सत्यजीत साहू द्वारा लिखित एवं ’जात्रा’ शीर्षक से प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल सहित श्री सुनील शर्मा, श्री संतोष ठाकुर, श्री सूरज दुबे और सुश्री भूमिसुता साहू भी उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल को डॉ. साहू ने बताया कि पुस्तिका में छत्तीसगढ़ में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजातियों के संकेन्द्रण, उनकी जीवनशैली, रहन-सहन और खान-पान का उल्लेख किया गया है। इसके साथ ही उनकी टीम के द्वारा शिविर के माध्यम से इन जनजातियों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करने के साथ ही छोटी-मोटी बीमारियों के प्रति भ्रांतियों को दूर करने के लिए किये गए प्रयासों की भी जानकारी दी गयी है। उन्होंने बताया कि उनकी टीम सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में कैम्प लगाकर राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी देने के साथ निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवँ दवाइयां भी मुहैया करा रही है। मुख्यमंत्री ने डॉ. साहू एवं उनके टीम के सदस्यों के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी। -
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मुख्य बजट का आकार बढ़कर हुआ 01 लाख 15 हजार 385 करोड़ रूपए
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा आज विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए प्रस्तुत 4 हजार 143 करोड़ 60 लाख, 71 हजार 652 रूपए का तृतीय अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया। तृतीय अनुपूरक बजट में पेयजल, सड़क, स्वास्थ्य, सिंचाई, आवास, भूजल संरक्षण, आजीविका, औद्योगिक प्रशिक्षण, कस्टम मिलिंग सहित विभिन्न मदों में अतिरिक्त राशि के प्रावधान रखे गए हैं। इस राशि को मिलाकर अब वित्तीय वर्ष 2022-23 के मुख्य बजट का आकार 1 लाख 15 हजार 385 करोड़ रूपए हो गया है। तृतीय अनुपूरक बजट में राजस्व व्यय हेतु 02 हजार 575 करोड़ रूपए और पूंजीगत व्यय हेतु 01 हजार 569 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है।
गौरतलब है कि वर्ष 2022-23 के मुख्य बजट में 1 लाख 4 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था। प्रथम अनुपूरक में 2 हजार 904 करोड़ रूपए, द्वितीय अनुपूरक में 4 हजार 338 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया था। तृतीय अनुपूरक की राशि 4 हजार 144 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सदन में तृतीय अनुपूरक बजट में किए प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 24 लाख ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था। इन लक्ष्य की पूर्ति हेतु निर्माणाधीन कार्यों के लिये 900 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
इसी प्रकार कृषक जीवन ज्योति योजना में राज्य में 05 हॉर्सपॉवर तक के कृषि पंपों के लिये निःशुल्क विद्युत प्रदाय की सुविधा दी जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने मछली पालन हेतु भी कृषि के समान विद्युत दर की सुविधा देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में मछली पालकों को भी कृषि पंपों के समान निःशुल्क विद्युत सुविधा का लाभ देने के लिये कृषक जीवन ज्योति योजना हेतु तृतीय अनुपूरक में 341 करोड़ की राशि का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान मिलिंग का कार्य समय सीमा में पूरा करने हेतु कस्टम मिलिंग की दरों में वृद्धि की गई है। उक्त राशि राज्य सहकारी विपणन संघ को प्रतिपूर्ति करने हेतु 700 करोड़ रूपए, इसी प्रकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्माणाधीन सड़कों के लिये 321 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के लिये 250 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जिला चिकित्सालयों में दवाईयां तथा अन्य सामग्री की आपूर्ति के लिये 210 करोड़ रूपए और चंदूलाल चंद्राकर चिकित्सा महाविद्यालय, दुर्ग के अधिग्रहण के लिए 150 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इस राशि से महाविद्यालय के भवन एवं चिकित्सा उपकरणों की राशि की प्रतिपूर्ति की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तृतीय अनुपूरक बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिये 116 करोड़ का प्रावधान किया गया है। चालू वित्त वर्ष के दौरान 42 लाख 10 हजार घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली बिल हाफ योजना के तहत विद्युत देयकों पर 01 हजार 115 करोड़ रूपये की राहत प्रदाय किया जाना है। इसके लिए 19 करोड़ 14 लाख का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक एवं स्वचालित उद्योगों की मांग को देखते हुए प्रदेश में संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संथाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु टाटा टेक्नोलॉजी पुणे के साथ एम.ओ.यू. किया गया है। इसके तहत 36 शासकीय आई.टी.आई. को टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित किया जायेगा। प्रत्येक आई.टी.आई. में नये उपकरण एवं तकनीक की स्थापना पर 33 करोड़ के मान से लगभग 12 सौ करोड़ रूपए की कार्य योजना तैयार की गई है। इस योजना में राज्य बजट से सहायता हेतु 94 करोड़ का प्रावधान में किया गया है। योजना पूर्ण होने पर प्रति वर्ष राज्य के 09 हजार युवाओं को उच्च कोटि के प्रशिक्षण का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैम्पा मद के तहत क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण, वन एवं वन्यप्राणी संरक्षण तथा भू-जल संरक्षण से संबंधित विभिन्न कार्य वन क्षेत्रों में कराये जा रहे हैं। इस मद में स्वीकृत कार्यों के लिये 200 करोड़ रूपए, अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति वितरण के लिये 150 करोड़ रूपए तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के लिये 60 करोड़ 59 लाख का प्रावधान किया गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी एवं मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय निर्माण के लिये 03 करोड़ 73 लाख रूपए और छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के विजेताओं को पुरस्कार वितरण के लिए 21 करोड़ 90 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम छाल में पोस्ट मैट्रिक जनजाति कन्या छात्रावास एवं पतराटोली, विकासखण्ड दुलदुला जिला-जशपुर में प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास की स्थापना के साथ ही नरहरपुर जिला-कांकेर में आदिवासी बालक क्रीडा परिसर की स्थापना की जायेगी। इसके अलावा राजनांदगांव में पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास, गोलापल्ली जिला-सुकमा में प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास तथा सलियाटोली जिला-जशपुर में बालक एवं बालिका छात्रावास के भवन निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है। -
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रायपुर : विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहाँ छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर में मंत्रीगणों के लिए नवनिर्मित कक्षों का उद्घाटन किया। इस अवसर विधानसभा उपाध्यक्ष श्री सन्तराम नेताम, संसदीय कार्य मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, लोकनिर्माण विभाग के मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू सहित अन्य मंत्रीगण, संसदीय सचिव एवँ विधायकगण भी उपस्थित थे । -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति और स्वाधीनता आंदोलन के अग्रणी नेता डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नमन किया है। श्री बघेल ने कहा कि राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए राजेन्द्र प्रसाद जी ने स्वतंत्र और निष्पक्ष कार्यप्रणाली के कई मार्गदर्शी दृष्टांत दिए। उन्होंने गरीब और दीनदुखियों की सेवा में अपना पूरा जीवन लगा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय आदर्श और परम्पराओं से ओत-प्रोत राजेन्द्र बाबू का जीवन मूल्य सदा राष्ट्र को प्रेरणा देता रहेगा। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिकों के माध्यम से अब तक करीब 1969 कैम्प लगाएं जा चुके हैं। दाई-दीदी क्लीनिक के माध्यम से रायपुर, बिलासपुर एवं भिलाई नगर निगम क्षेत्र की स्लम बस्तियों में रहने वाली 1 लाख 47 हजार 362 महिलाओं एवं बच्चियों का उनके घर के पास ही दाई-दीदी क्लीनिक कैंप के माध्यम से इलाज किया गया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लिनिक योजना संचालित की जा रही है। योजना के तहत दाई-दीदी क्लिनिक की मोबाइल मेडिकल यूनिट के वाहन में महिला चिकित्सकों और महिला स्टॉफ की टीम पहुंचती है तथा जरूरतमंद महिलाओं एवं बच्चियों की विभिन्न बीमारियों का निःशुल्क इलाज करती है। इन मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा 28 हजार 94 महिलाओं का लैब टेस्ट किया गया तथा 1 लाख 40 हजार 333 महिलाओं को निःशुल्क दवाईयां दी गई। पहले गरीब स्लम क्षेत्र में रहने वाली तथा मेहनत मजदूरी करने वाली ऐसी महिलाएं जो समयाभाव या अन्य कई कारणों से अपना इलाज नहीं करा पा रही थी परन्तु अब दाई-दीदी क्लीनिक से उन्हें इलाज की सुविधा घर के पास ही महिला चिकित्सकों और चिकित्सा स्टॉफ के माध्यम से मिल रही है और वे अपना इलाज करा पा रही है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री चंद्रशेखर आजाद की 27 फरवरी को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि श्री आजाद की देश भक्ति और साहस आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। मातृभूमि की आजादी के लिए उनमें अद्भुत जुनून था। आजाद जी ने संकल्प लिया था कि ब्रिटिश सरकार के सामने कभी घुटने नहीं टेकेंगे, आजाद हैं आजाद ही रहेंगे। उन्होंने अपना संकल्प टूटने नहीं दिया और देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। श्री बघेल ने कहा कि चंद्रशेखर जी के बलिदान ने हजारों युवाओं के भीतर क्रांति की मशाल जला दी। उनका बलिदान अमूल्य है, जिसका ऋण कभी चुकाया नहीं जा सकता। -
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मुख्यमंत्री ने कहा- जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगीरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सुकमा के जगरगुंडा में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन जवानों की शहादत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। श्री बघेल ने शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।
सुकमा एसपी श्री सुनील शर्मा ने शहीद जवानों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मुठभेड़ में एएसआई रामु राम नाग, सहायक आरक्षक कुंजाम जोगा, सैनिक वैंजम भीमा शहीद हुए हैं।
