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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जन्माष्टमी के अवसर पर राजधानी के ’कृष्ण-कुंज’ को किया लोकार्पित
कर्म योगी, ज्ञान योगी, भक्ति योगी के साथ भगवान श्री कृष्ण अर्थशास्त्री भी थे, उन्होंने कृषि से गौपालन को जोड़ा था- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कृष्ण कुंज में लगाया कदम्ब का पौधा
रायपुर के तेलीबांधा में बनाये गए कृष्ण कुंज के 1.68 हेक्टेयर में रोपे गए 383 पौधे
प्रदेश के सभी नगरीय क्षेत्रों में 162 स्थानों में हुआ पीपल, बरगद, नीम जैसे सांस्कृतिक महत्त्व के पौधो का रोपण
शहरी वातावरण को शुद्ध रखने और सांस्कृतिक महत्व के पेड़ों को सहेजने की अनोखी पहल
मुख्यमंत्री के निर्देश: हटेगी कृष्ण-कुंज के पास की शराब दुकान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर राजधानी रायपुर के तेलीबांधा में विकसित किए गए कृष्ण-कुंज को लोकार्पित किया। कृष्ण-कुंज के 1.68 हेक्टेयर क्षेत्र में सांस्कृतिक एवं जीवनोपयोगी 383 वृक्षों का रोपण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कृष्ण-कुंज में कदंब का पौधा लगाया। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कृष्ण-कुंज में गाय को गुड़-चना खिलाया। उन्होंने वहां श्री कृष्ण जन्मस्थली कारागार की प्रतिकृति की दीवार पर बनाए गए आठे कन्हैया के भित्ती चित्र की पूजा-अर्चना की और तिलक लगाकर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने श्री कृष्ण भगवान को झूला भी झुलाया। उन्होंने श्री कृष्ण का रूप धरे बच्चे को गोद में उठाकर दही मटकी फोड़वाई। मुख्यमंत्री ने आमजनों की सहुलियत को ध्यान में रखते हुए तेलीबांधा के नवनिर्मित कृष्ण-कुंज के पास की शासकीय शराब दुकान को हटाकर अन्यत्र स्थानांतरित करने के निर्देश मौके भी कलेक्टर को दिए।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, महापौर श्री एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, कलेक्टर डॉ.सर्वेश्वर भूरे, नगर निगम आयुक्त श्री मयंक चतुर्वेदी सहित निगम के एमआईसी सदस्य एवं पार्षद तथा बड़ी संख्या श्रद्धालु जन भी मौजूद रहे।
कृष्ण-कुंज में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों के 162 स्थानों में विकसित कृष्ण-कुंज में बरगद, पीपल, कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के एवं जीवनोपयोगी आम, इमली, बेर, गंगा इमली, जामुन, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू ,चिरौंजी, अनार, कैथा, नीम, गुलर, पलास, अमरूद, सीताफल, बेल, आंवला के वृक्षों का रोपण किया जा रहा है। वृक्षारोपण को जन-जन से जोड़ने, सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए प्रदेश में ‘कृष्ण-कुंज’ विकसित किए जा रहे हैं। विगत वर्षों में शहरीकरण की वजह से हो रही अंधाधुंध पेड़ों की कटाई से इन पेड़ों का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है। आने वाली पीढ़ियों को इन पेड़ों के महत्व से जोड़ने के लिए ‘कृष्ण-कुंज’ की पहल की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माताएं अपने बच्चों को सदैव भगवान कृष्ण के रूप में देखती हैं। भगवान कृष्ण के माखनचोर, नंदकिशोर, द्वारिकाधीश आदि अनेक नाम हैं। हमारे छत्तीसगढ़ में बच्चे सबसे पहला कोई उपवास रखते हैं तो वह जन्माष्टमी का होता है। श्री बघेल ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण कर्मयोगी, ज्ञानयोगी, भक्तियोगी के साथ अर्थशास्त्री भी थे, उन्होंने कृषि से गौपालन को जोड़ा था। छत्तीसगढ़ में हमने गौपालन को बढ़ावा दिया है। गांव और शहर में गौठान बना रहे हैं। गोबर और गौमूत्र खरीदने का कार्य भी कर रहे हैं। गौमाता की सेवा के साथ स्वच्छता का कार्य भी सरकार कर रही है। इससे लोगांे को आमदनी का एक जरिया मिला है। उनकी आर्थिक स्थिति सुधर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने लोगों को कर्मवादी बनने का उपदेश दिया। भगवान श्री कृष्ण ने जिन बातों का उपदेश दिया, उन्हें स्वयं भी जीया। वे सही मायने में हमें जीवन जीने की कला सिखाते हैं। सांस्कृतिक विविधताओं से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ का हर एक पर्व प्रकृति और आदिम संस्कृति से जुड़ा हुआ है। इनके संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ी के तीज-त्यौहारों को आम लोगों से जोड़ा गया और अब ‘कृष्ण-कुंज’ योजना के माध्यम से इन सांस्कृतिक महत्व के पेड़ों को सहेजने की अनुकरणीय पहल हो रही है, जो आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर कल की ओर ले जाएगी और एक नया छत्तीसगढ़ गढ़ने में अपनी भूमिका निभाएगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय क्षेत्रों में ’कृष्ण कुंज’ विकसित किए जा रहे हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण कुंज में मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को ’कृष्ण-कुंज’ विकसित करने के लिए वन विभाग को न्यूनतम एक एकड़ भूमि का आबंटन करने के निर्देश दिए हैं। अब तक राज्य के 162 स्थलों को ’कृष्ण कुंज’ के लिए चिन्हांकित कर लिया गया है। कृष्ण कुंज को विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए सभी निकायों में एकरूपता प्रदर्शित करने हेतु बाउंड्रीवाल गेट पर लोगो का डिजाईन एक समान तैयार किया गया है।
कृष्ण-कुंज के लिए रायपुर जिले के 10 नगरीय निकाय कुर्रा, खरोरा, बिरगांव, अटारी, तेलीबांधा, आरंग, चंदखुरी, कुरुद समोदा, उरला में स्थल चयनित किया गया है। गरियाबंद जिले के 3 महासमुंद के 6, गौरेला पेंड्रा जिले के 2 कोरिया जिले के 7, कोंडागांव जिले के 3,दंतेवाड़ा जिले के 4, बीजापुर जिले, सुकमा, नारायणपुर के 1-1 स्थलों के साथ कुल 162 चयनित स्थलों में जन्माष्टमी पर पौधों का रोपण किया गया।
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आदिवासी समाज के सामाजिक भवन हेतु 2 एकड़ भूमि आरक्षित करने एवं भवन निर्माण हेतु 50 लाख रूपए की घोषणा
शासकीय हाई स्कूल दंतरेगी का नामकरण स्वर्गीय श्री संतोष धु्रव एवं शासकीय हाई स्कूल टोनाटार का नामकरण शहीद श्री धनंजय वर्मा के नाम पर करने की घोषणा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज बलौदाबाजार जिले के भाटापारा नगर स्थित रावणभाटा मैदान में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस एवं मां मांवली महासभा के नव निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। इस दौरान समाज की महिलाओं ने खुमरी पहनाकर उनका स्वागत किया गया। श्री बघेल ने सम्मेलन में पटपर भाटापारा नगर में आदिवासी समाज के लिए 2 एकड़ भूमि आरक्षित करने एवं सामाजिक भवन हेतु 50 लाख रूपए स्वीकृति की घोषणा की है। साथ ही मुख्यमंत्री श्री बघेल ने शासकीय हाई स्कूल दंतरेगी का नामकरण स्वर्गीय श्री संतोष ध्रुव एवं शासकीय हाई स्कूल टोनाटार का नामकरण शहीद श्री धनंजय वर्मा के नाम पर करने की घोषणा किए है।
इस दौरान नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, पूर्व राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, संसदीय सचिव एवं विधायक सुश्री शकुंतला साहू, अनुसूचित जनजाति आयोग सदस्य श्री गणेश धु्रव, मंडी अध्यक्ष श्री सुशील शर्मा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती सरिता ठाकुर, जिलाध्यक्ष श्री हितेंद्र ठाकुर, श्री विद्याभूषण शुक्ला, श्री सुनील महेश्वरी, समाज प्रमुख श्री बंशीलाल नेताम, कलेक्टर श्री रजत बंसल पुलिस अधीक्षक श्री दीपक झा उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने नव निर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ दिलाई। सभा को संबोधित करते हुए श्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों के हित में किये जा रहे कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति एवं छत्तीसगढ़ की अस्मिता को पहचान दिलाने के लिए हमारी सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि हमने विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को अवकाश दे कर एक उत्सव मनाने का अवसर दिया है। इस वर्ष हमने विशेष पिछड़ी जनजाति के पढ़े लिखें नौजवान युवक-युवतियों को बड़ी संख्या में शासकीय नौकरी प्रदान की है। इसके साथ ही आने वाले समय मे 10 हजार शिक्षकों की भर्ती करने की तैयारी की जा रहीं है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य के अन्नदाताओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। जिसमें राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना प्रमुख है। बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्रदान करने में राज्य में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए हैं। हमने इसकी सीटें भी बढ़ाई है। यह एक ऐसा सरकारी स्कूल है जिसमें अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अभिभावकों में उत्साह है। अब हम उच्च शिक्षा में भी अंग्रेजी माध्यम के कॉलेज संचालित करने की योजना बना रहे है। राज्य में गोधन योजना से रोजगार और आय के नए स्रोत प्रारंभ हुए हैं। जिसके पास पहले कोई रोजगार नहीं होता था। वे गोबर बेचकर लाभ कमा रहे हैं। गौठान में वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना की पूरे देश में सराहना की जा रही है। गांव की परंपरा को पुनर्जीवित करने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है। हमनें अब 4 रूपए प्रति लीटर की दर से गौ-मूत्र की खरीदी प्रारंभ की है। योजनाओं को चलाने के लिए सभी की भागीदारी जरूरी है। खेतों में फसल उत्पादन के लिए वर्मी कंपोस्ट का उपयोग कर बीमारियों से बचा जा सकता है। वर्तमान में खेती के रकबा में वृद्धि हुआ है और इसके प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है।
बादल एकेडमी के लिए कलेक्टर श्री रजत बंसल की प्रशंसा
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम के दौरान खुले मन से कलेक्टर श्री रजत बंसल के नेतृत्व में बस्तर में प्रारंभ हुई बादल एकेडमी की प्रशंसा की। जगदलपुर में प्रारंभ हुई बादल एकेडमी जनजाति संस्कृति के रूप में प्रसिद्ध लोकनृत्य, स्थानीय बोलियां, साहित्य एवं शिल्प कला के संरक्षण के लिए शुरू हुई बस्तर एकेडमी ऑफ डॉस, आर्ट एवं लेंग्वेज की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने इस जिले के लोगों को वहां भ्रमण कराने का भी निर्देश दिए है। इस मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण और दूर दराज से आएं आदिवासी समाज के पदाधिकारी एवं
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प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 162 स्थानों में होगा पीपल, बरगद जैसे सांस्कृतिक महत्त्व के पौधो का रोपण
शहरी वातावरण को शुद्ध रखने और सांस्कृतिक महत्व के पेड़ों को सहेजने की अनोखी पहल
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जन्माष्टमी के अवसर पर राजधानी रायपुर के तेलीबांधा में विकसित किए जा रहे कृष्ण-कुंज में सांस्कृतिक एवं जीवनोपयोगी वृक्षों का रोपण की शुरूआत करेंगे। श्री बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय क्षेत्रों में ’कृष्ण कुंज’ विकसित किए जा रहे हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण कुंज में बरगद, पीपल, कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के एवं जीवनोपयोगी आम, इमली, बेर, गंगा इमली, जामुन, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू ,चिरौंजी, अनार, कैथा, नीम, गुलर, पलास, अमरूद, सीताफल, बेल, आंवला के वृक्षों का रोपण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को ’कृष्ण-कुंज’ विकसित करने के लिए वन विभाग को न्यूनतम एक एकड़ भूमि का आबंटन करने के निर्देश दिए हैं। अब तक राज्य के 162 स्थलों को ’कृष्ण कुंज’ के लिए चिन्हांकित कर लिया गया है। वृक्षारोपण की तैयारी भी बड़ी उत्साह के साथ की जा रही है। इस कृष्ण जन्माष्टमी से पूरे राज्य में ’कृष्ण कुंज’ के लिए चिन्हित स्थल पर वृक्षों का रोपण प्रारंभ किया जाएगा। कृष्ण कुंज को विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए सभी निकायों में एकरूपता प्रदर्शित करने हेतु वन विभाग द्वारा बाउंड्रीवाल गेट पर लोगो का डिजाईन एक समान तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ‘कृष्ण-कुंज’ योजना के उद्देश्यों को लेकर कहा है कि, “वृक्षारोपण को जन-जन से जोड़ने, अपने सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और उन्हें विशिष्ट पहचान देने के लिए इसका नाम ‘कृष्ण-कुंज’ रखा गया है। विगत वर्षों में शहरीकरण की वजह से हो रही अंधाधुंध पेड़ों की कटाई से इन पेड़ों का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है। आने वाली पीढ़ियों को इन पेड़ों के महत्व से जोड़ने के लिए ‘कृष्ण-कुंज’ की पहल की जा रही है।
रायपुर जिले के 10 नगरीय निकाय कुर्रा, खरोरा, बिरगांव, अटारी, तेलीबांधा, आरंग, चंदखुरी, कुरुद समोदा, उरला में कृष्ण-कुंज के लिए स्थल चयनित किया गया है। गरियाबंद जिले के 3 महासमुंद के 6, गौरेला पेंड्रा जिले के 2 कोरिया जिले के 7, कोंडागांव जिले के 3,दंतेवाड़ा जिले के 4, बीजापुर जिले, सुकमा, नारायणपुर के 1-1 स्थलों के साथ कुल 162 चयनित स्थलों में जन्माष्टमी पर पौधों का रोपण किया जायेगा।
सांस्कृतिक विविधताओं से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ का हर एक पर्व प्रकृति और आदिम संस्कृति से जुड़ा हुआ है। इनके संरक्षण के लिए ही यहां के तीज-त्यौहारों को आम लोगों से जोड़ा गया और अब ‘कृष्ण-कुंज’ योजना के माध्यम से इन सांस्कृतिक महत्व के पेड़ों को सहेजने की अनुकरणीय पहल हो रही है। जो आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर कल की ओर ले जाएगी और एक नए छत्तीसगढ़ के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएगी।
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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का प्रदेश के छात्रों के हित में बड़ा फैसला
प्रथम चरण में आगामी शैक्षणिक सत्र जून 2023 से राज्य के प्रमुख नगरों में कम से कम 10 इंग्लिश मीडियम कॉलेज खोले जाएंगे
आगामी तीन साल में राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में इंग्लिश मीडियम कॉलेज खोले जाएंगे
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मुख्य सचिव को 10 दिनों में कार्ययोजना प्रस्तुत करने के दिए निर्देश
रायपुर : छत्तीसगढ़ में स्कूलों के बाद अब स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम आदर्श महाविद्यालय भी खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के छात्रों के हित में छत्तीसगढ़ में चरणबद्ध रूप से स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम आदर्श महाविद्यालय प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को 12वीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा। राज्य में ही अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध होगी। प्रथम चरण में आगामी शैक्षणिक सत्र जून 2023 से राज्य के प्रमुख नगरों में कम से कम 10 इंग्लिश मीडियम कॉलेज खोले जाएंगे। इसी तरह आगामी तीन साल में राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में इंग्लिश मीडियम कॉलेज खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मुख्य सचिव को इस संबंध में 10 दिनों में कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर राज्य शासन द्वारा समाज के कमजोर तबके और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए गए हैं। विगत वर्ष 51 स्कूल प्रारंभ किए गए थे, इन स्कूलों की लोकप्रियता के कारण स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की संख्या वर्तमान में बढ़कर 247 हो गई है। अब स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम आदर्श महाविद्यालय प्रारंभ होने से इन स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चों के साथ-साथ अंग्रेजी माध्यम के निजी स्कूलों के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में उच्च शिक्षा के लिए बाहर नही जाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने इस योजना की सफलता को देखते हुए 15 अगस्त को राज्य में आगामी शिक्षा सत्र के पूर्व राज्य के 422 स्कूलों में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना लागू करने की घोषणा की है। इनमें से 252 स्कूल बस्तर एवं सरगुजा संभाग में होंगे। दंतेवाड़ा जिले के शत प्रतिशत शासकीय हाई स्कूूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय का स्वरूप दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की शिक्षा क्रांति आने वाले समय में देश का सबसे अच्छा ’एजुकेशन माडल’ प्रस्तुत करेगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम आदर्श महाविद्यालय प्रारंभ करने के संबंध में मुख्य सचिव को जारी निर्देश में कहा है कि राज्य में अंग्रेजी माध्यम के अनेक निजी एवं शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालित किये जा रहे हैं। राज्य में इंग्लिश मीडियम के शासकीय महाविद्यालय न होने के कारण राज्य के विद्यार्थियों को 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उच्च शिक्षा हेतु महानगरों के महाविद्यालयों में प्रवेश लेना पड़ता है जिसमें बड़ी राशि व्यय होती है। राज्य के विद्यार्थियों को राज्य में ही अंग्रेजी माध्यम से महाविद्यालयीन शिक्षा देने हेतु स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों की तरह ही गुणवत्तायुक्त महाविद्यालयीन शिक्षा हेतु स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम आदर्श महाविद्यालय भी आरंभ किये जाएं। इन महाविद्यालयों की चरणबद्ध स्थापना की जाए। प्रथम चरण में आगामी शैक्षणिक सत्र जून 2023 से राज्य के प्रमुख नगरों में कम से कम 10 इंग्लिश मीडियम कॉलेज खोले जाएं। इसी तरह आगामी 03 वर्षों में राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में इंग्लिश मीडियम कॉलेज खोले जाएं।
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राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को हो चुका है 12,920 करोड़ रूपए का भुगतान
गोधन न्याय योजना के तहत हितग्राहियों को दिए जा चुके हैं 330 करोड़ रूपए
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 20 अगस्त शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी की जयंती के अवसर पर राज्य के किसानों, पशुपालक ग्रामीणों, गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को 1750 करोड़ 24 लाख रूपए की राशि उनके बैंक खाते में ऑनलाइन जारी करेंगे। यह राशि छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के तहत दी जाएगी। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल वर्चुअल रूप से राज्य के जनप्रतिनिधियों, किसानों, गौपालकों एवं समूहों की महिलाओं से चर्चा करेंगे।
गौरतलब है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 20 अगस्त को राज्य के 26 लाख 21 हजार किसानों को इस साल की इनपुट सब्सिडी की दूसरी किस्त के रूप 1745 करोड़ रूपए की राशि उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। इससे पूर्व 21 मई 2022 को राज्य के किसानों को इस योजना की प्रथम किस्त के रूप में 1745 रूपए का भुगतान किया गया था। राजीव गांधी किसान न्याय योजना छत्तीसगढ़ खरीफ वर्ष 2019 से लागू की गई है। इस योजना के तहत अब तक किसानों को 12 हजार 920 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा चुकी है। 20 अगस्त को द्वितीय किस्त के भुगतान के बाद यह राशि बढ़कर 14 हजार 665 करोड़ हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि खरीफ 2019 में 18.43 लाख किसानों को 4 किस्तों में इनपुट सब्सिडी के रूप में 5627 करोड़ रूपए, खरीफ वर्ष 2020 के 20.59 लाख किसानों को 5553 करोड़ रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा चुकी है। इस योजना के तहत किसानों को इनपुट सब्सिडी की यह राशि राज्य में फसल उत्पादकता एवं फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने तथा काश्त लागत को कम करने के उद्देश्य से दी जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 20 अगस्त को ही गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को 5 करोड़ 24 लाख रूपए की राशि जारी करेंगे। गोधन न्याय योजना के तहत बीते दो सालों में गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों और महिला समूहों को 330 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 20 अगस्त को इस योजना की 50वीं किस्त की राशि 5.24 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 335 करोड़ 24 लाख रूपए हो जाएगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में दो रूपए किलो में गोबर की खरीदी की शुरूआत 20 जुलाई 2020 से हरेली पर्व से की जा रही है। गौठानों में 15 अगस्त 2022 तक 79.12 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। राज्य में 8408 गौठान निर्मित और संचालित हैं, जहां 2 लाख 52 हजार से अधिक पशुपालक ग्रामीण गोबर बेच कर सीधे लाभान्वित हो रहे हैं, इसमें 1 लाख 43 हजार से अधिक भूमिहीन शामिल हैं।
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राहत शिविरों में दवाईयों, भोजन सहित साफ-सफाई की व्यवस्था रखने को कहा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ तथा अधिक वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों पर तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा है कि जहां पर जल स्तर में बढ़ोत्तरी हो रही हो वहां पर जिला प्रशासन निरंतर नजर रखे और एसडीआरएफ की टीम को एलर्ट मोड पर रखे। ऐसे क्षेत्रों में मुनादी करवाकर आमजनों को जागरूक करें तथा राहत एवं बचाव के लिए बोट, नाव और गोताखोरों को तैयार रखे। साथ ही उन्होंने जिला स्तर पर बनाये गए कन्ट्रोल रूम को निरंतर अलर्ट रखने के निर्देश भी दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए बनाए गए राहत शिविरों में दवाईयों, भोजन तथा साफ-सफाई रखने को कहा है। मुख्यमंत्री ने बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे कर मुआवजे की राशि का वितरण करने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश के परिपालन में रायगढ़ जिले की कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने राजस्व सहित सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को फील्ड में रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिले में बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर एनआरडीएफ की टीम को समन्वय कर बाढ़ प्रभावित सरिया एवं पुसौर के लिए रवाना किया। इनमें दो टीम को सरिया एवं एक टीम को पुसौर में तैनात किया जाएगा। श्रीमती साहू ने केलो डेम का निरीक्षण कर जल भवराव का जायजा लिया और चक्रपथ की ऊंचाई बढ़ाने के संबंध में जल्द रेलवे के अधिकारियों के साथ बैठक करने के निर्देश नगर निगम आयुक्त को दिए।