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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कोई भी स्कूल अब शिक्षक विहीन नही
एकल शिक्षकीय स्कूलों में 80 फीसद की गिरावट
10,372 स्कूलों का एकीकरण, शिक्षकों का व्यापक युक्तियुक्तकरण
छात्रों को मिलेगी बेहतर शैक्षणिक सुविधा
रायपुर : राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की एक व्यापक और सार्थक पहल की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के अनुरूप मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में यह दूरगामी सुधार, वास्तव में राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने और लंबे समय से चली आ रही शैक्षिक विसंगतियों के समाधान का कारगर प्रयास है।
युक्तियुक्तकरण से पहले, छत्तीसगढ़ राज्य के ग्रामीण अंचल की शालाओं में शिक्षकों की कमी, नगरीय इलाकों और उसके समीप की शालाओं में जरूरत से ज्यादा शिक्षकों की पदस्थपना के कारण शिक्षा प्रभावित हो रही थी और इसका असर बच्चों के परीक्षा परिणाम पर भी पड़ रहा था।
राज्य के लगभग 212 प्राथमिक शालाएं और 48 पूर्व माध्यमिक शालाएं पूरी तरह से शिक्षक विहीन थीं, जबकि 6,872 प्राथमिक शालाएं और 255 पूर्व माध्यमिक शालाएं केवल एक शिक्षक के साथ संचालित हो रही थीं। इसके अतिरिक्त 211 शालाएं ऐसी थीं जहाँ छात्र संख्या शून्य थी, लेकिन शिक्षक पदस्थ थे। इसके अलावा, 166 शालाओं को समायोजित किया गया, इसमें ग्रामीण क्षेत्रों की 133 शालाएं शामिल थीं, जिनकी दर्ज संख्या 10 से कम थी और दूरी 1 किमी से कम थी, तथा शहरी क्षेत्रों की 33 शालाएं थीं, जिनकी दर्ज संख्या 30 से कम थी और दूरी 500 मीटर से कम थी।
इन चुनौतियों के बावजूद, छत्तीसगढ़ का छात्र-अध्यापक अनुपात (पीटीआर) राष्ट्रीय औसत से उल्लेखनीय रूप से बेहतर था, प्राथमिक शालाओं के लिए पीटीआर-20 था, जबकि राष्ट्रीय औसत 29 है और पूर्व माध्यमिक शालाओं के लिए पीटीआर-18 था, जबकि राष्ट्रीय औसत 38 है। हालांकि, वितरण असमान था। राज्य में लगभग 17,000 प्राथमिक शालाएं और लगभग 4,479 पूर्व माध्यमिक शालाएं थीं, जिनका पीटीआर-20 से कम था। अकेले शहरी क्षेत्रों में 527 ऐसे विद्यालय थे, जिनका पीटीआर-10 से कम था, जिनमें 15 या उससे अधिक शिक्षकों वाली 08 प्राथमिक शालाएं, 10-15 शिक्षकों वाली 61 शालाएं और 6-9 शिक्षकों वाली 749 प्राथमिक शालाएं थीं, ये आंकड़े बेहतर संसाधन आवंटन की जरूरत को दर्शाते हैं।
इस पहल का मुख्य बिंदु एक ही परिसर में संचालित लगभग 10 हजार 372 शालाओं का एकीकरण था, जिनमें प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल शामिल थे। इस विलय से कई लाभ मिलने की उम्मीद है, जिनमें शाला त्यागी छात्रों की संख्या में कमी और छात्रों को बार-बार स्थानांतरण प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता का समाप्त होना शामिल है। यह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, छोटी कक्षाओं के छात्रों को बड़ी कक्षाओं के छात्रों का सहयोग प्राप्त होने, और कंप्यूटर, विज्ञान प्रयोगशाला, खेल-कूद तथा सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से शैक्षणिक समझ और अभिरुचि में वृद्धि के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास में भी सहायक होगा। इस दृष्टिकोण से प्रशासनिक व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी।
विद्यालयों के समायोजन के साथ-साथ, जिला, संभाग और राज्य स्तर पर काउंसलिंग के माध्यम से एक महत्वपूर्ण शिक्षक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया भी की गई। इस प्रक्रिया के तहत जिला स्तर पर लगभग 13 हजार 793 शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया गया। संभाग स्तर पर 863 का और राज्य स्तर पर 105 शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया गया।
युक्तियुक्तकरण अभियान के प्रारंभिक परिणाम अत्यधिक आशाजनक हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शिक्षा विभाग का कहना है कि कोई भी विद्यालय बंद नहीं किया जा रहा है और कोई भी शिक्षक पद समाप्त नहीं हो रहा है। इसके बजाय ध्यान बेहतर अधोसंरचना वाले विद्यालयों का संचालन सुनिश्चित करने पर है।
युक्तियुक्तकरण के पश्चात राज्य में शिक्षक विहीन विद्यालयों की संख्या शून्य हो गई है। एकल शिक्षकीय शालाओं की संख्या में प्रभावशाली 80 प्रतिशत की कमी आई है अब लगभग 1,200 शालाएं एकल शिक्षकीय हैं। एक ही परिसर में स्थित 10,372 विद्यलायों का एकीकरण और 166 ग्रामीण एवं शहरी विद्यालयों का समायोजन पूरा हो चुका है। इससे लगभग 89 प्रतिशत विद्यार्थियों को बार-बार प्रवेश प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी। छात्रों को अतिरिक्त शिक्षक उपलब्ध होंगे और विद्यालय की समय सारिणी एवं अन्य गतिविधियों में अधिक एकरूपता रहेगी। इस पहल का उद्देश्य उपचारात्मक शिक्षण द्वारा छात्रों की समझ को बेहतर बनाना भी है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करके, छत्तीसगढ़ न केवल वर्तमान कमियों को दूर कर रहा है, बल्कि एक ऐसे भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रख रहा है। जहाँ प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच प्राप्त होगी, जिससे समग्र विकास और शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा मिलेगा। युक्तियुक्तकरण का यह कदम एक अधिक कुशल, न्यायसंगत और प्रभावी शैक्षिक वातावरण बनाने के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सीसीपीएल के फाइनल में रायपुर राइनोस और राजनांदगांव पैंथर्स टीम संयुक्त विजेता घोषित
मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में हुए शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज यहां नवा रायपुर के शहीद वीरनारायण सिंह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग की विजेता टीमों को विनर्स कप सौंपा। बारिश की वजह से सीसीपीएल का फाइनल मैच नहीं खेला जा सका। फाइनल में पहुंची दोनों टीमों रायपुर राइनोस और राजनांदगांव पैंथर्स को संयुक्त विजेता घोषित किया गया।
छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए सौभाग्य की बात है कि सीसीपीएल जैसे क्रिकेट टूर्नामेंट का यहां शानदार आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ में हम सभी खेलों को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग के माध्यम से राज्य के प्रतिभावान क्रिकेट खिलाड़ियों को खेलने का बेहतरीन मौका मिला है। इस आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य क्रिकेट संघ बधाई का पात्र है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बारिश की वजह फाइनल मैच नहीं खेला जा सका। रायपुर राइनोस और राजनांदगांव पैंथर्स टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया है। मैं दोनों टीमों को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ और सभी खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ। यह बहुत खुशी की बात है कि मौसम खराब होने के बाद भी बड़ी संख्या में क्रिकेट प्रेमी स्टेडियम में मौजूद हैं। मैं आशा करता हूँ कि छत्तीसगढ़ राज्य क्रिकेट संघ इसी तरह आगे भी छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग का आयोजन करता रहेगा।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 का आयोजन 6 जून से 15 जून तक किया गया। इसमें रायपुर राइनोस, राजनांदगांव पैंथर्स, रायगढ़ लायन्स, बस्तर बाइसन्स, बिलासपुर बुल्स और सरगुजा टाईगर्स टीमों ने हिस्सा लिया।
मुख्यमंत्री के हाथों से रायपुर राइनोस और राजनांदगांव पैंथर्स टीम के कप्तान श्री अमनदीप खरे और श्री अजय मंडल ने विनर्स कप ग्रहण किया।
इस अवसर पर खेल मंत्री श्री टंकराम वर्मा, राज्यसभा सांसद और बीसीसीआई के उपाध्यक्ष श्री राजीव शुक्ला, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, श्री बलदेव सिंह भाटिया, श्री प्रभतेज सिंह भाटिया सहित छत्तीसगढ़ राज्य क्रिकेट संघ के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में क्रिकेट प्रेमी उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ितों की नई जिंदगी की शुरुआत
रायपुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में, जहां कभी गोलियों की गूुज सुनाई देती थीं, वहां अब हर जगह खुशी और उल्लास की गूंज सुनाई देती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन और छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति व नियद नेल्लानार योजना के प्रभाव से माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटे युवक-युवतियों और नक्सल पीड़ितों ने नई जिंदगी की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत बस्तर संभाग में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह इस बदलाव के साक्षी बने हैं।
सुकमा के मिनी स्टेडियम में 13 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में दो आत्मसमर्पित नक्सली जोड़ों मौसम महेश-हेमला मुन्नी और मड़कम पाण्डू-रव्वा भीमे ने वैदिक रीति-रिवाजों के साथ विवाह रचाया। ये चारों जून 2024 में नक्सल संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण कर चुके थे। मुख्यमंत्री ने नवदंपतियों को आशीर्वाद देते हुए उनके सुखमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर श्री साय ने सुकमा जिले को 206 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात भी दी। नवदंपतियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की जनहितैषी नीतियों और पुनर्वास योजनाओं ने उन्हें हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति और विकास की राह अपनाने के लिए प्रेरित किया।
दंतेवाड़ा में 220 जोड़ों का सामूहिक विवाह, पूवर्ती की नक्सल पीड़िता ने जवान संग रचाई शादी
दंतेवाड़ा के मेंढका डोबरा में मंदिर परिसर में 20 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 220 जोड़ों ने परिणय सूत्र में बंधकर गृहस्थ जीवन शुरू किया। इनमें पूवर्ती गांव की एक नक्सल पीड़िता और वहां तैनात जवान का जोड़ा भी शामिल था। पूवर्ती, जो कभी खूंखार नक्सली हिड़मा और देवा का गढ़ था, अब सरकार की योजनाओं और सुरक्षा बलों की मौजूदगी से भयमुक्त होकर खुशहाली की ओर अग्रसर है। नियद नेल्लानार योजना के तहत धुरली गांव के दो जोड़ों सीमा भास्कर-रमेश भास्कर और सुंदरी तेलाम-धन्नु कुंजाम ने भी विवाह रचाया। सभी नवदंपतियों के बैंक खातों में 35 हजार रुपये की राशि हस्तांतरित की गई।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना: निर्धन परिवारों का सहारा
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना ने बस्तर के निर्धन परिवारों को नया जीवन दिया है। योजना के तहत प्रत्येक जोड़े को 50 हजार रुपये की सहायता दी जाती है, जिसमें 35 हजार रुपये सीधे वधु के खाते में हस्तांतरित होते हैं। श्री विष्णु देव साय सरकार के कार्यकाल में अब तक 15 हजार से अधिक जोड़ों का विवाह इस योजना के तहत संपन्न हो चुका है।
बस्तर में शांति और विकास की नई इबारत
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल विरोधी कार्रवाइयों और कल्याणकारी योजनाओं ने बस्तर के ग्रामीणों का हौसला बढ़ाया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार, आवास और आर्थिक सहायता के माध्यम से सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल रहा है। बस्तर संभाग के इन विवाह समारोहों ने साबित कर दिया कि प्यार, विश्वास और सहानुभूति से हिंसा और नफरत को हराया जा सकता है। बस्तर अब नक्सलवाद के अंधेरे से निकलकर शांति, प्रेम और विकास की रोशनी में चमक रहा है। -
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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जनप्रतिनिधियों से की सहभागिता की अपील
शिक्षा को जनअभियान बनाने की दिशा में राज्य सरकार की नई पहल
रायपुर : छत्तीसगढ़ में आगामी 16 जून 2025 से नया शिक्षा सत्र प्रारंभ होने जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के समस्त जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर “शाला प्रवेश उत्सव” में सक्रिय भागीदारी की अपील की है। यह आयोजन राज्य में शिक्षा के क्षेत्र को सशक्त बनाने और शत-प्रतिशत बच्चों का विद्यालयों में नामांकन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रदेश को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण अवश्य है, परंतु यह असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि “असंभव को संभव” बनाने के लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर सार्थक प्रयास करने होंगे। इसके लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि कोई भी बच्चा विद्यालय से वंचित न रहे और सभी बच्चों का समय पर प्रवेश सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी उल्लेख किया कि राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावशील है, तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि कक्षा 12वीं तक शाला त्याग दर को धीरे-धीरे शून्य किया जाए। इसके लिए शैक्षणिक अवरोधों को पहचानकर उन्हें दूर करने की जिम्मेदारी सभी हितधारकों की साझा है।
मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियानरू एक ठोस पहल
मुख्यमंत्री श्री साय ने जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” की शुरुआत की जा रही है, जिसका उद्देश्य शासकीय विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारना है। इसके साथ ही, सरकार द्वारा शिक्षकों एवं विद्यालयों का युक्तियुक्तकरण करते हुए शिक्षकविहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालयों में शिक्षकों की प्राथमिकता से पदस्थापना की गई है, जिससे शिक्षा का अधिकार हर बच्चे तक पहुंच सके।
अधोसंरचना विकास सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में स्कूल शिक्षा क्षेत्र की अधोसंरचना और मूलभूत सुविधाओं के विकास को सरकार ने अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं में रखा है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे शाला प्रवेश उत्सव के दौरान अपने-अपने क्षेत्रों में व्यक्तिगत सहभागिता करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा विद्यालय से बाहर न रहे।
सामाजिक सहभागिता से संवरता भविष्य
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे” इस परिकल्पना को साकार करने के लिए हम सभी को मिलकर परिणाममूलक कार्य करने होंगे। उन्होंने आशा जताई कि सभी जनप्रतिनिधि इस अभियान का नेतृत्व कर सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करेंगे और छत्तीसगढ़ को एक शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
शाला प्रवेश उत्सव को बनाएं जनअभियान
मुख्यमंत्री के इस पत्र को राज्य में शिक्षा को लेकर एक जनांदोलन की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। इससे न केवल बच्चों की स्कूल तक पहुंच बढ़ेगी, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और सामाजिक सहभागिता को भी एक नई दिशा मिलेगी। प्रदेश सरकार के इस प्रयास से उम्मीद की जा रही है कि छत्तीसगढ़ शिक्षा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करेगा और शिक्षा के माध्यम से सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण को गति मिलेगी। -
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महारानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा का अनावरण
कन्वेंशन सेंटर का नामकरण महारानी अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर करने की घोषणा
कोरबा जिले को दी 223 करोड़ रूपए की लागत के विकास कार्यों की सौगात
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज कोरबा जिले के प्रवास के दौरान कन्वेंशन सेंटर में लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा का लोकार्पण किया और कन्वेंशन सेंटर को महारानी के नाम पर करने की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने जिलेवासियों को लगभग 223 करोड़ 88 लाख रूपए से अधिक लागत के 66 विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर प्रजावत्सल और न्यायप्रिय शासक थी। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए, नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के साथ ही उन्होंने देश के महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों, धार्मिक स्थलों को संवारा और नई पहचान दिलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कन्वेन्शन सेंटर को वातानुकूलित बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वे छः माह पहले भी कोरबा आये थे, इस दौरान भी 600 करोड़ रूपए से अधिक की राशि के विभिन्न विकास कार्यों की सौगातें दी गई। आज सवा दो सौ करोड़ के विकास कार्यों की सौगात से कोरबा जिले के लोगों को लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ऐलुमिनियम पार्क की स्थापना के लिए आवश्यक पहल करने की बात कही। उन्होंने एक पेड़ माँ के नाम के तहत कन्वेन्शन सेंटर परिसर में सिंदूर का पौधा भी लगाया। उन्होंने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की जीवनी पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव और उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन भी ने सम्बोधित किया।
लोकार्पण एवं शिलान्यास
मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा लोकार्पित किए गए कार्यों में मुख्य रूप से जल जीवन मिशन के अंतर्गत 11 गांवों में एकल ग्राम नल-जल योजना, 3 गांवों में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन, स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम विद्यालय नवीन भवन/जीर्णाेद्धार कार्य, और 47 छात्रावासों-आश्रमों में 2.4 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट स्थापना कार्य शामिल हैं। इसी प्रकार भूमि पूजन के प्रमुख कार्यों में नगर पालिक निगम कोरबा हेतु 100 टीपीडी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट, प्रधानमंत्री ई-बस सेवा अंतर्गत सिटी बस डिपो-टर्मिनल कॉपलेक्स, 100 बेड हॉस्पिटल में एसएनसीयू हॉल, प्रशिक्षण हॉल सहित अन्य निर्माण कार्य, अयोध्यापुरी तालाब में जल संवर्धन कार्य एवं जिला खनिज संस्थान न्यास मद तथा 15 वें वित्त आयोग के विभिन्न कार्य शामिल हैं।
प्लेन क्रैश में मृत लोगों के प्रति जताई संवेदना
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने गुजरात से लंदन जा रहे प्लेन के क्रैश होने की घटना में मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके प्रति गहरी संवेदना प्रकट की। -
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मुख्यमंत्री फाइट अगेंस्ट ग्लोबल वार्मिंग कैंपेन कार्यक्रम में हुए शामिल
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषक सभागार में आयोजित फाइट अगेंस्ट ग्लोबल वार्मिंग कैंपेन कार्यक्रम में शामिल हुए।
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा, विकास का मूलमंत्र है और यह राष्ट्र के समग्र विकास की प्रारंभिक तथा अत्यंत महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों ने भी शिक्षा के विस्तार में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश को वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसे प्राप्त करने में हम सभी की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। राज्य सरकार ने इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए विकसित छत्तीसगढ़ का विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया है और इस दिशा में निरंतर प्रयासों को गति प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 25 वर्ष का छत्तीसगढ़ आज अपनी रजत जयंती मना रहा है और इस यात्रा में राज्य ने चहुंमुखी विकास की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे प्रतिष्ठित केंद्रीय संस्थान कार्यरत हैं, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की गंभीर चुनौती से जूझ रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य तय किया है, जिसकी दिशा में देश ने तीव्र गति से कदम बढ़ाए हैं। छत्तीसगढ़ ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में अग्रसर है। राज्य की आकर्षक नई औद्योगिक नीति के तहत केवल ऊर्जा क्षेत्र में ही तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में वृक्षारोपण का विशेष अभियान चलाया जा रहा है और विगत वर्ष चार करोड़ पौधे रोपे गए थे। राज्य सरकार "एक पेड़ माँ के नाम" और "पीपल फॉर पीपुल" जैसे नवाचार कार्यक्रमों को निरंतर जारी रखेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें नौनिहालों में पर्यावरण चेतना का विकास करना चाहिए, जिससे वे स्वच्छ, सुंदर और सुरक्षित भविष्य की नींव रख सकें। उन्होंने इस अभियान में भाग ले रहे सभी शिक्षकों और आयोजकों की सराहना की और कहा कि सामाजिक भागीदारी से ही हम शुद्ध हवा, निर्मल जल और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित कर सकते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने संघ द्वारा आने वाले वर्षों में 11 लाख पीपल के वृक्षारोपण के संकल्प की सराहना की।
कार्यक्रम में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, अशासकीय विद्यालय संचालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री सुबोध राठी, सचिव श्री मनोज पाण्डेय तथा अन्य प्रतिनिधिगण उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ राज्य अशासकीय विद्यालय संचालक संघ एवं छत्तीसगढ़ राज्य गौ संरक्षण एवं संवर्धन समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। -
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मुख्यमंत्री अपेक्स बैंक के नवनियुक्त प्राधिकृत अधिकारी के पदभार ग्रहण में हुए शामिल
मुख्यमंत्री ने अपेक्स बैंक की नई शाखा का किया वर्चुअल शुभारंभ
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक मर्यादित के नवनियुक्त प्राधिकृत अधिकारी श्री केदारनाथ गुप्ता के पदभार ग्रहण एवं अभिनंदन समारोह में शामिल हुए और उन्हें शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले के फरसाबहार में अपेक्स बैंक की नई शाखा का वर्चुअल शुभारंभ किया और क्षेत्रवासियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकार से समृद्धि की संकल्पना को साकार किया जा रहा है। उनकी प्रेरणा से प्रदेश के घर-घर को सहकारिता से जोड़ने का कार्य हमारी सरकार कर रही है। श्री साय ने कहा कि नवनियुक्त प्राधिकृत अधिकारी के नेतृत्व में प्रदेश में सहकारिता को और अधिक मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि सहकारी गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ मिलकर प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। हाल ही में हमने दुधारू पशु वितरण का शुभारंभ किया है, जिसके अंतर्गत पायलट प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश के 6 जिलों का चयन कर हितग्राहियों को दो-दो दुधारू गाय वितरित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश के किसानों और ग्रामीण जनों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने की एक बड़ी पहल हमने इस वर्ष पंचायती राज दिवस से प्रारंभ की है। प्रदेश के 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र खोले गए हैं, जिसके माध्यम से ग्राम पंचायत भवन में ही बैंकिंग सुविधा मिल रही है। उन्होंने बताया कि अगले पंचायती राज दिवस तक यह सुविधा प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में उपलब्ध हो जाएगी, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान सहकारिता के क्षेत्र में हुए बड़े बदलावों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री श्री सिंह ने किसानों को अल्पकालिक ऋण के लिए भारी-भरकम ब्याज दर से मुक्ति दिलाई और ब्याज दरों को लगातार कम कर किसानों को राहत दी। अब किसानों को कृषि कार्यों के लिए बिना किसी ब्याज के अल्पकालिक ऋण उपलब्ध हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने फरसाबहार में अपेक्स बैंक की नई शाखा खुलने पर क्षेत्रवासियों को बधाई देते हुए कहा कि अब किसानों को बैंकिंग सुविधा के लिए 50-60 किलोमीटर दूर पत्थलगांव नहीं जाना पड़ेगा। इस पुनीत पहल के लिए उन्होंने सहकारिता विभाग को साधुवाद दिया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में सहकारिता का बीजारोपण करने वाले महान विभूतियों को पुण्य स्मरण करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में श्री वामनराव लाखे और ठाकुर प्यारेलाल जैसे पुरोधाओं ने सहकारिता की नींव रखी, जिसका विकसित स्वरूप आज हम सभी देख रहे हैं। यह वर्ष सहकारिता का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष है, और केन्द्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के प्रयासों से निश्चित रूप से इस क्षेत्र में चमत्कारिक परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के अथक प्रयासों से प्रदेश के किसानों के जीवन में खुशहाली आई है। पूरे देश में वे पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने प्रति एकड़ 21 क्विंटल और 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय ने सहकारिता को राज्य के अंतिम गांव तक पहुंचाने का कार्य किया है। अपेक्स बैंक प्रदेश में 40 हजार करोड़ रुपए के टर्नओवर के साथ सबसे शक्तिशाली संगठन है और इसके माध्यम से अब तक 7 हजार 5 सौ करोड़ रुपए का ऋण किसानों को उपलब्ध कराया गया है।
डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से देश के हर एक नागरिक को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया और इसी का परिणाम है कि आज बिना किसी बिचौलिए के शत-प्रतिशत राशि सीधे हितग्राहियों के खाते में प्राप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में अभी भी अपार संभावनाएं हैं और शत-प्रतिशत किसानों को सहकारिता और अपेक्स बैंक से जोड़ने का काम शीघ्र पूरा करने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में मजगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड ने सत्य साईं हॉस्पिटल को 2.25 करोड़ रुपए की सहायता राशि सौंपी
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में कार्यक्रम में मजगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड ने सीएसआर गतिविधियों के तहत राजधानी रायपुर के सत्य साईं हृदय चिकित्सालय को 2.25 करोड़ रुपए की सहायता राशि का चेक सौंपा। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए मजगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड के प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।
पदभार ग्रहण समारोह में सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, विधायक श्री राजेश मूणत, विधायक श्री अनुज शर्मा, विधायक श्री मोतीलाल साहू, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, विधायक श्री सुनील सोनी, विभिन्न निगम-मंडलों के अध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव सहकारिता श्री सुब्रत साहू और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
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रायपुर : प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण न सिर्फ जरूरतमंदों को पक्का मकान दे रही है, बल्कि उनके सपनों को भी नया ठौर और आत्म-सम्मान दे रही है। ऐसी ही एक कहानी है जशपुर जिले के कांसाबेल विकासखंड के ग्राम दोकड़ा निवासी 70 वर्षीय संतु चक्रेस की।
वर्षों तक कच्चे घर में कठिन परिस्थितियों में जीवन बिताने वाले बुजुर्ग संतु चक्रेस आज बेहद प्रसन्न हैं क्योंकि उन्हें उनका पहला पक्का घर मिल गया है। खास बात यह रही कि इस घर की चाबी उन्हें मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के हाथों से मिली, जब वे हाल ही में जशपुर प्रवास पर थे।
भावुक संतु चक्रेस ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि "उम्र के इस पड़ाव में जब चिंता से मुक्त होकर जीना चाहता है, तब यह पक्का मकान मेरे लिए भगवान का आशीर्वाद है। अब मुझे और मेरे परिवार को न तो बारिश से डर है और न ही जहरीले जीव-जंतुओं से। अब हमारा भी एक सुरक्षित और मजबूत आशियाना है।"
संतु चक्रेस ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान स्वीकृत हुआ था, जो अब पूर्ण रूप से बनकर तैयार है। यह महज एक मकान नहीं, बल्कि उनके लिए आत्म-सम्मान, सुरक्षा और स्थायित्व का प्रतीक है।
वर्षों तक झोपड़ी जैसे घर में जीवन बिताने के बाद जब उन्हें अपना खुद का ठोस छत मिला, तो उनके चेहरे की खुशी देखने लायक थी। -
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मंत्रालय में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा
नई छात्रावास-आश्रम प्रबंधन प्रणाली का शुभारंभ, आश्रम छात्रावासों के संचालन के लिए 85 करोड़ रुपए का ऑनलाइन अंतरण
छात्रावासों में सुविधाओं की एकरूपता और गुणवत्ता पर जोर, लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग के कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने छात्रावास-आश्रम प्रबंधन के लिए नवीन पोर्टल का शुभारंभ किया। साथ ही, आगामी शिक्षण सत्र 2025-26 में प्रदेश के आश्रम छात्रावासों के संचालन हेतु नई व्यवस्था के अंतर्गत शिष्यवृत्ति एवं भोजन सहायता की पहली किश्त (जुलाई से सितंबर) के रूप में 85 करोड़ रुपए का ऑनलाइन अंतरण भी किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार विशेष पिछड़ी जनजातियों और आदिवासी समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए संकल्पित है। हमारा लक्ष्य है कि इन वर्गों का जीवन स्तर बेहतर हो, वे आत्मनिर्भर बनें और विकास की मुख्यधारा में सम्मिलित हों। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जनजातीय समुदाय की सदैव चिंता करते हैं और उनके विकास के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं। केंद्र सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आवास जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने हेतु अनेक योजनाएं संचालित कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने पीएम जनमन एवं धरती आबा जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पीएम जनमन योजना के अंतर्गत स्वीकृत आवास और सड़क निर्माण कार्यों को उच्च गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करने पर जोर दिया। साथ ही, पीएम जनमन योजना के अंतर्गत शिविरों के माध्यम से हितग्राहियों के आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र जैसे मूलभूत दस्तावेजों को तैयार करने का कार्य लगातार जारी रखने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने आश्रम-छात्रावासों की समीक्षा करते हुए कहा कि जहाँ आवश्यकता हो, वहाँ सर्वसुविधायुक्त छात्रावास बनाए जाएं। शौचालय, बेड, पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित हो। निरीक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आश्रम-छात्रावासों में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं में एकरूपता रहे तथा छात्रावासों की निगरानी के लिए रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम को अपनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा संचालित क्रीड़ा परिसरों की भी जानकारी ली और बच्चों द्वारा विभिन्न खेलों में अर्जित सफलताओं पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 20 क्रीड़ा परिसरों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि खेल प्रतिभाएं और निखरें और खिलाड़ी खेलो इंडिया सहित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
प्रयास विद्यालयों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इनमें उच्च शिक्षित प्रशिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए। साथ ही, इंजीनियरिंग, मेडिकल, क्लैट, सीयूईटी सहित अन्य कैरियर विकल्पों के लिए भी बच्चों को तैयार करने पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आदिम जाति विभाग के अंतर्गत स्वीकृत एवं प्रगतिरत भवनों के निर्माण कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने तथा भवनविहीन संस्थानों के लिए सर्वसुविधायुक्त भवन निर्माण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की बैठक भी शीघ्र आयोजित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने आदिवासी संस्कृति संरक्षण एवं विकास के अंतर्गत देवगुड़ी निर्माण और अखरा विकास के कार्यों की भी समीक्षा की। श्री साय ने अखरा विकास के तहत आस्था स्थलों पर उपयुक्त प्रकाश, बैठक व्यवस्था, शेड और पेयजल सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में प्रदेश सरकार द्वारा संचालित ट्राइबल यूथ हॉस्टल की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सिविल सेवाओं की तैयारी कर रहे बच्चों के मार्गदर्शन के लिए हाल ही में चयनित अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों से चर्चा कर सुझाव लिए जाएं ताकि वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप युवाओं को रणनीति बनाने में मदद मिल सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इससे प्रदेश के अधिकाधिक युवा उच्च पदों पर पहुँचकर राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
बैठक में एकलव्य आवासीय विद्यालय, मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना, जनजातीय बहुउद्देश्यीय विपणन केंद्र, वन अधिकार पत्र सहित अन्य विभागीय योजनाओं की भी विस्तृत समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री ने आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय निर्माण की प्रगति की समीक्षा की
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर में निर्माणाधीन शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय के निर्माण कार्य की समीक्षा की। उन्होंने म्यूजियम के स्वरूप, निर्माण की गुणवत्ता और प्रस्तुत की जाने वाली सामग्री की जानकारी ली तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ के वीर सपूतों की अमर गाथा को समर्पित होगा। इसमें परलकोट विद्रोह, सोनाखान विद्रोह और भूमकाल विद्रोह जैसे ऐतिहासिक आंदोलनों को विशेष रूप से दर्शाया जाएगा। साथ ही, प्रदेश के प्रमुख जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को भी जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। हमें गर्व है कि छत्तीसगढ़ की धरती ने स्वतंत्रता संग्राम में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। इन गाथाओं को आधुनिक तकनीकों के माध्यम से दृश्य-श्रव्य तरीके से रोचक और ज्ञानवर्धक रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों को तय समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभागीय गतिविधियों, उपलब्धियां और नवीन कार्य योजना की जानकारी विस्तार पूर्वक मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत की।
बैठक में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के मंत्री श्री राम विचार नेताम, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत सहित आदिवासी विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज सुकमा जिले के कोंटा में नक्सलियों द्वारा किए गए कायरतापूर्ण आईईडी विस्फोट में शहीद हुए एएसपी श्री आकाश राव गिरपुंजे को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें अंतिम विदाई दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने माना स्थित चौथी वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल परिसर पहुंचकर शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें नमन किया तथा शहीद के पार्थिव शरीर को कंधा देकर सम्मानपूर्वक विदाई दी।मुख्यमंत्री श्री साय ने शहीद श्री गिरपुंजे के शोक-संतप्त परिजनों से मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएँ प्रकट कीं और उन्हें इस कठिन समय में ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद एएसपी श्री आकाश राव गिरपुंजे ने अपने कर्तव्य के प्रति अदम्य साहस, निष्ठा और समर्पण का परिचय देते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। हमें उन पर गर्व है। सरकार इस दुःख की घड़ी में उनके परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि लगातार हो रही सुरक्षाबलों की सफल कार्रवाइयों से नक्सली बौखलाए हुए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि शहीद श्री गिरपुंजे की वीरता और देशभक्ति को सदैव याद रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री के साथ इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, विधायक श्री पुरन्दर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव गृह विभाग श्री मनोज कुमार पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक श्री अरुण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, शहीद के परिजन, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार के कामकाज को और अधिक प्रभावी एवं जन-हितैषी बनाने के उद्देश्य से भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) रायपुर में चिंतन शिविर 2.0 का आयोजन किया गया। इस शिविर में केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुँचाने के नवाचारों और सुशासन की आधुनिक तकनीकों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उनके मंत्रीमंडल के सहयोगियों ने विषय विशेषज्ञों के साथ सुशासन के विभिन्न पहलुओं पर विचार साझा किए। चिंतन शिविर के अंतिम दिन प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य श्री संजीव सान्याल ने "आर्ट ऑफ गुड गवर्नेंस" विषय पर व्याख्यान देते हुए प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने, राज्य की क्षमताओं में वृद्धि करने, अनावश्यक नियमों को हटाने तथा सरकारी एजेंसियों के पुनर्गठन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सरकारें अपने नीति-निर्धारण और कार्यान्वयन की गुणवत्ता को कैसे अधिक प्रभावी बना सकती हैं।
डिजिटल हेल्थ विशेषज्ञ डॉ. राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने डिजिटल स्वास्थ्य तकनीकें और सुशासन के सम्बन्ध में बताया कि डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजीज दूरदराज और पिछड़े क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराने में सक्षम हैं। उन्होंने ई-हेल्थ रिकॉर्ड्स, टेलीमेडिसिन, मोबाइल हेल्थ ऐप्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि डिजिटल स्वास्थ्य तकनीक से न केवल स्वास्थ्य सेवाएं सशक्त होती हैं, बल्कि शासन के प्रति आम जनता का भरोसा भी बढ़ता है।
राजनीतिक विश्लेषक और लेखक श्री उदय माहुरकर ने "गुड गवर्नेंस टू इलेक्शन" विषय पर भारतीय लोकतंत्र के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, राजनीतिक आचरण की गुणवत्ता, प्रशासनिक जवाबदेही और नीतियों के जन-हितैषी क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि सशक्त और पारदर्शी शासन प्रणाली लोकतंत्र में जनता का विश्वास बढ़ाती है और चुनावी प्रक्रिया को भी प्रभावित करती है। उन्होंने स्थानीय स्तर पर सुशासन को मजबूत करने, चुनावों में पारदर्शिता लाने और प्रशासन में नैतिक मूल्यों की स्थापना के उपायों पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत तथा भारतीय प्रबंध संस्थान के निदेशक श्री राम काकानी भी उपस्थित थे। -
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शहीद एएसपी श्री गिरपुंजे के पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर दी श्रद्धांजलि : परिवारजनों में मिलकर ढांढस बंधाया
मुख्यमंत्री ने गृह विभाग के अधिकारियों की हाई लेवल बैठक में नक्सल घटना की जानकारी ली
अस्पताल पहुंचकर नक्सल घटना में घायल जवानों से की मुलाकात
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज सुकमा जिले के कोंटा में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में शहीद एएसपी श्री आकाश राव गिरपुंजे के राजधानी रायपुर स्थित निवास पहुंचकर उनके पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने शहीद एएसपी श्री आकाश राव गिरपुंजे के शोकसंतप्त परिवारजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की और उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि शहीद एएसपी श्री आकाश राव गिरपुंजे ने अपने कर्तव्य के प्रति अदम्य साहस, निष्ठा और समर्पण दिखाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है।हमें उन पर गर्व है। सरकार इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री के साथ पहुंचे वन मंत्री श्री केदार कश्यप और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक श्री अरूण देव गौतम,अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नक्सल ऑपेरशन श्री विवेकानंद सिन्हा ने भी शहीद श्री गिरपुंजे को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज सुकमा के कोंटा में हुई नक्सल घटना के मद्देनजर अपना राजनांदगांव का प्रस्तावित दौरा स्थगित करते हुए मंत्रालय महानदी भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की हाई लेवल बैठक में इस घटना की जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों से सुकमा जिले के कोंटा में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट के विषय में अधिकारियों से जानकारी ली और नक्सल ऑपरेशन्स की समीक्षा की। उन्होंने घायल जवानों को त्वरित रूप से समुचित इलाज उपलब्ध कराने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक श्री अरूण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नक्सल ऑपेरशन श्री विवेकानंद सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में सुकमा जिले के कोंटा में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में घायल जवानों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने घायल जवानों से उनका हाल-चाल जाना और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। उन्होंने घायल जवानों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने चिकित्सकों को निर्देशित किया। -
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मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ सुशासन वाटिका में किया मौलश्री के पौधे का रोपण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज यहां भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर में आयोजित चिंतन शिविर 2.0 के पहले दिन की शाम आईआईएम परिसर में सुशासन वाटिका का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ सुशासन वाटिका में मौलश्री के पौधे का रोपण किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के साथ सुशासन वाटिका में उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव व श्री विजय शर्मा, वनमंत्री श्री केदार कश्यप, वित्त श्री ओपी चौधरी, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम , खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्यामबिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, आईआईएम रायपुर के निदेशक प्रो. राम कुमार कांकाणी ने भी मौलश्री का पौधा लगाया।
मौलश्री वृक्ष की विशेषताएँ
मौलश्री एक सुगंधित फूलों वाला वृक्ष है जो भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है। यह एक सदाबहार वृक्ष है जो सामान्यतः 10-15 मीटर तक ऊँचा होता है। इस के फूल छोटे, सफेद या हल्के पीले रंग के, अत्यंत सुगंधित होते हैं। रात के समय इनकी महक और भी तेज होती है। मौलश्री वृक्ष के औषधीय गुण भी होते हैं और इसका उपयोग कई तरह की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। पारंपरिक रूप से इसे मंदिरों के आसपास और घरों के आंगन में लगाया जाता रहा है। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में आज नवा रायपुर के भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में दो दिवसीय चिंतन शिविर 2.0 का शुभारंभ हुआ। सुशासन एवं अभिसरण विभाग और आईआईएम रायपुर के सहयोग से आयोजित इस शिविर में उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, श्री विजय शर्मा, मंत्रिमंडल के सदस्य, सांसद, विधायक और प्रबुद्धजन शामिल हुए। इस मंच का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना, अंतर-क्षेत्रीय समन्वय को सशक्त करना और जनकल्याण के लिए परिवर्तनकारी दृष्टिकोण विकसित करना है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह शिविर आत्मनिरीक्षण और ज्ञान के आदान-प्रदान का अनूठा अवसर है, जो छत्तीसगढ़ को सुशासन के नए आयामों तक ले जाएगा। उन्होंने पिछले चिंतन शिविर से प्राप्त सुझावों को लागू कर आम जनता के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की बात कही। श्री साय ने बताया कि डेढ़ वर्षों में 350 से अधिक प्रशासनिक सुधार किए गए, जिनमें ई-ऑफिस प्रणाली ने फाइलों के मैनुअल ढेर को समाप्त कर जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित की है। अब फाइलें ऑनलाइन मूव होती हैं, और हर कार्य की समय-सीमा निर्धारित है, जिससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश खत्म हुई है।
छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष को अटल निर्माण वर्ष के रूप में मनाते हुए मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि अटल जी के सुशासन के सिद्धांतों को धरातल पर उतारना इस वर्ष का मुख्य लक्ष्य है। डिजिटल गवर्नेंस को अपनाकर रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, जिसमें अब घर बैठे मिनटों में रजिस्ट्री और स्वतः नामांतरण हो रहा है। यह तकनीकी नवाचार भ्रष्टाचार को समाप्त करने की दिशा में क्रांतिकारी कदम है।
नई उद्योग नीति के तहत सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस ने निवेश को प्रोत्साहन दिया है। खनिज संसाधनों से समृद्ध छत्तीसगढ़ में कोर सेक्टर की अपार संभावनाओं को देखते हुए विशेष अनुदान की व्यवस्था की गई है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर और होम स्टे उद्यमियों के लिए अनुदान शुरू कर प्राकृतिक सौंदर्य को आर्थिक अवसरों में बदला जा रहा है। इसके अलावा, एआई और क्लाइमेट चेंज से जुड़े उद्यमों को प्रोत्साहन, नवा रायपुर में देश का पहला एआई डाटा सेंटर पार्क और सेमीकंडक्टर यूनिट का शुभारंभ छत्तीसगढ़ को तकनीकी क्रांति का अग्रदूत बना रहा है।
शिविर में ‘प्रथम दिवस परिवर्तनकारी नेतृत्व और दूरदर्शी शासन’, ‘संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण’ और ‘सक्षमता से सततता तक: सार्वजनिक वित्त पर पुनर्विचार’ जैसे विषयों पर सत्र आयोजित किए गए। डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, प्रो. हिमांशु राय, डॉ. रविंद्र ढोलकिया, श्री संजीव सान्याल, उदय माहुरकर और डॉ. राजेंद्र प्रताप गुप्ता जैसे प्रख्यात विशेषज्ञ अपने विचार साझा किए।
मुख्यमंत्री ने बस्तर के विकास पर विशेष जोर देते हुए कहा कि माओवाद पर प्रभावी कार्रवाई ने क्षेत्र में शांति और प्रगति की राह खोली है। बस्तर ओलंपिक, बस्तर पंडुम और बस्तर डायलॉग जैसे आयोजनों ने युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ा है। हाल ही में बोधघाट परियोजना को मंजूरी मिलने से 7 लाख हेक्टेयर में सिंचाई और 125 मेगावाट बिजली उत्पादन संभव होगा, जिससे हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। नियद नेल्ला नार योजना से शासकीय योजनाओं का सेचुरेशन सुनिश्चित किया गया है।
सुशासन तिहार के तहत 41 लाख से अधिक आवेदनों में से 99 प्रतिशत का गुणवत्तापूर्ण निराकरण कर जनसमस्याओं का समाधान किया गया। समाधान शिविरों में जनता से सीधा संवाद और शासकीय योजनाओं का पात्र लोगों को लाभ मिला। मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल और जनप्रतिनिधियों ने गांव-गांव जाकर विकास कार्यों की स्थिति का जायजा लिया। श्री साय ने कहा कि छोटे कस्बों में स्कूल, अस्पताल और मल्टीप्लेक्स जैसी सुविधाओं के लिए अनुदान की व्यवस्था से पलायन रुकेगा और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। महतारी वंदन योजना और कृषक उन्नति योजना ने बड़े तबके की आर्थिक ताकत बढ़ाई है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को आत्मसात करते हुए विजन डाक्यूमेंट 2047 तैयार किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकास का रोडमैप है।
मुख्यमंत्री ने गर्व के साथ उल्लेख किया कि जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज में छत्तीसगढ़ का स्टील उपयोग हुआ है। उन्होंने सुशासन एवं अभिसरण विभाग और आईआईएम रायपुर को इस आयोजन के लिए बधाई दी और कहा कि चिंतन शिविर में प्राप्त सुझाव विकसित छत्तीसगढ़ की ठोस नींव रखेंगे। -
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प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिले मुख्यमंत्री ने दिखाई छत्तीसगढ़ की नई तस्वीर
नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की। इस दौरान उन्होंने बस्तर में शांति व्यवस्था, विभिन्न योजनाओं एवं उपलब्धियों पर चर्चा की। इसके साथ ही हाल ही में छत्तीसगढ़ में आयोजित सुशासन तिहार की प्रधानमंत्री को जानकारी दी।
दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से भी उनके आवास पर मुलाकात की। जहां राज्य के विकास, नक्सल ऑपरेशन सहित अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई।मुख्यमंत्री ने बताया कि अब बस्तर का चेहरा बदल रहा है, जो कभी बंदूक और बारूदी सुरंगों के लिए जाना जाता था, आज वहाँ मोबाइल टावर खड़े हो रहे हैं, जो सिर्फ संचार का माध्यम नहीं बल्कि विकास और विश्वास के प्रतीक बन चुके हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि सरकार द्वारा विगत डेढ़ वर्ष में 64 नए फॉरवर्ड सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गई है। इन सुरक्षा चौकियों के आसपास गांवों में न केवल पुलिस की उपस्थिति से सुरक्षा की भावना बनी है, बल्कि इन इलाकों में अब नेटवर्क भी पहुंच गया है। सरकार ने अब तक कुल 671 मोबाइल टावर चालू कर दिए हैं, जिनमें से 365 टावरों में 4G सेवा उपलब्ध है। यह न सिर्फ तकनीकी बदलाव है, बल्कि यह संकेत है कि अब आदिवासी क्षेत्रों में संचार क्रांति की शुरुआत हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बस्तर में सिर्फ मोबाइल टावर नहीं लग रहे हैं, बल्कि ये टावर इस बात का सबूत हैं कि वहां के बच्चे और युवा भी अब डिजिटल दुनिया से जुड़ रहे हैं। पहले जहां बच्चों को पढ़ाई या नौकरी की तैयारी के लिए शहर जाना पड़ता था, अब वही काम वे अपने गांव में मोबाइल नेटवर्क के ज़रिए ऑनलाइन कर पा रहे हैं। अब बस्तर का युवा भी स्मार्टफोन से अपनी दुनिया खुद बना रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया सुरक्षा कैंपों के इर्द-गिर्द बसते गांवों में अब बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुँच रही हैं। नियद नेल्लानार योजना के तहत चिन्हित 146 ग्रामों में 18 सामुदायिक सेवाएं और 25 तरह की सरकारी योजनाएं एक साथ क्रियान्वित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया सुशासन तिहार के तहत अब तक सैकड़ों समाधान शिविर आयोजित किए गए हैं, जहां सांसद से लेकर विधायक तक गांव गांव पहुंचकर जनता की शिकायतों का समाधान किया। इन शिविरों में ग्रामीणों को राशन कार्ड, आधार, पेंशन, स्वास्थ्य परीक्षण, स्कूल प्रवेश, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास, उज्ज्वला गैस जैसी योजनाओं का लाभ एक ही मंच पर दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण के लिए की जा रही योजनाओं और नवाचारों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जल संकट से निपटने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है, और जनभागीदारी से लेकर तकनीकी उपायों तक, हर स्तर पर प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में अब बारिश के दिन कम हो गए हैं — पहले जहाँ लगभग 100 दिन बारिश होती थी, अब सिर्फ़ 65 दिन ही होती है। तकनीक के तहत गांव-गांव में पानी बचाने के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। जहां पहले पानी बरसकर बह जाता था, अब उसे रोकने और जमा करने की कोशिश हो रही है। इस काम में आधुनिक तकनीक जैसे GIS मैपिंग और ‘जलदूत’ नाम का मोबाइल ऐप इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे यह पता चलता है कि कहां कितनी ज़रूरत है।
सबसे खास बात यह है कि इस अभियान में महिलाएं बड़ी भागीदारी निभा रही हैं। महिला समूह तालाबों की सफाई, गहराई बढ़ाने, और पुराने जल स्रोतों को फिर से जीवित करने में आगे आ रही हैं। इस साझेदारी से गांवों में पानी की कमी दूर हो रही है और लोगों को अपने इलाके में ही साफ और पर्याप्त पानी मिल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री को नालंदा परिसर की जानकारी भी दी, जो देश की पहली 24x7 हाईब्रिड सार्वजनिक लाइब्रेरी है। 18 करोड़ की लागत से बनी इस सुविधा में ई-लाइब्रेरी, यूथ टॉवर, हेल्थ ज़ोन और सौर ऊर्जा आधारित व्यवस्था है। अब तक 11,000 से अधिक छात्र लाभांवित हो चुके हैं, जिनमें 300 से अधिक छात्र यूपीएससी और सीजी पीएससी में सफलता पाई है। साथ ही, मुख्यमंत्री ने ‘प्रयास’ मॉडल की भी जानकारी दी, जिसमें वंचित व आदिवासी बच्चों को आईआईटी, नीट, क्लैट जैसी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। अब तक 1508 छात्र चुनिंदा राष्ट्रीय संस्थानों में प्रवेश पा चुके हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयासों की सराहना की और छत्तीसगढ़ के विकास में केंद्र सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
नक्सल ऑपरेशन की उपलब्धियों और बस्तर के विकास की दी जानकारी
नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में माओवादी विरोधी अभियानों की अब तक की सफलताओं और बस्तर अंचल में चल रहे विकास कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री विजय शर्मा तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की नई रणनीति और केंद्र के सहयोग से नक्सल उन्मूलन अभियान को निर्णायक मोड़ पर पहुंचाया गया है। विगत डेढ़ वर्ष में चलाए गए सघन अभियानों के सकारात्मक परिणाम मिले हैं। 1,428 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जो बीते पांच वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अवगत कराया कि 205 मुठभेड़ों में 427 माओवादी मारे गए, जिनमें संगठन के शीर्ष नेता महासचिव बसवा राजू और सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकर जैसे कुख्यात माओवादी शामिल हैं। इसके साथ ही, राज्य में 64 नए फॉरवर्ड सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गई है, जिससे सुरक्षा नेटवर्क मजबूत हुआ है।
उन्होंने बताया कि इन सुरक्षा कैंपों के आसपास बसे गांवों तक अब बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य सेवाएं और स्कूल जैसी बुनियादी सुविधाएं तेजी से पहुँचाई जा रही हैं। ‘नियद नेल्लानार योजना’ के अंतर्गत चिन्हित 146 ग्रामों में एकीकृत रूप से 18 प्रकार की सामुदायिक सेवाएं और 25 प्रकार की शासकीय योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों का विश्वास शासन तंत्र में बढ़ा है।
गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री साय द्वारा प्रस्तुत प्रगति रिपोर्ट की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों से माओवादी गतिविधियों पर निर्णायक नियंत्रण संभव हो रहा है और केंद्र सरकार राज्य को हर संभव सहायता देती रहेगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कलाकारों के सपनों का मंच होगा कलाग्राम: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
छत्तीसगढ़ सरकार देगी 10 एकड़ भूमि
रायपुर : नवा रायपुर अटल नगर में पुरखौती मुक्तांगन के सामने भव्य एवं आकर्षक कलाग्राम की स्थापना होगी। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 10 एकड़ भूमि निःशुल्क दी जाएगी। यह निर्णय 4 जून को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के अध्यक्षता में नवा रायपुर स्थित महानदी मंत्रालय भवन में मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया। इसक उद्देश्य छत्तीसगढ़ में कला, संस्कृति और शिल्प को प्रोत्साहन देना है। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की मांग पर कलाग्राम हेतु नवा रायपुर के सेक्टर-24, ग्राम उपरवारा में लगभग 10 एकड़ भूमि निःशुल्क आबंटित किए जाने की मंजूरी दी है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का कहना है कि कलाग्राम की स्थापना छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कला, संस्कृति और शिल्प को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह सिर्फ एक संरचना नहीं, बल्कि हमारे कलाकारों के सपनों का मंच होगा, जो उन्हें अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने और जीविका के अवसर प्राप्त करने में सहयोग करेगा। हमारी सरकार लोककला और हस्तशिल्प को आत्मनिर्भर भारत की भावना से जोड़कर उन्हें वैश्विक मंच देना चाहती है।
यह कलाग्राम शिल्पकारों, लोक कलाकारों और परंपरागत कारीगरों के लिए एक समर्पित केंद्र होगा, जो सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा और रचनात्मक अर्थव्यवस्था के केन्द्र के रूप में कार्य करते हुए कला, संस्कृति एवं छत्तीसगढ़ की समृद्ध विरासत का प्रदर्शन करेगा। यह केंद्र निर्माण, संचालन एवं संरक्षण कार्यों सहित सभी खर्च भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा वहन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा चिन्हांकित यह भूमि पुरखौती मुक्तांगन के सामने स्थित है, जो दो ओर से मुख्य मार्ग से जुड़ी हुई है तथा कलाग्राम के लिए उपयुक्त मानी गई है। चूंकि नवा रायपुर विकास प्राधिकरण एक स्ववित्त पोषित संस्था है, इसलिए राज्य शासन उक्त भूमि के प्रीमियम एवं भू-भाटक की प्रतिपूर्ति की राशि प्राधिकरण को भुगतान करेगा। यह निर्णय न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक समृद्धि को सुदृढ़ करेगा, बल्कि स्थानीय कारीगरों एवं शिल्पकारों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला को प्रदर्शित करने का एक स्थायी मंच भी प्रदान करेगा। -
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राज्य में आयुष के जरिए बेहतर उपचार की हैं संभावनाएं: मुख्यमंत्री
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) कार्यक्रम में देश में 5वें स्थान पर है छत्तीसगढ़: स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल
आमजन के हित में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार का मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने स्वास्थ्य विभाग के सभी प्रमुख अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि दवाइयों की पहुंच अंतिम व्यक्ति तक सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने कहा है कि राज्य में आयुष के जरिए उपचार की बेहतर संभावनाएं मौजूद हैं , इसे और विस्तारित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आमजन के हित में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होते रहना चाहिए। उन्होंने कहा है कि अस्पतालों में मरीजों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित हो और उन्हें अपने घर के आस पास ही अच्छा इलाज मिले। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि एनीमिया, मैटरनल प्रोग्राम और लेप्रोसी जैसी बीमारियों पर प्राथमिकता से काम किया जाए।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) कार्यक्रम में देश में 5वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं का और बेहतर विस्तार होता रहेगा। श्री जायसवाल ने राज्य सरकार के गठन के बाद स्वास्थ्य के क्षेत्र में की गयी उपलब्धियों की जानकारी देते हुए भविष्य की योजनाओं को भी मुख्यमंत्री के सामने रखा।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अमित कटारिया ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य टीबी और मलेरिया जैसी बीमारियों के उन्मूलन की दिशा में बेहतर कार्य कर रहा है। टीबी उन्मूलन की दिशा में उपचार सफलता की दर 90 फीसदी है जबकि इस दौरान शत प्रतिशत टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन किया गया है। इसके साथ ही राज्य में मार्च 2025 तक टीकाकरण का 94 फीसदी लक्ष्य पूर्ण किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अमित कटारिया, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत एवं श्री मुकेश बंसल, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा एवं आयुक्त आयुष विभाग श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी, प्रबंध संचालक एनएचएम एवं आयुक्त सह संचालक डॉ प्रियंका शुक्ला, खाद्य एवं औषधि विभाग के नियंत्रक श्री दीपक अग्रवाल समेत स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।