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- ओहायो. अमेरिका में भारतीय छात्रों की मौत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. यहां अब ओहायो राज्य में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई है. वर्ष 2024 की शुरुआत से लेकर अब तक पिछले 3 महीनों में भारतीय या भारतीय मूल के 10वें छात्र की मौत थी. पुलिस फिलहाल इस मामले की जांच कर रही है.
न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘ओहायो के क्लीवलैंड में एक भारतीय छात्र श्री उमा सत्य साईं गड्डे के दुर्भाग्यपूर्ण निधन से गहरा दुःख हुआ.’
पोस्ट में बताया गया है कि पुलिस जांच जारी है और शव को भारत भेजने के प्रयास किये जा रहे हैं. दूतावास ने कहा कि वह भारत में परिवार के साथ संपर्क में है. पोस्ट में कहा गया है, ‘श्री उमा गड्डे के पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द भारत पहुंचाने सहित हरसंभव सहायता दी जा रही है.’
हाल के सप्ताहों में अमेरिका में भारत और भारतीय मूल के छात्रों की मौत की घटनाएं बढ़ी हैं. इससे भारत और भारतीय अमेरिकी समुदाय में चिंता बढ़ गई है. इससे पहले अमेरिका के जॉर्जिया में 25 साल के विवेक सैनी की एक ड्रग एडिक्ट ने हत्या कर दी थी. वहीं 19 वर्षीय श्रेयस रेड्डी बेनिगर ओहायो में ही मृत पाया गया था. श्रेयस ओहायो में लिंडनर स्कूल ऑफ बिज़नेस का स्टूडेंट था.
इसके अलावा नील आचार्य पर्ड्यू यूनिवर्सिटी कैंपस में मृत मिला था. नील आचार्य की मां ने उनके लापता होने की शिकायत की थी, जिसके कुछ दिनों बाद उनकी लाश मिली. वहीं भारतीय अमेरिकी मूल के अकुल धवन का मृत शरीर यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉय के बाहर मिला था. वहीं भारतीय अमेरिकी छात्र समीर कामथ का मृत शरीर एक नेचर प्रीजर्व से मिला था. कामथ पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रहे थे.(एजेंसी) - रूस-यूक्रेन : रूस की आलोचना नहीं करने से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि जब भारत के कुछ इलाकों पर दूसरे देश ने कब्जा किया तब तो पूरी दुनिया चुप्पी साधे रही।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर से रूस-यूक्रेन से जुड़े सवाल पर दो टूक जवाब दिया है। दरअसल जब से यूक्रेन में युद्ध शुरू हुआ है तब से भारत ने एक बार भी रूस की आलोचना नहीं की है। यहां तक कि कई मौकों पर भारत ने रूस का खुलकर समर्थन किया है। भारत द्वारा रूस की आलोचना नहीं करने से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि जब भारत के कुछ इलाकों पर दूसरे देश ने कब्जा किया तब तो पूरी दुनिया चुप्पी साधे रही।
रूस के साथ भारत के संबंधों और यूक्रेन में युद्ध की उसकी आलोचना पर विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘कई बार विश्व राजनीति में, देश एक मुद्दा, एक स्थिति, एक सिद्धांत चुनते हैं और वे इस पर इसलिए जोर देते हैं कि वह उनके अनुकूल होता है। लेकिन अगर कोई सिद्धांत पर गौर करे तो भारत में हम लोग किसी अन्य देश के मुकाबले बेहतर जानते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आजादी मिलने के तुंरत बाद, हमने आक्रमण देखा, हमारी सीमाओं में बदलाव की कोशिश हुई और बल्कि आज भी भारत के कुछ हिस्सों पर एक अन्य देश का कब्जा है, लेकिन हमने इसपर दुनिया को यह कहते नहीं देखा कि चलो हम सभी भारत का साथ दें।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘आज हमें बताया जा रहा है कि यह सिद्धांतों का मामला है। काश, मैं यह सिद्धांत पिछले 80 वर्ष में देखता। मैंने इन सिद्धांतों को मनमाने ढंग से इस्तेमाल करते हुए देखा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि हमारे साथ अन्याय किया गया। मैं इसकी पैरवी नहीं कर रहा हूं कि हर किसी के साथ ऐसा किया जाना चाहिए। हमारा रुख बहुत स्पष्ट रहा है। मेरे प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बगल में खड़े होकर कहा है कि हम इस संघर्ष को खत्म होते देखना चाहते हैं।’’
इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की पत्नी अकी आबे से शुक्रवार को मुलाकात की और भारत-जापान संबंधों को आगे बढ़ाने में दिवंगत प्रधानमंत्री के अमूल्य योगदान को याद किया। आबे (67) की आठ जुलाई 2022 को जापान के नारा में एक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी।(एजेंसी) - पाकिस्तान : पाकिस्तान में आज आम चुनाव हो रहे हैं। यहां भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अलग अलग राज्यों में सेना की अलग अलग टुकडियां लगीं हुई है। एतिहात के तौर ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। ताकि कहीं कोई संपर्क न हो सके। हालांक सरकार की तरफ से खबर आई की इंटरनेट बंद करने के सरकारी आदेश नहीं थे। चुनाव के लिए 6.50 लाख सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। देशभर में सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी गई है। पाकिस्तान के अस्पतालों को किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए 7 से 9 फरवरी तक हाई अलर्ट पर रखा गया है।
पाकिस्तान में 90600 से अधिक पोलिंग स्टेशनों पर वोटिंग हो रही है। इस बार मुख्य मुकाबला नवाज शरीफ की पीएमएल-एन, बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी, इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों के बीच है। इमरान खान के सत्ता से बाहर होने के बाद से ही पाकिस्तान आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। हालांकि इमरान के जेल में होने से नवाज शरीफ की पार्टी को इसका फायदा मिल रहा है। पाकिस्तान में चुनाव के दौरान मोबाइल सर्विस सस्पेंड कर दी गई है। बलूचिस्तान के इलाके पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इस बार चुनाव में 12.85 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार के प्रयोग करेंगे। नेशनल असेंबली सीटों के लिए 5121 उम्मीदवारों में से कुल 12,85,85,760 पंजीकृत मतदाता वोट देने के पात्र हैं।
पाकिस्तान में चुनाव परिणाम के नतीजे वोटिंग 9 फरवरी तक आ आएंगे। शाम 5 पांच बजे तक वोटिंग जारी रहेगी। इसके तुरंत बाद मतगणना शुरू हो जाएगी। साल 2017 के पाकिस्तानी चुनाव एक्ट के मुताबिक जिस दिन वोटिंग होती है, उसी दिन रात 2 बजे तक रिजल्ट जारी करना होता है। अगर किसी वजह से पोलिंग अधिकारी गिनती करने में देरी करते हैं तो इस बात की जानकारी वहां के चुनाव आयोग को दी जाती है। पाकिस्तान में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव होता है। इस बार आम चुनाव के लिए कुल 26 करोड़ बैलेट पेपर छापे गए हैं।(एजेंसी) -
न्यूयार्क : अलबामा ने हत्या के मामले के दोषी को अपनी तरह का पहला तरीका अपनाकर नाइट्रोजन गैस सुंघाकर मृत्युदंड दिया। साथ ही अमेरिका में मृत्युदंड को लेकर फिर से बहस छिड़ गई है। राज्य प्रशासन का कहना है कि यह नया तरीका मानवीय है, लेकिन आलोचकों ने इस तरीके को क्रूर और प्रयोगात्मक बताया है। प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि 58 वर्षीय केनेथ यूजीन स्मिथ को एक ‘फेस मास्क’ के द्वारा नाइट्रोजन गैस सुंघाई गई, जिसके कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने से उसकी मौत हुई।
स्मिथ को अलमाबा जेल में रात आठ बजकर 25 मिनट पर मृत घोषित किया गया। अमेरिका में 1982 के बाद से घातक इंजेक्शन देकर मौत की सजा देने का प्रावधान शुरू हुआ था और तभी से मृत्युदंड देने के लिए आमतौर पर यही तरीका अपनाया जाता है। लेकिन अमेरिका में नाइट्रोजन सुंघाकर मौत की सजा देने का यह पहला मामला है। राज्य ने एक व्यक्ति से सुपारी लेकर उसकी पत्नी की हत्या मामले में दोषी स्मिथ को 2022 में भी मृत्युदंड देने की कोशिश की थी, लेकिन तब किसी तकनीकी समस्या के कारण मृत्युदंड को रोक दिया गया।
नए तरीके से सजा देने के खिलाफ कानूनी लड़ाई हराने के बाद स्मिथ को नाइट्रोजन सुंघाकर मृत्युदंड दिया गया। स्मिथ के वकीलों ने दावा किया था कि राज्य सजा के इसतरह के तरीके का प्रयोग करने के लिए स्मिथ को परीक्षण वस्तु की तरह इस्तेमाल कर रहा है, जो दंड देने के क्रूर एवं असामान्य तरीके पर संवैधानिक प्रतिबंध का उल्लंघन कर सकता था। अमेरिकी उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार रात स्मिथ की इस याचिका को खारिज कर दिया।(एजेंसी) -
रूस : रूस की राजधानी मॉस्को जा रहे एक यात्री विमान के क्रेश होने के समाचार मिले हैं। मोरक्को का यह विमान रविवार दोपहर अफगानिस्तान के बदख्शां में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हालांकि शुरुआत में खबर आई थी कि यह विमान भारत का था, जो मास्को जा रहा था। लेकिन बाद में केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि अफगानिस्तान में हादसे का शिकार विमान भारतीय नहीं है। उधर भारत सरकार के उड्डयन मंत्रालय ने भी कहा कि अफगानिस्तान में एक छोटी एयरक्राफ्ट दुर्घटनाग्रस्त हुई है, जो अफ्रीकी देश मोरक्को का था।
इससे पहले अफगानिस्तान के एक समाचार चैनल ने बदख्शां प्रांत के सूचना एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख जबीउल्लाह अमीरी के हवाले से बताया था कि एक भारतीय यात्री विमान बदख्शां प्रांत के कुरान-मुंजन और ज़िबक जिलों के साथ लगी तोपखाना की पहाड़ियों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लिहाजा इस मामले की गंभीरता को देखते हुए और राहत बचाव कार्य हेतु एक टीम कुरान-वा-मुंजन जिले के तोपखाना इलाके में भेजी गई है।वहीं भारत सरकार से जुड़े सूत्रों ने भी भारतीय विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर को खारिज करते हुए कहा कि भारत के सभी शेड्यूल्ड ऑपरेटर्स की फ्लाइट सुरक्षित हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जिस रूट पर यह हादसा हुआ, उस पर कोई भारतीय विमान नहीं गया था। इससे साफ जाहिर है कि वह विमान भारत का नहीं है।(एजेंसी) - जापान : चीन और उत्तर कोरिया की तरफ से मिल रही चुनौतियों के बीच जापान ने अमेरिका से 4 सौ टॉमहॉक मिसाइल खरीदने का निर्णय लिया है। इसके लिए जापान ने गुरुवार को अमेरिका के साथ 400 लैंड बेस्ड टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों को खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसका मकसद चीन और उत्तर कोरिया को ध्यान में रखते हुए अपने डिफेंस को और मजबूत बनाने की ओर बड़ा कदम उठाया है।
अमेरिकी विदेशी सैन्य बिक्री कार्यक्रम के माध्यम से हुए सौदे के अनुसार, जापान उपकरण खरीदने के लिए लगभग 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का भुगतान करेगा। जापानी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक जापान अगले साल अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष 2025 से तीन साल में भुगतान करेगा।
जापान वित्तीय वर्ष 2026 और 2027 में नई टॉमहॉक ब्लॉक-5 मिसाइलें प्राप्त करने और उन्हें अपने समुद्री आत्मरक्षा बल एजिस विध्वंसक पर तैनात करने की योजना है। हालांकि, जापान ने अक्टूबर में, पिछले एडिशन, पुराने ब्लॉक-4 मॉडल की 200 तक खरीद करके एक साल पहले खरीदारी शुरू करने का फैसला किया था। जापान में अमेरिकी राजदूत रहम इमानुएल ने कहा कि अमेरिकी सेनाएं मार्च की शुरुआत में जापान के आत्मरक्षा बलों को टॉमहॉक्स का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण देना शुरू कर देंगी।
टोक्यो में जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा के साथ अधिग्रहण के संबंध में दस्तावेजों का आदान-प्रदान करते समय उन्होंने यह बयान दिया।रिपोर्ट के अनुसार, किहारा ने कहा कि जापानी सरकार ने टॉमहॉक्स की खरीद को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिसकी मारक क्षमता लगभग 1,600 किलोमीटर है, यह बढ़ते गंभीर सुरक्षा माहौल के जवाब में लिया गया था।(एजेंसी) - गाजा पट्टी : इजराइल-हमास के बीच चल रही लड़ाई में दोनों तरफ से हजारों लोगों के मौत की खबर है। अब यह लड़ाई खतरनाक होती जा रही है। इजराइल पर फिलिस्तीन ने फास्फोरस बम दागने के आरोप लगाए गए हैं। इजराइली सेना ने गाजा से लगे हुए अल-करामा शहर पर इजराइल ने प्रतिबंधित फास्फोरस बम का इस्तेमाल किया। ये बम जिस इलाके में गिरते हैं वहां ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। इसके कण इतने छोटो होते हैं कि मानव शरीर में घुस जाते हैं। वहीं, रातभर में इजराइल ने गाजा में हमास के 200 ठिकानों पर हमले किए। इजराइली एयरफोर्स ने बताया है कि उन्होंने हमास कमांडर मोहम्मद देइफ के पिता के घर पर अटैक किया है। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में देइफ के भाई की मौत हुई है।
इजराइली हमलों के बाद पूरे गाजा में बिजली सप्लाई ठप हो गई है। गाजा पट्टी के एकमात्र पावर प्लांट में ईंधन खत्म हो गया है। इससे पूरे इलाके की बिजली सप्लाई रुक गई है। अस्पतालों की इमरजेंसी लाइट सिर्फ 2 दिन चल सकेगी। 9 अक्टूबर को गाजा बॉर्डर पर कब्जे के बाद इजराइल ने गाजा तक होने वाली बिजली सप्लाई रोक दी थी। इसके पहले इजराइल और हमास की जंग में अब तक 2,150 लोगों की मौत हुई है। इनमें से करीब 1,200 इजराइली हैं।वहीं अब तक करीब 950 फिलिस्तीनियों ने भी जान गंवाई है। गाजा पर इजराइल के हमले में हृ के 9 कर्मचारी मारे गए हैं। इस बीच मंगलवार रात अमेरिका का पहला ट्रांसपोर्ट प्लेन गोला-बारूद के साथ इजराइल के नेवातिम एयरबेस पर पहुंच गया। दूसरी तरफ, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने पहली बार जंग को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा- यह युद्ध अमेरिकी विदेश नीति की विफलता है। अमेरिका फिलिस्तीनियों के हित को नजरअंदाज कर रहा है।
मदद दोगुना करने की घोषणा की
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से युद्ध के हालात की जानकारी ली। बाइडेन ने व्हाइट हाउस से अपने संबोधन में कहा कि अमेरिका इजराइल के साथ है। इजराइल में एक हजार लोगों की अमानवीय तरह से हत्याएं की गई हैं। इनमें 14 अमेरिकी नागरिक मारे गए। इजराइल में नरसंहार हुआ है। इजराइल को इस हमले का जवाब देने का अधिकार है। इसके साथ ही उन्होंने इजराइल के लिए मदद को दोगुना करने की घोषणा की। बाइडेन ने कहा- यह आतंकवाद है, लेकिन दुख की बात है कि यहूदी लोगों के लिए यह कोई नई बात नहीं है। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि इजराइल के साथ एकजुटता दिखाने के लिए विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन आज इजराइल रवाना होंगे। वो गुरुवार को इजराइल पहुंच सकते हैं।
सीरिया से भी इजराइल पर हुए हमले
लेबनान के बाद इजराइल पर सीरिया ने भी हमला कर दिया है। इजराइली सेना ने दावा किया कि वह सीरिया की ओर से हो रही गोलीबारी और रॉकेट हमलों का जवाब तोपखाने और मोर्टार से दे रही है। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने भी कहा है कि फिलिस्तीनी गुट ने सीरियाई क्षेत्र से इजराइल की तरफ रॉकेट हमले किए। दूसरी तरफ, लेबनान से भी इजराइल पर दोबारा हमला हुआ। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, लेबनान से 15 रॉकेट दागे गए। ये रॉकेट इजराइल के पश्चिमी शहर गलील और दक्षिणी तटीय शहर अश्कलोन में गिरे। जवाबी कार्रवाई में इजराइली सेना ने लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के 3 ठिकानों पर हमला किया है। इससे पहले 8 अक्टूबर को लेबनान बॉर्डर से हिजबुल्लाह ने इजराइल पर गोलीबारी की थी और बम दागे थे।
हमास ने बनाया बंधक
इजरायली सेना के 50 से 100 लोगों को हमास ने बंधक बना रखा है। इसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। इन्हें हमास गाजा लेकर गया है। फिलिस्तीनी सशस्त्र समूह हमास का दावा है कि उन्होंने 150 से अधिक लोगों को पकड़ा है। यह सभी बंधक गाजा में ही हैं। हमास स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि गाजा पट्टी पर इजरायली हमलों के कारण मरने वालों की संख्या 900 तक पहुंच गई हैं इसमें 15 पैरामेडिक्स,20 पत्रकारों और 4,500 अन्य घायल हैं। इसमें 260 बच्चे और 230 महिलाएओं की भी मौत हो गई है। 22 परिवार पूरी तरह से मारे गए हैं। इजरायली प्रसारक कान ने बुधवार को बताया है कि हमास के हमलों में करीब 1,200 लोग मारे गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि कि मरने वालों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।इस संघर्ष में अब तक 2,806 लोग घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा है कि पिछले 24 घंटों में गाजा पट्टी से 263,934 का विस्थापन हुआ है। अभी यह संख्या तेजी से बढऩे की संभावना है। हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार गाजापट्टी में स्वास्थ्य प्रणाली वर्तमान में 44 प्रतिशत दवाओं, 32 प्रतिशत चिकित्सा उपभोग्य सामग्रियों और 60 प्रतिशत प्रयोगशाला और रक्त बैंक आपूर्ति की गंभीर कमी हो गई है। बिजली भी नहीं आ रही है।(एजेंसी) -
-वैज्ञानिकों को भी नहीं हो रहा यकीन!
उत्तरी अमेरिका : वैज्ञानिकों ने उत्तरी अमेरिका में 14,000 साल पुरानी एक अलग दुनिया की खोज की है। यह खोज ब्रिटिश कोलंबिया के सेंट्रल कोस्ट के ट्राइकेट द्वीप पर की गई। उत्तरी अमेरिका का इतिहास रहस्यों से भरा हुआ है। ताजा खोज अमेरिका के रहस्यों का पन्ना वापस खोलने में सक्षम है।
यह बस्ती कनाडा में समुद्र तट पर खुदाई में मिली है। साइट पर हकाई इंस्टीट्यूट, विक्टोरिया विश्वविद्यालय और स्थानीय फर्स्ट नेशंस के पुरातत्वविदों की टीमों ने खुदाई की है। यहां खुदाई में लकड़ी का कोयला, जानवरों को मारने वाले हथियार, मछली के कांटे, समुद्री जीवों का शिकार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले भाले और यहां तक कि आग जलाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक हैंड ड्रिल के अवशेष भी मिले हैं। पाए गए चारकोल के विश्लेषण के आधार पर, यह अनुमान लगाया गया है कि बस्ती की स्थापना लगभग 13,613 से 14,086 साल पहले हुई थी। इसे उत्तरी अमेरिका की सबसे पुरानी मानव बस्तियों में से एक माना जा रहा है।
इसका मतलब यह भी है कि यह पहिए के आविष्कार से दोगुनी पुरानी है, गीज़ा के पिरामिडों से तीन गुना पुरानी है, और हिमयुग के सभी मेगाफौना के विलुप्त होने से हजारों साल पहले की है। यह खोज यह समझाने में भी मदद करती है कि उत्तरी अमेरिकियों ने ब्रिटिश कोलंबिया के माध्यम से कितनी जल्दी प्रवास किया। एक स्टडी में पाया गया कि मनुष्य एशिया से आए और उन्होंने एक पुल को पार किया जो रूस को अलास्का से जोड़ता है। इसके बाद वे पूर्वी और मध्य कनाडा तक पहुंच गए।(एजेंसी) -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बांग्लादेश : सार्क जर्नलिस्ट फोरम आठ सार्क देशों के पत्रकारों से बना पत्रकारों का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। यह संगठन समय-समय पर हर साल सार्क देशों में अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार शिखर सम्मेलन का आयोजन करता है।"साउथ एशिया मीडिया समिट-2024" फरवरी/मार्च 2024 में ढाका में आयोजित होने की संभावना है।यूनाइटेड इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के साथ संयुक्त रूप से इंटरनेशनल ए समिट के आयोजन के उद्देश्य से आज विश्वविद्यालय के पत्रकारिता, मीडिया एवं संचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.डॉ. शेख मोहम्मद शफीउल इस्लाम के साथ सार्क जर्नलिस्ट फोरम के सार्क जर्नलिस्ट फोरम के पदाधिकारियों की एक बैठक हुई। विश्वविद्यालय के पत्रकारिता मीडिया एवं संचार विभाग के प्रमुख प्रो. आफताब हुसैन भी उपस्थित थे।डॉ. मुहम्मद अब्दुर रज्जाक और अबू शहादत निदेशक जनसंपर्क।बैठक में दक्षिण एशिया मीडिया शिखर सम्मेलन-2024 को संयुक्त रूप से आयोजित करने पर सार्थक चर्चा हुई। ज्ञात हो कि विगत 10/11 जनवरी को दो दिवसीय गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, दिल्ली एवं सार्क जर्नलिस्ट फोरम ने संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया था। मीडिया समिट में सार्क देशों के करीब तीन सौ पत्रकार मौजूद थे.बांग्लादेश में पहली बार आठ दक्षिण एशियाई देशों के साथ सबसे बड़ा मीडिया शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा -
वाशिंगटन : एलन मस्क ने जब से ट्विटर का अधिग्रहण किया है, तब से ही कर्मचारियों के साथ उनका ‘पंगा जारी है। ट्विटर की कमान संभालने के बाद करीब 75 फीसदी कर्मचारियों को निकाल चुके मस्क, कर्मचारियों का बोनस भी डकार गए हैं। ट्विटर का एक परफॉर्मेंस बोनस प्लान है जिसका भुगतान वार्षिक तौर पर किया जाता है। लेकिन, अब कंपनी ने इसका भुगतान करने से इंकार कर दिया है। कंपनी की वादाखिलाफी के खिलाफ कुछ कर्मचारी कोर्ट पहुंच गए हैं।
सैन फ्रांसिस्को के फेडरल कोर्ट में दायर मुकदमे में बताया गया है कि पिछले वर्ष अक्टूबर में कंपनी को मस्क के टेकओवर करने से पहले इसके पूर्व चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर, नेड सेगल सहित एग्जिक्यूटिव्स ने कहा था कि बोनस का भुगतान किया जाएगा। कर्मचारियों का कहना है कि ट्विटर ने मौजूदा वर्ष की पहली तिमाही में टारगेट वाली रकम के 50 प्रतिशत का भुगतान करने के वादे के बावजूद पिछले वर्ष के बोनस देने से मना कर दिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्विटर की ‘कैश परफॉरमेंस बोनस प्लान’ का भुगतान सालाना आधार पर होता है। कि ट्विटर ने 2023 की पहली तिमाही में कंपनी में कार्यरत रहे कर्मचारियों को कोई भी बोनस देने से इनकार कर दिया है। ऐसा तब किया गया है जब कर्मचारियों ने बोनस के लिए अनिवार्य सभी शर्तों को पूरा किया है। अपना हक लेने को अब कर्मचारियों ने कोर्ट का रुख किया है। कंपनी के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों की ओर से यह मुकदमा ट्विटर के कंपनसेशन के सीनियर डायरेक्टर, मार्क शोबिंगर ने दायर किया है। शोबिंगर पिछले माह के अंत तक ट्विटर की कंपनसेशन में ही थे।
कोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक, सोशल मीडिया कंपनी ने अपने बोनस प्लान के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे पूरे साल फंडेड किया जाता है और सालाना लक्ष्य का कम से कम 50 फीसदी भुगतान किया जाता है। एजेंसी -
एजेंसी
डब्ल्यूएचओ भारत और इंडोनेशिया के छह निर्माताओं से हाल ही में हुई मौतों से जुड़ी दवाओं का उत्पादन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले विशिष्ट कच्चे माल के बारे में अधिक जानकारी मांग रहा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO जांच कर रहा है कि क्या उन निर्माताओं के बीच कोई संबंध है, जिनके कफ सिरप पीने से तीन देशों में 300 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले से परिचित एक व्यक्ति ने रॉयटर्स को ये जानकारी दी. उत्पादों में विषाक्त पदार्थों के "अस्वीकार्य स्तर" का हवाला देते हुए, डब्ल्यूएचओ भारत और इंडोनेशिया के छह निर्माताओं से हाल ही में हुई मौतों से जुड़ी दवाओं का उत्पादन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले विशिष्ट कच्चे माल के बारे में अधिक जानकारी मांग रहा है. साथ ही ये भी पता कर रहा है कि क्या इन कंपनियों ने कुछ समान आपूर्तिकर्ताओं से कच्चा माल प्राप्त किया था. हालांकि WHO ने किसी सप्लायर का नाम नहीं लिया है.इस मामले से परिचित व्यक्ति ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बात पर भी विचार कर रहा है कि क्या सामान्य रूप से बच्चों के लिए खांसी की दवाई के उपयोग करने के लिए विश्व स्तर पर परिवारों को सलाह दी जाए. डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ इस बात का मूल्यांकन कर रहे हैं कि इस तरह के उत्पाद बच्चों के लिए चिकित्सकीय रूप से आवश्यक हैं या नहीं.अभी तक डब्ल्यूएचओ ने भारत और इंडोनेशिया में छह दवा निर्माताओं की पहचान की है जो सिरप का उत्पादन करते हैं. इन निर्माताओं ने या तो जांच पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है या दूषित सामग्री का उपयोग करने से इंकार कर दिया है. डब्लूएचओ ने जिन कंपनियों का नाम लिया है, उनके द्वारा रॉयटर्स के पास गलत काम करने का कोई सबूत नहीं है. डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने कहा, "यह हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है कि किसी ऐसी चीज से और बच्चों की मौत न हो, जिसे रोका जा सकता है." -
एजेंसी
यूक्रेन : रूसी सेना ने एक बार फिर से यूक्रेन के तीन बड़े शहरों पर ताबड़तोड़ मिसाइल हमले कर दिए हैं। इस हमले में कई इमारतों के ध्वस्त होने की खबर सामने आ रही है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के नौ महीने से अधिक हो जाने के बाद भी पुतिन की सेना अपने हमले कम नहीं कर रही । ताजा रिपोर्ट के अनुसार रूसी सेना ने एक बार फिर से यूक्रेन के तीन बड़े शहरों पर ताबड़तोड़ मिसाइल हमले कर दिए हैं। राजधानी कीव के मेयर ने शहर के मध्य जिलों में धमाकों की सूचना दी है। कीव के मेयर विटाली क्लिट्सको ने कहा कि डेसन्यान जिले में विस्फोटों की आवाज सुनी गई और निवासियों को शेल्टर का सहारा लेने की चेतावनी दी। वहीं, पूर्वी खार्किव क्षेत्र के गवर्नर ने कहा कि रूसी हमलों के बाद मुख्य शहर में बिजली नहीं है।
क्रिसमस के दौरान भी हमले नहीं रुकेंगे: रूसरूस ने बुधवार को जानकारी दी है कि वह यूक्रेन में मौजूद अधिकारी पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली को ध्वस्त करने की कोशिश करेगा। रूसी सेना के अधिकारियों के मुताबिक क्रिसमस के दौरान भी हमले नहीं रुकेंगे। वहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सप्ताहांत तक अमेरिका यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइल सिस्टम देगा। इसे भेजने के लिए वह योजना को अंतिम रूप दे रहा है।
रूसी राष्ट्रपति जाएंगे बेलारूसरूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने समकक्ष और सहयोगी अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ वार्ता के लिए सोमवार को बेलारूस जाएंगे। बेलारूस प्रेसीडेंसी ने शुक्रवार को कहा कि यह बैठक मिन्स्क में इंडिपेंडेंस पैलेस, लुकाशेंको के कार्यालय में होगी। यह दौरा यूक्रेन में रूस के हमले के 10 महीने बाद आया है, जिसे बेलारूसी क्षेत्र सहित कई दिशाओं से शुरू किया गया था। -
एजेंसी
उत्तर कोरिया : 2020 में, सरकार ने देश में लोकप्रिय हो रहे कोरियाई शो पर अपनी कार्रवाई के तहत विदेशी सूचना और प्रभाव पर प्रतिबंध लगा दिया था. उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी फिल्में देखने के लिए हाई स्कूल के दो छात्रों को मृत्युदंड दे दिया, एक रिपोर्ट में ये कहा गया है.
कोरियाई नाटकों को देखना या वितरित करना, उत्तर कोरिया में सख्त वर्जित है. इसे के-ड्रामा के नाम से जाना जाता है. द इंडिपेंडेंट ने बताया कि 16 और 17 साल के दो लड़के अक्टूबर में उत्तर कोरिया के रयांगांग प्रांत के एक स्कूल में मिले और कई दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी ड्रामा शो देखे.मिरर के मुताबिक, शहर के एक हवाई क्षेत्र में स्थानीय लोगों के सामने दोनों किशोरों को मार डाला गया. घटना अक्टूबर में हुई थी, लेकिन हत्याओं की जानकारी पिछले हफ्ते ही सामने आई.
सरकार ने कहा कि दोनों लड़कों द्वारा किए गए अपराध "लोगों को दुखी करने वाला" था, इसलिए लोगों को इस सजा को देते हुए दिखाया गया. पिछले साल, उत्तर कोरिया ने किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल की पुण्यतिथि पर 11 दिनों के शोक की घोषणा की थी. इस अवधि के दौरान, नागरिकों को हंसने, खरीदारी करने या पीने की अनुमति नहीं थी.2020 में, सरकार ने देश में लोकप्रिय हो रहे कोरियाई शो पर अपनी कार्रवाई के तहत विदेशी सूचना और प्रभाव पर प्रतिबंध लगा दिया था.दक्षिण कोरियाई शो फ्लैश ड्राइव के जरिए तस्करी किए जाते हैं और जुर्माना, कारावास, या इससे भी बदतर, मौत से बचने के लिए बंद दरवाजों के पीछे देखे जाते हैं. -
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यूक्रेन : लगभग 2 मिनट लंबे इस वीडियो को ट्विटर पर 15,000 से अधिक बार देखा गया. फुटेज में दिखाया गया है कि सर्जनों की एक टीम सीमित रोशनी में ऑपरेशन जारी रखे हुए है. सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसी चीजें देखने को मिल जाती हैं, जो शायद ही आम इंसान अपनी आंखों से देख पाए. सोशल मीडिया पर यूक्रेन का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें दिखाया गया है कि यूक्रेन की राजधानी कीव के एक अस्पताल में रूसी मिसाइलों के कारण शहर की बिजली जाने के बाद भी यूक्रेनी डॉक्टर एक बच्चे की दिल की सर्जरी कर रहे हैं. इस वीडियो के देखने के बाद युद्ध वाले क्षेत्र में रहने वाले लोगों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. युद्ध में सिर्फ सैनिक ही नहीं बल्कि देश का हर व्यक्ति लड़ रहा होता है.
गुरुवार को सोशल मीडिया यूजर इरीना वोइचुक ने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, "आज यूक्रेन पर रूसियों के मिसाइल हमले के दौरान कीव में हार्ट इंस्टीट्यूट की बिजली काट दी गई. इस समय सर्जन बच्चे की आपातकालीन हार्ट सर्जरी कर रहे थे."
लगभग 2 मिनट लंबे इस वीडियो को ट्विटर पर 15,000 से अधिक बार देखा गया. फुटेज में दिखाया गया है कि सर्जनों की एक टीम सीमित रोशनी में ऑपरेशन जारी रखे हुए है. सर्जनों के छोटे-छोटे हेडलैंप के अलावा, कमरे में अंधेरा छाया है. आम तौर पर ऑपरेटिंग कमरे में दिखाई देने वाली ऊपरी रोशनी भी नहीं है.
न्यूज़वीक के अनुसार, वीडियो में मौजूद डॉक्टरों में से एक ने कहा, "इसी तरह हमने आज दिल की सर्जरी की." ऑपरेशन में हृदय के दो वाल्वों को बदलने के लिए एक कार्डियोपल्मोनरी बाईपास किया गया. "कोई नहीं जानता कि क्या हुआ, लेकिन ऑपरेशन रूम में पूरी तरह से अंधेरा छा गया." डॉक्टर ने व्यंग्यात्मक तरीके से कहा, रूसियों को "आनंद लेने दें." उन्होंने कहा, "आज ऑपरेशन टेबल पर एक बच्चा है और सर्जरी के बीच में बिजली पूरी तरह से चली गई. अच्छा काम. बहुत मानवीय लोग." -
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डोनाल्ड ट्रम्प और उनके तीन बच्चों पर न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल ने धोखाधड़ी का केस किया था मैनहट्टन सुप्रीम कोर्ट के जज आर्थर एंगोरोन ने मामले की सुनवाई की तारीख
बीते दिनों में डोनाल्ड ट्रम्प और उनके तीन बच्चों पर न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल ने धोखाधड़ी का केस किया था. मैनहट्टन सुप्रीम कोर्ट के जज आर्थर एंगोरोन ने मामले की सुनवाई की तारीख 2 अक्टूबर, 2023 निर्धारित की, जिसमें आरोप लगाया गया है कि ट्रम्प और उनके परिवार के सदस्यों ने खुद को समृद्ध करने के लिए संपत्ति के मूल्य के बारे में गलत जानकारी दी है.
शीर्ष न्यूयॉर्क अभियोजक लेटिटिया जेम्स ने सितंबर में ट्रम्प, डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर, एरिक ट्रम्प, इवांका ट्रम्प और ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन पर मुकदमा दायर किया और आरोप लगाया कि उन्होंने ऋणदाताओं और बीमाकर्ताओं से वर्षों तक झूठ बोला.
जेम्स, एक डेमोक्रेट, ने अनुरोध किया है कि ट्रम्प दंड में कम से कम $ 250 मिलियन का भुगतान करें. साथ ही उनके परिवार को राज्य में व्यवसाय चलाने से प्रतिबंधित किया जाए. वहीं, ट्रंप का कहना है कि यह मुकदमा राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने बार-बार इसे खारिज करने की कोशिश की है.
1970 के दशक के बाद से राष्ट्रपतियों के विपरीत, ट्रम्प ने पद पर रहते हुए रिकॉर्ड जारी करने से इनकार कर दिया और अनुरोध को रोकने के लिए अदालतों का सहारा लिया. समिति 2015 से 2020 के लिए ट्रम्प और उनकी संबंधित व्यावसायिक संस्थाओं से कर रिटर्न की मांग कर रही है.
मैनहट्टन अभियोजकों ने ट्रम्प संगठन पर 2005 और 2021 के बीच शीर्ष अधिकारियों को दिए गए मुआवजे को छुपाने का आरोप लगाया है. -
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तुर्की : तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में हुए भीषण बम विस्फोट के पीछे एक महिला को ज़िम्मेदार माना जा रहा है. तुर्की के उपराष्ट्रपति ने कहा कि तुर्की के अधिकारी तुरंत आतंकवादी कृत्य की जांच करेंगे और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाएंगे.
तुर्की के अधिकारियों ने इस्तांबुल मध्य में रविवार को हुए विस्फोट को एक महिला द्वारा किया गया आतंकवादी हमला करार दिया है. उपराष्ट्रपति फुआत ओकटे ने प्रारंभिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, "प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हम इसे एक आतंकवादी कृत्य मानते हैं, जिसे एक अपराधी द्वारा अंजाम दिया गया. माना जा रहा है कि एक महिला ने बम विस्फोट किया. "उन्होंने कहा कि तुर्की के अधिकारी तुरंत आतंकवादी कृत्य की जांच करेंगे और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाएंगे.
धमाका रविवार दोपहर में पैदल पर्यटक मार्ग इस्तिकलाल में हुआ. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्य एर्दोगन ने कहा कि विस्फोट से मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हो गई. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि घायलों की संख्या 53 से बढ़कर 81 हो गई है, जिनमें से दो की हालत गंभीर है.
इस्तांबुल में विस्फोट करने वाले संदिग्ध को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. तुर्की की अनादोलु एजेंसी के अनुसार गृह मंत्री सुलेमान सोयलू ने सोमवार को ये जानकारी दी. तुर्की के इस्तांबुल में व्यस्त शॉपिंग स्ट्रीट पर रविवार को विस्फोट हुआ था.
रॉयटर्स के मुताबकि भी इस हमले में छह लोगों की मौत हुई है और 81 घायल हुए है. ट्विटर पर एक वीडियो भी सामने आया था. जिसमें साफ तौर पर धमाके को देखा गया था. फुटेज में कई लोग मशहूर इस्तिकलाल शॉपिंग स्ट्रीट पर टहलते नजर आ रहे थे. कुछ सेकंड बाद, विस्फोट हो गया और जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी. -
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मालदीव : दमकल सेवा के एक अधिकारी ने कहा, "हमें 10 शव मिले हैं." आग बुझाने में लगभग चार घंटे लगे.एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि मृतकों में नौ भारतीय और एक बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं.
मालदीव की राजधानी माले में गुरुवार को विदेशी कामगारों के घरों में आग लगने से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. द्वीपसमूह की राजधानी (जिसे एक अपमार्केट हॉलिडे डेस्टिनेशन के रूप में जाना जाता है) दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले शहरों में से एक है. अधिकारियों ने कहा कि आग में नष्ट हुई एक इमारत की ऊपरी मंजिल से 10 शव बरामद किए गए, जो एक भूतल वाहन मरम्मत गैरेज से उत्पन्न हुआ था. दमकल सेवा के एक अधिकारी ने कहा, "हमें 10 शव मिले हैं." आग बुझाने में लगभग चार घंटे लगे.एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि मृतकों में नौ भारतीय और एक बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं. मालदीव में भारत के राजदूत की तरफ से भी ट्वीट आया है और मदद के लिए उन्होंने फोन नंबर भी जारी किया है.
मालदीव के राजनीतिक दलों ने विदेशी श्रमिकों के लिए स्थितियों की आलोचना की है. माना जाता है कि वे माले की 2,50,000 की आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं और ज्यादातर बांग्लादेश, भारत, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका से हैं. कोविड -19 महामारी के दौरान उनके खराब रहने की स्थिति को प्रकाश में लाया गया, जब संक्रमण स्थानीय लोगों की तुलना में विदेशी श्रमिकों में तीन गुना तेजी से फैला. -
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ट्विटर का नया बॉस बनते ही एलन मस्क ने कंपनी में 'तबाही' मचा दी है। कॉस्ट कटिंग के नाम पर कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के बाद अब मस्क कुछ लोगों को नौकरी पर बहाल कर सकते हैं। जानिए क्यों..
ट्विटर का नया बॉस बनते ही एलन मस्क ने कंपनी में 'तबाही' मचा दी है। कॉस्ट कटिंग के नाम पर कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के बाद अब मस्क कुछ लोगों को नौकरी पर बहाल कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट है कि कुछ कर्मचारियों को वापस नौकरी पर बहाल किया जा सकता है, जिन्होंने मस्क के आने के बाद अपनी नौकरी खोई है। उन लोगों को यह कहकर वापस बुलाया जा सकता है कि उन्हें गलती से निकाला गया और प्रबंधन को उनके काम और अनुभव की जरूरत है। लेकिन, फिर भी यहां एक शर्त है...
मामले से परिचित दो लोगों के अनुसार, जिन लोगों को ट्विटर में वापस आने के लिए कहा जा रहा है, उनमें से कुछ को गलती से हटा दिया गया था। प्रबंधन को जब इस बात का एहसास हुआ तब तक उन्हें नौकरी से निकालने के लिए ई-मेल किया जा चुका था। तब कंपनी और लोगों के भी जाने का इंतजार कर रही थी। उपरोक्त लोगों का कहना है कि एलन मस्क की ट्विटर में नई सुविधाओं के निर्माण के लिए उन लोगों का काम और अनुभव आवश्यक हो सकता है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्क के ट्विटर को अधिग्रहण करने के बाद लागत को कम करने और कमाई का जरिया बढ़ाने के लिए मैनेजमेंट ने इस सप्ताह ई-मेल के माध्यम से कर्मचारियों को नौकरी से निकाला। कई कर्मचारियों को ई-मेल के जरिए पता लगा कि कंपनी उन्हें नौकरी से निकाल चुकी है। अब कुछ कर्मचारियों के लौटने के लिए मैनजेमेंट द्वारा किए जा रहे अनुरोध से पता चलता है कि नौकरी से निकालने की प्रक्रिया काफी जल्दीबाजी में अंजाम दी गई।
क्या होगी नौकरी पर लाने पर शर्त
मामले से परिचित लोगों के अनुसार, ट्विटर के पास अभी करीब 3,700 कर्मचारी शेष हैं। मस्क उन लोगों को वापस लेने पर जोर दे रहे हैं जो नई सुविधाओं और नियमों के साथ कंपनी के साथ बने रहना चाहते हैं। -
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सोशल मीडिया कंपनी ने अपने कर्मचारियों को एक ईमेल में कहा कि वह कर्मचारियों में कटौती के बारे में शुक्रवार को भारतीय समयानुसार रात साढ़े 9 बजे बताएगा कि आखिर उनकी नौकरी बची है या फिर चली गई।
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को मालिकाना हक मिलते ही ट्विटर में हड़कंप मचा हुआ है। कर्मचारियों के लिए आज यानी शुक्रवार का दिन खौफ में बीतने वाला है। ट्विटर आज अपने कर्मचारियों को बताएगा कि उनकी नौकरी बची है या फिर उन्हें सोमवार से ऑफिस नहीं आना है। सोशल मीडिया कंपनी ने अपने कर्मचारियों को एक ईमेल में कहा कि वह कर्मचारियों में कटौती के बारे में शुक्रवार को भारतीय समयानुसार रात साढ़े 9 बजे बताएगा कि आखिर उनकी नौकरी बची है या फिर चली गई।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मेल में लिखा था, ''ट्विटर को सुधारने के लिए हम शुक्रवार को अपने कार्यबल को कम करने की कठिन प्रक्रिया से गुजरेंगे।"
ट्विटर ने यह भी कहा है कि उसके कार्यालय अस्थायी रूप से बंद रहेंगे। प्रत्येक कर्मचारी की सुरक्षा के साथ-साथ ट्विटर सिस्टम और ग्राहकों के डेटा को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए सभी बैज एक्सेस को निलंबित कर दिया जाएगा।
मेल में कहा गया है कि जिन कर्मचारियों की छंटनी की गई है उन्हें उनके व्यक्तिगत ईमेल पते पर अगली प्रक्रिया के बारे में सूचित किया जाएगा।एलन मस्क ने पहले ही दिन कंपनी के सीईओ और सीएफओ निकालकर अपनी मंशा पहले ही साफ कर दी था। इसके बाद से ही बड़े पैमाने पर छटनी के कयास लगाए जा रहे थे। आपको बता दें कि एलन मस्क ने कंपनी को लागत में एक अरब अमरीकी डॉलर की बचत करने का टास्क दिया है।
ईमेल मिलते ही ट्विटर के सैकड़ों कर्मचारी कंपनी के स्लैक चैनलों को अलविदा कह रहे हैं। ट्विटर ने गुरुवार को एक ईमेल में कहा, "यदि आप किसी ऑफिस में हैं या फिर ऑफिस जा रहे हैं तो कृपया घर लौट आएं।" -
एजेंसी
मकाऊ : कोरोना महामारी से अब भी ऐसे कई देश है जो उबर नहीं पाए है। चीन भी उसी देश में से एक है। यहां अब तक सख्त लॉकडाउन लागू है और लोगों को घरों में कैद रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसा ही हाल कुछ मकाऊ देश का भी हो रखा है। पिछले हफ्ते कोरोना के मामले बढ़ने के बाद मंगलवार को 700,000 निवासियों का कोरोना टेस्ट कराया गया।
कैसीनों के अंदर कैद 1500 लोगअधिकारियों को देश के प्रमुख कैसीनों को भी सील करने का आदेश दे दिया है जिसमें 1500 लोग अंदर ही बंद रहने को मजबूर है। मकाऊ, दुनिया का सबसे बड़ा जुआ केंद्र है और मंगलवार को यहां के निवासियों को पीसीआर टेस्ट कराने और प्रतिदिन रेपिड एंनटीजेन टेस्ट कराने का आदेश दिया है।
अधिकारियों को यकीन है कि एक दिन निवासियों का कोरोना टेस्ट पूरा किया जा सकता है। अधिकारियों ने रविवार को एमजीएम चीन के कोटाई कैसीनों को बंद कर दिया है। इसके अलावा कैसीनों में मौजूद स्टाफ और मेहमानों को तीन दिन तक अंदर रहने का आदेश सुनाया गया है। इन्हें कब बाहर निकाला जाएगा इसकी जानकारी अब तक नहीं दी गई है।
मकाऊ में कोरोना के केस बढ़ेलगभग तीन महीने के अंतराल में देश में कोरोना के एक भी मामले सामने नहीं आए थे लेकिन पिछले कई दिनों के भीतर कोरोना के मामलों में अचानक तेजी देखने को मिली। कोरोना के 11 नए मामले आने के बाद कैसीनों के अधिकारियों और निवेशकों को बड़ा झटका लगा है। मकाऊ, चीन का प्रशासनिक क्षेत्र है और इस देश ने भी चीन की जीरो कोविड पॉलिसी को अपनाया हुआ है। इस पॉलिसी के तहत कोरोना से मुक्त होने के लिए देश में सख्त लॉकडाउन लगाया जा रहा है।
चीन की एप्पल फैक्ट्री पर कोरोना सख्ती
गौरतलब है कि, चीन के झेंग्झौ में फॉक्सकॉन संयंत्र पर कोरोना पांबदी और लॉकडाउन लगा दिया गया है, जिसके कारण लोग कारखाने को छोड़कर भाग रहे है। एप्पल आइफोन का निर्माता फॉक्सकॉन में लाखों कर्मचारी काम करते है लेकिन लॉकडाउन के डर से बचने के लिए यहां के कर्मचारी पैदल ही अपने घर की और भाग रहे है। कोरोना सख्ती और पांबदियों से बचने के लिए कर्मचारी काम छोड़कर भाग रहे हैं। - एजेंसीमस्क के आते ही तीन अधिकारियों की छुट्टी भले ही सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई हो, लेकिन तीनों को भविष्य में बड़ी रकम मिलने वाली है। सीईओ पद से निकाले गए पराग अग्रवाल को कंपनी 50 मिलियन डॉलर देगी
अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने आखिरकार माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर को खरीद लिया। यह डील फाइनल होते ही सीईओ पराग अग्रवाल समेत तीन बड़े अधिकारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। मस्क के आते ही तीन अधिकारियों की छुट्टी भले ही कर दी गई हो, लेकिन इन तीनों को मिलने जा रही बड़ी रकम से ट्विटर के नए मालिक को झटका लगा है।पहले से दी गई इक्विटी और विभिन्न भुगतानों के तहत तीनों को मिलाकर 100 मिलियन डॉलर (823 करोड़ रुपये) से अधिक मिलेंगे।
ब्लूमबर्ग न्यूज द्वारा किए गए कैलकुलेशन के अनुसार, पराग अग्रवाल, जिन्होंने एक साल से भी कम समय पहले मुख्य कार्यकारी अधिकारी भूमिका में कदम रखा था, को लगभग 50 मिलियन डॉलर (तकरीबन 412 करोड़ रुपये) मिलेंगे। चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर नेड सहगल और कानूनी, नीति और ट्रस्ट के प्रमुख विजया गड्डे क्रमशः 37 मिलियन डॉलर और 17 मिलियन डॉलर की रकम पाएंगे।
हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भी भरेगी कंपनी
कई अन्य बड़ी सार्वजनिक कंपनियों की टॉप लीडरशिप की ही तरह, यदि ट्विटर को बेचा जाता है और इस प्रक्रिया के दौरान नौकरी चली जाती है, तो पराग अग्रवाल और उनके अन्य कुछ अधिकारी एक साल के वेतन के बराबर इक्विटी के हकदार थे। ट्विटर को एक वर्ष के लिए अपने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को भी कवर करना होगा, जोकि प्रत्येक की राशि लगभग 31,000 डॉलर होगी।
ऐसे पैकेज पर होती रही है आलोचना
टॉप लीडरशिप को दिए जाने वाले इस तरह के पैकेजेस को लेकर कई बार कंपनियों को आलोचनाओं का भी शिकार होना पड़ता है, क्योंकि जब किसी कंपनी के मर्जर के बाद नॉर्मल कर्मचारियों की नौकरी जाती है, तब उन्हें इस तरह के पैकेज की सुविधाएं नहीं मिलती। उधर, इस तरह के पैकेजेस के पक्ष में बात रखने वालों का मानना है कि इससे एग्जीक्यूटिव्स शेयरहोल्डर्स के लिए सबसे बेहतर का चयन कर पाते हैं और इस सोच में नहीं रहते कि कहीं उन्हें रिप्लेस नहीं कर दिया जाए। 38 वर्षीय पराग अग्रवाल ट्विटर में पिछले लगभग एक दशक से काम कर रहे थे। हालांकि, पिछले ही साल उन्हें कंपनी का सीईओ नियुक्त किया गया था। कंपनी इस डील को 54.20 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से देख रही थी, भले ही मस्क को मैनेजमेंट पर विश्वास न रहा हो। -
एजेंसी
चीन : शी जिनपिंग के चीन में सबकुछ ठीक नहीं है। चीन के पूर्व राष्ट्रपति हू जिन्ताओ को पार्टी कांग्रेस से जबरन निकाला गया। चीन के पीएम ली को सेंट्रल कमिटी से हटाया गया है।
शी जिनपिंग के चीन में सबकुछ ठीक नहीं है। कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस में बड़ा बवाल देखने को मिला। बैठक के दौरान शी के बगल में प्रमुखता से बैठे चीन के पूर्व राष्ट्रपति हू जिन्ताओ को जबरन उठा दिया गया। उधर, शी ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी और चीन के पीएम ली कचीयांग को भी सेंट्रल कमिटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस में शी जिनपिंग की तीसरी बार ताजपोशी के दौरान बड़ा ड्रामा देखने को मिला। पूर्व राष्ट्रपति हू जिन्ताओ को पार्टी कांग्रेस के बीच से 'जबरन' बाहर कर दिया गया। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वीडियो में दिख रहा है कि 79 वर्षीय हू जिंताओ शी जिनपिंग के बाईं ओर बैठे थे और बीजिंग में ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल के मुख्य सभागार के मंच से दो लोगों द्वारा उनको बाहर निकाला जा रहा है। 'जबरन' उठाने से पहले दोनों शख्स जिन्ताओ से कुछ देर बात भी करते हैं और फिर उन्हें पकड़कर बाहर कर लिया जाता है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि माजरा क्या है लेकिन, वीडियो सामने आने के बाद यह तो साफ हो गया है कि चीन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
पीएम ली को कमिटी से बाहर किया
शी जिनपिंग के कट्टर विरोधी प्रधानमंत्री ली कचीयांग पर भी पार्टी कांग्रेस ने ऐक्शन लिया है। उन्हें सेंट्रल कमिटी से बाहर कर दिया गया है। इस तरह शी जिनपिंग के बाद पार्टी में दूसरे नंबर के नेता को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। ली को जिनपिंग का प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। इस तरह शी ने अपनी राह में एक और रोड़ा हटा दिया है।
बता दें कि बैठक के दौरान हू जिन्ताओ थोड़े अस्थिर दिखाई दिए। पांच साल में एक बार आयोजित कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक पार्टी के संविधान में किए गए संशोधनों के साथ संपन्न हुई। परिवर्तन में व्यापक तौर पर परिवर्तन शी जिनपिंग की मजबूत स्थिति को दर्शाता है। माना जा रहा है अब शी की चीनी हुकूमत में पकड़ और मजबूत होगी। -
एजेंसी
यूरोप : में सिफलिस नाम की बीमारी की वजह से बहुत सारे पोर्ट ऐक्टर्स ने काम करना बंद कर दिया है। यह बीमारी शारीरिक संबंधों के जरिए फैलती है जो खतरनाक रूप भी ले सकती है।
यूके में बहुत सारे अडल्ट फिल्म ऐक्टरों ने काम करना बंद कर दिया है। इसकी वजह एक बीमारी है जो कि सेक्शुअली ट्रांसमिट होती है। यूरोप में इन दिनों सिफलिस नाम की बीमारी फैल रही है। इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक यूके में अडल्ट फिल्म ऐक्टर एक यूनियन बनाना चाहते हैं। अमेरिका में अडल्ट ऐक्टर्स के सेक्शुअल हेल्थ का डेटाबेस उपलब्ध करवाने वाली संस्था PASS ने कहा है कि कई लोग सिफलिस से संक्रिमत पाए गए हैं जो कि एक खतरा बना हुआ है।
सिफलिस क्या है
सिफलिस एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है जो कि शारीरिक संबंधों के जरिए फैलता है। बैक्टीरिया का का नाम ट्रैपोनेमा पैलिडम है। इसकी शुरुआत खुजली से होती है। हालांकि यह भयंकर रूप भी ले सकता है। इससे आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंच सकता है। अगर किसी गर्भवती महिला को यह संक्रमण होता है तो बच्चा मरा हुआ भी पैदा हो सकता है। संक्रिमित इंजेक्शन से भी इस संक्रमण की संभावना रहती है।
एक अडल्ट ऐक्टर लियान यंग ने कहा, प्रोफेशनल पोर्न ऐक्टरों ने पिछले कुछ दिनों से काम बंद कर दिया है क्योंकि उन्हें सिफिलिस का चिंता है। उन्होंने कहा, जो बड़े ऐक्टर हैं वो ज्यादा चिंतित हैं। उन्हें बहुत नुकसान भी हो रहा है। यूरोप में इस बीमारी का अलर्ट है। कई फिल्मों की शूटिंग रोक दी गई है। ऐसे में प्रोड्यूसर और ऐक्टर दोनों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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एजेंसी
चीन फिलहाल खुद को ऐसी स्थिति में नहीं देख पा रहा कि ताइवान पर अटैक करके वह बहुत कुछ हासिल कर लेगा। ऐसे में उसने 'आर्ट ऑफ वार' के तहत ताइवान को बिना लड़े ही जीतने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे से चीन आगबबूला है। वह लगातार अमेरिका और ताइवान को देख लेने की धमकी दे रहा है। यही नहीं ताइवान को घेर 6 स्थानों पर उसने सैन्य अभ्यास भी शुरू किया है, जिसे उसकी दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। कयास यहां तक लग रहे हैं कि चीन की ओर से ताइवान को सबक सिखाने के लिए अटैक भी किया जा सकता है। लेकिन चीन की रणनीति को समझने वाले मानते हैं कि वह फिलहाल ऐसा नहीं करेगा। इसकी वजह यह है कि चीन फिलहाल खुद को ऐसी स्थिति में नहीं देख पा रहा कि ताइवान पर अटैक करके वह बहुत कुछ हासिल कर लेगा। ऐसे में उसने 'आर्ट ऑफ वार' के तहत ताइवान को बिना लड़े ही जीतने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।
दरअसल 'आर्ट ऑफ वॉर' चीनी सैन्य रणनीतिकार और विचारक कहे जाने वाले सुन त्जू का एक सिद्धांत है। 500 ईसा पूर्व उन्होंने इसी नाम से एक पुस्तक लिखी थी, जिसमें वह कहते हैं कि हमें दुश्मन से निपटने के लिए इतनी तैयारी करनी चाहिए कि युद्ध ही न करना पड़े। इसका अर्थ यह हुआ कि प्रतिद्वंद्वी पर इतना दबाव डाला जाए और उसे ऐसे घेर लिया जाए कि वह खुद से बिखर जाए या फिर सरेंडर कर दे। चीन की युद्ध रणनीति में इस आर्ट ऑफ वार की छाप हमेशा ही दिखी है। भारत के साथ डोकलाम, लद्दाख जैसे इलाकों में सीमा का अतिक्रमण कर महीनों तक तनाव बनाए रखना और दबाव में लाने की कोशिश करना भी ऐसी ही एक रणनीति का हिस्सा है।
लद्दाख और साउथ चाइना सी में भी ऐसा ही कर रहा चीन
इसके अलावा दक्षिण चीन सागर में भी वह ऐसा ही करता रहा है। यहां वह जापान, वियतनाम समेत कई देशों को दबाव में लाने की कोशिश करता रहा है। लेकिन यहां यह समझने की बात है कि चीन इसके जरिए सिर्फ दबाव में रखने की कोशिश नहीं करता बल्कि मुकाबले में बने रहते हुए वक्त का इंतजार भी करता है। ऐसा ही उसने 1962 में अचानक भारत पर हमला करके किया था। इसके अलावा तिब्बत पर भी उसने अचानक ही अटैक किया था और इतनी तैयारी के साथ ऐक्शन लिया था कि तिब्बतियों का विद्रोह कमजोर पड़ गया।
दबाव और तनाव से परहेज नहीं, पर युद्ध के लिए करेगा इंतजार
चीन और ताइवान के रिश्तों को समझने वाले एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ऐसी ही रणनीति ड्रैगन फिर अपना सकता है। फिलहाल अमेरिका का अपरहैंड है और युद्ध की स्थिति में वह चीन पर आर्थिक प्रतिबंध लगा सकता है। इसलिए चीन भले ही ताइवान और अमेरिका को घुड़की देता रहे, लेकिन अटैक नहीं करेगा। इसके अलावा अमेरिकी सेना के मुकाबले भी चीन काफी पीछे है। ऐसे में माना जा रहा है कि चीन कुछ दशक तक तेजी से अपनी आर्थिक और सैन्य ताकत को बढ़ाएगा। उसने यूक्रेन युद्ध से भी सबक लिया है और रूस की तरह ताइवान में फंसना नहीं चाहता। ऐसे में दबाव बनाना जारी रखते हुए वह खुद को ऐसी स्थिति में लाना चाहता है कि अमेरिका ताइवान में दखल की स्थिति में न रहे और वह उसे अपने नियंत्रण में ले ले। यही आर्ट ऑफ वार का सिद्धांत है, जिसमें सुन त्जू लड़ाई को बिना जंग में उतरे ही जीतने की बात करता है। -
एजेंसी
अमेरिका : अमेरिका ने जिस तरह से अलकायदा चीफ अल-जवाहरी को मारा है, उससे लगता है कि अमेरिका ने हेलफायर R9X वारहेड-रहित मिसाइल का उपयोग किया है. कहा जाता है कि यह छह रेजर-जैसे ब्लेड से सुसज्जित है, जो अपने लक्ष्य को काटती है, लेकिन विस्फोट नहीं करती है.
कुख्यात अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी को उसके काबुल स्थित घर पर दागी गई दो मिसाइलों से मार दिया गया. लेकिन तस्वीरों में विस्फोट का कोई संकेत नहीं दिखा और अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि किसी अन्य आदमी को इस कार्रवाई में कोई नुकसान नहीं हुआ. इस तरह के ऑपरेशन से अमेरिका द्वारा मैकाब्रे हेलफायर R9X मिसाइल के प्रयोग के कयास लगाए जा रहे हैं. यह एक वारहेड-कम मिसाइल है, जो छह रेजर जैसे ब्लेड से लैस होती है. इसमें लगे ब्लेड अपने लक्ष्य को काटते हैं, लेकिन विस्फोट नहीं करते. इसके पहले भी पेंटागन या सीआईए द्वारा कभी सार्वजनिक रूप से इसके इस्तेमाल की बात को स्वीकार नहीं किया गया. पहली बार आर9 एक्स का प्रयोग मार्च 2017 में होने के अंदाजा लगाया गया था, जब अल-कायदा के वरिष्ठ नेता अबू अल-खैर अल-मसरी को ड्रोन हमले में मार गिराया गया था. वह सीरिया में एक कार में यात्रा कर रहे थे.
उस वाहन की तस्वीरों में छत से एक बड़ा छेद दिखाई देता था. इसमें कार की धातु के साथ सवार लोगों के शारीरिक अंग कटे हुये दिखे थे. लेकिन कार का अगला और पिछला हिस्सा पूरी तरह बरकरार नजर आ रहा था. तब हेलफायर मिसाइलें के इस्तेमाल की बड़ी चर्चा हुई थी. इस मिसाइल को लक्षित हमलों के लिए जाना जाता है. अल जवाहरी के मारे जाने के बाद एक बार फिर हेलफायर मिसाइलों की चर्चा शुरू हो गई है.
एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि 31 जुलाई की सुबह जवाहिरी अपने काबुल स्थित आवास की बालकनी पर अकेले खड़े थे, तभी एक अमेरिकी ड्रोन ने दो हेलफायर दागे. इमारत की स्पष्ट तस्वीरों में एक मंजिल पर खिड़कियां उड़ती हुई दिखाई दे रही हैं, लेकिन अन्य मंजिलों पर खिड़कियों सहित शेष इमारत अभी भी यथावत है. अधिकारी ने कहा कि जवाहिरी के परिवार के सदस्य घर में मौजूद थे, लेकिन "जानबूझकर उन्हें निशाना नहीं बनाया गया और उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाया गया." अधिकारी ने कहा, "हमारे पास इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि इस हमले में नागरिकों को नुकसान पहुंचा है."