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- कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट 2019 जारी की। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की ओर से जारी इस रिपोर्ट को भारत पहले ही खारिज कर चुका है। रिपोर्ट आने के बाद अमेरिका ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर चिंता जताई है। साथ ही अल्पसंख्यकों को कोरोना वायरस फैलाने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराने की सलाह दी है।
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में दुनियाभर के देशों की धार्मिक स्वतंत्रता का जिक्र किया जाता है। इस पर इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम के एंबेस्डर सैमुअल ब्राउनबैक ने कहा कि भारत में प्रमुख रूप से चार धर्मों के लोग रहते हैं। अमेरिका हाल ही में भारत में हुई घटनाओं को लेकर चिंतित है। भारत का अपना एक गौरवशाली इतिहास रहा है, लेकिन अब वो यहां पर कई परेशानियां देख रहे हैं। उन्होंने भारत को इस मुद्दे पर काम करने की सलाह दी। ब्राउनबैक के मुताबिक भारत में अंतरधार्मिक संबंधों को लेकर बातचीत की जरूरत है। उन्होंने तबलीगी जमात का भी अपने बयान में जिक्र किया। उनके मुताबिक कोरोना फैलाने के लिए एक समुदाय को दोषी ठहराना उचित नहीं है। इसके बजाए उन्हें जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए।
आपको बता दें कि भारत ने पहले ही इस रिपोर्ट का खारिज कर दिया था। भारत सरकार ने उस वक्त अमेरिका को जवाब देते हुए कहा था कि सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के साथ ही भारत धर्म निरपेक्ष देश है, जिस पर सभी को गर्व है। भारत ने उस दौरान धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में पड़ताल के तरीकों पर भी सवाल उठाए थे। साथ ही कहा था कि भारत का संविधान लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता की इजाजत देता है। -
नई दिल्ली: नॉर्थ कोरिया ने अपने प्रतिद्वंदी दक्षिण कोरिया के साथ सभी तरह के सैन्य और राजनीतिक संबंधों को खत्म करने का फैसला किया है. अधिकारियों ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि नॉर्थ कोरिया ने दक्षिण कोरिया द्वारा सीमा पर पर्चे बांटने के बाद यह फैसला लिया है. बता दें कि 2018 के बाद से अंतर कोरियाई देशों के संबंधों में ठहराव देखने को मिला था. नॉर्थ कोरिया के किम जोंग उन (Kim Jong Un) और साउथ कोरिया के मून जे इन (Moon Je In) के बीच तीन शिखर वार्ता सम्मेलन भी हो चुके हैं.
रिपोर्ट के अनुसार पहले कदम के रूप में नॉर्थ कोरिया, कोरियाई देशों की संपर्क लाइन को काटने जा रही है. यह दोनों देशों की संपर्क लाइन के बीच काम करती थी साथ ही राष्ट्रपतियों के लिए तैयार की गई हॉट लाइन को भी खत्म कर दिया जाएगा. नॉर्थ कोरिया का कहना है कि उनके लोग दक्षिण कोरिया के विश्वासघाती रवैये से नाराज हैं. रिपोर्ट के अनुसार नॉर्थ कोरिया का मानना है कि दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने गैर-जिम्मेदाराना रूप से किम जोंग उन की गरिमा को चोट पहुंचाई है.
बता दें कि पिछले हफ्ते नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया को संबंध तोड़ने की धमकी भी दी थी. किम यो जोंग ने साउथ कोरिया को धमकी थी कि अगर वह अपने देश में नॉर्थ कोरिया के विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगा तो वह उनसे संबंध तोड़ लेंगे. -
वाशिंगटन : पिछले महीने अमेरिका के मिनियापोलिस शहर में अफ्रीकी-अमेरिकी शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस बर्बरता के चलते हुई मौत के बाद वहां जबरदस्त प्रदर्शन चल रहे हैं. अब इस प्रदर्शन का एक बड़ा असर हुआ है. अमेरिकी पुलिस व्यवस्था में नस्लभेद के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के बाद यह फैसला लिया गया है कि मिनियापोलिस पुलिस डिपार्टमेंट के पुराने सिस्टम को ध्वस्त करके इसे फिर से स्थापित किया जाएगा, नए सिरे से बदलाव किए जाएंगे. यानी कि लोगों की मांगों के अनुसार और लोगों की सुरक्षा और मदद को ध्यान में रखते हुए नए नियम-कानून बनाए जाएंगे.
मिनियापोलिस शहर के सिटी काउंसिलर्स यानी नगर पार्षदों ने कहा है कि वो शहर के पुलिस डिपार्टमेंट में चली आ रही व्यवस्था को पूरी तरह से हटाकर इसमें नए बदलाव करेंगे. पार्षद अध्यक्ष लीज़ा बेंडर ने CNN से कहा, 'हम पुलिसिया व्यवस्था में बदलाव करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. हम हमारे समुदाय के साथ मिलकर पब्लिक सेफ्टी के लिए ऐसा सिस्टम बनाना चाहते हैं जिसमें लोगों को सच में सुरक्षा मिले और वो सुरक्षित महसूस करें.' बेंडर ने यह भी कहा कि उनकी कोशिश है कि पुलिस सिस्टम को जो फंडिंग दी जाती है, उसे कम्यूनिटी की बेहतरी के लिए इस्तेमाल किया जाए.
पार्षद एलॉन्ड्रा कानो ने एक ट्वीट कर बताया कि 'यह फैसला बहुमत में लिया गया है. इसमें सहमति जताई गई है कि पुलिस डिपार्टमेंट में सुधार की गुंजाइश नहीं है और हम मौजूदा व्यवस्था को खत्म करने जा रहे हैं.'
बता दें कि 25 मई को मिनियापोलिस में गिरफ्तारी के वक्त एक पुलिसकर्मी की ओर से फ्लॉयड के गले पर घुटना रखकर दबाव बनाने के बाद उसकी मौत हो गई थी. इस घटना का वीडियो भी सामने आया था. ऑटोप्सी रिपोर्ट में इसे हत्या करार दिए जाने के बाद इस पुलिसकर्मी पर आरोप तय किए गए हैं. इस घटना के बाद से ही पूरे अमेरिका में जबरदस्त प्रदर्शन हो रहे हैं. कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई है. वहीं लूटपाट, आगजनी और दंगों की घटनाएं भी हुई हैं. -
एजेंसी
अमेरिका के बाद अब ब्राजील ने भी विश्व स्वास्थ्य सगंठन (WHO) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने डोनाल्ड ट्रंप के नक्शेकदम पर चलते हुए शुक्रवार को अपने देश को WHO से अलग करने की धमकी दी है।
बोल्सोनारो ने डब्ल्यूएचओ पर पक्षपात और राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, ''अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ से किनारा कर लिया और हम भी उस पर नजर बनाए हुए हैं। अब आने वाले समय में WHO या तो बिना किसी वैचारिक द्वेष के काम करे या हम उससे अलग हो जाएंगे।''
बोल्सोनारो ने स्पष्ट किया कि यह महज कोई संयोग नहीं है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के WHO को वित्तीय मदद रोकने के फैसले के कुछ ही दिन बाद WHO ने कोविड-19 के इलाज के लिए हाइड्रोक्लोरोक्वीन का परीक्षण रोकने के निर्णय को बदल दिया। ब्राजील में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बढ़कर 34,021 हो गई है जोकि पूरे विश्व में तीसरे स्थान पर है। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ब्राजील में पिछले 24 घंटों में इससे 1437 लोगों की मौत हुई है। - काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मंगलवार को एक मस्जिद में हुए बम धमाके में मस्जिद के इमाम समेत दो लोगों की मौत हो गई जबकि दो लोग घायल हुए. अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक अरियान ने कहा कि वजीर अकबर खान मस्जिद को शाम करीब 7:25 बजे उस समय निशाना बनाया गया, जब लोग शाम की नमाज पढ़ने के लिए एकत्र हुए थे.उन्होंने बताया कि हमले में इमाम मुल्ला मोहम्मद अयाज नियाजी घायल हो गए थे. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां बाद में उनकी मौत हो गई.
हमले की तत्काल किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन आईएस संगठन हाल के कुछ सप्ताह से काबुल में हमले कर रहा है और पूर्व में भी अफगानिस्तान की मस्जिदों में हमले करता रहा है. हालांकि, तालिबानी विद्रोही कभी मस्जिद पर हमला नहीं करते हैं. - मीडिया रिपोर्ट
वॉशिंगटन: अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की मौत के बाद इंसाफ के लिए अश्वेतों का प्रदर्शन जारी है. करीब 30 शहरों में हिंसक प्रदर्शन भी हुए. 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की खबर के अनुसार, शुक्रवार रात सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी वॉशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस के बाहर जमा हो गए थे. प्रदर्शनकारियों के बाहर इकट्ठा होने की खबर मिलते ही व्हाइट हाउस के सुरक्षा अधिकारी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) को अंडरग्राउंड बंकर में ले गए थे. खबर के मुताबिक, ट्रम्प को वहां एक घंटे से भी कम समय तक रखा गया.
सीक्रेट सर्विस और यूनाइटेड स्टेट्स पार्क पुलिस के अफसरों ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोका. प्रदर्शनकारियों के व्हाइट हाउस तक पहुंचने पर डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी टीम के सदस्य भी हैरान थे. अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि ट्रम्प के साथ उनकी पत्नी मेलानिया ट्रम्प और सलाहकार बैरन ट्रम्प भी बंकर में गए थे या नहीं. हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर बीते दिन वॉशिंगटन समेत अमेरिका के 40 शहरों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. पुलिस कस्टडी में अश्वेत अफ्रीकन-अमेरिकन नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद वहां लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. 15 राज्यों में अब करीब 5000 नेशनल गार्ड्स ने मोर्चा संभाला हुआ है.
बता दें कि बीते सोमवार को एक रेस्टोरेंट के सिक्योरिटी गार्ड जॉर्ज फ्लॉयड को जालसाजी से जुड़े एक मामले में पुलिस ने पकड़ा था. घटना का एक वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो में साफ दिख रहा है कि जॉर्ज ने गिरफ्तारी के समय किसी तरह का विरोध नहीं किया. पुलिस ने उसके हाथों में हथकड़ी पहनाई और जमीन पर लिटा दिया. जिसके बाद एक पुलिस अधिकारी ने उसकी गर्दन को घुटनों से दबा दिया. जॉर्ज कहता रहा कि वह सांस नहीं ले पा रहा है और कुछ ही देर में वह बेहोश हो गया. अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया. जॉर्ज की मौत से लोग आक्रोशित हो गए और रंगभेद की बात पर शहर में बवाल शुरू हो गया.
शहर की कई दुकानों में लूटपाट की खबरें हैं. पुलिस ने लोगों को काबू में करने के लिए आंसू गैस और रबर बुलेट का इस्तेमाल किया. गोली लगने से एक शख्स की मौत हुई है. पुलिस इस मामले की भी जांच कर रही है कि क्या किसी स्टोर के मालिक ने उस शख्स को गोली मारी है. व्हाइट हाउस ने इस मामले में बयान जारी करते हुए कहा था कि राष्ट्रपति ट्रम्प इस घटना से बेहद दुखी हैं और वह चाहते हैं कि जॉर्ज फ्लॉयड को इंसाफ मिले. - वॉशिंगटन। कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका ने शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन/डब्ल्यूएचओ के साथ संबंध खत्म करने का ऐलान कर दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने का ऐलान करते हुए महामारी को लेकर चीन पर हमला बोला। ट्रंप ने कहा कि यह संगठन अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने और उनमें सुधार करने में नाकाम रहा है। उन्होंने संगठन पर चीन का कंट्रोल होने की बात कही। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन डब्ल्यूएचओ को एक साल में 40 मिलियन डॉलर देने के बावजबूद अपने नियंत्रण में रखता है जबकि अमेरिका एक साल में डब्ल्यूएचओ को करीब 450 मिलियन डॉलर का अनुदान देता है। डब्ल्यूएचओ से सुधार को लेकर जो सिफारिश की गई थी उसे लागू नहीं किया गया, इसलिए अमेरिका डब्ल्यूएचओ से अपना रिश्ता तोड़ रहा है।
चीन पर निशान साधते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि, वर्षों से चीन की सरकार हमारे औद्योगिक रहस्यों को चुराने के लिए जासूसी करता रहा है। आज मैं अपने राष्ट्र के महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय अनुसंधान को बेहतर ढंग से सुरक्षित करने के लिए एक घोषणा जारी करूंगा। जो संभावित विदेशी जोखिमों को देखते हुए चीन के नागरिकों के प्रवेश को रोक देगा।
चीन ने हमारे संसाधनों पर एक तरह से हमला किया। ट्रंप ने कहा कि, चीन ने वुहान वायरस को दुनियाभर से छुपाया और इस बीमारी को पूरी दुनिया में फैलने दिया। जिससे एक वैश्विक महामारी पैदा हुई, जिसने 100000 से अधिक अमेरिकियों और दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ले ली। चीनी अधिकारियों ने डब्ल्यूएचओ के रिपोर्टिंग दायित्वों की अनदेखी की। ट्रंप ने हांगकांग के मुद्दे पर कहा कि, चीन ने एकतरफा रूप से हांककांग पर नियंत्रण किया जो नियमों के खिलाफ है। चीन का दावा है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा कर रहा है लेकिन वह असल में हांगकांग की संप्रभुता के साथ खिलवाड़ कर रहा है। उन्होंने कहा कि, हम चीन द्वारा निगरानी और दंड के बढ़ते खतरे को देखते हुए हांगकांग के लिए ट्रेवल एडवाइजरी को संशोधित करेंगे। - AFP की रिपोर्टवॉशिंगटन: नासा के दो अंतरिक्ष यात्रियों के स्पेसएक्स रॉकेट प्रक्षेपण को अंतिम समय में टाल दिया गया. खराब मौसम की वजह से इसे टाला गया. अगर खराब मौसम साफ हो जाता, तो इसे 4:33 बजे (20:33 GMT) SpaceX रॉकेट, जिस पर नए क्रू ड्रैगन कैप्सूल होते हैं, कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 39A से उड़ान भरता. इसी जगह से नील आर्मस्ट्रांग और उनका अपोलो चालक दल अपनी ऐतिहासिक यात्रा के लिए चंद्रमा पर रवाना हुए थे. इस मिशन के लॉन्च से 20 मिनट पहले इसे टालने पर लॉन्च डायरेक्टर माइक टेलर ने कहा, 'दुर्भाग्यवश आज हम लॉन्च नहीं कर रहे हैं.' अब शनिवार को एक बार फिर इस मिशन को लॉन्च किया जाएगा. अगर यह सफल होता है तो दुनिया में पहली बार होगा कि किसी प्राइवेट कंपनी ने इस तरह के लॉन्च को अंजाम दिया हो. यह कुछ ऐसा है जिसे सिर्फ रूस, अमेरिका और चीन ही अब तक कर पाए हैं.
बता दें कि स्पेसएक्स रॉकेट नासा के पायलट डग हर्ली और बॉब बेन्कन के साथ ड्रैगन कैप्सूल को लेकर बुधवार दोपहर को कैनेडी अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से उड़ान भरने वाला था. यह पहला मौका है जब सरकार की बजाय कोई निजी कंपनी अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेज रही है. अंतरिक्ष रवानगी की पूर्व संध्या पर कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से नासा के डायरेक्टर जिम ब्रिडेन्सटाइन ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी और स्पेसएक्स इस रवानगी से जुड़े सभी लोगों से कह चुके हैं कि जब भी कोई चिंता या परेशानी दिखे तो वह उसी क्षण उल्टी गिनती रोकने के लिए स्वतंत्र हैं.
ब्रिडेन्सटाइन ने कहा कि उन्होंने दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को सोमवार को संदेश भेजकर पूछा था, ‘‘अगर आप किसी भी कारणवश चाहते हैं कि मैं इसे रोक दूं तो आप बताएं, मैं इसे एक क्षण में रोक दूंगा.'' इस पर अंतरिक्षयात्रियों ने कहा, ‘‘हम इस यात्रा के लिए तैयार हैं.'' यह पहले से तय था कि किसी कारणवश अगर बुधवार को यह मिशन लॉन्च नहीं किया जा सकेगा तो इसे शनिवार को लॉन्च किया जाएगा. - भाषा की खबर
बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सबसे खराब स्थिति की कल्पना करते हुए सेना को युद्ध की तैयारियां तेज करने का मंगलवार को आदेश दिया और उससे पूरी दृढ़ता से देश की सम्प्रभुता की रक्षा करने को कहा. देश की सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के महासचिव और करीब 20 लाख सैनिकों वाली सेना के प्रमुख 66 वर्षीय शी ने यहां चल रहे संसद सत्र के दौरान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स के प्रतिनिधियों की पूर्ण बैठक में हिस्सा लेते हुए यह टिप्प्णी की.
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, शी ने सेना को आदेश दिया कि वह सबसे खराब स्थिति की कल्पना करे, उसके बारे में सोचे और युद्ध के लिए अपनी तैयारियों और प्रशिक्षण को बढ़ाए, तमाम जटिल परिस्थितियों से तुरंत और प्रभावी तरीके से निपटे। साथ ही पूरी दृढ़ता के साथ राष्ट्रीय सम्प्रभुता, सुरक्षा और विकास संबंधी हितों की रक्षा करे. उनकी टिप्पणी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच करीब 20 दिन से जारी गतिरोध की पृष्ठभूमि में आयी है.
हाल के दिनों में लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में भारत और चीन की सेनाओं ने अपनी उपस्थिति काफी हद तक बढ़ाई है। यह दोनों देशों की सेनाओं के बीच दो अलग-अलग तनातनी के दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी तनाव बढ़ने और दोनों पक्षों के रुख में कठोरता आने का स्प्ष्ट संकेत देता है. करीब 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी दोनों देशों के बीच वस्तुत: सीमा का काम करती है. - मीडिया रिपोर्ट
लद्दाख में चीन की ओर से भारतीय सीमा में भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती के बाद भारत ने भी करारा जवाब दिया है. भारतीय सेना ने लद्दाख में चीन सीमा पर अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है. चीनी सैनिकों की घुसपैठ रोकने के लिए भारत ने लद्दाख के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी गश्त और निगरानी कड़ी कर दी है. चीन की ओर से दौलत बेग ओल्डी (DBO) और 114 ब्रिगेड के तहत निकटवर्ती इलाकों में 5000 सैनिकों की तैनाती की गई है. चीनी सैनिकों को किसी भी तरह से आगे बढ़ने से रोकने के लिए भारतीय सेना ने वायु सेना की मदद से सैनिकों को अग्रिम इलाकों में तैनात किया है.
सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिक भी बहुत आक्रामक तरीके से काम कर रहे हैं. वे पैंगोंग झील और फिंगर क्षेत्र में भारी वाहनों के साथ-साथ निर्माण के उपकरण भी ले आए हैं. गालवान क्षेत्र में भारत अपनी सीमा के गश्ती इलाकों को जोड़ने के लिए सड़क निर्माण कर रहा है. शुक्रवार को चीन ने इस निर्माण को लेकर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद चीन ने इस इलाके में (800-900 सैनिकों की) बटालियन तैनात कर दी है, जिन्होंने वहां रहने के लिए लगभग 90 टेंट लगाए हैं.
चीन के सैनिकों के बराबर तैनाती और बराबरी का मुकाबला सुनिश्चित करने के लिए भारत ने सड़क मार्ग और हेलिकॉप्टरों की मदद से अग्रिम इलाके में और सैनिक भेजे हैं. भारत ने लद्दाख में गश्त और निगरानी बढ़ा दी है. साथ ही हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में उन सीमावर्ती क्षेत्रों में भी निगरानी बढ़ाई गई है जहां पिछले कुछ वर्षों में चीन ने अपनी उपस्थिति और अतिक्रमण बढ़ाया है. सिक्किम सेक्टर में भी तैनाती बढ़ा दी गई है और चीनी सेना द्वारा किसी भी संभावित घुसपैठ को रोकने के लिए सैनिकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. -
वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को ब्राजील से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि दरअसल ब्राजील कोरोना वायरस का नया हॉटस्पॉट बनता जा रहा है, जिसके चलते यह फैसला लिया गया है। हालांकि इसके साथ ही यह साफ किया गया है कि इस फैसले से व्यापार प्रभावित नहीं होगा। एक बयान में कहा गया है कि आज के इस फैसले से यह सुनिश्चित होगा कि जो विदेशी लोग ब्राजील में हैं वह कोरोना वायरस के नए कैरियर नहीं बनेंगे और हमारे देश में संक्रमण को नहीं फैलाएंगे।
बता दें कि ब्राजील में तकरीबन 350000 कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। अमेरिका के बाद ब्राजील में अब कोरोना वायरस के सर्वाधिक मामले हैं। कोरोना वायरस से ब्राजील में अबतक 22000 लोगों की मौत हो चुकी है। अहम बात यह है कि ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने डोनाल्ड ट्रंप के राजनीतिक सहयोगी हैं, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले से वह इत्तेफाक नहीं रखते हैं। बोलसोनारो ने कोरोना वायरस की तुलना छोटे से फ्लू से की और कहा कि घर में रहने से लैटिम अमेरिका की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हो रहा है।
वहं अमेरिका की बात करें तो डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमण और मौत की संख्या में देश में कमी आ रही है। अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमण के कुल 16.8 मामले हैं। जबकि यहां कोरोना वायरस ने अबतक 98024 लोगों की जान ले ली है। कोरोना वायरस से संक्रमित 3.42 लाख लोग सही होकर अपने घर जा चुके हैं। - नई दिल्ली : कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार का आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च के बाद से ही सवालों के घेरे में है। अमेरिका स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) ने रिव्यू में एप की रेटिंग को 2 से घटाकर एक कर दिया है। एमआईटी ने एप को रिव्यू में एक नंबर देने के पीछे वजह भी बताई है। एमआईटी के मुताबिक इस एप के जरिए भारत डेटा न्यूनता के पैरामीटर खरा नहीं उतरता एप्लिकेशन कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के उद्देश्य के लिए आवश्यक जानकारी से ज्यादा डेटा एकत्र करता है। एमआईटी के रिव्यू में रिसचर्स ने कहा है कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए एप में जितनी जानकारी प्रर्याप्त हो सकती हैं उससे ज्यादा जानकारी यूजर्स से मांगी जा रही है।
मालूम हो कि आरोग्य सेतु एप पर विपक्षी पार्टी भी सवाल खड़े कर चुकी है। विपक्ष का कहना है कि एप के जरिए लोगों पर नजर रखी जा रही है। एप पर विपक्ष के आरोपों को केंद्र सरकार ने निराधार बताया है और कहा है कि यह सुरक्षा के लिहाज से एकदम सिक्योर एप है।
साभार : जनसत्ता से - पाकिस्तान में शुक्रवार को कराची एयरपोर्ट के पास Pakistan International Airlines (PIA) का एक विमान क्रैश हो गया। यह फ्लाइट लाहौर से कराची की ओर आ रही थी और लैंडिंग से पहले ही अचानक दुर्घटना का शिकार हुई। स्थानीय मीडिया के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने आगे बताया कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का यह A320 विमान था, जिसमें करीब 100 लोग सवार थे। प्लेन रियाहशी इलाके के नजदीक क्रैश हुआ है। यह दुर्घटना कैसे हुई? फिलहाल इसकी खबर नहीं है। न ही किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना है।
- न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोनावायरस को लेकर एक बार फिर चीन पर हमला किया है. ट्रंप ने चीन पर दुनियाभर में कोरोनावायरस संक्रमण फैलाने और बड़े पैमाने पर हत्याओं को अंजाम देने का आरोप लगाया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार सुबह किए अपने ट्वीट में लिखा, चीन में कुछ सिरफिरे कोरोना के लिए अन्य लोगों को दोष दे रहे हैं, जबकि चीन की नाकामी ने दुनियाभर में हत्याओं को अंजाम दिया. यह चीन की अक्षमता के अलावा और कुछ नहीं है.
इससे पहले भी ट्रंप कोरोनावायरस को लेकर चीन पर निशाना साधते रहे हैं. 1 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने कुछ ऐसा देखा है जो उन्हें विश्वास दिलाता हो कि कोरोनावायरस का स्रोत वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ही था, इसपर वह बोले, 'हां मेरे पास है.' पत्रकारों ने उनसे पूछा कि वह क्या चीज है, इसपर ट्रंप बोले, 'मैं आपको नहीं बता सकता.' -
बेबी प्रोडक्ट बनाने के लिए मशहूर अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, कंपनी ने अमेरिका और कनाडा में अपने उत्पाद बेबी पाउडर की ब्रिकी रोकने की घोषणा की है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा है कि उपभोक्ताओं की आदतों में बड़े स्तर पर बदलाव होने के अलावा बेबी पाउडर को लेकर गलत सूचनाएं फैलने के कारण प्रोडक्ट की मांग घट रही थी. हालांकि बिक्री पर रोक अस्थायी है. जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा है कि वह आगामी महीनों में उत्पाद की बिक्री कम करेगा और यह हिस्सा इसके अमेरिकी उपभोक्ता स्वास्थ्य व्यवसाय का 0.5 फीसदी होगा. खुदरा विक्रेता मौजूदा उत्पादों की बिक्री जारी रखेंगे.
बहरहाल, जॉनसन एंड जॉनसन ने ये फैसला ऐसे समय में लिया है जब बीते कुछ समय से प्रोडक्ट को लेकर लगातार आरोप लग रहे थे. जॉनसन एंड जॉनसन के खिलाफ अलग-अलग आरोपों में 16,000 से अधिक मुदकमे किए गए हैं. हालांकि, जॉनसन एंड जॉनसन ने समय-समय पर इन आरोपों को खारिज भी किया है.
बीते साल अक्टूबर में जॉनसन एंड जॉनसन ने अमेरिका में परीक्षण के लिए स्वेच्छा से 33 हजार डिब्बे वापस मंगा लिए थे. बता दें कि अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की अपने बेबी पाउडर, शैम्पू और साबुन के जरिए भारत समेत दुनिया के अन्य देशों में एक खास पहचान है. - वॉशिंगटन। कोरोना वायरस संकट के दौर में अमेरिका लगातार विश्व स्वास्थ्य संगठन पर निशाना साध रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप WHO की क्षमता और विश्वसनीयता पर लगातार सवाल खड़ा कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने WHO को अमेरिका द्वारा दी जाने वाली फंडिंग को रोकने की बात कही थी। लेकिन अब उन्होंने WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस गेब्रिसस को एक पत्र लिखकर साफ तौर पर चेतावनी दी है कि अगर 30 दिन के भीतर WHO अहम ठोस सुधार नहीं करता है तो वह अमेरिका द्वारा WHO को दी जाने वाली फंडिंग को हमेशा के लिए रोक देंगे। फिललहाल अमेरिका ने फंडिंग को अस्थायी रूप से फ्रीज कर रखा है। ट्रंप ने कहा कि अगर 30 दिन के भीतर कुछ ठोस सुधार नहीं हुआ तो वह WHO में अमेरिका की सदस्यता पर भी पुनर्विचार करेंगे।
WHO को लिखे गए इस पत्र को डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है। बता दें कि पिछले महीने ट्रंप ने कोविड-19 की रोकधाम लेकर WHO द्वारा किए गए काम की समीक्षा करने की बात कही थी और अमेरिका की फंडिंग को रोक दिया था। ट्रंप की इस कार्रवाई के बाद WHO ने कहा था कि हम अभी भी इस महामारी के गंभीर संकट से लड़ रहे हैं, लिहाजा यह समय फंडिंग को रोकने का नहीं है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि क्या ट्रंप WHO को दी जाने वाली फंडिंग को रोकने के लिए कांग्रेस की सहमति हासिल कर सके हैं या नहीं। बता दें कि बिना कांग्रेस की सहमति के डोनाल्ड ट्रंप WHO की फंडिंग को रोक नहीं सकते हैं। - मीडिया रिपोर्ट
ताइपे। ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने कहा है कि उनका देश जेनेवा में 18 मई से शुरू होने वाली मीटिंग में हिस्सा नहीं लेगा। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की तरफ से बताया गया है कि चीन के दबाव के चलते उनके देश को इनवाइट नहीं किया गया है। जोसेफ के मुताबिक कई कोशिशों के बाद भी इसमें सफलता नहीं मिल सकी और अब इस मसले पर इस साल के अंत में चर्चा होगा।
जोसेफ ने कहा है कि इसके बाद भी वह दूसरे देशों में मेडिकल सप्लाई में कमी नहीं होने देगा। साथ ही ताइवान के विदेश मंत्री ने चीन के दोहरे व्यवहार का विरोध करने की बात कही है जो इस तरह के मंचों से उसे दूर रखता है।जोसेफ ने कहा कि वह इस बात पर सहमत हैं कि बैठक में उसकी भागीदारी को लेकर साल के अंत में चर्चा की जाएगी जब कोरोना पर थोड़ा नियंत्रण किया जा सकेगा। सात मई को जेनेवा में सात देशों अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के राजदूतों की तरफ से डब्लूएचओ को डेमार्श जारी किया गया था। इसकी अगुवाई अमेरिका और जापान ने की थी।जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक ताइवान में कोरोना वायरस के बस 440 केस सामने आए और महामारी से सात लोगों की जान गई। जबकि इससे सटे चीन में 84,000 केसेज और 4600 मौतें दर्ज हुईं। साल 2009 से 2016 तक ताइवान ने डब्लूएचओ एसेंबली (डब्लूएचओ) में नॉन-वोटर ऑब्जर्वर के तौर पर शिरकत की थी। लेकिन जब साइ इंग वेन को ताइवान की राष्ट्रपति बनीं तो उन्होंने चीन को चुनौती देना शुरू कर दिया। साल 2016 में चीन डब्लूएचओ का मुखिया बना और उसने ताइवान को किनारे कर दिया। साइ इंग वेन फिर से राष्ट्रपति चुनी गई हैं और 20 मई को उनका दूसरा कार्यकाल शुरू होगा। - मीडिया रिपोर्ट
पूरी दुनिया को अपने चपेट में लेने वाली महामारी कोरोना वायरस आखिर कैसे और किस तरह से इंसानों तक पहुंचा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसकी रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए और उसकी भूमिका क्या रही है। दुनिया के करीब 62 देश ऐसे ही सवालों का जवाब मांग रहे हैं। अब भारत ने भी आधिकारिक तौर पर इन देशों को अपना समर्थन देते हुए यूरोपीय यूनियन व ऑस्ट्रेलिया की ओर से जांच की मांग वाले दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया है।
दरअसल, डब्ल्यूएचओ की 73वीं विश्व स्वास्थ्य सभा (डब्ल्यूएचए) आज से शुरू होने जा रही है। इस वार्षिक बैठक के लिए यह मसौदा तैयार किया गया है। इसमें निष्पक्ष, स्वतंत्र और व्यापक जांच की बात कही गई है। वहीं कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत के बाद से पहली बार भारत आधिकारिक रूप से एक पक्ष खड़ा हुआ है। बता दें कि कोरोना वायरस की शुरुआत बीते साल चीन के वुहान शहर से हुई थी। इस वायरस की वजह से पूरी दुनिया में अब तक 3 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
बहरहाल, भारत के जांच के समर्थन में खड़े होने का एक अल्प संकेत उस समय मिला था, जब मार्च में हुए जी20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डब्ल्यूएचओ में सुधार, पारदर्शिता और जवाबदेही तय करने जैसी आवश्यकताओं पर जोर दिया था।
बता दें कि चीन पर संक्रमण के शुरुआती दिनों की जानकारी छिपाने का आरोप है। ताजा घटनाक्रम की बात करें तो वहां कोरोना से जंग में अहम भूमिका निभाने वाले शीर्ष अधिकारी और डॉक्टर झोंग नानशान ने भी खुलासा किया है कि स्थानीय अधिकारियों ने कोरोना से जुड़ी प्राथमिक जानकारी को छिपाया था। हालांकि चीन की सरकार ने जानकारी छिपाने के आरोपों को पहले ही नकार दिया है। कोरोना वायरस फैलने को लेकर पूर्व में डब्ल्यूएचओ और उसके डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधानोम गेब्रेयेसस पर चीन का पक्ष लेने का भी आरोप लगाया गया था। कारण कि इथोपिया के पूर्व मंत्री साल 2017 में चीन के समर्थन से ही डब्ल्यूएचओ के प्रमुख बने थे। - इस्लामाबाद: पाकिस्तान में देश के अशांत उत्तर-पश्चिमी जनजातीय क्षेत्र में दो लड़कियों की एक पुरुष से बातचीत करने के कारण हत्या कर दी गयी. एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. कुछ हफ्ते पहले दोनों लड़कियों का एक पुरुष से बातचीत करने का वीडियो सामने आया था. पुलिस के अनुसार 16 और 18 साल की दो लड़कियों को उनके चचेरे भाइयों ने मार डाला. देश के आदिवासी इलाकों में महिलाओं का पुरुषों के साथ मिलना-जुलना पूरी तरह प्रतिबंधित है.
पुलिस के अनुसार यह घटना 14 मई को खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी वजीरिस्तान जिले के एक गांव में हुयी. राजमल पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि हत्या का मामला दर्ज कर अपराधियों की तलाश की जा रही है. अधिकारी ने बताया कि इसका कारण 52 सेकंड का एक वीडियो था जिसमें एक व्यक्ति तीन लड़कियों से बात कर रहा है. अधिकारी ने कहा कि वीडियो में से दिख रही दो लड़कियों की हत्या कर दी गयी जबकि तीसरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. पुलिस के अनुसार तीसरी लड़की जीवित है लेकिन उसकी जान को खतरा हो सकता है. - नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस के वैक्सीन के लिए वैज्ञानिक लगातार प्रयास कर रहे हैं। अब सिगरेट निर्माता ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको पीएलसी (BAT) ने प्रायोगिक COVID -19 वैक्सीन तैयार करने का दावा किया है, जिसका परीक्षण जल्द मनुष्यों पर किया जायेगा। सिगरेट निर्माता का कहना है कि वैक्सीन के प्री-क्लिनिकल ट्रायल ने सकारात्मक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया दिखाई है। कहा गया है कि यदि दवा नियामकों द्वारा इसे अनुमति दी गई तो मानव परीक्षणों का पहला चरण जून के अंत तक शुरू हो सकता है।
वर्तमान में अमेरिका, यूरोप, चीन और अन्य जगह 100 से अधिक निर्माता वैक्सीन निर्माण कर रहे हैं। यही नहीं BAT की प्रतिद्वंद्वी फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल इंक भी तंबाकू प्लांट में वैक्सीन का परीक्षण कर रहा है। BAT की सब्सिडियरी केंटुकी बायोप्रोसेसिंग प्रयोगात्मक वैक्सीन बनाने में तम्बाकू पौधों का उपयोग कर रही है। बीएटी का कहना है कि इस वैक्सीन का तेजी से निर्माण हो रहा है। हालांकि तंबाकू के पौधों का उपयोग कर कोरोना वायरस का टीका बनाना स्वास्थ्य पर अन्य से अलग असर डाल सकता है।
ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको पीएलसी (BAT) एक सिगरेट और तंबाकू निर्माण कंपनी है जिसका मुख्यालय लंदन, इंग्लैंड में है. यह 2012 तक दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सिगरेट निर्माता था। BAT लगभग 180 देशों में अपने उत्पादों का संचालन करता है।
- मीडिया रिपोर्ट
विश्व बैंक ने भारत में सरकार के जुड़े कार्यक्रमों के लिए 1 बिलियन डॉलर के सामाजिक सुरक्षा पैकेज की घोषणा की है। बैंक ने शुक्रवार को शहरी गरीब और प्रवासी श्रमिकों के लिए प्रौद्योगिकी से संबंधित योजनाओं में सरकार की सहायता के लिए सामाजिक सुरक्षा निधि के रूप में इस राशि को मंजूरी दी।
बैंक ने कहा कि इससे भारत अपनी सभी 400-प्लस सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को प्रौद्योगिकी के स्तर पर एकीकृत करने में सक्षम होगा। विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने कहा, 'यह परियोजना शहरी गरीबों के प्रति सामाजिक सुरक्षा को संतुलित करने के लिए महत्वपूर्ण होगी।' उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि पीएम का आत्मानिर्भर मिशन' दिशाओं के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है और भारत कोविड -19 के बाद के जीवन और आजीविका के बीच अंतर नहीं कर रहा है। - न्यूयॉर्क: ट्विटर ने मंगलवार को कहा कि वह सितंबर से पहले अपने ऑफिस नहीं खोलने जा रहा है. इसी के साथ ट्विटर ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि कोरोनावायरस के खत्म होने के बाद भी उसके ज्यादातर कर्मचारी हमेशा के लिए 'वर्क फ्रॉम होम' यानी कि घर से ही काम करेंगे. अमेरिका के सैनफ्रांसिस्को स्थित कंपनी ने कहा कि महामारी को देखते हुए मार्च के महीने से ही घर से काम की व्यवस्था देने वाली वह पहली कंपनियों में शामिल थी. इसी के साथ कंपनी ने यह भी कहा कि उसकी यह पॉलिसी आगे भी जारी रहेगी.
ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा, "हम तुरंत हरकत में आए और कर्मचारियों को घर से काम करने की मंजूरी दे दी. हमने हमेशा से विकेंद्रीकरण पर जोर दिया है. साथ ही कहीं से भी काम करने में सक्षम कार्यबल को सहयोग दिया है." ट्विटर ने कहा, "पिछले महीनों में साबित हो गया है कि हम ऐसा कर सकते हैं. तो अगर हमारे कर्मचारी ऐसी स्थिति में हैं कि वे घर से काम कर सकते हैं और वे हमेशा के लिए ऐसा करना चाहते हैं तो हम ऐसा होने देंगे." ट्विटर ने कहा कि अगर परिस्थितियों ने इजाजत दी तो वह अपने किसी भी ऑफिस को बेहद सावधानी और सतर्कता से धीरे-धीरे एक-एक करके खोलेगा.
ट्विटर के प्रवक्ता के मुताबिक, "दफ्तरों को कब खोलना है यह हमारा अपना फैसला होगा. अगर हमारे कर्मचारी वापस आएंगे तो हम वहां होंगे. कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो दफ्तर सितंबर से पहले तो बिल्कुल नहीं खुलेंगे. जब हम ऑफिस खोलने का फैसला करेंगे तब वह पहले जैसा नहीं होगा." आपको बता दें कि गूगल और फेसबुक पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि इस साल के अंत तक उसके ज्यादातर कर्मचारी घर से ही काम करेंगे. - मीडिया रिपोर्ट
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का मीडिया के साथ विवाद बहुत पुराना है। वह कई बार सवालों को लेकर पत्रकारों से उलझ चुके हैं। अब ऐसा ही मामला एक बार फिर देखने को मिला। कोरोना वायरस पर प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भी ट्रम्प एक महिला पत्रकार से उलझ पड़े। इतना ही नहीं वह प्रेस ब्रीफिंग भी बीच में ही छोड़कर चले गए।
दरअसल वाइट हाउस में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सीबीएस न्यूज रिपोर्टर वेइजिया जियांग ने सवाल किया कि अमेरिका में रोज हजारों लोग क्यों मर रहे हैं। ट्रंप ने गुस्से में कहा कि मुझे मत पूछें, चीन से सवाल पूछें। इसके बाद ट्रंप ने सीएनएन के लिए वाइट हाउस के संवाददाता केटलन कॉलिन्स को अगला सवाल पूछने को कहा लेकिन जियांग ने दूसरा सवाल किया कि सर आप मुझसे विशेष रूप से ऐसा क्यों कह रहे हैं? तो ट्रंप ने कहा कि मैं ऐसा हर किसी से कहुंगा जो इस तरह के बकवास सवाल पूछेगा।
महिला पत्रकार बार बार सवाल करने की कोशिश करती रही। इस बात से ट्रंप इस कदर नाराज हो गए कि वह लोगों को धन्यवाद देकर प्रेस कांफ्रेंस को अधूरा छोड़कर चले गए। वहां से चले गए। इस पूरे वाक्य का एक वीडियो भी सामने आया है, जो काफी वायरल हो रहा है। - अफगानिस्तान की राजधानी काबुल आज बम धमाकों से दहल गई. समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, पुलिस ने बताया कि काबुल में एक के बाद एक चार बम धमाके हुए हैं. इन बम धमाकों में कितना नुकसान हुआ, इस बात की जानकारी अभी नहीं मिल सकी है.
- न्यूयॉर्क। पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से जूझ रही है। अभी तक इस वायरस से बचाव के लिए कोई निश्चित दवा नहीं बनी है। बावजूद इसके दुनिया के कई देशों में अचानक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) दवाई की मांग बढ़ी। लेकिन आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन भी कोविड19 के इलाज के लिए सफल दवा साबित नहीं हो पाई है। इस दवा की क्षमता को लेकर टेस्ट किया गया था। ये दवा एक और टेस्ट में असफल साबित हुई है।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसन (NEJM) में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाई कोविड-19 के मरीजों को ठीक करने संबंधित एक और अब तक सबसे बड़े टेस्ट में असफल साबित हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कोविड-19 की शुरुआत से ही इस दवाई को लेकर उत्साहित थे और इसे कोरोना के इलाज में एक 'गेम चेंजर' बता रहे थे। इस अध्ययन में कहा गया है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से न तो बीमार लोगों को हो रही सांस लेने की दिक्कत पर कोई असर पड़ा और न ही उनकी मौत का खतरा कम हुआ है।
जिन लोगों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दी गई थी उनमें से 32.3 फीसदी मरीजों को या तो वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी या फिर उनकी मौत हो गई। जबकि जिन लोगों को ये दवा नहीं दी गई उनमें ये संख्या 14.9 फीसदी है।