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पड़ोसी देश पाकिस्तान में सोमवार तड़के एक भीषण रेल हादसा हो गया। सिंध प्रांत के डहारकी में दो ट्रेनों के बीच टक्कर हो गई, जिससे 30 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं।
पाकिस्तान : पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटाकी जिले के डहारकी में सोमवार तड़के करीब 3:45 बजे मिल्लत एक्सप्रेस और सर सैय्यद एक्सप्रेस की आपस में टक्कर हो गई। इससे मिल्लत एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतर गए। मिली सूचना के मुताबिक, अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 50 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। घायलों में से कई की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। घोटाकी जिले के डिप्टी कमिश्नर ने मौतों की पुष्टि की है।
मिल्लत एक्सप्रेस की कई बोगियां अनियंत्रित होकर दूसरी ट्रैक पर जा गिरीं और सामने से आ रही सर सैयद एक्सप्रेस उससे टकरा गई। इस कारण मिल्लत एक्सप्रेस की 8 और सर सैयद एक्सप्रेस की इंजन समेत चार बोगियों ट्रैक से उतर गईं। मिल्लत एक्सप्रेस कराची से सरगोधा और सर सैयद एक्सप्रेस रावलपिंडी से कराची जा रही थी।
छह से आठ बोगियां को हुआ भारी नुकसानपाकिस्तानी अधिकारियों ने आशंका जताई है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। घोटाकी जिले के डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि हादसे में 13 से 14 बोगियां पलट गई हैं। इनमें से 6 से 8 को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि कई लोग अभी भी बोगियों में फंसे हुए हैं और उन्हें निकालने में काफी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। डेप्युटी कमिश्नर ने कहा कि राहत ट्रेन को रवाना कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि घायलों को ट्रैक्टर ट्रॉली के जरिये ले जाया जा रहा है। घोटाकी, धारकी, ओबरो और मीरपुर मथेलो के अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित करके सभी डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को ड्यूटी पर बुलाया गया है।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रेस्क्यू टीम पहुंच चुकी है, जिसके बाद राहत बचाव कार्य शुरू हो गया है। हालांकि, अभी तक हेवी कटर्स और मशीनरी यहां नहीं पहुंची है। ट्रेन हादसे की वजह से कई ट्रेनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई है।
अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि राहत और बचाव काम कब तक चलेगा। कमिश्नर ने कहा कि यह बहुत चुनौतीपूर्ण काम है। बोगियों में फंसे लोगों को निकालने के लिए बड़ी मशीनों को घटनास्थल पर लाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सभी डॉक्टरों को काम पर बुला लिया गया है। यात्रियों को राहत देने के लिए मेडिकल कैंप बनाया जा रहा है।
- एजेंसीअमेरिका : अमेरिका में एक बार फिर से गोलबारी की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। कैलिफोर्निया के सैन जोस रेल यार्ड में बुधवार को गोलीबारी की घटना में आठ लोगों की मौत हो गई। कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। यह घटना सैन जोस शहर के उत्तर में वैली ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी यार्ड में बुधवार सुबह हुई। हालांकि इस घटना को अंजाम देने वाला शूटर भी पुलिस ने मार गिराया है।
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, घटना अमेरिकी समय के अनुसार सुबह करीब 6.15 बजे हुई। जब रेल यार्ड में कुछ लोग काम कर रहे थे। अचानक एक व्यक्ति ने फायरिंग शुरू कर दी। लोग जान बचाने के लिए भागे। लेकिन, कुछ फायरिंग की चपेट में आ गए। कुल लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, कई घायलों ने बाद में दम तोड़ दिया। घटना के बाद यहां लोकल ट्रेन सर्विस सस्पेंड कर दी गई।
सांता क्लारा काउंटी शैरिफ के डिप्टी रशेल डेविस ने कहा, घटना में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा कई लोग घायल बताए गए हैं। हमलावर मौके से भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे मार गिराया गया। मारे गए ज्यादातर लोग ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के कर्मचारी हैं। ये सुबह के वक्त ड्यूटी खत्म करके घर जाने की तैयारी कर रहे थे। घटना के वक्त नया स्टाफ भी ड्यूटी पर पहुंचा था।
पुलिस ने बताया कि, यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि क्या शूटर वहीं का एक कर्मचारी था। पुलिस ने अभी यह नहीं बताया है कि शूटर कैसे मारा गया और किस तरह के हथियार का इस्तेमाल किया गया। सैन जोस सिलिकॉन वैली का एक टेक हब है जहां करीब दस लाख लोग रहते हैं। - मिडिया रिपोर्टजिनेवा : भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) से हाहाकार मचा हुआ है और संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. अब भारत में पहली बार पहचाना गया कोविड-19 का नया वैरिएंट दुनियाभर के अन्य देशों में भी पैर पसारने लगा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को कहा कि भारत में कोरोना के जिस वैरिएंट के कारण स्थिति बिगड़ी है, वह अब तक दर्जनों देशों में पाया जा चुका है.
44 देशों में मिला कोरोना के भारतीय वैरिएंटविश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि कोरोना का B.1.617 वैरिएंट पिछले साल अक्टूबर महीने में भारत में पाया गया था, जो अब WHO के सभी 6 क्षेत्रों के 44 देशों में पाया गया है. भारतीय वैरिएंट अब तक 4500 से ज्यादा सैंपल्स में मिल चुका है.
भारत के बाहर ब्रिटेन में सामने आए सबसे ज्यादा मामलेकोरोना वायरस का इंडियन वैरिएंट (Indian Variant) भारत के बाहर सबसे ज्यादा ब्रिटेन में सामने आया है. बता दें कि इस सप्ताह के शुरुआत में डब्ल्यूएचओ ने B.1.617 की घोषणा की- जो कि अपने म्यूटेशन और विशेषताओं के कारण "चिंता का एक प्रकार" के रूप में गिना जाता है. इसलिए इसे पहली बार ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में कोविड -19 के तीन अन्य वैरिएंट वाली सूची में जोड़ा गया था.
ज्यादा संक्रामक है कोरोना का भारतीय वैरिएंटभारत के इस नए वैरिएंट को वैज्ञानिक तौर पर B.1.617 नाम दिया गया है, जिसमें दो तरह के म्यूटेशंस (E484Q और L452R) हैं. यह वायरस का वह रूप है, जिसके जीनोम में दो बार बदलाव हो चुका है. भारत में फैल रहा डबल म्यूटेंट वायरस E484Q और L452R के मिलने से बना है. बता दें कि L452R स्ट्रेन अमेरिका के कैलिफोर्निया में पाया जाता है, जबकि E484Q स्ट्रेन भारत में पाया जाता है. यह वैरिएंट ज्यादा संक्रामक और तेजी से फैलता है.
भारत में 24 घंटे में 348421 नए केस आए सामनेकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटे में भारत में 3 लाख 48 हजार 421 लोग कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित हुए है, जबकि इस दौरान 4205 लोगों की जान गई. इसके बाद भारत में कोरोना वायरस के संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 33 लाख 40 हजार 938 हो गई है, जबकि 2 लाख 54 हजार 197 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. आंकड़ों के अनुसार, देशभर में पिछले 24 घंटे में 3 लाख 55 हजार 338 लोग ठीक हुए, जिसके बाद कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 1 करोड़ 93 लाख 82 हजार 642 हो गई है. इसके साथ ही देशभर में एक्टिव मामलों (Coronavirus Active Cases in India) में भी गिरावट आई है और देशभर में 37 लाख 4 हजार 99 लोगों का इलाज चल रहा था. - एजेंसीजिनेवा: WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने शुक्रवार को वैश्विक टीकाकरण अभियान को बढ़ावा देने के लिए चीन की पहली वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. यह फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है जब भारत में कोविड-19 का संक्रमण पूरी रफ्तार के साथ फैल रहा है. जिनेवा में WHO ने सिनोफार्मा की वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति दी है. यह पहली ऐसी वैक्सीन है जिसका उत्पादन गैर पश्चिमी देश कर रहा है, बता दें कि कोरोना के खिलाफ सिनोफार्मा की वैक्सीन खासी प्रभावी मानी गई है. डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेबियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने पूरे विश्व में एक बार फिर से बढ़ते कोरोना के मामलों और मौतों पर चिंता जताते हुए कहा कि हम भारत और ब्राजील मेंगंभीर परिस्थितियां देख रहे हैं.बताते चलें कि WHO ने इससे पहले फाइजर बायोटेक, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और एस्ट्राजेनका जैसी कंपनियों की वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति दे चुका है. जिसका उपयोग भारत और साउथ कोरिया के कई इलाकों में हो रहा है. लिस्ट में चीन की सिनोफार्मा की वैक्सीन का नाम जुड़ जाने से वैक्सीनेशन अभियान को गति मिल सकेगी.
भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामलेकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में 4,01,078 कोरोना संक्रमण के नए केस सामने आए हैं जबकि 4,187 लोगों की मौत हुई है. इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2 करोड़ 18 लाख 92 हजार 676 हो गई है और वहीं मृतकों की कुल संख्या 2 लाख 38 हजार 270 हो गई है. वहीं कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या में पिछले 24 घंटों में 78 हजार 282 नए मरीजों का इजाफा हुआ है, जिसके बाद एक्टिव मरीजों की संख्या 37 लाख 23 हजार 446 हो गई है. यह आंकड़े शुक्रवार सुबह 8 बजे से शनिवार सुबह 8 बजे तक के हैं. - एजेंसीबोइसे (इडाहो): अमेरिकी राज्य इडाहो की विधायिका ने उस विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसमें राज्य में भेड़ियों की 90 प्रतिशत आबादी को मारने के लिए निजी ठेका देने का प्रावधान किया गया है. क्योंकि ये भेड़िये पालतू जानवरों के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं.
राज्य में भेड़ियों की संख्या 1500कृषि उद्योग के समर्थन वाले इस विधेयक को विधायकों ने 11 के मुकाबले 58 मतों से मंजूरी दी और इसे मंगलवार को हस्ताक्षर के लिए रिपब्लिकन गर्वनर ब्राड लिटिल को भेजा गया. मवेशियों, भेड़ों और अन्य जंगली जानवरों पर हमले के मद्देनजर राज्य विधायिका ने कानून में बदलाव कर भेड़ियों की आबादी 1,500 से घटाकर 150 करने का फैसला किया है.
पर्यावरण समूहों ने जताई नाराजगीवहीं पर्यावरण समूहों ने विधेयक पर नाराजगी जाहिर करते हुए गवर्नर से इसे अस्वीकार करने की मांग की है. वेस्टर्न वॉटरशेट प्रोजेक्ट एवं अन्य समूहों ने कहा, 'भेड़ियों को मारने के लिए लाए गए विधेयक से लाखों डॉलर बर्बाद होंगे और इससे अंतत: यह प्रजाति खतरे वाली प्रजातियों में शामिल हो जाएगी.' - मिडिया रिपोर्टमेलबर्न : भारत में कोविड-19 संक्रमण का प्रकोप देखते हुए ऑस्ट्रेलिया (Australia) ने मंगलवार को भारत से आवाजाही पर रोक लगा दी है। देश के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की ओर से महामारी के मामलों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसके तहत आगामी 15 मई तक भारत से कोई उड़ान ऑस्ट्रेलिया नहीं जाएगी। इससे पहले थाइलैंड, सिंगापुर, बांग्लादेश और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों ने भी भारत से होने वाली यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया। भारत से ऑस्ट्रेलिया वापसी के लिए करीब 9 हजार ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों ने विदेश मंत्रालय में रजिस्टर कराया था।
तीन सप्ताह तक लगाए गए इस पाबंदी को लेकर प्रधानमंत्री मॉरिसन ने कहा कि 15 मई से पहले एक बार हालात की समीक्षा की जाएगी उसके बाद ही उड़ानों को बहाल किया जाएगा। यह फैसला कैबिनेट के नेशनल सिक्योरिटी कमिटी की बैठक में लिया गया। इस बैठक में भारत को मेडिकल उपकरणों समेत अने सहायता दिए जाने पर विचार किया गया।
उड़ानों को रद किए जाने से सिडनी जाने वाली सीधी उड़ानों पर असर होगा और डार्विन वापिस जाने वाली दो उड़ानें भी प्रभावित होंगी। भारत अभी कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के चपेट में है और देश के विभिन्न राज्यों के अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन समेत मेडिकल उपकरणों व दवाइयों तक की किल्लत है।
मंगलवार को लगातार छठे दिन भारत में संक्रमण के नए मामलों का आंकड़ा 3 लाख से अधिक दर्ज किए गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के प्रमुख अधनम घेब्रेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा, 'दुनिया के दूसरे बहुसंख्यक देश भारत में महामारी के कारण हालात हृदय विदारक है।' - ताइपे : ताइवान में एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है। इसमें दर्जनों लोगों की मृत्यु हो गई है। पहले सूचना चार लोगों की मृत्यु की थी, लेकिन अब देश के परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं।परिवहन मंत्रालय ने कहा कि पूर्वी ताइवान में शुक्रवार को एक ट्रेन के पटरी से उतर जाने से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई, जबकि 72 घायल हो गए। इससे पहले अग्निशमन विभाग ने जानकारी देते हुए मौत व घायलों का आंकड़ा कम बताया था।
अग्निशमन विभाग ने एक बयान में कहा था, ताइतुंग जा रही ट्रेन हुइलियन के उत्तर में एक सुरंग में पटरी से उतर गई, जिससे वह दीवार से टकरा गईं। विभाग ने उस दौरान मरने वालों का आंकड़ा चार बताया था, वहीं, कहा था कि कुछ गंभीर रूप से घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हालांकि, मौत व घायलों का आंकड़ा एक दम से काफी बढ़ गया है। बता दें कि ट्रेन हादसे के बाद सभी घायलों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया गया। जिन्हें हल्की चोट आइ थी, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराए जाने की कवायद चल रही थी। अब जहां खबर आ रही है कि हताहत होने वालों की संख्या बढ़ गई है।
अग्निशमन विभाग ने बताया था कि ट्रेन में करीब 350 लोग सवार थे और फिलहाल बचाव के प्रयास जारी हैं। - कोरोना महामारी की वजह से काफी समय से विदेशी टूरिस्ट भारत की यात्रा पर नहीं आ रहे हैं. इस वजह से टूरिस्ट सेक्टर ही नहीं एविएशन सेक्टर को भी काफी नुकसान हो रहा है. वहीं अब दुनिया भर के अधिकांश देशों में वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाया जा रहा है बावजूद इसके सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2023 से पहले विदेशी टूरिस्टों का भारत आगम सुचारू रूप से नहीं हो पाएगा.
दुनिया के सभी देशों में अब कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है लेकिन अब भी लोगों में विदेशी यात्रा करने को लेकर डर है. विदेशी टूरिस्ट भारत की यात्रा करने से भी कतरा रहे हैं. ज्यादातर टूरिस्ट क्वारंटाइन नियमों का पालन करने को लेकर असमंजक की स्थिति में इसलिए वे विदेशी यात्रा करना ही नहीं चाह रहे हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि साल 2023 से पहले भारत में विदेशी पर्यटकों का आगमन सुचारू रूप से नहीं हो पाएगा. सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन (CAPA) ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) के मार्च के सर्वेक्षण में पाया गया कि 80% विजिटर्स क्वारंटाइन नियमों की वजह से यात्रा नहीं करना चाहते हैं.
धीरे-धीरे ही विदेशी पर्यटक करना शुरू करेंगे भारत की यात्रा
सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन (सीएपीए) की प्रारंभिक भविष्यवाणी बताती है कि 2030 तक विदेशी टूरिस्टों का आना कुल बढ़कर 18 मिलियन तक ही हो पाएगा. इसमें ये भी कहा गया है कि भारत विदेशी पर्यटकों के आगमन के लिए लंबी-लंबी उड़ानों पर निर्भर है. सीएपीए ने कहा कि इस तरह की लंबी उड़ानों के छोटी और मध्यम दूरी की उड़ानों की तुलना में धीरे-धीरे लाइन पर आने की उम्मीद है. यह अनुमान भी लगाया गया है कि 72.0% लोग महामारी के खत्म होते ही अपने मित्रों और रिश्तेदारों के लिए हवाई यात्रा करेंगे.
यूके, कनाडा और मलेशिया से सबसे ज्यादा टूरिस्ट भारत आते हैं
सीएपीए ने ये भी कहा कि कोविड -19 यूके, यूएस, कनाडा, चीन, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया में चरम पर है और इन्ही देशों से टूरिस्ट भारत में सबसे ज्यादा आते हैं यानी ये देश भारत के लिए विदेशी पर्यटकों के प्रमुख स्रोत हैं. इसमें ये भी कहा गया कि कोविड -19 टीकाकरण यूके (34.3%) और यूएस (19.7%) को छोड़कर दुनिया भर में शुरुआती चरणों में हैं. यह कहा गया है कि 2021 के अंत तक अन्य देशों में व्यापक टीकाकरण की उम्मीद की जाती है, जहां से बड़ी संख्या में पर्यटक भारत आते हैं.
अर्थव्यवस्थी के पटरी पर आने तक 56%यात्री नहीं करेंगे हवाई सफर
वहीं IATA के सर्वे में पाया गया कि जब तक अर्थव्यवस्था स्थिर नहीं हो जाती तब तक 56% संभावित यात्री अपनी हवाई यात्रा स्थगित कर देंगे, उनमें से 66% को लगता है कि जिन यात्रियों को वैक्सीन लग चुकी है उनके लिए क्वारंटाइन नियमों का पालन करना जरूरी नहीं है. वहीं 81% लोग वैक्सीनेशन के बाद हवाई यात्रा करने के लिए तैयार थे सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 84% संभावित टूरिस्ट क्वारंटाइन किए जाने पर यात्रा नहीं करेंगे. -
चीन में धूल भरी आंधी चलने ले अचानक पीला पड़ गया चीन का बीजिंग शहर, इस आंधी में मंगोलिया के 341 लोग गायब हो गए , जानिए कारण
चीन की राजधानी बीजिंग में सोमवार की सुबह काफी डरावनी थी, जब पूरा शहर पीला हो गया और घनी भूरी धूल भरी आंधी चली जिसके परिणामस्वरूप भीतरी मंगोलिया और उत्तर-पश्चिमी चीन के अन्य हिस्सों में काफी तेज हवाएं चल रही हैं. जानकारी के मुताबिक आज बीजिंग में साल का सबसे खराब सैंडस्टॉर्म देखने को मिला है. चीन की मौसम विज्ञान एजेंसी ने इसे एक दशक में सबसे बड़ा सैंडस्टॉर्म कहा है. इस तूफान की वजह से यहां स्थिति काफी भयावह दिख रही है.
चीन मौसम विज्ञान प्रशासन ने सोमवार सुबह एक पीले अलर्ट की घोषणा करते हुए कहा कि सैंडस्टॉर्म इनर मंगोलिया से गांसु, शांक्सी और हेबै के प्रांतों में फैल गए है, जिसने बीजिंग को घेर लिया है. चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, पड़ोसी मंगोलिया भी भारी रेत की चपेट में आ गया, जिसमें कम से कम 341 लोग लापता हैं. इनर मंगोलिया की राजधानी होहोट से उड़ानें भरी गई हैं.
बताया जा रहा है कि तेज हवाओं की वजह से गोबी के रेगिस्तान से यह आंधी उठी और चीन के ज्यादातर हिस्सों को धूल से भर दिया. पेइचिंग में 400 उड़ानों को रद किया गया है. इससे पहले रविवार को चीन के पड़ोसी देश मंगोलिया में भीषण आंधी आई थी.
बता दें कि गोबी मरुस्थल काफी विशाल और बंजर है जो पश्चिमोत्तर चीन से लेकर दक्षिणी मंगोलिया तक पसरा हुआ है. चीन के मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है और बताया है कि यह धूलभरी आंधी इनर मंगोलिया से लेकर चीन के गांसू, शांक्सी और हेबेई तक फैले हैं जो पेइचिंग के चारों ओर स्थित है..यहां इंडेक्स सोमवार सुबह अधिकतम स्तर यानि 500 तक पहुंच गया है। पीएम10 का स्तर कई जिलों में बहुत खतरनाक तरीके से बढ़ गया है. - स्विट्ज़रलैंड में रविवार को सार्वजनिक जगहों पर पूरा चेहरा ढंकने के खिलाफ वोटिंग हुई है, जिसमें बैन के समर्थन में ज्यादा वोट पड़े हैं. बैन को समर्थकों ने कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ बड़ा कदम बताया है.
जेनेवा : स्विट्ज़रलैंड में रविवार को सार्वजनिक जगहों पर पूरा चेहरा ढंकने के खिलाफ वोटिंग हुई है, जिसमें बैन के समर्थन में बहुत कम अंतर से ज्यादा वोट पड़े हैं. बैन को समर्थकों ने कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ बड़ा कदम बताया है. वहीं, इसका विरोध करने वालों ने इसे नस्लभेदी और सेक्सिस्ट बताया है. वोटिंग के आधिकारिक नतीजों ने दिखाया है कि 51.21 फीसदी वोटरों और संघीय स्विट्ज़रलैंड के अधिकतर कैंटन राज्यों ने बैन के प्रस्ताव का समर्थन किया है. लगभग 1,426,992 वोटर बैन के समर्थन में थे वहीं, 1,359,621 यानी 50.8 फीसदी इसके खिलाफ थे.
कथित एंटी-बुर्का बैन पर स्विट्ज़रलैंड में वोटिंग तब हो रही है, जब कई यूरोपीय देशों और मुस्लिम बहुलता वाले देशों में बुर्का बैन हो चुका है, हालांकि, स्विट्ज़रलैंड में बुर्का बहुत आम बात नहीं है, फिर भी यहां यह वोटिंग हुई है.
हालांकि, 'पूरा चेहरा ढंकने के खिलाफ बैन पर समर्थन' मांगने वाले इस प्रस्ताव में बुर्का और नकाब का खासतौर पर जिक्र नहीं किया है, लेकिन फिर भी जिस तरह इसकी कैंपेनिंग की गई है, उससे इस बात पर शक की कोई गुंजाइश नहीं रह गई है कि यह डिबेट किस बात पर थी. कई स्विस शहरों में ऐसे पोस्टर दिखाई दिए, जिसमें 'कट्टरपंथी इस्लाम को रोको' और 'उग्रवाद को रोको' जैसे नारों और बुर्का पहने एक महिला का कार्टून बना था. वहीं. विरोधियों ने 'बेतुका, बेकार और इस्लामोफोबिक 'एंटी-बुर्का कानून' को हमारी ना है', जैसे नारों के साथ इसका विरोध किया.
इस बैन का मतलब है कि अब कोई भी सार्वजनिक जगहों पर अपना पूरा चेहरा नहीं ढंक पाएगा, चाहे वो कोई दुकान हो या कोई खुली जगह. हालांकि, कुछ अपवाद रखे गए हैं, जिसके तहत लोग धार्मिक स्थलों, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिहाज से अपना चेहरा ढंका रख सकते हैं. यह वोटिंग ऐसे वक्त पर हो रही है, जब कोरोनावायरस के चलते दुकानों और सार्वजनिक परिवहनों में फेस मास्क को अनिवार्य बनाया गया है. -
एजेंसी
यंगून : म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर की गई पुलिस फायरिंग में अबतक 18 लोगों की मौत हो चुकी हुई है। बावजूद इसके प्रदर्शनकारी देश के सबसे बड़े शहर की सड़कों पर डटे हुए हैं।दूसरी तरफ म्यांमार की एक अदालत ने अपदस्थ नेता आंग सान सू की के खिलाफ सोमवार को एक और आरोप लगाया है। सू की पर अशांति फैलाने के लिए दंड संहिता की धारा 505 (बी) के तहत आरोप लगा है।
नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की नेता आंग सान सू की को 1 फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है। सू की और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं को हिरासत में लिया गया है।पहले उन पर छह वॉकी-टॉकी रेडियो के अवैध रूप से आयात करने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद उनपर कोरोना वायरस प्रोटोकॉल को भंग कर प्राकृतिक आपदा कानून का उल्लंघन करने का आरोप जोड़ा गया।
बता दें कि तख्तापलट और देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की को गिरफ्तार किए जाने के बाद से म्यांमार में प्रदर्शनों का दौर जारी है। नवंबर में हुए चुनाव में सू की पार्टी ने जोरदार जीत दर्ज की थी, लेकिन सेना ने धांधली की बात कहते हुए परिणामों को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया था।
सैन्य तख्तापलट के बाद सुरक्षा बलों ने बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए स्टन ग्रेनेड, आसूं गैस के गोले और यहां तक की गोलियां भी चला रही है। प्रदर्शनकारी देश की नेता आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपने की मांग कर रहे हैं।
वहीं संयुक्त राष्ट्र में सेना के खिलाफ आवाज उठाने वाली म्यांमार की राजदूत क्याव मो तुन को बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने विश्व समुदाय से सैन्य शासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था को तत्काल बहाल करने की गुहार लगाई थी। - वाशिंगटन : चीन में में अल्पसंख्यकों के साथ किस तरह बर्ताव होता है, इससे हर कोई वाकिफ है। इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उसे मानवाधिकार हनन को लेकर चेताया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि मानवाधिकारों के हनन को लेकर चीन को भारी कीमत चुकानी होगी।
अमेरिका इसके खिलाफ खड़ा होगा और इससे शी चिनफिंग वाकिफ हैं। बाइडन ने यह बात सीएनएन टाउन हॉल में कही। बाइडन ने आगे बताया कि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को अपने फोन कॉल के दौरान मानवाधिकारों के हनन के बारे में अमेरिका के रुख के बारे में बताया।
बाइडन ने इस दौरान कहा, 'मैं यह स्पष्ट कर रहा हूं कि हम संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियों के माध्यम से मानवाधिकारों के पक्ष में आवाज उठाने की अपनी भूमिका को निभाएंगे, जो उनके दृष्टिकोण पर प्रभाव डालते हैं।'बाइडन ने चिनफिंग के साथ फोन पर बातचीत के दौरान उइगरों के साथ अत्याचार का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि चीन विश्वगुरु बनने के लिए कोशिश कर रहा है।
इसको पाने के लिए और ऐसा करने में सक्षम होने के लिए उन्हें अन्य देशों का विश्वास हासिल करना होगा। जब तक वे मानवाधिकारों के विपरीत गतिविधियों में शामिल होंगे, ऐसा करना उनके लिए कठिन होगा।
'अगले क्रिसमस' तक देश में हालात सामान्य हो सकते हैं
इस दौरान राष्ट्रपति बाइडन ने अपने प्रशासन की वैक्सीन योजनाओं और वितरण के समय के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने इस दौरान बताया कि कोविड -19 टीके जुलाई के अंत तक व्यापक रूप से आम जनता के लिए उपलब्ध होंगे।
उन्होंने इस दौरान यह आश्वासन दिया कि 'अगले क्रिसमस' तक देश में हालात वापस सामान्य हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जुलाई के अंत तक हमारे पास कोरोना टीका के 600 मिलियन से अधिक खुराक होंगे। यह हर एक अमेरिकी को टीका लगाने के लिए पर्याप्त होगा। गौरतलब है कि अमेरिका पर कोरोना महामारी की सबसे ज्यादा मार पड़ी है।
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यंगून म्यांमार : म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बीच आज हिंसा की एक घटना सामने आई है। यहां एक हमले में 12 लोगों की मौत हो गई है जिसमें 9 नागरिक और तीन पुलिसकर्मी शामिल है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, म्यांमार के स्व-प्रशासित क्षेत्र के पूर्व प्रमुख निकाय सदस्य के काफिले पर एक सशस्त्र हमले में शनिवार को नौ नागरिकों और तीन पुलिसकर्मियों समेत कुल 12 लोगों मौत हो गई।
कमांडर-इन-चीफ ऑफ डिफेंस सर्विस ऑफिस द्वारा जारी एक बयान में भी इस बात की पुष्टि की गई है। उनके मुताबिक, म्यांमार के स्व-प्रशासित क्षेत्र के पूर्व प्रमुख निकाय सदस्य के काफिले पर एक सशस्त्र हमले में कम से कम नौ नागरिक और तीन पुलिसकर्मी मारे गए।
एक बयान के मुताबिक, म्यांमार के कोकांग स्व-प्रशासित क्षेत्र के एक पूर्व केंद्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य यू खिन माउंग लविन के नेतृत्व में काफिले पर म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी (MNDAA) के 20 सदस्यों के एक समूह ने राजधानी लश्किओ से लउकाई के रास्ते पर हमला किया।
बयान में यह भी बताया गया कि इस हमले में नौ नागरिकों और तीन पुलिस कर्मियों की मौत हो गई और आठ नागरिक और पांच पुलिस कर्मी घायल हो गए। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने सूचना दी कि इस बीच सेना ने हाल ही में सशस्त्र समूहों के खिलाफ अपने अभियान की निलंबन अवधि 28 फरवरी तक बढ़ा दी है।
म्यांमार 1 फरवरी से ही अशांति में है जब सेना ने आंग सान सू की की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के खिलाफ तख्तापलट किया।
म्यांमार में सविनय अवज्ञा आंदोलन
सैन्य तख्तापलट के शिकार हुए म्यांमार में गांधीवादी सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हो गया है। शुक्रवार को शिक्षकों और छात्रों ने बड़ी रैली कर अपदस्थ नेता आंग सान सूकी के प्रति समर्थन का इजहार किया। विरोध की आवाज को दबाने की नीयत से सैन्य शासन ने सूकी के सहयोगियों समेत दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया है। - म्यांमार में सेना के तख्तापलट के खिलाफ देश की जनता सड़कों पर उतर आई है। जगह-जगह सेना के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है।इन विरोध प्रदर्शनों में जनता के साथ अब मेडिकल स्टाफ भी शामिल हो गया है। 30 शहरों में 70 अस्पतालों में काम करने वाले चिकित्सा विभागों के कर्मचारियों ने बुधवार को तख्तापलट के विरोध में अपना काम करना बंद कर दिया है।
तख्तापलट का विरोध कर रहे समूह ने अपने एक बयान में कहा है कि सेना ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान कठिनाइयों का सामना कर रही एक कमजोर आबादी के ऊपर अपने हितों को थोपा है।
कोरोना वायरस से म्यांमार में अबतक 3,100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। समूह ने बयान में कहा, 'हम नाजायज सैन्य शासन के किसी भी आदेश को मानने से इंकार करते हैं। इससे पता चलता है कि सेना का हमारे गरीब मरीजों के प्रति कोई सम्मान नहीं है।'
यांगून के 29 वर्षीय एक डॉक्टर ने रॉयटर्स को बताया, 'मैं चाहता हूं कि सैनिक अपने स्थानों पर वापस जाएं, इसलिए हम डॉक्टर अस्पतालों में नहीं जा रहे हैं। मेरे पास समय सीमा नहीं है कि मैं कब तक इस हड़ताल को जारी रखूंगा। यह स्थिति पर निर्भर करता है। छात्र और युवा समूह भी इस अभियान में शामिल हो गए हैं।
बता दें कि सेना ने सोमवार को सत्ता पर कब्जा कर लिया था। देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन म्यिंट सहित कई शीर्ष नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। साथ ही सत्ता पर पकड़ मजबूत करने के लिए देश में एक साल के लिए आपातकाल लगा दिया गया है। गत वर्ष नवंबर में म्यांमार में हुए आम चुनाव में आंग सान की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) ने भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की थी। सेना ने धांधली के आरोप लगाकर नतीजों को मानने से इन्कार कर दिया था। -
अमेरिका : अमेरिकी के टेक्सास राज्य की राजधानी ऑस्टिन के एक चिकित्सा कार्यालय में कैंसर से पीड़ित भारतीय बाल रोग विशेषज्ञ (43) ने कुछ लोगों को बंधक बनाने के बाद एक महिला डॉक्टर की गोली मारकर हत्या करने के बाद खुद को भी गोली मार कर खुदकुशी कर ली।
पुलिस ने बताया कि हथियारबंद व्यक्ति की पहचान डॉ भरत नरुमांची के रूप में हुई है जो कैंसर से पीड़ित था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस को मंगलवार को कॉल के जरिए सूचना मिली कि एक व्यक्ति ‘चिल्ड्रेन्स मेडिकल ग्रुप' (CMG) के कार्यालय में हथियार लेकर घुस गया है और उसने कुछ लोगों को बंधक बना लिया है।पुलिस ने कहा कि शुरुआत में कई लोगों को बंधक बनाया गया था लेकिन बहुत से लोग चंगुल से निकलने में कामयाब हो गए और हमलावर ने कैथरीन डॉडसन नामक एक बाल रोग विशेषज्ञ को छोड़कर अन्य को जाने की अनुमति दी।
पुलिस ने कहा कि हमलावर के चंगुल से भाग निकलने में कामयाब रहे लोगों ने घटनास्थल पर अधिकारियों को बताया कि व्यक्ति के पास पिस्तौल है जो शॉटगन जैसी दिख रही थी।पुलिस को डॉ. नरुमांची और डॉ. डॉडसन के बीच किसी प्रकार के संबंध की जानकारी नहीं मिली है। पुलिस विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, “ऐसा लगता है कि डॉ. नरुमांची ने डॉ. डॉडसन की हत्या करने के बाद खुद को गोली मार ली।” घटना की जांच जारी है। - Earthquake in indonesia: इंडोनेशिया: इंडोनेशिया की धरती एक बार फिर से भूकंप(earthquake) के तेज झटकों से कांप गई है। इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप (sulawesi) में आये भूकंप के तेज झटकों की वजह से अभी तक कम से कम 35 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, और दर्जनों लोग गंभीर घायल बताए जा रहे हैं।बताया जा रहा है, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 मापी गई है। भूकंप का केन्द्र मजाने शहर से 6 किलोमीटर उत्तर-पूर्व था। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, भूकंप का केन्द्र धरती से 10 किलोमीटर नीचे बताया गया है। भूपंक के तेज झटके करीब 10 सेकेंड्स तक महसूस किये गए।
आपको बता दें, कि इससे पहले इंडोनेशिया में 2004 और 2018 में भी तेज भूकंप आया था। 2018 में आये भीषण भूकंप में करीब 4300 लोगों की मौत हो गई थी। 2018 में आये भूकंप को रिक्टल स्केल पर 7.5 मापा गया था।वहीं, 2004 में इंडोनेशिया ने भूकंप का सबसे बड़ा दर्द झेला था, जब 2004 में इंडोनेशिया की धरकी काफी देर तक भूकंप के तेज झटकों से कांपती रही थी। 2004 में आये भीषण भूकंप में करीब सवा दो लाख लोगों की मौत हो गई थी।वहीं, लाखों लोग गंभीर घायल भी हुए थे। उस भूकंप का खौफ आज तक लोग भूल नहीं पाएं हैं। 2004 में भूकंप की तीव्रता 9.1 मापी गई थी। वहीं, इस बार भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई है। - फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं. बयान में यह कहा गया है कि 42 वर्षीय मैक्रों सात दिनों के लिए खुद को अलग कर लेंगे और काम जारी रखेंगे.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं. वहां के प्रसिडेंशियल पैलेस, जिसे एलेसी के नाम से जाना जाता है, उसने एक बयान जारी कर गुरुवार को यह बताया. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो के बाद संक्रमित दुनिया के बड़े नेताओं में इमैनुअल मैक्रों का ताजा नाम आया है.
बयान में यह कहा गया है कि 42 वर्षीय मैक्रों सात दिनों के लिए खुद को अलग कर लेंगे और काम जारी रखेंगे. गौरतलब है कि फ्रांस में कोरोना संक्रमण के अब तक 24 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जबकि यहां पर 59 हजार से ज्यादा की मौत हो चुकी है.
1 करोड़ 73 लाख से ज्यादा कोरोना के मामलों के साथ अमेरिका दुनिया में सबसे ज्यादा संक्रमितों देशों की सूची में पहले स्थान पर है, और 3 लाख 14 हजार से ज्यादा लोगों की वहां पर मौत हो चुकी है. भारत में कोरोना संक्रमण के अब तक 99 लाख 51 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं जबकि 1 लाख 44 हजार से ज्यादा की जान जा चुकी है.
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वाशिंगटन : अमेरिका में कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच सोमवार को फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की खेप राज्यों को पहुंचाई जाएगी। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में वैक्सीन ऑपरेशन के हेड जनरल गुस्ताव पर्ना ने कहा है कि खुराक की शुरुआती खेप सोमवार की सुबह से राज्यों में पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सोमवार को 145 वितरण केंद्रों पर यह वैक्सीन मुहैया कराई जाएगी।
425 केंद्रों पर मंगलवार को और बुधवार को 66 केंद्रों तक पहुंचाई जाएगी। रविवार को फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की पहली शिपमेंट मिशिगन को हासिल हो जाएगी।
डॉ. लीना वेन ने कहा, हमारे लिए एक यादगर क्षण
अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन ने कोरोना वायरस वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए अधिकृत किया है। इसके तहत 16 साल के उम्र वाले किशोरों और बुजुर्गों के लिए यह प्राथमिकता के तौर पर मुहैया होगी।आपातकालीन चिकित्सक डॉ. लीना वेन ने कहा कि अमेरिका में हर रोज बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस से लोग संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन अब इससे निपटने के लिए हमारे पास वैक्सीन है। उन्होंने कहा कि हमने रिकॉर्ड समय में टीका विकसित किया है, जो समय के साथ वास्तव में हमें बचा सकता है। यह वैक्सीन दुनिया को इस भयानक महामारी से बचा सकता है। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए एक यादगर क्षण है।
मॉडर्ना द्वारा बनाई गई वैक्सीन की 10 करोड़ डोज खरीदेगी सरकार
इसके अलावा ट्रंप प्रशासन अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी मॉडर्ना द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन की 10 करोड़ अतिरिक्त डोज खरीदेगी। ट्रंप प्रशासन कंपनी से पहले ही अनुबंध कर चुका है। कंपनी द्वारा जारी किए गए आधिकारिक बयान के मुताबिक करोड़ डोज दिसंबर अंत तक सरकार को उपलब्ध करा दी जाएगी। शेष आठ करोड़ डोज अगले वर्ष की पहली तिमाही तक उपलब्ध होगी।अमेरिकी स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मंत्री एलेक्स अजार ने कहा कि जून 2021 तक मॉडर्ना से 10 करोड़ अतिरिक्त वैक्सीन मिलना ऑपरेशन 'वार्प स्पीड' को और मजबूत करता है। इस नए अनुबंध से प्रत्येक अमेरिकी हम यह विश्वास दिला सकेंगे कि उसके लिए हमारे पास वैक्सीन है। मॉडर्ना ने वैक्सीन के आपातकालीन मंजूरी के लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन में आवेदन कर रखा है। -
काबुल अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर रॉकेट से हमला किया गया है। शनिवार तड़के काबुल शहर के विभिन्न इलाकों में एक के बाद एक दस रॉकेट दागे गए हैं।
रॉकेट हमले में एक की मौत हो गई है जबकि दो लोग घायल हुए हैं। इन रॉकेट को लब-ए-जार क्षेत्र से दागा गया है। इसके पहले पुलिस ने कहा था कि ये रॉकेट काबुल के खैरखाना क्षेत्र की तरफ से दागे गए हैं।
अफगानिस्तान के प्रमुख टीवी न्यूज चैनल तोलो न्यूज के मुताबिक कम से कम 10 रॉकेट राजधानी के विभिन्न इलाकों पर दागे गए हैं। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक हमलों में एक व्यक्ति की मौत हुई है जबकि दो घायल हुए हैं।अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के मुताबिक ये रॉकेट लब-ए-जार क्षेत्र की तरफ से दागे गए हैं। राजधानी के जिन क्षेत्रों को इन हमलों में निशाना बनाया गया है उनके शहर के विभिन्न हिस्से जिसमें एयरपोर्ट, पीडी9 का हवाशिनासी क्षेत्र, जन अबाद और पीडी15 का ख्वाजा रवाश क्षेत्र शामिल है।अफगानिस्तान में हाल के महीनों में हिंसा में तेजी आई है। हाल के दिनों में राजधानी काबुल में भी हमले बढ़े हैं। इन हमलों में सरकारी प्रतिष्ठानों, विदेशी नागरिकों के साथ ही पत्रकारों को भी निशाना बनाया गया है। कुछ दिन पहले ही काबुल में एक महिला पत्रकार मलाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। - एजेंसीजो बिडेन ( Joe Biden ) अमरीका के ऐसे पहले राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं जिन्होंने 8 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है।
वॉशिंगटन : अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम ( US Presidential Election Result 2020 ) सामने आ चुके हैं और सियासी घमासान के बीच सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इन सबके बीच डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन ने एक इतिहास रच दिया है।
दरअसल, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन ( President-Elect Joe Biden ) अमरीका के इतिहास में सबसे अधिक वोटों से जीत दर्ज करने वाले उम्मीदवार बन गए हैं। जो बिडेन अमरीका के ऐसे पहले राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं जिन्होंने 8 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है। हालांकि अभी भी कई जगहों पर वोटों की गिनती जारी है।
इससे पहले कई राष्ट्रपति उम्मीदवारों ने 6 लाख का आंकड़ा पार करते हुए जीत दर्ज की है और राष्ट्रपति बने हैं। लेकिन जो बिडेन ऐसे पहले उम्मीदवार बन गए हैं, जिनके नाम 7 लाख और फिर अब आठ लाख से अधिक वोट हासिल करने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया है।
बिडेन को अब तक 8 करोड़ से अधिक वोट मिले
सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, जो बिडेन को मंगलवार शाम तक 8 करोड़ 11 हजार से अधिक वोट मिल चुके थे। जबकि प्रतिद्वंदी रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को 7 करोड़ 38 लाख वोट मिले थे।
अमरीका के इतिहास में देखें तो अब तक किसी भी राष्ट्रपति उम्मीदवार ने 7 करोड़ के आंकड़े को पार नहीं किया था। लेकिन राष्ट्रपति चुनाव 2020 में सभी रिकॉर्ड टूट गए। जहां जो बिडेन ने आठ करोड़ के आंकड़े को पार करते हुए सत्ता हासिल की है वहीं, डोनाल्ड ट्रंप भी 7 करोड़ के आंकड़े को पार करने वाले दूसरे राष्ट्रपति उम्मीदवार बन गए हैं।
अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए 3 नवंबर को हुए मतदान के बाद से अभी भी कई जगहों पर मतगणना का काम जारी है। हालांकि यह सिर्फ औपचारिकता भर है। क्योंकि अभी तक के परिणाम के मुताबिक, जो बिडेन को 306 इलेक्टोरल वोट मिले हैं, जबकि डोनाल्ड ट्रंप को 232 इलेक्टोरल वोट मिले हैं। अमरीका के 538 सदस्यों वाली सीनेट में बहुमत के लिए 270 इलेक्टोरल वोटों के समर्थन की जरूरत होती है।
2016 के चुनाव में भी यही थे नतीजे
आपको बता दें कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे भी यही थे। यानी कि इलेक्टोरल वोटों की संख्या तो यही थी, बस पार्टी बदल गई थी। 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को 306 इलेक्टोरल वोट मिले थे, जबकि प्रतिद्वंदी डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को 232 इलेक्टोरल मत मिले थे।
2016 के राष्ट्रपति चुनाव में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई थी। डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप से अधिक वोट और वोट प्रतिशत मिले थे, इसके बावजूद वह हार गईं थी।
America: Joe Biden ने संभावित कैबिनेट का किया ऐलान, एंथनी ब्लिंकन विदेश मंत्री और जेक सालविन NSA नामित
डोनाल्ड ट्रंप को 2016 के चुनाव में 62,985,106 मतों (45.9%) के साथ 306 इलेक्टोरल वोट मिले थे, जबकि हिलेरी क्लिंटन को 65,853,625 मतों (48.0%) के साथ महज 232 इलेक्टोरल वोट ही मिले। - एजेंसीवाशिंगटन : अमेरिका में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने तबाही मचा दी है। यहां एक दिन में कोरोना के 1 लाख 42 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं।अमेरिका में बीते 8 दिनों से लगातार कोरोना के एक लाख से अधिक दैनिक मामले सामने आ रहे हैं। इससे अमेरिका में कोरोना की स्थिति गंभीर होती जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से कुछ दिनों पहले से अमेरिका में कोरोना के मामले बढ़ने शुरू हो गए थे।
समाचार एजेंसी रायटर की कोरोना टैली के मुताबिक, अमेरिका में बीते 24 घंटों में कोरोना के लगातार दूसरे दिन रिकॉर्डतोड़ 1 लाख 42 हजार 279 मामले सामने आए हैं। अमेरिका में पिछले आठ दिनों से हर रोज कोरोना के एक लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही अमेरिका में भर्ती हुए मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। अमेरिका में कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या बुधवार शाम तक कम से कम 64,939 हो गई। यह आंकड़ा कोरोना काल के दौरान सबसे ज्यादा है।
अमेरिका में कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या में 1400 से अधिक की वृद्धि हुई है। पिछले 24 घंटों में अमेरिका में 1464 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्युमो ने बुधवार को अमेरिका में कोरोना प्रकोप का केंद्र बने इस राज्य की रक्षा करने के प्रयास में एक नए दौर की शारीरिक दूरी प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं।
अमेरिका के कैलिफोर्निया और मिडवेस्ट राज्य में नई पाबंदियां लगाई गई हैं। न्यूयॉर्क जैसे शहर में तीन फीसद मरीज बढ़ गए हैं। यहां के मेयर ने ट्वीट किया है कि हम सामुदायिक संक्रमण की ओर बढ़ रहे हैं। दूसरी लहर में हम पूरे शहर को बंद नहीं करना चाहते हैं और इसके लिए हमें महामारी को रोकना होगा। अन्य राज्यों में भी कमोबेश यही स्थिति है।
अमेरिका की बात करें तो यहां अब तक कोरोना वायरस के 1 करोड़ 4 लाख मामले सामने आ चुके हैं। अमेरिका में कोरोना से मौतों की संख्या बढ़कर 2 लाख 41 हजार 809 हो चुकी है। - एजेंसी
अफ्रीकी देश मोजांबिक के काबो डेलडागो प्रांत में कट्टरपंथी मुस्लिम आतंकियों ने एक फुटबॉल मैदान में 50 से ज्यादा लोगों के सिर कलम कर दिए। इतना ही नहीं उन्होंने उनके धड़ों को टुकड़ों में काट दिया। बर्बरतापूर्ण की गई इस हत्या में कम से कम 15 बच्चे भी शामिल हैं।
रिपोर्टों के अनुसार ये शव गांव के पास के जंगलों और गांव के पास स्थित फुटबॉल मैदान में पाए गए हैं। मोजांबिक की सरकारी मीडिया के अनुसार आतंकवादियों ने सोमवार को कई गांवों में हमला किया। इसके बाद लोगों को फुटबॉल के मैदान में ले गए। यहां क्रूरता के साथ उनकी हत्या की गई।आतंकियों ने महिलाओं और बच्चों का अपहरण कर लिया। एक रिपोर्ट के अनुसार बंदूकधारी आतंकी अल्लाहू अकबर के नारे लगा रहे थे। उन्होंने ग्रामीमों के घरों को भी आग के हवाले कर दिया।
बता दें कि काबो डेलडागो प्रांत में आईएसआईएस आतंकी 2017 से ही ऐसे हमले करते रहे हैं। उस समय 200 से ज्यादा लोगों की हत्या की गई थी। 2017 से अबतक कम से कम 2,000 लोग मारे गए हैं और 4,00,000 से अधिक बेघर हो गए हैं।
- वॉशिंगटन : दुनिया में कोरोनावायरस (Coronavirus US Report) के सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में सामने आए हैं. एक्टिव केस के मामले में भी अमेरिका पहले नंबर पर है. अब एक बार फिर कोरोना के जो आंकड़े सामने आए हैं, वो डराने वाले हैं. US में पिछले 24 घंटों में वायरस के दो लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने यह आंकड़े जारी किए हैं. यूनिवर्सिटी शुरुआत से ही देश में कोरोना के मामलों पर नजर बनाए हुए हैं.
मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिका में पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस के 201,961 मामले सामने आए हैं, जोकि एक दिन में सामने आने वाले मामलों का नया रिकॉर्ड है. इस दौरान 1,535 मरीजों की मौत हुई है. US में अब तक कोरोना के 10,238,243 मामले सामने आ चुके हैं और कुल 2,39,588 लोगों की मौत हुई है.
कोरोना के चलते अमेरिका के सभी अस्पतालों में मरीज इलाजरत हैं. अमेरिकी प्रशासन लगातार लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रहा है. प्रशासन नागरिकों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और घरों से बाहर निकलने पर मास्क लगाने की हिदायत दे रहा है. अमेरिका की फार्मा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फाइजर और उसकी जर्मन पार्टनर बायो एनटेक ने बीते सोमवार को घोषणा की थी कि उनकी वैक्सीन कोरोना के इलाज में 90 फीसदी तक कारगर है. - वाशिंगटन : अमेरिका में राष्ट्रपति पद (US Presidential Election) के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन (Joe Biden) महत्वपूर्ण राज्यों जॉर्जिया और पेनसिल्वेनिया में रिपब्लिकन उम्मीदवार एवं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से आगे चल रहे हैं. जीत के करीब नजर आ रहे डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन ने कहा कि हम इस दौड़ में जीतने जा रहे हैं. हम 300 से अधिक इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल करने की राह पर हैं. बाइडेन ने शुक्रवार को कहा कि वह पद संभालते ही कोरोनावायरस महामारी से निपटने में बिना समय बर्बाद किए जुट जाएंगे.
बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में शुक्रवार देर रात एक संबोधन में कहा, "मैं चाहता हूं कि कोरोनावायरस को काबू करने के लिए हम जो योजना पेश करने जा रहे हैं, सभी को पहले दिन से उसके बारे में पता हो." हम इस वायरस को नियंत्रित करने के लिए पहले ही दिन से अपनी योजना को अमल में लाने जा रहे हैं. बाइडेन ने भरोसा जताया कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हरा देंगे.
बाइडेन ने अपने संबोधन के दौरान, देश को एकजुट करने का संकल्प लिया है. उन्होंने कहा, "चीजों को ठीक करने के लिए यह देश के रूप में एक साथ आने का समय है."
बता दें कि व्हाइट हाउस की रेस जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 538 ‘इलेक्टोरल कॉलेज वोट' में से 270 वोट हासिल करना जरूरी है. चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार कोविड-19 वैश्विक महामारी और गहरे राजनीतिक ध्रुवीकरण समेत कई चुनौतियों का सामना करना होगा. अमेरिका कोरोनावारस से सर्वाधिक प्रभावित देश है. अमेरिका में कोरोनावायरस संक्रमितों का आंकड़ा 96 लाख के पार पहुंच गया है. - अमेरिका की पल-पल की हलचल पर भारत की निगाहें टिकी हुई हैं. इंतजार इस बात का है कि अगर जो-बाइडेन ट्रंप को व्हाइट हाउस से बेदखल कर देते हैं तो उनकी इस जीत से भारत पर क्या असर पड़ेगा. सवाल उठता है कि अगर जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं तो क्या भारत अमेरिका के रिश्ते बदल जाएंगे? और चीन, पाकिस्तान, कश्मीर पर क्या राय रहेगी ? यकीनन ये वो सवाल हैं जिनका जवाब इस वक्त भारत सरकार भी तलाश रही होगी. क्योंकि इसी पर भारत अमेरिका के रिश्तों के आगे के रास्ते तय होंगे.
पाकिस्तान पर बाइडेन का कैसा रह सकता है रुख ?
डेमोक्रेटिक नीतियों के मुताबिक जो बाइडेन पाकिस्तान पर उतना सख्त रुख नहीं रखते हैं. हालांकि इससे पहले जब डेमोक्रेटिक के बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति थे तब भी पीएम मोदी से उनकी काफी अच्छी दोस्ती थी. लेकिन 8 साल अमेरिका का राष्ट्रपति रहने के बावजूद ओबामा ने पाकिस्तान पर आर्थिक पाबंदियों का शिकंजा नहीं कसा. लेकिन गौर करने वाली बात यह भी है कि आतंकवाद के मुद्दे पर वो डेमोक्रेट्स ओबामा ही थे जिन्होंने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा बिन लादेन को ढेर किया था. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि अगर जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं तो उनका पाकिस्तान को लेकर अब किस प्रकार का रवैया रहेगा.
मोदी सरकार की कई नीतियों के साथ नहीं बाइडेन
जो बाइडेन मोदी सरकार की कई नीतियों पर सवाल उठा चुके हैं. सीएए और एनआरसी को लेकर भी बाइडेन उंगली उठा चुके हैं. वहीं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चर्चा में रहने वाले भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर के मुद्दे को लेकर भी बाइडेन के रवैये को भारत के लिए बहुत उत्साहवर्धक नहीं कहा जा सकता है. इतना ही नहीं बाइडेन अनुच्छेद 370 खत्म करने को लेकर भी सवाल उठा चुके हैं. हालांकि कश्मीर पर मध्यस्थता की बात पर पीएम मोदी ने ट्रंप को भी साफ शब्दों में कह दिया था - ये आंतरिक मामला है.
कारोबार को लेकर बाइडेन की भारत नीति
जहां तक कारोबार की बात है तो डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन की नीति अमेरिका फर्स्ट की है. ऐसे में बाइडेन की नीतियों से भारत को फायदा कम ही होता नजर आ रहा है. हालांकि बाइडेन अपने बयान में अमेरिका और भारत के मिडिल क्लास को उठाने के लिए कारोबार पर जोर देने की बात कह चुके हैं. वहीं बता दें कि ट्रंप के एच-1 बी वीजा रद्द करने के फैसले का भी बाइडेन ने विरोध किया था. एच-1 बी वीजा रद्द होने से भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को नुकसान हुआ है.
चीन के मुद्दे पर भारत के साथ बाइडेन
ट्रंप की तरह बाइडेन भी चीन के विरोध में हैं. सीमा पर आक्रामकता का विरोध करने वाले बाइडेन चीन के मामले को रणनीतिक तौर पर सुलझाने की वकालत करते रहे हैं. इस मामले में बाइडेन समय-समय पर भारत के समर्थन में बयान देते रहे हैं. हाल ही में जब ट्रंप ने भारत को गंदा कहा था तो बाइडेन ने ट्रंप को आड़े हाथों ले लिया था. बाइडेन ने कहा था कि, “ हम भारत से अपनी दोस्ती की कद्र करते हैं. आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका भारत के साथ है. हम भारत के साथ मिलकर क्षेत्र में शांति स्थापित करना चाहते हैं जहां चीन या किसी और से अपने पड़ोसी को खतरा ना हो.”
भारत के लिए कैसा रहेगा बाइडेन का राष्ट्रपति बननायहां ये बताना जरूरी है कि जिस पार्टी से बाइडेन आते हैं उसी पार्टी यानी डेमोक्रेट के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के दौर में ही 1998 में भारत पर पाबंदिया लगाई गयी थीं. उस दौरान भारत में एनडीए सरकार थी यह पाबंदी वाजपेयी सरकार का परमाणु परीक्षण का फैसला लेने की वजह से लगाई गई थी.ऐसे में बाइडेन के राष्ट्रपति बनने पर भारत के लिए कई मुद्दों पर उतार-चढ़ाव नजर आता है. कई मामलों में बाइडेन से भारत को लाभ मिलेगा तो कई मामलों पर बाइडेन की नीतियां भारत के लिए फायदेमंद साबित नहीं होगी
क्या कहना है एक्सपर्ट का
वहीं विदेश मामलों के जानकार संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि, “राष्ट्रपति ट्रंप की नीति हमेशा अमेरिका फर्स्ट की रही है. ट्रंप अमेरिका के हितों को सुनिश्चित करने में ज्यादा रहे हैं.उन्हे राजनीति का भी ज्यादा अनुभव नहीं रहा. वे पहली बार राजनीति में आए और राष्ट्रपति बने. अगर बाइडेन राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत और अमेरिका के संबंधों में गतिशीलता आ सकती है. भारत और अमेरिका के संबंध साझा मूल्यों पर, साझा चुनौतियों पर आधारित हैं. ये दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के संबंध हैं और ये बाइडेन भी समझते हैं”.