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- समाज कल्याण विभाग द्वारा जिले के दिव्यांगजनों को विभिन्न योजनाओं से किया जा रहा है: लाभान्वित
महासमुंद : महासमुंद जिले में राज्य एवं कि केन्द्र सरकार की विभिन्न पेंशन योजनांतर्गत पात्र 94 हजार 887 हितग्राहियों को पेंशन का लाभ मिल रहा है।सामाजिक सुरक्षा पंेशन योजनांतर्गत 27 हजार 207 हितग्राहियों को, सुखद सहारा में 27 हजार 207 हितग्राही, सुखद सहारा योजनांतर्गत 09 हजार 217 हितग्राही, मुख्यमंत्री पेंशन योजना के तहत 12 हजार 253 हितग्राही, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजनांतर्गत 36 हजार 315 हितग्राही, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजनांतर्गत 08 हजार 906 हितग्राही एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजनांतर्गत 989 हितग्राही इस प्रकार कुल 94 हजार 887 हितग्राही योजनावार लाभावान्वित हुए है।
उप संचालक श्रीमती संगीता सिंह ने जानकारी में बताया कि इसके अलावा जिले में निराश्रित एवं निर्धन व्यक्तियों की सहायता अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप निराश्रित, निर्धन, दिव्यांग एवं वरिष्ठ नागरिकों के सामाजिक एवं आर्थिक पुनर्वास के लिए सहायता प्रदान की जा रही है।जिसके तहत दिव्यांग व्यक्ति (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण एवं पूर्ण भागीदारी) अधिनियम 2016 के अनुसार दिव्यांग व्यक्तियों के सामाजिक एवं आर्थिक पुनर्वास तथा उनकी दिव्यांगता कम करने एवं चलनशीलता को गतिमान प्रदान करने के उद्देश्य से कृत्रिम अंग उपकरण प्रदान किए जा रहे है।
उन्होंने बताया कि हितग्राहीमूलक योजनाओं में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले निराश्रित, निर्धन व्यक्ति एवं दिव्यांगजनों के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन कर हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है।इसी प्रकार राष्ट्रीय परिवार सहायता योजनांतर्गत 60 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। जिसमें प्रति हितग्राही 20 हजार रूपए के मान से कुल 12 लाख रूपए प्रदाय किया गया है। इसी प्रकार दिव्यांगजन छात्रवृत्ति योजना के तहत 634, दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजनांतर्गत 30, दिव्यांगजन सिविल सेवा प्रोत्साहन योजनांतर्गत 02, दिव्यांगजन उच्च शिक्षा प्रोत्साहन योजनांतर्गत 22 दिव्यांग हितग्राही लाभान्वित हुए।
राष्ट्रीय वयोश्री योजनांतर्गत 543 वृद्धजनों का चिन्हांकन एवं उन्हें सहायक उपकरण प्रदान किया गया है। इसके अलावा दिव्यांगजन कृत्रिम अंग उपकरण प्रदाय योजना के तहत 215 दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग प्रदान किया गया। यू.डी.आई.डी. परियोजनांतर्गत 08 हजार 728 दिव्यांगजनों को दिव्यांगजन कार्ड प्रदान किया गया और तृतीय लिंग कल्याणार्थ योजनांतर्गत कुल 40 तृतीय लिंग व्यक्तियों को पहचान पत्र जारी किया गया है। - जिले के किसानों को पैक हाऊस निर्माण करने के लिए सुनहरा अवसर
महासमुंद : उद्यानिकी विभाग को उद्यानिकी कृषकों के लिए फल-फूल, सब्जी एवं मसालें के उत्पाद को ग्रेडिंग, पैकिंग एवं कटाई-छटाई तथा भण्डारण के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास रफ्तार योजना वर्ष 2020-21 के घटक पैक हाऊस 85 यूनिट का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि जिसे किसानों को विकासखण्डवार प्रदाय किया जाएगा। इनमें पैक हाउस निर्माण हेतु सामान्य वर्ग के लिए 56ः, अनुसूचित जनजाति के लिए 32ः एवं अनुसूचित जाति के लिए 12ः निर्धारित किया गया है।
पैक हाउस का लाभ लेने के लिए कृषक विगत् 03 वर्षो से उद्यानिकी की खेती कर रहे हो, ऐसे कृषक ही इसके लिए पात्र होंगे तथा कृषकों को पैक हाउस का निर्माण स्वयं के प्रक्षेत्र मंे करना होगा। जिसका उपयोग हितग्राही स्वयं ही कर सकेगा। किसी को हस्तांतरित नहीं कर सकेंगे। इस योजना का लाभ लेने के ईच्छुक कृषक अपने भूमि संबंधी दस्तावेज बी-1, खसरा, नक्शा, आधार कार्ड, फोटो एवं बैंक खाता तथा स्टाम्प पेपर में अनुबंध पत्र की प्रति अपने विकासखण्ड में पदस्थ उद्यानिकी अधिकारियों से संपर्क कर जमा कर सकते है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए कृषकों का चयन पहले-आओ-पहले-पाओ के आधार पर किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के ईच्छुक कृषक विकासखण्ड प्रभारियों के पास प्रकरण जमा कराएंगे ताकि उक्त प्रकरण जिला कार्यालय के द्वारा स्वीकृत कर कार्यादेश जारी किया जा सकें। स्वीकृति आदेश प्रदाय होने के एक माह के भीतर पैक हाउस निर्माण कार्य पूर्ण कराना होगा। अन्यथा जारी आदेश स्वः निरस्त माना जाएगा। पैक हाउस निर्माण कार्य संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा अनुमोदित व्यय प्राक्कलन एवं ड्राईंग डिजाईन के आधार पर करना होगा। पैक हाउस 9ग6 मीटर का एक हाॅल होगा, हाॅल के अंदर कमरे बने नहीं होने चाहिए, अन्यथा अनुदान का भुगतान नहीं होगा।
पैक हाउस निर्माण कार्य का 100 प्रतिशत का देयक कार्यालय मे अनुदान भुगतान के लिए प्रस्तुत करना होगा। जिसमे प्रति इकाई राशि चार लाख रुपए का 50 प्रतिशत (2.00 लाख रुपए) अनुदान देय होगा। जिसमें तीन लाख कंस्ट्रक्शन में एवं एक लाख रूपए सामग्री पर व्यय होगा। निर्माण कार्य का उप अभियंता द्वारा मूल्यांकन करने के बाद व्यय अनुरुप मेजरमेंट बुक पूर्ण कर जिला कार्यालय मे प्रस्तुत करना होगा। अनुदान राशि का भुगतान संचालनालय द्वारा गठित समिति के भौतिक सत्यापन पश्चात् ही डीबीटी की जाएगी। - महासमुंद : समाज कल्याण विभाग के उप संचालक ने बताया कि निराश्रित एवं निर्धन व्यक्तियों की सहायता अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप निराश्रित, निर्धन, दिव्यांग एवं वरिष्ठ नागरिकों के सामाजिक एवं आर्थिक पुनर्वास के लिए सहायता प्रदान की जा रही है। जिसके तहत दिव्यांग व्यक्ति (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण एवं पूर्ण भागीदारी) अधिनियम 2016 के अनुसार दिव्यांग व्यक्तियों के सामाजिक एवं आर्थिक पुनर्वास तथा उनकी दिव्यांगता कम करने एवं चलनशीलता को गतिमान प्रदान करने के उद्देश्य से कृत्रिम अंग उपकरण प्रदान किए जा रहे है।
उन्होंने बताया कि हितग्राहीमूलक योजनाओं में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले निराश्रित, निर्धन व्यक्ति एवं दिव्यांगजनों के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन कर हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। इनमें जिले में सामाजिक सुरक्षा पंेशन योजनांतर्गत 27 हजार 207 हितग्राही, सुखद सहारा योजनांतर्गत 09 हजार 217 हितग्राही, मुख्यमंत्री पेंशन योजना के तहत 12 हजार 253 हितग्राही, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजनांतर्गत 36 हजार 315 हितग्राही, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजनांतर्गत 08 हजार 906 हितग्राही एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजनांतर्गत 989 हितग्राही इस प्रकार कुल 94 हजार 887 हितग्राही योजनावार लाभावान्वित हुए है।
इसी प्रकार राष्ट्रीय परिवार सहायता योजनांतर्गत 60 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। जिसमें प्रति हितग्राही 20 हजार रूपए के मान से कुल 12 लाख रूपए प्रदाय किया गया है। इसी प्रकार दिव्यांगजन छात्रवृत्ति योजना के तहत 634, दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजनांतर्गत 30, दिव्यांगजन सिविल सेवा प्रोत्साहन योजनांतर्गत 02, दिव्यांगजन उच्च शिक्षा प्रोत्साहन योजनांतर्गत 22 दिव्यांग हितग्राही लाभान्वित हुए। राष्ट्रीय वयोश्री योजनांतर्गत 543 वृद्धजनों का चिन्हांकन एवं उन्हें सहायक उपकरण प्रदान किया गया है।
इसके अलावा दिव्यांगजन कृत्रिम अंग उपकरण प्रदाय योजना के तहत 215 दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग प्रदान किया गया। यू.डी.आई.डी. परियोजनांतर्गत 08 हजार 728 दिव्यांगजनों को दिव्यांगजन कार्ड प्रदान किया गया और तृतीय लिंग कल्याणार्थ योजनांतर्गत कुल 40 तृतीय लिंग व्यक्तियों को पहचान पत्र जारी किया गया है। - जिले आज अब तक 86 लोगों की जाँच रिपोर्ट क़ोरोना पॉज़िटिव आयी
अब तक 2800 से ज़्यादा पॉज़िटिव स्वस्थ्य होकर अपने घर सुरक्षित पहुँचेंआज 41 क़ोरोना पॉज़िटिव पूरी तरह ठीक हो कर अपने घर गए
महासमुंद : महासमुंद जिले में आज सोमवार को 990 कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों की जाँच की गई । जिसमें 86 लोगों की कोरोना जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है । आज की जाँच आरटीपीसीआर से 502, ट्रू नाट से 92और एंटीजन से 671 टेस्ट किए गए ।सर्वाधिक बसना विकासखण्ड 27,महासमुंद विकासखण्ड से 19, सरायपाली विकासखण्ड से 24,की जाँच रिपोर्ट में कोरोना पॉज़िटिव पाए गए । वही पिथौरा विकासखण्ड से 12, और बागबाहरा विकासखंड से 4 कोरोना पॉज़िटिव आए है।ज़िला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया कि जिले में अब तक कुल 3871कोरोना पॉज़िटिव आए जिनमें से 2852 स्वस्थ्य होकर अपने घर सुरक्षित पहुँचें । आज 41 क़ोरोना पॉज़िटिव पूरी तरह ठीक हो कर अपने घर गए । आज की तारीख़ में जिले में एक्टिव मरीज़ों की संख्या 958 है और एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है । -
महासमुंद : महासमुंद जिले में शुक्रवार को कुल 91 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई है. देर शाम तक जारी मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक कुल 91 संक्रमित दर्ज हुए हैं। वहीं मौत की बात करें तो जिल में एक व्यक्ति की मौत हुई है
यहां देखे कोरोना अपडेट- - महासमुंद : जिले में उद्यानिकी विभाग को उद्यानिकी कृषकों के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास रफ्तार योजना वर्ष 2020-21 के विभिन्न घटकांे के क्रियान्वयन हेतु भौतिक लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिसे किसानों को विकासखण्डवार प्रदाय किया जाएगा। उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि इनमें किसानों को मसाला एवं पुष्प क्षेत्रविस्तार योजना का लाभ लेने के लिए सामान्य वर्ग के लिए 56ः, अनुसूचित जनजाति के लिए 32ः एवं अनुसूचित जाति के लिए 12ः निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए कृषकों के पास वर्षभर सिंचाई सुविधा होना आवश्यक है जिससे कृषकों को न्यूनतम 0.25 हेक्टेयर रकबा के लिए लाभान्वित किया जा सकेगा। योजना का लाभ लेने के लिए ईच्छुक कृषक अपनी भूमि संबंधी दस्तावेज बी-1, खसरा, नक्सा, आधार कार्ड, फोटो एवं बैंक खाता की प्रति सहित अपने विकासखण्ड मे पदस्थ उद्यानिकी अधिकारियों से संपर्क कर सकते है। योजना क्रियान्वयन हेतु कृषको का चयन पहले-आओ-पहले-पाओ के आधार पर किया जाएगा। मसाला क्षेत्रविस्तार अंतर्गत पिछले 03 वर्षो के लाभान्वित कृषक इस वर्ष में लाभान्वित नहीं हो सकेंगे। योजना का लाभ लेने के ईच्छुक कृषक विकासखण्ड प्रभारियों के पास प्रकरण जमा करायेंगे ताकि उक्त प्रकरण जिला कार्यालय के द्वारा स्वीकृत कर कार्यादेश जारी किया जा सकें। इसके पश्चात् कृषक पंजीकृत संस्थाओं से पौध/बीज क्रय कर 100ः का देयक इस कार्यालय मे भुगतान के लिए प्रस्तुत करेंगे। जिसका भौतिक सत्यापन पश्चात् अनुदान राशि कृषकों के खातें मे डी.बी.टी. किया
- महासमुंद : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा महिलाओं, विशेष रूप से अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक महिलाओं के उत्थान हेतु उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्य की एक महिला, अशासकीय संस्था को प्रतिवर्ष ‘‘मिनी माता सम्मान (महिला उत्थान)’’ प्रदान किया जाता है। इसके तहत एक महिला, संस्था को (दो) लाख रूपये की राशि तथा प्रशस्ति पट्टिका सम्मान के रूप में प्रदान किये जाने का प्रावधान है।जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि पुरस्कार के लिए निर्धारित आवेदन पत्र एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग महासमुंद से सम्पर्क कर प्राप्त कर सकते है। निर्धारित आवेदन पत्र आवेदनकर्ता अपनी व्यक्तिगत प्रोफाईल सहित अन्य दस्तावेज जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग महासमुंद के कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते है।
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कोरोना वायरस से निपटने के तीन सबसे कारगर तरीके। पहला मास्क पहनें और साबुन या सैनिटाइजर के उपयोग करते रहने के साथ संक्रमित व्यक्तियों से दो गज की दूरी में रहें। दूसरा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए संतुलित आहार ही लें, और तीसरा यह कि लक्षण दिखे तो कोविड-19 की त्वरित जांच कराकर उपचार लेना तत्काल प्रारंभ करें
महासमुंद : कोरोना वायरस को लेकर अफवाहों को ध्यान न दें, समय पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की लें सलाह। चीन के वुहान शहर से निकले कोरोना वायरस से फैली कोविड-19 की महामारी को लेकर अब तक प्रमाणिक तौर पर कोई निश्चित वैक्सीन या दवा इजाद नहीं हो सकी है। इस दिशा में वैज्ञानिकों के शोध आज भी जारी हैं। ऐसे में अन्य देशों या राज्यों की पारिस्थितिक विभिन्नताओं और दिग्भ्रमित करने वाली अफवाहों के चलते कई तरह की भ्रांतियां व्याप्त है। यही कारण है कि हम इससे बचने के लिए किए जा रहे तमाम प्रयासों के बावजूद आपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं हुई है।
जिला स्वास्थ्य के चिकित्सकों ने नागरिकों से अपील की है कि अफवाहों को सिरे से नकार दें कि ठंड का मौसम और बर्फ कोरोना वायरस के असर से खत्म हो जाएगा। सर्दी के मौसम में संक्रमण बढ़ने की संभावना और अधिक बढ़ जाती है। ऐसा भी कोई प्रमाण नहीं है कि गर्म और आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्रों में कोरोना वायरस का संक्रमण नही होता। यहां ध्यान में रखना जरूरी है कि अल्ट्रावायलेट का उपयोग त्वचा को कीटाणु मुक्त बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, इससे त्वचा में जलन पैदा कर सकती है। दूसरी ओर बड़ी संख्या में लोग आमतौर पर सोशल मीडिया में वायरल होने वाले वीडियो देख कर यह यह समझ लेते हैं कि थर्मल स्कैनर कोविड पीड़ितों की पहचान कर लेते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि वे केवल ऐसे लोगों की पहचान कर सकते हैं जिन्हें बुखार है। इनसे कोरोना वायरस के संक्रमित व्यक्तियों का पता नहीं लगा सकते।
उल्लेखनीय है कि एंटीबायोटिक्स इस वायरस के खिलाफ काम नहीं करते हैं। एंटीबायोटिक्स केवल बैक्टीरिया से हुए संक्रमण को दूर करते हैं। इसलिए कोविड-19 से संक्रमित होने पर चिकित्सक के परामर्श में पूर्ण उपचार लिया जाना जरूरी है। एक और महत्पूर्ण बात यह भी है कि अब तक इस बात के भी कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं कि कुत्ते, बिल्ली, गाय या बैल जैसे पालतू जानवरों से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है। लेकिन इनके संपर्क में आने पर हाइजीन का ध्यान तो रखना ही चाहिए। वहीं यह भी जान लें कि अल्कोहल या क्लोरीन का छिड़काव उन वायरस को मारने में मदद नहीं करेगा जो शरीर के अंदर प्रवेश कर चुके हैं, क्योंकि सिर्फ ऊपर की सतहों को कीटाणुमुक्त रखने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि आज तक कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने या इसके संक्रमण के इलाज के लिए कोई प्रामाणिक दवा उपलब्ध नहीं है। लेकिन इस बात में कोई दो-मत नहीं है कि गर्म पानी से स्नान करने पर कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आने बचाव होता है। वर्तमान में जिला स्तरीय हालातों के मद्देनजर हमें चाहिए कि हम स्वयं के साथ-साथ जन-स्वास्थ्य के हित में भी अनुकरणीय कदम उठाएं और कोविड-19 से बचाव के लिए एकजुट होकर प्रयास करें। जिसमें घर से बाहर निकलते समय हमेशा मास्क पहनें, समय-समय पर साबुन या हैंड रब सैनिटाइजर से हाथ साफ करते रहना, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हरी सब्जी, फल, सलाद, आयुर्वेदिक काढ़े जैसे गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें व सोशल डिस्टेनसिंग में रहने सहित सर्दी, खांसी, बुखार गले में खराश, उल्टी, छाती में दर्द, होठों का नीला पड़ना और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर कोविड-19 की त्वरित जांच कराना एवं धनात्मक आने की स्थिति में बिना संपर्क तोड पूर्ण उपचार लेना आदि शामिल हैं। ऐसा करने से ही हम कोरोना वायरस को फैलने व अपने लोगों को काविड-19 की बीमारी लगने से बचा सकते हैं। -
महासमुंद : महासमुंद जिले में कोविड-19 वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए हर स्तर पर व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री कार्तिकेया गोयल ने ग्राम छिर्राबाहरा तहसील बसना ज़िला महासमुंद के संदिग्ध मरीजों की सेम्पल जाॅच रिपोर्ट पाॅजिटीव पाए जाने एवं पाँच से अधिक सक्रिय प्रकरण के कलस्टर पाए जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को दृष्टिगत रखते हुए नीचे वर्णित चैहद्दी को कन्टेंनमेंट जोन घोषित किया गया हैं।
इसके अलावा उक्त कन्टन्टमेंट जोन के अलावा 03 किलोमीटर की परिधि को बफर जोन घोषित किया गया हैं। उत्तर दिशा में गली एवं रंगमंच दक्षिण संक्रमित व्यक्ति की बाड़ी, पूर्व दिशा घसिया का मकान और पश्चिम दिशा में जेतराम का मकान है ।
कन्टेन्टमेंट जोन में प्रावधान के अंतर्गत होगी कार्रवाई कटेंनमेंट जोन के चिन्हित क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकानें एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान आगामी आदेश पर्यन्त बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा उक्त क्षेत्र में घर पहुॅच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तु की आपूर्ति उचित दरों पर सुनिश्चित की जाएगी। सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्हीं भी कारणों से घर के बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। स्वास्थ्य विभाग के मानकों के अनुरूप व्यवस्था के लिए पुलिस पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार आवश्यक सर्विलांस काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग एवं सैम्पल जांच आदि की कार्रवाई की जाएगी।कन्टेनमेंट जोन में तत्काल कार्रवाई के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए है, इनमें सम्पूर्ण प्रभार श्री कुणाल दूदावत अनुविभागीय दण्डाधिकारी सरायपाली को दिया गया हैं। दुकानें एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान तथा आवागमन पर प्रतिबंध कराने का प्रभार अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) सरायपाली को सौंपा गया हैं। इसी तरह केवल एक प्रवेश एवं निकास की व्यवस्था के लिए बेरिकेटिंग का प्रभार कार्यपालन लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता महासमुंद को, काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए सिविल सर्जन को प्रभार सौंपा गया हैं।
इसी प्रकार प्रवेश सहित क्षेत्र की सेनिटाईजिंग व्यवस्था के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बसना को, स्वास्थ्य टीम को आवश्यक दवा, माॅस्क, पी.पी.ई किट उपलब्ध कराने का प्रभार खंड चिकित्सा बसना को, घरों का एक्टिव सर्विलांस का प्रभार महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक बसना को,खण्ड स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष में व्यवस्था केलिए विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बसना को तथा पर्यवेक्षण अधिकारी तहसीलदार बसना को नियुक्त किया गया हैं। इसके अलावा कंटेनमेंट जोन के लिए गूगल मैप तैयार करने का प्रभार जिला विज्ञान एवं सूचना अधिकारी ई-जिला प्रबंधक, सीजी स्वान महासमुंद एवं भू-अभिलेख शाखा के सहायक अधीक्षक महासमुंद को सौंपा गया हैं। - महासमुंद : कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री कार्तिकेया गोयल ने ग्राम ढाबाखार तहसील पिथौरा एवं ग्राम भुतहाबाहरा तहसील बसना क्षेत्र को कंटेनमेंट ज़ोन से मुक्त कर दिया गया है ।इस क्षेत्र में कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड-19) पाॅजिटिव पाये जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था। अब इसे कंटेनमेंट जोन से मुक्त कर दिया गया है। इस आशय के आदेश आज कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने जारी कर दिए है ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा आज गुरुवार 15 अक्टूबर 2020 को प्रतिवेदित किया गया कि छत्तीसगढ़ शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव हेतु कंटेनमेंट संबंधी दिशा-निर्देश के तहत इन कंटेनमेंट जोन क्षेत्र में 14 दिनों की अवधि पूर्ण हो चुकी है एवं उपरोक्त कंटेनमेंट जोन में विगत 14 दिनों से कोई भी धनात्मक मरीजों की पुष्टि नहीं हुई है।
साथ ही धनात्मक मरीजों के सम्पर्क में आने वाले कुल 15 व्यक्तियों का सैम्पल जांच नकारात्मक (निगेटिव) प्राप्त हुआ है एवं सक्रिय सर्विलेंस सर्वे प्रपत्र के अनुसार किसी भी प्रकार के कोविड-19 से संबंधित धनात्मक प्रकरण प्राप्त नहीं हुआ। इस कारण कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने उक्त वार्ड और ग्राम को कंटेनमेंट जोन से मुक्त किया गया है। -
महासमुंद : स्वैच्छिक रक्तदान पखवाड़े के अंतिम दिन गुरूवार 15 अक्टूबर 2020 को जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक के गलियारे में सोशल डिस्टेन्सिंग के कतार में बैठे युवाओं का जोशीला सम्मान किया गया। इस दौरान विगत पंद्रह दिनों में हुए रक्तदान में 157 यूनिट रक्त संग्रहित किया गया, साथ ही ब्लड बैंक में करीब 200 यूनिट रक्तकोष से भर गया।
इस आवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक और ब्लड बैंक के प्रभारी अधिकारी के द्वारा माहामाया रक्तदान समिति, मां चंडी रक्तदान समिति और लाइफ लाइन रक्तदान सेवा समिति के रक्तदानदाताओं को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र भेंट कर उनका सम्मान किया गया और रक्तदान के महत्व पर जानकारी दी गई।
इस दौरान चिकित्सकों ने कहा कि जिले में लगभग 50 से अधिक एनिमिक, सिकलसेल या थैलेसेमिया जैसी बीमारियों से ग्रसित ऐसे मरीज हैं, जिन्हें एक से दो महीने में रक्त चढ़ाना पड़ता है। रक्तदाताओं द्वारा किए गए रक्तदान से ऐसे कई जरूरतमंद मरीजों का जीवन बढ़ जाता है। आयोजित सम्मान समारोह में सिविल सर्जन ने सभी रक्तदानदाताओं को आभार व्यक्त किया। जिस पर रक्तदानदाताओं द्वारा आगे भी इसी तरह सहयोग एवं समर्थन प्रदाय करते रहने की मंशा जाहिर की गई।
ब्लड बैंक के प्रभारी अधिकारी ने बताया कि रक्तदान करने की भावना जितनी अहम है। उतना ही महत्वपूर्ण शुद्ध रक्तदान करना और करवाना भी। उन्होंने स्पष्ट किया कि नियमावली के तहत युवाओं और विशेषकर ऐसे रक्तदानदाता जिनके शरीर में साढ़े 13 ग्राम से अधिक रक्त हो उन्हीं से लिया जाता है। यदि कोई शुगर, बीपी या अन्य किसी बीमारी से पीड़ित है या नशे का आदी है तो उसका रक्तदान उपयोग में नहीं लाया जा सकता। इसलिए रक्तदानदाताओं को चाहिए कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और रक्तदान को गंभीरता से लें।
हमेशा पौष्टिक भोजन करें और सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, शराब या अन्य कियी भी तरह के नशे से हमेशा दूर रह कर जनहित में योगदान करते रहें। जिला चिकित्सालय प्रबंधन ने आमजन से भी अपील की कि वे ऐसे रक्तदानदाता जो पैसे लेकर रक्तदान का व्यवसाय करते हैं, उनके झांसे में न आएं। क्योंकि इस तरह के रक्तदान में रक्त की शुद्धता की प्रतिशतता कम होती है। यानी पहले से कई तरह की बीमारियों या नशे की लत के शिकार होने व बिचैलियों के होने की आशंका अधिक होती है। ऐसा रक्त उपयोग में नहीं लाया जाना चाहिए। इसलिए हमेशा स्वैच्छिक रक्तदान की प्रवृति को ही अपनाएं और बढ़ावा दें।
उल्लेखनीय है कि रक्तदानदाता सम्मान समारोह के दिन भी 11 रक्तदानदाताओं ने महादान किया और 11 यूनिट और रक्त संग्रहित कर लिया गया। इस दौरान मैडिकल लैब तकनीशियन श्री एम.एल. चक्रधारी, स्टाफ नर्स डी. साहू, लैब सहायक श्री एम.एल. साहू एवं मैडिकल लैब तकनीशियन (प्रशिक्षु) श्रीमती दसोदा साहू का योगदान सराहनीय रहा। - समीक्षा से पहले सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने जिले के तीन आॅगनबाड़ी केन्द्रों का किया निरीक्षण
महासमुन्द : महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने आज महासमुन्द जिले के भ्रमण पर थे। उन्होंने महिला एवं बाल विकास के जिला स्तरीय काम-काज की समीक्षा की।उन्होंने कहा कि महिला और बच्चों की पोषण और सुरक्षा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की प्राथमिकता में है। समीक्षा बैठक में उन्होंने कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए महिला और बच्चों का पोषण प्रभावित न हो इसके लिए शासन स्तर पर आवश्यक निर्देश भी दिए हैं।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए मैदानी स्तर पर महिलाओं और बच्चों तक योजनाओं का लाभ सुगम तरीके से पहुंचे यह हम सब की जिम्मेदारी हैं।समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल, महिला बाल विकास संचालक श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा, प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर.के. परदल, महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री मनोज सिन्हा, सहायक संचालक श्री सुधाकर बोदले सहित जिले के महिला एवं बाल विकास पर्यवेक्षक उपस्थित थे।
सचिव श्री आर. प्रसन्ना ने जिले में रिक्त आॅगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पदों को जल्द से जल्द से जल्द प्रक्रियाधीन कर भर्ती करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं और सहायकों का मानदेय समय पर भुगतान करने की बात कही। उन्होंने कलेक्टर से कहा कि पुराने और क्षतिग्रस्त आॅगनबाड़ी भवनों के राईटआॅफ और विभाग के सरकारी भवनों को भी राईटआॅफ प्रक्रिया संबंधित विभाग के अधिकारियों से कराने को कहा।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की कम्प्यूटर आधारित प्रस्तुतिकरण के जरिए विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने जिले में चलाए जा रहें कार्यक्रम (मिशन 3.5) की विस्तार से जानकारी दी।
सचिव ने समीक्षा बैठक से पहले महासमुन्द जिले की ग्राम मुस्की आॅगनबाड़ी केन्द्र और पिथौरा के ग्राम कुहरी और गोड़बहाल आॅगनबाड़ी केन्द्रोें का अवलोकन किया और जरूरी सुविधाओं को देखा। सचिव महिला एवं बाल विकास ने मुख्यमंत्री सुपोषण का संचालन, पूरक पोषण आहार का वितरण, रेडी-टू-ईट की गुणवत्ता की जाॅच की। इस दौरान उन्होंने गर्भवती महिलाओं के घर जाकर उनसे बातचीत की और उनकी पोषण को भी देखा। इसके साथ ही उन्होंने हितग्राही महिलाओं से रेडी-टू-ईट और टेक होम राशन मिलने सहित अन्य बातों की जानकारी ली।
ग्राम गोड़बहाल में गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबीन की चल रही जाॅच के बारें में जानकारी ली। इस मौके में उन्होंने गर्भवती महिलाओं से बातचीत की। इसके साथ ही उन्होेंने स्वास्थ्य और महिला कार्यकर्ताओं से भी चर्चा की।
उन्होंने निरीक्षण के दौरान एक महिला हितग्राही श्रीमती राजेश्वरी के घर जाकर रेडी-टू-ईट को चखकर प्रारम्भिक गुणवत्ता की भी जाॅच की। उनके साथ आए अधिकारियों की टीम ने महासमुन्द जिले सहित बागबाहरा विकासखण् महिला ड का भ्रमण कर योजनाओं के क्रियान्वयन की वस्तुस्थिति की जानकारी ली।
एवं बाल विकास विभाग की संचालक श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने जिले के बाल विकास परियोजना क्षेत्रों का भ्रमण कर हितग्राहियों से चर्चा की और आॅेगनबाड़ियों केन्द्रों और स्व-सहायता समूहों की कार्याें का निरीक्षण भी किया। उन्होंने पूरक पोषण आहार की गुणवत्ता और पात्र हितग्राहियों को विभाग की योजनाओं का लाभ संबंधित जानकारी दी तथा मौके पर भौतिक सत्यापन भी किया। -
महासमुंद : जिला स्वास्थ्य ने बुधवार 14 अक्टूबर 2020 को ग्राम केंवटापाली, विकासखण्ड बसना के 35 वर्षीय मरीज की उपचार के लिए जिला चिकित्सालय पहुंचने के पहले ही मृत्यु होने की पुष्टि की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर. के. परदल से मिली जानकारी के मुताबिक मृतक को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय लाया जा रहा था।
जहां पहुंचने पर दोपहर 01ः20 को चिकित्सकों ने उसकी प्रारम्भिक जांच की। जिसमें पाया गया कि युवक की अस्पताल पहुंचने एवं उपचार शुरू किए जाने के पूर्व ही उसकी मृत्यु हो चुकी थी। मरणोपरांत मृतक की कोविड-19 जांच की गई।
जिसमें उन्हें कोविड-19 का धनात्मक पाया गया। समाचार लिखे जाने तक तत्संबंध में कोविड-19 के प्रकरणों में अंतिम संस्कार के लिए नियुक्त डाॅ. अनिमेष राय ने बताया कि उक्त संबंध में मृतक के अंतिम संस्कार के लिए विधिवत प्रबंध किए जा रहे हैं। मृतक के स्थानीय क्षेत्र में विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी डाॅ. जे. पी. प्रधान के मार्गदर्शन में कोविड-19 के निर्धारित प्रोटोकाॅल के तहत उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
- स्वैच्छिक रक्तदान पखवाड़े में एकत्र किया गया 146 यूनिट रक्त“एक अक्टूबर से जिला चिकित्सालय में आयोजित हो रहे स्वैच्छिक रक्तदान पखवाड़े में अब तक 146 रक्तदानदाताओं ने किया महादान।शिविर के अंतिम दिन यानी आज 15 अक्टूबर को इन दानवीरों को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र भेंट कर सम्मानित किया जाएगा”
महासमुंद : कोविड-19 की वैश्विक महामारी के दौर में भी जिले के जागरूक नागरिकों ने अपने संकल्प से बिना डिगे बड़ी संख्या में स्वैच्छिक रक्तदान पखवाड़े में भाग लिया। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए लगभग 200 की संख्या में आए इन दानदाताओं के आवश्यक परीक्षण उपरांत जिला चिकित्सालय प्रबंधन ने कुल 146 रक्तदानदाताओं से रक्त लिया।
एक अक्टूबर से चल रहे इस रक्तदान शिविर आयोजन का गुरूवार 15 अक्टूबर 2020 को अंतिम दिन है। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर. के. परदल, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ. एन. के. मंडपे की उपस्थिति में रक्त दानदाताओं को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण-पत्र वितरित कर सम्मानित किया जाएगा।
ब्लड बैंक प्रभारी अधिकारी डाॅ. विपिन बिहारी अग्रवाल ने बताया कि आयोजन के दौरान जिला मुख्यालय सहित सभी विकासखण्डों से आए रक्तदानदाताओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। जिसमें महामाया सेवा समिति, जय मां चंडी रक्तदान सेवा समिति और लाइफ लाइन सेवा समिति के युवाओं का योगदान उल्लेखनीय रहा।
रक्तदानदाताओं प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उन्हें सम्मानित करने के लिए गुरूवार 15 अक्टूबर को जिला चिकित्सालय में सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है। साथ ही पखवाड़े के अंतिम दिन भी रक्तदान लिया जाएगा।
कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाता है रक्तदान
ब्लड बैंक सलाहकार श्री सुनील साहू ने बताया कि एक यूनिट रक्तदान में 350 मिलीग्राम रक्त लिया जाता है। ऐसा हर 03 महीने में कर सकते हैं। रक्तदान के पूर्व की जांच से आपके शरीर की स्थिति व एच.आई.वी., हैपिटाइटिस बी/सी, वी.डी.आर.एल. और मलेरिया जैसी बीमारियों का भी पता चलता है। जिनकी रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही रक्त सुरक्षित रखा जाता है।
अगर बीमारी पॉजिटिव हो तो इसके बारे में आपको बता दिया जाता है। रक्तदान से हृदय घात एवं कैंसर होने की आशंका कम हो जाती है। साथ ही शरीर में वसा की मात्रा नियंत्रित कर यह वजन घटाने एवं बढ़ाने दोनों में सहयोगी होता है।
ये करें और ये न करें रक्तदान
मैडिकल लैब टैक्नोलाॅजिस्ट श्री खिलेश्वर चंद्राकर के मुताबिक औसतन 18 से 55 वर्ष के लोग रक्तदान कर सकते हैं। वहीं गर्भवती महिलाएं, मधुमेह के मरीज, एच.आई.वी. पॉजिटिव व्यक्ति, एनिमिक, कैंसर, क्षय रोग मतलब टी.बी. से पीड़ित, किडनी रोग, हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव, लिवर के मरीज, अस्थमा व पीलिया से पीड़ित मरीज रक्तदान ना करें। लम्बे समय से दवाओं का सेवन करने वाले व्यक्ति भी रक्तदान न करें। खाली पेट कभी भी रक्तदान नही करना चाहिए। रक्तदान के 48 घंटे पहले से सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, तम्बाकू, गुडाखू एवं शराब जैसे किसी भी प्रकार का नशा किए लोगों से रक्तदान नहीं लिया जा सकता। - महासमुंद : महासमुन्द विकासखण्ड के ग्राम मुनगाशेर निवासी कविता धु्रवंशी ने बताया कि मेरा कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) और बिहान बैंक केन्द्र मुनगाशेर में है। काॅमन सर्विस सेंटर एक प्रकार का पब्लिक सर्विस एवं एक प्रकार का बिजनेस भी है। इस कारण हमें विलेज लेबल इन्टरपेनोर कहा जाता है।
शासन की जो सर्विस होती है। उसके बारे में ग्रामीण क्षेत्र के कई लोगों को जानकारी नहीं होती। उन्हें कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए जानकारी पहुंचाते है। इसके अलावा कॉमन सर्विस सेंटर बिहान केन्द्र में बैंक खाता खोलना, पेंशन, मोबाइल रिचार्ज, बिजली बिल, टीवी रिचार्ज, पीएमजी दिशा, टेली लॉ, पैन कार्ड आदि का कार्य किया जाता है।
उन्होंने बताया कि पहले गाँव के लोगो को ये सब छोटी-छोटी कामों के लिए बाहर जाना पड़ता था। परन्तु अब ये सुविधाएं गाँव में ही मिल रही है, तो उनके लिए ये अच्छी सुविधाएं है। लोग दूर-दूर तक अपने कामांे के लेकर जाते है जैसे बैंक, आय, जाति, निवास या नक्सा-खसरा इत्यादि तो ऐसे में लोगांे के लिए बैंकों में लाईन में लगने के बाद उनका काम होता था, फिर मैंने सोचा कि ग्रामीणांे को गांव में ही सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।
जिससे ग्रामीणांे को पांच से सात किलोमीटर का सफर कर जाना नहीं पड़े और उनका काम गांव पर ही हो जाए और जो बुजूर्ग चल फिर नही सकते उनको घर मे ही बैंकिंग सुविधाएं दिया जाए और रोजगार गारंटी योजना का भी पैसा गांव से ही निकासी हो।
जिससे सरकारी योजना का पैसा गांव घर पर ही सुविधा उपलब्ध कराया जाए जिससे लोगो का कीमती समय के साथ-साथ पैसा भी बचेगा। धुवंशी ने बताया कि गांव में घर-घर जा कर वृद्धा पेंशन, रोजगार गारंटी का पैसा निकालती हूं और आस-पास के गांव में जाकर उन्हें घर पहुंच सुविधा उपलब्ध कराती हूं। जिसके कारण वृद्धा पेंशन पाने वाले काफी खुश हैं। बिहान बैंक सखी में काम कर के मैं महिलाओ को सशक्त बनाने के लिए प्रेरित करती हूं। - महासमुंद : जिला आबकारी अधिकारी श्री दिनकर वासनिक के मार्गदर्शन में 13 अक्टूबर 2020 को आबकारी विभाग द्वारा ओड़िशा राज्य की अवैध मदिरा विक्रय पर बड़ी कार्रवाई किया है।
उन्होंने बताया कि मुखबिर की सूचना मिलने पर आबकारी दल द्वारा ग्राम डोंगरगांव थाना कोमाखान में नदी किनारे गणपत राउत निवासी ग्राम झिटकी थाना बेलटुकरी जिला नयापारा (ओड़िशा) को घेराबंदी कर पकड़ा गया तथा उनके कब्जे से एक बोरी में 156 नग जेब्रा छाप ओड़िशा निर्मित मदिरा प्रत्येक में 200 मिली लीटर कुल 31.20 लीटर मदिरा जप्त किया गया।आरोपी को आबकारी अधिनियम की धारा 34(2) के तहत न्यायालय से रिमांड लेकर जेल भेजा गया।
उक्त कार्यवाही में आबकारी उपनिरीक्षक श्रीमती सविता रानी मेश्राम एवं श्री मधुकर श्याम हरित के साथ आबकारी मुख्य आरक्षक श्री यज्ञशरण शुक्ला तथा आबकारी आरक्षक मो॰ इरफान अली एवं वाहन चालक श्री गांधीराम ठाकुर की महत्वपूर्ण भूमिका रही। - दो वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षक (पंचायत/न.नि.), संवर्ग का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाएगा
महासमुंद : स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश के तहत् 23 जुलाई 2020 द्वारा दिनांक 01 नवम्बर 2020 की स्थिति में दो वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षक (पंचायत/न.नि.), संवर्ग का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाना है।
जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी महासमुन्द, बागबाहरा, पिथौरा, बसना, सरायपाली से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर जिला के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में कार्यरत् दो वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षक संवर्ग की दिनांक 01 नवम्बर 2020 की स्थिति में वरिष्ठता सूची दिनांक 13 अक्टूबर 2020 में जारी की गई हैं। जारी सूची में प्राप्त दावा आपत्ति का निराकरण पश्चात् सहायक शिक्षक, विज्ञान सहायक शिक्षक, शिक्षक, व्यायाम शिक्षक, ग्रन्थपाल, व्याख्याता (पंचायत/न.नि.) की अंतिम वरिष्ठता सूची जारी किया जाना है।
इसके पूर्व दिनांक 16 अक्टूबर 2020 तक दावा आपत्ति जिला पंचायत अथवा सभी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा किया जा सकता हैं। सूची का अवलोकन जिला पंचायत महासमुंद, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों के सूचना पटल पर एवं जिला के वेबसाईट ूूूण्बहण्दपबण्पदध्उंींेंउनदकण्हवअण्पद में कर सकते हैं।
अवलोकन उपरांत यदि प्रारंभिक वरिष्ठता सूची में यदि कोई दावा आपत्ति हो तो निर्धारित तिथि तक आवश्यक दस्तावेजी साक्ष्य के साथ प्रस्तुत करें। दावा आपत्ति पर निराकरण उपरांत अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा। - ईच्छुक संस्था 26 अक्टूबर तक कर सकते है आवेदन
महासमुंद : महासमुन्द अनुविभाग के अंतर्गत सहाकारी समितियों के द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकानों का समर्पण किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महासमुन्द ने बताया कि इन ग्राम पंचायतों में शासन के निर्देशानुसार एवं कार्यालय कलेक्टर (खाद्य शाखा) के द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकानों का युक्तिकरण किया जाना है।
युक्तियुक्तकरण हेतु गठित दल के द्वारा विकासखण्ड महासमुन्द के ग्राम पंचायत अमलोर, चुहरी, मरौद, मालीडीह, कौआझर, खैरझिटी, छपोराडीह, बंदोरा, सिनोधा, तोरला, मानपुर, नवागांव, बोड़रा, छिंदौली, चैंकबेड़ा, बंबूरडीह, रामखेड़ा, अछोली, कुकराडीह, कांपा, गोपालपुर, बरबसपुर, बेमचा, लोहारडीह, परसदा(ब), साराडीह, मुढ़ेना, धनसुली, मोरधा, बकमा, खैरा, लभराखुर्द, बोरियाझर, कोसरंगी, ढांक, जामपाली, कोलपदर, छिलपावन, मुनगासेर एवं नवगठित ग्राम पंचायत भावा एवं नगरीय क्षेत्र तुमगांव में दुकान क्रमांक 02 एवं 03 में शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालन के लिए छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2016 के तहत पंजीकृत वृहत्ताकार आदिम जाति बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, प्राथमिक कृषि साख समितियों, वन सुरक्षा समितियों, महिला स्व-सहायता समूहों, ग्राम पंचायतों एवं अन्य उपभोक्ता सहाकारी समितियां जो उचित मूल्य की दुकान के संचालन के लिए ईच्छुक है, उनसे निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र समस्त दस्तावेजों के साथ आमंत्रित किए गए हैं। ईच्छुक संस्था विहित प्रारूप 01 में अपना आवेदन पत्र 26 अक्टूबर 2020 तक अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय महासमुन्द में कार्यालयीन अवधि में पेश कर सकते हैं। महासमुन्द विकासखण्ड में शासकीय उचित मूल्य दुकान की युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही एवं नए संचालन एजेंसी की नियुक्ति छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2016 के तहत की जाएगी। - महासमुंद : महासमुंद जिले में कोविड-19 वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए हर स्तर पर व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री कार्तिकेया गोयल ने ग्राम परधिया सराईपाली पिथौरा जिला महासमुंद के संदिग्ध मरीज़ों की सेम्पल जाॅच रिपोर्ट पाॅजिटीव पाए जाने एवं पाँच से अधिक सक्रिय प्रकरण के कलस्टर पाए जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम परधिया सराईपाली तहसील पिथौरा के नीचे वर्णित चैहद्दी को कन्टेंनमेंट जोन घोषित किया गया हैं।
इसके अलावा उक्त कन्टन्टमेंट जोन के अलावा 03 किलोमीटर की परिधि को बफर जोन घोषित किया गया हैं। उत्तर दिशा में तालाब ,दक्षिण दिशा में सड़क,पूर्व दिशा में पवन की बाड़ी तालाब और पश्चिम दिशा में लीलाम्बर की बाड़ी को कन्टन्टमेंट जोन धोषित किया गया है ।
कन्टेन्टमेंट जोन में प्रावधान के अंतर्गत कार्रवाई होगी ।कटेंनमेंट जोन के चिन्हित क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकानें एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान आगामी आदेश पर्यन्त बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा उक्त क्षेत्र मेें घर पहुॅच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तु की आपूर्ति उचित दरों पर सुनिश्चित की जाएगी। सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्हीं भी कारणों से घर के बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। स्वास्थ्य विभाग के मानकों के अनुरूप व्यवस्था के लिए पुलिस पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार आवश्यक सर्विलांस काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग एवं सैम्पल जांच आदि की कार्रवाई की जाएगी।
कन्टेनमेंट जोन में तत्काल कार्रवाई के लिए संबंधित प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए है, इनमें सम्पूर्ण प्रभार अनुविभागीय दंडाधिकारी पिथौरा श्री राकेश कुमार गोलछा को दिया गया हैं। दुकानें एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान तथा आवागमन पर प्रतिबंध कराने का प्रभार अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) को सौंपा गया हैं। इसी तरह केवल एक प्रवेश एवं निकास की व्यवस्था के लिए बेरिकेटिंग का प्रभार कार्यपालन लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता को, काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए सिविल सर्जन को प्रभार सौंपा गया हैं।
इसी प्रकार प्रवेश सहित क्षेत्र की सेनिटाईजिंग व्यवस्था के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को, स्वास्थ्य टीम को आवश्यक दवा, माॅस्क, पी.पी.ई किट उपलब्ध कराने का प्रभार खंड चिकित्सा अधिकारी को सौंपा गया हैं। घरों का एक्टिव सर्विलांस का प्रभार महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक को, नियंत्रण कक्ष में व्यवस्था के लिए विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को तथा पर्यवेक्षण अधिकारी नायब तहसीलदार को नियुक्त किया गया हैं। इसके अलावा कंटेनमेंट जोन के लिए गूगल मैप तैयार करने का प्रभार जिला विज्ञान एवं सूचना अधिकारी, ई-जिला प्रबंधक, सीजी स्वान एवं भू-अभिलेख शाखा के सहायक अधीक्षक को सौंपा गया हैं। -
शक्ति की भक्ति का यह पर्व 17 अक्टूबर से शुरू
महासमुंद : शारदीय नवरात्रि की शुरुआत से पहले अच्छी खबर है कि जिले में नवरात्रि पर मंदिरों में ज्योत जलाई जा सकेगी, हालांकि हमेशा की तरह इस पर ज्योत प्रज्जवलन और दर्शन करने को श्रद्धालुओं को अनुमति नहीं दी गई है। केवल मंदिर समिति ही ज्योत जलाएगी।
महासमुंद जिला प्रशासन ने आज मंगलवार को इसे लेकर पाँच बिंदु के दिशा-निर्देश (गाइडलाइन )जारी कर दी। प्रशासन की ओर से अतिरिक्त ज़िला दंडाधिकारी के हस्ताक्षर से जारी पांच बिंदुओं की गाइडलाइन में कहा गया है कि मंदिर प्रांगण में तय स्थान पर ही ज्योत जलानी होगी। वहां पर फायर सिस्टम का इंतजाम करना अनिवार्य होगा । दर्शन करने को श्रद्धालुओं को अनुमति नहीं होगी । मंदिर समिति को ही ज्योत प्रज्ज्वलन की ज़िम्मेदारी होगी ।
जारी आदेश में कहा गया कि ज्योति प्रज्ज्वलन के संदर्भ में सुरक्षा एवं कोविड-19 के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए, भारत सरकार एवं राज्य शासन द्वारा जारी समस्त दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्यतः करना होगा, यदि किन्हीं निर्देशों का उल्लघंन ; करना पाया जाता है, तो सम्पूर्ण जिम्मेदारी मंदिर प्रबंधन समिति की होगी तथा भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 के तहत कड़ी कार्यवाही की जाएगी। - डा. कोसरिया को 22 लाख से ज्यादा किराया शुल्क जमा करना होगा:-एसडीएम दुदावत
महासमुंद : महासंमुद जिले के तहसील सरायपाली में सरकारी आवास पर तबादले के बाद भी लम्बे समय से अवैध रूप से कब्जा जमाए डॉ0. व्ही.के. कोसरिया पर अनुविभागीय दण्डाधिकारी सरायपाली श्री कुणाल दुदावत ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 22 लाख 62 हजार 19 रूपए किराये के रूप में जमा करने के आदेश दिए है।
सरकारी आवास में अनाधिकृत रूप से कब्जा करने पर बकाया किराये की वसूली 12 मासिक समान किश्तों में उन्हें जमा करना होगा। डॉ. कोसरिया को सरकारी आवास खाली करने के लिए जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नोटिस भी जारी किए गए थे। इसके बावजूद उनके द्वारा सरकारी आवास खाली नहीं किया गया।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सरायपाली एसडीएम श्री दुदावत ने इसे संज्ञान में लिया और नियमानुसार लोक परिसर अधिनियम के कार्रवाई की। स्थानांतरण तिथि के तीन माह बाद नियमानुसार सरकारी आवास ख़ाली कर देना चाहिए ताकि दूसरे अधिकारी-कर्मचारी को इसकी सुविधा मिल सके। अन्यथा निर्धारित के बाद सरकारी आवास ख़ाली नहीं करने पर सरकार द्वारा निर्धारित नियमानुसार किराया वसूला जाता है।
कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने सरकारी आवास में ऐसे कब्जाधारियों पर नियमानुसार कर्रवाई के निर्देश दिए गए है। ताकि आने वालीे अधिकारी-कर्मचारियों को सरकारी आवास आवंटन किया जा सकें। उनके विरूद्ध लोक परिसर अधिनियम के कार्रवाई और छत्तीसगढ़ आवास आबंटन नियम 29 (1)(2) के अनुसार अनाधिकृत अवधि के लिए बाजार दर से दुगुनी दर पर लायसेंस शुल्क बसूल करने की बात कही है । - राईस मिल पर लगा 20 हजार रूपए का जुर्माना
महासमुंद : महासंमुद जिले के बसना विकासखंड के अरेकेल बांध में दो राईस मिलों से निकलने वाला प्रदूषित पानी से वातावरण खराब हो रहा था। तालाब की मछलियां मरने की शिकायत स्थानीय निवासियों ने कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल से की थी।कलेक्टर ने तुरंत एसडीएस सरायपाली को वस्तुस्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए थे। अनुविभागीय दण्डाधिकारी सरायपाली श्री दुदावत ने तत्काल बसना तहसलीदार श्रीमती ललिता भगत को जिम्मेदारी सौंपी। जांच कर पूरी वस्तुस्थिति से एसडीएम सरायपाली को अवगत कराया।एसडीएम श्री कुणाल दुदावत ने दोनों राईस मिलों महालक्ष्मी और शिवशक्ति पर धारा 133 के तहत कार्रवाई की।राईस मिल महालक्ष्मी पर गांव की स्वच्छता पीएचई ट्रीटमेंन्ट नहीं करने पर 20 हजार रूपए का जुर्माना लगाया। दोनों राईस मिलों द्वारा राख, साफ-सफाई और स्थल पर पेड़-पौधे लगाये गये है। एसडीएम ने दोनों राईस मिल को ग्राम पंचायत की एन.ओ.सी. के शर्तो का पूरी तरह पालन करने की हिदायद दी है। वही इससे निकले वाले प्रदूषित पानी को मिल की जमीन पर ही रोका जाए।इसका सख़्ती से पालन किया जाये। उन्होंने कार्रवाई करते हुए सख्त हिदायत दी कि भविष्य में राईस मिल लोगों की सेहत को ध्यान में रखने, राईस मिल प्रदूषित पानी खुले में न फैलें और राख भी नहीं उड़े इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये। उन्होने कहा कि प्रदूषण विभाग द्वारा लागू नियमों के अनुसार सभी राईस मिल चिमनी से निकलने वाले धुएं पानी को फिल्टर करने के लिए टीटमेंट प्लांट लगाना अनिवार्य है। इसका पालन करें । - महासमुंद : सोमवार 12 अक्टूबर 2020 को जिले के ग्राम खट्टी की 35 वर्षीय महिला मरीज की उपचार के दौरान राजधानी के एम्स चिकित्सालय में मृत्यु हो गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि जिला स्वास्थ्य महासमुंद को प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त महिला मरीज को निमोनिया, अनियमित रक्तचाप और मधुमेह जैसी समस्याएं थीं, इसके अतिरिक्त उन्हें कोविड-19 का धनात्मक भी पाया गया था।
वे राजधानी के एम्स चिकित्सालय में उपचाररत् थीं। उन्हें कई तरह की बीमारियां होने के कारण जीवनरक्षक उपचार देने के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। इस महिला का अंतिम संस्कार कोविड-19 की नियमवाली के तहत क्षेत्रीय दण्डाधिकारी एवं चिकित्सा अधिकारी की उपस्थिति में मंगलवार 13 अक्टूबर 2020 को मृतक का विधिवत अंतिम संस्कार किया गया। - महासमुंद : जिले में कोविड-19 के लक्षण रहित धनात्मक प्रकरणों को घर पर ही रह कर उपचार लेने के लिए होम आइसोलशन की सुविधा प्रदान की जा रही है। जिला स्वास्थ्य से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार 12 अक्टूबर 2020 तक होम आइसोलेशन की नियमावली के तहत पात्र पाए गए मरीजों को अनुमति भी दी जा रही है।
किन्तु, तथाकथित रूप से कुछ क्षेत्रों से यह बात सुनने में आ रही है कि कुछ मरीज नियमावली का उल्लंघन कर अपने घरों से बाहर निकल जाते हैं। ऐसे में वे स्वयं के साथ अपने संपर्क में आने वाले लोगों को संक्रमित कर उनका जीवन भी खतरे में डाल सकते हैं।इस पर चिकित्सकों ने होम आइसोलशन में रह रहे मरीजों से घर पर ही रहकर उपचार लेने व जब तक होम आइसोलेशन की अवधि पूरी नहीं होती और होम आइसोलशन कंट्रोल रूम से छुट्टी होने का सर्टिफिकेट नही मिल जाता घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की है।
होम आइसालेशन के जिला नोडल अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 की बीमारी पीक की ओर बढ़ रही है। ऐसे में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के साथ-साथ आमजनों को भी सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता है।यदि ऐसा कोई भी मरीज जो होम आइसोलेशन में रह कर उपचार करा रहा है और उसका डिस्चार्ज विधिवत पूर्ण नहीं हुआ है तो आप होम आइसोलेशन के कंट्रोल रूम नंबर 82693-79405 या 07723-222100, 222101 में तत्काल शिकायत दर्ज करें। जिसके उपरांत वस्तुस्थिति से अवगत होकर होम आइसोलेशन का अमला पुलिस विभाग से संपर्क कर सूचना प्रेषित करेगा एवं प्रकरण में नियमानुरूप कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -
समीक्षा सह-प्रशिक्षण विकासखण्ड महासमुंद में आगामी सर्वे के लिए बनी नई रणनीति
महासमुंद : जिले में कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान को आगामी तीन दिवस बढ़ाए जाते ही नई रणनीति में कार्य की दिशा निर्धारित की जाने लगी है। जिला स्वास्थ्य अंतर्गत मंगलवार 13 अक्टूबर 2020 को विकासखण्ड महासमुंद के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तुमगांव में समीक्षा बैठक आयोजित की गई।जिसमें पूर्व में 05 से 12 अक्टूबर तक किए गए सर्वे और उपलब्धियों का आंकलन करने के साथ-साथ मैदानी स्तर पर कार्य के दौरान आने वाली समस्याओं के निदान को लेकर व्याख्या भी की गई। सर्वे अभियान को 15 अक्टूबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशानुसार खण्ड चिकित्सा अधिकारी महासमुंद की अगुआई में हुई इस बैठक में जिला मुख्यालय से कोरोना वायरस नियंत्रण एवं रोकथाम दल के जिला नोडल अधिकारी और डिस्ट्रिक्ट सर्विलेन्स अधिकारी विकासखण्ड समन्वयक, मितानिन प्रशिक्षिका और एसपीएस से रू-ब-रू हुए। उनकी समस्याएं सुनी और हल बताए। साथ ही अभियान को लेकर बढ़ाई गई अवधि में आगे किस तरह से क्रियान्वयन किया जाना है इस संबंध में जानकारी दी गई।
चिकित्सकों ने बताया कि यह सर्वेक्षण अभियान इसलिए अधिक महत्व रखता है क्योंकि इसमें उन मरीजों की पहचान हो रही है। जिन्हें इस बात का आभास ही नहीं है कि वे कोविड-19 से संक्रमित हैं। ऐसा आमतौर पर लोगों में जागरूकता के अभाव या लाक्षणों को ध्यान नहीं देने के कारण हो सकता है।
ऐसे लोगों की पहचान करना ही उद्देश्य मात्र नहीं हैं। हमें सर्दी, खांसी, बुखार, सिर दर्द, उल्टी, दस्त या पुरानी बीमारियों से ग्रसित और गर्भवती महिलाएं जो संक्रमित हो सकती है। ंउन्हें जांच कराने के लिए प्रेरित करना है और जांच कराने के साथ-साथ उन्हें उपचार कराने के संबंध में भी विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करना है। इससे हम क्षेत्र में अनभिज्ञतावशघूम रहे कोविड-19 के धनात्मक प्रकरणों को समय पर उपचार दिलाने व संक्रमण की चेन रोकने में सफलता मिलेगी।
बैठक में उपस्थित जिला मितानिन समन्वयक ने बताया कि सर्वे के दौरान हम आमजन के निरंतर संपर्क में आ रहे हैं और शुरूआत में हमें पता नहीं होता कि कौंन संक्रमित है और कौंन नहीं, ऐसे में हमें प्रत्येक दौरे में गृह भ्रमण के दौरान स्वयं एवं आमजन की सुरक्षा का भी भली-भाॅति ध्यान रखना जरूरी है, ताकि संक्रमण न फैले। इसलिए आप लोग भी सर्वे कार्य के दौरान मास्क और दस्ताने अनिवार्य रूप से पहने रहें और समय-समय पर साबुन या हैंड रब सैनिटाइजर से हाथ साफ करते रहें। (फोटो संलग्न)