महासमुंद : जिला स्वास्थ्य ने किया रक्तदान दाताओं का किया सम्मान
महासमुंद : स्वैच्छिक रक्तदान पखवाड़े के अंतिम दिन गुरूवार 15 अक्टूबर 2020 को जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक के गलियारे में सोशल डिस्टेन्सिंग के कतार में बैठे युवाओं का जोशीला सम्मान किया गया। इस दौरान विगत पंद्रह दिनों में हुए रक्तदान में 157 यूनिट रक्त संग्रहित किया गया, साथ ही ब्लड बैंक में करीब 200 यूनिट रक्तकोष से भर गया।
इस आवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक और ब्लड बैंक के प्रभारी अधिकारी के द्वारा माहामाया रक्तदान समिति, मां चंडी रक्तदान समिति और लाइफ लाइन रक्तदान सेवा समिति के रक्तदानदाताओं को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र भेंट कर उनका सम्मान किया गया और रक्तदान के महत्व पर जानकारी दी गई।
इस दौरान चिकित्सकों ने कहा कि जिले में लगभग 50 से अधिक एनिमिक, सिकलसेल या थैलेसेमिया जैसी बीमारियों से ग्रसित ऐसे मरीज हैं, जिन्हें एक से दो महीने में रक्त चढ़ाना पड़ता है। रक्तदाताओं द्वारा किए गए रक्तदान से ऐसे कई जरूरतमंद मरीजों का जीवन बढ़ जाता है। आयोजित सम्मान समारोह में सिविल सर्जन ने सभी रक्तदानदाताओं को आभार व्यक्त किया। जिस पर रक्तदानदाताओं द्वारा आगे भी इसी तरह सहयोग एवं समर्थन प्रदाय करते रहने की मंशा जाहिर की गई।
ब्लड बैंक के प्रभारी अधिकारी ने बताया कि रक्तदान करने की भावना जितनी अहम है। उतना ही महत्वपूर्ण शुद्ध रक्तदान करना और करवाना भी। उन्होंने स्पष्ट किया कि नियमावली के तहत युवाओं और विशेषकर ऐसे रक्तदानदाता जिनके शरीर में साढ़े 13 ग्राम से अधिक रक्त हो उन्हीं से लिया जाता है। यदि कोई शुगर, बीपी या अन्य किसी बीमारी से पीड़ित है या नशे का आदी है तो उसका रक्तदान उपयोग में नहीं लाया जा सकता। इसलिए रक्तदानदाताओं को चाहिए कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और रक्तदान को गंभीरता से लें।
हमेशा पौष्टिक भोजन करें और सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, शराब या अन्य कियी भी तरह के नशे से हमेशा दूर रह कर जनहित में योगदान करते रहें। जिला चिकित्सालय प्रबंधन ने आमजन से भी अपील की कि वे ऐसे रक्तदानदाता जो पैसे लेकर रक्तदान का व्यवसाय करते हैं, उनके झांसे में न आएं। क्योंकि इस तरह के रक्तदान में रक्त की शुद्धता की प्रतिशतता कम होती है। यानी पहले से कई तरह की बीमारियों या नशे की लत के शिकार होने व बिचैलियों के होने की आशंका अधिक होती है। ऐसा रक्त उपयोग में नहीं लाया जाना चाहिए। इसलिए हमेशा स्वैच्छिक रक्तदान की प्रवृति को ही अपनाएं और बढ़ावा दें।
उल्लेखनीय है कि रक्तदानदाता सम्मान समारोह के दिन भी 11 रक्तदानदाताओं ने महादान किया और 11 यूनिट और रक्त संग्रहित कर लिया गया। इस दौरान मैडिकल लैब तकनीशियन श्री एम.एल. चक्रधारी, स्टाफ नर्स डी. साहू, लैब सहायक श्री एम.एल. साहू एवं मैडिकल लैब तकनीशियन (प्रशिक्षु) श्रीमती दसोदा साहू का योगदान सराहनीय रहा।
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