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नरेंद्र मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यम ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर फिर चेतावनी दी है. एनडीटीवी के मुताबिक उन्होंने कहा है कि भारत किसी सामान्य आर्थिक संकट की चपेट में नहीं है बल्कि स्थिति बहुत गंभीर है. अरविंद सुब्रमण्यम के मुताबिक अर्थव्यवस्था के मुख्य संकेतकों की वृद्धि दर या तो नकारात्मक है या फिर उनमें नाममात्र की वृद्धि है. उनका यह भी कहना था कि निवेश से लेकर आयात-निर्यात तक हर जगह मंदी है जिसके चलते लोगों की आय भी घटी है और सरकार को मिलने वाला राजस्व भी.
आईआईएम अहमदाबाद और इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड से पढ़े अरविंद सुब्रमण्यम दुनिया के चर्चित अर्थशास्त्रियों में शुमार हैं. नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वे तीन साल तक मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे. कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय ट्विन बैलेंस शीट (टीबीएस) की दूसरी लहर का सामना कर रही है जिसके चलते इसमें असाधारण सुस्ती आ गई है. उनका दावा था कि अर्थव्यवस्था आईसीयू की तरफ जाती दिख रही है.
टीबीएस की समस्या तब पैदा होती है जब निजी कंपनियों द्वारा लिया गया विशाल कर्ज एनपीए में तब्दील होने लगता है. अरविंद सुब्रमण्यम के मुताबिक टीबीएस-1 नाम का संकट तब पैदा हुआ जब बैंकों ने 2004 से 2011 तक स्टील, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे से जुड़ी कंपनियों को कर्ज दिए और यह पैसा डूब गया.
अरविंद सुब्रमण्यम के मुताबिक टीबीएस-2 का लेना-देना मुख्य तौर पर नोटबंदी के बाद वाले दौर से है. उनके मुताबिक इस दौर में बैंकों में खूब पैसा जमा हुआ जिन्होंने इसका एक बड़ा हिस्सा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को उधार दिया. इन कंपनियों ने आगे यह पैसा रियल एस्टेट सेक्टर में लगाया. 2017-18 तक रियल एस्टेट से जुड़ी जो पांच लाख करोड़ रु की रकम बकाया थी उसमें लगभग आधा वही पैसा था जो एनबीएफसी ने इस सेक्टर को दिया था.
अरविंद सुब्रमण्यम का कहना है कि सितंबर 2018 में जब आईएलएंडएफएस के ढहने की खबर आई तो यह सिर्फ इसलिए अहम नहीं थी कि 90 हजार करोड़ रु से ज्यादा का कर्ज डूब रहा है. उनके मुताबिक यह खबर इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण थी कि अब बाजार पूरे एनबीएफसी सेक्टर की तरफ से चौकन्ना हो गया.
इसके बाद जो पता चला वह और भी ज्यादा चिंता जगाने वाला था. पता चला कि बहुत से एनबीएफसी ऐसे हैं जिन्होंने हाल में अपना ज्यादातर पैसा रियल एस्टेट में ही लगाया है. अरविंद सुब्रमण्यम के मुताबिक यह बहुत खतरनाक स्थिति है क्योंकि फिलहाल जो आंकड़े हैं वे बताते हैं कि भारत के शीर्ष आठ शहरों में ऐसे मकानों या फ्लैट्स का आंकड़ा 10 लाख है जिनका कोई खरीदार नहीं है. इनकी कीमत मोटा-मोटी आठ लाख करोड़ रु बैठती है. यानी आगे खाई साफ दिख रही है. - आगरा। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुई थी। प्रदर्शन के बाद हालात सामान्य हो रहे हैं। वहीं, गुरुवार को एक बार फिर ब्रॉडबैंड और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। पुलिस-प्रशासन की मानें तो ऐसा एहतियात के तौर पर किया गया है। बता दें कि गुरुवार सुबह 10 बजे से शुक्रवार शाम 6 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद की गई हैं।
जानकारी के अनुसार, जिले में इंटरनेट बंद करने का फैसला जुमा की नमाज के मद्देनजर लिया गया है। इससे पिछले शुक्रवार भी सीएए के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था। तब भी नमाज के लिए जुटी भीड़ आक्रामक हो गई थी। एक आदेश में, जिला प्रशासन ने कहा कि इस बैन से मकसद नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के बारे में गलत सूचना को रोकना है। बताया गया कि शहर में शुक्रवार की नमाज के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन सीएए के खिलाफ भड़क सकता है।
एडीएम सिटी डॉ. प्रभाकांत अवस्थी ने इंटरनेट सेवा बंद किए जाने का आदेश जारी किया। इसमें यह भी बताया गया है कि लूप लाइन और लीज लाइन सेवा भी बंद रहेगी। इंटरनेट सेवा बंद किए जाने की वजह सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलना बताई गई है। डीएम एनजी रवि कुमार ने बताया कि धारा 144 के तहत ही इंटरनेट सेवा को बंद किया गया है। फिरोजाबाद जनपद में भी जुमे की नमाज को देखते हुए प्रशासन ने पैनी नजर रखना शुरू कर दिया है। मोबाइल इंटरनेट सेवा को आज व शुक्रवार को बंद रखने का फैसला लिया है। वहीं, मथुरा में भी 27 दिसंबर की शाम को छह बजे इंटरनेट बंद रखने का फैसला प्रशासन ने लिया है। - एजेंसी
कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार ने अपनी ही घोषणा को रद्द करते हुए मंगलूरू हिंसा में मारे गए दो लोगों के परिजनों को मुआवजा देने से इनकार कर दिया है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि मंगलूरू में पुलिस की गोलीबारी में मारे गए दो लोगों के परिजन को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने के फैसले को वापस लिया गया है।बता दें कि मंगलूरू में 19 दिसंबर को नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों में दो लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया कि ये मौतें पुलिस की फायरिंग से हुईं हैं। हालांकि तब पुलिस ने इससे इनकार किया था।
इसके बाद 22 दिसंबर को मंगलूरू के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने विभिन्न धार्मिक समुदायों के प्रतिनिधियों और पीड़ितों के परिवार के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने घोषणा की थी कि वह मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देंगे। इसके अलावा हिंसा की जांच की जाएगी। - मुंबईमहाराष्ट्र में कई वीवीआईपी की सुरक्षा में बदलाव किया गया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे की सुरक्षा को बढ़ाया गया है तो वहीं सचिन तेंदुलकर समेत कई लोगों की सुरक्षा में कटौती की गई है. शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे की सुरक्षा को Y+ से बढ़ाकर Z कर दी गई है. हालांकि, पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की सुरक्षा X श्रेणी से कम कर दी गई है. अब उनके साथ चौबीस घंटे पुलिसकर्मी नहीं होगा, लेकिन एस्कॉर्ट रहेगा.
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक की सुरक्षा को Z+ से घटाकर X कर दी गई है. वरीष्ठ वकील उज्ज्वल निकम की सुरक्षा को Z+ से Y कर दिया गया. इसके अलावा बीजेपी नेता एकनाथ खडसे की Y सिक्योरिटी से एस्कॉर्ट को हटा दिया गया है. महाराष्ट्र में 97 लोगों को सुरक्षा मिली है, जिसमें से 29 लोगों की सुरक्षा में बदलाव किया गया है. इसके अलावा खतरे को देखते हुए 16 लोगों को सुरक्षा दी गई है. - एजेंसी
झारखंड चुनाव नतीजों से जो तस्वीर सामने आ रही है, उससे साफ है कि रघुवर दास सरकार की विदाई तय है। विपक्ष बीजेपी को लगे इस झटके की वजह सीएम रघुवर दास की अक्खड़ छवि को भी मानता है. बता दें कि सीएम रघुवर दास 'अबकी बार 65 पार' का नारा दे रहे थे, अब नतीजों में बीजेपी 30 का आंकड़ा छूते भी नजर नहीं आ रही है. रघुवर दास जिस जमशेदपुर ईस्ट सीट पर 1995 से लगातार जीत रहे हैं, जहां पिछला चुनाव उन्होंने 70 हजार वोटों से जीता था. इस बार मुख्यमंत्री रहते हुए भी उस सीट को जीतने के लिए वह जोर आजमाइश करते नजर आए.
झारखंड में रघुवर दास सीएम रहते हुए अपनी छवि के लिए चर्चा में रहे. ऐसा कई बार हुआ जब वे सार्वजनिक कार्यक्रमों में अफसरों, फरियादियों पर अपना गुस्सा जाहिर कर चुके हैं. एक वाकया 2015 का है. रघुवर दास धनबाद दौरे पर थे. इस दौरान बोकारो के जिला अधिकारी मनोज कुमार को मोबाइल पर बात करते देख उन्होंने उन्हें हॉल छोड़कर जाने का आदेश दे दिया. इसके आधे घंटे बाद फिर उन्हें वापस बुला लिया. इसी कार्यक्रम में भाषण के दौरान एक स्थानीय अधिकारी अनिल कुमार सिंह को मंच के सामने से जाते देख रघुवर दास आग बबूला हो गए. सीएम का यह बर्ताव काफी चर्चाओं में रहा था.
- नई दिल्ली। पांच चरणों में संपन्न हुए झारखंड़ विधानसभा चुनाव की आज सुबह 8 बजे मतगणना शुरू हो चुकी है। पहले पोस्टल बैलेट की गिनती की जा रही है। उसके बाद ईवीएम के मतों की गणना की जानी है। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस गठबंधन और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है। एक राउंड में अधिकतम 14 ईवीएम के वोटों की गिनती की जाएगी। हर राउंड में मतों की गिनती के बाद औपचारिक घोषणा की जाएगी। निर्वाचन पदाधिकारी अपने-अपने जिलों में स्ट्रांग रूम की निगरानी में जुटे हुए हैं।
EC ने दिए 81 सीटों के रुझान जारी किए, कांग्रेस गठबंधन को बहुमत(41), बीजेपी 28 सीटों पर आगे, आजसू 5, जेवीएम-4 सीपीआई -1, एनसीपी-1 और निर्दलीय 1 सीट पर आगे - लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act- CAA) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजामात किए गए हैं. उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह (DGP OP Singh) ने कहा कि पूरे UP में विभिन्न जनपदों में विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए फोर्सेस तैनात किए गए हैं. उन्होंने कहा कि अब तक 5000 प्रदर्शनकारियों को पाबंद किया गया है. डीजीपी ने बताया कि इस पूरी घटना में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 288 पुलिस घायल हैं.
डीजीपी ओपी सिंह ने राज्य के लोगों से शांति की अपील की है. उन्होंने कहा कि राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने में हमारी मदद करें. राज्यभर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के नुकसान का सर्वे किया जा रहा है. सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का जुर्माना उपद्रवियों से ही वसूला जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर जुर्माना नहीं देंगे तो कोर्ट से आदेश लेकर हम कुर्की की व्यवस्था करेंगे. डीजीपी ने कहा कि राज्य में धारा 144 लगाई गई है. अगर TMC के लोग यहां न आएं तो बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि अगर वो आए तो सुरक्षा कारणों को देखते हुए हम उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं आने देंगे.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार से मिलने के लिए रविवार को TMC के चार नेता लखनऊ आने वाले हैं. ऐसे में यूपी पुलिस ने उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोकने की तैयारी में है.
उधर, नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन में शामिल उपद्रवियों की पहचान सीसीटीवी फुटेज, फोटोग्राफ्स व वीडियो से चिन्हित कर एफआईआर दर्ज होगी. इसके बाद नुकसान किए गए सार्वजनिक व सरकारी संपत्तियों का मूल्यांकन किया जाएगा जिसके आधार पर नुकसान की भरपाई के लिए उपद्रवियों के घर नोटिस भेजा जाएगा. इसके बाद सरकार द्वारा उपद्रवियों की संपत्ति की कुर्की की जाएगी.
डीएम ने मूल्यांकन एवं क्षतिपूर्ति के लिए गठित की टीमराजनीतिक जुलूस, धरना और प्रदर्शन आदि के दौरान प्रदर्शनकारियों के उपद्रवी होने के कारण सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में क्षति के मूल्यांकन एवं क्षतिपूर्ति के कार्य के लिए लखनऊ के जिला अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने 4 अधिकारियों की एक टीम गठित की है. इसमें लखनऊ पूर्वी के एडीएम को पूर्वी क्षेत्र, लखनऊ पश्चिमी एडीएम को पश्चिमी क्षेत्र, ट्रांसगोमती के एडीएम को ट्रांसगोमती क्षेत्र और एडीएम प्रशासन को ग्रामीण क्षेत्रों में हुए क्षति का मूल्यांकन और क्षतिपूर्ति का कार्य सौंपा गया है. - उन्नाव। उन्नाव रेप केस में दोषी ठहराए गए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने एक महीने के भीतर जुर्माना राशि अदा करने का भी निर्देश दिया है। बता दें, 16 दिसंबर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत दोषी ठहराया था। 17 दिसंबर को सजा पर बहस की गई थी। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले कुलदीप सिंह सेंगर को अपनी आय और संपत्ति का पूरा ब्योरा देने का आदेश दिया था।
बता दें, 16 दिसंबर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत दोषी ठहराया था। 17 दिसंबर को सजा पर बहस की गई थी। कोर्ट में बहस के दौरान सीबीआई ने कुलदीप सेंगर को अधिकतम सजा देने की मांग की थी। साथ ही पीड़िता को मुआवजा दिए जाने का आग्रह किया था। वहीं, बचाव पक्ष की तरफ से सेंगर की उम्र का हवाला देते हुए कहा गया था कि उन्होंने हमेशा लोगों की सेवा की। उनकी दो बेटियां हैं जो शादी के लायक हैं ऐसे में उनको कम से कम सजा दी जानी चाहिए। -
नई दिल्ली। CAA के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। तोड़-फोड़, आगजनी की जा रही है। शहर में डर का माहौल बनाया जा रहा है। प्रद र्शनकारी उग्र होते जा रहे हैं। गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का उग्र रूप दिखा। प्रदर्शनकारियों के इस रूप को देखकर हैरानी और अफसोस हो रहा है। सड़क पर हंगामा बरपा है। अफवाह के जरिए माहौल को बिगाड़ा जा रहा है। वहीं सरकार का दावा है कि इस कानून से किसी की नागरिकता छीनी नहीं जा रही है।
इस हंगामे की वजह से आम जनता की मुश्किल बढ़ गई है। पुलिस के जवान लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी मामने को तैयार नहीं है। उनकी मांग है कि सरकार इस बिल को वापस ले। इस बिल पर किए जा रहे प्रदर्शन का एक और रूप कर्नाटक की राजधानी बैंगलुरू में दिखा, जहां बैंगलुरू सेंट्रल के डीसीपी ने अपने एक कदम से प्रदर्शनकारियों को न केवल शांत कराया बल्कि उन्हें अपने घर लौटने के लिए मना लिया।
बेंगलुरु टाउन हॉल पर चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जगह खाली करने के लिए कहा, लेकिन जब उन्होंने जगह खाली करने से इनकार कर दिया तो खुद बेंगलुरु (मध्य) के डीसीपी चेतन सिंह राठौर को वहां आना पड़ा। चेतन सिंह ने पहले प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, उन्हें वहां से चले जाने की अपील की, लेकिन जब प्रदर्शनकारी टस से मस नहीं हुए तो डीसीपी चेतन ने कहा कि मैं एक गाना गाऊंगा जिसमें मेरे सारे देशवासी मेरे साथ खड़े होंगे।
इतना कहकर चेतन ने राष्ट्रगान गाना शुरू कर दिया । जन गन मन के शुरू होते ही एक-एक कर सभी प्रदर्शनकारी खड़े हो गए और उनके साथ राष्ट्रगान गाने लगे। फिर क्या था राष्ट्रगान खत्म होते ही सारे प्रदर्शनकारी वहां से चले गए। उनके इस काम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है । लोग डीसीपी चेतन की समझारी और उनके काम की तारीफ कर रहे हैं। - एजेंसी
संभल: नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ उत्तर प्रदेश के संभल में प्रदर्शन हिंसक हो गया. यहां प्रदर्शनकारियों ने रोडवेज की एक बस को आग के हवाले कर दिया. फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई. कानून के विरोध में सूबे की राजधानी लखनऊ में भी प्रदर्शन हो रहे हैं. राज्य में धारा 144 लागू कर दी गई है. पुलिस ने अलग-अलग जिलों से सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है.गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) लोकसभा में 9 दिसंबर, 2019 को पास होने के बाद 11 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पेश किया जहां एक लंबी बहस के बाद यह बिल पास हो गया. इस बिल के पास होने के बाद यह नागरिकता संशोधन कानून बन गया. इस कानून के विरोध में असम, बंगाल समेत देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए. - बेंगलुरू: नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ आज (गुरुवार) देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. दिल्ली में लाल किला के पास धारा 144 लगा दी गई है. प्रदर्शन कर रहे दर्जनों लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. वहीं बेंगलुरु में मशहूर इतिहासकर व लेखक रामचंद्र गुहा को पुलिस ने हिरासत में लिया है. यहां करीब 30 प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में लिया गया है.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने आज शहर में मार्च निकालने का फैसला किया था. बेंगलुरु पुलिस ने इस प्रदर्शन की मंजूरी नहीं दी थी. जिसके बाद सुबह से ही मुख्य सड़कों पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी. रामचंद्र गुहा भी प्रदर्शनकारियों के साथ मार्च में शामिल हुए, जिसके बाद पुलिस ने गुहा सहित 30 लोगों को हिरासत में ले लिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. - दिल्ली में हुए निर्भया कांड के चार दोषियों में से एक अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया हगै। दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका को जस्टिस भानुमति की अध्यक्षता वाली नई बेंच ने खारिज कर दिया। बेंच के अन्य सदस्य जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस बोपन्ना हैं। निर्भया बलात्कार मामले में दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखने के शीर्ष अदालत के 2017 के फैसले के खिलाफ एक दोषी अक्षय कुमार सिंह ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
दिल्ली सरकार की ओर से अदालत में याचिका का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि कुछ अपराध ऐसे होते हैं जिनमें ''मानवता रोती' है और यह मामला उन्हीं में से एक है। मेहता ने कहा, '' कई ऐसे अपराध होते हैं जहां भगवान बच्ची (पीड़िता) को ना बचाने और ऐसे दरिंदे को बनाने के लिए शर्मसार होते होंगे। ऐसे अपराधों में मौत की सजा को कम नहीं करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि जो होना तय है उससे बचने के लिए निर्भया मामले के दोषी कई प्रयास कर रहे हैं और कानून को जल्द अपना काम करना चाहिए। दोषियों की आरे से पेश हुए वकील ए. पी सिंह ने अदालत से कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वायु और जल प्रदूषण की वजह से पहले ही लोगों की उम्र कम हो रही है और इसलिए दोषियों को मौत की सजा देने की कोई जरूरत नहीं है। - नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। दिल्ली के जामिया और सीलमपुर समेत कई जगहों पर इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया। नागरिकता संशोधन कानून, 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 59 याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
वहीं याचिका दायर करने वाले वकीलों की मांग है कि तबतक नागरिकता संशोधन एक्ट पर स्टे लगा दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 22 जनवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि एक्ट पर स्टे लगाने के लिए जो दलील दी जा रही है, वह एक्ट को चैलेंज करने के समान है। ऐसे में एक्ट पर किसी तरह का स्टे ना लगाया जाए। - दिल्ली के सीलमपुर में हुए बवाल के बाद अब पुलिस ड्रोन से निगरानी कर रही है। एतहतियात के तौर पर पुलिस के द्वारा यह कदम उठाया गया है। जानकारी के मुताबिक सीलमपुर और आसपास के इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। जिसके बाद अब यहां हालात सामान्य हो गए हैं। सीलमपुर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चला रहा प्रोटेस्ट कैसे हिंसा में तब्दील हो गया? इसके बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि ‘यहां सीएए के विरोध में पिछले कुछ दिनों से विरोध चल रहा था। लेकिन आज (17-12-2019) को अचानक यहां कुछ लोगों ने पहले स्कूली बच्चों की बसों पर पथराव शुरू कर दिया। इस बस में बच्चे बैठे हुए थे। बच्चों को बचाने के लिए पुलिस ने पहली लाठियां चटकाईं…जिसके बाद यह बवाल काफी बढ़ गया।’
जानकारी के मुताबिक इलाके के स्थानीय लोग मिलकर यहां मार्च निकाल रहे थे और इसमें कुछ स्थानीय नेता भी शामिल थे। इस प्रदर्शन में करीब 2000 लोग शामिल थे। दोपहर करीब 12 बजे के बाद लोग जुटने लगे थे। दोपहर 12 बजे से लेकर 2 बजे के बीच यहां हिंसा भड़की थी। कई स्कूली बच्चे जो बस से घर लौट रहे थे वो भी रास्ते में फंस गए। पुलिस ने किसी तरह इन बच्चों को भीड़ से सुरक्षित निकाला और इस दौरान भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया।
सीलमपुर के लोगों का कहना है कि प्रदर्शन में कुछ बाहरी लोग शामिल थे जिन्होंने यह हंगामा किया। बता दें कि डीटीसी बसों को आग के हवाले किया गया, पुलिस चौकी को फूंक दिया गया, बैरिकेड को तोड़ा गया और पुलिस पर रोड़े बरसाए गए। उपद्रवियों को काबू करने के लिए पुलिस काफी देर तक आंसू गैस के गोले छोड़ती रही। इस हिंसा में कई पुलिस वाले भी घायल हुए हैं और इसमें कुछ स्थानीय लोग भी जख्मी हो गए हैं। - एजेंसी
नई दिल्ली: आठ राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने की मांग और अल्पसंख्यक की सही परिभाषा तय करने की मांग करने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की. बीजेपी नेता वकील अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता का कहना था कि कई राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, वहां उन्हें अल्पसंख्यकों के लिए तय लाभ मिलने चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इसके लिए कोई दिशानिर्देश तय नहीं कर सकता. चीफ जस्टिस ने कहा कि राज्यों को भाषाओं के आधार पर बनाया गया है. परंतु धर्म सभी सीमाओं और राजनीतिक सीमाओं से परे है.
जिन आठ राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई थी, वो हैं-जम्मू कश्मीरपंजाबलक्षद्वीपमिज़ोरमनगालैंडमेघालयअरुणाचल प्रदेशमणिपुर - एजेंसीनई दिल्ली : दिल्ली के रामलीला मैदान से कांग्रेस ने भारत बचाओ रैली के जरिए केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। इस रैली में दिए राहुल गांधी के एक बयान ने महाराष्ट्र की सियासत में हलचल पैदा कर दी है। राहुल गांधी ने अपने 'रेप इन इंडिया' वाले बयान पर माफी न मांगने को लेकर कहा कि उनका नाम राहुल गांधी है राहुल सावरकर नहीं। उनके इस बयान से शिवसेना काफी नाराज है क्योंकि वह विनायक दामोदर सावरकर को अपना हीरो मानती है। यह शिवसेना के उस नायक का अपमान है जिसके नाम पर पार्टी सालों से राजनीति कर रही है।
महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के महा विकास अघाड़ी गठबंधन की पार्टी है। माफी को लेकर राहुल ने सावरकर का नाम इसलिए लिया क्योंकि अंडमान की सेलुलर जेल में कैद हिंदूवादी नेता ने 14 नवंबर, 1913 को ब्रिटिश सरकार को कथित रूप से माफीनामा लिखा था। भाजपा द्वारा रेप इन इंडिया पर माफी मांगने को लेकर उन्होंने कहा कि उनका नाम सावरकर नहीं बल्कि गांधी है। मर जाएंगे लेकिन कभी माफी नहीं मांगेगे।
वहीं अब शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि राहुल का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं से अनुरोध करता हूं कि वह सावरकर का बलिदान समझने के लिए राहुल को उनकी कुछ किताबें गिफ्ट करें। उन्होंने कहा, 'हम पंडित नेहरू, महात्मा गांधी को भी मानते हैं, आप वीर सावरकर का अपमान ना करें। समझने वाले समझ गए है। जय हिंद!!' दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, 'आप आज भी यदि सावरकर का नाम लेते हैं तो देश के युवा उत्तेजित और उद्वेलित हो जाते हैं, आज भी सावरकार देश के नायक हैं और आगे रहेंगे, वह हमारे देश का गर्व हैं।' - नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन एक्ट (Citizenship Amendment Act) का देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है. पश्चिम बंगाल (West Bengal), असम (Assam) के साथ नगालैंड (Nagaland) में प्रदर्शन से जनजीवन प्रभावित है. वहीं, देश की प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी (Jamia Millia Islamia) में विरोध प्रदर्शन के चलते सेमेस्टर की परीक्षा स्थगित कर दी गई है. जामिया प्रशासन के मुताबिक़ ये परीक्षाएं आज से शुरू होनी थी.
असम के कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने विरोध जारी रखा है. कई इलाकों में कर्फ्यू में थोड़ी ढील दी गई है. प्रदर्शन कर रहे लोग हड़ताल पर भी चले गए हैं. इलाकों में सेना लगी हुई है. पिछले तीन दिन से हो रहे प्रदर्शन के दौरान तीन लोगों को मौत हो गई थी. गुवाहाटी सहित असम के कई इलाकों में इंटरनेट बंद है.
पश्चिम बंगाल में नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ शनिवार को जारी प्रदर्शन के तहत प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर सड़कें एवं रेल मार्ग बाधित रखे. पुलिस ने बताया कि मुर्शिदाबाद और उत्तरी 24 परगना जिलों और हावड़ा (ग्रामीण) से हिंसा की खबरें मिली हैं. उन्होंने बताया कि मुर्शिदाबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग 34 और जिले की गई अन्य सड़कों को बाधित कर दिया गया. राष्ट्रीय राजमार्ग 34 उत्तरी और दक्षिणी बंगाल को जोड़ने वाला एक प्रमुख मार्ग है. उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने हावड़ा जिले के दोम्जुर इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग छह भी बाधित कर दिया. उन्होंने पहियों में आग लगा दी और कई वाहनों में तोड़ फोड़ की. पुलिस ने बताया कि पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी को स्थिति नियंत्रित करने के लिए मौके पर भेजा गया है. पूर्वी रेलवे के सियालदह-हसनाबाद के बीच रेल सेवाएं भी बाधित हैं. रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदर्शनकारी सुबह छह बजकर 25 मिनट से शोंडालिया और काकड़ा मिर्जापुर स्टेशनों पर पटरी पर धरना दे रहे हैं. - नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 'रेप इन इंडिया' वाले बयान पर शुक्रवार को लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ. स्मृति इरानी समेत बीजेपी की तमाम महिला सांसदों ने राहुल गांधी पर निशाना साधा और उनसे माफी की मांग की. स्मृति इरानी ने राहुल गांधी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वे (राहुल गांधी) रेप को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. क्या वे चाहते हैं कि महिलाओं के साथ रेप हो? इस दौरान भाजपा की तमाम महिला सांसद लोकसभा में अपनी जगह पर खड़ी हो गईं और 'राहुल गांधी माफी मांगो' के नारे लगाने लगीं.
दरअसल, झारखंड के गोड्डा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था, ''नरेंद्र मोदी ने कहा था 'मेक इन इंडिया' लेकिन आजकल आप जहां कहीं भी दिखते हैं, वह 'रेप इन इंडिया' है. उत्तर प्रदेश में नरेंद्र मोदी के विधायक ने एक महिला के साथ बलात्कार किया, फिर वह एक दुर्घटना की शिकार हुई लेकिन नरेंद्र मोदी ने एक शब्द भी नहीं कहा.'' बता दें कि लोकसभा के अलावा राज्यसभा में भी शुक्रवार को राहुल गांधी के बयान को लेकर हंगामा हुआ.
कुछ सदस्यों ने 'राहुल गांधी माफी मांगो' के नारे लगाए. इस दौरान राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने कहा कि आप किसी ऐसे व्यक्ति का नाम नहीं ले सकते हैं, जो इस सदन का हिस्सा नहीं है. किसी को भी सदन की कार्यवाही बाधित करने का अधिकार नहीं है. - महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद से कथित रूप से बीजेपी के नेताओं से नाराज चल रहीं पंकजा मुंडे ने गुरुवार (12 दिसंबर) को बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि मैं औरंगाबाद में एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठूंगी। यह किसी भी पार्टी या व्यक्तियों के खिलाफ नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि समूचे महाराष्ट्र का दौरा कर पिता गोपीनाथ मुंडे के नाम पर बने संगठन के लिए काम करूंगी।
बीड में बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने कहा, “मैं औरंगाबाद में एक दिवसीय भूख हड़ताल करूंगी। यह किसी भी पार्टी या व्यक्तियों के खिलाफ नहीं होगा। मराठवाड़ा के मुद्दे पर नेतृत्व का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह एक सांकेतिक भूख हड़ताल होगी।” हालांकि बाद में उन्होंने यह भी कहा कि वह बीजेपी नहीं छोड़ेंगी। मुंडे 27 जनवरी, 2020 को औरंगाबाद में एक दिन की हड़ताल पर बैठेंगी।
इस बीच खबर है कि बीजेपी के नेताओं से नाराज चल रहीं पंकजा मुंडे को मनाने की कोशिशें भी तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र बीजेपी के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल, वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से समेत कई बड़े नेता पंकजा मुंडे के घर पराली पहुंच गए हैं। बता दें कि मुंडे ने अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की जयंती पर बीड के पराली में एक रैली बुलाई है। - एजेंसीनई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हैदराबाद एनकाउंटर (Hyderabad encounter) की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया है. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज वी एस सिरपुरकर की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया गया है.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वारदात का सीन रिकरिएट करने के दौरान वहां क्या हुआ, यह जांच का विषय है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच आयोग हैदराबाद में एक उपयुक्त स्थान पर अपनी बैठक आयोजित करेगा. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि CRPF आयोग को सुरक्षा प्रदान करेगा.बता दें 6 दिसंबर को हुए इस एनकाउंटर में पुलिस (POLICE) ने एक महिला वेटनरी डॉक्टर से सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के चार आरोपियों को मार गिराया था. महिला वेटेनरी डॉक्टर से हैदराबाद के बाहरी इलाके शमशाबाद में 27 नवंबर को सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसके शव को शादनगर कस्बे के पास जला दिया गया था.6 दिसंबर को हुआ था एनकाउंटरआरोपी 6 दिसंबर की सुह तब मारे गए जब उन्होंने कथित तौर पर पुलिस से हथियार छीन लिए और हैदराबाद से करीब 50 किलोमीटर दूर शादनगर के पास चटनपल्ली से भागने की कोशिश की.आरोपियों को उसी स्थान पर ढेर कर दिया गया जहां 27 नवंबर की रात को हैदराबाद के बाहरी इलाके में शमशाबाद के पास पीड़िता का सामूहिक दुष्कर्म और हत्या करने के बाद उसके शव को जलाकर फेंक दिया था.जांच के हिस्से के रूप में क्राइम सीन रिक्रिएट करने के लिए आरोपियों को मौके पर ले जाया गया था, जहां आरोपियों ने भागने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस ने उन्हें मार गिराया.साइबराबाद पुलिस आयुक्त वी.सी. सज्जनार ने पत्रकारों से कहा था कि 10 सदस्यीय पुलिस टीम द्वारा आरोपियों को सुबह 5.45 बजे मौके पर ले जाया गया था. पुलिस टीम इन आरोपियों को यहां पीड़िता के शव को जलाने के बाद उनके द्वारा छिपाए गए मोबाइल और अन्य सामग्रियों को खोजने आई थी.उन्होंने कहा कि आरोपियों ने पुलिस पर पत्थरों, छड़ी और अन्य धारदार सामग्रियों से हमला किया. इनमें से दो आरोपियों ने पुलिसकर्मियों से हथियार छीन लिए और फायरिंग की. उन्होंने कहा, "इसके बाद भी पुलिस ने धर्य बरता और उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा, लेकिन उन्होंने गोलीबारी जारी रखी. पुलिस ने गोलीबारी का जवाब दिया और पाया कि चारों की मौत हो चुकी है."
- रांची : झारखंड विधानसभा के तीसरे चरण के चुनाव के लिए मतदान 12 दिसंबर को यानी आज शुरू हो चुका है. इसमें राजधानी रांची की पांच समेत कुल 17 विधानसभा सीटों पर मतदान सुबह सात बजे से जारी है. मतदाताओं की कतार सुबह से ही मतदान केंद्रों में नजर आ रही है.
पांच विधानसभा सीटों रांची, हटिया, कांके, रामगढ़ और बरकट्ठा पर शाम पांच बजे तक मतदान होगा. वहीं, कोडरमा, बरही, मांडू, हजारीबाग, सिमरिया, बड़कागांव, धनवार, गोमिया, बेरमो, ईचागढ़, सिल्ली और खिजरी विधानसभा सीटों पर दोपहर तीन बजे तक वोट पड़ेंगे. तीसरे चरण में राज्य के आठ जिलों में मतदान हो रहा है.
-कोडरमा विधानसभा में सुबह 9.00 बजे तक कुल 11% मतदान हुआ है.
-गोमिया के पुराना सिनेमा हॉल के समीप कन्या प्राथमिक विद्यालय के बूथ संख्या 71 में ईवीएम मशीन खराब रहने के कारण एक घंटा बिलंब से मतदान शुरू हुआ.
-पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने हजारीबाग के एक मतदान केंद्र पर किया मताधिकार का प्रयोग.
-रांची विधानसभा: महागंठबंधन की प्रत्याशी महुआ मांझी मतदान करने की अपील करते हुए. -
गांधीनगर : गुजरात के गोधरा में हुए दंगे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट मिल गई है, आज गुजरात विधानसभा में पेश हुए रिपोर्ट में पीएम मोदी को क्लीन चिट दे दी गई है। आपको बता दें कि जिस समय गुजरात में दंगे हुए थे, तभी नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।नानावती आयोग की रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट दिया गया है। गुजरात गृह मंत्रालय ने विधानसभा में नानावती रिपोर्ट को पेश किया है।
राज्य के गृहमंत्री प्रदीप सिंह ने कहा कि आयोग ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिया है. साथ ही आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि तत्कालीन मंत्री हरेन पंड्या, भरत बारोट और अशोक भट्ट की किसी भी तरह की भूमिका साफ नहीं होती है. रिपोर्ट में अरबी श्रीकुमार, राहुल शर्मा और संजीव भट्ट की भूमिका पर सवाल खड़े किए गए हैं.
गृह मंत्री प्रदीप सिंह ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी पर आरोप लगा था कि किसी भी जानकारी के बिना वो गोधरा गए थे. इस आरोप को आयोग ने ख़ारिज कर दिया है. इसके बारे में सभी सरकारी एजेंसियों को जानकारी थी. आरोप था कि गोधरा रेलवे स्टेशन पर ही सभी 59 कारसेवकों का शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया था. इस पर आयोग का कहना है कि मुख्यमंत्री के आदेश से नहीं बल्कि अधिकारियों के आदेश से पोस्टमार्टम किया गया था.’
रिपोर्ट में मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के लिए कहा गया है कि किसी भी जानकारी के बिना वो गोधरा गए थे. इस आरोप को पंच ने खारिज कर दिया है कि इसके बारे में सभी सरकारी एजेंसियों को जानकारी थी.
गोधरा स्टेशन पर सभी 59 कारसेवक के शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया था. आयोग का कहना है कि वहां पर मौजूद अधिकारियों के आदेश पर पोस्टमॉर्टम किया गया था न की मुख्यमंत्री के आदेश पर. - नई दिल्ली
एशियाई विकास बैंक (ADB) ने इस वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के वृद्धि दर अनुमान में भारी कटौती की है. ADB ने कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में बढ़त 5.1 फीसदी ही हो सकती है. इसके पहले एडीबी ने जीडीपी बढ़त 6.5 फीसदी रहने का सितंबर महीने में अनुमान जारी किया था.
क्या कहा एडीबी ने
एडीबी ने कहा कि नौकरियों के सृजन की सुस्त रफ्तार और खराब फसल की वजह से ग्रामीण इलाकों की हालत खराब होने की वजह से उसे अपने अनुमान में कटौती करनी पड़ी है. IL&FS मामले की ओर संकेत करते हुए एडीबी ने यह भी कहा कि साल 2018 में एक बड़ी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के बर्बाद होने से वित्तीय क्षेत्र में जोखिम बढ़ा है और कर्ज संकट खड़ा हुआ है. एडीबी ने कहा, 'वित्त वर्ष 2019-20 में भारत का ग्रोथ रेट सुस्त होकर 5.2 फीसदी रह सकता है. एक बड़े गैर बैकिंग वित्तीय कंपनी में संकट की वजह से वित्तीय सेक्टर में जोखिम बढ़ा है और कर्ज संकट खड़ा हुआ है. इसके अलावा नौकरियों के सृजन की रफ्तार सुस्त पड़ने और खराब फसल की वजह से ग्रामीण क्षेत्र में संकट बढ़ने से खपत प्रभावित हुआ है.'
गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में जीडीपी का आंकड़ा 4.5 फीसदी पहुंच गया है. यह करीब 6 साल में किसी एक तिमाही की सबसे बड़ी गिरावट है. इससे पहले मार्च 2013 तिमाही में देश की जीडीपी दर इस स्तर पर थी.
- मीडिया रिपोर्ट
नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संघीय अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक ‘‘गलत दिशा में बढ़ाया गया एक खतरनाक कदम’’ है और यदि यह भारत की संसद में पारित होता है तो भारत के गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। यूएससीआईआरएफ ने सोमवार (9 दिसंबर, 2019) को एक बयान में कहा कि विधेयक के लोकसभा में पारित होने से वह बेहद चिंति है।
लोकसभा ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को मंजूरी दे दी, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है। आयोग ने कहा, ‘अगर कैब दोनों सदनों में पारित हो जाता है तो अमेरिकी सरकार को गृह मंत्री अमित शाह और मुख्य नेतृत्व के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर विचार करना चाहिए।’ उसने कहा, ‘अमित शाह द्वारा पेश किए गए धार्मिक मानदंड वाले इस विधेयक के लोकसभा में पारित होने से यूएससीआईआरएफ बेहद चिंतित है।’ नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में 311 मत और विरोध में 80 मत पड़े, जिसके बाद इसे लोकसभा से मंजूरी दे दी गई। अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक को ऐतिहासिक करार देते हुए सोमवार को कहा था कि यह भाजपा के घोषणापत्र का हिस्सा रहा है तथा 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में देश के 130 करोड़ लोगों ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाकर इसकी मंजूरी दी है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने हालांकि इसका विरोध किया। यूएससीआईआरएफ ने आरोप लगाया कि कैब आप्रवासियों के लिए नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है हालांकि इसमें मुस्लिम समुदाय का जिक्र नहीं है। इस तरह यह विधेयक नागरिकता के लिए धर्म के आधार पर कानूनी मानदंड निर्धारित करता है।
उसने कहा, ‘कैब गलत दिशा में बढ़ाया गया एक खतरनाक कदम है। यह भारत के धर्मनिरपेक्ष बहुलवाद के समृद्ध इतिहास और भारतीय संविधान का विरोधाभासी है जो धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर कानून के समक्ष समानता की गारंटी देता है।’ आयोग ने असम में चल रही राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) की प्रक्रिया और गृह मंत्री शाह द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी के बारे में कहा, ‘यूएससीआईआरएफ को यह डर है कि भारत सरकार भारतीय नागरिकता के लिए धार्मिक परीक्षण के हालात पैदा कर रही है जिससे लाखों मुस्लिमों की नागरिकता पर संकट पैदा हो सकता है।’
उसने यह भी कहा कि भारत सरकार करीब एक दशक से अधिक समय से यूएससीआईआरएफ के वक्तव्यों और वार्षिक रिपोर्टों को नजरअंदाज कर रही है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) शासन के दिनों से ही भारत लगातार कहता आ रहा है कि वह अपने आतंरिक मामलों में किसी तीसरे देश के विचारों या रिपोर्ट को मान्यता नहीं देता है। - नई दिल्ली
देश के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं से बलात्कार की बढ़ रही घटनाओं के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि वह सोमवार को अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगी क्योंकि वह इन घटनाओं से दुखी हैं। सोमवार को गांधी 73 साल की हो जाएंगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में बलात्कार की विभिन्न घटनाओं से कांग्रेस अध्यक्ष दुखी हैं और इसी वजह से वह सोमवार को अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगी। बता दें कि, सोनिया गांधी का यह निर्णय उन्नाव बलात्कार पीड़िता को आग लगा देने और दिल्ली की अस्पताल में उसकी मौत हो जाने के बाद आया है।
इससे पहले हाल में हैदराबाद में पशु चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद आग लगाकर हत्या कर दी गई थी। देश के विभिन्न हिस्सों से भी महिलाओं के खिलाफ अपराध के कई मामले सामने आए हैं और इन घटनाओं को लेकर देश में गुस्से की लहर है।