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- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर कांफ्रेंस में दिये थे निर्देश, कहा था कि दुर्ग-भिलाई का सबसे बड़ा हाॅस्पिटल है सेक्टर 9 का जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल हाॅस्पिटल, यहां स्थितियां बेहतरीन करने अस्पताल प्रबंधन के साथ मिलकर योजना बनाएं तो हाॅस्पिटल के पुराने दिन भी वापस आएंगे और दुर्ग-भिलाई के नागरिकों को महानगरों की ओर नहीं करना पड़ेगा रूख
दुर्ग 11 जून : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने दुर्ग जिले के नागरिकों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने कल कलेक्टर कांफ्रेंस में बड़ा निर्णय लिया। उन्होंने दुर्ग जिला प्रशासन को सेक्टर 9 हाॅस्पिटल प्रबंधन के साथ मिलकर यहां जिले के नागरिकों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने मैकेनिज्म बनाने निर्देश दिए। आज सुबह ही कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे इस उद्देश्य से सेक्टर 9 हाॅस्पिटल पहुंचे और उन्होंने प्रबंधन के साथ बैठक में इस संबंध में लंबी चर्चा की। चर्चा के उपरांत यह तय हुआ कि सेक्टर 9 हाॅस्पिटल इस संबंध में प्लान बनाकर देगा। कलेक्टर ने बताया कि सेक्टर 9 हाॅस्पिटल में अधोसंरचना पर्याप्त है इसे अद्यतन किया जा सकता है। राज्य शासन की अनेक योजनाओं का लाभ लेकर यहां जिले के नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें सुनिश्चित की जा सकती हैं।
बैठक में सेक्टर 9 हाॅस्पिटल प्रबंधन ने वर्तमान स्थिति, मानव संसाधन एवं अस्पताल में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं की जानकारी दी। महानगरों के अस्पतालों की तुलना में प्रशिक्षित स्टाफ एवं अधोसंरचना की जानकारी भी दी। कलेक्टर ने कहा कि सेक्टर 9 हाॅस्पिटल देश का प्रतिष्ठित संस्थान है। इसकी स्थिति निरंतर बेहतर हो और यह देश के सबसे शीर्ष मेडिकल संस्थानों में से एक हो, इस दिशा में हम सबको मिलकर काम करना है ताकि दुर्ग जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहतरीन हो। इस दिशा में जिला प्रशासन द्वारा हर संभव सहयोग सेक्टर 9 हाॅस्पिटल को किया जाएगा। चाहे मैनपावर के संबंध में हो, विशेषज्ञ चिकित्सकों के संबंध में हों अथवा किसी तरह से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने अन्य तरीके के प्रयोग हों, इस दिशा में अस्पताल प्रबंधन जो प्रस्ताव रखेगा।
उस पर विचार कर राज्य शासन के मार्गदर्शन से इस पर प्रभावी अमल किया जाएगा। सेक्टर 9 हाॅस्पिटल के डायरेक्टर डाॅ. संजीव इस्सर ने विस्तार से इस संबंध में अपनी बात रखी और उपलब्ध अधोसंरचना के संबंध में अवगत कराया। इस दौरान बीएसपी के ईडी श्री दुबे एवं सीएमएचओ डाॅ. गंभीर सिंह ठाकुर भी उपस्थित थे। कलेक्टर ने कहा कि इस तरह के प्रस्ताव आने के बाद सहमति मिलने पर एमओयू हो सकेगा। इसके माध्यम से जिले के नागरिकों को भी बिना बाहर का रूख किए स्तरीय इलाज मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि चूंकि सेक्टर 9 हास्पिटल में प्रभावी अधोसंरचना पहले ही मौजूद है इसलिए यहां पर कुछ अतिरिक्त कदम उठाकर हम बेहतरीन स्वास्थ्य अधोसंरचना बना सकते हैं। इसका लाभ सेल एम्प्लाई को भी मिलेगा और दुर्ग के नागरिकों को भी इसका पूरा लाभ मिल पाएगा। उल्लेखनीय है कि सेक्टर 9 हाॅस्पिटल में 800 बेड की सुविधा है। अस्पताल की बड़ी क्षमता को देखते हुए इसे अद्यतन करने अतिरिक्त योजना के क्रियान्वयन होने पर जिले की बड़ी आबादी को पहले से ज्यादा लाभ मिल सकता है। - दुर्ग 10 जून : मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना वर्ष 2020-21 अंतर्गत जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के माध्यम से ऋण लेने हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत उद्योग क्षेत्र के अधिकतम 25 लाख रू. सेवा क्षेत्र में अधिकतम 10 लाख रू. एवं व्यवसाय क्षेत्र में अधिकतम 2 लाख रू. आवेदन द्वारा ऋण लिया जा सकता है। योजना के अंतर्गत सामान्य वर्ग के हितग्राहियों को 10 प्रतिशत अधिकतम 1 लाख रू. तक, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिला, अल्प संख्यक, विकलांग, भूतपूर्व सैनिक, नक्सल प्रभावित आवेदकों को 15 प्रतिशत अधिकतम 1.50 लाख रू. तक एवं अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को 25 प्रतिशत अधिकतम 1.50 लाख रू. मार्जिन मनी की पात्रता होगी । आवेदक छत्तीसगढ़ राज्य का मूल निवासी हो, न्यूनतम 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण, आयु 18 से 35 वर्ष के मध्य हो (विशेष समुदाय को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट), परिवार की वार्षिक आय रू. 3 लाख से अधिक नहीं हो।ऋण लेने के इच्छुक हितग्राही कार्यालय में उपस्थित होकर अपना आवेदन पत्र के साथ विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन, आधार कार्ड, राशन कार्ड, स्थाई निवास प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान-पत्र या ड्रायविंग लाइंसेंस, शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण पत्र, जन्म तिथि प्रमाण पत्र, सक्षम अधिकारी द्वारा निःशक्तता का प्रमाण पत्र, उद्यमी विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम संबंधी प्रमाण पत्र, कम से कम पांच वर्ष का भूमि व भवन किरायानामा, वर्तमान दरों का कोटेशन जिसमेें मशीनरी, उपकरण व साज-सज्जा शामिल होने के साथ परिवार की वार्षिक आय प्रमाण पत्र सहित स्वयं का पता लिखा हुआ 2 लिफाफे व आवेदन के साथ समस्त दस्तावेज 2 प्रतियों कार्यालयीन समय मे मुख्य महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र दुर्ग मे शीघ्रतिशीघ्र आवेदन आवेदन जमा करंे।
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दुर्ग 10 जून : प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अंतर्गत जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र ,दुर्ग द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किया जा रहा है। योजना अंतर्गत अधिकतम स्वीकार्य परियोजना लगत उद्योग (विनिर्माण) क्षेत्र में अधिकतम 25 लाख रुपये सेवा, क्षेत्र अधिकतम 10 लाख रुपये आवेदक द्वारा ऋण के लिए आवेदन किया जा सकता है। योजना में उद्योग (विनिर्माण) क्षेत्र में 10 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र में 5 लाख रुपये से अधिक की परियोजनाओं में लाभार्थी को न्यूनतम आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। परियोजना लागत में निर्धारित नियमानुसार 15 प्रतिशत से 35 प्रतिशत अनुदान राशि देय होगी। कोई भी व्यक्ति अथवा परिवार के सदस्य जो पूर्व में भारत सरकार या राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत अनुदान प्राप्त कर लाभान्वित हुए हैं इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
जिन आवेदकों की उम्र 18 वर्ष से अधिक है वे इस योजना अंतर्गत खादी ग्रामोउद्योग आयोग के वेबसाइट kviconline.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन, आधार कार्ड, शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण पत्र, सक्षम अधिकारी द्वारा जारी निवास प्रमाण पत्र, ग्राम पंचायत का अनापत्ति प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार का छाया चित्र के साथ उद्यमी विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम संबंधी प्रमाण पत्र सहित अपना आवेदन कार्यालयीन समय में मुख्य महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र दुर्ग मे जमा करें। -
दुर्ग 10 जून : राज्यशासन के मछली पालन विभाग के निर्देशानुसार जिले के उप संचालक मछली पालन विभाग ने सूचित किया है कि वर्षा ऋतु के दौरान मछलियों की वंश वृद्धि (प्रजनन) को दृष्टिगत रखते हुये राज्य मे छत्तीसगढ़ नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम 1972 की धारा-3, उप धारा-2 के तहत 16 जून से 15 आगस्त 2020 तक बंद ऋतु अर्थात क्लोज सीजन के रूप मे घाषित किया है। जिले के समस्त नदियों-नालों व छोटी नदियों मे जिन पर सिंचाई के तालाब, जलाशय निर्मित किये गये है या किये जा रहे है केज कल्चर के अतिरिक्त सभी प्रकार के मत्स्याखेट पूर्णतः बंद किये जा रहे है। उक्त नियम का उल्लंघन करने पर छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य क्षेत्र अधिनियम-3 (5) क के अंतर्गत अपराध सिद्ध होने पर एक वर्ष का करावास अथवा 10 हजार रूपये का जुर्माना अथवा दोनों एक साथ होने का प्रावधन है।
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दुर्ग 10 जून : महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्रों में रेडी-टू-ईट पूरक पोषण आहार प्रदाय केवल सेक्टर प्ररिक्षेत्र में स्थित सक्षम महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से प्रस्ताव आमंत्रित किये जाते है। जिले में कुल 668 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे है। जिसमें दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में 221 जिसमें ननकट्ठी, जवेरा, हनौदा, अण्डा, उतई, चंदखुरी, नगपुरा, रसमड़ा, अंजोरा, भिलाई-2 के चरोदा में 28, भिलाई-3 में 25, दुर्ग शहर के बोरसी में 20, अहिवारा में 38, धमधा विकासखण्ड के पेण्ड्रावन में 24, पाटन विकास खण्ड के सांतरा, जामगांव आर, दरबारमोखली, पाटन, तेलीगुण्डरा, बटरेल, सेलुद, रानीतरई, गाड़ाडीह, असोगा में 267 तथा जामगाव-एम के ग्राम सिकोला व पाहंदा में 45 आंगनबाड़ी संचालित की जा रही है।
आंगनबाड़ी केन्द्रों में रेडी-टू-ईट पूरक पोषण आहार प्रदाय करने के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये है। इच्छुक अभ्यर्थी आवेदन पत्र केवल रजिस्टर्ड डाक व कोरियर के माध्यम से कलेक्टर कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग पांच बिल्डिंग परिसर, दुर्ग में 30 जून 2020 तक अपरान्ह 4ः00 बजे तक कार्यालयीन दिवस में अपना आवेदन प्रेषित कर सकते है। अन्य जानकारी 29 जून 2020 तक उक्त कार्यालय से प्राप्त कर सकते है। -
दुर्ग 10 जून : जिले के अंतर्गत तहसील उतई के ग्राम हनोदा पटवारी हल्का नम्बर 39 में कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने के कारण कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया है। कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी। इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी के पुलिस विभाग के माध्यम से पेट्रोलिंग की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी।
कन्टेनमेंट जोन उचित कार्यवाही के लिए कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी अधिकारी नियुक्त किये गये। जिसमें नायब तहसीलदार दुर्ग को कन्टेनमेंट जोन के प्रभारी अधिकारी श्री जयेन्द्र बघेल मोबाईल नम्बर 9111587514 तथा पर्यवेक्षण अधिकारी श्री खेमलाल वर्मा मोबाईल नम्बर 7898406846 शामिल है। जिसमें केवल एक प्रवेश व निकास की व्यवसथा के लिए जिले के कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग, सेनेटाईजिंग किये जाने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद, निवास स्थानों में एक्टिव सर्विलांस, दवा, मास्क, पी.पी.ई किट इत्यादि उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम गठित किया है। इसके साथ ही आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित प्रभारी अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। खनिज विभाग व क्षेत्री परिवहन विभाग के अधिकारी को कन्टेनमेंट जोन में अधिकारी व कर्मचारियों को आवासीय व्यवस्था करने के कलेक्टर ने निर्देश दिये। -
- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने दिए सभी योजनाओं में टारगेट पूरा करने एवं नवाचारी कार्य के निर्देश
दुर्ग 10 जून : कलेक्टर कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी जिलों में राज्य शासन की प्रगतिरत योजनाओं के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की। दुर्ग जिले में हेल्थ सेक्टर एवं नगरीय प्रशासन तथा अन्य विभागों में हो रहे नवाचारों की कलेक्टर कांफ्रेंस में प्रशंसा की गई। कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने सामुदायिक फलोद्यानों एवं फलदार पौधों का रकबा बढ़ाने विशेष निर्देश दिए। नगरीय प्रशासन विभाग में मूलतः पट्टा वितरण के कार्यों में दुर्ग जिला प्रशासन की गतिविधि की विशेष रूप से प्रशंसा की गई। मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना एवं मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना में किए गए कार्यों में जिले का काम अच्छा रहा। इन योजनाओं के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को स्वास्थ्य लाभ तो हुआ ही, साथ ही बीपी, शुगर, टीबी जैसी बीमारियों के चिन्हांकन में इससे आसानी हुई।
इन योजनाओं में 8397 लोगों का बीपी जांच हुआ जिसमें 2584 लोगों को उच्चरक्तचाप की समस्या चिन्हांकित हुई। इसमें शुगर की जांच भी 2689 लोगों की हुई। इसमें 234 लोगों का मधुमेह चिन्हांकित हुआ। इन शिविरों के माध्यम से 58 लोगों का टीबी चिन्हांकित हुआ। कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कोविड की तैयारियों की भी समीक्षा की और सभी जिलों को बिना लक्षणों वाले मरीजों के लिए अलग से रायपुर के इंडोर स्टेडियम की तरह बड़ा कैंपस रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर दुर्ग ने इस संबंध में नगर निगम कमिश्नर दुर्ग को निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड में एसओपी का पालन पूरी तरह हो, यह सुनिश्चित करें। ऐसा किये जाने से कोविड संक्रमण को रोकने की दिशा में सफलता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आ रहे लोगों की स्किल मैपिंग करें। बहुत से प्रोजेक्टस एवं उद्योगों में ऐसे हुनरमंदों की जरूरत हैं जिनकी कमी अब तक राज्य में रही थी। स्किल मैंपिंग से यह मिल जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पौधरोपण एवं स्वसहायता समूहों के आय बढ़ाने के विषय पर विशेष फोकस किया। उन्होंने कहा कि फलदार पौधों के रोपण से, मुनगा आदि के रोपण से मिड डे मील में एवं आंगनबाड़ियों में यह अधिक मात्रा में उपलब्ध होगा। इससे स्वसहायता समूहों को भी काम मिलेगा और कुपोषण को थामने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कुपोषण के संबंध में विशेष कार्य करने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कुपोषण बड़ी समस्या है और निरतंर मानिटरिंग और फोकस रखने से यह समस्या दूर होगी। कलेक्टर श्री सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने दुर्ग जिले के विषयों की जानकारी दी। कलेक्टर कांफ्रेंस में जिले से आईजी श्री विवेकानंद सिन्हा, सीएफ श्रीमती शालिनी रैना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अजय यादव, नगर निगम भिलाई कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी, डीएफओ श्री केआर बढ़ाई, रिसाली कमिश्नर श्री प्रकाश सर्वे, दुर्ग कमिश्नर श्री इंद्रजीत बर्मन, नगर निगम भिलाई चरौदा कमिश्नर श्री कीर्तिमान राठौर उपस्थित थे। -
- वीडियो संदेश जारी किया, जिले के फेसबुक और ट्विटर एकाउंट से भी जारी किया संदेश
दुर्ग 09 जून : कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि मास्क लगाने से, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से तथा अन्य एहतियात बरतने से कोरोना संक्रमण की आशंका नहीं रहेगी। कलेक्टर ने इस संबंध में वीडियो संदेश के माध्यम से नागरिकों से यह आग्रह किया। कलेक्टर ने कहा कि पिछले तीन दिनों में कोरोना संक्रमण के अधिक मामले हैं। अभी व्यावसायिक संस्थाएं भी आरंभ हो गई हैं। इसके चलते अभी सतर्कता बरतना बेहद आवश्यक है। कलेक्टर ने नागरिकों से आग्रह किया कि कोरोना संक्रमण को रोकने सुरक्षात्मक उपाय अमल में लाएं। भीड़भाड़ वाली जगहों में न जाएं। अनावश्यक कार्य से बाहर न निकलें। घर में बुजुर्ग एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखें। क्वारंटीन में रहने वाले लोगों को इसके नियम का पालन पूरी तरह अनिवार्य है। जिले में यह पाया गया कि कुछ लोगों द्वारा होम क्वारंटीन के नियमों का पालन नहीं किया गया। उन पर पुलिस कार्रवाई दर्ज की गई है। कलेक्टर ने कहा कि नागरिकों के सहयोग से कोरोना की जंग जीतेंगे। जिले के फेसबुक और ट्विटर एकाउंट से भी उनका संदेश जारी किया गया है। -
दुर्ग : राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण के लिए जिले के कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने घोषित लाॅकडाउन के दौरान 8 जून 2020 से निम्न अतिरिक्त गतिविधयों में छूट प्रदान की है। जिसमें शाॅपिंग माॅल को छोड़कर सार्वजनिक पार्क व उद्यान, धार्मिक व पूजा स्थल की अनुमति रहेगी। इसके साथ क्लब, स्र्पोटिंग काॅम्प्लेक्स सिर्फ बाहरी खेल गतिविधियों के लिए संचालित करने के लिए अनुमति मिलेगी। रेस्टोरेन्ट व होटल पूर्व भारत सरकार के निर्देशानुसार पूर्वानुसार टेक-अवे की अनुमति होगी। पूर्व आदेशानुसार अप्रभावित क्षेत्र के कंटेनमेंट जोन घोषित होने की दशा में शासन के निर्देशानुसार कंटेनमेंट जोन में अत्यावश्यक सेवाओं की अनुमति होगी। इसके अतिरिक्त अन्य गतिविधियों को निष्पादित करने की अनुमति कंटेनमेंट जोन में नही होगी। जिला प्रशासन की आवश्यकता को दृष्टिगत इन निर्देशों में कड़ाई की जा सकती है तथा किसी भी प्रकार ढील नही दी जायेगी।
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- दूध की सप्लाई के लिए कहा पर्चियां रखने बना दें बाक्स, इससे प्रत्यक्ष संपर्क की आशंका और भी कम हो जाएगी
दुर्ग 9 जून : कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे आज भिलाई के कंटेनमेंट जोन फरीद नगर और कुबेर अपार्टमेंट में पहुंचे। वहां उन्होंने देर तक रूककर यह देखने की कोशिश की कि लोग किस तरह से जरूरी सामान ले रहे हैं। इस दौरान एक दूध वाला आया। कलेक्टर ने पूछा कि कंटेनमेंट जोन में दूध देने में किस प्रकार सावधानी बरतते हैं। दूध वाले ने बताया कि मास्क पहने रहते हैं और हमेशा सैनेटाइजर रखते हैं। जब दूध देते हैं उससे पहले हाथों को सैनिटाइज कर लेते हैं। इस पर कलेक्टर ने कहा कि इसके साथ ही कुछ और सुरक्षित तरीकों को अपना सकते हैं जैसे ग्राहक के हाथ से सीधे पर्ची न लेकर एक बाक्स में पर्ची सारे ग्राहक डाल जाएं। पर्ची देखकर दूध वाला ग्राहक को दूध दे दे। इस प्रकार ग्राहकों से प्रत्यक्ष संपर्क की संभावना पूरी तरह घट जाएगी। कलेक्टर ने अधिकारियों से कंटेनमेंट जोन में मानिटरिंग के संबंध में भी पूछा। अधिकारियों ने इसके मैकेनिज्म की जानकारी दी।
कलेक्टर ने कहा कि कंटेनमेंट जोन में प्रभावी व्यवस्था और संक्रमण रोकने की मुकम्मल व्यवस्था करने संक्रमण को रोकने की दिशा में बड़ी सफलता मिलेगी। कलेक्टर ने मानिटरिंग कार्य में लगे अधिकारियों को यहां की नियमित रिपोर्ट देने कहा। साथ ही यह भी कहा कि कंटेनमेंट जोन में रह रहे लोगों की दिक्कतों को दूर करना पहली प्राथमिकता है। जरूरी सामानों की सप्लाई में किसी तरह की दिक्कत न आए। यह सुनिश्चित करते रहें। इस दौरान निगम कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी ने बताया कि किस तरह से निगम अमले द्वारा कंटेनमेंट जोन में संक्रमण को रोकने प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। -
- भिलाई निगम में नवाचारों की कलेक्टर ने की प्रशंसा, कहा शहर में शुद्ध वातावरण और पेयजल सबसे पहली प्राथमिकता- बारिश पूर्व प्राथमिकता से होने वाले कार्यों का किया निरीक्षण
दुर्ग 09 जून : जिला प्रशासन द्वारा शहरों के सौंदर्यीकरण, शुद्ध वातावरण तथा बुनियादी सुविधाओं के विस्तार की दिशा में प्राथमिकता से कार्य किया जा रहा है। आज इसी क्रम में सुबह-सुबह कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे भिलाई नगर निगम पहुंचे। यहां उन्होंने पेयजल एवं साफ-सफाई की व्यवस्था देखी। निर्माणाधीन प्रोजेक्टस पर नजर डाली और बरसात पूर्व किए जाने वाले कार्यों की प्रगति पर नजर डाली। इसके पश्चात उन्होंने निगम अधिकारियों की बैठक ली और आगामी महीनों में किए जाने वाले कार्यों की रूपरेखा पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान नगर निगम कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी भी मौजूद रहे। उन्होंने निगम की गतिविधियों की विस्तार से जानकारी कलेक्टर को दी। कलेक्टर ने भिलाई निगम में हो रहे नवाचारी कार्यों एवं बुनियादी सुविधाओं की डिलीवरी की अच्छी व्यवस्था को लेकर निगम प्रशासन की प्रशंसा की। इस दौरान अधीक्षण अभियंता सत्येन्द्र सिंह, उपायुक्त अशोक द्विवेदी, उपायुक्त तरूण पाल लहरे, निगम के जोन आयुक्त, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेन्द्र मिश्रा, निगम के इंजीनियर व विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
हरियाली का दायरा बढ़ेगा-
भिलाई औद्योगिक नगरी होने के नाते और यहां बढ़ती आबादी होने के चलते हरियाली का दायरा बढ़ाना आवश्यक है। इस दिशा में कलेक्टर ने पौधरोपण अभियान की जानकारी ली। निगम अधिकारियों ने बताया कि सभी प्रमुख मार्ग एवं स्थलों पर पौधरोपण के लिए जगहों का चिन्हांकन कर लिया गया है। कलेक्टर ने कहा कि गुलमोहर, अमलतास और कदंब जैसे पौधे लगाए जाएं, ये तेजी से बढ़ते भी हैं और इनसे शहर की सुंदरता भी निखर जाती है। उन्होंने एसएलआरएम सेंटर के पास किए गए पौधरोपण की विशेष रूप से प्रशंसा की। साथ ही कोसा नाला से फरीदनगर रोड के किनारे और फरीदनगर स्कूल के सामने खाली स्थानों पर सुनियोजित तरीके से पौधरोपण के लिए कहा। निगम द्वारा खुर्सीपार एसएलआमएम के सामने कतारबद्ध लगाए गए पौधों की भी उन्होंने प्रशंसा की।
पूछा शुद्ध पेयजल के लिए किस तरह से कार्य कर रहे हैं-
कलेक्टर ने कहा कि आज के निरीक्षण में पेयजल प्लांट्स को विशेष रूप से रखा गया है क्योंकि लोगों के लिए जलापूर्ति सबसे अहम है। साथ ही हमें पानी की शुद्धता का भी पूरा ध्यान रखना है। कलेक्टर सबसे पहले 77 एमएलडी फिल्टर प्लांट पहुंचे। यहां की तकनीकी बारीकियों की जानकारी इंजीनियरों ने उन्हें प्रदान की। साथ ही उन्होंने आधुनिक वाटर लैब भी देखा। लैब प्रभारी ने बताया कि अत्याधुनिक तकनीक होने के चलते पानी की शुद्धता की मुकम्मल जानकारी मिल जाती है। सैंपल के नतीजों के पश्चात तुरंत पानी को आवश्यकता होने पर उपचारित किया जाता है। कलेक्टर ने 66 एमएलडी भी देखा और यहां के कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए।
सोनहा खाद पर डाली नजर, कहा एसएलआरएम सेंटर के एक्सीलेंस से बेहतर नतीजे-
कलेक्टर ने एसएलआरएम सेंटर का दौरा भी किया। वहां कार्य कर रहे लोगों ने उन्हें बताया कि किस प्रकार प्लास्टिक वेस्ट का वे इस्तेमाल कर रहे हैं और किस प्रकार जैविक खाद बना रहे हैं। कलेक्टर ने कहा कि एसएलआरएम सेंटर व्यर्थ चीजों को संभावना में बदलता है। जैविक खाद का मार्केट भविष्य में बढ़ता जाएगा। प्रोडक्ट के लिए बाजार के विस्तार की कोशिश करें। कलेक्टर ने यहां कार्यरत लोगों की तारीफ की और कहा कि इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं आप लोग नवाचार से कार्य करें। आपके लिए तरक्की के रास्ते खुलते रहेंगे।
बरसात पूर्व बड़े नालों की सफाई व्यवस्था देखी -
मानसून पूर्व बड़े नालों की सफाई जरूरी होती है। यह कार्य भिलाई निगम में चल रहा है। यहां कोसा नाला, आईटीआई के पास वाले नाले और तेलहा नाला की सफाई का कलेक्टर ने निरीक्षण किया। इसके लिए जेसीबी और चैन माउंटेन से कार्य हो रहा है। कलेक्टर ने तय समयावधि में यह कार्य पूरा कर लेने के निर्देश अधिकारियों को दिए। -
दुर्ग 08 जून : कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु जिले में लाॅकडाउन प्रभावशील है, जिसके तहत् बाहर से आये हुए व्यक्तियों को क्वारंटाईन किया जा रहा है। जिन व्यक्तियों को होम क्वारंटाईन में रखा गया है, यदि वह क्वारंटाईन अवधि पूर्ण किए बिना, नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो उनके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत 6 महीने की सजा अथवा एक हजार रूपये का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डनीय होगा।
इसके अतिरिक्त आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के तहत 1 वर्ष का कारावास एवं अर्थदंड से दंडनीय होगा। यदि ऐसे कृत्य में उक्त व्यक्ति के परिवार द्वारा सहयोग किया जाता है परिवार के सदस्यों के विरुद्ध भी इसी प्रकार दंडनीय कार्यवाही की जावेगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। - दुर्ग 08 जून : जिला के तहसील दुर्ग के नेवईभाठा नगर पालिक निगम रिसाली, महेश काॅलोनी फुलगांव नगर पालिक निगम दुर्ग, वार्ड 19 कैंप-1, नगर पालिक निगम भिलाई, सतनामी पारा जागृति विद्यालय के पास, वार्ड-28 छावनी एवं सेक्टर-6 सी मार्केट नगर, नगर निगम पालिक भिलाई में नए कोरोना पॉजिटिव केस पाए जाने के परिपेक्ष्य में परिशिष्ट-1 में दर्शायें अनुसार क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। कन्टेनमेंट जोन उक्त चिन्हांकित क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकानें एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा कन्टेनमेंट जोन में घर पॅहुच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाएगी। कन्टेनमेंट जोन के अंतर्गत सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर प्रतिबन्ध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्ही भी कारणों से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित रहेगा। कन्टेनमेंट जोन की निगरानी हेतु लगातार पुलिस पेट्रोलिंग की जाएगी। जिला चिकत्सालय एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा सम्बंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी एवं निर्देशानुसार सैंपल इत्यादि जाॅच हेतु लिया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।
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- पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए स्कूली बच्चों को प्रेरित करने के
लिए वन मितान कार्यक्रम का होगा आयोजन
दुर्ग 08 जून : पर्यावरण को संजोने आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण से जोड़ना बेहद आवश्यक है। इसके लिए एक नवाचारी प्रयोग वन विभाग द्वारा किया जाएगा। लगभग 120 बच्चों का समूह जंगल में टैंट में एक दिन का हाल्ट करेगा। यहां फारेस्ट विभाग के ट्रेनर बच्चों को जंगल के जानवरों के बारे में, पक्षियों के बारे में बताएंगे। वे यह बताएंगे कि किस प्रकार पारिस्थितिकी का संरक्षण करना मानवता के लिए उपयोगी होगा। जंगल में अलग-अलग तरह के पक्षियों की आवाजें, उनके आवास, उनके समूह में रहने का तरीका, खानपान की विधि आदि बताई जाएगी। कैंप का समय माइग्रेटरी बर्ड का समय होगा, इसलिए उनके डिटेल्स भी बताए जाएंगे। इसमें फारेस्ट विभाग के प्रमुख अधिकारियों के साथ राजू वर्मा जैसे पक्षी विशेषज्ञ भी बच्चों को पक्षियों के बारे में तथ्य साझा करेंगे। आज कलेक्टर डाॅक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे की अध्यक्षता में इस संबंध में बैठक हुई। यहां डीएफओ श्री केआर बढ़ाई ने विस्तार से प्रोजेक्ट की जानकारी दी और बताया कि ये प्रोजेक्ट किस तरह बच्चों की अभिरुचि जगाने में सहायक हो सकता है। उल्लेखनीय है कि स्कूली विद्यार्थियों में वन, वन्य प्राणी एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने हेतु वन मितान कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसके तहत कक्षा 6वीं से 12वीं के छात्र-छात्राओं को प्राकृतिक वातावरण का अनुभव प्रदान कर उन्हें इसके संरक्षण के लिए जागरुक किया जाएगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य- वन मितान कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को वन वन्य प्राणी एवं पर्यावरण की वन मितान बनाकर उन्हें इसके संरक्षण हेतु प्रेरित करना है। इच्छुक विद्यार्थियों को नेचुरल वाॅलेंटियर फोर्स के रूप में विकसित करना है साथ ही विभाग एवं विभागीय अधिकारियों के कार्य उत्तरदायित्वों एवं चुनौतियों से इन विद्यार्थियों को अवगत कराना है।
विद्यालय एवं विद्यार्थियों का चयन- विद्यालय एवं विद्यार्थियों का चयन एवं निर्धारित प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। ऐसे विद्यार्थी जो पर्यावरण के प्रति अभिरूचि रखते हो। विद्यार्थी का चयन वन्य प्राणी पक्षी इत्यादि की समान्य जानकारी के आधार पर होगा। चयनित विद्यार्थी का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। शिविर हेतु कक्षा 6वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को चनित किया जा सकता हैं किन्तु प्राथमिकता के आधार पर 8वीं एवं 12वीं के विद्यार्थी को सर्वप्रथामिकता दी जाएगी। प्रत्येक परिक्षेत्र में 120 विद्यार्थी का चयन किया जाकर दो चरणों में 60-60 विद्यार्थी हेतु वन मितान कार्यक्रम किया जाएगा।
शिविर स्थल का चयन- प्रशिक्षण सह जागरूकता शिविर का आयोजन वन्य परिक्षेत्र में स्थित प्राकृतिक सौन्दर्य के स्थल पर किया जाएगा। शिविर का चयन इस प्रकार से किया जाएगा कि विद्यालय से 25 से 30 किलोमीटर के परिक्षेत्र में स्थित हो।गतिविधियाॅ- वनमितान शिविर एक दिन का होगा। जिसमें विभिन्न प्रकार की गतिविधियाॅ को शामिल किया गया है। शिविर दिवस पर विद्यार्थियों को पक्षी दर्शन, वन्य प्राणी दर्शन, सफारी, नौकायान, वन भ्रमण कराया जाएगा। प्राकृतिक पथ भ्रमण, प्रकृति की पाठशाला, स्थल पर विद्यमान वाणिकी गतिविधियों की जानकारी देने के साथ ही वन एवं वन्य प्राणी एवं पर्यावरण के महत्व से रूबरू कराया जाएगा। जिज्ञासा समाधान व चर्चा, परिचर्चा, वनाचार, प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया जाएगा। शिविर के आयोजन को ध्यान में रखते हुए साफ-सफाई, भोजन, सुरक्षा स्वास्थ्य, सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। - - क्वारंटीन सेंटरों में क्वारंटीन अवधि का उचित उपयोग करने किए जा रहे नवाचार- इसी बीच 1100 पौधे लगाएं जा रहे क्वारंटीन केंद्रों में, यादगार निशानियां होंगी क्वारंटीन के दिनों की
दुर्ग 8 जून : अपने गांव लौट आए प्रवासी श्रमिकों का क्वारंटीन पीरिएड पूरी तरह उनके लिए उपयोगी हो, इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में क्वारंटीन केंद्रों में अनेक नवाचारी प्रयोग किए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण ने यह सिखाया है कि प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी रखनी है और यह प्राचीन भारतीय यौगिक पद्धति के पालन से संभव है इसलिए इन केंद्रों में सुबह से योगा और प्राणायाम कराया जा रहा है। विनायकपुर में रोजगार सचिव सुश्री कामिनी ने बताया कि यहां सुबह से ही प्राणायाम और योग कराया जाता है। यहां हाईस्कूल में क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है और पूरा शेड्यूल बना दिया गया है। यहां भोपाल से लौटे कीर्ति नारायण ने बताया कि सुबह से क्वारंटीन सेंटर में योग कराया जाता है। इसके बाद ही नाश्ता होता है।
उन्होंने बताया कि चैदह दिनों में यह पूरी तरह से सिस्टम में आ जाएगा और हम लोग इसे हमेशा के लिए अपना लेंगे। योग करने के बाद काफी स्फूर्ति मन में आती है। गोपाल ने बताया कि सभी को योग करना बहुत अच्छा लगता है। यहां आने के बाद कई ऐसे आसन सीखे जिसके बारे में पता नहीं था। योग करने से हमें बड़ा लाभ यह होगा कि बीमार कम पड़ेंगे और इलाज का खर्च भी कम हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि क्वारंटीन केंद्रों में व्यवस्थाओं की मानटिरिंग के लिए अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। इनकी नियमित रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाती है। ग्राम पंचायत झींट में क्वारंटीन पीरिएड में रह रहे ताम्रश्वर ने बताया कि मेरा क्वारंटीन पीरिएड पूरा हो गया है। मुझे किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई। उल्लेखनीय है कि क्वारंटीन सेंटर में रह रहे लोगों की स्किल मैपिंग भी कराई जा रही है ताकि हुनरमंद लोगों की पूरी पहचान हो सके। इनका डाटाबेस कई तरह से उपयोगी होगा। इसे उद्योगजगत के लोगों के साथ भी साझा किया जा रहा है। उदाहरण के लिए झीट के क्वारंटीन सेंटर में रह रहे 9 लोग प्लंबर हैं।
अब इस प्रकार के डाटाबेस होने की वजह से हुनरमंद और नियोक्ता दोनों के बीच दूरी कम हो पाएगी। इस बीच क्वारंटीन सेंटर में रह रहे लोगों ने पौधरोपण का कार्य आरंभ किया। विभिन्न क्वारंटीन केंदों में पौधे रोपे जा रहे हैं। लगभग ग्यारह सौ पौधे रोपे जा रहे हैं। ये पौधे लाकडाउन पीरिएड की याद दिलाएंगे और हमेशा के लिए लाकडाउन के दौरान की स्मृति याद दिलाएंगे। कहीं साक्षरता की अलख भी जल रही है। राजपुर की हीराबाई क्वारंटाइन सेंटर में पहुंचने से पहले अक्षरों की दुनिया से नावाकिफ थी, चैदह दिनों में हीराबाई अक्षरों की चमकती दुनिया से वाकिफ हुई। पूरे धमधा ब्लाक के क्वारंटीन केंद्रों में यह कार्रवाई की गई। -
दुर्ग 08 जून : जिले के कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे से छत्तीसगढ़ स्वच्छता जन जागरूकता अभियान के अघ्यक्ष श्री रवि नायर तथा अन्य पदाधिकारियों ने मुलाकात कर कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। संस्था के सदस्यों ने बताया कि संस्था द्वारा जिले के सभी पुलिस थानों, अस्पतालों, बैंकों, नगर निगम कार्यालय, शहर के सभी भीड़ वाले इलाकों, शहर के शासकीय और अशासकीय वाहनों तथा शहर के सभी चिन्हांकित स्थानों पर बैनर, पोस्टर, स्टीकर, टेबल बोर्ड, हैंगिंग बोर्ड व सेल्यूट बोर्ड लगाकर जनता को कोरोना संक्रमण से बचाव के संबंध में जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।
श्री नायर के बताया कि सभी पुलिस थाना, अस्पतालांे, बैंको व नगर निगम कार्यालय के गेट के पास कोरोना के माॅडल के साथ कोविड फाइटर्स के लिए सम्मान बोर्ड वाला प्रतीक चिन्ह लगाया जायेगा। कलेक्टर ने संस्था के सदस्यों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से रोकथाम के लिए संस्था द्वारा किया जा रहा प्रयास सराहनीय है। कलेक्टर से भेंट के दौरान संस्था के संयोजक श्री जी. एस. ठाकुर, राजेश जोशी व बी. एन. पाणिग्राही मौजूद थे। -
- कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने किया पाटन ब्लॉक का निरीक्षण
दुर्ग 07 जून 2020/कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने आज पाटन ब्लॉक में विभिन्न निर्माण कार्यो तथा प्रस्तावित निर्माण कार्यो के स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रगतिरत कार्यों के साइट का अवलोकन कर निर्माण कार्यों के संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश दिए। साथ ही इन्हें युद्धस्तर पर कार्य कर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने उन जगहों का निरीक्षण भी किया जहां पर महत्वपूर्ण कार्य होने हैं। डॉ. भूरे कुरमीगुंडा, सेलूद, मर्रा जैसे गांवों में पहुंचे। मर्रा में उन्होंने प्रस्तावित कृषि महाविद्यालय की भूमि तथा इंडोर स्टेडियम की भूमि देखी। यहां मौजूद इंजीनियरों ने उन्हें प्रोजेक्ट के डिटेल्स के बारे में बताया। कलेक्टर ने दोनों ही प्रोजेक्ट के संबंध में विस्तार से तकनीकी पक्षों के बारे में चर्चा की। कलेक्टर सेलूद भी पहुंचे। यहां पर उन्होंने ऐतिहासिक प्राइमरी स्कूल के सामने ग्रामीणों से विकास कार्यों के संबंध में चर्चा की। ग्रामीणों ने यहां की समस्या रखी। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क की वजह से दिक्कत है। यह दूर हो गई तो बहुत सारी समस्याएं दूर हो जाएगी। स्कूल बिल्कुल बगल से लगा है। धूल काफी उड़ती है। साथ ही ग्रामीणों ने यह भी कहा कि ड्रेनेज की समस्या यहां पर है सड़क निर्माण के साथ ही नाली निर्माण की दिशा में मुकम्मल कार्य होगा तो लोगों के लिए काफी राहत होगी। कलेक्टर कुरमीगुंडरा भी पहुंचे यहां पर तथा अन्य स्थलों में प्रस्तावित पौधरोपण कार्यों की उन्होंने जानकारी ली। यहां पर 15 एकड़ में नींबू के पौधों का रोपण का प्रोजेक्ट है। कलेक्टर ने कहा कि पौधरोपण सबसे महत्वपूर्ण अभियान है। पूरे जिले में फलदार वृक्षों के रोपण पर काम किया जा रहा है। पाटन ब्लॉक में भी नींबू और मुनगा के रोपण पर कार्य किया जा रहा है ग्रामीणों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि मुनगा के रोपण से न केवल हरियाली का दायरा बढ़ेगा अपितु इसके माध्यम से आंगनबाड़ियों में मुनगा वितरण कर सकेंगे। कुपोषण से लड़ने में मुनगा अहम भूमिका निभाता है हिमोग्लोबिन के बढ़ाने में एनीमिया से बचाने में मूंगा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके अलावा फलोद्यान का दायरा बढ़ाने का उद्देश्य यह है कि कृषि के अलावा लोगों को अतिरिक्त आय अर्जित हो सके। कलेक्टर ने इस मौके पर ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा की और उनसे प्रस्तावित विकास कार्यों के सुझाव लिए। कलेक्टर ने कहा कि सभी निर्माण कार्य तय समय पर पूरे होंगे। आजीविकामूलक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही पौधरोपण के कार्यक्रम को भी युद्धस्तर पर किया जाएगा। पौधों को रोपने से लेकर सहेजने तक सारी योजना बना ली गई है। कलेक्टर ने बताया कि पाटन शहर को प्रमुख शहरों से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़कों पर बड़े पैमाने पर पौधरोपण की तैयारी कर ली गई है। दौरे में प्रशिक्षु कलेक्टर श्री जितेंद्र यादव, एसडीएम श्री विनय पोयाम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
- क्वारन्टीन जोन में, क्वारन्टीन सेंटर में तथा होम क्वारन्टीन में रह रहे लोगों की पुख्ता मॉनिटरिंग होती रहेदुर्ग: कोरोना संक्रमण के नियंत्रण की समीक्षा को लेकर आज एक महत्वपूर्ण बैठक कलेक्ट्रेट में आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर डॉक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने कहा कि जिले में कुछ दिनों से लगातार कोरोना के नए मामले आ रहे है। ऐसी स्थिति में पहले की तरह ही पूरी सावधानी व सतर्कता की जरुरत है। हर स्तर पर संक्रमण को रोकने के साथ-साथ लोगों को इस संक्रमण से बचाने निरंतर जनजागरूकता की आवश्यकता है। उन्होंने जिले के सभी राजस्व अनुभागों के अनुविभागीय राजस्व अधिकारी व नगरीय निकायों के आयुक्त को इस पूरे काम में बड़ी सार्थक भूमिका के साथ दायित्वों का पालन करने कहा है। कलेक्टर ने कहा कि हमेशा की तरह कोरोना संक्रमण को थामने रिस्पांस टाइम का बड़ा महत्व है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के साथ ही किसी भी क्वारन्टीन सेंटरध्होम क्वारेंटाईन में किसी व्यक्ति का रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर बिना समय गंवाए उसके उपचार की व्यवस्था तुरंत आरम्भ कराने तथा संपर्क में आये लोगों की ट्रेसिंग जरूरी है। कंटेन्मेंट जोन की पूरी तरह से ट्रेकिंग करने के लिए शहरी क्षेत्रों के लिए नगरीय निकाय के आयुक्तों को तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अनुविभागीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। नगरीय निकाय क्षेत्रो में 2 या 2 से अधिक मामले आने पर नगरीय निकाय के आयुक्त सम्बंधित एसडीएम से संपर्क कर अलग-अलग टीम के साथ प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण एवं आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। कहीं पॉजिटिव पाए जाने की स्थिति में प्रोटोकॉल अनुसार सीएमएचओ सम्बंधित एसडीएम और कमिश्नर को इसकी तत्काल सूचना देंगे जिससे सुरक्षित तरीकों के साथ आगे की कार्यवाही हो सके।कलेक्टर ने बैठक में कहा कि कंटेन्मेंट जोन में सुरक्षा बल लगातार मोनीटरिंग करेंगे।उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि सभी कंटेन्मेंट जोनध्क्वारन्टीन सेंटर में रहने वाले लोगों की मॉनिटरिंग करें। यह सुनिश्चित करें कि होम क्वारन्टीन में रहने वाला नागरिक घर में अलग से रहे और अपनी सभी गतिविधियों का संचालन पृथक रूप से ही करे। क्वारन्टीन सेंटर में रहने वाले लोगों के खून की सेम्पल लेने की दिन से उनके क्वारेंटीन सेंटर में रहने के दिन की गणना की जाए। साथ ही निर्धारित अवधि पूरी हो जाने के बाद उसकी ब्लड सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही सेंटर से उसकी छुट्टी की जाए।कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग को अपने वार्डो और ग्रामीण क्षेत्रों में सभी घरों के लोगों की आवश्यक निगरानी रखते हुए सर्दी खांसी के लक्षण होने पर अथवा सांस लेने में तकलीफ होने पर जानकारी देने कहा। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के साथ भी समन्वय से कार्य करने कहा।उन्होंने कोरोना के संक्रमण को रोकने व बचाव के लिए लगे दलों के अधिकारियों को बेहद जवाबदेही से कार्य करते हुए इसे नियंत्रित करने की दिशा में कार्य करने कहा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिले में अभी कुछ दिनों में और नए मामले आने की आशंका है। इसके मद्देनजर बाहर से आने वाले लोगों की पूरी सूची श्रम विभाग से लेकर स्वास्थ्य जांच कर इन्हें क्वारन्टीन सेंटर पर रखने कहा। कोई पॉजिटिव मरीज मिलने पर उसके सम्पर्क में आये सभी लोगों की हिस्ट्री तैयार कर उन सभी की जांच कराएं। जिले में पूरी तरह से संक्रमण के रोकथाम की दिशा में कार्य करने उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया।
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दुर्ग 06 जून 2020/दुर्ग जिला अंतर्गत ग्राम विनायकपुर, पटवारी हल्का नंबर 35, राजस्व निरीक्षक मंडल अण्डा, तहसील दुर्ग, वार्ड नं. 31 खुर्सीपार दुर्गा मंदिर भिलाई, सेक्टर 3 प.ह.नं. 22 अ रा. नि. म. रिसाली तहसील दुर्ग, ग्राम कोहका वैशाली नगर सांस्कृतिक भवन वार्ड नंबर 10 भिलाई, फरीद नगर निजाम चैक भिलाई में एक-एक नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने के परिपे्रक्ष्य में परिशिष्ट-1 में दर्शाये अनुसार क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। कन्टेनमेंट जोन में उक्त चिन्हांकित क्षेत्र अंन्तर्गत सभी दुकाने एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा कन्टेनमेंट जोन में घर पहुॅच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाएगी। कन्टेनमेंट जो अंतर्गत सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्ही भी कारणों से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। कन्टेनमेंट जोन की निगरानी हेतु लगातार पुलिस पेट्रोलिंग की जाएगी। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी एवं निर्देशानुसार सेम्पल इत्यादि जाॅच हेतु लिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।
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-श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस परिसर में बनाया गया है विशेषीकृत कोविड अस्पताल, अभी 45 मरीज उपचाररत
स्स्थ्य विभाग श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज के सहयोग से संचालित कर रहा है अस्पतालदुर्ग। 6 जून 2020 दुर्ग/ श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस परिसर स्थित दुर्ग के विशेषीकृत कोविड अस्पताल में 115 मरीजों के इलाज की सुविधा है। इस सर्वसुविधायुक्त अस्पताल में अभी 45 मरीजों का इलाज चल रहा है। राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग द्वारा श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज के सहयोग से संचालित इस अस्पताल में अभी दुर्ग जिले के आठ, बेमेतरा जिले के पांच, महासमुंद जिले के 12, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के 13 और जांजगीर-चांपा जिले के सात मरीज कोविड-19 के उपचार के लिए भर्ती हैं।इस डेडीकेटेड कोविड अस्पताल के आईसीयू में 15 और एचडीयू (High-Dependency Unit) में 35 बिस्तर हैं। 65 सामान्य बिस्तरों पर भी कोविड-19 की इलाज की सुविधा है। यहां भर्ती पुरूष एवं महिला मरीजों को अलग-अलग वार्डों में रखा गया है। आइसोलेटेड 16 बिस्तरों वाले सभी वार्डों में चार-चार स्नानगृह और चार-चार शौचालय हैं। दस बिस्तरों वाले वार्डों में भी चार-चार स्नानगृह और चार-चार शौचालय हैं।अस्पताल प्रबंधन द्वारा पौष्टिकता एवं गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए डॉक्टरों, मेडिकल स्टॉफ और मरीजों के लिए एक ही जगह पर भोजन तैयार करवाया जा रहा है। यहां मरीजों को सुबह चाय-नाश्ता, दोपहर और रात के भोजन के साथ ही शाम को चाय-बिस्किट प्रदान किया जा रहा है। मरीजों की शारीरिक और मानसिक तंदुरूस्ती के लिए डॉक्टरों द्वारा रोज योगाभ्यास भी कराया जा रहा है। मरीजों के मनोरंजन के लिए सभी वार्डों में सेट-टॉप बॉक्स और टेलीविजन की व्यवस्था है। यहां स्थापित पब्लिक एड्रेस सिस्टम से मरीज अपनी किसी जरूरत या परेशानी के बारे में कमांड-रूम में बैठे डॉक्टरों को तत्काल सूचित कर सकते हैं। -
- उद्योग जगत के लोगों ने कहा यह बहुत अच्छा प्यासे को कुँए की तलाश और कुँए को प्यासे की तलाश, दोनों की जरूरत पूरी होगी
- लोगों को रोजगार की जरूरत, उद्योगों को हुनरमंदों की जरूरत, डाटा बेस से पूरी होगी कमी- तकनीकी ट्रेड में हुनर सीखने के इच्छुक ग्यारहवीं के छात्रों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग की मिलेगी सुविधा, आईटीआई करेंगे वोकेशनल क्लास में प्रशिक्षित, छात्रों को मिलेगा सर्टिफिकेट भी- वोकेशनल ट्रेनिंग में ऐसे कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा जो जिले के उद्योगों की जरूरत के मुताबिक होदुर्ग 06 जून 2020/मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अर्थव्यवस्था के बेहतर संचालन के लिए उद्योगों को आवश्यक श्रमिक उपलब्ध कराने तथा बाहर से लौटे श्रमिकों को रोजगार दिलाने विशेष पहल करने के निर्देश दिए हैं। इसके अंतर्गत जिला प्रशासन ने प्रवासी श्रमिकों का डाटाबेस तैयार किया है। इसमें सभी श्रमिकों के हुनर का ब्योरा है। लाकडाउन के चलते बाहर से कुशल श्रमिक लौटे हैं और यहां के कुशल श्रमिक बाहर भी चले गए हैं। इस डाटा बेस के माध्यम से नियोक्ताओं को कुशल लोग और बेरोजगार हुनरमंद लोगों को अपनी कुशलता का काम मिल पाएगा। इस उद्देश्य के लिए कलेक्टर डाक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने उद्योग जगत के पदाधिकारियों एवं उद्योगपतियों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने बताया कि उद्योगों के लिए हुनरमंद लोगों को तैयार करने ग्यारहवीं में वोकेशनल ट्रेनिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। इस वोकेशनल ट्रेनिंग में ऐसे कोर्स शामिल किए जाएंगे जो यहां के उद्योगों की जरूरत के मुताबिक हों। बैठक में अपर कलेक्टर श्री प्रकाश सर्वे, जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल, जीएमडीआईसी श्री अनिल श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।कोर्स की पढ़ाई के साथ वोकेशनल स्टडी भी- कोर्स की पढ़ाई के साथ वोकेशनल ट्रेनिंग की व्यवस्था भी स्कूलों में की जाएगी। कलेक्टर ने बताया कि कला संकाय के छात्र इसमें हिस्सा ले सकेंगे। आज उद्योगों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने का उद्देश्य उनसे फीडबैक प्राप्त करना है कि किस प्रकार के कोर्स उनके लिए उपयोगी होंगे ताकि उद्योगों को भी लाभ हो सके और छात्रों के लिए भी भविष्य में रोजगार का रास्ता खुल सके।दुबई जैसे देशों से प्रशिक्षित कुशल लोग भी- कलेक्टर ने बताया कि अच्छी बात यह है कि हमारे पास जो डाटा बेस है उसमें बहुत सारी विविधता है जो स्थानीय उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप काफी उपयोगी होती है। उदाहरण के लिए बायलर आपरेटर की काफी डिमांड होती है और वे स्थानीय स्तर पर मिल नहीं पाते। लाकडाउन ने यह अवसर दिया है कि अब आपके पास ऐसे लोग उपलब्ध हैं। दुबई जैसे देशों से लोग लौटे हैं जो बायलर आपरेटर और अन्य तकनीकी विधाओं में दक्ष है। उद्योग इनका बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं। उद्योगजगत ने कहा कि डाटाबेस काफी उपयोगी होगा- उद्योगपतियों ने कहा कि डाटाबेस काफी उपयोगी होगा। यहां का कुशल श्रमिक हमें मिल जाएगा तो हमारे लिए भी बेहतर होगा। उन्हें भी बाहर जाने की मजबूरी नहीं होगी। कलेक्टर ने कहा कि उद्योगों को हरसंभव सुविधा देने की कोशिश करेंगे। उन्हें जिस तरह की तकनीकी दक्षता वाले लोग चाहिए, उस तरह का मैनपावर तैयार करेंगे। -
दुर्ग 06 जून 2020/ शासन की अति महत्वाकांक्षा योजना नरूवा, गुरूवा, घुरूवा, बाडी योजना के अंतर्गत जिले के कलेक्टर डाक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने नेहरू नगर के पास स्थित शहरी गौठान का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने गौठान के बारे मे आयुक्त नगर निगम श्री ऋतुराज रघुवंशी से चर्चा की। इस दौरान महिला स्वसहायता समूह की संचालिका श्रीमती रेखा वर्मा से साग-सब्जी के बारे में तथा आय से संबंधित जानकारी प्राप्त की। श्रीमती रेखा ने बताया कि गौठान मे वर्मीकम्पोस्ट, खाद् एवं बाडी में सब्जी-भाजी भी लगाई जा रही है। सब्जी-भाजी में भाटा, चैलाई भाजी इत्यादि लगाई जा रही है और इससे उन्हें लगभग 30 हजार रूपए की आमदनी हो जाती है। कोविड-19 के अंतर्गत लाक डाउन के दौरान भी आमदनी हुई है। इसके अलावा स्व-सहायता समूह के माध्यम से गौठान में केंटीन भी चलाया जा रहा है। जिसमें चाय नाश्ते की व्यवस्था की गई है।
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- कलेक्टर ने प्रोजेक्ट की तारीफ की, कहा इसका कांसेप्ट हैदराबाद के लुंबिनी पार्क की तरह का
- अधिकारियों ने बताया कि लुंबिनी पार्क के तकनीकी पक्षों को जानने हैदराबाद भी गई थी निगम की टीमदुर्ग 06 जून 2020/ कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे आज सेक्टर पांच स्थित निर्माणाधीन शहीद पार्क पहुंचे। निर्माणाधीन पार्क के डिजाइन, लेआउट और इसके पीछे कांसेप्ट को सुनने के बाद उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट बहुत शानदार है और आने वाले समय में सेंटर आफ अट्रैक्शन होगा। इसे और अधिक सुंदर और गुणवत्तापूर्वक बनाने जो भी सुझाव आएंगे उन्हें अमल में लाया जाएगा। इस मौके पर निगम कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी भी थे। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरोवर बनाया जा रहा है। सरोवर के बगल से शहीद सरदार भगत सिंह की 25 फीट की गनमेटल की मूर्ति होगी और थोड़ी दूर पर 100 फीट का तिरंगा लहरायेगा। तालाब में म्यूजिकल फाउंटेन होगा। कलेक्टर ने कहा कि यह इतना सुंदर है और इतनी खूबसूरती से बनाया जा रहा है कि यह शहर के आकर्षण का केंद्र होगा। उन्होंने कहा कि हैदराबाद में हुसैन सागर झील में स्थित लुंबिनी पार्क इसी तरह से सुंदर लगता है। यहां उपस्थित निगम के प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने बताया कि इसके कांसेप्ट के लिए काफी मेहनत की गई और अनेक स्थानों का माडल ध्यान में था। लुंबिनी पार्क का भ्रमण भी अधिकारियों ने किया है और इसके तकनीकी पक्षों को जाना है। अधिकारियों ने बताया कि लगभग एक करोड़ चैवालीस लाख रुपए की राशि की स्वीकृति हुई है और इस पर काम तेजी से चल रहा है। फिलहाल पाथवे और अन्य स्ट्रक्चर का काम यहां लच रहा है।राज्य गठन के बाद जिले के सभी शहीदों का नाम स्मारक में अंकित होगा- यह पार्क इसलिए भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यह हमें जिले के शहीद जवानों की भी याद दिलाएगा। राज्य गठन के बाद जो लोग देश के लिए शहीद हुए हैं उन शहीदों के नाम इस स्मारक में अंकित होंगे। कलेक्टर ने कहा कि शहीदों की स्मृति में बनने वाला यह स्मारक गौरवशाली परंपरा की याद दिलाएगा।सरोवर के बगल में साढ़े तीन सौ लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी, बगल से बिछेगी घास, इस पर भी लोग बैठकर सरोवर के नजारे देख सकेंगे- इस संरचना के बगल से लोगों के बैठने के लिए सीढ़ियां भी बनाई जा रही हैं। सीढ़ी के बगल में घास भी बिछेगी। यह राजघाट स्मारक की तरह होगा। सरोवर में पानी बिल्कुल बगल से बहने वाले नाले से आएगा। यह पूरा प्रोजेक्ट लगभग 7 एकड़ जमीन में तैयार हो रहा है।एजुकेशनल हब के मुताबिक बनेगा रीडिंग कार्नर भी- कलेक्टर ने कहा कि भिलाई बड़ा एजुकेशनल हब है। यहां भी ऐसी लाइब्रेरी होनी चाहिए जहां छात्र दिन भर सुकून से पढ़ सकें। इस दिशा में भी योजना बनाई जाएगी। उन्होंने इसके लिए भवन का चिन्हांकन करने निगम कमिश्नर को कहा। उन्होंने कहा कि पार्क में रीडिंग रूम की गुंजाइश भी हो सकती है। -
- डेंगू प्रभावित बालाजी नगर में पहुंचे कलेक्टर, घर-घर का किया मुआयना
- हर ऐसी जगह देखी जहां संक्रमण की गुंजाइश हो सकती है टेमीफास वितरण के संबंध में भी जानकारी ली- होम क्वारंटीन में रह रहे लोगों की मानिटरिंग के संबंध में भी ली जानकारीदुर्ग 06 जून 2020/डेंगू की आशंका से निपटने जिला प्रशासन की गतिविधियां मिशन मोड पर चल रही हैं। आज कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे भिलाई के बालाजी नगर पहुंचे। यहां लगभग एक घंटे में उन्होंने घर-घर जाकर लोगों से मुलाकात की। उनसे पूछा कि उन्हें टैमीफास मिला है या नहीं। वे टैमीफास का इस्तेमाल कर रहे हैं या नहीं। कूलर देखे और किसी किसी के घर में छत को भी उन्होंने देखा क्योंकि अक्सर थोड़ी बारिश के बाद छत में साफ पानी के स्पाट बन जाते हैं और संक्रमण की आशंका पैदा हो जाती है। निगम कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी भी दौरे के समय उनके साथ उपस्थित थे। निगम कमिश्नर ने बनाया कि इसके लिए नियमित दल गठित किए गए हैं जो सुबह और शाम फागिंग करते हैं। इसके साथ ही टैमीफास का वितरण भी किया गया है। हर घर के सामने टैमीफास वितरण की तिथि लिख दी गई है। इसकी रिफिलिंग की तिथि भी लिख दी गई है। इसके साथ ही लोगों को निगम दस्ता निरंतर जागरूक कर रहा है कि टैमीफास का उपयोग करें। कलेक्टर ने घरों में नागरिकों से पूछा तो उन्होंने बताया कि डेंगू की विपदा को लेकर वे सजग हैं और समय-समय पर टैमीफास डालते हैं। इसके साथ ही निगम का दस्ता भी नियमित रूप से आता है। कलेक्टर ने कहा कि केवल साफ पानी का जमावड़ा ही नहीं देखना है आपको ऐसे स्पाट घर में नहीं रखने हैं जहां मच्छर छिप सकते हैं इसलिए खूब अच्छे से साफ-सफाई करें। निगम अधिकारियों ने बताया कि इस बार बीच में कुछ बारिश हुई जिसके चलते साफ पानी का जमावड़ा हुआ जिसके संबंध में निगम द्वारा तुरंत कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि इन बीमारियों से बचने के लिए पैंफलेट भी लोगों को वितरित किए गए हैं और घरों में भी चस्पा किए गए हैं। कलेक्टर ने इस कार्य में लगे निगम अमले से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि डेंगू नियंत्रण की जिम्मेदारी बेहद अहम है बारिश तक हर दिन इस दिशा में जुटना होगा। लोगों को लगातार जागरूक कर और तकनीकी उपाय अपनाकर आसानी से इसकी आशंका से निपटा जा सकता है।क्वारंटीन लोगों के घरों की मानिटरिंग कैसे हो रही ये पूछा- कलेक्टर ने उन नागरिकों की मानिटरिंग के बारे में भी पूछा जो बाहर से आए हैं और क्वारंटीन हैं। निगम कमिश्नर ने बताया कि इसके लिए दस्ते बनाये गए हैं। इन घरों की जियोटैगिंग की गई है। दिन में नियमित समयों पर मानिटरिंग कार्य में लगे अधिकारी अपनी रिपोर्ट देते हैं। -
- आईटीआई भिलाई के प्रबंधन की प्रशंसा की और भी बेहतर बनाने के दिए निर्देश
दुर्ग 06 जून 2020/ ग्यारहवीं और बारहवीं के कला संकाय के विद्यार्थियों को वोकेशनल ट्रेनिंग से जोड़ने छत्तीसगढ़ शासन ने पहल की है। इस हेतु तैयारियों का निरीक्षण करने एवं अधोसंरचना का निरीक्षण करने प्रमुख सचिव डाक्टर आलोक शुक्ला भिलाई पहुंचे। वहां उन्होंने आईटीआई भिलाई का निरीक्षण भी किया। उन्होंने कहा कि बेहतर प्रशिक्षण देने के साथ ही औद्योगिक जगत से भी बेहतर तालमेल हो ताकि रोजगार की बेहतर गुंजाइश बनती रहे। उन्होंने कहा कि भिलाई आईटीआई को इतना बेहतर बनाएं कि यह राज्य का सबसे अच्छा आईटीआई हो। इस मौके पर संचालक रोजगार एवं तकनीकी प्रशिक्षण श्री विवेक आचार्य, सुश्री रचना कटवार एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।