- Home
- Durg
-
दुर्ग 18 जून : छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर 11 जुलाई को लोकर अदालत का आयोजन किया जाना प्रस्तावित किया गया है। लोक अदालत का आयोजन दुर्ग, व्यवहार न्यायालय भिलाई-3 और व्यवहार न्यायालय पाटन में किया जाएगा। लोक अदालत में लंबित राजीनामा योग्य सिविल दांडिक प्रकरण, पारिवारिक प्रकरण, चेक अनादरण प्रकरण, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण सुनवाई हेतु रखे जाकर निराकृत किए जाएंगे। लोक अदालत में न्यायालय के लंबित प्रकरण राजीनामा के लिए रखे जा सकेंगे। प्रकरण के पक्षकार अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रकरणों को लोक अदालत में सुनवाई के लिए रख सकते हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सुरक्षा के उपाय अमल में लाना आवश्यक होगा। -
- सभी गौठानों में चल रही तैयारियां, ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा होगी
दुर्ग 18 जून : छत्तीसगढ़ में खरीफ फसल की सुरक्षा के लिए आयोजित होने वाली रोकाछेका की परंपरा आज सभी गौठानों में आयोजित की जाएगी। सभी गौठानों में इसकी तैयारियां कर ली गई हैं। गौठानों में ग्रामीण इस बात की शपथ लेंगे कि वे अपने मवेशियों को खरीफ फसल के दौरान गौठान पर ही रखेंगे। इस मौके पर गौठान समिति के सदस्य भी मौजूद रहेंगे। बीते दो दिनों में इस संबंध में विशेष तैयारियां की गई हैं। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने इस संबंध में विशेष निर्देश दिए हैं। जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि प्रत्येक गौठान में इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं। ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा के लिए कहा गया है। इसमें केसीसी के लिए शिविर भी लगाये जाएंगे। पशुचिकित्सा शिविर तथा अलग-अलग गांवों में अलग तरह की आवश्यकताओं के मुताबिक अन्य गतिविधियां की जा सकती हैं।
रोकाछेका के लिए जिला प्रशासन की ओर से विशेष निर्देश जारी कर दिये गए हैं। उल्लेखनीय है कि रोकाछेका छत्तीसगढ़ की प्राचीन परंपरा है। इसमें खरीफ फसल को मवेशियों से बचाने सभी गांव वालों से यह संकल्प लिया जाता है कि अपने मवेशियों को खुले में न छोड़े। चूंकि अब विशेष रूप से सामूहिक गौठान बना लिए गए हैं और यह चारे की भी पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है इसलिए खरीफ के दौरान ग्रामीण अपने मवेशियों को बाहर नहीं निकालने संकल्प लेते हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ में ऐसी परंपराओं को पुनः समग्रता से अपनाया जा रहा है जिन्हें धीरे-धीरे लोग भूलने लगे थे और जो कृषि की तरक्की के लिए बेहद आवश्यक है। रोकाछेका की तैयारियों को लेकर बीते दो दिनों में गौठानों में साफ-सफाई की गई। नई पीढ़ी को इस परंपरा का महत्व समझाने के लिए बुजुर्ग लोग भी आगे आए और उन्होंने इस परंपरा का महत्व समझाया। उल्लेखनीय है कि पूरे खरीफ के दौरान मवेशियों के गौठान में रहने से फसल की सुरक्षा तो होगी ही, पर्याप्त संख्या में जैविक खाद भी बनने की संभावना भी बनेगी जिससे कंपोस्ट खाद के उत्पादन की गुंजाइश भी बढ़ेगी। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा बीते महीनों में किसानों से पैरादान की अपील की गई थी। इसका अच्छा असर हुआ और किसानों ने बड़ी मात्रा में पैरा दान किया था। यह गौठानों में पशुओं के उपयोग आएगा। गौठानों में खरीफ के दौरान एक ही जगह पशुओं के मिल जाने से पशुधन संवर्धन का काम भी बेहतर तरीके से हो पाएगा। -
’- सांकरा स्थित केंद्र में पहुंचे कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे, मिशन डायरेक्टर आजीविका मिशन श्री नीलेश क्षीरसागर’ ’एवं जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक’
दुर्ग 18 जून : आज दोपहर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे जब निरीक्षण के लिए सांकरा स्थित आजीविका केंद्र पहुंचे तो वहां उन्हें समूह की महिलाओं द्वारा बनाया जा रहा मास्क विशेष रूप से पसंद आया। उन्होंने इसकी गुणवत्ता की तारीफ की और इनमें से एक मास्क खरीद दिया। कलेक्टर ने यहां बनाए जा रहे साबुन की भी विशेष रूप से प्रशंसा की। वहीं पर मौजूद जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने भी 2350 रुपये के साबुन खरीदे। उल्लेखनीय है कि जब से महिलाओं ने एलोवेरा चारकोल आदि साबुन का विक्रय शुरू किया है तब से इनकी काफी मांग बढ़ी है। इस दौरान राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के संचालक श्री नीलेश महादेव क्षीर सागर भी मौजूद थे।
उन्होंने आजीविका केंद्र के समूह की महिलाओं की प्रशंसा की। इस मौके पर कलेक्टर ने कहा कि सांकरा स्थित आजीविका केंद्र में बहुत अच्छा काम हो रहा है। सबसे अच्छी बात यह है कि आप लोग अपने उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे रहे हैं जैसे अभी मैंने जो मास्क लिया है वह मुझे बहुत पसंद आया है। किसी भी उत्पाद को बाजार में तभी जगह मिलती है जब उस उत्पाद की गुणवत्ता बाजार में उपलब्ध अन्य उत्पादों की तुलना में बेहतर होती है। इसके साथ ही बाजार मूल्य भी क्रेता-विक्रेता दोनों के अनुकूल हो तो उत्पाद की बिक्री तेजी से बढ़ती है। इस तरह बाजार के अनुरूप सामान का मूल्य तय कर अपने ब्रांड की गुणवत्ता बनाकर आप लोगों ने काफी अच्छा कार्य किया है जो सराहनीय है। कलेक्टर उन महिलाओं से भी मिले जो ट्री गार्ड का निर्माण कर रही थी। ट्री गार्ड का निर्माण कर रही महिलाओं ने बताया कि 1000 ट्री गार्ड का निर्माण कर भिलाई नगर निगम को भेज चुकी है और अब वे जिला पंचायत के लिए भी ट्री गार्ड बना रही हैं। उनके द्वारा बनाए गए ट्री गार्ड मनरेगा के फलोद्यान में पौधों की सुरक्षा के लिए काम आएंगे। इसके अलावा सीमेंट पोल निर्माण का भी कार्य कर रही है।
उनके द्वारा 1000 सीमेंट पोल का निर्माण किया जा चुका है। मिशन डायरेक्टर श्री क्षीर सागर ने कहा कि यह बहुत अच्छा प्रयास है जैसे साबुन के फ्लेवर्स के संबंध में किया गया, ब्रांड में अलग-अलग तरह की विविधता से ग्राहक काफी आकर्षित होते हैं। चूंकि मनरेगा में कार्यस्थल में सैनिटेशन और पंचायतों में स्थानीय जरूरतों के लिए बड़े पैमाने पर साबुन का उपयोग होता है इसलिए आपके द्वारा निर्मित सामान का बहुत सारा बाजार यहां ही उपलब्ध हो जाएगा। इसके अलावा छत्तीसगढ़ शासन में सभी विभागों को विशेष रूप से निर्देशित किया है कि अपनी जरूरतों का सामान अधिकाधिक रूप से स्वसहायता समूह से लें। इससे आपके उत्पादों के लिए बड़ा बाजार उपलब्ध हो रहा है जिस तरह से आपने इन दिनों में कार्य किया है और सांकरा आजीविका केंद्र में जिस तरह से काम हो रहा है उससे बड़ी संभावनाओं की राह खुली है।
आप अगर नवाचार के लिए आगे बढ़ते हैं तो इस संबंध में प्रशिक्षण देने के लिए पर बाजार उपलब्ध कराने के लिए कोशिश मिशन द्वारा की जाएगी। कलेक्टर डॉ. भूरे ने कहा कि आप लोगों को किसी भी तरह की दिक्कत हो तो इस संबंध में अवगत कराएं। प्रशिक्षण से लेकर बाजार की उपलब्धता की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा हर संभव मदद की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि आप लोग उन क्षेत्रों में भी कार्य कर रही हैं जिन क्षेत्रों में अभी तक पुरुष ही कार्य करते थे जैसे आप लोग सीमेंट पोल बना रही हैं फेंसिंग तार बना रही है। बहुत अच्छा काम है बिहान के माध्यम से और जिला प्रशासन तथा शासन की अन्य योजनाओं के माध्यम से हम आपकी पूरी मदद करेंगे। कलेक्टर ने यहां उपस्थित अधिकारियों को आजीविका केंद्र में अन्य तरह के प्रशिक्षण भी चिन्हांकित करने और कार्य आरंभ करने के निर्देश दिए। आज ही आईसीआईसीआई तथा एक्सिस बैंक के प्रबंधकों ने 2500 रुपये के साबुन खरीदे। -
दुर्ग 17 जून : जिले के में नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने के कारण कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने रिसाली(इस्पात नगर), वार्ड क्रं. 60, शारदा स्कूल के पास, रिसाली बस्ती वार्ड क्रं. 60, वार्ड कं्र. 59, रिसाली सेक्टर दक्षिण, सेक्टर-6 (एवेन्यू डी), वार्ड क्रं. 56, एवं जुनवानी(माॅडल टाउन) वार्ड कं्र. 2 नगर निगम भिलाई को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया है।
उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित करने के परिणामस्वरूप कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी। इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी पुलिस विभाग के द्वारा पेट्रोलिंग कर की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ ही निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी। -
दुर्ग 17 जून : नगरीय क्षेत्रों को आवारा पशु मुक्त, साफ-सुथरा एवं स्वच्छ रखने के साथ-साथ दुर्घटनामुक्त रखने हेतु मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर 19 जून से 30 जून 2020 तक समस्त नगरीय निकायों में रोकाछेका संकल्प अभियान चलाया जाएगा। साथ ही 19 जून को पशु पालकों से इस हेतु संकल्प पत्र भराया जावेगा। इसके लिए नगरीय निकायेां में मुनादी के द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जावेगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए आवश्यक मापदण्ड निर्धारित किये गए है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य के ग्रामीण परिवेश में फसलों को खुले में घूमने वाले पशुओं से सुरक्षित रखने हेतु रोका-छेका की परंपरा प्रचलित है। शहरों के आसपास स्थित फसलों, बाड़ियों, उद्यानों आदि की सुरक्षा हेतु इस प्रकार की व्यवस्था की आवश्यकता है।
नगरीय निकाय में निर्मित गौठान/गौठानों की क्षमता का आंकलन किया जाएगा। उसमें आवश्यक संधारण कार्य कराकर चारे की समुचित व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित की जावेगी। निकाय के आयुक्त/मुख्य नगरपालिका अधिकारी यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी मवेशी निकाय के सड़कों/सार्वजनिक स्थलों पर आवारा घूमते हुए नहीं पाया जाना चाहिए। आवारा घूमते हुए पशुओं को नियमानुसार शुल्क/जुर्माना की भुगतान करने के उपरांत ही मुक्त कर संबंधित पशु पालक को सौंपा जावेगा।
दिनांक 30 जून के उपरांत यदि कोई मवेशी निकाय क्षेत्र में अनियंत्रित खुले में धूमता हुआ पाया जाता हैं तो इसके लिए संबधित आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा।. निकाय द्वारा प्रत्येक वार्ड में वार्ड प्रभारी की नियुक्ति की जाएगी। जिनके द्वारा दिनांक 18 जून तक वार्ड का सर्वेक्षण कर, वार्ड में निवासरत पशु पालको के नाम एवं पालतू पशुओं की जानकारी एकत्रित की जाएगी। दिनांक 19 जून को वार्ड के सर्वेक्षित पशु पालको से निर्धारित संकल्प पत्र में हस्ताक्षर लेकर एकत्र किया जाएगा। पशुओं से सबंधित रिकार्ड तथा हस्ताक्षरित संकल्प पत्र, वार्ड कार्यालय एवं नगरीय निकाय कार्यालय के रिकार्ड में रखे जाएगें।
नागरिको को पशु पालन हेतु समुचित व्यवस्था रखने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। नगरीय निकायों में स्थित कांजी हाउस/गौठान की जानकारी से समस्त नागरिकांे को अवगत कराया जाएगा, साथ ही धूमते पाये जाने वाले आवारा पशुओं हेतु निकाय द्वारा निर्धारित दण्ड के बारे में भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। पशु पालन से उत्सार्जित पदार्थांे से उपयोगी सामग्री यथा-खाद इत्यादि बनाये जाने हेतु पशु पालकांे को प्रोत्साहित किया जाएगा। पशु पालन स्थल पर खाद निर्माण हेतु स्थल कमी की स्थिति में निकायों में स्थित कम्पोस्ट शेड की जानकारी से अवगत कराया जाएगा। -
- पाटन में ब्लाक लेवल समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने आजीविकामूलक गतिविधियों को बढ़ाने दिए निर्देश- पाटन ब्लाक में चल रही महत्वपूर्ण कार्यों की समीक्षा की, तय समय पर काम पूरा करने दिए निर्देश
दुर्ग 17 जून : गौठानों को आजीविकामूलक गतिविधियों का केंद्र भी बनाया जाएगा। कलेक्टर डाक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने आज पाटन ब्लाक में हुई अधिकारियों की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अधिकतम अवसर पैदा करने हैं। इसके लिए आजीविकामूलक गतिवधियों को बढ़ावा देना प्रमुख लक्ष्य होगा। नरूवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना मूल रूप से कृषि की तरक्की एवं पशुधन संवर्धन के लिए तैयार की गई है। कृषि और गोपालन के अतिरिक्त मुर्गीपालन, मत्स्यपालन जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देकर किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि गौठानों में डबरियों में मछलीपालन को प्रोत्साहित करें। मत्स्यपालन में बड़ी संभावनाएं हैं। जिले में भी इसकी बड़ी माँग है अगर स्थानीय स्तर पर ज्यादा से ज्यादा उत्पादन किया जाए तो बाजार की किसी तरह की कमी नहीं है। उन्होंने मत्स्य अधिकारी को इस संबंध में योजना बनाकर कार्य करने निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि गौठानों में मुर्गीपालन जैसे कार्यों को भी बढ़ावा दिया जा सकता है। उद्देश्य यह है कि आसानी से उपलब्ध बाजार को सबसे पहले पूरी तरह दोहन किया जाए जहां अच्छी आय की संभावना हो। दूसरी ओर गौठान में अन्य आजीविकामूलक गतिविधि भी बढ़ाई जाए जैसे स्वसहायता समूह साबुन और फिनाइल आदि का उत्पादन कर रहे हैं। इनके विपणन की व्यावसायिक संभावनाएं काफी हैं। प्रशासन की ओर से सभी विभागों को निर्देश भी दिए गए हैं कि स्वसहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं का क्रय किया जाए। इन संभावनाओं का लाभ उठाना चाहिए और अलग-अलग गौठानों में स्थानीय जरूरतों की चीजें बनाई जानी चाहिए। आपस में समन्वय भी होना चाहिए ताकि किसी एक ही तरह के उत्पाद का निर्माण ज्यादा से ज्यादा न हो ताकि बाजार का लाभ सबको अच्छी तरह मिल पाए। उन्होंने कहा कि उत्पाद की गुणवत्ता भी बेहद महत्वपूर्ण है। लगातार ट्रेनिंग हो, इसकी गुणवत्ता का ध्यान रखें। बाजार की जरूरतों के मुताबिक उत्पाद तैयार करें। बाजार तलाशने में किसी तरह की दिक्कत आये तो मदद करें। बैंक लिंकेज में किसी तरह की परेशानी आ रही है तो इस ओर आगे बढ़े। कलेक्टर ने कहा कि गौठानों के काम को आगे बढ़ाना सबसे महत्वपूर्ण है। गौठान समिति सक्रिय और प्रभावी रूप से कार्य करें, नवाचारों को प्रेरित करें और यह देखे कि गौठान में निरंतर सुव्यवस्था बनी रहे। खाद का उत्पादन होता रहे। लगातार माॅनिटरिंग से चीजें बेहतर होती रहती हैं।
उन्होंने गौठानों में इम्यूनाइजेशन और वेक्सीनेशन के कामों को प्रमुखता से करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा गौठान एवं चारागाह में सोलर पंप और नलकूप खनन का काम तय अवधि में पूरा हो जाए। उन्होंने खरीफ फसल के लिए खाद-बीज की उपलब्धता की जानकारी ली। बच्चों के सुपोषण के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रम की समीक्षा की और विभिन्न केंद्रों में कुपोषण की स्थिति की जानकारी ली। कलेक्टर ने सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक सभी महत्वपूर्ण विभाग के अधिकारियों को एक-एक घंटे में अपनी विभागीय योजनाओं के पाटन ब्लाक में क्रियान्वयन के बारे में पूछा। अगले तीन दिनों में धमधा और दुर्ग ब्लाक में ऐसी समीक्षा की जाएगी। -
- खरीफ सीजन के दौरान खुले में चराई से मुक्त गांवों के लिए रोकाछेका की परंपरा का होगा आयोजन, गांवों में तैयारियां शुरू- गौठानों में उत्साह से जुटकर कार्य कर रहे ग्रामीण और गौठान समिति के सदस्य- 18 जून को आश्रित गांव में और 19 जून को ग्राम पंचायत में होगी ग्राम सभा, खरीफ के दौरान अपने मवेशियों को खुले में नहीं छोड़ने की शपथ लेंगे
दुर्ग 17 जून : खरीफ की फसल को मवेशियों से बचाने खुले में चराई से मुक्त गांव के लिए रोकाछेका की तैयारी गांवों में बड़े पैमाने पर की जा रही है। रोकाछेका छत्तीसगढ़ की परंपरा है इसमें खरीफ फसल से पूर्व ग्रामीणों को शपथ दिलाई जाती है कि खरीफ फसल के दौरान अपने मवेशियों को गौठान में ही रखें। अब चूंकि गांवों में नरूवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के माध्यम से सामूहिक गौठान बने हैं तो रोकाछेका की रस्म और भी प्रासंगिक हो जाती है। दुर्ग जिले में 18 जून को आश्रित गांवों में और 19 जून को ग्राम पंचायतों में इस अवसर पर ग्रामीणों को शपथ दिलाई जाएगी। इस अवसर पर विशेष ग्रामसभा का आयोजन भी किया जाएगा। गौठानों में इसके लिए विशेष तैयारियां चल रही हैं। रोकाछेका की उपयोगिता इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि अब सामूहिक गौठान के रूप में विकल्प ग्रामीणों के पास उपलब्ध हैं जहां मवेशियों के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा है। जिले में गौठान न केवल पशुधन संवर्धन के केंद्र के रूप में उभरे हैं अपितु आजीविकामूलक गतिविधियों के सृजन के लिए भी माध्यम बने हैं। हर गौठान में नवाचार के अलग से प्रयोग हो रहे हैं जो उस क्षेत्र के लिए उपयोगी साबित हुए हैं।
सामूहिक फलोद्यान के लिए ट्री फेंसिंग तैयार करने से लेकर मनरेगा काम के दौरान लोगों को सैनिटाइज करने के लिए साबुन तैयार करने तक का काम स्वसहायता समूह की महिलाएं कर रही हैं। रोकाछेका के आयोजन के दौरान स्वसहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री का वितरण किया जाएगा। गौठानों में पशुचिकित्सा तथा पशुस्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा। पशुपालन एवं मछलीपालन हेतु किसान क्रेडिट कार्ड बनाने शिविर का आयोजन किया जाएगा। कृषि, पशुपालन, मछलीपालन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। गौठानों में पैरा संग्रहण एवं भंडारण हेतु मुहिम भी छेड़ी जाएगी। अपने गांव में तैयारियों के संबंध में मचांदूर के सरपंच श्री दिलीप साहू ने बताया कि रोकाछेका को लेकर हम लोग काफी उत्साहित हैं। खरीफ फसल की सुरक्षा के लिए बरसों से मनाई जा रही इस परंपरा को सरकार भी बढ़ा रही है। यह देखकर अच्छा लग रहा है। जनपद सदस्य श्रीमती लेखन साहू ने बताया कि गौठान का उद्देश्य पशुधन संवर्धन और फसल की रक्षा दोनों है। रोकाछेका के माध्यम से खरीफ फसल को मवेशियों से बचाने की परंपरा रही है। हम लोग इसके लिए सभी को तैयार कर रहे हैं और सब 19 जून के दिन शपथ लेंगे। -
दुर्ग 16 जून : माननीय कार्यपालक अध्यक्ष छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देश एवं माननीय श्री रामजीवन देवांगन कार्यवाहक जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के मार्गदर्शन पर जिला कोर्ट में सुनवाई के दौरान सोशल डिस्टेसिं को दृष्टिगत रखते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण न्याय सदन दुर्ग में ई-फाईलिंग संपर्क कांति सहायता केन्द्र का शुभारंभ किया गया है। इस सहायता केन्द्र के माध्यम से अधिवक्ता प्रकरण के सभी दस्तावेज आॅनलाईन जमा कर सकते है। दस्तावेज संबंधित कोर्ट को उपलब्ध हो जाएगा। इसके अतिरिक्त विडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से प्रकरण में जिरह कर सकेंगे।
कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए अधिवक्ताओं को न्यायालयीन कार्यवाही में सहयोग के तौर पर ई-फाईलिंग संपर्क क्रांति सहायता केन्द्र की शुरूवात की गई। ऐसे अधिवक्ता जिनके द्वारा एंड्राईड मोबाईल, कम्प्यूटर, स्केनर की सुविधा उपलब्ध नही है या वे उपयोग में नही लाते होगें। उनके सुविधा के लिए यह व्यवस्था की गई है। सहायता केन्द्र में तृतीय क्षेणी कर्मचारी श्री प्रशांत दिल्लेवार, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी श्री अशोक यादव तथा पैरालीगल वाॅलिटियर श्री डुलेश्वर मटियारा को नामित किया गया है।
ई-फाईलिंग संपर्क क्रांति सहायता केन्द्र के संबंध में प्रस्तुत किये जाने वाले प्रकरण, उनकी कार्यवधि के संबंध में जानकारी श्री हरीश अवस्थी, विशेष न्यायाधीश दुर्ग के द्वारा उपस्थित अधिवक्ताओं को बताया कि ई कमेटी द्वारा मोबाईल एप तैयार किए गए जिनके माध्यम से भी जानकारी सुलभ है इस एप के इंस्टालेशन की जानकारी न होने या किसी प्रकार की सहायता की आवश्यकता होने पर उसके संबंध में भी सहायता ई सेवा केन्द्र से प्राप्त की जा सकती है एवं उपलब्ध स्टाफ आपको एप इंस्टालेशन में मदद करेंगे।
अधिवक्ता efiling.ecourts.gov.in/cg में जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं, प्रक्रिया एक बार की होगी इसके पश्चात् अधिवक्ता 24x7 अपने घर बैठे प्रकरण दावा जवाब दावा आवेदन दस्तावेज इत्यादि प्रस्तुत कर सकते है दावा जवाब दावा आवेदन पत्र तथा दस्तावेज पीडीएफ फाॅर्मेट में ए4 साईज के होने आवश्यक होंगे रजिस्टेशन उपरांत अधिवक्ता को अपनी यूजर आईडी तथा पासवर्ड प्राप्त हो जाता है तथा लाॅर्ड मेक ए स्पेस भी प्राप्त हो जाता है जहां वह अपने दस्तावेज तैयार कर सकते हैं सहेज के रख सकते हैं तथा पश्चात में भी प्रस्तुत कर सकते है साथ ही साथ प्रकरण से होने वाली तमाम जानकारियां स्वयं उनके इस क्लाउड स्पेस में उपलब्ध होती रहती है। शुभारंभ दुर्ग में पदस्थ न्यायाधीश श्रीमती शुभ्रा पचोरी, श्रीमती गरिमा शर्मा, श्री अजीत कुमार राजभानु, श्रीमती पी.पाॅल, श्री मोहन सिंह कोर्राम, परिवार न्यायालय के न्यायाधीश श्री यशवंत वासनिकर, श्री गुलाब सिंह पटेल अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ दुर्ग, एवं श्री राहूल शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग, कर्मचारीगण, पैरालीगल वाॅलिटियर उपस्थित रहे। शुभारंभ के समय सभी उपस्थिति लोगो के द्वारा सोशल डिस्टेसिंग का पालन किया। - दुर्ग 16 जून : नोवेल कोरोना वायरस जैसे वैश्विक महमारी को ध्यान में रखते हुए किसी भी वैवाहिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने हेतु तहसील कार्यालयों को अधिकृत किया गया है। जहाँ प्रतिदिन अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त हो रहे है, जिसका निराकरण वर्तमान में मैन्युअल रूप से किया जा रहा है। जिसमे लगने वाला समय अधिक होने के कारण नागरिकों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
इस संदर्भ में चिप्स ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से इस सेवा को ऑनलाइन किया जा रहा है। जिससे नागरिकों द्वारा इस सेवा का लाभ सुगमता से उठाया जा सके। यह सेवा प्रदायगी हेतु 3 दिवस का समय सीमा निर्धारित किया गया है। अब वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर आवेदन कर सकते है। - दुर्ग 16 जून : अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण समिति की बैठक 29 जून को शाम 5 बजे कलेक्ट्रेट सभा कक्ष मे आयोजित की गई है। बैठक में इन वर्गो के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं के साथ ही विभिन्न लंबित प्रकरणों की समीक्षा की जाएगी। बैठक में समिति के सभी सदस्यों को उपस्थिति सुनिश्चित करने कहा गया हैं।
-
दुर्ग 16 जून : विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनांतर्गत विधायक दुर्ग शहर श्री अरूण वोरा की अनुशंसा पर दुर्ग नगर के वार्ड क्र. 54 पोटिया रोड में सीमेंटीकरण सड़क निर्माण कार्य के लिए 12 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई हैं। -
- गौठान के अंतर्गत होगा विभिन्न गतिविधियों का संचालनरोका-छेका की परंपरा पर विशेष कार्यक्रम 18 जून को आश्रित ग्रामों में होगी ग्राम सभा
दुर्ग 16 जून : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ग्रामीण आजीविका और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के उद्देश्य से ग्राम पंचायतों में गौठानों का निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल किया है। गौठान के विकास को गति देने के उद्देश्य से 19 जून को प्रत्येक ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा। विशेष ग्राम सभा आयोजन करने के संबंध में पंचायत विभाग द्वारा विशेष सर्कुलर जारी किया गया है। ग्राम पंचायतों मे विशेष ग्राम सभा आयोजन करने के संबंध में जिला कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया है।
विशेष ग्राम सभा में होने वाली गतिविधि:-
गौठान में उत्पादित कम्पोस्ट खाद का वितरण, गौठानों से सम्बद्ध स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री का वितरण, गौठानों मे पशु-चिकित्सा तथा पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा। गौठान ग्राम मे पशुपालन/मछली पालन हेतु किसान क्रेडिट कार्ड बनाने शिविर आयोजन, कृषि, पशुपालन, मछली पालन की विभिन्न योजनाओं मे हितग्राहियों को लाभ प्रदाय किया जाएगा। गौठानांे मंे पैरा संग्रहण एवं भण्डारण हेतु मुहिम चलाया जाएगा।
विशेष ग्राम सभा में राज्य में आगामी बुवाई के मौसम के मद्देनजर ‘‘रोका-छेका’’ की परंपरा को अमल में लाया जाएगा। मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार राज्य भर मंे ‘‘रोका-छेका’’(मवेशियो द्वारा खुले चराई पर रोक) को सुनिश्चित करने के संबंध में परिचर्चा एवं पहल की जाएगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत के आश्रित ग्रामांे मे दिनांक 18 जून एवं ग्राम पंचायत मुख्यालय मे दिनांक 19 जून को विशेष ग्राम सभा आयोजित किया जाएगा। -
- हर गांव में निभाई जाएगी रोकाछेका की परंपरा,मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर हर गांव में हो रही तैयारीकलेक्टर ने इस दिन विशेष ग्राम सभा के लिए निर्देशदुर्ग 16 जून : छत्तीसगढ़ी संस्कृति में हर अनुष्ठान और परंपरा का उत्सवधर्मी पक्ष तो है ही, इससे भी बढ़कर यह अर्थतंत्र को सहेजने और बढ़ाने के लिए प्रेरित है। ऐसे ही सबसे महत्वपूर्ण परंपरा जो ग्रामीण क्षेत्र में मनाई जाती थी, वो रोकाछेका की परंपरा है। खरीफ फसल लगाने से पूर्व सभी गौपालकों की बैठक गांव में ली जाती थी, उन्हें शपथ दिलाई जाती थी कि अपने मवेशी न छोड़े, अपने गौठान में ही रखें ताकि फसल सुरक्षित रखे। यह सुंदर परंपरा धीरे-धीरे नष्ट होती जा रही थी। इस परंपरा के गहरे महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सहेजें जिससे हमारे लिए आर्थिक समृद्धि का भी रास्ता खुल सके। इस संबंध में मुख्यमंत्री की मंशानुरूप ग्रामीण क्षेत्रों में रोकाछेका की परंपरा को सहेजने एवं इसे आगे बढ़ाने सभी सरपंचों को कहा गया है। कलेक्टर ने इस संबंध में रोकाछेका की परंपरा का जिक्र करते हुए लिखा है कि नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के अंतर्गत हम लोगों ने पशुधन संवर्धन के लिए गौठान बनाये हैं। चारागाह बनाये हैं।इसका उद्देश्य यह है कि मवेशी फसल खराब न करें। इस तरह सामूहिक गौठान के माध्यम से हमने ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा सिस्टम विकसित कर लिया है ताकि मवेशियों को एक ही जगह पर रखा जा सके, उनके चारे की व्यवस्था की जा सके और पशुधन संवर्धन भी हो सके। रोकाछेका इस प्रयास को दृढ़ करने का एक अवसर हमें प्रदान करता है। कलेक्टर ने कहा कि रोकाछेका रस्म के माध्यम से सभी ग्रामीणों से शपथ दिलाएं कि वे अपने मवेशी गौठान में रखेंगे। रोकाछेका के माध्यम से अतीत में फसल की रक्षा मवेशियों से की जाती थी। कलेक्टर का पत्र मिलने के पश्चात सभी सरपंचों ने 19 जून को आयोजित होने वाले रोकाछेका कार्यक्रम की तैयारियां शुरू कर दी हैं। ग्राम पतोरा की सरपंच श्रीमती अजिता साहू ने बताया कि रोकाछेका को बढ़ावा देना बहुत अच्छा कार्य है। अगर हम ध्यान नहीं देंगे तो इस तरह की परंपराएं समाप्त हो जाएंगी और फसलों की सामूहिक सुरक्षा के लिए बनाया गया तंत्र भी खत्म हो जाएगा। अब एक बार सबके सामने शपथ लेने के बाद कोई भी अपने मवेशी को नहीं छोड़ पायेगा।
रोकाछेका को बढ़ावा इसलिए- अगर एनजीजीबी योजना का सार देखें तो यह पशुधन संवर्धन और इसके माध्यम से कृषि के विकास से जुड़ा है। गौठानों में पशुओं को रखकर उनका संवर्धन तो कर ही पाते हैं इससे खड़ी फसल की रक्षा भी होती है। अगर रोकाछेका की बात करें तो यह एनजीजीबी के विचार को आगे बढ़ाने का सबसे प्रमुख जरिया है। पशुधन को गौठान में सहेज लें, तो वो खड़ी फसल को नष्ट नहीं करेगा। पशुधन के लिए यदि चारागाह में चारा मिल जाए तो वो खड़ी फसल की ओर नहीं जाएगा। रोकाछेका में जो सामूहिक शपथ ली जाती है उससे सामुदायिक भावना भी दृढ़ होती है और गांव के लोग मिलकर यह निर्णय करते हैं कि हमारे लिए फसल की सुरक्षा सबसे अहम है। - दुर्ग 15 जून : नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न जोन कार्यालय में कार्यरत जोन आयुक्त के कार्य क्षेत्र में निगम आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने बदलाव किया है। इसका आदेश निगम आयुक्त ने आज जारी कर दिया है। शासन द्वारा जारी आदेश के तहत नवनियुक्त जोन आयुक्त पूजा पिल्ले की निगम भिलाई में पदस्थापना किए जाने के बाद इन्हें निगमायुक्त ने जोन क्रमांक एक नेहरू नगर क्षेत्र में जोन आयुक्त का प्रभार दिया है। जोन आयुक्त प्रीति सिंह को जोन क्रमांक 4 शिवाजी नगर से हटाकर जोन क्रमांक 3 मदर टैरेसा नगर में पुनः पदस्थ किया गया है। अमिताभ शर्मा जोन आयुक्त को जोन क्रमांक 1 नेहरू नगर से हटाकर जोन क्रमांक 4 शिवाजी नगर में पदस्थ किया गया है, महेंद्र पाठक जोन आयुक्त को जोन क्रमांक 3 मदर टैरेसा नगर से जोन क्रमांक 5 सेक्टर 6 में कार्य करने के लिए नियुक्त किया गया है। प्रशासनिक दृष्टिकोण एवं निगम के कार्यों को सुचारू रूप से संचालन करने के लिए जोन आयुक्त के कार्य क्षेत्र में बदलाव किया गया है।
- दुर्ग 15 जून : भिलाई नगर रेलवे स्टेशन के समीप एवं नवनिर्मित बस डिपो के पीछे कोसा नाला क्षेत्र मे स्थापित फाइटो राइट पद्धति से पानी को शुद्ध करने का कार्य किया जा रहा है। इकोलॉजिक साइंस टेक्निक प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा तैयार किया गया फाइटो राइट एक ऐसी पद्धति है जो नाले में बहने वाले गंदे पानी को जिसमें सॉलिड वेस्ट के साथ साथ विभिन्न प्रकार के पदार्थ जैसे पॉलिथीन आदि जल में मिश्रित रहते हैं, विशुद्ध रहते हैं को सर्वप्रथम शेल्टर टैंक एवं जाली के माध्यम से रोक दिया जाता है जिससे जितने सॉलिड वेस्ट मटेरियल एवं ठोस पदार्थ है वह शेल्टर टैंक के ऊपर ही रह जाते हैं तत्पश्चात पांच प्रकार की विभिन्न पद्धति द्वारा जल को उपचारित किया जाता है जिसे फाइटोराइट बेड कहा जाता है इस बेड की खासियत यह है कि इसमें डाले हुए गिट्टी मे बायो मीडिया जीवाणु होता है जोकि पानी मे बहने वाले छोटे-छोटे हानिकारक एवं अनुपयोगी पदार्थों को खत्म करने का कार्य करता है इसी पद्धति में पौधों का भी विशेष महत्व होता है यह पौधे विशेष प्रकार के पौधे होते हैं जो पानी में ही जीवित रहते हैं तथा इनके जड़ पानी में तैरते रहते हैं जोकि हानिकारक तत्व को ग्रहण कर लेते हैं जिससे पानी शुद्धिकरण होता है, इसके बाद जो पानी शेष बचता है वह शुद्ध पानी अन्य कई कार्यों में उपयोग किया जा सकता है, यह पानी को संग्रहण करने का एक अच्छा जरिया है।अब इस पानी का उपयोग गौठान के विभिन्न कार्यों के लिए किया जा रहा है इसके लिए बकायदा गौठान में चार स्थलों पर पॉइंट दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि महापौर एवं भिलाई नगर विधायक श्री देवेंद्र यादव तथा आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी के निर्देशन पर कार्य करते हुए स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा अपने आजीविका के साधन जुटाने के लिए गौठान में सब्जियों की जैविक खेती व्यापक पैमाने पर की जा रही है और महिलाओं के द्वारा कार्य करते हुए सब्जियों की खेती का रकबा भी बढ़ा लिया गया है। शहरवासी यहां पर सब्जियों की खरीदी के लिए आते हैं और ताजी सब्जियां लेकर जाते हैं।
-
दुर्ग 15 जून : नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत वार्ड 50 में छत निर्माण, पेवर ब्लाॅक, शेड निर्माण एवं व्यायाम शाला का निमार्ण किया जाएगा। सेक्टर 02 क्षेत्र में विकास कार्य के लिए आज महापौर एवं भिलाईनगर विधायक श्री देवेन्द्र यादव ने वार्ड पार्षद एवं वरिष्ठ नागरिकों की उपस्थिति में भूमिपूजन किया। 23.75 लाख की लागत से क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्य से नागरिकों को सार्वजनिक आयोजनों में सहूलियत मिल सकेगी। वार्ड 50 सेक्टर 02 क्षेत्र में विकास कार्य होने से क्षेत्र के नागरिकों द्वारा सार्वजनिक एवं धार्मिक आयोजनों में आसानी होगी। आस्था कार्यालय में पक्का छत निर्माण होने, सड़क 15 के मंदिर के पीछे व्यायाम शाला और उद्यान के चारो तरफ पेवर ब्लाॅक की मांग क्षेत्र के नागरिकों ने किया था जिसका आज भूमिपूजन होने से वार्डवासियों ने खुशी जाहिर करते हुए महापौर श्री यादव व निगम प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
इसी प्रकार वार्ड 57 के क्षेत्र में बस स्टाॅप एवं रोड निर्माण किया जाएगा। वार्ड 50 सेक्टर 02 के स्थानों पर विकास कार्यों की शुरूआत करने आज महापौर श्री देवेन्द्र यादव ने भूमिपूजन किया। वार्ड 50 में छत निर्माण, शेड निर्माण, व्यायाम शाला एवं उद्यान के चारो तरफ पेवर ब्लाॅक लगाया जाएगा। वार्ड के युवाओं ने व्यायाम शाला की मांग किए थे जिसकी सौगात महापौर ने दी है। श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उद्यान के चारो ओर पेवर ब्लाॅक लगाने सहित सभी कार्यो को गुणवत्तापूर्वक निर्धारित समय में पूर्ण किया जाए ताकि वार्ड के नागरिकों को सुविधा मिल सके। नए मंच का निर्माण होने से सार्वजनिक आयोजनों में धूप एवं बारिश बाधा नहीं आएगी। भूमिपूजन कार्यक्रम के बाद महापौर श्री यादव वार्ड के नागरिकों से मुखातिब हुए और उनके साथ वार्ड के विकास से संबंधित चर्चा किए। भिलाई निगम के जोन कं. 03 अंतर्गत वार्ड 50 में 2 स्थान पर महापौर श्री यादव ने भूमिपूजन किए, सेक्टर 02 में 23.75 लाख रूपए की लागत से विकास कार्य किए जाएंगे। वार्ड के आस्था कार्यालय में पक्का छत का निर्माण एवं पेवर ब्लाॅक, सड़क 16 किनारे गणेश मंच में शेड निर्माण, सड़क 15 के मंदिर में टीन शेड और मंदिर के पीछे व्यायाम शाला तथा वार्ड 50 के ए मार्केट के सामने उद्यान के चारो तरफ पेवर ब्लाॅक लगाया जाएगा।
पेवर ब्लाॅक लगने से उद्यान के आस पास सफाई रहेगी तथा बारिश के सीजन में उद्यान आने वाले नागरिकों को कीचड़ की समस्या से निजात मिलेगा। इसी प्रकार वार्ड 57 में बस स्टाॅप एवं सड़क निर्माण के लिए महापौर श्री यादव ने भूमिपूजन किया। भूमिपूजन कार्यक्रम में महापौर परिषद के सदस्य सूर्यकान्त सिन्हा, वार्ड पार्षद श्रीनिवास राव, हरिश सिंह, अभिषेक अवस्थी, विनय राॅय, कार्यपालन अभियंता डी.के. वर्मा, उप अभियंता श्वेता महेश्वर सहित वार्ड के कुछ वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे। -
दुर्ग 15 जून : जिले के सेक्टर-6 अग्रसेन भवन, पी.एन.टी काॅलोनी, नेवई बस्ती वार्ड क्रमांक 42 रिसाली भिलाई और ग्राम कुम्हारी वार्ड क्रमांक 14, तहसील धमधा व ग्राम औंधीे, तहसील पाटन में नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने के कारण कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया है। कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी। इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी के पुलिस विभाग के माध्यम से पेट्रोलिंग की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी। -
- जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक में कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने दिये स्पष्ट निर्देश, कहा चाइल्ड लाइन और टास्क फोर्स मिल कर सुनिश्चित करें
दुर्ग 15 जून : सिग्नल पर भीख माँगते बच्चों के मामले में कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने चाइल्ड लाइन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी बच्चा सिग्नल पर भीख माँगता नजर आया तो इसे चाइल्ड लाइन की चूक माना जाएगा। चाइल्ड लाइन और टास्क फोर्स इस संबंध में कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों के पेरेण्ट्स पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि चाइल्ड लाइन की अहम जिम्मेदारी ऐसे सभी बच्चों को लेकर है और इसे पूरी दक्षता से निभाया जाना चाहिए। कलेक्टर ने ऐसे बच्चों के बारे में निर्देश दिए जिन्होंने अपने अभिभावकों को खो दिया है। उन्हें संरक्षण में लेने और आगे की जिम्मेदारी का निर्वहण करने के लिए निर्देश दिया। ऐसे ही एक नाबालिग बच्ची जो पहले अपने माता-पिता को खो चुकी है उसके आठवीं के बाद पढ़ाई की जिम्मेदारी लेने के निर्देश दिये। साथ ही एक मूकबधिर बच्चे के रहने और अन्य चीजों की व्यवस्था के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी सबसे अहम है। बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे, इस मामले में त्वरित निर्णय लेना है। समिति की बैठक तय समय पर हो। जहां पर भी इनसे जुड़ी संस्थाओं में पदों की रिक्तियां होती हैं वहां त्वरित कार्रवाई कर पदों को भरे जाने की कार्रवाई करें। जो बच्चे बालगृह में आते हैं उनके सामान्य स्वास्थ्य जांच के अलावा सिकलिन आदि के स्वास्थ्य जांच के संबंध में भी उन्होंने निर्देश दिए।
कलेक्टर ने पिछली बैठक के एजेंडा पर हुई कार्रवाई के संबंध में भी जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि पिछली बैठक में बच्चों के एजुकेशन पर और सुरक्षा के लिए कैमरे आदि लगाने के विषय में निर्णय हुए थे पर कार्रवाई हुई है। आज बैठक में शासकीय विशेष गृह एवं प्लेस आफ सेफ्टी के निर्माण जल्द आरंभ करने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को निर्देशित किया गया। लंबित प्रकरणों के शीघ्रताशीघ्र निराकरण के बारे में भी कहा गया। देखरेख संस्थाओं में रिक्त पदों के संबंध में भी जानकारी दी गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन ने बताया कि यह प्रक्रिया शीघ्र ही पूरी कर ली जाएगी। संकटग्रस्त बालकों के पहचान के लिए पंचायतों में सर्वे किया जा रहा है। कलेक्टर ने अधिकारियों को नियमित मानिटरिंग कर यहां बेहतर व्यवस्थाएं रखने के निर्देश दिए। साथ ही बाल गृह में खेल और पढ़ाई आदि विषयों पर अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में एडीशनल एसपी श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम, सीएमएचओ डाक्टर गंभीर सिंह ठाकुर, जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। - दुर्ग 15 जून :जिले के कुबेर इनकेव वार्ड नं. 7, जुनवानी रोड कोहका, नगर पालिक निगम भिलाई एवं वार्ड नंबर 15, मउहारी भाटा मड़ोदा, रिसाली में कोरोना पाॅजिटव केस पाये जाने के उपरांत उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया था। उक्त क्षेत्र में पिछले 14 दिवस में कोई भी नए पाॅजिटीव केस नहीं आये है। अतः कन्टेनमेंट जोन की अधिसूचना को समाप्त करते हुए चिन्हित क्षेत्र में जिन व्यक्तियों को होम क्वारंटाईन किया गया है उनके क्वारंटाईन अवधि तक यथास्थिति बनी रहेगी। चिन्हांकित क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकाने एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान शासन के नियमानुसार संचालित होंगे। चिन्हित क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को कोरोना से संबंधित लक्षण होने पर तत्काल कंट्रोल रूम के दूरभाष क्रमांक 0788-2210180 अथवा 0788-2210773 पर सूचित करेंगे।
-
दुर्ग 15 जून : प्राकृतिक आपदा से मृत्यु हो जाने पर मृतक के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है। इनमें स्व. तरूण कुमार 23 नवबंर 2016 को एवं स्व. खुशबू का 17 सितबंर 2019 को पानी में डुबने से हुई मृत्यु के लिए उनके परिजनों के लिए क्रमशः 4-4 लाख रू. की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है। - दुर्ग15 जून : जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग के विभिन्न प्रकरणों में जब्त की गई मालखाने की पुरानी साइकिलें नीलाम की जाएंगी। नीलामी 3 जुलाई को ग्यारह बजे से दो बजे तक न्यायालय के प्रागंण में होगी। कोरोना संक्रमण को रोकने शासन द्वारा जारी किये गए बचाव के उपायों का पालन करते हुए इच्छुक व्यक्ति निलामी में हिस्सा ले सकते हैं।
-
दुर्ग 15 जून : जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक 19 जून 2020 को 12ः00 बजे जिला पंचायत के सभाकक्ष मे आयोजित की गई है। बैठक में मनरेगा, स्वास्थ्य विभाग, कृषि विभाग, राजीव गांधी न्याय योजना, निर्माण कार्यो, पेयजल व निस्तारी की तैयारी, जिला पंचायत का बजट से संबंधित व अन्य विषयों पर चर्चा की जायेगी। संबधित विभाग के अधिकारियों को पूर्ण जानकारी के साथ बैठक मे उपस्थित होने कहा गया हैं। - - एक्सिस बैंक ने अपने सभी ब्रांचों के लिए खरीदादुर्ग 15 जून : बाजार में बिक रहे केमिकल युक्त साबुन की जगह एलोवीरा जैसे हर्बल तत्वों से साबुन बनाने वाली बिहान की दीदियों के उत्पादों का बाजार विस्तारित हो रहा है। इनके एलोवीरा, चारकोल जैसे तत्वों वाले साबुन के बारे में जानकारी मिलने के बाद एक्सिस बैंक प्रबंधन ने जिले के सभी ब्राचों के लिए यह साबुन खरीदने का निर्णय लिया। एक्सिस बैंक के प्रबंधक श्री संदेश देशकर ने बताया कि मुझे यह जानकारी मिली कि एलोवीरा, नींबू जैसे नैचुरल तत्वों से बिहान की महिलाएं साबुन बना रही हैं। ऐसा लगा कि यह महिलाएं आत्मनिर्भर तो हो ही रही हैं वे नये कांसेप्ट को लेकर आगे बढ़ी हैं। इसलिए इन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। हमने आज अपने ब्रांचों के लिए 25 सौ रुपए का साबुन खरीदा। जैसे ही जरूरत पड़ेगी, फिर से खरीदेंगे। श्री देशकर ने बताया कि बिहान में बड़ी अच्छी ट्रेनिंग दी जा रही हैं। ये महिलाएं केवल वस्तुएं ही तैयार नहीं कर रहीं। इनके बाजार की नब्ज पर भी पकड़ है। अभी लोग हर्बल ट्राई कर रहे हैं जो त्वचा के लिए ज्यादा कोमल होता है। जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि बिहान की महिलाएं साबुन बना रही हैं और उन्हें इसे बेचने में अच्छी सफलता मिल रही है।काफी सारे लोग इनसे उत्पादों के बारे में पूछ रहे हैं। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में, पंचायतों में इनके द्वारा बनाये गए साबुनों का प्रयोग हो रहा है। लाकडाउन के दौरान इन्होंने बड़ी मेहनत की। सीईओ ने बताया कि इन्हें ट्रेनिंग भी दी जा रही है और बाजार से लिंक करने की कोशिश भी की जा रही है। जिस तरह का रिस्पांस मिल रहा है वो बहुत अच्छा है। महिलाओं ने प्रोडक्ट बनाने में और इसे बेहतर गुणवत्तापूर्ण बनाने में बड़ी मेहनत की है। जय मां संतोषी स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी सिंगौर ने बताया कि हम लोग सांकरा के आजीविका केंद्र में इसे तैयार कर रहे हैं। हमने इसका पूरा प्रशिक्षण लिया है। जिला पंचायत द्वारा हमें लगातार मार्गदर्शन दिया जाता है। साथ ही हमारे उत्पादों को बाजार दिलाने के लिए प्रशासन ने काफी काम किया है। श्रीमती सिंगौर बताती हैं कि हमें बहुत अच्छा लगता है जब दूरदराज से भी फोन आते हैं और हमारे हर्बल उत्पादों के बारे में जानकारी लेते हैं। अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह का फ्लेवर पसंद आता है किसी को जैस्मीन, किसी को एलोवीरा, किसी को गुलाब। हमारी कोशिश होती है कि हम गुणवत्तापूर्वक उत्पाद उपलब्ध कराएं। आज से कुछ समय पहले हमारे लिए सोच पाना भी कठिन था कि हम साबुन बना पाएंगे। अब तो हमारे द्वारा बनाया साबुन पंचायत में काम आता है। उल्लेखनीय है कि लगातार सैनिटाइजेशन पर जोर, हाथ धोये जाने पर जोर, मनरेगा में काम के दौरान हाथ नियमित रूप से धुलाने पर जोर देने से साबुन का उपयोग बढ़ा है। ऐसे में बिहान के महिलाओं की मेहनत उनके गांवों में ही खप जा रही है और बाहर भी बड़ा बाजार उनके लिए खुल गया है।
-
- फिलहाल केवीके में हजार पौधे तैयार किए जा रहे, पेल्टाफोरम प्रजाति के गुलमोहर के इस पौधे में लगते हैं पीले फूल- प्रमुख सड़के गुलजार होंगी इस पेड़ से
दुर्ग 15 जून : गुलमोहर के फूलों से बिखरी सड़कें कितनी सुंदर लगती हैं। कितने ही डेस्कटाप और लैपटाप में स्क्रीनसेवर में यही नजारा मिलता है। गुलमोहर को बढ़ाने की जिला प्रशासन की पहल निकट भविष्य में दुर्ग जिले की सारी प्रमुख सड़कों में भी यही नजारा दिखेगा और यहां के नागरिकों के लिए यह नजारा इतना करीब होगा कि अपने लैपटाप या डेस्कटाप के लिए किसी स्क्रीन सेवर की जरूरत नहीं होगी, वे अपने मोबाइल से ही दूर तक सड़कों में फैली गुलमोहर की सुंदरता का आनंद लेते हुए अपने सिस्टम के स्क्रीन सेवर के लिए इसके फोटोग्राफ ले सकेगें।
जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि कलेक्टर डा.ॅ सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने महत्वपूर्ण सड़को पर गुलमोहर के पौधे लगाने निर्देशित किया है जिसके अंतर्गत गुलमोहर के एक हजार पौधे केवीके में तैयार हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि यह गुलमोहर की पेल्टाफोरम प्रजाति के पौधे हैं। इन्हें रोपित करने ट्री गार्ड भी तैयार किए जा रहे हैं। पौधे जरूरत के मुताबिक ऊंचाई में आ जाने के बाद जिले की प्रमुख सड़कों में रोपित कर दिये जाएंगे। केवीके में यह ऐसी पौध तैयार हो रही है जो पूरे जिले की सुंदरता को नये सिरे से गुलजार कर देगी। अधिकांश पेड़ों में फूल खिलते हैं लेकिन गुलमोहर में फूल ही फूल नजर आते हैं इतने की पत्तियां भी इनकी वजह से छिप जाती हैं। जिला प्रशासन की इस पहल से न केवल हरियाली का रास्ता खुलेगा अपितु सड़कें न्यूनतम निवेश के सुंदरता से गुलजार होंगी। गुलमोहर का पौधा तेजी से बढ़ता भी है। अप्रैल और मई के महीने में इसके फूलों से सड़कें बिछी रहती हैं।
उल्लेखनीय है कि पेल्टाफोरम प्रजाति के वृक्षों की बंगलूरू में भी बहुतायत हैं। लाकडाउन के दौरान बहुत से प्रकृति प्रेमियों ने इसकी फोटो अपने सोशल मीडिया में शेयर की। जहां सूनी सड़कों को गुलमोहर के फूलों की सुंदरता गुलजार कर रही थी। पूरी सड़क गुलमोहर के फूलों से बिछ गई थी।
गुलमोहर के पेड़ के साथ यह भी खास है कि यह न्यूनतम निवेश में अधिकतम सुंदरता की गारंटी करता है। सूखे मौसम में भी इसकी उत्तरजीविता रहती है क्योंकि यह मूलतः अफ्रीकन पौधा है। मूल रूप से यह पौधा स्ट्रीट ट्री ही कहलाता है। यही वजह है कि मेडागास्कर जैसे छोटे से द्वीप से यह पूरी दुनिया में फैल गया।
कलेक्टर कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पक्षियों के विषय पर भी अपनी बात कही थी। उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व पशुपक्षियों के लिए भी है। उन्होंने फलदार पौधों के रोपण की बात कही ताकि पशुपक्षियों को भी उनके पर्यावास में ही पर्याप्त आहार मिल सके। उल्लेखनीय है कि गुलमोहर का पौधा पक्षियों के लिए आश्रय स्थल भी बनता है। कापर स्मिथ बार्बेट, ब्राउन हेडेड बार्बेट और मैना अपना घोंसला बनाने इसी पेड़ को चुनती हैं।गुलमोहर सुंदरता का प्रतीक है इसलिए ही कवियों ने इतनी सुंदर कविताएं इस पर गढ़ी भी हैं। गुलजार ने लिखा है कि ‘’गुलमोहर गर तुम्हारा नाम होता, मौसम-ए-गुल को हंसाना हमारा काम होता।‘’ इस वृक्ष की शाम की सुंदरता पर आगे की लाइन और भी खूबसूरत है। ‘’शाम के गुलाबी से आंचल में ये दिया जला है चांद सा।‘’
गुलमोहर का पेड़ कवियों के लिए संवेदनशीलता का प्रतीक भी बन जाता है। दुष्यंत कुमार ने लिखा था कि ‘’जिये तो अपने बगीचे में गुलमोहर के तले, मरे तो गैर की गलियों में गुलमोहर के लिए।‘’दुर्ग में तैयार हो रहे गुलमोहर के पौधें आने वाली पीढ़ी को एक सुंदर धरोहर है जो उनके जीवन की सुंदरता को और बढ़ायेगी। - दुर्ग : राज्य शासन के द्वारा जारी गाइडलाइन के परिप्रेक्ष्य में दुर्ग जिले के आम दुकानों के संचालन के संबंध में राज्य शासन के आदेशानुसार जिले में अनुमति प्राप्त दुकानों, व्यावसायिक एवं अन्य प्रतिष्ठानों, जिनको गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालन की अनुमति है, को प्रातः 5ः00 बजे से रात्रि 9ः00 बजे तक संचालन की अनुमति प्रदान की गई है। व्यवसायिक प्रतिष्ठान उपरोक्त समयावधि के मध्य दुकान संचालन कर सकेंगे। उक्त आदेश घोषित कंटेनमेंट जोन में लागू नहीं होगा। शर्तें यथावत लागू रहेंगे