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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में मास्क की अनिवार्यता होने के बाद अपने सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मास्क वाला डीपी लगाकर लोगों को जागरूक करने की पहल की है। अब तक 17 हजार से अधिक लोगों ने फेसबुक पर इसे पंसद किया है। श्री बघेल ने इस डीपी के साथ अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रत्येक व्यक्ति को घर से बाहर सार्वजनिक स्थानों में निकलते समय मास्क पहनना अनिवार्य है। चिकित्सकीय विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार कोविड-19 की रोकथाम और बचाव के लिए मास्क फेस कव्हर पहना आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रत्येक व्यक्ति को अब घर से बाहर सार्वजनिक स्थानों में निकलते समय मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। राज्य सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा इस माह की 11 तारीख को मंत्रालय महानदी भवन से इस आशय का आदेश जारी किया गया है। चिकित्सकीय विशेषज्ञों द्वारा कोविड-19 के रोकथाम एवं बचाव के लिए प्रत्येक व्यक्ति को मास्क-फेस कवर पहनना आवश्यक बताया गया है। यह एपिडेमिक एक्ट 1897 एवं छत्तीसगढ़ एपिडेमिक डीसीजेज कोविड-19 विनियम 2020 तथा छत्तीसगढ़ पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 की धारा 71 (1) के तहत अनिवार्य किया गया है। बिना मास्क-फेस कवर के घर से बाहर सार्वजनिक स्थानों पर जाना इसका उल्लंघन माना जाएगा और तदनुसार विधिक कार्यवाही की जाएगी।आदेश में कहा गया है कि बाजार में मिलने वाले ट्रिपल लेयर मास्क का प्रयोग किया जा सकता है अथवा होम मेड तीन परतों वाला फेस कवर बनाया जा सकता है। इस होम मेड मास्क-फेस कवर को साबुन से सफाई से धोकर पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है। मास्क और फेस कवर उपलब्ध ना होने की स्थिति में गमछा, रूमाल, टुपट्टा आदि का भी उपयोग फेस कवर के रूप में किया जा सकता है। बशर्ते मास्क-फेस कवर पूर्ण रूप से मुंह एवं नाक को ढकने में सक्षम हो। कभी भी उपयोग में लाया हुआ फेस कवर मुंह, नाक ढकने में प्रयुक्त होने वाला गमछा आदि का पुनः प्रयोग बिना साबुन से अच्छी तरह साफ किए नहीं किया जाना चाहिए। - मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंत्रीगणों के साथ की विभागीय कार्यों की समीक्षामुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां मुख्यमंत्री निवास में मंत्रीगणों और अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मंत्रिपरिषद के सदस्य और अधिकारीगण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। बैठक में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉक डाउन बढ़ाने के मद्देनजर विभिन्न विभागों के कार्यो की समीक्षा की गई।श्री बघेल ने कहा कि लॉकडाउन के संबंध में सभी मंत्रियों से महत्वपूर्ण सुझाव मिले हैं। भारत सरकार की गाइड-लाइन के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए पृथक से आदेश जारी किए जाएंगे, तथा इन आदेशों का कड़ाई से पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के उपायों को लागू करने में सभी मंत्रीगणों के नेतृत्व में अधिकारियों-कर्मचारियों में टीम भावना के साथ सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने बैठक में प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग किट, मास्क, पीपीई किट, ग्लब्स, सेनेटाईजर, वेन्टिलेटर की उपलब्धता, आइसोलेशन वार्ड, क्वारेनटाइन सेंटर, डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करने, कृषि से जुड़ी तैयारियों, पेयजल की स्थिति आदि व्यवस्थाओं की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए।श्री बघेल ने महिलाओं एवं बच्चों को पूरक पोषण आहार, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत सूखा राशन, राशनकार्ड धारियों को दो माह का खाद्यान्न वितरण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित जिलों की उचित मूल्य दुकानों में बरसात के लिए राशन का भण्डारण सुरक्षा के साथ कर लिया जाए। कृषि के लिए खाद एवं बीज की उपलब्धता, जरूरतमंदों, बेसहारा लोगों, श्रमिकों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था, गर्मियों में पेयजल की व्यवस्था, तेन्दूपत्ता तोड़ाई की तैयारियों, निराश्रितों, विकलांगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के वितरण सहित विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों में सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रख काम कराया जाए। उन्होंने ऐसे उद्योगों की जानकारी एकत्र करने के निर्देश दिए, जिसमें कम श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है तथा जिनके रहने, खाने और रूकने की व्यवस्था वहीं की जा सके। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के समान उच्च शिक्षा विभाग को स्नातक, स्नातकोत्तर की कक्षाओं में ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बैठक में जानकारी दी गई कि इंजीनियरिंग कॉलेज और आईटीआई में ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 का संक्रमण रोकने और बचावों के उपायों के अमल में सभी मंत्रियों, सभी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों ने टीम भावना के साथ काम किया है। इसी का यह परिणाम है कि छत्तीसगढ़ में अब तक कोई दिक्कत नहीं आई है। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर चुनौती है, जिसका सामना करने के लिए सभी विभाग एक साथ काम कर रहे हैं। यह एक लंबी लड़ाई है, जिसे सबको मिलकर लड़ना होगा। लंबी लड़ाई के लिए हमें तैयारी करनी है। कोरोना से बचाव और रोकथाम के उपायों को रोज की आदतों में शामिल करना होगा। सोशल डिस्टेसिंग की जगह फिजिकल डिस्टेसिंग को महत्व देना होगा।मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अभी तक लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में सरगुजा-बलरामपुर से लेकर सुकमा और दंतेवाड़ा तक एकरूपता के साथ काम किया गया, जिसके कारण हमें सफलता मिली। मंत्रियों से लेकर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को जारी किए गए आदेश और गाइड-लाइन में एकरूपता रही और सभी ने इसका कड़ाई से पालन किया। सभी मंत्रीगण, अधिकारी और कर्मचारी बधाई के पात्र है। श्री बघेल ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि सचिव स्तर के सभी अधिकारी गाइड-लाइन को ध्यान में रखकर अपने निवास में कैम्प कार्यालय के माध्यम से कार्य सम्पादित करें। नस्तियों का मुवमेंट नियमानुसार करें।वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ली गई, इस बैठक में सभी मंत्रीगणों सहित मुख्य सचिव श्री आर पी मंडल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती मनिंदर कौर द्विवेदी, खाद्य सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह, नगरीय विभाग विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी., खनिज विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., उप सचिव श्रीमती सौम्या चौरसिया सहित विभिन्न विभागों के सचिव भी उपस्थित थे।
- रायपुर : प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना संकट के बीच समाज के सक्षम वर्ग के लोगों से दान करने की अपील की है. सीएम बघेल ने कहा की यह संकट का समय है। सरकार जो कुछ कर सकती है, कर रही है। लेकिन बहुत कुछ और है जो किया जा सकता है। प्रदेश के बहुत से सुधिजनों ने ग़रीब और ज़रुरतमंदों की सहायता करने की इच्छा जताई है। मैं समाज के सक्षम वर्ग से इस संकट के समय में दान की अपील करता हूं।प्रदेश में कोरोना की स्थिति-प्रारंभिक 10 कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों में से 9 पहले ही डिस्चार्ज हो चुके थे जबकि शेष भर्ती 16 वर्षीय युवक पूर्णतः स्वस्थ होने के बाद आज डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इस प्रकार सभी प्रारंभिक 10 मरीज सही हो चुके हैं।
2 दिन पहले आए 8 मरीजों का इलाज भी जारी है। - रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर कोरोना से बचाव के लिए लागू लॉक डाउन के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी कान्फ्रेंस में शामिल हुए।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी. एस. सिंहदेव, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह खाद्य सचिव श्री कमलप्रीत सिंह इस अवसर पर उपस्थित थे।
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जांच की क्षमता बढ़ाने आवश्यक मशीनों और नए लैब की
अनुमति प्रदान करने का किया अनुरोध
कोविड-19 से निपटने छत्तीसगढ़ की व्यवस्थाओं की दी जानकारी
रायपुर : स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव आज केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए। डॉ. हर्ष वर्धन सभी प्रदेशों में कोविड-19 के नियंत्रण एवं रोकथाम की व्यवस्था की जानकारी ले रहे थे। श्री सिंहदेव ने उन्हें इस संबंध में प्रदेश में की गई व्यवस्थाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने भारत सरकार से पर्याप्त संसाधन और सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की।
स्वास्थ्य मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डॉ. हर्ष वर्धन को बताया कि छत्तीसगढ़ द्वारा भारत सरकार से मांगी गई सामग्री की तुलना में बहुत कम समानों की आपूर्ति हुई है। उन्होंने प्रदेश की जरूरत के मुताबिक पीपीई, मास्क एवं अन्य संसाधन जल्द से जल्द मुहैया कराने का अनुरोध किया। उन्होंने एम्स रायपुर में कोरोना वायरस जांच की क्षमता बढ़ाने ऑटोमेटेड डीएनए-आरएनए एक्सट्रैक्शन सिस्टम (Automated DNA-RNA Extraction Machine) सहित अन्य आवश्यक मशीनें उपलब्ध कराने कहा। इससे वहां जांच की क्षमता दुगुनी हो जाएगी। उन्होंने रायपुर मेडिकल कॉलेज के साथ ही अंबिकापुर और रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में भी इसकी जांच की अनुमति प्रदान करने कहा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताया गया कि छत्तीसगढ़ और झारखंड में कोरोना वायरस टेस्ट के लिए नए लैबों की अनुमति एम्स रायपुर द्वारा दी जाएगी। श्री सिंहदेव ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को प्रदेश में कोविड-19 पीड़ित नौ मरीजों के पूरी तरह स्वस्थ होने की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में यहां कोरोना वायरस से संक्रमित नौ लोग हैं जिनका एम्स में इलाज चल रहा है। - खाद्य मंत्री ने नापतौल विभाग के अधिकारियों की बैठक में दिए निर्देशरायपुर : खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत ने आज नापतौल विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर नापतौल में गड़बड़ी करने वाले और निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर सामान बेचने वाले दुकानदारों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। श्री भगत ने दुकानों के सामने में आवश्यक वस्तुओं की मूल्य सूची प्रदर्शित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य के पेट्रोल पम्पों, उचित मूल्य की दुकानों सहित अन्य सभी दुकानों में सामग्रियों की वजन और कीमत की जांच के लिए प्रदेश भर में सघन अभियान चलाया जाए। लॉकडाउन के दौरान देश की जनता को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए।
श्री भगत ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन के दौरान प्रदेशवासियों को सही कीमत पर गुणवत्तापूर्ण सामग्री जरूरत के मुताबिक मिले, इसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। श्री भगत ने कहा कि राज्य की उचित मूल्य की दुकानों सहित अन्य दुकानों में नापतौल की गड़बड़ी एवं ज्यादा मूल्य पर सामान बेचने की शिकायतें मिली है। उन्होंने बैठक में राज्य के कई जिलों के खाद्य एवं नापतौल विभाग के अधिकारियों से दूरभाष पर अनियमितता की जानकारी ली और आवश्यक कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए। श्री भगत ने पैकेट में बिकने वाले सामग्रियों दूध, बिस्कुट, खाद्य तेल एवं अन्य खाद्य वस्तुओं के पैकेट में अंकित मूल्य और उसका वजन के जांच करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्री भगत ने अधिकारियों को प्रतिदिन की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, अपर संचालक श्री अजय अग्रवाल, नापतौल विभाग के डिप्टी कन्ट्रोलर श्री बी.आर. सिदार, असिस्टेंट कन्ट्रोलर एस.एस. राय सहित अन्य अधिकारी माजूद थे। - मरकज से संबंधित सभी 107 लोगों के सेम्पल लेकर
जांच की जा रही है, मरकज में गया कोई व्यक्ति मिसिंग नहीं है
मुख्यमंत्री ने वीडियो काॅन्प्रेसिंग के माध्यम से राज्य के पत्रकारों से चर्चा की
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि लाॅकडाउन उठाने का निर्णय पूरी संवेदनशीलता और सावधानी के साथ लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन उठाने का निर्णय करते समय हमें जीवन और जीविका के बीच संतुलन रखना होगा। मुख्यमंत्री ने यह बात आज पत्रकारों से वीडियो कांन्फ्रेसिंग के माध्यम से चर्चा के दौरान कही। इस चर्चा में रायपुर, बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, दुर्ग संभाग के लगभग 55 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमे अपने दिमाग में से सोशल डिस्टेन्सिग जैसे शब्दों की जगह फिजिकल डिस्टेन्सिंग को लाना होगा। यह बदलाव उन सामाजिक दूरियों जिनके प्रभाव पलायन से लौटे, काम पर वापिस आए मजदूर, पिछड़े तबके के लोगों के होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन प्रेरित लाॅकडाउन से भी आगे बढ़कर ग्राम की जनता ने स्वयं प्रेरित अनुशासन का लाकडाउन का सफल प्रयोग किया है, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।
एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि निजामुददीन मरकज से छत्तीसगढ़ लौटे तबलीगी जमात के लोगों में कोई भी मिसिंग नहीं है। वहां से 107 लोग वापस आए थे। उन सबकी पहचान कर ली गयी है। उन्हें क्वारेंटाइन में रखा गया है तथा उनके सेम्पल ले लिए गए हैं। वे लोग जिनके सम्पर्क में आए थे ट्रेवल हिस्ट्री निकाली जा रही है। उन्होंने कहा कि आन्ध्रप्रदेश की एसआईबी ने मोबाईल टावर के डाटा के आधार पर 159 लोगों की सूची जारी कर दी थी, जो सही नहीं थी। इसमें से कुछ ऐसे लोगों के नाम भी शामिल थे, जो केवल वहां से गुजरे थे और उनके नाम दर्ज हो गए। ये लोग मरकज में नहीं गए थे। बाद में भारत सरकार से मरकज में गए लोगों की जानकारी ली गयी, जिनमें 107 लोग ही शामिल थे।
मुख्यमंत्री ने मीडिया प्रतिनिधियों के सवालों के जवाब में बताया कि प्रदेश में एम्स रायपुर और जगदलपुर के मेडिकल काॅलेज में कोरोना वायरस की टेस्टिंग की व्यवस्था है। अभी राजधानी रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में टेस्टिंग की अनुमति मिली है। हमारे पास क्वारेंटाइन की व्यवस्था और पर्याप्त मात्रा में वेन्टिलेटर हैं। राज्य सरकार द्वारा टेस्टिंग किट के लिए टेंडर कर दिया गया है। जल्द ही किट भी उपलब्ध हो जाएंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि राशन, सब्जी, दवाई, खाद-बीज आदि अत्यांवाश्यक सेवाओं को छूट दी गयी है। कटघोरा में नये केस मिलने के बाद कटघोरा में 100 प्रतिशत लाॅकडाउन किया गया है। वहां सभी लोगों की जांच की जा रही है। कटघोरा में शत-प्रतिशत लोगों की टेस्टिंग की जाएगी। राज्य में कोरोना प्रभावित संक्रमण प्रभावित 18 लोगों में से 09 स्वस्थ्य होकर घर जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण चीन से पूरी दुनिया में फैला। यदि इन्टरनेशनल फ्लाईट से आने वाले लोगों को वहीं क्वारेंटाइन किया जाता और वहीं उनकी जांच की जाती, तो संक्रमण नहीं फैलता। उन्होंने बताया कि राज्य की सीमा सील कर दी गयी है। राज्य के भीतर लाॅकडाउन में अत्यावश्यक सेवाओं के लिए छूट दी गयी। बाहर से आवागमन नहीं होने के कारण संक्रमण से बचे रहे। उन्होंने बताया कि दो माह का राशन वितरित किया जा रहा है। अनुसूचित क्षेत्र में महुआ और इमली की खरीदी वन समितियों और स्व-सहायता समूह के माध्यम से समर्थन मूल्य पर की जा रही है। छत्तीसगढ़ के जो मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हैं, उनकी सहायता के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं और हेल्पलाईन नम्बर जारी किया गया है। इन मजदूरों के लिए वहीं जरूरी व्यवस्था करायी जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग को कोरोना संक्रमण के रेंडम जांच के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कल प्रधानमंत्री की वीडियो कांन्फ्रेंस के बाद 12 अप्रैल को राज्य मंत्रीपरिषद की बैठक में चर्चा कर लाॅकडाउन के बारे में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में चना, गेहूं की फसल को असमय ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ है। अभी गेहूं की कटाई चल रही है। गर्मी की धान भी किसान ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में मनरेगा में पांच लाख मजदूर काम कर रहे हैं। - नारायणपुर : कोरोना वायरस के विश्वव्यापी महामारी फैलने से रोकने के कारण लॉकडाउन होने से स्कूलों को बंद कर दिया गया हैं, जिसकी वजह से बच्चों के पढ़ाई पर बहुत ज्यादा असर पड़ा है एवं बच्चों को पढ़ाई का बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा ऑनलाइन अध्यापन एवं अध्ययन करने का बड़ा निर्णय लिया गया है। जिसे राज्य शासन ने पढ़ई तुंहर दुआर का नाम दिया है। उपरोक्त ऑनलाइन पोर्टल cgschool.in (सीजीस्कूलडॉटइन) पर शिक्षक, पालक एवं विद्यार्थी अपना ऑनलाईन पंजीयन कर पढ़ाई कर एवं करवा सकते हैं।कलेक्टर श्री पी.एस.एल्मा ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूली बच्चों को ऑनलाइन पोर्टल cgschool.in (सीजीस्कूलडॉटइन) के जरिए पढ़ाई की व्यवस्था की गई है, ताकि बच्चे घर में रहकर अध्ययन कार्य कर सकें। वर्तमान में पोर्टल में कक्षा 1 से 10 तक का स्टडी मैटेरियल उपलब्ध है। इस पोर्टल में स्टडी का लाभ लेने के लिए विद्यार्थियों को पोर्टल में लॉगिन होना पड़ेगा। पोर्टल में शिक्षक एवं विद्यार्थी रजिस्टर्ड का ऑप्शन है, जिसमें उन्हें विद्यार्थी के रूप में रजिस्टर्ड होना पड़ेगा। रजिस्टर्ड होने के लिए सामान्य जानकारी मोबाइल नंबर कक्षा ईमेल एड्रेस एवं स्वयं के नाम की आवश्यकता होगी। पासवर्ड कम से कम 8 अंक अक्षर व विशेष चिन्ह के उपयोग करते हुए बनाना है, अक्षर में एक बोल्ड व एक स्माल लेटर अवश्य होंगे। मोबाइल नंबर आईडी होगा व पासवर्ड बनाना होगा के साथ लॉगिन होंगे। लॉगिन होने के पश्चात पोर्टल में आपको अपनी अध्ययन की कक्षा एवं विषय का चयन करना होगा।पोर्टल में ऑनलाईन एवं ऑफलाईन स्टडी मैटेरियल दोनों प्रकार की अध्ययन की सुविधा दी गई है। विद्यार्थी अगर ऑफलाइन स्टडी करना चाहे तो वह सीधे स्टडी मैटेरियल को सेलेक्ट कर अपने विषय का अध्ययन कर सकता है, किंतु अगर विद्यार्थी ऑनलाइन स्टडी करना चाहे तो उसे पोर्टल में अध्ययन करने हेतु जूम ऐप डाउनलोड करना होगा। जूम ऐप के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ऑनलाइन स्टडी कर सकते है। जिसके लिए अध्ययन हेतु निर्धारित तिथि को शिक्षकों के द्वारा अध्यापन कराया जाएगा, जिसमें विद्यार्थी स्वयं जूम एप के माध्यम से ऑनलाइन रहकर क्लास में अपने अध्यापन करने वाले शिक्षक से प्रश्न का उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। जिसमें बच्चों को होमवर्क भी दिया जाएगा जिसका घर में बैठे छात्र करेंगे एवं उसे मोबाइल के माध्यम से अपलोड भी करेंगे।कलेक्टर श्री पी.एस.एल्मा के निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी ने उक्त ऑनलाईन पोर्टल का प्रचार-प्रसार एवं क्रियान्वयन करने खण्ड शिक्षा अधिकारी, खण्ड स्त्रोत समन्वयक, संकुल समन्वयक, समस्त प्रधानपाठक एवं प्रधानाचार्य को पत्र जारी कर निर्देश दिये हैं।
- रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज वरिष्ठ साहित्यकार श्री विनोद कुमार शुक्ल जी को फ़ोन करके कुशलक्षेम जाना। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने श्री शुक्ल से जानना चाहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थिति पर एक साहित्यकार के रूप में वो क्या सोचते हैं ।
मुख्यमंत्री ने श्री शुक्ल से आग्रह किया कि वो उन्हें कुछ नई कविताएं पढ़ने के लिए भेजे। श्री शुक्ल ने उनके आग्रह को स्वीकार किया । - उनका हालचाल जाना, कहा आपका योगदान हमेशा याद रखा जायेगा
श्री बघेल ने उन्हें मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली और कहा आपके कंधे पर कोरोना को हराने की बड़ी जिम्मेदारी है
रायपुर : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान दिन-रात कठिन ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मियों से आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से टेलीफोन पर बातचीत कर उनका हालचाल जाना। उन्होंने पुलिस कर्मियों को हो रही कठिनाइयों और मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली और उनसे कहा कि आपके कंधे पर कोरोना को हराने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।श्री बघेल ने पुलिसकर्मियों से कहा कि आपका कार्य बहुत महत्वपूर्ण है। आपके कंधों पर ही कोरोना वायरस के फैलाव से बचाने की जिम्मेदारी है, अगर आपने अपनी जिम्मेदारी का अच्छे से निर्वहन किया, तो फिर हम जरूर कोरोना को हरा पाएंगे। आप सभी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। याद रखिए इससे महत्वपूर्ण कोई चुनौती नहीं है, आप मानवता की सेवा में पहली पंक्ति में खड़े हैं, आपका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। अपने कर्तव्य के निर्वहन के दौरान आप लोग सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोविड-19 से बचाव के सभी उपायों का कड़ाई से पालन करें।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने रायपुर के निकट निमोरा में बनाए गए कॉरेन्टीन सेंटर में ड्यूटी दे रहे एसआई श्री युधिष्ठिर धु्रव, बिलासपुर के हेड कांस्टेबल श्री अरविंद सिंह, दुर्ग के सुपेला में डयूटी दे रही महिला आरक्षक श्रीमती यास्मीन खान, दंतेवाड़ा की एसआई श्रीमती सुनीता साहू और बलरामपुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में ड्यूटी दे रहे एएसआई श्री पुष्पराज सिंह से बड़ी आत्मीयता से बातचीत की और उनका हौसला बढ़ाया।मुख्यमंत्री ने इन पुलिसकर्मियों से पूछा कि आपकी ड्यूटी कहां है, लॉक डाउन का उल्लंघन करने वालों के साथ आप कैसा व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने पुलिसकर्मियों के खाने के इंतजाम के बारे में भी जानकारी ली। श्री बघेल ने इन पुलिसकर्मियों से कहा कि आपकी सेहत हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। कोरोना से लड़ाई में आप प्रथम पंक्ति पर तैनात हैं, अपनी सुरक्षा करते हुए ड्यूटी का निर्वहन करें। उन्होंने यह भी कहा कि ड्यूटी से घर जाने के बाद सर्वप्रथम स्नान करने के बाद ही परिवार वालों से मिले।
सुपेला भिलाई में ड्यूटी दे रही महिला आरक्षक यासमीन खान से मुख्यमंत्री ने पूछा कि लॉक डाउन का उल्लंघन करने वालों पर क्या कार्यवाही करते हैं। श्रीमती यास्मीन खान ने बताया कि उन्हें समझाने का प्रयास करते हैं, पूछते हैं यदि कोई जरूरी काम हो तभी आगे जाएं, नहीं तो वापस अपने घर पर जाएं। उन्होंने बताया कि वह घर से ड्यूटी पर आती जाती हैं। बलरामपुर जिले के बसंतपुर थाने में पदस्थ श्री पुष्पराज सिंह धनबाद बॉर्डर पर ड्यूटी दे रहे हैं, उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि बॉर्डर पर तीन टीमें लगी हैं, जिनमें से एक डॉक्टरों की टीम है, एक राजस्व अधिकारियों की टीम और एक वन विभाग के अधिकारियों की टीम है। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन का पूरी तरह पालन किया जा रहा है और वे लोग 3 शिफ्टों में ड्यूटी दे रहे हैं।बिलासपुर के तारबहार थाने में ड्यूटी दे रहे, हेड कांस्टेबल श्री अरविंद सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि वहां लॉकडाउन का पूरी तरह पालन किया जा रहा है, यहां पुलिस विभाग के अधिकारियों ने ड्यूटी दे रहे जवानों के लिए चाय-नाश्ता और दोनों टाइम के भोजन की व्यवस्था की है।निमोरा के कॉरेन्टीन सेंटर में डयूटी दे रहे एएसआई श्री युधिष्ठिर ध्रुव ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह इस सेंटर में रहने वालों से लॉक डाउन का पालन करा रहे हैं, जो बाहर निकलते हैं, उन्हें वापस समझाइश देकर सेंटर में भेजते हैं। उन्होंने बताया कि उनके चाय, नाश्ते और भोजन का अच्छा प्रबंध किया गया है, जिससे वे संतुष्ट हैं। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि आप सभी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें। दंतेवाड़ा के कोतवाली थाने में पदस्थ एएसआई श्रीमती सुनीता साहू ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह पेट्रोलिंग पार्टी में ड्यूटी दे रही हैं, जगह-जगह बैरिकेट्स लगाए गए हैं। लॉक डाउन का उल्लंघन करने वालों को समझाइश देकर वापस भेज रहे हैं। उन्होंने बताया कि भोजन की यहां अच्छी व्यवस्था है, ड्यूटी दे रहे लोगों के लिए पानी और ग्लूकोस की व्यवस्था भी की गई है। - रायपुर : कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों में जरूरतमंदों की सहायता के लिए रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल ने अपने विधायक निधि से मुख्यमंत्री सहायता कोष में विभिन्न कार्यों हेतु 51 लाख रूपए की सहयोग राशि जमा की है।कोरोना वैश्विक महामारी का रूप ले चुकी है जिस कारण संपूर्ण देश, प्रदेश सहित आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। आम जनजीवन में लोगों के सामने रोजी-रोटी एवं जीवनयापन का संकट उत्पन्न हो चुका है। इन संकट पूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए सांसद, विधायक, विभिन्न संगठनों, समाजसेवी संस्थाओं, अधिकारियों-कर्मचारियों, उद्योगपतियों एवं आम लोगों द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष में बढ़-चढ़कर योगदान दिया जा रहा है। इसी क्रम में विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल द्वारा किए गए सहयोग के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उनका आभार व्यक्त किया है।
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कोरोना संक्रमण रोकने लगभग 1.21 लाख लोगों को मास्क और सेनेटाइजर का वितरण
साढ़े 55 हजार जरूरतमंद लोगों को दी गई निःशुल्क राशन सामग्री
लगभग 46 हजार गरीबों एवं असहायों को कराया गया भोजन
स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 45 हजार से अधिक निराश्रितों को निःशुल्क भोजन एवं राशन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल एवं निर्देशन में कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए घोषित लाॅकडाउन में उत्पन्न परिस्थितियों के कारण प्रदेश के सभी जिलों में जरूरतमंद गरीबों, मजदूरों एवं निराश्रितों को 8 अप्रैल को दो लाख 67 हजार 345 लोगों को निःशुल्क भोजन एवं राशन सामग्री एवं मास्क तथा सेनेटाईजर प्रदान कर राहत पहुंचाया गया हैं।
इनमें से साढ़े 55 हजार गरीबों के लिए निःशुल्क राशन की व्यवस्था की गई वही लगभग 46 हजार लोगों को ताजा एवं गर्म भोजन कराया गया। स्वयंसेवी संगठनों द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में 45 हजार से अधिक गरीबों एवं निराश्रितों को निःशुल्क भोजन एवं राशन प्रदान किया गया है। इसके साथ ही कोरोना के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लगभग एक लाख 21 हजार गरीबों एवं असहायों को मास्क और सेनेटाइजर का वितरण किया गया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल की अपील पर जरूरतमंदों की मदद के लिए राज्य शासन एवं स्वयं सेवी संस्थानों द्वारा पूरे प्रदेश में जगह-जगह राहत शिविर के माध्यम से गरीबों, असहायों और निाराक्षितों को निःशुल्क भोजन, राशन, मास्क सेनेटाइजर आदि जररूरत की सामानों की व्यवस्था की जा रही है।
प्रदेश में 8 अप्रैल को प्रदेश के सभी 28 जिलों में दो लाख 67 हजार से अधिक लोगों को राहत पहंुचायी गई है। राज्य शासन एवं समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से रायपुर जिले में 22 हजार 578 लोगों को निःशुल्क भोजन एवं राशन प्रदाय किए जाने के साथ ही उन्हें कोरोना संक्रामक बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए मास्क एवं अन्य सामाग्री का वितरण किया गया है। इसी तरह सुकमा जिले में 1161, राजनांदगांव में 7883, रायगढ़ में 3586, बस्तर में 11497, कांकेर में 39066, बीजापुर में 339 जशपुर में 500, कोरिया में 6016, सूरजपुर में 2532, बालोद में 665, कबीरधाम में 2128, बलौदाबाजार में 7083, धमतरी में 2522, दुर्ग में 66807, महासमुंद में 956, बलरामपुर में 7629, कोरबा में 8068 लोगों को निःशुल्क भोजन एवं राशन प्रदाय किए जाने के साथ ही उन्हें कोरोना संक्रामक बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए मास्क एवं अन्य सामाग्री का वितरण किया गया है। इसी तरह सरगुजा जिले में 2235, जांजगीर-चांपा जिले में 2522, बिलासपुर जिले में 5550, कोण्डागांव जिले में 2605, दंतेवाड़ा जिले में 25555, बेमेतरा जिले में 383, गरियाबंद जिले में 22244, नारायणपुर जिले में 1485, मुंगेली जिले में 12537, तथा गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में 1113 जरूरतमंदों को निःशुल्क भोजन एवं राशन प्रदाय किए जाने के साथ ही उन्हें कोरोना संक्रामक बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए मास्क एवं अन्य सामाग्री का वितरण किया गया है। - रायपुर : कोरोना संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे कारगर उपायों के लिए पूरे देश में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सराहना हो रही है। मुख्यमंत्री की अपील पर अनेक संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष में सहायता के लिए पूरी उदारता से योगदान भी दिया जा रहा है।
इसी कड़ी में अब आमजन भी आगे बढ़कर सहयोग का हाथ बढ़ाने लगे हैं। कोरबा के सर्वराजी पेटी ठेकेदार समिति के सदस्यों की ओर से समिति के अध्यक्ष श्री अशरफ अली, सचिव श्री मोती लाल सूर्यवंशी एवं कोषाध्यक्ष श्री संतोष गुप्ता ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल से मुलाकात कर समिति की ओर से एकत्र राशि रूपये इक्कीस हजार रूपये का चेक मुख्य मंत्री राहत कोष के लिए प्रदान किया। इस मौके पर समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल वर्तमान संकट के समय राज्य की समूची व्यवस्था का कुशल प्रबंधन कर रहे हैं। इस आपदा की घड़ी में पूरा प्रदेश उनके साथ है।
सीतामणी स्थित हायर सेकेण्ड्री स्कूल में शिक्षिका श्रीमती अर्चना राजवाडें ने अपने पति श्री चुन्नी लाल राजवाड़े के साथ राजस्व मंत्री से मुलाकात कर मुख्यमंत्री राहत कोष में दस हजार रूपये का चेक प्रदान किया। सेवानिवृत्त कर्मचारी श्रीमती कुसुम द्विवेदी ने व्यक्तिगत तौर पर पांच हजार एक सौ रूपये का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने के लिए राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल को सौंपा। राजस्व मंत्री ने मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान करने वाले सभी का आभार व्यक्त किया है। -
कुछ निजी स्कूल लाॅकडाउन में भी फीस जमा करने संबंधी संदेश भेज रहे पालकों को
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद प्रदेश के सभी निजी स्कूलों में लाॅकडाउन के दौरान फीस वसूली पर रोक लगा दी गई है। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा इस संबंध में निजी स्कूलों से फीस वसूली स्थिगित करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
संचालक लोक शिक्षण ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि निजी स्कूल लाॅकडाउन की अवधि में स्कूल फीस वसूली स्थगित रखें, जिससे पालकों और बच्चों को अनावश्यक परेशानी नहीं हो। इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा है कि राज्य शासन को ऐसी सूचनाएं मिल रही है कि अनेक निजी शालाओं द्वारा लाॅकडाउन की अवधि में भी स्कूल फीस जमा करने संबंधी संदेश पालकों को लगातर भेजे जा रहे है। लाॅकडाउन की अवधि में स्कूल फीस भुगतान के लिए दबाव डालना उचित नहीं है। संचालक ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को अपने सभी अधीनस्थ कार्यालयों और शालाओं को अवगत कराने तथा इसका पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। -
5 हजार 316 श्रमिकों के खाते में 14.41 लाख रूपए किया जमा
रायपुर : लॉकडाउन से प्रभावित छत्तीसगढ़ प्रदेश के अन्य राज्यों में फंसे स्थानिय मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन में राज्य सरकार ने सात अप्रैल शाम 4 बजे तक संकटग्रस्त 26 हजार 505 श्रमिकों को राहत पहुंचायी हैं। इनमें अब तक पांच हजार 316 श्रमिकों के खाते में तत्कालिक व्यवस्था के लिए लगभग 14 लाख 41 हजार रूपए भी जमा करवाया गया है। छत्तीसगढ़ के श्रमिक 20 अन्य राज्यों एवं तीन केन्द्र शासित प्रदेशों में संकट की स्थिति में होने के संबंध में जानकारी मिली है।छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जम्मू में फंसे लगभग तीन हजार श्रमिकों के लिए स्थानीय प्रशासन से समन्वय कर उनके रहने-खाने की व्यवस्था करायी गई है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश के धरमशाला में फंसे लगभग 900 श्रमिकों के लिए राशन आदि सामग्री की व्यवस्था की गई। इसके अलावा इन श्रमिकों को तत्काल राहत पहंुचाने के लिए जिला बेमेतरा के 3660 श्रमिकों के खाते में 10 लाख 95 हजार रूपए, मुंगेली जिले के 1483 श्रमिकों के खातें में एक लाख 73 हजार रूपए और कबीरधाम जिले के 173 श्रमिकों के खातें में प्रति श्रमिक 1000 रूपए की मान से एक लाख 73 हजार रूपए जमा कराया गया है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा देश के अन्य राज्यों में श्रमिकों की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए अधिकारियों का दल गठित कर सतत् निगरानी की जा रही है। इसके लिए श्रम विभाग द्वारा राज्य स्तर पर हेल्पलाईन नम्बर 0771-2443809, 91098-49992, 75878-22800 सहित जिला स्तर पर भी हेल्पलाईन नम्बर स्थापित किए गए हैं। हेल्पलाईन नम्बर के माध्यम से प्राप्त श्रमिकों की समस्याओं को पंजीबद्ध कर तत्काल यथासंभव समाधान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देशन पर श्रम विभाग के सचिव श्री सोनमणी बोरा के मार्गदर्शन में अन्य प्रदेशों के स्थानीय प्रशासन से सतत् समन्वय कर श्रमिकों की समस्याओं का यथाशीघ्र समाधान किया जा रहा है।
श्रम विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में संकटग्रस्त एवं जरूरतमंद श्रमिकों की समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के 26 जिलों के श्रमिक 20 अन्य राज्यों एवं तीन केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे होने की जानकारी मिली है। सबसे ज्यादा श्रमिक महाराष्ट्र में 5 हजार 591, उत्तरप्रदेश में 4 हजार 578, तेलंगाना में 3 हजार 92, गुजरात में 2 हजार 994, जम्मू में 3 हजार 677 और कर्नाटक में 880 श्रमिकों के फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार मध्यप्रदेश में 1 हजार 66, आंध्रप्रदेश में 652, दिल्ली में 596 और तमिलनाडू में 677 श्रमिकों के फंसे होने की जानकारी हेल्पलाईन नम्बर सहित विभिन्न माध्यमों से मिली है।
अधिकारियों में बताया कि लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में संकटग्रस्त अथवा फंसे हुए श्रमिकों में छत्तीसगढ़ के मुंगेली से 3762, कबीरधाम से 3896, राजनांदगांव से 3303, जांजगीर-चांपा से 2683, बलौदाबाजार से 3612, बेमेतरा से 2749, रायगढ़ से 997, बिलासपुर से 1500, बलरामपुर से 373, सूरजपुर से 468, दुर्ग से 309, बालोद से 245, गरियाबंद से 369, रायपुर से 1306 और कोरबा जिले से 366 श्रमिक फंसे हुए है। जिनकी राज्य सरकार के नोडल अधिकारियों द्वारा अन्य राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों, कारखाना प्रबंधकों, नियोजकों और ठेकेदारों से समन्वय कर सतत् निगरानी की जा रही है तथा उनके खाने-पीने, रहने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। -
भोजन, आवास, चिकित्सा सहित वेतन एडवांस की दिलाई गई सुविधा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल और निर्देशन में श्रम विभाग द्वारा कोरोना वायरस के लॉकडाउन में राज्य एवं राज्य से बाहर फंसे लगभग 84 हजार श्रमिकों की समस्याओं का त्वरित निराकरण करते हुए उनके आवास, भोजन और चिकित्सा सहित वेतन एडवांस के लिए उचित प्रबंध किया गया है। संकट की इस घड़ी में श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों को हर संभव सहायता पहुंचाई जा रही है।
इस संबंध में श्रम विभाग द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में 7 अप्रैल तक कुल 367 आश्रय एवं शिविर संचालित किया जा रहा है। जिसमें छत्तीसगढ़ के 3724 श्रमिक एवं अन्य राज्यों के 5940 श्रमिकों इस प्रकार कुल 9664 के आवास एवं प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था की जा रही है। इसमें अन्य राज्यों से झारखंड 1436, मध्यप्रदेश 1345, उत्तरप्रदेश 630, बिहार 388, राजस्थान 259, महाराष्ट्र 243, ओडि़सा 221, पश्चिम बंगाल 183, तेलंगाना 84 श्रमिक राज्यों से सर्वाधिक हैं। इसके अतिरिक्त कारखानों एवं विभिन्न औद्योगिक क्षेत्र में प्रबंधन एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ़ के कुल 5934 एवं अन्य राज्यों के 10994 श्रमिकों को इस प्रकार कुल 16928 श्रमिकों के लिए आवास एवं भोजन की व्यवस्था की गई है।
राज्य स्तर पर 24ग7 हेल्पलाइन 0771-2443809, 9109849992, 7587822800 स्थापित किया गया है। इसी प्रकार समस्त 27 जिलों में भी हेल्पलाइन नंबर स्थापित किए गए है। अब तक श्रम विभाग को कुल 4944 सूचनाएं प्राप्त हुई है, जिसमें से 4360 सूचनाओं का तत्काल निराकरण कर 33138 श्रमिकों की विभिन्न समस्याओं का समाधान किया गया है। राज्य हेल्पलाइन, जिला हेल्पलाइन, सोशल मीडिया, प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया, जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों से सीधे सम्पर्क, अन्य स्त्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर अब तक छत्तीसगढ़ के अन्य राज्यों में कुल 26 हजार 505 प्रवासी श्रमिकों को राशन एवं अन्य आवश्यकताआ संबंधी, समस्याओं का समाधान किया गया है। सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 5591, उत्तरप्रदेश 4578, जम्मू 3677, तेलंगाना 3092, गुजरात 2994, मध्यप्रदेश 1066, कर्नाटक 880, तमिलनाडू 677, आंध्रप्रदेश 652 एवं दिल्ली 596 राज्यों में होने की सूचना मिली है जिसमें कबीरधाम जिले के 3896, मुंगेली के 3762, बलौदाबाजार के 3612, राजनांदगांव के 3303 बेमेतरा के 2749, जांजगीर-चांपा के 2683, बिलासपुर के 1500, रायपुर के 1306, रायगढ़ के 997, सूरजपुर के 468, बलरामपुर के 373, गरियाबंद के 369, कोरबा के 366, दुर्ग के 309, बालोद के 245 जिलों से संबंधित है।श्रम विभाग के 59 अधिकारियों की टीम द्वारा 260 कारखानों का निरीक्षण किया गया है। जिसमें श्रम विभाग के द्वारा नियोजकों के माध्यम से कुल 93.50 लाख रूपए की सहायता (नगद एवं राशन) उपलब्ध कराई गई। रायगढ़ में श्रमिकों को 15 दिन के वेतन के बराबर एडवांस 21 लाख 39 हजारर 550 रूपए दुर्ग में 60 हजार रूपए, बस्तर में 27 हजार, जांजगीर-चांपा में एक लाख 20 हजार 500 रूपए उनके नियोजकों से दिलवाया गया एवं कोरबा जिले में श्रमिकों को एक लाख 29 हजार 805 रूपए एडवांस सेलरी नियोजक द्वारा दिलवाई गई है। अतः वेतन एडवांस के रूप में श्रमिकों को 24 लाख 76 हजार 855 की सहायता दिलवाई गई है। ईएसआई के माध्यम से राज्य भर में 42 क्लीनिक कार्यरत हैं, जिसमें 11 हजार 315 श्रमिकों को इलाज एवं दवा वितरण कार्य सुचारू रूप से संचालित है।
कुछ जिलों के द्वारा श्रमिकों की अन्य राज्यों में संकटापन्न स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा श्रमिकों के खाते में नगद राशि का भुगदान किया गया है। जैसे-कवर्धा में 173 श्रमिकों, मुंगेली में 1483 एवं बेमेतरा में 3660 श्रमिकों के खाते में कुल 14 लाख 40 हजार 700 रूपए का भुगतान किया गया है।
नोडल अधिकारी एवं श्रम सचिव श्री सोनमणी बोरा के नेतृत्व में राज्य के भीरत एवं राज्य के बाहर संकटापन्न श्रमिकों को श्रम विभाग और जिला प्रशासन के तथा अन्य राज्यों के अधिकारियों द्वारा संबंधित नियोक्ताओं एवं संबंधित श्रमिकों से समन्वय स्थापित कर खान-पान एवं आवास एवं अन्य आवश्यकताओं, समस्याओं का निराकरण किया गया है।
- रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य के सभी मुस्लिम भाइयों से कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करते हुए शब-ए-बरात की इबादत घर में ही करने की अपील की है।
मुस्लिम भाइयों के नाम जारी अपनी अपील में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि शब-ए -बरात जिसे बड़ी रात कहा जाता है इस रात को मुस्लिम भाई मस्जिदों में सामूहिक रूप से विशेष नमाज अदा करने के साथ ही अपने इलाके के मजारों और कब्रिस्तानों में जाकर फातिहा और अपने मरहूमीन की बख्शीश की दुआ करते हैं । उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण के कारण अभी के हालात में मस्जिदों, मजारों तथा कब्रिस्तानों में बड़ी संख्या में एक साथ लोगों का एकत्र होना उचित नहीं है, वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह जरूरी है कि इस पवित्र रात को हम अपने मरहमीन के लिए अपने घर से ही फातिहा और ईसाले सबाब करें ।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस के संक्रमण से देश -दुनिया को निजात मिले, इसके लिए मुस्लिम भाइयों से दुआ करने की अपील की है । -
राशन सामग्री के पैकेट एकत्र करने मोहल्लों और कालोनियों में भेजे जाएंगे वाहन
लॉकडाउन में जरूरतमंदों की सहायता के लिए जिला प्रशासन की सराहनीय पहल: श्री भूपेश बघेल
जरूरतमंदों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री ने स्वयं राशन सामग्री के 500 पैकेट और 11 हजार रूपए की सहायता राशि दी
रायपुर : कोरोना की रोकथाम के लिए लागू लॉक डाउन की वजह से दैनिक रोजी-मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले परिवारों को राहत पहुंचाने रायपुर जिला प्रशासन द्वारा राशन सामग्री प्रदान की जा रही है। जरूरतमंदों की सहायता के इच्छुक दानदाता राशन सामग्री का पैकेट तैयार कर उसे जिला प्रशासन को उपलब्ध करा सकते हैं। जिला प्रशासन द्वारा लोगों से राशन सामग्री के पैकेट एकत्र करने के लिए डोनेशन ऑन व्हील्स अभियान प्रारंभ किया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास परिसर से इस अभियान का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने स्वयं जरूरतमंदों की सहायता के लिए राशन सामग्री के 500 पैकेट और 11 हजार रूपए की सहायता राशि जिला प्रशासन को सौंपी।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन द्वारा की गई इस पहल की सराहना की। रायपुर कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री आरिफ शेख, जिला पंचायत रायपुर के सीईओ डॉ. गौरव कुमार सिंह इस अवसर पर उपस्थित थे।
“डोनेशन ऑन व्हील्स” अभियान के तहत विभिन्न कालोनियों, व्यावसायिक परिसरों में जिला प्रशासन का विशेष वाहन पहुंचकर लोगों से राशन पैकेट संकलित करेगा। दानदाता 5 किलोग्राम चावल, 2 किलोग्राम आटा, आधा किलोग्राम दाल, आधा किलोग्राम नमक व एक नग साबुन शामिल कर राशन पैकेट तैयार कर सकते हैं। सहयोग की इच्छुक संस्थाएं, व्यवसायिक परिसर व कॉलोनियों के निवासी आदि इस सुविधा का लाभ उठाने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौरव कुमार सिंह के दूरभाष क्रमांक- 9669577888 या रायपुर स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक (जनसपंर्क) श्री आशीष मिश्रा के दूरभाष क्रमांक- 9685792100 पर संपर्क कर वाहन के पहुंचने के दिनांक व समय की जानकारी प्राप्त कर सकते है। जिला प्रशासन द्वारा इस अभियान के तहत छह वाहन शहर में चलाए जाएंगे। - एजेंसीनई दिल्ली : कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत को चीन ने पीपीई किट दान किया है। कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज में चिकित्साकर्मियों के इस्तेमाल में आने वाले निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) की 1.7 लाख किट चीन से भारत को सोमवार को मिल गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि चीन ने भारत को कोरोना संकट से निपटने के लिये सहायता के रूप में ये किट दी हैं।
मंत्रालय के अनुसार, देश में निर्मित 20 हजार पीपीई की आपूर्ति होने के साथ ही अब अस्पतालों को 1.90 लाख पीपीई की आपूर्ति कर दी जाएगी। देश में पीपीई की मौजूदा उपलब्धता 3,87,473 हो गयी है। मंत्रालय के अनुसार राज्यों को केन्द्र सरकार की ओर से अब तक 2.94 लाख पीपीई की आपूर्ति कर दी गयी है। इसके अलावा देश में ही बने दो लाख एन95 मास्क भी अस्पतालों को मुहैया कराये गये हैं। इसके अलावा अन्य स्रोतों से मिले इस श्रेणी के 20 लाख मास्क की पहले ही अस्पतालों को आपूर्ति कर दी गयी है।
जानें क्या है पीपीईपीपीई किट यानी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स। नाम से ही स्पष्ट है कि ऐसे सामान जिससे संक्रमण से खुद को बचाने में मदद मिले। कोरोना वायरस चूंकि संक्रामक बीमारी है इसलिए इससे बचने के लिए लोग मास्क पहन रहे हैं, बार-बार हाथ साफ कर रहे हैं, लोगों से दूरी बनाकर बात कर रहे हैं। आम लोगों तो मास्क और दास्ताने का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर और मेडिकल स्टाफ को सिर से पांव तक वायरस संक्रमण से बचाव के लिए कई तरह की चीजें पहननी होती हैं और ये सारी चीजें पीपीई किट्स हैं।
अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग तरह के पीपीई किट्स हो सकते हैं लेकिन आम तौर पर मास्क, ग्लोव्स, गाउन, एप्रन, फेस प्रोटेक्टर, फेस शील्ड, स्पेशल हेलमेट, रेस्पिरेटर्स, आई प्रोटेक्टर, गोगल्स, हेड कवर, शू कवर, रबर बूट्स इसमें गिने जा सकते हैं। इनमें से बहुत कुछ पहने डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ हम-आप आए दिन देखते रहते हैं। इन सारी चीजों का मकसद एक ही है- मरीज से वायरस इलाज कर रहे लोगों में ना फैल जाए। हालांकि हमने दिल्ली समेत पूरे देश में देखा है कि कोरोना मरीजों का इलाज करते-करते कई डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ खुद कोरोना के मरीज बन गए हैं। हालांकि ये साफ नहीं हो पाया है कि इन लोगों में संक्रमण कैसे फैला- इलाज के दौरान पीपीई किट का इस्तेमाल नहीं हुआ या पीपीई किट पहनने के बाद भी कोरोना वायरस ने संक्रमित कर लिया।
पीपीई किट में जितने भी तरह के सामान आते हैं, सबके इस्तेमाल करने के नियम और तौर-तरीके हैं। हर सामान को पहनने का सही तरीका है। ऐसा नहीं हो तो पहनने के बाद भी संक्रमण का खतरा बना रहता है। डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को इस्तेमाल से पहने ये देखना होता है कि किस तरह के पीपीई किट की जरूरत है। फिर उसे कैसे सही तरीके से पहनना है, एडजस्ट करना है, ये भी देखना होता है। इस्तेमाल के बाद पीपीई किट को सही तरह से कचरे में फेंकना ताकि उससे आगे किसी को संक्रमण ना हो, इसका बहुत ज्यादा ध्यान रखना होता है। -
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शहरी और ग्रामीण अंचलों की महिलाओं से दूरभाष पर की बातचीत
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में कोराना वायरस संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की महिलाओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से आज अपने निवास कार्यालय से दूरभाष के जरिए बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने न केवल शहरी बल्कि सुदुर वनांचल की महिलाओं से चर्चा की । उन्होंने लाकडाउन की स्थिति में शासकीय योजनाओं से मिल रहे लाभ तथा आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति व्यवस्था की जानकारी ली। महिलाओं ने बताया कि शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ गांव-गांव में स्व स्फूर्त होकर लोगों द्वारा लाकडाउन का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। पीथमपुर गांवों में स्वस्फूर्त ढंग से ग्रामीणों ने बैरियर लगाकर लोगों के आने जाने पर निगरानी रख रहे हैं। किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है। सामाजिक दूरी का पालन किया जा रहा है। लोगों को आसानी से सब्जी, फल, दूध और राशन सामग्री मिल रही है। कीमतंे भी नियंत्रित हैं।
दूरभाष पर चर्चा के दौरान मुंगेली जिले के पीथमपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती अंजनी साहू ने मुख्यमंत्री को बताया कि गावं में लाॅकडाउन का कड़ाई से पालन हो रहा है। गांव में दो रास्ते हैं दोनों रास्तों पर गांव के लोगों ने स्वस्फूर्त हो कर बेरियर लगाकर लोगों के आने-जाने पर निगरानी रखी जा रही है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गर्भवती, शिशुवती माताओं को रेडी टू ईट फूड घर पहुंचाकर दिया जा रहा है। 6 माह से 3 वर्ष के 23, 3 वर्ष से 6 माह के 24 बच्चों तथा 60 गर्भवती माताओं 6 धात्री माताओं और 3 एनीमिक महिलाओं को रेडी टू ईट की सामग्री दी गई है। गांव में सभी लोग घर में रहते हैं। गांव में पीडीएस के माध्यम से राशन दिया जा रहा है।
कांकेर की किरण देहारी ने बताया कि घर में सभी का स्वास्थ्य ठीक है। पति पोल्ट्री फार्म चलाते हैं। इस वक्त पोल्ट्री फार्म बंद है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से रेडी टू ईट का वितरण हो रहा है तथा सूखा राशन मिला है। उचित मूल्य दुकानों से 35 किलो चांवल मिला है। मुख्यमंत्री ने किरण देहारी को बताया कि राज्य शासन द्वारा दो माह का राशन मुफ्त में दिया जा रहा है। इसके लिए किसी को राशि का भुगतान नहीं करना है। आप सभी लोगों को सामाजिक दूरी और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना है।
बीजापुर जिले के ग्राम मडीपारा की गायत्री नेताम ने बताया कि लाॅकडाउन से कोई दिक्कत नहीं हो रही है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों और शिशुवती माताओं को पोषण आहार मिल रहा है। सरगुजा जिले के ग्राम पड़ोली नवापारा की श्रीमती ज्योति यादव ने बताया कि गांव में राशन बंट रहा है। लाॅक डाउन से वहां किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है।
मुख्यमंत्री द्वारा राजनांदगांव के जीवन अपार्टमेंट में रहने वाली श्रीमती अनिता भदौरिया से हाल चाल पूछने पर बताया कि लाक डाउन का पूरा पालन हो रहा है। लाकडाउन से पूरा परिवार को पूरे दिन एक साथ रहने का अवसर मिला है। फल सब्जी मिलने में काई दिक्कत नहीं हो रही है। कीमतें नियंत्रित हंै। शासन के निर्देशों का पालन हो रहा है। हम सब को मिल कर कोरोना को पराजित करना है।
कबीर नगर रायपुर की श्रीमती मानसी नामदेव ने बताया कि वह स्कूल में शिक्षक है। मुख्यमंत्री ने उनके पति से भी बातचीत की। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि वे लेबर कोर्ट में काम करते हैं। घर के काम काज में हाथ बंटा रहे हैं। सभी लोग स्वस्थ है। उनके मुहल्ले में भी लाॅक डाउन का पालन हो रहा है।
सुकमा जिले के ग्राम पेण्टा की श्रीमती बेद्दी सग्गो ने बताया कि गांव में आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पोषण आहार घर पहंुचाकर दिया जा रहा है। गांव में कोई भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित नहीं है। शासन की योजनाओं का पूरा लाभ गांव में मिल रहा है। बिलासपुर की श्रीमती कल्याणी शेन्द्रे ने मुख्यमंत्री को बताया कि दैनिक जरूरतों की चीजें आसानी से मिल रही हैं। सभी सोशल डिस्टेसिंग का पालन कर रहे है।
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गांधीनगर। गुजरात के पालनपुर में एक 42 वर्षीय व्यक्ति ने खुदकुशी कर ली। पुलिस ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि व्यक्ति को 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रखा गया था। पुलिस ने कहा कि विनोदभाई पुरुषोत्तमभाई चौरसिया को 20 मार्च को क्वारंटाइन में रखा गया, उनकी एकांतवास की अवधि शुक्रवार को समाप्त हो गई और कोरोनावायरस की जांच रिपोर्ट में वह संक्रमण से ग्रस्त नहीं पाए गए।
विनोद ने अपने घर की सबसे ऊपरी मंजिल पर फांसी लगाकर खुदकुशी की। उनके परिवार में पत्नी मनीषा (40), बेटियां त्रिशला (10), निहारिका (5), और ढाई साल का बेटा आर्यन है।पुलिस ने कहा कि पारिवारिक झगड़े से परेशान चल रहे चौरसिया मोरबी जिले में एक परिवहन व्यवसाय से जुड़े थे। उनका परिवार पालनपुर में रहता है।कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते वह 20 मार्च को अपने परिवार के पास पालनपुर में लौटे। स्वास्थ्य अधिकारियों ने उन्हें क्वारंटाइन में रखा था।पुलिस दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज कर आगे की जांच कर रही है।--आईएएनएस -
- लॉकडाउन में आश्रयगृहों में रह रहे प्रवासी मजदूरों की भावनाओं को समझने की जरूरत
रायपुर.4 अप्रैल 2020। कोरोनावायरस (कोविड-19) के संक्रमण की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन हैं। ऐसे समय में सबसे ज्यादा परेशानी दैनिक मजदूरों या श्रमिकों को सहनी पड़ रही है । अपने मूल स्थान की ओर पलायन करते समय बहुत से श्रमिकों या मजदूरों को इस वक्त अस्थाई रूप से विभिन्न आश्रयगृहों में रहना पड़ रहा है। इससे वे स्थानीय समुदाय द्वारा उपेक्षा के डर, अपने मूल स्थानों में इंतजार कर रहे परिवारों की भलाई और सुरक्षा की चिंताओं से उत्तपन्न होने वाले विभिन्न सामाजिक, मानसिक एवं भावात्मक परिस्थितियों से गुजर रहे हैं। ऐसे में उनकी भावनाओं और परेशानियों को पहचानकर उन्हें सहयोग देने की आवश्यकता है।बेहतर अवसरों और कमाई की तलाश में ये प्रवासी श्रमिक अपने मूल स्थानों को छोड़ने के लिए और कभी कभी अपने परिवारों को छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं। कई परिवार तो आंशिक या पूर्ण रूप से प्रवासी व्यक्ति द्वारा भेजे गए पैसों पर ही निर्भर रहते हैं। वर्तमान में कोविड-19 के संचार को रोकने और सामाजिक दूरी बनाने के लिए इन मजदूरों के नियमित कार्यों पर प्रतिबंध लग गया है। ऐसे हालात में बहुत से प्रवासी श्रमिक हर संभव साधन द्वारा अपने गंतव्य तक जाने के लिए निकल चुके हैं लेकिन उसमें बहुत से लोग राज्य, जिले या देश की सीमा में फंस गए हैं।श्रमिकों की मुख्य चिंताएं - स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार ऐसे प्रवासी मजदूरों या श्रमिकों के सामने सबसे बड़ी चिंता भोजन, आश्रय, स्वास्थ्य देखभाल, संक्रमित होने का डर या संक्रमण फैलने, मजदूरी का नुकसान, परिवार की सुरक्षा और भय है। कभी-कभी, उन्हें स्थानीय समुदाय के उत्पीड़न और नकारात्मक प्रतिक्रियाओं का भी सामना करना भी पड़ रहा है।सामाजिक संरक्षण जरूरी - कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए एक स्थान पर इन प्रवासी मजदूरों को ठहराया गया है। जिसमें उन्हें सामुदायिक आश्रय और सामुदायिक रसोई , राहत सामग्री उपलब्ध कराकर , सामाजिक दूरी की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। संक्रमण के संदिग्ध मामलों की पहचान कर ऐसे मामलों के प्रबंधन के लिए प्रोटोकॉल का पालन भी कराया जा रहा है। साथ ही उन्हें टेलीफोन, वीडियो कॉल के माध्यम से उनके परिवारिक सदस्यों की कुशलता जानने का मौका देकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना भी जरूरी है।दें उन्हें सहानुभूति और अपनापन - मंत्रालय के अनुसार इन लोगों के साथ धीरज और सहानुभूति से पेश आने की जरूरत है। इसके लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाया जा सकता है:1.सभी प्रवासी श्रमिकों या मजदूरों से सम्मानपूर्वक, सहानुभूतिपूर्ण और प्रेमवत व्यवहार करें ।2. उनकी चिंताओं को धैर्य से सुनें और उनकी समस्याओं को समझें ।3. हर व्यक्ति और परिवार की विशेष और विभिन्न आवश्यकताओं को पहचानें क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति या परिवार की जरूरत एक समान नहीं होती ।4. अस्थाई आश्रयगृहों में प्रवास के दौरान रखे गए श्रमिकों को यह समझाएं उनकी और उनके अपनों की भलाई के लिए ऐसा किया गया है, ताकि कोरोनावायरस को हराया जा सके। वे लोग अकेले नहीं हैं एवं पूरा देश उनके साथ खड़ा है।5. उन्हें यह समझने में मदद करें यह अनिश्चितता की असामान्य स्थिति है और उन्हें आश्वस्त करें यह स्थिति क्षणिक है और लंबे समय तक चलने वाली नहीं है। उनका सामान्य जीवन जल्द ही बहाल हो जाएगा।6. उन्हें मदद के संभावित स्रोतों जैसे -केंद्र सरकार, राज्य सरकारों / गैर सरकारी संगठनों / स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाने वाली सहायता के बारे में जानकारी दें।7. उन्हें एहसास कराएं कि परिवार को सुरक्षित रखने के लिए इस वक्त उनसे दूर रहना ही बेहतर है।8. उनके प्रति दया दिखाए बगैर उनका सहयोग मांगे ताकि मिलकर इस परिस्थिति से उबर सकें। -
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज रायपुर के माना स्थित शासकीय वृद्धाश्रम पहुंचे। वृद्धाश्रम में मुख्यमंत्री ने वहां रहने वाले बुजुर्गों का हाल-चाल जाना और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बुजुर्गों के स्वास्थ्य के संबंध में विशेष सतर्कता बरतने के दिये निर्देश दिये हैं। उल्लेखनीय है कि इस आश्रम में राज्य के 26 बुजुर्ग निवास करते हैं।
मुख्यमंत्री ने बुजुर्गों से उनके सुख-दुख, खान-पान, निवास और दिनचर्या के बारे में पूछा और किसी तरह की परेशानी होने के संबंध में जानकारी ली । बुजुर्गों श्री गंगेश भट्टाचार्य, श्री चंदन चौधरी, श्री जायसवाल, श्रीमती फिरंतिन ने बताया कि वृद्धाश्रम में खाने और रहने की अच्छी व्यवस्था है। उनके परिवार के लोग भी बीच-बीच में उनसे मिलने आते हैं। उन लोगों को कोरोना वायरस की जानकारी है और इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आश्रम में कीटनाशक का स्प्रे किया जा रहा है । साथ ही लगातार हाथ धोने जैसे चीजों पर भी काफी ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बुजुर्गों को भारत सहित पूरे विश्व को प्रभावित कर रहे कोरोना वायरस की जानकारी दी और बताया कि ऐसे समय 60 वर्ष के अधिक उम्र के सभी नागरिकों को बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा कि करोना से ङरने या भयभीत होने की जरूरत नहीं है लेकिन कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने, घर पर ही रहने, हाथ मिलाने के स्थान पर अभिवादन के लिए परम्परागत केवल भारतीय नमस्कार का प्रयोग करने को कहा। मुख्यमंत्री ने बुजुर्गों से कहा कि ऐसे समय वे अपनी तबियत का ध्यान रखें और छींक-खांसी के समय इसके छीटंे से दूसरों को भी बचाए।
इस अवसर पर जिला पंचायत के पूर्व सदस्य श्री पंकज शर्मा सहित समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री आर. प्रसन्ना, संचालक श्री पी दयानंद, कलेक्टर श्री डॉ. एस. भारतीदासन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख मोहम्मद, नगर निगम रायपुर के कमिश्नर श्री सौरभ कुमार भी उपस्थित थे। श्री पंकज शर्मा ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री की भावना से वृद्धजनों को अवगत कराते हुए कहा कि श्री भूपेश बघेल के मन में सभी वृद्धजनों के प्रति अपने माता-पिता जैसा सम्मान है। यहीं कारण है कि वे इस कठिन समय में उनका हाल-चाल लेने स्वयं आए हैं
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कोरिया 2 अप्रैल 2020/ भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अंतर्गत वित्तीय सेवाएं विभाग के निर्देश अनुसार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत महिला हितग्राहियों को प्रधानमंत्री जनधन बैंक खातों में माह अप्रैल 2020 की राशि 500 रू. प्रतिखाते के मान से दिनांक 02 अप्रैल 2020 को अंतरित की जायेगी।
जिले के एलडीएम ने आज यहां बताया कि बैंक खाते से उक्त राशि के आहरण हेतु खाते की अंतिम संख्या के आधार पर तिथि निर्धारित की गई है। जिन महिला प्रधानमंत्री जनधन खाताधारकों के खाता संख्या के अंत में शून्य (0) अथवा एक (1) है, उनके लिए 03.04.2020 को नगद निकासी हेतु तिथि निर्धारित की गई है। खाता संख्या के अंत में दो (2) अथवा तीन (3) है, उनके लिए 04.04.2020 को नगद निकासी हेतु तिथि निर्धारित की गई है। इसी तरह खाता संख्या के अंत में चार (4) अथवा पांच (5) वाले खाताधारकों के लिए 07.04.2020, खाता संख्या के अंत में छह (6) अथवा सात (7) वाले खाताधारकों के लिए 08.04.2020 तथा खाता संख्या के अंत में आठ (8) अथवा नौ (9) वाले खाताधारकों के लिए 09.04.2020 की तिथि नगद निकासी हेतु निर्धारित की गई है। बैंक सुबह 10 बजे से शाम 04 बजे तक परिचालित होंगे। दिनांक 09 अप्रैल के बाद लाभार्थी किसी भी तारीख को सामान्य बैंकिंग अवधि के अनुसार शाखा या बीसी से सम्पर्क कर अपने खाते से राशि आहरित कर सकेंगे। -
दुर्ग 2 अप्रैल 2020/ प्रधानमंत्री जनधन खाता में महिला हितग्राहियों के खातों में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत् सीधे राशि अंतरित कर उन्हें निम्नानुसार आहरण करने की अनुमति प्रदान की गई है।
प्रधानमंत्री जनधन योजना के खाता धारक महिलाएं जिनके खाता का अंतिम क्रमांक 0 या 1 है उन्हें आहरण हेतु नियत तिथि 3 अप्रैल 2020, महिलाएं जिनके खाता का अंतिम क्रमांक 2 या 3 है उन्हें आहरण हेतु नियत तिथि 4 अप्रैल 2020, महिलाएं जिनके खाता का अंतिम क्रमांक 4 या 5 है उन्हें आहरण हेतु नियत तिथि 7 अप्रैल 2020, महिलाएं जिनके खाता का अंतिम क्रमांक 6 या 7 है उन्हें आहरण हेतु नियत तिथि 8 अप्रैल 2020, महिलाएं जिनके खाता का अंतिम क्रमांक 8 या 9 है उन्हें आहरण हेतु नियत तिथि 9 अप्रैल 2020,उपरोक्तानुसार समय सारणी की मुनादी कराने हेतु समस्त ग्राम पंचायत विकासखण्ड के समस्त सरपंचो को आदेशित किया गया है कि वे अपने ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में मुनादी कराकर प्रधानमंत्री जनधन योजना के महिला खाताधारकों को सूचित करें। 9 अप्रैल के पश्चात सामान्य तरीके से धनराशि निकाली जा सकेगी। खाते की अंतिम संख्या के अनुसार तिथि इसलिए रखी गई है ताकि सुविधापूर्वक सोशल डिस्टेंसिंग का कार्य हो सके। सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे, इसके लिए अमले को जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही इसकी मॉनिटरिंग के लिए सेक्टर ऑफिसर्स की नियुक्ति भी की गई है।