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5 हजार 316 श्रमिकों के खाते में 14.41 लाख रूपए किया जमा
रायपुर : लॉकडाउन से प्रभावित छत्तीसगढ़ प्रदेश के अन्य राज्यों में फंसे स्थानिय मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन में राज्य सरकार ने सात अप्रैल शाम 4 बजे तक संकटग्रस्त 26 हजार 505 श्रमिकों को राहत पहुंचायी हैं। इनमें अब तक पांच हजार 316 श्रमिकों के खाते में तत्कालिक व्यवस्था के लिए लगभग 14 लाख 41 हजार रूपए भी जमा करवाया गया है। छत्तीसगढ़ के श्रमिक 20 अन्य राज्यों एवं तीन केन्द्र शासित प्रदेशों में संकट की स्थिति में होने के संबंध में जानकारी मिली है।छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जम्मू में फंसे लगभग तीन हजार श्रमिकों के लिए स्थानीय प्रशासन से समन्वय कर उनके रहने-खाने की व्यवस्था करायी गई है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश के धरमशाला में फंसे लगभग 900 श्रमिकों के लिए राशन आदि सामग्री की व्यवस्था की गई। इसके अलावा इन श्रमिकों को तत्काल राहत पहंुचाने के लिए जिला बेमेतरा के 3660 श्रमिकों के खाते में 10 लाख 95 हजार रूपए, मुंगेली जिले के 1483 श्रमिकों के खातें में एक लाख 73 हजार रूपए और कबीरधाम जिले के 173 श्रमिकों के खातें में प्रति श्रमिक 1000 रूपए की मान से एक लाख 73 हजार रूपए जमा कराया गया है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा देश के अन्य राज्यों में श्रमिकों की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए अधिकारियों का दल गठित कर सतत् निगरानी की जा रही है। इसके लिए श्रम विभाग द्वारा राज्य स्तर पर हेल्पलाईन नम्बर 0771-2443809, 91098-49992, 75878-22800 सहित जिला स्तर पर भी हेल्पलाईन नम्बर स्थापित किए गए हैं। हेल्पलाईन नम्बर के माध्यम से प्राप्त श्रमिकों की समस्याओं को पंजीबद्ध कर तत्काल यथासंभव समाधान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देशन पर श्रम विभाग के सचिव श्री सोनमणी बोरा के मार्गदर्शन में अन्य प्रदेशों के स्थानीय प्रशासन से सतत् समन्वय कर श्रमिकों की समस्याओं का यथाशीघ्र समाधान किया जा रहा है।
श्रम विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में संकटग्रस्त एवं जरूरतमंद श्रमिकों की समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के 26 जिलों के श्रमिक 20 अन्य राज्यों एवं तीन केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे होने की जानकारी मिली है। सबसे ज्यादा श्रमिक महाराष्ट्र में 5 हजार 591, उत्तरप्रदेश में 4 हजार 578, तेलंगाना में 3 हजार 92, गुजरात में 2 हजार 994, जम्मू में 3 हजार 677 और कर्नाटक में 880 श्रमिकों के फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार मध्यप्रदेश में 1 हजार 66, आंध्रप्रदेश में 652, दिल्ली में 596 और तमिलनाडू में 677 श्रमिकों के फंसे होने की जानकारी हेल्पलाईन नम्बर सहित विभिन्न माध्यमों से मिली है।
अधिकारियों में बताया कि लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में संकटग्रस्त अथवा फंसे हुए श्रमिकों में छत्तीसगढ़ के मुंगेली से 3762, कबीरधाम से 3896, राजनांदगांव से 3303, जांजगीर-चांपा से 2683, बलौदाबाजार से 3612, बेमेतरा से 2749, रायगढ़ से 997, बिलासपुर से 1500, बलरामपुर से 373, सूरजपुर से 468, दुर्ग से 309, बालोद से 245, गरियाबंद से 369, रायपुर से 1306 और कोरबा जिले से 366 श्रमिक फंसे हुए है। जिनकी राज्य सरकार के नोडल अधिकारियों द्वारा अन्य राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों, कारखाना प्रबंधकों, नियोजकों और ठेकेदारों से समन्वय कर सतत् निगरानी की जा रही है तथा उनके खाने-पीने, रहने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। -
भोजन, आवास, चिकित्सा सहित वेतन एडवांस की दिलाई गई सुविधा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल और निर्देशन में श्रम विभाग द्वारा कोरोना वायरस के लॉकडाउन में राज्य एवं राज्य से बाहर फंसे लगभग 84 हजार श्रमिकों की समस्याओं का त्वरित निराकरण करते हुए उनके आवास, भोजन और चिकित्सा सहित वेतन एडवांस के लिए उचित प्रबंध किया गया है। संकट की इस घड़ी में श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों को हर संभव सहायता पहुंचाई जा रही है।
इस संबंध में श्रम विभाग द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में 7 अप्रैल तक कुल 367 आश्रय एवं शिविर संचालित किया जा रहा है। जिसमें छत्तीसगढ़ के 3724 श्रमिक एवं अन्य राज्यों के 5940 श्रमिकों इस प्रकार कुल 9664 के आवास एवं प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था की जा रही है। इसमें अन्य राज्यों से झारखंड 1436, मध्यप्रदेश 1345, उत्तरप्रदेश 630, बिहार 388, राजस्थान 259, महाराष्ट्र 243, ओडि़सा 221, पश्चिम बंगाल 183, तेलंगाना 84 श्रमिक राज्यों से सर्वाधिक हैं। इसके अतिरिक्त कारखानों एवं विभिन्न औद्योगिक क्षेत्र में प्रबंधन एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ़ के कुल 5934 एवं अन्य राज्यों के 10994 श्रमिकों को इस प्रकार कुल 16928 श्रमिकों के लिए आवास एवं भोजन की व्यवस्था की गई है।
राज्य स्तर पर 24ग7 हेल्पलाइन 0771-2443809, 9109849992, 7587822800 स्थापित किया गया है। इसी प्रकार समस्त 27 जिलों में भी हेल्पलाइन नंबर स्थापित किए गए है। अब तक श्रम विभाग को कुल 4944 सूचनाएं प्राप्त हुई है, जिसमें से 4360 सूचनाओं का तत्काल निराकरण कर 33138 श्रमिकों की विभिन्न समस्याओं का समाधान किया गया है। राज्य हेल्पलाइन, जिला हेल्पलाइन, सोशल मीडिया, प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया, जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों से सीधे सम्पर्क, अन्य स्त्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर अब तक छत्तीसगढ़ के अन्य राज्यों में कुल 26 हजार 505 प्रवासी श्रमिकों को राशन एवं अन्य आवश्यकताआ संबंधी, समस्याओं का समाधान किया गया है। सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 5591, उत्तरप्रदेश 4578, जम्मू 3677, तेलंगाना 3092, गुजरात 2994, मध्यप्रदेश 1066, कर्नाटक 880, तमिलनाडू 677, आंध्रप्रदेश 652 एवं दिल्ली 596 राज्यों में होने की सूचना मिली है जिसमें कबीरधाम जिले के 3896, मुंगेली के 3762, बलौदाबाजार के 3612, राजनांदगांव के 3303 बेमेतरा के 2749, जांजगीर-चांपा के 2683, बिलासपुर के 1500, रायपुर के 1306, रायगढ़ के 997, सूरजपुर के 468, बलरामपुर के 373, गरियाबंद के 369, कोरबा के 366, दुर्ग के 309, बालोद के 245 जिलों से संबंधित है।श्रम विभाग के 59 अधिकारियों की टीम द्वारा 260 कारखानों का निरीक्षण किया गया है। जिसमें श्रम विभाग के द्वारा नियोजकों के माध्यम से कुल 93.50 लाख रूपए की सहायता (नगद एवं राशन) उपलब्ध कराई गई। रायगढ़ में श्रमिकों को 15 दिन के वेतन के बराबर एडवांस 21 लाख 39 हजारर 550 रूपए दुर्ग में 60 हजार रूपए, बस्तर में 27 हजार, जांजगीर-चांपा में एक लाख 20 हजार 500 रूपए उनके नियोजकों से दिलवाया गया एवं कोरबा जिले में श्रमिकों को एक लाख 29 हजार 805 रूपए एडवांस सेलरी नियोजक द्वारा दिलवाई गई है। अतः वेतन एडवांस के रूप में श्रमिकों को 24 लाख 76 हजार 855 की सहायता दिलवाई गई है। ईएसआई के माध्यम से राज्य भर में 42 क्लीनिक कार्यरत हैं, जिसमें 11 हजार 315 श्रमिकों को इलाज एवं दवा वितरण कार्य सुचारू रूप से संचालित है।
कुछ जिलों के द्वारा श्रमिकों की अन्य राज्यों में संकटापन्न स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा श्रमिकों के खाते में नगद राशि का भुगदान किया गया है। जैसे-कवर्धा में 173 श्रमिकों, मुंगेली में 1483 एवं बेमेतरा में 3660 श्रमिकों के खाते में कुल 14 लाख 40 हजार 700 रूपए का भुगतान किया गया है।
नोडल अधिकारी एवं श्रम सचिव श्री सोनमणी बोरा के नेतृत्व में राज्य के भीरत एवं राज्य के बाहर संकटापन्न श्रमिकों को श्रम विभाग और जिला प्रशासन के तथा अन्य राज्यों के अधिकारियों द्वारा संबंधित नियोक्ताओं एवं संबंधित श्रमिकों से समन्वय स्थापित कर खान-पान एवं आवास एवं अन्य आवश्यकताओं, समस्याओं का निराकरण किया गया है।
- रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य के सभी मुस्लिम भाइयों से कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करते हुए शब-ए-बरात की इबादत घर में ही करने की अपील की है।
मुस्लिम भाइयों के नाम जारी अपनी अपील में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि शब-ए -बरात जिसे बड़ी रात कहा जाता है इस रात को मुस्लिम भाई मस्जिदों में सामूहिक रूप से विशेष नमाज अदा करने के साथ ही अपने इलाके के मजारों और कब्रिस्तानों में जाकर फातिहा और अपने मरहूमीन की बख्शीश की दुआ करते हैं । उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण के कारण अभी के हालात में मस्जिदों, मजारों तथा कब्रिस्तानों में बड़ी संख्या में एक साथ लोगों का एकत्र होना उचित नहीं है, वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह जरूरी है कि इस पवित्र रात को हम अपने मरहमीन के लिए अपने घर से ही फातिहा और ईसाले सबाब करें ।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस के संक्रमण से देश -दुनिया को निजात मिले, इसके लिए मुस्लिम भाइयों से दुआ करने की अपील की है । -
राशन सामग्री के पैकेट एकत्र करने मोहल्लों और कालोनियों में भेजे जाएंगे वाहन
लॉकडाउन में जरूरतमंदों की सहायता के लिए जिला प्रशासन की सराहनीय पहल: श्री भूपेश बघेल
जरूरतमंदों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री ने स्वयं राशन सामग्री के 500 पैकेट और 11 हजार रूपए की सहायता राशि दी
रायपुर : कोरोना की रोकथाम के लिए लागू लॉक डाउन की वजह से दैनिक रोजी-मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले परिवारों को राहत पहुंचाने रायपुर जिला प्रशासन द्वारा राशन सामग्री प्रदान की जा रही है। जरूरतमंदों की सहायता के इच्छुक दानदाता राशन सामग्री का पैकेट तैयार कर उसे जिला प्रशासन को उपलब्ध करा सकते हैं। जिला प्रशासन द्वारा लोगों से राशन सामग्री के पैकेट एकत्र करने के लिए डोनेशन ऑन व्हील्स अभियान प्रारंभ किया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास परिसर से इस अभियान का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने स्वयं जरूरतमंदों की सहायता के लिए राशन सामग्री के 500 पैकेट और 11 हजार रूपए की सहायता राशि जिला प्रशासन को सौंपी।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन द्वारा की गई इस पहल की सराहना की। रायपुर कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री आरिफ शेख, जिला पंचायत रायपुर के सीईओ डॉ. गौरव कुमार सिंह इस अवसर पर उपस्थित थे।
“डोनेशन ऑन व्हील्स” अभियान के तहत विभिन्न कालोनियों, व्यावसायिक परिसरों में जिला प्रशासन का विशेष वाहन पहुंचकर लोगों से राशन पैकेट संकलित करेगा। दानदाता 5 किलोग्राम चावल, 2 किलोग्राम आटा, आधा किलोग्राम दाल, आधा किलोग्राम नमक व एक नग साबुन शामिल कर राशन पैकेट तैयार कर सकते हैं। सहयोग की इच्छुक संस्थाएं, व्यवसायिक परिसर व कॉलोनियों के निवासी आदि इस सुविधा का लाभ उठाने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौरव कुमार सिंह के दूरभाष क्रमांक- 9669577888 या रायपुर स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक (जनसपंर्क) श्री आशीष मिश्रा के दूरभाष क्रमांक- 9685792100 पर संपर्क कर वाहन के पहुंचने के दिनांक व समय की जानकारी प्राप्त कर सकते है। जिला प्रशासन द्वारा इस अभियान के तहत छह वाहन शहर में चलाए जाएंगे। - एजेंसीनई दिल्ली : कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत को चीन ने पीपीई किट दान किया है। कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज में चिकित्साकर्मियों के इस्तेमाल में आने वाले निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) की 1.7 लाख किट चीन से भारत को सोमवार को मिल गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि चीन ने भारत को कोरोना संकट से निपटने के लिये सहायता के रूप में ये किट दी हैं।
मंत्रालय के अनुसार, देश में निर्मित 20 हजार पीपीई की आपूर्ति होने के साथ ही अब अस्पतालों को 1.90 लाख पीपीई की आपूर्ति कर दी जाएगी। देश में पीपीई की मौजूदा उपलब्धता 3,87,473 हो गयी है। मंत्रालय के अनुसार राज्यों को केन्द्र सरकार की ओर से अब तक 2.94 लाख पीपीई की आपूर्ति कर दी गयी है। इसके अलावा देश में ही बने दो लाख एन95 मास्क भी अस्पतालों को मुहैया कराये गये हैं। इसके अलावा अन्य स्रोतों से मिले इस श्रेणी के 20 लाख मास्क की पहले ही अस्पतालों को आपूर्ति कर दी गयी है।
जानें क्या है पीपीईपीपीई किट यानी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स। नाम से ही स्पष्ट है कि ऐसे सामान जिससे संक्रमण से खुद को बचाने में मदद मिले। कोरोना वायरस चूंकि संक्रामक बीमारी है इसलिए इससे बचने के लिए लोग मास्क पहन रहे हैं, बार-बार हाथ साफ कर रहे हैं, लोगों से दूरी बनाकर बात कर रहे हैं। आम लोगों तो मास्क और दास्ताने का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर और मेडिकल स्टाफ को सिर से पांव तक वायरस संक्रमण से बचाव के लिए कई तरह की चीजें पहननी होती हैं और ये सारी चीजें पीपीई किट्स हैं।
अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग तरह के पीपीई किट्स हो सकते हैं लेकिन आम तौर पर मास्क, ग्लोव्स, गाउन, एप्रन, फेस प्रोटेक्टर, फेस शील्ड, स्पेशल हेलमेट, रेस्पिरेटर्स, आई प्रोटेक्टर, गोगल्स, हेड कवर, शू कवर, रबर बूट्स इसमें गिने जा सकते हैं। इनमें से बहुत कुछ पहने डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ हम-आप आए दिन देखते रहते हैं। इन सारी चीजों का मकसद एक ही है- मरीज से वायरस इलाज कर रहे लोगों में ना फैल जाए। हालांकि हमने दिल्ली समेत पूरे देश में देखा है कि कोरोना मरीजों का इलाज करते-करते कई डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ खुद कोरोना के मरीज बन गए हैं। हालांकि ये साफ नहीं हो पाया है कि इन लोगों में संक्रमण कैसे फैला- इलाज के दौरान पीपीई किट का इस्तेमाल नहीं हुआ या पीपीई किट पहनने के बाद भी कोरोना वायरस ने संक्रमित कर लिया।
पीपीई किट में जितने भी तरह के सामान आते हैं, सबके इस्तेमाल करने के नियम और तौर-तरीके हैं। हर सामान को पहनने का सही तरीका है। ऐसा नहीं हो तो पहनने के बाद भी संक्रमण का खतरा बना रहता है। डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को इस्तेमाल से पहने ये देखना होता है कि किस तरह के पीपीई किट की जरूरत है। फिर उसे कैसे सही तरीके से पहनना है, एडजस्ट करना है, ये भी देखना होता है। इस्तेमाल के बाद पीपीई किट को सही तरह से कचरे में फेंकना ताकि उससे आगे किसी को संक्रमण ना हो, इसका बहुत ज्यादा ध्यान रखना होता है। -
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शहरी और ग्रामीण अंचलों की महिलाओं से दूरभाष पर की बातचीत
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में कोराना वायरस संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की महिलाओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से आज अपने निवास कार्यालय से दूरभाष के जरिए बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने न केवल शहरी बल्कि सुदुर वनांचल की महिलाओं से चर्चा की । उन्होंने लाकडाउन की स्थिति में शासकीय योजनाओं से मिल रहे लाभ तथा आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति व्यवस्था की जानकारी ली। महिलाओं ने बताया कि शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ गांव-गांव में स्व स्फूर्त होकर लोगों द्वारा लाकडाउन का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। पीथमपुर गांवों में स्वस्फूर्त ढंग से ग्रामीणों ने बैरियर लगाकर लोगों के आने जाने पर निगरानी रख रहे हैं। किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है। सामाजिक दूरी का पालन किया जा रहा है। लोगों को आसानी से सब्जी, फल, दूध और राशन सामग्री मिल रही है। कीमतंे भी नियंत्रित हैं।
दूरभाष पर चर्चा के दौरान मुंगेली जिले के पीथमपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती अंजनी साहू ने मुख्यमंत्री को बताया कि गावं में लाॅकडाउन का कड़ाई से पालन हो रहा है। गांव में दो रास्ते हैं दोनों रास्तों पर गांव के लोगों ने स्वस्फूर्त हो कर बेरियर लगाकर लोगों के आने-जाने पर निगरानी रखी जा रही है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गर्भवती, शिशुवती माताओं को रेडी टू ईट फूड घर पहुंचाकर दिया जा रहा है। 6 माह से 3 वर्ष के 23, 3 वर्ष से 6 माह के 24 बच्चों तथा 60 गर्भवती माताओं 6 धात्री माताओं और 3 एनीमिक महिलाओं को रेडी टू ईट की सामग्री दी गई है। गांव में सभी लोग घर में रहते हैं। गांव में पीडीएस के माध्यम से राशन दिया जा रहा है।
कांकेर की किरण देहारी ने बताया कि घर में सभी का स्वास्थ्य ठीक है। पति पोल्ट्री फार्म चलाते हैं। इस वक्त पोल्ट्री फार्म बंद है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से रेडी टू ईट का वितरण हो रहा है तथा सूखा राशन मिला है। उचित मूल्य दुकानों से 35 किलो चांवल मिला है। मुख्यमंत्री ने किरण देहारी को बताया कि राज्य शासन द्वारा दो माह का राशन मुफ्त में दिया जा रहा है। इसके लिए किसी को राशि का भुगतान नहीं करना है। आप सभी लोगों को सामाजिक दूरी और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना है।
बीजापुर जिले के ग्राम मडीपारा की गायत्री नेताम ने बताया कि लाॅकडाउन से कोई दिक्कत नहीं हो रही है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों और शिशुवती माताओं को पोषण आहार मिल रहा है। सरगुजा जिले के ग्राम पड़ोली नवापारा की श्रीमती ज्योति यादव ने बताया कि गांव में राशन बंट रहा है। लाॅक डाउन से वहां किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है।
मुख्यमंत्री द्वारा राजनांदगांव के जीवन अपार्टमेंट में रहने वाली श्रीमती अनिता भदौरिया से हाल चाल पूछने पर बताया कि लाक डाउन का पूरा पालन हो रहा है। लाकडाउन से पूरा परिवार को पूरे दिन एक साथ रहने का अवसर मिला है। फल सब्जी मिलने में काई दिक्कत नहीं हो रही है। कीमतें नियंत्रित हंै। शासन के निर्देशों का पालन हो रहा है। हम सब को मिल कर कोरोना को पराजित करना है।
कबीर नगर रायपुर की श्रीमती मानसी नामदेव ने बताया कि वह स्कूल में शिक्षक है। मुख्यमंत्री ने उनके पति से भी बातचीत की। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि वे लेबर कोर्ट में काम करते हैं। घर के काम काज में हाथ बंटा रहे हैं। सभी लोग स्वस्थ है। उनके मुहल्ले में भी लाॅक डाउन का पालन हो रहा है।
सुकमा जिले के ग्राम पेण्टा की श्रीमती बेद्दी सग्गो ने बताया कि गांव में आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पोषण आहार घर पहंुचाकर दिया जा रहा है। गांव में कोई भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित नहीं है। शासन की योजनाओं का पूरा लाभ गांव में मिल रहा है। बिलासपुर की श्रीमती कल्याणी शेन्द्रे ने मुख्यमंत्री को बताया कि दैनिक जरूरतों की चीजें आसानी से मिल रही हैं। सभी सोशल डिस्टेसिंग का पालन कर रहे है।
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गांधीनगर। गुजरात के पालनपुर में एक 42 वर्षीय व्यक्ति ने खुदकुशी कर ली। पुलिस ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि व्यक्ति को 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रखा गया था। पुलिस ने कहा कि विनोदभाई पुरुषोत्तमभाई चौरसिया को 20 मार्च को क्वारंटाइन में रखा गया, उनकी एकांतवास की अवधि शुक्रवार को समाप्त हो गई और कोरोनावायरस की जांच रिपोर्ट में वह संक्रमण से ग्रस्त नहीं पाए गए।
विनोद ने अपने घर की सबसे ऊपरी मंजिल पर फांसी लगाकर खुदकुशी की। उनके परिवार में पत्नी मनीषा (40), बेटियां त्रिशला (10), निहारिका (5), और ढाई साल का बेटा आर्यन है।पुलिस ने कहा कि पारिवारिक झगड़े से परेशान चल रहे चौरसिया मोरबी जिले में एक परिवहन व्यवसाय से जुड़े थे। उनका परिवार पालनपुर में रहता है।कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते वह 20 मार्च को अपने परिवार के पास पालनपुर में लौटे। स्वास्थ्य अधिकारियों ने उन्हें क्वारंटाइन में रखा था।पुलिस दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज कर आगे की जांच कर रही है।--आईएएनएस -
- लॉकडाउन में आश्रयगृहों में रह रहे प्रवासी मजदूरों की भावनाओं को समझने की जरूरत
रायपुर.4 अप्रैल 2020। कोरोनावायरस (कोविड-19) के संक्रमण की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन हैं। ऐसे समय में सबसे ज्यादा परेशानी दैनिक मजदूरों या श्रमिकों को सहनी पड़ रही है । अपने मूल स्थान की ओर पलायन करते समय बहुत से श्रमिकों या मजदूरों को इस वक्त अस्थाई रूप से विभिन्न आश्रयगृहों में रहना पड़ रहा है। इससे वे स्थानीय समुदाय द्वारा उपेक्षा के डर, अपने मूल स्थानों में इंतजार कर रहे परिवारों की भलाई और सुरक्षा की चिंताओं से उत्तपन्न होने वाले विभिन्न सामाजिक, मानसिक एवं भावात्मक परिस्थितियों से गुजर रहे हैं। ऐसे में उनकी भावनाओं और परेशानियों को पहचानकर उन्हें सहयोग देने की आवश्यकता है।बेहतर अवसरों और कमाई की तलाश में ये प्रवासी श्रमिक अपने मूल स्थानों को छोड़ने के लिए और कभी कभी अपने परिवारों को छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं। कई परिवार तो आंशिक या पूर्ण रूप से प्रवासी व्यक्ति द्वारा भेजे गए पैसों पर ही निर्भर रहते हैं। वर्तमान में कोविड-19 के संचार को रोकने और सामाजिक दूरी बनाने के लिए इन मजदूरों के नियमित कार्यों पर प्रतिबंध लग गया है। ऐसे हालात में बहुत से प्रवासी श्रमिक हर संभव साधन द्वारा अपने गंतव्य तक जाने के लिए निकल चुके हैं लेकिन उसमें बहुत से लोग राज्य, जिले या देश की सीमा में फंस गए हैं।श्रमिकों की मुख्य चिंताएं - स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार ऐसे प्रवासी मजदूरों या श्रमिकों के सामने सबसे बड़ी चिंता भोजन, आश्रय, स्वास्थ्य देखभाल, संक्रमित होने का डर या संक्रमण फैलने, मजदूरी का नुकसान, परिवार की सुरक्षा और भय है। कभी-कभी, उन्हें स्थानीय समुदाय के उत्पीड़न और नकारात्मक प्रतिक्रियाओं का भी सामना करना भी पड़ रहा है।सामाजिक संरक्षण जरूरी - कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए एक स्थान पर इन प्रवासी मजदूरों को ठहराया गया है। जिसमें उन्हें सामुदायिक आश्रय और सामुदायिक रसोई , राहत सामग्री उपलब्ध कराकर , सामाजिक दूरी की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। संक्रमण के संदिग्ध मामलों की पहचान कर ऐसे मामलों के प्रबंधन के लिए प्रोटोकॉल का पालन भी कराया जा रहा है। साथ ही उन्हें टेलीफोन, वीडियो कॉल के माध्यम से उनके परिवारिक सदस्यों की कुशलता जानने का मौका देकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना भी जरूरी है।दें उन्हें सहानुभूति और अपनापन - मंत्रालय के अनुसार इन लोगों के साथ धीरज और सहानुभूति से पेश आने की जरूरत है। इसके लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाया जा सकता है:1.सभी प्रवासी श्रमिकों या मजदूरों से सम्मानपूर्वक, सहानुभूतिपूर्ण और प्रेमवत व्यवहार करें ।2. उनकी चिंताओं को धैर्य से सुनें और उनकी समस्याओं को समझें ।3. हर व्यक्ति और परिवार की विशेष और विभिन्न आवश्यकताओं को पहचानें क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति या परिवार की जरूरत एक समान नहीं होती ।4. अस्थाई आश्रयगृहों में प्रवास के दौरान रखे गए श्रमिकों को यह समझाएं उनकी और उनके अपनों की भलाई के लिए ऐसा किया गया है, ताकि कोरोनावायरस को हराया जा सके। वे लोग अकेले नहीं हैं एवं पूरा देश उनके साथ खड़ा है।5. उन्हें यह समझने में मदद करें यह अनिश्चितता की असामान्य स्थिति है और उन्हें आश्वस्त करें यह स्थिति क्षणिक है और लंबे समय तक चलने वाली नहीं है। उनका सामान्य जीवन जल्द ही बहाल हो जाएगा।6. उन्हें मदद के संभावित स्रोतों जैसे -केंद्र सरकार, राज्य सरकारों / गैर सरकारी संगठनों / स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाने वाली सहायता के बारे में जानकारी दें।7. उन्हें एहसास कराएं कि परिवार को सुरक्षित रखने के लिए इस वक्त उनसे दूर रहना ही बेहतर है।8. उनके प्रति दया दिखाए बगैर उनका सहयोग मांगे ताकि मिलकर इस परिस्थिति से उबर सकें। -
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज रायपुर के माना स्थित शासकीय वृद्धाश्रम पहुंचे। वृद्धाश्रम में मुख्यमंत्री ने वहां रहने वाले बुजुर्गों का हाल-चाल जाना और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बुजुर्गों के स्वास्थ्य के संबंध में विशेष सतर्कता बरतने के दिये निर्देश दिये हैं। उल्लेखनीय है कि इस आश्रम में राज्य के 26 बुजुर्ग निवास करते हैं।
मुख्यमंत्री ने बुजुर्गों से उनके सुख-दुख, खान-पान, निवास और दिनचर्या के बारे में पूछा और किसी तरह की परेशानी होने के संबंध में जानकारी ली । बुजुर्गों श्री गंगेश भट्टाचार्य, श्री चंदन चौधरी, श्री जायसवाल, श्रीमती फिरंतिन ने बताया कि वृद्धाश्रम में खाने और रहने की अच्छी व्यवस्था है। उनके परिवार के लोग भी बीच-बीच में उनसे मिलने आते हैं। उन लोगों को कोरोना वायरस की जानकारी है और इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आश्रम में कीटनाशक का स्प्रे किया जा रहा है । साथ ही लगातार हाथ धोने जैसे चीजों पर भी काफी ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बुजुर्गों को भारत सहित पूरे विश्व को प्रभावित कर रहे कोरोना वायरस की जानकारी दी और बताया कि ऐसे समय 60 वर्ष के अधिक उम्र के सभी नागरिकों को बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा कि करोना से ङरने या भयभीत होने की जरूरत नहीं है लेकिन कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने, घर पर ही रहने, हाथ मिलाने के स्थान पर अभिवादन के लिए परम्परागत केवल भारतीय नमस्कार का प्रयोग करने को कहा। मुख्यमंत्री ने बुजुर्गों से कहा कि ऐसे समय वे अपनी तबियत का ध्यान रखें और छींक-खांसी के समय इसके छीटंे से दूसरों को भी बचाए।
इस अवसर पर जिला पंचायत के पूर्व सदस्य श्री पंकज शर्मा सहित समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री आर. प्रसन्ना, संचालक श्री पी दयानंद, कलेक्टर श्री डॉ. एस. भारतीदासन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख मोहम्मद, नगर निगम रायपुर के कमिश्नर श्री सौरभ कुमार भी उपस्थित थे। श्री पंकज शर्मा ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री की भावना से वृद्धजनों को अवगत कराते हुए कहा कि श्री भूपेश बघेल के मन में सभी वृद्धजनों के प्रति अपने माता-पिता जैसा सम्मान है। यहीं कारण है कि वे इस कठिन समय में उनका हाल-चाल लेने स्वयं आए हैं
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कोरिया 2 अप्रैल 2020/ भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अंतर्गत वित्तीय सेवाएं विभाग के निर्देश अनुसार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत महिला हितग्राहियों को प्रधानमंत्री जनधन बैंक खातों में माह अप्रैल 2020 की राशि 500 रू. प्रतिखाते के मान से दिनांक 02 अप्रैल 2020 को अंतरित की जायेगी।
जिले के एलडीएम ने आज यहां बताया कि बैंक खाते से उक्त राशि के आहरण हेतु खाते की अंतिम संख्या के आधार पर तिथि निर्धारित की गई है। जिन महिला प्रधानमंत्री जनधन खाताधारकों के खाता संख्या के अंत में शून्य (0) अथवा एक (1) है, उनके लिए 03.04.2020 को नगद निकासी हेतु तिथि निर्धारित की गई है। खाता संख्या के अंत में दो (2) अथवा तीन (3) है, उनके लिए 04.04.2020 को नगद निकासी हेतु तिथि निर्धारित की गई है। इसी तरह खाता संख्या के अंत में चार (4) अथवा पांच (5) वाले खाताधारकों के लिए 07.04.2020, खाता संख्या के अंत में छह (6) अथवा सात (7) वाले खाताधारकों के लिए 08.04.2020 तथा खाता संख्या के अंत में आठ (8) अथवा नौ (9) वाले खाताधारकों के लिए 09.04.2020 की तिथि नगद निकासी हेतु निर्धारित की गई है। बैंक सुबह 10 बजे से शाम 04 बजे तक परिचालित होंगे। दिनांक 09 अप्रैल के बाद लाभार्थी किसी भी तारीख को सामान्य बैंकिंग अवधि के अनुसार शाखा या बीसी से सम्पर्क कर अपने खाते से राशि आहरित कर सकेंगे। -
दुर्ग 2 अप्रैल 2020/ प्रधानमंत्री जनधन खाता में महिला हितग्राहियों के खातों में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत् सीधे राशि अंतरित कर उन्हें निम्नानुसार आहरण करने की अनुमति प्रदान की गई है।
प्रधानमंत्री जनधन योजना के खाता धारक महिलाएं जिनके खाता का अंतिम क्रमांक 0 या 1 है उन्हें आहरण हेतु नियत तिथि 3 अप्रैल 2020, महिलाएं जिनके खाता का अंतिम क्रमांक 2 या 3 है उन्हें आहरण हेतु नियत तिथि 4 अप्रैल 2020, महिलाएं जिनके खाता का अंतिम क्रमांक 4 या 5 है उन्हें आहरण हेतु नियत तिथि 7 अप्रैल 2020, महिलाएं जिनके खाता का अंतिम क्रमांक 6 या 7 है उन्हें आहरण हेतु नियत तिथि 8 अप्रैल 2020, महिलाएं जिनके खाता का अंतिम क्रमांक 8 या 9 है उन्हें आहरण हेतु नियत तिथि 9 अप्रैल 2020,उपरोक्तानुसार समय सारणी की मुनादी कराने हेतु समस्त ग्राम पंचायत विकासखण्ड के समस्त सरपंचो को आदेशित किया गया है कि वे अपने ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में मुनादी कराकर प्रधानमंत्री जनधन योजना के महिला खाताधारकों को सूचित करें। 9 अप्रैल के पश्चात सामान्य तरीके से धनराशि निकाली जा सकेगी। खाते की अंतिम संख्या के अनुसार तिथि इसलिए रखी गई है ताकि सुविधापूर्वक सोशल डिस्टेंसिंग का कार्य हो सके। सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे, इसके लिए अमले को जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही इसकी मॉनिटरिंग के लिए सेक्टर ऑफिसर्स की नियुक्ति भी की गई है। -
मनरेगा की प्रथम 3 माह की मजदूरी के लिए 1016 करोड़ रूपए शीघ्र जारी करने का किया अनुरोध
मनरेगा में 484 करोड़ रुपए की मजदूरी भुगतान लंबित : इन विपरीत परिस्थितियों में लंबित मजदूरी का भुगतान तत्काल आवश्यकरायपुर, 03 अप्रैल 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020- 21 की प्रथम 3 माह की मजदूरी एक हजार 16 करोड़ रूपए की राशि केन्द्र से शीघ्र जारी करने का आग्रह किया हैमुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आधारभूत संगठको में से एक महत्वपूर्ण घटक है । छत्तीसगढ़ में इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत 39 लाख 56 हजार परिवारों के 89.20 लाख श्रमिकों में से 32 लाख 82 हजार परिवारों के 66 लाख 5 हजार श्रमिक सक्रिय रूप से योजना के माध्यम से रोजगार प्राप्त करते है। माह मार्च 2020 के प्रारंभ में राज्य में लगभग 12 लाख श्रमिक प्रतिदिन योजना अंतर्गत कार्य कर रहे थे। विगत 10 दिन दिवस से कोरोना वायरस के संक्रमण में बरती जाने वाली सावधानियों के कारण श्रमिकों की संख्या बहुत कम हो गई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस से बचाव हेतु समस्त आवश्यक उपाय अनिवार्य सुनिश्चित करते ऐसे कार्य विशेषकर व्यक्ति मूलक एवं आजीविका संवर्धन से संबंधित जिनमें बड़ी संख्या में श्रमिक एक ही स्थान पर एकत्र न हा,े स्वीकृत कर श्रमिकों को मांग के आधार पर पर्याप्त रोजगार उपलब्ध कराने हेतु जिला कार्यक्रम समन्वयक को निर्देशित किया गया है जिससे ग्रामीणों को ग्रामीणों की आजीविका सुरक्षित हो ।मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों को इस योजना में समय पर भुगतान नहीं मिलने पर भी कार्य में न आने का एक बड़ा कारण है। उन्होंने प्रधानमंत्री को अवगत कराया की वर्तमान में इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में 484 करोड़ रुपए की मजदूरी भुगतान लंबित है। इन विपरीत परिस्थितियों में इस लंबित मजदूरी का भुगतान तत्काल किया जाना आवश्यक है। साथ ही आगामी महीनों में समयबद्ध मजदूरी भुगतान सुनिश्चित करने हेतु वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु राज्य के लिए प्रथम त्रैमास हेतु स्वीकृत लेबर बजट 534.73 लाख मानव दिवस की मजदूरी, राज्य हेतु स्वीकृत दैनिक मजदूरी दर 190 के मान से कुल राशि 1016 करोड़ राज्य को शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया है -
कोरोना लॉकडाउन: मुख्यमंत्री ने किया आश्रय स्थल का मुआयना, जरूरतमंदो से की बातचीत
देश के विभिन्न हिस्सों के ऐसे जरूरत मंद लोगों, जो करोना वायरस के कारण रायपुर में फंसे हैं, के लिए कोरोना राहत शिविर- आश्रय स्थल बनाया गया
12 राज्यों और 17 जिलों के 205 लोगों को मिला आश्रय, भोजन, रूकने, चिकित्सा और जरूरी सुविधाएं
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर के लाभंाङी में लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद और बेसहारा लोगों के लिए बनाए गए आश्रय स्थल का मुआयना कर वहां की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने वहां रूके लोगों से बातचीत करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में इस वक्त रूका हुआ बाहर का कोई भी व्यक्ति हमारा मेहमान है। किसी को परेशान होने की कोई जरूरत नही है। ऐसे लोगों की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति हम करेंगे। ज्ञातव्य है कि देश के विभिन्न हिस्सों के ऐसे जरूरतमंद लोगों जो करोना वायरस के कारण लॉक डाउन की स्थिति में रायपुर में फंसे हैं, के लिए जिला प्रशासन द्वारा लाभांडी में कोरोना राहत शिविर- आश्रय स्थल बनाया गया है । इस शिविर में 12 राज्यों और 17 जिलों के भटक रहे 205 लोगों को आश्रय, भोजन और सुविधा दी गई है।
मुख्यमंत्री ने यहां रूके एक - एक व्यक्ति से मुलाकात की और उनसे कहा कि वे राज्य केे मेहमान है और उन्हें यहां किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी, वे निश्चिंता से रहे और अपने घर -परिवार को भी अपनी कुशलता की जानकारी दंे।
मुख्यमंत्री से बातचीत के दौरान झारखंड के श्री बलदेव राणा ने बताया कि वे और उनके साथी महाराष्ट्र से लौट रहे थे। उत्तर प्रदेश के देवरिया के श्री रामनाथ शर्मा नौकरी के तलाश में छत्तीसगढ में भटक रहे थे। मध्यप्रदेश के पिपरिया के साधु रामदास त्यागी राजिम मेला के बाद से यहां थे। महाराष्ट्र के श्री गौतम मजदूरी कर रहे थे। गोंदिया के श्रीकांत ट्रासपोर्ट लाईन में होने के कारण यहां फंसे थे और हरियाणा के श्री रामू परिवार की दो महिलाओ और दो बच्चो के साथ यहां पेशी में आये थे। यहां आश्रय लिए लोगों ने बताया कि वे इन्हें भोजन, चिकित्सा, रूकने सहित जरूरी सुविधाएं मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होनेे झारखंड सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियो से बातचीत की है और आश्वस्त किया कि उनके राज्यो के लोग छत्तीसगढ में अच्छे से रहेगे। उन्होंने छत्तीसगढ के मजदूरों और नागरिको के उनके राज्यांे मे फंसे होने की स्थिति में उनसे हर संभव सहयोग देने का आग्रह भी किया है। यह भी कहा कि ऐसे ही आश्रय शिविर राज्य के सभी जिलो में बनाएं गए है।
मुख्यमंत्री के मुलाकात और अवलोकन के दौरान जिले के वरिष्ठ अधिकारी ,स्वयंसेवी संगठन के लोग और स्थानीय पार्षद भी उपस्थित थे, मुख्यमंत्री ने उन्हें इस नेक एवं मानवता के काम में दिन-रात लगकर सेवा करने के लिए साधुवाद दिया और किए जा रहे कार्यो की प्रशंसा की। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस से नागरिकों को सुरक्षित रखने की अपनी मुहिम के अंतर्गत रायपुर जिला कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने इन जरुरतमंदॉ, श्रमिको, बेसहारा लोगों को लाभांडी स्थित प्रधानमंत्री आवास योजना के सर्वसुविधायुक्त बहु मंजिला भवनों में अलग-अलग फ्लैटों में आश्रय दिया है।
यह पूरी कार्यवाही पुलिस अधीक्षक श्री आरिफ शेख, नगर निगम कमिश्नर श्री सौरभ कुमार, जिला पंचायत सीईओ डॉ. गौरव कुमार सिंह की संयुक्त टीम ने मिलकर की है। इस दौरान रायपुर स्मार्ट सिटी,महिला बाल विकास, वन, स्वास्थ्य,खाद्य सहित अन्य विभाग भी शामिल भी शामिल थे।
जिला पंचायत सीईओ डॉ. गौरव कुमार सिंह के नेतृत्व में अधिकारियों की इस टीम ने तीन बसों को लेकर ऐसे लोगों की तलाश में परसो देर शाम रेलवे स्टेशन क्षेत्र पहुंची, जहां से रायपुर स्मार्ट सिटी कार्यालय में स्थापित फूड कंट्रोल सेल से सर्वाधिक भोजन लेने की जानकारी मिली थी।
महिला अधिकारियों के दल ने यहांे महिलाओं, उनके साथ के दुधमुहे बच्चों, वृद्ध, दिव्यांग समेत ऐसे 75 लोगों को बसों में लेकर लाभांडी स्थित प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नवनिर्मित भवन में शिफ्ट किया। नगर निगम के इस भवन में जिला प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां पहले से की जा चुकी थीं और इस परिसर में शहर की कई सामाजिक संस्थाओं से मिले सहयोग से दरी, कंबल, चादर, बाल्टी, मंग, साबुन, पेस्ट, ब्रश समेत जरूरी सामान की व्यवस्था पहले से ही की गई थी।
यहां ठहराए गए छोटे बच्चों को असुविधा ना हो इसके लिए रायपुर जिला प्रशासन ने दूध की पर्याप्त व्यवस्था भी तत्काल की । इन आश्रय प्राप्त करने वालेो जरूरतमंदो को जरूरी सुविधाओं की देखरेख का जिम्मा जिला प्रशासन ने सामर्थ चेरिटबल और वी द पीपल स्वयंसेवी संगठन को दिया गया है, जो 24 घंटे उनके साथ रहकर उनकी सुविधाओं का ध्यान रख रही है। यहां आश्रय मे सोशल ङिसटेशिग कायम रखते हुए उन्हे हर संभव मदद की जा रही है।
रूके नागरिकों मे सबसे अधिक नागरिक मध्यप्रदेश के 27 और झारखंड के 19 है। जिले मे सबसे अधिक बलौदाबाजार के 18 और दुर्ग के 13 है। छत्तीसगढ़ के 121 और रायपुर जिले के 40 है।
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- विश्व ऑटिज्म दिवस आज
(विश्व ऑटिज्म दिवस -2 अप्रैल विशेष )
रायपुर. 1 अप्रैल 2020। ऑटिज्म की पहचान कर पाने में असमर्थता और जागरूकता की कमीं से पीड़ित चिन्हित नहीं हो पाते हैं। विशेषकर छोटे बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए जागरूकता बेहद जरूरी है। अभिभावक कम उम्र के ऐेसे बच्चों के व्यवहार को देखकर ऑटिज्म का पहचान कर लेंगे तो उनकी मदद की जा सकती है। जिला अस्पताल रायपुर और कालीबाड़ी अस्पताल में ऑटिज्म बीमारी के प्रति अभिभावकों को बराबर जागरूक किया जा रहा है।
जिला अस्पताल के डीईआईसी विभाग में सामाजिक चेतना कार्यक्रम के तहत समाज में बीमारी के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास किया जाता है। कार्यक्रम में बीमारी से पीड़ित बच्चों के अभिभावकों को बाल रोग विशेषज्ञों द्वारा ऑटिज्म के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी जाती है, जैसे- ऑटिज्म से पीड़ित और सामान्य बच्चों में अंतर, ऑटिज्म बीमारी से ग्रसित बच्चों का व्यवहार आदि।
4 साल से इलाज सुविधा- जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. निलय मोझरकर ने बताया ऑटिज्म एक दिव्यांगता है जिसमें दिमाग सूचनाएं एवं शब्द सही से प्रोसेस नहीं हो पाते हैं। बच्चे को समझने, हाव-भाव दिखाने और बोलने में तकलीफ होती है। ऐेसे बच्चों के लिए जिला अस्पताल, रायपुर में डीईआरसी विभाग विगत 4 वर्षों से सभी प्रकार की दिव्यांगता के लिए परामर्श और उपचार उपलब्ध करा रही है।
बच्चों में दिखे ये लक्षण तो हो जाएं सतर्क- विशेषज्ञों ने बताया बच्चे में यदि आवाज लगाने पर भी बच्चा अनसुनी कर दे, बच्चा अकेले और गुमसुम रहने लगे, सामान्य बच्चों की बजाए विकास धीमा होना, आंखों में आंखे डालकर बात करने से बच्चा घबराए, बच्चा अपनेआप में खोया रहे, बच्चे किसी भी विषय पर अपनी प्रतिक्रियाएं देने में भी काफी समय लेते हैं, आदि लक्षण दिखे तो अभिभावकों को सतर्क हो जाना चाहिए। ऐसे में फौरन चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। ये मानसिक बीमारी ऑटिज्म संभावित है। इसलिए इसका इलाज जितनी जल्दी शुरू कर दी जाए उतने अच्छे परिणाम मिलते हैं।
क्या है ऑटिज्म - ऑटिज्म एक प्रकार की मानसिक या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो बोलने, लिखने, दूसरों के साथ व्यवहार करने की क्षमता को बाधित कर देता है। इसे ऑटिस्टिक स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर कहते हैं। इस बीमारी के लक्षण बचपन से ही बच्चे में नजर आने लगते हैं। इस बीमारी में बच्चे का मानसिक विकास ठीक तरह से नहीं हो पाता है। इस बीमारी से जूझ रहे बच्चे दूसरे लोगों के साथ घुलने-मिलने से कतराते हैं।
2 अप्रैल को मनाया जाता है ऑटिज्म जागरूकता दिवस- 2 अप्रैल 'वर्ल्ड ऑटिज्म अवेयरनेस डे' (विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस) के रूप में मनाया जाता है.। इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता लागने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 2 अप्रैल को ऑटिज्म अवेयरनेस डे मनाया जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है साल 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल 2 अप्रैल को वर्ल्ड ऑटिज्म अवेयरनेस डे मनाने का ऐलान किया था।
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प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के आपातकाल अमले ने रेलवे स्टेशन में ठहरे 47 पद यात्रियों में वायरस संक्रमण जांच की। मीलों पटरी पर चल कर पहुंचने के बाद भी सभी स्वस्थ मिला
महासमुंद 31 मार्च 2020/ कोरोना वायरस संक्रमण फैलाव का बड़ा जरिया है वाहन। यातायात व्यवस्था पर सरकार द्वारा लगाई गई रोक का तोड़ निकालने वाले कुछ लोगों को पैदल चल कर ही गंतव्य की ओर कूच करते देखा जा रहा है। यात्री ही कहीं संक्रमण का वाहक न बन जाएं इसके लिए जिले में कोरोना कंट्रोल का अमला लगातार पैनी निगाह बनाए हुए है। इसी कड़ी में रेलवे पटरी से लग कर घर वापसी की ओर निकले 47 पद यात्रियों में अधिकांश ने 06 से 08 तो कुछेक ने 10 घंटे का सफर भी तय कर लिया और मंगलवार 31 मार्च 2020 को रेलवे स्टेशन के प्लेफॉर्म में डेरा डाला। जहां, पहले से मुस्तैद पुलिस विभाग के अफसरों ने आवश्यक जानकारी देकर उन्हें एक-एक मीटर की दूरी पर बैठाया। सूचना मिलते ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसपी वारे के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने कोरोना वायरस संक्रमण दल केअनुभवी चिकित्सकीय दल को मौके की ओर रवाना किया। जहां, कोरोना कंट्रोल दल के अफसर डॉ छत्रपाल चंद्राकर और आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेंद्र साहू की अगुआई में सभी प्रकरणों को संदेहास्पद संज्ञान में रखते हुए बारी-बारी जांच की गई। जिसमें सर्दी, खांसी और बुखार जैसे कोरोना वायरस संक्रमण संबंधित लक्षण आंकलन के साथ-साथ शरीरिक तापमान मापन में नॉन-कनेक्टेड इन्फ्रारेड थर्मामीटर का भी उपयोग किया गया। इस दौरान डॉ साहू ने बताया कि यात्रियों से परिवहन दौरे में जैसे कहां से आए हैं और कहां जा रहे हैं इत्यादि की सूचनाएं एकत्र कर लक्षण पहचान एवं सरकारी उपचार के संबंध में भी आवश्यक जानकारी दी जा रही है। परीक्षण उपरांत डॉ चंद्राकर ने स्पष्ट किया कि कुछ पद यात्री राजधानी रायपुर की ओर से आए हैं और अधिकांश उड़ीसा राज्य की ओर रवानगी पर हैं। लेकिन, इनमें कोविड 19 से पीड़ित होने जैसे लक्षण नहीं मिले हैं। तत्पश्चात जीएनएम ट्यूटर श्रीमति लोकेश्वरी साहू और सुश्री कुंती लाउत्रे द्वारा परीक्षण आंकड़े एकत्र कर प्रकरणों के ऋणात्मक होने की जानकारी कोरोना कंट्रोल रूम की ओर प्रेषित की गई। दूसरी राहत भरी खबर कांग्रेस भवन से रही। जहां, आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ परमेश्वरी धीवर एवं उनकी सहयोगी एएनएम श्रीमति लता साहू ने 20 संदिग्ध मरीजों का स्वास्थ्य जांचा। यहां भी सुखद संदेश रहा कि कोरोना वायरस संक्रमण या कोविड 19 पीड़ित संबंधी धनात्मक प्रकरण होने के समाचार नहीं मिले।
कोरोना वायरस संक्रमण दल के नोडल अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कसार से मिली जानकारी के मुताबिक इस दिनों प्रदेश में संक्रमण का दूसरा चरण चल रहा है। जिसमें बाहर से आए लोगों में विदेशी या अन्य प्रांतों के कोविड 19 संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने के कारण बीमारी के फैलाव का खतरा निरंतर बना हुआ है। तत्संबंध में स्पष्टीकरण देते हुए कोरोना कंट्रोल रूम के जिला नोडल अधिकारी डॉ आई नागेश्वर राव के हवाले से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मीडिया प्रभारी असीम श्रीवास्तव ने बताया कि विभाग द्वारा अपील की गई है कि यदि आप हाल ही में विदेश अथवा अन्य राज्यों की यात्रा कर वापस यहां पहुंचे हैं या आपको वायरस से संक्रमण की आशंका है तो आप जहां भी हैं, जिस भी स्थिति में हैं, कंट्रोल रूम के दूरभाष नंबर 6267770531 पर तत्काल संपर्क करें। अगर, आप मार्ग में कहीं फंस गए हैं तब भी घबराएं नहीं, कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे आपकी सेवा में तत्पर है। यहां, फोन करने पर आपको आपकी मौजूदा स्थिति के अनुरूप निकटस्थ सहायता प्राप्त करने में सहयोग आसानी से उपलब्ध हो जाएगा। डीपीएम श्री ताम्रकार के मुताबिक जिले में आपातकाल में सेवाएं प्रदान कर रहे कई ऐसे विभागीय दस्ते सक्रिय हैं जो दिन-रात इसी प्रयास में जुटे हुए हैं कि सभी संदिग्ध प्रकरणों में स्वास्थ्य परीक्षण की प्रकिया पूर्ण हो और कोई भी जांच से वंचित न रह जाए। मंगलवार को रेलवे स्टेशन में हुआ परीक्षण इसी लक्ष्य पर आधारित रहा, संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी व स्वास्थ्य जांच आगामी आदेश पर्यंत निरंतर जारी रहेगी। -
परिवहन मंत्री श्री अकबर के प्रस्ताव पर कैबिनेट द्वारा दी गई थी मंजूरी
परिवहनविभाग द्वारा देश भर में लागू लॉकडाउन और भविष्य की व्यावसायिक स्थिति को देखेते हुए 31 मार्च 2013 तक बकाया टैक्स पेनाल्टी और ब्याज को पूरी तरह से माफ करने का निर्णय लिया गया है। इस महत्वपूर्ण निर्णय के तहत बस और ट्रक आपॅरेटरों को लगभग 221 करोड़ रूपए का फायदा होगा। इसके लिए राज्य शासन द्वारा संचालित एक मुश्त निपटान योजना के तहत बस-ट्रक ऑपरेटरों को वर्ष 2013 से 2018 तक शासन को देय राशि में से 110 करोड़ रूपए की पेनाल्टी को माफ किया जा रहा है। इस तरह परिवहन विभाग द्वारा वाहन मालिकों को कुल 331 करोड़ रूपए की राशि माफ की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 24 मार्च को आयोजित केबिनेट की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव परिवहन तथा वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर द्वारा रखा गया था, इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा बस-ट्रक ऑपरेटरों के हित को ध्यान में रखकर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए मंत्रिमंडल सहित तत्परता से सहमति प्रदान कर दी गई। कैबिनेट की बैठक में मंत्रिमंडल द्वारा इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव और इसमें लिए गए निर्णय को राज्य के परिवहन व्यवसाय के क्षेत्र में राहत पहुंचाने वाला एक सराहनीय कदम बताया गया। छत्तीसगढ़ सरकार के इस राहत भरे महत्वपूर्ण फैसले से राज्य में संकट की घड़ी में बस और ट्रक ऑपरेटरों को काफी लाभ मिलेगा।
परिवहन मंत्री श्री अकबर ने बताया कि 1 अप्रैल 2013 से 31 दिसंबर 2018 के दौरान बस और ट्रक ऑपरेटरों को बकाया टैक्स तथा उस पर लगने वाले ब्याज की राशि का भी भुगतान एक अप्रैल से 30 सितम्बर 2020 तक करके वन-टाईम सेटलमेंट योजना का लाभ लिया जा सकता है। इसमें वाहन मालिक द्वारा टैक्स और ब्याज के भुगतान करने पर ही पेनाल्टी पर छूट प्राप्त की जा सकती है। यदि बकायादार वाहन मालिक के द्वारा योजना अवधि तक शासन को देय राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो योजना समाप्ति पश्चात टैक्स, पेनाल्टी तथा ब्याज सहित सम्पूर्ण बकाया राशि की वसूली की कार्यवाही परिवहन विभाग द्वारा की जाएगी। इसके मद्देनजर परिवहन मंत्री श्री अकबर ने समस्त बकायादार वाहन मालिकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में वन-टाईम सेटलमेंट योजना का भरपूर लाभ उठाएं।
परिवहन मंत्री श्री अकबर ने यह भी बताया कि परिवहन विभाग द्वारा 31 मार्च 2013 तक बकाया टैक्स, पेनाल्टी और ब्याज माफ करने की पहल की जा रही है। ट्रक ऑपरेटरों को त्रैमासिक और बस ऑपरेटरों को मासिक टैक्स अदा करना होता है। टैक्स पर लगने वाली पेनाल्टी एक साल की अवधि में टैक्स की राशि के बराबर ही हो जाती है। इसके साथ ही उस पर छह माह बाद 20 प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होता है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के देशभर में लागू लॉकडाउन और भविष्य की व्यावसायिक स्थितियों को देखते हुए परिवहन विभाग द्वारा 31 मार्च 2013 तक बकाया टैक्स पेनाल्टी और ब्याज को पूरी तरह से माफ करने का फैसला लिया गया है। परिवहन मंत्री श्री अकबर की पहल पर लिए गए यह निर्णय परिवहनकर्ताओं और वाहन मालिकों के लिए काफी राहत पहुंचाने वाला होगा। यह निर्णय निश्चित तौर पर वर्तमान में कोरोना के वजह से अर्थव्यवस्था में पड़ने वाले दुःष्प्रभाव से निजात दिलाने में महत्वपूर्ण साबित होगा। -
रायपुर, 31 मार्च 2020/मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लॉक डाउन के दौरान जनता की नब्ज जानने के लिए फोन पर सीधे समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से बातचीत की और उन्हें आ रही दिक्कतों के सम्बंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अपने निवास से फोन के जरिये इनसे बातचीत की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों की हर संभव मदद के लिए पूरे प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में रहने वाले किसान, मजदूर, नर्स, ग्रामीण, सफाईकर्मी, सब्जी दुकानदार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और महिला सरपंच से बातचीत की।
जूजगु ग्राम पंचायत में लोगों के घर पहंुचाकर दिया जा रहा है राशन
मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले की ग्राम पंचायत जूजगु की महिला सरपंच श्रीमती कुंती बनवासी से फोन पर पूछा कि उनकी ग्राम पंचायत में उचित मूल्य की दुकान से राशन मिलना शुरू हुआ है या नहीं। श्रीमती कुंती ने बताया कि दो माह के राशन का वितरण प्रारंभ कर दिया गया है। लोगांे को घर पहंुचाकर चावल दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने उनके इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि राशन पहंुचाते समय यह भी ध्यान रखें कि ज्यादा भीड़-भाड़ ना हो। मुख्यमंत्री ने स्कूलों के बच्चों को मध्यान्ह भोजन की सामग्री और आंगनबाड़ी के बच्चों को पोषण आहार वितरण के संबंध में भी पूछा। मुख्यमंत्री ने सरपंच से यह ध्यान रखने के लिए कहा कि गांव में कोई भूखा न सोए। श्रीमती कुंती ने बताया कि गांव में तीन ऐसे लोग हैं जिनके राशनकार्ड नही बने हैं। मुख्यमंत्री ने ऐसे लोगों को ग्राम पंचायत में रखे गए दो क्विंटल चावल में से चावल देने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर चावल खत्म हो जाए तोे अतिरिक्त चावल अधिकारियों से बोलकर प्राप्त कर लें। श्री बघेल ने गांवों में साफ-सफाई का ध्यान रखने और यदि गांव में किसी के कोरोना संक्रमण होने की जानकारी मिलती है तो इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाने के निर्देश दिए। श्री बघेल ने गांवों में खेती किसानी के काम और दुग्ध उत्पादन की स्थिति के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह जनता के साथ है और हर संभव मदद करेगी। श्रीमती कुंती ने मुख्यमंत्री को उनकी ग्राम पंचायत जूजगु आने का न्यौता दिया।
*पंचर बनाने वाले भिलाई निवासी अशोक को आया मुख्यमंत्री का फोन*
*मुख्यमंत्री ने कहा, संकट की इस घड़ी में सरकार खड़ी है आपके साथ, किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने देंगे*
*अशोक ने कहा मुख्यमंत्री के फोन से मिला संबल*
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का फोन आज भिलाई 3 के एकता नगर, वार्ड 8 के निवासी साईकल एवं पंचर सुधारने वाले श्रमिक श्री अशोक कटाने के पास भी आया। मुख्यमंत्री ने अशोक से कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रदेशवासियों का कुशल-क्षेम जानने वे फोन से संपर्क कर रहे हैं और हर तबके से संपर्क कर रहे हैं ताकि उनका संबल बढ़ा सकें। इस परिस्थिति में शासन द्वारा लोगों को संकट से उबारने अनेक कदम उठाये गए हैं। इनका लाभ उन्हें किस तरह से मिल रहा है। यह जानने फोन किया है।
श्री अशोक ने मुख्यमंत्री को बताया कि जैसे ही लॉक डाउन हुआ, निगम के अधिकारी उनसे मिले और कहा कि आप घर में रहें, यदि खाने-पीने का संकट हो तो बताएं। निगम द्वारा स्वयं के स्तर पर भी और स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा भी इसकी व्यवस्था की जा रही है। अशोक ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य सरकार द्वारा 2 महीने का चावल उचित मूल्य दुकान में उपलब्ध कराया गया है। इसे कल जाकर लेना है। अशोक ने बताया कि प्रशासन द्वारा एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा भी जरूरतमंदों की मदद की जा रही है। उन्हें राशन तथा लंच पैकेट दिलवाए जा रहे हैं। सभी आश्वस्त हैं कि इतनी अच्छी व्यवस्था से लॉक डाउन का समय काटने में दिक्कत नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आपकी पूरी मदद करेगी। आप सभी को आश्वस्त करूँ इसलिए फोन लगाया है। अशोक ने कहा कि उन्हें बहुत अच्छा लगा, जब प्रदेश के मुखिया का फोन आया। इससे उन्हें बहुत संबल मिला है।
*बच्चों को पौष्टिक आहार वितरण की जानकारी ली**घर जाकर पोषण आहार वितरण के साथ लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक कर रही हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता*
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आंगनबाड़ियों के बच्चों का हाल चाल जानने के लिए दंतेवाड़ा जिले के चूड़ी टिकरा की कार्यकता श्रीमती शीला देवी को फोन लगाया। मुख्यमंत्री का फोन आने पर श्रीमती शीला ने प्रसन्नता जाहिर की। मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि अभी आंगनबाड़ी बंद है, तो बच्चों को भोजन कैसे मिल रहा है। श्रीमती शीला ने बताया कि वे घर-घर जाकर बच्चों को पौष्टिक आहार वितरित कर रहे हैं। बच्चों के पोषण की स्थिति ठीक है।
श्री बघेल ने उनसे यह भी पूछा कि अभी आप लोग क्या काम कर रहे हैं। श्रीमती शीला ने बताया कि वे लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए साबुन से बार-बार हाथ धोने, लोगों को तीन फीट की दूरी बनाए रखने की समझाईश दे रही हैं। मुख्यमंत्री ने उनकी सराहना की और कहा कि लोगों को कोरोना से बचाव की जानकारी तो दें और यह भी बताए कि बचाव में ही सुरक्षा है। श्री बघेल ने श्रीमती शीला को अपने काम के दौरान अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा का ध्यान रखने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने उनसे यह भी पूछा कि गांव में लोग क्या काम रहे हैं। श्रीमती शीला ने बताया कि लोग घरों मंे ही रहते हैं। वे लोगों को यह भी बता रहे हैं कि बहुत ज्यादा जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकले और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।
*मुख्यमंत्री ने श्रमिक युसुफ खान से मोबाईल पर बात की*
*बिलासपुर में ठहराएं गए विभिन्न राज्यों के श्रमिकों के रहने-खाने के इंतजाम की ली जानकारी*
*श्रमिक श्री खान ने व्यवस्था के लिये मुख्यमंत्री का जताया आभार*
मुख्यमंत्री ने बिलासपुर के त्रिवेणी भवन में ठहरे श्रमिक श्री युसुफ खान से मोबाईल पर बात की। मुख्यमंत्री ने श्री युसुफ खान से रहने, खाने, पीने और अन्य सुविधाओं की जानकारी ली। श्री युसुफ खान ने बताया कि उन्हें खाने, पीने, रहने की कोई समस्या नहीं है, यहां जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा सभी व्यवस्था की गई है। सवेरे, शाम चाय-नाश्ते के साथ ही दोपहर एवं शाम का भोजन दिया जा रहा है। आवश्यकता अनुसार चिकित्सा सुविधा भी मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपने गांव जाने की इच्छा जताई। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन बहाल होने के बाद तत्काल उन्हें भेजने की व्यवस्था की जाएगी। युसुफ खान ने छत्तीसगढ़ में उनके लिए की गयी व्यवस्था के लिये मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया है।
श्री युसुफ खान नादिया पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। वे भवन निर्माण में सेट्रींग का कार्य करते है। वे काम करने के लिये केरल गये थे। कोरोना वायरस के कारण केरल से पश्चिम बंगाल जाने के लिये निकले मजदूर बिलासपुर स्टेशन में आकर लॉक डाउन के कारण फंस गये और आगे जाने के लिये कोई ट्रेन नहीं थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिलासपुर जिला प्रशासन द्वारा केरल से आने वाले मजदूरों को व्यापार विहार स्थित त्रिवेणी भवन में रूकवाया गया है। यहां पश्चिम बंगाल के 50, असम के 7, बिहार के 3, झारखण्ड के 1, उत्तरप्रदेश के 1 एवं मध्यप्रदेश के 2 मजदूर रूके हुये हैं।
*मुख्यमंत्री ने फोन पर कोरबा के सब्जी विक्रेता से की बात*
*संकट के समय लोगों को सही दाम पर मिले सब्जियां*
*सब्जियांे की आवक शुरू होने से डाउन हुए सब्जियों के रेट*
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लॉक डाउन के दौरान सब्जी विक्रेता से फोन पर बात कर बाजार में सब्जियों के दाम और किसानों को मिल रही कीमत के बारे में जानकारी ली। श्री बघेल ने आज अपने निवास से कोरबा के सब्जी विक्रेता श्री गोरेलाल चंद्रा को फोन मिलाया और बाजार में सब्जियों के दाम से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि किसानों को सब्जियों का बराबर दाम मिल रहा है या नही। बाजार में सब्जियों के दाम बढ़े तो नही है। श्री गोरेलाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि किसानों को सही दाम मिल रहा है। लॉकडाउन की शुरूआत में सब्जियों के दाम बढ़े थे, लेकिन देहात से अब सब्जियों की आवक शुरू होने से दाम डाउन हुए हैं। दो-चार रूपए ज्यादा लेकर लोगों को सब्जियां बेच रहे हैं। श्री बघेल ने उनसे कहा कि यह संकट का समय है। लोगों को सही दाम पर सब्जियां मिलनी चाहिए। उन्होंने दुकान पर ज्यादा भीड़-भाड़ ना होने और लोगों के बीच एक मीटर की दूरी बनाकर सब्जियां बेचने की समझाईश दी।
मुख्यमंत्री ने किसान से पूछा कोई दिक्कत तो नहीं है
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लॉक डाउन के दौरान किसानों के सामने आ रही दिक्कतों की जानकारी लेने के लिए फोन पर जांजगीर-चांपा के खोखरा गांव के किसान श्री निखिल थवाईत से बात की। उन्होंने खेती किसानी के साथ गंाव का हाल जाना। मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि कोई दिक्कत तो नहीें है। श्री थवाईत ने बताया कि ग्राम पंचायत से राशन मिल रहा है। जरूरतमंद लोगों को सहायता भी मिल रही है। जिला प्रशासन से भी हर तरह की मदद मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने उनसे यह भी पूछा कि आपने अपने खेत में क्या लगाया है। श्री थवाईत ने मुख्यमंत्री को बताया कि लॉकडाउन के बाद काम बंद कर दिए हैं। खेत में थोड़ी हरी सब्जियां लगाई हैं। मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि सब्जी बेचने में कोई परेशानी तो नही हो रही है। उन्होंने बताया कि नही। थोड़े बहुत मजदूर भी मिल जाते हैं। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि सामाजिक दूरी बनाकर खेतों में काम करें। उन्होंने कहा कि इस समय थोड़ा संयम बनाकर रखें। सरकार आपके साथ है, पूरी मदद करेगी।
*मुख्यमंत्री ने दूरभाष पर ए.एन.एम. से कोरोना जन-जागरूकता की ली जानकारी*
मुख्यमंत्री ने दूरभाष से रायपुर जिले के गोगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ ए.एन.एम. श्रीमती पूनम वर्मा से कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अस्पताल में व्यवस्था और वहां बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी ली।
श्री भूपेश बघेल ने अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या,लोगो में कोरोना के प्रति जागरूकता और बचाव के लिए की गयी सुरक्षा व्यवस्था आदि के बारे में पूछा। इसके जवाब में श्रीमती वर्मा ने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 30-40 मरीज सामान्य सर्दी-बुखार के आ रहे हैं। मरीजो के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले सभी लोग आवश्यक सुरक्षा बरत रहे हैं। मास्क लगाने के साथ-साथ मरीज सामाजिक दूरी का भी पालन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने श्रीमती वर्मा से कहा कि आप बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं। जब आप खुद सुरक्षित रहेंगी, तभी दूसरों को सुरक्षित रख पाएंगी। मुख्यमंत्री ने उन्हें खुद के साथ अपने परिवार की सुरक्षा के लिए आवश्यक नियमों का पालन करने के लिए भी कहा। श्रीमती वर्मा ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वह खुद के साथ अपने परिवार की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रख रही हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अस्पताल में व्यवस्था, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम और लोगों को जागरूक करने के लिए श्रीमती वर्मा को बधाई दी और इसी तरह आगे भी कार्य करने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से दूरभाष पर चर्चा के बाद श्रीमती वर्मा ने बताया कि प्रदेश के मुखिया से चर्चा कर और उनकी लोगो के स्वास्थ्य के प्रति भावना को जानकर वह अब और अधिक काम करने के लिए प्रोत्साहित हुई हैं। उन्होंने कहा कि देश, समाज और मानव सेवा के इस अवसर पर हम पूरी निष्ठा तथा ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे तथा कोरोना के संबंध में लोगों को जागरूक कर उन्हें इससे बचाएंगे। - बेमेतरा 29 मार्च 2020:- सम्पूर्ण राज्य मे कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की स्थिति है, तथा कोरोना संक्रमण के वैश्विक संकट के कारण आकाशवाणी, रायपुर भी पूर्णतः लॉकडाउन में है। अतः अप्रैल 2020 के दूसरे रविवार को ‘लोकवाणी‘ (मुख्य मंत्री श्री भूपेश बघेल की बात-आपके साथ) का प्रसारण नहीं हो सकेगा। परिस्थितियों के अनुरूप मुख्यमंत्री अपने निवास से ही जनता के नाम संदेशों की रिकार्डिंग करवा रहे हैं, जिसका विभिन्न उपलब्ध माध्यमों से प्रदेशव्यापी प्रसारण कराया जा रहा है।समा.क्र.113बेमेतरा 29 मार्च 2020:- सम्पूर्ण राज्य मे कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की स्थिति है, तथा कोरोना संक्रमण के वैश्विक संकट के कारण आकाशवाणी, रायपुर भी पूर्णतः लॉकडाउन में है। अतः अप्रैल 2020 के दूसरे रविवार को ‘लोकवाणी‘ (मुख्य मंत्री श्री भूपेश बघेल की बात-आपके साथ) का प्रसारण नहीं हो सकेगा। परिस्थितियों के अनुरूप मुख्यमंत्री अपने निवास से ही जनता के नाम संदेशों की रिकार्डिंग करवा रहे हैं, जिसका विभिन्न उपलब्ध माध्यमों से प्रदेशव्यापी प्रसारण कराया जा रहा है।समा.क्र.113
- बेमेतरा के मंडी प्रांगण मे प्रातः 8 से शाम 5 बजे तक लगेगा बाजार,बाजार मे सोसल डिस्टेंस बनाते हुए करें खरीददारी: कलेक्टरबेमेतरा 29 मार्च 2020:- विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना वायरस (कोविड-19) को महामारी घोषित किया गया है। तथा राज्य शासन द्वारा भी कोरोना वायरस के फैलाव को एवं जन सामान्य में जागरूकता लाने हेतु कई कार्यवाही की जा रही है। जिसके चलते संपूर्ण बेमेतरा जिले में भी धारा 144 दंड प्रक्रिया संहिता प्रभावशिल है।कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री शिव अनंत तायल एक संशोधित आदेश जारी करते हुए कहा की जिले मे लॉकडाउन की स्थिति होने के कारण जिले में लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अतः जिले के लोगों को समय पर राशन सामग्री एवं सब्जी बाजार की सुविधा हेतु बाजार के प्रारंभ होने के समय में आंशिक संशोधन करते हुए, जन सुविधा हेतु सब्जी बाजार खुलने एवं बंद होने का समय प्रातः 8ः00 से सायं 5ः00 बजे तक मंडी प्रांगण बेमेतरा में निश्चित किया गया है। तथा लोगो से अपील की है की बाजार मे सामग्री के दौरान सोसल डिस्टेंस ( सामाजिक अलगाव ) के नियम को ध्यान मे रखा जाये द्य और एक दूसरे से दुरी बनाते हुए नियमों का पालन किया जाये ।
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*श्रमिकों को 15 लाख रूपए दिलाया गया एडवांस वेतन*
*दो हजार 957 श्रमिकों तक पहुंचाया गया राशन*
*प्रदेश में विभिन्न कारखाना प्रबंधकों और ठेकेदारों के माध्यम से श्रमिकों के राशन और अन्य व्यवस्था के लिए 57 लाख रूपए की हुई व्यवस्था*
*श्रम विभाग के अधिकारियों ने प्रदेश के कारखानों का किया निरीक्षण*
*श्रमिकों के लिए भोजन-पानी, ठहरने, मास्क, सेनेटाईजर सहित वेतन भुगतान का लिया जायजा*रायपुर, 29 मार्च 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल और निर्देशन पर राज्य सरकार के श्रम विभाग द्वारा कोरोना वायरस से उत्पन्न परिस्थितियों में संकटग्रस्त और जरूरतमंद श्रमिकों की सहायता के लिए अनेक उपाए किए गए हैं। इसके लिए राज्य स्तर पर 24 घंटे संचालित हेल्पलाईन नम्बर 0771-2443809 और 91098-49992 में प्राप्त 413 सूचनाओं पर तत्काल कार्यवाही करते हुए जरूरतमंद श्रमिकों को अब तक 68 लाख रूपए की सहायता उपलब्ध कराई गई। इसके साथ ही विभिन्न जिलों के श्रमिकों को उनके प्रबंधकों के माध्यम से उनके खातों में 15 लाख रूपए एडवांस वेतन भी दिलाया गया है। श्रम विभाग द्वारा 2 हजार 957 जरूरतमंद श्रमिकों तक 214 किलो चावल और 10 किलो दाल भी पहुंचाया गया है। इस पहल से राज्य में स्थित विभिन्न कारखाना प्रबंधकों और ठेकेदारों के माध्यम से श्रमिकों के लिए राशन और अन्य जरूरी व्यवस्थाओं के लिए करीब 57 लाख रूपए की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।श्रम विभाग के हेल्पलाईन के माध्यम से प्राप्त सूचनाओं पर श्रमिकों की समस्याओं को पंजीबद्ध कर तत्काल यथासंभव समाधान किया जा रहा है। रायगढ़ में श्रमिकों को 15 दिन के वेतन के बराबर एडवांस में 14 लाख 39 हजार 550 रूपए और कोरबा जिले में श्रमिकों को 60 हजार रूपए एडवांस सेलरी नियोजक द्वारा दिलवाया गया है।श्रम विभाग के निरीक्षण टीम द्वारा विभिन्न कारखानों का निरीक्षण कर श्रमिकों को स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रखे जाने के लिए परामर्श एवं निर्देश दिए जा रहे हैं। श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित कारखानों एवं निर्माणाधीन भवनों में कार्यरत श्रमिकों की स्थिति के संबंध में नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। विभिन्न जिलों में निरीक्षण के पश्चात श्रमिकों के भोजन आदि के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा रायपुर जिलें के रांवाभाठा, सिलतरा, उरला, बोरझरा, जरवाय स्थित कारखानों का निरीक्षण किया गया। अधिकारियों द्वारा कारखाना प्रबंधन को श्रमिकों के पर्याप्त राशान-पानी उपलब्ध कराने, मास्क का उपयोग करने लोगों के बीच पर्याप्त दूरी बनाये रखने तथा इस संबंध में जारी निर्देशों का पालन करने को कहा गया। वहीं बलौदाबाजार जिले के रवान-हिरमी में कारखाना प्रबंधन को सभी ठेका एवं नियमित श्रमिकों को माह मार्च का वेतन भुगतान करने के निर्देश दिए गए, जहां कारखाना प्रबंधन द्वारा जल्द वेतन भुगतान करने का आश्वासन अधिकारियों को दिया गया। गरियाबंद जिले में लाईवलीवुड कॉलेज में कार्यरत श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर ही भोजन आदि की व्यवस्था की जा रही है। जिला धमतरी में कारखाना बंद है। महासमुन्द जिले के बेलसोंडा, बिरकोनी के कारखाना प्रबंधन को कारखाना परिसर के अंतर्गत निवासरत राज्य के बाहर के श्रमिकों के रहने एवं खाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया। श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा और जांजगीर-चांपा जिले के चाम्पा, महुदा, अमझर सहित रायगढ़ जिले के कारखानों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कार्यरत समस्त श्रमिकों एवं कर्मचारियों को मास्क पहनने, सेनेटाईजर का उपयोग करने, साफ-सफाई रखने के लिए जागरूक किया गया। साथ ही कारखाने के अंदर आने-जाने वाले निकटवर्ती गांवों में गरीब लोगों को खाने का पैकेट आदि वितरण की स्थिति का भी जायजा लिया। श्रमिकों के 15 दिन का वेतन पहले ही उनके खातों में जमा किया गया है। कारखाना के अंदर आने-जाने वाले श्रमिकों तथा कर्मचारियों का थर्मल मशीन द्वारा परीक्षण करने के भी निर्देश दिए गए। बस्तर (जगदलपुर) जिले के नगरनार में श्रमिकों के लिए पर्याप्त राशन आदि उपलब्ध कराने आदि निर्देशित किए गए हैं। दंतेवाड़ा जिले में कारखाना बंद है।इसी प्रकार अधिकारियों द्वारा सरगुजा जिले के तुर्रापानी, लखनपुर और चिकलीहीडीह तथा उदयपुर, दुर्ग जिले के रसमड़ा, जामुल, बेमेतरा जिले के कुसमी, करेली, पिरदा और कवर्धा जिले के पण्डरिया, कवर्धा के कारखानों का भी नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान श्रमिकों के लिए पेट्रोल एवं भोजन की व्यवस्था के साथ-साथ मास्क और सेनेटाईजर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों ने जारी नियमानुसार सामाजिक दूरी बनाए रखने के भी निर्देश दिए हैं। -
मुख्यमंत्री की जनता से हाथ जोड़कर घर लौटने की अपील का दिख रहा असर
सोशल डिस्टेनसिंग से प्रदेश में स्थिति नियंत्रण मेंराशन दुकानों से लेकर सब्जी मंडियों तक दिख रही सोशल डिस्टेनसिंगthenewsindiaदिल्ली, 29 मार्च 2020- कोरोना (COVID-19) की महामारी के खिलाफ जंग में छत्तीसगढ़ की बेहतर प्रबंधन नजर आ रही है। प्रदेश प्रशासनिक कुशलता से इस महामारी से निपट रहा है। आदिवासी बहुल राज्य होने के बाद भी समय पूर्व प्रबंधन से छत्तीसगढ़ राज्य विकसित राज्यों के लिए एक उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है। प्रदेश के शहरी सहित दूरस्थ और वनांचल क्षेत्रों में कोरोना के खिलाफ दिखाई दे रही जन जागरूकता काबिले तारीफ है। इस कामयाबी की वजह प्रदेश में लिए गए त्वरित निर्णय और प्रशासनिक दक्षता है।प्रदेश में समय रहते ही अपनी सीमाओं को सील करने सहित कई जरूरी फैसले लिए गए यही वजह है कि राज्य में कोरोना नियंत्रण की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है। केंद्र से बेहतर समन्वय के साथ ही महामारी के नियंत्रण के लिए हर मोर्चे पर कुशलता से कार्य किया जा रहा है।छत्तीसगढ़ में कोरोना के संक्रमण का पहला पॉजिटिव मामला सामने आते ही राज्य में लॉक डाउन के निर्देश जारी कर दिए।इसके साथ ही सोशल डिस्टेनसिंग के बारे में लोगों को जागरूक किया गया। कोरोना के खिलाफ जंग में लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जनता से हाथ जोड़कर घर लौटने की अपील की। मुख्यमंत्री के बैनर पोस्टर जिसमें लिखा है 'घर लौटिए', सभी चौक चौराहों पर लगाये गए। मुख्यमंत्री की जनता से यह भावनात्मक अपील काफी कारगर साबित हुई है।शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक जन जागरूकता के लिए कई पहल किये गए हैं।छोटे छोटे स्लोगन्स के विडियो बनाये गए, जिन्हें वाट्सअप ग्रुप के माध्यम से शेयर किया गया। ये विडियो स्थानीय बोलियों में बनाये गए ताकि आमलोग ज्यादा कनेक्ट हो सकें।जन जागरूकता के लिए किए गए उपायों का असर ये हुआ कि बस्तर तक के जनजाति स्थानीय स्तर पर संक्रमण से बचाव के उपाय ढूंढे। बस्तर, नारायणपुर, बीजापुर जिलों के आदिवासियों ने कोरोना का संक्रमण रोकने पेड़ों के पत्तों के मास्क बना कर लगाए। वहीं, प्रदेश के कई गांवों के ग्रामीणों ने गांव के बाहर बैरियर लगाकर खुद को सीमित करने के साथ ही बाहरी लोगों के प्रवेश को वर्जित कर दिया।शहर से लेकर गांव तक कुशल प्रबंधन से जन जागरूकता दिखाई दे रही है। शहर में होर्डिंग, पोस्टर, विडियो के जरिये वहीं गांवों में मुनादी तथा घर घर जाकर लोगों को कोरोना के लक्षण, बचाव की जानकारी दी जा रही है। सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों की अपील पर प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई की जा रही है।प्रदेश में सोशल डिस्टेनसिंग को लेकर की जा रही पहल भी नजर आ रही है। राशन दुकानों के बाहर गोल घेरा बनाकर लोग सामग्री खरीद रहे हैं। वहीं सब्जी मंडियों में भी उचित दूरी का ध्यान रखा जा है। सब्जी और राशन की घर पहुंच सुविधा के लिए प्रदेश सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किये हैं। इस नंबर के माध्यम से जरूरतमंदों तक सुविधाएं पहुँचाई जा रही हैं।वहीं इस विपदा की घड़ी में मुख्यमंत्री, मंत्री से लेकर सभी अधिकारी कर्मचारी मुस्तैदी से अपने कर्त्तव्य के निर्वहन में जुटे हैं। दिन में दो बार कैबिनेट की बैठकों के साथ ही विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जानकारी जुटा कर स्थिति पर नियंत्रण रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जिलों में हालात की समीक्षा कर रहे हैं। सभी जिलों के स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट पर रखा गया है। प्रदेश का जनसंपर्क विभाग सरकार के जारी हो रहे निर्देशों के साथ ही दी जारी सुविधाओं की जानकारी देने व इसके प्रचार प्रसार में दिन रात जुटा हुआ है।प्रदेश में प्रशासन की सजगता और सतर्कता से महामारी के खिलाफ जंग कारगर साबित होती दिख रही है। वर्तमान में राज्य में समुदाय स्तर पर कोरोना के संचरण का प्रमाण नहीं मिला है। वहीं राज्य में कोरोना संक्रमण की पहली मरीज के स्वास्थ्य में भी सुधार हो रहा है। इस महामारी के रोकथाम के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा यूनीसेफ की टीम भी आवश्यक सहयोग कर रही है। कोरोना की रोकथाम के लिए राज्य सर्विलेंस इकाई की टीम कांटेक्ट ट्रेसिंग, सेम्पल टेस्टिंग एवं रिपोर्टिंग के लिए लगाई गई है। प्रदेश में महामारी के नियंत्रण के लिए बेहतर रणनीति का असर शहर से लेकर ग्रामीणों अंचलों तक नजर आ रहा है।हजारों परिवारों को भोजनछत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री सभी राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ - साथ केंद्र से भी लगातार सम्पर्क बनाए हुए हे। सोशल मीडिया में झारखंड मुख्यमंत्री की अपील पर , उन्होंने तत्काल छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में झारखंड के सेकड़ो मज़दूरों को ना केवल झारखंड पहुँचाया , उनके भोजन की समुचित व्यवस्था भी की । छत्तीसगढ़ सरकार इस संकट की घड़ी में कोई भूखा ना सोये इसके लिए लॉक डाउन के दौरान हजारों जरूरत मंद परिवारों तक निःशुल्क खाद्यान्न सामग्री प्रदान की जा रही है। जिसमें चावल, दाल, तेल मसाला सहित अन्य सामग्री शामिल है। इसके अलावा प्रदेश के बाहर से आये सभी मजदूरों को रहने की व्यवस्था के साथ ही खाद्य सामग्री का वितरण किया जा रहा है। अन्य राज्यों से पलायन कर रहे मजदूरों को दूसरे राज्यों से समन्वय कर उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। सीमावर्ती जिलों के कलेक्टरों को पलायन कर रहे मजदूरों के स्वास्थ्य जांच के निर्देश जारी किए गए हैं।बॉलीवुड ने भी की सराहनाराजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री की फ़ोटो वाला एक बैनर लगा है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।सीएम श्री भूपेश बघेल की फोटो वाले बैनर पर कोरोना वायरस (COVID-19) को लेकर जागरूक किया गया है। साथ ही उसपर लिखा है 'घर लौटिए'। सीएम के इस बैनर का कायल बॉलीवुड भी हो गया है। मशहूर फिल्ममेकर ने इस बैनर की फोटो के साथ एक ट्वीट कर सराहना की है। -
परहित सरिस धर्म नहिं
---------------------------- तारन प्राकश सिन्हा जी के फेसबुक वाल सेइस लॉक डाउन के दौरान रोज कमाने खाने-वालों, प्रवासी मजदूरों और बेघरों के लिए प्रबंधन देशभर में चुनौती बनकर उभरा है। सात पड़ोसी राज्यों से सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से जुड़े छत्तीसगढ़ में भी ओडिशा, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड आदि राज्यों के प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में निवासरत हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश समेत अनेक राज्यों में छत्तीसगढ़ के मजदूर प्रवास करते हैं। इन मजदूरों का प्रबंधन यहां भी एक चुनौती हो सकती थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। देश के दिगर इलाकों जैसी भगदड़ यहां नजर नहीं आई।कोविड-19 के फैलाव के शुरुआती दिनों में ही छत्तीसगढ़ शासन ने इस स्पष्ट समझ के साथ काम करना शुरू कर दिया था कि यदि विदेशों से आ रहे संक्रमित लोगों को आइसोलेट कर उपचार करने के साथ-साथ दिहाड़ी मजदूरों को सुरक्षित नहीं किया गया तो जल्द ही स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाएगी। दो चीजें जरूरी थीं, एक तो इन मजदूरों को इस वायरस के खतरों के बारे में ठीक से समझाया जाए, दूसरी यह कि उन्हें उनकी दैनिक जरूरतों की पूर्ति को लेकर आश्वस्त किया जाए। इन दोनों ही मोर्चों पर सफलता हाथ लगी।लॉक-डाउन के दौरान देश के दिगर शहरों की तरह छत्तीसगढ़ के गांवों-शहरों में पुलिस को बल-प्रयोग की जरूरत नहीं पड़ी। लॉक-डाउन के महत्व को शासन ने इतने सफल तरीके से कम्युनिकेट किया गांव के गांव अपनी-अपनी सुरक्षा के उठ खड़े हुए। उन्होंने अपने नियम कायदे खुद तय किये और अपने तौर-तरीके भी। किसानों के ब्यारों के ‘राचर’ गांवों के मुख्यमार्गों के बैरियर बन गए। यह जागृति सरगुजा से लेकर बस्तर के सुदूर अबुझमाढ़ और सुकमा तक नजर आई।TNIS -
‘मंगल’ मिशन पार्ट-2
----------------------------जब युद्ध की परिस्थितियां हों तब हल के फालों को गलाकर तलवारें ढाल लेनी चाहिए।देश इस समय यही कर रहा है।आटो मोबाइल सेक्टर की नामवर कंपनी महिंद्रा और महिंद्रा अब वैंटिलेटर्स के निर्माण के लिए आगे आ रही है। और खबरों के मुताबिक वह चार-पांच लाख रुपए के वैंटिलेटर्स साढ़े 7 हजार रुपए से भी कम कीमत पर उपलब्ध कराने की तैयारी में है।भारत में कोरोना वायरस को बड़ा खतरा इसलिए भी माना जा रहा था क्योंकि यहां संक्रमितों की संभावित संख्या की तुलना में वेंटिलेटर्स की संख्या बहुत कम है। महिंद्रा की पेशकश ने इस खतरे को न केवल कम कर दिया, बल्कि इस युद्ध को भी आसान कर दिया है।अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए पलंग से लेकर सैनेटाइजर जैसे सामान कम न पड़े, इसके लिए रेलवे ने भी कमर कस रखी है। रेलवे ने अपने कई प्रोडक्शन इकाइयों को मेडिकल संबंधी सामान बनाने का आदेश जारी कर रखा है। खबर यह भी है कि कई वातानुकूलित ट्रेनों को भी अस्पतालों में तब्दील करने के बारे में विचार किया जा रहा है, यह इनोवेटिव आइडिया रेलवे को आमलोगों से ही मिला था।कोरोना से रक्षा के लिए जब सेनेटाइजर्स कम पड़ने लगे तब शराब का उत्पादन करने वाली डिस्टिलरियों ने सेनेटाइजर्स का उत्पादन शुरू कर दिया। मास्क की कमी को दूर करने के लिए गांव-गांव में स्व सहायता समूह की महिलाएं अपनी सिलाई मशीनें लेकर जुट गईं।संक्रमितों की जांच के लिए जब महंगे विदेशी किटों की उपलब्धता रोड़ा बनी तब पुणे के माईलैब डिस्कवरी साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम की देसी संस्था ने सस्ता किट तैयार कर दिखाया। इससे मरीजों की जांच अब एक-डेढ़ हजार रुपए में भी हो सकेगी, जिस पर पहले चार-पांच हजार रुपए तक खर्च हो जाया करते थे। भारत की यह उपलब्धि भी किसी मंगल मिशन से कम नहीं है।इस तरह के उदाहरणों का लंबा सिलसिला है।हम वो लोग हैं जो पुड़ियों के लिए गर्म हो रहे तेल से राकेट साइंस सीख लेने की योग्यता रखते हैं।तारन प्रकाश सिन्हा -
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 6 और नए मामले सामने आने के साथ इसके बाद संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़कर 49 हो गई है। नोएडा में सर्वाधिक कोरोना वायरस पॉजिटिव मामले हैं। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान नोएडा में कोरोना संक्रमण के चार और गाजियाबाद में दो नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 49 हो गई है।
उन्होंने बताया कि इनमें नोएडा में 18, आगरा में 9, लखनऊ में 8, गाजियाबाद में 5, पीलीभीत में 2, बागपत, लखीमपुर खीरी, मुरादाबाद, वाराणसी, कानपुर, जौनपुर और शामली का एक-एक मरीज शामिल है। प्रमुख सचिव ने बताया कि इनमें से 14 लोग पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। इनमें आगरा के सात, नोएडा के चार, गाजियाबाद के दो और लखनऊ का एक व्यक्ति शामिल है।प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन ने बताया कि अस्पतालों में भर्ती 35 संक्रमितों की हालत स्थिर है। आठ परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं, जबकि झांसी में एक नई प्रयोगशाला जल्द ही काम करना शुरू कर देगी। उन्होंने बताया कि 4,235 बेड आइसोलेशन वार्ड में तैयार हैं। एकांतवास के लिए 6000 से अधिक बेड उपलब्ध हैं। (आईएएनएस) -
नई दिल्ली। कोरोना वायरस भारत में अपन। पैर पसारता ही जा रही है। शुक्रवार सुबह तक देश में कोरोना से पीड़ित लोगों की संख्या 700 के करीब पहुंच गई है और 17 लोगों की मौत हो गई हैं। इस बीच इससे निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया है, उसका आज तीसरा दिन है। लॉकडाउन के चलते आम जनमानस को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और हजारों मजदूर अपने घरों के लिए पैदल जा रहे हैं।
दुनियाभर में कहर बरपाने वाले कोरोना वायरस ने भारत में सभी को घरों में कैद करके रख दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गुरुवार को देश में सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट किए गए सिर्फ एक दिन में करीब 80 मरीज सामने आए हैं।