- Home
- टॉप स्टोरी
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
दस लाख रूपए की लागत से निर्मित विश्वकर्मा लोहार समाज के
सामुदायिक भवन का किया लोकार्पण
रानीतराई में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 15 लाख रूपए और ग्राम जुंगेरा मेंपानी टंकी निर्माण की घोषणा
रायपुर : प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बालोद जिले के ग्राम जुंगेरा में छत्तीसगढ़ सर्व लोहार विश्वकर्मा समाज द्वारा आयोजित विश्वकर्मा जयंती एवं लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर दस लाख रूपए की लागत से विश्वकर्मा लोहार समाज के नवनिर्मित सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान ग्राम रानीतराई में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए पन्द्रह लाख रूपए और ग्राम जुंगेरा में पानी टंकी निर्माण की घोषणा की।मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलेवासियों को विश्वकर्मा जयंती की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सबसे पहले किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने ऋण माफ किया, चार सौ यूनिट तक बिजली बिल हाफ किया।
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया था यदि वहां धान के बदले कोदो, कुटकी, रागी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन सहित खरीफ की कृषि एवं उद्यानिकी फसलें, केला, पपीता लगाते हैं, तो उन्हें प्रति एकड़ दस हजार रूपए आदान सहायता राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले सात प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाती थी, लेकिन अब 52 प्रकार के लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर योजना सहित शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के स्तर में सुधार करने प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड में स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोला गया है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य की दिशा में लगातार काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश में 100 करोड़ रूपए से अधिक की गोबर खरीदी हुई है। वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर रहीं 60 हजार से अधिक महिलाओं को रोजगार और आय का जरिया मिला है। नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है, जिसका लाभ उन्हें मिल रहा है। संसदीय सचिव व गुण्डरदेही विधायक श्री कुंवर सिंह निषाद, विधायक श्री मोहन मरकाम और संजारी-बालोद विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा ने भी कार्यक्रम को संबोधित कर शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।कार्यक्रम की समाप्ति पर छत्तीसगढ़ सर्व लोहार विश्वकर्मा समाज द्वारा मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, भूतपूर्व विधायक श्री भैय्याराम सिन्हा, अध्यक्ष जिला पंचायत बालोद श्रीमती सोनादेवी देशलहरा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, छत्तीसगढ़ सर्व लोहार विश्वकर्मा समाज के श्री लोचन विश्वकर्मा, श्री जी.आर. विश्वकर्मा सहित अन्य पदाधिकारीगण, पुलिस महानिरीक्षक श्री विवेकानंद, कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे, पुलिस अधीक्षक श्री सदानंद कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य नागरिक आदि मौजूद थे।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री द्वारा हायर सेकेंडरी की पढ़ाई के साथ आईटीआई की व्यवसायिक शिक्षा के लिए संयुक्त पाठ्यक्रम की ऐतिहासिक शुरुआत
छत्तीसगढ़ सरकार का स्कूली शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा की दिशा में बड़ा कदम
कक्षा 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के साथ होगी आईटीआई कोर्स की पढ़ाई भी: दोनो कोर्स एक साथ चलेंगे
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल और राज्य व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया है दो वर्षीय पाठ्यक्रम
इस कोर्स में 12वीं की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को हायर सेकेण्डरी के साथ आईटीआई का प्रमाण पत्र भी मिलेगा
मुख्यमंत्री ने पाटन के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल से इस संयुक्त पाठ्यक्रम का किया शुभारंभ
पाटन में बालिकाओं के लिए स्टेनोग्राफी और बालकों के लिए वेल्डिंग कोर्स हुआ प्रारम्भ
विद्यार्थियों के समय और ऊर्जा की होगी बचत
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर प्रदेश के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में हायर सेकेंडरी की पढ़ाई के साथ-साथ आईटीआई व्यवसायिक शिक्षा के संयुक्त पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल और राज्य व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद (एससीव्हीटी) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किए गए इस दो वर्षीय पाठ्यक्रम में कक्षा 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के साथ-साथ आईटीआई कोर्स की पढ़ाई भी विद्यार्थी कर सकेंगे। इस पाठ्यक्रम में 12वीं की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को हायर सेकेण्डरी के साथ आईटीआई का प्रमाण पत्र भी मिलेगा। इससे विद्यार्थियों के समय और ऊर्जा की बचत होगी।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल से शुरू किया गया यह पाठ्यक्रम छत्तीसगढ़ की स्कूल शिक्षा में एक बहुत बड़ा और व्यापक बदलाव लाने वाला कदम साबित होगा। इसमें पढ़ने वाले बच्चों को कक्षा 12वीं का प्रमाणपत्र माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा दिया जाएगा, जिससे वे उच्च शिक्षा में प्रवेश ले सकते हैं और आईटीआई का प्रमाण पत्र भी मिलेगा, जिससे वे रोज़गार प्राप्त कर सकेंगे। दोनों कोर्स एक साथ चलेंगे। मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्रियों और अधिकारियों को ऐसा संयुक्त कोर्स छत्तीसगढ़ के स्कूलों में लागू करने के निर्देश दिए थे। जिसकी आज शुरुआत की गई।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दुर्ग जिले के पाटन के स्वामी आत्मानंद स्कूल से छत्तीसगढ़ के स्कूलों में स्कूली शिक्षा के साथ गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक शिक्षा के लिए तैयार किए गए इस पाठ्यक्रम की ऐतिहासिक शुरुआत की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा शुभारंभ किए गए इस कोर्स के तहत पाटन में 80 विद्यार्थियों का चयन किया गया है। इनमें से 40 बालिकाओं का स्टेनोग्राफी हिन्दी और 40 बालकों का वेल्डिंग कोर्स के लिए चयन किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में आज शिक्षा के क्षेत्र में एक नई शुरूआत हो रही है। छत्तीसगढ़ के बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करने के साथ-साथ हुनरमंद बनेंगे और छत्तीसगढ़ के नव-निर्माण में भी अपना योगदान दे सकेंगे। श्री बघेल ने कहा कि हायर सेकेण्डरी कक्षाओं में बच्चे अब मुख्य विषयों के साथ हुनर सीखने वाले विषय भी चुन सकेंगे। छात्रों के लिए वेल्डर टेªड और छात्राओं के लिए स्टेनोग्राफी हिन्दी पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। यह पाठ्यक्रम दो वर्ष का होगा। 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के दौरान दो वर्ष में यह पाठ्यक्रम पूरा होगा। स्कूली स्तर पर ही कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चों को छत्तीसगढ़ में स्थापित हो रहे छोटे और बड़े उद्योगों में रोजगार प्राप्त करने में आसानी होगी, वे स्वरोजगार के माध्यम से अपने पैरों पर खड़े हो सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि भविष्य में इस रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम का विस्तार किया जाएगा और जरूरत के अनुसार नए टेªड इसमें शामिल किए जा सकेंगे। विद्यार्थियों के सामने अपने भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति नहीं होगी। वे दुनिया के किसी भी कोने में जाकर रोजगार प्राप्त करने में सक्षम हो सकेंगे।
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश में 172 अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए गए हैं। इसी तरह बहुउद्देशीय हिन्दी माध्यम स्कूलों को भी स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम स्कूलों के रूप में उन्नत करने का निर्णय लिया गया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के विजन के अनुसार छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग द्वारा यह नया प्रयोग आज से शुरू हो रहा है। जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा भी मिलेगी और वे अपने सीखे गए कौशल से रोजगार के लिए भी तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस पाठ्यक्रम का विस्तार पूरे प्रदेश में किया जाएगा। कलेक्टर दुर्ग श्री सर्वेश्वर भुरे ने कहा कि इस पाठ्यक्रम के लिए विद्यार्थी कक्षा 11वीं और 12वीं के पांच विषयों में से भाषा के दो विषयों में से एक के स्थान पर तकनीकी विषय का चयन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम के लिए पाटन के स्वामी आत्मानंद स्कूल में लैब तैयार कर ली गई है। कृषि उपज मंडी दुर्ग के अध्यक्ष श्री अश्वनी साहू ने स्वागत भाषण दिया।नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, विधायक श्री रामकुमार यादव, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के विशेष सचिव श्री भुवनेश यादव, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल के सचिव प्रोफेसर श्री व्ही.के. गोयल मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे। पाटन के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कलेक्टर दुर्ग श्री सर्वेश्वर भुरे सहित अनेक जनप्रतिनिधि, पाठ्यक्रम के लिए चयनित विद्यार्थी उपस्थित थे।
पाटन के स्वामी आत्मानंद स्कूल के बच्चे तारेन्द्र कुमार साहू और पूजा देवांगन ने मुख्यमंत्री श्री बघेल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा करते हुए उन्हें इस पाठ्यक्रम को शुरू करने के लिए स्कूल के विद्यार्थियों की ओर से धन्यवाद दिया। तारेन्द्र कुमार साहू ने कहा कि वे 10वीं कक्षा के बाद ऐसी शिक्षा प्राप्त करना चाहते थे, जिससे रोजगार मिल सके। अब 12वीं के साथ उन्हें आईटीआई का सर्टिफिकेट मिलेगा। पूजा देवांगन ने कहा कि 12वीं पास करने पर उन्हें दो प्रमाण पत्र मिलेंगे।
- एजेंसी
नई दिल्ली : भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में उतार-चढ़ाव जारी है। बीते 24 घंटों में देशभर में 34,403 कोरोना मामले देखने को मिले हैं। हालांकि इस दौरान कुल 37,950 लोग पूरी तरह से ठीक भी हुए हैं। इस समय देश में कोरोना के 3,39,056 मामले सक्रिय हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों ने तीसरी लहर आने का संकेत देना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों की मानें तो सितंबर के आखिरी में तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। अक्तूबर में तीसरी लहर पीक पर रहने की संभावना है।
केरल में कोरोना के मामले जिस तेजी से घटने चाहिए उस रूप में नहीं घट रहा । यहां कोरोना का दैनिक आंकड़ा 20 हजार के ऊपर बना हुआ है। दक्षिण के राज्यों से कोरोना के सबसे अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। तामिलनाडु और आंध्र प्रदेश में भी पिछले कई दिनों से 1 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, इन सबके बीच रिकवरी रेट बढ़ने से कोविड के एक्टिव मामले घटे हैं। देश में कोरोना का रिकवरी रेस 97.65% पर है। वहीं कुल मामलों का 1.02% केस सक्रिय हैं।
केरल में गुरूवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 22,182 नए मामले सामने आए थे, जबकि 178 मरीजों की मौत हो गई थी। इसके साथ ही यहां कुल मामले बढ़कर 44,46,228 हो गए और मृतकों की संख्या 23,165 पर पहुंच गई।
देश में कोरोना महामारी आंकड़ों में
बीते 24 घंटे में कुल नए केस आए-34,403बीते 24 घंटे में कुल ठीक हुए- 37,950देश में अभी सक्रिय मरीजों की संख्या- 3.39 लाखअब तक कुल संक्रमित हुए लोग- 3.33 करोड़अब तक कुल ठीक हुए लोग- 3.25 करोड़अब तक कुल मौतें- 4,42 लाखअब तक कुल कोरोना टीका- 77.24 करोड़
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
-नंदिनी की खाली पड़ी माइंस में बने विशाल मानव निर्मित जंगल में मुख्यमंत्री ने जन वन कार्यक्रम अंतर्गत लगाया बरगद का पौधा और इस महती कार्य की सराहना की
- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर बनाया गया था प्रस्ताव, डीएमएफ-एडीबी की राशि से हुआ कार्य
-यहाँ लगाए गये 83 हजार से अधिक पौधे
-पर्यावरण के पुनः संरक्षण अथवा इकोलॉजिकल रीस्टोरेशन के लिए नजीर, किस तरह से खनन आधारित प्रोजेक्ट को नेचुरल हैबिटेट के रूप में बदला जा सकता हैइसका अनुकरणीय उदाहरण
दुर्ग : देश में पर्यावरण की मानव निर्मित विशाल धरोहर दुर्ग जिले में बनी है। आज मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट का अवलोकन किया। नंदिनी की खाली पड़ी खदानों की जमीन में यह प्रोजेक्ट विकसित किया गया है। लगभग 3.30 करोड़ रुपए की लागत से यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। आज जन वन कार्यकम में मुख्यमंत्री ने यहाँ बरगद का पौधा लगाया और जंगल का अवलोकन किया। उल्लेखनीय है कि इसके लिए डीएमएफ तथा अन्य मदों से राशि ली गई है। पर्यावरण संरक्षण के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया। यह प्रोजेक्ट देश दुनिया के सामने उदाहरण है कि किस तरह से निष्प्रयोज्य माइंस एरिया को नेचुरल हैबिटैट के बड़े उदाहरण के रूप में बदला जा सकता है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण को संरक्षित करने यह प्रशंसनीय कदम है। यहां 100 एकड़ में औषधीय पौधे तथा फलोद्यान भी विकसित करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिये ये बड़ी पहल है। इससे प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।इस अवसर पर अपने संबोधन में वन मंत्री ने कहा कि हमने प्रकृति को सहेजने बड़े निर्णय लिए। चाहे लेमरू प्रोजेक्ट हो या नदियों के किनारे प्लांटेशन, प्रकृति को हमने हमेशा तवज्जो दी। आज यह मानव निर्मित जंगल का बड़ा काम हुआ है। मैं इसके लिए क्षेत्र की जनता को बधाई देता हूँ।
इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री एवं वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर, पीएचई मंत्री श्री गुरु रुद्र कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने भी पौधरोपण किया।उल्लेखनीय है कि 17 किलोमीटर क्षेत्र में फैले नंदिनी के जंगल में पहले ही सागौन और आंवले के बहुत सारे वृक्ष मौजूद हैं। अब खाली पड़ी जगह में 83,000 पौधे लगाये गये हैं। इसके लिए डीएमएफ-एडीबी से राशि स्वीकृत की गई। इस अवसर पर पीसीसीएफ श्री राकेश चतुर्वेदी ने विस्तार से प्रोजेक्ट की जानकारी दी और इस कार्य मे लगे अधिकारियों को बधाई दी। सीएफ श्रीमती शालिनी रैना ने भी प्रोजेक्ट की टीम को बधाई दी। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे तथा डीएफओ श्री धम्मशील गणवीर ने विस्तार से प्रोजेक्ट की जानकारी मुख्यमंत्री को दी। उन्होंने बताया कि 83000 पौधे लगाये जा चुके हैं। 3 साल में यह क्षेत्र पूरी तरह जंगल के रूप में विकसित हो जाएगा। यहां पर विविध प्रजाति के पौधे लगने की वजह से यहां का प्राकृतिक परिवेश बेहद समृद्ध होगा। श्री गणवीर ने बताया कि यहां पर पीपल, बरगद जैसे पेड़ लगाए गये हैं जिनकी उम्र काफी अधिक होती है साथ ही हर्रा, बेहड़ा, महुवा जैसे औषधि पेड़ भी लगाए गये हैं। इस मौके पर पीसीसीएफ वन्य संरक्षण श्री नरसिंह राव, लघु वनोपज के एमडी श्री संजय शुक्ला, आईजी श्री विवेकानंद सिन्हा, एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। साथ ही बीएसपी सीईओ श्री अनिर्बान दासगुप्ता भी उपस्थित रहे।
पक्षियों के लिए आदर्श रहवास- पूरे प्रोजेक्ट को इस तरह से विकसित किया गया है कि यह पक्षियों के लिए भी आदर्श रहवास बनेगा तथा पक्षियों के पार्क के रूप में विकसित होगा। यहां पर एक बहुत बड़ा वेटलैंड है जहां पर पहले ही विसलिंग डक्स, ओपन बिल स्टार्कआदि लक्षित किए गए हैं यहां झील को तथा नजदीकी परिवेश को पक्षियों के ब्रीडिंग ग्राउंड के रूप में विकसित होगा।
इको टूरिज्म का होगा विकास- इसके साथ ही इस मानव निर्मित जंगल में घूमने के लिए भी विशेष व्यवस्था होगी। इसके लिए भी आवश्यक कार्य योजना बनाई गई है ताकि यह छत्तीसगढ़ ही नहीं अपितु देश के सबसे बेहतरीन घूमने की जगह में शामिल हो सके। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
किसी भी राष्ट्र और राज्य के निर्माण में इंजीनियरों की महत्वपूर्ण भूमिका : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अभियंता दिवस के अवसर पर आज यहां अपने निवास कार्यालय में भारत के महान इंजीनियर भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्रकुमार, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव श्री नागेन्द्र नाथ सिन्हा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, छत्तीसगढ़ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी पिल्ले भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सभी इंजीनियरों को अभियंता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि किसी भी राष्ट्र और राज्य के निर्माण में इंजीनियरों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इंजीनियर अपने तकनीकी ज्ञान और कुशलता से विकास और समृद्धि की मजबूत अधोसंरचना तैयार करते हैं।
ऐसे ही असाधारण प्रतिभा के धनी भारत के महान इंजीनियर भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की स्मृति में हम उनके जन्मदिन 15 सितम्बर को अभियंता दिवस के रूप में मनाते हैं। श्री बघेल ने अभियंताओं से आव्हान किया है कि सर विश्वेश्वरैया से प्रेरणा लेकर वे देश-प्रदेश के नव-निर्माण में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर में विश्वस्तरीय बैडमिंटन अकादमी का किया शुभारंभ
आईटीएम यूनिवर्सिटी परिसर में टाटा ट्रस्ट के सहयोग से स्थापित की गई है अकादमी
छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहीं
अच्छी खेल सुविधाओं, कोच और प्रशिक्षण से छत्तीसगढ़ में तैयार होंगे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। अच्छी खेल सुविधाएं, कोच और प्रशिक्षण की सुविधा मिलने से छत्तीसगढ़ में भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार होंगे। छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने अनेक अवसरों पर राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की खेल स्पर्धाओं में अपने खेल कौशल का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देश-प्रदेश का नाम रौशन किया है। श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में नवा रायपुर में आईटीएम यूनिवर्सिटी परिसर में टाटा ट्रस्ट के सहयोग से स्थापित विश्वस्तरीय बैडमिंटन अकादमी का शुभारंभ करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल ने की। कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे इस अवसर पर उपस्थित थे।
‘‘द रायपुर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन बैडमिंटन’’ नाम से प्रारंभ हुई इस अकादमी की स्थापना के लिए टाटा ट्रस्ट द्वारा शत् प्रतिशत फंडिंग की गई है। यह मध्य भारत की नवीनतम और सबसे अच्छी बैडमिंटन अकादमी है। आईटीएम यूूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा अकादमी के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने के साथ परिचालन लागत वहन की जाएगी। अकादमी के संचालन में भी यूूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा सहयोग दिया जाएगा। अकादमी में विश्वस्तरीय 8 बैडमिंटन कोर्ट बनाए गए हैं तथा 300 से अधिक दर्शकों की बैठने की व्यवस्था की गई है। खिलाड़ियों और कोच के लिए हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। खिलाड़ियों के लिए डायटिशियन, फिजियोथेरेपिस्ट और काउंसलर की सुविधाएं भी अकादमी में उपलब्ध है।
आईटीएम प्रबंधन द्वारा मुंबई में ओलंपियन पी.वी. सिंधु के सम्मान के लिए आयोजित समारोह में रायपुर और बड़ौदा में विश्वस्तरीय बैडमिंटन अकादमियों के निर्माण की घोषण की गई थीे, जिसके तहत आज रायपुर में अकादमी का शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल अकादमियां प्रारंभ होने से प्रदेश में खेलों के लिए अच्छा वातावरण बनेगा। आईटीएम यूनिवर्सिटी परिसर में आज विश्वस्तरीय बैडमिंटन अकादमी का शुरू होना केवल इस विश्वविद्यालय के लिए ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी उपलब्धि है। टाटा ट्रस्ट ने इस अकादमी के लिए सराहनीय योगदान दिया है। इसी तरह यदि राज्य के उद्योग भी खेलों के विकास में आगे आएं तो राज्य में खेलों का विकास और तेजी से होगा। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा नवा रायपुर में बैडमिंटन अकादमी शुरू करने की घोषणा की गयी है। अन्य खेलों के लिए भी अकादमियां प्रारंभ की गई हैं। उन्होंने इस अवसर पर खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
खेल मंत्री श्री उमेश पटेल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की यह मंशा है कि जो बच्चे खेल को अपना कैरियर बनाना चाहते हैं उन्हें खेल अकादमियों के माध्यम से अच्छी सुविधाएं और प्रशिक्षण मिले। उन्होंने आईटीएम यूनिवर्सिटी प्रबंधन और टाटा ट्रस्ट के पदाधिकारियों को छत्तीसगढ़ में विश्वस्तरीय बैडमिंटन अकादमी प्रारंभ करने के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव श्री अजय सिंघानिया, छत्तीसगढ़ ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव श्री गुरूचरण सिंह होरा, छत्तीसगढ़ बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष श्री अनवर ढ़ेबर, टाटा ट्रस्ट की स्पोर्टस हेड सुश्री नीलम बाबरदेसाई, आईटीएम यूनिवर्सिटी बैडमिंटन अकादमी के डायरेक्टर और नेशनल चीफ जूनियर कोच श्री संजय मिश्रा, आईटीएम युनिवर्सिटी रायपुर के वाइस चांसलर डॉं. विकास सिंह, सीनियर बैडमिंटन खिलाड़ी श्री एचएस प्रणय, सहित आईटीएम यूनिवर्सिटी और टाटा ट्रस्ट के प्रतिनिधि और खेल प्रेमी उपस्थित थे।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जिला स्तर पर जनहितकारी योजनाओं तथा अभियान के संचालन की दी गई है खुली छूट
स्थानीय जनता की सोच, इच्छा और अपेक्षा के अनुरूप काम करने में जिला प्रशासन को बनाया जा रहा अधिक सक्षम
जिला स्तर पर विशेष रणनीति से बन रही है विकास की नई राह
लोकवाणी की 21वीं कड़ी प्रसारित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आकाशवाणी से हर माह प्रसारित होने वाली ‘लोकवाणी’ की 21वीं कड़ी (आपकी बात-मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ) में बात-चीत की शुरूआत जय जोहार के अभिवादन के साथ की। उन्होंने कहा कि आज का विषय ‘जिला स्तर पर विशेष रणनीति से विकास की नई राह’ है। इसमें स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए समस्याओं को चिन्हित करना, उनके समाधान की तलाश करना, उन्हें लागू करना और जनता को राहत दिलाना है। इस कड़ी में सभी जिलों के समन्वित विकास के लिए स्थानीय जनता की सोच, इच्छा तथा अपेक्षा के अनुरूप काम करने में जिला प्रशासन को और अधिक सक्षम बनाया जा रहा है। इस तरह राज्य में प्रत्येक व्यक्ति को सशक्त बनाते हुए विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित कर नवा छत्तीसगढ़ को गढ़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि गणेश चतुर्थी, नवा खाई तथा विश्वकर्मा जयंती जैसे कई पावन पर्वों के अवसर पर इस महीने के लोकवाणी का प्रसारण हो रहा है। आप सभी सावधानी तथा सुरक्षा के साथ इन पर्वों को खुशी-खुशी मनाते हुए सामाजिक एकता, सौहार्द्र और समरसता की हमारी महान विरासत को आगे बढ़ाएं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रशासनिक इकाई के रूप में जिलों को महत्व देते हुए हमने अल्प समय में ही 5 नये जिले बनाने की पहल की है। साथ ही जिला स्तर पर जनहितकारी योजनाएं, कार्यक्रम और अभियान संचालित करने की खुली छूट दी है, ताकि स्थानीय जनता की सोच, इच्छा और अपेक्षा के अनुरूप काम करने में जिला प्रशासन अधिक सक्षम हो सके। रेडियो कार्यक्रम लोकवाणी में बताया गया कि छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के समन्वित विकास के लिए आमजनता की समस्याओं को संवेदनशीलता के साथ सुनने और स्थानीय जरूरत के हिसाब से कदम उठाने के लिए प्रशासन को फ्री-हेंड दिया गया है। इस तरह आमजनों के जीवन-स्तर का तीव्र उन्नयन और उनकी आजीविका के लिए स्थायी समाधान पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
कोदो-कुटकी तथा रागी फसलों के लिए छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि आर्थिक तंगी और कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से हमारे प्रदेशवासियों को किसी तरह की तकलीफ न हो, बल्कि उनकी सुविधाओं में बढ़ोत्तरी का सिलसिला लगातार आगे बढ़ता रहे, इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने छत्तीसगढ़ में अनेक नये-नये उपाए किए हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए अब लघु धान्य फसलों का उत्पादन बढ़ाने के साथ इन्हें बेहतर दाम तथा सुविधाएं देने की पहल की है। इसके लिए छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन की स्थापना की गई है और उत्पादन में वृद्धि तथा प्रसंस्करण के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाई जा रही है। लघु धान्य फसलें पोषण की दृष्टि से बहुत उपयोगी होती है लेकिन इन फसलों को अन्य कृषि उत्पादों की तुलना में कम महत्व मिलता रहा है। इन फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों को भी अन्य किसानों की तुलना में कम महत्व मिलता रहा है। हमने इसे ध्यान में रखते हुए आवश्यक पहल की है। राज्य के बस्तर संभाग अंतर्गत दंतेवाड़ा, सुकमा, कांकेर जिलों में कुछ लघु धान्य प्रसंस्करण इकाइयां शुरु भी हो चुकी हैं लेकिन अब बड़ी संख्या में ऐसी इकाइयां लगाई जाएंगी। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के विस्तार में इस बात का ध्यान रखा गया है कि जो किसान धान के बदले कोदो-कुटकी-रागी की फसल लेंगे, उन्हें प्रति एकड़ 10 हजार रुपए की आदान सहायता दी जाएगी, जो फसल बेचने से होने वाली उनकी आय के अतिरिक्त होगी। मैंने विधानसभा में घोषणा की थी कि आदिवासी अंचलों में उपजाई जाने वाली कोदो-कुटकी और रागी फसल की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाएगी। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि हमने कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल और रागी का समर्थन मूल्य 3 हजार 377 रुपए प्रति क्विंटल तय कर दिया है। इनको खरीदने की व्यवस्था भी लघु वनोपज संघ के माध्यम से कर दी गई है।
छत्तीसगढ़ में सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के सिलसिला में मैंने निर्देश दिए थे कि सड़क, सिंचाई, बिजली या ऐसी किसी भी अधोसंरचना की बड़ी परियोजनाओं को हाथ में लेने के साथ ही, इस बात पर ध्यान दिया जाए कि अधूरी पड़ी या किसी भी कारण से अनुपयोगी हो गई परियोजनाओं को प्राथमिकता से पूरा किया जाए, जिससे उस परियोजना में निवेश हो चुकी धनराशि का लाभ जनता को मिल सके। मुझे खुशी है कि दुर्ग जिले में इस सोच को साकार करने के लिए गंभीरता से पहल की गई। सिपकोना नहर के बारे में कहा जाता है कि यह नहर एशिया की सबसे लंबी नहरों में शामिल है। बताया गया कि वर्ष 2008 में इसे आधा-अधूरा छोड़ दिया गया। लाइनिंग, सफाई और मरम्मत पर ध्यान दिया जाता तो इस योजना में हुए निवेश का बहुत लाभ किसान भाई-बहनों को मिलता।
मुझे खुशी है कि जिला प्रशासन ने पहल करके सिपकोना नहर को 22 की जगह 51 गांवों की जीवन-रेखा बनाने की दिशा में काम शुरू किया। इस तरह रणनीति अपनाने से पहले जहां सिर्फ 22 गांवों को पानी मिल पाता था, वहीं अब 51 गांवों में पहुंचेगा। बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखण्ड के 7 गांवों में 1 हजार 259 हेक्टेयर और दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड के 44 गांवों में 10 हजार 252 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा दी जाएगी। मुझे लगता है कि कम खर्च में ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाने का यह बहुत अच्छा मॉडल है। इसमें सिंचाई विभाग के अलावा मनरेगा की मदद भी ली जा रही है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। यह कन्वरजेन्स का भी एक अच्छा प्रयास है।
नंदिनी माइंस वृहद ईको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि दुर्ग शहर से 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम नंदिनी में 2500 एकड़ की जमीन में पहले चूना पत्थर की खदान थी। बरसों से इस खदान में खनन गतिविधियां बंद हैं। जिला प्रशासन ने बहुत व्यापक सोच के साथ इस क्षेत्र में जंगल विकसित करने की कार्ययोजना बनाई है, जो दुर्ग-भिलाई के औद्योगिक प्रदूषण से निपटने में भी मदद करेगा और प्रदेश के पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी बल मिलेगा। इस क्षेत्र में 80 हजार से अधिक पौधे लगाने का काम शुरू किया गया है, जिससे बहुस्तरीय वन का विकास होगा। यहां घास प्रजाति का पौधरोपण भी किया जाएगा ताकि पशुओं को अच्छी गुणवत्ता का चारा मिल सके। परियोजना के तहत जैव विविधता का संरक्षण भी किया जाएगा जिससे इस मानव निर्मित विशाल वन क्षेत्र में वन्यप्राणियों का बसेरा और समूचा अंचल वृहद ईको पर्यटन स्थल के रूप में आकर्षण का केन्द्र बनेगा।
आदिवासी अंचल में नवाचारों का बड़े पैमाने पर मिल रहा लाभ
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के समग्र विकास के लिए आदिवासी अंचल में भी कई ऐसे नवाचार किए गए हैं, जिसका लाभ अब लोगों को बड़े तादाद में मिलने लगा है। उन्होंने बताया कि इनमें मलेरियामुक्त बस्तर अभियान के माध्यम से लोगों को बहुत बड़ी राहत दिलाई है। आज मलेरियामुक्त बस्तर अभियान की सफलता की चर्चा चारों तरफ हो रही है। निश्चित तौर पर बस्तर को मलेरिया से बचाने की सोच और उस पर जिस तरह से अमल किया गया, उसे एक नवाचार ही माना जाएगा। हमारी सरकार बनने के बाद बस्तर संभाग के सातों जिलों में जब हमने सर्वेक्षण कराया तो पता चला कि मलेरिया प्रभावितों के बारे में बताने वाला वार्षिक परजीवी सूचकांक, जिसे एपीआई कहा जाता है, वह 10 से अधिक था, जो बेहद खतरनाक स्तर माना जाता है। अभियान के तहत हमारे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर सर्वे किया और एक-एक व्यक्ति की जांच की गई। निःशुल्क दवाएं दी गईं। घरों में मच्छररोधी दवाइयों का छिड़काव किया गया। मेडिकेटेड मच्छरदानियां बांटी गईं। इन प्रयासों के कारण एपीआई की दर लगातार कम हुई। बीते एक साल में पॉजिटीविटी दर 4.6 प्रतिशत से घटकर 0.86 प्रतिशत पर आ गई। पूरे बस्तर संभाग में मलेरिया की प्रभाव दर 45 प्रतिशत कम हो गई है। जिस तरह से युद्धस्तर पर काम हुआ उसकी सराहना नीति आयोग और यूएनडीपी ने की है तथा इसे देश के अन्य आकांक्षी जिलों के लिए भी अनुकरणीय बताया है। मैं यह भी बताना चाहता हूं कि ‘मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना’ का भी इसमें बहुत सहयोग मिला, जो कि अपने आप में एक नवाचार था। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना से 11 लाख से अधिक लोगों का इलाज हुआ। इस तरह से मलेरिया और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान से सुपोषण को लेकर किए जा रहे प्रयासों को भी बल मिला। मलेरियामुक्ति का अभियान महिलाओं और बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ है। इसका लाभ सुरक्षा बलों तथा सभी निवासियों को मिला है।
इसी तरह दंतेवाड़ा में इन दिनों जो बदलाव की बयार चल रही है, उसमें हमारे नवाचार के अभियान की बहुत बड़ी भूमिका है। आपने डेनेक्स ब्रांड की कपड़ा फैक्ट्री के बारे में तो सुना ही होगा। 31 जनवरी 2021 को इसका उद्घाटन हुआ था और आज इसमें 300 परिवारों को रोजगार मिल रहा है। इसी तरह के 3 और केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिसमें लगभग 1200 लोगों को रोजगार मिलेगा। डेनेक्स ब्रांड को अब एफपीओ सेक्टर में भी उतारा गया है, जिसके अंतर्गत दंतेवाड़ा जिले में खाद्य सामग्री तथा हस्तकला की सामग्री भी बेची जा रही है। किंग कड़कनाथ, छिंदगुड़, मौरिंगा पाउडर, कोदो-कुटकी, इमली, चार बीज आदि को बड़ा बाजार मिलने लगा है। दंतेवाड़ा जिले में लघु वन उपज, खाद्य, उद्यानिकी और खनिज उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए 500 एकड़ भूमि का चिन्हांकन कर लघु उद्योगों की स्थापना की जा रही है, जिसमें 5 हजार परिवारों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा ग्राम स्वरोजगार केन्द्र, नव चेतना बेकरी, वनोपज संग्रहण, मनरेगा, गोधन न्याय योजना, बिहान योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, वन अधिकार अधिमान्यता पत्र प्रदाय, कृषि विकास, दंतेश्वरी माई मितान पेंशन योजना आदि के माध्यम से पूना माड़ाकाल दंतेवाड़ा को व्यापक सफलता मिल रही है, जिसका लाभ जीवन स्तर उन्नयन, बेहतर स्वास्थ्य तथा बेहतर आजीविका के रूप में मिल रहा है।
शिक्षा के नवाचारी प्रयासों को मिली राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पूरे देश की अर्थव्यवस्था डगमगा गई थी, कोरोना ने हमारे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। ऐसी स्थिति में भी चुनौतियों का सामना करते हुए बच्चों की पढ़ाई-लिखाई जारी रहे, इसके लिए ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। cgschool.in नाम से एक पोर्टल का निर्माण कर ऑनलाइन कक्षाएं प्रारंभ की गईं। इस ऑनलाइन पढ़ाई से घर बैठे ही लाखों बच्चे सुरक्षित पढ़ाई करने लगे। इंटरनेट की पहुंच नहीं होने वाले क्षेत्रों व ऐसे बच्चे जिनके पास मोबाइल नहीं था, उसे ध्यान में रखते हुए मोहल्ला कक्षा प्रारंभ की गई। हमारे प्रदेश के शिक्षकों ने पढ़ाने के लिए कई नवाचारी गतिविधियां आयोजित कीं। शिक्षकों की मेहनत से बच्चों का पढ़ाई से रिश्ता बना रहा बल्कि पढ़ाई और अधिक रोचक और व्यापक हो गई। हमारे गुरुजनों ने अपनी लगन, निष्ठा और नवाचार से समाज में शिक्षकों की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई दी है। इन नवाचारी प्रयासों को न केवल राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली बल्कि पुरस्कार भी मिले हैं। मैं चाहता हूं कि शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कोरोना काल में जिस तरह शिक्षा के नए-नए प्रयोग किए, उसे आगे भी करते रहें। सरकारी स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से सजाने और इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने की हमारी सोच एक बहुत बड़ा नवाचार है। स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना के तहत 171 स्कूलों का उन्नयन कोरोना काल में ही हुआ है। अब मैंने निर्देश दिया है कि इसी की तर्ज पर उत्कृष्ट हिंदी माध्यम शाला भी विकसित की जाएं। यह नवाचार प्रदेश की सरकारी स्कूलों में आमूल-चूल परिवर्तन लाएगा और सामान्य तथा गरीब परिवारों के बच्चों का जीवन संवारेगा।
सुराजी गांव योजना से ग्रामीण जनजीवन में आ रहा तेजी से बदलाव
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि सुराजी गांव योजना से छत्तीसगढ़ के जनजीवन में जो बदलाव आ रहा है, उससे तो मैं भी रोमांचित और अभिभूत हूं। सबसे खुशी की बात यह है कि हम लोग एक दिशा देते हैं तो आप लोग उसमें काम करने की नई-नई संभावनाएं खोज लेते हैं। यही तो नवाचार है। हमने तो नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी को छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी के रूप में बचाने की सोच के साथ, एक नए रास्ते पर चलना शुरू किया था लेकिन आप लोगों ने अपनी मौलिक सूझबूझ से, उसे इतना व्यापक रूप दे दिया है कि उसमें नए-नए उत्पाद और नए-नए रोजगार के अवसर बनने लगे हैं। छत्तीसगढ़ में जल की उपलब्धता को लेकर बड़ी विलक्षण स्थिति है। हमारे प्रदेश में हिमालय के किसी ग्लेशियर से जल-धारा प्रवाहित नहीं होती। हमारी नदियां और नरवा हमारे लिए पानी के स्रोत हैं। इंद्रावती, महानदी, सोन, शिवनाथ, अटेम, महान व केलो आदि नदियों की संख्या तो सीमित हैं, लेकिन 2 से 11 किलोमीटर तक बहने वाले नालों की संख्या हजारों में है। इस तरह नरवा हमारी बड़ी अहम धरोहर हैं। निश्चित तौर पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से नदी-नालों में जल कम हुआ है। इसलिए हमने समय रहते ‘नरवा’ परियोजना पर बल दिया। अभी तक लगभग 32 सौ नालों में जरूरी सुधार कार्य किया जा चुका है। आगामी साल करीब 11 हजार नालों को पुनर्जीवित करने की योजना पर हम युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं।
मैं बताना चाहता हूं कि हमारे प्रयासों का असर जमीन पर दिखाई देने लगा है। कई क्षेत्रों से भू-जल स्तर बढ़ने की सुखदायी खबरें आने लगी हैं। जलवायु परिवर्तन से सूखे की परिस्थितियां बनने की चेतावनी वैज्ञानिकों ने दी है, लेकिन मुझे विश्वास है कि नरवा विकास की हमारी तैयारी, हमें हर संकट से उबार लेगी। गरुवा से गोबर, गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट और फिर सुपर कम्पोस्ट प्लस। गरुवा और घुरुवा को विकसित करने से नए रास्ते बनते चले गए और गोबर से धन बरसने लगा। गोधन न्याय योजना के 8 सितम्बर के आंकड़े से एक अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस योजना से क्या लाभ मिल रहा है। अभी तक गोबर बेचने वालों को 100 करोड़ 82 लाख रुपए, महिला स्वसहायता समूह को 21 करोड़ 42 लाख रुपए तथा गौठान समितियों को 32 करोड़ 94 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। गोधन न्याय योजना से 1 लाख 77 हजार 437 पशुपालकों को लाभ मिला है, जिसमें भूमिहीनों की संख्या 79 हजार 435 है। वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट तथा सुपर कम्पोस्ट प्लस का उत्पादन 11 लाख क्विंटल से अधिक हो चुका है और करीब 8 लाख क्विंटल की बिक्री भी की जा चुकी है। यह रूझान बताता है कि छत्तीसगढ़ में जैविक खाद के उपयोग के लिए तेजी से जागरूकता बढ़ रही है। 1 हजार 634 गौठान आत्मनिर्भर बन चुके हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य जनता को सशक्त करना है और विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है और हम सबको मिलकर 'नवा छत्तीसगढ़' गढ़ना है।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : सांसद श्री राहुल गांधी की आज वैष्णो देवी के दर्शन के लिए पदयात्रा के दौरान छत्तीसगढ के एक किसान परिवार के साथ अचानक मुलाकात हुई। श्री गांधी ने किसान और उसके परिवार को पास बिठाकर उनके साथ कुछ समय व्यतीत किया। उन्होंने उनसे हालचाल पूछा तो किसान ने उत्साह के साथ उन्हें छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार की किसान हितैषी योजनाओं के बारे में बताया। किसान ने कहा - "हमर सरकार बहुत अच्छा काम करत हे।" किसान ने श्री राहुल गांधी से कहा कि अभी सरकार को सिर्फ ढाई साल ही हुए हैं, भूपेश जी किसानों, वनवासियों के लिए बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को 6 हजार रुपए दे रहे हैं। किसान ने उन्हें बताया कि उसने गोधन न्याय योजना में गोबर बेच कर अब तक 85 हजार रुपए की कमाई कर ली है। इन पैसों से एक स्कूटी भी खरीदी है। किसान ने कहा कि गौठान में भी हमारे यहां बहुत अच्छे काम हो रहे हैं।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पशुपालकों और संग्राहकों को गोबर खरीदी के एवज में अब तक 100.82 करोड़ रूपए का किया गया भुगतान
मुख्यमंत्री ने पशुपालकों और संग्राहकों, गौठानों में कार्यरत स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों के खाते में किया कुल 5.33 करोड़ रूपए का अंतरण
गोबर से बिजली उत्पादन की संभावनाओं का किया जाए अध्ययन
चारा उत्पादन के मामले में गौठानों को स्वावलंबी बनाने का हो प्रयास
गौठानों में तेलघानी, लौह शिल्पकार, चर्म शिल्पकार एवं रजककार बोर्ड की गतिविधियां हो प्रारंभ
गौठानों के संधारण, मरम्मत और निर्माण कार्यों की जरूरत की कलेक्टर करें समीक्षा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ गोबर खरीदी करने वाला देश का पहला राज्य होने के साथ-साथ गोबर खरीदी को लाभ में बदलने वाला पहला राज्य भी है। उन्होंने कहा कि गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के साथ इसे और भी अधिक लाभप्रद बनाने की दिशा में काम किया जाना चाहिए। गोबर से बिजली उत्पादन की संभावनाओं का अध्ययन किया जाए, चारे के मामले में गौठानों को स्वावलंबी बनाने के साथ यहां आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गौठानों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है, गौठानों को और अधिक मजबूत बनाया जाना चाहिए। कलेक्टर गौठानों के संधारण, मरम्मत और निर्माण कार्यों की जरूरत की लगातार समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार कार्य कराएं।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर बेचने वाले पशुपालकों एवं संग्राहकों को गोबर खरीदी के एवज में राशि, महिला स्व-सहायता समूहों को लाभांश की राशि और गौठान समितियों को 5 करोड़ 33 लाख रूपए की राशि का अंतरण करने के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालकों एवं संग्राहकों के खाते में क्रय किए गए गोबर के एवज में 27वीं किश्त के रूप में 1 करोड़ 74 लाख रूपए की राशि ऑनलाईन अंतरित की। इस राशि को मिलाकर पशुपालकों और संग्राहकों को गोबर खरीदी की अब तक 100 करोड़ 82 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने इस अवसर पर स्व-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में 1 करोड़ 41 लाख रूपए तथा गौठान समितियों को 2 करोड़ 18 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया।
स्व-सहायता समूहों को अब तक लाभांश की राशि के रूप में कुल 21 करोड़ 42 लाख रूपए तथा गौठान समितियों को 32 करोड़ 94 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को अब तक कुल 54 करोड़ 36 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया गया है। गोधन न्याय योजना से 1 लाख 74 हजार से अधिक पशुपालक और संग्राहक लाभान्वित हुए हैं। अब तक 50 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग गोबर से वर्मी कम्पोस्ट के अलावा दूसरी लाभप्रद गतिविधियां प्रारंभ करने की ओर बढ़ रहे हैं। कुछ जगहों में गौठान में गोबर गैस तैयार कर घरों में गैस सप्लाई का काम भी प्रारंभ हुआ है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गोबर से बिजली उत्पादन की संभावनाओं का अध्ययन किया जाना चाहिए। यदि यह कार्य संभव होता है, तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ तेलघानी, लौह शिल्पकार, चर्म शिल्पकार एवं रजककार बोर्ड का गठन किया गया है। इन बोर्ड़ाें की गतिविधियां भी गौठान में प्रारंभ की जाएं, जिससे लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकंे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों का संचालन एक निरंतर प्रक्रिया है, इसलिए गौठानों में निर्माण, संधारण और मरम्मत आदि कार्य लगातार करने की जरूरत है। सभी कलेक्टर्स इस विषय को सप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में शामिल कर गौठानों में संचालित गतिविधियों की निरंतर समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि जहां गौठान समितियां सक्रिय नहीं है, वहां जनप्रतिनिधियों, कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से चर्चा कर दूसरे लोगों को मौका दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गौठानों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है और शहरी क्षेत्रों में भी गौठान और गोधन न्याय योजना को लेकर लोकप्रियता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वावलंबी गौठानों की संख्या भी बढ़ रही है।
एक वर्ष में स्वावलंबी गौठानों की संख्या बढ़कर 1634 हो गई है। इसका यह अर्थ है कि लोगों का इन योजनाओं के प्रति रूझान बढ़ रहा है। श्री बघेल ने कहा कि दो रूपए किलो में गोबर खरीदी करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। इसके साथ ही साथ छत्तीसगढ़ में गोबर को लाभ की वस्तु में बदलने में भी सफलता मिली है। गोबर से तैयार हो रही वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग बड़ी संख्या में किसान स्व-प्रेरणा से कर रहे हैं। इससे जहां जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट बनाने के काम में संलग्न तथा अन्य आर्थिक गतिविधियों में काम कर रहे 9 हजार से अधिक स्व-सहायता समूहों की लगभग 64 हजार महिलाओं को रोजगार और आय का नया जरिया मिला है। वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से सब्जियों, अनाज और फलों की गुणवत्ता बेहतर होगी और वे स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक होंगे।
मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना और गौठानों के सफल संचालन के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि अनेक अधिकारी दूसरे राज्यों से छत्तीसगढ़ आए हैं, लेकिन उन्होंने गहरी रूचि लेकर छत्तीसगढ़ की परिस्थितियों को समझकर योजनाओं का सफल बनाने में योगदान दिया। श्री बघेल ने 7 सितम्बर को संसद की कृषि स्थायी समिति के सदस्यों से मुलाकात का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने गोधन न्याय योजना और गौठानों में रूचि दिखाई। जब उन्हें बताया गया कि गोबर से 10 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बनाया गया है और किसान इसका उपयोग भी कर रहे हैं, तो समिति के सदस्यों ने कहा कि इससे स्वाईल हेल्थ में भी सुधार होगा। समिति के सदस्यों ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना में भी रूचि ली। समिति ने धान से एथेनॉल तैयार करने की छत्तीसगढ़ की योजना के प्रति भी अपनी सहमति जताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों को चारा के मामले में स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया जाए, ताकि पशु भटके नहीं, इससे पशु प्रबंधन में आसानी होगी।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की चर्चा पूरे देश में है। संसद की कृषि स्थायी समिति सहित संसद की चार समितियों ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा है कि इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौठानों में लोगों को स्व-रोजगार देने के लिए रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की योजना अभूतपूर्व है। इसे देश में स्वीकार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योजना के लागू होने के एक वर्ष में गोबर संग्राहकों को 100 करोड़ रूपए से अधिक राशि का भुगतान किया जा चुका है। साथ ही गोबर से तैयार 68 करोड़ की वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय भी किया जा चुका है। सवा लाख किसान सोसायटियों से वर्मी कम्पोस्ट ले जा चुके हैं। यह योजना आने वाले समय में एक क्रांतिकारी योजना साबित होगी।
कृषि उत्पादन आयुक्त एवं कृषि विभाग की सचिव डॉ. एम. गीता ने कार्यक्रम में बताया कि प्रदेश में स्वीकृत गौठानों की संख्या बढ़कर 10112 तथा निर्मित गौठानों की संख्या बढ़कर 6112 हो गई है। उन्होंने बताया कि 4495 गौठानों के चारागाहों की 9732 एकड़ भूमि में चारा रोपण का कार्य पूरा हो गया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि गौठानों में लगभग 80 हजार वर्मी टांकांे का निर्माण किया गया है, जिनमें 7 लाख 68 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट और 3 लाख 37 हजार क्विंटल सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है। उन्होंने बताया गया कि गौठानों में तैयार 76 प्रतिशत वर्मी कम्पोस्ट तथा 45 प्रतिशत सुपर कम्पोस्ट का विक्रय अब तक किया जा चुका है। डॉ. गीता ने बताया कि गौठानों में विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में संलग्न 9 हजार 153 स्व-सहायता समूहों की 64 हजार 317 महिलाओं को योजना के प्रारंभ होने से अब तक 39 करोड़ 77 लाख रूपए की आय हो चुकी है।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्रकुमार, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि विभाग के विशेष सचिव एवं राज्य नोडल अधिकारी गोधन न्याय योजना डॉ. एस. भारती दासन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाकृषि, पशुधन और स्व-रोजगार से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर रहे हैं: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
देश में किसानों की बेहतरी के लिए धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति देने के लिए केन्द्र से सिफारिश का आग्रह
मुख्यमंत्री से संसद की कृषि स्थायी समिति के सदस्यों ने की सौजन्य मुलाकात
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से एक गोधन न्याय योजना के बहुद्देशीय परिणाम ने संसद की स्थायी कृषि समिति को बेहद प्रभावित किया है। गोधन न्याय योजना के अध्ययन-भ्रमण के लिए छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर आज रायपुर पहुंची 13 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष श्री पी.सी. गड्डीगौडर के नेतृत्व में आज शाम मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। समिति ने छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना से लेकर खेती-किसानी की बेहतरी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, वनोपज संग्रहण जैसे मसलों पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से विस्तार से चर्चा की।
संसद की स्थायी कृषि समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान यह बात स्पष्ट रूप से कही कि छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना देश के लिए एक नजीर है। संसदीय समिति ने इसे पूरे देश में लागू करने की अनुशंसा की है। इस योजना को लेकर अभी अध्ययन जारी है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने संसदीय समिति को गांवों में निर्मित गौठान और गोधन न्याय योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है, गांवों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से हमने अब तक 100 करोड़ रूपए की गोबर खरीदी की है। अभी तक गौठानों में लगभग 10 लाख क्विंटल वर्मी एवं सुपर कम्पोस्ट का निर्माण किया गया है। लगभग 90 करोड़ रूपए की वर्मी खाद बिक चुकी है। उन्होंने बताया कि 2 रूपए किलों में गोबर खरीदी शुरू होने से पशुपालकों, ग्रामीणों, भूमिहीनों को अतिरिक्त आय का जरिया मिला है। इससे पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ खेती-किसानी को भी लाभ हुआ है। राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। पशुओं की खुली चराई पर रोक लगी है। इससे फसल क्षति रूकी है और दोहरी फसल की खेती को बढ़ावा मिला है। मुख्यमंत्री ने गौठानों में रूरल इंस्ट्रियल पार्क की स्थापना, इसके उद्देश्य, राज्य में पशु नस्ल सुधार कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने संसदीय समिति के सदस्यों से छत्तीसगढ़ के सामाजिक-भौगोलिक स्थिति, जलवायु, खेती-किसानी, वनोत्पाद, जनजीवन आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्षा आधारित धान की खेती प्रमुखता से होती है। यहां 74 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण है और उनका जीवन खेती-किसानी पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत वन क्षेत्र है। यहां की 32 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जनजाति वर्ग की है। संसदीय समिति को उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में फसल उत्पादकता और फसल विविधिकरण को प्रोत्साहित करने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ के मान से न्यूनतम 9000 रूपए तक इनपुट सब्सिडी दी जा रही हैं। छत्तीसगढ़ में गन्ना उत्पादक किसानों को सर्वाधिक मूल्य मिल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरप्लस धान उत्पादन को देखते हुए हमने केन्द्र सरकार से धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति मांगी है। उन्होंने कहा कि धान उत्पादक राज्यों के किसानों की बेहतरी के लिए जरूरी है कि सरप्लस धान के उपयोग के लिए इससे एथेनॉल का उत्पादन किया जाए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित बिहार, उत्तर प्रदेश, ओड़िसा, पंजाब, बंगाल, आसाम सहित कई धान उत्पादक राज्यों के किसानों को इसका फायदा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने संसदीय समिति से आग्रह किया कि वह केन्द्र सरकार से धान से एथेनॉल निर्माण की अनुमति सभी राज्यों को देने के लिए सिफारिश करे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को सिर्फ एथेनॉल बनाने की अनुमति देना है बाकी एथेनॉल उत्पादन के लिए प्लांट लगाने से लेकर सभी खर्च राज्य सरकार के जिम्मे होगा। उन्होंने यह भी कहा कि एफसीआई को एथेनॉल उत्पादन की अनुमति देना ज्यादा खर्चीला है क्योंकि धान खरीदी के बाद उसका परिवहन, मिलिंग उसके पश्चात चावल का पुनः परिवहन एफसीआई तक करने में अनावश्यक राशि व्यय होगी। केन्द्र यदि राज्यों को सीधे धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति दे दे तो यह ज्यादा लाभकारी होगा। इससे किसानों को धान का मूल्य ज्यादा मिलेगा। राज्यों पर व्यय भार कम पड़ेगा। पेट्रोलियम के आयात पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा की बचत होगी और एफसीआई में चावल के भण्डारण की समस्या भी नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में धान की 26 हजार किस्में है। यहां ब्लैक राईस, ब्राउन राईस सहित कई तरह की चावल का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि राज्य के वनांचल इलाके में कोदो-कुटकी, रागी की खेती को देखते हुए मिलेट मिशन शुरू किया गया है। वनांचल के लोगों को खेती-किसानी से जोड़ने और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए साढ़े चार लाख से अधिक वनवासियों उनके काबिज भूमि का पट्टा दिया गया है। राज्य में वनों पर आधारित लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए लघु वनोपज की समर्थन मूल्य की खरीदी के साथ ही वनभूमि में फलदार पौधों का प्राथमिकता से रोपण कर रहे हैं, ताकि वनांचल के लोगों को इसका लाभ मिले। इससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने समिति के अध्यक्ष और सदस्यों को इस अवसर पर शॉल और प्रतीकचिन्ह भेंट कर आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर संसदीय स्थायी समिति के सदस्य श्री ए. गणेशमूर्ति, श्री अफजल अंसारी, श्री अबु ताहेर खान, श्री कनक मल कटारा, श्री मोहन मंडावी, श्रीमती शारदा बेन अनिल भाई पटेल, श्री देवजी मानसिंग राम पटेल, श्री वेल्लालथ कोचुकृष्णन नायर श्रीकंदन, श्री विरेन्द्र सिंह, श्री रामकृपाल यादव, श्री रामनाथ ठाकुर, श्रीमती छाया वर्मा सहित राज्य सभा सांसद श्रीमती फूलोदेवी नेताम, कृषि उत्पादन आयुक्त एवं सचिव डॉ. एम.गीता, संचालक कृषि श्री यशवंत कुमार, संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं श्री माथेश्वरन व्ही. उपस्थित थे।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
खनिजों से विकास से संबंधित लगभग 267 करोड़ रुपए की लागत के प्रस्तावों का अनुमोदन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित खनिज विकास निधि सलाहकार समिति की बैठक में खनिजों के विकास से संबंधित लगभग 267 करोड़ रूपए के प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। ये प्रस्ताव खनिज साधन विभाग और छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम की विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित हैं।
राज्य शासन को प्रतिवर्ष खनिज राजस्व से प्राप्त होने वाली राशि में से 5 प्रतिशत राशि खनिज विकास निधि में रखी जाती है, जिसका उपयोग प्रदेश में खनिजों के विकास और नए खनिज क्षेत्रों की खोज आदि में किया जाता है। बैठक में स्वीकृत प्रस्तावों में केरवा कोल ब्लाक, आयरन ओर डिपाजिट -4 के विकास, बाक्साइट के नए क्षेत्रों की खोज, खनिजों के सर्वेक्षण तथा खनिज गतिविधियों के लिए संचालित ऑनलाइन खनिज पोर्टल को अपग्रेड करने के प्रस्ताव शामिल हैं।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, खनिज साधन विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., वित्त विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी., छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के मुख्य महाप्रबंधक श्री जे.के.पशीने, खनिज साधन विभाग के अपर संचालक श्री महेश बाबू उपस्थित थे।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री बघेल और महिला बाल विकास मंत्री ने पोषण प्रतिज्ञा पर किया हस्ताक्षर
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास में आयोजित तीजा पोरा तिहार के अवसर पर महिला एवं बाल विकास द्वारा संचालित पोषण रथ को हरी झंडी दिखाकर विभिन्न जिलों के भ्रमण के लिए रवाना किया । यह रथ विभिन्न गांव में भ्रमण कर पोषण का संदेश देगा। रथ में सुपोषण पर केंद्रित फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा |
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेडिया, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर, राज्यसभा सांसद श्रीमती फूलोदेवी नेताम, विधायक श्री मोहितराम केरकेट्टा, श्रीमती संगीता सिन्हा, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव डॉ. रीना बाबा साहब कंगाले भी उपस्थित थीं ।
मुख्यमंत्री श्री बघेल एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेडिया ने पोषण प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर कर कुपोषण रहित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त किये । सचिव डॉ. कंगाले ने बताया कि आज तीजा पोरा तिहार के अवसर पर पोषण रथ का शुभारंभ किया जा रहा है, जिसके माध्यम से जिले में पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी ऑडियो, वीडियो संदेशों का प्रसारण किया जाएगा। अन्य जिलों में भी पोषण रथ के माध्यम से विभिन्न स्थानों में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिससे जनसमुदाय के मध्य फैसिलिटेटर द्वारा वीडियो प्रदर्शन उपरांत उपयोगी जानकारी दी जाती है।
वीडियो मुख्यतः कुपोषण, पौष्टिक आहार, एनीमिया, स्तनपान, स्वच्छता, गर्भवती महिला की देखभाल, ऊपरी आहार पर आधारित है। जिसमें दृश्य-श्रव्य माध्यम का उपयोग करते हुए रोचक तरीके से स्वास्थ्य पोषण संबंधी जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाये जाने का प्रयास होता है, जिससे निश्चित ही अधिक से अधिक लोगों तक सुपोषण का संदेश पहुंचाने में सहायता मिलेगी।
- एजेंसी
नई दिल्ली : केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक मेगा महापंचायत का आयोजन किया है। भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।
राकेश टिकैत ने कहा, “महापंचायत के लिए पहुंचने वाले लोगों की संख्या को बताना असंभव है। लेकिन मैं वादा कर सकता हूं कि लोग बड़ी संख्या में पहुंचेंगे। किसानों को महापंचायत तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। अगर वे हमें रोकते हैं, तो हम बैरियर तोड़ते हुए पहुंचेंगे।”
पंजाब, दिल्ली से आने वाले किसानपंजाब से लगभग 2,000 किसानों के मुजफ्फरनगर पहुंचने की उम्मीद है। वे अमृतसर से सुबह चार बजे, जालंधर से सुबह पांच बजे और लुधियाना से रविवार को सुबह छह बजे एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ेंगे।
दिल्ली की सीमा पर धरना स्थलों से 400-500 किसान महापंचायत के लिए रवाना होंगे। किसान टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से बसों में शिफ्ट में निकल रहे हैं। शुक्रवार की रात धरना स्थलों से दो बसें मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो चुकी हैं। अन्य दो शनिवार सुबह रवाना हुए और दो और शाम करीब चार बजे रवाना होंगे।
हालांकि राकेश टिकैत का कहना है कि लोग मुख्य रूप से गांवों से आ रहे हैं। हरियाणा, महाराष्ट्र और भारत के अन्य हिस्सों के किसानों के भी इसमें शामिल होने की उम्मीद है। किसानों को मुजफ्फरनगर पहुंचाने के लिए कुल 500 बसें किराए पर ली गई हैं।
मिशन उत्तर प्रदेशएसकेएम ने मुजफ्फरनगर महापंचायत में 'मिशन यूपी' की घोषणा करने की योजना बनाई है और इसका लक्ष्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर लामबंदी करना है। राकेश टिकैत ने कहा, 'यह महापंचायत सिर्फ चुनाव से नहीं जुड़ी है। छह महीने बाद चुनाव है। यूपी में किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यूपी में बिजली की दरें भी सबसे ज्यादा हैं। 2016 के बाद से गन्ने की कीमत नहीं बढ़ी है। केंद्र ने इसे पांच रुपये पांच पैसे प्रति किलोग्राम बढ़ा दिया है। क्या आप किसानों का अपमान कर रहे हैं?”
किसान अपने अभियान के पहले चरण में उत्तर प्रदेश में 18 महापंचायत आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।
महापंचायती की व्यवस्थाराकेश टिकैत के अनुसार, सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए लगभग 5,000 स्वयंसेवकों को ड्यूटी दी गई है और पहचान पत्र जारी किए गए हैं ताकि किसान रविवार को महापंचायत के लिए मैदानों में पहुंचें। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों को जानकारी दी गई है और एक आपातकालीन नंबर साझा किया गया है। टिकैत ने कहा, “सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। हमें देखना होगा कि मुख्य साइट तक कौन पहुंच पाता है। जो भीड़ के कारण वहां नहीं पहुंच पा रहे हैं उनके लिए हमने 12-14 स्क्रीन और 4-5 फील्ड की व्यवस्था की है। सड़कें और पार्किंग क्षेत्र जाम हो जाएंगे।” - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 से दिवंगत 11 पत्रकारों के परिजनों को सहायता राशि के चेक वितरित किए
कोविड से दिवंगत 18 पत्रकारों को 90 लाख रूपए की आर्थिक सहायता मंजूर
पत्रकार कल्याण कोष से 53 मीडिया कर्मियों और उनके परिजनों को 1.15 करोड़ रूपए की सहायता राशि जारी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार मीडिया के साथियों के हर सुख-दुख में साथ खड़ी है। उनकी पेशेगत चुनौतियों और मुश्किलों को कम करने के लिए राज्य सरकार लगातार कदम उठा रही है। मीडिया कर्मियों की मुश्किलें जितनी आसान होंगी छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता की राह भी उतनी ही आसान होगी। राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की गौरवशाली पत्रकारिता और उसके उच्च आदर्शों को संरक्षण देते रहने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री श्री बघेल कोविड-19 से दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पत्रकार कल्याण कोष से स्वीकृत सहायता राशि के चेक वितरित कर रहे थे।
पत्रकार कल्याण कोष से आज 53 मीडिया कर्मियों के विभिन्न प्रकरणों में स्वीकृत कुल एक करोड़ 15 लाख रूपए की आर्थिक सहायता की राशि जारी कर दी गई। इन मीडिया कर्मियों में 18 मीडिया कर्मियांे को, जिनकी मृत्यु कोविड-19 से हुई है, उनके परिजनों को पांच-पांच लाख रूपए के मान से कुल 90 लाख रूपए की आर्थिक सहायता मंजूर की गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कोविड-19 से दिवंगत 18 मीडिया कर्मियों में से 11 मीडिया कर्मियों के परिजनों को आर्थिक सहायता के चेक वितरित किए। अन्य मीडिया कर्मियों के परिजनों तक स्वीकृत सहायता राशि के चेक पहुंचाए जा रहे हैं। कार्यक्रम में दिवंगत मीडिया कर्मियों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के पत्रकार आर्थिक चिंताओं से मुक्त होकर निष्पक्ष पत्रकारिता के अपने दायित्वों को अच्छी तरह पूरा कर सकें, इसीलिए पत्रकार कल्याण कोष की स्थापना की गई है। पत्रकार कल्याण कोष से पत्रकारों और उनके परिजनों को बीमारियों के उपचार के लिए पूर्व में 50 हजार रूपए तक सहायता दी जाती थी, राज्य सरकार ने इन नियमों में संशोधत करते हुए इस राशि को बढ़ाकर 2 लाख रूपए तक कर दिया है। आकस्मिक मृत्यु के प्रकरण में पत्रकार कल्याण कोष से 5 लाख रूपए की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया के साथियों ने हर बार की तरह कोरोना संकट के समय में भी अपने दायित्वों को पूरी जिम्मेदारी के साथ पूरा किया। छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता के इतिहास में कोरोना-काल की पत्रकारिता आने वाली पीढ़ी के लिए हमेशा उदाहरण प्रस्तुत करेगी। संक्रमण के खतरों के बावजूद मीडिया के साथियों ने फील्ड में लगातर सक्रिय रहकर काम किया। बहुत से मीडिया-कर्मी संक्रमित भी हुए। उनके परिजन भी संक्रमित हुए। इन मीडिया कर्मियों और उनके परिजनों के उपचार की बेहतर से बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए शासन ने हर जरूरी इंतजाम किए। इलाज के बावजूद इनमें से अनेक साथियों को बचाया नहीं जा सका। कोरोना काल में हमने जिन साथियों को खो दिया। मुख्यमंत्री ने दिवंगत मीडिया कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, उनके परिजनों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की।श्री बघेल ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हम सभी ने बहुत सी चुनौतियों का सामना किया। संक्रमित लोगों की पहचान करने से लेकर उनके उपचार की व्यवस्था करने का काम शासन के लिए जितना चुनौतीपूर्ण था, मीडिया के लिए उतना ही चुनौतीपूर्ण लोगों तक सही सूचनाएं पहुंचना, अफवाहों को लेकर आगाह करना और सकारात्मक वातावरण को बनाए रखना भी था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के वरिष्ठ मीडिया कर्मियों के लिए वरिष्ठ मीडिया कर्मी सम्मान निधि योजना संचालित की जा रही है। इस योजना में पूर्व में सम्मान निधि के रूप में 05 हजार रुपए प्रति माह दिए जाने का प्रावधान था, नई सरकार ने इसे बढ़ाकर 10 हजार रुपए प्रति माह कर दिया है। योजना में संशोधन करते हुए अर्हता की आयु 62 वर्ष से घटाकर अब 60 वर्ष कर दी गई है। इस योजना के लिए पात्र मीडियाकर्मी आजीवन लाभ उठा सकेंगे। पत्रकारों को अधिमान्यता प्रदान करने के नियमों में भी संशोधन करते हुए अब विकासखंड स्तरीय अधिमान्यता का भी प्रावधान किया गया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन स्तर पर काम करने वाले साथियों को भी सुविधाओं का लाभ मिलने लगा है।
श्री बघेल ने कहा कि अपने वादे के अनुरूप राज्य सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून के निर्माण की दिशा में भी लगातार आगे बढ़ रही है। शीघ्र ही यह कानून तैयार होकर विधानसभा में प्रस्तुत हो जाएगा। उन्होंने कोरोना-काल में छत्तीसगढ़ के पत्रकारों द्वारा की गई उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उनकी सराहना की।
जनसम्पर्क आयुक्त डॉ. एस. भारतीदासन ने कहा कि आज इस कार्यक्रम में जिन मीडिया कर्मियों अथवा उनके परिजनों को सहायता राशि दी जा रही है, उनमें से ज्यादातर कोरोना काल में संकटग्रस्त हुए हैं। जनसम्पर्क विभाग द्वारा पत्रकार कल्याण कोष के अंतर्गत बीमारी अथवा संकटग्रस्त मीडिया कर्मियों तथा उनके परिजनों को आर्थिक सहायता राशि देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के कल्याण तथा पत्रकारिता के संरक्षण के लिए राज्य शासन द्वारा जनसम्पर्क विभाग को जो दायित्व सौंपे गए हैं, उन सभी दायित्वों का निर्वहन तत्परतापूर्वक किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में संवाददाता, नवभारत दुर्ग स्वर्गीय श्री नरेश सिन्हा की धर्मपत्नी श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा, संवाददाता, नवभारत भिलाई-दुर्ग स्वर्गीय श्री अविनाश इंगले की धर्मपत्नी श्रीमती योगिता इंगले, संवाददाता, इस्पात टाइम्स रायपुर स्वर्गीय श्री भरत दुदानी की धर्मपत्नी श्रीमती रजनी दुदानी, फोटोग्राफर, सेन्ट्रल क्रॉनिकल रायपुर स्वर्गीय श्री श्रीकांत मेश्राम की धर्मपत्नी श्रीमती शुभांगी मेश्राम, उप-सम्पादक, दैनिक अग्रदूत स्वर्गीय श्री जियाउल हसन की धर्मपत्नी श्रीमती मेहजबीन बानो, सह-सम्पादक, द-हितवाद रायपुर स्वर्गीय श्री राजा दास की धर्मपत्नी श्रीमती झुमा दास, ़ ब्यूरो प्रमुख, दैनिक नवप्रदेश रायपुर स्वर्गीय श्री अश्विन अगाडे की धर्मपत्नी गंगा सागर अगाड़े, सब-एडीटर, हरिभूमि रायपुर स्वर्गीय श्री दीपक कुमार वर्मा की धर्मपत्नी श्रीमती गायत्री देवी, संवाददाता, दैनिक छत्तीसगढ़ रायपुर स्वर्गीय श्री तिलक देवांगन के पुत्र श्री ऋषभ देवांगन, उर्दू दैनिक खबर एक्सप्रेस रायपुर स्वर्गीय श्री आबिद अली की धर्मपत्नी श्रीमती नासेरा आबिद अली और संवाददाता, हाईवे चैनल रायपुर स्वर्गीय श्री शाकिर खान की धर्मपत्नी श्रीमती सानिया खान को प्रदत्त सहायता राशि का चेक उनकी ओर से स्वर्गीय श्री शाकिर खान के पिता श्री रज्जाक खान ने ग्रहण किया। इस अवसर पर प्रेस क्लब रायपुर के अध्यक्ष श्री दामू आम्बेडारे, कोषाध्यक्ष सुश्री शगुफ्ता शिरिन और कार्यकारिणी सदस्य श्री मनोज नायक और दुर्ग प्रेस क्लब की अध्यक्ष सुश्री भावना पाण्डेय भी उपस्थित थीं। कार्यक्रम का संचालन जनसम्पर्क विभाग के संयुक्त संचालक श्री संजीव तिवारी ने किया। आभार प्रदर्शन अपर संचालक जनसम्पर्क श्री उमेश मिश्रा ने किया। कार्यक्रम में अपर संचालक जनसम्पर्क श्री जे.एल. दरियो उपस्थित भी थे।
- एजेंसीयूपी : पूरे प्रदेश में डेंगू व वायरल बुखार का कहर बढ़ता जा रहा है। केवल फिरोजाबाद में अब तक 75 लोगों की जान जा चुकी है। मथुरा में 17, मैनपुरी में तीन, कासगंज में दो लोग डेंगू और वायरल का शिकार हो चुके हैं। वहीं गोंडा में प्रतिदिन तीन हजार से ज्यादा मरीज संदिग्ध बुखार से पीड़ित अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। वहीं कानपुर में वायरल बुखार के कारण सात दिन में 10 लोगों की मौत हो गई।
बृहस्पतिवार को चार मासूम समेत 14 लोगों की मौत हो गई। इनमें फिरोजाबाद में 11, मैनपुरी दो और मथुरा में एक मरीज शामिल हैं। वहीं, फिरोजाबाद में मृतकों का आंकड़ा 75 पहुंच गया है। उधर डीएम चंद्रविजय सिंह ने लापरवाही बरतने पर पीएचसी सैलई के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. गिरीश श्रीवास्तव, प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. सौरभ प्रकाश और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. रुचि यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए।
मोहल्ला ओझा नगर गली नंबर चार निवासी छह माह की मनु पुत्री मनोज कुमार ने बृहस्पतिवार को दम तोड़ दिया। ओम नगर निवासी हर्ष (9) पुत्र पप्पू कुशवाहा की जयपुर ले जाते समय मौत हो गई। न्यू आंबेडकर नगर की मनीषा (25) पत्नी नीरज की भी आगरा के निजी अस्पताल में मौत हो गई, जबकि बेटी अंजलि जिंदगी से संघर्ष कर रही है।
आनंद नगर ककरऊ निवासी शुभम (12) पुत्र प्रवेश और हिमांयूपुर पथवारी माता मंदिर वाली गली के मानव (10) पुत्र कुलदीप की भी आगरा में इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं परशुराम कॉलोनी के चंद्रभान के डेढ़ माह के बालक ने दम तोड़ दिया। करबला गली नंबर छह के डेढ़ माह के ऋषभ पुत्र गुड्डू की भी मौत हो ई।
आजाद नगर के कन्हैयालाल (25) सूबेदार की घर पर मौत हुई। मक्खपुर के नगला मवासी में मुस्कान (12) पुत्री बाबी और नगला अमान की कामना (17) पुत्री धर्मेंद्र की भी मौत हो गई। सरस्वती नगर की नैन्सी (5) ने भी दम तोड़ दिया।
उधर, मैनपुरी के बिछवां के गांव लेखपुर निवासी अतर सिंह की पत्नी सरला (70) और रठेरा के रामसिंह की पत्नी संजीवन (63)की मौत हो गई। वहीं, मथुरा में कोह निवासी राजा (12) पुत्र हरिश्चंद्र की मौत हो गई। भड़के ग्रामीणों ने सीएमओ का घेराव किया।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
‘डेनेक्स‘ गारमेंट ब्रांड से मिली ग्लोबल पहचान
महिलाओं को रोजगार से मिला नया आत्मविश्वास, 500 से अधिक परिवारों को मिला सहारा
सात करोड़ रूपये से अधिक के एक लाख 27 हजार रेडीमेड कपड़ों की हुई सप्लाई
रायपुर : कुछ सालों पहले यह कल्पना करना मुश्किल था कि छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जैसे सुदूर आदिवासी बहुल जिले में तैयार ब्रांडेड कपड़े बैंगलौर, दिल्ली जैसेे बड़े शहरों में भेजे जाएंगे। धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र जिसे नक्सल हमलों की वजह से देश-दुनिया पहचानती थी, कभी अपनी पहचान बदल पाएगा, लेकिन हिंसा पर हौसले की जीत से अब यहां की तस्वीर बदलने लगी है। प्राकृतिक संसाधन और हुनर से भरपूर दंतेवाड़ा जिले का खुद के नाम का ‘दंतेवाड़ा नेक्स्ट‘ यानी डेनेक्स ब्रांड अब ग्लोबल पहचान बना चुका है। राज्य सरकार की मदद से यहां इतनी बड़ी गारमेंट फैक्ट्री संचालित की जा रही है, जितनी बड़ी फैक्ट्री राजधानी रायपुर में भी नहीं। यहां से स्थानीय महिलाओं द्वारा तैयार उच्च गुणवत्ता के जैकेट, शर्ट, कुर्ता सहित विभिन्न प्रकार के रेडीमेड कपड़े अब दूर-दूर तक निर्यात होने लगे हैं। यह बदलते दंतेवाड़ा का ही आगाज़ है कि इस फैक्ट्री से 7 महीने में ही 7 करोड़ 65 लाख रूपये के एक लाख 27 हजार रेडीमेड गारमेंट की सप्लाई की जा चुकी है। इसके साथ ही वनोपजों का वैल्यू एडीशन कर उसे डेनेक्स ब्रांड से बेचने की शुरूआत की गयी है। इसी कड़ी में दंतेवाड़ा का सफेद आमचूर डेनेक्स ब्रांड से तैयार किया गया है। पहले जहां व्यापारी दंतेवाड़ा का आमचूर सस्ते में खरीद कर ले जाते थे, वह वेल्यूएडिशन के बाद अच्छी कीमत में बिकने लगा है।
दंतेवाड़ा को गारमेंट हब बनाने की शुरूआत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गीदम विकासखण्ड के ग्राम हारम में डेनेक्स नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्टरी के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैय्या कराने के इरादे से हुई। इसका उद्देश्य सिर्फ इंन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना न होकर लोगों तक आजीविका का साधन पहुंचाकर उनके जीवन स्तर में सुधार लाना है। इसके लिए 1.92 करोड़ रू. की टेक्सटाईल यूनिट 5 एकड़ की भूमि पर लगाई गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के करकमलों से 31 जनवरी 2021 को फैक्ट्री के शुभारंभ के साथ ब्रांडेड गारमेंट व्यवसाय की शुरूआत हुई। स्थानीय महिलाओं को प्रशिक्षण देकर गारमेंट फैक्ट्री में रोजगार दिया गया। उत्पादों के बिक्री के लिए ट्राईफेड, सीआरपीएफ, एनएमडीसी के साथ एमओयू (अनुबंध) किया गया है। इनके आउटलेट से डेनेक्स ब्रंाड के कपड़े बिकने लगे हैं,जिससे बिक्री के लिए अच्छा मार्केट मिला और डेनेक्स ब्राण्ड देश-विदेश पहुंचाने लगा है।
बिहान महिला समूहों द्वारा संचालित इस फैक्ट्री से करीब 400 स्थानीय परिवारों को रोजगार मिला है। इस भव्य फैक्ट्री में कार्यरत लोगों के लिए प्रशिक्षण रूम, किचन, डाइनिंग रूम, रेस्ट रूम, प्राथमिक उपचार केन्द्र, बच्चों के खेलने के लिए रूम, गार्डन, शौचालय तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा अनुरूप दंतेवाड़ा गारमेण्ट फैक्ट्री के कार्यों को बढ़ाते हुए 20 जून से एक करोड़ 8 लाख रूपए की लागत से निर्मित दंतेवाड़ा गारमेण्ट फैक्ट्री की यूनिट-2 बारसूर का शुभारंभ भी कर दिया गया है। यहां अभी 150 परिवारों को रोजगार दिया गया है, जिसे 300 परिवारों तक बढ़ाने का लक्ष्य है। सरकार की योजना भविष्य में दंतेवाड़ा और बचेली में भी यूनिट स्थापित करने की है जिससे अधिक से अधिक परिवारों को रोजगार दिया जा सके। इसके साथ ही महिलाओं को वित्तीय बचत का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है जिससे महिलाएं सही जगह पैसे इन्वेस्ट कर अपनी आर्थिक स्थिति को और बेहतर बना सकें।
दंतेवाड़ा जिले में रहने वाली श्रीमती अंजू यादव को ट्रेनिंग के बाद जब काम मिला तब वे बहुत खुश नजर आईं और उन्होंने बताया कि वह पहले घर पर ही सिलाई का कार्य करती थी पर महीने में मात्र 2 हजार ही बड़ी मुश्किल से कमा पाती थी पर अब फैक्ट्री खुलने से उन्हें हर महिने 7 हजार रूपये की आमदनी हो रही है। गारमेण्ट फैक्ट्री में वह नई डिजाईन के सूट, प्लाजो, शर्ट, पेंट, जैकेट सहित विभिन्न प्रकार वस्त्रों को तैयार कर रही हैं। समूह की महिलाओं ने बताया कि वे गारमेंट फैक्ट्री में नये-नये फैशन के डिजाईन सीख कर बहुत खुश हैं। पहले खेतों मे मजदूरी या अन्य कामों से ज्यादा आमदनी नहीं हो पाती थी। डेनेक्स गारमेंट फैक्ट्री में वे प्रतिमाह 8 से 9 हजार रूपये कमाने लगी हैं, जिससे अपने घर में भी आर्थिक मदद कर पा रही हैैंं। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान जब कई जगहों पर आजीविका का संकट उत्पन्न हुआ वहीं डेनेक्स स्थानीय लोगों के लिए वरदान साबित हुआ। रोजगार के लिए यहां की महिलाओं को भटकना नहीं पड़ा, जिससे महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हुई बल्कि उनके आत्मविश्वास में भी बढ़ोत्तरी हुई है। गारमेंट फैक्टरी की सफलता आने वाले समय में स्थानीय लोगों के जीवन में बदलाव के साथ विकास के लिए नींव का बड़ा पत्थर साबित होगी। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री ने राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की गणना हेतु मोबाईल एप और वेब पोर्टल किया लॉच
श्री बघेल ने मोबाईल एप में सबसे पहले स्वयं की जानकारी दर्ज कर प्रदेश में गणना हेतु सर्वे कार्य का किया प्रदेशव्यापी शुभारंभ
अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों से गणना हेतु सर्वे में सहयोग की अपील
‘सीजीक्यूडीसी‘ (CGQDC) मोबाईल एप प्ले स्टोर से किया जा सकता है डाउनलोड
च्वाईस सेंटर में वेब पोर्टल www.cgqdc.in के जरिए भी गणना हेतु दर्ज की जा सकती है जानकारी
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की गणना हेतु छत्तीसगढ़ क्वांटीफायबल डाटा आयोग के मोबाइल एप और वेब पोर्टल www.cgqdc.in लांच किया। मुख्यमंत्री बघेल ने इस एप में अपने से संबंधित जानकारी दर्ज कर एप के माध्यम से गणना हेतु सर्वे कार्य का प्रदेशव्यापी शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि समाज के हर वंचित तबके तक न्याय पहंुचाना और सभी वर्गों के लिए हर तरह के अवसरों की समानता निर्मित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दिशा में राज्य सरकार ने किसानों, वनवासियों, मजदूरों और भूमिहीनों के कल्याण के लिए अनेक कदम उठाएं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा 04 सितंबर 2019 को एक अध्यादेश जारी करके अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया गया था। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भी 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन के इस निर्णय को कुछ लोगों ने अदालत में चुनौती दी, जिसके बाद माननीय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के इस निर्णय के क्रियान्वयन पर स्थगन देते हुए राज्य शासन को क्वाइंटिफिएबल डेटा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। श्री बघेल ने कहा कि उच्च न्यायलय के आदेश के परिपालन के लिए, और आरक्षण के प्रावधानों को विधिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए क्वाइंटिफिएबल डाटा आयोग का गठन किया गया है। आयोग अपने काम को सुव्यवस्थित और सटीक तरीके से पूरा कर सके इसके लिए पोर्टल और मोबाइल एप का निर्माण किया गया है। जिसका आज लोकार्पण किया गया। यह मोबाइल एप आयोग के साथ-साथ आवेदकों के लिए भी काफी सुविधाजनक होगा, और एक पारदर्शी व्यवस्था के साथ पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की गणना हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों से इस सर्वे में डेटा संकलन के काम में अधिक से अधिक सहयोग प्रदान करने की अपील की। गणना हेतु चिप्स द्वारा तैयार ‘सीजीक्यूडीसी‘ (CGQDC) मोबाईल एप चिप्स प्ले स्टोर में उपलब्ध है, जिसे डाउनलोड करके निर्धारित प्रपत्र में चाही गई जानकारी अपलोड की जा सकती है। इसके अलावा च्वाईस सेंटर में वेब पोर्टल www.cgqdc.in के जरिए भी गणना हेतु जानकारी दर्ज की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में सर्वे के लिए 5549 सुपरवाईजर नियुक्त किए गए हैं। जिनमें से शहरी क्षेत्रों में 1103 तथा ग्राम पंचायत क्षेत्रों में 4446 सुपरवाईजरों की नियुक्ति की गई है। मोबाइल एप को इंस्टाल करने के बाद एप में आवेदक को पंजीयन करना होगा। पंजीयन के लिए एप में लॉगिन के चार विकल्प दिये गये हैं। आधार कार्ड, राशन कार्ड नंबर, राशन कार्ड के मुखिया के मोबाइल नम्बर अथवा आवेदक के स्वयं के मोबाईल नंबर के आधार पर एप में लॉगिन किया जा सकता है। लॉगिन के बाद एप में एक प्रपत्र में आवेदक से संबंधित जानकारी जानकारी भरकर अपलोड करना होगा। अपलोड की गई जानकारी संबंधित आवेदक के ग्राम पंचायत, नगर पंचायत अथवा नगरीय निकाय के वार्ड के लिए नियुक्त सुपरवाईजर के पास स्वयं ही फारवर्ड हो जाएगी। आवेदक के क्षेत्र में अधिकृत सुपरवाईजर को जैसे ही आवेदक की जानकारी मिलेगी, वह उसका सत्यापन करेगा। इसके बाद डाटा सर्वर में सुरक्षित हो जाएगा। यही डाटा राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की गणना में सहायक होगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कलेक्टर रायपुर श्री सौरभ कुमार, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री समीर विश्नोई, छत्तीसगढ़ क्वांटिफिएबल डॉटा आयोग के सचिव श्री बी.सी.साहू बैठक में उपस्थित थे।
- एजेंसी
नई दिल्ली : कोरोना की तासरी लहर की आशंका के बीच मंगलवार को बड़ी राहत की खबर आई है। दरअसल, सोमवार के मुकाबले मंगलवार को कोरोना के मामले लगभग 12000 कम आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मंगलवार को बीते 24 घंटे में कोरोना के 30,941 नए मामले आए हैं जबकि 350 लोगों की मौत हो गई। वहीं 36,275 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट गए हैं। देश में एक्टिव मरीजों की संख्या 3,70,640 है। वहीं सोमवार को बीते 24 घंटे में 42,909 नए पॉजिटिवि मरीज मिले थे जबकि 380 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 34,763 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी गई थी।
केरल को भी बड़ी राहतकेरल में मंगलवार को बीते 24 घंटे में कोरोना के 19,622 मामले सामने आए हैं और 132 लोगों की मौत हो गई। बता दें कि भारत के दो राज्य केरल और महाराष्ट्र में अभी सबसे अधिक पॉजिटिविटी रेट है। केरल के सात जिले (एर्नाकुलम, त्रिशूर, कोझीकोड, पलक्कड़, कोल्लम और कोट्टायम) में रोजाना 2000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं।
अब तक 64 करोड़ वैक्सीन की खुराक दी गईंकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया, 30 अगस्त तक देशभर में 64 करोड़ 5 लाख 28 हजार कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी हैं। बीते दिन 59.62 लाख वैक्सीन की खुराक लगाई गईं। वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, अबतक 52 करोड़ 15 लाख कोरोना सैंपल के टेस्ट किए जा चुके हैं। बीते दिन करीब 13.94 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 4 फीसदी से कम है।
कोरोना से मृत्यु दर 1.34 फीसदीस्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.34 फीसदी है जबकि स्वस्थ होने की दर 97.51 फीसदी है। कुल सक्रिय मामले 1.15 फीसदी हैं। कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत अब 10वें स्थान पर है। कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। जबकि अमेरिका, ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा मौत भारत में हुई है।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवापंडवानी कलाकार स्व. पुनाराम निषाद एवं स्व. मदन कुमार निषाद की जीवनी के प्रकाशन की घोषणा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अभी राज्य के कई क्षेत्रों में अल्पवृष्टि और अनावृष्टि के चलते सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई है। छत्तीसगढ़ की सरकार विपदा की हर घड़ी में किसानों के साथ खड़ी है। जिन किसान भाईयों ने अभी खरीफ सीजन में धान, कोदो-कुटकी, अरहर की बुवाई की है, यदि वर्षा के अभाव में उनकी फसल खराब हो जाती है। चाहे उत्पादन हो अथवा न हो, उन्हें सरकार प्रति एकड़ 9000 रुपये की सहायता देगी। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत सूखा प्रभावित किसानों को भी गिरदावरी सर्वे के आधार पर प्रति एकड़ 9000 रुपये के मान से मदद दी जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पंडवानी कलाकार स्वर्गीय श्री पुनाराम निषाद और नाचा-गम्मत कलाकर स्वर्गीय श्री मदन कुमार निषाद के जीवनी को प्रकाशित किए जाने की घोषणा की और इस संबंध में पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जरूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ी को पुरखों के योगदान की जानकारी प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार समाज के सभी वर्गों की भावनाओं, परंपराओं, तीज-त्यौहारों एवं मान्यताओं का सम्मान और छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि अब भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को प्रति वर्ष 6000 रुपये की मदद देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना शुरू की गई है। इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र लोगों को 1 सितंबर से पंजीयन कराने का भी आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बिलासपुर एयरपोर्ट का नामकरण मछुआ समाज की आराध्य श्रीमती बिलासा देवी के नाम पर किया गया है। मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे मत्स्य कृषकों और मछुआरों को किसानों के समान शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण की सुविधा मिलने लगी है। किसानों के समान रियायती दर पर मत्स्य कृषकों को बिजली एवं मछली पालन के लिए तालाबों एवं जलाशयों को निशुल्क पानी मिलेगा।
संसदीय सचिव श्री कुंवर सिंह निषाद, छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री एम.आर. निषाद ने मछली पालन को कृषि का दर्जा देने तथा बिलासपुर एयरपोर्ट का नाम बिलासा देवी के नाम पर किए जाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का समाज की ओर से आभार जताया। - एजेंसी
तमिलनाडु : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य विधानसभा में शनिवार को केंद्र सरकार के तीन कृषि संबंधी कानूनों के विरोध में एक प्रस्ताव पेश किया। वहीं प्रस्ताव के पेश होते ही भाजपा और एआईएडीएमके के नेता हंगामा करते हुए विधानसभा से वॉकआउट कर गए। वहीं इस मामले पर एआईएडीएमके के विधायकों ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में ये प्रस्ताव जल्दबाजी में लाया गया है। विधायकों ने कहा कि राज्य सरकार को इस प्रस्ताव को लाने से पहले एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी और किसानों की भी राय लेनी चाहिए थी।
इस दौरान मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान केंद्र सरकार के तीन किसान-संबंधी कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मामले वापस ले लिए जाएंगे। उन्होंने इस मौके पर कहा कि केंद्र सरकार को जल्द से जल्द इस कानून को वापस लेना चाहिए। - एजेंसीकाबुल : काबुल एयपोर्ट पर हुए ब्लास्ट में अभी तक 72 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई है जबकि 143 लोग इस हमले में घायल हो गए हैं। काबुल एयरपोर्ट पर लगातार एक के बाद एक दो धमाकों से इलाके में दहशत का माहौल है। इस हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने की खबर है जिसमे एक मरीन और एक नेवी मेडिक के मारे जाने की खबर है। इस आतंकी हमले की इस्लामिक स्टेट ने जिम्मेदारी ली है और कहा है कि काबुल एयरपोर्ट पर दोनों हमले हमने किए हैं। इसके साथ ही आईएस की ओर से सुसाइड बॉम्बर की तस्वीर को भी शेयर किया गया है जोकि काबुल एयरपोर्ट के गेट पर गया और धमाका किया।
काबुल एयरपोर्ट पर जब पहला धमाका हुआ तो पेंटागन की ओर से एक बयान जारी किया गया जिसमे कहा गया कि हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि एबी गेट पर धमाका हुआ है, जिसमे कई अमेरिकी और आम नागरिकों की मौत हुई है। इसके साथ ही हम इस बात की भी पुष्टि कर सकते हैं कि बैरन होटल के पास भी एक धमाका हुआ है जोकि एबी गेट से कुछ ही दूरी प है। हम आपको इस बारे में आगे की जानकारी देते रहेंगे। गौर करने वाली बात है कि काबुल एयरपोर्ट पर पहले से ही पिछले कुझ दिनों से लोगों की भीड़ इकट्ठा है, ऐसे में इस हमले ने लोगों को बड़ा नुकसान पहुंचाया और दर्जनों लोगों की जान ले ली।
इस आतंकी हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हमे अभी तक इस हमले में तालिबान और आईएस के जुड़े होने के तार नहीं मिले हैं। जिन लोगों ने इस हमले को अंजाम दिया है हम उन्हें कहीं से भी ढूंढ़कर मार गिराएंगे। जो बाइडेन ने कहा कि हमलावरों को हम ना तो भूलेंगे और ना ही माफ करेंगे। इस हमले में एक दर्जन से अधिक सैनिक मारे गए हैं जिसके बाद इन सैनिकों के सम्मान में 30 अगस्त तक अमेरिकी झंडा आधा झुका रहेगा। - एजेंसीनई दिल्ली : देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में एक बार फिर वृद्धि हुई है वहीं मरने वालों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बीते 24 घंटे में सामने आए कोरोना संक्रमण के आंकड़े को जारी कर दिया गया है.
नए आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 46,164 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं. इसी दौरान 34,159 से अधिक लोगों को इलाज कर ठीक किया जा चुका है. अबतक 3,17,88,440 लोगों को इलाज कर ठीक किया जा चुका है. बीते 24 घंटे में कोरोना से कुल 607 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं वर्तमान में कोरोना के कुल 3,33,725 एक्टिव मामले हैं.
बता दें कि कोरोना के मामलों कभी कमी तो कभी आंकड़े अधिक आ रहे हैं. हालांकि इस बीच कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी व मरने वालों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. बता दें कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के मद्देनजर सरकार व प्रशासन द्वारा लोगों को जागरुक करने का काम किया जा रहा है. - एजेंसी
नई दिल्ली : अफगानिस्तान में मौजूदा हालात और सुरक्षा स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने वहां से आने वाले सभी नागरिकों के लिए ई-वीजा को अनिवार्य कर दिया है। यानी अब बिना ई-वीजा के कोई भी अफगानी नागरिक भारत नहीं आ सकता है।
बीते दिनों अफगानिस्तान में मचे कोहराम के बीच कुछ अफगान नागिरकों के पासपोर्ट और पूर्व में जारी किए गए वीजा खोने की खबरें आई थीं। हालांकि, अब ये वीजा तत्काल प्रभाव से अवैध माने जाएंगे।
अब जो अफगान नागरिक भारत आना चाहते हैं उन्हें www.indianvisaonline.gov.in पर जाकर ई-वीजा के लिए आवेदन करना होगा।
बीते हफ्ते ही यह खबर आई थी कि अफगानिस्तान के हालात को देखते हुए भारत ने वीजा प्रावधानों की समीक्षा की है। बीते हफ्ते ही भारत में प्रवेश के लिए इलेक्ट्रॉनिक वीजा की शुरुआत की गई। ये एक नई श्रेणी है जिसे "ई-आपातकालीन एक्स-विविध वीजा" कहा जाता है। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य की न्यूज वेबसाइट एवं पोर्टल को आगामी एक वर्ष के लिए इम्पैनलमेंट करने ऑनलाईन आवेदन 25 अगस्त से 13 सितम्बर 2021 तक लिये जायेंगे। इंम्पेनलमेंट के लिए निर्धारित प्रारूप में ऑनलाईन आवेदन जमा किये जा सकते हैं।
आवेदन प्रारूप और इस संबंध में नियम शर्ते जनसम्पर्क विभाग की वेबसाईट jansampark.cg.gov.in पर उपलब्ध रहेगी।डिजिटल माध्यम की उपयोगिता एवं आवश्यकता के परिप्रेक्ष्य में न्यूज वेबसाइट/वेबपोर्टल के लिए प्रदर्शन विज्ञापन आवश्यकता/उपयोगिता/अवसर और बजट उपलब्धता के आधार पर स्वीकृत किये जाते हैं। नियमों में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी किसी न्यूज वेबसाइट को शासकीय विज्ञापन प्राप्त करने का कोई अधिकार नहीं होगा।
सामान्यतः निम्नलिखित शर्ते पूर्ण करने वाले पोर्टल/वेबसाईट को समिति द्वारा इम्पैनलमेंट हेतु अनुशंसा की जायेगी-छत्तीसगढ़ राज्य के न्यूज वेबसाइटों का इम्पैनलमेंट 01 वर्ष की अवधि के लिए होगा। इम्पैनल्ड हेतु विगत 06 माह के दौरान न्यूज वेबसाईट की औसत यूनिक यूजर संख्या 50 हजार होनी चाहिए। इस दौरान एवरेज सेशन डयूरेशन न्यूनतम 30 सेकेण्ड होना चाहिए। प्रत्येक वेबसाइट/पोर्टल के अपने होम पेज पर वेबसाइट/पोर्टल के स्वामी, संचालक, संपादक का नाम मोबाईल नंबर, ई मेल, संपादकीय कार्यालय का पता प्रदर्शित होना चाहिए। उन्हें प्रतिदिन अपनी वेबसाइट्स/पोर्टल को अपडेट भी करना होगा। न्यूज वेबसाइट कम से कम एक वर्ष से ऑन लाइन हो। इस अवधि के दौरान वेबसाइट का नाम और इंटरनेट का पता (URL) नहीं बदला गया हो। राज्य की गतिविधियों को प्राथमिकता से अपलोड करने वाले वेबसाइट/वेबपोर्टल को विज्ञापन देने में प्राथमिकता दी जायेगी। इसके साथ-साथ समिति उपलब्ध तकनीकी साधनों यथा-विश्वसनीय टैरिफ एनालिसिस टूल अथवा अन्य किसी माध्यम से मासिक दृश्य संख्या यूजर संबंधी रिपोर्ट की पुष्टि कर सकेगी। - एजेंसी
महाराष्ट्र : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए गए हैं. ये आदेश नासिक पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जारी किए है. नारायण राणे पर आरोप है कि उन्होंने सीएम उद्धव को अपशब्द कहे थे. जिसके बाद शिवसेना (Shivsena) ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.
नारायण राणे ने दे डाला आपत्तिजनक बयान- सोमवार को केंद्रीय मंत्री नारायण राणे जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान रायगढ़ के महाड में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. यहां उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बारे में जिक्र होने पर कहा, ” उस दिन नहीं क्या? कितने साल हुए देश कोआजादी मिले हुए…अरे हीरक महोत्सव क्या? मैं होता तो कान के नीचे लगाता.”
फिर नारायण राणे ने उद्धव ठाकरे के बारे में कहा, “स्वतंत्रता दिवस के बारे में आपको मालूम नहीं होना चाहिए ? बताएं कितनी गुस्सा दिलाने वाली बात है यह. सरकार कौन चला रहा है, यह समझ ही नहीं आ रहा है. ड्राइवर ही नहीं है. राष्ट्रवादी के लोग सिर्फ सत्ता का स्वाद चखने में व्यस्त हैं.”
कोरोना का हवाला देते हुए नारायण राणे ने कहा, “महाराष्ट्र में एक लाख से ज्यादा लोगों की मौतें हो गईं. उसके नियंत्रण के लिए कोई योजना नहीं, उपाय नहीं, वैक्सीन नहीं, डॉक्टर नहीं, चिकित्सा कर्मचारी नहीं. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग की स्थिति भयावह थी. इन्हें बोलने का अधिकार भी है क्या? इन्हें बगल में एक सेक्रेट्री रखना चाहिए और सलाह लेकर बोलना चाहिए.”
शिवसेना ने दर्ज कराई एफआईआर
नारायण राणे के इसी बयान को लेकर शिवसेना से प्रतिक्रिया आई है कि मंत्री बनने के बाद नारायण राणे का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. इस मामले को लेकर शिवसेना ने नारायण राणे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी थी. शिकायत के बाद नासिक क्राइम ब्रांच (Nashik crime branch) को चिपलून जाकर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को गिरफ्तार करने के आदेश दिए गए हैं.