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मंगलवार को राज्यसभा में सरकार से सवाल पूछा गया था कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कितने मरीजों की मौत हुई ? जिस पर सरकार ने जवाब दिया कि ऑक्सीजन की वजह से एक भी मौत नहीं हुई.
नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार के उस दावे पर सवाल उठाए हैं, जिसमें कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई. प्रियंका गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कई आरोप लगाए.
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, '"ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई": केंद्र सरकार. मौतें इसलिए हुईं क्योंकि महामारी वाले साल में सरकार ने ऑक्सीजन निर्यात 700% तक बढ़ा दिया. क्योंकि सरकार ने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने वाले टैंकरों की व्यवस्था नहीं की. एंपावर्ड ग्रुप और संसदीय समिति की सलाह को नजरंदाज कर ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का कोई इंतजाम नहीं किया. अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने में कोई सक्रियता नहीं दिखाई.''
बता दें कि मंगलवार को राज्यसभा में सरकार से सवाल पूछा गया था कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कितने मरीजों की मौत हुई ? जिस पर सरकार ने जवाब दिया कि ऑक्सीजन की वजह से एक भी मौत नहीं हुई.
राज्यसभा में सरकार ने क्या कहा?
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारें आंकड़े देती है, हम कंपाइल करके उसे छापते हैं. केंद्र सरकार की इससे ज्यादा कोई भूमिका नहीं होती इस जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी साफ कर दिया कि स्वास्थ्य व्यवस्था राज्यों के अधिकार क्षेत्र का मुद्दा है. राज्यों ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट में ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत का जिक्र नहीं किया. मतलब ये कि विपक्ष के सवालों की जवाबदेही केंद्र सरकार ने राज्यों पर डाल दी. सवाल ये भी है कि राज्यों ने ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई मौतों का आंकड़ा केंद्र को क्यो नहीं दिया ? - सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा, 'यह अफसोस की बात है कि राज्य सरकार व्यापारी संगठनों के दबाव में आ गई। उन इलाकों में भी दुकान खोलने की अनुमति दी जहां कोरोना दर 15 फीसदी से अधिक है और लोगों की जान को खतरे में डाल दिया।'
केरल में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में केरल सरकार की ओर से बकरीद पर लॉकडाउन में ढील दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा, 'यह अफसोस की बात है कि राज्य सरकार व्यापारी संगठनों के दबाव में आ गई। उन इलाकों में भी दुकान खोलने की अनुमति दी जहां कोरोना दर 15 फीसदी से अधिक है और लोगों की जान को खतरे में डाल दिया।'
सुप्रीम कोर्ट ने बकरीद के मद्देनजर लॉकडाउन में ढील देने पर केरल सरकार को जमकर लताड़ लगाई। कहा कि यह चौंकाने वाली स्थिति है। राज्य सरकार ने ट्रेडर्स समूह के दबाव में बाजार खोल दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केरल सरकार का हलफनामा चिंताजनक। यह भारत के सभी नागरिकों को जीवन के अधिकार की गारंटी नहीं देता है। केरल सरकार ने बकरीद के अवसर पर इस तरह की छूट देकर देश के नागरिकों के लिए राष्ट्रव्यापी महामारी के जोखिम को बढ़ा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हम केरल सरकार को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निहित जीवन के अधिकार पर ध्यान देने का निर्देश देते हैं।' साथ ही कहा कि अगर अगर बकरीद के लिए राज्य द्वारा दी गई ढील से कोविड-19 का और प्रसार होता है, तो वह कार्रवाई करेगा।
हालांकि, बकरीद पर लॉकडाउन ढील पर केरल सरकार द्वारा अधिसूचना को रद्द करने पर सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश नहीं दिया। लॉकडाउन में ढील का आज आखिरी दिन है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि कुछ आदेश पारित किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा अब कोई मतलब नहीं है। - नई दिल्ली : भारत में लगातार कोरोना के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है। देशवासियों के लिए ये एक राहत भरी खबर है। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देशभर में पिछले 24 घंटों के दौरान 30,093 मामले सामने आए, जिसके बाद देश में संक्रमितों की संख्या 3,11,74,322 हो गई है। आपको बता दें कि बीते 4 माह के दौरान सामने आए ये सबसे कम मामले हैं।
गौरतलब है कि केरल और महाराष्ट्र में सामने आने वाले कोरोना के मामले लगातार केंद्र और राज्य सरकार के लिए चिंता की वजह बने हुए हैं। पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी ने ऐसे 6 राज्यों के सीएम से इस मुद्दे पर बातचीत की थी जहां पर अधिक मामले आ रहे हैं। केंद्र की तरफ से यहां पर विशेषज्ञों की एक टीम भी भेजी गई है। केंद्र लगातार इन सभी राज्यों पर निगाह रखे हुए है।
पीएम ने इन सभी राज्यों को कहा है कि वो हर संसाधन का इस्तेमाल करें और यहां पर बढ़ते मामलों पर काबू पाएं। उन्होंने ये भी कहा था कि यदि यहां पर बढ़ते मामलों को नहीं रोका गया तो हालात खराब हो सकते हैं।उन्होंने पिछले दिनों इन राज्यों के सीएम के साथ हुई वर्चुअल बैठक के दौरान कहा था कि हर हाल में तीसरी लहर की आशंका को दूर करना हम सभी की जिम्मेदारी है।इसके लिए तेजी से काम करना होगा और केंद्र द्वारा दिए गए फंड का इस्तेमाल करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को अपने यहां पर सुधारना होगा। आपको बता दें कि देश के कुछ राज्यों में डेल्टा वैरिएंट के भी मामले सामने आ चुके हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रथम स्वप्नदृष्टा थे डॉ.खूबचंद बघेल
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने डॉ.खूबचंद बघेल के परिवारजनों को किया सम्मानितमुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज यहाँ अपने निवास कार्यालय से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रथम स्वप्नदृष्टा डॉ. खूबचंद बघेल की जयंती समारोह में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग द्वारा महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय के सभागार में किया गया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर डॉ.खूबचंद बघेल के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया और उनके परिवारजनों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारियों को शॉल, श्रीफल तथा प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान भी किया।
इस अवसर पर संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत आयोजन स्थल से वर्चुअल माध्यम से तथा छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री शैलेष नितिन त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, संस्कृति विभाग के सचिव श्री अंबलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी एवं डॉ. खूबचंद बघेल के परिवारजन तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारीगण मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे ।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि डॉ.खूबचंद बघेल का व्यक्तित्व तथा कृतित्व बहुआयामी था। उनका जीवन देश प्रेम की भावना से ओत-प्रोत था और छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रथम स्वप्नदृष्टा थे। हर छत्तीसगढ़िया के हित को पूरा करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ का निर्माण उनका महान लक्ष्य था।
वे कुशल राजनीतिज्ञ के साथ-साथ साहित्यकार, समाज सुधारक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। उन्होंने कहा कि डॉ.खूबचंद बघेल की जीवन यात्रा कठिन संघर्ष से भरी रही। वे समाज में अन्याय, अत्याचार तथा शोषण के खिलाफ जीवनभर लड़ाई लड़ते रहे। उन्होंने समाज में ऊंच-नीच के भेदभाव को भी नकारा और समाज को एकसूत्र में पिरोने के लिए ’पंक्ति तोड़ो-समाज जोड़ो’ का महत्वपूर्ण नारा दिया।
इस तरह कई रचनात्मक और किसान तथा मजदूर हितैषी गतिविधियों से जुड़कर जीवन के अंतिम समय तक वे छत्तीसगढ़ की सेवा करते रहे। उनके योगदान को छत्तीसगढ़ में कभी भुलाया नही जा सकता और यह हमेशा लोगों के स्मरण में रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हमारे पुरखों तथा डॉं. खूबचंद बघेल के सपनों के अनुरूप विकास की राह पर छत्तीसगढ़ तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसे निरंतर नये स्वरूप में गढ़ने का कार्य किया जा रहा है।यहां हर वर्ग के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए अनेक नई-नई कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिससे हर छत्तीसगढ़िया को आगे बढ़ने का बेहतर मौका मिल रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना तथा गोधन न्याय योजना जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
इसी तरह राज्य में आदिवासी-वनवासी लोगों के हित में अनेक निर्णय लिया गया है। इसके तहत तेंदूपत्ता प्रति मानक बोरा को 2 हजार 500 रूपए से बढ़ाकर 4 हजार रूपए कर दिया गया है। इनका सीधा-सीधा लाभ 13 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलने लगा है।
इसके अलावा प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वनोपजों की खरीदी संख्या को 7 से बढ़ाकर वर्तमान में 52 तक कर दी गई है। इनमें कई लघु वनोपजों के मूल्य में भी बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में भूमिहीन कृषि मजदूरों के हित में जल्द ही नवीन योजनाएं लाई जा रही है। इस तरह राज्य में हर वर्ग के लोगों के उत्थान सहित छत्तीसगढ़ की समृद्धि और विकास के लिए निरंतर कार्य हो रहे हैं।कार्यक्रम को संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने भी सम्बोधित करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण सहित समाज में डॉ.खूबचंद बघेल के योगदान का उल्लेख किया और इसे अविस्मरणीय बताया। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन संस्कृति विभाग के सचिव श्री अंबलगन पी.तथा आभार प्रदर्शन संचालक संस्कृति श्री विवेक आचार्य ने किया। - यूपी के वकील वैद्यनाथन ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने बैठक बुलाई. सभी कांवड़ संघ यात्रा स्थगित करने को तैयार हैं. इसलिए इस साल यात्रा नहीं होगी.
कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दायर कर दिया है. यूपी सरकार ने कहा है कि इस साल कांवड़ यात्रा नहीं होगी. यूपी सरकार के वकील वैद्यनाथन ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि सभी कांवड़ संघ यात्रा स्थगित करने के लिए तैयार हैं. इसलिए इस साल यात्रा नहीं होगी.
यूपी के वकील वैद्यनाथन ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने बैठक बुलाई. सभी कांवड़ संघ यात्रा स्थगित करने को तैयार हैं. इसलिए इस साल यात्रा नहीं होगी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में इस साल कांवड़ यात्रा रद्द कर दी गई है. अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की अपील के बाद कांवड़ संघों ने यात्रा रद्द करने का निर्णय लिया. कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से शुरू होनी थी.
25 जुलाई से सावन का महीना शुरू होने जा रहा है
25 जुलाई से सावन का महीना शुरू होने जा रहा है. सावन का महीना भगवान शिव और उनके उपासकों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं. भगवान शिव को खुश करने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा निकालते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव भक्तों की सारी मनोकामना पूरी करते हैं.
यात्रा शुरू करने से पहले श्रद्धालु बांस की लकड़ी पर दोनों ओर टिकी हुई टोकरियों के साथ किसी पवित्र स्थान पर पहुंचते हैं और इन्हीं टोकरियों में गंगाजल लेकर लौटते हैं. इस कांवड़ को लगातार यात्रा के दौरान अपने कंधे पर रखकर यात्रा करते हैं, इस यात्रा को कांवड़ यात्रा और यात्रियों को कांवड़िया कहा जाता है. पहले के समय लोग नंगे पैर या पैदल ही कांवड़ यात्रा करते थे. हालांकि अब लोग बाइक, ट्रक और दूसरे साधनों का भी इस्तेमाल करने लगे हैं.
जानिए- क्या है कांवड़ यात्रा का इतिहास
कहा जाता है कि भगवान परशुराम भगवान शिव के परम भक्त थे. मान्यता है कि वे सबसे पहले कांवड़ लेकर बागपत जिले के पास 'पुरा महादेव' गए थे. उन्होंने गढ़मुक्तेश्वर से गंगा का जल लेकर भोलेनाथ का जलाभिषेक किया था. उस समय श्रावण मास चल रहा था. तब से इस परंपरा को निभाते हुए भक्त श्रावण मास में कांवड़ यात्रा निकालने लगे. - नई दिल्ली : देश में कोरोना के मामलों में उतार-चढ़ान जारी है। बीते 24 घंटों की बात करें तो देश में कोरोना संक्रमण के 38 हजार नए मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 38,079 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान देश भर में कोरोना संक्रमण के कारण 560 लोगों की मौत हुई है। इस समय देश में कोरोना के चार लाख 24 हजार सक्रिय मामले हैं, जबकि रिकवरी रेट बढ़कर 97.31 फीसद हो गया है।
बता दें कि देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर की रफ्तार अभी पूरी तरह थमी नहीं है। तीसरी लहर की आशंका के बीच संक्रमण के दैनिक मामलों में उतार-चढ़ाव जारी है। केरल और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में एक बार फिर कोरोना का कहर शुरू हो गया है। गौरतलब है कि हाल के महीनों में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या अधिक होने के बावजूद, भारत में दूसरी कोविड लहर में मृत्यु दर पहले की तुलना में कम बनी हुई है। हालांकि, दूसरी लहर की मृत्यु दर अभी भी बढ़ रही है क्योंकि कई राज्यों से मौतों की संख्या और बैकलॉग मौतों को जोड़ना जारी है।
देश में 16 जुलाई तक कोरोना के 44.20 करोड़ से ज्यादा सैंपल्स की टेस्टिंग हो चुकी है जिनमें से 19,98,715 सैंपल्स का टेस्ट बीते 24 घंटों के दौरान किया गया। इसके साथ ही देश में कोरोना टीकाकरण का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। बीते एक दिन में देशभर में 42,12,557 कोरोना वैक्सीन की डोज देशभर में लगाई गई है। इसको मिलाकर देश में कोरोना टीकाकरण का आंकड़ा बढ़कर 39,96,95,879 हो गया है।
देश में कोरोना की स्थिति:
बीते 24 घंटे में कुल नए केस आए: 38,079
बीते 24 घंटे में कुल ठीक हुए: 43916
बीते 24 घंटे में कुल मौतें: 560
अब तक कुल संक्रमित हो चुके: 3,10,64,908
अब तक ठीक हुए: 3,02,27,792
अब तक कुल मौतें: 4,13,091
अभी इलाज करा रहे मरीजों की कुल संख्या: 4,24,025 -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
अधिनियम में संशोधन की अनुशंसा : कलेक्टर के स्थान पर अनुविभागीय अधिकारी दो माह की समय-सीमा में दें अनुमति
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण अनुशंसाएं
अभियान चलाकर वन अधिकार मान्यता पत्र प्राप्त हितग्राहियों की भूमि में कराए जाएं सुधार कार्य: फलदार वृक्षों के रोपण के साथ अंतरवर्ती फसलों के लिए दिया जाए प्रशिक्षण
प्रयास आवासीय विद्यालयों में अब प्रदेश के सम्पूर्ण अनुसूचित क्षेत्रों के विद्यार्थियों को प्रवेश देने की अनुशंसा
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सरगुजा में खुलेगा ‘‘परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र‘‘
विशेष पिछड़ी जनजातियों के शिक्षित युवाओं की सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया होगी तेज
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित की गई छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में जनजाति हितों से जुड़े विभिन्न विषयों पर गहन विचार-विमर्श कर अनेक महत्वपूर्ण अनुशंसाएं की गई।आदिवासियों की निजी भूमि पर वृक्षों को काटने के लिए अनुमति प्रदान करने की प्रक्रिया को सरलीकृत करने के प्रस्ताव पर सदस्यों के साथ चर्चा के बाद सर्वसम्मति से आदिम जनजातियों का संरक्षण (वृक्षों के हित में) अधिनियम 1999 एवं नियम 2000 में संशोधन की अनुशंसा की गई।जिसके अनुसार वृक्ष काटने की अनुमति कलेक्टर की जगह अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा दो माह की समय-सीमा के भीतर प्रदान की जाए। हितग्राही वृक्ष काटने की अनुमति हेतु अपना आवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को देंगे। स्थल पर मौके का मुआयना पटवारी और रेंजर द्वारा किया जाएगा।
अनुमति मिलने के बाद वन विभाग द्वारा वृक्ष की कटाई और नीलामी की कार्यवाही की जाएगी तथा वनमण्डलाधिकारी द्वारा संबंधित हितग्राही के बैंक खाते में राशि जमा की जाएगी। इससे अवैध कटाई पर अंकुश लगेगा और आदिवासियों को उनके वृक्ष का उचित दाम मिलेगा। बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत जो हितग्राही वृक्ष लगाएंगे उन्हें काटने के लिए हितग्राहियों को केवल सूचना देनी होगी।
बैठक में व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता पत्र प्राप्त हितग्राहियों की भूमि पर मनरेगा के माध्यम से भूमि समतलीकरण और सुधार का कार्य के लिए अभियान चलाने की अनुशंसा की गई। यह भी सुझाव दिया गया कि क्रेडा के माध्यम से हितग्राही की भूमि पर सिंचाई के लिए सोलर पम्प लगाया जाएगा और भूमि पर फलदार प्रजातियों जैसे हर्रा, बेहड़ा, आंवला, महुआ, बांस, आम, इमली, चिरौंजी, नींबू आदि के पौधों का रोपण किया जाए। हितग्राही को जिमीकंद, हल्दी, तिखुर जैसी अंतरवर्ती फसलों का प्रशिक्षण प्रदान करने का सुझाव भी दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजाति परिषद के सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों में पात्र लोगों को वन अधिकार पट्टे दिलाने और उनकी भूमि पर सुधार कार्य, फलदार वृक्षों के रोपण, तालाब और डबरी निर्माण के लिए सक्रिय पहल करें। अपने भ्रमण के दौरान जिला मुख्यालयों में आयोजित बैठकों में भी इन कार्याें की प्रगति की जानकारी लें। उन्होंने बीजापुर और सुकमा जिले में इसके लिए विशेष प्रयास करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में गांवों का सर्वे कर ग्रामीणों को विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए उनके प्रारंभिक अभिलेखों का प्रकाशन कर भुईंया पोर्टल में उनकी प्रविष्टि करने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओरछा विकासखण्ड को चार गांवों में जहां राजस्व सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो गया है, वहां पट्टा पात्र किसानों ने इस वर्ष पहली बार लैम्पस में समर्थन मूल्य पर धान बेचा। उन्होंने कहा कि ऐसे शहरी क्षेत्र जहां वन भूमि है, वहां पात्रताधारियों को वन मान्यता आधार पत्र दिए जाएं।
छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में प्रयास आवासीय विद्यालय में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के साथ सम्पूर्ण अनुसूचित क्षेत्र के बच्चों को प्रवेश देने की अनुशंसा की गई। प्रयास आवासीय विद्यालय में नक्सल प्रभावित जिलों से चयनित विद्यार्थियों को कक्षा 9वीं से 12वीं तक अध्ययन एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है।
वर्तमान में नक्सल प्रभावित 9 जिलों के बच्चों को प्रयास आवासीय विद्यालय में प्रवेश दिया जा रहा है। अब सम्पूर्ण अनुसूचित क्षेत्र के 25 जिलों के बच्चों को प्रवेश देने और नक्सल पीड़ित परिवारों के बच्चों को बिना प्रवेश परीक्षा के सीधे प्रयास आवासीय विद्यालय में दाखिला देने की अनुशंसा की गई।
इसी तरह सरगुजा में विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ‘‘परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र‘‘ खोलने की अनुशंसा की गई। वर्तमान में रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, नारायणपुर और कबीरधाम जिले में परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र संचालित हैं, जहां विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है।
छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में आज पहली बार पहाड़ी कोरवा विकास अभिकरण के अध्यक्ष श्री पीताम्बर राम और बैगा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री गिरधारी बैगा शामिल हुए और मुख्यमंत्री ने उनसे चर्चा भी की। परिषद की इससे पूर्व आयोजित बैठक में जनजाति सलाहकार परिषद में विशेष पिछड़ी जनजाति के प्रतिनिधियों को शामिल करने की अनुशंसा की गई थी।
श्री गिरधारी बैगा ने मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान मरवाही के धनौली में कक्षा 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास और एक कन्या छात्रावास की स्वीकृति तथा विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को बकरी पालन, मुर्गी पालन, सुअर पालन, गाय पालन के लिए शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि जनजाति के युवा समूह बनाकर गौठानों में इन गतिविधियों को प्रारंभ कर सकते हैं, इनके लिए सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। कोदो, कुटकी के लिए हाॅलर मिल की व्यवस्था भी गौठान में की जाएगी। बैठक में विशेष पिछड़ी जनजातियों के शिक्षित युवाओं को सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने की अनुशंसा की गई।
बैठक में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति मंत्री एवं परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. प्रेमसाय सिंह, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, राज्य जनजाति परिषद के उपाध्यक्ष श्री रामपुकार सिंह, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री बृहस्पति सिंह, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव श्री डी. डी. सिंह, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग की आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थीं ।
विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री मनोज मण्डावी, सांसद श्री दीपक बैज, संसदीय सचिव श्री इंदरशाह मंडावी, श्री चिंतामणि महाराज, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल, उपाध्यक्ष सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण श्री गुलाब कमरो, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, विधायक श्रीमती देवती कर्मा, श्री विनय भगत, श्री अनूप नाग, श्री चक्रधर सिंह, श्री बोधराम कंवर, पहाड़ी कोरवा विकास अभिकरण अम्बिकापुर के अध्यक्ष श्री पीताम्बर राम और बैगा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री गिरधारी बैगा के साथ ही प्रमुख सचिव विधि एवं विधायी कार्य श्री नरेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी, वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ, राजस्व विभाग की सचिव सुश्री रीता शांडिल्य, वित्त एवं नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी, बस्तर संभाग के आयुक्त श्री जी.आर चुरेन्द्र, बिलासपुर संभाग के आयुक्त श्री संजय कुमार अलंग तथा सरगुजा संभाग की आयुक्त सुश्री जिनेविवा किण्डो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा बैठक में शामिल हुईं । - पिछले 24 घंटे के दौरान 40,026 मरीज ठीक हुए हैं जबकि अब तक कुल 3,01,83,876 लोग संक्रमण से उभरने में कामयाब रहे हैं.
नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस के नए मामले स्थिर बने हुए हैं. पिछले कुछ दिनों से रोजाना 30 से 40 हजार के बीच नए मामले आ रहे हैं. हालांकि, गुरुवार के मुकाबले आज यानी शुक्रवार को नए मामलों और मौतों में कमी दर्ज की गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारत में पिछले 24 घंटे में 38,949 नए केस दर्ज किए गए हैं जबकि इस दौरान 542 मरीजों की वायरस के चलते मौत हुई है. गुरुवार को नए केस का आंकड़ा 41,806 और मौतों की संख्या 581 थी..
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटे के दौरान 40,026 मरीज ठीक हुए हैं जबकि अब तक कुल 3,01,83,876 लोग संक्रमण से उभरने में कामयाब रहे हैं. नए मामलों के मुकाबले ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अधिक रहने से एक्टिव केस में गिरावट दर्ज की गई है. फिलहाल, देश में 4,30,422 लोगों का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलो ंका 1.39 प्रतिशत है.
रिकवरी रेट की बात की जाए तो यह बढ़कर 97.28 फीसदी हो गई है. साप्ताहिक संक्रमण दर 5 प्रतिशत के नीचे अर्थात् 2.14 प्रतिशत पर है. वहीं, दैनिक संक्रमण दर (पॉजिटिविटी रेट) 1.99 प्रतिशत है, जो लगातार 25वें दिन तीन प्रतिशत से कम है.
टेस्टिंग पर गौर करें तो यह बढ़कर 44.00 करोड़ टेस्ट पर पहुंच गई है. देश में चल रहे व्यापक टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 39.53 करोड़ डोज लोगों को दी जा चुकी है. -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की 15 वीं बैठक
ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट के 103 और वर्ष 2001 से वर्ष 2018 तक के 55 एमओयू कार्यवाही प्रारंभ नहीं होने के कारण निरस्त करने का निर्णय
प्रभावशील एमओयू के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश में मक्का और गन्ना से एथेनॉल तैयार करने के प्लांट की स्थापना के लिए पूंजी निवेश के प्रस्तावों को परीक्षण के बाद जल्द से जल्द स्वीकृति प्रदान की जाए।मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की 15 वीं बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी उद्योगों की समस्याओं को दूर करने के लिए दो समितियों का गठन किया जाए। नीतिगत मामलों के संबंध में उद्योग मंत्री की अध्यक्षता तथा क्रियान्वयन संबंधी मामलों के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाए।उन्होंने कहा कि इन समितियों के माध्यम से कृषि आधारित उद्योगों तथा बस्तर अंचल में लौह खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना के कार्य में भी तेजी लाने के प्रयास किए जाएं।
राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की बैठक में वर्ष 2001-18 और वर्ष 2012 में आयोजित ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट के दौरान राज्य में उद्योगों की स्थापना के लिए किए गए एमओयू के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की गई।वर्ष 2001 से 2018 तक के 55 एमओयू तथा वर्ष 2012 में ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट के दौरान किए गए 103 एमओयू में निष्क्रियता के चलते किसी भी प्रकार की कार्यवाही प्रारंभ नही होने के कारण इन दोनों को मिलाकर कुल 158 एमओयू निरस्त करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2001 से 2018 के बीच 3 लाख 3 हजार 115 करोड़ 70 लाख रूपए के पूंजी निवेश के 211 एमओयू किए गए थे, इनमें वास्तविक पूंजी निवेश 78776.36 करोड़ रूपए का हुआ है।67 एमओयू में उत्पादन प्रारंभ हो चुका है, 61 एमओयू में क्रियान्वयन प्रारंभ हो गया है, जबकि 55 एमओयू में कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं, जिन्हें निरस्त करने का निर्णय लिया गया।इसी प्रकार ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट में 93 हजार 830 करोड़ रूपए 69 लाख रूपए पूंजी निवेश के 275 एमओयू किए गए थे, इनमें से वास्तविक पूंजी निवेश 2003.59 करोड़ रूपए का हुआ है।
6 परियोजनाओं में उत्पादन प्रारंभ हो चुका है। 25 परियोजनाओं में स्थल चयन कर क्रियान्वयन प्रारंभ हो गया है। शेष 103 एमओयू में कोई कार्य प्रारंभ नही हुआ है, जिन्हें निरस्त करने का निर्णय लिया गया।बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2019 से अब तक 115 एमओयू प्रभावशील हैं। इनमें प्रस्तावित पूंजी निवेश 46 हजार 937 करोड़ रूपए हैं। 92 परियोजनाओं में क्रियान्वयन प्रारंभ हो चुका है और एक में उत्पादन भी शुरू हो गया है। 23 नवीन एमओयू में कार्य प्रारंभ होना है।
बैठक में उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, विशेष सचिव ऊर्जा श्री अंकित आनंद, संचालक उद्योग श्री अनिल टुटेजा और सीएसआईडीसी के प्रबंध संचालक श्री अरुण प्रसाद मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे। श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती रेणु जी. पिल्ले, आबकारी विभाग के सचिव श्री निरंजन दास, राजस्व सचिव सुश्री रीता शांडिल्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा बैठक में शामिल हुईं। - CJI एनवी रमना ने कहा कि इस कानून का इस्तेमाल अंग्रेजों ने आजादी के अभियान को दबाने के लिए किया था, असहमति की आवाज को चुप करने के लिए किया था. महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक पर भी ये धारा लगाई गई, क्या सरकार आजादी के 75 साल भी इस कानून को बनाए रखना चाहती है?
नई दिल्ली : राजद्रोह की IPC की 124 A की चुनौती देने की नई याचिका के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र पर बड़ा सवाल है. CJI एनवी रमना ने कहा कि राजद्रोह कानून का इस्तेमाल अंग्रेजों ने आजादी के अभियान को दबाने के लिए किया था, असहमति की आवाज को चुप करने के लिए किया था. महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक पर भी ये धारा लगाई गई, क्या सरकार आजादी के 75 साल भी इस कानून को बनाए रखना चाहती है? SC ने कहा कि इसके अलावा राजद्रोह के मामलों में सजा भी बहुत कम होती है. CJI ने कहा कि इन मामलों में अफसरों की कोई जवाबदेही भी नहीं है.
प्रधान न्यायाधीश (CJI) ने अटार्नी जनरल से कहा कि धारा 66A को ही ले लीजिए, उसके रद्द किए जाने के बाद भी हज़ारों मुकदमें दर्ज किए गए. हमारी चिंता कानून का दुरुपयोग है. सुनवाई के दौरान CJI एनवी रमना ने कहा कि सरकार पुराने कानूनों को क़ानून की किताबों से निकाल रही है तो इस कानून को हटाने विचार क्यों नहीं किया गया? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह राजद्रोह कानून की वैधता का परीक्षण करेगा. मामले में केंद्र को नोटिस दिया गया तथा अन्य याचिकाओं के साथ इसकी सुनवाई होगी. SC ने कहा कि राजद्रोह कानून संस्थाओं के कामकाज के लिए गंभीर खतरा है.
CJI रमना ने कहा कि राजद्रोह का इस्तेमाल बढ़ई को लकड़ी का टुकड़ा काटने के लिए आरी देने जैसा हैऔर वह इसका इस्तेमाल पूरे जंगल को काटने के लिए करता है.उन्होंने कहा कि हम किसी राज्य या सरकार को दोष नहीं दे रहे हैं. लेकिन देखें कि कैसे सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66A का उपयोग जारी है, कितने दुर्भाग्यपूर्ण लोगों को भुगतना पड़ा है और इसके लिए कोई जवाबदेही नहीं है. यह ऐसा है जैसे अगर कोई पुलिस अधिकारी किसी गांव में किसी को ठीक करना चाहता है, तो वह धारा 124 ए का उपयोग कर सकता है. लोग डरे हुए हैंदरअसल, राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली पूर्व सैन्य अधिकारी की याचिका पर सुनवाई करने पर सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया है. याचिका में दावा किया गया है कि यह कानून अभिव्यक्ति पर 'डरावना प्रभाव' डालता है और यह बोलने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार पर अनुचित प्रतिबंध लगाता है.
CJI एनवी रमना, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस ऋषिकेश राय की पीठ ने याचिकाकर्ता को याचिका की एक प्रति अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल को सौंपने का निर्देश दिया था. मेजर-जनरल (अवकाशप्राप्त) एसजी वोमबटकेरे द्वारा दायर याचिका में दलील दी गई है कि राजद्रोह से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए पूरी तरह असंवैधानिक है, इसे स्पष्ट रूप से खत्म कर दिया जाना चाहिए. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की दलील है कि सरकार के प्रति असहमति आदि की असंवैधानिक रूप से अस्पष्ट परिभाषाओं पर आधारित एक कानून अपराधीकरण अभिव्यक्ति, अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत गारंटीकृत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार पर एक अनुचित प्रतिबंध है और बोलने की आजादी पर संवैधानिक रूप से अस्वीकार्य डराने वाले प्रभाव का कारण बनता है.याचिका में कहा गया कि राजद्रोह की धारा 124-ए को देखने से पहले, समय के आगे बढ़ने और कानून के विकास पर गौर करने की जरूरत है. हालांकि शीर्ष अदालत की एक अलग पीठ ने राजद्रोह कानून को चुनौती देने वाली दो पत्रकारों किशोरचंद्र वांगखेमचा (मणिपुर) और कन्हैयालाल शुक्ल (छत्तीसगढ़) की याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा था.यह पीठ इस मामले में 27 जुलाई को सुनवाई करेगी. अटॉर्नी जनरल ने मामले में केंद्र का पक्ष रखते हुए कहा कि कानून को खत्म करने की जरूरत नहीं है.केवल गाइडलाइन निर्धारित किए जाने चाहिए ताकि धारा अपने कानूनी उद्देश्य को पूरा कर सके. इस पर सीजेआई ने कहा कि यदि कोई पक्ष दूसरे पक्ष की आवाज़ नहीं सुनना चाहता है, तो वो इस कानून का उपयोग कर सकता है और दूसरों को फंसा सकता है.यह लोगों के लिए एक गंभीर सवाल है. - नई दिल्ली : भारत में पिछले दो दिनों से कोरोना के मामले लगातार बढ़ रह हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटों के दौरान 41,806 नए मामले सामने आए हैं।
इसके साथ देश में कोरोना के कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 3,09,87,880 हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटों के दौरान 581 मरीजों की मौत हुई है। इसके बाद देश में कुल मौतों की संख्या बढ़कर 4,11,989 हो गई है। इस दौरान 39,130 मरीज
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई ताजा जानकारी के मुताबिक देश में ठीक होने वाले मरीजों की दर करीब 97.28 तक पहुंच गई है। वहीं सप्ताह के दौरान पॉजिटिविटी रेट 5 फीसद से घटकर 2.21 तक आ गया है वहीं यदि रोजाना के पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो ये 2.15 फीसद है, जो लगातार 24वें दिन 3 फीसद से नीचे रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 43.80। लोगों के टेस्ट किए गए हैं।
गौरतलब है कि देश में बढ़ते मामलों की वजह से देश में तीसरी लहर के आने की आशंका तेज हो गई है। हालांकि सरकार या अन्य विशेषज्ञों की तरफ से इसको लेकर कुछ नहीं कहा गया है।
आपको बता दें कि कुछ समय पहले ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दी थी।उनका कहना था कि लॉकडाउन के खत्म होने के बाद से लोग लापरवाह हो रहे हैं। उनके मुताबिक लोगों ने मुंह पर मास्क लगाना संबंधी जरूरी नियमों को ताक पर रख दिया है, जो तीसरी लहर के आने की संभावना को बढ़ सकते हैं।
- केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान बुधवार को कहा कि केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता 11% बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया गया है. यह 1 जुलाई 2021 से लागू होगा.
कोरोना महामारी के बीच केन्द्र सरकार के लाखों कर्मचारियों को राहत देते हुए महंगाई भत्ते में 11 फीसदी का इजाफा किया है. इसके बाद अब महंगाई भत्ता 17 फीसदी से बढ़कर 28 फीसदी हो गया है. केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान बुधवार को कहा कि केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों और वेतनभोगियों का महंगाई भत्ता 28 फीसदी कर दिया गया है. यह 1 जुलाई 2021 से लागू होगा.मोदी सरकार के इस फ़ैसले का फ़ायदा केंद्र सरकार के क़रीब 48 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारियों को होगा. सरकार के इस फ़ैसले से सरकारी ख़ज़ाने पर 34400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
मोदी सरकार की तरफ से यह फैसला ऐसा वक्त पर लिया गया है जब पिछले साल इस पर रोक लगा दी गई थी. केन्द्र सरकार की तरफ से पहले 1 जनवरी 2020 तक डीए को रोका गया था और बाद में इसे बढ़ाकर 1 जुलाई 2021 तक रोका गया. केन्द्र सरकार की तरफ से यह फैसला कोरोना महामारी के बीच सरकार के घटते राजस्व और कल्याणकारी योजनाओं पर बढ़ते खर्चे के चलते लिया गया था.
महंगाई भत्ते पर तीन किश्त लंबित हैं, ये है- 1 जनवरी 2020 से लेकर 30 जून 2020 तक- 4 फीसदी, 1 जुलाई 2020 से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक- 3 फीसदी और 1 जनवरी 2021 से लेकर 30 जून 2021 तक- 4 फीसदी. महंगाई भत्ते पर लगी रोक हटाने के बाद केन्द्रीय कर्मचारियों के टेक-हम सेलरी, प्रोविडेंट फंड कंट्रीब्यूशन और ग्रेच्युटी में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है.
आइये जानते है कितनी बढ़ेगी सेलरी?
आइये जानते हैं कि महंगाई भत्ते पर लगी रोक हटाने के बाद केन्द्र कर्मचारियों के वेतन में कितना इजाफा हो सकता है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सातवें पे कमिशन के मुताबिक, लेवल-1 कर्मचारी का मिनिमम ग्रेड पे 1,800 और उसकी बेसिल सेलरी 18,000 से लेकर 56,900 के बीच है. इस एंट्री लेवल के कर्मचारी जिनकी बेसिक सेलरी 18 हजार है, उनके प्रोविडेंट फंड और टैक्स में कटौती से पहले टेक-होम सेलरी में 1,980 रुपये का इजाफा होगा.
हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि 1 जनवरी 2020 से बकाया महंगाई भत्ते का भुगतान सरकार कब करेगी. बकाए का भुगतान करने से राजकोष पर बड़ा असर होगा. उदाहरण के लिए लेवल-1 के कर्मचारी का न्यूनतम बकाया 23,760 (18,000 रुपये छह महीने के लिए 4 फीसदी के साथ, 18 हजार का छह महीने के लिए 7 फीसदी के साथ और 18 हजार का छह महीने के लिए 11 फीसदी के साथ). इसी तरह, अगर हम सभी केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का बकाया जोड़ेंगे तो यह सरकार के लिए एक बड़ी रकम है. -
नई दिल्ली : COVID-19 संकट के बीच कांवड़ यात्रा की इजाजत देने के यूपी सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है. जस्टिस आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है. कोर्ट ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने पूछा है कि कोविड संकट के बीच कांवड़ यात्रा क्यों? 16 जुलाई को मामले की सुनवाई होगी. कोर्ट ने उतराखंड सरकार से भी जवाब दाखिल करने को कहा है. जस्टिस नरीमन ने एसजी तुषार मेहता से कहा कि हमने आज इंडियन एक्सप्रेस में कुछ परेशान करने वाला पढ़ा कि यूपी राज्य ने कांवड़ यात्रा को जारी रखना चुना है, जबकि उत्तराखंड राज्य ने अपने अनुभव के साथ कहा है कि कोई यात्रा नहीं होगी. हम जानना चाहते हैं कि संबंधित सरकारों का क्या स्टैंड है. भारत के नागरिक पूरी तरह से हैरान हैं. वे नहीं जानते कि क्या हो रहा है और वहीं प्रधानमंत्री से देश में कोविड की तीसरी लहर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम थोड़ा-सा भी समझौता नहीं कर सकते. हम केंद्र, यूपी राज्य और उत्तराखंड राज्य को नोटिस जारी कर रहे हैं, क्योंकि यात्रा 25 जुलाई से निकलने वाली है, हम चाहते हैं कि वे जल्द से जल्द जवाब दाखिल करें ताकि मामले की शुक्रवार को सुनवाई हो सके.
योगी के फैसले के चलते उत्तराखंड सरकार भी दुविधा मेंबता दें कि उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा न कराने के अपने फैसले पर पुनर्विचार का फैसला किया है. अभी देश कोरोना की दूसरी लहर से ठीक से उबर भी नहीं पाया है पर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से शुरू करने का ऐलान करके उत्तराखंड सरकार की दुविधा बढ़ा दी है. योगी आदित्यनाथ ने खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से इस विषय पर बात की है. योगी ने इस बारे में फोन किया है, उसके बाद उत्तराखंड सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगी. दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ ऐलान कर चुके हैं कि 25 जुलाई से यूपी में कांवड़ यात्रा निकाली जाएगी, जिसे पिछले साल कोरोना के चलते रद्द कर दिया गया था. गौरतलब है कि कुंभ को लेकर आलोचना झेलने के बाद उत्तराखंड सरकार ने फैसला किया था कि वह इस बार कांवड़ यात्रा नहीं कराएगी लेकिन लगता है कि इस फैसले को बदलने की तैयारी है. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रा कई राज्यों का मामला है, हम इन राज्यों से बात करके निर्णय लेंगे.
तीन दिन पहले ही उत्तराखंड के डीजीपी ने कहा था कि कोरोना महामारी के चलते कांवड़ यात्रा नहीं कराई जाएगी. हरिद्वार में मार्च-अप्रैल माह में आयोजित हुए कुंभ के दौरान उत्तराखंड और देश में कोरोना के केसों की संख्या में तेजी आई थी. कई साधुओं और सैकड़ों लोगों को इस दौरान जान गंवानी पड़ी थी. कुंभ में आने वालों के लिए कोविड निगेटिव आरपीसीआर रिपोर्ट लाना अनिवार्य किया गया था, बाद में जांच में पता चला कि हजारों रिपोर्ट फर्जी हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जब यह सवाल किया गया कि क्या केंद्र सरकार, उत्तराखंड और यूपी सरकार को कांवड़ यात्रा कराने से रोकेगी तो उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री ने पहले ही कहा था कि 'जान भी जहान भी' तो इसे बेलेंस करते हुए कैसे आगे बढ़ना है, इस बारे में देखना होगा. जो भी कार्य किया जाए वह कोविड सेफ करके किया जाए. -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज राजभवन में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सौजन्य भेंट की। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को शाल एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने भी राज्यपाल को साड़ी भेंट कर सम्मान किया।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए किए गए कार्यों की सराहना की और उनका अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इसके लिए उन्हें धन्यवाद दिया। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से अनुसूचित क्षेत्रों में नगर पंचायत की स्थापना के संबंध में आवश्यक सुझाव दिए।
उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना एवं चन्दूलाल चन्द्राकर चिकित्सा महाविद्यालय के संबंध में भी चर्चा की। साथ ही उच्च शिक्षा विभाग की समन्वय समिति और आदिवासी मंत्रणा परिषद् की बैठक जल्द बुलाने को कहा। सुश्री उइके ने कहा कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर विभिन्न शासकीय विभागों तथा विश्वविद्यालय स्तर पर नौकरी कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रकरणों का न्यायालय में जल्द सुनवाई कराएं और दोषियों पर वैधानिक कार्यवाही करें। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू एवं राज्यपाल के सचिव श्री अमृत कुमार खलखो भी उपस्थित थे। -
नई दिल्ली : भारत में करीब 118 दिनों के बाद सबसे कम नए मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिए आंकड़ों के मुताबिक देश में बीते 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के कुल 31443 मामले सामने आए हैं।
मंत्रालय के मुताबिक देश में रिकवरी रेट में तेजी आई है और ये अब 97.28 फीसद तक जा पहुंचा है। देश के एक्टिव मामलों की संख्या अब 431315 हो गई है, जो बीते 109 में सबसे कम है।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि देश के कुछ ऐसे राज्य भी हैं जहां के बढ़ते मामलों ने केंद्र और राज्य सरकार की चिंता को बढ़ा रखा है। पिछले दिनों ही केंद्र की तरफ से इनको एक पत्र भी लिखा गया था और यहां के लिए टीम का भी गठन किया गया था।इस टीम का मुख्य काम राज्यों द्वारा महामारी की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी लेना और उन्हें जरूरत पर सही सलाह देना शामिल है। उत्तर पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और त्रिपुरा में भी बढ़ते मामलों के मद्देनजर केंद्र ने अपनी टीम को वहां पर भेजा है।
देश में ऐसे करीब आठ राज्य हैं जहां पर लगातार कोरोना के मामलों में तेजी देखी जा रही है। इसको देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को आठ राज्यों, जिसमें असम, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम शामिल हैं, के मुख्यमंत्रियों से इस विषय पर वर्चुअल बैठक भी करने वाले हैं। इसका मकसद बढ़ते मामलों की रोकथाम को लेकर किए जाने वाले उपायों पर विचार करना है। ये बैठक सुबह 11 बजे होगी। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ही कैबिनेट सचिव ने देश के पूर्वोत्तर राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों से इस मुद्दे पर समीक्षा बैठक की थी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
’’स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’’ और ’’बेसलाईन एवं प्रोग्रेस रिपोर्ट 2020’’ का विमोचन
मुख्यमंत्री ने एसडीजी सेल गठित करने के प्रस्ताव को दी सहमति
स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क के तर्ज पर जल्द ही ’डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’ का भी होगा निर्धारण
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार का विकास एजेण्डा और राज्य सरकार की योजनाएं संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा अपनाए गए सतत विकास लक्ष्य से जुड़ी हुई हैं। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि विकास में कोई भी पीछे न छूटे।
राज्य सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए कृत संकल्पित है। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में सतत विकास लक्ष्य की समीक्षा के लिए गठित राज्य स्तरीय सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) संचालन समिति की प्रथम बैठक कोे सम्बोधित कर रहे थे। संयुक्त राष्ट्रसंघ महासभा द्वारा अपनाए गए सतत विकास लक्ष्यों में गरीबी खत्म करना, पर्यावरण की रक्षा, आर्थिक असमानता को कम करना और सभी के लिए शांति और न्याय सुनिश्चित करना शामिल है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार जन कल्याणकारी योजनाओं यथा मध्यान्ह भोजन, मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना, सर्वभौमिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली, हाट बाजार एवं मोहल्ला क्लीनिक योजना, महतारी जतन योजना, राजीव गाँधी किसान न्याय, सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों के उद्देेश्यों को पूरा करने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने सतत् विकास लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गये ’’स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’’ तथा उस पर आधारित ’’बेसलाईन एवं प्रोग्रेस रिपोर्ट 2020’’ का विमोचन किया। उन्हांेने बैठक में विभागों को सतत् विकास लक्ष्य प्राप्ति हेतु तेजी से काम करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गये ’स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’ से लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु सुनियोजित रुप से मूल्यांकन, अनुश्रवण और अनुशीलन किया जा सकेगा, जिससे विभागीय योजनाओं, कार्यक्रमों के क्रियान्वयन मंे कसावट आयेगी और राज्य की रैकिंग में सुधार होगा।
इस फ्रेमवर्क में 17 लक्ष्यों के मूल्यांकन हेतु 275 इंडिकेटर्स का निर्धारण किया गया है। फ्रेमवर्क में प्रत्येक इंडिकेटर को विभागों के साथ मैप किया गया है साथ ही विभिन्न योजनाओं की भी मैपिंग की गई है। योजना आयोग द्वारा तैयार किये गए प्रत्येक एस.डी.जी. लक्ष्य हेतु इंडिकेटर्स से सभी लक्ष्यों की समयाबद्ध पूर्ति में विभागों को सहायता मिलेगी तथा व्यवस्थित रुप से मूल्यांकन भी संभव हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने राज्य योजना आयोग के स्तर पर एस.डी.जी. सेल गठित करने के प्रस्ताव को सहमति दी।
श्री बघेल ने कहा कि स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क के तर्ज पर जल्द ही डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क का भी निर्धारण किया जाएगा, जिससे सभी जिलों को उनके परफॉरमेंस के आधार पर रैकिंग दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा हाल में ही ’’एस.डी.जी. इंडिया इंडेक्स’’ जारी किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ ने 61 अंक हासिल कर ’’परफार्मर’’ राज्य की श्रेणी में स्थान बनाया है। राज्य ने लैगिंक समानता में पूरे देश में सर्वोच्च स्थान हासिल किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 सितम्बर 2015 को संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70 वी बैठक में सतत विकास लक्ष्य (एस.डी.जी.)को अंतराष्ट्रीय समुदाय द्वारा अपनाया गया। जिसमें 17 गोल 169 लक्ष्य एवं 231 इन्डिकेटर को स्वीकृत करते हुये सतत विकास के कार्यक्रम को प्रारंभ करने का संकल्प लिया गया। हमारा देश भारत भी इसके लिये संकल्पित है। उसी प्रकार हमारा छत्तीसगढ़ भी मानव कल्याण के इस बड़े अभियान के लिये संकल्पित है। राज्य सरकार के विकास एजेंडा, जनघोषणा पत्र के उद्देश्य में भी, एस.डी.जी. ध्येय के अनुरुप अंत्योदय का संकल्प सम्मिलित है और हम सब इसके लिये प्रतिबद्ध है। एस.डी.जी. के सिद्धान्त के अनुरुप ही राज्य सरकार भी अपनी योजनाओं को इस प्रकार क्रियान्वित कर रही है कि विकास के लाभ अंतिम छोर पर बैठक व्यक्ति तक प्रभावी रुप से पहुंच सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के अभियान में सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य योजना आयोग ने सिविल सोसायटी, बिजनेस आर्गेनाइजेशन, विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, विषय विशेषज्ञों एवं युवाओं की कार्यशालायें आयोजित कर संबंधितों को अभियान के प्रति जागरुक करने एवं इससे जोड़ने के प्रयास किए हैं।
योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री अमरजीत भगत ने योजना आयोग द्वारा तैयार किये गये स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क सतत विकास लक्ष्यों को राज्य में प्रभावी रूप से लागू करने में सहायक होगा। योजना आयोग द्वारा प्रोग्रेस रिपोर्ट भी तैयार की गई है। जिसमें इंडिकेटरवार प्रगति सूचित की गई है।
उन्होंने विभागाध्यक्षों तथा जिला अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं की इसी फ्रेमवर्क के आधार पर मॉनिटरिंग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद राज्य योजना आयोग ने संबंधित विभागों के समन्वय से यह फ्रेमवर्क तैयार करने का सराहनीय प्रयास किया है। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने इंडेक्स ने लक्ष्यवार राज्य की रैंकिंग में सुधार करने, गुणवत्तायुक्त डाटा संग्रहण की आवश्यकता बताई।
राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह द्वारा एस.डी.जी. निर्धारण हेतु किये गये प्रयास, संस्थागत ढ़ांचा निर्धारण, राज्य एवं जिला स्तर पर अनुश्रवण व अनुशीलन हेतु गठित समितियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एसडीजी के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल तथा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में दो समितियां तथा जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता समिति गठित की गई है।मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने बैठक में बताया कि अभी तक कुछ ही राज्यों ने ’एस.डी.जी. इंडिकेटर फ्रेमवर्क व प्रोग्रेस रिपोर्ट’ का निर्धारण किया है। इंडेक्स में छत्तीसगढ़ राज्य को परफार्मर की श्रेणी में रखा गया है। जिसमें सुधार की काफी संभावनाएं हैं। छत्तीसगढ़ द्वारा त्वरित रुप से प्राथमिकता से तैयार किये गये इंडिकेटर फ्रेमवर्क से सर्वांगीण विकास हेतु सभी सेक्टर प्रभावी रुप से सक्रिय हो सकेंगे।
बैठक में योजना एवं साख्यिकी मंत्री श्री अमरजीत भगत, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा और श्री राजेश तिवारी, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, राज्य योजना आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम, सदस्य सचिव श्री अनूप कुमार श्रीवास्तव, राज्य योजना आयोग के संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गौरडिया मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे। कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, श्रम मंत्री श्री शिवकुमार डहरिया, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, सचिव वित्त श्रीमती अलरमेलमंगई डी., आयुक्त योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी, युनिसेफ के छत्तीसगढ़ प्रमुख श्री जॉब जकारिया, युनिसेफ के श्री बाल परितोष दास और श्री मेहबूब रहमान वर्चुअल रूप से बैठक में शामिल हुए। -
नई दिल्ली : कोरोना की तीसरी संभावित लहर से आशंकित देशवासियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। देश की एक स्वदेशी वैक्सीन बाजार में जल्द आने को तैयार है।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से कुछ दिनों में जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की कोरोना वैकसीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल सकती है। तीन डोज वाली डीएनए आधारित यह वैक्सीन 12 से 18 साल उम्र के बच्चों समेत सभी लोगों पर कारगर है। यह दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है।
जायडस ने अपनी कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मंजूरी मांगी है। कंपनी ने इस वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण पूरा कर लिया है।सूत्रों का कहना है कि विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) इस सप्ताह होने वाली बैठक में जायडस द्वारा जमा किए गए डेटा की समीक्षा करेगी। अगर डेटा संतुष्ट पाया जाता है तो डीसीजीआइ से अंतिम मंजूरी कुछ दिनों में दी जा सकती है।
जायकोवी-डी डीएनए आधारित वैक्सीन है। इसमें कोरोना वायरस का जेनेटिक कोड है जो टीका लगवाने वाले के शरीर में इम्यून सिस्टम को सक्रिय करता है। यह दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है। जबकि भारत की दूसरी स्वदेशी वैक्सीन है जिसने आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन किया है।
भारत ने कोरोना के खिलाफ कोवैक्सिन (भारत बायोटेक), कोविशील्ड (सीरम इंस्टीट्यूट) और रूसी स्पुतनिक वी को मंजूरी दी है। इसके अलावा मार्डना वैक्सीन के आयात को हाल ही में मंजूरी दी गई है। जायकोवी-डी तीन डोज वाला टीका है। पहला टीका लेने के 28वें दिन दूसरी और 56वें दिन तीसरी डोज लेनी होगी। जायकोवी-डी को लंबे समय तक इस्तेमाल करने के लिए दो से आठ डिग्री सेल्सियस तक भंडारण करना होगा। -
दिल्ली-एनसीआर व अन्य शहरों में मदर डेयरी का दूध रविवार से दो रुपये प्रति लीटर अधिक कीमत पर मिलेगा.
नई दिल्ली : पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने की वजह से देश में सभी चीजें महंगी हो रही हैं. अब मदर डेयरी ने दिल्ली-एनसीआर और अन्य शहरों में दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है. ये नया रेट कल से लागू होगा. इससे पहले कंपनी ने दिसंबर 2019 में आखिरी बार दूध की कीमतें बढ़ाई थीं. मदर डेयरी दिल्ली-एनसीआर में रोजाना 30 लाख लीटर से ज्यादा दूध बेचती है. इससे पहले अमूल कंपनी ने 1 जुलाई से दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी.
अब मदर डेयरी के एक लीटर टोकन मिल्क की कीमत 42 रुपये से बढ़कर 44 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है. वहीं फुल क्रीम मिल्क 55 रुपये से बढ़कर 57 रुपये प्रति लीटर हो गया है. 47 रुपये लीटर मिलने वाला काउ मिल्क 49 रुपये प्रति लीटर हो गया है.
मदर डेयरी ने अपने बयान में कहा, "11 जुलाई 2021 से दिल्ली-एनसीआर में अपने दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने के लिए मजबूर है. नई कीमतें सभी दूध वेरिएंट के लिए लागू होंगी. कंपनी कुल इनपुट लागत पर मुद्रास्फीति के दबाव का सामना कर रही है, जो पिछले एक साल में कई गुना बढ़ गई है. साथ ही चल रही महामारी के कारण दूध उत्पादन में संकट है."
मदर डेयरी ने आगे कहा, "यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले तीन-चार हफ्तों में अकेले दूध की कृषि कीमतों में लगभग 4 फीसदी की वृद्धि हुई है. पिछले एक साल में दूध की खरीद के लिए अधिक कीमतों का भुगतान करने के बावजूद, उपभोक्ता कीमतों को बरकरार रखा गया था. इस संशोधन के बाद, दूध की कीमतों में 4 फीसदी का संशोधन किया जा रहा है." - त्रिपुरा ने शुक्रवार को पुष्टि की कि पश्चिम बंगाल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 151 सैंपल्स में से 90 सैंपल्स पॉजिटिव पाए गए हैं. इन सैंपल्स में डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि हुई है.
त्रिपुरा ने शुक्रवार को पुष्टि की कि पश्चिम बंगाल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 151 सैंपल्स में से 90 से ज्यादा सैंपल्स पॉजिटिव पाए गए हैं. इन सभी सैंपल्स में डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि हुई है, जिससे कोविड-19 की तीसरी लहर आने की आशंका और ज्यादा बढ़ गई है. राज्य के मेडिकल एक्सपर्ट्स ने इस बारे में जानकारी दी.
त्रिपुरा में कोविड -19 के एक नोडल अधिकारी डॉ. दीप देव वर्मा ने शुक्रवार को कहा, "त्रिपुरा ने पश्चिम बंगाल में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए 151 आरटी-पीसीआर सैंपल्स भेजे थे. इनमें से 90 से अधिक सैंपल्स डेल्टा प्लस वेरिएंट के लिए पॉजिटिव पाए गए," उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है. इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 174 जिलों में SARS-CoV-2 कोरोनावायरस के 'चिंता के प्रकार' पाए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इनमें से सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात से हैं.
उत्तर प्रदेश के दो जिलों में पाए गए मामले
सबसे पहले उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और देवरिया से डेल्टा प्लस कोविड -19 वेरिएंट के दो मामले दर्ज किए. गोरखपुर में रहने वाली 23 साल की एमबीबीएस छात्रा के अंदर डेल्टा प्लस वेरिएंट मिला है. वहीं, वहीं, देवरिया जिले के रहने वाले बुजुर्ग की मौत हो गई है. बुजुर्ग की उम्र 66 साल थी. बुजुर्ग 17 मई को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. बता दें कि डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर कुछ विशेषज्ञों ने अपनी चिंता व्यक्त की है और बताया है कि ये वेरिएंट पहले से ज्यादा शक्तिशाली है, जिसपर वैक्सीन का भी असर ना के बराबर होगा. डेल्टा ने भारत में दस्तक देते ही अपना विकराल रूप लेना शुरू कर दिया है. -
मिडिया रिपोर्ट
बांग्लादेश की राजधानी ढाका के बाहरी क्षेत्र में एक फैक्टरी में आग लगने से 52 लोगों की मौत हो गयी है और 50 से अधिक लोग झुलस गये. शुक्रवार को एक खबर में यह जानकारी दी गई. दमकल अधिकारियों के अनुसार नारायणगंज के रूपगंज में शेजान जूस फैक्ट्री में गुरुवार की शाम लगभग पांच बजे आग लग गई. ऐसी आशंका है कि आग इमारत के भूतल से लगी और रसायनों तथा प्लास्टिक की बोतलों की मौजूदगी के कारण तेजी से फैल गई.
‘ढाका ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार, इस हादसे में 52 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग झुलस गये. भीषण आग से बचने के लिए कई मजदूर इमारत से कूद गए.
खबर के अनुसार, हाशेम फूड्स लिमिटेड के कारखाने की इमारत में आग बुझाने के लिए दमकल की 18 गाड़ियां लगी हुई हैं. इसके अनुसार लोग अपने उन प्रियजनों की तलाश में इमारत के सामने एकत्र हो गए हैं, जो अभी भी लापता हैं। लापता लोगों में से 44 श्रमिकों की पहचान की पुष्टि की गई है.
बचाए गए श्रमिकों और उनके रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि आग लगने के समय कारखाने का एकमात्र निकास द्वार बंद था. उन्होंने यह भी दावा किया कि इमारत में आग से सुरक्षा के कोई उचित उपाय नहीं थे.
इस बीच, नारायणगंज जिला अग्निशमन सेवा के उप निदेशक अब्दुल्ला अल अरेफिन ने बताया कि आग पर पूरी तरह से काबू पाने में कुछ समय लगेगा. उन्होंने कहा, ‘‘जब तक आग पर काबू नहीं पाया जाता, तब तक यह कहना संभव नहीं है कि इस हादसे में कितना नुकसान हुआ है और आग लगने का कारण क्या है.’’
- भारत में बीते 24 घंटे में 43,393 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,07,52,950 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 4,58,727 हो गई है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में 911 और लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,05,939 हो गई। अभी 4,58,727 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 1.49 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मामलों में कुल 1,977 की कमी आई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.19 प्रतिशत है।
बता दें कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए कड़ों के अनुसार, देश में गुरुवार को 817 लोगों की ही मौत हुई थी लेकिन शुक्रवार को यह आंकड़ा बढ़कर 911 हो गया।
आंकड़ों के अनुसार, अभी तक कुल 42,70,16,605 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 17,90,708 नमूनों की जांच गुरुवार को की गई। देश में नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर 2.42 प्रतिशत है। यह पिछले 18 दिनों से लगातार तीन प्रतिशत से कम है। नमूनों के संक्रमित आने की साप्ताहिक दर भी कम होकर 2.36 प्रतिशत हो गई है। अभी तक कुल 2,98,88,284, लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। कोविड-19 से मृत्यु दर 1.32 प्रतिशत है।
देश में अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की कुल 36.89 करोड़ खुराक दी जा चुकी है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी।वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।
आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे में जिन 911 लोगों की संक्रमण से मौत हुई, उनमें से महाराष्ट्र के 439 , केरल के 142 और कर्नाटक के 62 लोग थे। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 से अभी तक कुल 4,05,939 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र के 1,24,296, कर्नाटक के 35,663, तमिलनाडु के 33,253, दिल्ली के 25,008, उत्तर प्रदेश के 22,676, पश्चिम बंगाल के 17,867 और पंजाब के 16,157 लोग थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है। -
नई दिल्ली : देशभर के कई शहरों में कोविड वैक्सीन की किल्लत की शिकायतें मिल रही हैं. जिस वजह से वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी पड़ गई है. वैक्सीन की कमी की वजह से आज पूरे मुंबई में कहीं भी टीका नहीं लगाया जा रहा है. यहां टीकाकरण अभियान को बंद करना पड़ा है. हालांकि लोगों को इसकी जानकारी नहीं थी जिसकी वजह से वैक्सीनेशन सेंटर पर सुबह से ही लोगों की लाइन देखने को मिल रही है.
देशभर में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था. 21 जून को रिकॉर्ड 90 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लगा था. लेकिन अब रफ्तार सुस्त हो गई है. अबतक करीब 37 करोड़ वैक्सीन के टीके लगाए जा चुके हैं. लेकिन शुक्रवार को सिर्फ 40 लाख लोगों को ही टीका लगाया गया. जहां वैक्सीनेशन ने 90 लाख का आंकड़ा छू लिया था, अब ये आधे से भी कम पर आ चुका है. इसका एक कारण देश में फिर से वैक्सीन की कमी को भी माना जा रहा है.
पिछले 15 दिनों का देश का वैक्सीनेशन चार्ट
8 जुलाई- 40.23 लाख7 जुलाई- 36.05 लाख6 जुलाई- 45.82 लाख5 जुलाई- 14.81 लाख4 जुलाई- 63.87 लाख3 जुलाई- 43.99 लाख2 जुलाई- 42.64 लाख1 जुलाई- 27.60 लाख30 जून- 36.51 लाख29 जून- 52.76 लाख28 जून- 17.21 लाख27 जून- 64.25 लाख26 जून- 61.19 लाख25 जून- 60.73 लाख24 जून- 64.89 लाख23 जून- 54.24 लाख
मुंबई में कब शुरू होगा टीकाकरण
बीएमसी के बयान के अनुसार टीके का नया भंडार आने के बाद ही टीकाकरण अभियान बहाल होगा. बयान में कहा गया है, 'मुंबई के नागरिकों को टीके के भंडार की उपलब्धता के आधार पर टीकाकरण के बारे में निरंतर सूचना दी जाती है और इस संबंध में एक उपयुक्त फैसला किया गया है.' इससे पहले, एक जुलाई को बीएमसी ने टीके की कमी के चलते निगम औऱ सरकार संचालित टीकाकरण केंद्रों पर टीकाकरण अभियान निलंबित कर दिया था.
बीएमसी के अनुसार बुधवार तक महानगर में 58,84,019 लोगों का टीकाकरण किया गया जिनमें 12,29,546 लोगों को दोनों खुराक दी जा चुकी है. महानगर में फिलहाल 401 कोविड टीकाकरण केंद्र हैं जिनमें 283 को बीएमसी चलाती है जबकि 20 के संचालन का जिम्मा सरकार और 98 का निजी अस्पतालों के पास है.
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आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी की मौत को आज पांच साल पूरे हो गए. हर साल आतंकी 8 जुलाई को हमले की फिराक में रहते हैं.
जम्मू-कश्मीर : कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. दक्षिण कश्मीर के दो जगहों पर एक साथ चल रहे एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने कुल चारन आतंकियों को ढेर कर दिया है. कुलगाम में सुरक्षाबलों ने लश्कर के दो आतंकियों को मार गिराया, वहीं पुलवामा में भी एनकाउंटर में भी दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया.
बता दें कि आज हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर रहे बुरहान वानी की मौत को पांच साल पूरे हो गए हैं. 8 जुलाई 2016 को कोकेरनाग में बुरहान वानी मारा गया था. उसके बाद से हर साल आतंकी 8 जुलाई को हमले की फिराक में रहते हैं लेकिन ऐसा कुछ कदम उठाने से पहले ही सुरक्षाबलों ने उनका काम तमाम कर दिया.
बुधवार को मेहराजुद्दी उर्फ उबैद को मार गिराया गया था
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में बुधवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन का एक शीर्ष कमांडर मारा गया. यह जानकारी पुलिस ने दी. पुलिस के एक प्रवक्ता ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार शाम को कुपवाड़ा जिले के गांदर्स इलाके के वातेन में वाहनों की नियमित जांच के दौरान हिज्बुल मुजाहिदीन समूह का कमांडर मेहराजुद्दीन हलवाई उर्फ उबैद पकड़ा गया था.
प्रवक्ता ने कहा, "उसकी निजी तलाशी के दौरान उसके पास से एक ग्रेनेड बरामद किया गया. तदनुसार, उसे पूछताछ के लिए तुरंत निकटतम पुलिस चौकी ले जाया गया. पूछताछ के दौरान, उसने अपना नाम मेहराजुद्दीन हलवाई उर्फ उबैद बताया, जो प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का एक सक्रिय आतंकवादी कमांडर था." - भारत में कोरोना एक्टिव मामले अभी भी चार लाख से ज्यादा हैं. अब अमेरिका, ब्राजील, ब्रिटेन के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा एक्टिव केस भारत में हैं.
नई दिल्ली : कोरोना महामारी का कहर अभी भी जारी है. हर दिन औसतन 45 हजार नए कोरोना केस आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 45,892 नए कोरोना केस आए और 817 संक्रमितों की जान चली गई है. वहीं पिछले 24 घंटे में 44,291 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं यानी कि कल 784 एक्टिव केस बढ़ गए.
कोरोना संक्रमण की ताजा स्थिति-
कुल कोरोना केस- तीन करोड़ 7 लाख 9 हजार 557
कुल डिस्चार्ज- दो करोड़ 98 लाख 43 हजार 825
कुल एक्टिव केस- 4 लाख 60 हजार 704
कुल मौत- 4 लाख 5 हजार 28
देश में अब कोरोना संक्रमण के नए मामलों से कम रिकवरी हो रही है. 7 जुलाई तक देशभर में 36 करोड़ 48 लाख कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं. बीते दिन 33 लाख 81 हजार टीके लगाए गए. वहीं अबतक करीब 42 करोड़ 52 लाख कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं. बीते दिन करीब 19 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 3 फीसदी से कम है.
देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.32 फीसदी है जबकि रिकवरी रेट 97 फीसदी से ज्यादा है. एक्टिव केस 2 फीसदी से कम हैं. कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का चौथा स्थान है. कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भी भारत का दूसरा स्थान है. जबकि दुनिया में अमेरिका, ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा मौत भारत में हुई है.
महाराष्ट्र में संक्रमण के 9,558 नए मामले, 147 और मरीजों की मौतमहाराष्ट्र में बुधवार को वायरस संक्रमण के 9,558 नए मामले सामने आए और 147 मरीजों ने दम तोड़ दिया. संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 61,22,893 हो गए और मृतकों की संख्या बढ़कर 1,23,857 हो गई. राज्य में अब तक 58,81,167 लोग ठीक हो चुके हैं और अभी 1,14,625 मरीज उपचाराधीन हैं.
महाराष्ट्र में संक्रमण की दर 14.2 प्रतिशत है. विभाग के अनुसार, मुंबई में संक्रमण के 662 नए मामले सामने आए तथा नौ और मरीजों की मौत हो गई जिसके बाद कुल मामले बढ़कर 7,26,278 हो गए और मृतकों की संख्या 15,573 पर पहुंच गई. -
1 मई को 90.40 रुपये प्रति लीटर की कीमत रेखा से शुरू होकर राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत अब 100 रुपए 21 पैसे प्रति लीटर हो गई है
नई दिल्ली : राजधानी में बुधवार को पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गई. पेट्रोल के दाम 35 पैसे प्रति लीटर और डीज़ल के दाम 23 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं. दिल्ली में पेट्रोल की कीमत अब 100.21 रुपये प्रति लीटर और डीजल 89.53 रुपये प्रति लीटर है.
15 राज्यों में 100 के पार हुए पेट्रोल, देखें लिस्ट
इसके साथ ही देश के चार महानगरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में पेट्रोल 100 रुपये के पार हो गया. देश के जिन 15 राज्यों में पेट्रोल 100 का आंकड़ा पार चुका है उनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, जम्मू और कश्मीर, ओडिशा, केरल, बिहार, पंजाब, लद्दाख, सिक्कम और दिल्ली शामिल हैं.
1 मई को देश में 90.40 रुपये प्रति लीटर था पेट्रोल
पिछले दो महीनों में कई वृद्धि के माध्यम से देश भर में ईंधन की दरें नई ऊंचाई पर पहुंच गई हैं. 1 मई को 90.40 रुपये प्रति लीटर की कीमत रेखा से शुरू होकर राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत अब 100 रुपए 21 पैसे प्रति लीटर हो गई है, जो पिछले 68 दिनों में 9.81 रुपए प्रति लीटर की तेज वृद्धि है. इसी तरह, राजधानी में डीजल की कीमतें भी पिछले दो महीनों में 8.80 रुपए प्रति लीटर बढ़ी है. मई और जून के बीच 61 दिनों में 32 दिन दाम बढ़े थे.
राहुल ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर सरकार पर निशाना साधा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर बुधवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता की गाड़ी भले ही पेट्रोल या डीजल पर चलती है, लेकिन मोदी सरकार कर वसूली पर चलती है. कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, "आपकी गाड़ी चाहे पेट्रोल पर चलती हो या डीज़ल पर, मोदी सरकार टैक्स वसूली पर चलती है."