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- नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस के मामले बीते दो दिनों से कम होते नजर आ रहे हैं। बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस के 28 हजार 204 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, 41 हजार 511 रिकवरी हुईं और 373 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। ये राहत देने वाली बात है कि पिछले 24 घंटों में नए मामले और मौतें घटी हैं, तो रिकवरी दर बढ़ी है।
भारत में पिछले 24 घंटे में नए कोरोना मामलों में 20 फीसद से ज्यादा कमी आई है। इस दौरान देश में कोरोना वायरस की 54 लाख 91 हजार 647 वैक्सीन लगाई गईं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 51 करोड़ 45 लाख 268 पहुंच गया है।
भारत में अब तक कुल 3 करोड़ 19 लाख 98 हजार 158 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। अब तक कुल 3 करोड़ 11 लाख 80 हजार 968 लोग इस जानलेवा वायरस को मात दे चुके हैं।देश में इस समय सक्रिय मामलों की संख्या 3 लाख 88 हजार 508 है। अब तक देश में कोरोना वायरस की चपेट में आकर 4 लाख 28 हजार 682 लोगों की मौत हो चुकी है।
देश में सक्रिय मामले कम हो रहे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण से बुरी तरह जूझ रहे केरल में स्थिति सुधरती नजर नहीं आ रही है। रविवार को कम जांच होने के चलते सोमवार को नए मामलों में तो कमी आई, लेकिन केरल फिर भी आधे से अधिक मामले पाए गए।हालांकि, राज्य में मृतकों की संख्या सौ से नीचे आ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से मंगलवार सुबह आठ बजे अपडेट किए गए आंक़़डों के मुताबिक, सक्रिय मामलों में लगातार तीसरे दिन भी गिरावट दर्ज की गई और एक्टिव केस चार लाख के नीचे आ गए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में आज 147 दिनों में कोरोना वायरस के सबसे कम 28,204 नए मामले सामने आए। देश में कोरोना वायरस के सक्रिय मामले अब 3,88,508 हैं, जो 139 दिनों में सबसे कम हैं।दरअसल, भारत में कई मोर्चों पर कोरोना वायरस संक्रमण को मात देने के लिए जंग लड़ी जा रही है। एक तरह शारीरिक दूरी और मास्क लगाने को लेकर केंद्र सरकार लोगों को जागरूक कर रही है। वहीं, दूसरी ओर ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाने लगाने का अभियान जारी है। बीते 24 घंटों में भी 54,91,647 वैक्सीन लगाई गई हैं।
इधर, कोरोना जांच पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के मुताबिक, भारत में सोमवार को कोरोना वायरस के लिए 15,11,313 सैंपल टेस्ट किए गए। बता दें कि अब तक कुल 48,32,78,545 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर अपने निवास कार्यलय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में प्रयास आदर्श आवासीय विद्यालयों, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों एवं जिलों के स्थानीय प्रकल्पों से आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपल आई.टी. तथा मेडिकल कालेजों में प्रवेशित कुल 83 छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने इन विद्यार्थियों में से अनुराग लकड़ा, संदीप कुमार तिग्गा, कु. ज्योति रउतिया एवं कु साक्षी भगत को अपने निवास कार्यालय में तथा शेष 79 विद्यार्थियों को वर्चुअल रूप से सम्मानित किया। इन सभी विद्यार्थियों को इस अवसर पर लेपटाप के लिए 50-50 हजार रूपए की अनुग्रह राशि भी दी गई।
उल्लेखनीय है वर्ष 2021 की जेईई एडवांस की परीक्षा से आईआईटी में प्रवेशित अनुराग लकड़ा (वर्तमान में आईआईटी, खडगपुर में अध्ययनरत) एवं संदीप कुमार तिग्गा (आईआईटी बीएचयू में अध्ययनरत) प्रयास आवासीय विद्यालय, सडडू, रायपुर के छात्र है, जबकि कु. ज्योति रउतिया (नीट2000 क्वालीफाई एवं मेडिकल कॉलेज, रायपुर में प्रवेशित) तथा कु साक्षी भगत (मेडिकल कॉलेज, अंबिकापुर में प्रवेशित) प्रयास कन्या आवासीय विद्यालय, गुढियारी, रायपुर की छात्राएं हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव श्री द्वारिकाधीश यादव, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थिति थे।
विदित हो कि प्रयास विद्यालय- मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना का एक महत्वपूर्ण घटक है, इसके अंतर्गत प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों के मेधावी छात्र/छात्राओं को कक्षा 9वीं से 12वीं तक अध्यापन के साथ-साथ जे.ई.ई. मेन-एडवांस), नीट, पी.ई.टी., क्लेट, सी. ए. आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग दी जाती है। वर्तमान में 09 प्रयास विद्यालय रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा, कांकेर, बस्तर, कोरबा तथा जशपुर जिले में संचालित हैं, जिसमें कुल 4120 सीटें स्वीकृत हैं। अब तक इन विद्यालयों से 70 छात्र आई.आई.टी. 221 छात्र एन.आई. टी. और ट्रिपल आईटी तथा 772 विद्यार्थी इंजीनियरिंग कालेजों तथा 39 विद्यार्थी मेडिकल कालेजों में प्रवेश हेतु चयनित हो चुके हैं।
इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्वक शिक्षा उपलब्ध कराकर सामान्य जाति के विद्यार्थियों के समकक्ष लाना, उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत कर प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो, इस हेतु एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय प्रारंभ किए गए हैं। शिक्षण सत्र 2020-21 में कुल 71 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय प्रदेश में कक्षा 6वीं से 12वीं तक संचालित हैं। इनमें प्रति कक्षा 60 विद्यार्थियों के मान से प्रत्येक विद्यालय में 420 बच्चों को प्रवेश देने का प्रावधान है। इस शिक्षण सत्र से 04 नवीन एकलव्य विद्यालय प्रारंभ किए जाने की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। इस प्रकार अब एकलव्य विद्यालयों की संख्या बढ़कर 75 हो जाएगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
- लोकवाणी के सभी श्रोताओं को नमस्कार, जय जोहार।
- साथियों, लोकवाणी कार्यक्रम की बीसवीं कड़ी के प्रसारण का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। आज के प्रसारण का विषय है- ‘आदिवासी अंचलों की अपेक्षाएं और विकास’।
- इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी और आप सभी श्रोताओं का हार्दिक स्वागत है, अभिनंदन है, जय जोहार।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
- सब्बो सियान मन, दाई-दीदी, संगवारी अउ भतीजा-भतीजी मन ल, मोर डहर ले जय जोहार, जय सियाराम।
- आप जम्मो मन ल हरेली तिहार के गाड़ा-गाड़ा बधाई। अब्बड़ अकन सुभकामना।
- हमर छत्तीसगढ़ी संस्कृति के अनुसार हरेली ह, साल के पहली तिहार होथे।
- आज के दिन अपन गांव-घर म जाके, गोठान ल लीप-पोत के बने तैयार करे जाथे, अउ गउ माता के पूजापाठ करे जाथे।
- गाय-बइला ल लोंदी खवाय के परंपरा घलो हे।
- हरेली, छत्तीसगढ़ी रोटी-पिठा खाए के तिहार हवय, खेलकूद, नाचा अउ मनोरंजन के तिहार घलोक हवय।
- घर-अंगना, मैदान-चौपाल म, हमर परंपरा अनुसार ग्रामीण खेल खेले जाथे।
- गेड़ी म चढ़ के ठाठ से चले जाथे।
- हरेली तिहार म खेती-बारी के अउजार नांगर-बक्खर, हंसिया- टंगिया, कुदारी-रापा के साफ-सफाई अउ पूजापाठ करे जाथे।
- लोगन मन नाचत-गावत ये तिहार ल मनावत हवय, त एक तरह से खुसी अउ समृद्धि ल नेवता देवत हवय।
- हमर सरकार बने के तुरंत बाद, पहली बार छत्तीसगढ़िया भावना ल ध्यान म रख के हरेली तिहार सहित पांच तिहार के सरकारी छुट्टी घोषित करे गे हे। ओखर सेती सहर म अउ दूसर जगह जाके काम-बुता करइया मन ल मउका मिले हे, के अपन गांव-खेत-खार-खलिहान-गौठान, नंदिया-तरिया कोती जाए अउ गांव म घूम-घूम के हरेली तिहार मनाए।
- ये छुट्टी के बेवस्था करे ले, लोगन मन अपन लोग-लइका संग हरेली के दिन, गांव जावत हवय, अउ अपन संस्कृति ल तीर ले देखत हवय।
- ये महिना तिहार-बार के महिना हे, तेखर सेती मैं ह, आप सब्बो मन ल 13 अगस्त के नागपंचमी, 15 अगस्त के स्वतंत्रता दिवस, 21 अगस्त के ओणम, 22 अगस्त के राखी, 28 अगस्त के कमरछठ
हलषष्ठी अउ 30 अगस्त के आठे तिहार याने कृष्ण जन्माष्टमी के, पहली ले बधाई घलोक देवत हंव। सावन महिना में शंकर भगवान के पूजापाठ के महीना हवय, ओकरो बहुत-बहुत बधाई।
- माननीय मुख्यमंत्री जी। प्रदेश के 146 में से 85 विकासखण्डों में आदिवासी जनसंख्या की बहुलता है। हमारा आदिवासी समाज, अपनी संस्कृति और प्रकृति से बहुत प्यार करता है। इसलिए आदिवासी अंचलों में विकास की अपेक्षाएं अन्य क्षेत्रों की तुलना में कुछ अलग ही होती हैं। आइए सुनते हैं, इस संबंध में कुछ विचार और फिर आपका जवाब।
एंकर
1.सतीश उपाध्याय
माननीय मुख्यमंत्री जी, मैं आदिवासी अंचल, कोरिया जिले से बोल रहा हंू। सतीश उपाध्याय नाम है। मनेन्द्रगढ़ कोरिया में लाखों-वर्ष पुराना मेरीन फॉसिल्स पार्क इतने दिनों से पड़ा हुआ था, लेकिन आपके निर्देशन से अभी बायोडायवर्सिटी हेरीटेज साइट में काम शुरू हो गया है।
माननीय मुख्यमंत्री जी, मनेन्द्रगढ़ में जैव विविधता पार्क का भी चिन्हांकन किया गया है और कोरिया जिले में सबसे प्रमुख बात यह है कि छत्तीसगढ़ के पहले वन प्रदर्शन प्रक्षेत्र की भी आधारशिला रखी गई है, जो 21 एकड़ क्षेत्रफल में बनेगा और आने वाले समय में ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना’ के तहत और कोरिया कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से फलोद्यान, वनोपज, इमारती तथा जलाऊ लकड़ी के अच्छे स्रोत मिलेंगे।
28 जुलाई को नई तहसील पटना के गठन का प्रकाशन राजपत्र मंे हो गया है। आपने कोरिया प्रवास के दौरान वादा किया था, वह पूर्ण हुआ। कोरिया की जनता आपको बहुत-बहुत साधुवाद देती है।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
- अब आदिवासी अंचल की अपेक्षा और विकास की बात शुरू हो रही है तो सबसे पहले मैं आदिवासी भाई-बहनों को कल विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर अग्रिम बधाई देता हूं।
- मैं बताना चाहता हूं कि हमने सरकार में आने के बाद, प्रदेश में पहली बार विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।
- हमारा मानना है कि इससे हमारे आदिवासी भाई-बहनों, बच्चों और सभी लोगों को आदिवासी समाज की परंपराओं, संस्कृतियों और उनके उच्च जीवन मूल्यों को समझने का अवसर मिला है।
- इससे आदिवासी समाज और आदिवासी अंचलों के आयोजनों में सभी समाज के लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित होगी और सभी मिलकर समरसता और सौहार्द्र का खुशनुमा वातावरण बनाने में सफल होंगे।
- अब आता हूं सतीश जी के सवाल पर।- आपने कोरिया जिले की पटना तहसील के गठन की बात कही। मैं आपको बताना चाहता हूं कि हमने ढाई वर्षों में जो 29 नई तहसीलें और 4 नए अनुविभाग गठित किए हैं, उनमें से अधिकतर आदिवासी अंचल में ही हैं।
- कोरिया जिले में पटना के साथ चिरमिरी और केल्हारी तहसीलें भी गठित की गई हैं। इसके अलावा कबीरधाम जिले में रेंगाखार-कला, सरगुजा जिले में दरिमा, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में रामचंद्रपुर, सामरी, सूरजपुर जिले में लटोरी, बिहारपुर, जशपुर जिले में सन्ना और सुकमा जिले में गादीरास आदि प्रमुख हैं। इसी तरह चार नवीन अनुविभागों में दंतेवाड़ा का बड़े बचेली और बस्तर का लोहंडीगुड़ा शामिल है।- बरसों पुरानी मांग को ध्यान में रखते हुए हमने गौरेला-पेण्ड्रा- मरवाही को जिला ही नहीं बनाया बल्कि आदिवासी बहुल इस आबादी वाले क्षेत्र को उनका हक भी दिया।
- महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी से लेकर मनमोहन सिंह तक सभी महान नेताओं ने सत्ता के विकेन्द्रीकरण पर जोर दिया था। इसकी वजह थी कि नई प्रशासनिक इकाइयों के गठन से लोगों को अपनी भूमि, खेती-किसानी से संबंधित काम, बच्चों की पढ़ाई, नौकरी या रोजगार से संबंधित कामों के लिए बहुत दूर का सफर न करना पड़े। दूर जाकर रात न रुकना पड़े। इससे उनका पैसा भी बचे और समय भी। इससे उनके जीवन में आने वाली सुविधा से सुख और सफलता के नए रास्ते खुलें। सरकारी योजनाओं का बेहतर अमल हो। हमने इसे ही प्रशासनिक संवेदनशीलता का मूलमंत्र बनाया।
- जहां तक मेरीन फॉसिल्स पार्क/जैव विविधता पार्क का सवाल है तो सिर्फ कोरिया ही नहीं, बल्कि हर जिले में हम अपनी ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहर को सहेजने के सार्थक प्रयास कर रहे हैं।- आपने ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना’ के बारे में पूछा है तो बताना चाहता हूं कि इस योजना को मैं आने वाले समय में स्थानीय लोगों, आदिवासी और वन आश्रित परिवारों की आय के बहुत बड़े साधन के रूप में देख रहा हूं।
- खुद लगाए वृक्षों से इमारती लकड़ी की कटाई और फलों को बेचकर, लोगांे की आय बड़े पैमाने पर बढ़ेगी। इस संबंध में नियम-कानून बनाए गए हैं।- निजी लोगों को ही नहीं, बल्कि पंचायतों और वन प्रबंधन समितियों को भी पेड़ लगाने और काटने के अधिकार दिए गए हैं। इससे एक ओर जहां बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण के लिए लोग प्रोत्साहित हांेगे, वहीं हमारा छत्तीसगढ़ वन तथा वनोपज के रूप में अपने आपको और भी अधिक सशक्त बना सकेगा।
2. विनय कुमार मरकाम
मैं विनय कुमार मरकाम बोल रहा हूं। डौंडी ब्लॉक से बोल रहा हूं। बालोद जिला से। हां सर अभी जो आदिवासियों के विकास के लिए जो अपेक्षाएं और विकास के लिए जो विषय मिला है। सर, मैं एक युवा ही बोल रहा हूं, जो आदिवासी क्षेत्र से सम्बन्ध रखता हूं और यहां पर हमारी जो मूलभूत आवश्यकताएं हैं जैसे कि बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य, दूसरी जो आवश्यकता होगी, जो मूलभूत आवश्यकता पूर्ण होगी, उसके बाद हमारे लिए बेहतर भविष्य का विकास किया जा सकता है। स्कूल है, स्वास्थ्य है, प्राथमिक शिक्षा की कमी है, व्यावसायिक परीक्षा हो गया, रोजगार हेतु इसकी ज्यादा आवश्यकता है। सर, स्कूल में शिक्षकों की कमी है।
3. सोमनाथ
- मैं सोमनाथ, दरभा विकासखण्ड का रहने वाला हूं। माननीय मुख्यमंत्री जी, आप कई बार कहते हैं कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर आपका विशेष फोकस रहेगा। आदिवासी अंचलों में इन चीजों को लेकर आप क्या कर रहे हैं और उसका लाभ हमें किस तरह से मिलेगा? कृपया यह बताने का कष्ट करें।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब- विनय जी/सोमनाथ जी।- निश्चित तौर पर आदिवासी अंचलों में स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार सबसे बड़ी जरूरत है।- हमने सरकार में आते ही इसी प्राथमिकता से काम शुरू किया।
- स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ी जरूरत अस्पतालों और सुविधाओं की होती है। हमने डीएमएफ मद से ये जरूरतें पूरी करने का फैसला किया। इसके लिए आवश्यक नियम बनाए हैं। सीएसआर और अन्य मदों की राशि भी इन्हीं प्राथमिकताओं के लिए खर्च करने की रणनीति अपनाई है।
- हमारी नई व्यवस्था के कारण बीजापुर, दंतेवाड़ा और जगदलपुर में अब उच्च स्तर की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो गई हैं। सुकमा जिले में भी बड़े स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके नतीजे जल्दी आएंगे।- सामान्य जिलों से अधिक संख्या में और अधिक विशेषज्ञता वाले डॉक्टर अब बस्तर में हैं। इसके कारण आपात स्थितियों में जिन मरीजों को रायपुर भेजना पड़ता था और उसमें जो समय लगता था, उसकी बचत हुई और आपदा में होने वाली मृत्यु की संख्या में भी बहुत कमी आई है।
- हमने देखा कि आदिवासी अंचलों के मरीज हाट-बाजार तक जाते हैं लेकिन अस्पताल नहीं पहुंच पाते। इसे समझते हुए हमने तय किया कि अस्पताल ही क्यों न हाट-बाजार पहंुचाए जाएं।- इस तरह ‘एक पंथ-दो काज’ की तर्ज पर हमारे आदिवासी भाई-बहनों का उपचार हाट-बाजारों में होने लगा।- इसका लाभ 11 लाख से अधिक लोगों को मिल चुका है।
- मुख्यमंत्री बनने के बाद मैं यह देखकर हैरान रह गया था कि छत्तीसगढ़ में पांच वर्ष से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार थे और 15 से 49 वर्ष तक की 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया अर्थात खून की कमी से ग्रस्त थीं। आदिवासी जिलों में हालत और भी खराब थी।
- हमने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया, जिसमें डीएमएफ और जनभागीदारी के योगदान को बढ़ावा दिया।
- बच्चों को दूध, अण्डा, स्थानीय प्रचलन के अनुसार पौष्टिक आहार दिया, जिसके कारण कुपोषण और एनीमिया की दर में तेजी से कमी आ रही है।
- बस्तर में मलेरिया के कारण स्थिति गंभीर थी। हमने ‘मलेरिया मुक्त बस्तर’ अभियान शुरू किया, जिसके तहत हमारे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने घर-घर और जंगल-जंगल जाकर मलेरिया के खिलाफ जीत दर्ज कराई है।- एक साल में बस्तर संभाग में मलेरिया का प्रकरण 45 प्रतिशत और सरगुजा संभाग में 60 प्रतिशत कम हो जाना, एक सुखद खबर है।
- यूएनडीपी और नीति आयोग ने हमारे मलेरियामुक्त बस्तर अभियान की तारीफ करते हुए बीजापुर जिले में मलेरिया में 71 प्रतिशत तथा दंतेवाड़ा में 54 प्रतिशत तक कमी करने की सफलता को बेस्ट प्रेक्टिस के रूप में सराहा है और अन्य आकांक्षी जिलों को भी इस अभियान को अपनाने की सलाह दी है।
- अच्छी सेहत के लिए विशेष रणनीतियों के अलावा राज्य स्तर पर जो सुधार के प्रयास चल रहे हैं, उनका लाभ भी आदिवासी अंचलों को मिल रहा है।
- शिक्षा के लिए हमने संकटग्रस्त क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस किया। जिसके कारण सुकमा जिले के जगरगुंडा में 13 वर्षों से बंद स्कूल बीते साल खुल चुका है। कुन्ना में नक्सलवादियों ने जो भवन उड़ा दिया था, उसका पुनर्निर्माण कराके मैंने लोकार्पण किया। अभी नए सत्र में दंतेवाड़ा जिले के मासापारा-भांसी में भी 6 सालों से बंद स्कूल अब खुल गया है।
- नक्सलियों ने पहले इन स्कूलों को तोड़ा था, अब हमारी नई नीति का ही असर है कि आत्मसमर्पित नक्सलियों ने इन स्कूलों को बनाने में योगदान दिया है।- कोरोना काल में पढ़ाई तुंहर पारा अभियान के तहत लाखों बच्चों को उनके गांव-घर-मोहल्लों में खुले स्थानों पर भी पढ़ाया गया।
- प्रारंभिक कक्षाओं में बच्चों को मातृभाषा में समझाना अधिक आसान होता है इसलिए हमने 20 स्थानीय बोली-भाषाओं में पुस्तकें छपवाईं, जिसका लाभ आदिवासी अंचलों में मिला।
- 20 साल बाद प्रदेश में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति के ठोस प्रयास शुरू किए गए। कुछ बाधाएं भी आई थीं लेकिन अब सभी 14 हजार 580 शिक्षक-शिक्षिकाओं की नियुक्ति आदेश दे दिए गए हैं।
- इससे आदिवासी अंचलों में भी स्थायी शिक्षकों की कमी दूर हो जाएगी।
- आदिवासी अंचलों में मॉडल छात्रावासों तथा आश्रमों का विकास किया जा रहा है।एंकर- माननीय मुख्यमंत्री जी, आदिवासी समाज अपने जल-जंगल- जमीन और परंपराओं से बेहद प्यार करता है। बड़े से बड़े संकट में भी वह अपना घर नहीं छोड़ना चाहता। आपने इस बात को गंभीरता से समझते हुए निश्चित तौर पर आदिवासी अंचलों में विकास की नई प्रणाली शुरू की है।
- इस संबंध में हमें बहुत से विचार मिले हैं। आइए सुनते हैं, उनमें से कुछ की आवाजें।
4 यशोदा पुजारी- माननीय मुख्यमंत्री जी को मेरा नमस्कार। मेरा नाम यशोदा पुजारी, ग्राम पंचायत चेरपाल। माननीय मुख्यमंत्री जी, आप ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने आदिवासी समुदाय से, जंगल में रहने वाले लोगों से यह पूछा है कि हमें क्या चाहिए? मेरा मानना है कि जो हमें चाहिए वो नहीं दिए जाने के कारण ही बस्तर के विकास में रुकावटें आई थीं। लेकिन खुशी की बात है कि आपने हमारी नजरों से देखा और हमारी आवाज को महत्व दिया।
आज जिस तरह से हमारी संस्कृति, देवगुड़ी, घोटुल, हमारी बोली- भाषाओं, हमारी वनोपजों, हमारी जमीनों और हमारे रोजगार को लेकर आप योजनाएं बना रहे हैं और उन्हंे अमल में ला रहे हैं, उससे लगने लगा है कि हम वास्तव में छत्तीसगढ़ के नागरिक हैं और छत्तीसगढ़ सरकार को हमसे प्यार है।
5 अजय बघेल- माननीय मुख्यमंत्री जी, मेरा नाम अजय बघेल है। मैं ग्राम पोलमपल्ली जिला सुकमा से बोल रहा हूं। माननीय मुख्यमंत्री जी, बरसों से हम लोग यह सुनते-सुनते थक गए थे कि आदिवासी लोग वनोपज बीनने के अलावा कोई काम नहीं कर सकते और इसी वजह से उनका विकास नहीं होता।
वास्तव में हमारे सामने किसी सरकार ने दूसरे विकल्प रखे ही नहीं थे। आपने बहुत से लोगों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़कर रोजगारी और कारोबारी भी बना दिया है। मैं आपकी सोच के लिए धन्यवाद देता हूं और चाहता हूं कि इस बारे में आप हमें विस्तार से बताएं।
6 दयाल सिंह- नमस्कार माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी। मैं दयाल सिंह बैगा ग्राम बैरन जिला कबीरधाम से बात करत हवं। महोदय जी, छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचल म जेन उपज के पैदावार होथे ओकर सम्बन्ध में आपके का राय हे ? का अइसन फसल घलो हे का जेमा हमर छोड़, पूरा प्रदेश घलो गर्व कर सके? अइसन उपज ल बढ़ावा देके आदिवासी अंचल म स्वालम्बन व खुशहाली के नवा रद््दा घलो खुल सकत हे? धन्यवाद, महोदय जी।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
- नमस्कार, यशोदा जी, अजय जी, दयाल जी।
- जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ था तब हम सबको लगा था कि अब आदिवासी अंचलों और शेष क्षेत्रों के बीच जो विकास का अंतर है, उसे दूर कर लिया जाएगा।- लेकिन हमने देखा कि विगत 15 वर्षों में यह अंतर और भी अधिक बढ़ गया।
- इसकी वजह क्या थी? इसकी वजह थी आदिवासी समाज और आदिवासी अंचलों की जरूरतों को समझे बिना, मंत्रालय में बैठकर योजनाएं बनाना और उन्हें जनता पर लाद देना।- हमने यह समझ लिया कि सोच बदले बिना, तरीका बदले बिना, आदिवासी अंचलों का भला नहीं हो सकता।
- इसलिए हमने सबसे पहले विश्वास जीतने की बात की।
- इसके लिए निरस्त वन अधिकार पट्टों के दावों की समीक्षा, जेल में बंद आदिवासियों के प्रकरणों की समीक्षा कर अपराध मुक्ति, बड़े उद्योग समूह के कब्जे से आदिवासियों की जमीन वापस लौटाने का निर्णय, तेंदूपत्ता संग्रहण दर 2500 रुपए से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा करने का निर्णय लिया।
- इन शुरुआती फैसलों से ही आदिवासी अंचलों में सरकार और व्यवस्था के प्रति विश्वास का नया दौर शुरू हो गया।
- हमने वनोपज को समर्थन मूल्य पर खरीदने के बारे में बहुत तेजी से निर्णय लिए, जिसके कारण 7 से बढ़ाकर 52 वनोपज को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था हो गई।
- हमने पुरानी दरों को भी बदला जिसके कारण वनोपज संग्रह से ही 500 करोड़ रुपए से अधिक अतिरिक्त सालाना आमदनी का रास्ता बन गया।
- अनुसूचित क्षेत्रों में कोदो, कुटकी, रागी जैसी फसलों को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने के इंतजाम किए हैं तथा लाख को कृषि का दर्जा दिया है।
- वन अधिकार मान्यता पत्रधारी परिवारों के खेतों में उपजे धान को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की गई, वहीं इन्हें ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना’ से भी जोड़ दिया है।
- वनोपज संग्रहण में महिला स्वसहायता समूहों को जोड़ने के प्रयोग में बहुत बड़ी सफलता मिली है।
- मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी होती है कि हम जितना आगे बढ़ते हैं, उससे अधिक रफ्तार से आदिवासी भाई-बहन आगे बढ़ रहे हैं।
- इतने कम समय में आदिवासी अंचलों के उत्पाद बाजार में अपना नाम, पहचान और पकड़ बनाने लगे हैं।
- बस्तर का चार-चिरौंजी-काजू-कॉफी, इमली, माड़िया या रागी, दंतेवाड़ा का कड़कनाथ, सुकमा-कोण्डागांव का तिखुर, जिमी कांदा, तीरथगढ़ का पपीता, कांकेर का शरीफा-सीताफल, सल्फी-पदर की काली मिर्च, जशपुर की चाय और कटहल, मैनपाट का टाऊ, सूरजपुर का काला गेहूं, सरगुजा का ब्राउन राइस, देवभोग का विष्णुभोग चावल, सरगुजा का जवाफूल चावल, लुड़ेग का टमाटर आदि ऐसे उत्पाद बन गए हैं, जो अपने अनोखे स्वाद के साथ ही बेहतरीन गुणों के लिए भी पहचाने जाते हैं।
- हमने इनके उत्पादन और मार्केटिंग के लिए व्यावसायिक तरीके से काम शुरू किया है, जिसका लाभ बड़े पैमाने पर मिलेगा।
- जहां तक आदिवासी संस्कृति और आदिवासी आस्था केन्द्रों के विकास का सवाल है तो आपने देखा होगा कि देवगुड़ी और घोटुल स्थलों के विकास के लिए भी हमने योजना बनाकर काम शुरू किया है। आदिवासी संस्कृति के विभिन्न घटकों को बढ़ावा दिया जा रहा है।- प्रदेश में पहली बार अंतरराष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन भी हमने किया था। इस तरह समग्र रूप से प्रयास किए जा रहे हैं।
एंकर- माननीय मुख्यमंत्री जी, आदिवासी अंचलों में अधोसंरचना विकास को लेकर कुछ दुविधाएं लंबे समय से प्रचलित हैं। इसके बारे में हकीकत जानने के लिए हमारे कुछ श्रोताओं ने अपने विचार रखे हैं। बोदागुड़ा बस्तर से क्षीर सागर की आवाज में सुनते हैं, उनके विचार।
7 क्षीर सागर, बोदागुड़ा जिला बस्तर- माननीय मुख्यमंत्री जी असन मान्तोर आइकी अधोसंरचना चो विकास सवाए प्रकार चो विकास चो जननी आए, मान्तर आमचो बस्तर ने कोनी-कोनी लगे सड़क बिजली चो सम्बन्ध ने असन्धारणा बन्दी सेे की ए सब ले आमचोे संस्कृति के नुकसान पहुचे दे ए सब बात ने तुमचो काए विचार आए। तुमचो हिसाब ले बस्तर और दूसर आदिवासी अंचल ने अधोसंरचना चो विकास कसन होउ सके दे।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
- क्षीर सागर जी।
- वास्तव में हमारे आदिवासी समाज ने प्रकृति से तालमेल बिठाते हुए जीना सीखा है।
- आदिवासी भाई-बहनों के पास एक परंपरागत कौशल होता है कि वे अपने सुख-दुःख और रोजमर्रा की जिंदगी में किस तरह से अपना काम निकालें। इसलिए उनकी आवश्यकताएं सीमित होती हैं।- ये आदर्श स्थिति उस समय की होती है कि जब उनके जीवन में कोई भी बाहरी तत्व का प्रवेश नहीं हो पाए। लेकिन आज दुनिया एक विश्व गांव की तरह हो गई है। दुनिया में होने वाले बदलावों का असर घने जंगलों में अपने जीवन में रमे आदिवासी समाज पर भी पड़ता है।
- जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों का असर आदिवासी अंचलों में रहन-सहन से लेकर आजीविका तक पड़ा है। ऐसी स्थिति में आदिवासी समाज को अपने हाल पर नहीं छोड़ा जा सकता बल्कि उनकी रुचि, संस्कार, कौशल, परंपरा से मेल खाते हुए ऐसी सुविधाएं देना सरकार की जिम्मेदारी है, जिससे वे बदलावों का मुकाबला कर सकें।
- इसलिए वहां की परिस्थितियों से मेल खाती हुई सड़कों, भवनों, बिजली, पानी, चिकित्सा, पोषण, शिक्षा, परिवहन, संस्कृति और आजीविका का संरक्षण, बाहरी प्रभावों से प्रभावित हुए रोजगार के साधनों का नए सिरे से विकास आदि ऐसे जरूरी काम हैं, जिन्हें किया जाना अत्यावश्यक है।
- मुझे खुशी है कि मनरेगा से लेकर वनोपज के कारोबार तक, कौशल उन्नयन से लेकर परंपरागत रोजगार तक, स्वास्थ्य के लिए चेतना से लेकर जीवन स्तर में सुधार तक हर दिशा में आदिवासी समाज के कदम आगे बढ़ रहे हैं।
- हमारी सरकार की योजनाओं में आदिवासी समाज की सशक्त भागीदारी साफ दिखाई पड़ रही है।
- हमने बहुत सोच विचार के सड़कों के विकास की योजना बनाई है।
- प्रदेश में 16 हजार करोड़ रुपए की लागत से सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे हमारे आदिवासी अंचलों को सैकड़ों ऐसी सड़कें मिलेंगी, जिनका इंतजार वे दशकों से कर रहे थे।- नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में संपर्क बहाल करने के लिए हम
1 हजार 637 करोड़ रुपए की लागत से सड़कें बना रहे हैं।
- आदिवासी अंचलों में बिजली की सुविधा देने के लिए सबसे बड़ा काम अति उच्च दाब के चार वृहद उपकेन्द्र का निर्माण पूरा कर लिया गया है।
- नारायणपुर, जगदलपुर, बीजापुर और सूरजपुर जिले के उदयपुर में ये उपकेन्द्र प्रारंभ हो जाने से बिजली आपूर्ति सुचारू हो गई है।
- इसके अलावा विगत ढाई वर्षों में आदिवासी अंचलों में सौर ऊर्जा से संचालित 74 हजार सिंचाई पम्प, 44 हजार से अधिक घरों में रोशनी और लगभग 4 हजार सोलर पेयजल पम्पों की स्थापना की गई है, जो अपने आप में कीर्तिमान है।
- इस तरह आदिवासी अंचलों में जनहितकारी अधोसंरचना के विकास पर बल दिया गया है।
एंकर8 किशन लाल- माननीय मुख्यमंत्री जी, जय जोहार। मेरा नाम किशन लाल है और मैं छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले से बोल रहा हूं। मेरा सवाल यह है कि आदिवासी अंचलों की वनोपजों के प्रसंस्करण को लेकर आपकी क्या राय हैं और इस काम को किस तरह से आगे बढ़ाना चाहते हैं? कृपया इस संबंध में जानकारी देने का कष्ट करें, जिससे कि हमारे युवा साथी इसे समझ सकें और अपना भविष्य बना सकें।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
- जय जोहार, किशन लाल जी, आपने बहुत अच्छा सवाल किया। हमारी सरकार बनते ही, सबसे पहले हमने बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा में एक बड़े उद्योग की स्थापना के नाम से ली गई आदिवादियों की जमीन वापसी की घोषणा की। उसके बाद जब राहुल गांधी जी आए, तब उनके हाथों से 10 गांवों के 1 हजार 707 किसानों को 4 हजार 200 एकड़ जमीन के दस्तावेज प्रदान किए गए थे।
इस तरह आदिवासियों को न्याय दिलाने का सिलसिला शुरू हो गया था। कोण्डागांव में मक्का प्रोसेसिंग इकाई का शिलान्यास किया गया। इस तरह प्रदेश में कृषि उपज और वन उपज की प्रोसेसिंग हेतु विभिन्न स्थानों में इकाइयां स्थापित करने की दिशा में काम शुरू हुआ।
- अब प्रदेश में 146 विकासखण्डों में से 110 विकासखण्डों में फूडपार्क स्थापित करने हेतु भूमि का चिन्हांकन तथा अनेक स्थानों पर भूमि हस्तांतरण भी किया जा चुका है।
- छत्तीसगढ़ में अभी 139 वनधन विकास केन्द्र स्थापित हो चुके हैं, जिनमें से 50 केन्द्रों में वनोपजों का प्रसंस्करण भी हो रहा है। इस काम में लगभग 18 हजार लोगों को रोजगार मिला है।
- छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा ‘छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड’ के नाम से 121 उत्पादों की मार्केटिंग की जा रही है।
- भारत सरकार की संस्था ट्रायफेड द्वारा दो दिन पहले ही अर्थात 6 अगस्त को छत्तीसगढ़ को लघु वनोपज की खरीदी तथा इससे संबंधित अन्य व्यवस्थाओं के लिए 11 राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। मैं बताना चाहूंगा कि छत्तीसगढ़ प्रथम रहा है तो उन वर्गों में द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले राज्यों की उपलब्धियां काफी कम है।जैसे हम 52 प्रकार की लघु वनोपज खरीदते हैं तो दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र मात्र 21। हमने 1 हजार 173 करोड़ रुपए की लघु वनोपज खरीदा तो दूसरे स्थान पर उड़ीसा ने मात्र 30 करोड़ रुपए की। मूल्य संवर्धन कर उत्पादों की हमारी बिक्री राशि 4.24 करोड़ रुपए है तो दूसरे स्थान पर मणिपुर की मात्र
1.98 करोड़ रुपए है। केन्द्र की राशि के उपयोग के मामले में छत्तीसगढ़ की राशि 180.51 करोड़ रुपए है तो दूसरे स्थान पर आंध्रप्रदेश की मात्र 4.51 करोड़ रुपए है। यह हमारे आदिवासी अंचलों के साथ पूरे प्रदेश के लिए भी गौरव का विषय है।
- दुर्ग जिले में 78 करोड़ रुपए से अधिक लागत पर एक वृहद प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की जा रही है।
- मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि राज्य में वनोपज आधारित उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए वनांचल उद्योग पैकेज लागू किया गया है।
- वनोपज के अलावा अन्य काम भी हो रहे हैं। उदाहरण के लिए दंतेवाड़ा में रेडिमेड कपड़ों का ‘ब्रांड डेनेक्स’ एक सफल प्रयोग साबित हुआ है। नवचेतना बेकरी भी काफी सफल हो रही है। ऐसे कामों से सैकड़ों स्थानीय युवाओं को रोजगार मिला है।एंकर- माननीय मुख्यमंत्री जी, आपके ड्रीम प्रोजेक्ट राम-वन-गमन पथ को लेकर भी आदिवासी अंचलों में बड़ी जिज्ञासा है।- एक सवाल इस विषय पर भी लेते हैं।
9 लाल साय- जिला कोरिया
- आदरणीय मुख्यमंत्री जी, नमस्कार। मैं लाल साय बैगा ग्राम देवगढ़ जिला कोरिया से बोल रहा हूं। मन में एक सवाल है। माननीय मुख्यमंत्री जी, राम वन गमन पर्यटन परिपथ के बारे में कहा गया है कि यह कोरिया से सुकमा तक विकास के रास्ते खोलेगा। कृपया इस संबंध में आपके क्या विचार हैं और क्या योजना है? इस बारे में अपने विचार प्रकट करेंगे, ताकि हम श्रोताओं को सही जानकारी मिल सके। धन्यवाद।माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
- लाल साय जी। जय सियाराम।
- भारतीय अध्यात्म और संस्कृति में भगवान राम की महिमा को बहुत आस्था के साथ देखा जाता है।
- हमारे लिए यह बहुत गर्व का विषय है कि भगवान राम का अवतार जिस काम के लिए हुआ था, उन प्रसंगों की रचना छत्तीसगढ़ में हुई।
- भगवान राम को देवता के रूप में नहीं बल्कि मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में जाना जाता है।
- अयोध्या तो उनके राज-काज की जगह थी, लेकिन हमारे छत्तीसगढ़ का आदिवासी अंचल उनके मानवीय गुणों की सुगंध से महकता है। वास्तव में भगवान राम छत्तीसगढ़ में कौशल्या के राम और ‘वनवासी राम’ के रूप में प्रकट होते हैं।- यह अद्भुत संयोग है कि भगवान राम का छत्तीसगढ़ में प्रवेश, संचरण और प्रस्थान सघन आदिवासी अंचल में ही हुआ।
- कोरिया जिले के सीतामढ़ी हरचौका में प्रवेश और सुकमा जिले के अंतिम स्थान कोंटा तक उनकी पदयात्रा।
- हमारे प्रदेश के कण-कण में राम, काम की शुरूआत में राम, जागते-सोते समय राम, शब्द-शब्द में राम, गिनती से लेकर सुख-दुःख में राम के ऐसे युगों-युगों से समाए रहने का कारण ही लोक आस्था में राम का बसा होना है।
- आस्था केन्द्रों को जोड़ते हुए पर्यटन का विकास हमारे समाज की विशेषता रही है।
- इस तरह आज के जमाने में एक बार फिर राम के रास्ते पर चलते हुए अगर हम 2 हजार 260 किलोमीटर सड़कों का निर्माण करते हैं तो इससे पूरे रास्ते में विकास के दीये जल उठेंगे।
- आस्था के साथ जुड़ी सड़कें, सुविधाओं के साथ आजीविका के नए-नए साधन भी आएंगे और यह पूरा परिपथ पावन भावनाओं के कारण स्थानीय संस्कृति का सम्मान करते हुए एक दूसरे से रिश्ते बनाते चलेगा।- यह समरसता और सौहार्द्र के साथ वनवासी राम के प्रति आस्था का परिपथ बनेगा, जो नदियों, नालों, झरनों, जलप्रपातों, खूबसूरत जंगलों से गुजरते हुए सैकड़ों पर्यटन स्थलों का उद्धार करेगा।एंकर10 प्रीति बारिक, बसना, महासमुन्द- माननीय मुख्यमंत्री जी, मैं प्रीति बारिक, बसना ब्लाक, जिला महासमुन्द से बोल रही हूं। आकांक्षी जिलों की रैंकिंग में छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जिलों की क्या स्थिति है? कृपया इस संबंध में बताइए।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
- प्रीति जी, आपने जो सवाल किया है, उसका भी निराकरण कर देता हूं।
- नीति आयोग द्वारा देश के सबसे कम विकसित 115 आदिवासी बहुल जिलों को आकांक्षी जिलों में शामिल किया गया है। इन जिलों में विकास की रणनीति योजनाओं, कार्यक्रमों, उनके क्रियान्वयन और परिणाम की नियमित रूप से समीक्षा की जाती है।
- मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी होती है कि हमारे प्रदेश के 10 आकांक्षी जिलों को मई 2019 से लेकर अभी तक किसी न किसी क्षेत्र में पहले से लेकर 11वें स्थान तक में आने का सम्मान मिला है।
- समग्र डेल्टा रैंकिंग में बीजापुर, कोण्डागांव, सुकमा और नारायणपुर जिले को तो अव्वल स्थान पर रहने का सम्मान भी मिला है।
- हाल ही में मलेरियामुक्त बस्तर अभियान की नीति आयोग तथा यूएनडीपी ने सराहना की है।
- इसके लिए मैं सभी आकांक्षी जिलों के निवासियों और प्रशासनिक अमले को साधुवाद देता हूं।
- एक अंतिम और सबसे जरूरी बात के साथ अपनी वाणी को विराम दूंगा।
- कोरोना की ‘तीसरी लहर’ को लेकर आप सभी को बहुत सावधान रहने की जरूरत है। हमने सरकारी स्तर पर बहुत से इंतजाम किए हैं। लेकिन मैं एक बार फिर आपसे अपील करता हूं कि पर्व-त्यौहार मनाते समय फिजिकल डेस्टिेंसिंग का पालन करें, मास्क का उपयोग करें, हाथ को साबुन-पानी से धोते रहें तथा टीका जरूर लगवाएं। खुद को बचाए रखना ही सबसे जरूरी उपाय है।
एंकर
- श्रोताओं लोकवाणी का आगामी प्रसारण 12 सितम्बर, 2021 को होगा। जिसमें माननीय मुख्यमंत्री ‘‘जिला स्तर पर विशेष रणनीति से विकास की नई राह’’ विषय पर चर्चा करेंगे। आप इस विषय पर अपने विचार सुझाव
और सवाल दिनांक 25, 26 और 27 अगस्त, 2021 को दिन में 3 बजे से 4 बजे के बीच फोन करके रिकार्ड करा सकते हैं। फोन नम्बर इस प्रकार हैं। 0771-2430501, 2430502, 2430503।
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जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन को भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है. ये जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर दी है.
नई दिल्ली : केन्द्र सरकार ने जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन को भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है. ये जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर दी है. ग्लोबल हेल्थकेयर कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा है कि उसने भारत में अपनी एक डोज वाली COVID-19 वैक्सीन के इमरजेंसी यूज के लिए (EUA) के लिए आवेदन किया था . इससे पहले सोमवार को कंपनी ने कहा था कि वह भारत में अपनी एक डोज वाली COVID-19 वैक्सीन लाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए भारत सरकार के साथ बातचीत के लिए तत्पर है. जॉनसन एंड जॉनसन इंडिया के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा है कि 5 अगस्त, 2021 को जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड ने भारत सरकार को अपनी एक डोज वाली COVID-19 वैक्सीन के EUA के लिए आवेदन दिया है.
बयान में कहा गया है कि बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के सहयोग से कंपनी की एक डोज वाली COVID-19 वैक्सीन भारत और दुनिया के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी. बायोलॉजिकल ई हमारे ग्लोबल सप्लाई चेन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो जॉनसन एंड जॉनसन COVID-19 वैक्सीन की सप्लाई में मदद करेगा. स्वास्थ्य अधिकारियों और संगठनों जैसे कि Gavi और COVAX के जरिए हम इसे और मजबूत करेंगे. EUA सबमिशन फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल के सुरक्षा डाटा के आधार पर दिया गया है.
85 फीसदी सुरक्षा देने वाली है वैक्सीनथर्ड फेज के ट्रायल के परिणाम में दावा किया गया है कि कंपनी की सिंगल-शॉट वैक्सीन 85 प्रतिशत तक सुरक्षा देती है. ये भी डाटा में दावा किया गया है कि वैक्सीन लगने के 28 दिनों के भीतर ये मृत्यु दर को कम करने, अस्पताल में भर्ती होने से भी रोकने में सक्षम है. बयान में कहा गया है, हम महामारी को खत्म करने में मदद करने के लिए हमारी COVID-19 वैक्सीन की उपलब्धता में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. - नई दिल्ली : भारत में पिछले कई दिनों से नए मामलों की 40,000 से ऊपर बनी हुई संख्या में शनिवार को कमी आई है। देश में टीकाकरण भी अच्छा चल रहा है और इस बीच कोरोना के नए मामलों में कमी की खबर सुखद है। हालांकि, बीते दिनों कोरोना से होने वाली मौतों में इजाफा हुआ है, जो कि चिंता का विषय है।
मौतों का आंकड़ा 600 के पार आया है, जो कि पिछले दिन आए 464 व गुरुवार को आए 533 मौतों के आंकड़ों से कहीं ज्यादा है।स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 38,628 नए मामले आए हैं। इस दौरान 40,017 लोगों की रिकवरी भी हुई है। वहीं, बीते घंटों 617 लोगों की कोरोना से मौत हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में अब तक 3 करोड़ 18 लाख 95 हजार 385 कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, देश में अभी 4 लाख 12 हजार 153 सक्रिय मामले हैं।देश में अब तक 3 करोड़ 10 लाख 15 हजार 861 लोगों की रिकवरी हो चुकी है। भारत में अब तक 4 लाख 27 हजार 371 लोग कोरोना के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सक्रिय मामले कुल मामलों का 1.29% हैं। साप्ताहिक सकारात्मकता दर 5% से नीचे बनी हुई है, वर्तमान में 2.39% है। दैनिक पॉजिटिविटी रेट 2.21% है।दैनिक पॉजिटिविटी रेट पिछले 12 दिनों से 3% से कम है। वहीं, देश में रिकवरी रेट 97.37% है। बताया गया है कि टेस्टिंग में काफी वृद्धि हुई। अब तक कुल 47.83 करोड़ परीक्षण किए गए।
वहीं, देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस की 49,55,138 वैक्सीन लगाई गईं हैं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 50 करोड़ 10 लाख 09 हजार 609 हो गया है।भारत में 16 जनवरी 2021 को शुरू हुए कोविड-19 टीकाकरण अभियान के सफर ने, करीब 7 महीनों बाद 50 करोड़ के आंकड़े को पार किया है। बता दें कि देश के सबसे बड़े सूबे यूपी में अब तक सबसे ज्यादा टीकाकरण हुआ है। वहीं दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र है और तीसरे पर गुजरात ने स्थान बनाया है।
देश के इन राज्यों में हाल चिंताजनक, डेल्टा प्लस बन रहा खतरा
जैसे कि देश में जितने मामले आ रहे हैं, उसका आधा केवल केरल से ही आ रहा है, इस बात की जानकारी सरकार से लेकर आम लोगों में भी है। इस कारण केंद्र ने अपनी टीमें भी वहां भेज रखी है, लेकिन संक्रमण पर काबू पाने में समय लग रहा है और राज्य में संक्रमितों की संख्या में कुछ ज्यादा कमी दर्ज नहीं हो रही है।
बीते दिन केरल में 22 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इसके अलावा सरकार ने कोविड के डेल्टा प्लस स्वरूप को लेकर भी सचेत किया है। बताया गया है कि चार अगस्त तक इसके 83 मामले सामने आ चुके हैं।...और यह खतरे की घंटी महाराष्ट्र के लिए बजा रहा है, क्योंकि महाराष्ट्र में इसके 33 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, मध्य प्रदेश में 11 और तमिलनाडु में 10 मामले हैं। -
विश्व चैंपियनशिप में भारत की एकमात्र एथलेटिक्स पदक विजेता अंजू बॉबी जॉर्ज, पूर्व हॉकी कप्तान अजीतपाल सिंह, ओलंपिक कांस्य पदक मुक्केबाज विजेन्दर सिंह और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर समेत किसने क्या कहा.
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड : भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न पुरस्कार का नाम राजीव गांधी खेल रत्न की जगह मेजर ध्यानचंद खेल रत्न रखने के फैसले का खेल जगत ने स्वागत किया है. ध्यानचंद को महानतम हॉकी खिलाड़ी माना जाता है. हॉकी के इस जादूगर ने अपने 1926 से 1949 तक के करियर के दौरान 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक का शीर्ष खिताब हासिल किया था. उनकी जयंती के उपलक्ष्य में 29 अगस्त को देश का राष्ट्रीय खेल दिवस भी मनाया जाता है.
विश्व चैंपियनशिप में भारत की एकमात्र एथलेटिक्स पदक विजेता और यह पुरस्कार 2003 में हासिल करने वाली अंजू बॉबी जॉर्ज ने कहा कि खेल पुरस्कारों के नाम खिलाड़ियों के नाम पर रखे जाने चाहिए. उन्होंने कहा, "यह सही समय है जब हम अपने खेल पुरस्कारों का नाम अपने खेल के दिग्गजों के नाम पर रखें. यह सही कदम है. ध्यानचंद हमारे खेल नायक और हॉकी के दिग्गज हैं और हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है. यह उचित ही है कि देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम ध्यानचंद के नाम पर ऐसे समय रखा गया है जब भारत ने 41 साल बाद हॉकी में ओलंपिक पदक जीता है."
इस फैसले की सराहना करते हुए पूर्व हॉकी कप्तान अजीतपाल सिंह ने कहा कि पहचान देर से मिली लेकिन देर आये दुरुस्त आये. उन्होंने कहा, "यह एक स्वागत योग्य कदम है. यह एक अच्छा फैसला है जो प्रधानमंत्री ने लिया है. खेल पुरस्कार हमेशा खिलाड़ियों के नाम पर होने चाहिए और ध्यानचंद जी से बड़ा देश में कोई खिलाड़ी नहीं है. यह मान्यता देर से मिली, लेकिन कभी नहीं से बेहतर है कि देर से मिली."
ओलंपिक कांस्य पदक मुक्केबाज विजेन्दर सिंह ने कहा कि ध्यानचंद जी को सम्मान देना अच्छी बात है लेकिन यह देश में खेलों के स्तर को उठाने के लिए काफी नहीं है. उन्होंने कहा, "इस कदम के खिलाफ कुछ भी नहीं है, क्योंकि हम सभी ध्यानचंद जी के अपार योगदान का सम्मान करते हैं. लेकिन सरकार को खिलाड़ियों का समर्थन करने के लिए इससे कुछ ज्यादा करना चाहिए. उन्हें बुनियादी स्तर पर सुविधाओं की जरूरत है, जब तक हम ऐसा नहीं कर सकते, केवल पुरस्कारों का नाम बदलने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा."
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यह घोषणा की कि देशवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए खेल रत्न पुरस्कार को अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा. टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीमों के शानदार प्रदर्शन के बाद इस सम्मान का नाम महान हॉकी खिलाड़ी के नाम पर रखने का फैसला लिया गया.
केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ध्यानचंद खेलों में भारत के सबसे बड़े नायक रहे हैं. उन्होंने कहा, "मेजर ध्यानचंद जी ने अपने असाधारण खेल से विश्व पटल पर भारत को एक नई पहचान दी और अनगिनत खिलाड़ियों के प्रेरणास्रोत बने. जनभावना को देखते हुए खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का हार्दिक धन्यवाद."
पूर्व खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने भी इस कदम के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया करते हुए लिखा, "धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी हमेशा हमारे सच्चे नायकों का सम्मान करने और उन्हें पहचान देने के लिए. हमारे देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा. महान खिलाड़ी और भारतीय खेलों को सम्मानित करने के लिए एक सही श्रद्धांजलि. जय हिंद."
भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी से सांसद बने गौतम गंभीर कहा, "किसी (खेल) नायक का नाम पुरस्कार को और प्रतिष्ठित बनाता है." वहीं ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने भी इस कदम के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया करते हुए कहा, "खेल के सबसे बड़े पुरस्कार खेल रत्न को देश के श्रेष्ठ खिलाड़ी और हॉकी के जादूगर ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न’ रखने के फैसले के लिए मैं भारत सरकार और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का हार्दिक धन्यवाद करता हूं." -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री शामिल हुए कृषक कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष और सदस्यों के पदभार ग्रहण समारोह में
परिषद के पदाधिकारी गौठानों में मनाएं हरेली का त्यौहार: हर किसान तक पहुंचे राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि खेती-किसानी को मजबूत बनाकर और हर हाथ को काम देकर गांव के पुराने गौरव को फिर से स्थापित करना राज्य सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना जैसे कदम उठाए गए हैं।
श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय से छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के नवनियुक्त पदाधिकारियों के पदभार ग्रहण के वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शहीद महेन्द्र कर्मा की जयंती पर उन्हें याद करते हुए नमन किया।
कार्यक्रम में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री निवास में तथा सहकारिता मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत श्री रामसुंदर दास, छत्तीसगढ़ बीज विकास निगम के अध्यक्ष श्री अग्नि चंद्राकर और छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा, बीज निगम के कार्यालय में उपस्थित थे। कार्यक्रम में कृषक कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष श्री महेंद्र चंद्राकर, सदस्य सर्वश्री बसंत टाटी, नागेंद्र नेगी, संजय गुप्ता, भगवान पटेल, जानकीराम सेठिया, नंद कुमार पटेल, डेहराराम साहू, खम्मन पटेल, जगदीश दीपक, शरद यादव, श्रवण चंद्राकर, चुन्नी लाल वर्मा और श्रीमती शशि गौर ने पदभार ग्रहण किया।
मुख्यमंत्री ने परिषद के नवनियुक्त सभी पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उन्हें राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी हर किसान तक पहंुचाने, गौठानों को और अधिक सक्रिय करने की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने कहा कि परिषद के पदाधिकारी हरेली का त्यौहार गौठानों में जाकर मनाए। इसके अलावा जब भी वे गांव के दौरे पर जाएं तो गौठानों में बैठक कर वहां की गतिविधियों की समीक्षा भी करें तथा इस संबंध में सुझाव से अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि गौठानों में अलग-अलग गतिविधियों से जोड़े और यह भी देखे गौठानों में नेपियर घास लगाई गई है कि नहीं और मवेशियों के लिए चारे-पानी की व्यवस्था है कि नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजो से पहले हमारे गांव उत्पादन के केन्द्र होते थे। शहर व्यापारिक केन्द्र का काम करते थे। अंग्रेजो के समय शहरों में बड़े-बड़े कारखाने स्थापित हुए, इससे उत्पादन और वाणिज्य के केन्द्र गांव के स्थान पर शहर बन गए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यस्था मजबूत बनाने हर संभव प्रयास कर रही है।
सुराजी गांव योजना में रूरल इंड्रस्ट्रीयल पार्क के जरिए ग्रामीणों और युवाओं को उत्पादक गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। खेती किसानी को मजबूत बनाने के लिए किसानों की ऋण माफी और उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने की पहल की गई है। वनवासियों को तेेंदूपत्ता संग्रहण के लिए प्रति मानक बोरा 4000 रूपए मिल रही है। इससे गांव के लोगांे की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य शासन की योजनाओं का लाभ दूरस्थ अंचलों के किसानों, वनोपज संग्राहकों को भी मिल रहा है। उनकी जेब में पैसा जा रहा है और इसका असर व्यापार में भी दिख रहा है। इसका प्रमाण है कि बीजापुर जिले में वर्ष 2018 में जहां एक ट्रेक्टर बिका था, वही ऋण माफी और 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल पर धान खरीदी के बाद बीजापुर जिले में वर्ष 2019-20 में 73 ट्रेक्टर और 1235 मोटर सायकल और एक कमर्शियल ट्रेक्टर की बिक्री हुई । अगले साल इस जिले में 60 ट्रेक्टर और 1998 मोटर सायकल तथा तीसरे साल में 133 ट्रेक्टर, 968 मोटर सायकल की बिक्री अब तक हो चुकी है। इनमें 11 कमर्शियल ट्रेक्टर की बिक्री भी शामिल हैं।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कृषि का विकास छत्तीसगढ़ के विकास का मूल आधार है। राज्य सरकार की योजनाओं से किसानों की जेब में पैसा पहंुचा और बाजार गुलजार हुए। लॉकडाउन के समय देश की अर्थव्यवस्था में जहां मंदी आई, वहीं छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी सहित अन्य गतिविधियां चालू रही।
उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कृषि और किसानों के साथ-साथ गरीबों की आर्थिक उन्नति के लिए काम कर रही है। इस दिशा में राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना लागू करने की क्रांतिकारी पहल भी की गई है। बजट में इस योजना के लिए प्रावधान भी किए गए हैं। - एजेंसि
नई दिल्ली : पेगासस जासूसी कांड पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई चल रही है। पेगासस जासूसी मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच कर रही है। इस मामले मं विभिन्न लोगों और लोगों ने कई याचिकाएं दायर की है। इस मामले में वरिष्ठ पत्रकारों एनराम और शशिकुमार, सीपीएम के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास और वकील एमएल शर्मा ने याचिकाएं दाखिल की हैं।
इस मामले की सुनवाई के दौरान एन.राम और अन्य के लिए वरिष्ठ सलाहकार कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि पेगासस एक दुष्ट तकनीक है जो हमारी जानकारी के बिना हमारे जीवन में प्रवेश करती है। यह हमारे गणतंत्र की निजता, गरिमा और मूल्यों पर हमला है। CJI का कहना है कि अगर रिपोर्ट सही है तो इसमें कोई शक नहीं कि आरोप गंभीर हैं।
सर्वोच्च न्यायालय में पेगासस मामले पर सुनवाई चल रही है। इस दौरान एन.राम और अन्य की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल का कहना है कि यह स्पाइवेयर केवल सरकारी एजेंसियों को बेचा जाता है और निजी संस्थाओं को नहीं बेचा जा सकता है। एनएसओ प्रौद्योगिकी अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में शामिल है।
इस मामले पर सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल का तर्क है कि पत्रकार, सार्वजनिक हस्तियां, संवैधानिक प्राधिकरण, अदालत के अधिकारी, शिक्षाविद सभी स्पाइवेयर द्वारा लक्षित हैं और सरकार को जवाब देना है कि इसे किसने खरीदा ? हार्डवेयर कहां रखा गया था? सरकार ने प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की? इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश से कहा कि मैं चाहता हूं कि भारत सरकार को नोटिस जारी करें।
पेगासस जासूसी केस में शिक्षाविद् जगदीप छोडकर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा है कि वर्तमान मामले की भयावहता बहुत बड़ी है और कृपया मामले की स्वतंत्र जांच पर विचार करें। उन्होंने कहा कि यह सर्वोच्च स्तर का नौकरशाह होना चाहिए जो इसका जवाब कैबिनेट सचिव को देता है।
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता पत्रकारों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दत्तर ने कहा कि नागरिकों की गोपनीयता और व्यक्तिगत गोपनीयता पर विचार किया जाना चाहिए।
पेगासस मामले की स्वतंत्र जांच कराने का अनुरोध करने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। इनमें एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया और वरिष्ठ पत्रकारों एन.राम व शशि कुमार द्वारा दी गई याचिकाएं भी शामिल हैं। पेगासस मामले की जांच को लेकर संसद में विपक्ष का हंगामा लगातार जारी है। विपक्ष के हंगामे के चलते संसद की कार्यवाही बार-बार स्थगित हो रही है।
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ इजराइली फर्म एनएसओ के स्पाईवेयर पेगासस की मदद से सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रतिष्ठित लोगों, नेताओं और पत्रकारों की कथित जासूसी की खबरों से जुड़ी नौ अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
क्या है मामला ?
गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हैक किए गए हैं। हालांकि सरकार ने अपने स्तर पर खास लोगों की निगरानी संबंधी आरोपों को खारिज किया है। सरकार ने कहा कि इसका कोई ठोस आधार नहीं है या इससे जुड़ी कोई सच्चाई नहीं है।
एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने एक खबर में दावा किया कि पेगासस स्पाईवेयर के जरिये जासूसी के संभावित निशाने वाली सूची में 300 भारतीय मोबाइल फोन नंबर शामिल थे।एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया ने अपनी अर्जी में अनुरोध किया है कि पत्रकारों और अन्य के सíवलांस की जांच कराने के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया जाए।गिल्ड ने अपनी अर्जी, जिसमें वरिष्ठ पत्रकार मृणाल पांडे भी याचिकाकर्ता हैं, में कहा है कि उसके सदस्य और सभी पत्रकारों का काम है कि वे सूचना और स्पष्टीकरण मांग कर और राज्य की कामयाबी और नाकामियों का लगातार विश्लेषण कर सरकार के सभी अंगों को जवाबदेह बनाएं। - एक समय भारत 3-2 से पिछड़ रहा था, लेकिन भारत ने जबर्दस्त वापसी करते हुए खुद को आगे कर कर लिया. तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में बदलकर जबर्दस्त वापसी करते हुए भारत ने 4-3 से बढ़त बनाई, तो थोड़ी ही देर बाद सिमरनजीत ने मैदानी गोल दागकर स्कोर को 5-3 कर दिया. इससे पहले भारत ने दूसरे क्वार्टर की समाप्ति पर मुकाबले को 3-3 से बराबरी पर ला दिया था.
टोक्यो : India vs Germany Bronze medal : टोक्यो में जारी ओलिंपिक 2020 खेलों में वीरवार को भारत ने ओलिंपिक में 41 साल का सूखा खत्म करते हुए जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया है. एक समय भारतीय टीम मुकाबले में 1-3 से पिछड़ रही थी, लेकिन दूसरे क्वार्टर में भारत ने मुकाबले को 3-3 की बराबरी पर ला दिया. और तीसरे क्वार्टर में भारत ने इस बढ़त को 5-3 करके बहुत हद तक कांस्य सुनिश्चित कर दिया. यहां से जर्मनी ने एक गोल के अंतर को कम जरूर किया, लेकिन वह 5-4 की बढ़त से आगे नहीं जा सकी. जर्मनी को मैच के आखिरी मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन इसे गोलची श्रीजैश ने निस्तेज कर दिया और इसी के साथ पूरा भारत झूम उठा. कांस्य पक्का हो गया.
भारत ने आखिरी बार 1980 में मॉस्को ओलिंपिक में पदक जीता था, जो स्वर्ण के रूप में आया था. चौथे क्वार्टर की शुरुआत में ही जर्मनी ने पेनल्टी कॉर्नर को भुनाते हुए गोल दागकर भारत की बढ़त का अंतर कम करते हुए 5-4 कर दिया था. इससे पहले भारत ने तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में दो गोल दागकर खुद को 5-3 से आगे कर लिया था और यह बढ़त क्वार्टर के खत्म होने तक बरकरार रही. एक समय भारत 3-2 से पिछड़ रहा था, लेकिन भारत ने जबर्दस्त वापसी करते हुए खुद को आगे कर कर लिया. तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में बदलकर जबर्दस्त वापसी करते हुए भारत ने 4-3 से बढ़त बनाई, तो थोड़ी ही देर बाद सिमरनजीत ने मैदानी गोल दागकर स्कोर को 5-3 कर दिया. इससे पहले भारत ने दूसरे क्वार्टर की समाप्ति पर मुकाबले को 3-3 से बराबरी पर ला दिया था.
मैच पहला गोल जर्मनी ने ही किया था, भारत के लिए बराबरी का गोल सिमरनजीत सिंह ने किया था, लेकिन इसके बाद जमर्नी ने चंद मिनटों के भीतर ही दो गोल दागकर भारत पर 3-1 की बढ़त बनायी. बहरहाल भारत ने जल्द ही दूसरा गोल करके बढ़त के अंतर को 2-3 कर दिया. थोड़ी ही देर बाद भारत ने फिर पेनल्टी कॉर्नर को भुनाते हुए गोल दागकर मुकाबला 3-3 से बराबर कर दिया, जो दूसरा क्वार्टर खत्म होने तक बरकरार रहा. दूसरे क्वार्टर के बाद तक दोनों टीमों को चार-चार पेनल्टी कॉर्नर मिले. जहां जर्मन टीम एक भी पेनल्टी कॉर्नर को गोल में नहीं बदल सकी, तो वहीं भारत ने चार में से दो को गोल में बदला.
चौथा क्वार्टर: आखिरी मिनट में श्रीजैश का धमाल, भारत ने किया कांस्ट टेस्ट पास!
आखिरी क्वार्टर की शुरुआत में जर्मनी को पेनल्टी कॉर्नर मिला. भारतीय डिफेंडरों की लय यहां पिछले प्रयासों जैसी दिखायी नहीं पड़ी और विंडफेडर ने खेल के 48वें मिनट में मिले इस पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करके भारत की बढ़त के अंतर को कम करते हुए स्कोर को 5-4 कर दिया. खेल के 51वें मिनट में संभवत: भारत को मैच का सबसे बेहतरीन मौका मिला था, जब मनप्रीत गेंद को अकेले धकेलते हुए जर्मनी के डी में पहुंच गए. मनप्रीत के आस-पास कोई भी जर्मनी खिलाड़ी नहीं था. और वह मीलों आगे थे! लेकिन डी के पास पहुंचने पर वह सही निशाना नहीं लगा सके और उनकी लेफ्ट फ्लिक गोलची की छाती से जा टकरायी.
यहां से जर्मनी के हमलों में तेजी आयी और कुछ मिनट बाद उसे पेनल्टी कॉर्नर भी मिला. भारतीय फैंस की धड़कने बढ़ चुकी थीं, लेकिन गोलची श्रीजैश ने इस पेनल्टी कॉर्नर को बेकार कर दिया. राहत की सांस फैंस में लौटी! लेकिन धड़कनें एक बार फिर से अटक गयीं, जब खेल के आखिरी और 60वें मिनट में जर्मनी को पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन गोलची श्रीजैश ने सबसे जरूरी पलों में इस पेनल्टी कॉर्नर को निस्तेज करके कांस्य पदक सुनिश्चित करने के साथ ही करोड़ों भारतीयों को झूमने पर मजबूर कर दिया.
तीसरा क्वार्टर: भारत की धूम, जर्मनी पर बना ली 5-3 की बढ़त
मानो जो पेनल्टी कॉर्नर का वरदान दूसरे क्वार्टर में जर्मनी को दूसरे क्वार्टर में मिला था, इसकी भरपायी एक तरह से तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में भारत के लिए हो गयी. तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में भारत ने हमला बोला. डी में खिलाड़ी पहुंचे और हासिल कर लिया पेनल्टी स्ट्रोक. जमर्नी ने रेफरल लिया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, पर रुपेंद्र पाल सिंह ने इस स्ट्रोक को गोल में बदलकर भारत को 4-3 से आगे कर दिया. वास्तव में पेनल्टी स्ट्रोक की इससे बेहतर टाइमिंग नहीं ही हो सकती थी. सोचिए जो टीम 3-1 से पिछड़ रही थी, वह 4-3 से आगे हो गयी. भारतीयों के तेवर बदल गए. खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज बदल गयी. और शारीरिक स्पीड के साथ ही हमलों की भी गति बढ़ गयी. और पेनल्टी स्ट्रोक के गोल में बदलने के दो मिनट बाद ही खेल के 34वें मिनट में सिमरनजीत सिंह ने अपना दूसरा मैदानी और भारत के लिए पांचवां गोल करके टीम को 5-3 की बढ़त पर ला दिया.
तीसरा क्वार्टर खत्म होने से चंद मिनट पहले ही भारत को एक के बाद एक तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन इसका फायदा भारतीय खिलाड़ी नहीं उठा सके और बढ़त 5-3 पर ही अटकी रही. इसके बाद इतने ही पेनल्टी कॉर्नर जर्मनी को भी मिले, लेकिन भारतीय डिफेंडर बीस साबित हुए और भारत ने अपनी बढ़त पर कोई असर नहीं पड़ने दिया. यहां से बाकी बचे करीब तीन मिनट में जर्मनी खिलाड़ियों ने जी-जान लगा दी. डी में भी एक-दो बार पहुंचे, लेकिन गोल करने में सफलता नहीं ही मिली. भारत तीसरे क्वार्टर के बाद 5-3 की बढ़त पर बरकरार.
दूसरा क्वार्टर: भारत की जबर्दस्त वापसी, मुकाबला 3-3 से बराबरी पर आया
दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में वही तस्वीर देखने को मिली, जो पहले क्वार्टर के शुरुआती पलों में देखने को मिली थी. अंतर यह था कि इस बार काम को अंजाम भारत ने दिया. जर्मन दूसरे क्वार्टर ने उतरे ही थे कि भारतीयों ने हमला बोल दिया. भारतीयों की बॉडी लैंग्वेज पहले से बेहतर थी और गेंद को खदेड़ते हुए गेंद को के पाले में ले गए. और 17वें मिनट में सिमरनजीत का प्रचंड प्रहार जर्मनी के गोलपोस्ट में समा गया. इसी के साथ भारत मुकाबले में 1-1 की बराबरी पर आ गया. लेकिन गोल दागते ही भारतीय खिलाड़ी संतुष्ट या लयविहीन दिखायी पड़े. डिफेंस पूरी तरह से बिखरा, टूटा हुआ और उत्साहविहीन दिखायी पड़ा. जर्मनी ने खेल के 24वें मिनट में मूव बनाया.
मूव क्या बनाया कहें कि भारतीयों ने अपने कंट्रोल से गेंद गंवा दी. और एन विलेन ने 24वें मिनट में बेहतरीन गोल दागकर जर्मनी को 2-1 से आगे कर दिया. भारतीय टीम इस झटके से संभली भी नहीं थी कि बी. फर्क ने एक ओर मैदानी गोल दागकर जर्मनी को 3-1 से आगे करते हुए भारतीयों के चेहरे पर मुर्दनी परोस दी. लेकिन असल पिक्चर अभी बाकी थी. भारतीयों ने अपनी बॉडी लैंग्वेज पर इस बढ़त का असर नहीं पड़ने दिया. एक तरह से साइलेंट हमले, गति पहले से ज्यादा तेज. परिणाम देखने को मिला. भारत को दूसरे क्वार्टर के आखिरी पलों में 27वें और 29वें मिनट में दो पेनल्टी कॉर्नर मिले. पहले हार्दिक सिंह ने इसे गोल में बदल बढ़त को 2-3 किया, तो दो मिनट बाद ही हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर दूसरे मुकाबले को 3-3 की बराबरी पर ला दिया और यह स्थिति क्वार्टर के खत्म होने तक बरकरार रही.
पहला क्वार्टर: जर्मनी का जबर्दस्त दबदबा, मिला पेनल्टी कॉर्नर का वरदान!
खेल शुरू होते ही जर्मनी ने भारत पर हमला बोल दिया और देखते ही देखते उसके खिलाड़ी कब डी में पहुंच गए, भारतीयों को पता ही नहीं चला और ओरुट टी ने दूसरे ही मिनट के भीतर मैदानी गोल दागकर जर्मनी को 1-0 की बढ़त दिला दी. इस गोल ने भारतीयों को मानों नींद से जगा दिया और टीम मनप्रीत ने भी जर्मनी पर पलटवार किया. और भारत ने 5वें मिनट में ही पेनल्टी कॉर्नर हासिल कर लिया, लेकिन निराशाजनक बात यह रही कि भारत इसे गोल में तब्दील नहीं कर कर सके. वहीं, जर्मनी एक बार फिर से 7वें मिनट में गोल करने से चूक गया या कहें भारतीय गोलकीपर श्रीजैश की तत्परता ने गोल होने से बचा लिया, जब डी में खड़े जर्मन खिलाड़ी से डिफलैक्ट होकर गेंद गोलपोस्ट में जाने ही वाली थी कि श्रीजैश ने तेजी से हाथ से गेंद को बाहर झटक दिया. जर्मनी ने 9वें मिनट में फिर से अच्छा मूव बनाया, लेकिन श्रीजैश ने इस हमले को भी बेकार कर दिया. क्वार्टर के आखिरी पलों में भारतीय खिलाड़ी लय में नजर आए और अच्छा मूव बनाया, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. क्वार्टर खत्म से ठीक पहले जर्मनी ने भी पलटवार किया और हूटर बजा, तो जर्मनी ने रेफरल मांग लिया और इसका फायदा जर्मनी को मिला, जब रेफरल के बाद जर्मनी को पेनल्टी कॉर्नर दे दिया गया, लेकिन भारतीय डिफेंस ने इसे खारिज तो किया, लेकिन गेंद अमितु दास के पैर पर लगी. नतीजा यह रहा कि जर्मनी को फिर से पेनल्टी कॉर्नर मिल गया. मगर बात यहीं खत्म नहीं हुयी. जर्मनी को एक के बाद एक तीसरा पेनल्टी कॉर्नर अंपायर ने दिया. और चौथा भी पेनल्टी कॉर्नर मिला. मानो जर्मनी को किसी ने पेनल्टी कॉर्नर का वरदान दे दिया हो! मगर भारतीय डिफेंडरों ने जर्मनी के एक के बाद एक मिले लगातार चारों पेनल्टी कॉर्नर को गला दिया. बहरहाल, कुल मिलाकर पहले क्वार्टर में जर्मनी का जबर्दस्त दबदबा रहा और गेंद पर उसी के खिलाड़ियों का कब्जा रहा. -
नई दिल्ली : पश्चिमी दिल्ली के कैंट इलाके में 9 वर्षीय बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में स्थानीय लोगों का गुस्सा थमा नहीं है। लगातार तीसरे दिन बुधवार को इस वारदात को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से मुलाकत की है।
इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि वह परिवार को इंसाफ दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे। खबर आ रही है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी कुछ देर बाद पीड़ित परिजनों से मुलाकात करेंगे।
न्याय के लिए परिवार के साथ खड़ा हूंवहीं, राहुल गांधी ने परिजनों से मुलाकात के दौरान कहा कि माता-पिता के आंसू सिर्फ़ एक बात कह रहे हैं। उनकी बेटी, देश की बेटी न्याय की हकदार है और इस न्याय के रास्ते पर मैं उनके साथ हूं। इसके साथ ही राहुल गांधी ने यह घटना हृदयविदारक है।इससे पहले मंगलवार को लगातार दूसरे दिन आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर हंगामा किया और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग उठाई। मंगलवार को भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर ने भी पीड़िता के परिजनों ने मुलाकात सांत्वना दी थी।
दलों को नहीं दिया मंच कहा-सियासत नहीं, न्याय चाहिए
वहीं, बेटी को न्याय दिलाने में यदि कोई सहयोग करना चाहता है तो उसका स्वागत है, लेकिन सियासत करने की इजाजत किसी राजनीतिक दल को नहीं दी जाएगी। यह बात धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों ने उस समय कही, जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर रावण सहित अन्य नेता प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच पहुंचे।
दरअसल, पीड़ित परिवार से मिलने मंगलवार को कई नेता पहुंचे, लेकिन लोगों ने इन नेताओं को दो टूक कहा कि उन्हें पीड़ित परिवार से मिलने या बात करने की इजाजत तभी मिलेगी, जब वे यहां किसी प्रकार की राजनीति नहीं करेंगे।यहां मंच के ऊपर या मंच के सामने किसी भी दल का कोई झंडा नहीं लाया जाएगा। यह समाज की बेटी के साथ हुए जघन्य अपराध का मामला है। इस पर सियासत नहीं की जानी चाहिए।
दरअसल, चंद्रशेखर के साथ पहुंचे लोगों के हाथ में नीले रंग के झंडे थे, जिस पर स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई। यही नहीं, वाहनों पर लगे झंडे भी उतारने के लिए कहा। इस बीच किसी तरह चंद्रशेखर मंच पर पीड़ित परिवार से मिल सके।उन्होंने कहा कि देश की राजधानी में जब बच्ची सुरक्षित नहीं है, तब देश के अन्य हिस्सों में क्या हाल होगा यह समझा जा सकता है। दिल्ली में महिला सुरक्षा के नाम पर कहने को बसों में मार्शल तैनात हैं, लेकिन घर के बाहर बच्ची असुरक्षित है। आखिर यह कैसी दिल्ली है।
महिला अपराधों पर केजरीवाल की चुप्पी चिंताजनक: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने मंगलवार को कहा कि राजधानी में महिलाओं और बालिकाओं के साथ बढ़ते अपराधों के कारण दिल्ली की स्थिति चिंताजनक हो गई है। हैरत की बात यह कि मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल दिल्ली छावनी के ओल्ड नांगल राय गांव में नौ साल की दलित बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले पर पूरी तरह चुप्पी साधे हैं।
दिल्ली पुलिस ने भी इस जघन्य मामले को पूरी तरह दबाने की कोशिश की। चौधरी ओल्ड नांगल गांव में पीड़ित दलित परिवार से मुलाकात करने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के दवाब के बाद ही पुलिस ने अपराधियों को पकड़ा और बच्ची के अधजले शरीर को पोस्टमार्टम और फारेंसिक जांच के लिए भेजा।प्रदेश उपाध्यक्ष जयकिशन ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दबाव बनाने के बाद ही पुलिस ने मामले में गंभीरता दिखाई। अन्यथा पहले तो पुलिस ने बयान दिया था कि बच्ची की मौत कंरट लगने से हुई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस का विधिक एवं मानव अधिकार विभाग पीड़ित परिवार को पूर्ण कानूनी सहायता प्रदान करेगा।
अनिल चौधरी आगे कहा कि दिल्ली कांग्रेस प्रभारी राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल द्वारा ओल्ड नांगल गांव की इस घटना के मामले पर राज्यसभा में चर्चा के लिए नोटिस देने के बावजूद इस विषय को चर्चा में शामिल नहीं करने से महिलाओं के प्रति केंद्र की मोदी सरकार की असंवेनशीलता भी साफ उजागर होती है। दूसरी तरफ महिला कांग्रेस ने तो आइटीओ चौक पर प्रदर्शन कर इस घटना के विरोध में केजरीवाल का पुतला भी फूंका।
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न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री बघेल छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग के नवनियुक्त पदाधिकारियों के पदभार ग्रहण कार्यक्रम हुए शामिल
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गौ सेवा हमारे लिए कोई नारा नहीं, हमारा कर्तव्य है। छत्तीसगढ़ में गौ संरक्षण और संवर्धन का काम किसानों के जीवन में बदलाव लाने की मुहिम का एक हिस्सा है।राज्य सरकार ने सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी, गौठानों के निर्माण और गोधन न्याय योजना के माध्यम से इस दिशा में प्रभावी पहल की है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग के नवनियुक्त पदाधिकारियों के पदभार ग्रहण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।कार्यक्रम में गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष श्री मन्नालाल यादव, सदस्य श्री अटल यादव, श्री शेखर त्रिपाठी, श्री नरेन्द्र यादव, श्री पुरूषोत्तम साहू और श्री प्रशांत मिश्रा ने पदभार ग्रहण किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें नई जिम्मेदारी मिलने पर बधाई और शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री निवास में कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे और छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन और कार्यक्रम स्थल पर खाद मंत्री श्री अमरजीत भगत, विधायक श्री मोहित राम केरकेट्टा और श्रीमती उत्तरी जांगड़े, छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत श्रीराम सुंदर दास सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बीते ढ़ाई वर्षों में छत्तीसगढ़ में गोधन संरक्षण और संवर्धन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं, जो पूरे देश के लिए आज उदाहरण बन चुके हैं। मशीनीकरण के दौर में कृषि और पशुपालन के बीच दूरी बढ़ती जा रही है।
राज्य सरकार ने सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना और रोका-छेका अभियान जैसे कदमों से इस दूरी को कम करने का प्रयास किया है। कृषि और पशु पालन की ओर लोगों की रूचि बढ़ी है।छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य जहां दो रूपए किलो में गोबर की खरीदी हो रही हैं। इस योजना में किसानों, पशुपालकों और वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन में लगी स्व-सहायता समूह की महिलाओं के लिए आय का नया जरिया खोल दिया है।इससे डेयरी व्यवसाय को नया जीवन मिला है। गौठानों में पशुओं के लिए चारे और पानी की व्यवस्था की गई है। साथ ही यहां पशुओं के स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल भी हो रही है।रोका-छेका की पुरानी परम्परा को लेकर गांवों में जागृति आई है। खुले में घुमने वाले पशु कम ही दिखते हैं। मुख्यमंत्री ने आयोग के पदाधिकारियों को बधाई और शुभाकामनाएं देते हुए कहा कि उन्हें गौ सेवा की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10 हजार गौठानों में स्वीकृति दी गई है जिनमें से लगभग 5 हजार गौठानों चारागाह के लिए भूमि आरक्षित की जा चुकी है।इनमें से लगभग 3800 गौठानों चारा उत्पादन का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में गर्मियों में पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। साईलेज बनाकर चारे को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जाए। नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी और गोधन योजना छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन की शुरूआत के लिए मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं
शालाओं में कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने की अपील
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा क्षेत्र में संचालित 7 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में अधोसंरचना विस्तार के तहत स्वीकृत 7 करोड़ 25 लाख 66 हजार रूपए की लागत वाले कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस मौके पर दुर्ग जिले के सभी सोलह स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों में 2 अगस्त से अध्ययन-अध्यापन के लिए कक्षाएं शुरू होने पर बच्चों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोरोना के कारण बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में भी बहुत बाधा आई। कोरोना काल के दौरान बच्चों ने धैर्य के साथ ऑनलाइन अपनी पढ़ाई जारी रखी। मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में पढ़ाई-लिखाई को लेकर स्कूली बच्चों के धैर्य, समझदारी व सहनशीलता की भी प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमारी सावधानी के कारण ही कोरोना संक्रमण की रोकथाम में जीत मिली है। कोरोना संकट अभी खत्म नहीं हुआ है, आगे भी बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने पाटन क्षेत्र में 7 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों में नवप्रवेशित बच्चों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में बीते वर्ष तीन अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू किए गए थे। इस सत्र से चार नए और अंग्रेजी स्कूल प्रारंभ किए जा रहे। इससे बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा अध्ययन की बेहतर सुविधा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में 172 अंग्रेजी स्कूल शुरू किए जा रहे हैं। इन स्कूलों में अच्छी से अच्छी शिक्षा के साथ बच्चों को बेहतर सुविधाएं दी जा रही है। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल की गुणवत्ता को देखते हुए इन स्कूलों में निजी स्कूलों के बच्चे भी पढ़ना चाहते हैं। दुर्ग जिले में 7 हजार 878 बच्चों ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों में प्रवेश लिया है। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल का मुख्य उद्देश्य गरीब से गरीब परिवार के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा का अवसर उपलब्ध कराना है। हमारा लक्ष्य छात्रों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण करना है। यही बच्चे भविष्य के नवा छत्तीसगढ़ के नागरिक बनेंगे और अपने राज्य को नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पाटन क्षेत्र के सभी 7 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के बच्चों से चर्चा की। पाटन के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल के छात्र निशांत ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार जताते हुए कहा कि आपके प्रयासों से हम जैसे बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा हासिल करने का स्वर्णिम अवसर शुलभ हुआ है। निशांत ने कहा कि पढ़-लिखकर उसकी इच्छा स्कैच आर्टिस्ट बनने की है। सेलूद की छात्र शाईनी ने कहा कि आपने अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू कर के उन बच्चों के लिए भी बेहतरीन शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी है, जो आर्थिक अभाव के चलते निजी अंग्रेजी स्कूलों में शिक्षा अध्ययन के लिए सक्षम नहीं थे।
जामगांव आर के छात्र रामांशु साहू ने कहा कि अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा-अध्ययन का अवसर हम सबके लिए एक बड़ी उपलब्धि है। छात्रा आरोही वर्मा ने कहा कि वह डॉक्टर बनना चाहती है। अंग्रेजी स्कूल में दाखिला होने से आगे की पढ़ाई की राह आसान हो गई है।
पाटन स्कूल के पालक समिति के श्री धर्मेन्द्र सिन्हा ने मुख्यमंत्री को पाटन क्षेत्र के पालकों, शाला प्रबंधन समिति, पालक समिति की ओर से मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया और शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए नवप्रयोग की सराहना की और कहा कि राज्य को इसका फायदा मिलेगा। खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के सदस्य हेमन्त देवांगन, शिक्षिका चंद्रिका उदय, पालक कमलेश मिश्रा ने भी राज्य में अंग्रेजी माध्यम की निःशुल्क शिक्षा व्यवस्था के भागीरथ प्रयास के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार जताया।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की व्यवस्था की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पाटन क्षेत्र के 7 अंग्रेजी स्कूलों में 2880 सीटों में से अब तक 2809 सीटों पर बच्चों का दाखिला हो चुका है। इन स्कूलों में 157 शिक्षिकों की नियुक्ति की गई है।
इन स्कूलों में कुम्हारी, जंजगिरी, पाटन, सेलूद, रानीतरई, जामगांव एम एवं जामगांव आर शामिल हैं। इस अवसर पर सर्वश्री आशिष वर्मा, नगर पंचायत अध्यक्ष श्री भुपेन्द्र कश्यप एवं अन्य जनप्रतिनिधि सहित पालकगण एवं स्कूली बच्चे उपस्थित थे। -
नई दिल्ली : जापान के टोक्यो में जारी ओलंपिक खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम ने सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। टोक्यो ओलंपिक में भारत के पदक जीतने की संख्या अब एक से दो हो गई और ये जल्द ही दो से तीन में तब्दील हो सकती है।
सोमवार को भारत के पास तीसरा पदक जीतने का मौका है। वेटलिफ्टर मीराबाई चानू के रजत पदक जीतने के बाद रविवार को बैडमिंटन प्लेयर पीवी सिंधु ने कांस्य पदक जीता। वहीं, भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी पदक जीतने की उम्मीद जगा दी है।
भारतीय महिला हॉकी टीम पहुंची सेमीफाइनल में
भारत और ऑस्ट्रेलिया की महिला हॉकी टीम के बीच टोक्यो ओलंपिक 2020 का क्वार्टर फाइनल मैच ओआइ हॉकी स्टेडियम की नोर्थ पिच पर खेला गया। मैच के पहले क्वार्टर में दोनों टीम की तरफ से कड़ी प्रतिद्वंदिता देखी गई और कोई भी टीम गोल नहीं कर पाई। हालांकि, दूसरे क्वार्टर का खेल समाप्त होने के बाद हाफ टाइम में ऑस्ट्रेलिया पर भारत ने 1-0 की बढ़त बना ली। भारत की तरफ से गुरजीत कौर ने एक गोल किया।
तीसरे क्वार्टर में कोई भी टीम गोल नहीं कर पाई। वहीं, चौथे क्वार्टर में भी दोनों टीमों की तरफ से कोई गोल नहीं हुआ, लेकिन चौथे क्वार्टर में आखिरी के कुछ मिनटों का खेल काफी रोमांचक हुआ, जिसमें भारत की तरफ से गोलकीपर सविता पूनिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पेनाल्टी गोल रोका और भारत को 1-0 से जीत मिली। इसी के साथ टीम ओलंपिक खेलों के इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल तक पहुंचने में कामयाब रही।
भारत ने तीन बार की ओलंपिक गोल्ड विजेता और मौजूदा समय में विश्व की नंबर दो टीम को हराकर सेमीफाइनल तक का सफर तय किया है। भारत ने पहली बार 1980 में ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया था और 6 टीमों वाले खेल में चौथे पायदान पर रही थी। वहीं, 2016 में रियो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम 12वें स्थान पर रही थी और अब सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल हुई है।
दुती चंद नहीं कर पाईं क्वालीफाई
भारत की स्टार धाविका दुती चंद सोमवार को यहां ओलंपिक स्टेडियम ट्रैक 2 में महिलाओं की 200 मीटर स्पर्धा के सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहीं। हीट 4 में दौड़ते हुए, दुती ने सीजन की सर्वश्रेष्ठ 23.85 टाइमिंग के साथ समाप्त किया, लेकिन यह अच्छा नहीं रहा, क्योंकि वह 7वें स्थान पर रहीं और परिणामस्वरूप, वह सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रही।
क्रिस्टीन म्बोमा ने 22.11 के समय के साथ इस हीट में शीर्ष स्थान हासिल किया, क्योंकि उन्होंने नामीबिया के राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ा। यूएसए की गैब्रिएल थॉमस 22.20 के समय के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। प्रत्येक हीट में पहले तीन सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करते हैं और अगले 3 सबसे तेज (सभी सात हीट संयुक्त) भी अंतिम चार में आगे बढ़ते हैं।
भारत को टोक्यो ओलंपिक में तीसरा पदक सोमवार यानी आज चक्का फेंक खिलाड़ी कमल प्रीत कौर दिला सकती हैं, क्योंकि वे सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं और आज उनका सेमीफाइनल मुकाबला होगा। सेमीफाइनल जीतने के साथ ही भारत का एक और पदक पक्का हो जाएगा। इसके अलावा भारतीय महिला हॉकी टीम से भी देश को उम्मीद होगी कि वे अपना क्वार्टर फाइनल जीतकर सेमीफाइनल में प्रवेश करें।
पदक के मुकाबले
एथलेटिक्स (चक्का फेंक):
खिलाड़ी : कमलप्रीत कौर, फाइनल दौर, शाम : 4:30 बजे
निशानेबाजी (50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन)
खिलाड़ी : संजीव राजपूत और ऐश्वर्य प्रताप सिंह
क्वालीफिकेशन, सुबह 8:00 बजे
फाइनल, दोपहर 1:20 बजे
अन्य मुकाबले
एथलेटिक्स (200 मीटर दौड़) :
पदक के मुकाबले
एथलेटिक्स (चक्का फेंक):
खिलाड़ी : कमलप्रीत कौर, फाइनल दौर, शाम : 4:30 बजे
निशानेबाजी (50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन)
खिलाड़ी : संजीव राजपूत और ऐश्वर्य प्रताप सिंह
क्वालीफिकेशन, सुबह 8:00 बजे
फाइनल, दोपहर 1:20 बजे
अन्य मुकाबले
एथलेटिक्स (200 मीटर दौड़) : -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में हुए शामिल
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि नवा छत्तीसगढ़ के निर्माण में प्रदेश के युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। युवाओं को शिक्षा और रोजगार की बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।राज्य सरकार का यह प्रयास है युवाओं को सकारात्मक वातावरण मिले जिससे उनकी रचनात्मक शक्ति का उपयोग प्रदेश और देश के विकास में किया जा सके। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहाँ अपने निवास कार्यालय से छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के नवनियुक्त पदाधिकारियों के पदभार ग्रहण कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे।राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ युवा आयोग के अध्यक्ष श्री जितेंद्र मुदलियार, सदस्य श्री उत्तम वासुदेव और श्री अजय सिंह ने पदभार ग्रहण किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल ने की। उन्होंने नवनियुक्त अध्यक्ष और सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि वे प्रदेश की युवा शक्ति को रचनात्मक दिशा देने में सफल होंगे।इस अवसर पर वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, विधायक सर्वश्री दलेश्वर साहू, भुनेश्वर बघेल, श्रीमती छन्नी साहू, श्री शोभाराम बघेल, श्री राजमन बेंजाम, श्री विक्रम शाह मण्डावी, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री शैलेष नितिन त्रिवेदी, राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री राम गोपाल अग्रवाल, छत्तीसगढ़ तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष श्री संदीप साहू, छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष श्री धनेश पाटिला, राजनांदगांव की महापौर श्रीमती हेमा देशमुख खेल एवं युवा कल्याण विभाग की संचालक श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित थीं।मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह अच्छा संयोग है कि आज पूर्व विधायक श्री उदय मुदलियार की जयंती है और आज ही के दिन उनके चिरंजीवी श्री जितेन्द्र मुदलियार छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सम्भाल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय श्री उदय मुदलियार एक मिलनसार और जिंदादिल जनप्रतिनिधि थे।उनकी शहादत हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है। छत्तीसगढ़ के विकास में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमने युवा शक्ति के बल पर नवा छत्तीसगढ़ के निर्माण का सपना देखा है। युवा प्रतिभाओं को तराशना और उन्हें उपयुक्त मंच प्रदान करना हम सबकी जिम्मेदारी है। राज्य सरकार की प्राथमिकता में युवाओं के चरित्र का निर्माण भी शामिल है।मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लैस और रचनात्मक सुविधा से भरपूर हमारे युवा भविष्य के छत्तीसगढ़ के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जिस उम्मीद के साथ उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है उन पर वे खरा उतरेंगे और छत्तीसगढ़ की प्रगति में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा युवाओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। यही गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का असली स्वरूप है। उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने भी अध्यक्ष और सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में राजनांदगांव जिले से आए अनेक जनप्रतिनिधि और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री ने सफल विद्यार्थियों को दी बधाई
98.20 प्रतिशत परीक्षार्थी उतीर्ण
उत्तीर्ण बालिकाओं का प्रतिशत 98.30 और बालकों का प्रतिशत 98.12
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम ने आज छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल द्वारा आयोजित हायर सेकेण्डरी स्कूल सर्टिफिकेट मुख्य परीक्षा वर्ष 2021 का परिणाम ऑनलाईन घोषित किया।घोषित परीक्षाफल 98.20 प्रतिशत रहा। इसमें उत्तीर्ण बालिकाओं का प्रतिशत 98.30 और बालकों का प्रतिशत 98.12 है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला, राज्य ओपन स्कूल के सचिव प्रोफेसर व्ही.के.गोयल सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल द्वारा आयोजित हायर सेकेण्डरी परीक्षा में सफल सभी परीक्षार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल द्वारा आयोजित हायर सेकेण्डरी सर्टिफिकेट मुख्य परीक्षा में पंजीकृत 79 हजार 764 परीक्षार्थियों में से 78 हजार 164 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। इनमें से 115 परीक्षार्थियों का परीक्षा फल विभिन्न कारणों से रोका गया। आरटीडी योजना के अंतर्गत 16 हजार 608 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। शेष 61 हजार 511 परीक्षार्थियों का परिणाम घोषित किया गया।
उत्तीर्ण हुए कुल परीक्षार्थियांे की संख्या 60 हजार 409 है तथा परीक्षाफल 98.20 प्रतिशत रहा। अनुउत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या 1102 है, जो कुल घोषित परीक्षा परिणाम का 1.8 प्रतिशत है। घोषित परीक्षा परिणाम में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या 52 हजार 304 है। द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या 6 हजार 982 है। तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की संख्या एक हजार 119 है। 4 परीक्षार्थियों को पास श्रेणी में उत्तीर्ण घोषित किया गया है।
परीक्षा परिणाम छात्र छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल की वेबसाइट https://www.sos.cg.nic.in/ पर उपलब्ध है। इस वर्ष नोवेल कोरोना वायरस कोविड 19 के संक्रमण के कारण छात्रों की परीक्षा घर से आयोजित की गई। परीक्षा में अनुउत्तीर्ण छात्र आगामी परीक्षा के आवेदन फार्म अपने अध्ययन केन्द्र में जमा कर परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं। - सुरक्षबलों को सूचना मिली थी कि इलाके में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं. इसके बाद जब सुरक्षबलों ने सर्च ऑपरेशन चलाया तो आतंकियों ने फायरिंग करनी शुरू कर दी. जवाब में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया.
जम्मू कश्मीर : जम्मु-कश्मीर में सुरक्षाबलों को आज बड़ी कामयाबी मिली है. यहां पुलवामा जिले के नागबेरान-तारसार वनक्षेत्र में बीच तड़के से सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही थी. इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है. कश्मीर जोन पुलिस ने जानकारी दी है कि फिलहाल इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
मारे गए दोनों आतंकियों की पहचान अभी तक नहीं हुई
बताया जा रहा है कि मारे गए दोनों आतंकियों की पहचान अभी तक नहीं हुई है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने पर शनिवार सुबह दक्षिण कश्मीर के नागबेरान-तारसार वनक्षेत्र में घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया. उन्होंने बताया कि तलाशी कर रहे दल पर आतंकवादियों ने गोलियां चलाई जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई. सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दो आतंकी ढेर हो गए.
जम्मू कश्मीर में 14 ठिकानों पर NIA की छापेमारी
वहीं, आपको बता दें कि पिछले दिनों गिरफ्तार आतंकियों की सूचना के आधार पर आज एनआईए ने जम्मू कश्मीर में अनंतनाग, शोपियां और बनिहाल समेत 14 ठिकानों पर छापेमारी की है. एनआईए ये छापेमारी 27 जून को बरामद आईईडी और टेरर फंडिंग के मामले में कर रही है. एनआईए को जानकारी मिली है कि आतंकी संगठन आने वाले दिनों में हमले कर सकते हैं. - नई दिल्ली : भारत में लगातार नए मामले 40,000 से ऊपर ही दर्ज किए जा रहे हैं। देश में फिलहाल दूसरी लहर ही पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है और तीसरी लहर का अंदेशा जताया जा चुका है।
पिछले कुछ दिनों पहले कोरोना के नए मामले 29,000 की लाइन में पहुंच गए थे, लेकिन इसके बाद फिर मामले 40 हजार से ऊपर दर्ज किए जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में पिछले 24 घंटों में 41,649 नए COVID-19 मामले दर्ज किए गए हैं।
इस दौरान 37,291 लोग कोरोना से रिकवरी भी किए हैं। साथ ही पिछले घंटों 593 मौतें भी दर्ज की गई है। यहां यह समझना भी बेहद जरूरी है कि पूरे देश में सामने आ रहे कुल मामलों के आधे केवल केरल राज्य से ही दर्ज हो रहे हैं। यह पिछले कई दिनों से देखा जा रहा है। राज्य में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के बीच एक केंद्रीय टीम तिरुवनंतपुरम भी पहुंच गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में अब कोरोना के कुल मामले 3 करोड़ 16 लाख 13 हजार 993 हो गए हैं। वहीं, सक्रिय मामलों की बात करें तो देश में फिलहाल 4 लाख 8 हजार 920 लोग कोरोना से संक्रमित हैं।
रिकवरी की बात करें तो 3 करोड़ 7 लाख 81 हजार 263 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं। देश में अब तक कुल 4 लाख 23 हजार 810 लोगों की मौत हो चुकी है। बता दें कि बीते दिन तक देश में सक्रिय मामले 4,05,155 थे, जहां इसमें अब 3765 मामलों का इजाफा हुआ है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब तक कुल 46,15,18,479 कोविड वैक्सीन की खुराक दी गई है, जिसमें पिछले 24 घंटों में दी गई 52,99,036 भी शामिल हैं। 29 जुलाई को अब तक जांचे गए नमूनों की कुल संख्या 46,46,50,723 हो गई है, जिसमें शुक्रवार को जांचे गए 18,16,277 नमूने शामिल हैं।
केरल में कोरोना मामलों को काबू में लाने की कोशिश
केरल में कोरोना संक्रमण के मामले नियंत्रण में नहीं आ रहे। राज्य में लगातार चौथे दिन 20 हजार से ज्यादा मामले पाए गए जो देश भर में सामने आए कुल नए मामलों के आधे हैं। प्रतिदिन होने वाली मौतों की संख्या भी सौ से ऊपर बनी हुई है।शुक्रवार रात 12 बजे तक मिले आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 20,772 हजार केस दर्ज हुए हैं। केरल में 116 मौतें भी हुई हैं। केरल के हालात के चलते सक्रिय मामले भी लगातार तीन दिनों से बढ़ रहे हैं।पहले सक्रिय मामले चार लाख से नीचे आ गए थे और अब एक बार फिर चार लाख को पार कर गए हैं। केंद्र सरकार ने केरल में हालात से निपटने के लिए अपनी टीम भी भेजी है। - झारखंड : झारखंड के धनबाद में जज की संदिग्ध मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने मुख्य सचिव और डीजीपी से एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी। बेंच ने कहा कि देश भर में न्यायिक अधिकारियों पर हमले की कई घटनाएं हुई हैं। हम उनकी सुरक्षा के व्यापक विषय पर सुनवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि हाल ही में अदालत परिसर के अंदर और बाहर न्यायिक अधिकारियों और वकीलों पर हमले के कई मामले सामने आए हैं। ऐसे में न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा के मुद्दों पर विचार करने की जरूरत है।
ऑटो ने जज को मारी टक्करगौरतलब है कि गुरुवार को धनबाद में मार्निंग वॉक के दौरान जज उत्तम आनंद को ऑटो ने कुचल दिया था, गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। जिस तरह घटना को अंजाम दिया गया है उसे साजिश बताया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि जज उत्तम आनंद सड़क किनारे धीरे-धीरे दौड़ लगा रहे हैं और पीछे से तेज रफ्तार एक ऑटो सड़क पर सीधा चल रहा है और जज के नजदीक आकर वह अपना डायरेक्शन बदल देता है और जज को रौंदते हुए आगे निकल जाता है।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाबघटनाक्रम का सीसीटीवी फुटेज वायरल होने पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट में डीजीपी ने कहा,जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा, अगर जांच सही नहीं हुई तो केस सीबीआई के पास ट्रांसफर किया जाएगा।
पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कियागैंगस्टर को जमानत देने से इनकार के बाद धनबाद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के मामले में गुरुवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल ऑटो को भी जब्त किया है।
- मध्यप्रदेश : आठ लाख छात्रों का इंतजार खत्म करते हुए मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने गुरुवार को बारहवीं का परिणाम जारी किया। बोर्ड की तरफ से आधिकारिक वेबसाइट पर 12वीं कक्षा का रिजल्ट जारी किया गया है। विद्यार्थी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट mpbse.nic.in के जरिए अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं। इसके अलावा, विद्यार्थी mpresults.nic.in, mpbse.mponline.gov.in और mpbse.nic.in वेबसाइट्स के जरिए भी परिणाम देख सकते हैं। छात्र बोर्ड के मोबाइल एप के जरिए भी 12वीं का रिजल्ट देख सकते हैं। इसके लिए विद्यार्थियों को MPBSE मोबाइल एप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करना होगा।
इस साल बारहवीं कक्षा में कोई भी विद्यार्थी फेल नहीं हुआ है। बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से बारहवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। बोर्ड ने एक साथ साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स स्ट्रीम के विद्यार्थियों का रिजल्ट जारी किया।इस साल की बोर्ड परीक्षा के लिए कुल 6,60,682 छात्रों ने पंजीकरण कराया था और 6,56,148 छात्रों के परिणाम घोषित किए गए हैं। 3,549 छात्रों का रिजल्ट रोक दिया गया है और 985 छात्रों का रिजल्ट रद्द कर दिया गया है। सूबे के शिक्षा मंत्री ने रिजल्ट जारी करते हुए कहा कि 52 फीसदी छात्रों को फर्स्ट डिवीजन मिली है जबकि 40 फीसदी छात्रों ने सेकेंड और 7 फीसदी छात्रों ने थर्ड डिवीजन प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि जो छात्र अंकों से संतुष्ट नहीं हैं, वे सितंबर में एक या सभी विषयों की विशेष परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाले छात्रों की कुल संख्या: 3,43,064द्वितीय श्रेणी प्राप्त करने वाले छात्रों की कुल संख्या: 26,4,295तृतीय श्रेणी हासिल करने वाले छात्रों की कुल संख्या: 48,787ऐसे चेक करें मध्य प्रदेश बोर्ड का 12वीं कक्षा का रिजल्ट-सबसे पहले मध्य प्रदेश बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।-बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट mpresults.nic.in है।-यहां होम पेज पर ही आपको 12वीं कक्षा के रिजल्ट का लिंक मिलेगा।-जिस पर क्लिक करते ही नया पेज खुलेगा।-जहां आपको अपना रोल नंबर और जन्मतिथि भरकर सबमिट करना होगा।-इसके बाद आपका बारहवीं कक्षा का रिजल्ट खुल जाएगा।-जिसे आप डाउनलोड कर सकते हैं और प्रिंट ले सकते हैं।मोबाइल एप के जरिए ऐसे चेक करें बारहवीं कक्षा का रिजल्ट-सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर से एमपीबीएसई मोबाइल एप डाउनलोड करें-यहां मोबाइल एप के 'नो योर रिजल्ट सेक्शन' पर जाएं।-इसके बाद अपना रोल नंबर और जन्मतिथि दर्ज करें।-इस तरह आपका 12वीं कक्षा का रिजल्ट खुल जाएगा।
बोर्ड ने 14 जुलाई को जारी किया था दसवीं का रिजल्टमध्य प्रदेश बोर्ड ने 14 जुलाई को दसवीं कक्षा का रिजल्ट जारी किया था। इस साल दसवीं कक्षा में 3,56,582 विद्यार्थियों ने प्रथम डिविजन हासिल की है। जबकि, साल 2020 में 3,42,390 छात्रों ने फर्स्ट डिविजन हासिल की थी। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने और कॉलेज के अधिग्रहण के निर्णय पर जताया आभार
मुख्यमंत्री ने कहा- बच्चे हमारे भविष्य है, इनकी बेहतरी के लिए हर संभव प्रयास
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज उनके निवास कार्यालय में चन्दूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय दुर्ग में अध्ययनरत छात्रों एवं उनके पालकों ने मुलाकात की। पालकों ने मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा की जा रही पहल और कॉलेज के अधिग्रहण के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार जताया। पालकों ने कहा कि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए राज्य सरकार ने न सिर्फ ऐतिहासिक निर्णय लिया है, बल्कि राजधर्म का भी पालन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चे हमारे भविष्य है। इनके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए शासन हर संभव प्रयास करेगा।
गौरतलब है कि चंदूलाल चंद्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय दुर्ग में 2017 बैच के 180 छात्र चतुर्थ वर्ष में अध्ययनरत है। यहां इन बच्चों का अध्यापन कार्य प्रभावित होने की वजह से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य शासन द्वारा बच्चों को अन्य मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज में पुनः आबंटन (रिएलोकेट) किए जाने का आदेश छत्तीसगढ़ शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया है। हॉस्पिटल बोर्ड के राज्य अध्यक्ष और आईएमए मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क के राज्य संयोजक डॉ. राकेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को बताया कि 2017 के पूर्व बैच के लगभग 300 मेडिकल छात्र इंटर्नशिप पूरा कर रहे हैं, अब वे पीजी नीट की परीक्षा में बैठेंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल एवं संवेदनशीलता से 480 छात्रों का भविष्य सुरक्षित हुआ है। मेडिकल छात्र श्री अक्षत ने कॉलेज के एमबीबीएस के छात्रों के रिएलोकेशन के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि छात्रों को उनके गृह जिले के शासकीय जिला चिकित्सालयों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में इंटर्नशिप करने का अवसर भी दिया जाना चाहिए, इससे इंटर्नशिप के दौरान उन्हें ज्यादा सीखने का मौका मिलेगा। डॉ. राकेश गुप्ता का कहना है कि किसी भी राज्य में निजी मेडिकल कॉलेज के लिए एमसीआई तभी अनुमति देती है, जब राज्य सरकार की ओर से यह लिखित में दिया जाता है कि वह इस कॉलेज में अध्ययनरत बच्चों के हितों की पूरी तरह से सुरक्षा करेगी। कई राज्यों में निजी मेडिकल कॉलेजों की मान्यता समाप्त होने के बाद अध्ययनरत छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा इस तरह के कदम उठाए गए हैं। उन्होंने उत्तराखंड के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का भी उल्लेख करते हुए बताया कि जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार मेडिकल छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए नैतिक रूप से जवाबदार है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य की जनता, छात्रों के हितों तथा प्रदेश में तेजी से चिकित्सा शिक्षा के विस्तार के उद्देश्य से चन्दूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय दुर्ग के अधिग्रहण का निर्णय लिया गया है। आमतौर पर किसी चिकित्सा महाविद्यालय की अधोसंरचना को तैयार करने में ही करीब 500 करोड़ रूपए की लागत और काफी समय लग जाता है। मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त 150 सीट वाले चंदूलाल चंद्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय दुर्ग के राज्य शासन द्वारा अधिग्रहण से आधी से कम लागत में ही एक और शासकीय मेडिकल कॉलेज का लाभ प्रदेश की जनता और छात्रों को तत्काल मिल सकेगा। इस अवसर पर डॉ. बसंत आंचल, डॉ. प्रवीण चंद्राकर, डॉ. छत्तर सिंह, डॉ. रूपल पुरोहित, श्री विश्वजीत मित्रा, डॉ. अक्षत तिवारी सहित छात्र एवं पालकगण उपस्थित थे।
- नई दिल्ली: कर्नाटक में बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. पूर्व सीएम येदियुरप्पा ने बोम्मई बधाई देते हुए ट्वीट किया है, 'मुझे भरोसा है कि आप कर्नाटक को विकास के पथ पर ले जाएंगे और राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे.' येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद भाजपा विधायकों की मंगलवार को हुई बैठक में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया. बता दें कि बेंगलुरु के एक निजी होटल में हुई बैठक में भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक- केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जी किशन रेड्डी- भी शामिल थे. विधायक दल की बैठक से पहले पर्यवेक्षकों ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री येदियुरप्पा से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की थी. इससे पहले दिन में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक प्रभारी अरूण सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील के साथ येदियुरप्पा से मुलाकात की थी.
बसवराज बोम्मई कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता हैं. बोम्मई ने भूमाराद्दी कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से 1982 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में BE डिग्री ली. उन्होंने जनता दल से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी.बसवराज बोम्मई धारवाड़ स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र से दो बार, सन 1998 और 2004 में कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य चुने गए. उन्होंने साल 2008 में जनता दल यूनाइटेड छोड़ दिया और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए, सन 2008 के कर्नाटक के विधानसभा चुनावों में बोम्मई हावेरी जिले के शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. बसवराज बोम्मई इस साल के शुरुआत में कर्नाटक के गृह मंत्री बनाए गए थे. वे कर्नाटक विधा्नसभा के 2004 से 2008 तक भी सदस्य रहे हैं.
बता दें, बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सोमवार को राज्यपाल थावरचंद गहलोत को सौंप दिया था. राज्य में कई महीनों से नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें थी. दक्षिण भारत में भाजपा की पहली सरकार बनवाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले येदियुरप्पा ने चार बार राज्य का नेतृत्व किया. - नई दिल्ली : जैसे कि विपक्ष के रवैये को देखते हुए आज भी संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रहने के आसार लगाए जा रहे थे, सही वैसा ही देखने को मिल रहा है। दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया।पेगासस जासूसी प्रकरण की जांच कराए जाने की मांग को लेकर विपक्ष ने सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी। इसके अलावा विपक्ष तीन कृषि कानूनों और महंगाई के मुद्दों पर भी आंदोलित है।
इससे पहले भी संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही की शुरुआत से पहले सोमवार को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कारगिल युद्ध में शहीद वीर जवानों को श्रद्धांंजलि दी गई, जिसके बाद राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष ने पेगासस मुद्दे पर हंगामा किया और दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। 4 बजे एक बार फिर से राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, दो विधेयकों को चर्चा के बाद लोकसभा में पारित किया गया और सदन को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। हालांकि, आज फिर कार्यवाही बाधित हो रही है।
लोकसभा दूसरी स्थगित। अब कार्यवाही 12 बजे तक रुकी।
-असम से कांग्रेस सांसद, रिपुन बोरा ने नियम 176 के तहत राज्यसभा में एक छोटी अवधि की चर्चा का नोटिस दिया और कल के असम-मिजोरम सीमा संघर्ष पर चर्चा की मांग की, जिसमें असम पुलिस के छह कर्मियों के शहीद होने की खबर मिली है।
-राज्यसभा स्थगित करने से पहले अध्यक्ष एम वेंकैया नायडू बोले, 'मैं मीडिया रिपोर्टों के बारे में चिंतित हूं कि सदन के कुछ वर्गों ने शेष सत्र के लिए सदन को कार्य करने की अनुमति नहीं देने के लिए दृढ़ संकल्प किया है। संसद कानून बनाने और सार्वजनिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए है।' उन्होंने आगे कहा कि पार्टियों के नेताओं ने चल रही खेदजनक स्थिति और सार्वजनिक चिंताओं के मुद्दों को उठाने से वंचित होने पर मुझे अपनी चिंता व्यक्त की है। मैं आप सभी से इस रवैये पर पुनर्विचार करने की अपील करता हूं।
सदन में विपक्षी सांसदों की नारेबाज़ी के बीच लोकसभा को 11:45 बजे तक स्थगित किया गया।
-'पेगासस प्रोजेक्ट' रिपोर्ट पर चर्चा के लिए विपक्षी सांसदों की नारेबाजी मंगलवार को भी जारी है। इस बीच राज्यसभा दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई है।
-दिल्ली: संसद में भाजपा संसदीय दल की बैठक चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा संसदीय दल की बैठक के लिए संसद पहुंचे हुए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित दूसरे केंद्रीय मंत्री भी बैठक में हिस्सा ले रहे हैं।
-कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में 'पेगासस' रिपोर्ट पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है।
दिल्ली: मानसून सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा कार्यवाही को ना चलने देने पर पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा के अलावा, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी भाजपा संसदीय दल की बैठक में शामिल रहेंगे। - राहुल गांधी ने कहा कि सरकार कह रही है कि किसान खुश हैं और धरने पर बैठे किसानों को आतंकवादी और न जाने क्या-क्या कहां जा रहा है. लेकिन हकीकत है कि किसानों के अधिकारों को छीना जा रहा है.
नई दिल्ली : किसान आंदोलन के समर्थन में विपक्षी दल कांग्रेस लगातार संसद से लेकर सड़क तक सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है. कांग्रेस किसानों के प्रति समर्थन जताने का कोई भी मौका नहीं चूक रही है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को ट्रैक्टर के जरिये विजय चौक पहुंचे. इसके बाद कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला और बाकि नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया.पैंट शर्ट पहने राहुल गांधी ट्रैक्टर चला रहे थे, जबकि उनके साथ कई कांग्रेस नेता तख्तियां लेकर ट्रैक्टर पर बैठे हुए थे. उनके हाथों में किसान आंदोलन के समर्थन और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग से जुड़ी तख्तियां थीं.
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार कह रही है कि किसान खुश हैं और धरने पर बैठे किसानों को आतंकवादी और न जाने क्या-क्या कहां जा रहा है. लेकिन हकीकत है कि किसानों के अधिकारों को छीना जा रहा है. राहुल ने कहा, मैं किसानों का संदेश लेकर आया हूं. वे किसानों की आवाज दबाने का प्रयास कर रहे हैं और संसद में इन मुद्दों पर बहस नहीं होने दे रहे हैं. उन्हें इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगी.
पूरे देश को पता है कि इन कृषि कानूनों से सिर्फ 2-3 उद्योगपतियों को ही भला होगा. गौरतलब है कि संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है, जहां विपक्ष लगातार सरकार को कृषि कानूनों, महंगाई और पेगासस जासूसी के मुद्दे पर घेरने का प्रयास कर रहा है. मानसून सत्र के पहले हफ्ते में लगातार हंगामे के कारण कामकाज नहीं हो सका है. - नई दिल्ली : भारत में कोरोना की दूसरी लहर दिन प्रति दिन कम होती जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों के अंदर देशभर में 39,361 कोरोना के नए मामले और 416 मौतें दर्ज की गईं हैं।सोमवार को सरकार की तरफ से जारी आकंड़ों के अनुसार देश में कोरोना के सक्रिय मामले 4,11,189 हैं। अब तक देश में 3,05,79,106 लोग कोरोना से उबर चुके हैं। देश में कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या 4,20,967 है। भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण के आंकड़ों की बात करें तो देश में अब तक कुल 43,51,96,001 टीके के डोज लगाए जा चुके हैं।
सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि केंद्र ने अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 45.37 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की खुराक प्रदान की है। मंत्रालय ने कहा कि 59,39,010 और खुराकें जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दी जाएंगी ये अभी पाइपलाइन में हैं।
देश में 16 जनवरी से शुरू हुआ था टीकाकरण
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी को देशव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत की, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों ने भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई की अग्रिम पंक्ति में अपनी पहली जद्दोजहद की। देश में 1 मार्च से टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण शुरू हुआ था, जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति और 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका लगवाना शुरू किया गया।
लोगों में नहीं दिख रही सतर्कता
गौरतलब है कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लोगों में सतर्कता देखने को नहीं मिल रही है। लापरवाही बढ़ने के कारण संक्रमण में वृद्धि होने की आशंका बनी हुई है। अगर अब भी लोग नहीं संभले तो जिले में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगेंगे और आंकड़ों में तेजी से उछाल देखा जा सकता है। - मुंबई : महाराष्ट्र में मानसूनी बारिश का कहर के चलते दो दिनों में 129 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भूस्खलन और बाढ़ के कारण रायगढ़, रत्नागिरी एवं सतारा में हुई इन घटनाओं में कई लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं, कई मकान तबाह हो चुके हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आज दोपहर 12 बजे हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित महाड़ के लिए रवाना होंगे।वह अपनी यात्रा के दौरान बाढ़ प्रभावित तलाई गांव का भी दौरा करेंगे। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम रत्नागिरी जिले के बाढ़ प्रभावित निचले चिपलूण इलाके में बचाव और राहत अभियान चला रही है। भारी बारिश के बाद महाराष्ट्र के कई हिस्सों में सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं एनडीआरएफ लोगों के बीच भोजन वितरित कर रही है।
भारी बारिश के कारण सांगली जिले के तंदुलवाड़ी गांव में बाढ़ आ गई है। बचाव और राहत कार्य जारी है राज्य में बाढ़ से 76 लोगों की मौत हो चुकी है।
राहत एवं पुनर्वास विभाग के मुताबिक बाढ़ से 76 लोगों और 75 जानवरों की मौत हो चुकी है। कुल 38 लोग घायल हुए और 30 लोग लापता हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों से 90,000 लोगों को निकाला गया है।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को फोन किया और राज्य में बारिश और बाढ़ के कारण जान-माल के नुकसान पर चिंता व्यक्त की। राज्यपाल ने उन्हें स्थिति की जानकारी देते हुए किए जा रहे बचाव और राहत कार्यों से अवगत कराया।
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के तलाई गांव में कल लगातार बारिश के कारण भूस्खलन होने से कई मकान तबाह हो गए। एक निवासी, अंकिता ने बताया , "मेरा घर बह गया है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। लोगों ने नए घर बनाए थे और उनके लिए कर्ज लिया था। सब कुछ तबाह हो गया।
जिला कलेक्टर निधि चौधरी के अनुसार महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में भूस्खलन के कारण दो अलग-अलग घटनाओं में कुल 44 लोगों की मौत हो गई है जबकि 25 से ज्यादा लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं। 35 लोगों का इलाज चल रहा है । बता दें कि रायगढ़ में छह स्थानों पर भूस्खलन हुआ है।
जलस्तर कम होने पर दिखी नुकसान की भयावहता
पिछले तीन दिनों से महाराष्ट्र के समुद्रतटीय कोंकण, रायगढ़ एवं पश्चिम महाराष्ट्र में भारी बारिश हो रही है जिससे हुए हादसों में अब तक 129 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। रत्नागिरी जिले के चिपलूण शहर बड़ा हिस्सा गुरुवार को पूरी तरह जलमग्न हो गया था, जलस्तर कम होने पर वहां हुए नुकसान का भयावहता नजर आने लगी है। इन इलाकों में भूस्खलन से अब तक 100 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस क्षेत्र में स्थित पर्यटन स्थल महाबलेश्वर में बीते तीन दिनों में रिकार्ड 1500 मिमी. बारिश दर्ज की गई है।
महाराष्ट्र में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं नदियां
पश्चिम महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सांगली एवं सातारा की नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है जबकि कोंकण के रत्नागिरी एवं रायगढ़ जिलों में बरसात का पानी शुक्रवार को उतरता दिखाई दिया। कोल्हापुर की पंचगंगा एक दिन पहले से ही रौद्र रूप दिखा रही है। सांगली की कृष्णा नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से आस पास के इलाके पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं।
पानी में डूबा पुणे-बेंगलुरु हाइवे
कोंकण एवं पश्चिम महाराष्ट्र में बचाव अभियान जारी है लेकिन तेज हवा और भारी बरसात के कारण बचाव दल का पहुंचना मुश्किल हो रहा है। एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। अब तक यहां के बाढ़ग्रस्त इलाकों में एनडीआरएफ की 18 टीमें पहुंच चुकी हैं।पुणे-बेंगलुरु हाइवे पानी से डूबा नजर आ रहा है। बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों को घरों की छतों पर जाने के लिए कहा जा रहा है तो कुछ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।