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एजेंसी
नई दिल्ली : कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट पर स्टडी कर रहे एक सरकारी पैनल ने वैक्सीन की वजह से होने वाली पहली मौत की पुष्टि की है। जानकारी के मुताबिक, एक 68 साल के बुजुर्ग को वैक्सीन की पहली डोज देने के बाद एनाफिलेक्सिस हो गया, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। आपको बता दें कि ये एक तरह की एलर्जी टाइप की बीमारी होती है, जिसमें जान जाने का भी खतरा होता है। बता दें कि इस बुजुर्ग को मार्च के पहले हफ्ते में वैक्सीन की पहली डोज दी गई थी।
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, सरकार की तरफ से गठित किए गए इस पैनल ने वैक्सीन लगने के बाद हुई 31 मौतों का अध्ययन किया था, जिसमें से सिर्फ एक मरीज को ही वैक्सीन के दुष्प्रभाव के कारण हुई मौत की पुष्टि की गई है। इन सभी मरीजों को एक जैसी बीमारी की शिकायत हुई थी। इस बीमारी को वैज्ञानिक भाषा में एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) कहा जाता है। AEFI के लिए केंद्र सरकार ने एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी के अध्यक्ष एनके अरोड़ा ने वैक्सीन के कारण मौत होने की पुष्टि तो कर दी है, लेकिन उन्होंने इससे आगे कुछ भी कहने से अभी इनकार किया है।
तीन और मौतों की वजह हो सकती है वैक्सीन!
आपको बता दें कि तीन और मौतों की वजह वैक्सीन को माना गया है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। सरकारी पैनल की रिपोर्ट कहती है, "वैक्सीन से जुड़े हुए अभी जो भी रिएक्शन सामने आ रहे हैं, उनकी उम्मीद पहले से ही थी, जिन्हें मौजूदा साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर वैक्सीनेशन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। ये रिएक्शन एलर्जी से संबंधित या एनाफिलैक्सीस जैसे हो सकते हैं।" - एजेंसीबिहार : बिहार के भोजपुर जिले में एक अदालत ने 2018 में हुई आरा शहर के चर्चित बैग कारोबारी इमरान खान की हत्या में मामले में कुख्यात अपराधी खुर्शीद कुरैशी समेत 10 अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही दोषियों पर एक-एक लाख रुपये जुर्माने का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने यह फैसला डिजिटल सुनवाई के दौरान सुनाया।
पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार दुबे ने बताया कि एडीजे (9) मनोज कुमार की अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई करते हुए वर्ष 2018 में बैग कारोबारी इमरान की हत्या के मामले में सोमवार को कुख्यात अपराधी खुर्शीद कुरैशी समेत 10 अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
बता दें कि भोजपुर जिले के नगर थाना क्षेत्र में 6 दिसंबर 2018 को इमरान की दिनदहाड़े बीच बाजार गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इमरान के भाई अकील अहमद और एक बीएसएनएल कर्मी भी गोली लगने से जख्मी हो गए थे। उसे लेकर अकील अहमद के बयान पर टाउन थाने में खुर्शीद कुरैशी और उसके भाई सहित अन्य के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
प्राथमिकी में कहा गया था कि उससे दस लाख रुपये रंगदारी की मांग की गई थी। पैसे देने से इनकार किया तो दोषियों ने उन पर अंधाधुंध गोली चलाई। गोलीबारी में इमरान की मौत हो गई, जबकि उनके भाई अकील अहमद और एक कर्मी जख्मी हो गए।
- एजेंसी
नई दिल्ली : लोक जन शक्ति पार्टी के पांच सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान से बगावत कर दी है। बिहार के हाजीपुर से सांसद और चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस की अगुवाई में ये बगावत हुई है। पार्टी सांसदों ने चिराग पासवान को लोकसभा में नेता के पद से भी हटा दिया गया है। पार्टी सांसदों ने पशुपति कुमार पारस को सर्वसम्मति से लोकसभा में लोक जनशक्ति पार्टी संसदीय दल का नेता चुना गया है। बताया गया है कि 13 जून को हुई बैठक में पारस को नेता चुना गया।
चिराग पासवान सोमवार दोपहर को दिल्ली स्थित पशुपति पारस से मिलने उनके आवास पर पहुंचे हैं। हालांकि चिराग के यहां पहुंचने के रिश्तों की तल्खी साफ दिखी। चिराग को करीब आधे घंटे इंतजार बाहर खड़े रहने के बाद गेट खोला गया।
चिराग पासवान जब पशुपति पारस के घर पहुंचे को दरवाजा नहीं खोला गया। करीब आधे तक चिराग पासवान घर के बाहर ही खड़े रहने के बाद दरवाजा खुला और उनकी गाड़ी अंदर गई। चिराग पासवान की चाचा पशुपति पारस से क्या बात हुई है, इसको लेकर अभी जानकारी सामने नहीं आई है।
लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात आज
लोक जनशक्ति पार्टी के पाचों सांसद आज दोपहर बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मुलाकात कर सकते हैं।पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि पार्टी के छह में से 5 सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को अपना पत्र सौंपा है, जब भी वे आदेश देंगे हम उनसे मिलने जाएंगे।
क्या है मामला
बिहार में लोकजन शक्ति पार्टी के छह सांसद हैं। इसमें एक पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान भी हैं। पार्टी के पांच सांसदों ने चिराग पासवान के नेतृत्व को अस्वीकार कर दिया है। सांसद पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा देवी, चंदन सिंह और फ्रिंस राज ने एलजेपी से अलग होने का निर्णय लिया है। सभी ने पशुपति पारस को अपना नेता माना है।
बता दें कि लोकजनशक्ति पार्टी के संस्थापक पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान थे। उनकी मौत के बाद उनके बेटे चिराग पासवान पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। अब पार्टी में एक बड़ी फूट देखने को मिली है। - द न्यूज़ इंडिया समाचर सेवासाजा में 50 बिस्तर वाले मातृ शिशु अस्पताल खोलने की घोषणा
किसानों, महिलाओं और छात्रों से की वर्चुअल चर्चा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में मुंगेली और बेमेतरा जिले में 448 करोड़ 77 लाख रूपए की लागत वाले विकास एवं निर्माण कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन किया, जिसमें मुंगेली जिले में 276 करोड़ 12 लाख रूपए की लागत के विकास कार्य तथा बेमेतरा जिले में 172 करोड़ 65 लाख रूपए की लागत वाले विकास एवं निर्माण कार्य शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर दोनों जिलों के निवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी और कहा कि हम लोगों ने जिस नवा छत्तीसगढ़ को गढ़ने का संकल्प लिया था, वह आज साकार हो रहा है। सुराजी गांव की कल्पना, आकार लेने लगी है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे के आग्रह पर साजा में 50 बिस्तर वाले मातृ शिशु चिकित्सालय (एमसीएच) खोलने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि गांव और किसान हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता में है। हमारी सरकार किसानों और ग्रामीणों की है। छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ समाज के सभी वर्गाें के लोगों तक पहुंच रहा है। किसानों और ग्रामीणों से मैं हर रोज बात कर रहा हूं। उनके चेहरे पर संतोष देख कर मुझे भी बहुत संतोष होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा में कोई छात्र आर्थिक कारणों से पीछे न रह जाए, इसके लिए हमने राज्य में अब तक 171 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले हैं। अंग्रेजी स्कूलों के बच्चों को फर्राटेदार अंग्रेजी में बातचीत करते हुए देख और सुनकर सुखद आश्चर्य होता है, कभी किसी ने कल्पना नहीं की होगी कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चें कितनी बढि़या अंग्रेजी बोल लेते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं अधोसंरचना को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि सुराजी गांव योजना से पशुधन की देखभाल की बात हो, आजीविका की गतिविधियां हो, नरवा और बाड़ी विकास हो, गोधन न्याय योजना में गोबर की खरीदी बिक्री हो, जैविक खाद का निर्माण हो, पूरे छत्तीसगढ़ की तरह मुंगेली और बेमेतरा जिले में भी बढि़या काम हो रहा है। इन योजनाओं से गांवों में बदलाव की शुरूआत हो चुकी है। इस साल हमने किसानों की आय का एक नया जरिया भी खोला है। जिन खेतों में किसानों ने पिछली बार धान की फसल ली थी, यदि इस बार उसमें धान के बदले दूसरी फसल लेते हैं या वृक्षारोपण करते हैं, तो उनको धान पर मिलने वाली आदान सहायता की तुलना में ज्यादा आदान सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम के दौरान शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों, किसानों, स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल से बच्चों से चर्चा की।इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडि़या ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य के समग्र विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि किसानो, ग्रामीणों, वनवासियों, महिलाओं की बेहतरी के लिए मुख्यमंत्री ने जिन योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू किया है, उनकी जनमानस द्वारा प्रशंसा की जा रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को देश में सर्वाधिक मदद पहुंचाने वाला राज्य छत्तीसगढ़ है। किसानों और ग्रामीणों की ललक और उनके चेहरे की चमक बताती है कि छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं का लाभ उन्हें मिल रहा है। राज्य में खेती-किसानी और खुशहाली का एक नया दौर शुरू हुआ है। कार्यक्रम को संसदीय सचिव श्री गुरू दयाल सिंह बंजारे, सांसद श्री अरूण साव, विधायक सर्वश्री अशीष छाबड़ा, धरमजीत सिंह, पुन्नू लाल मोहले ने भी वर्चुअल रूप से सम्बोधित किया। - एजेंसीनई दिल्ली : 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव शिरोमणि अकाली दल (शिअद) बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर लड़ेगा। दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारा का मामला भी सुलझ गया है। अकाली दल ने बसपा को 18 सीटें देने पर हामी भरी है। हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा दोनों दलों की ओर से अभी की जानी है।
केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर शुरू हुए किसान आंदोलन के चलते सितंबर 2020 में शिअद ने भाजपा से किनारा कर लिया था। इसके बाद शिअद दूसरे दल से राजनीतिक गठबंधन पर विचार कर रहा था। पंजाब में दलितों का करीब 34 फीसदी वोट बैंक है और शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल चुनाव जीतने के बाद दलित समुदाय से डिप्टी सीएम बनाने का एलान कर चुके हैं।
पिछले कुछ दिनों से शिअद और बसपा के नेताओं के बीच गठबंधन को लेकर बैठकों का दौर चल रहा था। दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर पेच फंसा था। शिअद, बसपा को 117 में से 18 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रहा था, जबकि बसपा 37 से 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही थी।कई दौर की बैठकों के बाद अब दोनों दलों में सीटों को लेकर सहमति बन गई है। शिअद की ओर से बसपा को 18 सीटें दी जाएंगी। दोनों दलों के नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार एक-दो दिन में इस गठबंधन की आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवालघु वनोपज बनी वनवासियों की ताकत : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों से चर्चा कर लिया फीडबैक
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जो लघु वनोपज किसी समय शोषण का जरिया थी, वे राज्य सरकार की योजनाओं से आज वनवासियों की ताकत बन गई हैं। राज्य सरकार ने वनवासियों को वन अधिकार पट्टा देने के साथ वनों के संसाधनों पर गांवों को भी अधिकार दिया है। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के साथ-साथ ग्रामीण और पंच-सरपंचों में भी इस योजना के माध्यम से अपनी पंचायत की आमदनी बढ़ाने के लिए उत्साह दिख रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में गरियाबंद और कबीरधाम जिले में विकास कार्याें के लोकार्पण और भूमिपूजन के वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने दोनों जिलों को लगभग 582 करोड़ रूपए की लागत के 1270 कार्याें की सौगात दी। उन्होंने गरियाबंद जिले के लिए 357 करोड़ 23 लाख रूपए की लागत के 516 कार्याें का और कबीरधाम जिले में 224 करोड़ 75 लाख रूपए की लागत के 754 कार्याें का लोकार्पण और भूमिपूजन किया और दोनों जिलों में विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों से चर्चा कर योजनाओं का फीड बेक लिया।
मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों से चर्चा के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के गांवों को जैसा आकार देने की राज्य सरकार की सोच थी, हमारे गांव वैसा ही आकार ले रहे हैं। राज्य सरकार की योजनाओं के माध्यम से किसानों की आय बढ़ रही है, खेतों के लिए पानी की व्यवस्था हो रही हैै, माता-बहनों और बच्चों को सुपोषण मिल रहा है और लोगों को रोजगार मिल रहा है। महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर उनके सशक्तिकरण की परिकल्पना भी सुराजी गांव योजना से साकार हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में जब पूरे देश को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा था, तब भी छत्तीसगढ़ के गांवों में हमारी बहनों ने उत्पादन किया और अच्छी आमदनी प्राप्त की। वनोपजों के संग्रहण से वनवासी नून-तेल का खर्च भी मुश्किल से निकाल पाते थें, वहीं बिचौलिए और बड़े-बड़े व्यापारी वनोपजों को खरीदकर लाखों कमाते थे। राज्य सरकार ने 52 प्रकार की वनोपजों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की पहले सिर्फ 7 प्रकार की वनोपजें ही समर्थन मूल्य पर खरीदी जाती थी। वनोपजों के संग्रहण के साथ प्रसंस्करण का काम भी महिला स्व-सहायता समूहों को दिया गया, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रही है। छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्रहण की पारिश्रमिक 2500 रूपए से बढ़ाकर देश में सबसे ज्यादा 4 हजार प्रति मानक बोरा कर दी गई है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों को उनकी फसल के लिए आदान सहायता मिल रही है, इस वर्ष योजना का विस्तार किया गया है। सुराजी गांव योजना में स्थापित गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ साग-सब्जी उत्पादन और विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से बड़ी संख्या में महिलाओं को कोरोनाकाल में भी रोजगार मिला है।
गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने इस अवसर पर कहा कि बेरोजगार युवाओं को निर्माण विभागों में रोजगार दिलाने के लिए उनका ई-श्रेणी में अधिक से अधिक संख्या में पंजीयन कराया जाए। ई-श्रेणी में पंजीयन कराने वालों को ब्लॉक स्तर पर 20 लाख रूपए तक के निर्माण कार्य मेनुअल टेंडर पर देने का प्रावधान है। इसके साथ ही साथ काम शुरू करने के लिए ई-श्रेणी के पंजीयनधारियों को काम शुरू करने के लिए कार्य की लागत की 5 प्रतिशत राशि अग्रिम के रूप में देने का प्रावधान किया गया है।
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि हरियाली प्रसार योजना के तहत वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को प्रति पौधा एक रूपए देने का प्रावधान है, जिसे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बढ़ाकर चार रूपए प्रति पौधा करने की स्वीकृति दे दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना पर्यावरण के संरक्षण और हरियाली बढ़ाने की दृष्टि से एक क्रांतिकारी योजना साबित होगी।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि तीन दिन में दुर्ग, बालोद, महासमुन्द, बलौदाबाजार, गरियाबंद और कबीरधाम जिले में तीन दिनों में 1847 करोड़ रूपए के नए विकास कार्याें का लोकार्पण और भूमिपूजन किया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय श्री प्रदीप शर्मा और श्री रूचिर गर्ग, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू भी उपस्थित थे। राजनांदगांव सांसद श्री संतोष पाण्डेय, महासमुन्द सांसद श्री चुन्नीलाल साहू, विधायक श्रीमती ममता चंद्राकर और श्री अमितेष शुक्ल सहित पंचायत और नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधि भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में जुड़े। - एजेंसीपटना: बिहार में कोरोना से हुई मौत के आंकड़े में बड़े घालमेल का खुलासा हुआ है. इसकी आशंका बहुत पहले से लगाई जा रही थी कि यहां मौत के सही आंकड़े छुपाए जा रहे हैं और अब सरकार के रिकॉर्ड से ही इस बात पर से पर्दा उठ गया है. 24 घंटे में कोरोना से मृतकों का आंकड़ा 5,458 से बढ़कर सीधे 9,429 हो गया है यानी आंकड़े सीधे 73 फ़ीसदी बढ़ गए हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं की क्या राज्य सरकार ने मौत के आंकड़े को छिपाया. लोगों का कहना है कि अगर अस्पताल और श्मशान के आंकड़ों से अंदाजा लगाया जाए तो ये संख्या कहीं ज़्यादा निकलेगी.
दरअसल, बिहार सरकार हर दिन कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा जारी कर रही थी और ये आंकड़े जिलों से भेजी जा रही रिपोर्ट के आधार पर होते थे. अब जांच में पता चला है कि ज़िलों से मृतकों की जो संख्या भेजी जा रही थी उसमें बड़े पैमाने पर हेरा फेरी की गई है.
हाईकोर्ट की फटकार के बाद 18 मई को राज्य सरकार ने कोरोना से होने वाली मौत को लेकर जांच के लिए ज़िलों में दो तरह की टीम बनाई थी.दोनों स्तर की जांच में ये पाया गया है कि मौत के आंकड़े को छिपाया गया और सरकार को ग़लत जानकारी भेजी गई. अब सरकार ग़लत आंकड़े भेजने वालों पर कार्रवाई की बात कह रही है.
पिछले साल कोरोना की शुरुआत होने से लेकर इस वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 715179 हो गई, जिसमें से पांच लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में कुछ महीने पहले ही आए. दिलचस्प बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद ठीक होने वालों की संख्या मंगलवार को 701234 बतायी थी जिसे बुधवार को संशोधित करके 698397 कर दिया गया है.
बिहार में कोरोना वायरस के मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत मंगलवार को जहां 98.70 प्रतिशत बताया गया था उसे बुधवार को संशोधित करके 97.65 प्रतिशत कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंकडों में संशोधन किये जाने के बाद विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने को एक नया अवसर मिल जाएगा. - मीडिया रिपोर्टनई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और राहुल गांधी के एक समय बेहद करीबी माने जाने वाले कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल हो गए हैं. बीजेपी मुख्यालय में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. यूपी में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले जितिन का बीजेपी से जुड़ना, कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.इस ' बदलाव' के पहले जितिन की केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ मुलाकात हुई थी. 47 वर्षीय जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद बीजेपी में जाने वाले राहुल गांधी के दूसरे सबसे करीबी नेता हैं. ज्योतिरादित्य ने पिछले साल बीजेपी ज्वॉइन की थी.जितिन प्रसाद को पार्टी में शामिल करके ब्राह्मण वर्ग तक अपनी पहुंच को और बढ़ाने का दांव चतुराई से चला है. इससे पहले पार्टी, पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी नौकरशाह रहे एके शर्मा को भी शामिल कर चुकी है.कांग्रेस से 20 साल से जुड़े रहे जितिन की नाराजगी किसी से छुपी नहीं थी. वे उस "G-23" या कांग्रेस के उन 23 नेताओं के समूह का हिस्सा थे, जिन्होंने पार्टी में व्यापक सुधार की जरूरत बताते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होंने पार्टी में पूर्णकालिक नेतृत्व की आवाज बुलंद की थी.वैसे, इस लेटर के बाद भी जितिन उन नेताओं में थे जिन्हें 'असंतोष' जताने के बावजूद पार्टी में कोई भूमिका दी गई थी. उन्हें पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के प्रचार अभियान से जोड़ा गया था लेकिन इन चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था.जितिन ने बंगाल चुनाव में उनकी पार्टी की ओर से इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ किए गए गठबंधन की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी.जितिन ने ट्वीट किया था, 'गठबंधन के निर्णय पार्टी और कार्यकर्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं. अब समय है कि सभी हाथ मिलाएं और चुनावी राज्यों में कांग्रेस की संभावनाओं को मजबूत करने की दिशा में काम करें.'
यूपी की धौराहरा सीट से पूर्व सांसद रहे जितिन, राज्य में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक रहे. 'लेटर बम' मामले के बाद यूपी कांग्रेस ने जितिन के खास उल्लेख के साथ G-23 के नेताओं पर कार्रवाई की मांग की थी. इस कार्रवाई को पक्ष में जितिन के परिवार की गांधी परिवार के प्रति 'संदिग्ध निष्ठा' का उल्लेख किया था. जितिन के पिता जितेंद्र प्रसाद ने वर्ष 1999 में पार्टी में सोनिया गांधी के नेतृत्व को चुनौती दी थी और उनके खिलाफ पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था.जितिन प्रसाद का जन्म यूपी के शाहजहांपुर में हुआ हैं, उसके पिता जितेन्द्र प्रसाद भी दिग्गज कांग्रेस नेता रहे हैं. वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में जितिन ने शाहजहांपुर और वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में धौरारा (Dhaurara) सीट से जीत हासिल की थी. हालांकि वष 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी प्रत्याशी के हाथों हार का सामना करना पड़ा.
कांग्रेस के लिए समस्याएं आगे भी खत्म होती नजर नहीं आ रहीं. राजस्थान से युवा नेता और पिछले साल, सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले सचिन पायलट भी कांग्रेस नेतृत्व से नाखुश हैं.पायलट ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कहा है कि कांग्रेस हाईकमान, उनके (सचिन) साथ किए गए वादे की पूरा करने में नाकाम रहा है. सचिन के अनुसार, यह वादे करीब एक माह के ड्रामे के बाद उनके सहित पार्टी के 18 विधायकों से पार्टी में 'वापसी' के दौरान किए गए थे. - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम में जारी सभी कार्डों को पीएम गरीब कल्याण योजना के समकक्ष दिया जाएगा अतिरिक्त चावलमई और जून माह का भी चावल दिया गया है निःशुल्क
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के गरीब परिवारों को बड़ी राहत देते हुए जुलाई से नवम्बर माह तक का चावल निःशुल्क प्रदान करने की घोषणा की है। प्रदेश के सभी बीपीएल राशन कार्ड धारकों को जुलाई से नवम्बर तक पांच माह का चावल निशुल्क दिया जाएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जारी सभी राशन कार्डों को पीएम गरीब कल्याण योजना के समकक्ष अतिरिक्त चावल भी देने की घोषणा की है । मुख्यमंत्री की इस घोषणा से प्रदेश के 67 लाख 90 हजार 987 राशनकार्ड के 2 करोड़ 51 लाख 46 हजार 424 सदस्य लाभान्वित होंगे।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत माह मई एवं जून का चावल का भी निशुल्क वितरण किया गया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल की घोषणा के तहत गरीब परिवारों को अब जुलाई से नवम्बर माह तक का चावल भी निःशुल्क दिया जाएगा। इस निर्णय से प्रदेश के अंत्योदय राशन कार्ड, प्राथमिकता वाले राशन कार्ड, अन्नपूर्णा राशनकार्ड एवं निराश्रित तथा निशक्तजन को जारी राशन कार्डधारियों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जारी सभी राशन कार्डधारियों को पीएम गरीब कल्याण योजना के समकक्ष अतिरिक्त चावल भी प्रदान किया जाएगा। - एजेंसीनई दिल्ली : यूपी के आगरा में पारस हॉस्पिटल के अंदर मॉक ड्रिल के दौरान ऑक्सीजन सप्लाई कटने से 22 मरीजों की मौत की खबर को लेकर हड़कंप मच गया है। दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें अस्पताल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन इस बात को स्वीकार करते हुए नजर आ रहे हैं कि मॉक ड्रिल के दौरान 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन सप्लाई बंद की गई थी। इस मामले के सामने आने के बाद यूपी सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं, घटना को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है।
राहुल गांधी बोले- BJP सरकार में ऑक्सीजन और मानवता की कमी-राहुल गांधी ने मंगलवार को आगरा की घटना से जुड़ी एक खबर का स्क्रीन शॉट शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, 'भाजपा शासन में ऑक्सीजन व मानवता दोनों की भारी कमी है। इस खतरनाक अपराध के जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ तुरंत कार्यवाही होनी चाहिए। दुख की इस घड़ी में मृतकों के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं।'
सरकार ने दिए जांच के आदेश-आपको बता दें कि इस मामले को लेकर यूपी सरकार भी हरकत में आ गई है। यूपी के मंत्री जय प्रताप सिंह ने मामले को लेकर मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें शिकायत मिली है कि आगरा के पारस अस्पताल में ऑक्सीजन को लेकर कोई समस्या आ रही है। मामले की जांच की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। - एजेंसी
नई दिल्ली : नए आईटी दिशानिर्देशों के बाद केंद्र सराकर और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के बीच विवाद जारी है। इस बीच शिवसेना के मुखपत्र सामना ने सोमवार को अपने संपादकीय में कहा कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट 'ट्विटर' ने भाजपा का राजनीतिक हित खो दिया है और यह सत्ताधारी बीजेपी के लिए एक 'बोझ' बन गया है। शिवसेना ने कहा कि सरकार इसे देश से बाहर फेंकना चाहती है।
संपादकीय में शिवसेना ने कहा है, "पहले ट्विटर भाजपा या मोदी सरकार के लिए राजनीतिक संघर्ष या अभियान की आत्मा थी। ट्विटर अब उनके लिए एक बोझ बन गई है। मोदी सरकार यह तय करने की हद तक पहुंच गई है कि इस बोझ को फेंकना है या नहीं। आज, ट्विटर जैसे माध्यमों को छोड़कर देश में सभी मीडिया मोदी सरकार के पूर्ण नियंत्रण में है।" संपादकीय का मानना है कि ट्विटर ने भाजपा के राजनीतिक हित खो दिए हैं क्योंकि विपक्ष ने उनके कथित "झूठे प्रचार" का जवाब देना शुरू कर दिया है।
सामना के संपादकीय का पूरा अंश:हिंदुस्थानियों (भारतीयों) के लिए ट्विटर कोई जीवनावश्यक वस्तु अथवा आवश्यक सेवा नहीं है। दुनिया के कई देशों में लोग ट्विटर का ‘ट’ भी नहीं जानते हैं। चीन, उत्तर कोरिया में ट्विटर नहीं है। अब नाइजीरिया ने भी इस सोशल मीडिया को अपने देश से खदेड़ दिया है। ट्विटर को लेकर अब हिंदुस्थान में भी तूफान खड़ा हो गया है। कल तक इस ट्विटर का महत्व भाजपा या मोदी सरकार के लिए उनके राजनीतिक संघर्ष या अभियान की आत्मा थी। ट्विटर अब भाजपा के लिए बोझ बन गया है और इस बोझ को फेंक दिया जाए, ऐसा फैसला करने की हद तक मोदी सरकार पहुंच गई है।
देश के सभी मीडिया, प्रचार-प्रसार माध्यम आज मोदी सरकार के पूर्ण नियंत्रण में आ गए हैं, लेकिन ट्विटर जैसे माध्यम निरंकुश हैं। उस पर मोदी सरकार अथवा भाजपा का नियंत्रण नहीं है। हिंदुस्थान का कानून उन पर लागू नहीं होता। सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया के लिए सख्त नियम जारी किया है। उन नियमों का पालन करें, अन्यथा कार्रवाई का सामना करें। मोदी सरकार द्वारा ऐसी चेतावनी दिए जाने के बाद भी ट्विटर वाले सुनने को तैयार नहीं हैं। हमारा कानून और हमारी अदालत अमेरिका में है। आपका भूमि कानून स्वीकार्य नहीं है, ऐसा ट्विटर वाले कहते हैं।
सोशल मीडिया में बीते कुछ वर्षों में कीचड़ उछालने, चरित्र हनन की मुहिम चलाई जा रही है। इसका निर्माण, निर्देशन, रंगमंच, कथा-पटकथा सब कुछ भाजपा के ही हाथ में था। फेसबुक ट्विटर, व्हाट्सएप व अन्य माध्यमों का भरपूर इस्तेमाल करने की प्रथा अन्य राजनीतिक दल जानते ही नहीं थे, उस समय (2014) भाजपा ने इस कार्य में निपुणता हासिल कर ली थी। उस समय के प्रचार अभियान में भाजपा की फौज धरातल पर कम लेकिन साइबर क्षेत्र में ही ज्यादा शोर मचा रही थी।
भारत में ट्विटर सहित सभी सोशल मीडिया के मानो हम ही मालिक हैं और साइबर फौजों की मदद से किसी भी युद्ध, चुनाव को जीत सकते हैं, विपक्ष को कुचल सकते हैं, कुल मिलाकर ऐसा भ्रम था। पाकिस्तान और कश्मीर के मामले में सर्जिकल स्ट्राइक की जंग फीकी पड़ जाएगी, ऐसी बड़ी जंग भाजपा की साइबर फौजें ही खेल रही थीं, मानो आधा पाकिस्तान अब मोदी सरकार के कब्जे में आ ही गया है। निकट भविष्य में कराची और इस्लामाबाद पर जीत का परचम लहराने की तैयारी चल रही है, ऐसा माहौल भाजपा की साइबर फौजों ने तैयार कर दिया था।
ऐसे ही माहौल गर्म करके उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों के चुनाव जीते और ऐसा करते समय राजनीतिक विरोधियों की यथासंभव बदनामी की जा रही थी। उस समय ट्विटर व फेसबुक पर राहुल गांधी के लिए जैसे आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया वह किन नियमों के अंतर्गत आया? मनमोहन सिंह जैसे वरिष्ठ नेता के लिए कौन-कौन से विशेषण लगाए? राजनीति और समाज सेवा में जीवन बिता चुके उद्धव ठाकरे से लेकर ममता बनर्जी, शरद पवार, प्रियंका गांधी, मुलायम सिंह यादव आदि राजनीतिज्ञों के खिलाफ इस ‘ट्विटर’ आदि का इस्तेमाल करके चरित्र हनन मुहिम चलाई गई। जब तक ये हमले एकतरफा ढंग से चल रहे थे, तब तक भाजपा वालों को गुदगुदी हो रही थी, लेकिन अब उनकी साइबर फौजों के सामने विपक्ष ने उतनी ही क्षमतावान साइबर फौजों को तैनात करके हमले शुरू किए तो भाजपाई खेमे में घबराहट मच गई।
प. बंगाल चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा और डेरेक ओ ब्रायन ने ‘ट्विटर’ की दोधारी तलवार से भाजपा को ही घायल कर दिया। बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव ने ‘ट्विटर’ के जरिए मोदी और नीतीश कुमार का पर्दाफाश किया। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इसी ट्विटर के जरिए मोदी और उनकी सरकार को ‘जोर का झटका धीरे से’ देते रहते हैं और इस पर देश भर में प्रतिसाद देखने को मिलता है। जिस तरह से उपराष्ट्रपति नायडू के ट्विटर अकाउंट से ‘ब्लू टिक’ हटाते ही सरकार ने ट्विटर से झगड़ा शुरू किया। इस पर राहुल गांधी ने शुद्ध हिंदी में ट्वीट किया कि ‘ब्लू टिक के लिए मोदी सरकार लड़ रही है , कोविड टीका चाहिए तो आत्मनिर्भर बनो!’ यह शब्द घायल करनेवाला है।
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को आधे घंटे इंतजार कराया। इस पर भाजपा और प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा नाराजगी जताए जाते ही तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, ‘मोदीजी, देश की जनता पिछले सात साल से 15 लाख रुपए जमा होने का इंतजार कर रही है। यदि आपको आधा घंटा इंतजार करना पड़ा, तो इतना नाराज क्यों होते हैं?’ ये और ऐसे अनेक शब्द बाण सरकार अथवा भाजपा पर छोड़े जा रहे हैं और भाजपा इस पर नाराजगी जता रही है। विरोधियों को बदनाम करने के लिए लाखों फर्जी ट्विटर अकाउंट खोलकर अब तक बड़ा ही खेल खेला जा रहा था। उस समय कोई भी नियम या कानून आड़े नहीं आया। महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा के युवा लड़के साइबर युद्ध में पारंगत हो गए हैं और हर युद्ध में भाजपा के बदनामी मिशन को नाकाम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और उनकी केंद्र सरकार कोरोना काल में कैसे विफल रही है, निकम्मी साबित हुई है, इसे दुनिया भर में पहुंचाने का का कार्य इस बार ‘ट्विटर’ जैसे माध्यमों ने किया है। इस ‘ट्विटर’ जैसे सोशल मीडिया के कारण गंगा में बहती लाशें, वाराणसी-गुजरात में लगातार जलती चिताएं, शमशान घाटों के बाहर लगी एंबुलेंस की कतारों का हृदय विदारक दृश्य दुनिया भर में पहुंचा और भाजपा सरकार की कार्यशैली उजागर हुई।
विदेशी ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ और ‘वाशिंगटन पोस्ट’ जैसे अखबार हिंदुस्थान के बारे में निश्चित तौर पर क्या कहते हैं, यह इस ‘ट्विटर’ के कारण ही पता चलने लगा। यह इस तरह से पोल खोलने के कारण ही ‘ट्विटर’ एक वैश्विक षड्यंत्र है, ट्विटर मतलब देश को बदनाम करने, अस्थिर करने की ‘वैश्विक साजिश’ है। ऐसा हमारे शासकों को लगने लगा है तो स्वाभाविक ही है। कोरोना की दूसरी लहर ने मरनेवालों की संख्या बढ़ाई और आम नागरिकों को बेहाल कर दिया। लेकिन मोदी सरकार वास्तविक और काल्पनिक दुनिया के अंतर को पहचान नहीं पाई।
कोरोना संकट को रोकने का प्रयास करने की बजाय मोदी सरकार श्रेय लेने की कोशिश करती रही, ऐसा विचार नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री डॉ. अमत्र्य सेन ने व्यक्त किया है। अब डॉ. सेन ‘ट्विटर’ के नुमाइंदे, विदेशी हाथ होने की बात कहकर उन्हें भी कानूनी नोटिस भेजोगे क्या? भाजपा के लिए ‘ट्विटर’ का राजनीतिक महत्व खत्म हो गया है। क्योंकि भाजपा विरोधियों ने इन माध्यमों के कोने-कोने पर कब्जा जमाकर भाजपा के झूठे प्रचार का जवाब देना शुरू कर दिया। ‘जैसे को तैसा’ की तर्ज पर घमासान चल रहा है और कई जगहों पर ‘ट्विटर’ के रणक्षेत्र से भाजपा, उसकी सरकार को पीछे हटना पड़ रहा है और उनकी ‘ट्विटर’ सेना में भी भगदड़ मच गई है। ‘ट्विटर’ का दुरुपयोग और कुछ और बातें हैं ही, लेकिन इन्हीं दुरुपयोगों का इस्तेमाल कर भाजपा और मोदी २०१४ में विजयी हुए थे। यह किन नियमों में बैठता था? - एजेंसीतमिलनाडु : तमिलनाडु सरकार ने लॉकडाउन के सख्त कानून में राहत देते हुए इसे 14 जून की सुबह 6 बजे तक एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है. इसकी सूचना सीएम कार्यालय से जारी की गई है. जारी आदेश के मुताबिक कुछ जिलों में लॉकडाउन में ढील का ऐलान भी किया गया है. सरकार ने चेन्नई में प्रतिबंधों में कुछ ज्यादा छूट देने की घोषणा की है. आधिकारिक आदेश के मुताबिक सभी जिलों में पहले से जिन चीजों की इजाजत थी, वो यथावत जारी रहेगी.
बता दें कि तमिलनाडु में कोविड -19 के संक्रमण से कई जिलों में नियंत्रण है, हालांकि 11 जिले जिनमें कोयंबटूर, नीलगिरी, तिरुपुर, इरोड, सलेम, करूर, नमक्कल, तंजावुर, तिरुवरूर, नागपट्टनम और मयीलादुथुराई में बड़ी संख्या में अब भी कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने एक बयान में कहा कि लोगों की जरूरतों को देखते हुए इन जिलों में भी कुछ छूट दी गई है.
स्टैंडअलोन किराना, सब्जी, मांस और मछली की दुकानों को सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे के बीच इजाजत दी जाएगी.
सड़क किनारे फुटपाथ पर सब्जियों, फलों और फूलों की बिक्री सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे के बीच की जाएगी.
थोक मछली बाजारों को भी इजाजत दी जाएगी.
जिला प्रशासन को बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित कराना होगा.
जिला प्रशासन को एक या एक से ज्यादा खुले स्थानों पर बाजार स्थापित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश करनी होगी.
बता दें कि तमिलनाडु उन टॉप फाइव राज्यों में शामिल हैं, जहां देश में सबसे अधिक कोरोना के संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. पिछले 24 घंटे की बात करें तो राज्य में कोरोना के 22 हजार से अधिक नए केस सामने आए हैं, जो देश में सबसे अधिक है. तमिलनाडु का देश के नए कोरोना के मामलों में 18 फीसदी का योगदान है और यहां पिछले सप्ताह सख्ती जारी रखने के आदेश दिए गए थे.
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा36 हजार 177 आवासों के लिए 1188.28 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत
”मोर जमीन-मोर मकान“ योजना: नगरीय निकायों की 138 परियोजनाओं में बनने वाले 34 हजार 308 आवासों के लिए 1066.18 करोड़ रूपए की स्वीकृति
रायपुर विकास प्राधिकरण की परियोजना अन्तर्गत 1869 आवास निर्माण के लिए 122.10 करोड़ रूपए स्वीकृत
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश में शहरी गरीब आवासहीनों को सर्वसुविधायुक्त पक्का मकान उपलब्ध कराने की घोषणा पर त्वरित अमल करते हुए 36 हजार 177 आवासों के निर्माण के लिए 1 हजार 188 करोड़ 28 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है।नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रस्तावों पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित राज्य स्तरीय स्वीकृति और निगरानी समिति की बैठक में यह स्वीकृति दी गई। शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने की स्वीकृति मिलने पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया है।बैठक में स्वीकृत किए गए आवासों में नगरीय क्षेत्रों में ”मोर जमीन-मोर मकान“ घटक अन्तर्गत विभिन्न नगरीय निकायों की 138 परियोजनाओं अन्तर्गत 34 हजार 308 आवास निर्माण हेतु 1 हजार 66 करोड़ 18 लाख रूपए एवं रायपुर विकास प्राधिकरण की परियोजना अन्तर्गत 1869 आवास निर्माण के लिए 122 करोड़ 10 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई। योजनान्तर्गत राज्य शासन द्वारा शहरी गरीब आवासहीनों को सर्वसुविधायुक्त आवास देकर उनके जीवन को बेहतर बनाने एवं सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है। आवासों के साथ-साथ हितग्राहियों को मूलभूत सुविधाएं, बिजली, पानी, सड़क आदि की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।बैठक में आवास एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू एवं वित्त एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की सचिव सुश्री अलरमेलमंगई डी. भी सम्मिलित हुईं। - एजेंसीनई दिल्ली : फाइजर और मॉडर्ना की तर्ज पर सीरम इंस्टीट्यूट ने भी भारत सरकार से अब कानूनी सुरक्षा की मांग की है। कंपनी ने कहा कि अगर उनकी वैक्सीन से किसी को नुकसान पहुंचता है तो सरकार कंपनी को कानूनी कार्रवाई या क्षतिपूर्ति या मुआवजे के दावे को लेकर सुरक्षा प्रदान करे।
सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि अगर विदेशी कंपनियों के लिए यह सुविधा हो सकती है तो घरेलू कंपनियों के लिए भी होनी चाहिए। हालांकि सरकार ने अभी तक किसी भी वैक्सीन निर्माता कंपनी को इस तरह की कानूनी कार्रवाई के खिलाफ सुरक्षा नहीं दी है। हालांकि फाइजर और मॉडर्ना ने देश में वैक्सीन सप्लाई के लिए सरकार के आगे यह शर्त रखी है।
फाइजर-मॉडर्ना को मिल सकती है यह सुविधावहीं बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक बयान में कहा गया है कि कई देशों ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी को इस तरह की सुविधाएं दे रखी हैं और भारत को ऐसा करने में कोई दिक्कत नहीं है। सूत्रों ने जानकारी दी थी कि अगर विदेशी कंपनियां आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन करती हैं तो इस तरह की सुविधा दी जा सकती है।
सीरम की मांग, विदेशी या घरेलू सभी कंपनियों को मिले ये छूटसीरम इंस्टीट्यूट के सूत्रों ने बताया कि अगर विदेशी कंपनियों को किसी क्षतिपूर्ति या मुआवजे के दावे से छूट मिल रही है तो सीरम इंस्टीट्यूट को भी इससे छूट मिलनी चाहिए। कंपनी ने आगे कहा कि सिर्फ सीरम ही क्यों देश में वैक्सीन बनाने वाली संभी कंपनियों को इससे छूट मिलनी चाहिए।
डीसीजीआई ने लोकल ट्रायल के प्रावधान से दी छूटबता दें कि हाल ही में भारत दवा नियामक डीसीजीआई देश में वैक्सीन की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए फाइजर और मॉडर्ना जैसी विदेशी कंपनियों को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए यहां के लोकल ट्रायल से छूट दे दी है। अब नए नियम के मुताबिक, अगर किसी विदेशी कंपनी को विश्व स्वास्थ्य संगठन या बड़े देशों के दवा नियामक संस्था की ओर से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी होगी तो उन्हें भारत में अलग से ट्रायल प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा।
- एजेंसी
नई दिल्ली : कोरोना वायरस के प्रसार में कमी को देखते हुए कई राज्य अब लॉकडाउन के नियमों में ढील दे रहे हैं और कुछ जगहों पर अनलॉक की शुरुआत भी हो चुकी है। इस बीच आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ बलराम भार्गव ने अनलॉक को लेकर आगाह किया है और उन तीन शर्तों को सूचीबद्ध किया, जिनके आधार पर अनलॉक के फैसले लिए जाने चाहिए। लॉकडाउन प्रतिबंधों को हटाने से पहले डॉ. भार्गव ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि जहां अनलॉक किया जा रहा है, वहां पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से कम हो, 70 फीसदी आबादी को टीका लग गया हो और कोरोना उपयुक्त व्यवहार के लिए समुदाय स्तर पर जागरूकता हो।
हेल्थ मिनिस्ट्री की ब्रीफिंग के दौरान डॉ. भार्गव ने लॉकडाउन को खोलने के लिए तीन-सूत्रीय मानदंड का सुझाव दिया- एक सप्ताह में पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से कम, 70 प्रतिशत संवेदनशील आबादी का टीकाकरण और कोविड से बचने के उपयुक्त व्यवहार को लेकर कम्युनिटी में जागरूकता। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर को रोकने के लिए यह जरूरी होगा कि जिन जिलों में 5 प्रतिशत से कम पॉजिटिविटी रेट है, उन्हीं जिलों को थोड़ा और बहुत धीरे-धीरे। ऐसे जिलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वहां अतिसंवेदनशील आबादी को कम से कम 70 प्रतिशत टीका मिला है। अगर यह लक्ष्य हासिल नहीं किया गया है, तो पहले उनका टीकाकरण करना चाहिए और फिर अनलॉक करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर कोरोना से रोकथाम के उपाय 'टिकाऊ समाधान' नहीं हैं और इसलिए व्यवस्थित रूप से अनलॉक करने के लिए एक तंत्र की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें लॉकडाउन को बहुत धीरे-धीरे खत्म करना होगा और अनलॉक करना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रतिबंधों को धीरे-धीरे उठाने से राज्य कोविड -19 मामलों में बड़े पैमाने पर वृद्धि को रोकने में सक्षम होंगे, मगर प्राथमिकता अभी भी टीकाकरण बनी हुई है।
महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों ने अनलॉक प्रक्रिया शुरू कर दी है क्योंकि भारत के लगभग आधे जिले अब सात दिनों की पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से कम बता रहे हैं। लेटेस्ट आंकड़ों से पता चलता है कि 29 मई को समाप्त सप्ताह में भारत के 44 प्रतिशत जिलों (323) में पॉजिटिविटी दर पांच प्रतिशत से कम है। वहीं, 145 जिलों में 5 से 10 फीसदी के बीच में है पॉजिटिविटी रेट। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में परिवहन विभाग की नई सुविधा ‘तुंहर सरकार, तुंहर द्वार' का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस नयी सुविधा के माध्यम से परिवहन विभाग द्वारा प्रदेशवासियों को परिवहन सेवाएं उनके घर के द्वार पर पहुंचकर दी जाएंगी। इन सेवाओं में स्मार्ट कार्ड आधारित ड्रायविंग लायसेंस और रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र से संबंधित 22 परिवहन सेवाएं शामिल हैं। स्पीड पोस्ट के माध्यम से आवेदकों एवं वाहन स्वामियों के घर के पते पर इन सेवाओं को पहुंचाया जाएगा। आवेदकों को सेवाएं प्राप्त करने के लिए www.parivahan.gov.in पर आवेदन करना होगा।
परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर सांसद श्री दीपक बैज, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, गृह विभाग के अपर मुुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, परिवहन आयुक्त डॉ कमल प्रीत सिंह, अपर परिवहन आयुक्त श्री दीपांशु काबरा उपस्थित थे।
परिवहन विभाग द्वारा शुरू की जा रही इस नई सुविधा में डुप्लीकेट लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस नवीनीकरण एवं पता परिवर्तन सहित लाइसेंस से सम्बंधित 10 सेवाएं और स्वामित्व अंतरण एवं पता परिवर्तन सहित वाहनों से सबंधित 12 सेवाएं घर पहुंचाकर दी जाएगी। नये वाहनों का पंजीयन, पुराने वाहनों का आरसीसी में संशोधन, नवीन ड्रायविंग लायसेंस व पुराने लायसेंस में कराए जाने वाले परिवर्तन के बाद ड्रायविंग लायसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) सीधे पंजीकृत पते पर भारतीय डाक के स्पीड पोस्ट के माध्यम से अधिकतम 7 दिवसों में उपलब्ध कराए जाएंगे। इन्हें विभाग द्वारा डिस्पेच करते हुए आवेदकों के दिए गए पते में स्पीड पोस्ट के ट्रेकिंग आईडी सहित एसएमएस भी भेजा जाएगा, जिससे आवेदकों को वस्तु-स्थिति की जानकारी मिल सके। यदि आवेदक घर में उपलब्ध नहीं रहता है तो भी आवेदक को एसएमएस के माध्यम से डिलीवरी के लिए सूचित किया जाएगा।
वाहन से संबंधित आवेदकों से प्राप्त होने वाले प्रकरण जैसे मोटरयानों का नवीन पंजीयन, स्वामित्व अंतरण, मोटरयान का अल्ट्रेशन, पंजीकृत कार्ड में पता परिवर्तन, मोटरयान में परिवर्तन, फायनेंसन के फ्रेश आरसी, हॉइपोथिकेशन जोड़ना-जारी रखना-रद्द करना, पंजीकृत कार्ड की द्वितीय प्रति, पंजीयन क्रमांक पुनःसमानुदेशन, पंजीयन का नवीनीकरण का परिवहन कार्यालय के द्वारा दस्तावेजों का आवश्यक परीक्षण एवं मोटरयान अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार वाहनों का आवश्यक निरीक्षण करने के पश्चात पंजीयन अधिकारी के द्वारा अनुमोदन किया जाएगा। इस नयी व्यवस्था के सुगम संचालन के लिए परिवहन विभाग द्वारा हेल्पलाईन नम्बर 75808-08030 जारी किया जा रहा है। इस हेल्पलाइन के माध्यम से आवेदक परिवहन कार्यालयों को अनुमोदन उपरांत स्मार्ट कार्ड आधारित ड्रायविंग लायसेंस एवं रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र प्रेषण के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इस सुविधा में स्वैच्छिक आधार पर प्रमाणीकरण से परिवहन सेवाएं तत्काल प्राप्त होंगी। इसी तरह ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन मेडिकल प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। इस सेवा के शुरू होने पर छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है जिसका परिवहन विभाग ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीयन संबंधित सेवाओं को आधार से एकीकृत कर रहा है। प्रदेश के विभिन्न जिलों से परिवहन विभाग के अधिकारी भी कार्यक्रम से जुड़े। - एजेंसी
नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पुणे स्थित शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब यह बैंक किसी भी प्रकार का बिजनेस नहीं कर पाएगा। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना न होने के कारण केंद्रीय बैंक ने यह फैसला लिया है। आरबीआई ने कहा कि इसके अतिरिक्त बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं करता है।
98 फीसदी ग्राहकों को वापस मिलेगा पूरा पैसाजमाकर्ताओं की बात करें, तो इस संदर्भ में रिजर्व बैंक ने कहा कि इस बैंक को चालू रखना इसके जमाकर्ताओं के हितों के साथ खिलवाड़ करना है। आरबीआई ने कहा कि बैंक ने जो आंकड़े दिए हैं, उसके अनुसार 98 फीसदी जमाकर्ताओं को जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से उनकी जमा राशि के एवज में पूरा पैसा मिलेगा। परिसमापन पर प्रत्येक जमाकर्ता डीआईसीजीसी से पांच लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि के एवज में जमा बीमा दावा प्राप्त करने का हकदार होगा। आसान शब्दों में समझें, तो डीआईसीजीसी के तहत बैंक डूबने या बंद होने की स्थिति में जमाकर्ताओं को पांच लाख रुपये तक का डिपॉजिट मिल जाता है।
ग्राहक पूरे विश्वास के साथ बैंकों में अपना पैसा जमा कराते हैं, लेकिन कई बार बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमों के अनुसार काम नहीं कर पाते। ऐसे में केंद्रीय बैंक इनपर कार्रवाई करता है। आरबीआई ज्यादातर बैंकों पर जुर्माना लगाता है। लेकिन कुछ परिस्थितियां में ग्राहकों की सुरक्षा के हित में उसे लाइसेंस भी रद्द करना पड़ता है।
आरबीआई के मुताबिक बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हित में नहीं था। बैंक अपनी खराब वित्तीय स्थिति की वजह से मौजूदा जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा। आरबीआई ने महाराष्ट्र के रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटीज को शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड को बंद करने के लिए ऑर्डर जारी करने को कह दिया गया है।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस के अवसर पर आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए वर्चुअल योगाभ्यास एवं योग परामर्श कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ योग आयोग द्वारा कोविड-19 की चिकित्सा से स्वस्थ हुए व्यक्तियों, होम आइसोलेशन एवं क्वारेंटाइन में रह रहे व्यक्तियों, उनके परिवार के सदस्यों, वैक्सीन का प्रथम डोज ले चुके व्यक्तियों एवं वरिष्ठ नागरिकों सहित जन सामान्य में कोविड-19 के प्रभावों को कम करने एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।। योग की निःशुल्क कक्षाएं 31 मई से एक वर्ष तक चलेंगी । सोशल मीडिया में लोग योगाभ्यास कार्यक्रम को देख सकेंगे।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, समाज कल्याण मंत्री एवं अध्यक्ष छत्तीसगढ़ योग आयोग श्रीमती अनिला भेंड़िया, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, सचिव समाज कल्याण विभाग श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थीं। संचालक समाज कल्याण श्री पी. दयानंद सहित छत्तीसगढ़ योग आयोग और समाज कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न जिलों से नागरिक, समाज कल्याण विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, योग प्रशिक्षक भी इस कार्यक्रम से वर्चुअल रूप से जुड़े।
- एजेंसी
नई दिल्ली : योग गुरु बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बीच जारी खींचतान के बीच, आईएमए के राष्ट्रीय प्रमुख डॉ जेए जयलाल ने शुक्रवार को कहा कि एसोसिएशन रामदेव के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि योग गुरु द्वारा आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ अपनी टिप्पणी वापस लेने के बाद पुलिस शिकायत वापस ले ली जाएगी।
जयलाल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, "योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ हम नहीं है। उनके बयान कोविड -19 के टीकाकरण के खिलाफ हैं। हमें लगता है कि उनके बयान लोगों को भ्रमित कर सकते हैं, उन्हें विचलित कर सकते हैं। यह हमारी बड़ी चिंता है क्योंकि उनके कई अनुयायी हैं।"
योग गुरु और चिकित्सा संघ के बीच बयानों के आदान-प्रदान बिना किसी कमी के संकेत के लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि रामदेव ने अपने उस वीडियो बयान को वापस ले लेते हैं जिसकों लेकर यह विवाद शुरू हुआ। उस वीडियो में योग गुरु को एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करते देखा गया था। हालांकि बाबा रामदेव ने यह दावा किया गया था कि वह व्हाट्सऐप संदेश पढ़ रहे थे।
इसके बाद भी विवाद खत्म नहीं हुआ। एक अन्य वीडियो में योग गुरु कह रहे थे कि 'किसी का बाप भी उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकता'। उन्होंने आईएमए से 25 सवाल भी पूछे और पूछा कि आधुनिक चिकित्सा ने उच्च रक्तचाप का स्थायी इलाज क्यों नहीं खोजा है। जयलाल ने कहा कि अगर रामदेव अपनी टिप्पणी को पूरी तरह वापस लेने के लिए आगे आते हैं तो आईएमए शिकायत और मानहानि नोटिस वापस लेने पर विचार करेगा।
इस बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के उत्तराखंड अध्याक्ष ने रामदेव के 25 सवालों का जवाब दिया और पतंजलि योगपीठ को एलोपैथी पर एक खुली, टेलीविजन पर बहस के लिए चुनौती दी। 'एलोपैथी बनाम आयुर्वेद' विवाद ने उस समय एक नया मोड़ ले लिया जब पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने आईएमए पर पूरे देश को ईसाई धर्म में बदलने की साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया। इसका जवाब देते हुए, डॉ जयलाल ने कहा, "धर्म का सवाल यहां तक कैसे आता है? यह विशुद्ध रूप से निहित स्वार्थों की एक भटकाव की रणनीति है और कुछ भी नहीं। मैंने जीवन भर लोगों को किसी भी आधार पर भेदभाव किए बिना उनकी सेवा की है और आगे भी जारी रखूंगा।"
- एजेंसीलखनऊ : कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से कोविड में इस्तेमाल होने वाली जीवनरक्षक दवाइयों व उपकरणों से जीएसटी हटाने का आग्रह किया है। प्रियंका गांधी ने कहा कोविड से लड़ाई में ऐसी वस्तुओं पर जीएसटी लगाना क्रूरता है। बता दें कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक से कुछ घंटे पहले शुक्रवार 28 मई को प्रियंका गांधी ने यह ट्वीट किया है।
'जीवनरक्षक दवाइयों व उपकरणों पर से हटना चाहिए जीएसटी' कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार 28 मई को जीएसटी परिषद की बैठक से पहले एक लिस्ट शेयर की है। लिस्ट शेयर करने के साथ प्रियंका गांधी ट्विट करते हुए लिखा, 'महामारी के समय एंबुलेंस, बेड, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, दवाइयों, वैक्सीन के लिए परेशान हुए लोगों से कोविड संबंधित उत्पादों पर जीएसटी वसूलना निर्दयता व असंवेदनशीलता है। आज जीएसटी काउंसिल में सरकार को कोविड से लड़ाई में इस्तेमाल हो रही सभी जीवनरक्षक दवाइयों व उपकरणों पर से जीएसटी हटाना चाहिए।'
बता दें कि आज 28 मई को जीएसटी परिषद की डिजिटल बैठक होनी है। कांग्रेस का कहना है कि इस बैठक में विपक्ष शासित राज्य जीएसटी की व्यवस्था में सुधार और राज्यों को उपकर संबंधी राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र से अनुदान की जरूरत पर जोर देंगे।
'जिम्मेदार कौन' अभियान प्रियंका गांधी ने किया शुरू-इससे पहले प्रियंका गांधी ने 'जिम्मेदार कौन' अभियान शुरू किया है, जिसके तहत वे सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार सरकार से सवाल कर रही हैं। प्रियंका गांधी ने कहा सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है, इसलिए हर एक मुद्दे पर बेबाक सवाल पूछे जाने जरूरी हैं। - एजेंसीनई दिल्ली : अमेरिकी कंपनी फाइजर ने भारत की सरकार से अपने कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए मंजूरी मांगी है। फाइजर ने कथित तौर पर अपने टीके की फास्ट-ट्रैक मंजूरी भी मांगी है। फाइजर ने वैक्सीन के लिए मंजूरी मांगते हुए कहा है कि 12 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों पर उनका वैक्सीन प्रभावी है। फाइजर ने ये भी कहा है कि भारत में फैले कोविड-19 के वैरिएंट B.1.617.2 पर भी उनका वैक्सीन असरदार है। फाइजर ने कहा है कि उनके वैक्सीन को 2-8 डिग्री तापमान पर एक महीने तक स्टोर किया जा सकता है।
फाइजर ने इस हफ्ते की शुरुआत में भारत सरकार से कहा था कि वह इस साल जुलाई से अक्टूबर के बीच भारत को अपने टीके की 5 करोड़ खुराक देने को तैयार है। लेकिन फाइजर ने इसके साथ ही नुकसान होने पर हर्जाना समेत कुछ अन्य छूट मांगी है। फाइजर की वैक्सीन को BNT612b2 का नाम दिया गया है। फाइजर ने ये भी कहा है कि हाल ही में जो डेटा मिले हैं, SARS-CoV-2 के वैरिएंट के खिलाफ भारतीयों में BNT612b2 के दो डोज की प्रभावशीलता की पुष्टी करते हैं।
फाइजर ने कहा है कि पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की तरफ से की गई स्टडी में 26 फीसदी भारतीय और ब्रिटिश इंडियन शामिल हुए थे। पूरी स्टडी से पता चला है कि भारत में फैले कोविड-19 के वैरिएंट B.1.617.2 पर हमारा वैक्सीन BNT612b2 काफी ज्यादा प्रभावी है।
एक सूत्र ने फाइजर के हवाले से सरकार को बताया, "भारत और दुनिया भर में मौजूदा स्थिति 'हमेशा की तरह व्यवसाय' नहीं है और हमें हमेशा की तरह प्रक्रियाओं के साथ इसका जवाब नहीं देना चाहिए।'' चर्चा से जुड़े एक अन्य सूत्र ने कहा कि भारत सरकार और फाइजर के अध्यक्ष और सीईओ अल्बर्ट बौर्ला के बीच हालिया बैठकों के बाद, वे भारत में कंपनी के कोविड -19 वैक्सीन के अनुमोदन में तेजी लाने के लिए तीन प्रमुख मुद्दों पर संयुक्त रूप से काम करने पर सहमत हुए हैं। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री ने नगर निगम भिलाई, दुर्ग एवं भिलाई-चरौदा में लगभग 114 करोड़ रुपए की लागत के कार्यों का किया वर्चुअल भूमिपूजन-लोकार्पणकोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए दुर्ग जिले में जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों के सहयोग से किया गया अभूतपूर्व कार्य
मुख्यमंत्री ने टीम भावना के साथ किए गए प्रयासों की सराहना की, मितानिनों, सफाई कर्मियों सहित सभी लोगों को दिया धन्यवाद
भिलाई-चरौदा नगर निगम में 56.21 करोड रूपए की लागत से बनने वाले ट्रांसपोर्ट नगर और 16.19 करोड की लागत के गौरव पथ निर्माण कार्य का हुआ भूमिपूजन
नगर निगम भिलाई में 24 करोड़ 33 लाख रुपए की लागत के कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण
नगर निगम दुर्ग के अंतर्गत 14 वें वित्त आयोग मद से 17 करोड़ 38 लाख रुपए लागत के कार्यों का भूमिपूजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। संक्रमण दर भी घटकर मात्र 5 प्रतिशत के आस-पास रह गयी है। अब जन-जीवन सामान्य होने के साथ विकास कार्य भी तेजी से पूरे किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने की हमारी मुहिम कोरोना संकट से थोड़ी देर के लिए प्रभावित जरूर हुई है, लेकिन नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का न तो हमारा संकल्प प्रभावित हुआ और न प्रदेश के विकास और उन्नति की मुहिम की रफ्तार को प्रभावित होने दिया जाएगा। कोरोना की वजह से समय की जो क्षति हुई है, विकास कार्यों की गति बढ़ाकर इसकी पूर्ति कर लेंगे। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में दुर्ग जिले के नगर निगम भिलाई, दुर्ग एवं भिलाई-चरौदा में लगभग 114 करोड़ रुपए की लागत के विभिन्न कार्यों का वर्चुअल भूमिपूजन और लोकार्पण करने के बाद इस आशय के विचार प्रकट किए।
मुख्यमंत्री ने दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि सभी के सहयोग से दुर्ग जिले में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए अभूतपूर्व काम किया गया है। इसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है। एक समय था जब दुर्ग जिले में संक्रमण की दर 30 प्रतिशत तक पहुंच गयी थी। जिसे सभी के प्रयासों से 3 प्रतिशत के नीचे लाने में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों ने टीम भावना के साथ काम करते हुए जिले में आॅक्सीजन, आॅक्सीजन बेड, डाॅक्टरों और दवाईयों की व्यवस्था की। मितानिनों ने कोरोना किट की दवाईयों के गांव-गांव में वितरण का सराहनीय काम किया। सफाई कर्मचारियों और चिकित्सा स्टाॅफ ने भी प्रशंसनीय काम किया। मुख्यमंत्री ने इन कार्यों में दिए गए सहयोग के लिए सभी लोगों को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री ने भिलाई-चरौदा निगम में ट्रांसपोर्ट नगर का भूमिपूजन किया, इसका निर्माण 56 करोड़ 21 लाख रुपए की लागत से किया जाएगा। इसके बनने से ट्रांसपोर्टर्स को काफी राहत मिलेगी और क्षेत्र की यातायात व्यवस्था में भी सुधार होगा। इसके साथ ही उन्होंने भिलाई-चरौदा निगम में ही गौरवपथ के कार्य का भूमिपूजन किया। इसकी लागत 16.19 करोड़ है। श्री बघेल ने नगर निगम भिलाई में 2.54 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित 22 कार्यों का लोकार्पण और 22.33 करोड़ रूपए के 172 कार्यों का भूमिपूजन किया। उन्होंने नगर निगम दुर्ग के अंतर्गत 14 वें वित्त आयोग मद से 17 करोड़ 38 लाख रुपए लागत के कार्यों का भूमिपूजन किया। कार्यक्रम के दौरान दो दिवंगत शासकीय कर्मियों के एक-एक परिजन को अनुकंपा नियुक्ति का पत्र सौंपा गया। कलेक्टर दुर्ग ने बताया कि राज्य शासन द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के शिथिल किए गए प्रावधान के अनुसार 40 दिवंगत कर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने के प्रकरण तैयार किए जा रहे हैं।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, राज्य भंडारगृह निगम के अध्यक्ष श्री अरुण वोरा, क्षेत्र के विधायक एवं निगम के महापौर भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े। वनमंत्री एवं दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरु रुद्रकुमार तथा नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री विनोद वर्मा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले डेढ़ महीने से कोरोना की दूसरी लहर के कारण पूरे देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ को भी बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। इन डेढ़ महीनों में विकास कार्य भी बहुत प्रभावित हुआ है। लेकिन अब प्रदेश में स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। संक्रमण-दर भी घटकर मात्र 5 प्रतिशत के आसपास रह गई है। लाकडाउन में छूट दी जा चुकी है। अब जन जीवन तेजी से सामान्य होने के साथ-साथ विकास कार्य भी तेजी से किए जाएंगे। पिछले डेढ़ महीनों के दौरान जो काम रुके हुए थे, उन्हें भी तेजी से पूरा किया जाएगा। कोरोना की वजह से समय की जो क्षति हुई है, हम अपनी रफ्तार बढ़ाकर उसकी भी पूर्ति कर लेंगे। इसके लिए बहुत जरूरी है कि हम कोरोना के प्रति बहुत सावधानी बरतें, ताकि हमारे विकास कार्य दुबारा बाधित न हो सकें। सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजेशन मास्क और टीकाकरण से ही हम कोविड के खिलाफ जंग जीत सकते हैं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्रकुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में दुर्ग जिले में विकास के कार्य तेजी से पूरे होंगे। उन्होंने तीनों नगर निगम क्षेत्रों के नागरिकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विषम परिस्थितियों के बावजूद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में विकास कार्यों को गति प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। हर क्षेत्र में विकास कार्यों को बखूबी अंजाम दिया जा रहा है। राज्य में सभी वर्गो के लिए योजनाएं बनाई गई और उन पर अमल किया गया। किसी भी स्तर पर कमी नहीं होने दी गई। आने वाले समय में विकास की गति और तेज होगी।
वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता किसान और गांव हैं। प्रदेश के सर्वांगीण विकास और आर्थिक उन्नति के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे है। राजीव गांधी किसान योजना के अंतर्गत किसानों को लगभग 5700 करोड़ रूपए की राशि चार किश्तों में देने की शुरूआत कर दी गयी है। 1500 करोड़ रूपए की पहली किश्त का किसानों को भुगतान किया जा चुका है। गोधन न्याय योजना के माध्यम से प्रदेश के लगभग डेढ़ लाख गौपालक लाभान्वित हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 154 करोड़ रूपए लघु वनोपजों की खरीदी की गयी है। वनोपज खरीदी में छत्तीसगढ़ का देश में पहला स्थान है। तेन्दूपत्ता संग्रहकों को 649 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया जाएगा। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डाॅ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि प्रदेश के 169 नगरीय निकायों में मूलभूत कार्यों के लिए राशि स्वीकृत की गयी है। आज दुर्ग जिले के 3 नगर निगमों में लगभग 114 करोड़ रूपए की लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया गया। ये कार्य इन नगर निगम क्षेत्रों के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का सपना जल्द साकार होगा। कार्यक्रम को विधायक श्री देवेन्द्र यादव और छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अरूण बोरा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में कलेक्टर दुर्ग डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने विकास कार्यों के संबंध में संक्षिप्त प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा45 प्लस के टीकाकरण में छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शामिल
लक्षण वाले लोगों को तत्काल कोरोना दवा देने का फैसला रहा असरकारी
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रोें में भी कोरोना रैपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा से संक्रमितों के त्वरित पहचान में मिली मदद
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की दूरदर्शिता, त्वरित फैसले और मजबूत इरादे के साथ बेहतर प्रबंधन ने छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना की दूसरी लहर को त्रासदी में तब्दील होने से पहले ही थाम लिया। कोरोना के प्रकोप को रोकने में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों से लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मितानिनों , आंगनवाडी कार्यकर्ताओं,सहायिकाओं सहित सभी विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों ने पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया । यही वजह है कि आज छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की रफ्तार मंद पड़ गयी है। बेहतर प्रबंधन और उपचार के चलते कोरोना संक्रमित मरीजों की रिकवरी भी तेजी से होने लगी है। मुख्यमंत्री ने राज्य में शहरी इलाकों के साथ-साथ गांव में तेजी से पांव पसारते कोरोना की रोकथाम के लिए लक्षण वाले मरीजों को कोरोना टेस्टिंग के रिजल्ट का इंतजार किए बिना निःशुल्क घर-पहुंच कोरोना दवा किट उपलब्ध कराने के फैसले का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया ,जिसका सार्थक परिणाम देखने और सुनने को मिला। कोरोना संक्रमित मरीज गंभीर स्थिति में जाने से बचने लगे। इससे हॉस्पिटल में बेड न मिलने की स्थिति बेकाबू होने से रुक गयी।
गौरतलब है कि कोरोना के गंभीर प्रकोप की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की राज्य स्तरीय समिति द्वारा इसकी रोकथाम एवं उपचार के लिए अनुशंसित दवाओं की किट मितानिनों , स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से राज्य के ग्रामीण इलाकों में घर-घर सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित कोरोना के लक्षण वाले लोगों को बटवानी शुरू कर दी । लोगों को दवा के साथ लिखित में एक पर्ची भी दी गयी ,जिसमें दवाओं के सेवन का तौर-तरीका बताने के साथ ही उन्हें होम आइसोलेशन में रहने और सावधानी बरतने की समझाइश दी गई। इसका परिणाम यह रहा कि राज्य देखते ही देखते इस महामारी के संकट से उबरने लगा। कोरोना संक्रमण की पहली लहर को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ-साथ कोरोना टेस्टिंग क्षमता में भी उल्लेखनीय वृद्धि की। जनवरी से लेकर मई माह की अवधि में यदि कोरोना टेस्टिंग के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो टेस्टिंग की क्षमता 3 गुना से भी ज्यादा बढ़ गई है। जनवरी और फरवरी माह में रोजाना औसतन 21 से 22 हजार कोरोना सेम्पल टेस्टिंग हो पाती थी, आज की स्थिति में यह आंकड़ा रोजाना 70 हजार से पार हो गया है। टेस्टिंग के चलते कोरोना संक्रमितों की तेजी से पहचान और उपचार ने इस महामारी पर काबू पाने में मदद की है।छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिदिन कोरोना टेस्ट 2416 (प्रति 10 लाख जनसंख्या के मान से) है, जो देश के औसत टेस्टिंग 1511 से कहीं अधिक है। राज्य में अब तक 9 लाख 31 हजार 211 कोरोना पाजिटिव केस सामने आ चुके हैं, जिनमें से 8 लाख 33 हजार 161 लोग कोरोना-मुक्त हो चुके हैं। वर्तमान में कोरोना संक्रमित 85 हजार 868 लोगों का उपचार जारी है। इनमें से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को घर पर ही उपचार तथा निगरानी की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। वर्तमान में राज्य में 33 शासकीय तथा 6 निजी लैब्स में ट्रू- नाट जांच की सुविधा उपलब्ध है। राज्य के 11 शासकीय लैब एवं 5 निजी लैब में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। राज्य के ग्रामीण इलाकों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी रेपिड एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है ताकि कोरोना संक्रमितों की तेजी से पहचान कर इस महामारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके।
राज्य में 6 मेडिकल कॉलेज और एम्स रायपुर सहित 37 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल एवं 154 कोविड केयर सेंटर तैयार किए गए हैं। राज्य के प्रत्येक जिले में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल स्थापित किया गया है। शासकीय डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 5249 बेड तथा कोविड केयर सेंटर में 16405 बेड स्थापित किए गए हैं। शासकीय डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 555 आईसीयू, 515 एचडीयू एवं इसके अतिरिक्त 2516 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर है। इसी तरह शासकीय कोविड सेंटर में स्थापित 16405 बेड में से 3043 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर तैयार किए गए हैं। निजी कोविड अस्पतालों में कुल उपलब्ध 9596 बेड, 2399 आईसीयू, 1055 एचडीयू के अलावा 4395 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध है। राज्य में शासकीय अस्पतालों में 526 तथा निजी चिकित्सालयों में 625 इस प्रकार कुल 1151 वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा जिलों में आईसीयू ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या बढ़ाने तथा कोरोना पीड़ितों के इलाज की बेहतर व्यवस्थाके लिए जिलों को लगातार वित्तीय सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री सहायता कोष से अभी हाल ही में 73 करोड़ रुपए से अधिक की सहायता जिलों को कोरोना मरीजों के इलाज एवं जरूरतमंदों की मदद की लिए दी जा चुकी है। इससे पूर्व जिलों को कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लगभग 192 करोड रुपए की आर्थिक मदद दी गई थी।
छत्तीसगढ़ राज्य 45 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों के टीकाकरण के मामले में देश में छठवें स्थान और हेल्थ वर्कर के टीकाकरण में देश में तीसरे स्थान पर है। राज्य में अब तक 69 लाख 35 हजार से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। राज्य में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं सहित 45 वर्ष से अधिक उम्र एवं 18 से 44 आयु वर्ग तक के नागरिकों में से अब तक 69 लाख 35 हजार 394 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। 45 वर्ष से अधिक उम्र के 44.87 लाख नागरिकों को प्रथम डोज एवं 6.77 लाख लोगों को दोनों डोज तथा 18-44 वर्ष उम्र के 7 लाख 41 हजार 198 लोगों को 24 मई की स्थिति में टीकाकरण किया जा चुका है। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुए नक्सल हमले में शहीद नेताओं और जवानों को नमन करते हुए उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।झीरम घाटी के नक्सल हमले में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता श्री विद्याचरण शुक्ल, श्री नंदकुमार पटेल, श्री महेन्द्र कर्मा, श्री उदय मुदलियार, श्री योगेंद्र शर्मा सहित अनेक नेतागण और सुरक्षा बलों के जवान शहीद हो गए थे।श्री बघेल ने शहीदों के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।मुख्यमंत्री श्री बघेल दंतेवाड़ा और जगदलपुर में शहीद श्री महेंद्र कर्मा की प्रतिमा के अनावरण के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर बस्तर विश्वविद्यालय और डिमरापाल स्थित स्वर्गीय श्री बलिराम कश्यप स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अस्पताल का नामकरण शहीद श्री महेंद्र कर्मा के नाम पर किया गया।कार्यक्रम में दंतेवाड़ा से उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री कवासी लखमा, विधायक श्रीमती देवती कर्मा, बस्तर सांसद श्री दीपक बैज और विधायक श्री रेखचंद्र जैन शामिल हुए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यसभा सांसद श्री पी.एल. पुनिया और छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल के सदस्य, विभिन्न जिलों से विधायक तथा जनप्रतिनिधि इस कार्यक्रम से जुड़े।
मुख्यमंत्री निवास में विधायक श्री मोहन मरकाम और श्री बृहस्पति सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय श्री विनोद वर्मा और श्री राजेश तिवारी, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू उपस्थित थे। - एजेंसीनई दिल्ली : Cowin पोर्टल की शुरुआत वैक्सीन लेने वालों की सहूलियत के लिए हुई थी लेकिन जब से 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू हुआ है तब से हर दिन हजारों लोग Cowin पोर्टल पर वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक करने के लिए जाते हैं और खाली हाथ लौट आते हैं। लोगों की इस समस्या को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि 18-44 आयु वर्ग के लोग अब बिना अप्वाइंटमेंट किसी भी सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर पर रजिस्ट्रेशन और अप्वाइंटमेंट ले सकते हैं। इसकी शुरुआत आज यानी 24 मई से हो गई है।
मंत्रालय ने कहा है कि अब 18-44 साल वालों को वैक्सीन लगवाने के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेने की जरूरत नहीं है। यदि आपने पहले से ही रजिस्ट्रेशन करवा लिया है तो अच्छी बात है, वरना आपको वैक्सीनेशन सेंटर पर ही रजिस्ट्रेशन करना होगा और उसके बाद आपको अप्वाइंटमेंट और वैक्सीन मिलेगी। मंत्रालय ने कहा है कि ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट के दौरान कई जगहों से वैक्सीन बर्बाद होने की भी रिपोर्ट मिली है जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित कर दिया है। अलग-अलग राज्यों के निर्णय के बाद ही वहां ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन और अप्वाइंटमेंट मिल पाएगा। यानी आखिरी फैसला राज्य सरकार के हाथों में है।
मंत्रालय की ओर से साफतौर पर कहा गया है कि यह सुविधा फिलहाल केवल सरकारी वैक्सीनेशन केंद्र पर ही उपलब्ध है। बता दें कि अभी तक सिर्फ 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही बिना अप्वाइंटमेंट वैक्सीन दिया जा रहा था, जबकि 18-44 साल के लोगों को कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद ऑनलाइन स्लॉट बुक करना पड़ता था जिसमें लोगों को काफी दिक्कत आ रही थी।