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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय श्री राजीव गांधी को 21 मई को उनकी पुण्यतिथि पर नमन किया है। श्री बघेल ने देश के विकास और नवनिर्माण में स्वर्गीय श्री राजीव गांधी के महत्वपूर्ण योगदान को याद करते हुए उनकी पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर आज यहां जारी अपने संदेश में कहा है कि राजीव जी ने सबसे युवा प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर सम्हाली। उन्होंने 21वीं सदी के आधुनिक भारत का सपना देखा था। अपनी आधुनिक और प्रगतिशील सोच से उन्होंने भारत में सूचनाक्रंाति का सूत्रपात किया। उनकी दूरदर्शी सोच का परिणाम है कि हम आज ई-प्रशासन का वर्तमान स्वरूप देख रहे हैं। उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी की शुरूआत कर देश में भारत संचार नेटवर्क और कम्प्यूटर क्रांति का आगाज किया तथा वर्तमान के डिजिटल इंडिया की नींव रखी। राजीव जी ने पंचायती राज संस्थाओं और नगरीय निकायों को भी अधिक अधिकार देकर देश में लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण को बढ़ावा दिया। उन्होंने मतदान की आयु 21 वर्ष से घटा कर 18 वर्ष करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया।
श्री बघेल ने कहा कि सहज, सरल स्वभाव के राजीव जी का छत्तीसगढ़ से भी गहरा लगाव था। यहां की आदिवासी संस्कृति और निवासियों को भी उन्होंने करीब से देखा, जाना और उनके विकास के लिए काम किया। गरियाबंद जिले के आदिवासी अंचल कुल्हाड़ीघाट में 1985 का उनका संक्षिप्त प्रवास आज भी वहां के निवासियों की स्मृतियों में ताजी है। इसी समय उन्होंने धमतरी जिले के दुगली की यात्रा की, जिसे अब राजीव ग्राम के नाम से भी जाना जाता है। श्री बघेल ने कहा कि राजीव जी के पदचिन्हों पर चलते हुए छत्तीसगढ़ सरकार भी सबके विकास के लिए काम कर रही है।
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ शुरू की, जिसके तहत प्रदेश के 19 लाख किसानों को 5628 करोड़ रूपए की राशि चार किश्तों में सीधे उनके खातों में अंतरित की गई। इस वर्ष भी 21 मई को किसानों को कृषि आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी)के रूप में इस योजना की पहली किश्त दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राजीव जी आतंकवाद के आगे नहीं झुके और देश के लिए अपने प्राणों की भी परवाह नहीं की। स्वर्गीय राजीव गांधी के सम्मान में उनको श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी पुण्यतिथि 21 मई को पूरा देश आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाता है। देश और प्रदेश के विकास के लिए हमारा योगदान राजीव जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। - द न्यूज़ निदिया समाचार सेवाखरीफ सीजन 2020-21 में धान तथा 2021-22 से हर साल धान सहित खरीफ की सभी प्रमुख फसलों पर प्रति एकड़ 9000 रूपए की इनपुट सब्सिडी मिलेगी
कोदो का समर्थन मूल्य 3 हजार रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित
गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के साथ अब सुपर कम्पोस्ट खाद का भी होने लगा उत्पादन: न्यूनतम मूल्य 6 रूपए प्रति किलो
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिए गए अहम निर्णय
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने आगामी खरीफ सीजन 2021-22 से धान वाले रकबे में धान के बदले अन्य चिन्हित खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दिए जाने का निर्णय लिया है। इससे राज्य में धान के अलावा अन्य फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ सीजन 2020-21 में धान तथा 2021-22 से धान के साथ ही खरीफ की सभी प्रमुख फसलों पर प्रतिवर्ष प्रति एकड़ 9000 रूपए इनपुट सब्सिडी देने फैसला लिया है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोदो का समर्थन मूल्य 3 हजार रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। गौठानों में तैयार सुपर कम्पोस्ट खाद न्यूनतम मूल्य 6 रूपए प्रति किलो की दर से किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी।वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल लेते हैं अथवा वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें प्रति एकड़ 9 हजार रूपए के स्थान पर 10 हजार रूपए इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वालों को तीन वर्षों तक अनुदान मिलेगा।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में मंत्री परिषद उपसमिति के सदस्य कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता, खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, वित्त सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, सचिव कृषि श्री अमृत खलको, राजस्व सचिव सुश्री रीता शांडिल्य उपस्थित थीं।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में राजीव गांधी किसान न्याय योजना का आगामी खरीफ सीजन 2021-22 से दायरा बढ़ाते हुए इसमें धान के साथ-साथ खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो-कुटकी, अरहर के उत्पादकों को भी प्रतिवर्ष 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया।मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ सीजन 2020-21 में धान के रकबे वाले खेतों में यदि किसानों द्वारा आगामी खरीफ सीजन 2021-22 से अन्य चिन्हित फसलों की खेती की जाती है, तो उन्हें 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी प्रति एकड़ के मान से दी जाएगी। खेतों में पेड़ लगाने वाले किसानों को आगामी तीन वर्ष तक प्रतिवर्ष 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जाएगी।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कृषि विभाग को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान के बजाए अन्य फसलों की खेती पर प्रति एकड़ के मान से किसानों को दी जाने वाली 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी, गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ अब सुपर कम्पोस्ट खाद के उत्पादन एवं इसके विक्रय मूल्य एवं लाभ का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा ताकि राज्य के ज्यादा से ज्यादा किसान इसका फायदा उठा सकें।बैठक में कृषि विभाग के पंजीयन पोर्टल में धान के साथ साथ अन्य फसलों के पंजीयन के लिए इस पोर्टल को अपग्रेड करने, खरीफ फसलों की गिरदावरी के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की गई और संबंधित विभाग के अधिकारियों को इसका एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए।
गोबर उत्पादित खाद ’सुपर कम्पोस्ट’
बैठक में गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के साथ साथ अब अतिशेष गोबर से आर्गेनिक मेन्योर खाद के उत्पादन एवं इसके विक्रय को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अतिशेष गोबर से तैयार होने वाली आर्गेनिक मैन्योर खाद को सुपर कम्पोस्ट नाम दिया और इसकी मार्केटिंग की तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।यहां यह उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के तहत 20 जुलाई 2020 से राज्य के ग्रामीण अंचलों में सुराजी गांव योजना के तहत पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठानों का निर्माण किया गया है। इन गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है और इससे महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से बडे पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण भी किया जा रहा है। गौठानों में अतिशेष गोबर से सुपर कम्पोस्ट खाद का उत्पादन भी किया जा रहा है। अतिशेष गोबर से तैयार की जाने वाली आर्गेनिक मैन्योर खाद, जिसे सुपर कम्पोस्ट नाम दिया गया है। यह खाद वास्तव में बेसल डोज खाद है। जिसे गोबर की कम्पोस्टिंग कर तैयार किया जाता है। यह बेहतर गुणवत्ता वाली खाद है, जिसका उपयोग किसान खेती में कर सकेंगे। यह खाद किसानों को न्यूनतम मूल्य 6 रूपए प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराई जाएगी। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री ने सफल विद्यार्थियों को दी बधाई
इस वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परीक्षा परिणाम घोषित
इस परीक्षा में पुनर्गणना एवं पुनर्मूल्यांकन का प्रावधान नहीं
परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट परीक्षार्थी को आगामी परीक्षा में श्रेणी सुधार के लिए शामिल होने की पात्रता
रायपुर : स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल की हाई स्कूल की मुख्य परीक्षा 2021 का परीक्षा परिणाम वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग के माध्यम से ऑनलाईन जारी किया। परीक्षा में पंजीकृत 4 लाख 67 हजार 261 पंजीकृत परीक्षार्थियों में से 6 हजार 168 परीक्षार्थियों के परीक्षा फार्म अपात्र होने के कारण निरस्त किए गए। शेष 4 लाख 61 हजार 093 पात्र परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम घोषित किए गए। इनमें 2 लाख 24 हजार 112 बालक और 2 लाख 31 हजार 999 बालिकाओं के परीक्षा परिणाम शामिल हैं। सभी परीक्षार्थी परीक्षा में उत्तीर्ण किए गए, परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत रहा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम ने परीक्षा में सफल सभी परीक्षार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल के अध्यक्ष डॉ. आलोक शुक्ला, सचिव प्रोफेसर व्ही.के.गोयल सहित मण्डल के अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित थे।
इस वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण 10वीं की परीक्षा निरस्त करते हुए आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परीक्षा परिणाम घोषित किए गए। जो परीक्षार्थी आंतरिक मूल्यांकन में सम्मलित नहीं हुए उन्हें न्यूनतम उत्तीर्ण अंक देकर परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। सभी विद्यार्थी उत्तीर्ण हो गए हैं।
उत्तीर्ण परीक्षार्थियों में 4 लाख 46 हजार 393 छात्र प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं। जो कुल घोषित परिणाम का 96.81 प्रतिशत है। द्वितीय श्रेणी में 9 हजार 24 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए, जो कुल शामिल परीक्षार्थियों का 1.96 प्रतिशत और तृतीय श्रेणी में 5 हजार 676 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए, जो कुल शामिल परीक्षार्थियों का 1.23 प्रतिशत है।
प्रथम श्रेणी में 95.66 प्रतिशत, द्वितीय श्रेणी में 2.65 प्रतिशत, तृतीय श्रेणी में 1.68 प्रतिशत बालक परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। इसी प्रकार प्रथम श्रेणी में 97.90 प्रतिशत, द्वितीय श्रेणी में 1.30 प्रतिशत तथा तृतीय श्रेणी में 0.80 प्रतिशत बालिकाएं उत्तीर्ण हुए हैं।
इस वर्ष आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परीक्षा परिणाम घोषित किए गए। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा इस वर्ष प्रावीण्य सूची में जारी नहीं करने का निर्णय लिया गया है। अतः प्रावीण्य सूची जारी नहीं की गई है। इसके अतिरिक्त पुनर्गणना एवं पुनर्मूल्यांकन का प्रावधान भी इस परीक्षा में समाप्त किया गया है, जो परीक्षार्थी अपने परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नही हैं, उन्हें आगामी परीक्षा में श्रेणी सुधार के लिए सम्मलित होने की पात्रता होगी। - एजेंसीनई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस के नए मामले भले ही 3 लाख के बेंचमार्क से नीचे आ गए हों, मगर खतरा अब भी बरकरार है। देश में कोरोना के नए केसों में बीते कुछ दिनों से गिरावट देखी जा रही है, मगर मौत के आंकड़े टेंशन पैदा कर रहे हैं, क्योंकि जब कोरोना पीक पर था, तब भी मौत के मामले इतने नहीं आ रहे थे। मंगलवार को देश में एक दिन में कोरोना से 4525 लोगों की मौतें हुई हैं, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है। जब देश में 6 मई को देश में कोरोना के सबसे अधिक मामले (4.14 लाख) आए थे, उस दिन कोरोना से 3920 लोग ही मरे थे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 267174 नए केस आए हैं, जो कि कल के मुकाबले करीब पांच हजार केस अधिक हैं। कल एक दिन पहले 2.63 लाख कोरोना केस आए थे और मौतों की संख्या भी कम होकर 4340 दर्ज की गई थी। आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 25495144 पहुंच गई है। इनमें से एक्टिव केसों की संख्या 21979703 है। आज यानी मंगलवार को करीब 3.89 लाख से अधिक कोरोना मरीज ठीक हुए हैं। सोमवार को देश में पहली बार एक दिन में कोरोना संक्रमण से 4.2 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए थे।
देश में कोरोना वायरस से अब तक सबसे अधिक 4525 मौतें मंगलवार को हुई हैं। कोरोना की किसी भी लहर में होने वाली एक दिन में मौतों का यह सर्वाधिक आंकड़ा है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 6 मई को कोरोना के मामले सर्वाधिक थे और तब 4.14 लाख नए संक्रमित मिले थे। लेकिन बुधवार को यह आंकड़ा भले ही 2.67 लाख तक नीचे आ गया, लेकिन इस बीच मौतें बढ़ गईं।
सक्रिय मामले रिकॉर्ड 1.63 लाख घटे:इस बीच, एक अच्छी बात यह हुई है कि एक दिन में सक्रिय मामले में रिकॉर्ड 1,63,232 की कमी आई है। यानी नए संक्रमण कम होने के साथ सक्रि मामले भी तेजी से घट रहे हैं। जहां 8 मई को देश में सक्रिय मामलों की संख्या 37.23 लाख थे वहीं मंगलवार को यह घटकर 33.53 लाख रह गए हैं। आने वाले दिनों में सक्रिय मामले और कम होंगे तो इससे अस्पतालों पर मरीजों का भार कम होगा और वे रोगियों का बेहतर इलाज कर सकेंगे। इससे भी मौत के आंकड़े में कमी आएगी।
10 राज्यों में सर्वाधिक 76 फीसदी मौतें:स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 10 राज्यों में सबसे ज्यादा मौतें पिछले चौबीस घंटों के दौरान हुई हैं। इनमें महाराष्ट्र में 1200, कर्नाटक में 476, दिल्ली में 340, तमिलनाडु में 335, आंध्र प्रदेश में 271, उत्तराखंड में 223, पंजाब में 191, राजस्थान में 157, छत्तीसगढ़ में 149 तथा पश्चिम बंगाल में 147 मौतें शामिल हैं। - एजेंसीमुंबई : भारतीय नौसेना ने अरब सागर में आए चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ के कारण समु्द्र में अनियंत्रित होकर बहे एक बजरे पर सवार 146 लोगों को बचा लिया है और बाकियों की तलाश अभी जारी है। एक अधिकारी ने बताया कि नौसेना ने बचाव कार्य के लिए मंगलवार सुबह पी-81 को तैनात किया था। यह खोज एवं बचाव कार्यों के लिए नौसेना का एक बहुमिशन समुद्री गश्ती विमान है।
इससे पहले, सोमवार को निर्माण कंपनी ‘एफकान्स’ के बंबई हाई तेल क्षेत्र में अपतटीय उत्खनन के लिए तैनात दो बजरे लंगर से खिसक गए और वे समुद्र में अनियंत्रित होकर बहने लगे थे, जिसकी जानकारी मिलने के बाद नौसेना ने तीन फ्रंटलाइन युद्धपोत तैनात किए थे। इन दो बजरे पर 410 लोग सवार थे।
इन दो बजरे की मदद के लिए आईएनएस कोलकाता, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस तलवार को तैनात किया गया था। नौसेना के एक प्रवक्ता ने मंगलवार सुबह कहा, ‘‘ समुद्र में बजरे पी305 से बेहद चुनौतीपूर्ण स्थिति में कुल 146 लोगों को बचाया गया है।’ उन्होंने बताया कि अन्य लोगों को बचाने के लिए खोज एवं बचाव (एसएआर) अभियान पूरी रात जारी था।
उन्होंने कहा, ‘‘ वहीं, एक अन्य घटना में आईएनएस कोलकाता ने पोत वर प्रभा के ‘लाइफ राफ्ट’ से भी दो लोगों को बचाया और पी305 के चालक दल के सदस्यों को बचाने के लिए आइएनएस कोच्चि के साथ खोज एवं बचाव कार्य में जुट गया।’’ मौसम विभाग ने जानकारी दी कि गुजरात तट से टकराने के बाद ताउते तूफान अब कमजोर पड़ गया है। वहीं गुजरात में दो लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है। ताउते से महाराष्ट्र में छह लोगों की मौत हो गई है।
- पश्चिम बंगाल : नारद स्टिंग मामले में पश्चिम बंगाल के दो वरिष्ठ मंत्रियों एवं अन्य की गिरफ्तारी के कोलकाता में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है. गिरफ्तारी के विरोध में तृणमूल कांग्रेस के समर्थक यहां सीबीआई कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए. तृणमूल कांग्रेस के समर्थक यहां झंडे लहरा रहे थे और सीबीआई तथा केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे. उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी.
नारद मामले में राज्य के दो मंत्रियों तथा तृणमूल के एक विधायक की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सीबीआई कार्यालय पहुंचीं.
सीबीआई का दफ्तर निजाम पैलेस में केंद्र सरकार के कार्यालय परिसर में स्थित है. यहां पर बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं तथा परिसर में अवरोधक लगाए गए हैं.
कोलकाता पुलिस के जवान भी बड़ी संख्या में यहां मौजूद हैं.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के नेता फरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा के साथ पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी को नारद स्टिंग मामले में कोलकाता में गिरफ्तार किया. नारद स्टिंग मामले में कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर धन लिए जाने के मामले का खुलासा हुआ था.
हकीम, मुखर्जी, मित्रा और चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी लेने के लिए सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का रुख किया था. वर्ष 2014 में कथित अपराध के समय ये सभी मंत्री थे.
धनखड़ ने चारों नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी जिसके बाद सीबीआई अपना आरोपपत्र तैयार कर रही है और उन सबको गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्तार किए गए नेताओं के परिजन भी सीबीआई कार्यालय पहुंचे. इनमें हकीम की बेटी, मित्रा का बेटा और चटर्जी की पत्नी शामिल हैं.
नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए.
यह टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सार्वजनिक हुआ था. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में मार्च 2017 में सीबीआई जांच का आदेश दिया था. - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रदेश में ब्लैक फंगस के खतरों से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही है। इस बीमारी के उपचार के लिए आवश्यक हर जरूरी दवा प्रदेश के हर जिले में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होगी।
गौरतलब मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में ब्लैक फंगस के संक्रमण होने की जानकारी को गंभीरता से लेते हुए इसके रोकथाम के लिए लगने वाली आवश्यक दवाएं पोसाकोनाजोल एवं एम्फोटेरसिन-बी औषधियों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हर जिले में सुनिश्चित करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पहले ही दिए जा चुके है। जिसके परिपालन छत्तीसगढ़ के खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक द्वारा सभी जिलों में पदस्थ औषधि निरीक्षकों के माध्यम से सभी जिलों में औषधि पोसाकोनाजोल एवं एम्फोटेरेसिन-बी (समस्त डोसेज फाॅर्म, टेबलेट, सीरप, इंजेक्शन एवं लाइपोसोमल इंजेक्शन) की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक द्वारा औषधि निरीक्षकों को यह भी निर्देशित किया गया है, कि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र के भीतर समस्त होलसेलर, स्टाॅकिस्ट, सीएंडएफ से उक्त औषधियों की वर्तमान में उपलब्ध मात्रा की जानकारी प्रतिदिन प्राप्त करें और अपने क्षेत्र के सभी औषधि प्रतिष्ठानों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी करें। - एजेंसीगोवा : भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच ऑक्सीजन किल्लत का संकट जारी है। गोवा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (जीएमसीएच) में बृहस्पतिवार के तड़के ऑक्सीजन के अभाव में और 15 कोरोना मरीजों की मौत हो गई। राज्य में कई दिनों से ऑक्सीजन कमी के चलते लोगों की मौत हो रही है। दो दिन पहले ही यहां 26 कोरोना मरीजों की ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हो गई थी। प्रशासन की लापरवाही उजागर हो रही है। सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी।
राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट की गोवा बेंच को बताया गया कि अस्पताल में ऑक्सीजन का दबाव कम होने के कारण अधिकांश मरीजों की मौत हुई। कोर्ट ने केंद्र से गोवा के हालात के मद्देनजर जल्द कोटा के मुताबिक ऑक्सीजन की आपूर्ति करने को कहा है। हालांकि जस्टिस नितिन डब्ल्यू साब्रे और एमएस सोनाक ने कहा कि 12 मई के आदेश के बावजूद बृहस्पतिवार को करीब 40 कोरोना मरीजों की मौत हुई जिनमें 15 की मौत तड़के 2 से 6 बजे के बीच हुई। घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन भी सवालों के घेरे में है।
गोवा सरकार ने कमेटी गठित कीवहीं गोवा सरकार ने मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी को तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। कमेटी अस्पताल को मिलने वाली ऑक्सीजन सप्लाई और ऑक्सीजन को लेकर आ रही दिक्कतों को दूरने पर नजर रखेगी। बता दें कि देश में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्यों में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी हो गई है। ऑक्सीजन संकट की वजह से कोरोना मरीजों की मौत हो रही है। हालांकि केंद्र राज्यों में पर्याप्त ऑक्सीजन देने का दावा कर रहा है, लेकिन राज्य सरकारे केंद्र के दावे को सिरे से खारिज कर दे रही है। राज्यों का कहना है कि ऑक्सीजन, वैक्सीन की कमी के चलते लोग दम तोड़ रहे हैं। - एजेंसीमुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस (Coronavirus in Maharashtra) के नए मामलों में थोड़ी कमी आई है, लेकिन अभी भी रोजाना 40 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं. इसे देखते हुए महाराष्ट्र सरकार एक बार फिर लॉकडाउन (Lockdown in Maharashtra) को बढ़ा दिया है. अब 1 जून की सुबह 7 बजे तक पूरे राज्य में लॉकडाउन लागू रहेगा. हालांकि इस दौरान जरूरी सेवाओं पर दी गई छूट पहले की तरह मिलती रहेगी.
महाराष्ट्र में एंट्री के लिए निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट जरूरीकोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Govt) ने दूसरे राज्यों से आ रहे लोगों के लिए निगेटिव अनिवार्य कर दिया है. अन्य राज्यों से महाराष्ट्र आने वाले लोगों को निगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट (RT-PCR Test Report) दिखाना होगा और यह 48 घंटे से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए.महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 5.46 लाख एक्टिव केस मौजूदमहाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस (Coronavirus in Maharashtra) के 46 हजार 781 नए मामले सामने आए, जबकि इस दौरान 816 लोगों की मौत हुई. अब तक यहां 52 लाख 26 हजार 710 कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं और 78007 मरीजों की मौत हो चुकी है. फिलहाल महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 5 लाख 46 हजार 129 एक्टिव मरीज मौजूद हैं. राजधानी मुंबई में बुधवार को कोविड-19 के 2116 नए मरीज मिले और 66 लोगों की मौत हुई. - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाकोरोना टीकाकरण के लिए पंजीयन कराने वालों को स्थान और समय की मिलेगी सही जानकारी
टीका लगवाने के लिए अब नहीं लगेंगी लम्बी लाइनें
गरीब, निराश्रित और अंत्योदय सहित ऐसे लोग जिनके पास मोबाइल नहीं, उनका भी हो सकेगा पंजीयन
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोरोना से बचाव के लिए राज्य के 18 से 44 आयु के सभी वर्ग के लोगों के लिए सुविधाजनक तरीके से टीका लगवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु आज शाम राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीजी टीका वेब पोर्टल का शुभारंभ किया।यह वेब पोर्टल चिप्स द्वारा तैयार किया गया है, जिसमें ऑनलाईन पंजीयन के साथ-साथ यह सुविधा भी उपलब्ध है कि बिना मोबाइलधारी व्यक्ति भी जिला प्रशासन द्वारा पंचायतों, नगरीय निकायों एवं नगर निगमों सहित अन्य स्थानों पर स्थापित हेल्प डेस्क के सहयोग से अपना पंजीयन इस वेब पोर्टल में कराकर टीका लगवा सकता है। छत्तीसगढ़ सरकार का सीजी टीका वेब पोर्टल यहां के लोगों की सामाजिक और भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में तैयार किया गया है, ताकि लोगों को टीकाकरण के लिए किसी भी तरह की परेशानी न हो। छत्तीसगढ़ सरकार की इस अभिनव पहल से लोगों को अब कोरोना का टीका लगवाने के लिए न तो लम्बी लाइनें लगानी पड़ेंगी न ही समय गवाना पड़ेगा। सीजी टीका वेब पोर्टल में पंजीयन के लिए लिंक http://cgteeka.cgstate.gov.in/user-registration पर जानकारी अपलोड करनी होगी। पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद संबंधित व्यक्ति को टीकाकरण के स्थान और समय की जानकारी एसएमएस के जरिए मिल जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सीजी टीका वेब पोर्टल का शुभारंभ करते हुए स्वास्थ्य विभाग एवं चिप्स के अधिकारियों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की सामाजिक और भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि हर व्यक्ति के पास न तो स्मार्ट फोन है, न ही राज्य के सभी क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बीपीएल अंत्योदय और निराश्रित श्रेणी के राशनकार्डधारी 48 प्रतिशत लोगों के पास मोबाइल नहीं है। कोरोना टीकाकरण के लिए ऑनलाईन पंजीयन की अनिवार्य व्यवस्था के चलते बीपीएल, अंत्योदय और निराश्रित वर्ग के लोग टीकाकरण से वंचित रह जाते। इनको ध्यान में रखकर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चिप्स के माध्यम से सीजी टीका वेब पोर्टल तैयार किया गया है। इस वेब पोर्टल में ऑनलाईन पंजीयन के साथ-साथ हेल्प डेस्क टीम की मदद से भी पंजीयन की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कम समय में छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना टीकाकरण के लिए सुविधायुक्त वेब पोर्टल तैयार करने के लिए चिप्स के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस वेब पोर्टल में सभी वर्ग के लोगों की सुविधा को ध्यान में रखा गया है। लोगों को टीकाकरण के स्थान और समय की सटीक जानकारी मिलेगी। टीकाकरण के लिए लोगों को भटकना नहीं पड़ेगा।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने बताया कि वेब पोर्टल का शुभारंभ होते ही इसके जरिए पंजीयन की सुविधा शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि पंजीयन कराने वाले लोगों को फिलहाल स्थान और समय की सूचना दो-तीन दिन बाद दी जाएगी। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष 44 वर्ग की आयु के लोगों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को अब तक 5 लाख टीका मिला है, जिसमें से 4 लाख टीका लगाया जा चुका है। मात्र एक लाख टीके की डोज बाकी है। टीके की नई खेप आते ही वेब पोर्टल के माध्यम से पंजीयन कराने वालों को एसएमएस के माध्यम से टीकाकरण के स्थान और समय की जानकारी दी जाएगी। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी उपस्थित थे।
जिन लोगों के पास मोबाइल अथवा नेट कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध नहीं है, ऐसे लोगों के पंजीयन के लिए कलेक्टर द्वारा पंचायत मुख्यालयों, नगरीय निकायों एवं नगर निगम सहित अन्य सुविधाजनक स्थानों पर हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे, जहां लोग अपना पंजीयन करा सकेंगे। सभी कलेक्टरों को हेल्प डेस्क सुविधा का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा है, ताकि लोग इसका लाभ उठा सके।
- एजेंसीनई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की तबाही जारी है। इस बीच, महामारी की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी की गई है, जिसमें सबसे अधिक बच्चों के संक्रमित होने की आशंका जताई गई है। इसे देखते हुए बड़ा कदम उठाया गया है। एक विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को 2 से 18 आयुवर्ग के लिए भारत बायोटेक के कोविड वैक्सीन के दूसरे/तीसरे चरण के लिए परीक्षण की सिफारिश की थी, जिसे भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
कोरोना वैक्सीन से जुड़ी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने मंगलवार को सिफारिश की थी कि भारत बायाटेक की कोवैक्सीन के दूससे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी देनी चाहिए, जोकि 2 से 18 साल तक के बच्चों पर किया जाएगा।उन्होंने बताया कि यह परीक्षण दिल्ली व पटना के एम्स और नागपुर स्थित मेडिट्रिना चिकित्सा विज्ञान संस्थान समेत विभिन्न स्थानों पर किया जाएगा।
कंपनी ने मांगी थी अनुमतिबता दें कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 विषय विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को भारत बायोटेक द्वारा किए गए उस आवेदन पर विचार-विमर्श किया, जिसमें उसके कोवैक्सीन टीके की दो साल से 18 साल के बच्चों में सुरक्षा और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने समेत अन्य चीजों का आकलन करने के लिए परीक्षण के दूसरे/तीसरे चरण की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था। एक सूत्र ने कहा कि कंपनी के आवेदन पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद समिति ने प्रस्तावित दूसरे/तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति दिए जाने की सिफारिश की थी।
बता दें कि भारत में अभी तक जिन दो कोविड वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। दोनों का 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को पर ही इनका क्लीनिकल ट्रायल किया गया है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को लोगों को लगाई जा रही हैं। ऐसे में तीसरी लहर की चेतावनी से पहले बच्चों पर ट्रायल को मंजूरी देना बड़ा फैसला माना जा रहा है।
- एजेंसीनई दिल्ली : देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है। देश में बीते 24 घंटे में 3.29 लाख से अधिक नए कोरोना मरीज मिले हैं और 3,876 लोगों की जान चली गई है। राहत की बात ये है कि लगातार दूसरे दिन नए मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं 62 दिन बाद पहले बार नए मरीजों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में बीते 24 घंटों में 3,29,942 नए कोरोना मरीज मिल हैं। इसके साथ ही देश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 2,29,92,517 पहुंच गई है। वहीं देश में लगातार दूसरे दिन 3,876 लोगों ने दम तोड़ा है। इसके साथ कोविड से मरने वालों की संख्या 2,49,992 पहुंच गई। मंगलवार को मिले संक्रमित मरीजों की संख्या पिछले 15 दिन में सबसे कम है। इससे पहले 26 अप्रैल को 3.19 लाख केस सामने आए थे।
देश में तेजी से बढ़ रहे सक्रिय मामलेस्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी जारी है। पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 3,56,082 कोरोना मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए हैं। इसके साथ ही देश में अब तक 1,90,27,304 मरीज कोरोना वायरस को मात देने में कामयाब हुए हैं।राहत की बात ये है कि 62 दिन बाद ऐसा हुआ जब नए मरीजों से ज्यादा मरीजों ने महामारी को मात दी। इससे पहले 9 मार्च को 17,873 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई थी और 20,643 लोग ठीक हुए थे। फिलहाल, देश में सक्रिय मामले बढ़कर 37,15,221 पहुंच गए हैं। सक्रिय मामलों की संख्या अमेरिका के बाद सबसे अधिक भारत में है।
74 फीसदी नए केस इन दस राज्यों में मिलेकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 74 फीसदी नए केस दस राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, यूपी, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में दर्ज किए गए हैं। बता दें कि 7 मई को देश में सबसे ज्यादा 4,14,188 मामले दर्ज किए गए थे। जबकि 8 मई को सबसे ज्यादा 4,187 मौतें हुई थीं। इसके बाद से संक्रमितों की संख्या और मौत का आंकड़ा कम हो रहा है। संक्रमण के नए मामलों में दिल्ली 10 राज्यों में आखिरी पायदान पर है।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाकोमार्बिडिटी वाले व्यक्ति, भोजन प्रदाय करने वाले, सब्जी विक्रेता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, पंचायत सचिव, कोटवार-पटेल और पीडीएस प्रबंधक और विक्रेता फ्रंट लाईन वर्कर की सूची में शामिल
राज्य सरकार के कर्मचारी, राज्य पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के कर्मचारी और उनके इमिडियेट परिजन भी शामिल
मुख्यमंत्री के पूर्व निर्देश और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित सचिवों की समिति की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने लिया निर्णय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण के लिए अहम घोषणा की है जिसके तहत विभिन्न श्रेणियों के लोगों को फ्रंट लाईन वर्कर मानते हुए उनके टीकाकरण करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही राज्य के पत्रकार और वकीलों तथा उनके परिजनों को भी फ्रंट लाईन वर्कर के समान ही टीकाकरण करने की मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने घोषणा की है।
गौरतलब है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा पूर्व में ही निर्देश दे दिए गए थे परंतु मामला न्यायलयीन होने के कारण लंबित था। कई अन्य राज्यों में पत्रकारों और वकीलों को फ्रंट लाईन वर्कर मानते हुए उनका टीकाकरण किया जा रहा है परंतु मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इससे एक कदम और आगे बढ़ते हुए राज्य के पत्रकारों और वकीलों के साथ ही उनके परिजनों को भी फ्रंट लाईन वर्कर के समान टीकाकरण में प्राथमिकता देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा इस संबंध में पूर्व में दिए निर्देश और टीकाकरण के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित सचिवों की समिति की अनुशंसा पर राज्य सरकार द्वारा फ्रंट लाईन वर्कर की सूची में जिन श्रेणियों को शामिल किया है उनमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिभाषित कोमार्बिडिटी वाले व्यक्ति, भोजन प्रदाय करने वाले एवं सब्जी विक्रेता, बस ड्राइवर कंडक्टर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, पंचायत सचिव/कर्मी, पीडीएस दुकान प्रबंधक और विक्रेता, इंसटिटुशनल केयर में रहने वाली महिलाएं, गांव के कोटवार एवं पटेल, राज्य सरकार के कर्मचारी, राज्य पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के कर्मचारी और उनके इमिडियेट परिजन शामिल हैं।
इसी तरह इस सूची में वृद्धाश्रम में, महिला देखभाल केन्द्रों एवं बाल देखभाल में कार्यरत व्यक्ति, शमशान, कब्रिस्तान में कार्यरत व्यक्ति, दिव्यांग व्यक्ति, आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली अर्धशासकीय संस्थाओं जैसे- प्राथमिक कृषि सहकारी समिति, मार्कफेड, सहकारी बैंक में कार्यरत कर्मचारी, कलेक्टर द्वारा कोरोना ड्यूटी पर लगाए गए व्यक्ति, राज्य शासन द्वारा परिभाषित किसी अन्य श्रेणी के व्यक्ति को भी शामिल किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा फ्रंट लाईन वर्कर की पहचान के संबंध में विस्तृत मार्गदर्शी सिद्धांत जारी किया जाएगा। यदि फ्रंटलाइन वर्कर श्रेणी का कोई व्यक्ति एपीएल का छोड़कर अन्य कोई राशनकार्ड लाता है तो उसे भी उस राशनकार्ड की श्रेणी में माना जाएगा और यदि राशनकार्ड लेकर नही आता है तो उसे फ्रंट लाईन वर्कर की श्रेणी में माना जाएगा। जेल में रहने वाले बंदियों को भी टीकाकरण में वही प्राथमिकता दी जाए जो फ्रंटलाइन वर्कर को दी जाएगी क्योकि वो अपनी सुरक्षा नही कर सकते। इसी प्रकार वकीलों और पत्रकारों तथा उनके इमिडियेट परिजनों को भी फ्रंटलाईन वर्कर के समान ही टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी। - नई दिल्ली : पूरी दुनिया कोरोना की वैक्सीन बनाने और बांटने में लगी है इस बीच भारत के DRDO ने कमाल करते हुए कोरोना की दवा बना दी है. जी हां, यही नहीं मोदी सरकार ने इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी भी दे दी है. रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को ये जानकारी दी. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत के औषधि महानियंत्रक ने डीआरडीओ द्वारा विकसित कोविडरोधी दवा को आपात इस्तेमाल के लिये मंजूरी दे दी है.
कोविड रोधी दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (drug 2-deoxy-D-glucose या 2-DG) डीआरडीओ द्वारा हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ मिलकर विकसित की गई है. रक्षा मंत्रालय. - एजेंसीनई दिल्ली: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र सरकार (Modi Govt) पर ट्वीट कर हमला बोला है. उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए अपने ट्विटर हैंडल से #GST के साथ ''जनता के प्राण जाएं पर PM की टैक्स वसूली ना जाए!'' ट्वीट किया है. राहुल से पहले कांग्रेस शासन वाली कई सरकारों ने भी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) पर जीएसटी (GST) वसूलने का विरोध किया था. केंद्र सरकार कोरोना के टीकों पर राज्यों से पांच फीसदी जीएसटी वसूल रही है. बीते दिनों राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र द्वारा कोरोना के टीकों पर जीएसटी लगाए जाने का विरोध किया था. पांच फीसदी जीएसटी के साथ राज्यों को वैक्सीन की एक डोज के ऊपर 15 से 20 रुपए अतिरिक्त चुकाने पड़ रहे हैं.
केंद्र सरकार ने विदेश से आने वाली कोरोना वैक्सीन को जीएसटी के दायरे में नहीं रखा है. सरकार देश में बनने वाली वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड पर राज्य सरकारों से पांच फीसदी जीएसटी वसूल रही है. कई राज्य सरकारों ने केंद्र को चिट्ठी लिख कर कोरोना वैक्सीन को टैक्स मुक्त करने की मांग की है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी केंद्र सरकार से वैक्सीन पर जीएसटी लेने की मांग कर चुके हैं. पटनायक ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक खत लिखा है, जिसमें उन्होंने 18 से 44 साल के उम्र के लोगों को दी जाने वाली वैक्सीन पर जीएसटी छूट की मांग की है. आपको बता दें कि ओडिशा में इस श्रेणी के लोगों को फ्री में वैक्सीन लग रही है, लेकिन राज्य सरकारों को वैक्सीन खरीदनी पड़ रही है. - एजेंसीउत्तर प्रदेश : यूपी में लगातार बढ़ रहे कोरोना केस को देखते हुए योगी सरकार ने सोमवार तक कोरोना कर्फ्यू बढ़ा दिया है। अभी 6 मई बृहस्पतिवार सुबह 7 बजे तक केारोना कर्फ्यू था अब उसे बढ़ाकर 10 मई सुबह 7 बजे तक कर दिया गया है।
कोरोना पर काबू करने को पीजीआई निदेशक की अध्यक्षता में बनी सलाहकार समिति
योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण की प्रभावी रोकथाम और उसके समुचित उपचार के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की एक सलाहकार समिति गठित की। लखनऊ एसजीपीजीआई के निदेशक डा.आर.के.धीमान की अध्यक्षता में गठित इस सलाहकार समिति में अध्यक्ष समेत कुल 14 सदस्य शामिल हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार की ओर से जारी आदेश के अनुसार इस समिति के संयोजक प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक होंगे।
कानपुर में 66 लोगों की कोराेना से मौत :
बीते चौबीस घण्टों में कोरोना संक्रमण से कानपुर नगर में 66 लोगों की मौत हो गई। इस दूसरी लहर में किसी एक जिले में चौबीस घण्टों में संक्रमण से मौतों की यह सर्वाधिक तादाद है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण अब कम हो रहा है। बीते चौबीस घण्टों में राज्य में 25858 कोरोना के नए मरीज मिले जबकि 38683 लोग स्वस्थ हुए। इस अवधि में कोरोना संक्रमण से 352 लोगों की मौत हुई। राज्य में अब कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 272568 है। लखनऊ में इस अवधि में कोरोना के कुल 2407 नए मरीज मिले, 5079 ठीक हुए और 22 लोगों की मौत हुई। लखनऊ में अब कोरोना के सक्रिय मरीजों की तादाद 33689 है। - एजेंसीनई दिल्ली : भारत में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि देश में लॉकडाउन लगाना ही होगा। भारत में कोरोन वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। देश में पिछले कई दिनों से हर दिन साढ़े 3 लाख से ज्यादा नए कोरोना केस सामने आ रहे हैं और तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौतें हो रही हैं। भारत की कोरोना हालात को देखते हुए कई वैश्विक डॉक्टरों ने भी भारत को पूरी तरह शटडाउन करने की सलाह दी है। राहुल गांधी ने मंगलवार (04 मई) को ट्वीट किया,'' भारत की सरकार ये नहीं समझ रही है कि कोरोना के प्रसार को रोकने का एकमात्र तरीका अब देश में पूर्ण लॉकडाउन है। लॉकडाउन में कमजोर वर्गों के लिए सुरक्षा के उपाए किए जाएं। भारत सरकार की निष्क्रियता कई निर्दोष लोगों की जान ले रही है।''
वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है, ''देश में कोविड-19 संक्रमण 2 करोड़ पार, देश में कोरोना से मौत की संख्या 2,19,000...ऐसे में प्रधानमंत्री यानी मोदी जी का नया घर, पी.एम दफ्तर, मंत्रियों के दफ्तर, संसद बनाना जरूरी है या जीवन रक्षक दवा, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, अस्पताल बेड उपलब्ध कराना?''
बता दें अभी हाल ही में इंडियन एक्स्प्रेस को दिए इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के मुख्य मेडिकल एडवाइजर और ग्लोबल डॉक्टर एंथोनी फाउची ने कहा था कि भारत को कुछ हफ्तों के लिए शटडाउन करना चाहिए।
भारत की कोरोना स्थिति पर सलाह देते हुए एंथोनी फाउची ने कहा था, भारत को अपनी स्थिति को देखते हुए फिलहाल कुछ हफ्तों के लिए पूरे देश को शटडाउन कर देना चाहिए। जो जैसे चल रहा है उसको बंद कर देना चाहिए और सिर्फ मेडिकल हेल्प पर फोकस करना चाहिए। ऐसा करने से भारत जल्द ही एक सामान्य स्थिति में पहुंच जाएगा। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाकोविड-19 संक्रमण को रोकने 9 अप्रैल से 6 मई तक पूर्ण कंटेनमेंट जोन घोषित होने के कारण राज्य के लघु और मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों को देखते हुए उन्हें वांछित राहत प्रदान करने का किया अनुरोध
छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इण्डट्रीज के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से की मांग
व्यवसायियों द्वारा विभिन्न प्रकार की विवरणियों को प्रस्तुत करने की अप्रैल एवं मई माह की तिथियों को दो माह के लिए बढ़ाया जाए
व्यवसाय संचालन हेतु लिए गए ऋण के मूलधन और ब्याज की किश्तों के भुगतान की समय-सीमा को कम से कम 3 माह की स्थगन अवधि प्रदान करने पर विचार किया जाए
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर प्रदेश में वर्तमान में 9 अप्रैल से 6 मई की सुबह तक कंटैनमेंट जोन घोषित होने के कारण राज्य के लघु और मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों को देखते हुए उन्हें वांछित राहत प्रदान करने का अनुरोध किया है। श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इण्डट्रीज के अनुरोध पर केन्द्र सरकार से मांग की है कि व्यवसायियों द्वारा विभिन्न प्रकार की विवरणियों को प्रस्तुत करने की अप्रैल एवं मई माह की तिथियों को दो माह के लिए बढ़ाया जाए साथ ही व्यवसाय संचालन हेतु लिए गए ऋण के मूलधन और ब्याज की किश्तों के भुगतान की समय-सीमा को कम से कम 3 माह की स्थगन अवधि प्रदान करने पर विचार किया जाए
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री को पत्र में लिखा है कि - कोविड-19 महामारी की दूसरी और अधिक घातक लहर को रोकने के अंतिम प्रभावी कदम के रूप में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित लगभग सभी जिलों में दिनांक 9 अप्रैल से प्रारंभ कर 6 मई की सुबह तक पूर्ण कटेनमेंट जोन घोषित किये जाने के कारण राज्य में आर्थिक गतिविधियां एवं व्यापार-व्यवसाय लगभग बंद है। इससे राज्य में लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यवसायियों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने इस आर्थिक परेशानी में उनकी सहायता के उद्देश्य से कुछ फौरी राहतों की मांग की गई है, जिन पर मैं आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ।
श्री बघेल ने लिखा है कि -अप्रैल माह वित्तीय वर्ष 2021-22 का प्रथम माह होने के कारण टीडीएस एवं टीसीएस एक्ट में कई अनुपालनों की तिथियां निर्धारित है। ऐसे समय में व्यवसायियों द्वारा अपने खातों का मिलान कर विभिन्न प्रकार की विवरणियों को निर्धारित समय-सीमा में प्रस्तुत कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। इनके कार्यालयो, प्रतिष्ठानों में कार्यरत विभिन्न कर्मचारियों जैसे- एकाउंटेंट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, प्रबंधन स्टाफ इत्यादि भी कोविड से संक्रमित होने के कारण या तो होम आइसोलेशन में है अथवा अस्पताल में हैं। इसी प्रकार व्यवसायियों के विभिन्न कर सलाहकार जैसे- चार्टर्ड एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी, कर सलाहकार आदि भी इस महामारी से संक्रमित होने के कारण अपनी सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं। उपरोक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए चैम्बर द्वारा अनुरोध किया गया है कि अप्रैल एवं मई माह की विभिन्न तिथियों को आगामी 2 माह के लिये बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि राज्य में वर्तमान में व्यापार-व्यवसायों के लगभग बंद होने जैसी स्थिति के कारण व्यवसाय एवं उद्योगों का नकदी प्रवाह बुरी तरह प्रभावित हुआ है एवं वर्तमान स्थिति में सुधार में लगने वाले संभावित समय को ध्यान में रखते हुए व्यवसायियों के द्वारा विभिन्न बैंकों व वित्तीय संस्थाओं से लिये गये ऋण के मूलधन एवं ब्याज की वापसी में अत्यंत कठिनाई हो रही है। अतः चैम्बर द्वारा यह अनुरोध किया गया है कि उनके व्यवसाय संचालन हेतु लिये गये ऋण के मूलधन एवं ब्याज की किश्तों के भुगतान की समय-सीमा में कम से कम 3 माह की स्थगन अवधि प्रदान किये जाने पर विचार किया जाए।
श्री बघेल ने कहा है कि राज्य के चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा की गयी उपरोक्त दोनों मागों से राज्य शासन पूर्णतः सहमत है। ये दोनों ही विषय आपके मंत्रालय के क्षेत्राधिकार से संबंधित है। आपदा के इस गंभीर समय में राज्य के लघु एवं मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए इन पर गंभीरता से एवं सहानुभूतिपूर्वक विचार कर इन न्यायोचित मांगों पर शीघ सकारात्मक कदम उठाये जाने का आग्रह है। यह उपाय चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के व्यवसायियों को वांछित राहत प्रदान करने में काफी सहायक राज्य के चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा की गयी उपरोक्त दोनों मागों से राज्य शासन पूर्णतः सहमत है। ये दोनों ही विषय आपके मंत्रालय के क्षेत्राधिकार से संबंधित है। आपदा के इस गंभीर समय में राज्य के लघु एवं मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए इन पर गंभीरता से एवं सहानुभूतिपूर्वक विचार कर इन न्यायोचित मांगों पर शीघ सकारात्मक कदम उठाये जाने का आग्रह है। यह उपाय चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के व्यवसायियों को वांछित राहत प्रदान करने में काफी सहायक होंगे।
- एजेंसी
नई दिल्ली: देश में कोरोना का प्रकोप अब विकराल रूप ले चुका है, सोमवार को एक बार फिर देश में साढ़े तीन लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में देश में 3,68,147 नए मामले दर्ज किए गए जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 1,99,25,604 हो गई है. वहीं इस अवधि में 3417 मरीजों की मौत हुई है और कुल मृतकों की तादाद 2,18,959 हो गई है. देश में इस वक्त एक्टिव कोविड मरीजों की संख्या 34 लाख के चिंताजनक आंकड़े को पार करते हुए 34,13,642 हो गई है. सोमवार लगातार 12वां दिन है जब कोरोना संक्रमण के मामले 3 लाख से ज्यादा आए हैं.
कोविड के नए मामलों और मरीजों की मौत के लिहाज से अप्रैल सबसे डरावना महीना रहा है और जिस तरीके से मई महीने में आंकड़ों की रफ्तार नजर आ रही है वो चिंताओं को और बढ़ा ही रही है. अकेले अप्रैल में कोरोना संक्रमण के 66,13,641 नए मामले दर्ज किए गए हैं जबकि इस दौरान 45,862 मरीजों की मौत भी हुई है, वहीं मई में अब तक 11,62,628 नए केस आ चुके हैं और 10,629 लोगों की मौत हो चुकी है.
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत के बाद देश में अब तक दिए कोविड-19 टीकों की खुराकें 15.71 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है. पिछले 24 घंटों में 12,10,347 लोगों को इसका टीका लगाया गया. वहीं इस खतरनाक वायरस के प्रकोप से मुक्त होने वाले लोगों की संख्या 1,62,93,003 हो गई है, पिछले 24 घंटों में 3,00,732 मरीज ठीक होकर घर गए हैं.
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाकोरोना संक्रमण से बचाव और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है टीकाकरण - मुख्यमंत्री
राज्य में 18 से 44 वर्ष के उम्र के सभी लोगों को मुफ्त में कोविड-19 का टीकारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंंिसंग के जरिए छत्तीसगढ़ में 18 से 44 वर्ष के लोगों को निःशुल्क कोरोना टीका लगाने के महाअभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने इस दौरान भिलाई-दुर्ग, रायपुर तथा बिलासपुर में कोविड-19 का टीका लगवाने वाले लोगों से चर्चा की और उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नियमों का पालन करने की सलाह भी दी। इस मौके पर उन्होंने अभियान में जुटे टीकाकरण टीम और टीका लगाने वाले लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए निःशुल्क कोरोना टीका लगाए जाने की शुरूआत आज 1 मई से शुरू कर दी है। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहूूूूूूूूूू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरूरूद्र कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल तथा विधायक श्रीमती रश्मि सिंह और विधायक श्री देवेन्द्र यादव वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग के माध्यम से शामिल हुए। टीकाकरण के शुभारंभ अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण एक महत्वपूर्ण हथियार है। इससे राज्य में कोरोना को हराने में जरूर सफलता मिलेगी। उन्होंने बताया कि राज्य में टीकाकरण अभियान के सफल संचालन के लिए शासन तथा प्रशासन के समन्वित प्रयास से हर आवश्यक व्यवस्था पूरी कर ली गई है। इसमें अभी 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए अंत्योदय राशनकार्डधारियों को प्राथमिकता दी गई है। राज्य में आगे वैक्सीन की उपलब्धता के अनुरूप क्रमिक रूप से 18 से अधिक उम्र वाले सभी वर्ग के लोगों को मुफ्त में कोविड-19 का टीका लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए कोरोना वैक्सीन की पहली खेप में आज दोपहर को लगभग डेढ़ लाख डोज उपलब्ध हुआ। इसे तत्काल सभी जिलों के लिए आबंटित कर भेज दिया गया है और राज्य में राजधानी सहित दुर्ग तथा बिलासपुर जिले में आज यह महाअभियान प्रारंभ हो गया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव तथा रोकथाम के लिए कोविड अनुकूल व्यवहार का भी पालन करना आवश्यक है। इसके पालन सहित सभी के समन्वित प्रयास से ही कोरोना पर नियंत्रण पा सकते हैं। राज्य में कोरोना नियंत्रण के इस कार्य में सभी वर्ग के लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। इस तरह सभी की एकजुटता से ही राज्य मंे कोरोना को हराने में जरूर सफल होंगे। कार्यक्रम को सभी मंत्रियों ने भी सम्बोधित किया और कोविड-19 टीकाकरण अभियान के सफल संचालन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। - एजेंसी
लखनऊ : बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव संपन्न हो गए हैं और 2 मई को चुनाव परिणाम भी सामने आ जाएंगे। ऐसे में चुनाव ड्यूटी में लगे कई शिक्षकों की कोरोना संक्रमण के चलते जान भी चली गई है। तो वहीं, अब कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोला है। प्रियंका गांधी ने कहा कि शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी करने के लिए मजबूर किया गया है।
उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोला है। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'उप्र में चुनाव ड्यूटी करने वाले लगभग 700 शिक्षकों की मृत्यु हो चुकी है। इसमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है जिसे चुनाव ड्यूटी करने के लिए जबरन मजबूर किया गया। कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता के बारे में एक बार भी विचार किए बिना उप्र की लगभग 60,000 ग्राम पंचायतों में इन चुनावों को कराया गया।'
ग्रामीणों इलाकों में बढ़ा कोरोना का प्रकोप
प्रियंका गांधी ने आगे लिखा, 'बैठकें हुईं, चुनाव अभियान चला और अब ग्रामीण इलाकों में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में लोगों की बड़ी संख्या में मृत्यु हो रही है जोकि झूठे सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा है। पूरे उप्र के ग्रामीण इलाकों में लोगों की घरों में मृत्यु हो जा रही है और इनको कोविड से होने वाली मौतों के आंकड़ों में गिना भी नहीं जा रहा क्योंकि ग्रामीण इलाकों में टेस्ट ही नहीं हो रहे हैं। सरकार का रुख सच दबाने की तरफ है और उसका अधिकतम प्रयास जनता व लोगों की दिन रात सेवा कर रहे मेडिकल समुदाय को भयभीत करने में रहा है। उप्र में जो घट रहा है वह मानवता के खिलाफ अपराध से कम नहीं है और चुनाव आयोग इसमें भागीदार है।' - एजेंसी
नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बेहद घातक रूप ले चुकी है. शनिवार को देश में कोरोना संक्रमण के 4 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं, यह एक दिन में एक अब तक के सर्वाधिक मामले हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार देश में संक्रमण के 4,01993 नए मामले दर्ज किए गए हैं. जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 1 करोड़ 87 लाख से ज्यादा (1,87,62,976) हो गई है, वहीं इस अवधि में 3523 मरीजों की मौत हुई है, जिसके बाद कुल मृतकों की संख्या दो लाख के आंकड़े को पार करते हुए 2,08,330 हो गई है. कोरोना के मामले अब डरावनी स्थिति में पहुंच चुके हैं, यह लगातार 10वां दिन है, जब देश में कोरोना संक्रमण के मामले 3 लाख से ज्यादा आए हों. अगर कोविड-19 संक्रमण के पिछले 10 दिनों का औसत निकाला जाए तो यह करीब 3.50 लाख नए मामले प्रतिदिन पर आता है.
शनिवार को कोरोना संक्रमण के नए मामले, फरवरी के पूरे महीने से ज्यादा और जनवरी के पूरे महीनों के मामलों के करीब हैं. जानकारी के अनुसार जनवरी के महीने में इस खतरनाक वायरस की चपेट में कुल 4,79,409 लोग आए थे जबकि फरवरी में 3,50,548 लोग संक्रमित हुए थे. वहीं अकेले आज 4,01993 नए मामले सामने आए हैं. मार्च में कोरोना की रफ्तार बढ़ने लगी थी, लेकिन फिर भी पूरे महीने में 10.25 लाख नए मामले दर्ज किए गए जबकि अप्रैल में हालात बेकाबू नजर आए, कल तक के आंकड़ों को जोड़ने के बाद अकेले अप्रैल के महीने में 66 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं. अप्रैल 2021 में कोरोना के कारण 45,862 लोगों की मौत हुई है, जोकि एक महीने में हुई सर्वाधिक मौत है.
देश में इस वक्त कोरोना संक्रमण के 32 लाख से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं. केंद्रीय मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में इस वक्त संक्रमण के 32,68,710 मरीज हैं. पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 2,99,988 मरीज कोरोना संक्रमण से ठीक हुए हैं. अब तक इस वायरस को मात देने वाले लोगों की संख्या 1,56,84,406 हो चुकी हैं. - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवासामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को टीकाकरण में मिले सर्वोच्च प्राथमिकता - सीएम भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर की मांग
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को टीकाकरण में सर्वोच्च प्राथमिकता देने की मांग की है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पत्र में उल्लेख किया है कि भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार दिनांक 28 अप्रैल 2021 से कोविन पोर्टल पर कोविड के विरुद्ध वैक्सिनेशन हेतु इच्छुक 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के हितग्राहियों का रजिस्ट्रेशन प्रारम्भ हो चुका है। हालाँकि यह जानकारी पोर्टल पर राज्यवार उपलब्ध नहीं है पर प्राप्त जानकारी अनुसार अब तक देश भर में इस आयु वर्ग के लगभग 1.7 करोड़ नागरिकों द्वारा कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा लिया गया है।
भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार इस आयु वर्ग के टीकाकरण हेतु वैक्सीन डोसेज़ का क्रय राज्यों द्वारा ही किया जाना है। इसी तारतम्य में राज्य द्वारा वैक्सीन के दोनो उत्पादकों को कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 25-25 लाख डोसेज़ हेतु माँग प्रेषित की गयी। इनमें से एक उत्पादक (भारत बायोटेक) का ही उत्तर प्राप्त हुआ है जिसके अनुसार वांछित मात्रा में से मात्र तीन लाख डोसेज़ मई माह में राज्य को प्राप्त हो पाएँगी। ऐसी परिस्थिति में बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन होने से और उस अनुपात में वैक्सीन डोज़ उपलब्ध न होने से टीकाकरण हेतु बनी सेशन साइट्स पर भीड़ प्रबंधन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में उल्लेख किया है कि ऐसी परिस्थिति में वैक्सीन की कमी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा टीकाकरण हेतु इस आयु वर्ग में प्राथमिकता का कोई क्रम निर्धारित होना चाहिए और इस क्रम में सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।वर्तमान में रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था केवल ऑनलाइन ही उपलब्ध होने से भी सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की टीकाकरण से वंचित रहने की संभावना बढ़ जाती है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पत्र के अंत मे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया है कि पूर्व की भांति 18- 45 वर्ष के आयु वर्ग के लिए भी ऑन साइट रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध हो ताकि टीकाकरण से कोई भी वंचित न रह पाए। - एजेंसीअमेरिका : कोरोना वायरस संकट के बीच अमेरिका ने अपने नागरिकों को भारत की यात्रा न करने और जल्द से जल्द देश छोड़ने की सलाह दी है। उसने कहा कि ऐसा करना सुरक्षित है क्योंकि भारत में कोविड-19 के मामले बढ़ने के बीच सभी तरह की चिकित्सीय देखभाल के संसाधन सीमित हो गए हैं। अमेरिका ने भारत पर चौथे चरण का यात्रा परामर्श जारी किया है जो विदेश विभाग द्वारा जारी किए जाने वाला सबसे अधिक स्तर का परामर्श होता है। परामर्श में अमेरिकी नागरिकों से भारत की यात्रा न करने या जल्द से जल्द वहां से निकलने के लिए कहा गया है क्योंकि देश में मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति के कारण ऐसा करना सुरक्षित है।
विदेश विभाग ने ट्वीट किया, 'भारत में कोविड-19 के मामलों के कारण चिकित्सीय देखभाल के संसाधन बेहद सीमित हैं। भारत छोड़ने की इच्छा रखने वाले अमेरिकी नागरिकों को अभी उपलब्ध वाणिज्यिक विकल्पों का इस्तेमाल करना चाहिए। अमेरिका के लिए रोज चलने वाली उड़ानें और पेरिस तथा फ्रैंकफर्ट से होकर आने वाली उड़ानें उपलब्ध हैं।'
स्वास्थ्य अलर्ट जारी करते हुए नई दिल्ली में स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा, 'भारत में कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण सभी तरह की चिकित्सीय देखभाल बेहद सीमित हो रही है।' उसने अमेरिकी नागरिकों से यात्रा पाबंदियों पर ताजा जानकारी के लिए भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर जाने के लिए कहा है।
दूतावास ने एक बयान में कहा, 'भारत में कोविड-19 के नए मामले और मौत की संख्या रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ गई है। कई स्थानों पर कोविड-19 जांच का बुनियादी ढांचा बाधित हो गया है।' इसमें कहा गया है, 'अस्पतालों में कोविड-19 और गैर कोविड-19 मरीजों के लिए चिकित्सा सामान, ऑक्सीजन और बिस्तरों की कमी हो गई है।' कुछ शहरों में जगह न होने के कारण अमेरिकी नागरिकों को अस्पतालों में भर्ती करने से इनकार करने की खबरें हैं। कुछ राज्यों में कर्फ्यू और अन्य पाबंदियां हैं जिससे गैर आवश्यक कारोबारों का संचालन रुक गया है और आवाजाही सीमित हो गई है। - एजेंसीगृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना में कहा गया है, 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2021, 27 अप्रैल से अधिसूचित किया जाता है।' इसका मतलब साफ है कि अब उपराज्यपाल (एलजी) की मंजूरी के बिना कार्यकारी कोई कदम नहीं उठाया जा सकेगा।
नई दिल्ली : अब दिल्ली में सरकार का मतलब उपराज्यपाल होगा। दरअसल, दिल्ली में केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) कानून 2021 यानी जीएनटीसीडी एक्ट को मंजूरी दिए जाने बाद इसे लेकर अधिसूचना जारी की है। गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना में कहा गया है, 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2021, 27 अप्रैल से अधिसूचित किया जाता है।' इसका मतलब साफ है कि अब उपराज्यपाल (एलजी) की मंजूरी के बिना कार्यकारी कोई कदम नहीं उठाया जा सकेगा।
दिल्ली सरकार को लेनी पड़ेगी उपराज्यपाल की सलाहइस अधिसूचना के मुताबिक दिल्ली विधानसभा में पारित विधान के परिप्रेक्ष्य में सरकार का आशय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल से होगा। इसके साथ ही दिल्ली सरकार को किसी भी कार्यकारी कदम से पहले उपराज्यपाल की सलाह लेनी पड़ेगी।
बता दें लोकसभा में यह विधेयक 22 मार्च को पास होने के बाद 24 मार्च को राज्यसभा में पारित किया गया था और यह विधेयक राज्यसभा से पास भी हो गया था। विधेयक में यह भी सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है कि उपराज्यपाल को आवश्यक रूप से संविधान के अनुच्छेद 239क के खंड 4 के अधीन सौंपी गई शक्ति का उपयोग करने का अवसर मामलों में चयनित प्रवर्ग में दिया जा सके।
बढ़ सकती है मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की परेशानीबता दें कानून में किए गए संशोधन के अनुसार, अब सरकार को उपराज्यपाल के पास विधायी प्रस्ताव कम से कम 15 दिन पहले और प्रशासनिक प्रस्ताव कम से कम 7 दिन पहले भेजने होंगे। जानकारों के मुताबिक इस कानून की वजह से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार की समस्या बढ़ सकती है। राज्यसभा में बिल पास होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस फैसले को दिल्ली की जनता का अपमान बताया था। बिल के पास होने पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था। वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा था, 'आज लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है।' उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए दुखद दिन करार दिया था।'