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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सभी वर्गाें के सहयोग से कोरोना की तीसरी लहर को देंगे मात
गोधन न्याय योजना के तहत जारी की 5.37 करोड़ की राशि
गौपालकों को हो चुका 119.41 करोड़ रूपए का भुगतान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के लोगों के सहयोग और सावधानी से हम कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को भी हराएंगे। उन्होंने लोगों से राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोविड गाईडलाईन का कड़ाई से पालन करने और सावधानियां बरतने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी है, टीकाकरण से छूटे लोगों और 15 से 18 वर्ष के किशोरों से उन्होंने अनिवार्य रूप से टीका लगवाने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की बीती दोनों लहरों को छत्तीसगढ़ राज्य ने सभी वर्गाें के सहयोग से जिस प्रभावी ढंग निपटने में कामयाबी हासिल की थी, वैसी ही कामयाबी हम तीसरी लहर में भी हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के बावजूद भी हम राज्य की आर्थिक गतिविधियों को पूरी सावधानी के साथ जारी रखेंगे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 5 करोड़ 37 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की, जिसमें बीते एक पखवाड़े में क्रय गोबर के एवज में 2 करोड़ 78 लाख रूपए भुगतान तथा गौठान समितियों को एक करोड़ 70 लाख और महिला समूहों को 89 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल है। गोबर खरीदी के एवज में राज्य के गौपालकों को 119.41 करोड़ रूपए हो चूका हैं। गौठान समितियों को अब तक 44.43 करोड़ रूपए तथा महिला स्व-सहायता समूहों 28.88 करोड़ रूपए राशि लाभांश के रूप में दी जा चुकी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना को हम मिशन मोड में संचालित कर रहे हैं, ताकि इसके जरिए गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से मार्केट की डिमांड के आधार पर प्रोडक्ट तैयार है और उसकी मार्केटिंग से समूह को ज्यादा से ज्यादा लाभ हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर से विद्युत उत्पादन की शुरूआत करने के बाद अब गोबर से प्राकृतिक पेंट के निर्माण की ओर हम बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीते सवा सालों में गौठान आर्थिक रूप से मजबूत हुए हैं। गौठानों के जरिए स्वावलंबन के कार्याें में पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना के कार्य में तेजी लाने के साथ ही महिला स्व-सहायता समूहों को मार्केट की डिमांड के अनुसार उत्पादन तैयार करने की ट्रेनिंग देने की बात कही।
कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने गोधन न्याय योजना के तहत हर पखवाड़े में नियमित रूप से मुख्यमंत्री द्वारा गौपालकों को राशि जारी करने के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना की पूरे देश में चर्चा है। देश के कई राज्य इसे अपनाने की दिशा में बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौठान होगा। उन्होंने कहा कि 10591 गौठानों की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसमें से 7889 गौठान सक्रिय रूप से कामकाज करने लगे हैं। शत-प्रतिशत गौठानों के चालू हो जाने से आय की गतिविधियां बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट और अन्य उत्पादों के लाभांश से लगभग 100 करोड़ रूपए की आय हो चुकी है। वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट को खेती-किसानी के लिए बेहद उपयोगी बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों का वर्मी खाद की ओर रूझान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद डीएपी की कमी को पूरा करने में गौठानों में बनी वर्मी कम्पोस्ट ने अहम रोल अदा किया है। उन्होंने गौठानों के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में आयमूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किए जाने वाले मशीने जैसे दोना पत्तल मशीन, धान कुट्टी, कोदो-कुटकी प्रसंस्करण मशीन, हर्बल उत्पाद तैयार करने एवं तेल निकालने वाली मशीन की स्थापना के लिए शासन की योजनांतर्गत अनुदान सहायता दिए जाने का भी प्रावधान करने की बात कही।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने गोधन न्याय योजना की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विशेष सचिव कृषि एवं गोधन न्याय योजना के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन ने गोधन न्याय मिशन की कार्ययोजना के संबंध में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार सर्वश्री प्रदीप शर्मा, विनोद वर्मा, राजेश तिवारी, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू एवं श्रीमती रेणु जी. पिल्ले, प्रमुख सचिव शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला, सचिव वित्त श्रीमती अलरमेलमंगई डी., राजस्व विभाग के सचिव श्री एन.एन. एक्का, संचालक भू-अभिलेख श्री अभिजीत सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
देश में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में प्रदेश चौथे क्रम पर सीएमआईई ने जारी किये आंकड़े : छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर मात्र 2.1 प्रतिशत, जबकि देश में 7.91 प्रतिशत
रायपुर : सेंटर फॉर मेजरिंग इंडियन इकॉनॉमी संगठन द्वारा हाल ही में जारी किये गये बेरोजगारी के आंकड़ों ने एक बार फिर विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल की सफलता का परचम बुलंद कर दिया है। आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ 2.1 प्रतिशत के साथ देश में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में चौथे क्रम पर है।दिसंबर 2021 की स्थिति के अध्ययन के बाद सीएमआईई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश की बेरोजगारी दर दिसम्बर महीने में 7.91 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह 4 माह का उच्च्तम स्तर है। शहरों में बेरोजगारी दर 9.30 प्रतिशत जबकि ग्रामीण इलाकों में 7.28 प्रतिशत रही है। सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार देश में सबसे कम बेरोजगारी दर कर्नाटक में 1.4 प्रतिशत और सर्वाधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में 34.1 प्रतिशत बताई गई है।
गौरतलब है कि समावेशी विकास का लक्ष्य निर्धारित करते हुए तीन साल पहले मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य में महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के अनुरूप नया मॉडल अपनाया गया है, जिसके तहत गांवों और शहरों के बीच आर्थिक परस्परता बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसी मॉडल के अंतर्गत गांवों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, रूरल इंडस्ट्रीयल पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण एवं वैल्यू एडीशन, उद्यमिता विकास जैसी अनेक अभिनव योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी देशव्यापी आर्थिक मंदी से छत्तीसगढ़ राज्य की अर्थव्यवस्था अछूती रही। तब भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही। अब नये आंकड़ों के मुताबिक जहां देश में बेरोजगारी दर लगातार चिंताजनक उछाल पर है, वहीं छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर केवल 2.1 प्रतिशत है।
नये आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में 3.4 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश में 4.9 प्रतिशत, असम में 5.8 प्रतिशत, झारखंड में 17.3 और बिहार में 16 प्रतिशत बेरोजगारी की दर रही है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल जनवरी 2021 की स्थिति में देश में बेरोजगारी दर 6.52 फीसदी थी जिसमें शहरी बेरोजगारी 8.1 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 5.81 प्रतिशत थी, वहीं दिसंबर 2021 की स्थिति में देश में बेरोजगारी की दर 7.91 प्रतिशत रही जिसमें शहरी बेरोजगारी 9.3 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 7.28 प्रतिशत रही।
सेंटर फॉर मेजरिंग इंडियन इकॉनॉमी संगठन 45 वर्षों से भारतीय अर्थव्यवस्था विदेशी मुद्रा, कृषि, उद्योग आदि क्षेत्रों में सतत अध्ययन करके डेटाबेस का निर्माण करता आया है और इसके द्वारा जारी आंकड़ों को प्रामाणिक माना जाता है।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवायुवा सपने और छत्तीसगढ़ पर होगी केन्द्रित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 25वीं कड़ी का प्रसारण 09 जनवरी को होगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल लोकवाणी में इस बार युवा सपने और छत्तीसगढ़ विषय पर प्रदेशवासियों से बातचीत करेंगे। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चौनलों से सुबह 10.30 बजे से 11.00 बजे तक होगा। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा263 करोड़ की लागत से सिद्ध बाबा जलाशय के निर्माण होगा
समाज सुधारक सावित्री बाई फूले के व्यक्तित्व का संक्षिप्त विवरण पाठ्यक्रम में होगा शामिल
सामाजिक भवन हेतु 50 लाख रूपए की घोषणा की
गंडई में हाई-टेक सब्जी मण्डी एवं हाई-टेक नर्सरी के निर्माण की घोषणा की
साल्हेवारा में तत्काल तहसीलदार पदस्थापना के निर्देश
छुईखदान के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति, ब्लड बैंक, हमर लैब, सोनाग्राफी मशीन स्थापित किए जाने की घोषणा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल राजनांदगांव जिले के गण्डई में समाज सुधारक सावित्री बाई फुले जयंती एवं सम्मान समारोह, मां भगवती शाकम्भरी पूजा-अर्चना कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर छुईखदान एवं गण्डई क्षेत्र को 58 करोड़ 89 लाख रूपए के विकास कार्यों की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने छुईखदान एवं गण्डई में श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर का भी शुभारंभ किया।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर सावित्रीबाई एवं ज्योतिबा फुले के सामाजिक कार्यों का उल्लेख किया और कहा कि मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में मुझे ज्योतिबा फुले सम्मान का मिलना है। सावित्रीबाई एवं ज्योतिबा फुले का योगदान समाजोत्थान में कभी नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार मजदूर, किसान और हर वर्ग की सरकार है। हमारी सभी योजनाएं जनहित और आम जन की सुविधा और उन्हें अच्छी व्यवस्था देने के लिए ही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी मौजूद लोगों को नए साल की बधाई दी। कार्यक्रम में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, खाद्य मंत्री एवं राजनांदगांव जिले के प्रभारी मंत्री श्री अमरजीत भगत, मध्यप्रदेश के लांजी-किरनापुर की विधायक सुश्री हिना कांवरे विशेष रूप से उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम में गंडई में हाई-टेक सब्जी मण्डी, गंडई में उद्यानिकी हाईटेक नर्सरी, मरार समाज के लिए सावत्री बाई फूले के नाम पर एक एकड़ भूमि, सामाजिक भवन निर्माण के लिए 50 लाख रूपए स्वीकृत किए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने 263 करोड़ रूपए की लागत से सिद्ध बाबा जलाशय का निर्माण कराए जाने की भी स्वीकृति दी। इस जलाशय के निर्माण से 34 गांवों के किसानों को लगभग 2500 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए जलापूर्ति होगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस मौके पर प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में सावित्री बाई फूले की फोटो लगाने एवं उनके व्यक्तित्व का संक्षिप्त विवरण पाठ्यक्रम में शामिल करने, छुईखदान-गण्डई क्षेत्र में भी कोदो-कुटकी की समर्थन मूल्य पर खरीदी की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने टिकरापारा-खैरागढ़ मार्ग में एवं जालबांधा-खैरागढ़ मार्ग में नैरो ब्रिज के निर्माण, ग्राम भुरभुंदी, लिमो एवं ढाबा हाई स्कूल भवन निर्माण तथा गंडई में 2 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छुईखदान के भवन निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया और कहा कि यहां स्त्री एवं बाल रोग विशेषज्ञ की शीघ्र नियुक्ति एवं विभिन्न प्रकार के टेस्ट के लिए हमर लैब, ब्लड बैंक, सोनोग्राफी मशीन भी स्थापित की जाएगी। उन्होंने गंडई नगर पंचायत में बस स्टैण्ड एवं यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण कराए जाने तथा खैरागढ़ एवं छुईखदान विकासखण्ड में पी.एम. आवास योजना के तहत स्वीकृत आवास की बकाया राशि शीघ्र दिए जाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में मांग अनुसार निर्माण कार्य हेतु 10 करोड़ रूपये, छुईखदान एवं गण्डई नगर पंचायत को विकास कार्य के लिए 3-3 करोड़ रूपए की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने साल्हेवारा अंचल के लोगों की सहूलियत के लिए कल 4 जनवरी से उप-तहसील साल्हेवारा में तहसीलदार पदस्थ किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने नगर पंचायत गण्डई के वार्ड क्रमांक-7 में 25 लाख 3 हजार रूपए की लागत से पौनी-पसारी योजना के तहत निर्मित अधोसंरचना तथा छुईखदान ब्लॉक के ग्राम खैरबना में 77.23 लाख रूपए की लागत से निर्मित शासकीय हाई स्कूल भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सुगम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित पहुंच मार्गों का भी लोकार्पण किया, जिसमें 19.99 लाख रूपए की लागत से गण्डई कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन पहुंच मार्ग, 19.99 लाख रूपए की लागत से हाई स्कूल भवन घिरघोली एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन जंगलपुर के लिए निर्मित पहुंच मार्ग, 10 लाख रूपए की लागत से हाई स्कूल भवन कुम्हरवाड़ा पहुंच मार्ग, 15.49 लाख रूपए की लागत से निर्मित हाई स्कूल भवन घोघा पहुंच मार्ग, 19.84 लाख रूपए की लागत से निर्मित माध्यमिक शाला भवन छुईखदान पहुंचमार्ग, 11.36 लाख रूपए की लागत से बने गण्डई थाना भवन पहुंच मार्ग, 19.94 लाख रूपए की लागत से सामुदायिक केन्द्र गण्डई में पहुंच मार्ग तथा 19.55 लाख रूपए की लागत से खैरबना हाई स्कूल भवन एवं साल्हेकसा में पशु औषधालय तक निर्मित पहुंच मार्ग शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गण्डई एवं छुईखदान क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार हेतु 5 करोड़ रूपए की लागत वाले कार्यों का भूमिपूजन किया। जिसमें 2.50 करोड़ की लागत से 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण, छुईखदान ग्राम लक्ष्मणपुर, 74.56 लाख रूपए की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छुईखदान एवं गण्डई में 10-10 बिस्तर वाले आईसोलेशन वार्ड का निर्माण, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पैलीमेटा में 28 लाख रूपए की लागत से निर्मित होने वाले 2 नग एच टाईप स्टाफ क्वाटर, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र घिरघोली में 90 लाख रूपए की लागत से बनने वाले 2-2 नग एच एवं जी टाईप क्वाटर तथा ग्राम धोधा एवं कोपरो में 55.46 लाख रूपए की लागत से बनने वाले उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण शामिल है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत खैरागढ़ ब्लॉक के ग्राम कुकुरमुड़ा में एक करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले हाईटेक उद्यान नर्सरी की भी आधारशिला रखी। जल जीवन मिशन के तहत छुईखदान गंडई क्षेत्र के 66 गांवों में 50 करोड़ 41 लाख रूपए की लागत से निर्मित होने वाली नल जल प्रदाय योजनाओं का भी भूमिपूजन किया।
इस अवसर पर राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष श्री जितेन्द्र मुदलियार, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री नवाज खान, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामकुमार पटेल, आईजी दुर्ग संभाग श्री ओपी पॉल, कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा, समाज सेवी श्री पदम कोठारी सहित श्रीमती टिकेश्वरी पटेल, सर्वश्री सुखदेव पटेल, विजय पाटिल, देवचरण पटेल, राजेन्द्र नायक, आत्माराम पटेल, पतिराम पटेल, बरतराम पटेल, श्री गजेन्द्र ठाकुर एवं जनसामान्य उपस्थित थे।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
अब एक सेकेण्ड मे जारी होगी भवन अनुज्ञा
मुख्यमंत्री ने डायरेक्ट भवन अनुज्ञा प्रणाली का किया शुभारंभ
शहरों के विकास में आएगी तेजी, आवेदकों को नहीं लगाना पड़ेगा कार्यालय का चक्कर: श्री भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ के सभी नगर निगमों में लागू होगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड डायरेक्ट भवन अनुज्ञा प्रणाली
500 वर्गमीटर (5382 वर्ग फीट) के आवासीय भू-खण्डों पर निर्माण हेतु तुरंत मिलेगी भवन अनुज्ञा
सभी दस्तावेजों के सही होने पर एक सेकेण्ड में जारी होगी भवन अनुज्ञा: आवेदकों को एक रूपए आवेदन शुल्क जमा करना होगा
पन्द्रह दिनों के रिकार्ड समय में तैयार हुआ पोर्टल
मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
मुख्यमंत्री ने इस प्रणाली द्वारा जारी प्रथम भवन अनुज्ञा रायपुर की दलदलसिवनी निवासी आवेदक श्रीमती चेतन देव साहू को प्रदान की
रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कर्यालय मंे आयोजित कार्यक्रम में नगरीय क्षेत्रों मे 500 वर्गमीटर (5382 वर्ग फीट) तक के आवासीय प्लाट्स पर भवन निर्माण के लिए मानव हस्तक्षेप रहित ऑनलाईन डायरेक्ट भवन अनुज्ञा सिस्टम की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि गांव और शहरों के विकास के लिए हमने लगातार 3 वर्षों तक कार्य किया है, इस सूची में एक और सुविधा जोड़ने जा रहे हैं जिससे राज्य के शहरों के विकास में तेजी आयेगी और नागरिकों को एक बड़ी समस्या का प्रभावी समाधान मिलेगा। राज्य के नागरिक जो अपना घर बनाना चाहते हैं उनके लिए भवन अनुज्ञा एक अहम प्रक्रिया है, लेकिन ये प्रक्रिया इतनी आसान नहीं थी नागरिकों को इस सुविधा प्राप्ति के लिए काफी परेशानी हुआ करती थी। क्योंकि ये प्रकिया पूरी होने में लंबा समय लगा करता था नक्शा पास कराने के लिए यह प्रकिया कई अधिकारियों तक पहुंचा करती थी और उसके बाद नागरिक को घर बनाने के लिए भवन अनुज्ञा मिलती थी। लेकिन अब ये प्रकिया सब मानव हस्तक्षेप रहित होगी और जल्द जल्द से पूर्ण होगी। यदि आपके पास सभी दस्तावेज हैं तो अब आपको अपना घर बनाने के लिए कहीं भी चक्कर लगाने की जरूरत नहीं। घर बनाने के लिए नागरिकों इससे बड़ी सुविधा और कहां प्राप्त होगी।
विभाग को निर्देश - मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों की समस्या को देखते हुए उसके समाधान हेतु मैंने 15 दिन पहले अधिकारियों को निर्देश दिया था और विभाग ने 15 दिन के भीतर ही कार्य को पूर्ण कर लिया। इस कार्य के लिए सभी बधाई के पात्र हैं। साथ ही नागरिकों को भी मैं बधाई देता हूं कि उनके घर निर्माण का कार्य भी अब जल्द पूरा हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर इस प्रणाली के द्वारा जारी की गई प्रथम भवन अनुज्ञा रायपुर के दलदलसिवनी निवासी आवेदक श्रीमती चेतन देव साहू को प्रदान की।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी, सूडा के सीईओ श्री सौमिल रंजन चौबे, एडिशनल सीईओ आशीष टिकरिहा एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त सभी नगर निगम आयुक्त, महापौर एवं जनप्रतिनिधि भी वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर महापौर रायपुर श्री एजाज ढेबर, बिलासपुर महापौर श्री रामशरण यादव और दुर्ग महापौर श्री धीरज बाकलीवाल द्वारा वर्चुअल माध्यम से बात कर भवन अनुज्ञा जारी करने की इस आसान प्रणाली को शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
विभागीय मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया ने इस अवसर पर कहा कि भवन अनुज्ञा प्रणाली से संबंधित सभी समस्याओं एवं उनके समाधानों पर चर्चा कर इस सिस्टम में जनप्रतिनिधियों आयुक्त एवं इंजीनियर हेतु अलग अलग डेशबोर्ड बनाया गया है, जिसमें दैनिक प्राप्त आवेदन स्वीकृति अनुज्ञा एवं लम्बित प्रकरण की जानकारी उपलब्ध होगी। दस्तावेज की मांग वाले सभी 100 प्रतिशत केस का ऑडिट एवं भवन अनुज्ञा निरस्त होने वाले प्रत्येक केस का निकाय से राज्य स्तर तक एसएमएस द्वारा सूचना एवं उच्चस्तरीय समीक्षा का प्रावधान है। डायरेक्ट भवन अनुज्ञा प्रणाली के संबंध में राज्य स्तरीय कार्यशाला के माध्यम से सभी नगर निगमों के आयुक्तों, भवन अधिकारियों, बिल्डिंग इंस्पेक्टर एवं अन्य अधिकारियों को नवीन सिस्टम के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया है। इस नवीन प्रणाली में हमने नागरिकों पर भरोसा जताया है और आवेदक द्वारा दिए गए दस्तावेजों एवं शपथ पत्र के आधार पर ही अनुज्ञा जारी की जा रही है। मुख्यमंत्री जी द्वारा अपील की गयी है कि आम नागरिक इस सेवा का लाभ सही तरीके से लेंगे और सही जानकारी के आधार पर ही भवन अनुज्ञा प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम के दौरान विभागीय सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी. द्वारा अनुज्ञा प्रणाली के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया गया। कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए महापौर एवं जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि अधिक से अधिक इस सिस्टम का प्रचार प्रसार करते हुए नागरिकों को भवन अनुज्ञा प्राप्त कर ही अपने घर का निर्माण करने प्रोत्साहित करेंगे और शहरों के अनुशासित विकास एवं भवन के अव्यवस्थित निर्माण पर नियंत्रण में अपना सहयोग प्रदान करेंगे।
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देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर श्रीमती सोनिया गांधी ने जताई चिंता
रायपुर : देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से चिंतित श्रीमती सोनिया गांधी ने आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना की तीसरी लहर एवं ओमिक्रॉन संक्रमण की रोकथाम की तैयारियों के संबंध फोन पर चर्चा कर जानकारी ली।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बताया कि राज्य के कुछ शहरी इलाकों जैसे रायगढ़ एवं रायपुर में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। छत्तीसगढ़ राज्य के लिए ओमिक्रॉन की टेस्टिंग का सेंटर ओडिशा निर्धारित किया गया है। सैम्पल टेस्टिंग के लिए ओडिशा भेजे जा रहे हैं, परन्तु वहां सेंपल की संख्या अधिक होने के कारण टेस्टिंग में विलंब हो रहा है। श्री बघेल ने बताया कि राज्य में अभी तक ओमिक्रॉन का कोई भी केस नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संक्रमण की रोकथाम और प्रभावितों के इलाज की सारी व्यवस्था की गई है। राज्य में आरटीपीसीआर टेस्ट लगातार तेजी से कराए जा रहे हैं और पॉजिटीव पाए गए लोगों का इलाज भी लगातार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने श्रीमती सोनिया गांधी को आश्वस्त किया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने की समझाईश देने के साथ ही सार्वजनिक स्थलों एवं कार्यक्रमों में भीड़-भाड़ की रोकथाम तथा मास्क लगाने जैसे ऐहतियाती कदम उठाए गए हैं। राज्य के अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में बेड, आईसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन आदि की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। -
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श्रमवीरों को मिठाई खिलाकर और कंबल भेंट कर उनके साथ बांटी नए वर्ष की खुशियां
भगिनी प्रसूति सहायता योजना में सहायता राशि 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 20 हजार रुपए करने की घोषणा
नववर्ष में श्रमवीरों के साथ सुबह की चाय पी
श्रम अन्न योजना केन्द्र में जाकर श्रमिक भाई-बहनों के साथ की चर्चा, व्यवस्थाओं का लिया जायजा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज सवेरे नववर्ष के प्रथम दिन राजधानी रायपुर के कोतवाली चावड़ी के मेहनतकश मजदूर भाई-बहनों के साथ हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी नववर्ष का अभिनंदन किया। उन्होंने श्रमवीर भाई-बहनों को मिठाई खिलाकर और कंबल भेंट कर उनके साथ नए वर्ष की खुशियां बांटी। श्री बघेल ने इस अवसर पर श्रमवीरों सहित सभी लोगों को नए वर्ष की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने नव वर्ष पर श्रमवीरों को सौगात देते हुए भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत भगिनी प्रसूति सहायता योजना में सहायता राशि 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 20 हजार रुपए करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कर्मियों की मेहनत से छत्तीसगढ़ को लगातार तीसरी बार देश के सबसे स्वच्छ राज्य का पुरस्कार मिल है। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने स्वच्छता कर्मियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के श्रम के सम्मान की परंपरा को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा की नये वर्ष में बुजुर्गों और हमारे पुरोधा, हमारे महापुरूषों के सपनों को साकार करना ही हमारे नए वर्ष का संकल्प है।
मुख्यमंत्री ने इसके पहले राजधानी रायपुर के गांधी मैदान में श्रमवीरों को गरमा-गरम भोजन उपलब्ध कराने के लिए संचालित शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना केंद्र में पहुंचकर वहां श्रमिक भाई-बहनों के साथ चर्चा की और सुबह की चाय पी। श्रमिक भाई-बहनों ने मुख्यमंत्री को बताया की पंजीकृत कार्डधारी श्रमिकों को इस केंद्र से 5 रुपए में गरमा-गरम भोजन मिलता है और बिना कार्डधारी श्रमिक भाई बहनों को 10 रुपए में भरपेट भोजन मिलता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भूमिहीन श्रमिकों को जिनके पास एक इंच भी भूमि नहीं है उन्हें सालाना 6 हजार रूपए देने का निर्णय लिया है। यह राशि राज्य सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत बहुत जल्द उन्हें मिलने लगेगी। रायपुर नगर निगम के महापौर श्री एजाज ढेबर और छत्तीसगढ़ भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष श्री सुशील सन्नी अग्रवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि जब से मैं मुख्यमंत्री बना हूं, चावड़ी में आकर मजदूर भाई-बहनों के साथ नए साल की शुरुआत करता हूं क्योंकि इन्हीं श्रमिकों के दम पर भवन, सड़कें और नालियां बनी हैं, साफ सफाई का कार्य हो रहा है। आज यदि बीमारियों से हम सुरक्षित हैं तो हमारे श्रमिकों, सफाई कर्मियों के कारण यह संभव हो पाया है। हमारे खेतों में काम करने वाले किसान के कारण हमको अन्न मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रम के सम्मान का यह मार्ग हमको राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी से मिला है, गांधी जी ने नील की खेती करने वाले किसानों की लड़ाई लड़ी। गांधी जी ने बुनकरों की तकली, चरखा को राष्ट्रीय आंदोलन का प्रतीक बनाया, उन्होंने खुद मैला ढोने का काम किया। गांधीजी ने दलितों की मोहल्ले में जाकर वहां सफाई का काम किया। उन्होंने यह संदेश दिया है कि कार्य चाहे जो भी हो, कोई भी काम छोटा नहीं होता, उसे पूरी शिद्दत के साथ, पूरे समर्पण के साथ करें तो निश्चित रूप से सफलता मिलती है।मुख्यमंत्री ने श्रम वीरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप सभी लोगों का सम्मान करके आज मुझे महसूस हो रहा है कि हम गांधी जी के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद किसानों को हमने दाम दिया, आज किसानों को धान का समर्थन मूल्य और राजीव गांधी किसान न्याय योजना की इनपुट सब्सिडी मिलाकर 2500 रुपए क्विंटल धान की कीमत मिल रही है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों के हित में लिए गए फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि उद्योगों में कार्यरत मजदूर की उम्र 58 साल से बढ़ाकर 60 साल की गई है, इससे लगभग 4 लाख श्रमिकों को अतिरिक्त 2 वर्ष का लाभ मिला है। वही मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना और असंगठित कर्मकार मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना में पंजीकृत निर्माण श्रमिक एवं असंगठित कर्मकार की मृत्यु पर एक लाख रुपये एवं दिव्यांगता पर 50 हजार की राशि दी जा रही है। विभिन्न योजनाओं में 16 लाख से अधिक श्रमिकों को लगभग 284 करोड़ रुपए की सहायता सहायता पहुंचाई गई है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों के बच्चे भी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ सके इसलिए 172 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुआत की गई है। मजदूर सुबह से काम में निकल जाते हैं, इसलिए परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाते हैं, हॉस्पिटलों में लाइन लगानी पड़ती है, दिन भर की मजदूरी चली जाती है। मजदूर भाई बहनों की समस्या के निदान के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट की शुरुआत की गई है। महिलाओं के लिए अलग से दाई दीदी क्लिनिक योजना की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना भी ग्रामीण क्षेत्र में शुरू की है और शहरी क्षेत्र में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना प्रारंभ की गई है। राज्य सरकार के प्रयास से कर्मचारी राज्य बीमा सेवा से जुड़ने वाले कामगारों की संख्या 3 वर्षों में एक लाख से अधिक हो गई है। कर्मचारी राज्य बीमा सेवा द्वारा संचालित औषधालयों द्वारा 1 लाख 43 हजार श्रमिकों का इलाज एवं दवाओं का वितरण किया गया है। वर्ष 2020 में कोविड-19 संकट के दौरान सभी के सहयोग से मजदूर भाईयों को सुरक्षित लाने, रोजगार देने, उन्हें क्वारंटाइन केंद्र में रखने, भोजन की व्यवस्था की गई। दवाइयों की भी निशुल्क व्यवस्था की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी के सहयोग से हम आने वाले समय में भुखमरी, गरीबी और असमानता को भी परास्त करेंगे और समृद्ध तथा विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री शामिल हुए जामगांव-आर में आयोजित बाबा गुरु घासीदास जयंती समारोह में सेलूद और जामगांव-आर में बनेगा सभागार भवनरायपुर : प्रदेश में धान खरीदी तेजी से हो रही है, अब तक लगभग 58 प्रतिशत किसानों का धान खरीदा जा चुका है, हम सभी पंजीकृत किसानों से धान खरीदने प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने यह बात दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक के जामगांव-आर में आयोजित बाबा गुरु घासीदास जयंती समारोह में कही। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि सभी सोसाइटी में किसानों के लिए धान खरीदी के अच्छे प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं और इसके लिए बेहतर व्यवस्था बनाई गई है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई थी, इस साल एक करोड़ मीट्रिक टन धान खरीदी की संभावना है। उन्होंने कहा कि देश भर में डीएपी का संकट है और छत्तीसगढ़ में इस संकट से निपटने के लिए वर्मी कंपोस्ट एवं सुपर कंपोस्ट के निर्माण को बढ़ावा देने का बड़ा लाभ हुआ है। मुख्यमंत्री ने वहां मौजूद किसानों से वर्मी कंपोस्ट से आए उत्पादन के बारे में पूछा। किसानों ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट से अच्छी फसल हुई है, फसल की चमक भी अच्छी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने पूरे देश में गोधन न्याय योजना के माध्यम से मिसाल स्थापित की है। इस बार राजपथ में छत्तीसगढ़ के गोधन न्याय योजना की अनुपम झांकी भी दिखेगी और प्रदेश में हो रहे कृषि से संबंधित नवाचारों की झलक भी देखने को मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले गोबर केवल लीपने के काम आता था, अब यह पोतने के काम भी आएगा। गोबर से पेंट बनाने के लिए काम चल रहा है। इसके अलावा गांव में गोबर के माध्यम से बिजली का उत्पादन भी होगा। इसके लिए बाहर के विशेषज्ञ शीघ्र ही आएंगे और इस पर तकनीकी रूप से काम आगे बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि बाबा गुरु घासीदास का संदेश मनखे-मनखे एक समान का था। उनके द्वारा दिया गया समानता का यह भाव छत्तीसगढ़ी समाज में गहराई से पनपा है। सतनाम पंथ का सफेद ध्वज शांति का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि नशा सामाजिक बुराई की जड़ है इस वजह से महिलाओं को विशेष रुप से तकलीफों का सामना करना पड़ता है। चाहे सतनाम समाज हो या अन्य सभी समाज, सभी समाजों से अगर नशा मुक्ति की पहल हो, जन जागरूकता अभियान तेजी से चलाया जाए, तो इस बुराई को कम करने में बड़ी सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जामगांव-आर एवं सेलूद में सभागार भवन के निर्माण की घोषणा भी की। इस अवसर पर अनेक जनप्रतिनिधि और ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाछत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने की जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को अगले पाँच वर्षों के लिए जारी रखने की मांग
श्री बघेल ने कहा नक्सल उन्मूलन में तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर किये 15 हजार करोड़ के व्यय की प्रतिपूर्ति हो
कोल उत्खनन पर छत्तीसगढ़ के हिस्से की 4,140 करोड़ की राशि शीघ्र देने का किया आग्रह
बजट पूर्व बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के आर्थिक मुद्दे पर रखे कई प्रस्ताव
केंद्रीय करों में छत्तीसगढ़ के हिस्से की लंबित राशि शीघ्र लौटाने का अनुरोध
पेट्रोल एवं डीजल पर केंद्रीय उत्पाद कर में कटौती के स्थान पर केंद्र द्वारा अधिरोपित उपकरों में कमी की जाए जिससे राज्यों को राजस्व हानि न हो
छत्तीसगढ़ से वर्ष 2021-22 में कम से कम 23 लाख मीटरिक टन उसना चावल एफसीआई द्वारा केंद्रीय पुल में लेने का लक्ष्य दिया जाए
राज्य में उपलब्ध अतिशेष धान से ऐथेनॉल उत्पादन हेतु शीघ्र अनुमति दी जाए
अमरकंटक में संचालित केन्द्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय का एक कैंपस बस्तर की जनजातियों के विशेष अध्ययन हेतु छत्तीसगढ़ में खोला जाए
नैक का क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर में खोला जाए
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में वित्त पोषण अनुपात 90ः10 निर्धारित किया जाए
रायपुर में इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल प्रारंभ करने के लिए आगामी बजट में प्रावधान किया जाए
भारत सरकार द्वारा स्थल से घिरे हुए राज्यों को अन्तर्देशीय परिवहन अनुदान दिया जाए
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित बजट पूर्व बैठक में आम बजट को लेकर राज्य की उम्मीदें और राज्य के हितों से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे। विज्ञान भवन में आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई, कोल उत्खनन पर केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ छत्तीसगढ़ को शीघ्र देने एवं नक्सल उन्मूलन के लिए तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर किये 15 हजार करोड़ के व्यय की प्रतिपूर्ति की मांग की। बैठक में अन्य राज्यों के वित्तमंत्री भी उपस्थित रहे।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि कोविड 19 के कारण आर्थिक गतिविधियों के बाधित होने से राज्यों की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। केंद्र से मिलने वाली राशि प्राप्त होने पर राज्य सरकार विकास कार्यक्रमों एवं योजनाओं में व्यय कर सकेगी।
उन्होने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली से राज्यों को राजस्व की हानि हुई है, आगामी वर्ष में राज्य को लगभग 5000 करोड़ के राजस्व की हानि की भरपाई की व्यवस्था केंद्र द्वारा नहीं की गयी है, इसलिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को जून 2022 के पश्चात भी आगामी 05 वर्षों के लिए जारी रखा जाये।
इसके साथ ही उन्होने कहा कि विगत 3 वर्षों के केन्द्रीय बजट में छतीसगढ़ को केन्द्रीय करों में हिस्से की राशि 13,089 करोड़ कम प्राप्त हुए हैं। आगामी बजट में केन्द्रीय करों के हिस्से की राशि पूर्णतः राज्य को दी जाये।श्री बघेल ने कोल ब्लॉक कंपनियों से कोल उत्खनन पर 294 रुपये प्रति टन के मान से केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ रूपए छत्तीसगढ़ को शीघ्र देने की मांग की। इसके साथ ही उन्होने कहा कि नक्सल उन्मूलन के लिए राज्य में तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर राज्य शासन का व्यय 15 हजार करोड़ हो चुका है। इसकी प्रतिपूर्ति के लिए अगले बजट में विशिष्ट प्रावधान किया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल पर केन्द्रीय उत्पाद कर कटौती से राज्य के हिस्से की राशि में कमी एवं वैट से मिलने वाले राजस्व में भी कमी होगी इसलिए भविष्य में उत्पाद कर के स्थान पर उपकरों में कमी की जाए।श्री बघेल ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) में बेहतर क्रियान्वयन करने वाले राज्यों के लिए प्रति परिवार 1100 रुपये प्रीमियम की सीमा बढ़ाने की मांग की। उन्होने कहा इससे हितग्राहियों की संख्या बढ़ेगी और अधिकांश जनसंख्या को इसका लाभ मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत पात्र परिवार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत भी पात्र होने चाहिए।बैठक में श्री बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना एवं जल जीवन मिशन में भी राज्यों की सहभागिता को कम कर केंद्र का अंश बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाये।
श्री बघेल ने इसके अलावा केंद्रीय बजट में रायपुर में इन्टरनेशनल कार्गाे टर्मिनल, केन्द्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय का एक कैंपस, एनएमडीसी का मुख्यालय छत्तीसगढ़ में स्थानांतरित करने, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का क्षेत्रीय कार्यालय राज्य में खोलने, नैक का क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर में खोलने एवं वोकल फॉर लोकल योजनांतर्गत स्थानीय उत्पादों के विपणन केन्द्र आदि के स्थापना की मांग भी रखी।
इसके साथ ही बैठक में श्री बघेल ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों एवं मजदूरों को उदारता पूर्वक राशि दिये जाने, मनरेगा की मजदूरी दर श्रम आयुक्त की दरों के बराबर करने, दलहन-तिलहन उत्पादन हेतु विशेष प्रोत्साहन देने संबंधी सुझाव दिए।
मुख्यमंत्री ने चालू खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ से कम से कम 23 लाख मीट्रिक टन उसना चावल एफसीआई द्वारा केन्द्रीय पूल में लेने का लक्ष्य निर्धारित करने का आग्रह केन्द्रीय वित्त मंत्री से किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारतीय खाद्य निगम द्वारा 61.65 लाख मीट्रिक टन चावल लिया जाएगा जो शत् प्रतिशत अरवा चावल होगा। इस प्रावधान से छत्तीसगढ़ की उसना मिलें बंद हो जायेंगी और मिल से संबंधित कर्मचारी और मजदूर बेरोजगार हो जायेंगे। उन्होंने धान समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए बारदाने की वास्तविक लागत की प्रतिपूर्ति और पुराने बारदानों में चावल उपार्जन की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध भी किया।
श्री बघेल ने राज्य में उपलब्ध अतिशेष धान से ऐथेनॉल उत्पादन की अनुमति प्रदान करने, वर्ष 2022-23 के बजट में अनुसूचित वर्गों के कल्याण के लिए वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ठोस स्थायी व्यवस्था करने, समग्र शिक्षा अभियान में राज्यों को आबंटित की जाने वाली राशि में वृद्धि करने, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में आबंटित राशि से संधारण व्यय की अनुमति देने, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में केन्द्र और राज्य का अंश 90ः10 निर्धारित करने, जल-जीवन मिशन योजना में केन्द्र का अंश 75 प्रतिशत तथा राज्य का अंश 25 प्रतिशत करने का आग्रह केन्द्रीय वित्त मंत्री से किया। बैठक में छत्तीगसढ़ की वित्त सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी. भी उपस्थित थीं।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को दिए निर्देश : संग्रहण केन्द्रों में धान को बचाने के लिए कैप कव्हर लगाए जाएं: जल निकासी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
सभी जिलों में बढ़ाई जाए कोविड टेस्टिंग
किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने अस्पतालों में सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जाएंरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में असामयिक वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों और घरों को हुई क्षति का त्वरित आंकलन करने के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रभावित लोगों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत तत्काल आवश्यक सहायता उपलब्ध करायी जाए। श्री बघेल ने जिला कलेक्टरों को वर्षा और ओला वृष्टि से संग्रहण केन्द्रों में रखे धान को बचाने के लिए केप कव्हर लगाने और पानी निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने ओमिक्रान और कोविड संक्रमण से बचाव के लिए जिला कलेक्टरों को सभी ऐहतियाती उपाय अपनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी जिलों में कोविड टेस्टिंग बढ़ाने तथा अस्पतालों में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए और संक्रमण की स्थिति पर नजर रखने के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य अमले को सतर्क किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कोरोना से बचाव के लिए 3 जनवरी से प्रदेश में प्रारंभ हो रहे 15 से 18 वर्ष के किशोर-किशोरियों के टीकाकरण और 10 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से पीड़ित 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक (प्रीकॉशन डोज) देने के अभियान के संबंध में लोगों को जागरुक करने और टीकाकरण के इस अभियान के लिए निर्धारित टीकाकरण केन्द्रों की जानकारी के प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए हैं। श्री बघेल ने जिला प्रशासन को यह निर्देश भी दिए हैं कि जिन लोगों ने अब तक कोरोना वैक्सीन की प्रथम और द्वितीय डोज नहीं लगवायी है, उनका टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए।
उल्लेखनीय है कि 15 से 18 वर्ष के किशोर-किशोरियों के टीकाकरण के लिए एक जनवरी से कोविन एप पर पंजीयन शुरु होगा। इसी तरह कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक (प्रीकॉशन डोज) ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से पीड़ित 60 वर्ष से अधिक के लोगों को 10 जनवरी से दी जाएगी, जिन्हें दूसरी खुराक लिए नौ महीने या 39 सप्ताह पूरे हो चुके हैं। - एजेंसीयूपी : कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी फिरोजाबाद में अपनी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो उत्तर प्रदेश में 20 लाख युवाओं को रोजगार देंगे। इसमें आठ लाख लड़कियों को मौका मिलेगा। प्रियंका ने ये भी बताया कि तीन दिन के अंदर हम ये भी बता देंगे कि ये रोजगार कैसे दिया जाएगा। सबकी डिटेल रिपोर्ट जारी की जाएगी।
प्रियंका ने भाजपा और सपा पर भी निशाना साधा। बोलीं, जब से कांग्रेस ने 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' अभियान की शुरुआत की है, भाजपा और समाजवादी पार्टी परेशान हो गई है। पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की अलग से रैली की। अखिलेश यादव भी अलग से महिलाओं के लिए वादे कर रहे हैं।
प्रियंका गांधी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा बहुओं के लिए बड़ा एलान किया। उन्होंने कहा कि अगर यूपी में कांग्रेस की सरकार बनी तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हर माह 10 हजार रुपये का मानदेय दिया जाएगा। इसके अलावा जब आप गर्भवती महिलाओं के घर जाएंगी तो उसके लिए अलग से भी कुछ रकम दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने बुधवार को प्रदेश की महिलाओं और छात्राओं के लिए कई बड़े एलान किए। कहा कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो महिलाओं को कई तरह के लाभ दिए जाएंगे।
1. हर साल महिलाओं को तीन गैस सिलेंडर मुफ्त दी जाएगी।2. माध्यमिक विद्यालयों में बालिकाओं को आय वर्ग के अनुसार छात्रवृत्ति दी जाएगी।3. 12वीं की प्रत्येक छात्रा को स्मार्टफोन दिया जाएगा।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री की घोषणा: खरखरा जलाशय अब स्व. श्री राजीव गांधी और खरखरा-मोहदी पाट परियोजना दाऊ प्यारेलाल बेलचंदन के नाम पर
गोडमर्रा-सुरेगांव तक 3.50 किलोमीटर सड़क निर्माण और गोडमर्रा पाट सौंदर्यीकरण की दी मंजूरी
मुख्यमंत्री गोडमर्रा में किसान सम्मेलन में शामिल हुए
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि पुरखों के सपनों के अनुरूप छत्तीसगढ़ में किसानों, गरीबों और श्रमिकों के श्रम को सम्मान दिलाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के पुरखों के सपने को पूरा करने विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल में ‘‘किसानों को दाम, युवाओं को काम, महिलाओं को सम्मान, संस्कृति को पहचान, आदिवासियों का उत्थान, श्रमिकों और ग्रामीणों का कल्याण’’ का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज बालोद जिले के विकासखण्ड डौण्डीलोहारा के ग्राम गोडमर्रा में आयोजित विशाल किसान सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर वहां देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व. श्री राजीव गांधी जी की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने इस मौके पर गोडमर्रा-सुरेगांव तक 3.50 किलोमीटर सड़क निर्माण, गोडमर्रा पाट का सौंदर्यीकरण, खरखरा जलाशय का नामकरण भूतपूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व. राजीव गांधी जी के नाम पर तथा खरखरा-मोहदी पाट परियोजना का नामकरण दाऊ प्यारेलाल बेलचंदन के नाम कर करने की घोषणा की।
कार्यक्रम में संसदीय सचिव व गुंडरदेही विधायक श्री कुंवर सिंह निषाद, संजारी-बालोद की विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती सोनादेवी देशलहरे, जनपद पंचायत के अध्यक्ष श्री जागृत सोनकर सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में सिर्फ आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी गई, बल्कि उन्होंने श्रम को सम्मान दिलाने का काम किया। महात्मा गांधी ने छोटा नागपुर में नील की खेती करने वाले मजदूरों को अधिकार दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी। पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में प्रतापगढ़ में आंदोलन हुआ। दूसरी ओर बुनकर के यंत्र चरखे को महात्मा गांधी ने देश की लड़ाई का प्रतीक चिन्ह बनाया। देश की आधी आबादी लेकिन चारदीवारी के भीतर बंद रहने वाली महिलाओं को शिक्षा, संपत्ति का अधिकार दिलाने का काम किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने देश की आजादी की लड़ाई में अपना योगदान देने वाले महापुरुषों को याद किया। उन्होंने बाबा गुरु घासीदास जी, संत कबीर जी, रामकृष्ण परमहंस पंडित सुंदरलाल शर्मा, डॉ. खूबचंद बघेल को नमन करते हुए कहा कि हमें छत्तीसगढ़ में गरीबी, भुखमरी, असमानता को दूर कर समृद्ध, मजबूत, शिक्षित तथा शांति और भाईचारे का छत्तीसगढ़ बनाना है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, श्रीमती इंदिरा गांधी और श्री राजीव गांधी के विचारों के अनुरूप राज्य में किसानों, गरीबों और श्रमिकों की तरक्की और बेहतरी के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमती इंदिरा गांधी ने देश को खाद्यान के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसानों से हरित क्रांति का आह्वान किया। इसके साथ ही उन्होंने बैंकों का राष्ट्रीयकरण, किसानों एवं गरीब तबकांे के लिए बैकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की। उन्होंने कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए अनेक सिंचाई योजना की शुरुआत की। अब किसानों के मेहनत से अनाज उत्पादन की स्थिति यह है कि देश में अकाल के हालात भी आ जाने पर देश की 140 करोड़ जनता के लिए अगले तीन साल तक अनाज की उपलब्धता है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने में जब अड़चन आयी तो राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू की गई। समर्थन मूल्य के अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए किसानों को इनपुट सब्सिडी के रूप में 9 हजार रुपए प्रति एकड़ के मान से दी जा रही है। इस बार अब तक 45 सौ करोड़ रुपए किसानों के खातों में पहुंच चुका है, वहीं 12 सौ करोड़ रुपए मार्च महीने में खातों में पहुंच जाएगा। बीते वर्ष हमने किसानों को 57 सौ करोड़ रुपए भुगतान किया और इस वर्ष भी पूरा भुगतान करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमने सरकार बनते ही जहां किसानों की ऋण माफी और किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने का वादा निभाया। साथ ही इससे आगे बढ़कर कोदो, कुटकी, रागी का भी समर्थन मूल्य पर खरीदी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, राज्य में समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले लघुवनोपजों को 7 से बढ़ाकर 52 कर दिया गया है। इतना ही नहीं वनोपजों के वैल्यू एडिशन (मूल्य संवर्धन) का भी काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार किसानों को इतना समृद्ध करना चाहती है कि सभी के जीवन स्तर में सुधार हो। गौपालन को अर्थव्यवस्था से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश में लगभग 8 हजार गौठान बन चुके हैं। गोबर खरीदी कर रहे हैं। गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनायी जा रही है। गोबर से गौ काष्ठ, दीये, गमला जैसे कई उत्पाद बनाए जा रहे हैं। उन्होंनेे कहा कि गोबर से अब दीवारों की पुताई भी होगी। गोबर से पेंट बनाने के लिए एमओयू किया गया है। गौठानों में इससे बिजली बनाने का भी काम चल रहा है। महिला स्व-सहायता समूहों की बहनें गोबर से बिजली बनाकर बिजली उत्पादक के रूप में जानी जाएंगी, जिसका पैसा सीधे उनके खाते में जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र से अपने हिस्से की डीएपी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार पूरा प्रयास करेगी लेकिन डीएपी नहीं मिलता है तो गोबर से बनाए गए वर्मी कम्पोस्ट खाद के रूप में काम आएगा। उन्होंने किसानों से ज्यादा-से-ज्यादा वर्मी कम्पोस्ट बनाने का आह्वान किया।
- एजेंसी
दिल्ली : दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण की दर बढ़ने के साथ ही एक बार फिर पाबंदियों के दिन लौटने लगे हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कोरोना संकट को लेकर बैठक की और येलो अलर्ट लागू करने का ऐलान किया है। ग्रेडेड रेस्पॉन्स ऐक्शन प्लान के तहत दिल्ली में लेवल-1 का अलर्ट यानी येलो अलर्ट जारी किया गया है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बारे में जल्दी ही विस्तृत आदेश जारी किया जाएगा। इसमें कई तरह के प्रतिबंधों का ऐलान किया जा सकता है। दिल्ली में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए तय नियमों के मुताबिक येलो, अंबर, ऑरेंज और रेड अलर्ट का प्रावधान है।
स्कूल, कॉलेज भी हो सकते हैं बंद, इन पर लगेगा ऑड-ईवन का नियमदिल्ली में पहले से ही नाइट कर्फ्यू लाग कर दिया गया है। यह नाइट कर्फ्यू रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक के लिए लागू किया गया है। इसके अलावा येलो अलर्ट के तहत स्कूल, कॉलेजों, कोचिंग संस्थानों और शैक्षणिक संस्थानों को बंद किया जा सकता है। इसके अलावा गैर-जरूरी सामान बेचने वाली दुकानों और मॉल्स आदि को भी सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक के लिए ऑड-ईवन के आधार पर खोलने का फैसला लिया जा सकता है। यही नहीं प्राइवेट दफ्तरों की टाइमिंग भी 9 से 5 बजे तक की जा सकती है और कुल क्षमता 50 फीसदी करने का फैसला लिया जा सकता है।
रेस्तरां में बैठ सकेंगे सिर्फ 50 फीसदी लोग, ये संस्थाएं होंगी बंदयेलो अलर्ट के तहत रेस्तरां में भी कुल क्षमता के 50 फीसदी के बराबर लोगों को ही बैठने की परमिशन मिल सकती है। इसके अलाव इन्हें खोले जाने का टाइम भी सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक तय हो सकता है। बार में भी 50 फीसदी क्षमता का नियम लागू हो सकता है। येलो अलर्ट के तहत सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, बैंक्वट हॉल और ऑडिटोरियम आदि को बंद किया जा सकता है। होटलों को खुला रखने की अनुमति मिल सकती है, लेकिन इनके अंदर बने बैंक्वट और कॉन्फ्रेंस हॉल नहीं चलाए जा सकेंगे। हालांकि अभी यह अनुमान ही है। इस बारे में जल्दी ही दिल्ली सरकार की ओर से विस्तृत गाइडलाइंस जारी की जाएंगी।
शादी और अंतिम संस्कार में तय हो सकती है 20 की संख्यायेलो अलर्ट के तहत स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्टेडियम और स्विमिंग पूल आदि को भी बंद करने का फैसला हो सकता है। शादी और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 20 तक ही सीमित की जा सकती है। धार्मिक स्थल खुले रह सकते हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या सीमित की जा सकती है। इसके अलावा सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजनों पर भी रोक लग सकती है। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाज सुधारक और प्रसिद्ध साहित्यकार पंडित सुंदरलाल शर्मा की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया । इस अवसर पर खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, कोंडागांव विधायक श्री मोहन मरकाम, छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, श्री सुशील आनन्द शुक्ला और श्री चन्द्रशेखर शुक्ला भी उपस्थित थे ।
श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ के लिए पंडित सुंदरलाल शर्मा के अमूल्य योगदान को याद करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के गांधी के नाम से जाने जाने वाले पंडित सुंदरलाल शर्मा ने ग्रामीण इलाकों में फैले अंधविश्वास, छुआ-छूत, रूढ़िवादिता जैसी कुरीतियों को दूर करने के लिए अथक प्रयास किया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई राष्ट्रीय आंदोलनों से जुड़कर छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय चेतना का विस्तार किया। श्री बघेल ने कहा कि सच्चे मायनों में पंडित सुन्दरलाल शर्मा छत्तीसगढ़ में जनजागरण और सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे। उनका सादा जीवन और उच्च विचार हमें सदा प्रेरित करते रहेंगे। - एजेंसीहरियाणा : हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार का कैबिनेट विस्तार होने वाला है। मंगलवार को शाम 4 बजे नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह किया जाना है। माना जा रहा है कि असंतुष्ट वर्गों को साधने के लिए यह फैसला लिया गया है। हरियाणा सीएमओ की ओर से कैबिनेट विस्तार के बारे में जानकारी दी गई है। फिलहाल यह पता नहीं चला है कि किन मंत्रियों खट्टर कैबिनेट में शामिल किया जाना है। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार का यह दूसरा कैबिनेट विस्तार है। इससे पहले इसी साल 14 नवंबर को भी कैबिनेट का विस्तार हुआ था।
2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन बहुमत नहीं मिल पाया था। इसके बाद उसने जननायक जनता पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी। भाजपा को 90 सीटों वाली विधानसभा में अपने दम पर 40 सीटें मिली थीं, जबकि 31 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर रह गई थी। 10 सीटें जननायक जनता पार्टी को मिली थीं। इस तरह भाजपा और जेजेपी की मिलाकर विधानसभा में कुल 50 सीटें हैं। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री शामिल हुए ग्राम देवपुर में आयोजित संत कबीर सत्संग मेला में
मेला क्षेत्र सौंदर्यीकरण, कबीर आश्रम विकास के लिए 20 लाख रूपए व जैतखाम निर्माण के लिए 10 लाख रूपए देने की घोषणा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि संत कबीर के उत्कृष्ट विचारों का छत्तीसगढ़ में गहरा प्रभाव पड़ा है, जिसके सैकड़ों उदाहरण समाज में विद्यमान हैं। संत कबीर के ज्ञान का प्रकाश आज भी मानव समाज को आलोकित कर रहा है। वे न सिर्फ एक संत, कवि और प्रखर समाज सुधारक थे, बल्कि उससे भी आगे बढ़कर उन्होंने लोगों को जीवन जीने की शैली बताई। श्री बघेल आज धमतरी विकासखण्ड के डोंगेश्वर धाम (डोंगापथरा) देवपुर में आयोजित परख कबीर सत्संग मेला एवं युवोदय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने यहां सत्संग भवन सह-ध्यान कक्ष और मनन वाटिका का भूमिपूजन करने के साथ ही सद्गुरू अभिलाष साहेब वाचनालय का लोकार्पण भी किया। उन्होंने मेला क्षेत्र के सौंदर्यीकरण की घोषणा के साथ ही संत कबीर आश्रम के विकास के लिए 20 लाख रुपए मंजूर करने और जिला पंचायत अध्यक्ष के आग्रह पर जैतखाम निर्माण के लिए सतनामी समाज को 10 लाख रुपए स्वीकृत करने का भी ऐलान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत कबीर ने सामाजिक कुरीतियों, अंधविश्वास पर कड़े कटाक्ष कर हमें बताया कि ईश्वर के बाद केवल सत्य है। साढ़े छह सौ साल बीतने के बाद भी महान समाज सुधारक और संत कबीर पर शोध किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनने के लिए अनेक कदम उठाए गए है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है। गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों को वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने में बड़ी संख्या में रोजगार दिलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी गोबर से घर के आंगन लीपे जाते हैं, अब आगे इससे दीवारों की पेंटिंग भी की जाएगी। नशाबंदी के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक सामाजिक बुराई है और इसे दूर करने के लिए सर्वसमाज को दृढ़संकल्प के साथ आगे आना होगा। कार्यक्रम में बाराबंकी उत्तरप्रदेश के पधारे संत निष्ठा साहेब और देवपुर कबीर सत्संग सेवा संस्थान के प्रमुख रविकर साहेब ने कबीरपंथ के उद्देश्य पर संक्षिप्त में प्रकाश डाला। इसके पहले मुख्यमंत्री ने डोंगेश्वर धाम के दर्शन कर प्रदेशवासियों की खुशहाली और प्रगति की कामना की।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, प्रदेश दुग्ध महासंघ के अध्यक्ष श्री विपिन साहू, सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, नगर निगम के महापौर श्री विजय देवांगन, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कांति सोनवानी, उपाध्यक्ष श्री नीशु चंद्राकर, पूर्व विधायक धमतरी श्री गुरुमुख सिंह होरा, कुरूद के पूर्व विधायक श्री लेखराम साहू सहित जिला एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण एवं कबीरपंथ से जुड़े अनुयायी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवासेन्ट पॉल केथेड्रल पहुंचकर प्रार्थना में शामिल हुए मुख्यमंत्री
मसीही समाज तथा प्रदेशवासियों को क्रिसमस की दी बधाई
प्रदेश के सुख-समृद्धि की कामना की
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज क्रिसमस पर्व पर राजधानी रायपुर के सेन्ट पॉल केथेड्रल पहुंचकर प्रार्थना में शामिल हुए और प्रदेश के सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। उन्होंने मसीही समाज सहित समस्त प्रदेशवासियों को क्रिसमस की बधाई और शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर श्री बघेल ने कहा कि प्रेम, दया, करुणा और ईश्वर पर विश्वास ही मुक्ति का रास्ता है। यही रास्ता प्रभु यीशु मसीह ने हमें दिखाया है। जहां प्रेम और सद्भाव होगा वहां विकास भी होगा। छत्तीसगढ़ की संस्कृति के मूल्य भी यही हैं और छत्तीसगढ़ शासन का मूलमंत्र भी यही है।
श्री बघेल ने कहा कि प्रभु यीशु मसीह ने स्वयं कष्ट सहकर भी पीड़ितों की सेवा करते रहने का मार्ग हमें दिखाया है। पिछले दो-तीन दशकों में पूरी दुनिया में मानव-मूल्यों में तेजी से गिरावट आई है। हिंसा और घृणा का वातावरण घना हुआ है। ऐसे में प्रभु यीशु मसीह के संदेशों की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है। हम सभी को उनकी शिक्षाओं को याद रखने और उनका अनुसरण करने की जरूरत है। नफरत का रास्ता जंग और अशांति का रास्ता है, जबकि प्रेम का रास्ता शांति और सद्भाव का रास्ता है। प्रभु यीशु मसीह ने जिन गुणों को धारण करने का आदेश दिया है, वे सभी गुण हमारी छत्तीसगढ़िया संस्कृति में हमेशा से विद्यमान है। सभी तरह के विश्वासों और परंपराओं का आदर ही हमारी सांस्कृतिक विशेषता है।
श्री बघेल ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान हमने अधोसंरचना के निर्माण के साथ-साथ अपने सामाजिक ताने-बाने को मजबूत बनाने के लिए भी काम किया है। तीन वर्ष पहले हम लोगों ने नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का संकल्प लिया था। हमारे सपनों का वह छत्तीसगढ़ आज साकार होकर सबके सामने हैं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर केथेड्रल में उपस्थित लोगों के साथ केक काटकर क्रिसमस सेलिब्रेट किया। चर्च में उपस्थित सभी लोगों ने प्रभु की प्रार्थना की। चर्च के गायन दल ने कैरोल गीत प्रस्तुत किए। नवनिर्वाचित बिशप श्री अजय जेम्स द्वारा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री महेन्द्र छाबड़ा, विधायक श्रीमती रेणु जोगी, महापौर श्री ऐजाज ढेबर, पूर्व विधायक श्री अमित जोगी सहित मसीही समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ‘स्पीकआउट छत्तीसगढ़-2021’ कार्यक्रम में शामिल हुए
उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला स्वसहायता समूहों को किया सम्मानित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि किसानों को उनकी उपज का अच्छा दाम, युवाओं को रोजगार, महिलाओं को पूर्ण सम्मान और स्थानीय संस्कृति को नई पहचान देकर तथा आदिवासियों का उत्थान कर हम नवा छत्तीसगढ़ गढ़ रहे हैं। ‘ग्राम स्वराज’ के स्वप्नद्रष्टा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए छत्तीसगढ़ में सुराजी गांव योजना की शुरूआत की गई है। लोगों को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए किसानों की कर्जमाफी, अच्छी कीमत पर फसलों की खरीदी, वनोपजों की खरीदी और उनके मूल्य संवर्धन (Value Addition) के लिए प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना जैसे कई काम किए गए हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर में ‘आउटलुक ग्रुप’ द्वारा आयोजित ‘स्पीकआउट छत्तीसगढ़-2021’ को संबोधित करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला स्वसहायता समूहों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम में कहा कि जिन समाजों ने महिलाओं की अनदेखी, उपेक्षा और उन्हें घर की चहारदीवारी में बंद करने का प्रयास किया है, उन्हें पराभव का मुख देखना पड़ा है। पुराने समय में महिलाओं को शिक्षा और रोजगार से दूर रखा गया। उन्हें चहारदीवारी में बंद कर उपभोग की वस्तु बना दी गई। देश की आजादी के समय महिलाओं को संपत्ति रखने तक का अधिकार नहीं था। देश का संविधान बनने के बाद राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और संवैधानिक तौर पर महिलाओं के उत्थान के काम हुए, पर अनेक कोशिशों के बाद भी ‘आधी आबादी’ को पूरा हक नहीं मिल पाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गतिमान बनाए रखने के लिए स्वसहायता समूहों की महिलाएं अच्छा काम कर रही हैं। वे घर के काम-काज निपटाने के साथ ही स्वरोजगार कर परिवार की आय बढ़ा रही हैं। महिला समूहों द्वारा निर्मित अनेक उत्पादों की अच्छी मांग है। गौठानों में विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधियों के संचालन के साथ ही महिलाएं बड़े पैमाने पर वर्मी कंपोस्ट बनाने का काम कर रही हैं। प्रदेश की 70 हजार महिलाएं इस काम में लगी हुई हैं। डीएपी खाद की कमी होने पर गौठानों में निर्मित वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट ने इसका अच्छा विकल्प दिया है। बहुत से किसानों ने अपने खेतों में इसका उपयोग किया है। इसने छत्तीसगढ़ को जैविक राज्य (Organic State) बनने की दिशा में अग्रसर किया है।
श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में गौपालन को अर्थ से जोड़ा जा रहा है। गौठान के रूप में प्रदेश भर में एक लाख एकड़ से अधिक जमीन संरक्षित की गई है। पशुपालकों से गोबर की खरीदी की जा रही है। उन्होंने कहा कि गोबर अब केवल लिपने के काम नहीं आ रहा है। इससे अब दीवारों की पुताई भी होगी। गोबर से पेंट बनाने के लिए एमओयू किया गया है। गौठानों में इससे बिजली बनाने का भी काम चल रहा है। स्वसहायता समूहों की महिलाएं गोबर के अनेक उत्पाद बनाकर कमाई कर रही हैं
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि किसी भी काम में महिलाओं का साथ सफलता की गारंटी होती है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान प्रदेश की 70 हजार मितानिनों ने इस पर नियंत्रण पाने में बड़ी भूमिका निभाई। कोरोना के लक्षण दिखने पर मितानिनों ने तत्काल लोगों को दवाईयां उपलब्ध कराईं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता दीदियों के योगदान से छत्तीसगढ़ पिछले तीन वर्षों से देश के स्वच्छतम राज्यों में शुमार है। श्री बघेल ने कहा कि मैं प्रदेश की महिलाओं को सलाम करता हूं जो हमारा मान-सम्मान बढ़ा रही हैं। वे अपनी उपलब्धियों से प्रदेश को गौरवान्वित कर रही हैं।
नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर स्वसहायता समूहों के काम को आगे बढ़ाने के लिए हर जिले में काम हो रहा है। प्रदेश की सभी 169 नगरीय निकायों में साफ-सफाई के लिए स्वच्छता दीदी अच्छा काम कर रही हैं। यहां के स्वच्छता दीदियों को सर्वाधिक मानदेय मिल रहा है। महिला सशक्तिकरण के लिए छत्तीसगढ़ में अनुकरणीय काम हो रहा है। मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी, जनसंपर्क विभाग के आयुक्त श्री दीपांशु काबरा और आउटलुक ग्रुप के सीईओ श्री इंद्रनील राय भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
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महिलाओं की सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड प्लान सराहनीय कदम
रायपुर : विकसित देशों पर नजर डालने पर यह बात पता चलती है कि वहां के विकास की भागीदारी में जितना योगदान पुरूषों का है, उतना ही योगदान वहां की महिलाओं का है। इन देशों की महिलाएं वहां की अर्थव्यवस्था में बराबरी से भूमिका निभा रही हैं। देश और प्रदेश की तरक्की के लिए महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाना जरूरी है इसलिए महिलाओं को उनके विकास के लिए जरूरी वातावरण और सुविधाएं देने के साथ ही उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नई सरकार ने प्रदेश में महिलाओं के हर क्षेत्र में उनकी प्रभावी भूमिका के निर्वहन के लिए उन्हें सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने और महिला सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड प्लान तैयार करने की पहल की है। इस प्लान में महिलाओं के हितों और उनकी सुरक्षा से जुडे़ सभी मामलों पर विभिन्न विभागों से समन्वय कर जरूरी सहायता उपलब्ध कराने की पहल की जा रही है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिला सुरक्षा से जुड़े इंटीग्रेटेड प्लान में आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया का भी उपयोग किया जाएगा ताकि महिलाओं की सुरक्षा से जुडे विभिन्न मुद्दों पर त्वरित रूप से सहायता पहुंचायी जा सकेगी। इस प्लान में ट्विटर, वाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म की भी मदद लेने की व्यवस्था होगी। संकटकालीन परिस्थितियों में महिलाओं को सहायता उपलब्ध कराने के लिए मोबाईल आधारित मल्टीपल एप की व्यवस्था भी शुरू करने की योजना है। पुलिस प्रशासन को भी महिला अपराधों की रोकथाम के लिए संवेदनशील बनाया जा रहा है। महिला अपराधों पर नियंत्रण के लिए पुलिस को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पुलिस प्रशासन और महिलाओं के कल्याण और विकास से जुड़े विभागों में तालमेल के साथ ही अपराधिक प्रकरणों पर जल्द कार्यवाही के लिए रणनीति बनायी जाएगी।
छत्तीसगढ़ में महिला अपराधों की रोकथाम के लिए महिला थानों की स्थापना के साथ ही साइबर अपराधों पर अंकुश के लिए विशेष साइबर थानों की स्थापना भी की गई है। महिला अपराधों पर नियंत्रण के लिए सब्बो बर एक्के नंबर 112 पर डायल करने की सुविधा दी गई है। सामाजिक अपराधों से पीड़ित महिलाओं को विभिन्न प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने के लिए वर्तमान में सभी जिलों में सखी वन स्टाफ सेंटर प्रारंभ किए गए हैं। देश का पहला सखी वन स्टाफ सेंटर राजधानी रायपुर में प्रारंभ किया गया था। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संकट में महिलाओं की मदद के लिए टोल फ्री नंबर 181 संचालित की जा रही है। घर के भीतर या बाहर किसी भी प्रकार की घटना, प्रताड़ना या संकट होने पर महिलाएं हेल्पलाइन नंबर 181 की मदद ले सकती हैं। किसी महिला की तरफ से कोई दूसरा व्यक्ति भी मदद के लिए 181 नंबर पर कॉल कर सकता है। घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाएं भी मदद के लिए फोन कर सकती हैं। यहां मामले की गंभीरता को देखते हुए कानूनी सलाह,स्वास्थ्य और आवास संबंधी सहायता पहुंचाई जाती है। वाट्सअप, फेसबुक, ट्विटर, ईमेल और वेबसाइट के माध्यम से भी महिला हेल्पलाइन-181 से मदद ली जा सकती है। इसके अलावा राज्य सरकार प्रदेश के शहरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए शहर में पिंक गश्त टीमें गठित की गई है, जिसमें रायपुर पुलिस की कुल 152 महिला पुलिस शामिल है, जो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में जाकर उक्त अभियान के तहत् महिलाओं को जागरूक करने का कार्य करेगी।राज्य सरकार द्वारा महिलाओें को न केवल भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं बल्कि उनके सर्वांगीण विकास के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सुराजी गांव योजना में बनाए जा रहे गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने महिला स्व सहायता समूह को जोड़ा गया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय आजीविका मिशन के माध्यम से विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार कर रही हैं, इससे उनमें आत्मनिर्भरता आ रही है। महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के स्थिति को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना जैसी अनेक शुरू की गई है। छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन कार्ड परिवार की महिला मुखिया के नाम पर बनाए जा रहे हैं। 18 से 50 वर्ष की विधवाओं के लिए पेंशन की व्यवस्था के साथ ही राज्य सरकार के आवास योजना में महिला मुखिया के नाम पर आवास दिए जा रहे हैं। महिलाओं के नाम पर भूमि आवास की रजिस्ट्री में एक प्रतिशत की छूट दी जा रही है। महिलाओं को कॉलेज स्तर तक निःशुल्क शिक्षा, स्वरोजगार के लिए कम व्याज दरों पर ऋण एवं अनुदान प्रदान जैसे कदम उठाए गए हैं। विकास प्रशासन में भागीदारी के लिए महिलाओं को पंचायत और नगरीय निकायों में 50 प्रतिशत और शासकीय सेवाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इसी प्रकार उन्हें उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की सुविधाएं दी जा रही है। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बिलासपुर जिले के कोटा तहसील अंतर्गत केंदाघाट में हुई बस दुर्घटना पर दुख जताया है। उन्होंने जिला प्रशासन बिलासपुर को बस दुर्घटना के घायलों को तत्काल राहत पहुंचाने और बेहतर उपचार के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
गौरतलब है कि अमरकंटक से राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ ठेलकाडीह आ रही बाल्वो की बस केंदाघाट में दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। इस बस में 40 से ज्यादा यात्री सवार थे। 10 यात्रियों को गंभीर चोटे आई हैं।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाचिटफंड कंपनियों के निवेशकों को जल्द 01 करोड़ और वापस मिलेंगे
राजनांदगांव जिले में अब तक 11 करोड़ 22 लाख लौटाए जा चुके हैं
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राजनांदगांव जिले में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा लगातार कार्रवाई करते हुए निवेशकों को निवेश की राशि लौटाई जा रही है। इसी क्रम में कुछ और कंपनियों पर हुई कार्यवाही से प्राप्त 01 करोड़ रुपये निवेशकों को शीघ्र लौटाए जाएंगे। अब तक कुल 11 करोड़ 22 लाख रुपये की राशि जिले को निवेशकों को वापस दिलाई जा चुकी है।
राजनांदगांव कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा द्वारा चिटफंड कंपनियों पर की जा रही कार्रवाईयों के परिणामस्वरूप अब तक 16 हजार 942 निवेशकों को रकम वापसी के माध्यम से राहत दिलाई जा चुकी है। डोंगरगांव विकासखंड में याल्स्को रियल स्टेट एण्ड एग्रो फार्मिंग लिमिटेड की ग्राम मटिया स्थित सम्पत्ति की नीलामी से प्राप्त राशि तथा अनमोल इंडिया एग्रो हर्बल फार्मिंग एवं डेयरी केयर लिमिटेड द्वारा जमा कराई गई राशि में से कुल 1 करोड़ रूपये का भुगतान जल्द ही निवेशकों को किया जाएगा। चिटफंड कंपनी शुभ साई इंडिया लिमिटेड की डोंगरगढ़ तहसील के ग्राम घोटिया में भी 10 एकड़ जमीन कुर्क की गई है। जिले में अभियान चलाकर लगातार चिटफण्ड कंपनियों के सम्पत्तियों की कुर्क़ी,नीलामी तथा रक़म वापसी की कार्यवाही की जा रही है ।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
अर्थव्यवस्था बचाने के लिए जनता की जेब में पैसा डालना होगा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
“समस्या के समाधान के लिए साथ बैठकर चर्चा करना जरूरी”
“हमने उद्योगपतियों से चर्चा के बाद औद्योगिक नीति 2019-24 बनाई”
“किसानों की बात, उद्यमियों के साथ” कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल
किसान नेता श्री शिवकुमार शर्मा और श्री राकेश टिकैत ने किसान हितैषी फैसलों के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सराहना की
रायपुर : हमारा देश और प्रदेश कृषि प्रधान है। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है। व्यापार और उद्योग की अर्थव्यवस्था भी कहीं-न-कहीं किसानों से जुड़ी होती है। उद्योग का पहिया तब घूमेगा जब व्यापारी उनसे सामान खरीदेंगे और व्यापारी का सामान तब बिकेगा जब जनता की जेब में पैसा होगा। अर्थव्यवस्था बचाने के लिए जनता की जेब में पैसा डालना होगा। यह बातें मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ‘हरिभूमि’ मीडिया समूह के आयोजन “किसानों की बात, उद्यमियों के साथ” के मंच से कहीं। किसानों और उद्योगपतियों की ओर से कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री बघेल के साथ कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, किसान नेता श्री शिवकुमार शर्मा ‘कक्का जी’ व श्री राकेश टिकैत एवं ‘हरिभूमि’ मीडिया समूह के प्रधान संपादक श्री हिमांशु द्विवेदी ने मंच साझा किया। कार्यक्रम में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री अमरजीत भगत भी मौजूद थे।
कार्यक्रम में उद्बोधन के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सबसे पहले किसान आंदोलन के दरम्यान शहीद हुए 703 किसानों की आत्मा की शांति के लिए मौन धारण कराया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश में अनाज की कमी को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी जी ने चुनौती के तौर पर लिया और देश के किसानों से आह्वान किया कि हमें अनाज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनना होगा। इसके बाद ही देश में हरित क्रांति आयी। ये वही दौर था जब 1967 में एमएसपी घोषित हुआ। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ में धान, कोदो, कुटकी, गन्ना, मक्का सबके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के साथ उचित कीमत देना शुरू किया। छत्तीसगढ़ कोदो, कुटकी को समर्थन मूल्य में खरीदने वाला देश का पहला राज्य है। यहां तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से इसकी खरीदी की जा रही है। वहीं हमने छत्तीसगढ़ में धान, कोदो, कुटकी, गन्ना, मक्का के साथ ही वनोपजों की खरीदी भी शुरू की, जिसमें 7 से बढ़ाकर 52 प्रकार के लघु वनोपजों को शामिल किया। इसके अलावा हमने वनोपजों का वैल्यू एडिशन भी किया। आज महुआ लड्डू, एनर्जी बार, बस्तर काजू पूरे देश में लोकप्रिय हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार से एक फरमान जारी हुआ, जिसमें कहा गया कि कोई भी राज्य सरकार फसल की खरीदी पर किसानों को बोनस देगी तो उसे केन्द्रीय पुल में नहीं लिया जाएगा, लेकिन फिर दो साल की छूट मिली। उसी छूट में हमने किसानों को बोनस मिलाकर धान खरीदी में प्रति क्विंटल 2500 रुपए दे दिया। केन्द्र सरकार ने बोनस देने पर आपत्ति की और राज्य का चावल लेने से मना कर दिया। केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद अब हम किसानों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री केन्द्र द्वारा उसना क्वॉलिटी का धान लेने से इंकार करने पर राज्य के किसानों से अरवा क्वॉलिटी के धान उत्पादन की अपील की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि कृषि उत्पादन का बढ़ना किसी देश और प्रदेश के लिए ताकत होनी चाहिए, समस्या नहीं। हम प्रदेश के अतिरिक्त धान से एथेनॉल ईंधन बनाना चाहते हैं, लेकिन केन्द्र से इसकी अनुमति ही नहीं मिल रही है। गन्ना और मक्का से एथेनॉल बनाने के लिए 12 औद्योगिक घरानों से एमओयू भी हो चुका है और उन्हें जमीन भी दे दी गई है। राज्य में कृषि के साथ उद्योग को भी बढ़ावा देने पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने उद्योगपतियों से चर्चा के बाद 2019-24 की औद्योगिक नीति बनाई। अब तक 150 एमओयू हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के बाद सबसे पहले उद्योगों का पहिया घूमा है तो वो छत्तीसगढ़ में घूमा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान व्यापारिक गतिविधियों के संचालन के लिए समय-समय पर व्यापारियों से भी चर्चा की गई और उन्हें आवश्यक राहत पहुंचाई गई।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हम किसानों का हित करना चाहते हैं लेकिन किसानों के नाम से किसी को बेजा फायदा उठाने नहीं दिया जाएगा। साथ ही डीएपी की कमी पर मुख्यमंत्री ने किसानों, पशुपालकों व ग्रामीणों से गोबर से वर्मी कम्पोस्ट अधिक-से-अधिक बनाने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सभी प्रकार की चर्चा में शामिल होना चाहिए। लोगों को सुनना चाहिए। असहमति के बावजूद भी उनका सम्मान करना चाहिए। जब सब साथ बैठेंगे तभी किसी समस्या का समाधान निकलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आज यहां शुरू हुई चर्चा सही दिशा में आगे बढ़ेगी और निष्कर्ष तक पहुंचेगी।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा कीमत पर धान खरीदी हम कर रहे हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों और गोधन न्याय योजना के माध्यम से पशुपालकों को आर्थिक लाभ पहुंचाया जा रहा है। भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी राहत देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार नई योजना लेकर आ रही है। कृषि मंत्री श्री चौबे ने कहा कि कोरोना काल में जहां देश और दुनियाभर में मंदी की स्थिति थी, हमारी सरकार ने राज्य में राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ किसानों को दिया। किसानों को हमने समृद्ध किया तो व्यापारी वर्ग पर भी मंदी का असर नहीं हुआ। श्री चौबे ने कहा कि कृषि मंत्री होने के नाते मैं आज अपना सौभाग्य समझता हूं कि आज पूरे देश में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा हो रही है।
कार्यक्रम को पूर्व कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, किसान नेता श्री शिवकुमार शर्मा ‘कक्का जी’, श्री राकेश टिकैत और उद्योगपति श्री कमल सारडा ने भी संबोधित किया। श्री शिवकुमार शर्मा ‘कक्का जी’ एवं श्री राकेश टिकैत ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सराहना करते हुए कहा कि किसानों से जुड़े इस तरह के आयोजन में मुख्यमंत्री का आना यह बताता है कि उनके मन में किसानों के लिए कितनी पीड़ा और आत्मीय भाव है। श्री शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों के उपज की पूरे देश में सर्वाधिक कीमत पर खरीदी की जा रही है। एमएसपी पर चर्चा करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य है। श्री टिकैत ने कहा कि श्री भूपेश बघेल पहले मुख्यमंत्री हैं जो किसानों की समस्या पर उनके साथ बैठकर बात कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में ख़रीफ़ फसलों पर इनपुट सब्सिडी देकर किसानों को समृद्ध करने का काम किया जा रहा है।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुभाष धुप्पड़, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र तिवारी, पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री शैलेष नितिन त्रिवेदी, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त जनसंपर्क श्री दीपांशु काबरा समेत अनेक किसान, उद्योगपति, व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राजनांदगांव के जालबांधा और दुर्ग के बिरेझर धान खरीदी केन्द्र का किया औचक निरीक्षण
अचानक अपने बीच मुख्यमंत्री को पाकर खुशी से भर गए किसान
किसानों से व्यवस्था का लिया फीडबैक
धान खरीदी केन्द्रों की संख्या बढ़ने से धान बेचना हुआ आसान, अपने बारदाने में किसान बेच रहे हैं धान, पैसों के लिए नहीं करना पड़ रहा है इंतजार
किसानों का रखा जा रहा है विशेष ध्यान
वर्मी कंपोस्ट से बढ़ी फसल की उत्पादकता
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज राजनांदगांव प्रवास के दौरान खैरागढ़ विकासखंड के जालबांधा और वहां से लौटते हुए दुर्ग जिले के ग्राम बिरेझर के धान खरीदी केंद्र का आकस्मिक निरीक्षण किया । जालबांधा धान खरीदी केंद्र में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने किसानों से मिलकर धान खरीदी की व्यवस्थाओं का जायजा लिए और धान खरीदी व्यवस्था के सम्बंध में चर्चा की। मुख्यमंत्री द्वारा धान की तौलाई करवा रहे किसानों से धान के किस्म और बारदाने की उपलब्धता की जानकारी पूछे जाने पर किसानों ने बताया कि वे केन्द्र में अच्छी व्यवस्था के चलते अपना धान सुगमता से बेच रहे हैं। किसानों द्वारा समिति से उपलब्ध कराए गए बारदाने तथा स्वयं के बारदाने में भी धान का विक्रय किया जा रहा है। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, लोकस्वास्थ्य एवँ यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्र कुमार और छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल भी उनके साथ थे ।चर्चा के दौरान केंद्र में उपस्थित ग्राम पेटी के किसान श्री बिसौहा लोधी ने बताया कि वे लगभग डेढ़ एकड़ भूमि में खेती करते हैं और आज 51 कट्टा धान बेचने आये हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके द्वारा धान की 6444 किस्म की फसल ली गयी थी । ग्राम पवनतरा की महिला किसान श्रीमती त्रिवेणी वर्मा ने आज 55 कट्टा धान, पवनतरा के किसान श्री महेन्द्र वर्मा ने 170 कट्टा धान बेचने आए हैं। ग्राम पेटी के किसान श्री दिलीप वर्मा ने बताया कि वे भी दूसरी बार धान विक्रय का रहे हैं। पहली बार उन्होंने 300 कट्टा धान और आज 258 कट्टा धान बेचा है।
राजनांदगांव दौरे से वापसी के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का काफिला धान खरीदी केंद्र बिरेझर में रूका और मुख्यमंत्री सीधे धान बेचने आये किसानों से मिलने पहुंच गये। मुख्यमंत्री ने किसानों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने धान खरीदी की व्यवस्था का जायजा लिया और किसानांे से इस साल की धान की फसल के बारे में पूछा। किसानों ने बताया कि इस साल वर्मी कंपोस्ट खेतों में डाला, इसका परिणाम बहुत अच्छा रहा। बिरेझर के किसान श्री ईश्वर लाल धनगर ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट डालने से मुझे बहुत लाभ हुआ। जमीन की उर्वरा शक्ति में इजाफा हुआ। जिससे फसल की चमक भी बनी रही और पिछले साल की तुलना में धान का ज्यादा उत्पादन हुआ। खर्रा के किसान श्री बंटी वैष्णव ने बताया कि धान खरीदी की व्यवस्था बहुत अच्छी है। खरीदी के पश्चात पैसा खाते में आ जा रहा है। सिस्टम बहुत अच्छा हो गया है। इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। श्री छोटे लाल साहू ने बताया कि पहले खरीदी केंद्रों की संख्या कम थी, अब खरीदी केंद्रों की संख्या ज्यादा हो गई है। सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए नये खरीदी केंद्र बनाये हैं। इससे किसानों को लाभ पहुंचा है और असुविधा दूर हुई है।
किसानों ने बताया कि धान खरीदी केंद्र में व्यवस्था बहुत अच्छी है। पहले देर तक इंतजार करना पड़ता था। शासन द्वारा छोटे किसानों का भी विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है इससे उन्हें काफी सुविधा हुई है। मुख्यमंत्री के आने से किसान बहुत उत्साहित हुए। किसानों ने बताया कि सुखद संयोग था कि आज हम लोग धान बेचने आये और आज ही मुख्यमंत्री यहां आ गये। उन्होंने हम सबसे बातचीत की। बातचीत में हमने बताया कि किस प्रकार गोबर खाद हमारे लिए उपयोगी साबित हुआ है। इस दौरान कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे भी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि बिरेझर धान खरीदी केंद्र में खर्रा, हसदा, चिखला और बिरेझर से धान बेचने लोग आते हैं। अभी तक यहां 10716 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। खरीदी के साथ उठाव भी तेजी से किया जा रहा है। लगभग तीन हजार क्विंटल धान का उठाव हो चुका है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीसगढ़ सरकार का 2108.62 करोड़ रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित
माल और सेवा कर संशोधन विधेयक, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन विधेयक, सिगरेट और अन्य तंबाखू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) संशोधन विधेयक भी ध्वनिमत से पारित
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रस्तुत 2108 करोड़ 62 लाख 84 हजार 389 रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हो गया। विधानसभा में आज माल और सेवा कर संशोधन विधेयक, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन विधेयक, सिगरेट और अन्य तंबाखू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) संशोधन विधेयक भी ध्वनिमत से पारित किया गया।
अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार एक तरफ राज्यों को राष्ट्रीय कार्यक्रमों के संचालन के लिए केन्द्रीय मद की राशि में कटौती कर रही है, वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के हक की लगभग 20 हजार करोड़ की राशि नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा सेन्ट्रल एक्साइज की कटौती 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया गया है, लेकिन इसकी राशि छत्तीसगढ़ को नहीं मिल रही है। लगभग 4 हजार करोड़ रूपए कोल कम्पनशेसन की राशि भी नहीं मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा एक तरफ छत्तीसगढ़ के हक की राशि नहीं दी जाती और दूसरी तरफ कहा जाता है कि राज्य सरकार केन्द्र की योजनाओं को पूरा नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन मेें वर्ष 2014 तक केन्द्र और राज्य का अंशदान क्रमशः 85ः15 का रहता था, जिसे बदलकर अब 60:40 का अनुपात कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में शत्-प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार से मिलती थी, अब इसमें 60:40 का अनुपात कर दिया गया है। मनरेगा में केन्द्र सरकार से पहले 90: 10 के अनुपात में राशि मिलती थी, अब इसमें 75: 25 का अनुपात कर दिया गया है। इंदिरा आवास में 75:25 का अनुपात रहता था अब इसे 60: 40 कर दिया गया है। राजीव आवास योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना तथा मध्यान्ह भोजन में 70:30 का अनुपात को बदलकर 60:40, इसी प्रकार राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में 75:25 को 60:40, आईसीडीएस में 85:15 को अब 60: 40 कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यक्रमों में केन्द्रांश घटाकर राज्यों पर बोझ बढ़ा दिया गया है। अब राज्यों पर काम नहीं करने का आरोप मढ़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय योजनाओं के संचालन के लिए केन्द्रांश प्राप्त होने की प्रक्रिया में जब हम बात करना चाहते हैं तब हमसे कहा जाता है कि कोरोना काल के बाद स्थितियों में परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की परिस्थितियां केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों के लिए थी। केन्द्र सरकार पहले केन्द्रांश दे उसके बाद राज्य राज्यांश देंगे। केन्द्र सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए कई तरह के अड़ंगे लगाए जा रहे हैं। कहा गया कि यदि छत्तीसगढ़ ने धान पर एक रूपया भी बोनस दिया तो केन्द्रीय पूल में चावल नहीं खरीदा जाएगा। अब नया अड़ंगा लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ से उसना चावल केन्द्रीय पूल में नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर सेस कम करने के बदले एक्साइज ड्यूटी में कमी करने से राज्य सरकार को कम से कम 800 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। इसके बावजूद हमने अपने कहे मुताबिक छत्तीसगढ़ में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रित रखा है। यहां पड़ोसी राज्यों से भी कम दर पर पेट्रोल-डीजल उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री ने 'रेडी टू ईट' व्यवस्था के संबंध में कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने वर्ष 2009 में 1627 स्वहायता समूहों को 'रेडी टू ईट' के निर्माण एवं प्रदाय की जिम्मेदारी सौंपी थी। वर्तमान में 'रेडी टू ईट' व्यवस्था से जुड़े 943 समूहों का अनुबंध 5 वर्ष के बाद समाप्त हो चुका था। 678 समूह शेष बचे थे। समूहों द्वारा संचालित किए जा रहे 'रेडी टू ईट' के 1900 नमूनों में 1400 नमूने मापदण्ड के अनुसार सही नहीं पाए गए। यूनीसेफ द्वारा अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन समूहों से अनुबंध किया गया था, उसमें समूह के लोग मजदूरी कर रहे थे, निर्माण इकाई का संचालन अन्य व्यक्ति द्वारा किया जा रहा था। पूर्ववर्ती सरकार के समय कुपोषण की दर 26 प्रतिशत थी क्योंकि पोषण आहार की गुणवत्ता ठीक नहीं थी। हमारी सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री सुपोषण योजना संचालित करने के बाद कुपोषण की दर गिरकर 19 प्रतिशत रह गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने 'रेडी टू ईट' के निर्माण में गुणवत्ता एवं हाईजीन का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा गया, जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसके निर्माण में गुणवत्ता व हाईजीन के साथ स्वचलित मशीनों से निर्माण के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया? मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश में मशीनों से तैयार 'रेडी टू ईट' फूड का वितरण किया जा रहा है, उसी प्रकार हम छत्तीसगढ़ में भी व्यवस्था करने जा रहे हैं तब इसका विरोध विपक्ष द्वारा यहां क्यों किया जा रहा
अनुपूरक बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि दूसरे अनुपूरक बजट में कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों के लिए 599 करोड़ रुपए, 42 नगरीय निकायों में जल आवर्धन योजनाओं के लिए 150 करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए 304 करोड़ रुपए, नई समितियों के निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपए, नवा रायपुर में गुरु घासीदास शोधपीठ और संग्रहालय के लिए पांच करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसमें चार नए जिलों और 16 नई तहसीलों के निर्माण के लिए भी बजट का प्रावधान किया गया है। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री भारतरत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया।
श्री बघेल ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सरदार पटेल ने अग्रणी भूमिका निभाई। स्वतंत्रता के लिए किये संघर्ष के दौरान उन्होंने कई आंदोलनों को कुशल नेतृत्व प्रदान किया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उन्होंने देशी रियासतों का भारतीय संघ में विलय कर देश के एकीकरण में अविस्मरणीय योगदान दिया। अपने फ़ौलादी इरादों के कारण वे लौह पुरुष के नाम से जाने जाते हैं।