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- एजेंसीबांदा में आयोजित बुंदेलखंड नेशनल समिट में शरिकत करने आए एक वैज्ञानिक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. वे होटल के अपने कमरे में मृत पाए गए हैं. बांदा में बुंदेलखंड विकास बोर्ड ने दो दिन के नेशनल समिट का आयोजन किया है. बुंदेलखंड नेशनल समिट में शिरकत करने आए 65 वर्षीय वैज्ञानिक डॉ. आर. बी. राय होटल एस. एस. रेजीडेंसी के कमरा नंबर 207 में ठहरे हुए थे. जहां उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक सुबह कर्मचारी उन्हें लेने होटल पहुंचे लेकिन कमरे का दरवाजा नहीं खुला. इसकी जानकारी पुलिस को दी गई. पुलिस ने आकर दरवाजा खोला तो डॉ. राय अपने कमरे के बाथरूम के दरवाजे के पास बेहोश पड़े थे.
इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया. डॉ. आर. बी. राय एनिमल हसबेंडरी और वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट अंडमान निकोबार के डायरेक्टर रहे हैं. पुलिस के मुताबिक होटल के कमरे से शराब की आधी खाली बोतल और दो गिलास भी बरामद किए गए हैं. कमरे को सील कर दिया गया है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. घटना की जानकारी मिलते ही यूपी के कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, प्रमुख सचिव सहित सभी अधिकारी ट्रॉमा सेंटर पहुंचे और वैज्ञानिक डॉ. आर. बी. राय को श्रद्धांजलि दी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बांदा में शुक्रवार से दो दिवसीय बुंदेलखंड नेशनल समिट (Bundelkhand National Summit) का आयोजन किया गया है. इस समिट में बुंदेलखंड के विकास का खाका तैयार होगा. समिट में सरकारी अधिकारियों सहित देश भर के प्राइवेट सेक्टर के 300 दिग्गज शामिल होंगे. - एजेंसी
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में बलात्कार के मामले में एक युवक को फंसाने के लिए मां-बेटी का कारनामा सामने आया। दोनों ने साक्ष्य के तौर पर फर्जी टीसी विवेचक को सौंप दी। खुदको नाबालिग बताया। जांच में टीसी फर्जी निकली। कुंदरकी पुलिस ने मां-बेटी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
भोली पत्नी मासूम अली निवासी ग्राम हाथीपुर चित्तू ने एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की थी। बताया था कि 27 मार्च को शकीला पत्नी रईस निवासी ग्राम हाथीपुर चित्तू थाना कुंदरकी ने पैसे के लेन-देन में हुए झगड़े में अपनी बेटी को हथियार बनाते हुए मेरे बेटे नदीम के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में नदीम को सजा दिलाने के लिए शकीला ने अपनी बेटी निशा को नाबालिग दिखाने के लिए एक स्कूल से फर्जी टीसी बनवाकर विवेचक को दे दी। टीसी पूरी तरह से फर्जी है।
एसएसपी ने मामले की जांच करवाई तो टीसी वास्तव में फर्जी निकली। जहां से टीसी जारी होने का उल्लेख किया गया था उस स्कूल ने भी फर्जी होने की पुष्टि कर दी। इसके बाद ही कुंदरकी पुलिस ने गुरुवार को शकीला व उसकी बेटी निशा पुत्री रईस व शकीला पत्नी रईस को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एसपी देहात उदयशंकर सिंह ने बताया कि झूठे मुकदमे दर्ज कर लोगों को फंसाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। - नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट से साइरस मिस्त्री को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने National Company Law Appellate Tribunal (NCLAT) के आदेश को चुनौती देने वाली Tata Sons Group की याचिका पर सुनवाई को हामी भर दी है।
यही वजह है कि टॉप कोर्ट ने मिस्त्री को टाटा ग्रुप के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने के ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक लगा दी है। इससे पहले, एनसीएलएटी ने उन्हें समूह के इस पद बहाल करने का आदेश दिया था।
बता दें कि टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (TSPL) ने मिस्त्री को टीएसपीएल के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने के एनसीएलएटी के 18 दिसंबर के आदेश के खिलाफ SC में अपील की थी। एनसीएलएटी ने अपने आदेश में कार्यकारी चेयरमैन पद पर पर बैठाये गये एन. चंद्रशेखरन की नियुक्ति को “अवैध” ठहराया था।
- लखनऊ। बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की फिल्म 'छपाक' आज (10 जनवरी) को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। 'छपाक' फिल्म एसिड अटैक सर्वाइवर के ऊपर बनी है और रिलीज से पहले ही चर्चाओं में है। इसका काराण है कि JNU में हुई हिंसा के बाद दीपिका का यूनिवर्सिटी जाना। दीपिका पादुकोण के यूनिवर्सिटी जाने से इस फिल्म के समर्थन और विरोध की राजनीति ने लखनऊ का सियासी पारा भी गर्म कर दिया है। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं को अपील जारी की है कि वे इस फ़िल्म को जरूर देखें। साथ ही अपने कार्यकर्ताओं को 'छपाक' फिल्म दिखाने के लिए शुक्रवार को गोमतीनगर के मल्टीप्लेक्स का एक शो बुक किया है।
'छपाक' फिल्म अखिलेश यादव अपने कार्यकर्ताओं को दिखाना चाहते हैं और यही वजह है कि उन्होंने शुक्रवार को लखनऊ में एक पूरा हॉल ही बुक कर लिया। सपा ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है। सपा नेताओं का कहना है कि अखिलेश यादव की अगुवाई में एसिड अटैक पीड़िताओं के लिए सर्वाधिक काम किया गया है। गोमतीनगर में एसिड पीड़िताओं के लिए एक कैफे की शुरुआत भी कराई थी। बता दें कि फिल्म छपाक एसिड सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की सच्ची कहानी पर आधारित है। फिल्म में दीपिका पादुकोण ने एसिड अटैक पीड़िता की भूमिका निभाई है। फिल्म के रिव्यू काफी दमदार रहे हैं और क्रिटिक ने इसे काफी सराहा है।
लखनऊ की बात करें तो पहला शो ज़्यादातर मॉल और सिनेमाघरों में हाउसफुल हो गया है। मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष अनीस राजा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम अपने सभी साथियों के साथ आज (शुक्रवार) को 'छपाक' फिल्म देखेंगे। ज्वलंत और सामाजिक मुद्दे से जुड़ी हुई इस फिल्म को न सिर्फ समाजवादी पार्टी के लोग देखेंगे, बल्कि इसके खिलाफ सामाजिक जंग भी लड़ेंगे। वहीं, सपा के एक अन्य नेता दीपक रंजन ने बताया कि हालांकि फिल्म काफी संवेदनशील मुद्दे से जुड़ी है, लेकिन पिछले दिनों जेएनयू में जिस तरह के हालात बने, उसके बाद इस फिल्म को लेकर और मन में बहुत कुतूहल है। पार्टी के युवा नेता मो. एबाद भी कहते हैं कि हम तमाम लोग अपने समाजवादी साथियों के साथ फिल्म को देखेंगे। -
नई दिल्ली। पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जांच कर रही एसआईटी की टीम ने भगौड़े आरोपी ऋषिकेश देवडीकर को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है। उसे झारखंड के धनबाद शहर से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ऋषिकेश के घर पर अन्य तथ्यों और सबूतों के लिए तलाशी कर रही है। न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने आज रिषिकेश को पेश किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार ऋषिकेश कतरास के एक व्यवसायी प्रदीप खेमका के पेट्रोल पंप में अपनी पहचान को छिपाकर रह रहा था, लेकिन बेंगलुरू की एसआईटी टीम ने उसे छापेमारी में पकड़ लिया। बता दें कि गौरी लंकेश हत्याकांड की बेहतरीन जांच करने वाली टीम को पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने मेडल प्रदान किया था। बेंगलुरू की एसआईटी की टीम में आईपीएस एमएन अनुचेथ, डिप्टी एसपी रंगप्पा, इंस्पेक्टर राजा शामिल हैं, जिन्हें केंद्र गृह मंत्री पदक दिया गया था। टीम को 25 लाख रुपए का सम्मान कर्नाटक सरकार ने भी दिया था और केंद्र सरकार से एसआईटी की टीम को सम्मानित करने की सिफारिश की थी। - मीडिया रिपोर्ट
सूरत। गुजरात के सूरत में गुरुवार की सुबह बड़ा हादसा हो गया। यहां गैस सिलेंडर से भरे एक ट्रक पलट गया, जिससे ट्रक में भीषण आग लग गई। आग की चपेट में वहां से गुजर रही एक स्कूल बस भी आ गई। स्कूल बस में करीब 25 बच्चे सवार थे, जिन्हें बचा लिया गया है। बता दें कि इस हादसे में ट्रक, बस, टेम्पो और ऑटो जलकर राख हो गए। वहीं, हादसे की सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की 5 गाड़ियों ने किसी तरह से आग पर काबू पाया। हादसे में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।
जानकारी के मुताबिक, यह हादसा ओलपाड इलाके में हुआ है। यहां इंडियन ऑल एलपीजी सिलेंडर से भरा एक ट्रक ओलपाड इलाके से गुजर रहा था। तभी अचानक से ट्रक हादसे का शिकार हो गया। इससे उस पर लदे ट्रकों में आग लग गई और धमाके भी होने लगे। इसी बीच वहां से गुजर रही एक स्कूल बस भी आग की चपेट में आ गई।
बस पर करीब 25 बच्चे सवार थे और कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें बस से निकाल लिया गया है। बता दें कि सिलेंडल फटने की वजह से जोरदार धमाके हुए जिसकी आवाज दूर-दूर तक सुनी गई। वहीं, सिलेंडर ब्लास्ट की सूचना पर फायर बिग्रेड की पांच गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। काफी देर तक प्रयास करने के बाद किसी तरह से आग पर काबू पाया गया। -
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बुधवार (8 जनवरी, 2019) को कहा कि भाजपा नेता मनोज तिवारी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने पर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार से पांच गुना अधिक सब्सिडी देने का वादा कर जनता का माखौल उड़ाया है। तिवारी ने सोमवार को दिल्ली के निवासियों को आप सरकार से पांच गुना अधिक सब्सिडी देने का वादा किया था। तिवारी के वादे पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा कि उन्हें (तिवारी) भाजपा शासित प्रदेशों में सब्सिडी लागू करना चाहिए।
केजरीवाल ने तिवारी द्वारा किए गए वादे की खबर में उनको टैग करते हुए एक ट्वीट में कहा, ‘‘पांच गुना अधिक सब्सिडी। मतलब? दो सौ यूनिट की बजाय आप एक हजार यूनिट (बिजली) मुफ्त देंगे। बीस हजार लीटर की बजाय एक लाख लीटर पानी मुफ्त देंगे? ऐसे वादे कर आप जनता का मखौल उड़ा रहे हैं? दिल्ली में होने वाले चुनाव से पहले इसे भाजपा शासित किसी एक प्रदेश में लागू कीजिए?’’
सोशल मीडिया यूजर्स ने भी भाजपा नेता मजोज तिवारी के ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। ट्विटर यूजर कुलदीप कादयान लिखते हैं, ‘तिवारी जी बीजेपी तो फ्री देने के खिलाफ थी ना, अब क्या हुआ??’ डायाराम रेबारी लिखते हैं, ‘तुम लोगों का काम है झूठ बोलना और जनता को गुमराह करना। अरविंद केजरीवाल जी का काम है जनता के लिए काम करना और काम के दम पर वोट मांगना।’ एक यूजर लिखते हैं, ‘कुछ भी बोलते हो तिवारी? पहले इसे यूपी और बिहार में लागू करके दिखाओ। - एजेंसी
मध्य प्रदेश के शाजापुर कस्बे में नागरिकता संशोधन कानून सीएए के समर्थन में बुधवार को रैली निकाली गई इसमें कुछ अज्ञात लोगों द्वारा पथराव किए जाने के बाद कस्बे में तनाव पैदा हो गया। पथराव के बाद कस्बे में दुकानदारों ने अपनी दुकानें कुछ देर के लिये बंद कर दी। राष्ट्रीय रक्षा मंच नामक संगठन ने संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में रैली का आयोजन किया था।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में निकाली जा रही रैली जब कुरैशी मोहल्ला क्षेत्र में पहुंची तो कुछ अज्ञात लोगों ने इस पर पथराव कर दिया। उन्होंने कहा कि रैली के साथ चल रहे पुलिस बल ने तुरंत स्थिति पर नियंत्रण किया। बता दें कि बुधवार (8 जनवरी) दोपहर 1 बजे सीएए के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया गया था। इसमें शहर के लगभग 40 संगठन शामिल थे। हजारों लोग बिल के समर्थन में हाथों में तिरंगा लेकर भारत माता के जयकारे लगा रहे थे।
श्रीवास्तव ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और ऐहतियात के तौर पर क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। - हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृहमंत्री अनिल विज के बीच चल रहा विवाद और बढ़ गया है। क्योंकि सीआईडी को लेकर मंत्री विज ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मंत्री विज ने कहा कि सरकार वेबसाइट से नहीं, रूल ऑफ बिजनेस से चलती है। सीआईडी विभाग अभी भी गृह मंत्रालय के पास ही है। कैबिनेट के अनुमोदन के बाद विधानसभा में बिल पास करवाने के बाद ही सीआईडी मुख्यमंत्री के पास जा सकता है।हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने सरकारी वेबसाइट पर सीआईडी मुख्यमंत्री के पास होने की अपडेट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चाहे तो वो सीआईडी विभाग गृहमंत्री से वापस ले सकते हैं, लेकिन वो कैबिनेट की मीटिंग के बिना नहीं हो सकता। इसलिए सीआईडी अभी तक उनके पास ही है।
विज ने कहा कि सरकारें वेबसाइटों से नहीं रूल आफ लॉ से चलती हैं। मुख्यमंत्री सुप्रीम होते हैं, चाहें तो सीआईडी उनसे वापस ले सकते हैं, लेकिन कानून के मुताबिक बिना कैबिनेट की मीटिंग में पास हुए और विधानसभा में पास किए ऐसा नहीं हो सकता और अभी तक इस मामले में कोई मीटिंग भी नहीं हुई हैं। अनिल विज ने कहा कि अफसरशाही से उनका कोई झगड़ा नहीं है। काम न करने वालों को ठीक करना मेरा धर्म और कर्म हैं और ये मैं आखिरी सांस तक करता रहूंगा ।
ये है पूरा विवाद
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार में बीते कई दिनों से सरकार में सीआईडी विभाग को लेकर कशमकश चल रही है है। प्रदेश सरकार के अनुसार, विधानसभा ने सभी मंत्रियों के विभागों की स्थिति स्पष्ट की है। विभागों के आवंटन के मुताबिक सीआईडी मुख्यमंत्री के पास है, जबकि गृह विभाग जिम्मा कैबिनेट मंत्री अनिल विज के पास है। गृह मंत्री की कुर्सी संभालने के बाद विज सीआईडी को भी अपने अधीन ही समझते रहे, जबकि ये विभाग उनके पास था ही नहीं। गलतफहमी उस गजट नोटिफिकेशन से हुई जो मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के समय जारी हुआ था। उसमें सीआईडी विभाग का उल्लेख स्पष्ट तौर पर नहीं था।
विज के पास गृह विभाग दिखाया गया था, इसलिए वह समझ बैठे कि सीआईडी भी गृह विभाग का ही हिस्सा है। जबकि, सीआईडी विभाग सीएम के पास था। इसे सीएम के विभागों में विधानसभा की वेबसाइट पर 12वें नंबर पर दिखाया गया है। सरकार में पिछले दिनों सीआईडी को लेकर मुख्यमंत्री और गृह मंत्री अनिल विज के बीच टंग ऑफ वॉर भी चला। विज ने सीआईडी से विधानसभा चुनाव की वह गोपनीय रिपोर्ट देने को कहा, जिसमें विधानसभा अनुसार हार-जीत का विश्लेषण किया गया हो। सीआईडी ने इसके बजाए और रिपोर्ट भेज दी, जिसे विज ने लौटा दिया और पूरी रिपोर्ट देने को कहा। -
नई दिल्ली: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया है कि वहां पर किसी भी लड़की की हत्या नहीं हुई है. जिनके मर्डर का शक था, वे सब बाद में जिंदा मिली हैं. कोर्ट में सीबीआई की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल पेश हुए हैं. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि हत्या का कोई सबूत नहीं मिला है. जिनके मर्डर का शक था, वे सभी सभी 35 लड़कियों को जीवित पाया गया है. वहां से जो हड्डियां मिली हैं, जो कुछ अन्य व्यस्कों की हैं. दावा किया गया है कि सीबीआई जांच में साफ हो गया है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में किसी भी नाबालिक की हत्या नहीं की गई है.
बता दें, सीबीआई ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न के 17 मामलों में जांच पूरी हो गई है और जिलाधिकारियों सहित संलिप्त सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट दायर कर दी गई है. उच्चतम न्यायालय में दायर अपनी स्थिति रिपोर्ट में जांच एजेंसी ने कहा कि चार प्रारंभिक जांच में किसी आपराधिक कृत्य को साबित करने वाला साक्ष्य नहीं मिला और इसलिए कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.
सीबीआई ने स्थिति रिपोर्ट में कहा, ‘सभी 17 आश्रय गृह मामलों में जांच पूरी हो गई है. 13 नियमित मामलों में अंतिम रिपोर्ट सक्षम अदालत को भेजी गई है. चार प्रारंभिक मामलों की जांच पूरी हो गई है और आपराधिक कृत्य को साबित करने वाले साक्ष्य नहीं मिले और इसलिए इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.' इसने कहा, ‘सभी मामलों में संलिप्त सरकारी सेवकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बिहार के मुख्य सचिव को सीबीआई की रिपोर्ट भेज दी गई है. मुजफ्फरपुर आश्रय गृह समेत सभी 17 आश्रय गृह मामलों की जांच पूरी हो गई है और सक्षम अदालत में अंतिम रिपोर्ट दायर कर दी गई है. सीबीआई रिपोर्ट के रूप में नोट को मुख्य सचिव के पास उपयुक्त कार्रवाई के लिए भेजा गया है.'
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में सीबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दायर करने के बाद बिहार में सियासी बयानबाजी तेज हो गई. बयानवाजी तेज हो गई है. राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने सीबीआई जांच पर सवाल खड़ा किया है. राजद की तरफ से ट्वीट कर कहा गया है कि CBI ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को ही पूरा पलट दिया! CBI के अनुसार- किसी बच्ची की हत्या हुई ही नहीं! हत्या का कोई सबूत नहीं मिला! नरकंकाल अज्ञात वयस्कों के! अब हो गया न्याय! बजाओ ताली! समझ में आया पलटू की पलटी? केस के जांच की कमान अस्थाना के पास थी! वाह मोदीजी वाह! - झाबुआ: मध्यप्रदेश के झाबुआ में 300 बीजेपी नेताओं के खिलाफ शहर में शांति भंग करने के आरोप में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. इसमें रतलाम-झाबुआ सीट से सांसद गुमान सिंह डामोर भी शामिल हैं. सांसद गुमान सिंह डामोर के नेतृत्व में बीजेपी नेताओं ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में एक रैली निकाली.
इसी रैली में बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. जानकारी के अनुसार रैली से पहले पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ मैदान में जमा हुए. जहां पर सभी ने पहले राष्ट्रगान गाया. इसके बाद बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर के ऑफिस तक मार्च निकाला और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
सब डिविजनल मजिस्ट्रेट डॉ अभयसिंह खराड़ी ने कहा कि बीजेपी के नेताओं ने रैली निकालकर प्रशासनिक आदेश का उल्लंघन किया है. इस रैली में सांसद डामोर के अलावा, जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष मनोहर सेठिया, पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया और अन्य पर बीजेपी नेताओं पर धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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नयी दिल्लीः 2012 में हुए निर्भया मामले में चारों दोषियों (अक्षय, मुकेश, विनय और पवन) के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी कर दिया है. चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी. डेथ वारंट की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.फैसला सुनाने से पहले जज ने दोषियों से वीडियो कॉन्फेंस के जरिये बात की. जज ने दोषियों से अपनी बात रखने को कहा. दोषी अक्षय ने खुद को बेगुनाह बताया और कहा कि उसके बारे में गलत खबरें दी जा रही हैं. उसने कहा, मुझे फंसाया जा रहा है. दोषियों की दलील सुनने के दौरान जज ने कहा, कोर्ट में केवल केस से जुड़े लोग ही रहें. जज ने मीडिया को भी कोर्ट रूम से बाहर जाने को कहा. - लखनऊ: राजधानी में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में हुए हिसंक प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार पूर्व आईपीएस अधिकारी एस आर दारापुरी और कांग्रेस प्रवक्ता सदफ जाफर को मंगलवार को जेल से रिहा कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि स्थानीय अदालत ने शनिवार को उन्हें जमानत दी थी, लेकिन कागजी कार्रवाई पूरी न होने के कारण उनकी जेल से रिहाई नहीं हो सकी थी। कांग्रेस के नगर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान ने बताया कि आज सुबह करीब 10 बजे वे जेल से रिहा हो गये।
उन्होंने बताया, “मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ दोनों को लेने जेल गया था। हमारी पार्टी संशोधित नागरिकता विधेयक के विरोध में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता का विरोध करती है।” सदफ को 19 दिसंबर को और दारापुरी को 20 दिसंबर को गिरफतार किया गया था।
जेल से रिहा होते ही एसआर दारापुरी ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए। दारापुरी ने कहा कि जब हिंसा हुई थी, तब मैं घर में नजरबंद था। इसके बाद मुझे गिरफ्तार कर लिया गया और खाना नहीं दिया गया। मुझे ठंड लग रही थी, मैंने कंबल की मांग की लेकिन पुलिस ने मना कर दिया।
वहीं, सदफ जाफर ने कहा कि 19 दिसंबर को जब लखनऊ में हिंसा हुई तो मैं फेसबुक लाइव के जरिए पुलिस की निष्क्रियता उजागर कर रही थी। हम शांतिपूर्वक सीएए के खिलाफ विरोध कर रहे थे। मुझे पुलिस हिरासत में बेरहमी से पीटा गया। यहां तक कि पुरुष पुलिस वालों ने भी मुझे पीटा था। पुलिसकर्मियों ने मुझे लात मारी। - रांची : झारखंड सरकार ने मंगलवार को अनुपूरक बजट पेश किया. विधानसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 4,210 करोड़ रुपये की तीसरी अनुपूरक बजट मांग पेश की. इससे पहले मंगलवार को नियत समय पर झारखंड विधानसभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू हुई और राज्यपाल का अभिभाषण हुआ.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के रवींद्रनाथ महतो सर्वसम्मति से मंगलवार को झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष चुने गये. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका समर्थन हाजी हुसैन अंसारी ने किया. इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया. आपको बता दें कि महतो नाला विधानसभा क्षेत्र से तीसरी बार विधायक चुने गये हैं. श्री महतो का निर्विरोध स्पीकर बनना तय था क्योंकि उनके अलावा किसी अन्य ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया था. मंगलवार को सदन ने नये स्पीकर के चयन की औपचारिकता पूरी की. श्री महतो झामुमो-कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के साझा उम्मीदवार थे. - एजेंसीभोपाल : मध्य प्रदेश में एक दलित महिला के साथ रेप किए जाने के आरोप में पुलिस ने भाजपा नेता को गिरफ्तार किया है। आरोपी देवेन्द्र ताम्रकर मध्य प्रदेश के अशोकनगर में भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ प्रभारी है। पुलिस के अनुसार सिंगरौली जिले से गिरफ्तार किए गए देवेन्द्र ताम्रकर के खिलाफ एक महिला की शिकायत पर 31 दिसंबर को रिपोर्ट दर्ज की गई थी जिसमें बताया गया था कि पीड़िता का पति आरोपी देवेन्द्र ताम्रकर के खेत में मजदूरी करता था। इसी के चलते पीड़िता की ताम्रकर से जान पहचान हो गई थी। 30 नवंबर वह उनके घर आया और बोला कि वह वाराणासी जा रहा है। उन्हें भी उसके साथ चलना चाहिए। वह सिंगरौली जिले में अपने दोस्त की खदान में उनको काम दिलवा देगा।
अगले दिन पीड़िता और उसका पति आरोपी देवेन्द्र ताम्रकर के साथ कार में सवार होकर सिंगरौली चले गए। एक ढाबे पर उसने पीड़िता के पति को शराब पिलाई। उसके बाद वह उसे एक सुनसान जगह ले गया, जहां खदान में काम दिलवाने का झांसा देकर दुष्कर्म किया। आरोपी ने उसे पुलिस शिकायत करने पर परिणाम भुगतने की धमकी दी। सिंगरौली एसडीओपी कृपाशंकर द्विवेदी ने बताया कि सोमवार को न्यायलय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। सरकार के इशारे पर कार्रवाई का आरोप
उधर, सोमवार को मध्य प्रदेश भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने अशोकनगर एसपी को ज्ञापन देकर बताया कि ताम्रकर को झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। पाराशर ने आरोप लगाया कि देवेन्द्र ताम्रकर कांग्रेस विधायक के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र की शिकायत में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। इसी वजह से पुलिस ने सरकार के इशारे पर देवेन्द्र के खिलाफ कार्रवाई की है। वहीं, इस मामले में कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों का खंडन किया है। - एजेंसीनई दिल्ली-गाजियाबाद: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में बीते दिनों हुई हिंसा की जिम्मेदारी हिंदू रक्षा दल ने ली है। हिंदू रक्षा दल के प्रमुख पिंकी चौधरी ने कहा कि जेएनयू लगातार देशविरोधी हरकतों का अड्डा बनता जा रहा है, हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। जेएनयू में जो हिंसा हुई है हम उसकी पूरी जिम्मेदारी लेते हैं। हम कहना चाहते हैं कि हमला करने वाले हमारे कार्यकर्ता थे।जांच में जुटी दिल्ली पुलिस
हिंदू रक्षा दल के प्रमुख द्वारा किए गए इस दावे पर अब दिल्ली पुलिस एक्टिव हो गई है। पुलिस का कहना है कि उन्होंने इस मामले में संज्ञान लिया है और हर तरीके से इस दावे की जांच की जाएगी। इसके अलावा दिल्ली पुलिस की ओर से हिंसा की सीसीटीवी फुटेज भी जांची जा रही है। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज के जरिए नकाबपोश लोगों की तलाश हो रही है, इनकी पहचान कर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
बता दें कि इससे पहले दिल्ली पुलिस की शुरुआती जांच में ये सामने आया था कि जेएनयू में हिंसा करने वाले नकाबपोश एबीवीपी और लेफ्ट के कार्यकर्ता ही थे। इनकी पहचान कर पुलिस जल्द ही एक्शन लेगी। बता दें कि पुलिस ने अभी तक इस मामले में एशआईआर दर्ज कर ली है, हालांकि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।क्या है पूरा मामला?गौरतलब है कि पांच जनवरी की शाम को जेएनयू में दर्जनों नकाबपोश लोगों ने कैंपस में घुसकर तोडफ़ोड़ की थी। इस दौरान हमलावरों ने छात्रों और फैकल्टी पर हमला भी किया, जिसमें 30 से अधिक लोग घायल हुए। घायलों में छ्वहृस् की अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल थीं, जिनके सिर पर गंभीर चोट आई थी। इस हिंसा से जुड़े कुछ वीडियो साझा किए जा रहे हैं जिनमें एबीवीपी और लेफ्ट दोनों की तरफ से एक-दूसरे पर हिंसा का आरोप लगाया जा रहा है। - एजेंसीनई दिल्ली: सियाचीन में वर्ष 1984 में ‘ऑपरेशन मेघदूत' की अगुवाई करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) प्रेम नाथ हून का मंगलवार को निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल पी एन हून (सेवानिवृत) ने देश को मजबूत एवं सुरक्षित बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। मोदी ने ट्वीट किया कि लेफ्टिनेंट जनरल पी एन हून (सेवानिवृत) के निधन से काफी दुखी हूं। उन्होंने पूरे समर्पण के साथ भारत की सेवा की और हमारे देश को मजबूत एवं अधिक सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार एवं मित्रों के साथ है।
ऑपरेशन मेघदूत में भूमिका अहमलेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) हून के नेतृत्व में ही भारत ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र में हुई पहली लड़ाई में जीत हासिल की थी। पाकिस्तान के कब्जे से कूटनीतिक रूप से बेहद अहम सियाचिन और उसके आसपास के सभी ग्लेशियर्स को निकालकर उन पर तिरंगा लहराया था। ऑपरेशन मेघदूत में उनकी भूमिका के लिए उनको परम विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा गया था। क्या है ऑपरेशन मेघदूत? सियाचिन पर कब्जे के लिए पाकिस्तान ने अपने सैनिकों की एक टुकड़ी को तैयार किया और बर्फ में इस्तेमाल होने वाले साजो-सामान के लिए लंदन स्थित एक फर्म से संपर्क किया। इसे पाकिस्तान का दुर्भाग्य ही कहे कि जिस फर्म से उसने संपर्क किया था, वही फर्म भारत को यही साजो-सामान मुहैया कराती थी। ऐसे में भारत को पाकिस्तान की साजिश की खबर लग गई।
भारतीय सेना ने लेफ्टिनेंट जनरल पीएन हून के नेतृत्व में 13 अप्रैल 1984 को सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत लॉन्च किया। भारत ने 13 अप्रैल की तारीख इसलिए चुनी गई क्योंकि इस दिन वैसाखी थी और पाकिस्तानी सेना यह मानकर बैठी थी कि इस दिन भारत में लोग त्योहार में व्यस्त होंगे लेकिन हून ने पड़ोसी मुल्क वो धूल चटाई कि आजतक वो ऑपरेशन मेघदूत नहीं भूल पाया। ऑपरेशन मेघदूत को काफी मुश्किल था क्योंकि भारत की तरफ से सियाचिन की खड़ी चढ़ाई थी। भारतीय सैनिकों ने माइनस 40 से माइनस 60 डिग्री के तापमान में सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में हुई पहली जंग में जीत हासिल की थी। पाकिस्तान की भारत के हाथों यह सबसे शर्मनाक हारों में से एक है। - नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. 16 नवंबर, 1991 को हुई एक हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को सही मानते हुए नीतीश कुमार के पक्ष में फैसला सुनाया है. मामले में अदालत ने बिहार के मुख्यमंत्री को आरोप मुक्त कर दिया है. गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ निचली अदालत द्वारा 28 साल पुराने एक हत्या के मामले में दिए गए आदेश को मार्च 2019 में पटना हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था.
जिसके बाद पटना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी थी. बता दें कि पंडारक के ढीबर गांव में 16 नवंबर, 1991 को बाढ़ संसदीय क्षेत्र के मध्यावधि चुनाव के लिए हुए मतदान के दिन ग्रामीण सीताराम सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में नीतीश कुमार सहित कुल पांच लोगों को आरोपी बनाया गया था. एफआईआर दर्ज होने के बाद नीतीश कुमार सहित दो लोगों को पुलिस ने जांच के बाद आरोपमुक्त कर दिया था.
वर्ष 2009 में मृतक के भाई अशोक सिंह द्वारा बाढ़ के तत्कालीन एसीजेएम की कोर्ट में याचिका दाखिल कर नीतीश कुमार को अभियुक्त बनाने की मांग की थी, जिसपर कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए केस चलाने की अनुमति दे दी थी. लेकिन हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया था जिस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा. - नई दिल्ली
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में जो हिंसा हुई उसपर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. मोदी सरकार पर हमलावर रहने वाले शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बार JNU हिंसा के बहाने सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अभी नागरिकता संशोधन एक्ट में ही बिजी है, दूसरी ओर छात्र अपने ही देश में सुरक्षित नहीं हैं.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, ‘देश की राजधानी दिल्ली में कभी पुलिस यूनिवर्सिटी में घुस जाती है, फायरिंग हो जाती है और नकाबपोश लोग यूनिवर्सिटी में घुसकर छात्रों पर हमला करते हैं. ये पूरी तरह से कानून का उल्लंघन है, ये ठीक नहीं है’. उन्होंने कहा कि सरकार के लोग CAA में व्यस्त हैं, लेकिन देश में छात्र ही सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने जांच बैठाने की बात की है, लेकिन हमलावर कौन हैं और हिंसा के पीछे क्या कारण है, ये जांचना होगा. संजय राउत ने कहा कि पिछले पांच साल से ही JNU को निशाना बनाया जा रहा है. जेएनयू ने हमें नोबेल प्राइज विनर दिए हैं, कई ऐसे बड़े स्कॉलर यहां से निकले हैं. -
नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हुई हिंसा पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि, ”नकाबपोश उपद्रवियों द्वारा जेएनयू के छात्रों-शिक्षकों पर हमला स्तब्ध करने वाला है. इस हमले में कई छात्र-शिक्षक घायल हो गए हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘देश पर राज करने वाले फासीवादी हमारे बहादुर छात्रों की आवाज से डर गए हैं. आज जेएनयू में हुई हिंसा उसी डर को दर्शाती है। ‘ बता दें कि जवाहर लाल नेहरू यूनिववर्सिटी (JNU) में देर शाम को चेहरे पर नकाब बांधे कुछ लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया. इनमें से 15 छात्रों को एम्स ट्रॉमा सेंटर में एडमिट कराया गया है।
वहीं माकपा नेता सीताराम येचुरी ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा- खबरों से मालूम चलता है कि छात्रों एवं शिक्षकों पर हिंसा करने के लिए प्रशासन और एबीवीपी के ‘गुंडों’ के बीच साठगांठ है। यह सत्ता में बैठे लोगों का सुनियोजित हमला है जो उसके हिंदुत्व के एजेंडे की राह में बाधा डाल रहे जेएनयू से डरते हैं।
JNU में हुई हिंसा को लेकर छात्र संघ के पूर्व नेता उमर खालिद ने ABVP को जिम्मेदार ठहराया है, Hw News से exclusive बात करते हुए खालिद ने कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि इस हमले ABVP का हांथ। उन्होंने बीजेपी सरकार और दिल्ली पुलिस पर भी सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि JNU के छात्रों ने बहुत कुछ साहा है और इस तरह के हमले से वो डरने वाले नहीं है। - नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक बार फिर बवाल जारी है। विश्वविद्यालय परिसर में चेहरे पर नकाब बांधे कुछ लोगों ने जेएनयू कैंपस के अंदर छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया। इस हमले में छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई छात्र और शिक्षक गंभीर तौर पर घायल हुए हैं। छात्रसंघ ने दावा किया है कि उनकी अध्यक्ष आइशी घोष और कई दूसरे स्टूडेंट्स को ABVP के सदस्यों ने पीटा है।
- नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (Jawaharlal Nehru University) में बीते दिन कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया. जेएनयू कैंपस में अचानक हुए इस हमले में कई छात्र और टीचर्स घायल भी हो गए. जेएनयू में हुए इस हमले पर देश की जनता के साथ-साथ बॉलीवुड सेलेब्रिटीज भी खूब रिएक्शन दे रहे हैं. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में छात्रों पर हुए इस हमले को लेकर अब बॉलीवुड एक्ट्रेस ट्विंकल खन्ना का रिएक्शन आया है. ट्विंकल खन्ना ने अपने ट्वीट के जरिए प्रशासन पर जमकर निशाना साधा है.
ट्विंकल खन्ना ने अपने ट्विटर हैंडल से छात्रों पर हुए इस हमले को लेकर लिखा, "भारत, जहां गायों को छात्रों से ज्यादा सुरक्षा प्राप्त है. यह वह देश है जिसने डर में जीने से इनकार कर दिया है. आप हिंसा करके लोगों को दबा नहीं सकते...और ज्यादा विरोध होगा, प्रदर्शन ज्यादा होंगे, सड़कों पर ज्यादा लोग उतरेंगे." ट्विंकल खन्ना (Twinkle Khanna) के इस ट्वीट पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. - नई दिल्ली: दिल्ली की जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में कल शाम छात्रों पर हुए हमले को लेकर बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने चौंकाने वाला दावा किया है. अमित मालवीय ने जेएनयू कैंपसे के अंदर की एक वीडियो ट्वीट करके कहा है कि लेफ्ट यूनियन्स से जुड़े छात्रों ने जेएनयू के मुख्य सर्वर रूम को ब्लॉक किया और बाद में उग्र प्रदर्शन पर उतर गए. अमित मालवीय ने कहा, ‘’JNU की ‘नकाबपोश क्रांति’ बेनकाब’! लेफ्ट यूनियन्स से जुड़े इन छात्रों ने जेएनयू के मुख्य सर्वर रूम को ब्लॉक कर दिया और आज वह उग्र प्रदर्शन पर उतर गए.’’ मालवीय ने आगे कहा, ‘’याद रखें कि कुछ दिनों पहले फेस रिकग्निशन (चहरा दिखाने) से बचने के लिए लेफ्ट ने मास्क का इस्तेमाल कैसे करना है, इसके लिए ट्यूटोरियल किए थे.’’
वहीं, एक अन्य ट्वीट में अमित मालवीय ने कहा, “आखिर कैसे कुछ लेफ्ट एक्टिविस्ट, जो कि न जेएनयू के छात्र हैं और न ही प्रोफेसर हैं, कैंपस में घुस जाते हैं, वे हमेशा कैंपस में हिंसा करने की फिराक में रहते हैं.”
जेएनयू में कल शाम नकाबपोश बदमाशों ने लड़कियों के हॉस्टल में घुसकर छात्रों पर जानलेवा हमला किया. लाठी डंडों और लोहे की सरिया लेकर आए नकाबपोश गुंडों ने छात्रों को पीटा, गर्ल्स हॉस्टल में घुसकर लड़कियों पर हमले किए और प्रोफेसर्स के साथ भी मारपीट की. करीब 20 लोगों को एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कई छात्रों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है. - एजेंसीनई दिल्ली : एयर इंडिया के बंद होने की खबर के बीच कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी लोहानी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इन तमाम खबरों को अफवाह करारे देते हुए सिरे से खारिज किया है। लोहानी ने कहा कि एयर इंडिया के बंद होने की खबरें महज अफवाह हैं और इसमे किसी भी तरह की सच्चाई नहीं है। एयर इंडिया आगे भी अपनी उड़ान जारी रखेगा और आने वाले समय में विस्तार र करेगा। एयर इंडिया को मौजूदा समय में सबसे बड़ी एयरलाइंस है, लिहाजा एयर इंडिया में सफर करने वाले यात्रियों, कॉर्पोरेट और एजेंट को किसी भी तरह की कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
दरअसल पिछले कुछ दिनों से इस तरह का कई अफवाह सामने आई थी कि एयर इंडिया जल्द ही अपनी उड़ान बंद करने वाली है और कंपनी बंद होने की कगार पर है। केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिसंह पुरी ने एयर इंडिया के कई प्रतिनिधियों से कंपनी के निजीकरण को लेकर मुलाकात की थी, जिसके बाद इस तरह की खबरें सामने आई थी कि एय़र इंडिया बंद होने जा रहा है और इसका निजीकरण हो जाएगा। लेकिन इन तमाम खबरों को लोहानी ने खारिज करते हुए कहा कि एयर इंडिया अपनी उड़ान जारी रखेगा।
मंगलवार को सरकार की ओर से कहा गया था कि कर्ज के तले दबी एयर इंडिया का निजीकरण अनिवार्य है,क्योंकि इसके बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। पुरी ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि हमारे लिए यह कतई विकल्प नहीं है। एयर इंडिया का निजीकरण होना है। पुरी ने कहा था कि एयर इंडिया पर भारी कर्ज ने कंपनी को अस्थिर कर दिया है लिहाजा इसके संचालन के लिए कंपनी को निजी हाथों में देने की जरूरत है। पिछले कुछ समय में एयर इंडिया ने काफी कर्ज ले रखा है। - एजेंसीरामपुरः रामपुर के सांसद आजम खान की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसी क्रम में सपा सांसद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। वारंट आचार संहिता उल्लंघन के मामले में जारी किया गया है। सपा सांसद पर आरोप है कि उन्होंने तहसील स्वार में रोड शो के दौरान सेना पर विवादित टिप्पणी की थी। ADJ-6 की कोर्ट ने आजम खान को 18 जनवरी तक पेश होने का आदेश दिया है। इसके अलावा कई और मामलों में 16 जनवरी को कोर्ट में सुनवाई होगी।बता दें कि पिछले साल दिसंबर में CAA और NRC के विरोध में गुरुवार को UP के विभिन्न शहरों में भी प्रदर्शन किया गया था। रामपुर में आजम खान ने नागरिकता संशोधन कानून खिलाफ प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के लिए रामपुर जिला प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने से नाराज आजम खान ने पार्टी कार्यालय की छत पर चढ़कर नए कानून के खिलाफ नारे लगाए थे। पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन कर रहे सांसद ने कहा कि धारा 144 लगाने का मतलब यह नहीं है कि राजनीतिक कार्यक्रम को रोका जाए।वहीं कुछ दिन पहले ही बेटे अब्दुल्ला की रद्द हुई विधायकी से अभी पिछले महीने 16 तारीख को आजम खान को इलाहाबाद HC से बड़ा झटका लगा। अब्दुल्ला स्वार सीट से विधायक चुने गए थे। कोर्ट ने चुनाव के दौरान दिए गए उनके हलफनामे में उनकी उम्र को गलत पाया है।बता दें कि इस मामले में साल 2017 में BSP के नेता नवाब काजिम अली ने इलाहाबाद HC में याचिका दायर की थी। याचिका में बताया गया कि विधानसभा चुनाव दौरान अब्दुल्ला आजम ने हलफनामे में अपनी उम्र की गलत जानकारी दी थी। नवाब काजिम अली ने चुनाव अर्जी में अब्दुल्ला को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य बताते हुए उनका निर्वाचन रद्द किए जाने और रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से नए सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग की थी।