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- एजेंसीनई दिल्ली : देशभर में नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। तमाम विपक्षी दल सरकार को इस मसले पर घेरने में लगे हैं और इसके खिलाफ सड़क पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन इन तमाम विरोध प्रदर्शन को लेकर सरकार का रुख नर्म पड़ता नहीं दिख रहा है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने एनपीआर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि एनपीआर को लेकर फैसला ले लिया गया है और इसे लागू करने की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।
सुशील मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर फैसला ले लिया गया है। इस बाबद प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। 15 से 28 मई के बीच बिहार में एनपीआर के लिए डाटा लेने का काम शुरू किया जाएगा। बता दें कि एनपीआर एक तरह से देश के नागरिकों का रजिस्टर होगा। इससे पहले साल 2010 में डाटा एकत्रित किया गया था। ये काम उस वक्त हुआ जब 2011 की जनगणना के लिए आंकड़े जुटाए गए थे। अधिकारियों का कहना है कि 2015 में घर-घर जाकर किए गए सर्वेक्षण और अपडेट के लिए डाटा डिजिटलाइजेशन का काम पूरा हो गया है। नागरिकों का डाटाबेस एनपीआर यानी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को नागरिकता कानून 1955 और नागरिकता (नागरिकों का रजिस्ट्रेशन और राष्ट्रीय पहचान पत्र का मसला) नियम 2003 के तहत स्थानीय स्तर पर यानी उपजिला, जिला और राज्य स्तर पर बनाया जाएगा। इनमें देश के हर नागरिक के लिए नाम दर्ज कराना अनिवार्य होगा। एक तरह से यह देश में रह रहे नागरिकों के लिए समग्र डाटाबेस होगा। जिसे जनसांख्यिकीय और बायोमीट्रिक आधार पर बनाया जाएगा।
क्या है एनपीआर एनपीआर यानी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को नागरिकता कानून 1955 और नागरिकता (नागरिकों का रजिस्ट्रेशन और राष्ट्रीय पहचान पत्र का मसला) नियम 2003 के तहत स्थानीय स्तर पर यानी उपजिला, जिला और राज्य स्तर पर बनाया जाएगा। इनमें देश के हर नागरिक के लिए नाम दर्ज कराना अनिवार्य होगा। एक तरह से यह देश में रह रहे नागरिकों के लिए समग्र डाटाबेस होगा। जिसे जनसांख्यिकीय और बायोमीट्रिक आधार पर बनाया जाएगा। -
जयपुर: मायावती की पार्टी बसपा को राजस्थान में बड़ा झटका लगा है. यहां बसपा के छह विधायकों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. वह शुक्रवार को औपचारिक रूप से कांग्रेस में शामिल हो गए. बता दें कि 2018 में हुए राजस्थान विधानसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी ने 190 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 6 को जीत मिली थी और 178 की जमानत जब्त हुई थी.
शुक्रवार को बसपा के सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं जिसके बाद अब राजस्थान में पार्टी का एक भी विधायक नहीं बचा है. वहीं, 2018 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के 100 विधायकों की जीत हुई थी जबकि भारतीय जनता पार्टी के 73 विधायक जीते थे. आम आदमी पार्टी ने भी 142 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे लेकिन सभी की जमानत जब्त हो गई थी. - इटावाः उत्तर प्रदेश के इटावा में प्रेमी प्रेमिका को आपत्तिजनक अवस्था में देखकर लड़की के भाई ने उन पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया. घटना में प्रेमिका की मौके पर ही मौत हो गई जबकि प्रेमी को गम्भीर हालत में अस्पताल मे भर्ती कराया गया है.वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि जिले के ऊसराहार थाना क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम वैदपुरा में शुक्रवार को शाम साढ़े पांच बजे गांव के एक खाली मकान में प्रेमी युगल को आपत्तिजनक हालत में लड़की के पिता ने देख लिया, इसके बाद उसके भाई ने दोनों पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया जिससे लड़की की मौके पर ही मौत हो गई जबकि लड़का गम्भीर रूप से घायल हो गया.
सूचना पर पहुंची थाना पुलिस ने लड़की के शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया तथा लड़के को अस्पताल में भर्ती कराया है. इस मामले में अभी किसी को गिरफ्तार नही किया गया है. - नई दिल्ली। पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी सोशल मीडिया पर अपने एख वीडियो को लेकर चर्चा में हैं। शनिवार सुबह उन्होंने एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है। ये वीडियो दावा करता है कि सूरज ॐ-ॐ की ध्वनि का जाप करता है और इस आवाज को नासा ने रिकॉर्ड किया है। दरअसल ये एक एडिट करके बनाया गया वीडियो है। इस तरह का कोई वीडियो नासा ने कभी शेयर नहीं किया। ऐसे में किरन बेदी 1.50 मिनट के अपने इस वीडियो को लेकर यूजर्स के निशाने पर आ गईं।
ट्विटर यूजर्स ने उनके वीडियो पर लिखा कि ये तो व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी का मसाला है। जो आपने यहां शेयर कर दिया है। तो कई यूजर्स ने लिखा कि फिल्म कोई मिल गया को आपने ज्यादा ही सीरियस ले लिया। कई यूजर्स ने उनको उपराज्यपाल जैसे पद पर होने और पूर्व में पुलिस अफसर रहने का हवाला देते हुए कहा कि कम से कम देख तो लिया होता कि आप क्या शेयर करने जा रही हैं। - नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के विरोध में अपना पद छोड़ने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन एक बार फिर सुर्खियों में हैं। अब वह नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में एक धरना प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे थे जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक कन्नन गोपीनाथन आगरा से होते हुए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सीएए के खिलाफ हो रहे एक धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेने जा रहे थे। उनके वहां पहुंचने से हंगामा होने की आशंका को लेकर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन को सैंया टोल से गिरफ्तार किया है। यूपी पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए पूर्व आईएएस को हिरासत में लिया है। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पिछले महीने हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे जिसके बाद पुलिस को हालात काबू करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। पुलिस के मुताबिक कन्नन गोपीनाथन के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पहुंचने से हालात एक बार फिर वैसे ही हो सकते हैं, कानून व्यवस्था बनी रहे इसलिए कन्नन गोपीनाथन को हिरासत में लिया गया है। -
अहमदाबाद/जयपुर. गुजरात की तरह राजस्थान में भी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने की घटना सामने आई है। इस घटना के बाद कांग्रेसी-भाजपाइयों में वार-पलटवार होने लगा है। कुछ दिनों पहले तक जब गुजरात में पेपर लीक हुए तो कांग्रेसियों ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर-करके तरह-तरह के आरोप लगाए थे, वहीं अब जब कांग्रेस की सत्ता वाले राजस्थान में पेपर लीक हुए हैं तो गुजरात के गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा भी हमलावर हो गए। प्रदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का इस्तीफा मांगने वाली कांग्रेस अब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का इस्तीफा कब मांग रही है? राजस्थान में 6 माह में तीसरी बार पेपर लीक हुआ है।"
प्रदीप सिंह ने आगे कहा कि कांग्रेस न सिर्फ ऐसे मामलों में बल्कि, गुजरात में जो हिंसा हुई, उसके लिए भी जिम्मेदार है।' प्रदीप के बयान को सिरे से नकारते हुए कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा को उपद्रव कराने की मास्टर पार्टी कह दिया। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मनीष दोशी और प्रवक्ता जयराज परमार ने कहा, ''कांग्रेस ने युवाओं के हाथ लैपटॉप थमाए, लेकिन भाजपा अब उनके हाथ में पत्थर व हथियार थमा रही है। भाजपा उपद्रव कराने में भी मास्टर पार्टी है, जो धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाकर राजनीतिक लाभ उठाती रही है।'' - एजेंसी
नई दिल्ली : टाटा संस ने साइरस मिस्त्री को समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने के एनसीएलएटी के 18 दिसंबर के फैसले के खिलाफ गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। टाटा समूह ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। अपीलीय न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कार्यकारी चेयरमैन पद पर एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति को अवैध ठहराया था। मामले से जुड़े एक वकील ने कहा- हमने एनसीएलएटी के फैसले को पूर्ण रूप से चुनौती दी है। याचिका में शीर्ष अदालत से अपीलीय न्यायाधिकरण के निष्कर्षों को खारिज करने या रद्द करने की मांग की गई है। अपीलीय न्यायाधिकरण ने माना था कि समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा की मिस्त्री के खिलाफ कार्रवाई उत्पीड़नकारी थी।
एनसीएलएटी ने कहा था कि बहाली आदेश चार हफ्ते बाद प्रभावी होगा। निर्णय के अनुसार टाटा संस इस अवधि में चाहे तो निर्णय के खिलाफ अपील कर सकती है। अपीलीय न्यायाधिकरण ने टाटा संस को पब्लिक फर्म से बदल कर प्राइवेट फर्म बनाने की कार्रवाई को भी रद्द कर दिया। एनसीएलएटी ने टाटा संस को मिस्त्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का भी निर्देश दिया है। मिस्त्री परिवार के पास टाटा संस में 18 फीसद हिस्सेदारी है। शेष 81 फीसद हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट और टाटा समूह की कंपनियों के साथ टाटा परिवार के सदस्यों के पास है।
उधर राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण टाटा-मिस्त्री मामले में कंपनी पंजीयक की याचिका पर अब शुक्रवार को सुनवाई करेगा। एनसीएलएटी ने अपने हालिया आदेश में साइरस मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले कंपनी पंजीयक (आरओसी) ने इस आदेश में कुछ संशोधन किए जाने के लिए न्यायाधिकरण से अपील की है। - नई दिल्ली :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को कर्नाटक में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 107वें सेशन को संबोधित किया। उन्होंने इस मौके पर I-STEM पोर्टल को लॉन्च किया, जो रिसर्च के क्षेत्र में काम करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे नए दशक की शुरुआत विज्ञान के कार्यक्रम से हो रही है। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब मैं बेंगलुरु आया था तब चंद्रयान लॉन्च हो रहा था।
रिसर्च का इकोसिस्टम इस शहर ने विकसित किया है जिससे जुड़ना हर युवा का सपना होता है लेकिन इस सपने का आधार सिर्फ अपनी प्रगति नहीं बल्कि देश के लिए कुछ करने से ये सपना जुड़ा है। उन्होंने कहा कि युवा वैज्ञानिक सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प खोजें ताकि भारत को इससे मुक्त किया जा सके। - मीडिया रिपोर्ट
भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सेवा दल की तरफ से बांटी गई उस बुकलेट पर भड़क गई है, जिसमें हिन्दुत्व के पुरोधा माने जाने वाले दक्षिणपंथी विचारक वीर सावरकर पर आपत्तिजनक बातें बताई गई हैं। हालांकि, सेवादल के प्रमुख लालजी देसाई ने कहा है कि विवाद आधारहीन है और सारी बातें एक पुस्तक का संदर्भ देकर लिखी गई हैं। भोपाल में कांग्रेस के सेवादल के 11 दिनों का शिविर शुरू होने से पहले उसकी बुकलेट 'वीर सावरकर कितने वीर' विवादों में आ गई। इसमें कहा गया कि वीर सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोड्से के बीच समलैंगिक संबंध थे।
बुकलेट में वीर सावरकर के बारे में कई विवादति दावे किए गए हैं। लिखा गया है- 'ब्रह्मचर्य का व्रत लेने से पहले नाथूराम गोडसे के एक ही शारीरिक संबंध का ब्योरा मिलता है वीर सावरकर से।' बुकलेट में यह दावा भी किया गया है कि सावरकर ने अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं पर यौन हिंसा को बढ़ावा दिया और मुस्लिमों की मौत पर उत्सव मनाते थे। पुस्तिका में यह दावा भी है कि अंडमान की सेल्यूलर जेल से रिहा होने के बाद सावरकर ने अंग्रेजों से पैसे तक लिए थे।
इस पूरे विवाद पर देसाई का कहना है कि सावरकर पर की गईं टिप्पणियां डोमिनिक लेपियर और लैरी कॉलिन्स की किताब 'फ्रीडम ऐट मिडनाइट' से सीधे ली गई है। उन्होंने कहा कि फ्रीडम ऐट मिडनाइट' में लिखा है कि ब्रह्मचर्य धारण करने से पहले गोडसे का अपने राजनीतिक गुरु सावरकर से समलैंगिक संबंध था। देसाई ने कहा, 'बेवजह विवाद पैदा किया जा रहा है। यह बुकलेट एक साल से ज्यादा समय से सर्कुलेशन में है और जिस चीज को लेकर विवाद है वह एक प्रसिद्ध किताब से ली गई है। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि हमने आरएसएस को प्रतिक्रिया देने के लिए बाध्य कर दिया है।' उन्होंने कहा कि यह बुकलेट हमारे कैडरों के लिए है।
भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस सेवादल के इन आरोपों को लेकर करारा हमला किया है। मध्य प्रदेश की बीजेपी यूनिट के अध्यक्ष राकेश सिंह ने कांग्रेस की तीखी आलोचना की है। सिंह ने कहा कि कांग्रेस देशभक्तों को बदनाम कर रही है, खासकर उनको जो बहुसंख्यक समाज के हितैषी थे।
- नई दिल्ली। देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध अब भी जारी है। जहां केरल विधानसभा में इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास हो चुका है, वहीं कई गैर-भाजपा सरकारें इसे अपने राज्य में लागू करने से साफ इनकार कर चुकी हैं। हालांकि भाजपा ने अब इस मामले में 2020 की शुरुआत से एक अभियान चलाने का फैसला लिया है। आज से भाजपा का जनजागरण अभियान शुरू हो रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा गुजरात के वडोदरा स्थित स्वामी नारायण मंदिर ग्राउंड में जनजागरण अभियान में शाम 6 बजे हिस्सा लेंगे। सीएए को लेकर भाजपा का ये अभियान 20 दिनों तक चलेगा। इसके तहत पार्टी घर-घर जाकर लोगों से नागरिकता संशोधन कानून पर बात करेगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा ने लोगों के बीच जाकर इस कानून से जुड़ी सभी शंकाओं को दूर करने की तैयारी कर ली है। इसके तहत देशभर में एक हजार रैलियों का आयोजन होगा। 250 प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएंगी। हर जिले में रैलियां और बुद्धिजीवी सम्मेलन आयोजित होंगे। पंचायत और वार्ड स्तर पर बैठकें भी होंगी। पार्टी के नेता लोगों के बीच जाकर कानून पर बात करेंगे और उनके सवालों के जवाब देंगे।
माना जा रहा है कि अभियान के पीछे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति काम कर रही है। उन्होंने बुधवार शाम ही पार्टी कार्यालय में जेपी नड्डा, भूपेंद्र यादव और बीएल संतोष के साथ बैठक की थी। जिसमें पार्टी की ओर से नागरिकता संशोधन कानून पर चलाए जा रहे कार्यक्रमों पर बात हुई। जानकारी के मुताबिक पार्टी वरिष्ठ नेताओं के अलावा मशहूर हस्तियों को भी अभियान का चेहरा बनाएगी। बता दें सीएए को लेकर उत्तर प्रदेश, असम और दिल्ली समेत अन्य राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। -
नई दिल्ली। एनसीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद डीपी त्रिपाठी (देवी प्रसाद त्रिपाठी) का दिल्ली में निधन हो गया है। वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे।डीपी त्रिपाठी का जन्म उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में हुआ था। वह जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष रह चुके हैं।
डीपी त्रिपाठी ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी, लेकिन सोनिया गांधी के विरोध में कांग्रेस छोड़कर एनसीपी ज्वॉइन कर लिया था। एक समय में वो प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेहद करीबी भी माने जाते थे। डीपी त्रिपाठी के निधन पर एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा, 'डीपी त्रिपाठी जी के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुःख हुआ। वे एनसीपी के महासचिव थे। हम सभी के मार्गदर्शक और संरक्षक थे। हम उनके परामर्श और मार्गदर्शन को याद करेंगे, जो उन्होंने उस दिन से दिया था, जिस दिन एनसीपी की स्थापना हुई थी। उनकी आत्मा को शांति मिले।'
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दिल्ली के पीरागढ़ी इलाके में स्थित एक फैक्ट्री में गुरुवार (2 जनवरी) तड़के भीषण आग लग गई। आग की भयावहता के चलते इमारत ढह गई है और मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। घटना की जानकारी मिलने के बाद फायर ब्रिगेड की 35 गाड़ियां मौके पर पहुंच चुकी हैं और बचाव अभियान जारी है।
जानकारी के मुताबिक, पीरागढ़ी स्थित इस फैक्ट्री में गुरुवार सुबह करीब 4:23 बजे आग लगी। दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर अतुल गर्ग के मुताबिक, मामले की जानकारी मिलते ही फायर ब्रिगेड की 7 गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। बताया जा रहा है कि आग की लपटें काफी तेजी से फैलीं, जिसके बाद धमाका भी हुआ। इससे इमारत ढह गई, जिसमें कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। फिलहाल फायर ब्रिगेड की 35 गाड़ियां बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। - नई दिल्लीपश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के साल्ट लेक सिटी में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) पर हुई बहस के दौरान एक युवा फिल्मकार और फोटोग्राफर रॉनी सेन पर कथित तौर पर हमला किया गया। पुलिस ने बुधवार (1 जनवरी) को बताया कि फिल्मकार द्वारा शिकायत किए जाने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर बहस फिल्मकार द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखे जाने के बाद प्रारंभ हुई। आरोपी कथित तौर पर सोमवार रात फिल्मकार के घर गया और बहस का विषय उठाया जिसके बाद झगड़ा हुआ। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘झगड़े के दौरान आरोपी ने फिल्मकार पर चाकू से हमला किया।’ उन्होंने कहा कि आरोपी के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
- नई दिल्ली:अगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अब केंद्र की भारतीय जनता पार्टी और दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी के बीच जुबानी जंग तेज हो हई है. एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है.
बीते सोमवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा था कि आम आदमी पार्टी हमेशा लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकती है. अब इसपर दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने तंज कसा है. AAP के ट्विटर हैंडल से प्रकाश जावडेकर के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए AAP ने लिखा,'' सहमत! यह आपकी विशेषज्ञता का क्षेत्र है.''
प्रकाश जावेड़कर ने लिखा कि अनाधिकृत कॉलोनियों को लेकर AAP लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की है. एनसीटी दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों के निवासियों के संपत्ति अधिकारों की मान्यता के लिए सरकार ने एक विधेयक पारित किया है. उन्होंने कहा कि लोगों को कोई संदेह नहीं है कि AAP पर ये उल्टा पड़ेगा. आप हर समय सभी लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकते.'' - मुंबई: फेसबुक पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ कमेंट करना एक शख्स को भारी पड़ गया. शिवसेना की महिला कार्यकर्ताओं ने इस शख्स के मुंह को स्याही से रंग दिया. फेंक दी और उसके मुंह को काला लगा दिया. घटना बीड़ पंचायत समिति के ऑफिस की बताई जा रही है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ कमेंट करने वाला ये शख्स सुनील कुलकर्णी आम आदमी नहीं है. सुनील बीड़ पंचायत समिति में विस्तार अधिकारी के पद पर कार्यरत है. सुनील ने सोशल मीडिया पर सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए कमेंट किया था जो शिवसेना के कार्यकर्ताओं को नागवार गुजरा.
इस कमेंट को देखने के बाद शिवसेना महिला जिला प्रमुख एडवोकेट संगीता चौहान ने कुलकर्णी के दफ्तर में जाकर उनका अपमान किया. इतना ही नहीं सुनील के ऊपर स्याही फेंक दी. उसके बाद उसके मुंह पर कालिख पोत दी. साथ ही संगीता ने धमकी भी दी. उन्होंने कहा, 'फिर ऐसी कोई कमेंट की तो याद रखना'. वहीं मामले को बढ़ता देख मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई और पूरे बीड़ में ये घटना चर्चा का विषय बन गई. - मुंबई : एजेंसी
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बगावत के सुर उठने लगे हैं. सोमवार को हुए कैबिनेट विस्तार में एनसीपी के चार बार के विधायक प्रकाश सोलंके को जगह नहीं मिल सकी. सोलंके ने विधायकी इस्तीफा देने के साथ-साथ राजनीति से भी संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है. हालांकि उन्होंने कहा कि मंत्री न बनाए जाने के चलते वे ये फैसला नहीं ले रहे हैं. - मीडिया रिपोर्टनई दिल्ली: डी-कंपनी के सदस्य और अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील ने अपने प्रतिद्वंद्वी छोटा राजन की हत्या की नई साजिश रची है. इसे लेकर राष्ट्रीय राजधानी स्थित तिहाड़ जेल में राजन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. छोटा राजन फिलहाल इसी जेल में कैद है. शकील अपने बॉस दाऊद इब्राहिम के साथ मिलकर कराची से अपना कारोबार संचालित करता है. उसने कथित तौर पर डी-कंपनी के एक भारतीय मॉड्यूल को तिहाड़ में राजन की कोठरी में ही उसके खात्मे की जिम्मेदारी सौंपी है. डी-कंपनी की इस नई साजिश के बारे में पूछे जाने पर दिल्ली जेल (तिहाड़) के महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा कि जेल में जहां राजन को रखा गया है, वहां सुरक्षा चुस्त कर दी गई है.
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी गोयल ने बताया, "मैं सिर्फ सुरक्षा के बारे में बात कर सकता हूं. उसे (राजन) अत्यंत उच्च सुरक्षा वाले जेल में रखा गया है और फूलप्रूफ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं. लेकिन मैं उसे दी गई धमकी पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता." सूत्रों ने कहा कि राजेंद्र सदाशिव निखलजे उर्फ छोटा राजन को अत्यंत सुरक्षा वाली जेल संख्या-दो में रखा गया है, जिसकी 24 घंटे रखवाली खासतौर से तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के जवान करते हैं.
एक सूत्र ने कहा, 'धमकी के बाद राजन के तीन कुक बदल दिए गए हैं. इसके अलावा राजन को दिए जा रहे पके भोजन और राशन (अनाज, खाद्य तेल, और कच्ची सब्जियां) की भी जांच की जा रही है. जेल में कोई भी व्यक्ति उससे कम से कम 10 मीटर की दूरी पर ही रह सकता है.' सूत्र के अनुसार, माफिया डॉन और चार बार के सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन भी जेल संख्या 2 में कैद है. जेल वार्ड के अंदर राजन और शहाबुद्दीन को मिलने की अनुमति नहीं है, जहां 24 घंटे उच्च क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाती है. - नई दिल्ली : भारतीय सैनिकों द्वारा सोशल मीडिया पर खुफिया जानकारी लीक करने की खबरों के बीच भारतीय नौ सेना ने बड़ा कदम उठाया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार भारतीय नौ सेना ने सैनिकों के फेसबुक इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। अब जवान किसी भी तरह से फेसबुक का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही नौ सेना ने नेवल बेस, डॉकयार्ड और समुद्र में तैनात जंगी जहाजों पर स्मार्टफोन के प्रयोग पर रोक लगा दी है।
भारतीय नौ सेना ने हाल ही में अपने 7 सैनिकों को शत्रु देश की खुफिया एजेंसियों को सोशल मीडिया पर जानकारी लीक करते हुई पकड़ा है। इसके तुरंत बाद ही नौसेना की ओर से सख्त कदम उठाया गया है। सोशल मीडिया के साथ ही स्मार्टफोन की मदद से भी विदेशी खुफिया एजेंसियों द्वारा जानकारी जुटाने की खबरें आ रही थीं। इसे देखते हुए ही सभी संवेदनशील जगहों पर सेना के स्मार्टफोन यूज़ करने पर रोक लगा दी गई है। - शिरडी: शिरडी के साईं दरबार के प्रति भक्तों की कितनी आस्था है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर साल यहां करोड़ों की तादात में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में यह बात भी बेहद सामान्य है कि यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु साईं बाबा के दरबार में कुछ ना कुछ चढ़ावा भी जरूर चढ़ाकर जाते होंगे.
यहां अपनी मनोकामना लेकर आने वाले श्रद्धालु साईं दरबार में सोना, चांदी, रुपए और तरह-तरह का दान करते हैं. जिसके चलते हर साल ही यहां करोड़ों की रकम एकत्रित हो जाती है, लेकिन साल 2019 में साईं बाबा के दरबार में चढ़ने वाले चढ़ावे का सारा रिकॉर्ड टूट गया है. साईं बाबा (Sai Baba) के दरबार में इस साल इतना चढ़ावा चढ़ा है, जिसके बारे में जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे. हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में साईं बाबा के दरबार में भक्तों ने 287 करोड़ 6 लाख 85 हजार रुपये दान स्वरूप चढ़ाए हैं. भक्तों द्वारा चढ़ाए इस दान में करीब 19 किलो सोना और 392 किलो चांदी भी शामिल है, जो कि अब तक का बड़ा रिकॉर्ड है.
आपको बता दें कि इस साल शिरडी पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अन्य वर्षों की तुलना में कम थी, लेकिन इससे चढ़ावे की रकम पर कोई असर नहीं हुआ, बल्कि हर साल से ज्यादा चढ़ावा साल 2019 में साईं दरबार में चढ़ाया गया. मिली जानकारी के मुताबिक इस साल दान का आंकड़ा साल 2018 के मुकाबले 2 करोड़ रुएये अधिक है. वहीं इस वर्ष सोने के वस्तुओं का दान भी कम हुआ है. - जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में सोमवार सुबह सड़क हादसे में दो लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। घायलों को नजदीक के सरकारी अस्पताल के पहुंचाया गया है। वहीं, हादसे के बाद सड़क पर कुछ देर के लिए जाम लग गया।
जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह सवारियों से भरी एक बस जबलपुर से सागर के लिए रवाना हुई थी। थोड़ी देर बाद ही बस बेकाबू हो गई और सड़क किनारे पलट गई। सवारियां बस में फंस गई। आस-पास के लोग पर मौके पर पहुंचे और सवारियों को बस से निकाला। तब तक दो सवारियां दम तोड़ चुकी थी। मृतकों की शिनाख्त नहीं हो पाई है। वहीं, घायल को एम्बुलेंस व निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाया गया है। - एजेंसी
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी ने एक स्लोगन तैयार किया है- अच्छे बीते पांच साल, लगे रहो केजरीवाल. इस स्लोगन को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने भी एक स्लोगन तैयार किया है- पांच साल दिल्ली बेहाल, अब नहीं चाहिए केजरीवाल. चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की I-PAC के साथ हाथ मिलाया है. प्रशांत किशोर ने 2014 में नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान की कमान संभाली थी, 2015 में नीतीश कुमार के चुनाव अभियान को संभाला था और 2017 में अमरिंदर सिंह के चुनाव अभियान की कमान अपने हाथ में ली थी.
हालांकि 2017 में उत्तर प्रदेश चुनाव में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और राहुल गांधी की कांग्रेस को साथ लाने का उनका दांव पूरी तरह असफल रहा था. 2019 में प्रशांत किशोर ने आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी के लिए भी काम किया है.
2015 में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीती थी. सीएम अरविंद केजरीवाल का कार्यकाल फरवरी में खत्म हो रहा है. उम्मीद की जा रही है कि चुनाव आयोग जनवरी के दूसरे सप्ताह तक चुनावों की तारीखों का एलान कर देगा और फरवरी के दूसरे हफ्ते तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. - नई दिल्लीकांग्रेस अपने स्थापना दिवस पर आज (शनिवार) देश भर में फ्लैग मार्च निकालेगी. इस मार्च को ‘संविधान बचाओ, भारत बचाओ’ के नारे के साथ निकाला जाएगा. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी गुवाहाटी में मार्च की अगुआई करेंगे. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लखनऊ में कांग्रेस के मार्च का नेतृत्व करेंगी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में ध्वजारोहण करेंगी. कांग्रेस के स्थापना दिवस की वर्षगांठ पर दिल्ली और राज्यों में पार्टी के दफ्तरों में ध्वजारोहण की परंपरा रही है.
इस साल कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस पर संबंधित राज्यों की राजधानियों में प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों की अगुआई में मार्च निकालने का भी कार्यक्रम है. ‘संविधान बचाओ, भारत बचाओ’ के नारे के साथ इस मौके पर होने वाली जनसभाओं में भारत के संविधान की प्रस्तावना भी संबंधित राज्य की भाषा में पढ़ी जाएगी.
विभिन्न राज्यों की राजधानियों में पार्टी के दिग्गज नेता भी मौजूद रहेंगे. पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, “पिछले कुछ दिनों में केंद्र सरकार की ओर से NRC/CAA लागू करने के फैसले के विरोध में कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और प्रमुख संस्थानों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इतने भारी विरोध को देखते हुए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अपने खास अंदाज़ में विरोधाभासी बातें कर रहे हैं. और अब छुपे ढंग से राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) की प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश की जा रही है.” बयान में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि “प्रदर्शनकारियों पर पुलिस अंधाधुंध हमले कर रही है. कई जगह पुलिस की गोली लगने से लोगों की मौत की भी ख़बरें हैं. वहीं सरकार की ओर से इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के अलग अलग मौकों पर विरोधाभासी बयान सामने आए हैं. CAA में संविधान के अनुच्छेद 14 में प्रदत्त आश्वासनों के उल्लंघन वाले प्रावधान प्रस्तावित है. ये भारतीय संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.”
कांग्रेस ने बयान में कहा है कि एक तरफ लोगों में भारी नाराजगी है वहीं सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए ‘NPR के अपडेशन’ की प्रक्रिया का 24 दिसंबर को ऐलान किया. “इससे मुश्किल बढ़ने के साथ संदेह बढ़ता है कि आरएसएस-बीजेपी NPR प्रक्रिया पूरी करने के बाद लंबे समय से NRC लागू करने के अपने छुपे एजेंडे पर अमल करेगी.” -
देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद जगह- जगह विरोध- प्रदर्शन हो रहे हैं. पिछले दिनों विरोध- प्रदर्शनों के बीच विभिन्न शहरों में हिंसा की घटनाएं भी हुईं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से ही वसूली कर इस नुकसान की भरपाई करने का ऐलान किया था. अब भारतीय जनता पार्टी की कर्नाटक सरकार ने भी यूपी की योगी सरकार की तर्ज पर कदम बढ़ा दिए हैं. कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार ने भी हिंसा की घटनाओं में सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से ही करने का ऐलान कर दिया है.
कर्नाटक भाजपा ने अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा है कि उपद्रवियों के लिए कोई दया नहीं है. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने यह निर्णय लिया है कि उपद्रवी अपनी हिंसा के लिए भुगतान करेंगे. सरकार यह सुनिश्चित करेगी.गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार के मंत्री सीटी रवि ने एक दिन पहले ही उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई की वकालत की थी.
रवि ने कहा था कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई को उत्तर प्रदेश का कानून कर्नाटक में भी लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की संपत्ति जब्त की जानी चाहिए.
बता दें कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कर्नाटक के बेंगलुरु और मंगलौर में भी लोग सड़क पर उतर आए थे. इस दौरान कई जगह हिंसक घटनाएं भी हुईं और सार्वजनिक के साथ ही निजी संपत्ति को भी व्यापक नुकसान हुआ था.
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नई दिल्ली: कारगिल की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले वायुसेना के मिग-27 लड़ाकू विमान की आज रिटायर कर दिया गया है. तीन दशक से ज़्यादा समय की सेवा के बाद सात विमानों के अपने स्कवाड्रन को जोधपुर एयरबेस से वायुसेना ने विदाई दे दी है. भारतीय वायुसेना के बेड़े में 1985 में इन विमानों को शामिल किया गया था. रक्षा मंत्रालय ने मिग-27 को लेकर कहा, 'इन एयरक्राफ्ट्स ने युद्ध काल हो या फिर शांति का दौर भारत के लिए अहम भूमिका अदा की है'. कारगिल की जंग में इन फाइटर जेट्स ने दुश्मन के ठिकानों पर रॉकेट और बम बरसाए थे.
रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘स्विंग-विंग फ्लीट का उन्नत संस्करण 2006 से वायुसेना के स्ट्राइक फ्लीट का गौरव रहा है. अन्य सभी संस्करण जैसे मिग-23 बीएन और मिग-23 एमएफ और विशुद्ध मिग 27 वायुसेना से पहले ही रिटायर हो चुके हैं.' मंत्रालय ने कहा, ‘इस बेड़े ने ऐतिहासिक करगिल युद्ध के दौरान गौरव हासिल किया था जब इसने दुश्मन के ठिकानों पर राकेट और बम सटीकता से गिराये थे. इस बेड़े ने आपरेशन पराक्रम में भी सक्रिय भूमिका निभायी थी.' बयान में कहा गया कि नम्बर 29 स्क्वाड्रन वायुसेना में मिग 27 अपग्रेड विमानों को संचालित करने वाली एकमात्र इकाई है. उन्नत संस्करण ने कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अभ्यासों में हिस्सा लिया है. मंत्रालय ने कहा कि स्क्वाड्रन की स्थापना 10 मार्च 1958 को वायुसेना स्टेशन हलवारा में ओरागन (तूफानी) विमान से की गई थी.
‘वर्षों तक स्क्वाड्रन को कई तरह के विमानों से लैस किया गया जिसमें मिग-21 टाइप 77, मिग-21 टाइप 96, मिग-27 एमएल और मिग-27 अपग्रेड शामिल हैं.' भारतीय वायुसेना ने मिग 27 की शुक्रवार को आखिरी उड़ान के बारे में ट्वीट किया. वायुसेना ने ट्वीट किया, ‘भारतीय वायुसेना कल ताकतवर मिग 27 को विदाई देगी. 27 दिसंबर 2019 को एयरफोर्स स्टेशन, जोधपुर में होने वाले एक भव्य समारोह में विमान को सेवा से हटाया जाएगा.' - एजेंसीउत्तर प्रदेश : नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आज यानी शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन की आशंकाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश की पुलिस ने 21 जिलों में इंटरनेट पर रोक लगा दी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने एहतियातन यह कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि राज्य के 21 जिलों में इंटरनेट को सस्पेंड कर दिया गया है और हालात के मुताबिक ही बहाल किया जाएगा।समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में है और हमने रणनीतिक तौर पर पुलिस बलों की तैनाती की है। मामलों की जांच के लिए स्पेशल टीमें बनाई गई हैं। हमने 21 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। स्थिति की मांग को देखते हुए दोबारा हम बहाल करेंगे।नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हुई हिंसक घटनाओं पर उन्होंने कहा कि हम किसी बेकसूर को नहीं पकड़ रहे हैं और हिंसा में जो लोग भी शामिल थे, हम किसी को बख्शेंगे भी नहीं। यही वजह है कि हमने कई संगठनों से जुड़े एक्टिव मेंबर्स को गिरफ्तार किया है।बता दें कि नागरिकता संसोधन कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन जारी है। इसका सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश में देखने को मिला है। विरोध-प्रदर्शन के दौरान कई जगहों से हिंसा की बात भी सामने आई। जगह-जगह पर सार्वजनिक संपत्तियों को नष्ट किया गया। वाहनों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। इस हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश की सरकार कार्रवाई का मन बना चुकी है।सूचना और जनसंपर्क विभाग, उत्तर प्रदेश के द्वारा प्रेस रिलीज जारी कर उपद्रवियों की संख्या बताई गई है। अभी तक कुल 498 व्यक्तियों की पहचान कर रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई। सबसे ज्यादा मेरठ से 148 लोगों का नाम शामिल है। इसके अलावा लखनऊ से 82, संभल से 26, रामपुर से 79, फिरोजबाद से 13, कानपुर नगर से 50, मुजफ्फरनगर से 73, मऊ से आठ और बुलंदशहर से 19 लोगों की पहचान हुई है।बता दें कि नागरिकता संसोधन कानून और एनआरसी के विरोध में हुए धरना-प्रदर्शन के दौरान हिंसा की बात सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उपद्रवियों के चिह्नित कर उनकी संपत्ति जब्त कर हिंसा में हुई क्षति की भारपाई की जाएगी।