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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने भाषण में कृषि कानूनों और गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा को लेकर टिप्पणी की और पिछले कुछ सालों में मोदी सरकार के तहत उठाए गए बड़े कदमों और उपलब्धियों की जानकारी दी.
नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए अपने बजट अभिभाषण से बजट सत्र की शुरुआत कर दी है. राष्ट्रपति ने अपने भाषण में कृषि कानूनों और गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा को लेकर टिप्पणी की और पिछले कुछ सालों में मोदी सरकार के तहत उठाए गए बड़े कदमों और उपलब्धियों की जानकारी दी. राष्ट्रपति ने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने कोरोना के खिलाफ की लड़ाई को जनआंदोलन में बदला और आज देश दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान भी चला रहा है. राष्टपति ने अपने भाषण में कहा कि उनकी सरकार कृषि कानूनों पर लोगों के भ्रम दूर करने की कोशिश कर रही है और कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट के आखिरी फैसले का सम्मान किया जाएगा.
राष्ट्रपति के भाषण की अहम बातें
1. राष्ट्रपति कोविंद ने अपने भाषण के शुरुआत में आत्मनिर्भर भारत का आह्वान करते हुए कृषि कानूनों का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत अभियान केवल भारत में निर्माण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत के हर नागरिक का जीवन स्तर ऊपर उठाने तथा देश का आत्मविश्वास बढ़ाने का भी अभियान है. सरकार ने बीते 6 वर्षों में बीज से लेकर बाज़ार तक हर व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास किया है, ताकि भारतीय कृषि आधुनिक भी बने और कृषि का विस्तार भी हो.'
2. कृषि कानूनों पर राष्ट्रपति ने कहा कि 'मेरी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए लागत से डेढ़ गुना MSP देने का फैसला भी किया था. मेरी सरकार आज न सिर्फ MSP पर रिकॉर्ड मात्रा में खरीद कर रही है बल्कि खरीद केंद्रों की संख्या को भी बढ़ा रही है.' राष्ट्रपति ने कहा कि 'मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है. बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं.'
3. उन्होंने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा को लेकर कहा कि 'पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए.'
4. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की ओर से इन कानूनों को स्थगित किए जाने के आदेश पर राष्ट्रपति ने कहा कि 'वर्तमान में इन कानूनों का अमलीकरण देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है. मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी.'
5. राष्ट्रपति ने अर्थव्यवस्था और उसकी जरूरतों के हिसाब से उठाए गए कदमों पर कहा कि 'अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना' के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया. सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की.'
6. कोरोना के खिलाफ लड़ाई पर बोलते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि 'सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है. आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक होने वालों संख्या भी बहुत अधिक है.' उन्होंने इस महामारी से जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि भी दी और कहा कि 'महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया भी है. मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए. मैं सभी के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.'
7. महिलाओं से जुड़े कदमों पर जानकारी देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि 'मेरी सरकार ने महिलाओं को स्वरोज़गार के नए अवसर देने के लिए कई कदम उठाए हैं. मुद्रा योजना के तहत अब तक 25 करोड़ से ज्यादा ऋण दिए जा चुके हैं, जिसमें से लगभग 70 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को मिले हैं.' राष्ट्रपति ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार एक रुपए में ‘सुविधा' सैनिटरी नैपकिन देने की योजना भी चला रही है.
8. राष्ट्रपति ने नए संसद भवन के निर्माण का भी जिक्र अपने भाषण में किया. उन्होंने कहा कि इसकी जरूरत महसूस की जा रही थी और नए संसद भवन में सांसदों को कई नई सुविधाएं मिलेंगी. उन्होंने कहा, 'संसद की नई इमारत को लेकर पहले की सरकारों ने भी प्रयास किए थे लेकिन आजादी के 75वें वर्ष की तरफ बढ़ते हुए हमारे देश ने, संसद की नई इमारत का निर्माण शुरू कर दिया है. नए संसद भवन के बनने से अपने संसदीय दायित्वों को निभाने में हर सदस्य को अधिक सुविधा मिलेगी.'
9. पिछले साल जून में गलवान घाटी की हिंसक झड़प को लेकर राष्ट्रपति ने कहा कि 'जून 2020 में हमारे 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. हर देशवासी इन शहीदों का कृतज्ञ है.' उन्होंने कहा कि सरकार देश के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह सतर्क है. LAC पर भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए अतिरिक्त सैन्यबलों की तैनाती भी की गई है.
10. राष्ट्रपति ने अपने भाषण में मलयालम के श्रेष्ठ कवि वल्लथोल के श्लोक का भी जिक्र किया- 'भारतम् ऐन्ना पेरू केट्टाल अभिमाना पूरिदम् आगनम् अंतरंगम्' अर्थात, जब भी आप भारत का नाम सुनें, आपका हृदय गर्व से भर जाना चाहिए. वहीं, भाषण की शुरुआत में उन्होंने असम केसरी कवि अंबिकागिरि रायचौधरी की यह पंक्तियां भी दोहराईं- 'ओम तत्सत् भारत महत, एक चेतोनात, एक ध्यानोत, एक साधोनात, एक आवेगोत, एक होइ ज़ा, एक होइ ज़ा' (भारत की महानता परम सत्य है. एक ही चेतना में, एक ही ध्यान में, एक ही साधना में, एक ही आवेग में, एक हो जाओ, एक हो जाओ). - नई दिल्ली : देश भर में कोविड-19 संक्रमितों के नए मामलों का आंकड़ा 19 हजार के करीब पहुंच गया जो पिछले दिनों 10 हजार से कम हो गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 ( COVID-19) के 18,855 नए मामले आए और इस अवधि में कुल 163 लोगों की मौत हो गई इसके साथ ही अब तक देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1 करोड़ 7 लाख 20 हजार 48 हो गई वहीं अब तक देश में 1 लाख 54 हजार 10 संक्रमितों की मौत हो गई है।मंत्रालय के अनुसार शुक्रवार तक देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या अब 1 लाख 71 हजार 6 सौ 86 है और कुल स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज हुए मामलों का आंकड़ा 1 करोड़ 3 लाख 94 हजार 3 सौ 52 है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया कि भारत में 28 जनवरी तक कोरोना वायरस के लिए कुल 19 करोड़ 50 लाख 81 हजार 79 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 7,42,306 सैंपल कल टेस्ट किए गए।
मिज़ोरम की बात करें तो यहां पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस का एक नया मामला सामने आया। कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या अब 4,363 है जिसमें 41 सक्रिय मामले, 4,313 डिस्चार्ज हो चुके मामले हैं और 9 संक्रमितों की मौत हो गई है।यह जानकारी मिजोरम सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग की ओर से दी गई है। वहीं उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसान ने बताया, 'प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 251 नए मामले सामने आए हैं। उपचार के बाद 380 लोग डिस्चार्ज हुए। प्रदेश में सक्रिय मामलों की संख्या 6,230 है। संक्रमण से अब तक 8,642 लोगों की मृत्यु हुई है।
र दिन आने वाले मामलों में 78 फीसद की साझीदारी सात राज्यों- केरल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात की है। देश भर में कोविड-19 वैक्सीन लगाए जाने की शुरुआत 16 जनवरी को हुई। देश भर के 28 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है। -
राष्ट्रपति कोविंद के संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुक्रवार को बजट सत्र का आगाज होगा.
कांग्रेस के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सपा, आम आदमी पार्टी भी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी.
नई दिल्ली : केद्र के कृषि कानूनों को लेकर देश में बवाल जारी है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि कांग्रेस समेत देश के 16 विपक्षी दलों ने आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है.
बीजेपी सरकार अहंकारी, अड़ियल और अलोकतांत्रिक बनी हुई है- विपक्ष
राष्ट्रपति कोविंद के संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुक्रवार को बजट सत्र का आगाज होगा. विपक्षी दलों के नेताओं ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘किसानों की मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार अहंकारी, अड़ियल और अलोकतांत्रिक बनी हुई है. सरकार की असंवेदनशीलता से स्तब्ध हम विपक्षी दलों ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग दोहराते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया है.’’
AAP भी नहीं होगी अभिभाषण कार्यक्रम में शामिल
किसान आंदोलन के समर्थन में आम आदमी पार्टी भी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी. आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा है, ''हम लोग तीन कृषि कानूनों का विरोध करते रहे हैं और करते रहेंगे. इसलिए आम आदमी पार्टी महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी और हमारे लोकसभा के सांसद भगवंत मान और राज्य सभा के हम तीन सांसद कल राष्ट्रपति के अभिभाषण कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे.''
कौन कौनसे दल होंगे शामिल?
कांग्रेस के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सपा, आम आदमी पार्टी, राजद, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, आरएसपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस(एम) और एआईयूडीएफ ने संयुक्त रूप से राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है. - कोण्डागांव जिला को 278 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की दी सौगात
अनुसूचित क्षेत्र में कोई भी आदिवासी भूमिहीन नहीं होगा
कोण्डागांव जिले के प्रत्येक देवगुड़ी के लिए 5 लाख रूपए देने की घोषणा
विश्रामपुरी में महाविद्यालय की स्थापना, मर्दापाल और धनोरा को पूर्ण तहसीलतथा बांसकोट, बड़ेडोंगर और बीजापुर को उप-तहसील बनाने की घोषणा
कोण्डागांव जिला में लघु वनोपजों के भण्डारण हेतु कोल्ड स्टोरेज का होगा निर्माणकोण्डागांव जिला में बंदोबस्त की होगी शुरूआत
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कल कोण्डागांव जिले के ग्राम कोंगेरा में आयोजित भूमिपूजन तथा लोर्कापण कार्यक्रम में 278 करोड़ रूपये की लागत के विकास कार्याें की सौगात दी।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर के विकास के लिए धन की कमी नहीं होगी। बस्तर में वनवासियों सहित आम आदमी के सर्वांगीण विकास के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क व रोजगार और सिंचाई सुविधा पर सरकार विशेष फोकस कर रही है।बस्तर में बंद स्कूलो को प्रारंभ कराने और लोगों के आर्थिक स्तर को निरतंर ऊंचा उठाने के लिए सरकार द्वारा हर संभव पहल की जा रही है। लॉकडाउन के दौरान लघुवनोपजों की खरीदी की समुचित व्यवस्था की गई और इसे निरंतर बढ़ाते हुए वर्तमान में वनवासियों के हित में 52 लघु वनोपजों की खरीदी की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर कोण्डागांव जिले के अंतर्गत विश्रामपुरी में महाविद्यालय की स्थापना, धनोरा और मर्दापाल को तहसील तथा बांसकोट, बड़ेडोंगर और बीजापुर में उपतहसील खोलने की घोषणा की।उन्होंने इसी तरह ग्राम पंचायत विश्रामपुरी में कॉमप्लेक्स निर्माण, गम्हरी से नयापारा तक सड़क निर्माण, विश्रामपुरी में मिनी स्टेडियम, कोण्डागांव जिले में लघुवनोपज हेतु कोल्ड स्टोरेज निर्माण तथा कोण्डागांव जिला में बंदोबस्त भूमि सुधार की शुरूआत करने की भी घोषणा की।इस अवसर पर प्रदेश के आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्रकुमार, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल, उपाध्यक्ष श्री संतराम नेताम, विधायक सर्वश्री मोहन मरकाम, श्री चंदन कश्यप, श्री रेखचन्द जैन, श्री राजमन वेंजाम, राज्य सभा सांसद श्रीमती फूलो देवी नेताम और मुख्यमंत्री जी के सलाहकार श्री राजेश तिवारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधी विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में समुदायिक एवं व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टा के वितरण की शुरूआत बस्तर के कोण्डागांव जिले से हई है। सामुदायिक वन अधिकार क्षेत्रो में फलदार एवं औषधीय पौधे लगाये जायेंगे।इससे वनवासियों को सभी तरह के वनोपज मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रो में कोई भी आदिवासी भूमिहीन नहीं रहेगा। हर व्यक्ति को राजस्व विभाग द्वारा जमीन उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार छत्तीसगढ़ की विलुप्त संस्कृति को पुर्नजीवित कर रही है।बस्तर की पहचान दशहरा महोत्सव, दंतेश्वरी मेटल कार्य, मुर्गा लड़ाई और घोटुल के नाम पर रही है। सरकार यहां की पुरातन संस्कृति को संवारने जन समुदाय के सहयोग से संकल्पित है। उन्होंने कोण्डागांव के प्रत्येक देवगुड़ी के लिए 5 लाख रूपये प्रदान करने की घोषणा करते हुए परांपरागत घोटुल व्यवस्था को विकसित करने की बात कही।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गोधन न्याय योजना अंतर्गत सरकार द्वारा गोबर खरीदी से लोगों की माली हालत में हुई सुधार और नरवा योजना अंतर्गत जन संरक्षण एवं सवंर्धन का जीर्क करते हुए का कि बस्तर के विकास के लिए सिंचाई संसाधनो को विकसित करना जरूरी है। उन्होने कहा कि बोधघाट परियोजना के पूर्ण होने से यहां कि सिंचाई रकबा बढ़ोत्तरी होगी।लिफ्ट ऐरिगेशन के माध्यम से बोधघाट का पानी नारायणपुर और कोण्डागांव जिला तक पंहुचेगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बस्तर में जल जंगल और जमीन का जीर्क करते हुए यहां के खनिजो की समुचित दोहन की उद्योग स्थापना पर जोर देते हुए कहा कि बस्तर में शासकीय जमीन में उद्योग लगाई जायेगी।उन्होने लोगो को भरोसा दिलाया कि उद्योग स्थापना के लिए आदिवसियों की जमीने नही ली जावेगीं। नये स्थापित उद्योगो में रोजगार हेतु यहां के निवासियों को प्राथमिकता दी जावेगी।
आबकारी एवं उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने अपने उधबोधन में सरकार की योजनाओं को विस्तार पूर्वक रेखाकिंत किया।लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जिले के प्रभारी मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने अपने संक्षिप्त उधबोधन में कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम क्षेत्र के विकास की दिशा और दशा को दर्शाता है। मुख्यमंत्री की मंशा है कि हर स्तर पर बस्तर का विकास जरूरी है।कार्यक्रम को कोण्डागांव के विधायक श्री मोहन मरकाम और क्षेत्रीय विधायक श्री संतराम ने भी संबोधित किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने समारोह स्थल पर विभिन्न विभागो के विकास प्रर्दशनी, पारंपरिक वाद्ययंत्रो की प्रर्दशनी का अवलोकन किया। समारोह में शामिल मांझी, चालकी, गांयता, पुजारी, से भेंट एवं चर्चा कर उनका स्वागत किया।उन्होने कोण्डागांव जिले के लोगो (प्रतीक चिन्ह) का अनावरण किया और जिले के पर्यटन ब्रोसर का भी विमोचन किया। इस अवसर पर 6 हितग्राहियों को वन संसाधन पत्र, नगर पालिका कोण्डागांव को चिखलपुटी का सामुदायिक अधिकार, दो हितग्राही को तेंदुपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत दो-दो लाख रूपए की राशि का चेक तथा ग्राम मुराहनगोहान की पार्वति बाई और बड़ेराजपुर के श्रीमती फूलेश्वरी मरकाम को कृषि यांत्रिकरण मिशन के तहत टेªक्टर की चाबी प्रदान किया। - दिल्ली पुलिस ने बताया है कि कल हुई हिंसा के दौरान राजधानी दिल्ली में किसानों के हमलों में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
फिलहाल हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. पुलिस ने इस पूरे मामले के बाद 22 एफआईआर दर्ज की हैं.
नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान कल हुई हिंसा में तीन सौ से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. ये पुलिस कर्मी लाल किला, आईटीओ और नांगलौई समेत बाकी जगह पर हुई हिंसा के दौरान घायल हुए. बताया जा रहा है कि लाल किले पर हुई हिंसा को लेकर आज दिल्ली पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेगी. दिल्ली पुलिस कमिश्नर अभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं.
वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक पुलिस कमिश्नर की बैठक जारी
बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस के एसएचओ बुराड़ी के सर में चोट लगी है. एसएचओ वजीराबाद भी गंभीर रूप से घायल हैं और वह अस्पताल में भर्ती हैं. फिलहाल उनकी उंगलियों का ऑपरेशन किया जा रहा है. डीसीपी नार्थ के स्टाफ ऑफिसर को भी चोट लगी है. हिंसा के दौरान उत्तरी दिल्ली में 41 पुलिसकर्मी वहीं, पूर्वी दिल्ली में 34, पश्चिमी दिल्ली में 27, द्वारका में 32, बाहरी-उत्तरी जिले में 12, शाहदरा में 5, दक्षिण जिले में 4 और दिल्ली के बाहरी जिलों में75 पुलिसकर्मी घायल हुए.
अबतक 22 एफआईआर दर्ज
हिंसा के बाद राजधानी दिल्ली छावनी में तब्दील हो गई है. दिल्ली में पुलिस बल के साथ सीआरपीएफ की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं. हिंसा के दौरान एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत भी हो गई. पुलिस ने इस पूरे मामले के बाद 22 एफआईआर दर्ज की हैं.
कल लाल किला पर हुआ था बड़ा बवाल
बता दें कि कल गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली. रैली के दौरान किसान राजधानी दिल्ली में घुस गए और लाल किला पर जबरदस्त बवाल काटा. प्रदर्शनकारी किसानों ने लाला किले पर चढ़कर खालसा पंत का झंडा फहराया. इस दौरान पुलिस बल और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच खूब झड़प देखने को मिली. प्रदर्शनकारी इतने उग्र हो गए कि वह पुलिस को मारने पर उतारू दिखे. हालांकि देर रात तक सभी प्रदर्शनकारियों को लाल किला से हटा दिया गया. - New COVID-19 Cases : भारत में एक दिन में कोरोना वायरस के 12,689 नए मरीजों की पुष्टि हुई है, नए मरीजों के साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,06,89,527 हो गई है.
नई दिल्ली : भारत में एक दिन में कोरोना वायरस के 12,689 नए मरीजों की पुष्टि हुई है, नए मरीजों के साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,06,89,527 हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटे में 137 संक्रमितों की मौत हुई है जिसके बाद कुल मृतकों की संख्या 1,53,724 हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मंगलवार सुबह तक 1,03,59,305 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं. संक्रमण मुक्त होने का राष्ट्रीय औसत 96.91 हो गया है. मृत्यु दर 1.43 प्रतिशत हो गया है.
देश में संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 1,76,498 हो गई है जो कुल मामलों का 1.65 प्रतिशत है. यह लगातार आठवां दिन है जब संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या दो लाख से कम है. भारत में कोरोना वायरस के मामले सात अगस्त को 20 लाख के पार चले गए थे जबकि 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख से अधिक हो गए थे.
बताते चले संक्रमण के मामले पिछले साल 19 दिसंबर को एक करोड़ से अधिक हो गए थे. ICMR के मुताबिक, 26 जनवरी तक 19,36,13,120 नमूनों की जांच की जा चुकी है. मंगलवार को 5,50,426 नमूनों का परीक्षण किया गया था. - नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन निकाली गई किसानों की ट्रैक्टर रैली हिंसक हो गई है। प्रदर्शनकारी किसान बड़ी संख्या में लाल किले पर पहुंच गए हैं। वहीं हिंसा में एक प्रदर्शनकारी की मौत की खबर आ रही है। जानकारी के मुताबिक राजधानी के मिंटो रोड पर ये घटना हुई है।
किसान का शव बरामद किया गया है। घटनास्थल से मिल रही सूचनाओं के मुताबिक शव ट्रैक्टर के नीचे कुचला मिला है। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि पुलिस की गोली चलने से ये मौत हुई है।
प्रदर्शनकारी किसान शव को तिरंगे में लपेटकर आईटीओ पर बैठ गए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि पुलिस की फायरिंग के चलते ट्रैक्टर अनियंत्रित हो गया जिसके चलते प्रदर्शनकारी की मौत हुई।
वहीं इस बीच सिंघु बॉर्डर पर भी एक किसान की मौत की खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि सोनीपत से प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे किसान को प्रदर्शन स्थल पर हार्ट अटैक आ गया जिसके चलते उसकी मौत हो गई। - नई दिल्ली : किसान आंदोलन के मद्देनजर सुरक्षा कारणों से दिल्ली मेट्रो के चार कॉरिडोर के 37 स्टेशन बंद कर दिए गए हैं, जिसमें येलो लाइन (समयपुर बादली-हुडा सिटी सेंटर) के 11 स्टेशन व ग्रीन लाइन (इंद्रलोक-बहादुरगढ़) के सभी 22 स्टेशनों को बंद रखा गया है।इस वजह से किसान आंदोलन से मेट्रो के परिचालन पर भी असर पड़ा है। आइटीओ के पास किसानों व पुलिस के जवानों के बीच तनाव के कारण वायलेट लाइन (कश्मीरी गेट-बल्लभगढ़) आइटीओ व दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन भी बंद कर दिए गए हैं।इन स्टेशनों पर यात्रियों का प्रवेश व निकास दोनों बंद कर दिया गया है। इस कॉरिडोर पर लाल किला मेट्रो स्टेशन सुबह से बंद है।
उल्लेखनीय है कोरोना के कारण 22 मार्च को मेट्रो का परिचालन बंद हुआ था। सितंबर में मेट्रो का परिचालन दोबारा शुरू होने के बाद यह पहला मौका है जब एक साथ इतने मेट्रो स्टेशन बंद करने पड़े हैं।इस वजह से दिल्ली से बहादुरगढ़ के बीच मेट्रो से आवागमन बंद हो गया है। इसके अलावा दिल्ली से गुरुग्राम के बीच आवागमन प्रभावित है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) अपने ट्वीटर हैंडल पर लगातार मेट्रो स्टेशनों की स्थिति की जानकारी दे रहा है।
इन कॉरिडोर पर बंद हैं स्टेशन
वायलेट लाइन- आइटीओ, दिल्ली गेट, लाल किला मेट्रो स्टेशन बंद
ब्लू लाइन- इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन बंद
यलो लाइन- समयुपर बादली, रोहिणी सेक्टर 18, हैदरपुर बादली मोड़, जहांगीरपुरी, आदर्श नगर, आजादपुर, मॉडल टाउन, जीटीबी नगर, विश्वविद्यालय, विधानसभा और सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन बंद।
ग्रीन लाइन- सभी 22 मेट्रो स्टेशन बंद
इन मेट्रो स्टेशन पर गेट किए गए बंद
आइटीओकश्मीरी गेटसमयपुर बादली (Samaypur Badli)रोहणी सेक्टर 18/19 (Rohini Sector 18/19)हैदरपुर बादली मोड़ (Haiderpur Badli Mor)जहांगीरपुरी (Jahangir Puri)आदर्शनगर (Adarsh Nagar)आजादपुर (Azadpur)मॉडल टाउन (Model Town)जीटीबी नगर (GTB Naga)विश्वविद्यालय (Vishwavidyalaya)विधानसभा (Vidhan Sabha)सिविल लाइंस (Civil Lines)इंद्रप्रस्था (IndraPrashtha)बता दें कि ट्रैक्टर परेड की आड़ में किसानों ने दिल्ली में उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने तय शर्तों के अनुरूप गणतंत्र दिवस समारोह संपन्न होने के बाद ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत दी थी, लेकिन किसानों के अलग अलग जत्थे ने मंगलवार सुबह से ही दिल्ली में घुसने की कोशिश शुरू कर दी।पुलिस ने इन्हें सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर रोकने और समझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। पुलिस कर्मियों से झड़प करते हुए किसान दिल्ली में घुसते चले गए। कई जगह पुलिस कर्मियो के साथ मारपीट की गई।
मुकरबा चौक पर सबसे अधिक उत्पात मचाया गया। यहां टीयर गन लूट लिए गए। पुलिस के क्रेन पर कब्जा कर उसी से सड़कों पर बैरिकेड के रूप में इस्तेमाल की गई बसों और डंपर को हटा दिए गए।मुकरबा चौक पर मीडिया के कैमरे भी छीन लिए गए। कुछ कैमरा मैन को कैमरा ऑन करने से मना कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि संयुक्त किसान मोर्चा तय शर्तों के अनुरूप ही ट्रैक्टर परेड निकाल रही है, किन्तु पन्नू और तरण तरण गुट के किसान लगातार नियम तोड़ रहे हैं। - किसानों, ग्रामीणों तथा आम जनता का सबसे बड़ासंरक्षक हमारा संविधान
कमजोर तबकों को न्याय दिलाने करेंगे हर चुनौती का सामना
किसानों-कर्मवीरों-वन आश्रितों-स्थानीय कलाओं के लिएखोला सरकारी खजाना
कोरोना वैक्सीन की खोज करने वाले वैज्ञानिकों को किया नमन: प्रदेशवासियों से टीकाकरण अभियान सफल बनाने मांगा सहयोग
मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर जगदलपुर में ध्वजारोहण के बाद प्रदेशवासियों को किया संबोधित
‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ की पूरे देश में चर्चा
राम वनगमन पर्यटन परिपथ से होगा स्थानीय विकास औरआजीविका के नए साधनों का निर्माण
प्रदेश की 97 प्रतिशत आबादी को पोषण सुरक्षा: 99 हजार बच्चे हुए कुपोषण मुक्त
दो वर्षों में औसतन 2 हजार बसाहटों में प्रतिवर्ष पहुंचाई बिजली
सर्वाधिक धान खरीदी का बना कीर्तिमान
दूरसंचार टॉवर व हवाई सेवाओं से बस्तर मेंएक नया युग की शुरूआत
नगरनार इस्पात संयंत्र खरीदने छत्तीसगढ़ सरकार तैयार
झीरम गांव में आजादी के 73 साल बाद पहुंची बिजली
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर के लालबाग मैदान में ध्वजारोहण के बाद प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की एकता, अखण्डता के साथ प्रदेश में संविधान प्रदत्त नागरिक अधिकारों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। समाज के किसी भी वर्ग पर यदि कहीं से कोई भी संकट आता है तो हमारी सरकार उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी मिलेगी।किसानों, ग्रामीणों तथा आम जनता का सबसे बड़ा संरक्षक हमारा संविधान है, लेकिन अगर कोई नया कानून इस व्यवस्था में आड़े आता है तो ऐसी चुनौती से निपटना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, जिसे हमने छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक के माध्यम से निभाया।मैं आज फिर एक बार कहना चाहता हूं कि संविधान ने जो संरक्षण आपको दिया है, उसके रास्ते में आने वाली बाधाओं के निदान के लिए हम हमेशा तत्पर रहेंगे, चाहे इसके लिए किसी भी स्तर पर संघर्ष करना पड़े।हमारी सरकार ने बीते दो वर्षों में विशेषकर जरूरतमंद तबकों के हक और हित में बड़े कदम उठाए हैं। गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की बहुतायत को देखते हुए, उन्हें राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने की चुनौती स्वीकार की। किसानों, ग्रामीणों, भूमिहीनों के साथ आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को न्याय दिलाने का वादा पूरा करने के लिए हम हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं।मुख्यमंत्री ने अमर शहीदों, संविधान निर्माताओं और देश के नेताओं को याद कियामुख्यमंत्री ने महान राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों का हार्दिक अभिनंदन करते हुए कहा कि सबसे पहले मैं परलकोट विद्रोह के नायक अमर शहीद गैंदसिंह और उनके साथियों को नमन करता हूं, जिन्होंने सन् 1857 की पहली व्यापक क्रांति के पहले ही छत्तीसगढ़ में आजादी की अलख जगाई थी।उसकी ज्वाला को वीर गुण्डाधूर और शहीद वीरनारायण सिंह जैसे क्रांतिकारियों ने आगे बढ़ाया और फिर पूरा छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़ गया। आजादी की लड़ाई को जुनून में बदलने वाले अनेक अमर शहीदों के साथ इसे निर्णायक मुकाम पर पहुंचाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद, उस दौर के सभी नायकों और भारतमाता के गुमनाम सिपाहियों को मैं सादर नमन करता हूं।आजाद देश को अपना भाग्य विधाता बनाने का अवसर हमारे महान संविधान ने दिया, जिसे बनाने वाली संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और प्रारूप समिति के सभापति बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर थे।उनके साथ ही देश के विभिन्न क्षेत्रों के विचारकों और कानूनविदों ने संविधान सभा तथा विभिन्न समितियों के सदस्य के रूप में ऐतिहासिक भूमिका निभाई थी, इनमें हमारे छत्तीसगढ़ के कानूनविद भी शामिल थे, आज मैं उन सबको नमन करता हूं। हमारे संविधान की सबसे बड़ी बात यह है कि इसे हम भारत के लोगों ने स्वयं बनाया और स्वयं को आत्मार्पित किया है।सद्भाव और समरसता के रास्ते पर अडिग रहा है छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यह अवसर है कि हम अपने संविधान निर्माताओं की चिंता को साझा करें, आपस में विचार-विमर्श करें। संविधान के आधार पर देश चले, संविधान निर्माताओं की भावनाओं का सम्मान हो और हमारे संसदीय लोकतंत्र की गौरवशाली परंपराओं का मान कायम रहे, इस दिशा में मजबूती से चलने का संकल्प लेना भी इस वक्त की एक बड़ी जरूरत है। मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हमारा छत्तीसगढ़ हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं की आशाओं के अनुरूप सद्भाव और समरसता के रास्ते पर अडिग रहा, जिसके लिए आप सब बधाई के पात्र हैं। भाइयों और बहनों, हमारी सबसे पहली प्राथमिकता, अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति बहुल अंचल तथा ग्रामीण जनता है, जिन्हें विकसित स्थानों एवं लोगों की बराबरी में लाने के लिए विशेष जतन की जरूरत है। जब हम संविधान के प्रावधानों पर चिंतन-मनन करते हैं, अवसरों की बराबरी की बात करते हैं, न्याय की बात करते हैं, व्यक्ति की गरिमा की बात करते हैं तो हमारी आंखों के सामने उसी तबके के चेहरे अधिक नजर आते हैं, जो बुनियादी सुविधाओं से वंचित रह गए।राज्य सरकार ने बीपीएल परिवारों के हक और हित में उठाए बड़े कदमश्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार ने बीते दो वर्षों में विशेषकर इन तबकों के हक और हित में बड़े कदम उठाए हैं। गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की बहुतायत को देखते हुए तथा उन्हें राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने की चुनौती स्वीकार करते हुए हमने पूना माड़ाकाल दंतेवाड़ा कार्यक्रम शुरू किया, जो ऐसे अन्य जिलों में भी तेज विकास के लिए नवाचार का आधार बनेगा।इस अभियान से दंतेवाड़ा जिले में 10 माह में कुपोषण की दर 26 प्रतिशत कम हुई। 500 एकड़ भूमि लघु उद्योगों के लिए चिन्हांकित की गई। रोजगार के नए अवसर बने। स्थानीय लोगों को जोड़कर 4 कारखाने शुरू किए गए हैं, जो रेडीमेड परिधानों के नए ब्रांड डैनेक्स (दंतेवाड़ा नेक्स्ट) को राष्ट्रीय स्तर पर बाजार में उतारेंगे।लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीन वापसी और जगरगुंडा में 13 साल बाद स्कूलों में रौनक वापसी हुई। मेहरार चो मान बेटियां के स्वाभिमान का अभियान बना तो आमचो बस्तर स्वावलम्बन का नया प्रतीक। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजनाएं, कुपोषण और मलेरिया मुक्ति का आगाज भी बस्तर से हुआ, जो आगे चलकर पूरे प्रदेश के लिए एक नजीर और प्रेरणा स्रोत बना।दूरसंचार टॉवर व हवाई सेवाओं से बस्तर में एक नए युग की शुरूआतझीरम गांव में आजादी के 73 साल बाद पहुंची बिजलीमुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिलों की देशव्यापी डेल्टा रैंकिंग में बीजापुर देश में अव्वल आया। आकांक्षी जिलों के अन्य मापदण्डों में कोण्डागांव, नारायणपुर और सुकमा जिले ने भी अपना झण्डा गाड़ा। झीरम गांव में आजादी के 73 साल बाद बिजली पहुंचने की जितनी खुशी बस्तरवासियों को है, उससे अधिक खुशी हमें है।बस्तर में 400 के.व्ही. से लेकर 132 के.व्ही. का ऐसा अति उच्च दाब नेटवर्क बनाया गया, जिससे बस्तर में दोहरी-तिहरी बिजली आपूर्ति की व्यवस्था हो। इसी प्रकार सौर ऊर्जा से घरों, अस्पतालों, शालाओं, आश्रमों को रोशन करने के कीर्तिमान बने, ताकि बिजली की शक्ति भी आदिवासी समाज की शक्ति बने। बस्तर को दूरसंचार टॉवर व हवाई सेवाओं से जोड़कर सुगम सम्पर्क का एक नया युग भी शुरू किया गया।दशकों से वनोपज के नाम पर तेंदूपत्ता संग्रहण को सीमित तौर पर आजीविका का साधन बनाकर रखा गया था, हमने संग्रहण पारिश्रमिक 2 हजार 500 रूपए से बढ़ाकर 4 हजार प्रति मानक बोरा किया, शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के माध्यम से इस काम में लगे परिवारजनों को सुरक्षा और बेहतरी का सुरक्षा कवच उपलब्ध कराया। इसके साथ ही 7 से बढ़ाकर 52 लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की शुरुआत की तथा वनांचल में प्रसंस्करण केन्द्रों की स्थापना पर जोर दिया।
वन अधिकार पट्टाधारियों से भी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का निर्णयमुख्यमंत्री ने कहा कि वन अधिकार दावों के निरस्त हो जाने से अनुसूचित जनजाति तथा परंपरागत वन निवासियों में बेहद निराशा थी, हमने निरस्त दावों की पुनः समीक्षा से बड़े पैमाने पर काबिज जमीन का विधिवत अधिकार देकर बड़े पैमाने पर आशा का संचार किया। सामुदायिक वन अधिकार पत्र तथा सामुदायिक वन संसाधन पत्र देने के नए उपायों को बड़ी सफलता मिली।अब हमने वन अधिकार पट्टाधारियों से भी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का निर्णय लिया है। मुझे विश्वास है कि आदिवासी समाज के सम्मान व स्वावलम्बन में इस पहल का दूरगामी असर होगा। मैं चाहूंगा कि पट्टाधारी किसान इस पहल का भरपूर लाभ उठाएं।राम वनगमन पर्यटन परिपथ से होगा स्थानीय विकास और
आजीविका के नए साधनों का निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम के वनवास से जुड़े प्रसंग लोक आस्था का विषय हैं। छत्तीसगढ़ के लोक मानस में वनवासी राम की स्मृतियां बसी हैं लेकिन बीते दौर में संबंधित प्रसंगों तथा चर्चित स्थलों के विकास के लिए समुचित उपाय नहीं किए जाने से इन स्थलों की चमक धूमिल पड़ गई थी। हमारी सरकार ने जो राम वनगमन पर्यटन परिपथ विकसित करने का बीड़ा उठाया है, उससे स्थानीय विकास तथा आजीविका के नए साधनों का निर्माण भी होगा।जल संसाधनों के विकास में बोधघाट परियोजना का होगा अहम योगदानमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने आगामी 5 वर्षों में जल संसाधनों के विकास की जो रणनीति बनाई है, उसमें बोधघाट परियोजना का अहम योगदान होगा। यह परियोजना न सिर्फ बस्तर की जीवन-रेखा इंद्रावती को नवजीवन देगी, बल्कि मुआवजा तथा पुनर्वास पैकेज के निर्धारण के नए कीर्तिमान भी रचेगी। इसमें प्रभावित क्षेत्र के निवासियों की सहमति तथा भागीदारी की निर्णायक भूमिका होगी।
विकास प्राधिकरणों से बढ़ा स्थानीय नेतृत्व को सम्मानमुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी अंचलों में स्थानीय नेतृत्व को सम्मान और अधिकार देने के लिए हमने बस्तर, सरगुजा तथा मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरणों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों से की है और उन्हें क्षेत्रीय विकास के निर्णय लेने हेतु व्यापक अधिकार दिए हैं। सरकार की सेवाएं जनता के निकट ले जाने के लिए हमने गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला तथा 24 नई तहसीलों का गठन भी किया। इस प्रकार क्षेत्रीय असंतुलन समाप्त करने तथा प्रदेश के सर्वांगीण विकास में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग के साथ ही ऐसे क्षेत्रों को तवज्जो दी गई है, जो अब तक उपेक्षा के शिकार थे।कमजोर तबकों को न्याय दिलाने करेंगे हर चुनौती का सामना:सर्वाधिक धान खरीदी का बना कीर्तिमान
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों, ग्रामीणों, भूमिहीनों के साथ आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को न्याय दिलाने का वादा पूरा करने के लिए हम हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं। हमारे किसान भाइयों, बहनों और उनके परिवारजनों के लिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी बहुत बड़ा आसरा है। यह काम बड़ी सोच और व्यवस्थित ढंग से करने पर इसका लाभ कितने अधिक परिवारों तक पहुंचाया जा सकता है, इसकी मिसाल दो वर्षों में पंजीकृत और धान विक्रेता किसानों की लगातार बढ़ी संख्या है।हमारे जिम्मेदारी संभालने के पहले लगभग 15 लाख किसानों का पंजीयन ही हुआ था, जबकि इस साल 21 लाख 52 हजार 485 किसानों का पंजीयन हुआ है। वहीं पंजीकृत रकबा भी 24 लाख 46 हजार से बढ़कर लगभग 28 लाख हेक्टेयर हो गया है। विगत 2 वर्षों की तरह इस बार भी हमने सर्वाधिक धान खरीदी का नया कीर्तिमान बना लिया है।एक नई पहल के तहत बहुत बड़ी मात्रा में खुले में संग्रहित धान को खराब होने से बचाने के लिए गांवों में 7 हजार से अधिक धान संग्रहण चबूतरों का निर्माण किया गया है।हमने धान सहित 14 तरह की फसल लेने वाले किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘ शुरू की थी और किसानों को 5 हजार 700 करोड़ रुपए देने का वादा किया था, तीन किस्तों में जिसका 80 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है। इसी वित्तीय वर्ष में शतप्रतिशत भुगतान भी कर दिया जाएगा।यह योजना फसल विविधीकरण व किसानों के आर्थिक सशक्तीकरण का लक्ष्य भी साधेगी।
सुराजी गांव योजना से गांवों में नवाचार और रोजगार के खुले नये द्वारमुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से 5 माह में लगभग 72 करोड़ रुपए का भुगतान सरकारी दर पर गोबर विक्रेताओं को किया गया है। इस योजना से बड़ी संख्या में भूमिहीनों, महिलाओं तथा कमजोर तबकों को लाभ मिला है। सुराजी ग्राम योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा, बारी के विकास से गांवों में नवाचार और रोजगार के नए द्वार खुले हैं।इससे न सिर्फ भूमि की उत्पादकता बढ़ रही है, जल संसाधनों का विकास हो रहा है, फल-सब्जी के उत्पादन से गांवों में कुपोषण से लड़ने के साधन जुट रहे हैं, बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन हो रहा है बल्कि वर्मी कम्पोस्ट और गोबर से विभिन्न कलात्मक वस्तुओं का उत्पादन होने लगा है, जो आगे चलकर जैविक उत्पादों के बड़े बाजार में छत्तीसगढ़ की बड़ी हिस्सेदारी सुनिश्चित करेगा।मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारी योजनाओं से महिलाएं और युवा साथी बड़ी संख्या में जुड़े हैं। शिक्षा से लेकर संस्कार तक, कौशल से लेकर रोजगार तक, प्रतिभाओं की परख से लेकर विस्तार तक, नए विश्वास का वातावरण बना है। निःशुल्क शिक्षा का दायरा कक्षा 12वीं तक बढ़ाना, स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना, छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद, राष्ट्रीय स्तर की खेल अकादमी, निःशुल्क खेल प्रशिक्षण केन्द्र, दो नये विश्वविद्यालय, दर्जनों नये महाविद्यालय, मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन योजना की नई गाइड लाइन जैसे उपायों ने युवाओं की आंखों को नए सपने दिए हैं।वहीं राष्ट्रीय स्तर पर भागीदारी, नौकरी तथा रोजगार के अवसरों से सपनों में सफलता के नए-नए रंग भी भरे जा रहे हैं। विभिन्न विभागों द्वारा ब्लॉक स्तर पर किए जाने वाले निर्माण कार्य में युवा बेरोजगारों को एक बार में 20 लाख रुपए तथा वर्ष में अधिकतम 50 लाख रूपए तक कार्य आबंटित करने के लिए ’ई-श्रेणी एकीकृत पंजीयन’ की व्यवस्था की गई है।इस योजना में सामान्य क्षेत्रों के स्नातकों तथा अनुसूचित क्षेत्रों में हायर सेकेण्डरी उत्तीर्ण युवाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है। इसके अतिरिक्त एक अन्य योजना में बेरोजगार डिग्रीधारी तथा डिप्लोमाधारी इंजीनियरों एवं राजमिस्त्रियों के लिए पृथक निविदा प्रक्रिया की व्यवस्था की गई है।इसी तरह विभिन्न क्षेत्रों में कुछ नया करने वाले युवाओं तथा संस्थाओं के नवाचारों को मान्यता, बाजार तथा उद्यमिता विकास के अवसरों से जोड़ने के लिए नवप्रवर्तक प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत नवाचार हेतु अनुदान, प्रोटोटाइप विकास, बौद्धिक सम्पदा के रूप में पंजीयन आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।दो वर्षों में औसतन 2 हजार बसाहटों में प्रतिवर्ष पहुंचाई बिजलीमुख्यमंत्री ने कहा कि नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने की जिम्मेदारी संभालने के लिए हमारी नई पीढ़ी नए जोश और नई तैयारी के साथ आगे आ रही है। हमने नई सोच के साथ अधोसंरचना के विकास को गति दी ताकि जल्दी से जल्दी उसका लाभ वास्तविक आवश्यकताओं के क्षेत्र में मिले। उदाहरण के लिए विगत 18 वर्षों में प्रतिवर्ष औसतन 1 हजार 300 मजरों-टोलों में बिजली पहुंचाई जाती रही, जबकि हमने दो वर्षों में औसतन 2 हजार बसाहटों में प्रतिवर्ष ग्रिड से बिजली पहुंचाई।इसके अलावा जहां यह साधन नहीं है वहां सौर ऊर्जा से घरों को रोशन किया गया। इसी प्रकार दो वर्षों में 63 हजार सिंचाई पम्पों का ऊर्जीकरण, उपकेन्द्र, लाइन विस्तार आदि कार्य भी अपेक्षाकृत तेज गति से किए गए। कुशल प्रबंधन के कारण इस वर्ष हमारे ताप बिजली घरों का पी.एल.एफ. भी देश में सर्वोच्च स्तर 70 प्रतिशत को पार कर गया। इस प्रकार एक ओर विद्युत विकास की बड़ी उपलब्धियां राज्य के खाते में आई हैं तो उसका लाभ भी आम जनता को दिया गया है। ‘हाफ बिजली बिल योजना’ से अब तक 38 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को 1 हजार 336 करोड़ रूपए की राहत दी गई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जल संसाधन विकास का काम भी व्यावहारिक सोच के साथ किया है, जिसके कारण वास्तविक सिंचाई का सर्वाधिक लाभ किसानों को मिल रहा है। 5 वर्षों में सिंचाई क्षमता दोगुनी करने के लिए एक ओर जहां पुरानी योजनाओं को शीघ्रता से पूरा किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर 15 नई वृहद सिंचाई परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है।प्रदेश में जल संसाधन विकास को उच्च प्राथमिकता देने और समग्र पहलुओं पर सार्थक पहल के लिए नई जल संसाधन नीति तैयार की जा रही है। हम स्पष्ट रणनीति बनाकर ऐसी सड़कें बना रहे हैं, जिसमें कृत्रिम सजावट के स्थान पर गुणवत्ता, उपयोगिता तथा उस पर ज्यादा से ज्यादा लोगों की पहुंच की प्रधानता रहे। इस तरह जवाहर सेतु योजना, ‘मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना’, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना, प्रधानमंत्री सड़क योजना के माध्यम से सैकड़ों पुल-पुलिया तथा 4 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कें बनाई जा रही हैं।मनरेगा में बना देश में सर्वाधिक रोजगार देने का कीर्तिमान: योजनाओं के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर अव्वल रहामुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत न सिर्फ देश में सर्वाधिक रोजगार देने का कीर्तिमान बनाया गया बल्कि इसके अभिसरण से अनेक नवाचार किए जा रहे हैं, जिसमें आंगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माण सहित अनेक कार्य हो रहे हैं। लगभग 5 हजार गौठानों का निर्माण पूर्ण किया गया है तथा गौठानों में लगभग 43 हजार वर्मी कम्पोस्ट टंकी बनाई गई है।लगभग 3 हजार चारागाह विकसित किए गए हैं। श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, बायोगैस संयंत्रों की स्थापना, ओडीएफ प्लस पंचायतों का विकास जैसी अनेक राष्ट्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर अव्वल रहा है।स्वास्थ्य सुविधाओं को घर तक पहुंचाने की रणनीतिश्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमने स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास को भी ऐसे अधोसंरचना विकास के रूप में देखा जिसमें पहुंच की भूमिका ज्यादा हो। इस तरह हमने विद्यमान स्वास्थ्य केन्द्रों में ज्यादा अवधि तक कार्य करने, ज्यादा सुविधाएं जुटाने और ज्यादा मरीजों के लिए आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने की रणनीति अपनाई।हमारी इसी तैयारी की वजह से कोरोना संकट के दौरान लोगों को राहत देने और उपचार की व्यवस्था संभव हुई। कोरोना की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अस्पतालों का उन्नयन और सेवाओं का विस्तार तत्परता से करना संभव हुआ। राज्य की सामाजिक, आर्थिक परिस्थितियों में मरीजों का सही समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाना भी बड़ी समस्या थी, जिसके समाधान के लिए हमने समुदायों और लोगों के घरों तक पहुंचने की रणनीति अपनाई।इस तरह मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना का विस्तार शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिक योजना, मिनीमाता डायग्नोस्टिक सेंटर योजना आदि स्वरूपों में जांच व उपचार की सुविधाएं जन-जन व घर-घर तक पहुंचीं।
डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना तथा मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना सेमरीजों को मिला नया जीवन
मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक धन तथा मरीजों को बीमा योजनाओं के जंजाल से निकालते हुए हमने डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना तथा मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना शुरू की, इस तरह सामान्य बीमारियों से लेकर दुर्लभ बीमारियों तक के निःशुल्क इलाज की व्यवस्था की गई और बहुत से मरीजों को 20 लाख रूपए तक निःशुल्क इलाज की सुविधा से नया जीवन मिला। हमारी इस पहल की सराहना भी राष्ट्रीय स्तर पर हुई है।मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की रणनीतिक सफलता का परिणाम एक वर्ष में 65 प्रतिशत मलेरिया नियंत्रण है। अब इसी प्रकार सघन अभियान से सरगुजा तथा समूचे छत्तीसगढ़ को भी मलेरिया मुक्त बनाया जाएगा।
प्रदेश की 97 प्रतिशत आबादी को पोषण सुरक्षा: 99 हजार बच्चे हुए कुपोषण मुक्तमुख्यमंत्री ने कहा कि सेहत के साथ सुपोषण का गहरा नाता होता है। हमने सार्वभौम पीडीएस योजना लागू करके प्रदेश की 97 प्रतिशत आबादी को पोषण सुरक्षा दी है।मुख्यमंत्री सुपोषण योजना से एक वर्ष में 99 हजार बच्चों का कुपोषण मुक्त तथा 20 हजार महिलाओं का एनीमिया मुक्त होना एक बड़ी उपलब्धि है। सामुदायिक भागीदारी और डीएमएफ जैसी निधियों के उपयोग की इसमें बड़ी भूमिका रही है। हमने डीएमएफ के उपयोग के लिए जो नई गाइड लाइन जारी की थी, उससे शिक्षा, पोषण, रोजगार तथा पुनर्वास में जो मदद मिली है, वह भी हमारी सोच और सही दिशा का प्रतीक है।‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ की पूरे देश में चर्चा
किसानों-कर्मवीरों-वन आश्रितों-स्थानीय कलाओं के लिए खोला सरकारी खजानामुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बाहर ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ की खूब चर्चा होती है। जगजाहिर है कि हमें विराट जनादेश तो मिला लेकिन हमारी सरकार को विरासत में खाली-खजाना मिला था। लोगों को न्याय का इंतजार था, इसलिए तात्कालिक राहत के साथ दूरगामी विकास के कदम भी उठाने थे। हमने इस स्थिति का मुकाबला गांधी-नेहरू-शास्त्री-पटेल-आजाद-डॉ. अम्बेडकर जैसे मनीषियों की वैचारिक विरासत से किया।सादगी, सरलता, जन विश्वास और राज्य के संसाधनों के सम्मान और वेल्यू एडीशन को मूलमंत्र बनाया। किसानों-कर्मवीरों-वन आश्रितों-स्थानीय कलाओं के लिए सरकारी खजाना खोल दिया। कमजोर माली हालत वाले लोगों के लिए राहत का पिटारा खोल दिया। इस तरह गांव से लेकर शहर तक आर्थिक गतिविधियों का थमा हुआ पहिया घूमने लगा।गांवों-घरों में पहुंचे पैसों से बाजारों की रौनक लौटी तो इसकी चमक भी अन्य प्रदेशों ने देखी। इस दौर में हमारी माताओं-बहनों ने जिस तरह धीरज, साहस और रचनाशीलता के साथ गौठानों में, स्व-सहायता समूह में, बिहान समूहों में गोबर की कलाकृतियां, मास्क, सेनेटाइजर तथा अन्य वस्तुएं बनाकर योगदान दिया, उसकी जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौर में भी छत्तीसगढ़ में उत्पादन और विकास का पहिया चलता रहा।कोरोना वैक्सीन की खोज करने वाले वैज्ञानिकों को किया नमन: प्रदेशवासियों से टीकाकरण अभियान सफल बनाने मांगा सहयोगमुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबने कोरोना संकट के दौर में न केवल खुद को संभाला, अपने संपर्क में आने वाले लोगों को संभाला बल्कि प्रदेश को भी संभाल लिया। लाखों प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित व सफल घर वापसी हुई।उन्हें छत्तीसगढ़ महतारी के आंचल में अपनी नई जिंदगी शुरू करने का अवसर मिला। कोरोना के वैक्सीन की खोज करने वाले महान वैज्ञानिकों को नमन करते हुए मैं आव्हान करता हूं कि समस्त प्रदेशवासी टीकाकरण के अभियान को सफल बनाने में भी सहयोग प्रदान करें। विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल की सफलता यह आश्वस्त करती है कि आने वाला कल चुनौतियों का नहीं बल्कि ऐसे अवसरों का होगा जिससे आपकी खुशहाली की नई इबारतें लिखी जाएंगी।मैं सोचता हूं कि आपको साधुवाद देने के लिए गणतंत्र दिवस से बेहतर अवसर कोई और हो ही नहीं सकता। मैं वादा करता हूं कि छत्तीसगढ़ के कर्मवीरों और श्रमवीरों के कल्याण के लिए उठाए गए हमारे विभिन्न कदम, बेहतरी के नए सोपानों की ओर बढ़ेंगे।नये उद्योगों में 43 हजार करोड़ रूपए का निवेश: 64 हजार लोगों को मिलेगा रोजगारमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नीतिगत पहल और आप सबके अच्छे व्यवहार ने ही राज्य में निवेश का सकारात्मक वातावरण बनाया है, जिसके कारण विगत दो वर्षों में नए उद्योगों की स्थापना के लिए 43 हजार करोड़ रूपए के निवेश तथा इनमें ही 64 हजार लोगों को रोजगार देने की स्थिति बनी है।हमारा प्रदेश, देश में निवेशकों के सबसे पसंदीदा राज्य के रूप में उभरा है। हमने अनेक नवाचारी क्षेत्रों में निवेश के लिए आकर्षक प्रावधान किए हैं। सरोधा-दादर, सतरेंगा, राम वनगमन परिपथ, सिरपुर बौद्ध पर्यटन परिपथ आदि हमारी सोच को आकार देने के प्रयास के रूप में सामने हैं, जिससे छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान भी मिलेगी।चिटफंड कंपनियों के शिकार लोगों को न्याय दिलाने की पहलमुख्यमंत्री ने कहा कि बीते दौर में जनता के खून-पसीने की कमाई चिटफंड कंपनियों में निवेश कराने को लेकर जो अन्याय हुआ था, इसके शिकार लोगों को न्याय दिलाने की पहल भी हमने की है, जिसके तहत 163 चिटफंड कंपनियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किए गए और ऐसी कंपनियों के 647 पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया।दोषी कंपनियों की सम्पत्ति की जब्ती और कुर्की करने की जटिल कार्यवाही को अंजाम देते हुए आधा दर्जन जिलों के निवेशकों को 10 करोड़ रूपए की आंशिक राशि लौटाने में सफलता भी मिली है।विश्वास, सुरक्षा और विकास की रणनीति से नक्सली वारदातों में कमीप्रदेशवासियों के मन में सुरक्षा का विश्वास दिलाने में सुरक्षा बलों की महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान करते हुए उनके लिए अनेक कल्याणकारी कदम उठाए गए हैं। हमारी विश्वास, सुरक्षा और विकास की रणनीति का परिणाम नक्सली वारदातों तथा अन्य आपराधिक घटनाओं में कमी के रूप में सामने आया है।नगरनार इस्पात संयंत्र खरीदने छत्तीसगढ़ सरकार तैयारसार्वजनिक उपक्रमों को भारत की अर्थव्यवस्था का मेरूदंड बनाया गया था। विडम्बना है कि मेरूदंड को कमजोर करने की कोशिशें हो रही हैं। हमने छत्तीसगढ़ विधानसभा के मंच पर यह शासकीय संकल्प लिया है कि यदि बस्तर में बनाए जा रहे नगरनार इस्पात संयंत्र को निजी हाथों में बेचने की कोशिश की जाती है तो छत्तीसगढ़ सरकार इस संयंत्र को खरीदने को तैयार है।आज मैं गणतंत्र दिवस के अवसर पर आप सब लोगों के सामने अपना यह संकल्प दोहराता हूं। इस तरह हम आपके जल-जंगल-जमीन के साथ ही आपके संसाधनों और अवसरों की रक्षा के लिए भी संकल्पबद्ध हैं।मेरी कामना है कि आप सब अपनी पूरी लगन और समर्पण के साथ अपने निर्धारित लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ते जाइए। हमारी सरकार की विभिन्न योजनाओं में पूरी भागीदारी निभाइए। आज हम सबको मिलकर नवा छत्तीसगढ़ गढ़ना है। - नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की कथित व्हाट्सऐप चैट का हवाला देते हुए शुक्रवार को कहा कि दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सरकार ने किसान संगठनों के साथ बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है।
सोनिया गांधी ने कहा कि एक सप्ताह में संसद सत्र आरंभ होने जा रहा है। यह बजट सत्र है, लेकिन जनहित के कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पूरी तरह चर्चा किए जाने की जरूरत है। क्या सरकार इस पर सहमत होती है, यह देखने होगा। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, '' किसानों का आंदोलन जारी है और सरकार ने बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है।उन्होंने यह भी कहा कि यह स्पष्ट है कि कानून जल्दबाजी में बनाए गए और संसद को इनके प्रभावों का आकलन करने का अवसर नहीं दिया गया। हम इन कानूनों को खारिज करते हैं क्योंकि ये खाद्य सुरक्षा की बुनियादों को ध्वस्त कर देंगे। व्हाट्सऐप बातचीत प्रकरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ''हाल ही में हमने बहुत ही परेशान करने वाली खबरें देखीं कि किस तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया गया है.... जो लोग दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटते हैं वो अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं। उन्होंने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार निजीकरण को लेकर हड़बड़ी में है। -
पुणे : ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका की कोविड वैक्सीन का भारत में निर्माण करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की पुणे इकाई में गुरुवार को आग लग गई। यह आग SII के टर्मिनल 1 गेट पर लगी।
आग की खबरों के बाद यह आशंका जताई जा रही थी कि इससे कोरोना वैक्सीन का उत्पादन प्रभावित होगा लेकिन SII के जिस हिस्से में आग लगी है वह निर्माणाधीन इमारत है। वैक्सीन का भंडारन और उत्पादन दोनों ही पूरी तरह सुरक्षित हैं।
SII के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट कर बताया है कि अभी तक आग से किसी को नुकसान नहीं हुआ है और न ही किसी को गंभीर चोट आई है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि आग से इमारत के कुछ माले बर्बाद हो गए।
SII के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. सुरेश जाधव ने बताया कि जहां आग लगी है वहां BCG वैक्सीन से जुड़ा काम चल रहा था। यह हिस्सा वहां से काफी दूर है जहां कोविड-19 का टीका कोविशील्ड बनाया जा रहा है और स्टोर किया जा रहा है।
पुणे पुलिस कमिशनर अमिताभ गुप्ता ने बताया, 'हमें दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर सीरम इंस्टीट्यूट की एक इमारत में आग लगने की सूचना मिली। पुलिस और फायर ब्रिगेड तुरंत मौके पर पहुंची। सभी लोगों को निकाल लिया गया है। 1 घंटे में आग बुझा दी जाएगी। इस इमारत में वैक्सीन का प्लांट या भंडारण नहीं किया जा रहा था।'
उन्होंने बताया, 'आग बुझ जाने के बाद पुलिस की जांच शुरू हो जाएगी। हम हर पहलू की जांच करेंगे। इस इमारत में निर्माण कार्य चल रहा था।'
मेयर मुरलीधर महोल के मुताबिक, आग सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मंजरी प्लांट में लगी है। दमकल विभाग के मुताबिक आग हाल ही में बनी इमारतके पांचवे मंजिल पर लगी है। फिलहाल SII में दमकल की पांच से दस गाड़ियां आग बुझाने के काम में जुटी हुई हैं।
बता दें कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका की कोरोना वैक्सीन को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ही बनाया है। भारत में टीकाकरण की शुरुआत के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पुणे वाले उत्पादन केंद्र से ही कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खेप देशभर में भेजी गई थी। - नई दिल्ली : देश में कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हो चुकी है। इस बीच, देश में कई लोगों के मन में वैक्सीन लगवाने को लेकर कई तरह की झिझक है।कोरोना वैक्सीन को लेकर इस झिझक को दूर करने के लिए अब देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन खुद सबके सामने आए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे कोरोना वैक्सीन को लेकर अफवाहों पर ध्यान ना दें, टीका पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा COVID-19 वैक्सीन को लेकर संकोच से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए तैयार किए गए पोस्टर जारी किए। स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से इन पोस्टरों का विवेकपूर्ण उपयोग करने और इसे एक व्यापक अभियान बनाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि यह टीकाकरण अभियान स्वास्थ्य क्षेत्र के दर्पण के रूप में काम कर रहा है। अतीत में, भारत चेचक और पोलियो जैसी घातक बीमारियों को दूर करने में सफल रहा था। इसी तरह मेरा मानना है कि अब हम कोरोना वायरस के ताबूत में आखिरी कील ठोक रहे हैं।उन्होंने साथ ही कहा कि संदेश स्पष्ट है कि टीका पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी है। स्वास्थ्य मंत्री ने साथ ही कहा कि उक्त प्रतिकूल घटनाएं या दुष्परिणाम(साइड इफेक्ट) आम तौर पर सामने आते हैं और यह किसी भी टीकाकरण के बाद देखा जा सकता है।
मंत्री द्वारा जारी किए गए पोस्टर और पर्चे ने अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए #Largest Vaccination Drive का उपयोग किया। केंद्रीय मंत्री ने पोस्टर का गुच्छा जारी करते हुए कहा कि जनवरी के महीने में, मेरा मानना है कि हमने कुछ संतोषजनक काम किया है। सभी डॉक्टरों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं ने बिना किसी लापरवाही के अपने मरीजों की सुरक्षा के लिए लगातार काम किया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों, वैज्ञानिक और चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम को धन्यवाद दिया और कहा कि टीके- कोवाक्सीन और कोविशील्ड का उपयोग करना सुरक्षित है। तथाकथित दुष्प्रभाव किसी भी टीकाकरण प्रक्रिया के लिए सामान्य हैं। हम में से कई टीकाकरण करते समय याद कर सकते हैं। , हम इसके बाद एक सूजन और हल्के हो जाते थे। इस प्रकार, यह पूरी तरह से सामान्य है। - COVID-19 Vaccine: वैक्सीन पर मुख्यमंत्रियों की बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि घबराने की जरूरत नहीं है. दूसरे फेज में उन सभी को वैक्सीन दी जाएगी, जो भी 50 साल से ऊपर होंगे.ये जानकारी सूत्रों से मिली है.
कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन का काम जारी है. उधर, सोशल मीडिया पर सवाल भी उठ रहे हैं कि नेता कोरोना वैक्सीन क्यों नहीं लगवा रहे. तो सूत्रों से इससे जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आ गई है. कोराना वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में 50 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को वैक्सीन दी जाएगी. दरअसल, कोरोना वैक्सीन पर मुख्यमंत्रियों की बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि घबराने की जरूरत नहीं है. दूसरे फेज में उन सभी को वैक्सीन दी जाएगी, जो भी 50 साल से ऊपर होंगे. ऐसे सभी सांसद और विधायक व मंत्री जो भी 50 साल से ऊपर हैं उन्हें दूसरे चरण में कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी.
बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों से कोविड-19 का टीका लगवाने में संकोच नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा था कि टीका लगवाना उनकी सामाजिक जिम्मेदारी है और प्रतिकूल प्रभाव संबंधी चिंताएं फिलहाल ‘बेबुनियाद और मामूली' लगती हैं. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन, दोनों टीके सुरक्षित हैं और इन्हें बनाने में बहुत कोशिशें की गई हैं. उन्होंने कहा कि दु:ख की बात है कि स्वास्थ्य कर्मी, विशेष रूप से डॉक्टर और नर्स इसे लगवाने से मना कर रहे हैं.
पॉल ने कहा, ‘‘अगर हम टीका नहीं लगवा रहे हैं हम अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा नहीं कर रहे. पूरी दुनिया एक टीके के लिए शोर मचा रही है. मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया टीका लगवाएं.'' उन्होंने कहा, ‘‘टीके को लेकर संकोच समाप्त होना चाहिए क्योंकि कोविड-19 टीकाकरण हमें इस महामारी को समाप्त करने की दिशा में ले जा रहा है.''पॉल ने बताया कि उन्होंने खुद कोवैक्सीन का टीका लगवाया है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि हर देश में टीकों को लेकर झिझक की बात सामने आती रही है लेकिन कोविड-19 के मामले में यह संकोच थोड़ा ज्यादा है. भूषण ने कहा कि पोलियो और मीसल्स-रुबेला के टीकों के मामले में भी यह झिझक देखी गई. पॉल ने कहा, ‘‘अच्छा संवाद, तथ्यों को समझना और इसे लगवाना आपकी अपने लिए और समाज के लिए जिम्मेदारी है.'' -
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली पर रोक से इनकार कर दिया है। ट्रैक्टर रैली के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को अदालत ने कहा कि हम इस ट्रैक्टर रैली पर या 26 जनवरी पर किसी दूसरे प्रदर्शन पर किसी तरह की रोक का कोई आदेश नहीं देंगे। कोर्ट ने कहा कि इस पर फैसला लेने का काम पुलिस करना है। पुलिस देखे कि किस तरह से इसे मैनेज करना है, हम कोई आदेश नहीं देंगे।
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है। इस रैला पर रोक आदेश देने की मांग करते हुए केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी।इस पर बुधवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि सरकार क्यों चाहती है कि ट्रैक्टर रैली को हम रोकें, सरकार खुद फैसला ले। किसानों को दिल्ली में एंट्री दी जाए या नहीं, या फिर कहां तक एंट्री दी जाए, यह पुलिस ही तय करेगी। यह कानून-व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा है तो इसके लिए सही अथॉरिटी पुलिस है।
सुप्रीम कोर्ट ने कोई आदेश देने से इनकार करते हुए केंद्र से ट्रैक्टर रैली रोकने को लेकर दी गई इस याचिका को वापस लेने को कहा। जिसके बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है।
सुप्रीम कोर्ट में कुछ किसान संगठनों की ओर से पेश हुए एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा कि किसान गणतंत्र दिवस पर सिर्फ दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर मार्च निकालना चाहते हैं, उनका राजपथ की ओर आने या किसी भी तरह से परेड में व्यवधान डालने का कोई इरादा नहीं है। ये मार्च शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाएगा। अब तक किसानों के आंदोलन को देखखर कहा जा सकता है कि इससे कोई कानून व्यवस्था को खतरा नहीं है।
वहीं दिल्ली में सरकार के साथ बैठक के लिए पहुंचे किसान नेताओं ने कहा है कि हम 26 जनवरी को सरकार की परेड में बाधा नहीं डालेंगे। हम अपनी ट्रैक्टर रैली रिंग रोड पर करना चाहते हैं और इसको लेकर सरकार को जिद छोड़कर इजाजत देनी चाहिए। -
नई दिल्ली : देश में कोरोना महामारी की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। बीते 24 घंटों की बात करें तो देश में कोरोना के सिर्फ 13 हजार मामले सामने आए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में बीते 24 घंटों में कोरोना के 13,823 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 162 लोगों की मौत हुई है। देश में कोरोना की रिकवरी दर साढ़े 96 फीसद से अधिक हो चुकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक 1 करोड़ 5 लाख 95 हजार 660 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, इसमें से 1.02 करोड़ लोग ठीक भी हो चुके हैं।देश में कोरोना से अब तक ठीक हो चुके मरीजों की कुल संख्या 1 करोड़ 2 लाख 45 हजार 741 हो चुकी है। देश में कोरोना वायरस के फिलहाल 1 लाख 97 हजार 201 सक्रिय मामले बचे हुए हैं। देश में कोरोना वायरस के कारण अब तक कुल 1 लाख 52 हजार 718 लोगों की मौत हो चुकी है।
सक्रिय मामले 2 लाख से कम हुए
देश में कोरोना के सक्रिय मामले 2 लाख से कम हो गए हैं। बीते 24 घंटों में देश में कोरोना वायरस के 3,327 एक्टिव केस कम हुए हैं। इससे एक्टिव दर 1.86% रह गई है। देश में कोरोना संक्रमण से बीते 24 घंटों में 16,988 लोग ठीक हुए हैं। इससे रिकवरी दर 96.70% हो गई है। देश में कोरोना की मृत्यु दर 1.44% है।
देश में कोरोना की जांच का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। देश में 18.80 करोड़ से ज्यादा सैंपलों की कोरोना जांच की जा चुकी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research, ICMR) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में मंगलवार(19 जनवरी) तक 18,85,66,947 सैंपलों की जांच हो चुकी है, जिनमें से 7,64,120 टेस्ट कल किए गए हैं।
देश में अब तक साढ़े 6 लाख से अधिक टीकाकरण
देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण जारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक 6 लाख 74 हजार 835 लोगों को टीका लगाया चुका है। इसमें से बीते 24 घंटों में 2 लाख 20 हजार 789 लोगों को टीका लगाया गया है। - नई दिल्ली : Ind vs Aus: भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया का घमंड तोड़ दिया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम को गुरूर था कि वो ब्रिसबेन में 32 साल से कभी भी मुकाबला नहीं हारी है और भारत के खिलाफ गाबा के मैदान पर एक भी मैच नहीं गंवाया है, लेकिन अजिंक्य रहाणे की कप्तानी वाली टीम ने कंगारू टीम का सारा घमंड तोड़ दिया। भारत ने चौथा टेस्ट मैच 3 विकेट से जीता। इस मैच में सबसे बड़े हीरो रिषभ पंत रहे, जिन्होंने चौथी पारी में शानदार बल्लेबाजी की।
दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए ब्रिसबेन का गाबा मैदान किसी किले से कम नहीं था, क्योंकि क्वरंटाइन की वजह से जब खिलाड़ियों ने मना किया था तो उस समय ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटरों ने कहा था कि भारतीय टीम ब्रिसबेन में इसलिए नहीं खेलना चाहती है, क्योंकि कंगारू टीम का रिकॉर्ड ब्रिसबेन में शानदार है। हालांकि, रहाणे की अगुवाई वाली टीम ने ये साबित कर दिया है कि भारतीय की युवा खिलाड़ियों वाली टीम भी ऑस्ट्रेलिया को हरा सकती है।
इस सीरीज की बात करें तो भारतीय टीम को पहले मैच में हार मिली थी। भारत पहली पारी में 36 रन पर ऑल आउट हो गया था, लेकिन दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया को भारत ने पस्त किया था।तीसरा मैच चोटिल खिलाड़ियों ने ड्रॉ कराया था, जबकि चौथे मैच में भारत ने फिर से ऑस्ट्रेलिया को चारों खाने चित कर दिया। भारत ने चौथी पारी में 100 से कम ओवरों में 328 रन का टारगेट चेज कर इतिहास रचा और लगातार दो बार ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती।
आपको बता दें, ऑस्ट्रेलिया के पांच बड़े मैदानों पर भारत ने अब हर एक मैदान पर कम से कम एक टेस्ट जीत लिया है। एडिलेड, पर्थ, मेलबर्न और सिडनी के बाद अब भारत ने गाबा के मैदान पर भी ऑस्ट्रेलियाई टीम को धराशायी किया है।ब्रिसबेन का किला रिषभ पंत की नाबाद 89 रन की पारी के दम पर जीतने में सफलता हासिल की है। अब भारतीय टीम को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भाग लेना है।
- नई दिल्ली : एयरोस्पेस कंपनी वर्जिन ऑर्बिट (Virgin Orbit) ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए बोइंग 747 के जरिए सफल रॉकेट प्रक्षेपण किया है। रविवार को अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित मोजावे एयर एंड स्पेस पोर्ट से ये लॉन्चिंग की गई।रिचर्ड ब्रैनसन की कंपनी वर्जिन गैलेक्टिन के वर्जिन ऑर्बिट मिशन के तहत लॉन्चर वन को पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाने का लक्ष्य पूरा हुआ है। इस परीक्षण के सफल होने के बाद आने वाले समय में इंसान के धरती की कक्षा में घूमने की उम्मीद जताई जा रही है।
वर्जिन गैलेक्टिक ने अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित मोजावे एयर एंड स्पेस पोर्ट से अपना ये स्पेसयान लॉन्च किया। वर्जिन ऑर्बिट अंतरिक्ष यान को एक कैरियर प्लेन कॉस्मिक गर्ल के नीचे लगाकर धरती से 35 हजार फीट की ऊंचाई पर ले जाया गया। इसके बाद 70 फीट लंबा वर्जिन ऑर्बिट प्लेन से अलग होकर पृथ्वी की कक्षा की यात्रा पर निकल गया।
कंपनी बीते कई सालों से अपने इस मिशन में लगी हुई थी। बीते साल मई में वर्जिन ऑर्बिट बोइंग 747 के जरिए नये रॉकेट के पहले प्रक्षेपण के प्रयास में विफल रही थी। तब इसे दक्षिण कैलिफोर्निया के तट के पास प्रशांत महासागर में छोड़ा गया था।लॉन्च तब तक ठीक-ठाक जा रहा था जब रॉकेट को जम्बो जेट कॉस्मिक गर्ल के बाईं तरफ से हवा में छोड़ा गया लेकिन मिशन उड़ान के दौरान ही जल्द समाप्त हो गया। कंपनी ने तब बताया था कि कॉस्मिक गर्ल और विमान में सवार हमारे चालक दल के सदस्य सुरक्षित बेस पर लौट आए थे।
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बीजिंग : चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। दक्षिण चीन सागर पर अपने प्रभुत्व के बाद अब उसकी नजर हिंद महासागर पर टिकी है। इसका खुलासा तब हुआ, जब इंडोनेशिया की नौसेना ने हाल में चीन के एक जासूसी जहाज को अपने देश की जलसीमा के पास पकड़ा।
इसके पूर्व चीन का पानी के अंदर चलने वाला एक जासूसी ड्रोन विमान इंडोनेशिया की सीमा के पास पकड़ा गया था। चीन, भारत समेत अपने पड़ोसी मुल्कों की जासूसी में लगा हुआ है।
चीन पिछले दो वर्षों से भारत की नाक के नीचे जासूसी करने में लिप्त है। खास बात यह है कि जासूसी करने के दौरान वह जहाज पर लगे निगरानी उपकरणों को बंद कर देता है, ताकि किसी को इसकी भनक न लगे। आखिर हिंद महासागर में क्यों है चीन की दिलचस्पी। हिंद महासागर में चीन की सक्रियता से क्यों चिंतित है भारत।
हिंद महासागर में प्रवेश के रास्ते की टोह में चीन
चीन की सीमा से इतना दूर समुद्र के अंदर ड्रोन मिलने से यह प्रमाणित हो गया है कि चीन की सेना खुफिया तरीके से दक्षिण चीन सागर से हिंद महासागर में प्रवेश के रास्ते की जांच कर रही है।चीन का जासूसी ड्रोन इस काम को अंजाम देने में जुटा है। यही कारण है कि पिछले दो वर्षों के दौरान यह तीसरा मौका है जब चीनी ड्रोन हिंद महासागर का दरवाजा कहे जाने वाले इंडोनेशिया के पास पकड़ा गया है।रक्षा वेबसाइट द ड्राइव की मानें तो चीन की किलर पनडुब्बियां पानी के अंदर डूबकर आसानी से हिंद महासागर तक का अपना रास्ता आसानी से तय कर सकती हैं।
इंडोनेशिया के कोस्ट गार्ड ने चीन के जहाज को पकड़ा
चीन के इस जासूसी विमान का नाम शियांग यांग होंग है। यह जहाज 6 जनवरी को चीन के हैनान द्वीप के सान्या ठिकाने से निकला था। इस जहाज को इंडोनेशिया के कोस्ट गार्ड ने 11 जनवरी को सुंडा स्ट्रेट के पास पकडा था।महत्वपूर्ण स्ट्रेट से गुजरने वाले हर जहाज के लिए यह जरूरी है कि वह अपने ऑटोमेटेड इन्फॉर्मेशन सिस्टम को चालू रखे, लेकिन चीन के जासूसी जहाज ने इन नियमों का अतिक्रमण किया। इसके पूर्व चीन का एक जासूसी विमान इंडोनेशिया की सीमा के पास पाया गया था।इंडोनेशिया के कोस्ट गार्ड ने जब पूछताछ की तो चीनी दल ने बहाना बनाया। चीनी दल ने कहा कि उनका सिस्टम खराब हो गया है। इंडोनेशियाई कोस्ट गार्ड ने बताया कि चीन के जहाजों ने दो बार अपने ट्रांसपोंडर को बंद किया। इसके पूर्व इंडोनेशिया के पास समुद्र के अंदर मछुआरों को चीन का एक खुफिया ड्रोन मिला था।
हिंद महासागर में ड्रैगन की महत्वाकांक्षा से चिंतित भारत
चीन हिंद महासागर में बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है। गत वर्ष ली गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि अफ्रीका के जिबूती में चीन ने नौ सेना का अत्याधुनिक बेस बनाया है। इसको पहले लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए बनाया गया था, लेकिन इस ठिकाने को अब नौ सेना बेस में तब्दील कर दिया गया है।
इस नौसेना बेस पर विमानवाहक पोत भी खड़ा हो सकता है। जिबूती स्थित चीन का नौसेना बेस हिंद महासागर में ड्रैगन की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। यह नौसेना बेस अपने आप में एक चीनी किले की तरह है।इस नौसेना अड्डे का उपयोग खुफिया निगरानी के लिए करता है। यह भी दावा किया जा रहा है कि चीन हिंद महासागर में भारत के प्रभाव को कम करने के लिए इस द्वीप को विकसित कर रहा है।
चीन को हिंद महासागर की एक बड़ी शक्ति के रूप में प्रोजेक्ट करने में लगा हुआ है। चीन लगातार हिंद महासागर में पनडुब्बी और युद्धपोत भेज रहा है। नवंबर, 2019 में यह जहाज सुंडा स्ट्रेट से घुसकर बंगाल की खाड़ी में अंडमान निकोबार तक आ गया था। यह पूरा इलाका भारत और ऑस्ट्रेलिया की पनडुब्बियों के लिए बेहद अहम है। - नई दिल्ली : गुजरात के अहम शहरों सूरत व अहमदाबाद के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार, 18 जनवरी 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना (Ahmedabad Metro) के द्वितीय चरण एवं सूरत मेट्रो रेल परियोजना का भूमि पूजन किया।इन मेट्रो परियोजनाओं से इन शहरों को पर्यावरण के अनुकूल 'Mass Rapid Transit System’ की सुविधा मिलेगी। इस मौके पर गुजरात के राज्यपाल (Gujarat Governor), केंद्रीय गृहमंत्री (Union Home Minister), राज्य मुख्यमंत्री (Gujarat Chief Minister) और केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री (Union Housing & Urban Affairs Minister) उपस्थित हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, '2014 से पहले के 10-12 सालों में सिर्फ 225 किमी मेट्रो लाइन ऑपरेशनल हुई थी। बीते 6 वर्षों में 450 किमी से ज्यादा मेट्रो नेटवर्क चालू हो चुका है। इस समय देश के 27 शहरों में 1000 किमी से ज्यादा के नए मेट्रो नेटवर्क पर काम चल रहा है।'
दुनिया में कहांं-कहां आगे है भारत, पीएम ने दी जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा भारत में है। सबसे बड़ा एफोर्डेबल हाउसिंग प्रोग्राम भारत में चल रहा है। सबसे बड़ा हेल्थ इंश्योरेंस प्रोग्राम भारत में चल रहा है। 6 लाख गांवों को तेज इंटरनेट से जोड़ने का कार्य भी भारत में चल रहा है।'
देश का आठवां बड़ा शहर है सूरत
प्रधानमंत्री ने कहा, आज हम शहरों के यातायात को एक इंटीग्रेटेड सिस्टम के तौर पर विकसित कर रहे हैं। यानी बस, मेट्रो, रेल सब अपने अपने हिसाब से नहीं दौड़ें, बल्कि एक सामूूहिक व्यवस्था के तौर पर काम करें, एक दूसरे के पूरक बनें। आज सूरत आबादी के लिहाज से एक तरफ देश का आठवां बड़ा शहर है, लेकिन दुनिया का चौथा सबसे विकसित होता शहर भी है। दुनिया के हर 10 हीरों में से 9 सूरत में तराशे जाते हैं। गुजरात के शहरों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी बीते वर्षों में अभूतपूर्व विकास हुआ है। विशेष रूप से गांव में सड़क, बिजली और पानी की स्थिति में बीते 2 दशकों में जो सुधार आया है। वो गुजरात की विकास यात्रा का बहुत अहम अध्याय है। बीते 6 वर्षों में देश में स्वास्थ सेवाओं से जुड़ी योजनाएं शुरू हुई हैं उनका भी लाभ गुजरात को बहुत व्यापक रूप से मिल रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत गुजरात के 21 लाख लोगों को मुफ्त इलाज मिला है।'
उत्तरायण की शुरुआत में दोनों शहरों को अहम उपहार : प्रधानमंत्री
रिमोट से दोनों शहरों की परियोजनाओं का शुभारंभ करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'उत्तरायण की शुरुआत में आज अहमदाबाद और सूरत को बहुत ही अहम उपहार मिल रहा है। कल ही केवडिया के नए रेल मार्ग और नई ट्रेनों की शुरुआत हुई है। अहमदाबाद से भी आधुनिक जन शताब्दी एक्सप्रेस अब केवडिया तक जाएगी। आज अहमदाबाद में 17 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के इंफ्रास्ट्रक्चर का काम शुरू हो रहा है। यह दिखाता है कि कोरोना के इस काल में भी नए इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को लेकर देश के प्रयास लगातार बढ़ रहे हैं। 2014 से पहले के 10-12 वर्ष में सिर्फ 225 किमी मेट्रो लाइन ऑपरेशनल हुई थी। वहीं बीते 6 वर्षों में 450 किमी से ज्यादा मेट्रो नेटवर्क चालू हो चुका है। अहमदाबाद के बाद सूरत गुजरात का दूसरा बड़ा शहर है जो मेट्रो जैसे आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम से जुड़ेगा। सूरत में मेट्रो नेटवर्क एक प्रकार से पूरे शहर के महत्वपूर्ण व्यापारी केंद्र को आपस में कनेक्ट करेगा।
अहमदाबाद व सूरत में मेट्रो से आएगी मजबूती
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के दो व्यापारिक केंद्रों अहमदाबाद व सूरत में मेट्रो और मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने एक दिन पहले ट्रेनों की शुरुआत का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा, 'देश के 2 बड़े व्यापारिक केंद्रों अहमदाबाद और सूरत में मेट्रो कनेक्टिविटी को और मजबूत करने का काम करेगी। आज 17,000 करोड़ से अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर का काम शुरू हो रहा है, यह दिखाता है कि कोरोना काल में भी नए इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को लेकर देश के प्रयास लगातार बढ़ रहे हैं।'
वहीं केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, 'अहमदाबाद मेट्रो फेज-1 का कार्य जोर-शोर से चल रहा है, जून 2022 में जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा ये काम पूरा हो जाएगा।'
अहमदाबाद मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज-II
28.25 किमी लंबाई वाले अहमदाबाद मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज II में दो कॉरिडोर हैं। कॉरिडोर-1 22.8 किमी लंबा है जो मोटेरा स्टेडियम (Motera Stadium) से महात्मा मंदिर (Mahatma Mandir) तक है। कॉरिडोर-2 5.4 किमी लंबा है ओर यह GNLU से गिफ्ट सिटी तक है। फेज- II परियोजना को पूरा होने में 5,384 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
सूरत मेट्रो रेल प्रोजेक्ट
Surat Metro Rail Project is सूरत का यह प्रोजेक्ट 40.35 किमी लंबा है और इसमें भी दो कॉरिडोर हैं। कॉरिडोर-1 21.61 किमी लंबा है और यह सरथाना (Sarthana) से ड्रीम सिटी (Dream City) तक है। कॉरिडोर-2 18.74 किमी लंबा है और यह भेसन (Bhesan) से सारोली (Saroli) तक है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में कुल 12,020 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
- किसानों के समर्थन में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने सड़क पर उतरकर दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
नई दिल्ली : केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ सरकार का विरोध और किसानों का समर्थन करने के लिए कांग्रेस सड़क पर उतर आई है. कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों (Farmer Protest) के साथ एकजुटता दिखाते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने आज दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
केंद्र के कृषि कानूनों को "काला कानून" बताते हुए किसान पिछले 50 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. कानूनों पर बने गतिरोध को खत्म करने के तरीकों को लेकर किसान संगठन और सरकार के बीच आज बातचीत हो रही है.
कांग्रेस का राष्ट्रीय राजधानी में राज निवास के बाहर प्रदर्शन उसकी "किसान अधिकार" अभियान का हिस्सा है. कांग्रेस आज किसान अधिकार दिवस मना रही है और राज्यों की कांग्रेस कमेटी को अपने-अपने राज्यों में राजभवन के आसपास घेराव करने को कहा गया है.
राज निवास के बाहर प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "बीजेपी सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा. जब तक ये कानून निरस्त नहीं होंगे, तब तक कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी. ये कानून किसानों की मदद के लिए नहीं हैं, बल्कि उन्हें खत्म करने के लिए हैं."
गांधी ने आरोप लगाया, "नरेंद्र मोदी सरकार ने पहले भी भूमि अधिग्रहण कानून लाकर किसानों की जमीन छीनने की कोशिश की थी और उस समय कांग्रेस पार्टी ने उन्हें रोका था. अब बीजेपी और उसके दो-तिहाई दोस्त एक बार फिर किसानों को निशाना बना रहे हैं और इन तीन कृषि कानूनों को लेकर आए हैं."
राज निवास मार्च से पहले राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "देश के अन्नदाता अपने अधिकार के लिए अहंकारी मोदी सरकार के ख़िलाफ़ सत्याग्रह कर रहे हैं. आज पूरा भारत किसानों पर अत्याचार व पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों के विरुद्ध आवाज़ बुलंद कर रहा है."
मुख्य विपक्षी पार्टी ने आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में ‘स्पीकअप फॉर किसान अधिकार' हैशटैग से सोशल मीडिया अभियान भी चलाया है. दिल्ली के विरोध प्रदर्शन में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार, भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी और कई अन्य नेता एवं बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे. - Covid-19 Vaccination : केंद्रीय स्वास्थ्य अपर सचिव ने चिट्ठी में स्पष्ट किया है कि किन-किन परिस्थितियों में किन-किन लोगों को टीका नहीं लगाना है. इसके अलावा दूसरा टीका दूसरी कंपनी का लगाया जा सकता है या नहीं?
नई दिल्ली: देशभर में 16 जनवरी से कोरोना वायरस (Coronavirus) का टीकाकरण (Vaccination) शुरू होने जा रहा है. शुरुआत में हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके लगाए जाने हैं. उससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य अपर सचिव डॉ. मनोहर अगनानी ने सभी राज्यों के प्रमुख स्वास्थ्य सचिवों को पत्र लिखकर टीकाकरण के दौरान सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य अपर सचिव ने चिट्ठी में स्पष्ट किया है कि किन-किन परिस्थितियों में किन-किन लोगों को टीका नहीं लगाना है. इसके अलावा दूसरी खुराक का टीका दूसरी कंपनी का लगाया जा सकता है या नहीं?
आइए जानते हैं, ऐसे ही सवालों के जवाब, जो केंद्रीय स्वास्थ्य अपर सचिव ने अपनी चिट्ठी में राज्यों को भेजे हैं-
प्रश्न: क्या 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को टीका लगाया जा सकता है?उत्तर: EUA और कोविड-19 टीकाकरण नियम के अनुसार केवल 18 साल से ऊपर उम्र के ही लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई जी सकती है.
प्रश्न- दूसरा टीका कब लगाया जा सकता है?उत्तर- अगर जरूरी हुआ तो कोविड-19 और दूसरी वैक्सीन 14 दिनों के अंतराल पर ही लगाई जा सकेगी.
प्रश्न- क्या दूसरी खुराक में दूसरी कंपनी की वैक्सीन लगवा सकते हैं?उत्तर- नहीं. दूसरे खुराक में दूसरी कंपनी की कोविड-19 वैक्सीन नहीं लगवा सकते. यानी पहली बार आपको कोवैक्सीन लगी है तो 14 दिनों के बाद दूसरी डोज में भी आपको केवैक्सीन का ही टीका लगेगा.
प्रश्न- क्या गर्भवती महिलाएं या स्तनपान करानेवाली महिलाओं को वैक्सीन लगाया जा सकता है?उत्तर- नहीं. मंत्रालय से प्राप्त दिशा-निर्देश के मुताबिक ऐसी महिलाएं जो 18 साल से ऊपर उम्र की हों और गर्भवती हों या बच्चे को दूध पिला रही हों, उन्हें अभी कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती है.
प्रश्न- क्या SARS-CoV-2 इन्फेक्शन से ग्रसित लोगों को टीका लगाया जा सकता है?उत्तर- जिन लोगों में SARS-CoV-2 इन्फेक्शन की लक्षण मौजूद हैं या इससे ग्रसित रहे जिन लोगों को प्लाजमा थेरेपी दी गई हो, ऐसे लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दिए जाने के 4 से 8 हफ्ते के बाद ही ये टीका लगाया जा सकता है. - नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस (COVID-19) के मामलों में गिरवाट जारी है। पिछले कुछ दिनों से लगातार 20 हजार से कम मामले सामने आ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में कुल 15 हजार 590 नए मामले सामने आए। वहीं 15 हजार 975 मरीज ठीक हुए। इस दौरान 191 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान सात लाख 30 हजार 096 सैंपल टेस्ट हुए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब तक कुल कोरोना के एक करोड़ पांच लाख 27 हजार 683 मामले सामने आ गए हैं।
वहीं एक्टिव केस दो लाख 13 हजार 027 हो गया है, जो कुल मामलों का 2.03 फीसद है। एक करोड़ एक लाख 62 हजार 738 मरीज अब तक कोरोना को हरा चुके हैं।
अब तक 96.52 फीसद मरीज ठीक हो चुके हैं। इसके अलावा एक लाख 51 हजार 918 लोगों की मौत हो गई है। डेथ रेट 1.44 फीसद है। कुल अब तक 18 करोड़ 49 लाख 62 हजार 401 सैंपल टेस्ट हो गए हैं। - तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के विरोध-प्रदर्शन का आज 50वां दिन है. इस बीच किसानों ने लोहड़ी नहीं मनाई. दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को लोहड़ी के मौके पर प्रदर्शन स्थलों पर नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं.
नई दिल्ली : तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के विरोध-प्रदर्शन का आज 50वां दिन है. इस बीच किसानों ने लोहड़ी नहीं मनाई. दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को लोहड़ी के मौके पर प्रदर्शन स्थलों पर नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं.. वसंत की शुरुआत में पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन लोग लकड़ियां इकट्ठा करके जलाते हैं और सुख एवं समृद्धि की कामना करते हैं लेकिन इस बार पंजाब-हरियाणा के कई हिस्सों में लोहड़ी नहीं मनाई गई. 15 जनवरी को किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच नौवें दौर की वार्ता प्रस्तावित है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा कमेटी गठन करने और उसके विरोध के बीच इस वार्ता पर सस्पेंस बना हुआ है.
1. किसान नेता आज सिंधु बॉर्डर पर मीटिंग करने वाले हैं. इसमें किसान आंदोलन को तेज करने को लेकर रणनीति बनाने वाले हैं. इसके साथ ही गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड को लेकर भी सरगर्मियां तेज हो गई हैं.
2. इस बीच, किसानों ने लोहड़ी नहीं मनाई. दिल्ली-हरियाणा सीमा पर कतार में लकड़ियां एकत्र कर जलाई गईं और उसके चारों तरफ घूमते हुए किसानों ने नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं. इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने नारे लगाए, गीत गाए और अपने आंदोलन की जीत की प्रार्थना की.
3. संयुक्त किसान मोर्चा के परमजीत सिंह ने कहा कि अकेले सिंघू बॉर्डर पर ही कृषि कानूनों की एक लाख प्रतियां जलाई गईं. हरियाणा के करनाल जिले से आए 65 वर्षीय गुरप्रीत सिंह संधू ने कहा, ''उत्सव इंतजार कर सकते हैं. केंद्र की ओर से जिस दिन इन काले कानूनों को वापस लेने की हमारी मांग को मान लिया जाएगा, हम उसी दिन सभी त्योहारों को मनाएंगे.''
4. 15 जनवरी को केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच होने वाली बैठक पर फिलहाल असमंजस की स्थिति बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार में इस बात पर मंथन चल रहा है कि प्रस्तावित बैठक करवाई जाए या नहीं. किसान आंदोलन खत्म कराने के लिए 8 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच आठवें दौर की मीटिंग में ये तय हुआ था कि अगली दौर की बातचीत 15 जनवरी को होगी लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कमिटी बनाने का आदेश देकर सरकार के लिए असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है.
5. नौवें दौर की वार्ता से पहले सरकार कानूनी राय ले रही है. बुधवार को केंद्र सरकार के अफसरों और वरिष्ठ वकीलों के बीच इस पर चर्चा हुई है. वकीलों की सलाह और सभी कानूनी पहलुओं पर विचार के बाद ही सरकार अब मामले में अंतिम फैसला लेगी.
6. कृषि राज्य मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ सरकार वार्ता जारी रखने के पक्ष में है क्योंकि केंद्र का मानना है कि वार्ता के जरिए ही कोई समाधान निकल सकता है. उल्लेखनीय है कि सरकार और तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के एक समूह के साथ आठ दौर की वार्ता संकट का समाधान कर पाने में अब तक नाकाम रही है.
7. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को तीनों कानूनों के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी और गतिरोध खत्म करने के लिए चार सदस्यों की एक समिति गठित की है लेकिन प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने कहा है कि वे समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे क्योंकि उनका मानना है कि यह (समिति) ‘‘सरकार समर्थक'' है. हालांकि, उन्होंने (किसान संगठनों ने) 15 जनवरी को होने वाली नौवें दौर की बैठक में शामिल होने की इच्छा प्रदर्शित की है, लेकिन उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वे इन कानूनों को पूरी तरह से रद्द किये जाने से कुछ भी कम स्वीकार नहीं करेंगे.
8. मंगलवार को कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा था कि सरकार बैठक में शामिल होने को इच्छुक है और यह फैसला करना किसान संगठनों पर निर्भर करता है कि वे क्या चाहते हैं. नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले साल 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं.
9. हजारों किसान केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवम्बर, 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं. पिछले साल सितम्बर में अमल में आए तीनों कानूनों को केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के तौर पर पेश किया है. उसका कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे.
10. दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कॉरपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी. -
नई दिल्ली : भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) की रफ्तार अब धीरे-धीरे कम हो रही है. संक्रमण को हराने के लिए अंतिम लड़ाई के तौर पर वैक्सीनेशन (Vaccination in India) प्रक्रिया 16 जनवरी (शनिवार) से शुरू हो रही है. शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इस महाअभियान की शुरुआत करेंगे. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल (VK Paul) ने इसकी जानकारी दी है. वीके पॉल ने NDTV से बातचीत में कहा, 'पीएम नरेंद्र मोदी वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे. इसके विवरण पर काम किया जा रहा है.'
कोरोना से बचाव को वैक्सीनेशन प्रक्रिया शनिवार को 3000 केंद्रों पर शुरू की जाएगी. प्रत्येक केंद्र पर हर दिन एक सत्र में लोगों को टीका लगाया जाएगा. वीके पॉल ने कहा, 'जैसे ही यह कार्यक्रम आगे बढ़ेगा, 5,000 से ज्यादा केंद्रों पर टीकाकरण किया जाएगा.'
बताते चलें कि टीकाकरण अभियान के पहले दिन करीब तीन लाख स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए जाएंगे. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है. प्रत्येक टीकाकरण सत्र में अधिकतम 100 लाभार्थी होंगे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे प्रत्येक स्थल पर ज्यादा संख्या में टीकाकरण न करें. मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि राज्यों को सलाह दी गई है कि वे 10 फीसदी आरक्षित/बर्बाद खुराकों और रोजाना प्रत्येक सत्र में औसतन 100 टीकाकरण को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण सत्रों का आयोजन करें.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्यों को सलाह दी जाती है कि प्रत्येक केंद्र पर हड़बड़ी में तय सीमा से ज्यादा संख्या में लोगों को न बुलाएं. वहीं मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को टीकाकरण सत्र स्थलों को बढ़ाने की सलाह दी है और उनके रोजाना संचालन की बात कही है ताकि टीकाकरण प्रक्रिया स्थिर हो सके और आगे सुचारू रूप से बढ़ सके. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, COVID-19 का टीका लेना अपनी इच्छा पर निर्भर है.
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जम्मू : पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तानी सैनिक हमेशा प्रयासरत करते हैं। वहीं भारत के सतर्क जवान उनकी साजिशों को हर बार नाकाम बना देते हैं।
अब पाकिस्तान ने जिला कठुआ के हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर आतंकियों की घुसपैठ कराने के इरादे से सुरंग का निर्माण किया था जिसका बीएसएफ के सतर्क जवानों ने पता लगा लिया है। सुरंग मिलने के बाद जवानों ने आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान भी चलाया है।
सूत्रों का कहना है कि बीएसएफ के जवान रोजाना की तरह जब हीरानगर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गश्त लगा रहे थे तभी उन्हें बोबिया क्षेत्र में इस सुरंग का पता चला। आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के इरादे से बनाई गई इस सुरंग के मिलते ही जवानों ने उच्चाधिकारियों को सूचित किया।
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सुरंग के जरिए आतंकवादी इस ओर घुसपैठ कर आए हैं। अपनी इस शंका को दूर करने के लिए बीएसएफ, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ है।बोबिया में पड़ने वाले गांवों में रहने वाले लोगों से भी पूछताछ की जा रही है कि उन्होंने रात या फिर तड़के किन्हीं संदिग्ध लोगों को आसपास तो नहीं देखा।
वहीं, सुरंग मिलने की सूचना मिलते ही यहां से जिलाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। हीरानगर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मिली सुरंग की जांच करने के बाद आईजीपी बीएसएफ एनएस जम्वाल ने बताया कि डेढ़ सौ फीट सुरंग लंबी इस सुरंग की गहराई 20 से 25 फीट है।
इसकी चौढ़ाई दो से ढाई फीट है। उन्होंने बताया कि यह सुरंग पुरानी लग रही है। हमारे जवानों को इस बारे में तब पता चला जब वे सुरक्षा बांध बना रहे थे। उन्होंने बताया कि जब जेसीबी के जरिए काम हो रहा था तभी लोहे के सरिए के पीस सुरंग के मुहाने पर फंस गए।
सुरंग के मुहाने को लोहे के सरिए लगाकर मिट्टी से बंद किया गया था। देखकर लगता है कि सुरंग का अभी घुसपैठ के लिए इस्तेमाल नहीं हुआ है। फिर भी इसकी जांच की जा रही है कि पहले तो कहीं इस सुरंग से आतंकियों ने घुसपैठ तो नहीं की है। हालांकि सुरंग से दो रेत बैग भी मिले हैं जिन पर पाकिस्तानी कंपनी का नाम चिन्हित है।