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चीन भारत की नाक के नीचे जासूसी करने में जुटा,हिंद महासागर पर वर्चस्‍व की तैयारी में ड्रैगन

बीजिंग : चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। दक्षिण चीन सागर पर अपने प्रभुत्‍व के बाद अब उसकी नजर हिंद महासागर पर टिकी है। इसका खुलासा तब हुआ, जब इंडोनेशिया की नौसेना ने हाल में चीन के एक जासूसी जहाज को अपने देश की जलसीमा के पास पकड़ा।

इसके पूर्व चीन का पानी के अंदर चलने वाला एक जासूसी ड्रोन विमान इंडोनेशिया की सीमा के पास पकड़ा गया था। चीन, भारत समेत अपने पड़ोसी मुल्‍कों की जासूसी में लगा हुआ है।

चीन पिछले दो वर्षों से भारत की नाक के नीचे जासूसी करने में लिप्‍त है। खास बात यह है कि जासूसी करने के दौरान वह जहाज पर लगे निगरानी उपकरणों को बंद कर देता है, ताकि किसी को इसकी भनक न लगे। आखिर हिंद महासागर में क्‍यों है चीन की दिलचस्‍पी। हिंद महासागर में चीन की सक्रियता से क्‍यों चिंतित है भारत। 


हिंद महासागर में प्रवेश के रास्‍ते की टोह में चीन

चीन की सीमा से इतना दूर समुद्र के अंदर ड्रोन मिलने से यह प्रमाणित हो गया है कि चीन की सेना खुफ‍िया तरीके से दक्षिण चीन सागर से हिंद महासागर में प्रवेश के रास्‍ते की जांच कर रही है।
 
चीन का जासूसी ड्रोन इस काम को अंजाम देने में जुटा है। यही कारण है कि पिछले दो वर्षों के दौरान यह तीसरा मौका है जब चीनी ड्रोन हिंद महासागर का दरवाजा कहे जाने वाले इंडोनेशिया के पास पकड़ा गया है।
 
रक्षा वेबसाइट द ड्राइव की मानें तो चीन की किलर पनडुब्बियां पानी के अंदर डूबकर आसानी से हिंद महासागर तक का अपना रास्‍ता आसानी से तय कर सकती हैं। 

इंडोनेशिया के कोस्‍ट गार्ड ने चीन के जहाज को पकड़ा

चीन के इस जासूसी विमान का नाम शियांग यांग होंग है। यह जहाज 6 जनवरी को चीन के हैनान द्वीप के सान्‍या ठिकाने से निकला था। इस जहाज को इंडोनेशिया के कोस्‍ट गार्ड ने 11 जनवरी को सुंडा स्‍ट्रेट के पास पकडा था।
 
महत्‍वपूर्ण स्‍ट्रेट से गुजरने वाले हर जहाज के लिए यह जरूरी है क‍ि वह अपने ऑटोमेटेड इन्‍फॉर्मेशन सिस्‍टम को चालू रखे, लेकिन चीन के जासूसी जहाज ने इन नियमों का अतिक्रमण किया। इसके पूर्व चीन का एक जासूसी विमान इंडोनेशिया की सीमा के पास पाया गया था।
 
इंडोनेशिया के कोस्‍ट गार्ड ने जब पूछताछ की तो चीनी दल ने बहाना बनाया। चीनी दल ने कहा कि उनका सिस्‍टम खराब हो गया है। इंडोनेशियाई कोस्‍ट गार्ड ने बताया कि चीन के जहाजों ने दो बार अपने ट्रांसपोंडर को बंद किया। इसके पूर्व इंडोनेशिया के पास समुद्र के अंदर मछुआरों को  चीन का एक खुफिया ड्रोन मिला था।

हिंद महासागर में ड्रैगन की महत्‍वाकांक्षा से चिंतित भारत

चीन हिंद महासागर में बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है। गत वर्ष ली गई सैटेलाइट तस्‍वीरों से पता चला है कि अफ्रीका के जिबूती में चीन ने नौ सेना का अत्‍याधुनिक बेस बनाया है। इसको पहले लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए बनाया गया था, लेकिन इस ठिकाने को अब नौ सेना बेस में तब्‍दील कर दिया गया है।

इस नौसेना बेस पर विमानवाहक पोत भी खड़ा हो सकता है। जिबूती स्थित चीन का नौसेना बेस हिंद महासागर में ड्रैगन की महत्‍वाकांक्षा को दर्शाता है। यह नौसेना बेस अपने आप में एक चीनी किले की तरह है।
 
इस नौसेना अड्डे का उपयोग खुफ‍िया निगरानी के लिए करता है। यह भी दावा किया जा रहा है कि चीन हिंद महासागर में भारत के प्रभाव को कम करने के लिए इस द्वीप को विकसित कर रहा है।

चीन को हिंद महासागर की एक बड़ी शक्ति के रूप में प्रोजेक्‍ट करने में लगा हुआ है। चीन लगातार हिंद महासागर में पनडुब्‍बी और युद्धपोत भेज रहा है। नवंबर, 2019 में यह जहाज सुंडा स्‍ट्रेट से घुसकर बंगाल की खाड़ी में अंडमान निकोबार तक आ गया था। यह पूरा इलाका भारत और ऑस्‍ट्रेलिया की पनडुब्बियों के लिए बेहद अहम है।
 

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