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- नई दिल्ली : दिल्ली के साकेत थाने से एक हेड कांस्टेबल की आत्महत्या की खबर सामने आ रही है। इस खबर के फैलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
दिल्ली के साकेत थाने में मंगलवार को एक हेड कांस्टेबल संजय (34) ने खुद को अपनी सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। हेड कांस्टेबल संजय अलवर के रहने वाले थे और शुरुआती जांच में पता चला है कि वह अपने भाई की बीमारी के चलते लंबे समय से अवसाद ग्रस्त थे।
हेड कांस्टेबल की मौत की जांच कर रही टीम इसे अभी अवसाद का ही मामला मान रही है, हालांकि कुछ भी स्पष्ट कहने से इनकार किया है। आत्महत्या की सही वजह जांच के बाद ही सामने आ पाएगी।
- एजेंसीझारखंड : झारखंड में एक लड़की की थाने के अंदर पिटाई की गई है। इतना ही नहीं थाना प्रभारी ने लड़की को भद्दी-भद्दी गालियां भी दी है। लड़की की पिटाई और उसे गालियां दे रहे थाना प्रभारी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। यह मामला साहिबगंज जिले का है। यहां आपको यह भी बता दें कि साहिबगंज राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का निर्वाचन क्षेत्र भी हैं।
लड़की को दीं भद्दी गालियां: आरोप है कि बरहेट थाना परिसर में थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर ने लड़की की पिटाई की है। लड़की की पिटाई करने वाले थाना प्रभारी का नाम हरीश कुमार पाठक बताया जा रहा है। वायरल वीडियो में नजर आ रहा है कि थाना परिसर के अंदर हरीश कुमार पाठक लड़की को पहले गंदी-गंदी गालियां देते हैं और फिर बाल पकड़कर उसकी पिटाई करते हैं।
लड़की सहमी सी वहां खड़ी है और हरीश कुमार लगातार उसे गालियां दे रहे हैं। फिर अचानक हरीश कुमार उसे एक थप्पड़ जड़ देते हैं। इस वीडियो में नजर आ रहा है कि जिस वक्त लड़की की पिटाई की गई है उस वक्त वहां कुछ दूसरे पुलिसकर्मी भी खड़े हैं। कोई भी इस लड़की को बचाने नहीं आता है।
लड़की ने अपनी मर्जी से शादी की थी: घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक कुछ दिनों पहले थाने में लड़की की मां ने शिकायत की थी कि लड़की ने घर से भागकर रामू मंडल नाम के एक युवक से शादी रचा ली है। इसके बाद थाना प्रभारी ने 22 जुलाई को लड़की को थाने में बुलाया। इस संबंध में पूछे जाने पर लड़की ने थाना प्रभारी से कहा कि वो बालिग है और उसने अपनी मर्जी से शादी की है। इतना सुनने के बाद थाना प्रभारी हरीश कुमार आगबबूला हो गए और उन्होंने लड़की की पिटाई कर दी।
हेमंत सोरेन की कड़ी प्रतिक्रिया: लड़की की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद खुद राज्य के सीएम हेमंत सोरेन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि ‘यह सरासर अनुचित और शर्मनाक कृत्य है, जो बर्दाश्त के काबिल नहीं है। @MVRaoIPS जी, मामले की जाँच करते हुए दोषी प्रभारी के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करें एवं सूचित करें।’
थाना प्रभारी पर हुई कार्रवाई: मुख्यमंत्री की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद यहां के पुलिस अधीक्षक अनुरंजन किस्पोट्टा ने थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा इस मामले की एसडीपीओ स्तर से जांच भी कराई जा रही है। बताया जा रहा है कि लड़की ने भी पुलिस अधीक्षक ने लिखित शिकायत की थी।
पीड़िता ने शिकायत की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, डीआइजी व अन्य वरीय पुलिस अधिकारियों को भी भेजी है। थाने में पिटाई की वजह से लड़की की नाक से खून निकलने लगा था जिसके बाद उन्हें प्राइवेट अस्पताल में भर्ती भी कराया गया था। - एजेंसीनई दिल्ली : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने से लोगों में भारी रोष पाया जा रहा है। इस 2 मिनट 54 सैकेंड की वीडियो में एक ग्रंथी की तरफ से एक 16 वर्षीय नाबालिगा के साथ जबरदस्ती अश्लील हरकतें की जाती दिखाई दे रही हैं। मामला पुलिस के उच्चाधिकारियों के ध्यान में आने उपरांत पुलिस ने ग्रंथी और अध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
गौर हो कि यह वीडियो एक गुरुद्वारा साहिब के कमरे अंदर मौजूद गुरु साहिब के पवित्र स्वरूप सामने बनाई गई है, जिसको देख धार्मिक जत्थेबंदियों ने दोषी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार करने की मांग की है।सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो में एक बड़ी उम्र का ग्रंथी नाबालिगा के साथ कमरे के अंदर अश्लील हरकतें करता नजर आ रहा है, जिसका ब‘ची की तरफ से विरोध भी किया जा रहा है। यह सारी घटना गांव मेहंदीपुर के गुरुद्वारा साहिब में मौजूद गुरु साहिब के कमरे में पवित्र स्वरूप के सामने लगे सी.सी.टी.वी. कैमरे में कैद हो गई।
जब यह सारी जानकारी पीड़ित लड़की ने अपने पारिवारिक सदस्यों को दी तो वे भड़क गए, जिसकी शिकायत पुलिस को देकर ग्रंथी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की मांग की गई। इस संबंधी राम सिंह ने बताया कि नाबालिगा उसकी भतीजी है, जो ग्रंथी अध्यक्ष बलबीर सिंह के पास पाठ सीखने रोजाना जाती है, लेकिन उक्त ग्रंथी की तरफ से ब‘ची के साथ की गई गलत हरकतों के तहत पुलिस को शिकायत देते हुए गिरफ्तार करने की मांग की गई है। सूत्रों से पता चला है कि ग्रंथी सिंह की तरफ से पीड़िता को पहले भी अश्लील वीडियो के नाम पर कई बार ब्लैकमेल किया जाता रहा है।
साभार punjabkesari - एजेंसीनई दिल्ली : भारत-पाक सरहद नजदीक बी.एस.एफ. ने सोमवार दोपहर 2 किलो हैरोइन बरामद की है। इसके अंतर्गत बी.एस.एफ. ने हैरोइन को कब्जे में लेकर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। बरामद की गई हैरोइन की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 10 करोड़ रुपए आंकी गई है।जानकारी के अनुसार बी.एस.एफ. की 116 बटालियन के जवानों की टुकड़ी सरहद नजदीक गश्त कर रही थी। इस दौरान कुछ हरकत होने पर सर्च अभियान तेज किया गया, जिसके अंतर्गत जवानों ने बी.ओ.पी. गज्जल के पिल्लर नंबर-171/01 के नजदीक प्लॉस्टिक की बोतलों में मौजूद हैरोइन को अपने कब्जे में लिया।
- एजेंसीतेलंगाना : तेलंगाना के करीमनगर में कोरोना मरीज के साथ लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. करीमनगर के एक सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती एक मरीज की बेड से गिरने के बाद मौत हो गई. जिला अस्पताल में रविवार को हुई इस घटना में 70 वर्षीय कोरोना मरीज की मौत हो गई. कोरोना मरीज को 22 जुलाई को भर्ती कराया गया था.
बताया जा रहा है कि मृतक गंगाधारा मंडल के वेंकटैयापल्ली का रहने वाला है. मृतक को सांस लेने में दिक्कत थी. इस वजह से उसे ऑक्सीजन दिया जा रहा था. रविवार को मरीज बेड से गिर गया और ऑक्सीजन सप्लाई बंद हो गई. इस वजह से मरीज की मौत हो गई.
वार्ड में भर्ती मरीजों का आरोप है कि 70 वर्षीय बुजुर्ग के बेड से गिरने की खबर तुरंत अस्पताल प्रबंधन को दी गई, लेकिन कोई जरूरी कदम नहीं उठाया गया. सांस लेने में दिक्कत की वजह से मरीज तड़पता रहा, लेकिन अस्पताल की ओर से कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया. आखिर में मरीज की मौत हो गई.
इस बीच बेड से नीचे गिरे मरीज और साथी मरीजों की शिकायत का वीडियो सामने आया है, जिसमें अस्पताल प्रशासन की लापरवाही साफ दिख रही है. अस्पताल प्रशासन ने भी हादसे को स्वीकार करते हुए इस दुखद घटना के पीछे मेडिकल स्टाफ की कमी को जिम्मेदार ठहराया.
करीमनगर में रविवार को कोरोना के 51 नए मामले सामने आए थे. पूरे तेलंगाना में रविवार को 1500 से अधिक नए मामले सामने आए. रविवार तक राज्य में कुल मरीजों का आंकड़ा 54 हजार को पार कर गया है, जिसमें 463 लोगों की मौत हो चुकी है.
साभार aajtak - मीडिया रिपोर्टनई दिल्ली : 59 चाइनीज एप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद भारत सरकार ने चीन पर एक और डिजिटल स्ट्राइक करते हुए 47 एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। सूत्रों के मुताबिक ये सभी 47 एप्स पहले बैन हुए 59 एप्स के क्लोन हैं, हालांकि बैन हुए इन 47 एप्स के नाम अभी सामने नहीं आए हैं। वहीं इन एप्स पर प्रतिबंध को लेकर सरकार की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान भी नहीं आया है।
ऐसे में भारत सरकार ने कुल 106 एप्स को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं यह भी खबर है कि सरकार ने 275 चीनी मोबाइल एप की लिस्ट तैयार की है, जिन पर आने वाले समय में बैन लगाया जा सकता है। इस सूची में पबजी और जिली जैसे एप शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक सरकार इन मोबाइल एप की जांच कर यह पता लगाएगी कि कहीं यह प्राइवेसी के नियमों का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा कई चीनी इंटरनेट कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
पबजी और यूलाइक जैसे एप पर लग सकता है प्रतिबंधएक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार 275 चीनी मोबाइल एप की सूची तैयार की है और इनकी जांच की जा रही है। इनमें पबजी गेम, जिली, कैपकट, फेसयू, Meitu, एलबीई टेक, परफेक्ट कॉर्प, सीना कॉर्प, नेटीज गेम्स, अलीएक्सप्रेस, रेसो और यूलाइक जैसे एप शामिल हैं।
- एजेंसीबिहार : बिहार के भागलपुर में कोरोना लॉकडाउन के बीच एक सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। दरअसल तातारपुर थाना क्षेत्र के लहेरी टोला स्थित होटल ग्लोरी में पुलिस ने सेक्स रैकेट की सूचना पर रविवार दोपहर में छापेमारी की। दो अलग-अलग कमरों से चार लोगों को पकड़ा। इनमें युवक, युवती और पुरुष के साथ महिला शामिल हैं।
उर्दू बाजार के रहने वाले जितेंद्र को नौवीं की छात्रा के साथ और तातारपुर के रहने वाले मो. सरफराज को बरहपुरा की रहने वाली महिला के साथ पुलिस ने पकड़ा। सभी का मोबाइल जब्त कर जांच की जा रही है। पुलिस होटल मैनेजर शशि को भी थाना ले गयी।प्रेमिका का जन्मदिन मनाने के लिए होटल आया थापकड़े जाने के बाद जितेंद्र ने पुलिस को बताया कि वह अपनी प्रेमिका का जन्मदिन मनाने के लिए होटल आया था। वहीं पर केक काटा था। उसने बताया कि इस बार इंटर की परीक्षा उसने पास की है और बीए पार्ट-1 में एडमिशन लेगा। दूसरे कमरे में पकड़े गये सरफराज से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने साथ मिली महिला को अपनी पत्नी बता दिया। पूछताछ के दौरान सच्चाई सामने आयी कि वह महिला उसकी पत्नी नहीं थी। तब वह कहने लगा कि पत्नी वाली बात मुंह से निकल गयी थी। उसका कहना है कि बरहपुरा की रहने वाली वह महिला उसकी दोस्त है। वह घरेलू समस्या से परेशान थी, इसलिए उसे बातचीत के लिए बुला लिया था। जितेंद्र ने बताया कि तातारपुर में ही एक टाइल्स व्यवसायी का माल लाने ले जाने के लिए वह ऑटो चलाता है।
दो घंटे के लिए पांच सौ में बुक कराया था कमरापुलिस ने होटल मैनेजर शशि को भी पकड़ा। रजिस्टर खंगाला गया तो उसमें युवक और उस व्यक्ति के नाम से ही कमरा बुक कराया गया था। पुलिस को बताया गया कि युवक ने अपनी प्रेमिका के साथ एक घंटे के लिए होटल का कमरा बुक कराया था, जबकि तातारपुर के रहने वाले सरफराज ने दो घंटे के लिए। दोनों से पांच-पांच सौ रुपये होटल के मैनेजर ने लिया था।
सीडीआर से होगा मामले का खुलासाहोटल ग्लोरी में गलत धंधा होने की शिकायत आसपास के लोग लगातार वरीय पुलिस अधिकारियों को दे रहे थे। उसी शिकायत पर रविवार को सिटी डीएसपी राजवंश सिंह, कोतवाली इंस्पेक्टर अमर बिस्वास, महिला पदाधिकारी कुमारी नीता और ज्योति के साथ छापेमारी के लिए पहुंचे। तातारपुर थाना के एसआई प्रेम प्रकाश साह के बयान पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस उन सभी से जब्त मोबाइल की जांच करेगी और सीडीआर निकालेगी। सीडीआर से पता चलेगा कि उन लोगों की बातचीत कब से हो रही है और रविवार को किसने किसे कॉल किया। सीडीआर से ही होटल मैनेजर की भी भूमिका की जांच होगी। यह देखा जायेगा कि होटल मैनेजर का उनलोगों से बातचीत है या नहीं। अगर उसकी बातचीत लगातार हो रही होगी तो यह एक सेक्स रैकेट भी हो सकता है। - हरियाणा : हरियाणा सरकार ने नेहरू-गांधी परिवार की संपत्तियों की जांच का आदेश दिया है। राज्य के मुख्य सचिव केशनी अरोड़ा ने प्रदेश के स्थानीय और निकाय विभाग को ये आदेश दिया है। आरोप है कि साल 2005 से साल 2010 के बीच नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर हरियाणा में कई संपत्तियां जुटाई गई थीं।
बता दें कि प्रदेश में साल 2005 से साल 2014 के बीच भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार थी। आरोप है कि इस दौरान कांग्रेस के कई ट्रस्ट और गांधी-नेहरू परिवार के लिए कई संपत्तियां जुटाई गई थीं। कुछ संपत्तियों की पहले से जांच चल रही है। इधर अब केंद्र सरकार के पत्र के बाद गांधी-नेहरू परिवार की बाकी संपत्तियों की जांच के आदेश दिए गए हैं।
आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने हरियाणा सरकार को राजीव गांधी फाउंडेशन, इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ी संपत्तियों की जांच का आदेश दिया है। इसके बाद मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग को मामले में जांच करने के लिए कहा।
इससे पहले पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने गांधी-नेहरू परिवार से जुड़े ट्रस्ट और फाउंडेशन की जांच का आदेश दिया था। राजीव गांधी फाउंडेशन पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और प्रधानमंत्री राहत कोष से चंदा लेने का आरोप है। कमेटी मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी चंदा समेत कई कानूनों के कथित उल्लंघन के मामलों की जांच करेगी। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया है कि टीम का नेतृत्व प्रवर्तन निदेशालय के एक विशेष निदेशक करेंगे। - नई दिल्ली: राजस्थान (Rajasthan) में चल रही राजनीतिक उठापटक में एक नया पेंच फंस गया है. अब बहुजन समाज पार्टी ने एक ऐसा कदम उठाया है जिससे गहलोत सरकार का संकट और बढ़ गया है. राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम को एक नया मोड़ देते हुए बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने पिछले साल कांग्रेस (Congress) में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ने वाले छह विधायकों को विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी (कांग्रेस) के खिलाफ मतदान करने का रविवार को व्हिप जारी किया है. बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने एक बयान में इसका खुलासा किया है.सतीश चंद्र मिश्र ने कहा है कि, ‘‘सभी छह विधायकों को अलग-अलग नोटिस जारी कर सूचित किया गया कि चूंकि बसपा एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी है और (संविधान की) दसवीं अनुसूची के पैरा चार के तहत पूरे देश में हर जगह समूची पार्टी (बसपा) का विलय हुए बगैर राज्य स्तर पर विलय नहीं हो सकता है...'' मिश्रा ने कहा कि अगर छह विधायक पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर मतदान करते हैं, तो वे विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएंगे.
नोटिस में आगे कहा गया है कि वे बसपा के व्हिप का पालन करने के लिए आबद्ध हैं और ऐसा नहीं करने पर वे विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य हो जाने के पात्र होंगे. मिश्रा ने कहा कि बसपा राजस्थान उच्च न्यायालय में अयोग्यता की लंबित याचिका में हस्तक्षेप करेगी या अलग से रिट याचिका दायर करेगी.
उल्लेखनीय है कि 2018 के चुनाव में संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेंद्र अवाना और राजेंद्र गुधा बसपा के टिकट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. उन्होंने पिछले साल 16 सितंबर को कांग्रेस में एक समूह के रूप में विलय के लिए अर्जी दी थी. विधानसभा स्पीकर ने अर्जी के दो दिन बाद आदेश जारी कर घोषित किया कि इन छह विधायकों से कांग्रेस के अभिन्न सदस्य की तरह व्यवहार किया जाए. इस विलय से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को मजबूती मिली और 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या बढ़कर 107 हो गई.
इससे पहले भाजपा विधायक ने शुक्रवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय को रद्द करने का अनुरोध किया था. - एजेंसीराजस्थान: राजस्थान के अलवर जिले से शर्मनाक करने वाली खबरें रुकने का नाम नहीं ले रही है। अलवर जिले के ग्रामीण इलाके में बच्ची के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया। निजी स्कूल में पढ़ने वाली बच्ची के साथ गैंगरेप की घटना की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू कर दी है। एसपी तेजस्विनी गौतम पीड़िता और परिजनों से मिली और पूरे मामले पर बातचीत की।
बच्ची के साथ गैंगरेप होने की एक रिपोर्ट थाने में एक व्यक्ति ने दर्ज कराई है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि 13 साल की बच्ची निजी स्कूल में छठी में पढ़ती है और 20 जुलाई को स्कूल टीचर घर आया और बच्ची को टीसी लेने के लिए स्कूल बुलाया। 23 जुलाई को स्कूल के प्रबंधक और टीचर फिर घर आए और टीसी के लिए बच्ची को स्कूल भेजने की बात कही। उसके जाने के बाद बेटी रोने लगी।
परिजनों के पूछने पर बच्ची ने बताया कि स्कूल के प्रबंधक उसके साथ दुष्कर्म करता है। दूसरे आठ अध्यापकों और ड्राइवर को पता लगने के बाद उन्होंने भी बेटी के साथ दुष्कर्म किया। इस पूरे मामले में स्कूल की तीन महिला टीचर ने आरोपियों की मदद की। पूरे मामले में बच्ची को डराया की अगर किसी को इसकी जानकारी दी तो पिता को मार दिया जाएगा।
पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एसपी ने मामले में तत्परता दिखाते हुए पीड़िता के घर पहुंची और पूरे मामले की जानकारी ली।
शिकायत के बाद निजी स्कूल के व्यवस्थापक और अध्यापकों के खिलाफ बच्ची से गैंगरेप का मामला दर्ज किया है। बच्ची का मेडिकल चेकअप कराया गया। कुछ आरोपियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। - नई दिल्ली : शारदा चिटफंड और रोजवैली घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अफसर का तबादला कर दिया गया है। सीबीआइ के कोलकाता जोन के ज्वाइंट डायरेक्टर (संयुक्त निदेशक) पंकज श्रीवास्तव को सीबीआइ मुख्यालय, नई दिल्ली में ज्वाइंट डायरेक्टर (ट्रेनिंग) के पद पर नियुक्त किया गया है। श्रीवास्तव सारदा और अन्य चिटफंड घोटालों की जांच का नेतृत्व कर रहे थे।
आधिकारिक आदेश के मुताबिक श्रीवास्तव अगले आदेश तक ईओ-3 और कोलकाता जोन का अतिरिक्त प्रभार संभालते रहेंगे। श्रीवास्तव संयुक्त निदेशक (प्रशिक्षण) शरद अग्रवाल का स्थान लेंगे, जिनका तबादला विशेष कार्य (एसटी) जोन के प्रमुख के तौर पर किया गया है। इसके मुताबिक, अग्रवाल पटना जोन का अतिरिक्त प्रभार संभालते रहेंगे। आदेश के मुताबिक, एसटी जोन के प्रमुख रहे संयुक्त निदेशक एनएम सिंह को विशेष अपराध जोन में स्थानांतरित किया गया है। सिंह पूर्वोत्तर जोन का अतिरिक्त प्रभार भी संभालेंगे।
पंकज श्रीवास्तव ने कोलकाता कमिश्नर की गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाई थी। मध्य प्रदेश कैडर के 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी ने 2018 में कोलकाता के केंद्रीय जांच ब्यूरो के शीर्ष पद का कार्यभार संभाला था। उन्होंने पश्चिम बंगाल राज्य, शारदा घोटाला मामले की जांच में जरूरी जानकारी सामने लाए थे। इन पोंजी घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष सांसद और मंत्री का भी नाम शामिल था।
पदभार संभालने के एक साल बाद फरवरी 2019 में पंकज श्रीवास्तव ने शारदा घोटाले में पूछताछ के लिए कोलकाता के तत्कालीन पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को नोटिस दिया। इसके बाद ममता बनर्जी और सीबीआई के ठन गई थी। विवाद इतना बढ़ गया था कि मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार राजीव कुमार को सीबीआई टीम द्वारा शिलांग में पूछताछ की गई थी। कोलकाता में इस प्रकरण के बाद, सभी CBI कार्यालयों को CISF कवर और संयुक्त निदेशक पंकज श्रीवास्तव को सुरक्षा मुहैया कराई गई थी।साभार jansatta - अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त बेड उपलब्ध
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रायपुर सहित प्रदेश वासियों से कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के उपायों का कड़ाई से पालन करने की अपील की है। उन्हांेने कहा है कि कोरोना का अभी इलाज नहीं है, न ही वैक्सीन आ पाया है। इससे बचाव में ही सुरक्षा है। गाईडलाईन के अनुसार मास्क, सेनेटाईजर और फिजिकल डिस्टेंसिंग का लगातार कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। श्री बघेल आज यहां सोनाखान भवन में मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे।
श्री बघेल ने कहा कि राजधानी रायपुर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले चिन्ता का विषय है। रायपुर के लोग जागरूक हैं। बचाव के उपायों का पालन कर संक्रमण को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संक्रमण से बचाव के सभी ऐहतियाती उपायों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। मरीजों के लिए अस्पतालों में पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं। मरीजों का इलाज किया जा रहा है। बड़ी संख्या में मरीज ठीक हो रहे हैं। अभी छत्तीसगढ़ में दिल्ली, मुंबई जैसी स्थिति नही है।
- एजेंसीनई दिल्ली: दिल्ली के तुगलक रोड इलाके के लोधी एस्टेट (Lodhi Estate) में सरकारी कोठी नंबर 61 में गोली लगने से 2 CRPF जवानों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात करीब 10.30 बजे तुगलक रोड थाने की पुलिस को जानकारी मिली की लोधी स्टेट की 61 नम्बर कोठी में कई राउंड फायरिंग हुई है. ये खबर मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची. वहां जाकर देखा कि सीआरपीएफ एक इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर ज़मीन पर पड़े थे और उनको गोली लगी हुई थी. दोनों की मौत हो चुकी थी. जानकारी के मुताबिक CRPF के सब इंस्पेक्टर करनैल सिंह ने इंस्पेक्टर दशरथ सिंह को गोली मार दी और फिर सब इंस्पेक्टर ने भी खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली.
बता दें कि 61 लोधी एस्टेट बंगला केंद्रीय गृह मंत्रालय ( MHA) को अलॉट है. सब इंस्पेक्टर ने इंस्पेक्टर को गोली उस वक्त मारी जब इंस्पेक्टर अपने कमरे में खाना खा रहे थे.उसके बाद बंगले के एंट्रेंस गेट के पास बने गार्ड रूम के पास SI ने खुद को गोली मार ली. सब इंस्पेक्टर जम्मू कश्मीर का रहने वाला है और इंस्पेक्टर हरियाणा का रहने वाला है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों 61 नंबर लोधी एस्टेट कोठी में ही रहते थे. अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि आखिर गोली क्यों मारी गई. इस घटना का अब तक कोई चश्मदीद नहीं मिला है. दोनों ही CRPF की 122 बटालियन में तैनात थे.
- नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान के सियासी संकट को लेकर शुक्रवार रात भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को घेरा है। उन्होंने बीजेपी पर मुख्यमंत्री गहलोत की सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इसके अलावा कांग्रेस नेता ने इसे राजस्थान की जनता का अपमान बताया।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'देश में संविधान और कानून का शासन है। सरकारें जनता के बहुमत से बनती व चलती हैं। राजस्थान सरकार गिराने का भाजपाई षड्यंत्र साफ है। ये राजस्थान के आठ करोड़ लोगों का अपमान है। राज्यपाल महोदय को विधान सभा सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आए।'
देश में संविधान और क़ानून का शासन है।
सरकारें जनता के बहुमत से बनती व चलती हैं।
राजस्थान सरकार गिराने का भाजपाई षड्यंत्र साफ़ है। ये राजस्थान के आठ करोड़ लोगों का अपमान है।
राज्यपाल महोदय को विधान सभा सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आए।
मालूम हो कि राजस्थान के राज्यपाल से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार जल्द से जल्द विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं। गहलोत का दावा है कि उनके पास बहुमत साबित करने के लिए पूरी संख्या है। इसके चलते अशोक गहलोत ने शुक्रवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की और फिर देर रात कैबिनेट बैठक बुलाई।
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार और बीजेपी पर विभिन्न मुद्दों को लेकर हमलावर रहे हैं। उन्होंने पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर भी मोदी सरकार को घेराव किया है। वहीं, कोरोना वायरस को लेकर भी लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। - मध्यप्रदेश/निवाड़ी: मध्यप्रदेश के निवाड़ी जिले में एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस घटना की जानकारी दी है। पुलिस के अनुसार, यह घटना बुधवार शाम को पुत्री खीरा गांव के पास हुई। पत्रकार की पहचान सुनील तिवारी के रूप में की गई है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) प्रतिभा त्रिपाठी ने कहा कि मैंने घटनास्थल का दौरा किया है। प्रथम दृष्टया यह एक भूमि विवाद पर पुरानी रंजिश का मामला है। हमारे पास भूमि विवाद से संबंधित शिकायत भी थी। हमने उस पर कार्रवाई की है। उसने कहा कि सात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच चल रही है।
कथित तौर पर, तिवारी ने दो महीने पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उसने अपने जीवन के लिए खतरा बताया था और तीन पुरुषों का नाम भी लिया था, जिन्होंने कथित तौर पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। - यूपी : पूरे देश में कोरोना संक्रमण बेकाबू हो चुका है। जांच में बड़ी संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ लगातार बैठकों में शामिल हो रहे थे।
इसके पहले गुरुवार को राजधानी में तीन बुजुर्गों समेत छह लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई। इनमें तीन लखनऊ के व तीन दूसरे जिलों के मृतक हैं। इसके अलावा उन्नाव के पूर्व सांसद समेत 307 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है।
इसमें हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड के मुख्य पर्यवेक्षक समेत आरबीआई के गार्ड और पुलिस लाइन के कई पुलिस कर्मियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं, हजरतगंज स्टेट बैंक के 11 कर्मचारी भी संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा सचिवालय में एक कैंटीन कर्मी और कोरोना पॉजिटिव मिला है। अब शहर में कोरोना मरीजों की संख्या 5426 हो गई है। वहीं, 161 मरीजों ने कोरोना से जंग जीती है।
राजाजीपुरम निवासी 45 वर्षीय बैंककर्मी की कोरोना से मौत हो गई। मरीज का इलाज एरा मेडिकल कॉलेज में चल रहा था। इसी इलाके के 85 वर्षीय बुजुर्ग की भी कोरोना से मौत हो गई। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक, बुजुर्ग को 13 जुलाई को भर्ती कराया गया था। डायबिटीज व ब्लड प्रेशर की परेशानी भी थी। पूर्व में दिल का वॉल्व भी बदला गया था। इसके अलावा गोसाईंगंज निवासी 60 वर्षीय पुरुष ने कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया। मरीज को बुधवार को केजीएमयू के कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया था।
- यूपी : कानपुर में लैब टेक्निशियन संजीत यादव के अपहरण के बाद हत्या के मामले में यूपी सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। शासन ने कानपुर में तैनात आईपीएस अफसर अपर पुलिस अधीकक्षक दक्षिण कानपुर नगर अपर्णा गुप्ता, तत्कालीन सीओ मनोज गुप्ता, पूर्व एसओ थाना बर्रा रंजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है।
ये है पूरा मामला :
बर्रा के लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की हत्या अपहरण के चौथे दिन कर दी गई थी। गुरुवार रात दो बजे एसएसपी दिनेश कुमार पी ने हत्याकांड का खुलासा किया। बताया कि पनकी निवासी कुलदीप पूरे मामले का मांस्टमाइंड था, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्याकांड में शामिल कल्याणपुर की महिला और सचेंडी के दो युवक भी पकड़े गए हैं। अन्य फरार की तलाश में टीमें दबिश दे रही हैं।
बर्रा पांच निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत यादव 22 जून की देर शाम से लापता था। दो दिन तक संजीत का कोई सुराग न लगने पर परिजनों ने अपहरण की आशंका जताई। आरोप लगाया कि बेटी रुचि से शादी तोड़ने पर बर्रा विश्व बैंक कॉलोनी के राहुल यादव ने बेटे का अपहरण किया। पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्जकर आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल। इस दौरान 29 जून को अपहृर्ताओं ने 30 लाख रुपए की फिरौती के लिए पहली बार कॉल की। आरोप है कि परिवार के जानकारी देने के बाद भी पुलिस का रवैया ढुलमुल रहा। 11 जुलाई तक अपहर्ताओं ने परिजनों को फिरौती के लिए 21 कॉल्स कीं। परिजनों ने पुलिस निगरानी में 13 जुलाई को फिरौती के 30 लाख रुपए गुजैनी पुल से फेंककर अपहृर्ताओं को दिए थे। अपहर्ता रकम लेकर फरार हो गए और पुलिस ताकती रही। मामला तूल पकड़ने पर अगले दिन एसएसपी ने इंस्पेक्टर रणजीत राय को निलंबित कर दिया और सर्विलांस सेल के प्रभारी हरमीत सिंह को बर्रा का चार्ज दिया। सर्विलांस, स्वॉट, क्राइम ब्रांच को मामले के खुलासे में लगाया गया। गुरुवार को दिनभर हत्या और चार अपहृताओं के गिरफ्तारी की जानकारी पुलिस छिपाए रही। मामले के सोशल मीडिया पर तूल पकड़ने पर देर रात दो बजे एसएसपी ने खुलासा किया। बताया कि संजीत के साथ काम करनेवाले पनकी निवासी कुलदीप ने अपहरण की साजिश रची थी। उसके साथ कल्याणपुर की महिला सहित सात लोग शामिल थे। कुलदीप, महिला और सचेंडी के दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में आरोपितों ने खुलासा किया कि 26 जून को ही संजीत की हत्याकर शव पांडु नदी में फेंक दिया था।
रतनलालनगर में कमरा लेकर था रखा
अपहृताओं ने संजीत को बर्रा थाने से महज दो किलोमीटर दूर रतनलालनगर क्षेत्र में किराए का कमरा लेकर रखा था। कमरा कुलदीप ने लिया था। कल्याणपुर की महिला को अपनी पत्नी मकान मालिक को बताया था। - एजेंसीबिहार/छपरा: बिहार के छपरा जिले के तरैया थाना क्षेत्र में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल हो रहा वीडियो गैंगरेप का है। जिसमें सात युवक एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप कर रहे हैं। गैंगरेप के इस मामले में तीन नामजद और 4 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक लड़की अपनी मां के लिए दवा लेने गई थी।
मां के लिए दवा लेकर आ रही थी पीड़ितादवा लेने के बाद लौटते वक्त आरोपितों ने उसे अगवा किया फिर सुनसान जगह ले जाकर 7 लोगों ने मिलकर उसके साथ गैंगरेप किया। वारदात के दौरान आरोपितों ने वीडियो भी बना दिया फिर उसे वायरल कर दिया। घटना 17 जुलाई की बताई जा रही है। लेकिन लड़की ने डर के चलते किसी को नहीं बताया था। हालांकि 22 जुलाई को पीड़िता ने घटना के बारे में बता दिया। इसके बाद परिजनों ने थाने में आवेदन दिया और 23 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
सात लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मामलाजब मामला सामने आया तो छपिया गांव के रहने वाले तीन लोगों के खिलाफ नामजद और चार अज्ञात आरोपितों को बताते हुए मामला दर्ज कराया। नाबालिग पीड़िता ने शिकायत में बताया कि वह बाजार से अपनी मां की दवा लेकर पैदल घर जा रही थी। जैसे ही वो बैताल बाबा पीपल के पास पहुंची तो दो मोटरसाइकिल पर सवार चार लोग पास से गुजर गए। फिर कुछ देर बाद वह चारों वापस आए और घेर लिया।
अगवा कर सात लोगों ने किया गैंगरेपइसके बाद गमछा से मेरा मुंह दबाकर मोटरसाखिल पर बिठा लिया। इस दौरान वह काफी जोर-जोर से चिल्लाने लगी। लेकिन मुझे चिमनी के रास्ते अनजान जगह पर लेकर गए और वहां पर सभी ने उसके साथ बारी-बारी से रेप किया। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि आरोपितों में से ही किसी एक ने घटना का वीडियो बना लिया
फेसबुक पर डाल दिया वीडियोफिर फेसबुक पर वायरल कर दिया। घटना के जानकारी पर विधायक मुंद्रिका राय ने पीड़ित के परिजनों से मिलकर दोषियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया। एसपी हर किशोर राय ने बताया कि पुलिस आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लेगी। - एजेंसीप्रयागराज: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को प्रस्तावित भूमि पूजन पर रोक लगाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है. हाईकोर्ट में दिल्ली के एक पत्रकार ने भूमि पूजन पर रोक लगाने की याचिका दायर की है. याचिका में राम मंदिर भूमि पूजन को अनलॉक 2 की गाइडलाइन का उल्लंघन बताया है.दिल्ली के पत्रकार साकेत गोखले ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लेटर पीआईएल के माध्यम से यह याचिका लगाई है. गोखले द्वारा दाखिल पीआईएल ते तहत भूमि पूजन कोविड-19 के अनलॉक-2 गाइडलाइन का उल्लंघन है.याचिका में कहा गया- कार्यक्रम से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ेगायाचिका में कहा गया है कि अयोध्या में भूमि पूजन के दौरान तीन सौ लोग इकट्ठा होंगे जो कि कोविड के नियमों के खिलाफ होगा. आपको बता दें कि लेटर पीटीशन के जरिये भूमि पूजन कार्यक्रम पर रोक लगाये जाने की मांग की है. जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि इस कार्यक्रम से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ेगा. यही नहीं पीडिशन में आगे कहा गया है कि यूपी सरकार केंद्र की गाइडलाइन में छूट नहीं दे सकती.अगर लेटर पिटीशन मंजूर हुई तो चीफ जस्टिस द्वारा नामित बेंच इस मामले में सुनवाई करेगी. याचिका में राम मंदिर ट्रस्ट के साथ ही केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है.याचिका में बकरीद पर सामूहिक नमाज की इजाजत का जिक्र
अपनी याचिका में गोखले ने उस आदेश का भी जिक्र किया जिसके तहत बकरीद पर सामूहिक नमाज की इजाजत नहीं दी गई ताकि कोरोना न फैल सके. आपको बता दें कि पत्रकार साकेत गोखले विदेशों में कई अखबार में काम कर चुके हैं, और साथ ही सोशल एक्टिविस्ट भी हैं.राम मंदिर के भूमि पूजन मुहूर्त पर विवाद
अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन के मुहूर्त को लेकर विवाद शुरू हो गया है. प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य आचार्य अविनाश राय ने 5 अगस्त को शुभ मुहूर्त नहीं होने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि इस वक्त भूमि पूजन करना कतई उचित नहीं होगा. चातुर्मास में देवालय का भूमि पूजन और शिलान्यास वैसे भी नहीं किया जाना चाहिए. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक 5 अगस्त को ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति भी शुभ योग नहीं बना रही है. इस मुहूर्त में भूमि पूजन से निर्माण में कई तरह की बाधाएं पैदा हो सकती हैं.शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट कर मंदिर के शिलान्यास की तय तिथि यानि 5 अगस्त को अशुभ बताया है. अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण का भूमि पूजन 5 अगस्त को होना है. भूमि पूजन में पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कुछ खास लोगों को बुलाया गया है. भूमि पूजन का कार्यक्रम काशी काशी के विद्वानों और आचार्यों की देखरेख में होगा. -
मुख्यमंत्री ने 15 दिन में भुगतान करने के दिए निर्देश: बैंक खाते में सीधे अंतरित की जाएगी राशि
पीपीपी माडल पर कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क विकसित करने के निर्देश
आयुर्वेदिक कम्पनियों को छत्तीसगढ़ में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने करें प्रोत्साहित
रायपुर : प्रदेश में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं को 15 दिन में गोबर खरीदी की राशि मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में वन विभाग के कार्याें की समीक्षा के दौरान अधिकारियों से कहा कि गोधन न्याय योजना की शुरूआत 20 जुलाई को गोबर खरीदी शुरू कर की गई थी। इसके लिए 15वें दिन 5 अगस्त को गोबर विक्रेताओं को राशि का भुगतान किया जाएगा।उन्होंने मुख्य सचिव को सहकारी और ग्रामीण बैंकों सहित अन्य बैंकों के अधिकारियों की बैठक आयोजित कर इसके लिए सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। गोबर विक्रेताओं से क्रय किए गोबर की राशि उनके खाते में सीधे अंतरित की जाएगी।मुख्यमंत्री ने गौठानों में गोबर खरीदी का समय निर्धारित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी कहा कि गौठानों में वेटनरी डॉक्टरों और गौ-सेवकों के भ्रमण के कार्यक्रम भी तय किए जाए और लोगों की जानकारी के लिए गौठानों के सूचना पटल में प्रदर्शित किए जाए। श्री बघेल ने गौठानों और चारागाहों की देखभाल के लिए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाए। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से बस्तर लौटे युवाओं को वनोपज संग्रहण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्याें में और गोधन न्याय योजना में जोड़कर अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाए। उन्होंने कहा कि कलेक्टर और डीएफओ बैठक कर युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए कार्य योजना तैयार करे।मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु वनोपजों की मार्केटिंग व्यवस्था पर विशेष रूप ध्यान दिया जाए। वनोपजों के बड़ी मात्रा में उपयोग करने वाली कम्पनियों से अनुबंध कर उनकी जरूरत की गुणवत्ता की वनोपजों और वनोषधियों को प्रसंस्करण करने के बाद कम्पनियों को उपलब्ध कराया जाए, जिसे कम्पनियां अपने उत्पादों में उपयोग कर सकेंगी। इससे संग्रहण कर्ताओं को वनोपज के समर्थन मूल्य के अलावा प्रसंस्करण से होने वाले लाभ का अंश भी मिलेगा। कम्पनियों के नेटवर्क के माध्यम से छत्तीसगढ़ में पैदा होने वाली वनोपजों के लिए बड़ा मार्केट मिल सकेगा।मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आयुर्वेदिक कम्पनियों को छत्तीसगढ़ में ही प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कृषि, उद्यानिकी और वनों में उत्पादित फसलों को सुरक्षित रखने के लिए पूरे प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क स्थापित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कृषि और उद्यानिकी विभाग पी.पी.पी. माडल पर कोल्ड स्टोरेजों का संचालन कराए। बैठक में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविंद्र चौबे, वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अम्बिकापुर से स्वास्थ्य मंत्री श्री टी. एस. सिंहदेव शामिल हुए।बैठक में संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी और श्री चंद्रदेव प्रसाद राय, मुख्यमंत्री के सलाहकार सर्वश्री राजेश तिवारी, विनोद वर्मा, श्री प्रदीप शर्मा और श्री रुचिर गर्ग, मुख्य सचिव श्री आर. पी. मंडल, वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज पिंगुआ, पंचायत एवं ग्रामीण विकास के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता, नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी, आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव श्री डी. डी. सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी उपस्थित थे। - नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी है। सरकार ने गुरुवार को इस संबंध में स्वीकृति पत्र जार कर दिया है जिसके बाद सेना में विभिन्न शीर्ष पदों पर महिलाओं की तैनाती हो पाएगी। इस मंजूरी के बाद अब आर्मी एअर डिफेंस, सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स और इंटेलिजेंस कॉर्प्स में महिलाओं को स्थायी कमीशन मिल पाएगा।
इसके साथ-साथ जज एंड एडवोकेट जनरल, आर्मी एजुकेशनल कॉर्प्स में भी महिलाओं को स्थायी कमीशन दिया जाएगा। सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन के लिए स्थायी चयन बोर्ड के संचालन के लिए प्रारंभिक तैयारी की एक सीरीज निर्धारित की है।
इसके साथ-साथ सेलेक्शन बोर्ड की ओर से सभी एसएससी महिलाओं की ओर से ऑप्शन और सभी कागजी कार्रवाई पूरी होने पर एक्शन शुरू किया जाएगा। इस संबंध में सेना की ओर से कहा गया है कि भारतीय सेना महिला अधिकारियों सहित सभी कर्मियों को राष्ट्र की सेवा के समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पुरुषों को ही था अधिकार
अभी तक आर्मी में 14 साल तक शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) में सेवा दे चुके पुरुष सैनिकों को ही स्थायी कमीशन का विकल्प मिल रहा था, लेकिन महिलाओं को यह हक नहीं था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सेना में महिलाओं को पुरुष अफसरों से बराबरी का अधिकार मिला, जिसे अब रक्षा मंत्रालय की मजूरी मिली है। वायुसेना और नौसेना में महिला अफसरों को पहले से ही स्थायी कमीशन मिल रहा है।
केंद्र की दलील हुई थी खारिज
इस मामले पर सुनवाई करते हुए जजों की पीठ ने यह भी कहा था कि महिलाओं की शारीरिक विशेषताओं का उनके अधिकारों से कोई सम्बन्ध नहीं है और इस तरह की सोच को बढ़ाने वाली मानसिकता अब बदलनी चाहिए। इस मामले में 2010 में ही दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला दिया था कि शार्ट सर्विस कमीशन के जरिए सेना में भर्ती हुई महिलाएं भी पुरुषों की तरह स्थायी कमीशन की हकदार हैं। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के समय केंद्र केंद्र का कहना था कि सेना में यूनिट सिर्फ पुरुषों की है और पुरुष सैनिक महिला अधिकारियों को स्वीकार नहीं कर पाएंगे, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। - एजेंसी
नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस महामारी और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए भारतीय चुनाव आयोग ने विभिन्न राज्यों में होने वाले लोकसभा और विधानसभा के उपचुनाव रद्द कर दिए हैं। कई राज्यों में सात सितंबर तक ये उपचुनाव होने थे और मगर देश बाढ़ और कोरोना की स्थिति को देखते हुए इन्हें फिलहाल रद्द कर दिया गया है। गुरुवार (23 जुलाई, 2020) को चुनाव आयोग बयान जारी कर कहा कि जैसे ही देश में हालात सामान्य होंगे उपचुनाव कराए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि भारी बारिश के चलते आई बाढ़ और भूस्खलन से असम बुरी तरह प्रभावित है। राज्य में पिछले चौबीस घंटे में हालात और भी ज्यादा बिगड़े हैं और दो अन्य लोगों की मौत हो गई। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के मुताबिक प्रदेश में 26 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं और प्रभावितों की संख्या बढ़कर अब 26 लाख का आंकड़ा पार कर गई है।
अब तक राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से 115 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें 89 लोग बाढ़ से संबंधित घटनाओं में मारे गए, वहीं 26 ने भूस्खलन में जान गंवा दी। प्राधिकरण ने कहा कि धेमाजी, लखीमपुर, बिस्वनाथ, दर्रांग, बकसा, नलबारी, बारपेटा, चिरांग, बोंगईगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सलमारा, गोलपाड़ा, कामरूप, कामरूप महानगर, मोरीगांव, नगांव, होजई, गोलाघाट, जोरहट, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, पश्चिम कार्बी आंगलोंग और कछार जिलों में 26.31 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
इधर कोरोना वायरस के चलते देश में स्थिति प्रतिदिन खराब होती जा रही है। भारत में पिछले चौबीस घंटे में रिकॉर्ड 45,720 नए मामले सामने आने के बाद आज संक्रमितों की कुल संख्या देश में 12 लाख का आंकड़ा पार कर गई। वहीं एक दिन में रिकॉर्ड 1,129 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 29,861 हो गई।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में तीन दिन के अंदर ही कोविड-19 के मामले 11 लाख से 12 लाख के पार पहुंच गए हैं। मंत्रालय ने बताया कि देश में अब केविड-19 के 12,38,635 मामले हैं, जिनमें से 7,82,606 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। देश में अभी 4,26,167 लोगों का कोरोना वायरस का इलाज चल रहा है। - रांचीः कोरोना संकटकाल के दौरान जहां सरकारें अलग-अलग नियमों के जरिए लोगों को इस महामारी से बचाने की कोशिश कर रही हैं वहीं कई राज्यों में कड़े नियम बनाए गए हैं. अब इसी कड़ी में झारखंड को लेकर बड़ी खबर आई है. झारखंड में मास्क न पहनने पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है और 2 साल की जेल भी हो सकती है.
झारखंड कैबिनेट ने संक्रामक रोग अध्यादेश 2020 आंशिक रूप से पास कर दिया है जिसके तहत ये नियम लागू किया गया है. झारखंड में भी कोरोना से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है जिसे देखते हुए राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने ये फैसला लिया है.
फैसले पर एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा, ''अभी अध्यादेश पूर्ण रूप से पारित नहीं हुआ है. जो जुर्माने की बात है वो किसी पर मुकदमा होने पर दोषी पाए जाने के बाद एक लाख का जुर्माना देना होगा. ऐसा नहीं है कि किसी को स्पॉट चेकिंग में पकड़ने जाने पर एक लाख का जुर्माना देना होगा. हमारी सरकार पूरी जागरुकता के साथ कोरोना के खिलाफ महिम चला रही है.''
झारखंड में कोरोना के कुल मामले बढ़कर 6485 हो गए हैं जिसमें 3397 एक्टिव केस हैं. हांलांकि 3024 मरीज ठीक भी हो चुके हैं लेकिन 64 लोग यहां इस महामारी की वजह से अपनी जान गंवा बैठे हैं.
कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन करना लोगों के लिए भारी पड़ेगा और जैसा कि स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दोषी पाए जाने पर दो साल की जेल भी हो सकती है. इसके अलावा ऐसी खबरें भी आई हैं कि झारखंड में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते अस्पतालों में अब मरीजों के लिए जगह नहीं है लिहाजा सरकार और सख्ती से कोरोना के नियमों का पालन कराना चाहती है. - बिहार : कोरोना के कारण बिहार बेहाल है. मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है, जिनको बेड मिल गया, वो स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए तड़प रहे हैं. इस बीच पटना एम्स की 400 कॉन्ट्रैक्चुअल नर्सें हड़ताल पर चली गई हैं. पटना एम्स बिहार का इकलौता केंद्रीय हॉस्पिटल है, जहां कई वीवीआईपी कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है.
हड़ताल पर गईं नर्सों ने अपनी नौकरी की सुरक्षा, वेतन को बढ़ाने, हेल्थ इंश्योरेंस, स्थायी कर्मचारियों की तरह छुट्टी समेत कई मांग की है. एम्स प्रशासन का कहना है कि हमने कुछ मांगों को मान लिया है. हालांकि अभी भी नर्सों की हड़ताल जारी है. इसका खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है.
गौरतलब है कि बिहार में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 30 हजार 369 को पार कर गया है, जिसमें 217 लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना से अब तक 19 हजार से अधिक मरीज जंग जीत चुके हैं, जबकि 10 हजार से अधिक मरीज अभी भी कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं. इस बीच पीएमसीएच में बदहाली की कई तस्वीरों का आजतक के कैमरों पर खुलासा हुआ था. कहीं मरीजों को अस्पताल में जगह नहीं मिल रही है तो कहीं होम आइसोलेशन में मरीज की मौत के बाद एजेंसियों की बेरुखी के कारण और लोग संक्रमण के खतरे का सामना कर रहे हैं..
बिहार में कोरोना खतरनाक रुख अख्तियार करता जा रहा है. दो दिन पहले बीजेपी के एमएलसी सुनील कुमार सिंह की मौत हुई थी और अब बुधवार को आरजेडी नेता राजकिशोर यादव का निधन हो गया है. राजकिशोर दानापुर सीट से आरजेडी के प्रत्याशी रहे हैं और उनकी लालू यादव के करीबी नेता के तौर पर गिनती होती थी.
बिहार सरकार के मंत्री विनोद कुमार सिंह, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह, बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल, जदयू नेता अजय आलोक और रामकृपाल यादव के अलावा कई बड़े नेता कोरोना की जद में आ चुके हैं. इन नेताओं के साथ उनके घरवाले भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं.
- नई दिल्ली : राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच प्रदेश विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने सचिन पायलट के खेमे के बागी विधायकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सीपी जोशी ने कहा कि स्पीकर के पास पूरा अधिकार है कि वह वो कारण बताओ नोटिस जारी कर सकता है। मैंने अपने वकील से कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करें। स्पीकर की जिम्मेदारियों का देश के संविधान और सुप्रीम कोर्ट ने बहुत ही स्पष्ठ व्याख्या की है। बतौर स्पीकर मुझे एक याचिका प्राप्त हुई और मैंने इसकी जानकारी मांगी, जिसके बाद मैंने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अगर स्पीकर कारण बताओ नोटिस नहीं जारी कर सकता है तो आखिर उसके पास किस बात का अधिकार है।
बता दें कि विधानसभा स्पीकर ने सचिन पायलट समेत कांग्रेस के 19 बागी विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में अयोग्य ठहराने के लिए नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। इस नोटिस के खिलाफ पायलट ग्रुप ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था विधानसभा स्पीकर द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य बागी विधायकों की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। राजस्थान के सियासी घटनाक्रम पर हाई कोर्ट अब 24 जुलाई को फैसला सुनाएगा। मंगलवार को उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट गुट की याचिका पर दोपहर दो बजे हुई सुनवाई में उच्च न्यायालय ने स्पीकर को तब तक के लिए विधायकों पर कार्रवाई नहीं करने को कहा है।
बता दें कि विधानसभा स्पीकर ने सचिन पायलट समेत कांग्रेस के 19 बागी विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में अयोग्य ठहराने के लिए नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। इस नोटिस के खिलाफ पायलट ग्रुप ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था विधानसभा स्पीकर द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य बागी विधायकों की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। राजस्थान के सियासी घटनाक्रम पर हाई कोर्ट अब 24 जुलाई को फैसला सुनाएगा। मंगलवार को उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट गुट की याचिका पर दोपहर दो बजे हुई सुनवाई में उच्च न्यायालय ने स्पीकर को तब तक के लिए विधायकों पर कार्रवाई नहीं करने को कहा है।
सुनवाई के बाद सीएम अशोक गहलोत ने भी अपने समर्थक विधायकों की तारीफ करते हुए कहा कि आपको अभी कुछ दिन और होटल में रहना पड़ सकता है। बता दें कि सचिन पायलट गुट की याचिका पर उच्च न्यायालय ने शुक्रवार से सुनवाई शुरू की थी। इसके बाद सोमवार और मंगलवार को भी याचिका पर कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी। मंगलवार की सुबह 10:30 बजे की सुनवाई में सचिन पायलट के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा था कि सचिन पायलट और अन्य विधायकों के खिलाफ शिकायत वाले दिन ही विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्यता नोटिस जारी कर दिया गया। नोटिस जारी करने के लिए कोई कारण दर्ज नहीं किया गया और नियमों के अनुसार उन्हें कोरोना संकट में नोटिस का जवाब देने का भी समय नहीं दिया गया।