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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित ऊर्जा महोत्सव में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए । इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, संस्कृति विभाग के सचिव श्री अंबलगन पी., ऊर्जा विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद, क्रेडा के सीईओ श्री आलोक कटियार एवँ संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य भी उपस्थित हैं ।
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गांव-गांव पहुंचकर महिलाओं को जागरूक करेगा न्याय रथ निःशुल्क कानूनी सहायता भी दी जाएगी
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ’मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ’ को किया रवानादुर्ग : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पहल पर प्रदेश की महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों और कानूनों की जानकारी देकर जागरूक करने और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा शुरू की गई है। मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा की शुरूआत दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक के करसा गांव से हुई। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने हरेली तिहार के अवसर पर गुरूवार को करसा गांव से ’मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। शुभारंभ के पहले दिन यह रथ मुख्यमंत्री श्री बघेल के विधानसभा क्षेत्र ग्राम करसा, जामगांव एम और अमलेश्वर पहुंचा और महिलाओं को जागरूक किया।प्रारंभिक चरण में महतारी न्याय रथ दुर्ग जिले के महिला बाल विकास विभाग के आठ सेक्टरों में भ्रमण करेगा। यात्रा के दूसरे दिन महतारी न्याय रथ दुर्ग जिले के तेलीगुंडरा, असोगा, रानीतराई और झीठ गांव पहुंचा और महिलाओं को उनके विधिक अधिकारों से जागरूक कराया। इसके बाद न्याय रथ जिले के दरबारमोखली, जामगांव आर, गाडाडीह और सेलूद पहुंचेगा।छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. नायक ने बताया कि रथ के माध्यम से लोगों को राष्ट्रीय विधिक जागरूकता पर बनी चयनित और पुरस्कृत लघु फिल्में दिखाई जाएंगी। यह रथ गांव-गांव में भ्रमण कर महिलाओं के कानूनी प्रावधानों और उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में अवगत कराएगा। इसके लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पुरस्कृत कानून संबंधी फिल्में उपलब्ध कराई गई हैं। इनमें मुख्य रूप से भोर के किरण (टोनही प्रताड़ना), नन्ही परी (भ्रूण हत्या), कैसे कहूं ना (नशामुक्ति), ‘‘बोलते दरख्त’’ (मानव तस्करी), भंवर (साइबर क्राइम), खुशी (पास्को एक्ट, घरेलु हिंसा गुडटच, बैडटच), फुलवा (घरेलु हिंसा और नशा), ‘‘अधिकार किसका’’ (प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण, दहेज प्रताड़ना), सार्थक (बालश्रम और बंधवा मजदूरी) फिल्में शामिल हैं। इसके साथ ही स्त्री शिक्षा, नाबालिकों का विवाह और उनका घर से भाग जाना जैसे विषयों को भी इसमें शामिल किया गया है।डॉ. नायक ने बताया कि प्रथम चरण में न्याय रथ प्रदेश के नौ जिलों में जाएगा। महतारी न्याय रथ का संचालन जिलों को प्राप्त डीएमएफ राशि से किया जा रहा है। इस अभियान के तहत महिलाओं को निःशुल्क कानूनी सहायता भी दी जाएगी। प्रत्येक महतारी न्याय रथ में 2 अधिवक्ता भी होंगे, जो महिलाओं की समस्याओं को सुनकर उन्हें जानकारी और सलाह देंगे। न्याय रथ के माध्यम से महिलाएं आवेदन भी दे सकेंगी। प्राप्त आवेदनों का महिला आयोग द्वारा निराकरण किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने डीएमएफ पॉलिसी में विशेष बदलाव किए हैं। -
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प्रत्येक मृतक के परिजनों को आर.बी.सी 6-4 के प्रावधानों के अनुरूप 04-04 लाख की सहायता स्वीकृत करने के निर्देश
घायलों को बेहतर उपचार सुविधा उपलब्ध कराने को कहा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने महासमुंद जिले में आकाशीय बिजली गिरने की घटना में 05 श्रमिकों की मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने घटना में घायल 06 श्रमिकों को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कलेक्टर को निर्देश दिए हैं। श्री बघेल ने हादसे में मृत प्रत्येक श्रमिक के परिजनों को आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के अनुरूप 04-04 लाख रुपए की सहायता राशि स्वीकृत करने के भी निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि महासमुंद जिले के थाना सिंघोड़ा के अंतर्गत ग्राम घाटकछार में आकाशीय बिजली गिरने से कुमारी जानकी, कुमारी लक्ष्मी यादव, श्रीमती बसंती नाग, श्रीमती जमोवती, श्रीमती नोहरमति की मृत्यु हो गई। इस घटना में श्रीमती पंकजनी यादव, श्रीमती पार्वती मालिक, श्रीमती तपस्वनी, श्रीमती पुन्नी, श्रीमती गीतांजलि, श्रीमती शशि मुझी घायल हो गए हैं, जिनका सरायपाली स्वास्थ्य केंद्र में उपचार चल रहा है। -
शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब तक अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैटों पर छापेमारी की है। छापेमारी के दौरान सोने, डॉलर और कुछ दस्तावेजों के अलावा 51 करोड़ रुपये की नकदी का एक बड़ा भंडार मिला है। बंगाली और उड़िया फिल्म उद्योग में काम करने वाली अभिनेत्री और मॉडल अर्पिता मुखर्जी फिलहाल ईडी की हिरासत में हैं। माना जाता है कि उसने जांचकर्ताओं के सामने खुलासा किया था कि पार्थ चटर्जी ने अपने फ्लैटों को मिनी बैंक के रूप में इस्तेमाल किया था। वहीं बरामद पैसे से तृणमूल कांग्रेस पहले ही दूरी बना चुकी है।
पहली छापेमारी में ईडी ने किया बरामद-1. 21 करोड़ रुपये के करेंसी नोट2. 70 लाख रुपये से अधिक मूल्य का सोना3. डॉलर में 50 लाख रुपये से अधिक की नकदी4. 20 मोबाइल फोन
बुधवार को दूसरी छापेमारी में ईडी ने बरामद किया
1. 28 करोड़2. सोने की छड़ों सहित 5 किलो सोनापार्थ चटर्जी के घर से मिले 17 सामानकम से कम 44 पन्नों की एक डीड, 2012 की है, जो बताती है कि दोनों एक-दूसरे को कम से कम पिछले 10 सालों से जानते थे।हार्ड डिस्क, मोबाइल फोननियुक्ति (स्कूलों में ग्रुप डी स्टाफ की) और पदों के स्थानांतरण से संबंधित दस्तावेजउम्मीदवारों के प्रवेश पत्रवॉशरूम में , वार्डरोब और संदूक भी मिला नोटों का जखीराईडी ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर अर्पिता मुखर्जी के चार ठिकानों को खंगाला है। कमरों के अलावा वॉशरूम, वार्डरोब और संदूक में भी नकदी छिपाकर रखी गई थी। अब तक 51 करोड़ से ज्यादा की नकदी और सोना व डॉलर आदि मिले हैं। इसे देखते हुए ईडी को आशंका है कि यह घोटाला 100 करोड़ से ज्यादा का हो सकता है।ईडी के अधिकारियों को अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया स्थित आवास के बारे में पूछताछ के बाद पता चला जिसमें वह कथित तौर पर सहयोग कर रही हैं। कैश की गिनती बुधवार शाम करीब छह बजे शुरू हुई और गुरुवार सुबह चार बजे तक चली। नोट गिनने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनें लाई गईं और सुबह ट्रकों में नकदी भरी गई।क्या है अर्पिता का पार्थ चटर्जी से कनेक्शन?रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अर्पिता मुखर्जी दुर्गा पूजा कमेटी के जरिए मंत्री पार्थ चटर्जी के संपर्क में आई थीं। इतना ही नहीं वह 2019 और 2020 में नकटला उदयन संघ नामक पार्थ चटर्जी की दुर्गा पूजा समिति के प्रचार अभियानों का चेहरा भी थीं।अर्पिता मुखर्जी, अभिनेत्री और मॉडल हैं। अर्पिता ने न केवल ओडिया में बल्कि बंगाली और तमिल फिल्मों में भी अभिनय किया है। अभिनेत्री के फेसबुक बायो में लिखा है, "एक मल्टी-टैलेंटेड वर्सेटाइल एक्टर, जिन्होंने टॉलीवुड में कई फिल्मों में काम किया है।" बता दें कि अभिनेत्री 2009 में आई फिल्म 'मामा भगने' में बंगाली सुपरस्टार प्रोसेनजीत चटर्जी के साथ और 2008 में रिलीज हुई फिल्म 'पार्टनर' में काम कर चुकी हैं। -
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वासुदेव कृष्ण का दूसरा नाम, सही मायने में इस माटी के कृष्ण हैं स्व. दाऊ वासुदेव चन्द्राकर जी: मुख्यमंत्री श्री बघेल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज कृषि संस्कृति की महत्ता को दर्शाने वाले हरेली त्यौहार पर दुर्ग के मालवीय नगर चौक में स्व. दाऊ वासुदेव चंद्राकर जी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि स्वर्गीय वासुदेव चंद्राकर जी को छत्तीसगढ़ की राजनीति का आधार स्तंभ माना जाता है, वैसे तो चंद्राकर जी 14 वर्ष की आयु से ही स्वतंत्र भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिए स्वतंत्रता पूर्व विभिन्न आंदोलनों का हिस्सा रहे और छत्तीसगढ़ की स्थापना में उनका विशेष योगदान रहा। उनकी छवि हमेशा से किसान हितैषी रही है। किसान के हितों पर कभी समझौता न करने वाले स्वर्गीय चंद्राकर जी खुद भी खेती किसानी की बहुत अच्छी समझ रखते थे। अपने जीवन काल में उन्होंने छत्तीसगढ़ की संस्कृति और सभ्यता में प्राणवायु भरने का कार्य किया है। छत्तीसगढ़ में उन्हें हमेशा किसान और मजदूरों के संगठन व उत्थान के लिए कार्य करने के कारण उनके प्रिय नेता के रूप में याद किया जाएगा।
स्व. दाऊ वासुदेव चंद्राकर जी को सभी लोग राजनीति के चाणक्य के रूप में जानते हैं लेकिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इसके साथ-साथ उन्हें छत्तीसगढ़ की माटी का कृष्ण कहा, मुख्यमंत्री जी का कथन था कि जब उनके नाम में ही वासुदेव है और वासुदेव का दूसरा नाम कृष्ण है तो इससे बेहतर उनका परिचय नहीं हो सकता। यहां उन्होंने अपने राजनीतिक गुरु स्व. दाऊ वासुदेव चंद्राकर जी का आत्म चिंतन किया और उपस्थित लोगों के बीच उनका और अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने आगे कहा कि उनके बिना राजनीति के अध्याय की कल्पना नहीं की जा सकती, जनता का विश्वास उनके लिए सर्वोपरी था, वह नैतिकता को ताक पर रखकर कभी भी कोई कार्य नहीं करते थे, उन्होंने हमेशा आम जनता, मजदूरों और किसानों के हित में अपनी आवाज बुलंद की है। उन्होंने स्व. दाऊ वासुदेव चंद्राकर को उनके जीवन का पथप्रदर्शक भी बताया।इस अवसर पर श्री लक्ष्मण चंद्राकर और श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त किया। इसके साथ-साथ कार्यक्रम में स्वर्गीय दाऊ वासुदेव चंद्राकर जी की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार व आर्किटेक्ट का सम्मान किया गया। जिसमें पद्मश्री श्री नेलसन जी मूर्तिकार, श्री शंभु ताम्रकार आर्किटेक्ट, श्री मोहन बराल आर्किटेक्ट और श्री किशोर शिंदे इंजीनियर सम्मिलित थे।कार्यक्रम में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, विधायक श्री अरूण वोरा, पूर्व विधायक श्री प्रदीप चौबे, श्री आर.एन. वर्मा, नगर निगम दुर्ग महापौर श्री धीरज बाकलीवाल, सभापति श्री राजेश यादव, श्री अब्दुल गनी, पार्षद श्रीमती बबीता यादव, श्री लक्ष्मण चंद्राकर, श्री संदीप वोरा, श्री देवेश मिश्रा, श्री संजय कोहले, संभागायुक्त श्री महादेव कावरे, आईजी श्री बद्रीनारायण मीणा, कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा तथा अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारीगण उपस्थित थे। -
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जैविक खाद विक्रय के लिए सहकारी समितियों को मिला 1.70 करोड़ रुपये का बोनस
जैविक खाद के विक्रय पर महिला समूहों और सहकारी समितियों को बोनस देने वाला छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्यरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज 28 जुलाई को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित हरेली तिहार के मौके पर राज्य के गौठानों से जुड़ी जैविक खाद उत्पादक महिला स्व-सहायता समूहों को प्रोत्साहन राशि (बोनस) का चेक वितरित किया और समूह की बहनों को बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि समूह की महिला बहनों ने अपनी लगन और मेहनत से स्वावलंबन की एक नई मिसाल कायम की है। महिला बहनों की मेहनत का ही यह परिणाम है कि उन्हें जैविक खाद के विक्रय के एवज में मिलने वाले लाभांश के अतिरिक्त प्रति किलो एक रूपया की दर से यह अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 7442 महिला स्व-सहायता समूहों को 17 करोड़ रुपये और सहकारी समितियों को 1.70 करोड़ की प्रोत्साहन राशि प्रदान की।यहां यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 7 जुलाई 2022 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठानों में जैविक खाद का निर्माण कर रहीं महिला स्व-सहायता समूहों को 7 जुलाई 2022 तक बिक चुकी जैविक खाद की प्रति किलो मात्रा पर एक रुपये तथा प्राथमिक सहकारी समितियों को 10 पैसे की दर से प्रोत्साहन (बोनस) राशि देने का निर्णय लिया गया था। गौरतलब है कि राज्य के गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत दो रूपए किलो में गोबर की खरीदी बीते दो सालों से की जा रही है। क्रय गोबर से महिला स्व-सहायता समूह की बहनें वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट प्लस का निर्माण करने के साथ-साथ दीया, गमला, अगरबत्ती, गो-काष्ट आदि का निर्माण कर रही है। समूहों द्वारा उत्पादित जैविक खाद का विक्रय किसानों एवं शासन के विभिन्न विभागों को किया जा रहा है। 7 जुलाई 2022 की स्थिति में राज्य में महिला समूहों द्वारा लगभग 21 लाख क्विंटल जैविक खाद का उत्पादन किया जा चुका था, जिसमें से सोसायटियों के माध्यम से 17 लाख क्विंटल जैविक खाद का विक्रय हुआ था। मंत्रिपरिषद में विक्रय हो चुकी खाद की प्रति किलो की मात्रा पर महिला समूहों को एक रूपया तथा प्राथमिक सहकारी समितियों को 10 पैसे के मान से प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया था, जिसके परिपालन में आज महिला समूहों और सहकारी समितियों को प्रोत्साहन राशि का वितरण किया गया। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो महिला समूहों को जैविक खाद के उत्पादन पर निर्धारित लाभांश के अलावा अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि बोनस भी दे रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल महिला समूहों के आत्मबल को बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने में मददगार साबित होगी।गौरतलब है कि राज्य के कई ऐसे महिला स्व-सहायता समूह हैं, जिन्हें 2 लाख रुपये से लेकर 21 लाख रुपये तक की राशि बोनस के तौर पर मिली है। राज्य के शहरी क्षेत्र के जैविक खाद उत्पादक स्व-सहायता समूहों में राजनांदगांव स्वच्छ शहरी महासंघ को सर्वाधिक 21 लाख 13 हजार 270 रूपये का बोनस मिला है। इसी तरह स्वच्छ अंबिकापुर मिशन सिटी लेबल फेडरेशन 20 लाख 6 हजार 995 रूपये, स्वच्छ मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र स्तरीय संघ को 9 लाख 80 हजार 702 रूपये, एकता क्षेत्र स्तरीय संघ सिमगा को 7 लाख 1 हजार 624 रूपये, मां दुरपता समूह गंडई को 6 लाख 37 हजार 978 रूपए, मां मरियम स्व-सहायता समूह रायपुर को 5 लाख 91 हजार 270 रूपये, स्वच्छ दल्लीराजहरा क्षेत्र स्तरीय संघ को 4 लाख 52 हजार 632 रूपये, कान्हा महिला स्व-सहायता समूह रायपुर को 4 लाख 22 हजार 780 रूपये, गोधन शहर स्तरीय संगठन खैरागढ़ को 3 लाख 93 हजार 31 रूपये तथा स्वच्छ चिरमिरी संगठन समूह को 3 लाख 65 हजार 165 रूपये का बोनस दिया गया।इसी तरह ग्रामीण अंचल के टॉप-10 जैविक खाद उत्पादक स्व-सहायता समूहों में रायगढ़ जिले के बरमकेला विकासखंड के ग्राम्यश्री स्व-सहायता समूह को 3 लाख 69 हजार 17 रूपये का बोनस मिला है, जबकि बस्तर जिले के बकावण्ड के पंचवटी स्व-सहायता समूह को 3 लाख 65 हजार 420 रूपये, महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक के जय मां भवानी को 3 लाख 29 हजार 420 रूपये, कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड के डोन्डे समूह को 2 लाख 79 हजार 846 रूपए, रायगढ़ विकासखंड के जय मां संतोषी समूह को 2 लाख 59 हजार 960 रूपये, रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के सीता महिला संगठन को 2 लाख 25 हजार 17 रूपये, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा विकासखंड के जय मौली माता समूह को 2 लाख 24 हजार 40 रूपये, बेमेतरा जिले के बेरला विकासखंड के जय सतनाम स्व-सहायता समूह को 2 लाख 14 हजार 20 रूपये, गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक के गौ-सेवा महिला स्व-सहायता समूह सेन्दर को 2 लाख 12 हजार 490 रूपये तथा रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के राजलक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह टेकरीकुंडा को 2 लाख 10 हजार 253 रुपये की राशि बोनस के तौर पर मिली है।मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में महिला समूहों एवं सहकारी समितियों को प्रोत्साहन राशि वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, संसदीय सचिव श्री चिंतामणि महाराज, श्री चन्द्रदेव राय, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राजेश्री राम सुंदर दास, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, श्री अनूप नाग, श्री चन्दन कश्यप, श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा महापौर श्री एजाज ढेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे, पूर्व सांसद श्रीमती छाया वर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित महिला स्व-सहायता समूह की बहनें एवं नागरिकगण उपस्थित थे। -
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रायपुर :भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली द्वारा विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार के परामर्श से विभिन्न नियमों में निम्नलिखित संशोधन किए गए हैं-
1- मतदाताओं से आधार संख्या संकलन हेतु।
2-नागरिकों के मतदाता सूची में पंजीकरण हेतु उपयोग होने वाले प्रपत्रों में।
3-मतदाताओं के पंजीकरण हेतु अहर्ता तिथियों में।
4-अन्य संशोधन प्रावधान एवं परिसर अधिग्रहण।)
साथ ही आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ प्रदेश में फोटोयुक्त निर्वाचक नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अहर्ता तिथि 1 जनवरी 2023 के संदर्भ में पुनरीक्षण कार्यक्रम जारी किया है।
उल्लेखित विभिन्न नियमों में आयोग द्वारा जारी किए गए संशोधनों और निर्वाचन नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अहर्ता तिथि 1 जनवरी 2023 के संबंध में जानकारी देने के लिए 29 जुलाई 2022 को शाम 4.00 बजे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय शास्त्री चौक पुराना मंत्रालय परिसर, रायपुर में इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया को सादर आमंत्रित किया गया है। -
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मुख्यमंत्री गौ-मूत्र विक्रय कर बने प्रथम विक्रेता
छत्तीसगढ़ में जैविक खेती को बढ़ावा देने एक और पहल
गौठानों में जैविक खाद के साथ-साथ अब जैविक कीटनाशक का होगा उत्पादन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में धूम-धाम से आयोजित हरेली पर्व के अवसर पर राज्य में गौ-मूत्र की खरीदी की ऐतिहासिक की शुरूआत की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर चंदखुरी की निधि स्व-सहायता समूह को 5 लीटर गौ-मूत्र 20 रूपए में बेचकर राज्य के पहले विक्रेता बने। निधि स्व-सहायता समूह ने गौ-मूत्र विक्रय की यह राशि श्री भूपेश बघेल के आग्रह पर मुख्यमंत्री सहायता कोष के खाते में जमा की।
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो पशुपालक ग्रामीणों से दो रूपए किलो में गोबर खरीदी के बाद अब 4 रूपए लीटर में गौ-मूत्र की खरीदी कर रहा है। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में धूम-धाम से आयोजित हरेली पर्व के मौके पर मुख्यमंत्री ने कृषि यंत्रों की पूजा की और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने गौ-माता को चारा खिलाया और उसकी पूजा की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राज्य के जैविक खाद उत्पादक 7442 महिला स्व-सहायता समूहों को 17 करोड़ रूपए की प्रोत्साहन (बोनस) राशि का भी वितरण किया।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि गोधन न्याय योजना के बहुआयामी परिणामों को देखते हुए देश के अनेक राज्य इसको अपनाने लगे हैं। इस योजना के तहत अमीर हो या गरीब सभी दो रूपए किलो में गौठानों में गोबर बेच रहे हैं। बीते दो सालो में गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों और महिला समूहों के खाते में 300 करोड़ रूपए से अधिक की राशि अंतरित हुई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी समृद्ध हो, किसान खुशहाल हो यह हमारी कोशिश है। जैविक खाद और जैविक कीटनाशक का खेती में उपयोग करने से खेती की लागत में कमी आएगी। खाद्यान्न की गुणवत्ता बेहतर होगी, जिससे जन-जीवन का स्वास्थ्य बेहतर होगा।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार देश की इकलौती सरकार है, जो अपने राज्य के पशुपालक ग्रामीणों से बीते दो सालों से गोबर खरीद रही है। आज 28 जुलाई को हरेली पर्व से छत्तीसगढ़ में गौ-मूत्र की सरकारी खरीदी की विधिवत शुरूआत हो गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की यह पहल वास्तव में राज्य में पशुपालन के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ पशुपालक की आय और जैविक खेती को बढ़ावा देना है। राज्य में बीते दो सालों से गोबर की खरीदी और इससे जैविक खाद के निर्माण से राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। गौ-मूत्र खरीदी का मकसद गौठानों में इससे जैविक कीटनाशक, जीवामृत, ग्रोथ प्रमोटर का निर्माण करना है, ताकि राज्य के किसानों को कम कीमत पर जैविक कीटनाशक सहजता से उपलब्ध कराया जा सके।यहां यह उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ में आज से 2 साल पहले 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के दिन से हुई थी। इसके तहत गौठनों में पशुपालक ग्रामीणों से 2 रुपये किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। देश- दुनिया में गोबर की खरीदी की गोधन न्याय योजना की बेजोड़ सफलता ही गौ-मूत्र की खरीदी का आधार बनी है। गोबर खरीदी के जरिए बड़े पैमाने पर जैविक खाद का निर्माण और उसके उपयोग के उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए अब गोमूत्र की खरीदी कर इससे कीट नियंत्रक उत्पाद, जीवामृत, ग्रोथ प्रमोटर बनाए जाएंगे। इसके पीछे मकसद यह भी है कि खाद्यान्न उत्पादन की विषाक्तता को कम करने के साथ ही खेती की लागत को भी कम किया जा सके।खेती में अंधाधुंध रासायनिक खादों एवं रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग से खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता खत्म हो रही है। भूमि की उर्वरा शक्ति घट रही है। खाद्य पदार्थों में विषाक्तता की मात्रा बढ़ रही है ,जिसके कारण जन जीवन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अब गौठानों में गोमूत्र की खरीदी कर महिला समूहों के माध्यम से इससे जैविक कीटनाशक तैयार किए जाएंगे, जिसे किसानों को रियायती दर पर उपलब्ध कराया जाएगा। इन जैविक कीटनाशकों की कीमत बाजार में मिलने वाले महंगे रासायनिक कीटनाशक पेस्टिसाइड की कीमत से काफी कम होगी। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गोमूत्र कीटनाशक, रासायनिक कीटनाशक का बेहतर और सस्ता विकल्प है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक होती है। खेतों में इसके छिड़काव से सभी प्रकार के कीटों के नियंत्रण में मदद मिलती है। पत्ती खाने वाले ,फल छेदन एवं तना छेदक कीटों के प्रति गोमूत्र कीटनाशक का उपयोग ज्यादा प्रभाव कारी है। इसका उपयोग कृषि- पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर सुराजी गांव योजना के गरवा घटक के तहत राज्य के 8408 गांव में गौठान निर्मित एवं संचालित है, जहां पशुओं के देखरेख चारा-पानी का निःशुल्क प्रबंध है। इन गौठनों में गोधन न्याय योजना के तहत बीते 2 सालों से गोबर की खरीदी की जा रही है। जिससे महिला समूह जैविक खाद एवं अन्य उत्पाद तैयार कर रही हैं। राज्य में बीते 2 सालों में 76 लाख क्विंटल से अधिक की गोबर खरीदी की गई है, जिसके एवज में गोबर विक्रेता ग्रामीण पशुपालकों को 153 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है। महिला समूहों ने क्रय गोबर से अब तक 22 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट प्लस का उत्पादन कर राज्य के किसानों को खेती में उपयोग के लिए उपलब्ध कराया है। गौठानों में गोबर से जैविक खाद के निर्माण के साथ-साथ महिलाएं अन्य मूलक गतिविधियां भी संचालित कर रही हैं, जिनसे उन्हें बीते 2 सालों में 74 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय हुई है। गौठानों में महिला समूह द्वारा जैविक खाद के साथ-साथ अब जैविक कीटनाशक तैयार किए जाने से राज्य में जैविक खेती को और बढ़ावा मिलेगा। इससे पशुपालक ग्रामीणों को अतिरिक्त आय और महिला समूहों को रोजगार और आय का जरिया भी मिलेगा।मुख्यमंत्री निवास में आयोजित हरेली पर्व के कार्यक्रम में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, संसदीय सचिव श्री चिंतामणि महाराज, श्री चन्द्रदेव राय, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राजेश्री राम सुंदर दास, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल,छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा विधायक श्री सतनारायण शर्मा, श्री अनूप नाग, श्री चन्दन कश्यप, श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा महापौर श्री एजाज ढेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे, पूर्व सांसद श्रीमती छाया वर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास परिसर से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और शुभकामनाएं दी। राजगीत से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। मुख्यमंत्री ने महिलाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य के संबंध में शपथ भी दिलाई ।
इस मौके पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, उद्योग मंत्री श्री कावासी लखमा, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राजेश्री राम सुंदर दास, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमई नायक, विधायक श्री सतनारायण शर्मा, राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्य के 7442 स्व-सहायता समूहों को मिलेगा 17 करोड़ रूपये का बोनस
सहकारी समितियों को 1.70 करोड़ रुपये का बोनस
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 28 जुलाई को हरेली पर्व के अवसर पर गौठानों से जुड़े कम्पोस्ट उत्पादक महिला स्व-सहायता समूहों तथा सहकारी समितियों को बोनस वितरण करेंगे। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में पूर्वान्ह 11.30 बजे से आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री बघेल 7442 स्व-सहायता समूहों को 17 करोड़ रुपये और सहकारी समितियों को 1.70 करोड़ की राशि बोनस के रूप में देंगे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 7 जुलाई 2022 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्माण कर रहीं महिला स्व-सहायता समूहों को 7 जुलाई 2022 तक बिक चुकी कम्पोस्ट की प्रति किलो मात्रा पर एक रुपये तथा प्राथमिक सहकारी समितियों को 10 पैसे की दर से प्रोत्साहन (बोनस) राशि देने का निर्णय लिया गया था। इसी तारतम्य में 28 जुलाई को 7442 स्व-सहायता समूहों को 17 करोड़ तथा सहकारी समितियों को 1.70 करोड़ रूपये प्रोत्साहन राशि के रूप में जारी की जाएगी।
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि राज्य के कई ऐसे महिला स्व-सहायता समूह हैं, जिन्हें 2 लाख रुपये से लेकर 21 लाख रुपये तक का बोनस मिलेगा। राज्य के शहरी क्षेत्र के कम्पोस्ट उत्पादक स्व-सहायता समूहों में राजनांदगांव स्वच्छ शहरी महासंघ को सर्वाधिक 21 लाख 13 हजार 270 रूपये का बोनस मिलेगा। इसी तरह स्वच्छ अंबिकापुर मिशन सिटी लेबल फेडरेशन 20 लाख 6 हजार 995 रूपये, स्वच्छ मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र स्तरीय संघ को 9 लाख 80 हजार 702 रूपये, एकता क्षेत्र स्तरीय संघ सिमगा को 7 लाख 1 हजार 624 रूपये, मां दुरपता समूह गंडई को 6 लाख 37 हजार 978 रूपए, मां मरियम स्व-सहायता समूह रायपुर को 5 लाख 91 हजार 270 रूपये, स्वच्छ दल्लीराजहरा क्षेत्र स्तरीय संघ को 4 लाख 52 हजार 632 रूपये, कान्हा महिला स्व-सहायता समूह रायपुर को 4 लाख 22 हजार 780 रूपये, गोधन शहर स्तरीय संगठन खैरागढ़ को 3 लाख 93 हजार 31 रूपये तथा स्वच्छ चिरमिरी संगठन समूह को 3 लाख 65 हजार 165 रूपये का बोनस दिया जाएगा।
इसी तरह ग्रामीण अंचल के टॉप-10 कम्पोस्ट उत्पादक स्व-सहायता समूहों में रायगढ़ जिले के बरमकेला विकासखंड के ग्राम्यश्री स्व-सहायता समूह को 3 लाख 69 हजार 17 रूपये, बस्तर जिले के बकावण्ड के पंचवटी स्व-सहायता समूह को 3 लाख 65 हजार 420 रूपये, महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक के जय मां भवानी को 3 लाख 29 हजार 420 रूपये, कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड के डोन्डे समूह को 2 लाख 79 हजार 846 रूपए, रायगढ़ विकासखंड के जय मां संतोषी समूह को 2 लाख 59 हजार 960 रूपये, रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के सीता महिला संगठन को 2 लाख 25 हजार 17 रूपये, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा विकासखंड के जय मौली माता समूह को 2 लाख 24 हजार 40 रूपये, बेमेतरा जिले के बेरला विकासखंड के जय सतनाम स्व-सहायता समूह को 2 लाख 14 हजार 20 रूपये, गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक के गौ-सेवा महिला स्व-सहायता समूह सेन्दर को 2 लाख 12 हजार 490 रूपये तथा रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के राजलक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह टेकरीकुंडा को 2 लाख 10 हजार 253 रुपये बोनस मिलेगा। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज यहां विधानसभा परिसर के कार्यालय में सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और अध्यक्ष अपेक्स बैंक श्री बैजनाथ चंद्राकर के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के विगत 3 वर्ष की उपलब्धियों पर आधारित स्मारिका ‘‘नई सोच - नई पहल छत्तीसगढ़ की सहकारिताएं’’ पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने इसके प्रकाशन पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि किसानों, ग्रामीणों तथा सहकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह पुस्तिका उपयोगी साबित होगी।
इस अवसर पर जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्ष सर्वश्री पंकज शर्मा, प्रमोद नायक, नवाज खान, जवाहर वर्मा, रामदेव तथा एमडी के.एस. कांडे, पुस्तिका के प्रकाशन में सहभागी अविनाश श्रीवास्तव, भूपेश चंद्रवंशी, अजय भगत, चंद्रप्रकाश, अभिषेक और प्रभाकर भी उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महिलाओं को उनके अधिकारों और कानूनों के प्रति जागरूक करने राज्य महिला आयोग की नई पहल
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल हरी झंडी दिखाकर महतारी न्याय रथ को करेंगे रवाना
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पहल पर हरेली पर्व से प्रदेश की महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों और कानूनों की जानकारी देकर जागरूक करने और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा की शुरूआत की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल हरेली के दिन मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह रथ सभी जिलों में भ्रमण कर लोगों को शॉर्ट फिल्मों, संदेशों और ब्रोशर के माध्यम से महिलाओं के कानूनी प्रावधानों और उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में अवगत कराएगा।मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा राज्य महिला आयोग के माध्यम से संचालित की जाएगी। प्रत्येक महतारी न्याय रथ में 2 अधिवक्ता भी होंगे, जो महिलाओं की समस्याओं को सुनकर उन्हें जानकारी और सलाह देंगे। न्याय रथ के माध्यम से महिलाएं आवेदन भी दे सकेंगी, जिससे महिला आयोग द्वारा उनकी समस्याओं का निराकरण किया जा सके। एक बड़ी एलईडी स्क्रीन होगी, जिसमें छत्तीसगढ़ी और हिंदी भाषा में विभिन्न कानूनों संबंधित राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत लघु फिल्में दिखाई जाएंगी। महतारी न्याय रथ के संचालक के लिए प्रदेश सरकार ने डीएमएफ पॉलिसी में विशेष रूप से बदलाव किए हैं। न्याय रथ के संचालन के लिए जिले को मिलने वाली डीएमएफ राशि का उपयोग किया जाएगा।राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने बताया कि शिक्षित, अशिक्षित, गृहणी, नौकरी कर रही सभी महिलाओं को महिला आयोग के कार्योें और महिलाओं के लिए बनाए गए कानूनों, नियमों और उनके अधिकारों को जानना बहुत जरूरी है। इसके लिए हरेली तिहार से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ की शुरूआत की जा रही है। इन महतारी न्याय रथों के माध्यम से लोगों को बताया जाएगा कि महिलाएं अपनी समस्याओं के समाधान के लिए और निःशुल्क तथा त्वरित न्याय पाने के लिए किस तरह सरलता और सुगमता से महिला आयोग में आवेदन कर सकती हैं। यह रथ शुरूआत में खनिज न्यास निधि प्राप्त करने वाले नौ जिलों में पहले जाएगा, उसके बाद रथ प्रदेश के बाकी बचे जिलों के भ्रमण पर जाएगा।श्रीमती नायक ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की माताओं और बहनों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बीते साढ़े तीन वर्षों में राज्य सरकार ने विभिन्न स्तरों पर अनेक योजनाएं संचालित की हैं। हमारी इन योजनाओं की सफलता पूरे देश में उदाहरण बनी है। अब एक कदम और बढ़ते हुए एक और नयी योजना की शुरुआत की जा रही हैं। यह योजना भी देश में अपनी तरह की एकमात्र योजना होगी। इससे महिलाएं जागरूक होंगी और उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा। महिलाओं को कानूनी अधिकारों की जानकारी से राज्य में महिलाओं के साथ होने वाली अपराधों में कमी आएगी। -
एजेंसी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मंकीपॉक्स बीमारी को स्वास्थ्य आपातकाल बताया है। संगठन ने शनिवार को जानकारी दी थी कि अब तक 75 देशों में 16 हजार से ज्यादा मामले मिल चुके हैं और 5 की मौत हो चुकी है।
भारत पर अब तक मंकीपॉक्स के केवल 4 मामले ही सामने आए हैं, लेकिन जानकार हालात को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं। लक्षण दिखने वालों को जांच कराने की सलाह दी गई है। वहीं, सरकार भी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी कर चुकी है। फिलहाल, केरल में तीन और राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स के एक मरीज मिला है। इसके अलावा NCR में एक संदिग्ध मरीज को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।मेदांता के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहान ने मंकीपॉक्स को खतरा बढ़ाने वाला बताया है। उन्होंने कहा, 'यह चिंता की बात है। हम पहले ही कोविड का सामना कर रहे हैं और अगर कोई और बीमारी देश में फैलती है, तो खतरा बढ़ जाएगा। जिन लोगों को लक्षण नजर आ रहे हैं, उन्हें जांच करानी चाहिए और लोगों को सतर्क रहना चाहिए।'
किन वजहों से मंकीपॉक्स घोषित हुई हेल्थ इमरजेंसी, भारत में कितना खतरा
खास बात है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मंकीपॉक्स बीमारी को स्वास्थ्य आपातकाल बताया है। संगठन ने शनिवार को जानकारी दी थी कि अब तक 75 देशों में 16 हजार से ज्यादा मामले मिल चुके हैं और बीमारी के चलते 5 मरीजों की मौत हो चुकी है। दिल्ली और केरल के अलावा बिहार के पटना और उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में मंकीपॉक्स का संदिग्ध मरीज मिल चुके हैं।
शरीर पर मिले घावमंकीपॉक्स से संक्रमित होने के संदेह में दिल्ली में एक व्यक्ति को LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की उम्र 30 से 40 साल के बीच है। वह राष्ट्रीय राजधानी में मंकीपॉक्स से संक्रमित पाए गए व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों में से नहीं है। उसका विदेश यात्रा का इतिहास है। सूत्रों ने कहा कि रोगी के शरीर पर चकत्ते और घाव मिले हैं। उसके नमूनों को राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे भेजा गया है।मंकीपॉक्स होने का किन लोगों को है ज्यादा खतरा, जानें इसके शुरुआती लक्षण
टीके के लिए सीरम इंस्टीट्यूट की बातचीत जारी
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) देश में मंकीपॉक्स के मामलों से निपटने के लिए टीकों की कुछ खेप के आयात को लेकर डेनमार्क की कंपनी बवेरियन नॉर्डिक के साथ बातचीत कर रहा है। एसआईआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने मंगलवार को यह बात कही। पूनावाला ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि समझौते की स्थिति में देश में टीके आयात करने के लिए दो से तीन महीने लगेंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पॉलिटेक्निक कॉलेजों तथा आईटीआई में थ्री-डी प्रिन्टिग और रोबोटिक्स जैसे नये ट्रेडों की होगी शुरूआत
रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में उत्पादों को तैयार करने होगा अत्याधुनिक तकनीकी का उपयोग
मुख्यमंत्री की टाटा टेक्नोलॉजिस के अधिकारियों के साथ बैठक में विचार-विमर्श
रायपुर : छत्तीसगढ़ के पॉलिटेक्निक कॉलेजों तथा आईटीआई में थ्री-डी प्रिन्टिग और रोबोटिक्स जैसे नये ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रारंभ करने तथा छत्तीसगढ़ के गौठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में कृषि उपजों और लघु वनोपजों के प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग प्रारंभ करने के संबंध में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ टाटा टेक्नोलॉजिस के अधिकारियों की बैठक में विचार-विमर्श किया गया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में विधानसभा स्थित उनके कार्यालय कक्ष में हुई बैठक में टाटा टेक्नोलॉजिस के अधिकारियों के साथ गौठानों को आईटीआई से जोड़ने, गौठानों में तैयार किए जा रहे उत्पादों के वेल्यू एडिशन और उत्पादों के विक्रय के लिए सी-मार्ट से जोड़ने जैसे विषयों पर चर्चा हुई। इसके अलावा रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में तैयार उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के काम में भी सहयोग विचार-विमर्श किया गया। टाटा टेक्नोलॉजिस के अधिकारियों द्वारा बैठक में प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया कि पॉलीटेक्निक और आईटीआई में आधुनिक उद्योगों की जरूरत के अनुसार ट्रेड प्रारंभ करने के साथ ही इन संस्थाओं को शिक्षकों को प्रशिक्षण की व्यवस्था रहेगी। बैठक में जानकारी दी गई कि टाटा टेक्नोलॉजिस द्वारा विकसित अधोसंरचना का उपयोग बच्चों के प्रशिक्षण के साथ स्थानीय उद्योगों द्वारा भी आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सकेगा। कृषि उपजों के प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र के साथ भी टाटा टेक्नोलॉजिस कार्य करेगी। बैठक में एग्रीकल्चर रिसर्च एण्ड इनोवेशन सेंटर पर भी विचार-विमर्श हुआ।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने टाटा टेक्नोलॉजिस के अधिकारियों को बताया कि छत्तीसगढ़ की गांवों में स्थापित गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके लिए 600 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। हर विकासखण्ड में दो गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन पार्कों में कुटीर उद्योग स्थापित कर स्थानीय रॉ-मटेरियल के प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन कर उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। तैयार उत्पादों का सी-मार्ट के माध्यम से विक्रय की व्यवस्था की गई है। इन उत्पादों को राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट दिलाने का प्रयास भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में बिजली, पानी और जमीन की व्यवस्था है। गौठान की एक से दो एकड़ भूमि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के लिए रखी गई है। यहां बनने वाले रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में लगने वाले उद्योगों को बिजली बिल में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।मुख्यमंत्री ने टाटा टेक्नोलॉजिस के अधिकारियों को बताया कि छत्तीसगढ़ के 116 स्कूलों में हायर सेकेण्डरी के साथ आईटीआई के दो वर्षीय संयुक्त कोर्स प्रारंभ किए गए हैं। ग्यारहवीं कक्षा से यह दोनों कोर्स प्रारंभ होते हैं। बारहवीं पास करने वाले विद्यार्थियों को एक साथ बारहवीं बोर्ड और आईटीआई का सर्टिफिकेट दिया जाएगा। यहां आधुनिक उद्योगों के लिए उपयोगी ट्रेड प्रारंभ होने से विद्यार्थियों के रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय श्री प्रदीप शर्मा और श्री विनोद वर्मा, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री अरूण प्रसाद पी. तथा टाटा टेक्नोलॉजिस के अधिकारी श्री सुशील कुमार, श्री राजेश राघवन और पी.व्ही. काउलगुड उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई पर भारतीय जवानों की वीरता को नमन करते हुए कारगिल युद्ध के शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। श्री बघेल ने कहा कि भारतीय सेना ने 26 जुलाई 1999 को अपने अदम्य साहस और शौर्य से विपरीत परिस्थितियों में भी घुसपैठियों से कारगिल को मुक्त कराकर ’ऑपरेशन विजय’ में सफलता प्राप्त की। इस दिन की याद में हम हर साल कारगिल विजय दिवस मनाते है। यह देश के वीर सपूतों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रगट करने का दिन है। यह दिन देश के प्रति कर्तव्यों की याद दिलाता है, और सिखाता है कि देश सबसे ऊपर है। यह पूरे देश के लिए गौरवशाली दिन हैं।
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नई दिल्ली : द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को भारत के 15वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एनवी रमना ने निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। साथ ही वह सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला और स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं।
पिछड़े और आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे: मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा,"मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि जो सदियों से वंचित रहे, जो विकास के लाभ से दूर रहे, वे गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे हैं। मेरे इस निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शामिल है, देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों के सपनों और सामर्थ्य की झलक है।"
पीएम समेत शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए ये लोग
संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह से पहले, निवर्तमान राष्ट्रपति और निर्वाचित राष्ट्रपति संसद पहुंचे। उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संसद सदस्य आदि समारोह में शामिल हुए।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रोग नियंत्रण क्षमता रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक
किसान आसानी से तैयार कर सकते हैं गौमूत्र कीट नियंत्रक उत्पाद
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में कृषि की लागत को कम करने, विषरहित खाद्यान्न के उत्पादन तथा जैविक खेती को बढ़ावा देने की लगातार सार्थक पहल की जा रही है। छत्तीसगढ़ में रासायनिक उर्वरकों के विकल्प के रूप में जैविक खाद की उपलब्धता और इसके उपयोग के प्रभावी परिणामों को देखते हुए अब रासायनिक कीटनाशकों का खेती में उपयोग कम करने के उद्देश्य से गौमूत्र कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार कर किसानों को सस्ते दर पर उपलब्ध कराने की प्रभावी पहल शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर राज्य में आगामी 28 जुलाई हरेली पर्व के दिन से गौठानों में गौमूत्र की खरीदी और इससे कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। प्रथम चरण में राज्य के सभी जिलों के चिन्हिंत गौठानों में 4 रूपए लीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी गौठान समितियां करेंगी, जिससे महिला स्व-सहायता समूह की प्रशिक्षित महिलाएं गौमूत्र कीट नियंत्रक, जीवामृत (ग्रोथ प्रमोटर) तैयार करेंगी। महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार गौमूत्र कीटनाशक उत्पाद, जीवामृत किसानों को बाजार में मिलने वाले रासायनिक कीटनाशक के मूल्य की तुलना में एक तिहाई कीमत से भी कम में उपलब्ध कराए जाएंगे।गौमूत्र कीटनाशक बाजार में मिलने वाले रासायनिक पेस्टीसाइड का बेहतर और सस्ता विकल्प है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक होती है। खेतों में इसके छिड़काव से सभी प्रकार की कीटों पर नियंत्रण में मदद मिलती है। पत्ती खाने वाले, फल छेदन तथा तना छेदक जैसे अधिक हानि पहुंचाने वाले कीटों के प्रति इसका उपयोग अधिक लाभकारी है। गौमूत्र कीटनाशक, खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता और उसके स्वाद को बनाए रखने, खेती की उर्वरा शक्ति के साथ-साथ कृषि पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।गौमूत्र कीटनाशक बनाने की विधि - गौमूत्र कीट नियंत्रक उत्पाद आसानी से बनाया जा सकता है। इसको बनाने के लिए 10 लीटर गौमूत्र में 2-3 किलो नीम की पत्ती के साथ सीताफल, पपीता, अमरूद एवं करंज की 2-2 किलो पत्तियां मिलाकर उबालना होता है। जब इसकी मात्रा 5 लीटर तक हो जाए तब इसे छान कर ठण्डा कर बोतल में पैकिंग की जाती है। इस तरह 5 लीटर गौमूत्र कीटनाशक तैयार हो जाता है।उपयोग का तरीका - दो से ढाई लीटर गौमूत्र कीटनाशक को 100 लीटर पानी में मिलाकर सुबह-शाम खड़ी फसल पर 10 से 15 दिनों के अंतराल में छिड़काव करने से फसलों का बीमारियों एवं तना छेदक कीटों से बचाव होता है। गौमूत्र कीटनाशक का उपयोग कीट का प्रकोप होने के पूर्व करने पर अधिक प्रभावशाली होता है। यह रोग नियंत्रक बायो डिग्रेबल है, जो वातावरण के लिए पूर्णतः सुरक्षित है। इसके उपयोग से कीटों में इसके प्रति प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न नहीं होती है, क्योंकि यह मल्टीपल एक्शन से कीट नियंत्रण करता है। गौमूत्र कीटनाशक से मित्र कीटों को हानि नहीं होती है।गौमूत्र कीटनाशक की प्रति लीटर लागत- कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार गौमूत्र कीटनाशक बनाने पर प्रतिलीटर खर्च 39 रूपए की लागत आती है, जिसमें इसके एक लीटर पैकेजिंग का खर्च 15 रूपए शामिल है। यदि केन में पैकेंजिंग की जाए तो इसकी लागत और कम हो जाती है। प्रदेश में कृषकों को गौमूत्र कीटनाशक 50 रूपए प्रति लीटर की दर से उपलब्ध कराए जाना प्रस्तावित है, जो कि बाजार में मिलने वाले रासायनिक कीटनाशकों की मूल्य से एक तिहाई से भी कम है।गोबर और गौमूत्र से बनता है जीवामृत - गौमूत्र से जीवामृत यानि ग्रोथ प्रमोटर भी तैयार किया जाता है। यह एक बायोस्टिमुलेंट है, जो मिट्टी में सूक्ष्म जीवों तथा पत्ते पर छिड़के जाने पर फाइलोस्फेरिक सूक्ष्म जीवों की गति को बढ़ाता है। यह माइक्रोबियल गतिविधि के लिए प्राइमर की तरह काम करता है और देशी केंचुओं की आबादी को भी बढ़ाता है। जीवामृत बनाने के लिए गाय का गोबर 10 किलो, गौमूत्र 10 लीटर, गुड़ एक किलो, बेसन एक किलो, बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी 250 ग्राम तथा 200 लीटर पानी की जरूरत होती है।जीवामृत बनाने की विधि - एक प्लास्टिक अथवा सीमेंट की टंकी में 200 लीटर पानी भरकर उसमें 10 किलो गाय का गोबर, गौमूत्र डालने के बाद एक किलो गुड़, एक किलो बेसन, बरगद या पीपल के नीचे की 250 ग्राम मिट्टी मिलाते हैं। इसको 48 घंटा छाया में रखकर बोरे से ढक देते हैं, जिससे जीवामृत तैयार हो जाता है। जीवामृत में एजोस्पाइरिलम, फास्फेट सॉल्यूब्ल्यूलाइजिंग माइक्रोब्स, स्यूडोमोनास, ट्राइकोडर्मा, खमीर एवं मोल्ड्स सूक्ष्मजीव बहुतायत मात्रा में उपलब्ध होते हैं। इस जीवामृत का उपयोग केवल 7 दिनों तक किया जा सकता है। जीवामृत का प्रयोग करने से फसलों को उचित पोषण मिलता है और दाने और फल स्वस्थ होते हैं।सावधानियां एवं प्रति लीटर लागत - जीवामृत बनाने के लिए उपयोग में आने वाले गौमूत्र को धातु के बर्तन में नहीं रखना चाहिए। ताजा गोबर अथवा सात दिन तक छायां में रखे गोबर का ही उपयोग इसके लिए करना चाहिए। जीवामृत बीज बोने के 21 दिन बाद फसल की पहली सिंचाई के साथ किया जाना चाहिए। एक लीटर जीवामृत तैयार करने की अनुमानित लागत 21 रूपए आती है। इसे बोतल में भरकर विक्रय किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में गौठानों में तैयार किए जाने वाले जीवामृत का मूल्य 40 रूपए प्रति लीटर प्रस्तावित है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
दिल्ली : आदिवासियों के महानायक बिरसा मुंडा अग्रिम पंक्ति के स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्होंने आंदोलन में अहम् भूमिका निभाई थी। उन्हें भगवान बिरसा कहा जाता है।
राजीव गांधी विश्वविद्यालय अरुणाचल प्रदेश के कुलपति डॉ.साकेत कुशवाहा ने यह बात आज यहां एक इंटरव्यू के दौरान कही।वह "जनजातीय समुदाय एवं विश्वविद्यालयों में अनुसंधान" विषय पर आईआईटी दिल्ली के सीनेट हाल में आयोजित संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये थे।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री जे.के.बजाज थे।इस अवसर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान के अलावा देश के 40 विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद थे।
डॉ.कुशवाहा ने कहा कि आदिवासियों की सभ्यता एवं संस्कृति अति प्राचीन है।इनका राष्ट्र निर्माण एवं आजादी में महत्वपूर्ण योगदान रहा है,किन्तु इतिहास में उन्हें समुचित स्थान नहीं मिल पाया,जिसे संयोगने का काम आजादी के इस अमृत महोत्सव वर्ष में किया जा रहा है।इस वर्ग से श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी का राष्ट्रपति बनना गौरव की बात है। -
एजेंसी
दिल्ली : में मंकीपॉक्स के पहले मरीज की पुष्टि हो गई है। रविवार को एलएनजेपी में दो दिन से भर्ती मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उसमें 15 दिन से बुखार और संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे थे।
दिल्ली में मंकीपॉक्स के पहले मरीज की पुष्टि हुई है। पश्चिमी दिल्ली का रहने वाला 32 साल का शख्स इस बीमारी से संक्रमित मिला है। उसमें 15 दिन से बुखार और मनकीपॉक्स के लक्षण थे। दो दिन पहले ही उसे लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। संक्रमित ने कोई विदेश यात्रा नहीं की है। इससे पहले देश में मंकीपॉक्स के तीन मामले सामने आ चुके हैं।
इससे पहले शुक्रवार को मंकीपॉक्स के तीसरे मरीज की पुष्टि हुई थी। 35 साल का शख्स इस महीने की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात से केरल आया था। इसपर केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा था कि मलप्पुरम का मूल निवासी छह जुलाई को केरल आया था। उसका मंजेरी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। उसकी स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है। मंत्री ने यह भी बताया था कि जो लोग मरीज के कॉन्टैक्ट में आए थे उनपर कड़ी नजर रखी जा रही है।
संक्रमण का संभव है इलाज
विशेषज्ञों के अनुसार, मंकीपॉक्स वायरस बहुत तेजी से म्यूटेट (रूप बदलना) होता है लेकिन इस संक्रमण का इलाज हो सकता है। इलाज लक्षणों के साथ बदलता रहता है। उन्होंने बताया कि संक्रमण की शुरुआत बुखार, सिरदर्द और फ्लू से होती है। जैसे ही संक्रमण तेज हो जाता है, शरीर पर लाल घाव दिखाई देने लगते हैं जिनमें चिकनपॉक्स जैसी खुजली होने लगती है। वायरस के इनक्यूबेशन की अवधि पांच से 21 दिनों तक होती है।
मंकीपॉक्स हेल्थ इमरजेंसी घोषित
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि 74 देशों में इसका प्रसार होना एक ‘असाधारण’ हालात हैं। मई के बाद से अब तक दुनियाभर में मंकीपॉक्स के 16 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने स्वास्थ्य संगठन की आपात समिति के सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के बावजूद यह घोषणा की। उन्होंने कहा, हम एक ऐसे रोग का सामना कर रहे हैं, जो तेजी से दुनियाभर में फैल गई है। केरल में तीन मामले सामने आ चुके हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीससगढ़ी कला, साहित्य और फिल्म को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध
छत्तीसगढ़ी फिल्म महोत्सव में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने की शिरकतरायपुर : छत्तीसगढ़ी फिल्मों का सफर 1965 में श्कहि देबे संदेशश् और श्घर-द्वारश् से शुरू हुआ, जो निरंतर जारी है। छत्तीसगढ़ी फिल्म जगत ने बहुत से उतार-चढ़ाव देखा है। इन फिल्मों ने सामाजिक व्यवस्था, सामाजिक कुरीतियां और समाजिक परिवेश पर अपनी बात कही है। दर्शकों के मन में मनोरंजन के साथ फिल्मों के माध्यम से अपनी संस्कृति को लेकर गौरव की अनुभूति की अपेक्षा होती है। दूसरी ओर प्रदेश की कला, संस्कृति और फिल्म को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति इसी कड़ी का हिस्सा है। छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति बनने से छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज छत्तीसगढ़ी फिल्म महोत्सव के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष श्री गुरप्रीत सिंह बाबरा विशेष रूप से मौजूद थे।छत्तीसगढ़ी फिल्म महोत्सव के माध्यम से छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग से जुड़े, कलाकारों, निर्माता, निर्देशक, गीतकार, संगीतकार, गायक-गायिका व तकनीशियनों का सम्मान किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि कलाकारों के लिए असली इनाम दर्शकों से मिलने वाला प्रतिसाद है। उन्होंने छत्तीसगढ़ी फिल्मों के सफर पर बात करते हुए कहा कि, ‘‘कहि देबे संदेश’’ ने जहां तात्कालीन जातीय परिदृश्य पर करारा प्रहार किया था। वहीं ‘‘घर-द्वार’’ में टूटते पारिवारिक रिश्तों को रेखांकित किया गया था। लगभग हर छत्तीसगढ़ी फिल्म ने सामाजिक व्यवस्था और सामाजिक परिवेश को दर्शाया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि, हमारी सरकार आने के बाद छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति बनाने के लिए बहुत मेहनत की गई। संस्कृति मंत्री ने कैबिनेट में फिल्म नीति का प्रारूप पेश किया, जिसे कैबिनेट ने अनुमोदित भी कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, छत्तीसगढ़ फिल्म नीति बनने से यहां के फिल्म उद्योग को तो प्रोत्साहन मिलेगा ही, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। छत्तीसगढ़ में ही ऐसे अनेक मनोरम स्थान हैं, जो फिल्मों के शूटिंग के लिए उपयुक्त हैं। फिल्म नीति के साथ ही राज्य सरकार की नीतियों से अब ऐसा वातावरण तैयार हुआ है, जिससे अन्य प्रदेशों के फिल्मकारों की रुचि भी छत्तीसगढ़ को लेकर बढ़ी है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग से जुड़े सभी लोगों को फिल्म महोत्सव की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कटिबद्ध है।अध्यक्षीय उद्बोधन में संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हर मौके पर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। उनकी सोच है कि छत्तीसगढ़ की कला, साहित्य, संस्कृति और फिल्म आगे बढ़े। पहले कभी फिल्म नीति नहीं बनी थी, लेकिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इसके लिए पहल की। फिल्म नीति न होने से स्थानीय कलाकारों के पास विजन भी नहीं था, अब छत्तीसगढ़ फिल्म नीति बनने से यहां के कलाकारों और फिल्म जगत से जुड़े लोगों को विजन मिला है। उन्होंने नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली फिल्म को एक करोड़ रुपये और इंटरनेशनल अवॉर्ड जीतने पर पांच करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि राज्य सरकार की ओर से देने के प्रावधान का विशेष रूप से उल्लेख किया। संस्कृति मंत्री ने उम्मीद जताई कि छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति और राज्य सरकार द्वारा स्थानीय फिल्म उद्योग को दिए जा रहे प्रोत्साहन के फलस्वरूप नित नयी कड़ी छत्तीसगढ़ी फिल्मों की उपलब्धि में जुड़ेगी। छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।स्थानीय शहीद स्मारक भवन के आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं संस्कृति मंत्री श्री भगत व अन्य अतिथियों के हाथों छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों को सम्मानित किया गया। वहीं इस मौके पर एक फिल्म का पोस्टर भी लॉन्च किया गया। -
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रायपुर : विवेकानंद विद्यापीठ, रायपुर द्वारा संस्कृति विभाग के सहयोग से सम्मेलन का आयोजन किया गया
विवेकानंद विद्यापीठ के विद्यार्थियों ने राज्यगीत और देशभक्ति पूर्ण गीत की संगीतमय प्रस्तुति दी
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रामकृष्ण आश्रम,राजकोट के अध्यक्ष श्रीमत् स्वामी निखिलेश्वरानंद जी कर रहे हैं
संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हैं
विवेकानंद विद्यापीठ के सचिव डॉ. ओमप्रकाश वर्मा स्वागत भाषण दे रहे हैं
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी युवाओं के आदर्श हैं
छत्तीसगढ़ से विवेकानंद जी का गहरा लगाव रहा है
कलकत्ता के बाद स्वामी विवेकानंद जी ने रायपुर में सबसे ज्यादा समय बिताया
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विपक्ष में रहते हुए रायपुर एयरपोर्ट का नाम विवेकानंद जी के नाम पर रखने के लिए विधानसभा में एक अशासकीय संकल्प लाया था
विवेकानंद जी युवाओं से कहा करते थे कि अच्छे स्वास्थ्य, अच्छे चरित्र का निर्माण हो, साथ ही एक लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ने की बात वह करते थे
स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने कहा आप किसी भी पद्धति से प्रार्थना करिए या पूजा करें आप एक ही ईश्वर तक पहुंचेंगे
आप किसी भी रास्ते से चलिए आप पहुंचेंगे एक ही जगह पर
उन्होंने समानता की बात कही जोड़ने की बात कही, यही हिंदुस्तान की ताकत है
सब को जोड़ने की बात यदि किसी संत ने कही है तो वह रामकृष्ण परमहंस ने कहीं और उस बात को चरितार्थ करने का काम यदि किसी ने किया तो विवेकानंद की
स्वामी विवेकानंद ने कहा कि पश्चिम के विज्ञान तो हमें स्वीकार करना होगा और भारत के आध्यात्म को पश्चिम को स्वीकार करना होगा
आजकल राजनीति करने वाले धर्म की बात कर रहे हैं और धार्मिक गुरु चुप बैठे हुए हैं
हम हिंदू हैं हमें इस बात पर गर्व है लेकिन कोई बात का यह मतलब नहीं हम किसी और धर्म का अपमान करें
धर्म कभी घृणा की बात नहीं कर सकता
साधु संत के दो काम जगत कल्याण और आत्म उन्नति यदि आपके मन में घृणा है तो आप साधु नहीं
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विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 2904.41 करोड़ रूपए का प्रथम अनुपूरक बजट ध्वनि से पारित
हरेली से गौठानों में शुरू होगी गौ-मूत्र की खरीदी
राज्य में पशुओं के उपचार के लिए 163 मोबाइल वेटनरी यूनिट होंगी प्रारंभ
हाट-बाजार क्लिनिक योजना की मोबाइल यूनिटों के लिए 300 चिकित्सा अधिकारियों की होगी भर्ती
रूरल इंडिस्ट्रीयल पार्क के कुटीर उद्योगों को मिलेगा बिजली बिल हॉफ योजना का लाभ
कोरबा, कांकेर, महासमुंद के मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण एवं उपकरणों तथा बिलासपुर के कैंसर संस्थान के लिए 250 करोड़ रूपए का प्रावधान
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वित्तीय वर्ष 2022-23 का 2904 करोड़ 41 लाख 70 हजार 571 रूपए का प्रथम अनुपूरक बजट ध्वनि से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रथम अनुपूरक पर सदन में हुई चर्चा का सिलसिलेवार जवाब देते हुए राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन, उपलब्धियों और अनुपूरक बजट के प्रावधानों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने चर्चा का जवाब देते हुए अनेक घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10 हजार नए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ होगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 1998 के बाद राज्य सरकार द्वारा 14 हजार शिक्षकों की भर्ती की है, जिन्हें दस्तावेजों के परीक्षण के उपरांत नियुक्ति दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेली पर्व से गौ-मूत्र की खरीदी भी शुरू करने जा रहे है। इससे राज्य में जैविक खेती को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पशुओं के उपचार के लिए 163 मोबाइल वेटनरी यूनिट शीघ्र प्रारंभ की जाएगी, इसके लिए अनुपूरक में 10 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। गौठानों में विकसित किए जा रहे महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में लगने वाली यूनिटों को बिना बिजली की खपत की सीमा के कुल बिजली बिल में हॉफ बिजली बिल योजना का लाभ दिया जाएगा। इसी तरह मुख्यमंत्री ने सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के पीडीएस केन्द्र संचालकों को डीलर मार्जिन राशि देने के लिए 266 करोड़ रूपए, अनुसूचित क्षेत्रों एवं सामान्य क्षेत्रों में चना वितरण हेतु 100 करोड़ रूपए की राशि, हाट-बाजार क्लिनिक योजना की मोबाइल यूनिटों के लिए 300 चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती, कोरबा, कांकेर, महासमुंद के मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण, उपकरणों की व्यवस्था और बिलासपुर के कैंसर संस्थान के लिए 250 करोड़ रूपए, 120 देवगुड़ी एवं 94 घोटुल के लिए 25.50 करोड़ रूपए, राजिम माघी पुन्नी मेला स्थल विकास के लिए 1.85 करोड़, गिरौदपुरी एवं भण्डारपुरी के विकास के लिए एक करोड़, रामायण मंडली के कलाकारों के संरक्षण एवं संवर्धन एवं कला दलों के सतत् विकास हेतु रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना के लिए 10 करोड़ रूपए, दामाखेड़ा के विकास के लिए 9 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल के बच्चों के लिए आवासीय सुविधा हेतु नजदीक के शासकीय छात्रावासों में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण के लिए 19 करोड़ रूपए, 9058 शैक्षिक तथा 2565 गैर शैक्षिक पद स्वीकृत किए गए है। मुख्यमंत्री ने 5 एचपी तक के सिंचाई पम्पों को निःशुल्क बिजली देने के लिए 200 करोड़ रूपए, हॉफ बिजली बिल योजना के तहत 41.16 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल में रियायत देने के लिए 115.37 करोड़ रूपए, एकल बत्ती कनेक्शन योजना के तहत 17 लाख बीपीएल उपभोक्ताओं को 30 यूनिट तक निःशुल्क विद्युत सुविधा देने के लिए 84.63 करोड़ रूपए, पावर कंपनी के ऋण का टेक ओव्हर योजना में 300 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना के लिए 79.68 लाख, शहरी क्षेत्रों में अमृत मिशन 2.0 के अतंर्गत अधोसंरचना विकास तथा बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए 155 करोड़ रूपए, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला कार्यालय एवं भू-अभिलेख कार्यालय के लिए 58 पदों का सृजन, साल्हेवारा, पिपरिया, कुण्डा, बचरापोड़ी, चलगली, हसौद तथा सरगांव तहसील कार्यालयों के लिए 104 पदों का सृजन किया गया है। ग्राम सिलघट, भिंभौरी बेमेतरा जिला, ग्राम संकनपल्ली एवं कैका जिला बीजापुर, सहनपुर जिला सरगुजा में नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना के लिए पदों का सृजन का प्रावधान किया गया है। ग्राम देउर गांव जिला बेमेतरा, ग्राम फरेसगढ़, पालागुड़ा एवं बेदरे जिला बीजापुर में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए पदों के सृजन। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पामेड़ एवं बासागुड़ा जिला बीजापुर का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन तथा ग्राम छोटे डोंगर जिला नारायणपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना के लिए 111 पदों का सृजन तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 50 करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग अंतर्गत अनुपूरक बजट में 02 वृहद पुल निर्माण कार्य, केन्द्रीय सड़क निधि योजनांतर्गत 15 निर्माण कार्य, जवाहर सेतु योजनांतर्गत 02 पुल निर्माण कार्य, मूलभूत न्यूनतम सेवा योजना के अंतर्गत 14 ग्रामीण सडक निर्माण, न्यूनतम आवश्यकता योजनांतर्गत अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के 40 सड़क निर्माण कार्य, मुख्य जिला सड़क योजनांतर्गत अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के 02 मुख्य जिला सड़क निर्माण, सी. जी आर.आई.डी. सी. एल के द्वारा निर्माण कार्य योजनांतर्गत अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के 31 सड़क एवं पुल निर्माण कार्य, अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में सड़कों निर्माण योजनांतर्गत 02 सड़क निर्माण कार्य, लोक निर्माण विभाग अंतर्गत 02 ऑडिटोरियम एवं 05 विश्राम गृह का निर्माण इस प्रकार कुल 115 कार्य विभागीय बजट से किये जायेंगे। इस हेतु आवश्यक प्रावधान किये गये है।
मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन की शुरूआत में कहा कि आज हमारे राष्ट्रीय झण्डा अंगीकार दिवस की 75वीं सालगिरह है। 22 जुलाई 1947 को भारत की संविधान सभा ने वर्तमान स्वरूप में जो तिरंगा है, उसे स्वीकार किया था। मैं आज तिरंगे के इस स्वरूप के जन्मदाता पिंगली वेंकैया जी का पावन स्मरण और सादर नमन करता हूं। यह तिरंगा झण्डा हर भारतीय की आन-बान और शान का प्रतीक बना है। भारत की आजादी की 75वीं सालगिरह 15 अगस्त 2022 को होगी लेकिन वर्तमान स्वरूप में हमारे तिरंगे झण्डे को संविधान सभा द्वारा अंगीकार करने की 75वीं सालगिरह आज है। उन्होंने इस पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
प्रथम अनुपूरक अनुमान ( 2022-23) एक नजर में
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने चर्चा के दौरान कहा कि राज्य का वर्ष 2022-23 के मुख्य बजट का आकार 1 लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रूपए है, 2 हजार 904 करोड़ 42 लाख रूपए के प्रथम अनुपूरक बजट के बाद इसका आकार बढ़कर 1 लाख 15 हजार 507 करोड़ 82 लाख रूपए हो गया है। प्रथम अनुपूरक बजट में 2 हजार 904 करोड़ 42 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है, जिसमें राजस्व व्यय 2 हजार 467 करोड़ 99 लाख रूपए तथा पूंजीगत व्यय 436 करोड़ 43 लाख रूपए है। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में कुशल वित्तीय प्रबंधन की जानकारी देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार हमारे राज्य के हक और हिस्से के वित्तीय संसाधनों में समय-समय पर कमी करती रही है। इसके बावजूद वर्ष 2021-22 में कुल राजस्व प्राप्तियां 79 हजार 688 करोड़ हैं, जिसमें राज्य की स्वयं की राजस्व प्राप्तियां 41 हजार करोड़ तथा केन्द्र से प्राप्तियां 38 हजार 688 करोड़ हैं। इस प्रकार राज्य की राजस्व प्राप्ति केन्द्र की तुलना में अधिक है। कई वर्षों के बाद ऐसा पहली बार हुआ है। यह हमारी सफल अर्थनीति के कारण हुआ है।
श्री बघेल ने कहा कि वर्ष 2021-22 में राजस्व व्यय 75 हजार 366 करोड़ है, जो कुल व्यय का 87 प्रतिशत है। वर्ष 2021-22 में राज्य के राजस्व में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा राजस्व आधिक्य 4 हजार 321 करोड़ है। वर्ष 2021-22 में पूंजीगत व्यय 10 हजार 890 करोड़ है, जो कि कुल व्यय का 12.6 प्रतिशत तथा अब तक का सर्वाधिक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण वर्ष 2021-22 में प्रथम तिमाही में राज्य के राजस्व में कमी तथा जनहित के कार्यों एवं पूंजीगत व्यय के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने हेतु 4 हजार करोड़ का बाजार ऋण लिया गया। वर्ष 2021-22 में बाजार ऋण का 3 हजार करोड़ भुगतान भी किया गया है। इस प्रकार वर्ष 2021-22 में लिया गया शुद्ध बाजार ऋण केवल 1 हजार करोड़ है, जो कि वर्ष 2012-13 के बाद पिछले 10 वर्षाे में सबसे कम है।
श्री बघेल ने कहा कि वित्तीय घाटा 6 हजार 812 करोड़ है, जो जीएसडीपी का मात्र 1.70 प्रतिशत है। इसमें से जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण 04 हजार 965 करोड़ तथा केन्द्र द्वारा दिया गया पूंजीगत व्यय हेतु ऋण 423 करोड़ कम करने पर यह 01 हजार 424 करोड़ होगा, जो जीएसडीपी का मात्र 0.36 प्रतिशत होगा। आरबीआई के अनुसार छत्तीसगढ़ का विगत 5 वर्षों का औसत कमिटेड व्यय (वेतन, पेंशन एवं ब्याज भुगतान) सभी राज्यों में सबसे कम (राजस्व व्यय का 23 प्रतिशत) है। विगत 5 वर्षाे में औसत विकासात्मक व्यय सभी राज्यों में सर्वाधिक (73.4 प्रतिशत) है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मार्च, 2022 की स्थिति में कुल ऋण दायित्व 82,961 करोड़ है, जो जीएसडीपी (4 लाख 61 करोड़ ) के प्रतिशत के रूप में केवल 20.74 प्रतिशत है 15वें वित्त आयोग की अनुसंशा अनुसार यह अनुपात 25 प्रतिशत से कम होना चाहिए। छत्तीसगढ़ का ऋण जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में ओडिशा एवं गुजरात के बाद सभी राज्यों में सबसे कम है। भारत सरकार के लिए यह अनुपात 48 प्रतिशत है, जो छत्तीसगढ़ के दोगुने से भी अधिक है। वर्ष 2021-22 में ब्याज भुगतान 5.657 करोड़ है, जो राजस्व प्राप्तियों (79 हजार 688 करोड़) के प्रतिशत के रूप में 7.10 प्रतिशत है। 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार यह अनुपात 10 प्रतिशत से कम होना चाहिए।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
गेड़ी दौड़, फुगड़ी ,भौंरा, रस्साकसी आदि की होंगी स्पर्धाएं
चीला, बड़ा, सोहारी, गुलगुला भजिया जैसे छत्तीसगढ़ी व्यंजनों से महकेंगे गोठान
रायपुर : हरेली-तिहार छत्तीसगढ़ राज्य का पहला त्यौहार है, जो छत्तीसगढ़ की ग्रामीण कृषि संस्कृति, परंपरा एवं आस्था से जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य के तीज-त्यौहार, परंपरा एवं संस्कृति को आगे बढ़ाने की पहल के चलते हरेली सहित अन्य तिहार जैसे पोला-तीजा, छेर-छेरा पुन्नी आदि का आयोजन बीते तीन सालों से बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसका उद्देश्य लोगों को अपनी परंपरा और संस्कृति से जोड़ना है, ताकि लोग छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला-संस्कृति, तीज-त्यौहार एवं परंपराओं पर गर्व की अनुभूति कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहारों पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा भी इसी उद्देश्य की पूर्ति का एक हिस्सा ताकि लोग छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहारों के अवसर पर अपनी बढ़-चढ़कर भागीदार सुनिश्चित कर सकें।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशा अनुरूप कृषि विभाग द्वारा गौठानों में हरेली तिहार के दिन 28 जुलाई को ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर ग्रामीणों के मध्य गेड़ी दौड़, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, रस्साकशी, भौंरा, नारियल फेंक आदि की प्रतियोगिताएं तथा छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन आदि की भी स्पर्धाएं होंगी।गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तम्बोली ने सभी कलेक्टरों, संभागायुक्तों को पत्र लिखकर गौठानों में पारंपरिक कार्यक्रम के साथ ही गौठान प्रबंधन समिति, स्व-सहायता समूह, ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से हरेली तिहार के दिन गौठानों में कार्यक्रमों के आयोजन की रूपरेखा के संबंध में चर्चा करने को कहा है। हरेली तिहार के दिन गौठानों में पशुओं के स्वास्थ्य परीक्षण एवं टीकाकरण के लिए विशेष कैम्प का भी आयोजन किया जाएगा। गौठानों में पशुओं को नियमित रूप से भेजने, खुले में चराई पर रोक लगाने तथा पशु रोका-छेका अभियान में सभी ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी को लेकर भी चर्चा की जाएगी। हरेली तिहार के दिन किसानों को भी गौठानों में विशेष रूप आमंत्रित कर खेती-किसानी के संबंध में उन्हें समसमायिक सलाह देने के साथ ही उन्हें वर्मी कम्पोस्ट का खेती में उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। गौठानों के प्रबंधन, क्रय किए गए गोबर, उत्पादित वर्मी कंपोस्ट के रखरखाव सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की जाएगी तथा गौठानों में गोबर, वर्मी कम्पोस्ट आदि के सुरक्षित रख-रखाव के लिए छायादार चबूतरा, तिरपाल आदि के प्रबंध की पहल की जाएगी। हरेली तिहार के मौके पर जनप्रतिनिधियों, गौठान प्रंबंधन समिति के सदस्यों, स्व-सहायता समूह की महिलाओं एवं ग्रामीणों द्वारा फलदार, छायादार पौधों विशेषकर कदम का रोपण किए जाए।
गौरतलब है कि राज्य की महत्वकांक्षी सुराजी गांव योजना अंतर्गत नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी का संरक्षण व संवर्धन किया जा रहा है। इसके गरवा कार्यक्रम के तहत राज्य 10624 गौठानों की निर्माण की स्वीकृति दी गई जिसमें से 8408 गौठान निर्मित एवं संचालित हैं। इन गौठानों में 20 जुलाई 2020 हरेली पर्व से 2 रूपए किलो दर से गोबर की खरीदी की शुरूआत गोधन न्याय योजना के तहत की गई थी। गौठानों में क्रय गोबर से अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित किए जा चुके हैं, जिसके चलते राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। गोधन न्याय योजना राज्य के ग्रामीण अंचल में बेहद लोकप्रिय योजना साबित हुई है। इस योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों से लगभग दो सालों में 150 करोड़ से अधिक की गोबर खरीदी की गई है, जिसका सीधा फायदा ग्रामीण पशुपालकों को मिला है। क्रय गोबर से वर्मी खाद का निर्माण एवं विक्रय से महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को 143 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है।पशुओं के संरक्षण संवर्धन के उद्देश्य से गांवों में गौठानों की स्थापना से पशुधन प्रबंधन के साथ-साथ ग्रामीणों को आय का एक नया ठौर मिला है। गौठानों में पशुओं की देखभाल, चारा-पानी का निःशुल्क प्रबंध होेने से पशुपालन के खर्च में कमी आयी है। गौठान पशुधन के रोका-छेका अभियान में भी काफी मददगार साबित हो रहे हैं। राज्य में 10 जुलाई से संचालित रोका-छेका अभियान में ग्रामीणों की भागीदारी और गौठान प्रबंधन समिति की मदद से खुले में चराई प्रथा पर काफी हद तक विराम लगा है। -
एजेंसी
एक भुट्टे की कीमत 15 रुपये जान मंत्री जी चौंक गए और उन्हें महंगाई का असर नजर आया। इसी दौरान मंत्री जी ने भुट्टे वाले से कहा कि 45 रुपए। इतना महंगा दे रहे हो। युवक ने मंत्री को बेबाकी से जवाब दिया और कहा कि तुम सोच रहे हो कि गाड़ी देखकर बताए हैं।मध्यप्रदेश के मंडला जिले से भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते जब भुट्टा खरीदने पहुंचे तो उन्हें एक भुट्टे की कीमत 15 रुपये जानकर महंगाई का झटका लग गया। भुट्टे की कीमत सुनकर न सिर्फ केंद्रीय मंत्री चौंक गए बल्कि उन्होंने कहा कि इतना महंगा यहां तो फ्री में मिलता है। इतना महंगा बेच रहे हो। वहीं, उनकी बातों का जवाब देते हुए दुकानदार ने कहा कि गाड़ी देखकर रेट नहीं बढ़ाए। जिस पर मंत्री ने दुकानदार का नाम भी पूछा। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का भुट्टे वाले से मोल भाव करने का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
दरअसल केंद्रीय मंत्री मंडला जा रहे थे, इसी दौरान वे सड़क किनारे एक भुट्टे की दुकान देखकर भुट्टा खरीदने पहुंचे। उन्होंने दुकानदार को तीन भुट्टे सेंकने का ऑर्डर दिया था। जब भुट्टे वाले ने भुट्टे तैयार कर मंत्री जी को उनकी कीमत बताई तो एक भुट्टे की कीमत 15 रुपये जान मंत्री जी चौंक गए और उन्हें महंगाई का असर नजर आया। इसी दौरान मंत्री जी ने भुट्टे वाले से कहा कि 45 रुपये। इतना महंगा दे रहे हो। युवक ने मंत्री को बेबाकी से जवाब दिया और कहा कि तुम सोच रहे हो कि गाड़ी देखकर बताए हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। इसके बाद मंत्रीजी बोल पड़े कि- यहां तो फ्री में मिलता है..। यह सुनकर युवक हंसने लगा और बोला फ्री में..। 5 रुपए में खरीदकर लाते हैं। इस दौरान मंत्री ने युवक से नाम भी पूछा। युवक ने अपना धर्मेंद्र बताया, जिस पर मंत्री बोले बेटा राम 15 रुपये में बेचते हो। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को देश की 15वीं राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ट्वीट के माध्यम से नवनिर्वाचित राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू को बधाई देते हुए कहा है कि भारत गणराज्य के संवैधानिक संरक्षक के रूप में आपके हाथों में देश के नागरिकों के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का गौरवशाली इतिहास सुरक्षित रहेगा।