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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री दाई दीदी मोबाइल क्लीनिकों के माध्यम से अब तक राज्य में करीब एक हजार 439 कैम्प लगाएं जा चुके है और इनसे रायपुर, बिलासपुर एवं भिलाई नगर निगम क्षेत्र की गरीब स्लम बस्तियों में रहने वाली एक लाख 6 हजार 700 से अधिक महिलाओं एवं बच्चियों का उनके घर के पास इलाज किया जा चुका है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लिनिक योजना संचालित की जा रही है। योजना के तहत दाई-दीदी क्लिनिक की मोबाइल मेडिकल यूनिट के वाहन में महिला चिकित्सकों और स्टॉफ की टीम पहुंचती है तथा जरूरतमंद महिलाओं एवं बच्चियों की विभिन्न बीमारियों का निःशुल्क इलाज कराती है। इन मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा 19 हजार 62 महिलाओं का लैब टेस्ट किया गया तथा एक लाख एक हजार 394 महिलाओं को निःशुल्क दवाईयां दी गई। इससे गरीब स्लम क्षेत्र में रहने वाली मेहनत मजदूरी करने वाली ऐसी महिलाएं जो कई कारणों से अपना इलाज नहीं पा रही थी। उन्हें इलाज की सुविधा घर के पास ही महिला चिकित्सकों और स्टॉफ के माध्यम से मिल पा रही है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मजदूर की बेटियों को कॉलेज की पढ़ाई में अब कोई दिक्कत नहीं
भूमिका ,नेहा और योगेश्वरी मिले पैसों से करेंगी कॉलेज की पढ़ाई बनेंगी सशक्त और आत्मनिर्भर
रायपुर : राज्य शासन द्वारा राज्य के विकास, जनता के आर्थिक व सामाजिक उत्थान के लिए कई योजनाऐं संचालित की जा रही है। जिसमें मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए सबसे सशक्त और अहम है। इस योजनान्तर्गत महासंमुद जिले के 356 पंजीकृत हितग्राहियों की पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रूपए के हिसाब से कुल राशि रूपए 71 लाख 20 हजार का भुगतान एक मुश्त किया गया है।
महासमुंद गुड़रूपारा निवासी हितग्राही श्रीमती छगन बाई की बिटिया कु. नेहा और ग्राम बेमचा निवासी श्रीमती भारती निर्मलकर की पुत्री कु. भूमिका ने बताया कि इस योजना की राशि उनके बैंक खाते में आ गयी है। उन्होंने यह राशि अपनी आगे की पढ़ाई के लिए सहेज कर रखी है। दोनों बेटियों ने हाई स्कूल पास किया है वो खुश हैं कि उन्हें कॉलेज की पढ़ाई के लिए पैसों की दिक्कत नहीं होगी। लिमदरहा निवासी श्री भरतलाल ने भी जानकारी दी है कि उनकी पुत्री योगेश्वरी के बैंक खातें में भी 20 हजार रुपए जमा हुए हैं। योगेश्वरी पिरदा कॉलेज में पढ़ाई कर रही है। यह राशि पाकर वह भी काफी प्रसन्न है। उन्होंने राज्य सरकार को धन्यवाद दिया है।
जिला श्रम अधिकारी श्री डी.के. राजपूत ने बताया कि महासमुंद जिले में श्रम विभाग के अंतर्गत सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में 01 लाख 20 हजार श्रमिक पंजीकृत है। मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना के तहत अब तक 356 पात्र हितग्राहियों की पुत्रियों के लिए 20-20 हजार रुपए की राशि सीधे उनके बैंक खाते में डाली गई है। इस योजना के कारण श्रमिकों की बेटियां अब सशक्त एवं आत्मनिर्भर भी बन सकेंगी। इस योजना में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत श्रमिक ही पात्र है। पात्रधारियों को योजना का लाभ लेने के लिए मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना की अधिकारिक वेबसाइट cglabour.nic.in पर ऑन लाइन पंजीयन करना होगा।
श्रमिक, मजदूर परिवार आर्थिक और सामाजिक रूप से काफी कमजोर होता है। जिससे परिवार के बच्चों खास तौर पर बेटियों को अपनी पढ़ाई-लिखाई बीच में ही छोड़ देनी पड़ती है। जिससे उनके आर्थिक व सामाजिक रूप से शोषण की संभावना बनी रहती है। श्रमिक परिवार की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से तथा उन्हें शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा उनके विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना के तहत पात्र श्रमिक परिवार की प्रथम दो बेटियों जिनकी उम्र न्यूनतम 18 वर्ष और 21 वर्ष से अधिक न हो तथा वह अविवाहित हो उन्हें आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने के लिए 20-20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में डाली जाती है।
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एजेंसी
मानसून सत्र से पहले जारी हुआ फरमान संसद में धरना नहीं दे पाएंगे सांसद..
सोमवार से मानसून सत्र की शुरुआत होने जा रही है। इससे पहले आज एक आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक संसद में किसी भी धरने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सोमवार से मानसून सत्र की शुरुआत होने जा रही है। इससे पहले आज एक आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक संसद में किसी भी धरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आपको बता दें कि संसद के इस सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। विपक्ष के पास महंगाई, बेरोजगारी, अग्निपथ योजना जैसे ऐसे कई मुद्दे हैं, जिसपर सरकार के साथ तकरार देखने को मिल सकती है।
राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी के एक नए आदेश के अनुसार, संसद सदस्य किसी भी धरने या हड़ताल के लिए इसके परिसर का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
पीसी मोदी के आदेश में कहा गया है, "सदस्य किसी भी प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, उपवास या किसी धार्मिक समारोह को करने के उद्देश्य से संसद भवन के परिसर का उपयोग नहीं कर सकते हैं।" उन्होंने सदस्यों से सहयोग की अपील की है।
वहीं, कांग्रेस ने इस फैसले का विरोध किया है। पार्टी के मीडिया सेल के प्रभारी जयराम रमेश ने ट्वीट कर इस फैसले पर तंज कसा है। उन्होंने आदेश की चिट्ठी ट्वीट करते हुए लिखा, 'विश्वगुरु की नवीनतम सलाह- धरना मना है!'
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : पुलिस महानिदेशक, श्री अशोक जुनेजा की अध्यक्षता में छत्तीसगढ, उड़ीसा राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक आज पुलिस मुख्यालय नवा-रायपुर में संपन्न हुई।
बैठक में छत्तीसगढ़ और उड़ीसा राज्य के सीमावर्ती नक्सल प्रभावित क्षे़त्रों में सुरक्षा बलों द्वारा संयुक्त ऑपरेशन चलाये जाने की नयी रूपरेखा पर चर्चा की गई, साथ ही दोनों राज्यों की गुप्त सूचनाओं (इन्टेलिजेंस इनपुट) को साझा करने के बारे में भी विचार विमर्श हुआ। इसी प्रकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में दोनों राज्यों में सुरक्षा बलों के कैम्प तथा पुलिस स्टेशनों के बीच समन्वय स्थापित करने, नक्सलियों के सीमा पार करने वाले आवागमन मार्गों पर संयुक्त रूप से निगरानी रखने एवं नक्सलियों के लिए सामग्रियों की आपूर्ति लाईन को रोकने की रणनीति पर भी विचार किया गया। अन्तर्राज्यीय बैठक में दोनों राज्यों की सीमा पर स्थित ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया गया।
बैठक में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के विशेष महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, केन्द्रीय गृह मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारी तथा छत्तीसगढ़ और उड़ीसा राज्यों के नक्सल ऑपरेशन से जुड़े वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप पुलिस महानिरीक्षक दंतेवाड़ा, कांकेर, कोरापुट (उड़ीसा) एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बस्तर, पुलिस अधीक्षक सुकमा, कोण्डागांव, महासमुंद तथा कोरापुट, मलकानगिरी, नवरंगपुर जुड़े रहे ।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्य के मछुआरों को दिया जाएगा उत्पादकता का बोनस नवीन
नई मछली पालन नीति को केबिनेट में दी मंजूरी
10 हेक्टेयर से अधिक जल क्षेत्र वाले तालाबों एवं जलाशयों को खुली निविदा के माध्यम से 10 वर्ष के लिए दिया जाएगा पट्टे पर
20 हेक्टेयर से कम जल क्षेत्र वाले एनिकट एवं डीप पूल में निःशुल्क मत्स्याखेट
आदिवासी मछुआ सहकारी समिति ने गैर आदिवासी सदस्यों की संख्या 33 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत किए जाने का प्रावधान
मत्स्य बीज प्रमाणित अधिनियम बनाया जाएगा
मत्स्य बीज विक्रेताओं एवं उत्पादकों को पंजीयन कराना एवं लाईसेंस लेना अनिवार्य
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित केबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य में नवीन मछली पालन नीति की मंजूर की गई। नवीन मछली पालन का उद्देश्य राज्य में उपलब्ध सम्पूर्ण जल क्षेत्र को मत्स्य पालन के अंतर्गत लाते हुए मत्स्य उत्पादकता में वृद्धि करने के साथ ही गुणवत्तायुक्त मत्स्य बीज उत्पादन तथा मत्स्य पालन को बढ़ावा देकर लोगों को स्वरोजगार प्रदान करना है। नवीन मछली पालन नीति में राज्य के मछुआरों को उत्पादकता बोनस दिए जाने का प्रावधान भी किया गया है। उत्पादकता बोनस की यह राशि छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य महासंघ को जलाशयों एवं बैराज की नीलाम से प्राप्त होने वाली राशि की 25 प्रतिशत होगी। राज्य में अलंकारिक मछली पालन एवं गम्बुसिया मछली पालन को भी प्रोत्साहित किए जाने का प्रावधान नई नीति में किया गया है।
नवीन मछली पालन नीति में 0 से 10 हेक्टेयर औसत जल क्षेत्र के तालाबों एवं जलाशयों को ग्राम पंचायत द्वारा नियमानुसार 10 वर्षीय पट्टे प्रदान किया जाएगा। पंचायत राज्य व्यवस्था के अंतर्गत 10 हेक्टेयर से अधिक एवं 100 हेक्टेयर औसत जल क्षेत्र के तालाबों एवं जलाशयों को मछली पालन के लिए खुली निविदा आमंत्रित कर 10 वर्ष के लिए पट्टे पर आबंटित करने का अधिकार जनपद पंचायत को, 100 हेक्टेयर से अधिक एवं 200 हेक्टेयर के तालाबों एवं जलाशयों को जिला पंचायत द्वारा, 200 से अधिक एवं 1000 हेक्टेयर तक के जलाशय एवं बैराज को मछली पालन विभाग द्वारा पट्टे पर आबंटित किया जाएगा। 1000 हेक्टेयर से अधिक के जल क्षेत्र वाले जलाशय एवं बैराज छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य महासंघ के आधिपत्य में रहेंगे। मत्स्य महासंघ द्वारा जलाशय एवं बैराज को पट्टे पर दिए जाने हेतु खुली निविदा से प्राप्त आय का 50 प्रतिशत राशि मछली पालन विभाग के राजस्व खाते में देय होगी। शेष 50 प्रतिशत का 25 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय स्तर पर मत्स्याखेट करने वाले मछुआरों को उत्पादकता बोनस के रूप में दिया जाएगा।
नवीन मछली पालन नीति के प्रावधान के अनुसार राज्य में नदियों पर बने एनिकटों एवं उन पर स्थित डीप पूल जो 20 हेक्टेयर से अधिक के हैं, उन्हें संचालक मछली पालन द्वारा निर्धारित समयावधि के लिए मछुआ समूह, मत्स्य सहकारी समिति, महिला स्व सहायता समूह, मछुआ व्यक्ति को पट्टे पर नियमानुसार दिया जाएगा। इसके लिए एनिकटों एवं दहो के आसपास के ग्रामीण, जो मत्स्याखेट से जीवन यापन करते हो, उन मछुआरों का नदी एवं दहवार सहकारी समिति का गठन किया जाएगा। नदियों एवं 20 हेक्टेयर से कम जल क्षेत्र वाले एनिकट व डीप पूल में निःशुल्क मत्स्याखेट की व्यवस्था यथावत रहेगी। नगरीय निकाय के अंतर्गत आने वाले समस्त जल क्षेत्र नगरीय निकाय के अंतर्गत रहेंगे। नगरीय क्षेत्रों तथा नगरीय निकायों के तालाबों एवं जलाशयों को शासन की नीति के अनुसार पट्टे पर आबंटित किया जाएगा।
नवीन मछली पालन नीति के अनुसार 0 से 10 हेक्टेयर औसत जल क्षेत्र के जलाशयों/तालाबों का आबंटन मछुआ समूह, मत्स्य सहकारी समिति एवं आजीविका मिशन के तहत गठित स्थानीय महिला समूह, मछुआ व्यक्ति व मत्स्य कृषक को प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। मछली पालन में डिप्लोमा, स्नातक या स्नातकोत्तर व्यक्ति एवं बेरोजगार युवा मछुआ व्यक्ति व मत्स्य कृषक माने जाएंगे। गौठानों के लिए निर्मित तालाबों में मछली पालन का कार्य गौठान समिति या उनके द्वारा चिन्हित समूह करेगा। पंचायतों द्वारा लीज राशि में बढ़ोतरी प्रति दो वर्ष में 10 प्रतिशत की वृद्धि कर निर्धारण किया जाएगा, जिसका उपयोग जनहित के विकास कार्यो में किया जाएगा।
नवीन मछली पालन नीति में आदिवासी सहकारी समिति में गैर आदिवासी सदस्यों का प्रतिशत 33 से घटाकर 30 करने के प्रावधान के साथ ही अनुसूचित जाति अधिसूचित क्षेत्र में मछुआ सहकारी समिति के अध्यक्ष का पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया गया है। समिति के उपाध्यक्ष पद हेतु मछुआ जाति के सदस्य को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रत्येक गांव में कलेक्टर या उनके प्रतिनिधि, जो अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से कम स्तर के न हो, के द्वारा निस्तारी तालाब का चिन्हांकन किया जाएगा। चिन्हांकित निस्तारी तालाब में मत्स्य पालन का कार्य पूर्णता प्रतिबंधित होगा, ताकि ग्रामीणों का निस्तार में किसी भी तरह की असुविधा न हो।
नवीन मछली पालन नीति में मछली बीज की गुणवत्ता नियंत्रण एवं प्रमाणीकरण हेतु राज्य में मत्स्य बीज प्रमाणीकरण अधिनियम बनाया जाएगा, जो मत्स्य बीज के उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा एवं बीज उत्पादन तकनीक की जानकारी देगा। मत्स्य बीज विक्रय करने वालो एवं उत्पादकों को मछली पालन विभाग में पंजीयन कराना एवं विभाग से लाईसेंस लेना अनिवार्य होगा। निजी क्षेत्र में अधिक से अधिक हेचरी एवं संवर्धन प्रक्षेत्रों के निर्माण को प्रोत्साहन एवं शासन की नीति के अनुरूप अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य में स्थित अनुपयोगी एवं बंद पड़े खदानों को विकसित कर मछली पालन हेतु स्थानीय बेरोजगारों को पट्टे पर दिया जाएगा। बड़े खदानों में मछली पालन को बढ़ावा देने हेतु केज स्थापना की पहल की जाएगी। सिंचाई जलाशयों में केज कल्चर योजना के क्रियान्वयन के लिए मछली पालन विभाग पूर्ण रूप से अधिकृत होगा, इसके लिए सिंचाई जलाशय को दीर्घ अवधि के लिए विभाग लीज पर दे सकेगा।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई, जिसमें निम्नानुसार महत्पूर्ण निर्णय लिए गए।
1-राज्य में प्रचलित मछली नीति के स्थान पर नई मछली पालन नीति लागू करने का अनुमोदन किया गया। नवीन मछली पालन नीति में मछुआरों को उत्पादकता बोनस दिए जाने का प्रावधान किया गया है। मत्स्य महासंघ को जलाशय निविदा से प्राप्त 50 प्रतिशत राशि में से मछुआरों को उत्पादकता बोनस के रूप में दिया जाएगा।
राज्य स्थित अनुपयोगी खदानों को विकसित कर मछली पालन हेतु उपयोग में लाया जाएगा।
तालाबों/जलाशयों को मछली पालन हेतु पट्टे पर देने के अधिकार के तहत 0 से 10 हेक्टेयर औसत जल क्षेत्र के तालाब/जलाशय को ग्राम पंचायत द्वारा नियमानुसार 10 वर्षीय पट्टे पर प्रदान किए जाएंगे।
10 से 100 हेक्टेयर तक जनपद पंचायत, 100-200 हेक्टेयर तक जिला पंचायत, 200-1000 हेक्टर मछली पालन विभाग द्वारा 1000 हेक्टेयर से अधिक के जलाशय/बैराज छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य महासंघ द्वारा खुली निविदा आमंत्रित कर 10 वर्ष के लिए पट्टे पर दिया जाएगा।
मत्स्य महासंघ को खुली निविदा से प्राप्त आय का 50 प्रतिशत रायल्टी राज्य शासन के खाते में जमा करनी होगी।
एनीकट और उन पर स्थित दह (डीप पूल) जो 20 हेक्टेयर से अधिक के हों उसे उन मछुआरों को जो एनीकट्स/ डीप पूल के आस पास के ग्रामीण जो मत्स्याखेट से जीवन यापन करते हैं, उनकी सहकारी समिति का गठन कर पट्टे पर देने की कार्रवाई संचालक मछलीपालन के माध्यम से की जाएगी।
नदियों एवं 20 हेक्टेयर से कमजल क्षेत्र वाले एनीकट/डीपपूल में निःशुल्क मत्स्याखेट की व्यवस्था यथावत रहेगी।
गौठानों हेतु निर्मित तालाबों में मछली पालन का कार्य गौठान समिति या उनके द्वारा चिन्हित समूह द्वारा की जाएगी।
पंचायतों द्वारा लीज राशि में बढ़ोतरी प्रति दो वर्ष में 10 प्रतिशत निर्धारण किया जाएगा। जिससे पंचायतों की आय में वृद्धि हो एवं उक्त राशि से ग्रामीणों के हित में विकास कार्य कराए जाए।
आदिवासी मछुआ सहकारी समिति में गैर आदिवासी सदस्यों का प्रतिशत 33 से घटाकर 30 प्रतिशत करने प्रावधान किया गया है।
अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासी मछुआ सहकारी समिति का अध्यक्ष का पद अनिवार्य रूप से अनुसूचित जन जाति के लिए आरक्षित रहेगा।
2-प्रदेश में स्वीकृत सहायक आरक्षकों के पदों को समाप्त कर डिस्ट्रिक्ट स्ट्राईक फोर्स संवर्ग के सृजन की स्वीकृत के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इससे पुलिस विभाग के सहायक आरक्षकों के वेतन संबंधी विसंगति को दूर होगी और प्रदेश के समस्त सहायक आरक्षकों को नियमित वेतनमान प्राप्त होगा।
3-स्थानांतरण नीति 2022 के परिपेक्ष्य में यह निर्णय लिया गया कि इस संबंध में मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया जाएगा, जिसके सुझाव/अनुशंसा के आधार पर माननीय मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा।
4-प्रथम अनुपूरक अनुमान वर्ष 2022-2023 का विधान सभा में उपस्थापन बाबत् छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2022 के प्ररूप का अनुमोदन किया गया।
5-विधान सभा के माननीय अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष एवं सदस्यों के वेतन एवं भत्तों संशोधन विधेयक 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
6-छत्तीसगढ़ मंत्री (वेतन तथा भत्ता) अधिनियम, 1972 में संशोधन विधेयक, 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
7-माननीय मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद में प्रावधानित वार्षिक राशि 40 करोड रूपए की सीमा को बढ़ाकर 70 करोड़ रूपए किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
8- क्षेत्र संयोजक से मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के पद पर पदोन्नति हेतु न्यूनतम कालावधि 05 वर्ष में 06 माह की छूट प्रदान करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
9-वर्ष 2022-23 के लिये आबकारी राजस्व लक्ष्य एवं गौठान के विकास तथा अन्य विकास गतिविधियों के लिये अतिरिक्त राशि की आवश्यकता की प्रतिपूर्ति हेतु ‘‘अतिरिक्त आबकारी शुल्क‘‘ में वृद्धि किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
10-विघटित परिवहन निगम के अधिकारियों ध् कर्मचारियों की असामयिक मृत्यु होने पर आश्रित परिवार के सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने की प्रक्रिया में आवश्यक संशोधन किया गया।
11-छत्तीसगढ़ भू-जल (प्रबंधन और विनियमन) विधेयक-2022,¼ Chhattisgarh Ground water ¼Management and Regulation½ Bill, 2022½ के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
12-छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पूर्व एवं पश्चात् मोटरयानों पर बकाया कर के एकमुश्त निपटान योजना-2020¼One Time Settlement½ की मियाद अवधि एक अप्रैल 2022 से माह मार्च 2023 तक बढ़ाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
13- अपै्रल 2020 से मार्च 2022 कुल 24 माह का सिटी बसों पर बकाया रोड टैक्स की राशि 99.95 लाख को छूट प्रदान करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
14-औद्योगिक एवं आर्थिक मंदी के दुष्प्रभाव के कारण एचव्ही-4 श्रेणी के स्टील उद्योग अंतर्गत स्टेंड एलोन रोलिंग मिल को प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए राज्य शासन द्वारा विशेष राहत पैकेज अंतर्गत ऊर्जा प्रभार में 01 जुलाई 2022 से 31 मार्च 2023 तक छूट दिए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
15-छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क अधिनियम, 1949 (क्रमांक ग् सन् 1949) में और संशोधन विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
विमान में विशेष टिकट खरीदकर सीट पर रखकर लाई गई मतपेटी
मतदान प्रारंभ होने के पहले तक स्ट्रांग-रूम में सुरक्षित रखा जाएगा
रायपुर : से गई दो अधिकारियों की टीम भारत निर्वाचन आयोग से मतदान के लिए लाएं हैं नौ तरह की सामग्री
भारत के 16वें राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए 18 जुलाई को होने वाले मतदान के लिए नई दिल्ली से निर्वाचन सामग्री रायपुर पहुंच गई है। सहायक रिटर्निंग अधिकारी श्री दिनेश त्रिवेदी और उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री विनय कुमार अग्रवाल मतपेटी, मतपत्र एवं अन्य सामग्री लेकर आज देर शाम नियमित विमान से रायपुर पहुंचे। माना स्थित स्वामी विवेकानंद विमानतल पर कड़ी सुरक्षा के बीच इन्हें विमान से उतारकर छत्तीसगढ़ विधानसभा स्थित स्ट्रांग-रूम पहुंचाया गया। राष्ट्रपति चुनाव के लिए उपयोग होने वाली मतपेटी को भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली से विमान में विशेष टिकट खरीदकर सीट पर रखकर रायपुर तक लाया गया। आयोग के निर्देशानुसार मतपेटी की सुरक्षा के लिए उसे चेक-इन बैगेज (Check-in Baggage) में रखने की मनाही थी।
रायपुर विमानतल पहुंचने पर मतदान सामग्री को राज्य पुलिस के द्वारा एस्कॉर्ट (Escort) करते हुए विधानसभा भवन स्थित स्ट्रांग-रूम तक सुरक्षित पहुंचाया गया। विधानसभा के सचिव श्री दिनेश शर्मा और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में स्ट्रांग-रूम को सीलबंद किया गया। मतपेटी को मतदान के लिए निर्धारित तिथि 18 जुलाई तक मतदान प्रारंभ होने के पहले तक सशस्त्र बल के पहरे में स्ट्रांग-रूम में सुरक्षित रखा जाएगा। अधिकारियों द्वारा नई दिल्ली में मतदान सामग्री प्राप्त करने से लेकर इसके रायपुर पहुंचने, स्ट्रांग-रूम में रखने और उसे सीलबंद करने तक की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई है।
राष्ट्रपति निर्वाचन के लिए ये नौ सामग्री लेकर आए हैं अधिकारी
भारत निर्वाचन आयोग से राष्ट्रपति चुनाव के लिए सामग्री लेने नई दिल्ली गए सहायक रिटर्निंग अधिकारी श्री दिनेश त्रिवेदी और उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री विनय कुमार अग्रवाल नौ तरह की सामग्री लेकर आए हैं। इनमें लकड़ी के बक्से के अंदर रखा स्टील की मतपेटी, दोनों बक्सों की चाबी, मतपत्र, इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्यों की अधिकृत सूची, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, सहायक रिटर्निंग अधिकारियों, मतदान के लिए ड्यूटी में तैनात कार्मिकों तथा उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों के लिए बैज, वोट मार्क करने के लिए वायलेट इंक्ड पेन, पीठासीन अधिकारी के लिए रबर स्टैम्प्स तथा निर्वाचन निर्देशों एवं पेन के उपयोग के बारे में जानकारी देने वाले पोस्टर शामिल हैं।
राष्ट्रपति निर्वाचन के लिए छत्तीसगढ़ में विधानसभा भवन परिसर में मतदान केन्द्र स्थापित किया गया है जहां राज्य के 90 विधानसभा सदस्यों के लिए मतदान की व्यवस्था की गई है। भारत निर्वाचन आयोग के विशेष अनुमोदन से अन्य राज्यों के निर्वाचक भी इस मतदान केन्द्र में अपना मत डाल सकते हैं। राष्ट्रपति चुनाव के मतदान के लिए राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली एवं प्रत्येक राज्य की राजधानी में मतदान केन्द्र स्थापित किए जाते हैं। मतों की गिनती 21 जुलाई को नई दिल्ली में की जाएगी।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में भाटापारा-बलौदाबाजार जिले के ग्राम मल्दी निवासी शिल्पकार श्री तारकेश्वर वर्मा ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री को श्री तारकेश्वर वर्मा ने काष्ठ पर उकेरी गई छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति, छत्तीसगढ़ सरकार का मोनो, भारत के संविधान की उद्देशिका, डॉ. नरेंद्र देव वर्मा द्वारा रचित छत्तीसगढ़ राजगीत भेंट किया। मुख्यमंत्री ने शिल्पकार श्री वर्मा के काष्ठ शिल्प की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया। इस अवसर पर श्री भोला वर्मा सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।
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किसानों को फसल बीमा दावा राशि का भुगतान करने में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य
वर्ष 2021-22 में राज्य के 5 लाख 66 हजार किसानों को 1063 करोड़ की बीमा दावा राशि का भुगतान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सभी किसान भाइयों से अपनी खरीफ और उद्यानिकी फसलों का बीमा का बीमा कराने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने किसान भाइयों के नाम जारी अपनी अपील में कहा है, कि मौसम की अनिश्चितता और स्थानीय प्राकृतिक आपदा की स्थिति में भी किसानों की आय बनी रहे, इसलिए फसलों को बीमित कराना जरूरी है। शासन द्वारा किसान भाइयों को फसल बीमा की सुविधा प्रीमियम राशि पर उपलब्ध कराई जा रही है । खरीफ फसलों के बीमा के लिए किसान भाइयों को प्रीमियम राशि का 2 प्रतिशत और उद्यानिकी फसलों के बीमा के लिए प्रीमियम राशि का त्र 5 प्रतिशत अंशदान के रूप में देना होता है । किसान भाई थोड़ी सी रूचि और थोड़ी सी राशि जमा कर अपनी फसलों का बीमा कराकर बड़े जोखिम से बच सकते हैं। प्राकृतिक आपदा एवं मौसम की अनिश्चितता के चलते होने वाली फसल हानि,उत्पादन में कमी की भरपाई मिलने बीमा दावा राशि से हो जाती है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसान धान सिंचित एवं असिंचित ,अरहर, मूंग, उड़द, मक्का एवं उद्यानिकी फसलों का बीमा 15 जुलाई तक करा सकेंगे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में खेती-किसानी को समृद्ध और किसानों को खुशहाल बनाना छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों एवं योजनाओं को देश भर में सराहा जा रहा है। छत्तीसगढ़ की पहचान कृषि मॉडल राज्य के रूप में होने लगी है। किसानों को मदद पहुंचाने, उन्हें उनका हक दिलाने के मामले में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने अपने किसानों को सबसे पहले रबी सीजन 2021-22 की फसल बीमा दावा राशि का भुगतान किया है। खरीफ सीजन शुरू होने से पहले ही हमने डेढ़ लाख से ज्यादा किसानों को उनके द्वारा दी गई प्रीमियम राशि के एवज में 304 करोड़ 38 लाख रुपए के क्लेम राशि का भुगतान किया है। खरीफ सीजन 2021 में राज्य के 4 लाख से अधिक किसानों द्वारा दी गयी किसान प्रीमियम राशि के एवज में 758 करोड़ 43 लाख रुपए का भुगतान किया गया है ।
किसान भाइयों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित उद्यानिकी फसल बीमा योजना अंतर्गत दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए और जोखिम से बचने के लिए फसलों का अनिवार्य रूप से बीमा कराना चाहिए।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को गुरू पूर्णिमा की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने आज यहां गुरू पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में कहा है कि भारतीय संस्कृति में गुरू को सर्वाेच्च स्थान दिया गया है। महाभारत और वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास के अवतरण दिवस आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भारत में गुरू पूर्णिमा मनाने की परम्परा रही है। इस दिन गुरूओं के अमूल्य ज्ञान और मार्गदर्शन के प्रति सम्मान और आभार प्रकट किया जाता है। गुरू जीवन में अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर ज्ञान की रोशनी लेकर आते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरूओं द्वारा दी गई अमूल्य शिक्षा को जीवन में उतारकर हमें आगे बढ़ना चाहिए।
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मुख्यमंत्री शामिल हुए विशुद्ध वर्षायोग कार्यक्रम में
आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज से प्रदेश की सुख, समृद्धिऔर खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त किया
आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज द्वारा विरचित और ताम्रपत्र पर छपे ‘सत्यार्थ बोध‘ ग्रंथ का विमोचनरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि आज देश और दुनिया को भगवान महावीर के सत्य, अहिंसा के सिद्धांतों को अपनाने की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। आज देश और दुनिया में कट्टरता और हिंसा का वातावरण है। हम सहजता, सरलता, सहिष्णुता को भूल गए हैं। हम किसी दूसरे को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। दूसरे के विचारों के लिए थोड़ा भी स्थान नहीं है। ऐसे समय में महावीर जी के वचनों का, उनके सिद्धांतों का, श्रवण करना व अनुसरण करना समाज के लिए बहुत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री आज रायपुर के सन्मति नगर फाफाडीह स्थित विशुद्ध सभा गृह में आयोजित विशुद्ध वर्षायोग कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज द्वारा विरचित और ताम्रपत्र पर छपे ‘सत्यार्थ बोध‘ ग्रंथ का विमोचन किया। शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज सहित 21 संतों के चातुर्मास के लिए रायपुर आगमन पर सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज से प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज को छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा, बारी संकल्पना, योजना एवं कार्यप्रणाली पर केन्द्रित पुस्तक भेंट की। यह पुस्तक समग्र ग्रामीण विकास पर केन्द्रित है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि हमारा सौभाग्य है कि छत्तीसगढ़ में आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के साथ 21 संतों का आगमन हुआ है। भगवान महावीर के जो सिद्धांत है, उसका पालन करना, सत्य, अहिंसा, अस्तेय जैसे व्रत का जीवन में पालन करते हुए संत की उपाधि प्राप्त करना, कोई साधारण मनुष्य के बस की बात नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों के चरण रज पड़ने से सुखद वातावरण निर्मित होता है। हम विशुद्ध सागर जी महाराज के विचारों को सुनेंगे व जीवन में उतारेंगे, उसका पालन करेगें, तो समाज में भाईचारा और प्रेम स्थापित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा इस साल का चातुर्मास हम सबके लिए यादगार रहेगा। वैसे भी चातुर्मास का सबको इंतजार रहता है। तपती धूप के बाद जैसे धरती को भी जल का इंतजार रहता है। वनस्पति और जीवों को भी पानी का इंतजार रहता है, वर्षा की फुहार पड़ती है, तो धरती तृप्त हो जाती है। उत्साह का संचार होता है। उसी प्रकार चातुर्मास में संत का आगमन हो तो, वैसे ही प्रसन्नता होती है।
विशुद्ध वर्षा योग 2022 कार्यक्रम में चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज ने छत्तीसगढ़ की महत्ता बताते हुए मंगल आशीष में कहा कि छत्तीसगढ़ तीर्थंकरों की भूमि है, यहां भगवान राम की माता कौशल्या की जन्मस्थली है। बच्चे को मां से ज्यादा दुलार ननिहाल में मिलता है। इसी कारण यहां 22 संत एक साथ पहुंचे हुए हैं। जहां संत का आगमन होता है, वहां जियो और जीने दो जैसे पवित्र विचार का संचार भी स्वाभविक रूप से होता है। विशुद्ध सागर जी महाराज ने कहा कि विश्व में कट्टरता और हिंसा का बोलबाला है, लेकिन अंत में उन्हें अहिंसा का ही निर्णय लेना पड़ेगा।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, रायपुर महापौर श्री एजाज ढेबर, दुर्ग महापौर श्री धीरज बाकलीवाल, चातुर्मास समिति के अध्यक्ष श्री प्रदीप पाटनी, श्री राकेश बाकलीवाल सहित समाज के अनेक पदाधिकारी और जैन समाज के श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना के तहत 43 प्रजातियों के 10 हजार पौधों से बंजर भूमि वन प्रदर्शन क्षेत्र में तब्दील
एक वर्ष पहले गृहमंत्री ने किया था पहला पौधारोपण, आज आक्सीजोन के रूप में ले रहा आकार
कोरिया : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप प्रदेश में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना के तहत लगातार कार्य किया जा रहा है। इस योजना के तहत बंजर भूमि जहां घास का भी एक तिनका नहीं रहता था वहां भी औषधीय महत्व के हजारों पौधे नजर आने लगे हैं। ऐसा ही कुछ हुआ है कोरिया जिले के ग्राम पंचायत आनी में। कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग 43 के निकट ग्राम पंचायत आनी में 21 एकड़ बंजर क्षेत्र को मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना के लिए चयनित किया गया था। जिले के प्रभारी मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू द्वारा 4 जुलाई 2021 को यहां पहला पौधा लगाकर बंजर भूमि में पौधारोपण की शुरूआत की गयी थी।
इस तरह से ग्राम पंचायत आनी में 21 एकड बंजर भूमि को प्रदेश के पहले वन प्रदर्शन प्रक्षेत्र के रूप में विकसित किए जाने की शुरूआत की गयी थी जो अब अस्तित्व में आ गया है। पूरी तरह से बंजर पड़ी इस भूमि में घास का एक तिनका भी नहीं होता था और अब औषधीय महत्व के हजारों पौधों के साथ मिश्रित वन में होने वाले सभी वर्ग के पौधों की हरियाली से यह क्षेत्र आक्सीजोन के रूप में आकार ले रहा है। यहां पर फलदार पौधों की वाटिका के साथ ही इमारती और शोभनीय पौधों का विस्तारित वन क्षेत्र तैयार किया गया है। इन पौधों के साथ ही यहां पर 20 हजार से ज्यादा की संख्या में औषधीय महत्व के पौधों का रोपण अंतवर्तीय तरीके से किया गया है।
मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना का बेहतर क्रियान्वयन हो सके इसके लिए जिले में एक मानक प्रदर्शन प्रक्षेत्र और मातृवाटिका (नर्सरी) बनाई गई है। मनरेगा, जिला खनिज न्यास मद सहित अन्य विभागीय योजनाओं के अभिसरण से ग्राम पंचायत आनी के एक बड़े क्षेत्रफल को वन प्रदर्शन प्रक्षेत्र का स्वरूप प्रदान किया गया है। इसमें पशुओं के आश्रय स्थल के साथ ही चारागाह का विकास भी किया गया है जिसके लिए 5 एकड़ भूमि आरक्षित की गई है। यहां पर 10 एकड़ रकबे में फलोद्यान भी तैयार किया जा रहा है। क्षेत्र के कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो इस मातृवाटिका से आने वाले प्रत्येक वर्ष में लगभग 1 लाख औषधीय पौधे प्राप्त किए जा सकेंगे और यह आय का भी एक बड़ा स्रोत बनकर उभरेगा।
कोरिया जिला कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा के अनुसार छत्तीसगढ़ में यह अलग तरह का प्रयास है जिससे जिले को एक अलग पहचान मिलेगी। इस मातृवाटिका में कोरिया जिले के जंगलों में मिलने वाले सभी प्रजाति के पौधों के साथ ही प्रदेश में मिलने वाली कुल 43 विभिन्न प्रजातियों के लगभग 10 हजार पौधे का रोपण किया गया है जिसके विस्तार एवं रखरखाव का कार्य वन विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र और उद्यान विभाग के जिम्मे है। जिस तेजी के साथ यह क्षेत्र बंजर भूमि से वन प्रदर्शन क्षेत्र के रूप में उभर रहा है उससे यह कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में यहां पर्यटन की संभावनाओं के साथ ही ग्रामीणों के लिए रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।
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राष्ट्रीय स्तर पर तृतीय स्थान हासिल करने पर मुख्यमंत्री ने टीम को दी बधाई
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ सिविल सर्विसेस महिला हॉकी टीम के सदस्यों ने सौजन्य मुलाकात की। मध्यप्रदेश के भोपाल शहर में आयोजित अखिल भारतीय सिविल सर्विसेस महिला हॉकी टूर्नामेंट 2021-22 मे छत्तीसगढ़ की महिला हॉकी टीम ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
टीम की कप्तान डॉ. अंजुम रहमान और मैनेजर श्रीमती अंजली बहार सहित अन्य खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को टीम की महिला खिलाड़ियों के प्रदर्शन की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने उनकी उपलब्धि पर शुभकामनाएं देते हुए निरंतर अभ्यास के लिए प्रेरित किया। टीम के अन्य खिलाड़ियों कुमारी चेतना ध्रुव, भावना गुप्ता, मोनिका बैरागड़़े, हर्षा साहू, श्वेता शिंदे, सविता चंद्राकर, रीठा साहू, संजू साहू, चंद्रावती, यामिनीश उपस्थित थीं।
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सर्व आदिवासी समाज और बैगा समाज के प्रतिनिधि मंडल ने पेसा कानून के अनुमोदन के लिए जताया आभार
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में सर्व आदिवासी समाज और बैगा समाज के प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद में पेसा क़ानून के अनुमोदन पर उनके प्रति आभार जताया है। इस मौके प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का गुलदस्ता भेंटकर स्वागत किया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि पेशा कानून के नियम बन जाने से अब इसका क्रियान्वयन सरल हो जाएगा। इससे आदिवासी समाज के लोगों में आत्मनिर्भरता और स्वावलबन की भावना आएगी। उन्होंने कहा कि पेसा कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा। ग्राम सभा के 50 प्रतिशत सदस्य आदिवासी समुदाय के होंगे। इस 50 प्रतिशत में एक चौथाई महिला सदस्य होंगे। ग्राम सभा का अध्यक्ष आदिवासी ही होगा। महिला और पुरुष अध्यक्षों को एक-एक साल के अंतराल में नेतृत्व का मौका मिलेगा। गांव के विकास में निर्णय लेने और आपसी विवादों के निपटारे का अधिकार भी होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के प्रतिनिधियों से कहा कि छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदाय के लोग जो किसी कारण से अन्य राज्यों में चले गए हैं। उन्हें वापस छत्तीसगढ़ में लाने में भी अपना योगदान दें। उन्हें भी राज्य सरकार की योजना के तहत पात्रता अनुसार लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मात्रात्मक त्रुटि या अन्य कारणों से जिन आदिवासी जाति के लोगों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है, उनके लिए राज्य स्तरीय टीम शोध और अनुसंधान के लिए दस्तावेज तैयार करेगी, जिसे केंद्र सरकार को प्रेषित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनोपज का वैल्यू एडिशन कर वनवासियों को उचित मूल्य दिलाने का कार्य किया जा रहा है। वनोपज को सुरक्षित रखने का प्रबंध भी किया जा रहा है। महुआ पेड़ के नीचे नेट लगाकर महुआ को संग्रहण का लाभ मिलने लगा है। इससे महुआ की कीमत अच्छी मिल रही है और विदेशों में निर्यात का रास्ता खुला है। तीखुर का प्रसंस्करण कर कुल्फी और कोल्ड ड्रिंक तैयार किया जा रहा है। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, विधायक श्री राम कुमार यादव, सर्व आदिवासी महासभा के प्रांतीय अध्यक्ष भारत सिंह सहित विभिन्न जिलों से आए सर्व आदिवासी समाज के राज्य व जिला स्तरीय प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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एजेंसी
गुजरात : में पिछले 48 घंटो से हो रही बारिश से हालात भयावह होते जा रहे हैं। छोटा उदयपुर और नर्मदा जिले में नदियां उफान पर हैं। गुजरात के नवसारी और वलसाड जिले में 700 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
गुजरात में भारी बारिश और कई जिलों में बाढ़ से बिगड़ते हालातों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम भूपेंद्र पटेल से फोन पर बात की। गुजरात सीएम कार्यालय द्वारा बताया गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में भारी बारिश से पैदा हुई गंभीर स्थिति के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री पटेल ने पीएम मोदी को पिछले 48 घंटों में राज्य की स्थिति के बारे में बारे में पूरी जानकारी दी। सीएम कार्यालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ सहित सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।
वहीं अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण और मध्य गुजरात के जिलों में बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। इसके चलते निचले इलाकों में पानी भर गया है। इन क्षेत्रों से करीब 1,500 लोगों को निकाला गया है। वहीं मौसम विभाग ने दक्षिण गुजरात के डांग, नवसारी और वलसाड जिलों में अगले पांच दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो छोटा उदयपुर में बोडेली तालुका में रविवार को शाम 6 बजे तक सिर्फ 12 घंटों में 433 मिमी बारिश हुई, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ आ गई।
48 घंटों में भयावह हुए हालात
गुजरात में पिछले 48 घंटो से हो रही बारिश से हालात भयावह होते जा रहे हैं। छोटा उदयपुर और नर्मदा जिले में नदियां उफान पर हैं। गुजरात के नवसारी और वलसाड जिले में 700 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं, छोटा उदयपुर जिले में लगातार भारी बारिश से पुल का एक हिस्सा गिर गया। जबकि गुजरात के तापी जिले के पांचोल और कुम्भिया गांवों को जोड़ने वाला पुल बारिश की धार में बह गया। वहीं दक्षिण गुजरात के कई हिस्सों में नदियां खतरनाक स्तर को पार कर चुकी हैं इस कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है।
अब तक 61 की मौत
गुजरात में बारिश और बाढ़ के कारण इस साल अब तक 61 मौतें हो चुकी हैं। यहां के अहमदाबाद में बारिश से बुरा हाल है। हर जगह पानी ही पानी भर गया है। इस कारण स्कूलों को भी बंद किया गया है। एनडीआरएफ की 13 और एसडीआरएफ की 16 टीमों को लगाया गया है। वहीं बारिश के कारण दक्षिण और मध्य गुजरात के 388 रास्ते बंद हो चुके हैं।
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जयपुर यूनाइटेड इंडियन जर्नलिस्टएसोसिएशन: (UIJA) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उमेन्द्र दाधीच ने पीआईबी की तानाशाही के खिलाफ पत्रकारों द्वारा 18 जुलाई को आयोजित विरोध कार्यक्रम को सफल बनाने का आज आह्वान किया।
श्री दाधीच ने संगठन की बैठक में साथियों से इस संघर्ष को अंतिम मुकाम तक पहुँचाने का संकल्प दोहराया।उन्होंने कहा कि जॉइंट फोरम के साझीदार के रूप में हमारे वरिष्ठ साथी डॉ.समरेन्द्र पाठक निरंतर अन्य संगठनों से संपर्क में हैं।
उन्होंने कहा कि हम पीआईबी रिनुअल एवं नए एक्रीडेशन में विलंब एवं तानाशाही के खिलाफ हैं और अंतिम क्षणों तक लड़ेंगे।हम जॉर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एक्ट एवं समाचार एजेंसी यूएनआई के अधिग्रहण की मांग को भी जोर शोर से उठाएंगे और हर हाल में स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमले के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे।
श्री दाधीच ने कहा है कि पीआईबी के मामले में एक एडीजी स्तर की अधिकारी ने अपने नकारापन से देश के चोटी के पत्रकारों एवं मोदी सरकार के बीच गहरी खाई पैदा कर दिया है।इसकी देश विदेश में गंभीर आलोचना हो रही है।देश विदेश की मीडिया में रोज खबरें भी छप रही है।
उल्लेखनीय है कि UIJA के अलावा जॉइंट फोरम में सार्क जर्नलिस्ट फोरम,इंडियन जर्नलिस्टएसोसिएशन,पीपीए,सेव् यूएनआई मूवमेंट तथा अन्य संगठनों ने इस प्रदर्शन का आह्वान किया है।
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अखिल भारतीय गोंड़वाना समाज के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री का पेसा कानून के अनुमोदन के लिए जताया आभार
छत्तीसगढ़ जनजातीय सलाहकार परिषद में किया गया है अनुमोदन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में अखिल भारतीय गोंड़वाना समाज के प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद में पेसा क़ानून प्रस्ताव के अनुमोदन पर उनके प्रति आभार जताया। इस मौके पर अखिल भारतीय गोंड़वाना समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का गजमाला पहनाकर स्वागत किया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि आदिवासियों के हितों को संरक्षण प्रदान करना इसका प्रमुख उद्देश्य है। पेसा कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा। ग्राम सभा के 50 प्रतिशत सदस्य आदिवासी समुदाय के होंगे। इस 50 प्रतिशत में से 25 प्रतिशत महिला सदस्य होंगे। गांव के विकास में निर्णय लेने और आपसी विवादों के निपटारे का अधिकार भी होगा। पेसा कानून पहले से था, इसके नियम नहीं बनने के कारण आदिवासियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा था।
उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में आदिवासी समुदाय अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहा है। छत्तीसगढ़ में पिछले 3 वर्षों में आदिवासियों के हित में सबसे ज्यादा निर्णय लिए गए हैं। छत्तीसगढ़ में वनवासियों को तेंदूपत्ता संग्रहण पर पारिश्रमिक देश में सबसे ज्यादा दिया जा रहा है, जिसमें आदिवासी आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं। आदिवासी समुदाय की संस्कृति के संरक्षण के लिए देवगुढ़ियो का सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार किया जा रहा है। विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने से आदिवासी समुदाय का मान-सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां वनवासियों को बड़ी संख्या में वन अधिकार पट्टा प्रदान किया गया है।
कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया और बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री संत कुमार नेताम और संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, अखिल भारतीय गोंड़वाना समाज के अध्यक्ष श्री नीलकंठ टेकाम, भारतीय गोंडवाना महासभा के सचिव श्री लोकेंद्र ठाकुर, छत्तीसगढ़ गोंडवाना महासभा की महिला प्रभाग प्रमुख श्रीमती उत्तरा मरकाम सहित विभिन्न जिलों से गोंडवाना समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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साहू समाज संगठित, दानशील और अनुशासित समाज
मुख्यमंत्री साहू समाज के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में हुए शामिल
गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू सहित समाज के अनेक वर्तमान एवं पूर्व पदाधिकारी भी रहे मौजूद
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ प्रगति के तीन प्रमुख आयामों स्वास्थ्य, शिक्षा और अर्थ पर फोकस के साथ स्वावलंबन तथा समावेशी विकास की ओर अग्रसर है। इन तीनों क्षेत्रों में विकास को गति देने के लिए राज्य शासन द्वारा कई योजनाएं शुरू की गई हैं। इनके बेहतर क्रियान्वयन से राज्य के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज दुर्ग में साहू समाज के वार्षिक आम सभा में समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में इस आशय के विचार व्यक्त किए।
मुख्यमंत्री ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि समाज के पदाधिकारियों का सर्वसम्मति से निर्विरोध निर्वाचन अच्छी मिसाल है। साहू समाज संगठित, दानशील और अनुशासित समाज है। पदाधिकारियों के निर्विरोध चुनाव से साहू समाज ने अन्य समाजों को भी एकता, सद्भावना और सहभागिता का संदेश दिया है। शपथ ग्रहण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में दुर्ग जिला साहू संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री नंदलाल साहू, उपाध्यक्ष श्री कृष्ण साहू एवं श्रीमती दिव्या कलिहारी ने शपथ लिया।
गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सजातीय भाई समाज को संगठित करने वाले कार्यों के साथ ही ऐसे कार्य भी करें जो अपने समाज के साथ ही अन्य समाजों के लिए भी उदाहरण बनें। समाज के पदाधिकारियों का निर्विरोध चुनाव गर्व का विषय है। उन्होंने भरोसा जताया कि नए पदाधिकारी और प्रतिनिधि समाज के संगठन को और मजबूत करने अच्छा कार्य करेंगे।
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, श्री जागेश्वर साहू, पूर्व विधायक डॉ. दयाराम साहू, छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्री दीपक ताराचंद साहू, छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष श्री टहल साहू, श्री राजेन्द्र साहू, श्री लखन लाल साहू, श्री खिलावन साहू और श्री रमेश साहू सहित साहू समाज के अनेक वर्तमान एवं पूर्व पदाधिकारी मौजूद थे।
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मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ निषाद (केंवट) समाज के नवनिर्वाचित प्रदेश पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में की घोषणा
मछुआ समाज के भवन के लिए 01 करोड़ रूपए की मंजूरी
मछुआ समाज के लोग मछली पालन को कृषि का दर्जा देने की नीति का अधिक से अधिक लाभ उठाएं
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश की मछुआ नीति को केबिनेट की अगली बैठक में मंजूरी दी जाएगी। मछुआ नीति का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने आज राजधानी रायपुर के सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित छत्तीसगढ़ निषाद केंवट समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में यह घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज के लोगों के हित में राज्य सरकार द्वारा नीति बनाई जाती है, लेकिन इसका अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिलाने का दायित्व समाज का है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में मछलीपालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। इस नीति के तहत मछलीपालन करने वाले लोगों को किसानों के जैसे बिना ब्याज का ऋण तथा बिजली शुल्क में छूट दी जा रही है। इन प्रावधानों का लाभ उठाने के लिए समाज के लोगों को अधिक से अधिक संख्या में सामने आना चाहिए। उन्होंने संसदीय सचिव एवं निषाद केंवट समाज के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री कुंवर सिंह निषाद के आग्रह पर निषाद केंवट समाज के भवन निर्माण के लिए एक करोड़ रूपए की राशि की स्वीकृति की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने समारोह में नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ दिलाई और नई जिम्मेदारी मिलने पर पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव श्री कुंवर सिंह निषाद और सुश्री शकुंतला साहू, छत्तीसगढ़ राज्य मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री एम.आर.निषाद, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीराम, माता जानकी और भक्त गुहाराज निषाद की पूजा-अर्चना की। उन्होंने इस अवसर पर बिलासा देवी केंवट पर ‘‘शौर्य की प्रतिमूर्ति’’ तथा इन्दरू केंवट पर ‘‘दण्डकारण्य का गांधी’’ शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने निषाद केंवट समाज के लोगों से मछलीपालन की नई तकनीक केज और बायो फ्लॉक तकनीक का उपयोग कर मछलीपालन करने की बात कही। उन्होंने कहा कि मछुआ समाज के लोग समिति बनाकर केज और बायो फ्लॉक यूनिट के लिए फायनेंस सुविधा का लाभ उठाएं, इसमें अनुदान भी दिया जाता है। इससे मछलीपालन करने वालों को अधिक आर्थिक लाभ होगा और प्रदेश में मछली का उत्पादन भी बढ़ेगा।
श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि किसानों, दूध डेयरी का व्यवसाय करने वाले, पशुपालन, मछलीपालन करने वाले, वनोपजों का संग्रहण करने वाले लोगों की आय में वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि मछली बीज उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भर हुआ है। यहां से उत्तरप्रदेश और ओडिशा सहित कई राज्यों को मछली बीज की सप्लाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो समाज शिक्षा से नाता जोड़ता है, वही समाज आगे बढ़ता है। मछुआ समाज भी बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाए।
कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़िया अस्मिता को जगाने का काम बखूबी किया गया है। निषाद केंवट समाज को सम्मान दिलाने का काम किया गया है। बिलासपुर एयरपोर्ट का नाम बिलासा देवी केंवट के नाम पर, अर्जुंदा महाविद्यालय का नाम शहीद दुर्वासा निषाद के नाम, कवर्धा के मत्स्य महाविद्यालय का नामकरण पुनाराम निषाद के नाम पर किया गया है। उन्होंने बताया कि नया रायपुर के एक चौक का नामकरण भक्त गुहाराज निषाद के नाम पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर मछलीपालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत और संसदीय सचिव श्री कुंवर सिंह निषाद ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। छत्तीसगढ़ मुछआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री एम.आर. निषाद ने स्वागत भाषण देते हुए समाज की विभिन्न मांगों की ओर अतिथियों का ध्यान आकृष्ट किया।
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एजेंसी
श्रीलंका : जनरल सिल्वा ने कहा कि मौजूदा संकट को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का अवसर उत्पन्न हुआ है। सिल्वा ने श्रीलंका के लोगों से देश में शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों और पुलिस का समर्थन करने की अपील की।
श्रीलंकाई सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने देश में शांति बनाए रखने के लिए लोगों से समर्थन की मांग की है। उन्होंने रविवार को कहा कि मौजूदा राजनीतिक संकट का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान का अवसर अब उपलब्ध है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कुछ घंटे पहले ही 13 जुलाई को पद छोड़ने की सहमति जताई।
देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल सिल्वा ने कहा कि मौजूदा संकट को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का अवसर उत्पन्न हुआ है। सिल्वा ने श्रीलंका के सभी लोगों से देश में शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों और पुलिस का समर्थन करने का अनुरोध किया। यह बयान शनिवार को गाले फेस और फोर्ट व प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के निजी आवास के पास हुई हिंसा के बाद जारी किया गया। इन घटनाओं के बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इस्तीफा देने की पेशकश की है।
पीएम में घर में प्रदर्शनकारियों ने लगाई आग
श्रीलंका में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी शनिवार को कोलंबो के कड़ी सुरक्षा वाले फोर्ट इलाके में राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में घुस गए थे। आर्थिक संकट का सामना कर रहे देश के ये प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के इस्तीफे की पेशकश किए जाने के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने उनके निजी आवास में आग लगा दी।
अपने इस्तीफे को लेकर क्या बोले प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री के मीडिया प्रभाग ने कहा कि सर्वदलीय सरकार बनने और संसद में बहुमत साबित होने के बाद वह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। उनके कार्यालय ने कहा कि विक्रमसिंघे तब तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे। विक्रमसिंघे ने विपक्षी पार्टी के नेताओं से कहा कि वह इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए पद छोड़ने का निर्णय ले रहे हैं कि इस सप्ताह से देशव्यापी ईंधन वितरण दोबारा शुरू किया जाना है, विश्व खाद्य कार्यक्रम के निदेशक इस सप्ताह देश का दौरा करने वाले हैं और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के लिए ऋण निरंतरता रिपोर्ट को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाना है।
छठी बार प्रधानमंत्री बने थे विक्रमसिंघे
सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शनों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के मई में इस्तीफा देने के बाद विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। अपने दशकों लंबे राजनीतिक करियर में वह छठी बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री बने थे। अगले आठ हफ्तों के दौरान वह यह लगातार बताते रहे कि उनकी सरकार संकट से उभरने के लिए क्या कदम उठा रही है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "बहुत कुछ किया है और कई चीजें अभी करनी बाकी हैं। हम मामलों को प्राथमिकता दे रहे हैं। निश्चिंत रहें, उन्हें जल्द से जल्द ठीक कर लिया जाएगा।"
श्रीलंका की स्थिति पर नजर: आईएमएफ
वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की श्रीलंका के घटनाक्रम पर नजर है। उसे उम्मीद है कि श्रीलंका का राजनीतिक संकट जल्द हल होगा जिसके बाद नकदी संकट से जूझ रहे देश को राहत पैकेज पर बातचीत शुरू हो सकेगी। आईएमएफ की प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के साथ नीति-स्तर की एक दौर की वार्ता हुई थी। विक्रमसिंघे के पास वित्त मंत्रालय का भी प्रभार है। दोनों पक्षों के बीच कुछ वित्तीय मुद्दे हैं जिन्हें सुलझाया जाना है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राहुल के परिवार को पांच लाख रूपए की आर्थिक सहायता की घोषणा
बोरवेल से सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए राहुल साहू के माता-पिता सहित जांजगीर-चांपा वासियों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार
जांजगीर-चांपा : जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम पिहरिद के बोरवेल में लगभग 65 फीट नीचे गिरे राहुल को सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन कर निकालने और उसके ईलाज के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए गए प्रयासों के प्रति आभार प्रकट करने के लिए आज राहुल के परिजन और जांजगीर-चांपा के सैकड़ो ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बड़ी घोषणा करते हुए राहुल के स्पीच थैरेपी और उसकी शिक्षा की सम्पूर्ण जिम्मेदारी उठाने की बात कही है, साथ ही राहुल के परिवार की आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 5 लाख रूपए की आर्थिक मदद करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने राहुल के परिजन को रोजगार देने के भी निर्देश दिए।
गौरतलब है कि 105 घंटे के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद राहुल को बोरवेल से बाहर निकाल लिया गया था। इसके बाद ग्रीन कारीडोर बनाकार राहुल को उपचार हेतु बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था।
मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हुए राहुल की मां श्रीमती गीता देवी ने कहा कि आपने अपना बेटा समझ कर राहुल की जान बचाई है। इसके लिए मैं और मेरा परिवार जीवन भर आपका आभारी रहेगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राहुल के बारे में सूचना मिलते ही अधिकारियों को निर्देश दे दिए थे कि बचाव कार्य में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने राहुल की दादी को भरोसा दिलाया था कि उसका नाती सुरक्षित बाहर आएगा। श्री बघेल ने कहा कि जब भी हम सामूहिक प्रयास करते है तो उसमें सफलता जरूर मिलती है और राहुल को बचाने के लिए तो हर एक ने धैर्यपूर्वक और दिन-रात मेहनत की। श्री बघेल ने कहा कि 105 घंटे तक पत्थर, चट्टान को काटकर राहुल को बाहर निकालने का कार्य कठिन था लेकिन राहुल को बचाने में लोगों की दुआ और ईश्वर की कृपा भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बोरवेल से निकालने के बाद अस्पताल में इलाज कराना दूसरी चुनौती थी और इसके लिए उन्होेंने एयर एम्बुलेंस के साथ ही देश के कुशल डॉक्टरों को भी तैयार रखा था। श्री बघेल ने कहा कि राहुल जिंदगी की जंग पहले बोरवेल में लड़ा और फिर अस्पताल में।
इस मौके पर मुख्यमंत्री निवास कार्यालय परिसर में राहुल के परिजन ने मुख्यमंत्री का सम्मान किया। साथ ही जांजगीर-चांपा से आए ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने भी राहुल के मामले में मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता की प्रशंसा करते हुए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर चन्द्रपुर विधायक श्री रामकुमार यादव, तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष श्री संदीप साहू, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामकुमार पटेल, वरिष्ठ जनप्रतिनिधिगण सहित जांजगीर-चांपा से आए विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अमरनाथ हादसे में फंसे छत्तीसगढ़ के तीर्थ यात्रियों की सहायता के लिए जारी किए गए दो हेल्पलाइन नंबर
इनमें नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन के रेजिडेंट कमिश्नर श्री गणेश मिश्रा का मोबाइल नंबर+91-9997060999 तथा छत्तीसगढ़ सदन का हेल्पलाइन नंबर +91-1146156000 है।
आपदा में फंसे तीर्थ यात्री या उनके परिजन इन नम्बरों में सम्पर्क कर सूचना दे सकते हैं
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जनजाति क्षेत्रों में संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए छात्रावास का निर्माण करने के निर्देश
बच्चों की दर्ज संख्या के आधार पर किया जाएगा शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण
पेसा एक्ट के क्रियान्वयन के संबंध में प्रस्तुत प्रस्ताव का सर्वसम्मति से अनुसमर्थन
जनजातियों के जाति प्रमाण पत्र जारी करने में आ रही कठिनाईयों के अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार करने के लिए टीआरआई के कैम्प लगेंगे
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने बैठक में जनजाति क्षेत्रों के जर्जर छात्रावास-आश्रम तथा स्कूलों के भवन की मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण दो साल बाद स्कूल, छात्रावास और आश्रम प्रारंभ हुए हैं, जहां मरम्मत की आवश्यकता है, वहां मरम्मत का कार्य तत्परता से कराया जाए। मुख्यमंत्री ने जनजाति क्षेत्रों में संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए छात्रावास का निर्माण करने के निर्देश भी दिए। इसी तरह उन्होंने स्कूलों में बच्चों की दर्ज संख्या के आधार पर शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने के निर्देश दिए।जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री नेे कहा कि जनजाति क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ राज्य आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (टीआरआई) के कैम्प आयोजित कर वहां जाति प्रमाण पत्र जारी करने में आ रही दिक्कतों का अध्ययन कर इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार को भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में छत्तीसगढ़ पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम-1996 (पेसा एक्ट) के क्रियान्वयन के संबंध में प्रस्तुत प्रस्ताव का सर्वसम्मति से अनुसमर्थन किया गया। इसी तरह अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन पर राज्यपाल का प्रतिवेदन वर्ष 2020-21 का अनुमोदन भी बैठक में किया गया। अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन पर बैठक में अनुमोदित किए गए राज्यपाल को भेजे जाने वाले प्रतिवेदन वर्ष 2020-21 में अनुसूचित जनजातियों के शैक्षणिक एवं सामाजिक, आर्थिक प्रोत्साहन हेतु संवैधानिक प्रावधानों के क्रियान्वयन, विभिन्न विकास विभागों द्वारा अनुसूचित क्षेत्र में क्रियान्वित प्रमुख योजनाओं का विवरण, प्रदेश के विशेष रूप से कमजोर जनजातियों की जनसांख्यिकीय जानकारी, प्रशासकीय इकाई एवं विकास कार्यो की स्थिति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2007 यथा संशोधित नियम 2012 के क्रियान्वयन का उल्लेख है।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जनजाति सलाहकार परिषद की पूर्व में आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय के परिपालन में नारायणपुर जिले के 19 ग्रामों का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा दो ग्रामों के सर्वे का कार्य प्रक्रियाधीन है। बैठक में यह भी बताया गया कि मार्च 2022 तक 4 लाख 46 हजार 41 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, 45 हजार 764 सामुदायिक वन अधिकार, 3 हजार 516 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र का वितरण कर दिया गया है। इस तरह कुल 4 लाख 95 हजार 455 वन अधिकार पत्र वितरित किए गए हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल की घोषणा के अनुरूप विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह के 9623 शिक्षित युवाओं को शासकीय सेवा में नियुक्ति देने के संबंध में जिलेवार सूची सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी कर दी गई है।
बैठक में आदिमजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, जनजातीय सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष श्री रामपुकार सिंह, लोकसभा सांसद श्री दीपक बैज, विधानसभा उपाध्यक्ष श्री मनोज मंडावी,संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी सहित परिषद के सदस्यगण विधायक श्रीमती लक्ष्मी ध्रुव, श्री मोहन मरकाम, श्री चक्रधर सिंह, श्री इंद्रशाह मंडावी, श्री मोहित राम, श्री गुलाब कमरो और पूर्व विधायक श्री बोधराम कंवर, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू ,आदिम जाति विकास एवं कल्याण विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर., ऊर्जा विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद, सचिव स्कूल शिक्षा डॉ.एस.भारतीदासन, आयुक्त आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग श्रीमती शम्मी आबिदी मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थीं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विधायक सर्वश्री विनय भगत, श्री लखेश्वर बघेल, श्री वृहस्पति सिंह, श्री चिंतामणी महाराज, श्रीमती देवती कर्मा, श्री बृहस्पत सिंह, श्री अनूप नाग बैठक में शामिल हुए।
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एजेंसी
नई दिल्ली: दक्षिण कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से आई आकस्मिक बाढ़ के कारण कई लोग बह गए. हादसे में अब तक 16 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है. एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि करीब 40 लोग लापता हैं तथा पांच को बचाया गया है. शनिवार की सुबह सारे शवों को बालटाल भेजा गया है.
बीएसएफ एमआई 17 हेलिकॉप्टर को आगे के इलाज या शवों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए नीलगढ़ हेलीपैड / बालटाल से बीएसएफ कैंप श्रीनगर तक कार्रवाई में लगाया गया. ITBP की टीमें अमरनाथ गुफा के पास लापता की तलाश कर रही . तलाशी अभियान जोरों पर है.
हादसे के बाद बालटाल बसे कैम्प से पहलगाम की ओर श्रद्धालुओं की चढ़ाई को रोकने का फैसला किया गया था. खराब मौसम को देखते हुए ये फैसला लिया गया था. हालांकि, शनिवार को मौसम में सुधार आने के बाद श्रद्धालुओं का नया जत्था पहलगाम की ओर रवाना हुआ. इस संबंध में एक श्रद्धालु ने बताया कि हम पहलगाम कैंप की ओर बढ़ रहे हैं. हमे उम्मीद है कि यात्रा फिर से शुरू हो जाएगी. हम प्रार्थना करते हैं कि भोलेनाथ सभी श्रद्धालुओं की रक्षा करें.
कल शाम अचानक आई बाढ़ के कारण पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश यात्रियों को पंजतरणी शिफ्ट कर दिया गया है. ITBP ने लोअर होली गुफा से पंजतरणी तक सुरक्षा दलों को लगाया था. रेस्क्यू तड़के 3.38 बजे तक जारी रहा.
कोई भी यात्री ट्रैक पर नहीं बचा है. अब तक करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. इधर, बालटाल बेस हॉस्पिटल में घायलों को लाना शुरू हो गया है. 3 घायल लाए गए हैं.
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एजेंसी
जापान : जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की मौत हो गई है। आज सुबह ही नारा शहर में एक रैली के दौरान हमलावर ने उन पर हमला कर दिया था और उन्हें दो बेहद करीब से गोलियां मारी थीं।
जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की मौत हो गई है। आज सुबह ही नारा शहर में एक रैली के दौरान हमलावर ने उन पर हमला कर दिया था और उन्हें दो गोलियां मारी थीं। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की तमाम कोशिशें कीं, लेकिन बचाया नहीं जा सका। जापान के एनएचके वर्ल्ड रेडियो ने उनकी मौत की पुष्टि की है। पश्चिम जापान के नारा शहर में शुक्रवार सुबह ही वह एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उनके बेहद करीब आकर हमलावर ने उन पर एक के बाद एक दो गोलियां दाग दी थीं।
गोलियां लगने के तुरंत बाद शिंजो आबे जमीन पर गिर पड़े थे और उसके बाद तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। उन्हें एयरलिफ्ट करके ले जाया गया था, लेकिन अस्तपाल में तमाम कोशिशों के बाद भी बचाया नहीं जा सका। डॉक्टरों का कहना है कि उनके दिल ने काम करना बंद कर दिया था और उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। उन्हें गहन चिकित्सा निगरानी में रखा गया था, लेकिन उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। 67 वर्षीय शिंजो आबे जापान के सबसे लंबे वक्त तक पीएम रहने वाले शख्स थे। वह 2006 से 2007 के दौरान और फिर 2012 से 2020 के दौरान पीएम रहे थे। उनके दादा भी जापान के प्रधानमंत्री थे और फिर उनके पिता भी देश के विदेश मंत्री थे।
शिंजो आबे के 41 वर्षीय हमलावर की भी हुई पहचान
पुलिस ने शिंजो आबे पर हमला करने वाले शख्स को तत्काल गिरफ्तार कर लिया है। 41 वर्षीय आरोपी का नाम तेत्सुया यामागामी बताया जा रहा है। फिलहाल, पुलिस यामागामी से पूछताछ कर रही है। वहीं, मौजूद पीएम फुमिया किशिदा ने भी ऐलान कर दिया है कि इस घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यामागामी ने शॉटगन से आबे पर हमला किया था। यह हमला तब हुआ जब पूर्व पीएम नारा शहर स्थित यामातो सैदाजी स्टेशन पर भाषण दे रहे थे। घटना से जुड़े कुछ वीडियो भी सामने आए हैं।
शिंजो आबे के दादा भी थे देश के पीएम, पिता थे विदेश मंत्री
शिंजो आबे के परिवार का भी एक समृद्ध इतिहास रहा है, जो दशकों से सत्ता में रहा है। उनके दादा किशि नोबुसुके 1957 से 1960 के दौरान दो बार जापान के पीएम रहे थे। इसके अलावा उनके पिता शिंतारो आबे भी जापान के विदेश मंत्री रह चुके हैं। 1993 में पिता की मौत के बाद शिंजो आबे ने पहली बार जापान के आम चुनाव में उतरने का फैसला लिया था। जापान के पीएम बनने से पहले भी शिंजो आबे का बड़ा सियासी कद रहा है। डिप्टी चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी के तौर पर भी वह तत्कालीन पीएम के साथ उत्तर कोरिया की यात्रा पर गए थे।