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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीसगढ़ की विशेष परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए आरक्षण के संशोधित प्रावधान को संविधान की नवमी अनुसूची में शामिल करने का किया अनुरोध
छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा दिसम्बर 2022 में पारित आरक्षण (संशोधन) विधेयक में विभिन्न वर्गों को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने का किया गया है प्रावधान
छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और ई.डब्ल्यू.एस. को 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा दिसम्बर 2022 में राज्य के विभिन्न वर्गों अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और ई.डब्ल्यू.एस. के लोगों को जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने के उद्देश्य से पारित विधेयक के अनुसार आरक्षण के संशोधित प्रावधान को संविधान की नवमीं सूची में शामिल करने का आग्रह किया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा दिसम्बर 2022 में पारित आरक्षण (संशोधन) विधेयक में राज्य में अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और ई.डब्ल्यू.एस. को 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य की विशेष परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए आरक्षण के संशोधित प्रावधान को नवमीं सूची में शामिल कराए जाने से ही वंचितों एवं पिछड़े वर्ग के लोगों को न्याय प्राप्त हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से इसके लिए सर्वसंबंधितों को निर्देशित करने का आग्रह किया है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ की कुल आबादी में 32 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति, 13 प्रतिशत अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के 42 प्रतिशत लोग शामिल हैं। राज्य का 44 प्रतिशत भाग वनों से आच्छादित है तथा बड़ा भू-भाग दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों से घिरा हुआ है। इन सब कारणों से ही राज्य के मैदानी क्षेत्रों को छोड़कर अन्य भागों में आर्थिक गतिविधियां संचालित करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की 2012 की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में गरीबों की संख्या देश में सर्वाधिक (40 प्रतिशत लगभग) थी। राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की सामाजिक-आर्थिक तथा शैक्षणिक दशा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों की तरह ही कमजोर है। इन वर्गों के 3/4 भाग कृषक सीमांत एवं लघु कृषक हैं तथा इनमें बड़ी संख्या में खेतिहर मजदूर भी हैं।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि राज्य में वर्ष 2013 से अनुसूचित जातियों, जनजातियों एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के सदस्यों हेतु क्रमशः 12, 32 एवं 14 प्रतिशत (कुल 58 प्रतिशत) आरक्षण का प्रावधान किया गया था, जिसे छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2022 में निरस्त किया गया। राज्य की विधानसभा द्वारा दिसम्बर 2022 में पुनः सर्वसम्मति से विधेयक पारित कर विभिन्न वर्गों की जनसंख्या के आधार पर अजा, अजजा, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं ई.डब्ल्यू. एस. के लोगों के लिये आरक्षण का संशोधित प्रतिशत क्रमशः 13, 32, 27 एवं 4 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया। यह विधेयक वर्तमान में महामहिम राज्यपाल के पास अनुमोदन हेतु लंबित है।
सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ द्वारा नवम्बर 2022 में ई.डब्ल्यू.एस. वर्ग के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के निर्णय को वैध ठहराये जाने से आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त हो चुका है। विगत माह में झारखण्ड एवं कर्नाटक विधानसभा में विभिन्न वर्गों हेतु आरक्षण का प्रतिशत 50 से अधिक करने के प्रस्ताव पारित किये गये हैं।
यह उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु राज्य, जहां प्रति व्यक्ति आय छत्तीसगढ़ से बहुत अधिक है, में तथा पूर्वाेत्तर के अनेक राज्यों में जनजातियों एवं पिछड़ा वर्ग हेतु आरक्षण 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक है। छत्तीसगढ़ राज्य की भी विशेष परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए संशोधित प्रावधान को संविधान की नवमी अनुसूची में शामिल कराये जाने से ही वंचितों एवं पिछड़े वर्गों के लोगों को न्याय प्राप्त हो सकेगा। अनुरोध है कि इस हेतु सर्व संबंधितों को निर्देशित करने का कष्ट करें। -
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मुख्यमंत्री श्री बघेल ने किया बी.पी.ओ. सेंटर के लिए भूमिपूजन
दस करोड़ रूपए की लागत से नगर निगम बनाएगा 500 सीटर बी.पी.ओ. सेंटर
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज रायपुर शहर में 500 सीटर बीपीओ सेंटर स्थापित करने के लिए भूमिपूजन किया। लगभग 10 करोड़ रूपए की लागत से यह बीपीओ सेंटर कलेक्टोरेट के सामने मल्टीलेवल पार्किंग के पाचवें तल पर शुरू होगा।
शिलान्यास के बाद मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि इस बी.पी.ओ. सेंटर की स्थापना से रायपुर के युवाओं को उन्नत व आधुनिक सुविधाओं के जरिए रोज़गार के नये रास्ते खुलेंगे।बीपीओ से मल्टीनेशनल बड़ी कंपनियों में नौकरी से युवाओं में आत्मनिर्भरता आएगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बी.पी.ओ. के जरिए कॉल सेंटर कस्टमर सपोर्ट, सेल्स एंड मार्केटिंग, डाटा एंट्री, टेक्निकल सपोर्ट, चौट सपोर्ट, बैंक एंड फ्रंट ऑफिस वर्क, सोशल मीडिया हैण्डलिंग, डाटा एनालिसिस जैसे आउटसोर्सिंग व्यवसाय से युवा जुड़ सकेंगे।श्री बघेल ने कहा कि सूचना क्रांति के इस दौर में रायपुर में लम्बे समय से ऐसे आधुनिक बी.पी.ओ. सेंटर की आवश्यकता महसूस हो रही थी, जहां कार्य करते हुए कम लागत पर बेरोजगार व महाविद्यालयीन शिक्षा प्राप्त कर रहें युवाओं को पूरी दुनियां से जुड़कर अपने कौशल बढ़ाने का समुचित अवसर मिले। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान की परिस्थितियों को याद करते हुए कहा कि कोरोना काल में भी हर घर तक संदेशों को पहुंचाने के लिए ऐसे बीपीओ आधारित हाइटेक कॉल सेंटर की आवश्यकता शहर में महसूस की जा रही थी। अब इस बीपीओ के बन जाने से रायपुर शहर में भी कई जन सुविधाएँ शुरू हो सकेंगी जिनसे लोगो को त्वरित लाभ मिलेगा।
गौरतलब है कि रायपुर में इस तरह के कॉल सेंटर उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां के युवाओं को इंदौर, बैंगलुरू जैसे अन्य महानगरों में जाकर रोजगार के अवसर तलाशने पड़ते थे। प्रतिस्पर्धा के दौर में सीमित संसाधनों के कारण यहां कें युवा रोजगार से वंचित हो जाते थे। अब रायपुर में बीपीओ सेंटर खुल जाने से ऐसे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। सेंटर के मार्फत देश-विदेश की बड़ी कंपनियों और वाणिज्यिक सेवा संस्थानों से जुड़कर स्थानीय युवाओं की रोजगार और विकास में भागीदारी भी बढ़ेगी। इसके साथ ही नई तकनीकों के उपयोग से विभिन्न कंपनियों में संपर्क होने से युवाओं का संवाद कौशल भी बढ़ेगा, जिससे विकास के नए रास्ते खुलेंगे। -
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दस करोड़ रूपए की लागत से नगर निगम बनाएगा 500 सीटर बी.पी.ओ. सेंटर
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 17 अप्रैल को रायपुर शहर में 500 सीटर बीपीओ सेंटर स्थापित करने के लिए भूमिपूजन करेंगे। लगभग 10 करोड़ रूपए की लागत से यह बीपीओ सेंटर कलेक्टोरेट के सामने मल्टीलेवल पार्किंग के पाचवें तल पर शुरू होगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल की सोच के अनुरूप इस बी.पी.ओ. सेंटर की स्थापना रायपुर के युवाओं को उन्नत व आधुनिक सुविधाओं के जरिए आत्मनिर्भरता प्रदान करने के उद्देश्य से की जा रही है। इस बी.पी.ओ. के जरिए कॉल सेंटर कस्टमर सपोर्ट, सेल्स एंड मार्केटिंग, डाटा एंट्री, टेक्निकल सपोर्ट, चैट सपोर्ट, बैंक एंड फ्रंट ऑफिस वर्क, सोशल मीडिया हैण्डलिंग, डाटा एनालिसिस जैसे आउटसोर्सिंग व्यवसाय से युवा जुड़ सकेंगे।
सूचना क्रांति के इस दौर में रायपुर में लम्बे समय से ऐसे आधुनिक बी.पी.ओ. सेंटर की आवश्यकता महसूस हो रही थी, जहां कार्य करते हुए कम लागत पर बेरोजगार व महाविद्यालयीन शिक्षा प्राप्त कर रहे युवाओं को पूरी दुनिया से जुड़कर अपना कौशल बढ़ाने का समुचित अवसर मिले। कोरोना काल में भी हर घर तक संदेशों को पहुंचाने के लिए ऐसे बीपीओ आधारित हाइटेक कॉल सेंटर की आवश्यकता शहर में महसूस की जा रही थी। रायपुर में इस तरह के कॉल सेंटर उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां के युवाओं को इंदौर, बैंगलुरू जैसे अन्य महानगरों में जाकर रोजगार के अवसर तलाशने पड़ते थे। प्रतिस्पर्धा के दौर में सीमित संसाधनों के कारण यहां के युवा रोजगार से वंचित हो जाते थे। अब रायपुर में बीपीओ सेंटर खुल जाने से ऐसे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। सेंटर के मार्फत देश-विदेश की बड़ी कंपनियों और वाणिज्यिक सेवा संस्थानों से जुड़कर स्थानीय युवाओं की रोजगार और विकास में भागीदारी भी बढ़ेगी। इसके साथ ही नई तकनीकों के उपयोग से विभिन्न कंपनियों में संपर्क होने से युवाओं का संवाद कौशल भी बढ़ेगा, जिससे विकास के नए रास्ते खुलेंगे। -
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साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अर्पित की श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री अंबेडकर सार्वजनिक जयंती समारोह में हुए शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि देश के लोगों की सबसे बड़ी ताकत बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा दिया गया हमारा संविधान हैं। हमारा संविधान हमें अधिकार सम्पन्न बनाता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी रायपुर में संविधान निर्माता, भारतरत्न बाबा साहेब अंबेडकर की 132वीं जयंती के अवसर पर आयोजित सार्वजनिक जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए इस आशय के विचार प्रकट किए। मुख्यमंत्री ने इसके पहले अंबेडकर चौक स्थित बाबा साहेब अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था, वहीं दूसरी तरफ बाबासाहेब अंबेडकर दबे कुचले समाज को अधिकार दिलाने के लिए संगठित कर संघर्ष कर रहे थे। बाबासाहेब ने समाज के पिछड़े वर्ग के लोगों को शिक्षित और संगठित होकर संघर्ष करने की प्रेरणा दी। श्री बघेल ने कहा कि बाबा साहेब ने यह महसूस किया कि भारतीय समाज की सबसे बड़ी कमजोरी शिक्षा की है। उन्होंने भारतीय दर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि हम पूरे विश्व को अपना परिवार मानते हैं। वैचारिक दृष्टि से हम बहुत ऊंचे हैं, लेकिन हमारा व्यवहार वैसा नहीं है। हमारे समाज में मनुष्यों के साथ भेद-भाव किया जाता है, समानता का व्यवहार नहीं किया जाता। बाबा साहेब सहित देश के अनेक महापुरूषों ने भारतीय समाज की इस बुराई को महसूस किया और इसके विरूद्ध लड़ाई लड़ी। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने दलितों, शोषितों और पीड़ितों की आवाज बनकर उनके अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि बाबा साहेब जैसे महापुरूष सदियों में एक बार पैदा होते है, उन्होंने हमें ’शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो’ का मंत्र दिया। उनके यही विचार हमें संघर्ष करने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने भगवान बुद्ध के प्रज्ञा, करूणा और मैत्री के संदेश को आत्मसात किया। आज समाज को इसकी सबसे बड़ी आवश्यकता है। बाबा साहेब द्वारा दिया गया संविधान हमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता का अवसर देता है। संविधान के चलते हमें आरक्षण मिला। बाबा साहेब ने समाज में बदलाव लाने का प्रयास किया। उनके नेतृत्व में लाखों लोगों ने नागपुर में बौद्ध धर्म की दीक्षा ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने जाति प्रमाण पत्र का सरलीकरण किया है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां यदि माता-पिता के पास जाति प्रमाण पत्र है, तो नवजात शिशु को उसका जाति प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। यदि किसी के पास 50 साल का रिकार्ड नहीं है तो ग्राम सभा अथवा शहरी क्षेत्रों में सामान्य सभा से प्रस्ताव पारित होने पर जाति प्रमाण पत्र बनाने की व्यवस्था की गई है। समाज द्वारा नया रायपुर में जमीन की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को जमीन के मूल्य 10 प्रतिशत राशि तथा अन्य वर्गों को 15 प्रतिशत की राशि देने पर जमीन आबंटित की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि समाज शासकीय भूमि लेना चाहे तो जमीन चिन्हित कर लें, निर्धारित प्रक्रिया के तहत जमीन आबंटित की जाएगी। उन्होंने कहा कि नवा रायपुर में गुरू घासीदास संग्रहालय, शहीद वीर नारायण स्मारक और विश्व स्तरीय स्कूल बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में तथागत संदेश पत्रिका और भारत का संविधान शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया।
कार्यक्रम के दौरान आयोजकों द्वारा जानकारी दी गई कि पिछले वर्ष मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा अंबेडकर जयंती के अवसर पर की गई घोषणा के अनुसार कार्यों को स्वीकृति प्राप्त हो गई है। इन कार्यों की स्वीकृति पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर सार्वजनिक जयंती समारोह समिति द्वारा मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया गया। मुख्यमंत्री ने पिछले वर्ष मंगल भवन के लिये 50 लाख रूपये और देवेन्द्रनगर स्थित बौद्ध विहार में ऑडिटोरियम निर्माण के लिए 50 लाख रुपए की राशि देने, अंबेडकर चौक में नगर निगम द्वारा बाबा साहेब की 20 फ़ीट ऊंची नई प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की थी। ये सभी कार्य स्वीकृत हो गए हैं।
इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, रायपुर नगर पालिका निगम के महापौर श्री एजाज ढेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री महेंद्र छाबड़ा, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री के.पी.खांडे, जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक के अध्यक्ष श्री पंकज शर्मा, नगर निगम रायपुर के पार्षद श्री सुंदर जोगी सहित अनेक पार्षद तथा श्रीमती शकुन डहरिया, रतनलाल डांगी, आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री दिलीप वासनिकर सहित समिति के अनेक पदाधिकारी और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
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मिलेट मिशन के द्वारा छत्तीसगढ़ में सेहत और समृद्धि की नई पहल
विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी ने मिलेट मिशन के स्टाल का किया निरीक्षण
कुपोषण दूर करने में मिलेट्स की होगी अहम भूमिका: श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा
राज्य के 10 जिलों में 12 लघु मिलेट प्रसंस्करण केन्द्र हो चुके हैं स्थापित
बस्तर : के जगदलपुर में आयोजित भरोसे का सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल व विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी ने शासकीय विभागों के द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया. स्टालों के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री एवं विशिष्ट अतिथि मिलेट मिशन व मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के स्टाल पर रूके और बारीकी से इसका निरीक्षण किया. श्रीमती गांधी ने इस दौरान मिलेट्स प्रसंस्करण की जानकारी भी ली. विशिष्ट अतिथि ने मिलेट्स से बने उत्पादों की तारीफ करते हुए स्व सहायता समूह की महिलाओं से बातचीत की. स्व सहायता समूह की महिलाओं ने विशिष्ट अतिथि को मिलेट्स से बने उत्पादों से भरी एक डलिया भी भेंट की जिसे उन्होने सहर्ष स्वीकार किया.
मिलेट्स को बढ़ावा देने वाला देश का पहला राज्य
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में मिलेट्स को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी का ना सिर्फ समर्थन मूल्य घोषित किया गया अपितु समर्थन मूल्य पर खरीदी भी की जा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से प्रदेश में कोदो, कुटकी एंव रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कर उपार्जन किया जा रहा है। इस पहल से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स का रकबा डेढ़ गुना बढ़ा है और उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी हुयी है।
छत्तीसगढ़ में मिलेट्स यहां के आदिवासी समुदाय के दैनिक आहार का पारंपरिक रूप से अहम हिस्सा रहे हैं। आज भी बस्तर में रागी का माड़िया पेज बड़े चाव से पिया जाता है। छत्तीसगढ़ के वनांचलों में मिलेट्स की भरपूर खेती होती है। इसे देखते हुए मोटे अनाजों के उत्पादन और उपभोग को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य में मिलेट मिशन चलाया जा रहा है।
कुपोषण दूर करने में सहायक
छत्तीसगढ़ में शुरू हुए मिलेट मिशन का मुख्य उद्देश्य जिसका प्रमुख उद्देश्य प्रदेश में मिलेट (कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार इत्यादि) की खेती के साथ-साथ मिलेट के प्रसंस्करण को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त दैनिक आहार में मिलेट्स के उपयोग को प्रोत्साहित कर कुपोषण दूर करना है।
प्रदेश में आंगनबाड़ी और मिड-डे मील में भी मिलेट्स को शामिल किया गया है। स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील में मिलेट्स से बनने वाले व्यंजन परोसे जा रहे है। इनमें मिलेट्स से बनी कुकीज, लड्डू और सोया चिक्की जैसे व्यंजनों को शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना से अब तक 2 लाख 65 हजार बच्चे कुपोषण मुक्त हो चुके हैं और डेढ़ लाख महिलाएं एनीमिया मुक्त हो चुकी हैं.
नथिया-नवागांव में बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के नथिया-नवागांव में मिलेट्स का सबसे बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित किया जा चुका है, जो कि एशिया की सबसे बड़ी मिलेट्स प्रसंस्करण इकाई है। अब तक राज्य के 10 जिलों में 12 लघु मिलेट प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं। गौठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में मिलेट्स से बने व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए दोपहर भोज का भी आयोजन किया जा चुका है। रायगढ़ जिले के खरसिया में बीते दिनों प्रदेश के पहले मोबाईल मिलेट कैफे ’मिलेट ऑन व्हील्स का शुभारंभ भी किया है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों, फूड ब्लॉगर्स और युवाओं की यह पहली पसंद बन गए हैं।
छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत
छत्तीसगढ़ में मिलेट्स की खेती के लिए राज्य को राष्ट्रीय स्तर का पोषक अनाज अवार्ड 2022 सम्मान भी मिल चुका है। मिलेट मिशन के चलते राज्य में कोदो, कुटकी और रागी (मिलेट्स) की खेती को लेकर किसानों का रूझान बहुत तेजी से बढ़ा है। पहले औने-पौने दाम में बिकने वाला मिलेट्स अब छत्तीसगढ़ राज्य में अच्छे दामों में बिकने लगा है। बीते एक सालों में प्रमाणित बीज उत्पादक किसानों की संख्या में लगभग 5 गुना और इससे होने वाली आय में चार गुना की वृद्धि हुई है।प्रदेश में कोदो, कुटकी और रागी की खेती का रकबा 69 हजार हेक्टेयर से बढ़कर एक लाख 88 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है। मिलेट उत्पादक किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी दिया जा रहा है। इस किसानों को भी 9000 रूपए प्रति एकड़ की मान से आदान सहायता दी जा रही है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी की उपस्थिति में बस्तर संभाग की 1840 ग्राम पंचायतों को जारी की गई 5-5 हजार रूपए की अनुदान राशि
प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्रति वर्ष दो किश्तों में मिलेगी 10 हजार रूपए की राशि
योजना के तहत आदिवासी पर्व एवं त्यौहारों के गरिमामय आयोजन के लिए राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को दी जाएगी अनुदान राशि
प्रदेश के समस्त अनुसूचित क्षेत्रों में लागू हुई योजनाबस्तर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर के लाल बाग में आयोजित 'भरोसे के सम्मेलन’ में विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी की उपस्थिति में 'मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ का शुभारंभ किया।
बस्तर संभाग के 1840 ग्राम पंचायतों को 5-5 हजार रूपए की अनुदान राशि जारी
इस योजना के तहत आदिवासी पर्व एवं त्यौहारों के गरिमामय आयोजन के लिए राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। योजना के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बस्तर संभाग के 1840 ग्राम पंचायतों को प्रथम किश्त के रूप में 5-5 हजार रूपए की राशि जारी की।
योजना का उद्देश्य
’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ के तहत अनुसूचित क्षेत्र के ग्रामों में जनजातियों के उत्सवों, त्यौहारों के मेला, मड़ई, जात्रा पर्व, सरना पूजा, देवगुड़ी, नवाखाई, छेरछेरा, अक्ती, हरेली आदि उत्सवों, त्यौहारों, संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्रति वर्ष 10,000 रूपए की अनुदान राशि दो किश्तों में जारी की जायेगी।
मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि का उद्देश्य आदिवासियों के तीज त्यौहारों की संस्कृति एवं परम्परा को संरक्षित करना एवं इन त्यौहारों, उत्सवों को मूल स्वरूप में आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परम्पराओं का अभिलेखन करना है।
मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा, बजट में है प्रावधान
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज की संस्कृति और पर्वों की परम्परा के संरक्षण के लिए ’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ की घोषणा की थी। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में इस योजना के लिए 5 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। यह योजना छत्तीसगढ़ के समस्त अनुसूचित क्षेत्र (अनुसूचित जनजाति विकासखण्ड) में लागू होगी।योजना का क्रियान्वयन
योजना की इकाई ग्राम (गांव) होंगे। योजना के लिए नोडल एजेंसी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत होंगे।
योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम स्तरीय शासी निकाय एवं अनुभाग स्तरीय शासी निकाय का गठन किया जाएगा। निकाय का स्वरूप निम्नानुसार होगा-
ग्राम स्तरीय शासी निकाय में संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच अध्यक्ष होंगे। गायता, पुजारी, सिरहा, गुनिया, बैगा सदस्य होंगे। ग्राम स्तरीय शासी निकाय में ग्राम के दो बुजुर्ग, दो महिला, ग्राम कोटवार, पटेल और ग्राम पंचायत के सचिव सदस्य होंगे।
जनपद स्तरीय शासी निकाय मेंअनुविभागीय अधिकारी, राजस्व अध्यक्ष होंगे और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत इसके सदस्य सचिव होंगे। जनपद स्तरीय शासी निकाय में जनपद पंचायत के अध्यक्ष, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, तहसीलदार सदस्य होंगे।
ग्राम में कौन-कौन से त्यौहारों में इस राशि का उपयोग किया जाना है इसका निर्धारण ग्राम स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। जनपद स्तर पर इस योजना के क्रियान्वयन के निगरानी एवं समन्वय हेतु जनपद स्तरीय शासी निकाय उत्तरदायी होगा। -
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बंधाया ढ़ांढस कहा दोषियों पर होगी कार्रवाई
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बेमेतरा जिले के ग्राम बिरनपुर की घटना में मृतक श्री भुनेश्वर साहू के परिवारजनों से दूरभाष पर चर्चा की और परिवारजनों को ढ़ांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम दुख के इस क्षण में आपके साथ हैं। आपके परिवार को न्याय मिलेगा, दोषियों पर कार्रवाई होगी।
घटना में मृतक श्री भुनेश्वर साहू के पिता श्री ईश्वर साहू ने मुख्यमंत्री का आभार वक्त करते हुए कहा कि जो आपके द्वारा इस संकट के समय जो पहल की गई है उसके लिए हम आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई का आग्रह किया, जिस पर मुख्यमंत्री ने कार्रवाई का अश्वासन दिया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने बिरनपुर की घटना में मृतक के परिवार को 10 लाख रूपए तथा एक सदस्य को शासकीय नौकरी दिए जाने की घोषणा की है।मुख्यमंत्री से दूरभाष पर हुई चर्चा के दौरान मृतक के परिवारजनों के साथ प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष श्री टहल साहू और समाज के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। -
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अब तक 169 नगरीय निकायों के 224 एकड़ रकबा में 55 हजार से अधिक पौधे रोपित
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के नगरीय निकायों में कृष्ण कुंज का विकास कर रही है।मात्र में एक वर्ष में ही इन कृष्ण कुंजो ने हरे-भरे वृक्षों के रूप में अपना आकार लेना शुरू कर दिया है। योजना के तहत प्रदेश में अब-तक 169 नगरीय निकायों में लगभग 224 एकड़ रकबा में 55 हजार 781 पौधों का रोपण किया गया हैं।यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर राजधानी रायपुर के तेलीबांधा स्थित कृष्ण कुंज में स्वयं वृक्षारोपण कर कृष्ण कुंज की महत्वाकांक्षी योजना की पूरे प्रदेश में शुरूआत की थी। इसी दिन प्रदेश के नगरीय निकायों में बनाए गए कृष्ण कुंज में जनभागीदारी से वृक्षारोपण किया गया।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप कृष्ण कुंज में वृक्षारोपण से जन-जन को जोड़ना और सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के वृक्षों के रोपण करने का कार्य किया जा रहा है। जहां पर पर्यावरण संतुलन बनाए रखने वाले और भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन देने वाले चंदन, रूद्राक्ष, बरगद, पीपल, कदम्ब जैसे वृक्षों का रोपण शामिल है। कृष्ण कुंज में आम, ईमली, बेर, गंगा ईमली, जामुन, शहतुत, तेंदू, चिरौंजी, अनार, कैथा, नीम, पलाश, बेल, आंवला जैसे फलदायी वृक्ष भी लगाएं जा रहे हैं। -
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सम्पत्ति कर जमा करने हेतु अंतिम तिथि अब 30 अप्रैल तक
मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश तथा नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. डहरिया की पहल पर नागरिकों को मिला एक महीना का अतिरिक्त अवसररायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नागरिकों के हित में सम्पत्ति कर भुगतान में विशेष छूट प्रदान करने का अहम् निर्णय लिया गया हैं। इसके तहत राज्य में सम्पत्ति कर तथा विवरणी जमा करने हेतु निर्धारित अंतिम तिथि 31 मार्च को बढाकर अब 30 अप्रैल तक कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिव डहरिया की पहल पर अंतिम तिथि में 30 दिवस की विशेष छूट प्रदान करते हुए नागरिकों की सुविधा के लिए एक महीना का अतिरिक्त अवसर दिया गया है।
उल्लेखनीय हैं कि ़गत वर्षो में महामारी(कोविड -19) को दृष्टिगत रखते हुए संपत्तिकर तथा विवरणी जमा करने हेतु निर्धारित अंतिम तिथी 31 मार्च में विशेष छूट प्रदान करते हुए अतिरिक्त अवसर दिया गया था । इस वर्ष 2022-23 की सम्पत्ति कर तथा विवरणी जमा करने के लिए पूर्व में दिए गए छूट की समय सीमा -15 अप्रैल 2023 तक, को बढाकर 30 अप्रैल 2023 तक कर दी गई हैं।इस संबंध में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा समस्त कलेक्टर, आयुक्त तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद् एवं नगर पंचायत को जारी पत्र में कहा गया हैं कि नागरिकों द्वारा कार्यालय में आकर संम्पत्ति कर के भुगतान की स्थिति में, फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्यतः किया जाए। फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए, निकाय के कर्मचारियों द्वारा घर- घर जाकर संम्पत्ति कर की वसूली की जाए तथा नागरीकों को ऑनलाइन भुगतान के लिए अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जाए । -
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पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 5 करोड़ 32 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन वितरित
मुख्यमंत्री ने कहा- स्वावलंबी गौठानों की संख्या में निरंतर वृद्धि एक बड़ी उपलब्धि
स्वावलंबी गौठान समिति के अध्यक्षों को 750 रूपए और सदस्यों को 500 रूपए हर महीने प्रोत्साहन राशि देने का अहम निर्णय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना‘ के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 5 करोड़ 32 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी किया। इसके अंतर्गत 16 मार्च से 31 मार्च तक खरीदे गए 1 लाख 45 हजार किं्वटल गोबर के एवज में 2 करोड़ 91 लाख रूपए का भुगतान किए जाने के साथ ही गौठान समितियों को 1.43 करोड़ रूपए और महिला समूहों को 98 लाख रूपए की लाभांश राशि का वितरण शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना में हम लोगों ने निरंतर उपलब्धियां हासिल की है, लेकिन राज्य में स्वावलंबी गौठानों की संख्या में जिस तेजी से वृद्धि हो रही है, वह हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इस योजना का मुख्य उद्देश्य ही अपने गांवों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना है। उन्होंने योजना के माध्यम से गांवों के विकास को मिल रहे नये-नये आयाम की सराहना भी की। इस तारतम्य में श्री बघेल ने वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ प्राकृतिक पेंट निर्माण, गौ-मूत्र निर्माण तथा बिजली उत्पादन आदि कार्याें का उल्लेख करते हुए जिन गौठानों में प्रतिदिन 5 क्विंटल से अधिक गोबर खरीदी हो रही है, वहां बिजली उत्पादन इकाई की स्थापना के लिए विशेष पहल करने जोर दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि गौठान समितियों को स्वावलंबन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्वावलंबी गौठान समिति के अध्यक्षों को 750 रुपए और सदस्यों को 500 रुपए हर महीने प्रोत्साहन राशि देने का अहम निर्णय लिया है। मेरी सभी गौठान समितियों से अपील है कि वे भी तेजी से स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ें और प्रोत्साहन का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि किसान भाइयों को यह खुशखबरी तो पहले ही मिल चुकी होगी कि आने वाले नवंबर महीने से अब 20 किं्वटल प्रति एकड़ के मान से धान की खरीदी की जाएगी। इसकी मांग किसान भाइयों द्वारा बहुत लंबे समय से की जा रही थी। इसी तरह राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का भी अब विस्तार कर दिया गया है। अब नगर पंचायतों और अनुसूचित क्षेत्र की नगर पालिकाओं के भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए भूमिहीन कृषि मजदूर 15 अप्रैल तक अवश्य आवदेन कर दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में एक अप्रैल से गांवों में सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण भी शुरू किया गया है, क्योंकि 2011 के बाद से जनगणना ही नहीं हो पाई है। इस सर्वेक्षण से नये हितग्राही भी चिन्हित होंगे। उन्हें भी आवास, गैस सिलेंडर, शौचालय जैसी योजनाओं का लाभ मिल पाएगा। साथ ही 01 अप्रैल से ही शिक्षित बेरोजगारों से बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन लेना भी शुरू कर दिया है। इसके लिए उन्हें ऑन लाइन आवेदन की सुविधा दी गई है। पहले ही दिन 6000 से ज्यादा बेरोजगारों के आवेदन मिले, जिसे उसी दिन मंजूर भी कर लिया गया।
कार्यक्रम को कृषि तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना राज्य में लोगों को आर्थिक रूप से सम्बल बनाने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है। इससे गांवों की आर्थिक, सामाजिक स्थिति को तीव्र गति मिली है। गौरतलब है कि आज कार्यक्रम में गोबर विक्रेताओं को दी जा रही राशि में से 01 करोड़ 67 लाख रुपए की राशि स्वावलंबी गौठानों की ओर से स्वयं भुगतान की जा रही है। जबकि विभाग की ओर से 01 करोड़ 24 लाख रुपए का भुगतान किया जा रहा है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री विनोद वर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. अय्याज एफ. तम्बोली भी मुख्यमंत्री के साथ निवास में उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा और राज्य नोडल अधिकारी श्री गौरव सिंह भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़े। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 05 अप्रैल को गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 5 करोड़ 32 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे, जिसमें 16 मार्च से 31 मार्च तक खरीदे गए 1 लाख 45 हजार क्विंटल गोबर के एवज में 2 करोड़ 91 लाख रूपए का भुगतान किए जाने के साथ ही गौठान समितियों को 1.43 करोड़ रूपए और महिला समूहों को 98 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल है।
गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में 5 हजार 213 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। स्वावलंबी गौठान दोनों की व्यवस्था के साथ-साथ गोबर खरीदी के मामले में बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभाने लगे हैं। इन गौठानों ने मार्च माह के दूसरे पखवाड़े में स्वयं की पूंजी से 01 करोड़ 67 लाख का गोबर खरीद है, जिसके भुगतान सहित कृषि विभाग द्वारा एक करोड़ 24 लाख रूपए का भुगतान गोबर विक्रेता पशुपालकों को किया जाएगा। अब तक स्वावलंबी गौठान द्वारा 49 करोड़ 21 लाख रूपए गोबर खरीदी स्वयं की जमा पूंजी से की गई है।
गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत 05 अप्रैल को 5.32 करोड़ के भुगतान हितग्राहियों को किया जाएगा। जिसके पश्चात योजना अंतर्गत हितग्राहियों को भुगतान की जाने वाली कुल राशि का यह आंकड़ा बढ़कर 430 करोड़ 93 लाख रूपए हो जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य में 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। राज्य में 31 मार्च 2023 तक गौठानों में 111.04 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। 5 अप्रैल को भुगतान के पश्चात गोबर विक्रेताओं को कुल 222 करोड़ 09 लाख रूपए और गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को कुल 188 करोड़ 43 लाख रूपए का भुगतान पूरा हो जाएगा। -
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ग्राम पंचायत क्षेत्रों के साथ-साथ यह योजना नगर पंचायतों तथा अनुसूचित क्षेत्र की नगर पालिकाओं में लागूराजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने नवीन आवेदन प्राप्त करने की जारी की समय-सारणी
नवीन आवेदन प्राप्त करने की तिथि 15 अप्रैल निर्धारित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की बजट भाषण में की गई घोषणा के अनुसार ‘राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना‘ का विस्तार ग्राम पंचायत क्षेत्रों के साथ-साथ नगर पंचायतों एवं अनुसूचित क्षेत्र की नगर पालिकाओं में किया गया है। राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रदेश में इस योजना के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में हितग्राहियों से नवीन आवेदन प्राप्त कर डाटाएन्ट्री का कार्य करने के लिए समय-सारणी जारी कर दी गई है।समय-सारणी के अनुसार ‘राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना‘ के नवीन आवेदन प्राप्त करने की तिथि 1 अप्रैल से 15 अप्रैल 2023 तक निर्धारित की गई है। पोर्टल में डाटा प्रविष्टि करने की अंतिम तिथि 22 अप्रैल 2023 तक, तहसीलदार द्वारा पंजीकृत आवेदनों के निराकरण की अंतिम तिथि 30 अप्रैल 2023 तक, आवेदनों की स्वीकृति/अस्वीकृति पश्चात ग्राम पंचायत/नगर पंचायत/नगर पालिका क्षेत्रों पर प्रकाशन कर दावा आपत्ति का ग्राम सभा/सामान्य सभा में निराकरण की अंतिम तिथि 8 मई 2023 निर्धारित की गई है। सामान्य सभा के निर्णय अनुसार पोर्टल में अद्यतीकरण की तिथि 14 मई 2023 तथा अंतिम सत्यापित सूची के प्रकाशन की तिथि 15 मई 2023 निर्धारित की गई है।
राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री नीलम नामदेव एक्का ने समस्त कलेक्टर, जिला पंचायत के समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पंचायत तथा नगर पालिका को ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में ऑनलाईन प्रविष्टि एवं समय-सीमा में किए जाने वाले कार्यों की कार्ययोजना प्रेषित कर समय-सारणी के अनुसार निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए है।
हितग्राही परिवार की पात्रता-
इस योजना की पात्रता केवल छत्तीसगढ़ के मूलनिवासियों को होगी। ग्राम पंचायत तथा नगर पंचायत क्षेत्रों में निवासरत् भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार जिनके पास कृषि भूमि नहीं है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे। पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि तथा वन अधिकार प्रमाण पत्र से प्राप्त भूमि को कृषि भूमि माना जाएगा।
ग्राम पंचायत तथा नगर पंचायत क्षेत्रों के भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे, यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है।
अनुसूचित क्षेत्रों के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के आदिवासियों के देवस्थल में पूजा करने वाले व्यक्ति जिन्हें पुजारी, बैगा, गुनिया, मांझी आदि नामों से जाना जाता है, तथा आदिवासियों के देव स्थल के हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया, कृषि भूमि धारण करने के बावजूद योजनांतर्गत पात्र होंगें। परंतु इस वर्ग के वे परिवार जो शासन से सामायिक भत्ता, आर्थिक सहायता अन्य योजना में प्राप्त कर रहे हों, पात्र नहीं होंगे।
भूमिहीन कृषि मजदूर-
ऐसा व्यक्ति जो कोई कृषि भूमि धारण नहीं करता और जिसकी जीविका का मुख्य साधन शारीरिक श्रम करना है और उसके परिवार का जिसका की वह सदस्य है, कोई सदस्य किसी कृषि भूमि को धारण नहीं करता है।
कृषि भूमिहीन परिवारों की सूची में से परिवार के मुखिया के माता या पिता के नाम से यदि कृषि भूमि धारित है अर्थात् उस परिवार को उत्तराधिकार हक में भूमि प्राप्त करने की स्थिति होगी, तब वह परिवार भूमिहीन परिवार की सूची से पृथक् हो जाएगा।
आवासीय प्रयोजन हेतु धारित भूमि, कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी। अपंजीकृत परिवारों को योजनांतर्गत अनुदान की पात्रता नहीं होगी। पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने पर उक्त परिवार के द्वारा पात्रता अनुसार नवीन आवेदन योजनांतर्गत प्रस्तुत किया जाना होगा। यदि पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया के द्वारा असत्य जानकारी के आधार पर अनुदान सहायता राशि प्राप्त की गई हो, तब विधिक कार्यवाही करते हुए उक्त राशि उससे भू-राजस्व के बकाया के रूप जाएगी। योजना के हितग्राही के पास 1 अप्रैल 2023 की स्थिति में निर्धारित पात्रता होनी चाहिए।
हितग्राही परिवारों का पंजीयन-
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए हितग्राही परिवार को आवश्यक दस्तावेज यथा- आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ आवेदन ग्राम पंचायत क्षेत्रों में सचिव ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत के समक्ष प्रस्तुत किया जाना होगा। अनुसूचित क्षेत्र अंतर्गत आने वाले नगर पालिका में स्थित आदिवासियों के देवस्थल में पूजा करने वाले व्यक्ति जिन्हें पुजारी, बैगा, गुनिया, मांझी आदि नामों से जाना जाता है, तथा आदिवासियों के देव स्थल के हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया के आवेदन मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका, नगर पंचायत के समक्ष आवेदन करेंगें। आवेदन में मोबाईल नंबर का भी उल्लेख करना होगा। हितग्राही परिवार आवेदन की पावती प्राप्त कर सकेंगे।
योजना के अंतर्गत पात्र चिन्हिंत हितग्राही परिवार के मुखिया को प्रतिवर्ष किस्तों में 7000 रूपए की अनुदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। -
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दुर्ग : लगभग 11 करोड़ की राशि के 24 विकास कार्यो का लोकार्पण तथा 37 करोड़ रूपए की राशि के 44 विकास कार्यो का भूमिपूजन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान आज दुर्ग ग्रामीण विधानसभा के ग्राम पुरई में क्षेत्रवासियों को विभिन्न विकास कार्यो की सौगात दी। दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जिले में 78 करोड़ 27 लाख से अधिक के विकास कार्यो का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इनमें 10 करोड़ 71 लाख 11 हजार रूपए के 24 विकास कार्यो का लोकार्पण एवं 37 करोड़ 26 लाख 8 हजार रूपए के भूमिपूजन तथा 30 करोड़ 30 लाख 51 हजार रूपए के 6249 कार्यो का सामग्री भी वितरित किए।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने लोकार्पण हेतु मछली पालन विभाग के तीन कार्य- बायोफ्लॉक निर्माण चंदखुरी, कोलिहापुरी एवं बोरीगारका प्रत्येक के लिए 7 लाख 50 हजार रूपए, सहायक अभियंता क्रेडा विभाग के ग्राम थनौद में जल भराई के लिए एक करोड़ 2 लाख रूपए, प्रधानमंत्री सड़क योजना के लिए 2 करोड़ 87 लाख रूपए, मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना के दो कार्य- सी.सी. सड़क उपरपोटी एवं पीपरछेड़ी प्रत्येक के लिए 60 लाख 70 हजार रूपए, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के 6 कार्य फिजियोथैरेपी कक्ष निर्माण मरोदा एवं शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय में चबुतरा मंच, शेड निर्माण तथा ब्रांडिग एवं शौचालय के लिए 5-5 लाख रूपए, अण्डा, तिरगा, खपरी सि. एवं नगपुरा में उप स्वास्थ्य केन्द्र में 06 विस्तर निर्माण हेतु प्रत्येक के लिए 9 लाख 68 हजार रूपए का लोकार्पण किया गया।सीजीएमएससीएल के 11 कार्य-स्टॉफ क्वाटर फुवारा ब्लॉक के लिए 10 लाख, 10 बिस्तर आईसोलेशन उतई एवं निकुम प्रत्येक के लिए 37 लाख 28 हजार रूपए, स्टॉफ क्वाटर निकुम के लिए 154.00 रूपए, लेबर रूम निकुम के लिए 15 लाख रूपए, एसएचसी बिल्डिंग अंजोरा के लिए 28 लाख 51 हजार रूपए, पीएचसी बिल्ंिडग रसमड़ा के लिए 61 लाख 96 हजार रूपए, 20 बिस्तर बेड उतई, 6 बिस्तर बेड हनोदा, 6 बिस्तर ननकठ्ठी, 6 बिस्तर बोरीगारखा, 6 बिस्तर कोलियारी में बेड के लिए 84 लाख 15 हजार रूपए की राशि का लोकार्पण किया गया।
इसी प्रकार सीजीएमएससीएल में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन कार्य के लिए 75 लाख रूपए, जिला अस्पताल में लैब निर्माण के लिए 35 लाख 62 हजार रूपए, जिला चिकित्सालय में 20 बिस्तर आईसोलेशन के लिए 74 लाख 56 हजार रूपए का लोकार्पण शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने भूमिपूजन हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के दो कार्य स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय में शौचालय जिर्नोद्धार एवं अतिरिक्त कक्ष के लिए 22 लाख रूपए तथा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय में अतिरिक्त कक्ष के लिए 20 लाख रूपए स्वीकृत किया गया। तांदुला जल संसाधन संभाग दुर्ग में 6 कार्य-खपरी मुख्य नहर के आर.डी. 18000 मी. से 18300 मी. तक भूमिगत केनाल साइफन का निर्माण कार्य के लिए 56 लाख 73 हजार रूपए, भरदा कोनारी एनीकट की ऊंचाई बढ़ाने एवं सुदृढ़ीकरण कार्य के लिए 6 करोड़ 92 लाख 30 हजार रूपए, भरदा कोनारी एनीकट के अपस्ट्रीम में बैंक प्रोटेक्शन कार्य के लिए 9 करोड़ 69 लाख 52 हजार रूपए, रिसामा नाले में खसरा नं.-752 के किनारे तटबंध निर्माण कार्य के लिए 2 करोड़ 12 लाख 68 हजार रूपए, तांदुला परियोजना के अंतर्गत उमरपोटी माईनर का जीर्णोद्धार कार्य के लिए 1 करोड़ 30 लाख 70 हजार रूपए, दुर्ग जिलें के विनायकपुर टेंक का जीर्णोद्धार एवं नहर लाईनिंग कार्य के लिए 1 करोड़ 98 लाख 84 हजार रूपए का भूमिपूजन कार्य शामिल है। -
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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना: सड़कों के निर्माण तथा संधारण और नवीनीकरण में छत्तीसगढ़ रहा अग्रणी
बस्तर : छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की उत्कृष्ट उपलब्धियों की प्रधानमंत्री श्री नरेंन्द्र मोदी ने ट्वीट कर प्रशंसा की है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के अंतर्गत प्रथम स्वीकृति छत्तीसगढ़ को प्राप्त हुई थी, जिसे पूर्ण करने में भी छत्तीसगढ़ अग्रणी रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना छत्तीसगढ़ के उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर भारत सरकार से 271 करोड़ रूपए की वित्तीय प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2015-16 से 2022-23 तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 16,297 किमी सड़कों का निर्माण हो चुका है। प्रदेश में अब तक 2589 सड़कें और 357 पुलों का निर्माण हुआ है। इस अवधि में योजना में 9602 करोड़ रूपए के बजट के प्रावधान के विरूद्ध 8736 करोड़ रूपए का व्यय किया गया। वर्ष 2015-16 से वर्ष 2022-23 तक कुल 4931 सड़कें, लंबाई 17,409 किलोमीटर का नवीनीकरण छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा अपने बजट से किया जा चुका है। इस अवधि में बजट में प्रावधान की गई 3309 करोड़ रूपए की राशि के विरुद्ध 2493 करोड़ रूपए का व्यय किया जा चुका है। वर्ष 2015-16 से 2022-23 तक अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग की 1043 सड़कें, लंबाई 6239 किमी. सड़कों एवं 59 वृहद पुलों का निर्माण किया गया है. जिसके फलस्वरुप सुदूर अंचल की 1585 बसाहटों को बारहमासी सड़क संपर्क सुविधा उपलब्ध हुई। इन सड़कों का निर्माण नक्सली उन्मूलन में भी सहायक सिद्ध हुआ है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने प्रदेशव्यापी भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान भी आमजनों से सीधा संवाद किया। आमजनों से हुई चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री को ग्रामीण अंचल की सड़कों से जुड़ी प्रतिक्रियाएं मिली। इन प्रतिक्रियाओं के आधार पर उन्होंने अधिकारियों को सड़कों के रखरखाव और मरम्मत का कार्य समयसीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इसकी सतत समीक्षा भी की गई। परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत गांव तक आवागमन के लिए सड़कें बेहतर हुई है। राज्य शासन से वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों के संधारण के लिए सर्वाधिक 700 करोड़ रूपए का बजट मिला। वित्तीय वर्ष में निर्धारित लक्ष्य 6000 किलोमीटर सड़कों के नवीनीकरण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 5436 किलोमीटर के नवीनीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है।
उत्कृष्ट प्रदर्शन पर मिली 271 करोड़ की प्रोत्साहन राशि
वर्ष 2019-20 और 2020-21 में राज्य के उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर केंद्र से वित्तीय प्रोत्साहन राशि के रूप में 271 करोड़ रूपए भी प्राप्त हआ है। प्रदेश के अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में भी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित सड़कों के संधारण और नवीनीकरण कार्य में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। बस्तर की 231 किलोमीटर की 75 सड़कों का 37 करोड़ रूपए की लागत से संधारण किया गया है। इसी तरह आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सरगुजा संभाग की 146 सड़कें, जिनकी लंबाई 560 किलोमीटर है, उनका संधारण 90 करोड़ रूपए की लागत से किया गया। अति नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिला अंतर्गत पूर्व में कोई भी नवीनीकरण के कार्य नहीं हुए थे, वहां भी सड़क निर्माण के बाद पहली बार 10.50 किलोमीटर लंबी 4 सड़कों के नवीनीकरण का कार्य किया जा रहा है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में नवीनकरण कार्य के लिए 2915 किलोमीटर लम्बी 782 सड़कों के संधारण के लिए 779 करोड़ रूपए की राशि प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित सड़कों में नवीनीकरण कार्य के लिए नियमित रूप से राज्य शासन द्वारा बजट उपलब्ध कराये जाने के फलस्वरूप नवीनीकरण कार्य में देश में अग्रणी स्थान पर है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित सड़कों का संधारण और रखरखाव का दायित्व राज्य सरकार का रहता है। भारत सरकार द्वारा इसके लिए कोई भी राशि नहीं दी जाती है। इस संबंध में भारत सरकार को भी केन्द्रांश दिये जाने का अनुरोध किया जाता रहा है। प्रदेश में योजना के प्रारंभ से अब तक कुल 8193 सड़कें लंबाई 40,234 किलोमीटर का निर्माण पूर्ण हो चुका है। इन निर्मित सड़कों से 10,590 पात्र बसाहटें लाभान्वित हो चुकी है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा निर्मित सड़कें ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए आवागमन का एक मात्र बारहमासी मार्ग होता है। ग्रामीणों के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कें जीवन रेखा के समान है।
प्रदेश में निर्मित सड़कों में से 3664 सड़कें जिनकी लंबाई 17,577 किमी है, पांच वर्ष नियमित संधारण के अंतर्गत हैं, शेष सड़कों के निर्माण की पांच वर्ष की अवधि पूर्ण हो जाने के बाद नवीनीकरण की स्थिति में हैं। अब तक कुल 5609 सड़कें जिनकी लंबाई 22,700 किलोमीटर है का नवीनीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। -
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मुख्यमंत्री ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग अंतर्गत विभिन्न विकास कार्यों का किया लोकार्पण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग के अंतर्गत बैंक की शाखा भवन अहिवारा सहित 11 एटीएम तथा गोदामों का वर्चुअल रूप से लोकार्पण किया। कार्यक्रम में कुल 2 करोड़ 21 लाख 68 हजार रूपए की राशि के विकास कार्याें का लोकार्पण किया गया। आज 11 एटीएम का लोकार्पण हुआ, इनमें ग्राम अण्डा, बोरसी, अहिवारा, अरमरीकला, अर्जुन्दा, करहीभदर, डौंडीलोहारा, बेलौदी, कुरदी, भांठागांव- आर और जेवरा में एटीएम स्थापित किए गए है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में अब किसानों सहित ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन दिखाई देने लगा है। हमने राज्य में सहकारिता को मजबूती प्रदान करने के लिए लगातार काम किया है। सहकारिता के क्षेत्र की कठिनाईयों को दूर करते हुए इसके माध्यम से किसानों और ग्रामीणों को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाने की कोशिश की है। यही वजह है कि पिछले चार वर्षाें के दौरान छत्तीसगढ़ के किसानों और ग्रामीणों के जीवन में सहकारिता के माध्यम से बड़ा बदलाव आया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था सहित किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए निरंतर कार्य हो रहे है। इनमें शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। इसके अलावा हमने राज्य में किसानों को ऋण माफ करके तथा बकाया सिंचाई कर माफ करके उनमें नयी ताकत जगाई है। साथ ही किसानों को उनकी उपज की सही कीमत दिलाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना संचालित है। इसके माध्यम से चार किश्तों में प्रोत्साहन राशि दी जाती है। किसानों को उचित समय पर इनपुट सब्सिडी मिलने से खेती-किसानी में उन्हें आसानी हुई है। राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी की सीमा में वृद्धि करते हुए अब 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि पूर्व में प्रदेश में 1333 सेवा सहकारी समितियां थी, आज 2058 सहकारी समितियां है। किसानों को उनके गांव के नजदीक ही ऋण तथा खाद-बीज मिल सके और धान बेचने की सुविधा बढ़े, इसके लिए शासन द्वारा 725 नयी सहकारी समितियों का गठन किया गया है। किसान अपने गांव के नजदीक ही धान बेच सके, इसके लिए पूरे प्रदेश में नये धान खरीदी केन्द्र खोले गए हैं। वर्तमान में प्रदेश में 2617 धान खरीदी केन्द्र संचालित है। इसी तरह प्रदेश में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखाएं वर्तमान में 272 से बढ़कर 325 तथा इनके एटीएम की संख्या 29 से बढ़कर 148 हो गई हैं। इसके वजह से प्रदेश में धान खरीदी का कार्य सुचारू रूप से संचालित हुआ। इसमें किसानों को धान की बिक्री में कोई दिक्कत नहीं हुई। साथ ही इससे किसानों का उत्साह बढ़ा और वे नई ऊर्जा के साथ खेती-किसानी कर रहे हैं।
कार्यक्रम को अपेक्स बैंक के अध्यक्ष श्री बैजनाथ चंद्राकर ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में हमारी सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ-साथ सहकारिता के विस्तार के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। इससे किसानों को लेन-देन तथा खेती-किसानी के कार्य में अच्छी सुविधा हो गई है। राज्य में सहकारिता के माध्यम से किसानों को मदद पहुंचाने हर संभव पहल की जा रही है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में सहकारिता विस्तार के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की सराहना अन्य राज्यों में भी होने लगी है। कार्यक्रम को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र साहू ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक श्री के.एन. कांडे सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। -
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हनुमान चालीसा महापाठ कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज शाम यहां राजधानी रायपुर के बलवीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम परिसर में श्री हनुमान महापाठ समिति तथा जीवन प्रबंधन समूह रायपुर द्वारा आयोजित श्री हनुमान चालीसा महापाठ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित सभी हनुमान भक्तों के साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पंडित विजयशंकर मेहता द्वारा 'सफलता की दौड़-परिवार मत तोड़' विषय पर व्याख्यान का श्रवण किया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि आज रामनवमी है और आज का दिन बहुत पावन है। उन्होंने कहा कि श्री हनुमान भक्ति, ज्ञान और शक्ति के समुच्चय हैं, उनसे बड़ा कोई योगी, भक्त, ज्ञानी या बलशाली और कोई नहीं हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हनुमान जी जैसा चरित्र शायद ही किसी वेद, पुराण या ग्रंथ में मिले।
मुख्यमंत्री ने सभी को रामनवमी की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए इस आयोजन के लिए आयोजन समिति को भी बधाई दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हनुमान चालीसा का वाचन कर रहे पंडित विजय शंकर मेहता को विशेष धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर सांसद श्री सुनील सोनी, विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल, राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत श्री रामसुंदर दास, शदाणी दरबार के पीठाधीश्वर महंत श्री युधिष्ठिर लाल, रायपुर नगर निगम के सभापति श्री प्रमोद शर्मा, छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार श्री हिमांशु द्विवेदी सहित श्री हनुमान महापाठ समिति से श्री विजय अग्रवाल, श्री योगेश अग्रवाल, श्री मुकेश शाह श्री मोहन पवार सहित अनेक सदस्य उपस्थित रहे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री मितान योजना के जरिए बड़ी राहत मिल रही है। शासकीय काम-काज के लिए जरूरी दस्तावेज जैसे जन्म, मृत्यु, मूल निवासी, विवाह आदि प्रमाण पत्र अब लोगों को इस योजना के जरिए आसानी से और घर बैठे ही मिल रहे हैं। मितान ने 67 हजार से अधिक लोगों के घर दस्तावेज लेकर पहुंचा चुके हैं। इन प्रमाण पत्रों के लिए लोगों को केवल टोल फ्री नम्बर 14545 अप्वाइंटमेंट बुक कराना होता है। अप्वाइंटमेंट बुक करने के बाद आवेदक को बुकिंग की जानकारी के साथ एक एसएमएस प्राप्त होता है। इसके बाद तय समय और तारीख को मितान आवेदक के घर पहुंचकर जरूरी दस्तावेज प्राप्त करते हैं। मितान घर पहुंचकर टैबलेट के माध्यम से दस्तावेजों को सत्यापित कर पोर्टल पर अपलोड करते हैं। इसके बाद सत्यापित दस्तावेजों को संबंधित विभागों को ऑनलाइन भेजे जाते हैं जो आवेदक से संबंधित दस्तावेज की समीक्षा के बाद प्रमाण पत्र जारी करते हैं। प्रमाण पत्र जारी होने के बाद मितान एजेंट द्वारा प्रमाण पत्र आवेदक के घर पहुंचा दिया जाता है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर नगरीय प्रशासन विकास विभाग द्वारा 01 मई 2022 से प्रदेश के समस्त 14 नगर निगमों में शुरू की गई मुख्यमंत्री मितान योजना में अब तक लगभग 77 हजार लोगों ने शासकीय दस्तावेज घर पर प्राप्त करने के लिए अप्वाइंटमेंट बुक कराया है, वहीं दूसरी तरफ 67 हजार से अधिक नागरिकों ने घर बैठें ही अपने जरूरी शासकीय दस्तावेज प्राप्त किए हैं। इस योजना में लगभग 01 लाख 50 हजार से अधिक नागरिकों ने मितान योजना के टोल फ्री नम्बर 14545 पर सम्पर्क कर शासकीय दस्तावेजों को प्राप्त करने के संबंध में जानकारी हासिल की है।
मितान योजना में जन्म प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र में सुधार, मृत्यु प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र में सुधार, मूल निवासी प्रमाण पत्र, विवाह पंजीकरण और प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र, दुकान और स्थापना पंजीकरण संबंधी दस्तावेज, भूमि की रिकार्ड की नकल, भूमि सूचना (भूमि उपयोग), आधार कार्ड पंजीकरण, (5 वर्ष तक के बच्चों का) आधार कार्ड में पता एवं मोबाइल नंबर में सुधार, पैन नम्बर प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र, पैन अपडेट एवं डुप्लीकेट सहित अन्य सेवाएं प्रदान की जा रही है। आगामी दिनों में मितान योजना के माध्यम से नागरिकों को और अधिक सेवाएं प्रदान की जाएंगी। जिससे घर बैठे ही नागरिक अपने आवश्यकता के शासकीय दस्तावेज घर बैठे ही प्राप्त कर सकेंगे। -
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राज्य विद्युत नियामक आयोग की सराहना की
रायपुर : श्री भूपेश बघेल आज पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा इस वर्ष बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। यह प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं तथा किसानों सहित पूरे प्रदेशवासियों के हित में बहुत ही महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने यह भी बताया कि राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली की दरों में ही वृद्धि नहीं की गई है बल्कि उनके द्वारा सरकार से कोई कर्ज भी नहीं लिया गया है, जो सराहनीय है। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल से शहरी क्षेत्र के स्लम बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवारों को निःशुल्क उपचार की सुविधा दी जा रही है। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के माध्यम से अब तक 44 लाख 1942 लोगों का इलाज मोबाइल मेडिकल यूनिट के चिकित्सा दल द्वारा स्लम बस्तियों में लोगों के घरों के पास ही पहुंचकर किया गया है।
मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत अब पूरे राज्य के नगरीय क्षेत्रों के स्लम बस्तियों में चिकित्सक, पैरामेडिकल टीम, मेडिकल उपकरण एवं दवाओं से लैस 120 मोबाइल मेडिकल यूनिट पहुंचकर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रही है। इस योजना के माध्यम से अब तक 10 लाख 57 हजार 451 मरीजों की पैथालॉजी टेस्ट किया जा चुका है। साथ ही 37 लाख 41 हजार 312 से अधिक मरीजों को निःशुल्क दवाएं भी दी गई हैं। लाभान्वित मरीजों में 2 लाख 76 हजार 663 से ज्यादा मेहनत-मजदूरी करने वाले लोगों ने भी निःशुल्क ईलाज जांच सुविधा का फायदा उठाया हैं।
छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत अब तक राज्य के 169 नगरीय निकायों की स्लम बस्तियों में 58 हजार 168 कैम्प लगाकर लोगों की निःशुल्क जांच व उपचार कर दवाईयां दी गई हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नगरीय क्षेत्रों की तंग बस्तियों के एवं अन्य जरूरत मंद लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें निशुल्क दवायें उपलब्ध कराया जाए।
गौरतलब है कि राज्य के 14 नगर निगम क्षेत्रों की स्लम बस्तियों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के प्रथम चरण की शुरूआत 01 नवम्बर 2020 को हुई थी। इसके तहत 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा स्लम बस्तियों में जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार एवं दवा वितरण की शुरूआत की गई थी। 31 मार्च 2022 को इसका विस्तार पूरे राज्य के नगरीय निकाय क्षेत्रों में किया गया तथा 60 और नई मोबाइल मेडिकल यूनिट शुरू की गई। -
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न्याय योजनाओं के जरिए किसान, पशुपालक एवं मजदूरों की जेब में जा रहा पैसा
मुख्यमंत्री कंवर महोत्सव एवं किसान महासम्मेलन में हुए शामिल
105 करोड़ रूपए की लागत के 19 कार्यों का भूमिपूजन-लोकार्पण
कुमर्दा एवं कल्लूबंजारी में सहकारी बैंक खोलने की घोषणा
जैतगुड़ा में गोड़ समाज के भवन निर्माण के लिए 30 लाख रूपए की स्वीकृति
राजनांदगांव : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अन्नदाता किसान संपन्न एवं खुशहाल रहें, इसके लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही हैं। न्याय योजनाओं के जरिए किसान, पशुपालक एवं मजदूरों की जेब में पैसा जा रहा है। उन्होंने कहा कि धान खरीदी का दायरा बढ़ाते हुए 15 क्विंटल से बढ़ाकर 20 क्विंटल प्रति एकड़ किया गया है, इससे किसानों में खुशी का माहौल है। अन्नदाता किसान खुश होंगे तो समझिए भगवान खुश हैं। श्री बघेल आज राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखंड में कंवर महोत्सव एवं किसान महासम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 105 करोड़ 71 हजार रूपए की लागत के 19 कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। जिसमें 8 करोड़ 66 लाख 39 हजार रूपए की लागत के 6 कार्यों का लोकार्पण तथा 96 करोड़ 34 लाख 32 हजार रूपए की लागत के 13 कार्यों का भूमिपूजन शामिल हैं। उन्होंने कार्यक्रम में विभिन्न योजनाओं के 165 हितग्राहियों को 2 करोड़ रूपए 56 लाख 40 हजार रूपए की सामग्री, वन अधिकार पट्टा, सामाजिक एवं अहाता निर्माण हेतु स्वीकृति आदेश तथा प्रशस्ति पत्र का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कंवर समाज के प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सभी को नवरात्रि एवं रमजान पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य में धान खरीदी 15 क्विंटल से बढ़ाकर 20 क्विंटल करने पर किसानों ने उत्सव मनाया है। सरकार की किसान हितैषी योजनाओं से किसानों की संख्या एवं रकबा बढ़ा है। पहले 55 लाख मिट्रिक टन धान की खरीदी होती थी, जो अब बढ़़कर 107 लाख मिट्रिक टन हो गया है। राजनांदगांव जिले में किसानों की संख्या एवं रकबे में ढाई गुना बढ़ोत्तरी हुई है। किसान खेती-किसानी के लिए वैज्ञानिक तरीके को अपना रहे हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत चौथे किस्त की राशि किसानों को दे दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक दृष्टि से नये जिले के गठन के बाद विकास कार्यों में गति आयी है। बजट सत्र के दौरान सभी की मांग को ध्यान में रखते हुए कोटवार, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम पटेल, आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि की गई है। राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत भूमिहीन कृषि मजदूरों को आर्थिक सहायता राशि दी जा रही है। राजीव गांधी भूमिहीन मजदूर न्याय योजना नगरीय क्षेत्रों में भी प्रारंभ की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में 278 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का शुभारंभ किया गया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। गांव में ही युवाओं के लिए रीपा केन्द्रों में बिजली, पानी, शेड, एप्रोज रोड एवं अन्य व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सी-मार्ट के माध्यम से स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों की बिक्री की जा रही हैं। जनसामान्य को सस्ती कीमत पर दवाई उपलब्ध कराने के लिए धन्वंतरी मेडिकल स्टोर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता के निःशुल्क ईलाज के लिए मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिीनिक योजना, मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना एवं युवा मितान क्लब जैसी योजना से बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के साथ ही प्राकृतिक गोबर पेंट बनाया जा रहा है। जिससे शासकीय भवन तथा स्कूल भवन की पोताई की जा रही है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 25 हजार रूपए से राशि बढ़ाकर 50 हजार कर दी गई है।
खुज्जी विधायक श्रीमती छन्नी साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों के रोटी एवं पगड़ी को मान-सम्मान दिया है। प्रदेश के मुखिया ने अन्नदाता किसानों की कर्जमाफी की है। जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री नवाज खान ने कहा कि देश भर में अभी भूपेश मॉडल भरोसे मॉडल की चर्चा है। किसानों को मुख्यमंत्री पर भरोसा है। वे लगातार छत्तीसगढ़ के अन्नदाता किसानों की आय बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। वे किसानों की बुलंद आवाज तथा उनके ब्रांड एम्बेसडर हैं। कंवर समाज के प्रांतीय अध्यक्ष श्री हरिवंश मिरी एवं जिला कंवर समाज के अध्यक्ष श्री बिंदुलाल चंद्रवंशी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री की घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में जैतगुड़ा में गोड़ समाज द्वारा भवन निर्माण के लिए 30 लाख रूपए, आदिवासी कंवर सामुदायिक भवन राजनांदगांव के लिए 60 लाख रूपए तथा मराठा कलार समाज भवन निर्माण के लिए 20 लाख रूपए की राशि स्वीकृति प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कुमर्दा एवं कल्लूबंजारी में जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक खोलने की घोषणा की। उन्होंने आमगांव में धान खरीदी केन्द्र खोलने, कुमर्दा-गैंदाटोला-बंजारी सड़क उन्नयन की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने बोरतालाव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के निर्माण की घोषणा की। रायपुर में कंवर समाज के भवन निर्माण के लिए 50 लाख रूपए प्रदान करने की घोषणा की।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री दलेश्वर साहू, छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष श्री धनेश पाटिला, बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तेजकुंवर नेताम, महापौर श्रीमती हेमा देशमुख, राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष श्री विवेक वासनिक, जीव-जंतु बोर्ड के सदस्य श्री संजय जैन, अनेक जनप्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में कंवर समाज के सामाजिक बंधु एवं पदाधिकारी, किसान एवं आम नागरिक उपस्थित थे। -
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स्टील सेक्टर को आगे बढ़ाने छत्तीसगढ़ सरकार तत्पर : मुख्यमंत्री
ऑल इंडिया स्टील कॉन्क्लेव में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल रविवार को ऑल इंडिया स्टील कॉन्क्लेव में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने देशभर से आये स्टील उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्टील सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिये छत्तीसगढ़ सरकार तत्त्पर है। स्टील उद्योग छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों के दौरान स्टील उद्योग को बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कभी महंगी बिजली का संकट सामने आ जाता है, कभी ईंधन का संकट सामने आ जाता है, कभी सस्ते कच्चे माल की जरूरत शिद्दत के साथ महसूस की जाती है, तो कभी कोरोना और लॉकडाउन का संकट सामने आ जाता है। लेकिन कोरोना काल में छत्तीसगढ़ सरकार की नीति की वजह से उद्योग बंद नहीं हुए।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को भले घाटा हो लेकिन हमने आपको बिजली में छूट दी ताकि उद्योग अच्छे से चलते रहें। हमारे राज्य से कोयला पूरे देश में जाता है, कोरोना काल मे हमने कोयला की आपूर्ति बाधित नहीं होने दी। मैं रायपुर सांसद के माध्यम से केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि एसईसीएल से स्टील व्यवसायिओं को कोल लिंकेज मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोयला खदानों की वजह से सड़कें बहुत खराब हैं। खराब सड़कों की वजह से परिवहन बहुत महंगा हो गया है। इसलिए किसी उद्योग की स्थापना के समय सड़क को भी प्रोजेक्ट में ले लेना चाहिए।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा जब कोरोना की दूसरी लहर आयी तो देश की राजधानी और अन्य राज्यों में ऑक्सीजन की कमी थी लेकिन छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं हुई, हमने तुरन्त उद्योगपतियों को ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए लाइसेंस दिया। देशभर में ऑक्सीजन का दवाब था तो मैंने प्रधानमंत्री जी से आग्रह किया कि स्टील प्लांट को भी कुछ ऑक्सीजन दीजिये। जिससे प्लांट भी चल सकें। कोरोना काल में देशभर में मजदूर पलायन कर रहे थे, लेकिन छत्तीसगढ़ में स्थिति ऐसी नहीं थी। हमारे छत्तीसगढ़ में बेहतर उद्योग नीति की वजह से कोरोना काल मे भी उद्योग अच्छे से चलते रहे। जब कोरोना संकट आया और लॉकडाउन की परिस्थितियां निर्मित हुई तब एक बारगी लगा कि प्रदेश का स्टील सेक्टर दम तोड़ देगा, लेकिन हमने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया।भीषण संकट के बीच सरकार स्टील सेक्टर की ताकत बनी और हमारे स्टील उद्योग सरकार की ताकत बन गए। कोरोना संकट काल में भी हमारे यहां देश में सबसे ज्यादा स्टील का उत्पादन किया। पिछले चार सालों के दौरान छत्तीसगढ़ का औद्योगिक परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है। कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, रायपुर सांसद श्री सुनील सोनी, स्टील कॉन्क्लेव के पदाधिकारी श्री रमेश अग्रवाल, श्री सुरेंद्र त्रिपाठी उपस्थित रहे। -
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न्याय योजनाओं के हितग्राहियों के खाते में 1946 करोड़ 26 लाख रूपए की राशि का करेंगे भुगतानराजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त: 23.23 लाख किसानों के खाते में होगा 1793 करोड़ रूपए का भुगतान
राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना: 4.99 लाख हितग्राहियों को 149.92 करोड़ रूपए की सहायता
गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को मिलेंगे 6.34 करोड़ रूपए
मुख्यमंत्री श्री बघेल नवनिर्मित 278 मल्टीएक्टिविटी सेन्टर का करेंगे लोकार्पण
राजीव गांधी नगरीय भूमिहीन मजदूर न्याय योजना का होगा शुभारंभ
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 25 मार्च को मुंगेली जिले के सरगांव में आयोजित प्रदेश स्तरीय ‘भरोसे का सम्मेलन‘ में प्रदेश के किसानों, भूमिहीन मजदूरों और पशुपालकों के लिए संचालित न्याय योजनाओं के अंतर्गत कुल 1946 करोड़ 26 लाख रूपए की राशि का हितग्राहियों के खाते में अंतरण करेंगे। इसके साथ ही साथ मुख्यमंत्री श्री बघेल महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना के तहत ग्रामीण युवाओं में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदेश के विभिन्न स्थानों में नवनिर्मित 278 मल्टीएक्टिविटी सेन्टर का लोकार्पण और राजीव गांधी नगरीय भूमिहीन मजदूर न्याय योजना का शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री क्षेत्र के विकास के लिए 731 करोड़ 54 लाख रूपए की लागत के 73 कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी करेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत सम्मेलन में अति विशिष्ट के रूप में शामिल होंगे। सम्मेलन की अध्यक्षता पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत खरीफ वर्ष 2021 की चौथी एवं अंतिम किस्त के रूप में 23 लाख 23 हजार 154 किसानों के खाते में 1793 करोड़ रूपए की राशि, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत 4 लाख 99 हजार 756 पात्र हितग्राहियों के खाते में तृतीय किस्त की 3000 रूपए प्रति हितग्राही के मान से कुल 149 करोड़ 92 लाख 68 हजार रूपए की राशि का अंतरण करेंगे। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर विक्रेता, पशुपालकों, महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों के खाते में 6 करोड़ 34 लाख रूपए की राशि का भुगतान करेंगे। इस राशि में से 8367 गौठानों और गोबर खरीदी केन्द्रों में 1 से 15 मार्च 2023 तक खरीदे गए 01 लाख 67 हजार 932 क्विंटल गोबर के एवज में गोबर विक्रेता, पशुपालकों को 03 करोड़ 68 लाख रूपए, लाभांश राशि के रूप में स्व-सहायता समूहों को 1.08 करोड़ रूपए तथा गौठान समितियों को 1.58 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया जाएगा। गोबर खरीदी के एवज में भुगतान की जा रही राशि में से 2.02 करोड़ रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा तथा 1.66 करोड़ रूपए की राशि विभाग द्वारा दी जा रही है।
731.54 करोड रूपए की लागत के 73 कार्यों की देंगे सौगात
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सरगांव में आयोजित कार्यक्रम में 731 करोड़ 54 लाख रूपए की लागत के 73 कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी करेंगे। श्री बघेल इसमें से 555.42 करोड़ रूपए की राशि से 54 कार्यों भूमिपूजन एवं शिलान्यास तथा 176.12 करोड़ रूपए की लागत से 19 कार्यों का लोकार्पण करेंगे।
सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के रूप में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं मुंगेली जिले के प्रभारी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, स्कूल शिक्षा, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, बिलासपुर लोकसभा सांसद श्री अरूण साव, विधायक श्री धरमलाल कौशिक, श्री पुन्नूलाल मोहले, श्री धरमजीत सिंह, अध्यक्ष जिला पंचायत मुंगेली श्रीमती लेखनी सोनू चन्द्राकर, अध्यक्ष राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग श्री थानेश्वर साहू, अध्यक्ष नगर पंचायत सरगांव श्री राजीव तिवारी एवं गणमान्य जनप्रतिनिधिगण शामिल होंगे। -
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ऑटो एक्सपो: टैक्स में दी जा रही 50 प्रतिशत की छूट
मुख्यमंत्री ने जनसुविधा के लिए परिवहन विभाग की ऑनलाइन आदि विभिन्न सेवाओं की सराहना की
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज ग्राउण्ड में रायपुर ऑॅटो मोबाईल्स डीलर्स एसोसिएशन (राडा) के तत्वाधान में आयोजित 7वें ऑटो एक्सपो में शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल का इस अवसर पर राडा द्वारा रायपुर ऑटो एक्सपो में सरकार द्वारा दी जा रही टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट पर काफी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आभार व्यक्त किया गया। इस निर्णय से ऑटो एक्सपो को दौरान वाहन खरीदी करने वाले लोगों को बड़ा आर्थिक लाभ मिलेगा। वहीं ऑटो मोबाईल्स डीलर्स के व्यवसाय में वृद्धि भी होगी। उन्होंने इसे आम जनता के लिए बड़ी राहत और फायदेमंद बताया गया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर ऑटो मोबाइल्स सेक्टर से जुड़े डीलरों, वाहन निर्माताओं और उपभोक्ताओं को हिन्दू नववर्ष और नवरात्रि की बधाई दी। उन्होंने कहा कि राडा द्वारा राजधानी रायपुर में ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में मध्य भारत के सबसे बड़े इवेंट ऑटो एक्सपो 2023 का आयोजन किया जा रहा है। इसके माध्यम से उपभोक्ताओं को एक ही स्तर पर नए-नए प्रोडक्ट के बारे में सुगमता से जानकारी मिलेगी और वाहन क्रय करने में काफी सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हुई है। शहरों से लेकर दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में भी विभिन्न तरह के वाहनों की मांग बढ़ी है। आने वाले समय में यह मांग और बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि आज देश और दुनिया जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है, उनमें वाहनों की भी अहम भूमिका है। आज समाज में बदलाव के साथ-साथ वाहनों की मांग भी तेजी से बढ़ी है। साथ ही वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता भी तेजी से बढ़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य में वाहनों के बढ़ते बाजार का विकास सुव्यवस्थित तरीके से हो, नई संभावनाओं का लाभ राज्य को, आम नागरिकों, व्यापारियों को, उद्योगपतियों को अधिक से अधिक मिल पाए और आधुनिक दृष्टिकोण के साथ राज्य में एक बेहतर प्रणाली विकसित करने के लिए हर संभव पहल की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस दौरान राज्य में इसके लिए परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के कुशल मार्गदर्शन में बेहतर परिवहन प्रणाली और परिवहन विभाग द्वारा जनसुविधा के लिए संचालित ऑनलाइन सेवाओं की भी सराहना की। कार्यक्रम को परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि ऑटो एक्सपो में छूट की सुविधा से ऑटो मोबाइल्स सेक्टर वाहनों की बिक्री में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा। उन्होंने परिवहन विभाग द्वारा जनसुविधा के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में भी जिक्र किया। कार्यक्रम में राडा की ओर से आरडीए के अध्यक्ष श्री सुभाष धुप्पड़ को लाइफ टाइम एचिवमेंट अवार्ड से नवाजा गया।
इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुभाष धुप्पड़, रायपुर नगर निगम के महापौर श्री एजाज ढेबर, परिवहन सचिव श्री एस. प्रकाश, रायपुर ऑॅटो मोबाईल्स डीलर्स एसोसिएशन (राडा) के सदस्य एवं पदाधिकारी गण उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के शहादत दिवस पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया । मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि आजादी के इन महानायकों ने मातृभूमि के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। उन्होंने अपने बलिदान से देशवासियों में आजादी की भावना को और अधिक प्रबल किया । भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव भारत माता के सच्चे सपूत थे, जिनका बलिदान युवाओं को देश के लिए सर्वस्व समर्पण की प्रेरणा देता रहेगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग द्वारा योजना को स्वीकृति प्रदान: मापदंड एवं शर्तें जारी किए गए
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा 1 अप्रैल 2023 से प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों को 2500 रुपए प्रतिमाह की दर से बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की गई है। इस संबंध में कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग द्वारा योजना की स्वीकृति प्रदान करते हुए आदेश जारी कर दिया गया है। संचालक रोजगार एवं प्रशिक्षण छत्तीसगढ़ रायपुर ने बताया कि बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिए निर्धारित मापदण्ड एवं शर्तों के अनुसार बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिए आवेदक का छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना आवश्यक है।
शिक्षित बेरोजगारों की आयु 18 से 35 वर्ष के बीच होनी आवश्यक है। वह मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम हायर सेकंडरी (12वीं) उत्तीर्ण हो। वह जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्ग दर्शन केंद्र में पंजीकृत हो और आवेदन के वर्ष के 1 अप्रैल को हायर सेकंडरी अथवा उससे अधिक योग्यता में उसका रोजगार पंजीयन न्यूनतम दो वर्ष पुराना हो। आवेदक की आय का कोई स्त्रोत न हो एवं आवेदक के परिवार की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय 2 लाख 50 हजार रुपए से अधिक न हो। परिवार से तात्पर्य है- पति, पत्नी एवं आश्रित बच्चे एवं आश्रित माता-पिता।
पात्र शिक्षित युवा को प्रथमतः एक वर्ष के लिए बेरोजगारी भत्ता देय होगा। यदि व्यक्ति विशेष का एक वर्ष की इस अवधि में लाभकारी नियोजन नहीं हो पाता है, तो बेरोजगारी भत्ते की अवधि एक वर्ष के लिए और बढ़ाई जा सकेगी। किसी भी प्रकरण में यह अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होगी।
एक परिवार से एक ही व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता दिया जायेगा। यदि किसी परिवार के किसी व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत किया जा चुका है, तो दूसरा व्यक्ति अपात्र होगा। आवेदक के परिवार के किसी भी सदस्य को केन्द्र अथवा राज्य सरकार की किसी भी संस्था अथवा स्थानीय निकाय में चतुर्थ श्रेणी या ग्रुप डी को छोड़कर अन्य नौकरी होने पर ऐसा आवेदक बेरोजगारी भत्ते के लिए अपात्र होगा। यदि आवेदक को स्वरोजगार या शासकीय अथवा निजी क्षेत्र में किसी नौकरी को ऑफर दिया जाता है, परन्तु आवेदक ऑफर स्वीकार नहीं करता है, तो ऐसा आवेदक बेरोजगारी भत्ता के लिए अपात्र होगा।
पूर्व और वर्तमान मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और संसद या राज्य विधान सभाओं के पूर्व या वर्तमान सदस्यों, नगर निगमों के पूर्व और वर्तमान महापौर और जिला पंचायतों के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष के परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ता के लिए अपात्र होंगे। 10,000/- रूपये या उससे अधिक की मासिक पेंशन प्राप्त करने वाले पेंशन भोगी के परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ते के लिए अपात्र होंगे। वे परिवार जिन्होंने पिछले असेस्मेंट ईयर में इनकम टैक्स भरा हो, उनके परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ते के लिए अपात्र होंगे। अन्य पेशेवर जैसे- इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, चार्टर्ड एकाऊन्टेंट और पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत ऑर्किटेक के परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ता के लिए अपात्र होंगे।
बेरोजगारी भत्ते की राशि पात्र हितग्राही के बैंक खाते में प्र्रतिमाह अंतरित की जाएगी। जिन लोगों को बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत किया जाएगा उन सभी व्यक्तियों को कौशल विकास प्रशिक्षण का ऑफर दिया जाएगा। कौशल विकास प्रशिक्षण के पश्चात् उन्हें रोजगार प्राप्त करने में सहायता की जाएगी और यदि वे कौशल विकास प्रशिक्षण में भाग लेने से इनकार करते हैं या ऑफर किया गया रोजगार स्वीकार नहीं करते हैं तो उनका बेरोजगारी भत्ता बंद कर दिया जाएगा।