- Home
- टॉप स्टोरी
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
भू-जल संरक्षण संबंधी कार्यों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए छत्तीसगढ़ को मिल चुका पुरस्कार
रायपुर : राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘नरवा विकास योजना’ के सफल क्रियान्वयन से वनांचल की तस्वीर ही बदल गई है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में नरवा विकास कार्यक्रम के तहत कैम्पा मद अंतर्गत वनांचल स्थित नालों में काफी तादाद मेें भू-जल संरक्षण संबंधी कार्यो का तेजी से क्रियान्वयन जारी है। इससे वन क्षेत्रों के भू-जल स्तर में काफी सुधार दिखाई देने लगा है और वनवासियों सहित क्षेत्रवासियों को पेयजल, सिंचाई तथा निस्तारी आदि सुविधाओं का भरपूर लाभ मिलने लगा है। साथ ही साथ इससे वन संरक्षण तथा संवर्धन के कार्यों को भी बढ़ावा मिला है। राज्य में इसके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को ’स्कॉच अवार्ड’ के पर्यावरण श्रेणी के लिए स्वर्ण पुरस्कार भी मिल चुका है।
वनांचल में चार वर्षों के दौरान 6395 नालों में डेढ़ करोड़ से अधिक संरचनाओं का हो रहा निर्माण
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में गत चार वर्षों के दौरान राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे महत्वाकांक्षी ‘नरवा विकास‘ योजना के तहत वनांचल स्थित 6 हजार 395 नालों के लगभग 23 लाख हेक्टेयर जल ग्रहण क्षेत्रों को उपचारित करते हुए विभिन्न जल संरचनाओं का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इसके तहत एक करोड़ 61 लाख से अधिक भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण शामिल हैं। इन संरचनाओं में ब्रश वुड चेक डैम, लूज बोल्डर चेक डैम, गेबियन संरचना, मिट्टी चेक डैम, कंटूर ट्रेंच, वाटर अब्जॉर्प्शन ट्रेंच तथा स्टेगर्ड कंटूर ट्रेंच का निर्माण शामिल है। इसके अलावा गली प्लग, चेक डैम, स्टॉप डैम, परकोलेशन टैंक तथा तालाब, डबरी और वाटरहोल आदि भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
वनांचल के लगभग 23 लाख हेक्टेयर भू-भाग का होगा उपचार
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल और वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य के वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण तथा संवर्धन के लिए बड़े तालाब में जल स्त्रोतों, नदी-नालों और तालाबों को पुनर्जीवित करने का कार्य लिया गया है। इनमें वर्ष 2019-20 में 863 नालों का चयन कर लगभग 5 लाख हेक्टेयर भूमि को उपचारित करने के लिए 12 लाख से अधिक संरचनाओं का निर्माण शामिल है। जिसमें 160 करोड़ 55 लाख रूपए की राशि से 25 जिलों के अंतर्गत कुल 32 वनमंडल, 01 राष्ट्रीय उद्यान, 2 टायगर रिजर्व, 01 सामाजिक वानिकी तथा 01 एलीफेंट रिजर्व में भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण जारी है।
इसी तरह वर्ष 2020-21 में 2 हजार 055 नालों का चयन कर 6 लाख हेक्टेयर भूमि के उपचार के लिए 46 लाख से अधिक संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है। इनमें 421 करोड़ रूपए की अधिक राशि से 32 वन मंडल, 2 राष्ट्रीय, 3 टायगर रिजर्व एवं 01 एलीफेंट रिजर्व में भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण जारी है। वर्ष 2021-22 में एक हजार 974 नालों का चयन कर 5 लाख 70 हजार हेक्टेयर भूमि के उपचार के लिए 73 लाख से अधिक भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण शामिल हैं। इनमें 407 करोड़ रूपए की अधिक राशि से 32 वन मंडल, 2 राष्ट्रीय उद्यान, 2 टायगर रिजर्व, 01 सामाजिक वानिकी तथा 01 एलीफेंट रिजर्व भूजल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है।
इसके अलावा वर्ष 2022-23 में एक हजार 503 नालों का चयन कर 6 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि के उपचार के लिए 29 लाख से अधिक संरचनाओं का निर्माण जारी है। इनमें 300 करोड़ रूपए की अधिक राशि से 32 वनमंडल, 2 राष्ट्रीय उद्यान, 3 टायगर रिजर्व तथा 01 एलीफेंट रिजर्व में भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बच्चों को मिलेगा पोषण, मिलेट्स की बढ़ेगी खपत, किसानों को होगा फायदा
मुख्यमंत्री ने राजधानी रायपुर में तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ मिलेट कार्निवल का किया शुभारंभ
नगरीय क्षेत्रों में खुलेंगे 6 मिलेट्स कैफे
भारत सरकार के मिलेट्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के सीईओ ने की छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन की सराहना
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में बच्चों के लिए संचालित मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में मिलेट्स को शामिल किया जाना चाहिए। इससे देशभर के बच्चों को जहां भरपूर पोषक तत्व मिलेंगे वहीं मिलेट्स का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए मिलेट्स उत्पादों के बाजार की समस्या नहीं रहेगी और किसानों को फायदा भी होगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज राजधानी रायपुर के सुभाष स्टेडियम में आयोजित तीन दिवसीय ‘छत्तीसगढ़ मिलेट कार्निवल’ का शुभारंभ करते हुए इस आशय के विचार प्रकट किए।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ावा देने और इनसे मिलने वाले पोषक तत्वों के बारे में जन जागरूकता के लिए वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। छत्तीसगढ़ पहले ही मिलेट्स के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन के मामले में काफी आगे है और धीरे धीरे मिलेट्स हब के रूप में उभर रहा है। आज जब मिलेट्स फसलों का रकबा जब पूरी दुनिया में सिमट रहा है, तब हमारे राज्य में इसका रकबा बढ़ रहा है। राज्य सरकार से मिलेट्स उत्पादक किसानों को मिले प्रोत्साहन से प्रदेश में मिलेट्स फसलों के रकबा में लगभग 3 गुना वृद्धि हुई है, पहले 70 हजार हेक्टेयर रकबा में मिलेट्स की खेती होती थी, अब यह रकबा बढ़कर 1 लाख 65 हजार हेक्टेयर हो गया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मिलेट्स के अंतर्गत मुख्य रूप से कोदो, कुटकी और रागी की खेती होती रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कोदो, कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य घोषित करने वाला और समर्थन मूल्य पर खरीदी करने वाला देश का पहला राज्य है। राज्य सरकार द्वारा कोदो और कुटकी का तीन हजार रूपए समर्थन मूल्य घोषित किया गया और राजीव गांधी किसान न्याय योजना में मिलेट्स उत्पादक किसानों को 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की इनपुट सब्सिडी देने के परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ में मिलेट्स का उत्पादन बढ़ा। हमारे किसानों का उत्साह बढ़ा और पहले ही साल में 55 हजार किं्वटल मिलेट्स की खरीदी की गई। मिलेट्स की डिमांड बढ़ने के कारण खुले बाजार में इसकी खपत हो रही है, इसके कारण इस वर्ष समर्थन मूल्य पर 35 हजार क्विंटल की खरीदी ही हो पाई। कोदो, कुटकी एवं रागी का बाजार मूल्य भी बढ़ा, पहले 12 से 15 रुपए प्रति किलो मिलेट्स का बाजार मूल्य होता था, आज बढ़कर 25 से 28 रुपए तक पहुंच चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलेट्स प्रसंस्करण के मामले में भी छत्तीसगढ़ बहुत आगे निकल गया है। मिलेट्स प्रसंस्करण का देश का सबसे बड़ा प्लांट छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के नथिया नवागांव में बनाया गया है, जिसमें 22 प्रकार के उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। मिलेट्स के उत्पादन, महिला स्व-सहायता समूहों और वनधन समितियों के माध्यम से संग्रहण और प्रसंस्करण के जरिए हजारों महिलाओं को रोजगार मिला। मिलेट्स की खेती के प्रति किसानों का आकर्षण बढ़ा, उनकी आय में भी वृद्धि हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पोषक गुणों के कारण आज मिलेट्स की डिमांड देश-विदेश में बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि कोदो, कुटकी और रागी छत्तीसगढ़ में यह हमेशा से बोया जाता रहा है। यह फसल ग्रामीण क्षेत्रो में उन जमीनों पर लगाई जाती थी, जहां सिचाई नहीं के बराबर होती थी। पहले छत्तीसगढ़ के बड़े किसान भी कोदो को संग्रहित करके रखते थे, क्योंकि सूखे के समय यही पेट भरने के काम आता था। कोदो के बीज 12 वर्ष तक सुरक्षित रहते हैं। इसकी फसल में बीमारी नहीं लगती इस कारण इसमें पेस्टिसाइड का उपयोग नहीं होता। आज फसलों में उपयोग किए जाने वाले पेस्टिसाइड भी लाईफ स्टाईल के साथ बीपी, शुगर, कैंसर जैसे रोगों की वजह है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पानी पड़ने के बाद कोदो का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, इससे फूड पाईजनिंग का खतरा रहता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलेट्स विशेष रूप से कोदो को मेहनतकश लोगों का भोजन समझा जाता था, कोदो मिनरल्स और पोषक तत्वों से भरपूर है, शुगर इसमें कम से कम है। आज कोदो अमीरों का भोजन बन गया है। क्योंकि डायबिटिज सबसे ज्यादा इस वर्ग के लोगों में है। उन्होंने कोदो, कुटकी और रागी, लघु वनोपजों की खरीदी और प्रसंस्करण के कार्य में वन विभाग द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलेट्स के गुणों को देखते हुए इसे भोजन की थाली में शामिल किया जाना चाहिए।
वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि मिलेट्स के गुणों को देखते हुए ‘सेहत के मोती, कोदो-कुटकी-रागी’ के स्लोगन के साथ छत्तीसगढ़ मिलेट कार्निवल का आयोजन राजधानी रायपुर में किया जा रहा है। इस कार्निवाल के माध्यम से हमें मिलेट्स की खूबियों के बारे में जानने को मिलेगा। कोदो, कुटकी और रागी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर 10 जनवरी 2022 को छत्तीसगढ़ मिलेट्स मिशन शुरू किया गया। राज्य सरकार द्वारा मिलेट्स को प्रोत्साहन देने का अभियान छत्तीसगढ़ में सफल रहा, इससे मिलेट्स की बाजार में मांग बढ़ गई है। यह प्रशंसनीय है।
भारत सरकार के प्रतिनिधि ने की छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन की सराहना
शुभारंभ समारोह में भारत सरकार के मिलेट्स रिसर्च इंस्टीट्यूट, न्यूट्रीहब के सीईओ डॉ. बी. दयाकर रॉव ने छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में मिलेट मिशन का कार्य काफी अच्छा है। अब तक मिलेट्स के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में जितने कार्य हुए उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ में मिलेट मिशन का भविष्य उज्ज्वल है।
महिला स्व-सहायता समूहों को वितरित किए गए लैपटॉप
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में नारायणपुर में फूल झाडू और वनौषधियों का उत्पादन करने वाले चरख महिला स्व-सहायता समूह की सरिता निषाद और कटघोरा के हरबोल स्व-सहायता समूह की सरोज पटेल को प्रतीक स्वरूप लैपटॉप वितरित किए। आज के कार्यक्रम में 12 समूहों को क्रॉप स्टेज के सहयोग से लैपटॉप वितरित किए गए। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा प्रकाशित कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।
कार्निवाल में 7 राज्यों ने की शिरकत
प्रमुख सचिव वन श्री मनोज कुमार पिंगुआ ने अपने सम्बोधन में बताया कि कार्निवाल का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ तथा आईआईएमआर हैदराबाद के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। उन्होंने बताया कि कार्निवाल 49 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें से 25 छत्तीसगढ़ के तथा 24 अन्य राज्यों के हैं। इस कार्निवाल में 7 राज्यों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कोदो, कुटकी और रागी की 9 प्रजातियां विकसित की गई है। विश्व विद्यालय के पास 300 क्विंटल बीज उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि 6 स्थानों पर मिलेट्स कैफे प्रारंभ करने की योजना है। कार्यक्रम को प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री संजय शुक्ला ने कहा कि मिलेट्स सुपर फूड हैं, इसमें फायबर, प्रोटीन, मिनरल्स के साथ ग्लूटेन फ्री है, इसका ग्लाइसेमिक इनडेक्स बहुत कम है। राज्य सरकार द्वारा दिए गए प्रोत्साहन से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स का मूल्य काफी बढ़ गया है। अन्य राज्यों के लोग छत्तीसगढ़ से मिलेट्स की खरीदी कर रहे हैं। एन.टी.बी.एन. के सदस्य डॉ. राज भंडारी, आईसीएआर-आईआईएमआर की संचालक डॉ. तारा सत्यवथी, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जे. स्टेनली ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, रायपुर महापौर श्री एजाज ढेबर, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह भी उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
हुक्का बार का संचालन अवैध घोषित
हुक्का बार संचालन करते पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध कायम होगा गैर-जमानतीय अपराध
संशोधन अधिनियम तत्काल प्रभाव से लागू
रायपुर : प्रदेश में हुक्का बार का संचालन अवैध घोषित कर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा युवाओं में बढ़ते नशे की प्रवृत्ति पर प्रभावी रोक लगाते हुये राज्य में एक स्वस्थ वातावरण के निर्माण की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम उठाया गया है। हुक्का बार संचालन की रोकथाम के लिए अधिनियम में संशोधन करते हुए कठोर प्रावधान किए गए हैं। संशोधित अधिनियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।प्रदेश के विभिन्न भोजनालय, होटल, रेस्टॉरेन्ट आदि सहित अन्य जगहों पर संचालित हुक्का बारों में फ्लेवरयुक्त सामग्री के अलावा तम्बाकू एवं अन्य मादक द्रव्यों के उपयोग किये जाने से युवा पीढ़ी सहित आमजन आकर्षित होकर अपने स्वास्थ्य का नुकसान करने की जानकारी प्राप्त हो रही थी। अतः इन हुक्का बारों पर प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक प्रतीत हो रहा था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा इस अवैध गतिविधि पर संज्ञान लेते हुये हुक्का बारों पर कठोर कार्यवाही करने तथा समस्त हुक्का बारों को बंद किये जाने के निर्देश दिये गये थे। मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में पुलिस विभाग द्वारा समस्त हुक्का बारों पर कठोर कार्यवाहियां की गई तथा प्रदेश के समस्त हुक्का बारों को बंद कराया गया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा निर्देश दिया गया कि उपरोक्त अधिनियम में वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखते हुये आवश्यक संशोधन किया जाये, ताकि युवा पीढ़ी इस प्रकार के नशे की आदि न हो सके। निर्देशों को गंभीरता से लेते हुये भारत सरकार के “सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003’’ में आवश्यक संशोधन का प्रारूप छत्तीसगढ़ शासन द्वारा तैयार किया गया। अधिनियम के संशोधन प्रस्ताव को छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा पारित किये जाने के पश्चात् सक्षम अनुमति प्राप्त की गई। छत्तीसगढ़ राज्य के विधि और विधायी कार्य विभाग द्वारा 10 फरवरी 2023 को अधिनियम का प्रकाशन छत्तीसगढ़ राजपत्र में किया गया।
संशोधन अधिनियम के तहत राज्य में किसी भी प्रकार के हुक्का बार के संचालन को प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही किसी भी सामुदायिक हुक्का बार में हुक्का या नरगिल के माध्यम से धुम्रपान को भी निषिद्ध किया गया है। हुक्का बार के संचालन पाये जाने पर हुक्का बार के विषय या साधन के रूप में उपयोग की जाने वाली किसी भी सामग्री या वस्तु को जप्त करने का प्रावधान किया गया है। जो कोई भी व्यक्ति हुक्का बार का संचालन करते पाया जाएगा उसके विरूद्ध गैर-जमानतीय अपराध कायम होगा तथा वह ऐसे कारावास जो कि 03 वर्ष तक का हो सकेगा, किन्तु 01 वर्ष से कम नहीं होगा और जुर्माना, जो कि 50 हजार रुपये तक का हो सकेगा, किन्तु जो 10 हजार रुपये से कम का नहीं होगा, से दण्डनीय होगा। इसी तरह जो कोई व्यक्ति हुक्का बार में हुक्का के माध्यम से धुम्रपान करते हुये पाया जाता है तो वह ऐसे जुर्माना, जो कि 5 हजार रुपये तक हो सकेगा, किन्तु जो एक हजार रुपये से कम नहीं होगा, से दण्डित किया जाएगा। यह संशोधन अधिनियम तत्काल प्रभाव से प्रभावशील हो गया है।
अधिनियम के कठोर प्रावधानों से हुक्का बारों के संचालन एवं हुक्का बारों में सम्मिलित होकर हुक्कापान करने की प्रवृत्ति पर निश्चित रूप से प्रभावी नियंत्रण स्थापित होगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नात्कोतर महाविद्यालय के वार्षिक उत्सव और पदक वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री
महाविद्यालय में अहाता निर्माण के लिए 50 लाख रूपए, खेल मैदान समतलीकरण के लिए 10 लाख रूपए की घोषणा की
युवाओं को रोजगार दिलाने चलाये जा रहे रोजगार मूलक कार्यक्रमराजनांदगांव : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए गए महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की तरह शहरी क्षेत्रों में भी युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ‘अर्बन रूरल इंडस्ट्रियल पार्क’ की स्थापना की जाएगी। राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में युवाओं को स्वयं के छोटे-छोटे उद्योग प्रारंभ करने के लिए विकसित भू-खंड, बिजली, पानी सहित अन्य जरूरी अधोसंरचनाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।मुख्यमंत्री श्री बघेल आज राजनांदगांव के शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के वार्षिक महोत्सव और पदक वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद देते हुए कहा कि छात्र जीवन में अनेक संभावनाओं के द्वार खुलते हैं। वार्षिक महोत्सव कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को अपनी प्रतिभा साबित करने और आगे आने का अच्छा अवसर मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनांदगांव जिला कला-साहित्य के क्षेत्र में पूरे राज्य में विख्यात है। उन्होंने कहा कि यहां के साहित्यकार गजानन माधव मुक्तिबोध, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, डॉ. बल्देव प्रसाद मिश्र ने राजनांदगांव जिले का नाम रोशन किया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को प्रतियोगी परीक्षा के लिए फीस माफ की गई है। साथ ही कमजोर वर्गों के छात्रों को अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की स्थापना की गई है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महाविद्यालय के सत्र 2022 के मेधावी और विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को पदक वितरण करते हुए सम्मानित किया। महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं की मांग पर मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय में अहाता निर्माण के लिए 50 लाख रूपए एवं खेल मैदान समतलीकरण के लिए 10 लाख रूपए की घोषणा की। साथ ही उन्होंने पार्किंग एवं अन्य अधोसंरचना के लिए आने वाले समय में बजट में प्रावधान करने की घोषणा की।
इस अवसर पर अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण श्री दलेश्वर साहू, खुज्जी विधायक श्रीमती छन्नी साहू, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम श्री धनेश पाटिला, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग श्री जितेन्द्र मुदलियार, अध्यक्ष जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित श्री नवाज खान, अध्यक्ष राजगामी संपदा न्यास श्री विवेक वासनिक सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रीपा की तर्ज पर सभी नगर निगम और नगर पालिकाओं में खुलेंगे अर्बन कॉटेज और सर्विस इंडस्ट्रीज पार्क - मुख्यमंत्री
रायपुर एवं भिलाई में सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर सुविधा सहित बीपीओ खोलने की घोषणा
भिलाई में 20 करोड़ की लागत से विश्वस्तरीय सेंट्रल लाइब्रेरी कम रीडिंग ज़ोन बनाया जायेगा
सुरक्षा व्यवस्था हेतु शहरों के मार्केट एरिया में लगेंगे सीसीटीवी कैमरेरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बुधवार को राज्य के नागरिकों को एक हजार करोड़ रूपये के विकास कार्यों की महत्वपूर्ण सौगात दी । मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के गौरव समागम-2023 में शामिल होते हुये कहा कि हमारी सरकार में नागरिकों को घर बैठे ही सुविधाएं मिल रहीं है । इसके साथ ही सभी नगरीय निकायों ने नागरिक सुविधाओं को बेहतर किया है । उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने राशनकार्ड बनाने में सुधार किया है । आज सभी का राशनकार्ड आसानी से बन जाता है । पहले भवन अनुज्ञा लेने में बहुत मुश्किल होती थी लेकिन अब इसका सरलीकरण किया गया है। मुख्यमंत्री मितान योजना के तहत घर बैठे ही 15 प्रकार की सेवाएं मिल रही हैं ।मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा करते हुये कहा कि युवाओं के रोजगार हेतु रायपुर एवं भिलाई में सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर सुविधा सहित बीपीओ खोले जाएंगे । छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा हेतु भिलाई में 20 करोड़ की लागत से विश्वस्तरीय सेंट्रल लाइब्रेरी कम रीडिंग ज़ोन बनाया जायेगा । मुख्यमंत्री ने रीपा की तर्ज पर सभी नगर निगम और नगर पालिकाओं में अर्बन कॉटेज और सर्विस इंडस्ट्रीज पार्क खोलने की घोषणा की । नागरिकों की स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा हो इसके लिये उन्होंने नगर निगमो में स्मार्ट हेल्थ कियोस्क बनाने की घोषणा की जिसमें बीपी, सुगर, ब्लड टेस्ट की नि:शुल्क सुविधा मिलेगी । मुख्यमंत्री ने शहरों के मार्केट एरिया में सीसीटीवी, आधुनिक शौचालय और विकास व्यवस्था की घोषणा करते हुये कहा कि जनप्रतिनिधियों की मांग पर नगरीय निकायों की चुंगी क्षतिपूर्ति राशि को 26 रुपये से बढ़ाकर 35 रुपये किया जायेगा
मुख्यमंत्री ने की ये अहम घोषणायें- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी नगरीय निकायों को विकास कार्यों हेतु लगभग 1 हजार करोड़ रूपये राशि देने की घोषणा की । उन्होंने नगर निगम रायपुर को 100 करोड़, बिलासपुर नगर निगम को 50 करोड़, दुर्ग नगर निगम को 25 करोड़, भिलाई-चरौदा, अम्बिकापुर, जगदलपुर को 20-20 करोड़, रिसाली, राजनांदगांव, रायगढ़ एवं कोरबा को 15-15 करोड़, बिरगांव, धमतरी एवं चिरमिरी को 10-10 करोड़ की राशि देने की घोषणा की । इसके साथ ही सभी नगर पालिकाओं को 5-5 करोड़ और सभी नगर पंचायतों को 3-3 करोड़ रूपये देने की घोषणा की ।
मुख्यमंत्री ने रायपुर, भिलाई और बिलासपुर में शहरी महिला आजीविका केंद्र ,रायपुर शहर के जल भराव वाले क्षेत्रों में ड्रेनेज सिस्टम ,भूमि विकास नियम का सरलीकरण, अम्बिकापुर में महात्मा गांधी स्टेडियम का उन्नयन, सड़क निर्माण एवं सौंदर्यीकरण की घोषणा की ।
गौरव समागम समारोह कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री शिवकुमार डहरिया ने कहा कि विगत 4 वर्षों में नगरीय निकाय क्षेत्र में मूलभूत सुविधा सड़क, पानी, बिजली और सफाई के क्षेत्र में बेहतर कार्य और व्यवस्था में सुधार किया गया है । निकाय क्षेत्रों में विकास के मापदंडों में नियमित सुधार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में नगरीय निकाय में सभी क्षेत्रों में बेहतर विकास कार्य हो रहा है। कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संसदीय सचिव श्री रेखचंद्र जैन, रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर , विशेष सचिव डॉ अय्याज तंबोली, संचालक श्री आर एक्का, सूडा के सीईओ श्री सौमिल रंजन चौबे सहित सभी निकायों के महापौर, अध्यक्ष एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे ।
उत्कृष्ट कार्य हेतु नगरीय निकायों को किया गया पुरुस्कृत- गौरव समागम समारोह में विभिन्न विभागीय योजनाओं के उत्कृष्ट क्रियान्वयन हेतु नगरीय निकायों को पुरुस्कृत किया गया। मुख्यमंत्री मितान योजना में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए नगर निगम बीरगांव को सर्वाधिक सक्रिय निकाय, नगर निगम भिलाई चरोदा को व्यापक कवरेज के लिए तथा नगर निगम अम्बिकापुर को नगरीय निकाय से संबंधित सेवाओं के क्रियान्वयन के लिए पुरुस्कृत किया गया। मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए नगर निगम धमतरी, नगर पालिका परिषद दल्लीराजहरा तथा नगर पंचायत आमदी को पुरस्कृत किया गया। श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना में बेहतर प्रदर्शन के लिए नगर पालिक निगम रायगढ़, नगर पालिका परिषद गरियाबंद तथा नगर पंचायत गुरुर को पुरस्कृत किया गया। अधिकतम राजस्व वसूली के लिए नगर पालिक निगम रायपुर, नगर पालिका परिषद दीपका एवं नगर पंचायत खरोरा को पुरस्कृत किया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गौरव समागम समारोह अवसर पर विगत 4 वर्षो की विभागीय उपलब्धियों पर आधरित कॉफी टेबल बुकलेट का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने विभागीय उपलब्धियों पर आधारित वीडियो, प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत मोर प्रदर्शन मोर सम्मान मार्गदर्शिका का विमोचन, स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत एस्पिरेशनल टॉयलेट डिजाइन हेतु मार्गदर्शिका का विमोचन तथा भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत खुशियों का आशियाना थीम पर आयोजित प्रतियोगिता में चयनित हितग्राहियों को पुरुस्कार वितरण किये। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
डेढ़ लाख से बढ़कर 6 लाख से ज्यादा हुए वनोपज संग्राहक
लघु वनोपजों की खरीदी की मात्रा में 78 गुना से ज्यादा की हुई वृद्धिकोदो, कुटकी, रागी भी समर्थन मूल्य पर खरीद रही छत्तीसगढ़ सरकार
रायपुर : रोजगार, स्व-रोजगार, स्थानीय संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और उद्यमिता विकास को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने अभूतपूर्व कार्य किये हैं। इन चार वर्षों में ग्रामीण तबकों और सुदूर वनांचल क्षेत्रों में रहने वाले जरूरतमंद लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचा है, जिसके परिणाम स्वरुप प्रदेश के बनवासी, ग्रामीण, किसान, मजदूर और कारीगर वर्ग को बड़ा लाभ हुआ है। छत्तीसगढ़ सरकार के जनहितैषी नीतियों का ही परिणाम है कि आज प्रदेश का हर वर्ग आर्थिक रूप से सशक्त और सम्पन्न हो रहा है। छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में निवास करने वाले वनवासी एवं आदिवासियों के हित में और वनों में उनके अधिकारों को और अधिक दृढ करने एवं वनोपज से आय में वृद्धि के सपने को साकार करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं।
राज्य में पहली बार समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी, रागी की खरीदी की गई। लघु धान्य फसलों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में मिलेट मिशन भी चलाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में देश का 74 प्रतिशत लघु वनोपज संग्रहित होता है। सरकार ने संग्राहकों के हित में लघु वनोपजों की संख्या में 9 गुना वृद्धि करते हुए 7 से बढ़ाकर 65 लघु वनोपजों की खरीदी करने का निर्णय लिया यही कारण है कि इन चार सालों में संग्राहकों की संख्या में भी 4 गुना से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है, वर्ष 2018-19 में संग्राहकों की संख्या 1.5 लाख थी जो आज बढ़कर 6 लाख हो गई है। लघु वनोपजों की खरीदी की मात्रा में भी 78 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, वर्ष 2021-22 में कुल 42 हजार मीट्रिक टन लघु वनोपजों की खरीदी की गई है, जबकि यह मात्रा वर्ष 2018-19 में 540 मीट्रिक टन थी।
छत्तीसगढ़ पूरे देश का सबसे बड़ा वनोपज संग्राहक राज्य हैै, इस वर्ष राज्य सरकार ने 120 करोड़ रूपए का भुगतान वनोपज संग्राहकों को किया है। वर्ष 2020-21 में 153.46 करोड़ रुपए का लघु वनोपज देशभर में खर्च की गई राशि का अकेला 78 प्रतिशत है। पिछले चार वर्षों में छत्तीसगढ़ सरकार की जनहितैषी योजनाओं के परिणाम स्वरुप 13 लाख तेंदुपत्ता संग्राहकों एवं 06 लाख वनोपज संग्राहकों को 250 करोड़ रूपए की अतिरिक्त सालाना आय हुई है। संग्रहण के साथ-साथ 129 वनधन विकास केन्द्रों के माध्यम से वनोपजों का प्रसंस्करण कर 134 हर्बल उत्पादों का छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के नाम से विक्रय करने के लिए मुख्यमंत्री की पहल पर 6 सी-मार्ट और 30 संजीवनी केन्द्रों की स्थापना की गई है।छत्तीसगढ़ सरकार ने अन्य राज्यों की तुलना में पेसा कानून को लेकर बेतहतर प्रावधान बनाए हैं ताकि वनांचलों में स्थानीय स्वशासन सशक्त हो सकें और वन में रहने वाले लोगांे को ज्यादा अधिकार मिल सकें। सरकार आदिवासियों के रोजगार, स्व-रोजगार के लिए और उनकी आय में वृद्धि हो सकें इस दिशा में अनेकों प्रयास कर रही है। संग्राहको के हित में तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 25 सौ रूपए से बढ़ाकर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा किया गया है, वहीं संग्राहको को 4 वर्ष में 2146.75 करोड़ रूपए तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक एवं 339.27 करोड़ रूपए प्रोत्साहन पारिश्रमिक का भुगतान किया गया है। संग्राहक परिवारों के हित में शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत् अब तक 4692 हितग्राहियों को 71.02 करोड़ रूपए की सहायता प्रदान की गई है। वन अधिकारों के क्रियान्वयन में भी छत्तीसगढ़ देश में अग्रणी राज्य है। छत्तीसगढ़ सरकार ने लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा दिया है और लाख उत्पादक कृषकों को अल्पकालीन ऋण प्रदान करने की योजना भी लागू की है, जिसके प्रभाव स्वरूप आज लाख उत्पादक किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत के प्रतिनिधिमंडल ने की सौजन्य मुलाकात
धान खरीदी: किसानों को इस साल 22 हजार करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज शाम राजधानी स्थित उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ सिन्धी पंचायत के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री को इस दौरान प्रतिनिधिमंडल द्वारा भगवान श्री झूलेलाल सांई के जन्मोत्सव कार्यक्रम ‘चंड्र जी रात’ में मुख्य अतिथि के बतौर शामिल होने का आमंत्रण दिया। यह कार्यक्रम 22 मार्च 2023 को रात्रि 9 बजे से राजधानी के शंकर नगर स्थित बी.टी.आई. ग्राउण्ड में आयोजित होगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने भगवान श्री झूलेलाल सांई के जन्मोत्सव कार्यक्रम में आमंत्रण के लिए प्रतिनिधिमंडल को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार हर वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं। यहां उनके हित में संचालित जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के परिणाम स्वरूप किसान, मजदूर और व्यापारी, हर वर्ग के लोगों में खुशी का माहौल बना हुआ है। उन्होंने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू होने के बाद हर साल धान का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। पिछले साल 98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी और अब इस साल सभी पिछली रिकार्ड तोड़ते हुए 107 लाख मीट्रिक टन से अधिक की खरीदी की गई है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अवगत कराया कि राज्य में धान खरीदी का कार्य सफलता पूर्वक संचालित हुआ। इसके लिए शासन-प्रशासन की ओर से बेहतर प्रबंध किए गए थे, जिससे किसानों को धान बेचने में काफी सहूलियत हुई। इस तरह राज्य में धान खरीदी सुव्यस्थित ढंग से संपन्न कर किसानों को इस साल 22 हजार करोड़ रूपए से अधिक राशि का भुगतान किया गया है। इस साल देश भर में धान बेचने वाले किसानों में छत्तीसगढ़ के किसानों की संख्या सबसे ज्यादा रही, जो एक कीर्तिमान है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि राज्य में किसानों के साथ-साथ राइस मिलर्स और व्यापारी वर्ग के हित में भी अहम निर्णय लिए गए। हमें अपने वादे को पूरा करते हुए कस्टम मिलिंग की प्रोत्साहन राशि 40 रूपए से बढ़ाकर 120 रूपए कर दी हैं। इससे धान के उठाव सहित कस्टम मिलिंग में काफी तेजी आई है। कस्टम मिलिंग की प्रक्रिया के सुचारू रूप से संचालन की वजह से ही धान खरीदी और प्रोसेसिंग के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इस साल राज्य में 249 नई राईस मिले स्थापित हुई है, जिसके तहत राज्य में कस्टम मिलिंग करने के लिए पंजीकृत मिलर्स की संख्या 2035 से बढ़कर अब 2284 हो गई है। राज्य में इस तरह किसान, मजदूर और व्यापारी सहित हर वर्ग के लोगों में खुशी का माहौल बना हुआ है।
इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल में छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत के पदाधिकारी श्री श्रीचंद सुंदरानी, श्री इंद्रकुमार डोडवानी, श्री रमेश मिरघानी, श्री किशोर आहूजा आदि शामिल थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जशपुर का प्राकृतिक सौन्दर्य और मौसम खुशनुमा
मुख्यमंत्री ग्राम मयाली में आयोजित युवा महोत्सव 2023 में हुए शामिल
मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले को 230.70 करोड़ रूपए की लागत के विकास कार्यों की सौगात दी
स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, रोजगार के क्षेत्र में किए जा रहे हैं, बेहतर कार्य
जशपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखण्ड के ग्राम मयाली में आयोजित युवा महोत्सव 2023 के कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जशपुर प्राकृतिक रूप से बहुत ही सुन्दर है। यहां का मौसम बहुत ही खुशनुमा है और यहां का मयाली महोत्सव इसमें चार चांद लगा रहा है। पर्यटन के क्षेत्र में भी जशपुर जिले में अपार संभावना को देखते हुए पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए अब देश और विदेश के लोग भी आकर्षित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर जिलेवासियों को 230 करोड़ 70 लाख रूपए की लागत के अनेक विकास कार्याे की दी सौगात। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने 176.74 करोड़ रूपए के 45 कार्यों का शिलान्यास एवं 53.96 करोड़ रूपए के 45 कार्यों का लोकार्पण किया। साथ ही हितग्राही मूलक योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को पट्टा, चेक और सामग्री वितरित की।
मयाली महोत्सव में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, गृह एवं लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, लोक स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संसदीय सचिव एवं कुनकुरी विधायक श्री यू.डी.मिंज, जशपुर विधायक श्री विनय भगत, रायगढ़ विधायक श्री प्रकाश नायक भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महोत्सव स्थल पर छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं की जानकारी स्टॉल के माध्यम से दी जा रही है। निश्चित रूप में नई दिशा में हम सब आगे बढ़ रहे हैं। किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऋण माफी और समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना और लघु वनपज की खरीदी एवं वैल्यूएडिशन से आम लोगों को और किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। रोजगार के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 107 लाख 53 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है। 22 हजार करोड़ की राशि किसानों के खाते में सीधे भुगतान किया गया है। गोधन न्याय योजना में 100 लाख क्विंटल से अधिक गोबर खरीदी की गई है और 200 करोड़ रूपए से अधिक की राशि विक्रेताओं के खाते में दी गई है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि मजदूरों की आय बढ़ाने और रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया जा रहा है। स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल से सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर उनकी भविष्य संवारा जा रहा है। भेंट-मुलाकात के दौरान जशपुर जिले को विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी गई थी। जिसका लाभ अब लोगों को मिलने लगा है।
श्री बघेल नेे कहा कि छत्तीसगढ़ में पुरानी खेल परम्पराओं को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। पहले महिलाएं अपने मायके में गंेड़ी, फुगड़ी एवं अन्य खेल खेलती थी, अब छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में उन्होंने ससुराल में भी परम्पारिक खेलों में अपनी प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन किया। जिसके कारण छत्तीसगढ़िया खेलों को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने हरेली, तीजा, पोरा, आदिवासी दिवस के दिन भी अवकाश घोषित किया है। साथ ही छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, परम्परा, लोक नृत्यों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव मनाया जा रहा है। अब लोक छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परम्पराओं को देश-विदेश तक जानने लगे हैं।
कुनकुरी विधायक श्री यू.डी.मिंज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन गांव, गरीब किसानों, मजदूरों, महिलाओं सभी वर्ग के हित के लिए बेहतर कार्य कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री को जशपुर जिले में पर्यटन के क्षेत्र में किए जा रहे विकास कार्य के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
ग्राम कठिया में कुर्मी समाज और सतनामी समाज के भवन निर्माण के लिए 20-20 लाख रूपए की घोषणा
आसोदा पंचायत का स्कूल अब बलदेव प्रसाद वर्मा के नाम से जाना जाएगा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मूल पहचान सरलता, सहजता और आपसी भाईचारा है। राज्य सरकार पुरखों के बताए हुए रास्ते पर चलकर गरीबों, किसानों, मजदूरों सहित सभी वर्गों के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्राचीन समय में समाज में जो बुराई और कुसंगतिया थी, उसमें सुधार करने का दौर है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के ग्राम कठिया (खौली) में आयोजित छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज चंदखुरी राज के 77वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने समाज के पदाधिकारियों की मांग पर कुर्मी समाज के सामाजिक भवन के लिए 20 लाख रुपए और सतनामी समाज के सामाजिक भवन निर्माण के लिए 20 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने आसोदा पंचायत के स्कूल को बलदेव प्रसाद वर्मा के नाम पर करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर समाज की प्रतिभाओं, समाजसेवियों, उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों एवं मेधावी छात्रों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि कुर्मी समाज ने एक प्रगतिशील समाज के रूप में आगे आकर सभी लोगों के विकास के लिए काम किया है। कोरोना काल में भी राज्य के सभी समाज के लोगों ने सेवा की मिसाल पेश की। किसी ने दवाई, किसी ने रहने की व्यवस्था, खाने की व्यवस्था, अस्पताल की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि देश की आजादी, शिक्षा के आंदोलन और छत्तीसगढ़ निर्माण में अपनी सहभागिता निभाई। डॉ. खूबचंद बघेल की दूरदर्शिता का यह परिणाम है कि आज छत्तीसगढ़ नए राज्य के रूप में विकसित हुआ और आज निरंतर विकास के पद पर आगे बढ़ रहा है। आज गरीब परिवार और गांव के बच्चे भी अंग्रेजी स्कूल में पढ़ रहे हैं और समाज को गढ़ने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आज संस्कृति के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की देश में एक अलग पहचान बन चुकी है। देश का एकमात्र कौशल्या मंदिर चंदखुरी में है। अब हर साल यहां कौशल्या उत्सव मनाया जाएगा, जहां देश भर से कलाकार शामिल होंगे। राजिम को पहले कुंभ मेले के नाम से जाना जाता था, अब इसे राजिम माघी पुन्नी मेला के नाम से जाना जाता है। यह मेला 15 दिनों तक चलता है और यहां लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति देते हैं। आज राजिम, शिवरीनारायण और डोंगरगढ़ सहित धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर ठहरने की व्यवस्था की गई है। आप यहां जाइए दर्शन करने के बाद रुके और आसपास घूमकर आइए।
नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने भी चंदखुरी राज के मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के वार्षिक अधिवेशन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में पूरे देश में प्रदेश का नाम रोशन हुआ है। पूरे देश में विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गरीब, किसान, मजदूरों को आर्थिक रूप से सशक्त करने का काम कर रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना और भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के माध्यम से प्रदेश के किसानों को उपज की सर्वाधिक कीमत मिल रही है। भूमिहीन मजदूरों को सालाना 7 हजार रूपए की सहायता दी जा रही है, राज्य सरकार ने बिजली बिल हाफ योजना लागू की और गरीब-अमीर सबके लिए राशन उपलब्ध कराने का काम किया गया है। शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर काम हो रहा है। डॉ. डहरिया ने गत दिनों भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न विकास कार्यों के लिए 100 करोड़ रूपए की स्वीकृति के लिए क्षेत्रवासियों की ओर से मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में समाज के प्रबुद्धजन श्री चोवाराम वर्मा, श्री राम कुमार वर्मा, भोला राम वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा, कठिया के सरपंच श्री रूपेंद्र वर्मा, श्रीमती राजेश्वरी वर्मा सहित बड़ी संख्या में समाज के पदाधिकारी और ग्रामीणजन उपस्थित थे। -
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर जारी अपने संदेश में रेडियो को संचार का एक सशक्त माध्यम बताया है। उन्होंने कहा है कि सूचना के लिए सबसे शक्तिशाली और सस्ते माध्यम के तौर पर रेडियो को जाना जाता है। रेडियो दूर-दराज स्थानों तक सूचना प्रवाह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्तमान में भी ‘‘रेडियो‘‘ संवाद का एक सशक्त माध्यम है। श्री बघेल ने कहा है कि भले ही रेडियो सदियों पुराना माध्यम है, लेकिन संचार के लिए इसका इस्तेमाल आज भी हो रहा है। आपात परिस्थियों में रेडियो ने अपनी महत्ता स्थापित की है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
577 केन्द्र से उठ चुका शत-प्रतिशत धान
हफ्ते भर में सभी केन्द्रों से धान उठाव पूरा हो जाने की उम्मीद
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, उठाव, कस्टम मिलिंग और सेंट्रल पूल में चावल जमा कराने के मामले में छत्तीसगढ़ नित नये रिकॉर्ड गढ़ रहा है। समर्थन मूल्य पर सर्वाधिक 23.42 लाख किसानों से धान खरीद कर छत्तीसगढ़ ने देश के सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। धान के उठाव और कस्टम मिलिंग के मामले में भी छत्तीसगढ़ रिकॉर्ड कामयाबी की ओर अग्रसर है। इस साल छत्तीसगढ़ राज्य ने समर्थन मूल्य पर 107.53 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी की है। किसानों से क्रय किए गए धान के उठाव की बेहतर एवं समानान्तर व्यवस्था के चलते खरीदी केन्द्रों से अब तक 100 लाख 25 हजार मेट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है, जो कि उपार्जित धान का 92 प्रतिशत है। कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स द्वारा सीधे खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव करने से आज की स्थिति में राज्य में 577 खरीदी केन्द्र धान से पूरी तरह से खाली हो गए हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य में जिस तेजी से खरीदी केन्द्रों से धान के उठाव का सिलसिला जारी है, उसको देखते हुए यह अनुमान है कि हफ्ते भर में सभी 2617 खरीदी केन्द्रों से शत-प्रतिशत धान का उठाव हो जाएगा। राज्य में युद्ध स्तर पर कस्टम मिलिंग और सेंट्रल पूल में चावल जमा करने का सिलसिला भी जारी है। सेंट्रल पूल में अब तक 32 लाख मेट्रिक टन चावल जमा किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ को इस साल सेंट्रल पूल में 61 लाख मेट्रिक टन चावल जमा करना है। राज्य में धान की खरीदी की मात्रा, उठाव और कस्टम मिलिंग की स्थिति को देखते हुए, यह लक्ष्य भी जल्द पूरा हो जाएगा।
खाद्य सचिव श्री टी.के. वर्मा ने बताया कि धान उठाव के मामले में रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा, गरियाबंद, महासमुन्द, नवगठित जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ राज्य में अन्य जिलों से आगे चल रहे हैं। इन जिलों मंे खरीदे गए धान का 99 प्रतिशत उठाव हो चुका है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान के कस्टम मिलिंग की राशि 40 रूपए से बढ़ाकर 120 रूपए करने और खरीदी केन्द्रों से धान के सीधे उठाव की व्यवस्था के चलते धान के उठाव और कस्टम मिलिंग को लेकर मिलर्स में होड़ मची है। यही वजह है, कि खरीदी केन्द्रों से मिलर्स धान का तेजी से उठाव और कस्टम मिलिंग के लिए दिन-रात किए हुए हैं। राज्य में कस्टम मिलिंग के लिए इस साल मिलर्स के पंजीयन संख्या में भी वृद्धि हुई है। बीते वर्ष 2035 मिलर्स ने पंजीयन कराया था, इस साल 254 नये मिलर्स के पंजीयन कराने से यह संख्या बढ़कर 2289 हो गई है। खरीदी केन्द्रों से सीधे धान का उठाव होने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि धान के सूखत और झड़त से होने वाला नुकसान बचेगा। खरीदे धान को संग्रहण केन्द्रों में ले जाकर भंडारित करने पर होने वाला परिवहन व्यय भी बचेगा। इसके चलते सरकार को लगभग 150 से 200 करोड़ रूपए की बचत होगी।
सर्वाधिक किसानों से धान खरीदी कर छत्तीसगढ़ देश में अव्वल
छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर 107 लाख 53 हजार 25 मेट्रिक टन धान की खरीदी की गई, जिसके के एवज में किसानों को 22,067 करोड़ 24 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। राज्य में धान खरीदी एक नवम्बर से 31 जनवरी 2023 तक निर्बाध रूप से हुई। राज्य के 23 लाख 42 हजार 50 किसानों ने अपना धान बेचा है। राज्य में धान बेचने वाले किसानों की यह संख्या सर्वाधिक है। धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से छत्तीसगढ़ पूरे देश में प्रथम स्थान पर रहा है। सेंट्रल पूल में धान के योगदानकर्ता के रूप में छत्तीसगढ़ देश का दूसरे नंबर का राज्य है। छत्तीसगढ़ में धान बेचने के लिए कुल 24.98 लाख कृषकों ने पंजीयन कराया था, जिनके धान का पंजीकृत रकबा 32.19 लाख हेक्टेयर था। इस साल छत्तीसगढ़ में 2.32 लाख नये किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था।
किसान और धान खरीदी की मात्रा हुई दोगुनी
धान खरीदी की भुगतान राशि बढ़कर हुई तीन गुनी
राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते धान का कटोरा कहा जाने वाला छत्तीसढ़ राज्य अब धान की कोठी बनते जा रहा है। बीते पांच सालों में धान खरीदी और किसानों की संख्या दोनों दोगुनी हो गई है। धान खरीदी के एवज में किसानों को भुगतान राशि में लगभग तीन गुना का इजाफा हुआ है। वर्ष 2017-18 में 12.06 लाख किसानों ने 56.88 लाख मेट्रिक टन धान बेचा था, जिसके एवज में किसानों को 8890 करोड़ रूपए का भुगतान समर्थन मूल्य के रूप में किया गया था। तत्कालीन सरकार द्वारा 300 रूपए प्रति क्विंटल के मान से प्रोत्साहन राशि के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 10,596 करोड़ तक पहुंच पाया था।वर्ष 2022-23 में धान बेचने वाले किसानों की संख्या 23.42 और धान खरीदी की मात्रा 107.53 लाख मेेट्रिक टन के पार पहुंच गई है, जो कि वर्ष 2017-18 की तुलना में लगभग दोगुना है। इस साल किसानों धान खरीदी के एवज में समर्थन मूल्य के रूप में 22,067 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी के रूप में किसानों को लगभग 8 हजार करोड़ रूपए का और भुगतान होना है, जिसके चलते भुगतान का यह आंकड़ा 22,067 करोड़ से बढ़कर 30,000 करोड़ रूपए के पार पहुंच जाएगा, जो पांच वर्ष पूर्व राज्य में किसानों को धान खरीदी के एवज में किए गए भुगतान का लगभग तीन गुना होगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 11 फरवरी को अभनपुर विधानसभा के ग्राम तामासिवनी और खोरपा में आमजनों से भेंट-मुलाकात करेंगे।
रायपुर : निर्धारित दौरा कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री सुबह 11.30 बजे पुलिस ग्राउण्ड हेलीपेड रायपुर से प्रस्थान कर सुबह 11.45 बजे ग्राम चम्पारण पहुंचेंगे और वहां मंदिर पहुंचकर महाप्रभु वल्लभाचार्य एवं चम्पेश्वर महादेव के दर्शन करेंगे। इसके बाद भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होकर राम-वन-गमन परिपथ अंतर्गत भगवान श्रीराम की प्रतिमा की स्थापना करेंगे। मुख्यमंत्री चम्पारण से दोपहर 12.20 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा ग्राम तामासिवनी जाएंगे और वहां दोपहर 12.35 बजे से आयोजित भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल दोपहर 1.55 बजे तामासिवनी से ग्राम खोरपा के लिए प्रस्थान करेंगे और वहां दोपहर 2.45 बजे से आयोजित भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री कार्यक्रम पश्चात शाम 4 बजे ग्राम खोरपा से ग्राम चण्डी के लिए प्रस्थान करेंगे और वहां शाम 4.10 बजे मंदिर पहुंचकर मां चण्डी के दर्शन करेंगे। मुख्यमंत्री ग्राम चण्डी से 4.20 बजे प्रस्थान कर शाम 4.35 बजे अभनपुर रेस्ट हाउस पहुंचेंगे। इसके बाद शाम 5.20 बजे से विभिन्न जनप्रतिनिधियों से भेंट कर शाम 7.20 बजे अभनपुर से प्रस्थान कर शाम 7.50 बजे रायपुर पहुंचेंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कांकेर जिले के कोरर चिलहटी चौक पर ऑटो और ट्रक की टक्कर में 5 स्कूली बच्चों की मृत्यु पर गहरा दुख प्रकट किया है। इस दुर्घटना में 4 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मृत बच्चों के परिवारजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने और इस दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल बच्चों को इलाज की बेहतर से बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। दुर्घटना में घायल बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल कांकेर भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग से उन्हें हर मुमकिन मदद दी जा रही है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में जमीन का दस्तावेज उपलब्ध कराने ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से लगाई थी गुहार
जमीन का दस्तावेज नहीं होने से ग्राम डोंगरकट्टा के किसान थे परेशान, मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुआ समाधानरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का भेंट-मुलाकात कार्यक्रम भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम डोंगरकट्टा वासियों के लिए वरदान साबित हुआ है। इस गांव के सम्पूर्ण जमीन का रिकार्ड ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा जप्त कर वापस नहीं किया गया था, जिसके कारण यहां के खातेदारों को समस्या का सामना करना पड़ रहा था, जिसे वे 25 वर्षों से झेल रहे थे, अब वह समस्या हल हो गई है। ग्राम डोंगरकट्टा के जमीन का सम्पूर्ण दस्तावेज एवं जमीन का नक्शा भुईंया पोर्टल में अपलोड कर दिया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार जिला प्रशासन कांकेर द्वारा शासन स्तर पर पत्र व्यवहार किया गया, जिसके परिणामस्वरूप आज ग्राम डोंगरकट्टा के जमीन का नक्शा भुइंया सॉफ्टवेयर में अपलोड कर दिया गया है, इससे ग्रामवासियों के साथ-साथ 110 खातेदारों को भी फायदा मिलेगा।भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम भानबेड़ा में 03 जून को भेंट-मुलाकात कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जहां पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की फीडबैक ली जा रही थी तथा ग्रामीणों से उनकी समस्या व शिकायतों के संबंध में पूछताछ किया जा रहा था। उस समय ग्राम डोंगरकट्टा के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री श्री बघेल से गुहार लगाते हुए बताया कि ग्राम डोंगरकट्टा के संपूर्ण जमीन के रिकार्ड को ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा जप्त कर लिया गया है, जिसे वापस नहीं करने के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव के किसानों का खाता, बंटवारा, सीमांकन, खरीदी-बिक्री इत्यादि कार्य नहीं हो पा रहे हैं, इसके कारण उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों की पीड़ा को सुनकर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस संबंध में कार्यवाही करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया था।निर्देशानुसार ग्राम डोंगरकट्टा के जमीन के रिकॉर्ड को भुईंयॉ साफ्टवेयर में अपलोड कराने के लिए लगातार प्रयास किया गया जिसके परिणामस्वरूप ग्राम डोंगरकट्टा के सम्पूर्ण राजस्व रिकॉर्ड एवं नक्शा को आज भुंईयां साफ्टवेयर में अपलोड कर दिया गया है। अपने गांव के जमीन का रिकार्ड एवं नक्शा भुइंया सॉफ्टवेयर अपलोड होने पर ग्राम डोंगरकट्टा के ग्रामीण बेहद खुश हैं। गांव के वरिष्ठ नागरिक राकेश कोरेटी ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि अब हमें जमीन के रिकॉर्ड संबंधी समस्या का सामना नहीं करना पडे़गा, सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण इत्यादि सुविधाओं का लाभ मिलेगा, साथ ही शासकीय योजनाओं से भी लाभान्वित होंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर जिले के आरंग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम भानसोज और समोदा में आम जनता से भेंट-मुलाकात के पश्चात शाम को आरंग विश्राम भवन में विभिन्न समाज एवं संगठनों के प्रतिनिधिमंडल से भेंट-मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान सभी समाज के प्रतिनिधियों से सामाजिक कार्यों, मांगों और स्थानीय समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान सामाजिक प्रतिनिधियों से शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के बारे में चर्चा कर फीडबैक लिया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से ब्राम्हण समाज और पिपला फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने भी आरंग को पर्यटन स्थल घोषित करने, मोरध्वज उत्सव आयोजित कराए जाने का आग्रह किया। व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से ट्रेनों का फेरा बढ़ाने तथा एफसीआई गोदाम स्थापित किए जाने की बात कही। कुम्हार समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से टेराकोटा प्रशिक्षण और ग्राम समोदा में ग्लेसिंग यूनिट की स्थापना का आग्रह किया।मुख्यमंत्री से पटेल समाज, निषाद समाज, सेन समाज, देवांगन समाज के प्रतिनिधियों ने भी मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने तोड़गांव में तालाब को खेत बनाने की जानकारी मिलने पर जांच के निर्देश दिए। देवांगन समाज ने आरंग क्षेत्र में 90 लाख रूपए के विकास कार्यों की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से सतनामी समाज के प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर कहा कि आपके कार्यकाल में सभी वर्ग के लोग लाभान्वित हो रहे हैं। सामाजिक संगठनों को 10 प्रतिशत राशि पर भूमि दी जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का साहू समाज ने राज्य में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों के लिए आभार व्यक्त किया। डीघारी में साहू समाज के लिए सामाजिक भवन की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। यादव समाज के प्रतिनिधियों ने नरवा,गरुवा योजना की सराहना करते हुए कहा कि इससे यादव समाज सहित सभी वर्ग के लोेग लाभान्वित हो रहे है। यादव समाज ने कृष्ण कुंज की स्थापना के लिए भी मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर बताया कि समाज पूरे प्रदेश में 14 स्कूल संचालित कर रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा समाज को पूर्व में दिए गए एक करोड़ रूपए के लिए समाज के प्रतिनिधियों ने धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से सोनकर समाज सहित और अन्य समाज के प्रतिनिधियों ने भी मुलाकात की। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जिला-रायपुर, विधानसभा-आरंग
ग्राम-भानसोज
1. भानसोज नहर से सण्डी-कुकरा मार्ग निर्माण को स्वीकृति दी जायेगी।2. शासकीय हाई स्कूल भानसोज में अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कराया जायेगा।3. शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भानसोज भवन में अहाता एवं स्टाफ क्वार्टर का निर्माण कराया जायेगा।4. ग्राम भानसोज एवं नारा में आंतरिक सीसी रोड व नाली का निर्माण कराया जायेगा।5. भानसोज में बैंक की शाखा खोली जायेगी।6. नगर पंचायत मंदिर हसौद में शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में किया जायेगा।7. सण्डी से नारा तक सड़क बनाई जायेगी।8. चंदखुरी में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल का निर्माण कराया जायेगा।9. ग्राम उमरिया में उमरिया मोड़ से परसदा तक पहुंच मार्ग को विकसित किया जायेगा।10. ग्राम घुमराभाठा से आरंग पहुंच मार्ग का चौड़ीकरण किया जायेगा।11. गोंडी में हाईस्कूल भवन निर्माण की घोषणा।12. परसकोल में हाईस्कूल भवन का उन्नयन।
ग्राम-समोदा
1. समोदा को उप-तहसील का दर्जा दिया जायेगा।2. नगर पंचायत समोदा में नवीन महाविद्यालय भवन का निर्माण कराया जायेगा।3. समोदा में जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक की शाखा खोली जायेगी।4. उप-स्वास्थ्य केन्द्र समोदा का उन्नयन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में किया जायेगा।5. ग्राम अमोदी में उप-स्वास्थ्य केन्द्र खोला जायेगा।6. बनरसी व भण्डारपुरी में उप-स्वास्थ्य केन्द्र हेतु नवीन भवनों का निर्माण कराया जायेगा7. कोरासी व चपरीद में शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल हेतु नवीन भवनों का निर्माण कराया जायेगा।8. भैंसा में पुलिस चौकी जल्द ही प्रारंभ की जायेगी।9. मजिठा से परसवानी तक सड़क मार्ग का निर्माण कराया जायेगा।10. ग्राम परसवानी में ढोड़की नाला में पुलिया का निर्माण कराया जायेगा।11. बोरिद से चण्डी मंदिर तक सड़क निर्माण कराया जायेगा।12. समोदा में बालक छात्रावास निर्माण करवाया जायेगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
अंतर्राष्ट्रीय एकता सद्भावना युवा शिविर-2023 में शामिल हुए मुख्यमंत्री
देश के 27 राज्यों सहित इंडोनेशिया और नेपाल के युवा शिविर में कर रहे शिरकत
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सत्य, अहिंसा, प्रेम और सद्भावना का रास्ता मानवता को बचाने का रास्ता है। यही मार्ग सुब्बाराव जी का था। श्री बघेल आज यहां राजधानी रायपुर के समीप फुंडहर के वर्किंग वूमेन्स हॉस्टल में सुप्रसिद्ध गांधीवादी विचारक डॉ एस.एन. सुब्बाराव की 94वीं जयंती के अवसर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय एकता सद्भावना युवा शिविर-2023 (इंटरनेशनल पीस एंड हार्मनी यूथ कैंप) को सम्बोधित कर रहे थे। 03 से 08 फरवरी तक आयोजित इस शिविर में देश के 27 राज्यों सहित इंडोनेशिया और नेपाल के युवा शिरकत कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि सुब्बाराव जी प्रखर गांधीवादी थे, उन्होंने देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया। देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए विभिन्न भाषा भाषी लोगों को एक मंच पर लाने का कार्य किया। वे जीवन भर गांधी जी के रास्ते पर चले। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी जी के आंदोलन में आंदोलनकारियों को अहिंसा के मार्ग पर चलकर आंदोलन करना होता था। उस समय सिखाया जाता था, हिंसा का सहारा नहीं लेना है। चाहे पुलिस लाठी भी चलाए। जेल में कैसे रहना है, लोगों को जेल के माहौल में ढालने के लिए सुब्बाराव जी ने गांधीवादियों को प्रशिक्षण दिया, ताकि आंदोलनकर्ता अंग्रेजों की प्रताड़ना से टूटे नहीं, पूरी दृढ़ता के साथ उनका प्रतिकार करें। असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इसी वजह से भारतवासियों ने अंग्रेजों का दृढ़ता से सामना किया। जिसकी वजह से सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर देश को आजादी मिली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा कभी भी समस्या का समाधान नहीं है। गांधी जी के सत्य, अहिंसा, प्रेम और सद्भावना का रास्ता ही सही मायनों में युवाओं को आगे बढ़ने का रास्ता है, मानवता को बचाने का रास्ता है। यही मार्ग सुब्बाराव जी का है। उन्होंने कहा कि सुब्बाराव जी ने चम्बल के डाकुओं का हृदय परिवर्तन कर आत्मसर्मपण कराया। आज आयोजित इस शिविर में युवाओं ने अपनी-अपनी भाषा में मानवता, एकता और बंधुत्व की बात की, यही तत्व मानवता को जोड़ता है। कार्यक्रम में चंद्रपुर विधायक श्री रामकुमार यादव, राष्ट्रीय युवा योजना के अध्यक्ष श्री विनय गुप्ता, राज्य पर्यटन मंडल की सदस्य श्रीमती चित्रलेखा साहू, छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के रास्ते पर चलने वाली सरकार है। छत्तीसगढ़ का विकास का मॉडल गांधीजी के ग्राम सुराज और स्वावलंबन पर आधारित है। यही सुब्बाराव जी का भी रास्ता है। राज्य सरकार ने जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों की जेब में पैसे डालने का काम किया, इसकी वजह से आज छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी, व्यापार और उद्योग अच्छी स्थिति में है। छत्तीसगढ़ सबसे कम बेरोजगारी दर वाला राज्य है। लोगों को छोटे-छोटे कामों से जोड़ा जा रहा है और उन्हें आय और रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्धा के सेवाग्राम की तर्ज पर नवा रायपुर में गांधी सेवाग्राम की स्थापना की जा रही है। इसके माध्यम से युवाओं को गांधीवाद से परिचित कराने के साथ-साथ देश-दुनिया के लोगों को ग्रामोद्योग से परिचित करा कर युवाओं को कैसे रोजगार और स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ाना है, इसकी जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार से जोड़ने गौठानों में 2 रुपए में गोबर खरीद रहे हैं। स्व-सहायता समूह की महिलाएं इस गोबर का उपयोग वर्मी कम्पोस्ट, प्राकृतिक पेंट और बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में 300 महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जा रहे हैं, इनमें प्रदेश के हुनरमंद युवाओं को छोटे-छोटे उद्योगों की स्थापना के माध्यम से रोजगार दिया जा रहा है। युवाओं को उद्योगों की स्थापना के लिए जमीन, बिजली, पानी, सड़क जैसी सुविधाएं रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सुराजी गांव योजना प्रारंभ की है। इसके माध्यम से पूरे ग्रामीण समाज को स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। प्रदेश के गौठनों में वर्मी खाद का उत्पादन हो रहा है। गौठानों में गोबर से तैयार की जा रही बिजली समूह की महिलाएं बिजली बेचेंगी।
किसान हितैषी नीतियों से प्रदेश में किसानों की संख्या बढ़ी है कृषि उत्पादन बढ़ा है और खेती का रकबा भी बढ़ा है। अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष में छत्तीसगढ़ में मिलेट कोदो, कुटकी, रागी का ना सिर्फ समर्थन मूल्य घोषित किया गया है, समर्थन मूल्य पर दो वर्षों से खरीदी की जा रही है। किसानों को 9000 रुपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। इसी कारण छत्तीसगढ़ में किसानों को धान, मक्का, गन्ना, मिलेट्स सभी उपजों का देश में सर्वाधिक मूल्य मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ की गई किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, पशुपालकों के लिए गोधन न्याय योजना, भूमिहीन श्रमिकों के लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की भी युवाओं को जानकारी दी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 7 फरवरी मंगलवार को आरंग विधानसभा के ग्राम भानसोज और समोदा के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम समेत राजधानी रायपुर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
निर्धारित दौरा कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री सुबह 11.55 बजे पुलिस ग्राउण्ड हेलीपेड से आरंग के लिए रवाना होंगे। मुख्यमंत्री दोपहर 12.15 बजे आरंग के ग्राम भानसोज में भेंट मुलाकात कार्यक्रम में शामिल होंगे। कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से दोपहर 1.55 बजे ग्राम समोदा के लिए प्रस्थान करेंगे। ग्राम समोदा में मुख्यमंत्री दोपहर 2.35 बजे भेंट मुलाकात कार्यक्रम में शामिल होंगे।
कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री शाम 4.15 बजे हेलीकॉप्टर से आरंग के शंकर राइस मिल पहुंचेंगे और इंदिरा चौक लोकार्पण एवं मूर्ति अनावरण, स्वामी आत्मानंद स्कूल का अवलोकन और बाबा बागेश्वरनाथ महादेव मंदिर दर्शन करेंगे। इसके पश्चात शाम 4.55 बजे आरंग के रेस्ट हाऊस में मुख्यमंत्री विभिन्न जनप्रतिनिधियों से भेंट करेंगे और शाम 6.55 बजे अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेंगे।
*राजधानी में विभिन्न कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री होंगे शामिल*
मुख्यमंत्री 7 फरवरी को सुबह 11.10 बजे राजधानी के फुंडहर स्थित वर्किंग वुमंेस हॉस्टल पहुंचकर राष्ट्रीय एकता सद्भावना युवा शिविर और शाम 7.30 बजे होटल सायाजी में छत्तीसगढ़ प्रदेश राईस मिलर एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन एवं सम्मान कार्यक्रम में शामिल होंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
हर घर नल से जल मिलने से ग्रामीणों के चेहरे पर छलकी खुशियां
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार के निर्देशानुसार राज्य के संरक्षित विशेष पिछड़ी पंडो जनजाति के घरों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। कोरिया जिला के विकासखण्ड बैकुंठपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत उमझर का आश्रित गांव दुर्गापुर पंडो जनजाति बाहुल्य ग्राम है। जहां पर 47 पंडों जनजाति परिवार निवासरत् हैं। वनवासी जीवन शैली के परिचायक दुर्गापुर गांव में जल जीवन मिशन के तहत प्रत्येक परिवार को गुणवत्तायुक्त पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराना चुनौतीपूर्ण रहा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में जिले में जल जीवन मिशन के कार्यों का बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसी कड़ी में दुर्गापुर के प्रत्येक परिवार को जल जीवन मिशन के माध्यम से कार्ययोजना बनाकर गुणवत्तापूर्ण शुद्ध पेजयल उपलब्ध होने से ग्रामवासियों के चेहरों पर खुशियां छलक रही है। विशेष पिछड़ी पंडो जनजाति के लोगों ने शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देकर अपना आभार व्यक्त किया है।
गौरतलब है कि जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीणों को जागरूक करने महिलाओं को जल वाहिनी के रूप में प्रशिक्षण दिया जाता है। जल जीवन मिशन के तहत जल वाहिनी सुश्री रामकुमारी सारथी ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत पीने के पानी की जांच की जाती है जिससे जल की गुणवत्ता की जानकारी प्राप्त होती है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जल जीवन मिशन के माध्यम से दुर्गापुर के खालपारा और ईबलपारा में 35.78 लाख रुपये की लागत से 47 चिन्हित घरों में टेप नल से जल पहुंचाने कार्य किया जा रहा है। जल जीवन मिशन योजना के तहत हर घर नल से जल पहुंचने से की पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल आपूर्ति हो रही है, अब स्वच्छ पेयजल के लिए ग्रामवासियों को भटकना नहीं पड़ेगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले दुर्ग जिले के 3 हजार 274 निवेशकों को 2 करोड़ 56 लाख रुपए की राशि लौटायी गयीरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सोमवार को अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअली कार्यक्रम में चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले दुर्ग जिले के 3 हजार 274 निवेशकों को 2 करोड़ 56 लाख रुपए की राशि लौटायी । इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशकों को अब तक लगभग 40 करोड़ रुपए की राशि लौटाई जा चुकी है । हमारी सरकार छत्तीसगढ़ में ठगी करने वाली चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई कर रही है । ठगी करने वाली चिटफंड कंपनियों की सम्पत्तियों को कुर्क कर निवेशकों को राशि वापस की जा रही है । उन्होंने कहा कि चिटफंड कंपनियों ने छत्तीसगढ़ में भोले-भाले लोगों को लालच देकर जीवनभर की कमाई लूट ली । हमारी सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि निवेश करने वालों को उनका पैसा वापस मिल जाये । देश में छत्तीसगढ़ ही एकमात्र राज्य है जो निवेशकों को उनका पैसा वापस दे रहा है । कार्यक्रम में दुर्ग एसपी श्री अभिषेक पलल्व ने बताया कि जिले में अब तक चिटफंड कंपनियों के 126 डायरेक्टर और 8 पदाधिकारियों की गिरफ्तार किया गया है ।
वर्चुअल कार्यक्रम में दुर्ग के उपरवारा निवासी श्री घनश्याम साहू ने मुख्यमंत्री से बात करते हुये कहा कि उन्होंने 2 एकड़ जमीन बेचकर चिटफंड में पैसा लगा दिया था । रकम डूबने के बाद उन्हें उम्मीद नहीं थी कि पैसा वापस मिलेगा । लेकिन आपकी सरकार के प्रयासों से आज मुझे 9 लाख रूपये वापस मिल रहा है । इससे मेरा पूरा परिवार बेहद खुश है। खुर्सीपार की तीजनबाई ने मुख्यमंत्री को बताया कि आज मेरा 3 लाख रूपये वापस मिल रहा है । अब मैं अपने बच्चों की शादी आसानी से कर पाउंगी । मुझे पूरी उम्मीद थी कि आपके रहते मेरा पैसा जरूर वापस मिलेगा ।कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, पीएचई मंत्री श्री गुरू रुद्र कुमार, विधायक श्री अरूण वोरा, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, दुर्ग कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र मीणा, एसपी श्री अभिषेक पल्लव सहित हितग्राही उपस्थित रहे । -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
दामाखेड़ा के 10 किलोमीटर के दायरे में नही लगेगा कोई भी स्पंज आयरन उद्योग
पर्यटकों के लिए सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला बनाने की घोषणा
22 करोड़ रूपये से अधिक लागत से बनने वाले कबीर सागर के निर्माण कार्य मे तेजी लाने के निर्देश
युग कोई भी हो संत कबीरदास जी को भुलाया नहीं जा सकता: मुख्यमंत्री
बलौदाबाजार-भाटापारा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के दामाखेड़ा में माघपूर्णिमा के अवसर पर आयोजित सद्गुरू कबीर संत समागम समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर दामाखेड़ा के 10 किलोमीटर के दायरे में कोई भी स्पंज आयरन उद्योग नहीं लगाने एवं पर्यटकों के लिए सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला का निर्माण कराये जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने 22 करोड़ रूपये से अधिक लागत से बनने वाले कबीर सागर के निर्माण कार्य मे तेजी लाने और प्राथमिक शाला भवन का जीर्णोंद्धार कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए।समारोह में मुख्यमंत्री ने पंथश्री हुजूर प्रकाश मुनि नाम साहेब का स्वागत करते हुए उनसे छत्तीसगढ़ की तरक्की और खुशहाली के लिए आशीर्वाद लिया। गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, भाटापारा विधायक श्री शिवरतन शर्मा, बेमेतरा विधायक श्री आशीष छाबड़ा ने भी गुरू का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। धर्मगुरू पंथश्री प्रकाश मुनि नाम साहेब ने मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार दामाखेड़ा आगमन पर श्री भूपेश बघेल का कबीरपंथी समाज की ओर से आत्मीय स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल दिल से कबीरपंथी हैं। संत कबीरदास के सिद्धांत और उपदेश का अनुसरण करते हैं। बीते 22 सालों से मेरा उनसे गहरा नाता है। उन्होंने संत समागम में पहुंचकर दामाखेड़ा का गौरव बढ़ाया है। साथ ही दामाखेड़ा के आसपास स्थापित हो रहे उद्योगों खासकर स्पंज आयरन एवं बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण पर अपनी चिंता व्यक्त की।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि कबीरपंथ का छत्तीसगढ़ के जनजीवन में व्यापक प्रभाव है। इसलिए यहां के लोग शांतिप्रिय है और छत्तीसगढ़ पूरे देश में शांति का टापू बना हुआ है। युग चाहे कोई भी हो संत कबीरदास जी को भुलाया नहीं जा सकता, उनके जीवन दर्शन अनमोल है। मैं जब भी प्रकाश मुनि नाम साहेब से मिलता हूं, तो हर बार कुछ नया जानने को मिलता है। कुछ दिन पहले बेमेतरा में मुलाकत हुई तो हमें साहेब बंदगी साहेब के अर्थों के बारे में जानकारी मिली। आज भी कबीर के बहुआयामी दर्शन योग, तप, ध्यान एवं अनुराग के बारे में जानकारी मिली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कबीर दास जी का कहना है कि व्यक्ति को सरल होना चाहिए, परंतु आज के समय में सबसे कठिन है सरल होना। सरल होना है, तो गुरु के पास आना ही होगा। गुरूकृपा से ही जीवन धन्य हो सकता है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा धर्मनगर दामाखेड़ा कबीरपंथियों की आस्था का एक प्रमुख केन्द्र है। राज्य सरकार यहां के प्राचीन तालाब सहित संपूर्ण दामाखेड़ा के विकास के लिए वचनबद्ध है, ताकि यहां दर्शन के लिए आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालु दामाखेड़ा की मधुर स्मृति लेकर वापस जाएं।
गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि प्रकाश मुनि नाम साहेब के गद्दी संभालने के बाद देश-विदेश में कबीरपंथ का प्रचार-प्रसार हुआ है। कबीरपंथ सादगीपूर्ण जीवन जीने का एक रास्ता है, जिसमें सभी जाति और समाज के लोग शामिल हैं। उन्होंने कबीर सरोवर के निर्माण के सभी तकनीकी पहलुओं का निराकरण कर लिया गया है। इसका निर्माण तेजी से कराया जाएगा। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने अपने उद्बोधन में कहा कि दामाखेड़ा मेला में देश-विदेश के लोग एकत्र होते हैं। गुरूओं का आशीर्वाद इस दौरान उन्हें मिलता है। आज के समय मे नागरिकों को धर्म एवं जाति के नाम पर लड़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कबीर पंथ हमें सामाजिक सद्भाव और सौहार्द्र का रास्ता बताता है, जो एक ईश्वर को मानते हैं एवं सबको साथ मे लेकर चलते हैं।
समारोह को क्षेत्रीय विधायक श्री शिवरतन शर्मा ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर नवोदित वंशाचार्य श्री उदित मुनि साहेब, गुरूगोसांई श्री भानुप्रताप साहब, विधायक श्री आशीष छाबड़ा, दामाखेड़ा के सरपंच पूर्णिमा पूरन देवांगन, पूर्व सरपंच कमलेश साहू, कलेक्टर रजत बंसल, पुलिस अधीक्षक दीपक झा, डीएफओ मयंक अग्रवाल, अपर कलेक्टर राजेंद्र गुप्ता सहित जनप्रतिनिधिगण एवं श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
'मिलेट ऑन व्हील्स' है प्रदेश का पहला चलता फिरता मिलेट कैफे
मिलेंगे रागी, कोदो, कुटकी से बने लजीज व्यंजन
रायगढ़ : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज रायगढ़ जिले के खरसिया में प्रदेश के पहले मोबाईल मिलेट कैफे 'मिलेट ऑन व्हील्स' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उच्च शिक्षामंत्री श्री उमेश पटेल व गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर रागी से बना केक काटा। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे मिलेट के उपभोग के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने इस मोबाइल कैफे का संचालन करने वाली महिला समूह को अपनी शुभकामनाएं दीं।
गौरतलब है कि जिला प्रशासन रायगढ़ की पहल पर शुरू हुआ यह 'मिलेट ऑन व्हील्स' कैफे एक चलता फिरता मिलेट कैफे होगा। जिसमें रागी, कोदो, कुटकी से बने लजीज व्यंजन परोसे जायेंगे। इसे अनुभव महिला समूह संचालित करेगा। इस मोबाइल मिलेट कैफे में रागी का चीला, डोसा, मिलेट्स पराठा, इडली, मिलेट्स मंचूरियन, पिज्जा, कोदो की बिरयानी और कुकीज जैसे पकवान चखने को मिलेंगे। गौरतलब है कि मोटे अनाजों के उत्पादन और उपभोग को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर मिलेट मिशन चलाया जा रहा है।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट ईयर के रूप में मनाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी, रागी की समर्थन मूल्य पर की जा रही है खरीदी
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में मिलेट्स को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी का ना सिर्फ समर्थन मूल्य घोषित किया गया अपितु समर्थन मूल्य पर खरीदी भी की जा रही है। इस पहल से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स का रकबा डेढ़ गुना बढ़ा है और उत्पादन भी बढ़ा है। मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायकों और मीडिया के लिए मिलेट्स से बने व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए दोपहर भोज का भी आयोजन किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ में मिलेट कैफे भी प्रारंभ हो चुका है। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के नथिया-नवागांव में मिलेट्स का सबसे बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित किया जा चुका है। मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए गौठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
नरवा योजना भू-जल संरक्षण के साथ लोगों की आय बढ़ोतरी में महत्वपूर्ण साबित हो रही- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
छत्तीसगढ़ में लघु वनोपजों का संग्रहण कार्य सराहनीय
देश के 15 राज्यों के 32 आईएफएस ने विकास योजनाओं के अध्ययन के बाद की मुख्यमंत्री से मुलाकात
रायपुर : छत्तीसगढ़ में जल और वन संवर्धन की दिशा में सरकार द्वारा चलाये जा रहे नरवा विकास योजना और लघु वनोपज के संग्रहण का कार्य बखूबी किया जा रहा है । छत्तीसगढ़ की ये योजना देश के अन्य राज्यों के लिये अनुकरणीय है । उक्त बातें छत्तीसगढ़ के अध्ययन भ्रमण में पहुंचे भारतीय वन सेवा के 2014-15 बैच के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से मुलाकात के दौरान कहीं । भ्रमण दल में देश के 15 राज्यों से भारतीय वन सेवा के 32 अधिकारियों ने शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से दो दिवसीय भ्रमण के बाद अपने अनुभव साझा किये । इस दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ वनों के मामले में समृद्ध राज्य है । यहां वनों के साथ-साथ वनों पर आश्रित आदिवासियों-वनवासियों के विकास के लिये नवाचार का प्रयोग करते हुये कई योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन किया जा रहा है । इसी तारतम्य में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा विकास योजना की सराहना देश के अन्य राज्यों में भी होने लगी है । यह योजना वनांचल में भू-जल संरक्षण के साथ-साथ लोगों की आजीविका और आय संवर्धन में महत्वपूर्ण साबित हो रही है ।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि जंगलों के संवर्धन और संरक्षण के लिये जरूरी है कि हम इमारती लकड़ी ही नहीं बल्कि वर्तमान दौर में फलदार वृक्षों के रोपण को भी अधिक से अधिक बढ़ावा दें । इससे वनवासियों का आजीविका संवर्धन तो होगा ही साथ ही साथ वन्य प्राणियों के भोजन और रहवास की सुविधा भी उपलब्ध होगी । उन्होंने राज्य में वनों के विकास के क्रम में संचालित नरवा विकास योजना का विशेष रूप से जिक्र किया । उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में नवाचार का प्रयोग करते हुये भू-जल संरक्षण के लिये नरवा विकास योजना को लागू कर इसका बेहतर ढंग से क्रियान्वयन जारी है । इसके तहत 8 हजार नरवा को पुनर्रजीवित करने के लिये वृहद स्तर पर कार्य किये जा रहे हैं । इनमें से अब तक वनांचल के 6 हजार 395 नरवा को पुनर्जीवित तथा जीर्णोद्धार किया जा चुका है । इनके क्रियान्वयन से राज्य में लगभग 23 लाख हेक्टेयर रकबा को भू-उपचार का लाभ मिलेगा ।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि राज्य में नरवा विकास योजनांतर्गत वन क्षेत्रों में कराये जा रहे भू-जल संरक्षण कार्य से अनेक लाभ प्राप्त हो रहे हैं । इनमें वनों में मिट्टी के कटाव में कमी आयी है । वन क्षेत्रों में भू-जल स्तर में बढ़ोतरी से वनों के पुनरोत्पादन क्षमता में वृद्धि दर्ज हो रही है साथ ही साथ वन्य प्राणियों के लिये वर्ष भर पर्याप्त मात्रा में पेयजल की सुविधा हुई है । उन्होंने बताया कि इसके अलावा वन क्षेत्रों में रोजगार के भी बेहतर प्रबंध सुनिश्चित हुये हैं । नालों के आस-पास कृषि भूमि की सिंचाई क्षमता में वृद्धि हो रही है । भूजल संरक्षण के कार्यों के माध्यम से वन क्षेत्रों एवं वनों के आस-पास के ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है ।
इस अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने संबोधित करते हुये राज्य में वनों के संरक्षण और संवर्धन के लिये संचालित गतिविधियों के बारे में विस्तार से अवगत कराया । उन्होंने इस दौरान विशेषकर वर्तमान सरकार द्वारा वनवासियों के हित में संचालित लघु वनोपजों के संग्रहण कार्य और नरवा विकास आदि योजनाओं के बारे में जिक्र किया । उन्होंने बताया कि राज्य में वनवासियों के हित में लिये गये फैसले के परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ लघुवनोपजों के संग्रहण में लगातार अव्वल बना हुआ है । यहां देश का 74 प्रतिशत लघु वनोपजों का संग्रहण हो रहा है। कार्यक्रम को मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, अध्यक्ष जैव विविधता बोर्ड श्री राकेश चतुर्वेदी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैंपा श्री व्ही श्रीनिवास राव ने भी संबोधित किया ।
भारतीय वन सेवा के अधिकारियों ने साझा किए अनुभव
गुजरात के श्री अग्निश्वर ब्यास ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वह दो दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ आए हैं। उन्होंने कहा - हमारी टीम ने छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्थित नरवा विकास योजना के तहत पंपार नाला का भ्रमण किया तथा नरवा पुनर्जीवन का कार्य देखा। उन्होंने राज्य में संचालित योजना की सराहना करते हुए कहा कि इस योजना का क्रियान्वयन जीआईएस पद्धति से डी.पी.आर. तैयार कर क्रियान्वित किया गया है। इसी तरह ओडिशा की सुश्री पूर्णिमा पी. ने बताया कि पंपार नाला में स्थित विभिन्न संरचनाओं, एनआरएम इंजीनियर द्वारा जीआईएस पद्धति का उपयोग कर विभिन्न संरचनाओं का स्थल चयन अत्यंत सटीक था एवं गुणवत्ता उत्तम है। उन्होंने कहा कि जिसके कारण परिणाम दो वर्ष में ही दिखने लगा है। वन क्षेत्र में पुनरोत्पादन में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। हिमाचल प्रदेश की श्रीमती सुविना ठाकुर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज संग्रहण, प्रसंस्करण के क्षेत्र में कार्य देखा गया। इस दौरान धमतरी स्थित दुगली प्रसंस्करण केन्द्र का भ्रमण किया एवं देखा कि कैसे स्व-सहायता समूह के महिलाओं द्वारा कार्य किया जा रहा है और उन्हें लागातार रोजगार मिल रहा है जो कि महिला सशक्तिकरण का एक बहुत अच्छा उदाहरण है।
मणिपुर के श्री शन्नगम एस. ने प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया कि कैसे छत्तीसगढ़ में 13 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र को वन संसाधन अधिकार प्रदत्त कर ग्राम पंचायतों को प्रबंधन हेतु सौंपा गया है। पूरे देश में छत्तीसगढ़ में वन संसाधन की दिशा में सर्व श्रेष्ठ पहल हुई है। झारखण्ड के श्री सत्यम कुमार ने बताया कि हमारी टीम ने छत्तीसगढ़ की राजधानी के नवा रायपुर में स्थित जंगल सफारी का भ्रमण किया। यह हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा मानव निर्मित जंगल सफारी है, जिसमें दुर्लभ प्रजाति के अनेक जंगली जानवरों को रखा गया है, जंगल सफारी का प्रबंधन बहुत अच्छा है। इसी तरह तेलंगाना के श्री प्रदीप कुमार सेट्ठी ने बताया कि हमने छत्तीसगढ़ का नाम नक्सल प्रभावित क्षेत्र के नाम से सुना था, परन्तु यहां आने के बाद प्रस्तुतीकरण में पाया गया कि यहां अनेक पर्यटन स्थल मौजूद हैं, जो कि मन मोह लेने वाली दिखाई दी जैसे- चित्रकोट का वाटर फॉल, तीरथगढ़ का जल प्रपात आदि। अतः भविष्य में जब भी मुझे कहीं भ्रमण करने का मौका मिलेगा तो मैं छत्तीसगढ़ में दोबारा जरूर आना चाहूंगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने भानुप्रतापपुर में आयोजित गोंडवाना सम्मेलन में की घोषणाकहा - आदि संस्कृति को संरक्षित करने प्रदेश सरकार भरपूर प्रयास कर रहीमुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा भानुप्रतापपुर में 14.47 करोड़ रुपए लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण- भूमिपूजन
कांकेर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज कांकेर जिले के तहसील मुख्यालय भानुप्रतापपुर में गोंडवाना समाज के पेन करसाड मांदरी एवं एक दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में शिरकत की, जहां पर उन्होंने कांकेर के मेडिकल कॉलेज का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी के नाम पर करने की घोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 14 करोड़ 47 लाख रुपए की लागत के 146 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इसमें 09 करोड़ 55 लाख रुपए के 94 कार्यों का लोकार्पण और 04 करोड़ 76 लाख रुपए के 52 कार्यों का भूमिपूजन शामिल हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भानुप्रतापपुर में खेल मैदान का नामकरण पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष स्वर्गीय श्री मनोज मंडावी के नाम पर करने की भी घोषणा की। उसके साथ ही चालकी मांझी के लिए 10-10 हज़ार रूपये की घोषणा, भानुप्रतापपुर में स्ट्रीट लाइट, शेड निर्माण, अहाता निर्माण हेतु 10-10 लाख रूपये की घोषणा और भानुप्रतापपुर के जीर्ण-शीर्ण स्कूलों का जीर्णाेद्धार करने का प्रस्ताव राज्य शासन को प्रेषित करने के निर्देश कांकेर कलेक्टर को दिए।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भानुप्रतापपुर के गोंडवाना भवन में आयोजित सम्मेलन में गोंडवाना समाज के लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सबसे पहले दुनिया में आदि संस्कृति का प्रादुर्भाव हुआ। आदिवासी संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करने का प्रयास प्रदेश सरकार लगातार कर रही है। 2019 से जिले में अब तक 518 देवगुड़ी का निर्माण 17 करोड़ 82 लाख रुपए की लागत से कराया। इसी तरह 173 घोटूल 19 करोड़ 91 लाख रुपए की लागत से बनवाए। श्री बघेल ने कहा कि सेवा का मतलब मानव समाज, संस्कृति और प्रकृति की सेवा करना है राज्य सरकार द्वारा आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश की सभी आदिवासी बोलियों को लिपिबद्ध करने, लोकनृत्य, लोकगीत और पारंपरिक खेल को संरक्षित करने, सहेजने का भी काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का सबसे बड़ा मिलेट का प्लांट कांकेर जिले के नथिया नवागांव में जो हाल में ही प्रारंभ किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे बच्चे भी आधुनिक शिक्षा से जुड़े, इसके लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना लागू की गई है। कांकेर जिले के किसानों ने पहली बार ऐतिहासिक 40 लाख क्विंटल धान बेचा। प्रदेश में पहले गोबर से घर लीपने का काम होता था, अब घरांे की दीवारों को गोबर निर्मित प्राकृतिक पेंट से पोताई किया जाएगा। बस्तर में बंद पड़े स्कूलों को खोला गया, इसके लिए स्कूलों का जीर्णाेद्धार करने एक हज़ार करोड़ का बजट प्रावधान राज्य शासन द्वारा किया गया है।
कार्यक्रम में आबकारी मंत्री श्री कवासी लखमा ने अपने उद्बोधन में कहा कि बस्तर की कोदो - कुटकी और मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देकर आदिवासियों को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद प्रदेश शासन द्वारा की जा रही है। गांव-गांव में देवगुड़ी बनवाकर आदिवासी परम्परा को सरकार सम्मान देने का काम कर रही है। पूर्व मंत्री मध्यप्रदेश श्रीमती गंगा पोटाई, भानुप्रतापपुर विधायक श्रीमती सावित्री मंडावी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर संसदीय सचिव एवं विधायक श्री शिशुपाल शोरी, अंतागढ़ विधायक श्री अनूप नाग, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हेमंत ध्रुव, पर्यटन मंडल के सदस्य श्री बिरेश ठाकुर, गौ सेवा आयोग के सदस्य श्री नरेंद्र यादव सहित संभाग संभागायुक्त श्री श्याम धावड़े, पुलिस महानिरीक्षक श्री सुंदरराज पी. कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला, एसपी श्री शलभ सिन्हा, डीएफओ श्री आलोक बाजपेई सहित गोंडवाना समाज के वरिष्ठ प्रतिनिधिगण और स्थानीय जन प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद रहे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
धन-धान्य से परिपूर्ण समृद्ध छत्तीसगढ़ का सपना हो रहा साकार
मुख्यमंत्री श्री बघेल भर्रेगांव में विशाल किसान अन्नदाता सम्मेलन में हुए शामिल
मुख्यमंत्री ने राजनांदगांव जिले को 24.31 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की दी सौगात
स्वर्गीय श्री चन्दूलाल चंद्राकर की स्मृति में 20 लाख रूपए की लागत से होगा भवन निर्माण
परमालकसा के शासकीय हाई स्कूल के हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन की घोषणा
क्षेत्र के 36 सरपंचों को ग्राम विकास कार्य के लिए मिलेगें 5-5 लाख रूपए
लघु-धान्य फसलों को बढ़ावा देने में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य
राजनांदगांव : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज राजनांदगांव जिले के ग्राम भर्रेगांव में आयोजित विशाल किसान अन्नदाता सम्मेलन में शामिल हुए। वरिष्ठ राजनेता और प्रखर पत्रकार स्वर्गीय श्री चन्दूलाल चंद्राकर की पुण्यतिथि पर आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने जिलेवासियों को 24 करोड़ 31 लाख रूपए की लागत के विकास कार्यों की सौगात दी। उन्होंने कार्यक्रम में 43 हितग्राहियों को 11 लाख 94 हजार रूपए लागत की सामग्री वितरित की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने उद्बोधन में स्वर्गीय श्री चन्दूलाल चंद्राकर को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में अविस्मरणीय योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने उनके जीवन से जुड़ी बातें साझा की और बताया कि पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका महत्वपूर्ण अवदान रहा है। धन-धान्य से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ समृद्ध रहे, उनका यह सपना था। आज यह सपना साकार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय श्री चन्दूलाल चंद्राकर के दिखाये मार्ग का राज्य सरकार अनुसरण कर रही है। उन्होंने कहा कि शासन की किसान हितैषी योजनाओं के कारण कृषि के क्षेत्र में प्रदेश में बहुत परिवर्तन आया है। खेती-किसानी की ओर लोगों का रूझान बढ़ा है। राज्य शासन द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों किसानों से लगभग 107 लाख 53 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी की गई है और किसानों के खाते में राशि अंतरित की गई है। ऑनलाईन टोकन के माध्यम से किसानों को राहत पहुंचाई गई है। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय श्री चन्दूलाल चंद्राकर की स्मृति में 20 लाख रूपए की लागत से भवन निर्माण करने की घोषणा की। उन्होंने परमालकसा के शासकीय हाई स्कूल को हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन करने तथा क्षेत्र के 36 सरपंचों को 5-5 लाख रूपए ग्राम विकास के लिए देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि लघु-धान्य फसलों को बढ़ावा देने में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है। शासन द्वारा विगत वर्ष से ही मिलेट मिशन अंतर्गत 52 हजार क्ंिवटल से भी अधिक कोदो, कुटकी, रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही हैं तथा प्रोसेसिंग प्लांट भी शुरू किए गए हैं जहां 22 प्रकार की वस्तुएं बनाई जा रही है। शासन द्वारा गोबर से प्राकृतिक पेंट का निर्माण किया जा रहा है। गांव-गांव में गौठान का निर्माण किया गया है तथा वर्मी कम्पोस्ट निर्माण करने के साथ ही गोबर से बिजली उत्पादन करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही ग्रामीण उद्योग नीति लेकर आएंगे, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि सुरगी में पैरादान की दिशा में व्यापक कदम बढ़ाए गए थे। आज इसी कड़ी में ग्राम भर्रेगांव तथा आस-पास के किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर पैरादान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 414 गौठान में 12 हजार 230 किसानों ने लगभग 95 हजार 680 क्विंटल पैरादान किया है। उन्होंने सभी पैरादान करने वाले किसानों को सम्मानित किया।
स्वर्गीय श्री चन्दूलाल चंद्राकर के परिजन श्री लक्ष्मण चंद्राकर ने पुरानी स्मृतियों को याद किया। उन्होंने बताया कि उनके नाना जी ने छत्तीसगढ़ के लिए जो परिकल्पना की थी, वह आज साकार हो गई है। छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण होने के साथ ही अब यह खुशहाल राज्य के रूप में आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल कृषि के प्रति समर्पित हैं तथा किसानों की भलाई के लिए कार्य कर रहे हैं। राजनांदगांव जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री नवाज खान ने कहा कि मुख्यमंत्री किसानों के जीवन में परिवर्तन लेकर आए हैं। किसानों की आय बढ़ी है तथा उनके बच्चे स्वामी आत्मानंद स्कूल में अध्ययन कर रहे हैं। अध्यक्ष कृषि उपज मंडी समिति राजनांदगांव श्री गोवर्धन देशमुख ने कहा कि मुख्यमंत्री के आव्हान पर किसानों द्वारा व्यापक पैमाने पर पैरादान किया जा रहा है। इस अवसर पर सरपंच ग्राम पंचायत भर्रेगांव श्रीमती एकता चंद्राकर ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री दलेश्वर साहू, खुज्जी विधायक श्रीमती छन्नी साहू, खैरागढ़ विधायक श्रीमती यशोदा वर्मा, महापौर राजनांदगांव श्रीमती हेमा देशमुख, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम श्री धनेश पाटिला, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग श्री जितेन्द्र मुदलियार, पूर्व विधायक श्रीमती प्रतिमा चन्द्राकर, अध्यक्ष जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग श्री राजेन्द्र साहू, पूर्व विधायक श्री भोलाराम साहू, पूर्व विधायक श्री गिरवर जंघेल, समाजसेवी श्री पदम कोठारी, श्री कुलबीर छाबड़ा, संभागायुक्त श्री महादेव कांवरे, आईजी श्री आनंद छाबड़ा, कलेक्टर श्री डोमन सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक मीणा सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी तथा बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।