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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा हम सभी छत्तीसगढ़वासी इस विपदा में हिमाचल के लोगों के साथ खड़े हैं
कल ही फोन पर भी हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से की थी चर्चा
रायपुर : देव भूमि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से आई विपदा की स्थिति में पीड़ित लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़वासियों की ओर से 11 करोड़ रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि हिमाचल में भीषण प्राकृतिक विपदा आई है। ऐसे में हम सभी छत्तीसगढ़वासी हिमाचल के लोगों के साथ खड़े है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कल ही हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से फोन पर चर्चा की थी तथा हिमाचल प्रदेश के हालात की जानकारी ली थी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने उनसे कहा कि पूरा देश हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ खड़ा है। हम सब सामूहिक एकजुटता के साथ आपदा का सामना करेंगे और सामान्य स्थिति की बहाली के लिए कार्य करेंगे। -
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सामान्य विभाग के सचिव ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों के संबंध में ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया
रायपुर : सोशल मीडिया में प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों के संबंध में एक आदेश वायरल हुआ है। इस संबंध में जानकारी देते हुए सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने बताया कि यह फर्जी आदेश है। यह आदेश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया में एक फर्जी आदेश वायरल हुआ है जिसमें कहा गया है कि राज्य शासन के विभिन्न विभाग के पदों में विशेष भर्ती अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों की विभागीय परीक्षा में अनुतीर्ण विद्यार्थियों को द्वितीय अवसर दिया जाएगा।
डा. सिंह ने बताया कि इस फर्जी आदेश में यह लिखा है कि विभागवार परीक्षा में 205 अभ्यर्थी शामिल हुए जिसमें 182 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए और शेष 23 अनुत्तीर्ण हुए। अनुत्तीर्ण अभ्यर्थियों को परीक्षा परिणाम घोषित होने की तिथि से 15 दिवस के भीतर द्वितीय अवसर प्रदान करते हुए अंतिम परीक्षा परिणाम 20 नवंबर तक घोषित कर परिणाम की एक प्रति कार्यालय को उपलब्ध कराएं।
डॉ. सिंह ने बताया कि यह आदेश पूरी तरह से फर्जी है और इसमें मनगढ़ंत बात लिखी है जिसका खंडन विभाग द्वारा किया जाता है। -
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घरेलू नल कनेक्शन देने में रायपुर जिला सबसे आगे
रायपुर : राज्य के ग्रामीण अंचलों में निःशुल्क घरेलू नल कनेक्शन देने का काम तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत घरों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए चलाए जा रहे इस अभियान के अंतर्गत 49 लाख 91 हजार 926 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन दिए जाने के विरूद्ध वर्तमान में 28 लाख 32 हजार 244 घरेलू नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इसके साथ-साथ राज्य के 39 हजार 113 स्कूलों, 37 हजार 501 आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा 15 हजार 614 ग्राम पंचायत भवनों और सामुदायिक उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में टेप नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। छत्तीसगढ़ का रायपुर जिला सर्वाधिक 01 लाख 42 हजार 941 ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन देने में पहले स्थान पर है। इसी तरह जांजगीर-चांपा जिला 01 लाख 42 हजार 791, महासमुंद जिले में 01 लाख 39 हजार 506 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन देने में क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्रकुमार के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे इस जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य में प्रति व्यक्ति, प्रतिदिन 55 लीटर के मान से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, इसके लिए सभी जिलों में कार्ययोजना तैयार कर तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। इस मिशन के तहत घरेलू नल कनेक्शन के अतिरिक्त स्कूल, उप-स्वास्थ्य केंद्र एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी रनिंग वाटर की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही साथ राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के अंतर्गत बनाए गए गौठानों में भी पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। उल्लेखनीय है कि सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी डॉ. एस. भारतीदासन एवं मिशन संचालक श्री आलोक कटियार द्वारा जमीनी स्तर पर राज्य में सिंगल विलेज स्कीम और मल्टी विलेज स्कीम और अन्य पेयजल योजनाओं सहित जल जीवन मिशन के कार्यों का क्रियान्वयन की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है।
जल जीवन मिशन के तहत अब तक धमतरी जिले में 01 लाख 30 हजार 703, रायगढ़ जिला में 01 लाख 27 हजार 689, कवर्धा 01 लाख 23 हजार 636, बिलासपुर में 01 लाख 23 हजार 487, बलौदाबाजार-भाटापारा में 01 लाख 22 हजार 885 घरेलू नल कनेक्शन दिए गए हैं। इसी प्रकार दुर्ग जिले में 01 लाख 16 हजार 206, मुंगेली में 01 लाख 16 हजार 123 तथा राजनांदगांव जिला 01 लाख 13 हजार 030 नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इसी तरह बालोद में 01 लाख 13 हजार 024, बेमेतरा जिले में 01 लाख 12 हजार 917, सक्ती में 01 लाख 6 हजार 865, गरियाबंद 89 हजार 753, बलरामपुर में 88 हजार 521, जशपुर में 87 हजार 622, कोरबा में 86 हजार 397, सरगुजा जिले के 85 हजार 768, बस्तर में 82 हजार 410 शुद्ध पेयजल के लिए घरेलू नल कनेक्शन दिए गए हैं। सूरजपुर में 80 हजार 007, कोण्डागांव में 76 हजार 332, कांकेर 73 हजार 390, सांरगढ़-बिलाईगढ़ में 60 हजार 353, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 48 हजार 830, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 43 हजार 507, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 38 हजार 910, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 30 हजार 578, सुकमा में 30 हजार 256, कोरिया में 28 हजार 142, बीजापुर 26 हजार 414, दंतेवाड़ा में 25 हजार 520 और नारायणपुर जिले में 17 हजार 731 ग्रामीण परिवारों को शुद्ध पेयजल के लिए घरेलू नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। -
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पेंशनरों के मंहगाई राहत के भुगतान के लिए सहमति के संबंध में मध्यप्रदेश के अधिकारियों को समुचित निर्देश देने का अनुरोध किया ताकि सहमति मिलते ही तुरंत महंगाई राहत प्रदान करने कार्रवाई की जा सके
मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) के अंतर्गत दोनों राज्यों के मध्य पेंशन पर महंगाई राहत के भुगतान हेतु सहमति आवश्यक
श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ के पेंशनर्स को 42 प्रतिशत महंगाई भत्ते देने की घोषणा की है
रायपुर : छत्तीसगढ़ के पेंशनरों को शीघ्र 42 प्रतिशत मंहगाई राहत प्रदान करने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। पत्र में मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 के धारा 49(6) के अंतर्गत महंगाई राहत के भुगतान के लिए मध्यप्रदेश की सहमति चाही गई है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने पत्र में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से अधिकारियों को इस संबंध में सहमति के लिए समुचित निर्देश देने को कहा है ताकि सहमति मिलते ही छत्तीसगढ़ के पेंशनर्स को 42 प्रतिशत महंगाई भत्ते दिये जाने की कार्रवाई की जा सके।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ के पेंशनरों को महंगाई राहत देने के लिए छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग ने 2 अगस्त को मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखा था।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सेवानिवृत्त शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों को 42 प्रतिशत महंगाई राहत 1 जुलाई 2023 से प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) के अंतर्गत दोनों राज्यों के मध्य पेंशन पर महंगाई राहत के भुगतान के लिए सहमति आवश्यक होती है। ऐसी सहमति मिलने पर ही पेंशन राहत पर आगे कार्रवाई की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि जैसे ही मध्यप्रदेश की सहमति प्राप्त होगी, वैसे ही छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भी अविलंब पेंशनर राहत प्रदान करने की दिशा में कार्रवाई होगी।
उल्लेखनीय है कि पेंशनर संगठनों द्वारा महंगाई राहत की दर 42 प्रतिशत करने की माँग लगातार की जा रही है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा सहमति अब तक लंबित नहीं होने की वजह से पेंशनरों को राहत देने में यह समय लगा है। मुख्यमंत्री के पत्र लिखे जाने के बाद अब इस संबंध में तेजी से कार्रवाई हो सकेगी। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 16 अगस्त को जगदलपुर में युवाओं के साथ भेंट-मुलाकात करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन शासकीय काकतीय पीजी कॉलेज मैदान धरमपुरा में दोपहर 12 बजे से होगा। मुख्यमंत्री इस मौके पर युवाओं से ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ पर चर्चा करेंगे। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग संभाग में युवाओं से भेंट-मुलाकात कार्यक्रम हो चुका है। इन आयोजनों में युवाओं ने प्रदेश के विकास के संबंध में अपनी आकांक्षाओं को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा है। मुख्यमंत्री ने इन भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में युवा हित में अनेक बड़ी घोषणाएं भी की है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल 16 अगस्त को जगदलपुर के शौर्य भवन पुलिस कॉर्डिनेटर लालबाग में शाम 7 बजे ‘पंख खेल उपलब्धि पुरस्कार’ कार्यक्रम में शामिल होंगे।निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 16 अगस्त को सुबह 11.15 बजे स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर से प्रस्थान कर पूर्वान्ह 11.45 बजे मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट जगदलपुर पहुंचेंगे और शासकीय काकतीय पीजी कॉलेज मैदान धरमपुरा में दोपहर 12 बजे से आयोजित युवाओं के साथ भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री इसके बाद शौर्य भवन पुलिस कॉर्डिनेटर सेंटर में शाम 7 बजे बंसल न्यूज द्वारा आयोजित ‘पंख खेल उपलब्धि पुरस्कार’ कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल रात्रि विश्राम जगदलपुर में करेंगे। -
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जम्मो सियान मन, दाई-दीदी मन, संगवारी अउ नोनी-बाबू मन ल सुराजी तिहार के गाड़ा-गाड़ा बधाई! जय जोहार !भारत के 77 वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर आप सभी छत्तीसगढ़वासियों को हार्दिक बधाई और अनंत शुभकामनाएं!रायपुर : भारत की आजादी की लड़ाई सिर्फ एक देश को विदेशी साम्राज्य से मुक्त कराने की लड़ाई नहीं थी बल्कि इसके अनेक सामाजिक, आर्थिक, नैतिक और राजनैतिक पहलू थे। इस लड़ाई से न्याय और लोकतंत्र का अमृत निकला। वास्तव में यह मानवता को तरह-तरह के अत्याचारों और अन्यायों से मुक्त कराने की बड़ी लड़ाई थी, जिसका संदेश पूरी दुनिया में गया।आजादी की लड़ाई में लाखों लोगों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। इसमें छत्तीसगढ़ का नाम अग्रिम पंक्ति में दर्ज कराने वाले अमर शहीद गैंदसिंह, शहीद वीर नारायण सिंह जैसे महान सपूतों का पावन स्मरण करते हुए मैं सभी अमर शहीदों को नमन करता हूं। मंगल पाण्डे, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, रानी लक्ष्मीबाई, रानी अवंतिबाई लोधी जैसी हजारों विभूतियों की शहादत हमें देश के लिए सर्वोच्च बलिदान की प्रेरणा देती रहेगी।हमारा सौभाग्य है कि आजादी की लड़ाई का नेतृत्व करने वाले अनेक महान नेता आजाद देश के नवनिर्माण का नेतृत्व भी करते रहे। मैं उन पुरखों की याद करते हुए नई पीढ़ी को बलिदान और योगदान की गौरवशाली विरासत से जोड़ना चाहता हूं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, लाल बहादुर शास्त्री, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल-बाल-पाल, मौलाना अबुुल कलाम आजाद जैसी विभूतियों ने राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व दिया था।वहीं वीर गुण्डाधूर, पं. रविशंकर शुक्ल, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव, डॉ. खूबचंद बघेल, पं. सुंदरलाल शर्मा, डॉ. ई.राघवेन्द्र राव, क्रांतिकुमार, बैरिस्टर छेदीलाल, लोचन प्रसाद पाण्डेय, यतियतन लाल, डॉ. राधाबाई, पं. वामनराव लाखे, महंत लक्ष्मीनारायण दास, अनंतराम बर्छिहा, मौलाना अब्दुल रऊफ खान, हनुमान सिंह, रोहिणीबाई परगनिहा, केकतीबाई बघेल, श्रीमती बेलाबाई, इंदरू केंवट, उदय राम वर्मा, खिलावन बघेल, घसिया मंडल जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान भी स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। मैं इन सभी को सादर नमन करता हूं।भाइयों, बहनों और प्यारे बच्चों, भारत के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भारतवासियों की एकता की स्याही से लिखा गया है। देश में जाति-धर्म-सम्प्रदाय-संस्कृति आदि विविधताओं के बावजूद भारतवासियों में साथ रहने और साथ मिलकर चुनौतियों का सामना करने की अद्भुत क्षमता रही है। सर्वधर्म-समभाव वाली हमारी एकजुटता के कारण भारत की एकता और अखण्डता मजबूत बनी रही। आजाद भारत का गौरवशाली संविधान कहता है कि भारत देश राज्यों का संघ है, इसीलिए भारत सरकार को संघ की सरकार कहा गया है। इसका मतलब है कि कोई एक राज्य भी यदि संकट में है तो यह उस राज्य की निजी समस्या नहीं बल्कि पूरे देश की चिंता का विषय है। आज मैं इस मंच से संकटग्रस्त सभी राज्यों की चिंताओं में छत्तीसगढ़ की सहभागिता व्यक्त करता हूं।देश की आजादी और संविधान प्रदत्त अधिकार सबके लिए हैं और जब तक सब भारतवासी उनका समुचित उपयोग कर पाएंगे, तभी तक हमारी आजादी सुरक्षित रह पाएगी। प्रत्येक राज्य को और देश के प्रत्येक नागरिक को सशक्त बनाकर ही देश को मजबूत बनाया जा सकता है। यही कारण है कि हमने छत्तीसगढ़ में हर व्यक्ति और हर वर्ग को न्याय दिलाने का संकल्प लिया।आज मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमारी न्याय योजनाओं का प्रत्यक्ष असर हो रहा है। हमारी न्याय योजनाएं प्यार की गंगा बहा रही हैं और दिलों को जोड़ रही हैं। किसान, ग्रामीण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग, महिला, युवा, बच्चे आदि सभी का जीवन सरल बनाने, इनकी जरूरतों को पूरा करते हुए तरक्की के रास्ते पर आगे ले जाने के लिए हमने बड़े-बड़े निर्णय लिए हैं।हमने किसानों से किया हुआ वादा कैसे निभाया, यह बात सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि पूरा प्रदेश और देश जानता है। सरकार बनते ही सबसे पहले लगभग 9 हजार करोड़ रुपए का अल्पकालिक कृषि ऋण माफ किया। 2500 रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदा। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की मात्रा लगभग 56 लाख मीटरिक टन से बढ़ाकर 107 लाख मीटरिक टन किया। यह कुशल प्रबंधन और हमारी सरकार के प्रति बढ़े विश्वास के कारण हुआ। धान बेचने वाले किसानों की संख्या 12 लाख 60 हजार से बढ़कर करीब 25 लाख हो गई। धान खरीदी केन्द्रों की संख्या 1 हजार 989 से बढ़ाकर 2 हजार 617 किया। हम अपने वादे पर अडिग हैं कि आगामी खरीफ मौसम में छत्तीसगढ़ के किसान भाई-बहनों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाएगी। किसानों को ब्याजमुक्त ऋण देने के लिए प्राथमिक कृषि साख समिति की संख्या 1 हजार 333 से बढ़ाकर 2 हजार 58 किया। कृषि ऋण की राशि 3 हजार 546 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 7 हजार करोड़ रुपए की गई। किसानों की बकाया सिंचाई कर की 342 करोड़ रुपए की राशि माफ की गई।‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के माध्यम से धान के साथ ही अन्य खाद्यान्न, मिलेट, उद्यानिकी, वृक्षारोपण आदि के लिए नगद राशि दी गई, जिससे किसानों के खाते में 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि डाली गई। गन्ना प्रोत्साहन राशि के रूप में 208 करोड़ रुपए दिए गए। हमारी सरकार द्वारा समर्थन मूल्य घोषित करते हुए कोदो, कुटकी और रागी की खरीदी की जा रही है। प्रदेश में पहली बार लगभग 94 हजार क्विंटल मिलेट फसलों का उपार्जन हमने किया है। समर्थन मूल्य पर दलहन खरीदी का वादा भी पूरा किया गया है, जिससे प्रदेश में दलहन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।हमारी सरकार ने नई तरह की खेती और फसलों को बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। लाख पालन और मछली पालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। ‘छत्तीसगढ़ टी-कॉफी बोर्ड’ का गठन करते हुए जशपुर जिले में 102 एकड़ में चाय और बस्तर जिले में 80 एकड़ में कॉफी का रोपण किया गया है। पोषणबाड़ी योजना के तहत 4 लाख बाड़ियां विकसित की गई हैं। छुईखदान में ‘पान अनुसंधान केन्द्र’ की स्थापना की गई है।किसानों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए 587 कृषक सदन तथा किसान कुटीर, धमधा में फल-सब्जी मंडी, जगदलपुर, कांकेर तथा धमतरी में सामुदायिक बीज बैंक, कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में उच्च स्तरीय फाईटोसेनेटरी प्रयोगशाला की स्थापना की गई है। खेतों में ज्ञान की फसल रोपने के लिए 6 नवीन कृषि महाविद्यालय, 11 उद्यानिकी महाविद्यालय, एक वानिकी महाविद्यालय एवं एक खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, इस प्रकार कुल 19 नवीन महाविद्यालयों और महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है।हमने वादा निभाते हुए जल संसाधन विकास नीति 2022 लागू की। बेहतर सिंचाई प्रबंधन के कारण वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2022-23 में 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर में अतिरिक्त खरीफ सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई। विगत 4 वर्षों में सिंचाई परियोजनाओं के 1 हजार 36 कार्य स्वीकृत हुए हैं, जिसके लिए 4 हजार 451 करोड़ रुपए से अधिक राशि स्वीकृत की गई। 2 लाख 36 हजार 338 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई क्षमता का विस्तार सुनिश्चित किया गया। नदियों के संरक्षण और संवर्धन का वादा निभाते हुए ‘अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण’ तथा ’इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण’ का गठन किया है। बांध पुनर्वास एवं सुधार योजना पर कार्य शुरू किया है।हमारी ‘सुराजी गांव योजना’ गांवों, खेतों, पर्यावरण और आजीविका में सुधार की दृष्टि से देश और दुनिया में सराही गई है। इसके माध्यम से हजारों नरवा का उपचार किया जा चुका है, जिससे उन क्षेत्रों का भूजल स्तर तेजी से बढ़ा है। गौठानों के लिए प्रदेश में 1 लाख एकड़ से अधिक जमीन संरक्षित की गई। 7 हजार से अधिक चारागाह स्वीकृत हुए। 10 हजार से अधिक गौठानों में आर्थिक गतिविधियां शुरू हुईं, जिसमें से लगभग 6 हजार गौठान स्वावलंबी हो गए हैं। घुरुवा और गोधन न्याय योजना के माध्यम से गांवों में नई किस्म की आर्थिक क्रांति का सूत्रपात हुआ है। गोबर और गौमूत्र खरीदी, इनसे जैविक खाद तथा जैविक कीटनाशक के निर्माण से छत्तीसगढ़ रासायनिक खाद से मुक्ति की दिशा में चलना शुरू कर चुका है। गौठानों की आर्थिक गतिविधियों से महिला स्व-सहायता समूहों सहित विभिन्न जुड़े हुए लोगों को हुई आय भी 500 करोड़ रुपए से अधिक हो चुकी है। इसी तरह बारी कार्यक्रम में लगभग 5 लाख निजी बाड़ी तथा लगभग 6 हजार सामुदायिक बाड़ी का विकास किया जा चुका है।कृषि उत्पादों के संरक्षण और प्रसंस्करण के लिए हमने फूडपार्क विकसित करने का वादा भी निभाया है। इसके लिए 112 विकासखण्डों में भूमि चिन्हांकित कर कार्यवाही आगे बढ़ाई गई है। उद्यानिकी फसलों के लिए 63 कोल्ड स्टोरेज स्थापित किए गए हैं। वहीं पाटन विकासखण्ड में ‘गामा रेडियेशन सुविधायुक्त एकीकृत पैक हाउस’ की स्थापना की जा रही है।हमने ‘गोधन न्याय योजना’ के माध्यम से पशुपालन को बढ़ावा दिया है तो पशु स्वास्थ्य के व्यापक प्रबंध भी किए हैं। 45 नवीन पशु औषधालयों की स्थापना और 20 पशु औषधालयों का उन्नयन किया गया है। 163 मोबाइल वेटनरी यूनिट, राज्य स्तरीय कॉल सेंटर तथा 28 जिलों में पशुओं को हिंसा से बचाने के लिए सोसायटी का गठन किया गया है।हमने भूमिहीन कृषि मजदूरों से किया हुआ वादा निभाते हुए हमने ‘राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ शुरू की। इसके अंतर्गत ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायत में निवासरत भूमिहीन खेतिहर मजदूर, चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, सेन, धोबी, पुरोहित जैसे पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक, अनुसूचित क्षेत्रों के बैगा, गुनिया, मांझी, पुजारी, हाट पहरिया एवं बाजा मुहारिया आदि को प्रति वर्ष 7 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। अभी तक 590 करोड़ रुपए की राशि दी जा चुकी है।‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना’ के अंतर्गत हम लक्ष्य और लेबर बजट से अधिक काम करते आए हैं। इस वर्ष भी हमने 1 हजार 200 लाख मानव दिवस के लेबर बजट के विरुद्ध 110 प्रतिशत अधिक अर्थात 1 हजार 335 लाख मानव दिवस रोजगार सृजित किया है।छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, बीसी सखी, समुदाय आधारित संवहनीय कृषि योजना जैसे उपायों के माध्यम से 32 लाख से अधिक महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा है। वहीं गौठान, जैविक खेती तथा डीडीयू-जीकेवाय योजनाओं से भी 2 लाख से अधिक महिलाओं को नए तरह के रोजगार के अवसरों से जोड़ा गया है। हमने ‘महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क’ (रीपा) के माध्यम से ग्रामीण उद्योगों की क्रांति का बीड़ा उठाया है। यह वादा निभाते हुए जिलों में 300 रीपा स्थापित किए हैं। जिसमें 1 हजार 300 से अधिक उद्योग संचालित हैं और लगभग 11 हजार लोगों को इनसे सीधा रोजगार मिला है। रीपा की तर्ज पर नगरीय निकायों में ‘महात्मा गांधी अरबन इंडस्ट्रियल पार्क’ का निर्माण भी किया जा रहा है।छत्तीसगढ़ के गांवों में कोई भी परिवार बेघर न रहे, इसके लिए हमने बहुत बड़ी सोच और न्याय की विराट भावना से काम लिया है। एक ओर जहां ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत प्रदेश में 8 लाख 63 हजार 445 आवासों का निर्माण पूर्ण किया गया है तथा शेष 2 लाख 12 हजार 701 आवासों के निर्माण हेतु हमने राज्य के नए बजट में 3 हजार 228 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। वहीं दूसरी ओर हमने वर्ष 2011 की जनगणना के बाद पात्र हुए परिवारों की भी चिंता की है। भारत सरकार द्वारा हमारे अनुरोध को नहीं माना गया तो हमने राज्य स्तर पर सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण कराते हुए प्रदेश की अपनी योजना लागू करने का वादा किया था। मुझे खुशी है कि यह वादा पूरा करते हुए हमने ‘आवास न्याय योजना’ प्रारंभ कर इसके लिए प्रथम बजट प्रावधान भी कर दिया है। यह योजना भी हमारी सरकार की न्याय यात्रा का बहुत महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगी।श्रमिकों को बेहतर जीवन उपलब्ध कराने के लिए हमने अनेक क्रांतिकारी उपाय किए हैं। कारखाना अधिनियम के अंतर्गत सेवानिवृत्ति की आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष की गई। छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल, छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल तथा छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल के अंतर्गत 38 लाख 32 हजार श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। पंजीकृत श्रमिकों को बीमा, स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा, कौशल उन्नयन, पारिवारिक जरूरतों आदि से संबंधित योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करते हुए निचले स्तर पर विकास में तेजी लाने हेतु हमने त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं तथा नगरीय निकायों के निर्वाचित पदाधिकारियों का मानदेय, सुविधाएं तथा वित्तीय अधिकार बढ़ाया है।आदिवासी अंचलों और वन क्षेत्रों सहित प्रदेश के बड़े हिस्से में आजीविका के नए-नए अवसर बनाने, जीवन स्तर संवारने, तरक्की और खुशहाली के नए-नए आयाम गढ़ने को हमने सबसे जरूरी काम समझा है। वर्ष 2018 तक तेन्दूपत्ता संग्रहण और मात्र 7 लघु वनोपजों की खरीदी भी बेहद अनमने तथा अव्यवस्थित तरीके से की जाती थी, जिससे वन आश्रित लोगों का हक मारा जा रहा था। हमारी सरकार ने तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 2 हजार 500 रुपए से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रतिमानक बोरा किया। वर्ष 2021 तथा 2022 में हुए तेन्दूपत्ता के कारोबार से इस वर्ष लगभग 500 करोड़ रुपए की राशि संग्राहकों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में दी जा रही है। वहीं हमने 67 अन्य लघु वनोपजों को समर्थन मूल्य पर खरीदने का इंतजाम किया और 388 करोड़ रुपए मूल्य की लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया है। छत्तीसगढ़ देश की कुल लघु वनोपज का तीन चौथाई से अधिक उपार्जन करने वाला राज्य बन गया है। हमने इन वनोपजों के मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण, विपणन के लिए भी अनेक उपाय किए हैं। ‘सी-मार्ट’ का संचालन किया जा रहा है, जहां 1 हजार 512 प्रकार के उत्पादों को बेचा जाता है।निरस्त वन अधिकार पत्रों के दावों की समीक्षा और बड़े पैमाने पर वितरित करने का वादा हमने किया था। आज मुझे यह कहते हुए संतोष का अनुभव होता है कि प्रदेश में 5 लाख 18 हजार 617 व्यक्तिगत, सामुदायिक तथा वन संसाधन श्रेणी के वन अधिकार पत्रों के माध्यम से 1 करोड़ 4 लाख 21 हजार एकड़ भूमि वितरित की गई है। इतना ही नहीं, देश में पहली बार हमने नगरीय क्षेत्र में वन अधिकार पत्र तथा विशेष कमजोर जनजाति समूहों को पर्यावास के अधिकार पत्र भी प्रदान किए हैं।बस्तर संभाग में कोसाफलों के उत्पादन को भी यहां की ताकत बनाने के लिए ‘मुख्यमंत्री रेशम मिशन’ का गठन कर कार्य प्रारंभ किया गया है। रैली कोसाफल के धागाकरण से बस्तर के रेशमी सपने पूरे होंगे। प्रदेश में रेशम बनाने के कार्य में लगे लगभग 51 हजार हितग्राहियों को भी ऐसे प्रयासों का लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित, छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड, छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, छत्तीसगढ़ माटीकला बोर्ड को सशक्त बनाकर तथा पारंपरिक कार्यों के लिए मंडलों का गठन कर आदिवासी तथा अन्य ग्रामीण अंचलों में लाखों लोगों की आजीविका के साधन मजबूत किए गए हैं।अनुसूचित क्षेत्रों में सड़क, पुल, पुलिया, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बिजली, पानी, रोजगार के साधन जैसी तमाम बुनियादी अधोसंरचनाओं का विकास किया गया। जिसके कारण वहां शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है। कानून-व्यवस्था और सुरक्षा की स्थितियों में तेजी से सुधार हुआ है। इसके साथ ही हमने आदिवासी समाज की मूल संस्कृति को सम्मान के साथ बचाए रखने के लिए भी बहुत संवेदनशील प्रयास किए हैं। प्रत्येक देवगुड़ी और गोटुल के संरक्षण, जीर्णोद्धार और निर्माण के लिए 5 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है। ‘मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ की शुरुआत भी कर दी गई है, जिसमें प्रत्येक ग्राम पंचायत को 10 हजार रुपए की राशि दी जा रही है।सार्वभौम पीडीएस हमारा एक बड़ा वादा था। मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमने 2 करोड़ 66 लाख लोगों तक पीडीएस को पहुंचाकर वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार शत-प्रतिशत कव्हरेज कर लिया है। खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा को भी गति दी गई है। सभी जिलों में अंत्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित, निःशक्तजन राशनकार्डधारियों, मध्याह्न भोजन योजना एवं पूरक पोषण आहार योजना के हितग्राहियों को आयरन फोलिक एसिडयुक्त फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। 64 लाख जरूरतमंद राशनकार्डधारियों को वर्ष 2023 की पूरी अवधि में मासिक पात्रता का चावल निःशुल्क दिया जा रहा है। ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना’ का क्रियान्वयन भी सभी राशन दुकानों में किया जा रहा है।हमने 4 वर्ष पहले यह आकलन किया था कि प्रदेश में 4 लाख 33 हजार बच्चे कुपोषित हैं। इस बात को हमने बहुत गंभीरता से लेते हुए ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’ की शुरुआत की थी। आज मुझे यह कहते हुए खुशी होती है कि हमारे अभियान से लगभग पौने तीन लाख बच्चे गंभीर कुपोषण से एवं पौने 2 लाख महिलाएं एनीमिया से मुक्त हो गई हैं। इस तरह नवा छत्तीसगढ़ की नई पीढ़ी को स्वस्थ तथा सुपोषित बनाने का हमारा संकल्प पूरा हो रहा है। मैंने पाया कि बेटियों तथा नवजात शिशुओं की देखरेख में लगी मैदानी कार्यकर्ताओं को मिलने वाला मानदेय काफी कम है तो हमने आंगनवाड़ी सहायिका, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बहनों का मानदेय दोगुना कर दिया है। 10 हजार आंगनवाड़ी केन्द्रों का ‘मॉडल केन्द्र’ के रूप में विकास, 1 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों का ‘बाल सुलभ केन्द्रों’ के रूप में विकास, 5 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों में ‘बालवाड़ियों’ का आरंभ, 10 आकांक्षी जिलों और 20 विकासखण्डों में ‘सक्षम आंगनवाड़ी केन्द्रों’ का विकास जैसे प्रयासों का अच्छा असर हो रहा है।छत्तीसगढ़ महिला कोष के बजट तथा इनसे महिला स्व-सहायता समूहों को मिलने वाले ऋण की सीमा में वृद्धि, मात्र 3 प्रतिशत ब्याज दर, सक्षम योजना, कौशल्या समृद्धि योजना, नोनी सुरक्षा योजना, कौशल्या मातृत्व योजना, मुख्यमंत्री बाल उदय योजना, शुचिता योजना, छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना, मिनी माता महतारी जतन योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना आदि से प्रदेश में महिलाओं और बच्चों की देख-रेख और स्वाभिमान को बढ़ावा मिला है।‘स्वस्थ छत्तीसगढ़’ हमारी प्राथमिकता में ऊंचे स्थान पर रहा है। इसके लिए हमने प्रदेश में अस्पतालों की गुणवत्ता सुधार, नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना का काम बहुत तेजी से आगे बढ़ाया। तत्काल स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दूरस्थ आदिवासी अंचलों के हाट-बाजारों, दुर्गम बसाहटों से लेकर शहरों की तंग बस्तियों तक चलित स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाईं। ‘डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’ से व्यापक राहत दी। ‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’ के जरिए 25 लाख रुपए तक उपचार की निःशुल्क सुविधा दी गई। हाट-बाजार क्लीनिक, शहरी स्लम स्वास्थ्य सहायता, दाई-दीदी क्लीनिक योजना, हमर लैब, निःशुल्क डायलिसिस कार्यक्रम आदि के माध्यम से 2 करोड़ से अधिक लोगों को राहत पहुंचाई गई है। श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना के तहत 71 लाख लोगों को 70 प्रतिशत तक सस्ती दवा मिलने से 124 करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है। विभिन्न प्रयासों से संस्थागत प्रसव की दर 73.8 से बढ़कर 86.7 प्रतिशत हुई है। मातृ मृत्यु दर 173 से घटकर 137 प्रति लाख हो गई है। कुष्ठ प्रभाव दर 7.72 से घटकर 1.7 प्रति हजार हो गई है। मलेरिया परजीवी सूचकांक 4.6 से घटकर 0.46 प्रतिशत हो गया है। इस तरह हम स्वस्थ छत्तीसगढ़ गढ़ने का सपना भी तेजी से साकार कर रहे हैं।अच्छी शिक्षा विद्यार्थियों के मन के बंधनों को खोलती है तथा उन्हें आदर्श नागरिक के रूप में देश-सेवा के लिए तैयार करती है। हमारी सरकार ने राज्य-गठन के बाद पहली बार नियमित शिक्षकों की भर्ती का अभियान छेड़ा है, जिसके पहले चरण में 10 हजार 834 शिक्षकों की भर्ती की गई है, वहीं अब बस्तर तथा सरगुजा संभाग के लिए 12 हजार 489 शिक्षकों की भर्ती-प्रक्रिया प्रचलन में है।आर्थिक रूप से मध्यम और कमजोर तबकों के बच्चों को महंगे स्कूलों में शिक्षा दिलाने का सपना लाखों परिवारों को तोड़ देता था, इसलिए हमने सरकारी स्कूलों को ही अधोसंरचना, पढ़ाई तथा पाठ्य सहगामी सुविधाओं की दृष्टि से इतना उन्नत बनाने की पहल की है कि ये स्कूल शिक्षा के साथ मान-सम्मान और स्वाभिमान के केन्द्र भी बनें। शासकीय स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना के अंतर्गत अब 377 अंग्रेजी माध्यम तथा 349 हिन्दी माध्यम विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, जहां 4 लाख 21 हजार बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। यहां से निकले युवाओं को अंग्रेजी माध्यम में उच्च शिक्षा की उत्कृष्ट सुविधा देने के लिए शासकीय स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम कॉलेज भी 10 जिलों में शुरू किए गए हैं। ऐसे स्कूल-कॉलेजों की मांग लगातार बढ़ रही है।इतना ही नहीं, प्रदेश के सभी स्कूलों के भवन तथा अन्य सुविधाओं को उच्च स्तरीय बनाने के लिए हमने इसी वर्ष ‘मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना’ शुरू की, जिसमें 2 हजार 133 करोड़ रुपए की लागत से 29 हजार से अधिक शालाओं में समुचित कार्य कराए जाएंगे। इनमें से लगभग 2 हजार शालाओं में कार्य पूर्ण हो भी चुके हैं तथा 14 हजार शालाओं के कार्य प्रगति पर हैं।कोरोना काल में शालाएं बंद होने के कारण हमने वैकल्पिक तरीकों से पढ़ाई कराई थी, जिसके कारण अन्य प्रदेशों में हुए नुकसान की तुलना में हमारे प्रदेश के बच्चों का स्तर बेहतर रहा। इसके बावजूद कोरोना काल से प्रभावित हुई पढ़ाई की भरपाई के लिए प्रदेश में विश्व बैंक की 2 हजार 500 करोड़ रुपए की मदद से चॉक परियोजना शुरू की जा रही है।हायर सेकेण्डरी परीक्षा के प्रमाण-पत्र के साथ आईटीआई प्रशिक्षित होने का प्रमाण-पत्र देने की हमारी योजना से युवाओं को पढ़ाई के साथ रोजगारपरक प्रशिक्षण मिल रहा है और इससे उनका आत्मविश्वास भी तेजी से बढ़ा है। हमारी इस योजना का अनुसरण करने के निर्देश भारत सरकार ने अन्य राज्य सरकारों को भी दिए हैं, वहीं कौशल उन्नयन के विभिन्न उपायों के साथ रोजगार मेलों के माध्यम से निजी क्षेत्रों में नौकरियां सुनिश्चित की जा रही हैं, जिसका लाभ लगभग 19 हजार युवाओं को मिला है।प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर के आवासीय विद्यालय का सपना साकार करने के लिए नवा रायपुर में 100 करोड़ रुपए की लागत से भवन निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा चुका है, वहीं राष्ट्रीय स्तर के शिक्षक-प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना भी नवा रायपुर में की जा रही है।हमने युवाओं पर भरोसा जताते हुए उनके सुखद भविष्य के लिए अनेक कदम उठाए हैं। मुझे खुशी है कि युवाओं से भी मुझे बहुत प्यार और आदर मिला है। ‘भेंट-मुलाकात’ कार्यक्रमों में सार्थक संवाद और उनके उत्साह से मैं अभिभूत हूं। हमने 4 नए संगीत महाविद्यालयों के साथ 71 नए महाविद्यालय प्रारंभ किए। सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ा अधिकारी के पदों पर 1 हजार 553 नियुक्तियां की गईं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं के परीक्षा शुल्क माफ करने का फैसला लिया, जिससे 22 लाख 28 हजार युवाओं की करीब 33 करोड़ रुपए की फीस माफ हुई है। व्यापम, लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनियों तथा स्वामी आत्मानंद स्कूलों में हुई भर्ती से लगभग 42 हजार युवाओं को नौकरी मिली है। शासन से वित्त पोषित विभिन्न निगमों, मंडलों, समितियों, विभागों में की गई भर्तियों की संख्या हजारों में है। हमने बेरोजगारी भत्ता देने का वादा भी निभाया है, जिसके तहत 1 लाख 22 हजार से अधिक युवाओं को लगभग 113 करोड़ रुपए की राशि बेरोजगारी भत्ते के रूप में दी गई है।युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की अच्छी तैयारी कराने के लिए देश की ख्याति प्राप्त कोचिंग संस्थानों से ऑनलाइन कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था हम शीघ्र करने जा रहे हैं। इसके लिए प्रत्येक विकासखण्ड मुख्यालय में एक स्थान पर वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग की व्यवस्था की जाएगी।हमने युवाओं के सर्वांगीण विकास के साथ ही उनके कैरियर निर्माण के अनेक मोर्चों पर एक साथ काम किया है। प्रदेश के विभिन्न स्थानों में वहां की विशेषताओं के आधार पर खेल अकादमी शुरू की। साथ ही 24 जिलों में ‘खेलो इंडिया सेंटरों’ का संचालन शुरू किया गया है। मुझे विश्वास है कि चौतरफा प्रयासों से हमारे युवा साथियों के सुनहरे भविष्य का सफर आसान होगा। युवाओं को सामाजिक कार्यों से जोड़ने, उन्हें सांस्कृतिक उत्थान का सूत्रधार बनाने के लिए प्रदेश में 13 हजार 242 ‘राजीव युवा मितान क्लब’ गठित किए गए हैं, जिनके 4 लाख से अधिक सदस्य प्रदेश की फिज़ा में मोहब्बत, एकजुटता और तरक्की के रंग घोल रहे हैं।अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए नियुक्ति तथा चयन प्रक्रियाओं में आरक्षण को लेकर लगी रोक हटने के बाद हमने शैक्षणिक संस्थाओं में पूर्ववत 58 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है।शहरों में पर्यावरण संरक्षण के साथ सांस्कृतिक महत्व के वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए ‘कृष्ण कुंज योजना’ शुरू की गई है, जिसके तहत लगभग 250 एकड़ में 60 हजार से अधिक पौधों का रोपण किया गया है।छोटे भूखंडों का पंजीयन मध्यमवर्गीय परिवारों की मूलभूत आवश्यकता है, जिसका हनन पूर्व में किया गया था। हमने ऐसे भूखंडधारी क्रेता तथा विक्रताओं को न्याय दिलाने का वादा निभाया, जिसके कारण लगभग 5 लाख भूखंडों का पंजीयन हुआ। इसी तरह महिलाओं के पक्ष में स्टॉम्प शुल्क की रियायत आवासीय भवनों के पंजीयन में दी गई। इन फैसलों से लाखों लोगों का जीवन आसान हुआ है, उन्हें वित्तीय तरलता का लाभ मिला है।हमने राजस्व से संबंधित मामलों के हल हेतु नियम-प्रक्रियाओं को सरल किया। साथ ही बड़ी प्रशासनिक इकाइयों का पुनर्गठन किया, जिसके कारण 6 नए जिलों, 32 राजस्व अनुविभागों तथा 100 नवीन तहसीलों का गठन किया। इस तरह हमने शासन-प्रशासन को आम जनता के करीब लाकर यह संदेश दिया कि जनता की सेवा ही हमारा कर्त्तव्य है।हमारे सरकार में आने के पहले प्रदेश में मात्र 7 प्रतिशत घरों में ही घरेलू नल कनेक्शन थे, जो अब बढ़कर 55 प्रतिशत हो गए हैं। राज्य में अब तक 27 लाख 25 हजार 761 ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन का लाभ दिया जा चुका है। अब 2 लाख 72 हजार 114 हैण्डपम्पों, 4 हजार 540 नलजल योजनाओं, 2 हजार 182 स्थल जल प्रदाय योजनाओं तथा 12 हजार 737 सोलर आधारित जल प्रदाय योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत मार्च 2024 तक छत्तीसगढ़ के समस्त 50 लाख 13 हजार ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मापदंड से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। 124 नगरीय निकायों में जल प्रदाय योजनाएं तथा 13 समूह जल प्रदाय योजनाएं पूर्ण कर जल प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है।छत्तीसगढ़ में उत्पादित होने वाली बिजली का लाभ हमारे प्रदेश के किसानों तथा आम जनता को नहीं मिल पाता था। हमने इस नीति को बदलते हुए प्रदेश को अधिक उत्पादन के साथ अधिक उपभोग वाला राज्य भी बनाने का निर्णय लिया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग बिजली का उपभोग कर सकें। बिजली की खपत उनकी पहुंच के भीतर हो, इसके लिए ‘हाफ बिजली योजना’ लागू की गई। इस योजना से लगभग 43 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को लगभग 3 हजार 900 करोड़ रुपए की छूट दी जा चुकी है। 1 लाख 7 हजार से अधिक नए सिंचाई पम्पों के कनेक्शन दिए गए हैं। किसानों को 12 हजार करोड़ रुपए की निःशुल्क बिजली, बीपीएल उपभोक्ताओं को 2 हजार 200 करोड़ रुपए की निःशुल्क बिजली दी जा चुकी है।बिजली उत्पादन की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 1 हजार 360 मेगावाट क्षमता का ‘राजीव गांधी सुपर क्रिटिकल थरमल पावर प्लांट’ स्थापित करने हेतु हमने भूमिपूजन कर दिया है। साथ ही बिजली के पारेषण तथा वितरण की क्षमता बढ़ाने हेतु बड़े-बड़े कदम उठाए गए हैं, जिससे छत्तीसगढ़ गुणवत्तापूर्ण निरंतर विद्युत प्रदाय वाला राज्य बना रहेगा।राज्य के खनिज संसाधन हमारी शक्ति और गौरव के विषय हैं। इनसे प्रदेश के राजस्व में निरंतर बढ़ोतरी के साथ ही अनेक जनहितकारी कार्यों में भी बड़ी भूमिका तय की गई है। इनके माध्यम से डीएमएफ में अंशदान आता है। हमने डीएमएफ की राशि के सदुपयोग के लिए कठोर नियम बनाए हैं और लगभग 12 हजार 600 करोड़ रुपए की राशि व्यापक जनहित की योजनाओं हेतु स्वीकृत की गई है। डीएमएफ की प्रभावी निगरानी और पारदर्शी भुगतान के लिए ‘डीएमएफ पोर्टल’ का निर्माण किया गया है।राज्य के अनमोल खनिज संसाधनों के राज्य हित में विवेकपूर्ण उपयोग के साथ ही हमने नए खनिज भण्डारों की खोज की है, वहीं हीरा उत्खनन की दिशा में कदम आगे बढ़ाया है। महासमुन्द जिले की सरायपाली तहसील में बलौदा-बेलमुण्डी, डायमंड ब्लॉक के लगभग 157 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पूर्वेक्षण प्रारंभ करने की कार्यवाही प्रचलन में है। यह कार्य राज्य की समृद्धि की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।प्रदेशवासियों का जीवन सरल बनाने के लिए, सरकारी दफ्तरों में पारदर्शी प्रक्रिया से कार्य को प्रोत्साहित करने और घर पहुंच सेवाओं को बढ़ावा देने के हमारे प्रयासों की मिसाल ‘तुंहर सरकार, तुंहर दुआर योजना’ है, जिसके तहत 22 लाख से अधिक स्मार्ट कार्ड आधारित पंजीयन प्रमाण-पत्र, ड्राइविंग लायसेंस आदि आवेदकों को घर पहुंचाकर दिए गए हैं। वहीं ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’ के अंतर्गत नगरीय निकायों से संबंधित सेवाओं के दस्तावेज घर पहुंचाकर दिए जा रहे हैं, जिसका लाभ 1 लाख 15 हजार से अधिक लोगों को मिल चुका है।भाइयों और बहनों, छत्तीसगढ़िया की सबसे बड़ी पहचान उसका अपनी माटी के प्रति प्यार, श्रद्धा, स्वाभिमान और अभिमान है। हमारी यह पहचान समरस और सद्भावी समाज की रचना करती है। अपनी साझा संस्कृति को बचाने के लिए हमने हरेली, तीजा-पोरा, माता कर्मा जयंती, छेरछेरा पुन्नी, विश्व आदिवासी दिवस और छठ पूजा जैसे अवसरों पर अवकाश की घोषणा की। हमने ’अरपा पइरी के धार’ को राजगीत बनाया, छत्तीसगढ़ महतारी का चित्र जारी किया, छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा भी जिलों में स्थापित कराई जा रही है। राजकीय गमछा घोषित किया। अपनी संस्कृति के हर पहलू जैसे खान-पान, लोक-कला, मड़ई -मेला को सम्मानित और प्रोत्साहित किया।ग्रामीण खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए प्रति वर्ष ‘छत्तीसगढ़िया ओलंपिक’ आयोजित करने की शुरूआत की। प्रति वर्ष अक्ती त्यौहार को ‘माटी पूजन दिवस’ घोषित किया। राम वनगमन पर्यटन परिपथ के रूप में 2 हजार 260 किलोमीटर के क्षेत्र में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के पदचिन्हों और लोक आस्था के प्रतीकों को संरक्षित करने का कार्य किया जा रहा है। ऐसे अनेक स्थानों पर निर्माण कार्यों का लोकार्पण भी किया जा चुका है। हमने चंदखुरी में माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार तथा सौंदर्यीकरण किया है। साथ ही ‘माता कौशल्या महोत्सव’ का आयोजन भी प्रारंभ किया है। ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’, ‘राज्य स्तरीय रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना’ के तहत मानस मंडलियों की प्रतियोगिता का आयोजन भी शुरू किया गया है।हमारे ‘आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता, पहचान और सराहना मिली है। राज्य अलंकरण पुरस्कारों की सूची में देवदास बंजारे स्मृति पंथी नृत्य पुरस्कार, लाला जगदलपुरी साहित्य पुरस्कार, हबीब तनवीर सम्मान, खुमान साव सम्मान, लक्ष्मण मस्तुरिया सम्मान को भी शामिल करने की घोषणा से हमारी माटी के सपूतों के योगदान को चिरस्थायी बनाया जा सकेगा। इसके अलावा हमारे लोक कलाकारों तथा साहित्यकारों के लिए ‘चिन्हारी पोर्टल’, ‘मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना’, ‘गुरु शिष्य परंपरा छात्रवृत्ति’, वित्तीय सहायता योजना, अशासकीय संस्थाओं को आर्थिक अनुदान, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद का गठन जैसे अनेक कार्य भी किए गए हैं। छत्तीसगढ़ फिल्म नीति के अमल से बालीवुड की 19 फिल्मों की शूटिंग सुनिश्चित हुई है, वहीं छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माण के लिए भी अनेक सुविधाएं दी गई हैं।न्याय दिलाने के हमारे संकल्पों और प्रयासों की बदौलत एक ओर जहां बस्तर के लगभग 600 गांव नक्सलमुक्त हुए हैं। वहीं दूसरी ओर नक्सल हिंसा प्रभावित 300 से अधिक स्कूलों का पुनर्निर्माण और संचालन भी शुरू हुआ है। हमने आदिवासियों को अनावश्यक आपराधिक प्रकरणों से रिहाई दिलाने का वादा किया था। लगभग 1 हजार 400 लोगों को राहत देकर हमने यह वादा भी निभाया है। वहीं चिटफंड कंपनियों के शिकार लगभग 46 हजार निवेशकों को 34 करोड़ रुपए की राशि वापस दिलाई गई है। ऐसी कंपनियों से लगभग 142 करोड़ रुपए की कुर्की की गई है, अतः यह राशि भी प्रभावित निवेशकों को लौटाने की कार्यवाही की जा रही है। चिटफंड कंपनियों के 700 से अधिक आरोपी पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। साइबर अपराध पर प्रभावी अंकुश लगाने के प्रयासों से 8 करोड़ रुपए से अधिक राशि अपराधियों के हाथों में जाने से रोकी गई है।पुलिस में विभिन्न पदों पर भर्ती पदोन्नति के साथ ही, बस्तर फाइटर्स बल का गठन, तृतीय लिंग आरक्षकों की भर्ती, पुलिसकर्मियों के लिए कल्याणकारी योजनाएं आदि प्रयासों से पुलिस का मनोबल बढ़ा है।हमने नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का जो संकल्प लिया था, उसे पूरा करने का काम जी-जान से कर रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश के वन अंचल से लेकर कस्बों, गांवों, शहरों में, हर जगह खुशहाली आई है। हमने विभिन्न वर्गों का स्वाभिमान और स्वावलंबन बढ़ाने के लिए उनके खातों में 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत प्रदान की। जिससे प्रदेश में व्यापार, व्यवसाय, उद्योग, हर क्षेत्र में प्रगति की रफ्तार बनी हुई है। हर क्षेत्र में रिफॉर्म का असर कार्य में सरलता तथा विकास में तेजी के रूप में दिखाई पड़ रहा है। यह पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है कि हमारी अभिनव योजनाओं से लेकर केन्द्रीय योजनाओं तक में प्रदेश की उपलब्धियां देश में अव्वल स्थान पर रही हैं। अनेक योजनाओं को भारत सरकार ने स्वयं सराहा है तथा उन्हें अन्य राज्यों में लागू करने की सिफारिश भी की है। विकास का हमारा ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ प्रदेशवासियों के लिए उम्मीदों की नई किरण लेकर आया है, साथ ही देश को नई दिशा देने में भी सफल रहा है।भाइयों और बहनों, इस स्वतंत्रता दिवस से गणतंत्र दिवस 2024 के बीच बहुत छोटा-सा कालखंड है, लेकिन मैं एक बार फिर कहना चाहता हूं कि 26 जनवरी 2024 को हमें 75 वां गणतंत्र दिवस बहुत गौरवशाली ढंग से मनाना है। आजादी के लिए हमारे पुरखों ने जो कुर्बानियां दीं, सेना के जवानों और तमाम सुरक्षा बलों ने देश की एकता और अखण्डता को बचाए रखने में जितने कष्ट सहन किए, हमारे महान नेताओं ने जिस तरह देश को एकजुट बनाए रखने के लिए संघर्ष किए, उन्हें याद रखना है। नए जोशो-खरोश और समर्पण के साथ हमें छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करना है। छत्तीसगढ़ के विकास को नई बुलंदियों पर ले जाने के लिए अभी हमें बहुत कुछ करना है। मुझे विश्वास है कि आप सबका प्यार और आशीर्वाद हमें मिलता रहेगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित समारोह में की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं
संस्कृति, सुरक्षा, कृषि, सुगमता
घोषणा: - 1
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रदेश के साहित्यिक वातावरण को और भी सुदृढ़ करने के लिये साहित्यकारों को तीन श्रेणियों में ‘‘छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान’’ दिये जाने की घोषणा की।पहला - छत्तीसगढ़ी एवं अन्य बोली जैसे गोंडी, हल्बी, सरगुजिया, कुरुख आदि में लिखे गये साहित्य के लिये।दूसरा - हिंदी में लिखे गये पद्य के लिये।तीसरा - हिंदी में लिखे गये गद्य के लिये यह सम्मान दिया जायेगा।हर श्रेणी में सम्मानित साहित्यकारों को 5 लाख रूपये नगद एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जायेंगे
घोषणा:- 2
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं उनकी अस्मिता बनाये रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम निर्णय लेने जा रहे हैं कि बालिकाओं एवं महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को शासकीय नौकरियों से प्रतिबंधित किया जायेगा।
घोषणा:- 3
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में लंबी कूद, 100 मीटर दौड़ एवं कुश्ती के खेल में 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किया जाएगा। यह प्रावधान इसी वर्ष से लागू किये जायेंगे।
घोषणा:- 4
मछली पालन और लाख पालन को कृषि का दर्जा दिये जाने के सकारात्मक परिणामों को देखते हुये मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में अब रेशम कीट पालन एवं मधुमक्खी पालन को भी कृषि का दर्जा देने की घोषणा की है।
घोषणा:- 5
छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुक्कुटपालन को प्रोत्साहित करने नवीन रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर सृजित किये जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ‘‘छत्तीसगढ़ कुक्कुटपालन प्रोत्साहन योजना’’ प्रारंभ किये जाने की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत कुक्कुट पालकों को सब्सिडी तथा वाणिज्यिक दर के स्थान पर अब रियायती दर पर बिजली उपलब्ध करायी जाएगी।
घोषणा:- 6
शिक्षा के क्षेत्र में:- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के शासकीय शालाओं के 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थी भी इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षाओं की बेहतर रूप से तैयारी कर सकें इसके लिये देश के ख्याति प्राप्त कोचिंग संस्थाओं से ऑनलाइन कोचिंग निःशुल्क कराने की व्यवस्था हम शीघ्र करने जा रहे हैं। इसके लिये सभी विकासखंड मुख्यालयों में ऑनलाइन कोचिंग कक्षाओं की व्यवस्था की जायेगी।
घोषणा:- 7
श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिलों में कम से कम एक कॉलेज में पोस्ट-ग्रेजुएट कक्षाओं में अध्ययन की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय हमने लिया है। इसी क्रम में नवनिर्मित जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ मुख्यालय में संचालित शासकीय लोचनप्रसाद पाण्डे महाविद्यालय सारंगढ,़ जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही मुख्यालय में संचालित डाॅ. भंवर सिंह पोर्ते महाविद्यालय पेंड्रा, जिला सक्ती मुख्यालय में संचालित क्रांति कुमार भारतीय महाविद्यालय सक्ति एवं जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चैकी में संचालित शासकीय एल.सी.एस. महाविद्यालय अंबागढ़ चैकी को स्नातकोत्तर विद्यालय का दर्जा प्रदान करने की घोषणा करता हूँ। इसके लिये आवश्यक नवीन विषय एवं पद संरचना इन महाविद्यालयों को अति शीघ्र उपलब्ध करा दी जायेगी।
घोषणा:- 8
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि नवा छत्तीसगढ़ गढ़नें में आधुनिक प्रौद्योगिकी की भूमिका को देखते हुये हम अगले शिक्षा सत्र से स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकी की जानकारी पाठ्यक्रम में शामिल करेंगे जिससे हमारे बच्चे भविष्य की तकनीक के लिये अभी से तैयार हो सके और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करने के योग्य बन सके।
घोषणा:- 9
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने घोषणा की कि शासकीय महाविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को घर से कॉलेज और कॉलेज से घर आने जाने के लिये बस के माध्यम से निःशुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।
घोषणा:- 10
श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता और पहचान छत्तीसगढ़ी भाषा से है। मैं आज यह घोषणा करता हूँ कि अगले शिक्षा सत्र से राज्य के जिन क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ी भाषा बोली जाती है वहां छत्तीसगढ़ी भाषा एवं आदिवासी क्षेत्रों में वहां की स्थानीय बोली को कक्षा एक से कक्षा पांचवी तक पाठ्यक्रम में एक विषय के रूप में सम्मिलित किया जायेगा।
घोषणा:- 11
मानदेय राशि में बढ़ोतरी:- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि शहरी स्वच्छता दीदियों के उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुये उनके मानदेय में भी 20 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा करता हूँ। स्वच्छता दीदियों के उत्कृष्ट कार्यो के कारण ही हमारे प्रदेश नें लगातार तीन बार देश का स्वच्छतम् राज्य होने का गौरव हासिल किया है।
घोषणा:- 12
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शहरी आजीविका के क्षेत्र में कार्यरत सामुदायिक संगठकों के उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुये उनके मानदेय में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी की मैं घोषणा की है।
घोषणा:- 13
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मेहनतकश निर्माण श्रमिकों के लिये मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक पेंशन सहायता योजना प्रारंभ करने की घोषणा की। निर्माण कार्य करने वाले ऐसे मजदूर जिनकी आयु 60 वर्ष पूरी हो चुकी हो तथा जो 10 साल तक पंजीकृत रहे हैं उन्हें जीवन पर्यंत हर महीने 1500 रूपये मासिक पेंशन दी जायेगी।
घोषणा:- 14
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में कार्यरत संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों के एकमुश्त संविदा वेतन को 25,780 रू से बढ़ाकर प्रतिमाह 32,740 रू करने तथा मेहमान प्रवक्ताओं के प्रतिमाह अधिकतम भुगतान की सीमा को 13,000 रू से बढ़ाकर 15,000 रू प्रतिमाह करने की घोषणा की है।
घोषणा:- 15
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में शिक्षा सुविधाओं में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले अंशकालीन सफाई कर्मी भाई-बहनों को एवं मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम से जुड़े रसोइयों के मानदेय में 500 रू प्रतिमाह वृद्धि किये जाने की घोषणा की है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
भरोसे का सम्मलेन, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का छत्तीसगढ़ी में उद्बोधन प्रारंभ
जांजगीर-चांपा : आज 467 करोड़ की राशि के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास श्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी के हाथों हुआ पौने 2 लाख करोड़ के आसपास की राशि डायरेक्ट ट्रांसफर हुई है। कोई बीच का आदमी नहीं है, हमने लोगों की जेब में सीधे पैसे डाले। इस साल हमने 107 लाख मीट्रिक टन धान किसानों से खरीदे। तीसरे दिन खाते में पैसे पहुंच जाते थे।
यह किसानों की सरकार है। इस साल 20 क्विंटल धान प्रति एकड़ खरीदेंगे हमारी सरकार किसानों के साथ खड़ी है। 23 लाख, 30 लाख, 36 लाख मीट्रिक टन धान की हमने नीलामी की थी। कर्जमाफी, धान खरीदी का वादा हमने निभाया। विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में हमने वादा निभाया। कर्ज माफी और धान खरीदी का जो वादा हमने किया था, उसे निभाया है।
7 दिन बाद 20 अगस्त को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की अगली किश्त किसानों के खातों में आएगी छत्तीसगढ़ पूरे देश में इकलौता राज्य है जहां मजदूरों को भी 7 हजार रुपए की सालाना सहायता राशि दी जा रही है 13 लाख परिवार से हम तेंदूपत्ता 4000 रुपए प्रति मानक बोरा खरीद रहे हैं। हमारे प्रदेश में किसान बढ़के अब 26 लाख हो गए हैं।
हमने 1 लाख 22 हजार बेरोजगारों को 112 करोड़ रुपए बेरोजगारी भत्ता दिया।
पूरे देश में गोबर कहीं नहीं खरीदा जाता लेकिन हमारे छत्तीसगढ़ में हम 2 रुपए प्रति किलो में गोबर खरीद रहे हैं। 42 लाख परिवारों को हम बिजली बिल हाफ योजना का लाभ दे रहे हैं। 3800 करोड़ रुपए का लाभ मिला है। हमारी सरकार में छत्तीसगढ़ में ऐसा कोई वर्ग नही जिसको जिसकों हमने फायदा नही पहुँचाया है,सब को फायदा.....मजदूरों से लेकर किसानों को सीधा पैसा पहुंच रहा है
अब हम हर ब्लॉक में जैतखाम बनाएंगे। ग्राम पंचायत के माध्यम से सरपंच इसका निर्माण करवाएंगे।
हम सभी को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। ऐसा कोई समाज नहीं है जो यह कह सके कि सरकार ने हमें जमीन नहीं दी है, या जमीन में भवन निर्माण के लिए पैसे नहीं दिए है। हमने छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों और समाज के संरक्षण और उन्हें आगे बढ़ाने का काम किया है।
छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति को आज एक नई पहचान मिली है। रामायण महोत्सव, राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव, युवा महोत्सव जैसे आयोजन हम कर रहे हैं। खेती किसानी की तरफ लोग लौट रहे हैं। 12 लाख से बढ़कर अब 26 लाख किसान प्रदेश में राजीव गांधी किसान न्याय योजना से जुड़े हैं। धान के साथ अन्य फसलों को भी योजना के दायरे में लाया गया है
छत्तीसगढ़ इकलौता प्रदेश है जहां गोबर खरीदी की जा रही है
किसान, मजदूर, गरीब, महिला, युवा सभी वर्गों के उत्थान का कार्य हमारी सरकार कर रही है छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों और समाज के संरक्षण और उन्हें आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। प्रथम महिला सांसद मिनीमाता का निर्वाचन क्षेत्र जांजगीर-चांपा रहा है।
हम यहां 25 एकड़ में मेडिकल कॉलेज बना रहे हैं, इस मेडिकल कॉलेज का नाम मिनीमाता के नाम से जाना जाएगा।हमने छत्तीसगढ़ के किसानों, मज़दूरों कर्मचारियों सभी के हित मे कार्य किया
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा...
5 साल पूर्व किसानों की हालत खराब थी भ्रष्टाचार एवं कमीशन खोरी का बोलबाला था। हमने किसानों की स्थिति को मजबूत बनाया। बिना किसी बिचौलियों के किसानों के खाते में पैसा सीधे अंतरित किया जा रहा है
हमने 107 लाख मैट्रिक टन धान किसानो से खरीदा है
हमने किसानों से कर्जा माफी का वादा किया था और उस वादे को निभाया पूर्व सरकार में बेरोजगारी भत्ता केवल 300 रूपये मिलता था हमने 1 लाख 22 हजार बेरोजगारो को 112 करोड रुपए दिए 42 लाख परिवारों को बिजली बिल हाफ योजना का लाभ मिल रहा है हमारी सरकार ने आम जनता को अधिकार संपन्न बनाने का कार्य किया सांस्कृतिक क्षेत्र में भी हमारी सरकार ने देवगुड़ी योजना, राम वन गमन पर्यटन परिपथ आदि योजनाओं के माध्यम से सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का कार्य कर रही है -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बस्तर संभाग के सभी जिला मुख्यालयों में खोले जाएंगे बीएड और डीएड कॉलेज
जगदलपुर में 100 करोड़ रूपए की राशि से बनेगा इंडोर स्टेडियम
बस्तर के बादल की तर्ज पर सरगुजा में भी बनेगा जनजातीय सांस्कृतिक केन्द्र
अंबिकापुर में खुलेगा शासकीय बीएड कॉलेज
सरगुजा जिले में संचालित सभी 20 सीटर प्री मैट्रिक आदिवासी छात्रावासों को 50 सीटर किए जाने की घोषणा
सरगुजा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज जगदलपुर और सरगुजा जिले के सीतापुर में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान आदिवासी बहुल बस्तर और सरगुजा वासियों को 2848 कार्यों का लोकार्पण तथा भूमिपूजन कर 1000 करोड़ रूपए से अधिक लागत के विकास कार्यों की सौगात दी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर आदिवासियों के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा की गई घोषणा के तहत बस्तर संभाग के सभी जिला मुख्यालयों में बीएड और डीएड कॉलेज खोले जाएंगे। इसी तरह शासकीय महाविद्यालय तोकापाल एवं लोहंडीगुड़ा में 50-50 सीटर बालक-बालिका छात्रावास का निर्माण, उद्यमी विकास संस्थान गीदम रोड एवं जगदलपुर में आदिवासियों के संस्कृति के प्रतीक बुढ़ादेव गुडी निर्माण एवं मूर्ति स्थापना, भीमराव अम्बेडकर पूर्व माध्यमिक शाला बलिराम कश्यप वार्ड जगदलपुर का हाई स्कूल में उन्नयन, ग्राम बोदली से कहचेनार तक 10 कि.मी. नवीन डामर सड़क निर्माण, मुण्डागढ़ से लूलेर दलदली मलकानगिरी (ओडिसा) मार्ग लम्बाई 11 कि.मी मार्ग निर्माण, जगदलपुर में इंडोर स्टेडियम निर्माण कार्य की घोषणा की गई।
इसके अलावा धरमपुरा, जगदलपुर में पुलिस थाना भवन निर्माण की स्वीकृति, आदिवासी समाज के रोजगार संवर्धन हेतु शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, डिमरापाल में स्थित 07 दुकानों को आदिवासी समाजों को आबंटित किया जाएगा। मडरीमहु- उरुकपाल-कुमाकोलेंग लम्बाई 14.50 कि.मी. मार्ग निर्माण, मडरीमहु से उसकपाल तक लम्बाई 5 कि.मी. सड़क निर्माण, अलेवाही से ककनार तक पक्की सड़क निर्माण लम्बाई 30 कि.मी. सड़क निर्माण, बालक आश्रम बुरगुम वि.ख. बास्तानार हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति, बालक आश्रम बोदली वि.ख. लोहण्डीगुडा हेतु भवन निर्माण की स्वीकृति की घोषणा की गई।
इसी तरह जिला न्यायालय जगदलपुर चौक जगदलपुर का नामकरण ‘‘भूमकाल चौक‘‘ के नाम पर किया जाना, जिला-बस्तर के धरमपुरा में ‘‘धरमु माहरा‘‘ के नाम से प्रवेश द्वार निर्माण की स्वीकृति, अवरतीह नदी में उच्च स्तरीय पुलिया निर्माण, हाई स्कूल नेतानार का हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन, शासकीय कन्या हाई स्कूल बड़े किलेपाल का हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन, मक्का प्रोसेसिंग इकाई कोकोड़ी जिला कोंडागांव का नामकरण ‘‘माँ दंतेश्वरी मक्का प्रोसेसिंग ईकाई कोकोड़ी जिला-कोंडागांव‘‘ किया जाना, शासकीय आदर्श कन्या महाविद्यालय कोंडागांव का नामकरण ‘‘प्रमिला देवी नाग शासकीय आदर्श महाविद्यालय कोंडागांव‘‘ किया जाना, शासकीय पॉलीटेक्निक कांकेर का नामकरण घरमन देव कंडरा शासकीय पॉलीटेक्निक कांकेर किया जाना शामिल हैं।
सरगुजा में भी मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणाएं -
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सरगुजा जिले के सीतापुर में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप बस्तर जिले के आसना स्थित बादल संस्थान की तर्ज पर सरगुजा में भी जनजातीय सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना की जाएगी। इसी तरह अम्बिकापुर में शासकीय बीएड कॉलेज की स्थापना, सरगुजा जिले में सभी 20 सीटर प्रीमैट्रिक आदिवासी छात्रावासों को 50 सीटर करने, शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल सीतापुर का नाम शहीद कृष्णनाथ किंडो के नाम पर रखने, सीतापुर में आदिवासी पोस्ट मैट्रिक 200 सीटर छात्रावास, खेल और कोचिंग स्पोर्ट्स एकेडमी स्थापित करने की घोषणा की।
इसके साथ ही सर्व आदिवासी भवन हेतु 25 लाख रूपए दिए जाने, ढेलसरा से धरमपुर मार्ग में मांड नदी पर 4.75 करोड़ की लागत से 125 मीटर पुलिया निर्माण, सर्व आदिवासी समाज एवं अन्य समाजों के लिए भूमि आबंटन, ढोढागांव-शिवनाथपुर मार्ग में मैनी नदी पर 10 करोड़ रूपए की लागत से 250 मीटर पुल निर्माण की घोषणा की। इसी प्रकार उरांव समाज को सामुदायिक भवन हेतु 20 लाख रूपये, मैनपाट में चैनपुर-खडगांव मार्ग 3.5 कि.मी. सड़क के पक्कीकरण हेतु अनुमानित लागत 5 करोड़ रूपए दिए जाने की घोषणा की।
इसी तरह मैनपाट को टूरिज्म हब बनाने के लिए जिले के आदिवासी वर्ग के शिक्षित बेरोजगार (युवक एवं युवतियों) को टूरिस्ट गाईड, होटल मैनेजमेंट, फोटोग्रॉफी कार्य, रिसेप्शनिस्ट कार्य, एडवेंचर स्पोर्ट्स का प्रशिक्षण दिलाये जाने की व्यवस्था किए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जिले के आदिवासी वर्ग के युवा एवं युवतियों को राष्ट्रीय /अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न खेल विधाओं में भाग लेने के लिए आदिवासी विकास विभाग की ओर से आवश्यक आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की।
इसके साथ ही अधिवक्ता संघ सीतापुर संघ की मांग पर तहसील कार्यालय में अधिवक्ताओं के लिए शेड एवं शौचालय निर्माण हेतु 15.00 लाख रूपए तथा मैनपाट विकासखण्ड में पैगा से नानदमाली तक 5 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए 7 करोड 50 लाख रूपए दिए जाने की घोषणा की। -
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मुख्यमंत्री श्री बघेल दास्तान-ए-आजादी कार्यक्रम में हुए शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर स्थित पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित ‘दास्तान-ए-आजादी’ कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन श्री दुर्गा देवी शिक्षण समिति, पार्क फाउंडेशन एवं सन्मति वेलफेयर सोसायटी द्वारा संस्कृति विभाग और छत्तीसगढ़ प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के सहयोग से किया गया। ‘दास्तान-ए-आजादी’ कार्यक्रम में श्री हिमांशु वाजपेयी, सुश्री प्रज्ञा शर्मा, श्री वेदांत भारद्वाज तथा श्री अजय टीपानिया द्वारा भारत की आजादी के इतिहास की रोचक शैली में संगीतमय प्रस्तुति दी गई।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि आज 8 अगस्त है और यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा ही महत्वपूर्ण दिवस है। 8 अगस्त 1942 को आज ही के दिन महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आन्दोलन का आगाज किया था। यह आन्दोलन पूरे विश्व में अहिंसात्मक आंदोलन का अनूठा उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने बताया कि देश को आजादी दिलाने में महापुरूषों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनका सपना केवल आजादी हासिल करने तक सीमित नहीं था, बल्कि वे आजाद भारत के नवनिर्माण का सपना भी देख रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जब अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे, तब वे भविष्य के भारत की रूपरेखा भी तैयार कर रहे थे। महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज का सपना देखा था। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाले आधुनिक भारत का सपना देखा। आजादी मिलने के बाद जब पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री बने, तब उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण की बुुनियाद रखी।
मुख्यमंत्री ने श्री बघेल ने पंडित जवाहरलाल नेहरू पर केन्द्रित ‘दास्तान-ए-आजादी‘ कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में यहां के तमाम बुद्धिजीवी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित हुए हैं। कार्यक्रम में देश की आजादी में महापुरूषों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को बड़ी ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया। यह सब कुछ किस्सागोई के माध्यम से दादी नानी से कहानियों के माध्यम से भी सुना करते थे। उसी परिपाटी को आगे बढ़ाते हुए आज ‘दास्तान-ए-आजादी’ का कार्यक्रम हम लोग सुन रहे थे, यह कार्यक्रम अत्यंत शिक्षाप्रद भी है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री विनोद वर्मा तथा वरिष्ठ नागरिक एवं प्रबुद्धजन डॉ. राकेश गुप्ता, श्री राकेश चतुर्वेदी, श्री राजीव गुप्ता, श्री मुकेश शाह, श्री विजय चोपड़ा तथा श्री आवेश तिवारी सहित सोसायटी के सदस्यगण स्कूली छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
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भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की
दुर्ग : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज सावन सोमवार के अवसर पर भिलाई नगर के सेक्टर-7 स्थित शिवधाम तालाब में महारुद्राभिषेक कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने भगवान शिव की पूजा अर्चना कर उनका अभिषेक किया और प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि व खुशहाली की कामना की। श्री बघेल ने इस बढ़िया आयोजन के लिए पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि विगत सात-आठ वर्षों से यह आयोजन किया जा रहा है, सौंदर्यीकरण के बाद तालाब का परिवेश और अधिक मनोरम हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री भोलेनाथ हर जगह विराजे है, सर्वव्यापी हैं, भगवान शिव ने ही विवाह नाम की संस्था को स्थापित किया है। शिव सब को जोड़ने का नाम है। तंत्र के जनक शिव हैं। भगवान शिव सब की मनोकामना पूरी करें। कार्यक्रम को विधायक श्री देवेंद्र यादव और महापौर भिलाई श्री नीरज पाल ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर विधायक श्री अरुण वोरा, महापौर दुर्ग श्री धीरज बाकलीवाल, पार्षद श्री लक्ष्मी पति राजू, गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित थे। -
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ट्रेनों के निरस्त और विलंब से चलने के कारण प्रदेशवासियों को हो रही परेशानी का किया जिक्र
छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों में रहने वाले लोगों को हो रही दिक्कतों से कराया अवगत
ट्रेनों के सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए रेल मंत्रालय को निर्देश देने का किया आग्रह
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली यात्री गाड़ियों के अनियमित परिचालन से राज्य के लाखों नागरिकों को हो रही समस्याओं से अवगत कराया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि रेलवे द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के कभी भी बड़ी संख्या में यात्री ट्रेनों को निरस्त करने की सूचना जारी कर दी जाती है निरस्त ट्रेनें कब तक निरस्त रहेगी, इसकी भी जानकारी यात्रियों को नहीं दी जाती। यात्री ट्रेनों की निरस्ती के अलावा ट्रेनों के अत्यधिक विलम्ब से चलने से भी रेल यात्रियों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मेरे द्वारा पूर्व में रेल मंत्री जी को भी अनेक अवसरों पर यात्री ट्रेनों के सुचारू परिचालन हेतु ध्यान आकर्षित कराया गया, किन्तु उससे स्थिति में कोई सुधार परिलक्षित नहीं हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को अपने पत्र के माध्यम से कहा है कि ट्रेनों के इस तरह असामान्य संचालन से छात्रों, तीर्थयात्रियों, मरीजों, रोजगार के लिये राज्य में आने वाले व्यक्तियों, व्यवसायियों, श्रमिकों तथा परीक्षार्थियों के अनेक पूर्व निर्धारित कार्याे का सम्पादन संभव नहीं हो पा रहा है। राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी धीरे-धीरे इसका प्रभाव दिखने लगा है। लम्बी अवधि से ट्रेनों के निरस्त होने तथा विलम्ब से चलने के कारण राज्यवासियों में आक्रोश व्याप्त है तथा जिससे सरकार और रेल्वे की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगने लगे हैं।
श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण छत्तीसगढ़ में ट्रेनों का घनत्व राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है तथा दूरस्थ अंचलों में रहने वाले लोगों के लिये यात्री ट्रेनें ही आवागमन का एकमात्र सुलभ साधन है। देश के अन्य किसी भी राज्य में यात्री ट्रेनों के संचालन संबंधी इतनी अव्यवस्थायें संभवतः नहीं होगी। स्थिति की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये आपसे अनुरोध है कि आपके स्तर से रेलवे मंत्रालय को राज्य की यात्री ट्रेनों के पूर्ववत सुचारू परिचालन सुनिश्चित करने के निर्देश देने का कष्ट करें ताकि राज्यवासियों को हो रही समस्याओं का अंत हो तथा उनके आक्रोश को शांत किया जा सके । -
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मुख्यमंत्री ने द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन ‘‘उत्कर्ष‘‘ को सम्बोधित किया
तेजी से बढ़ते छत्तीसगढ़ राज्य में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लिए व्यापक संभावनाएं
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर में कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए ‘वर्ल्ड क्लास सेंटर ऑफ एक्सीलेंस‘ की स्थापना के लिए ‘द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया‘ को पांच एकड़ जमीन देने की घोषणा की है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना आईसीएआई द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने आज यहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आईसीएआई के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन ‘‘उत्कर्ष‘‘ के दूसरे दिन अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए यह घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि किसी भी राज्य और देश की आर्थिक प्रगति में चार्टर्ड एकाउंटेट्न्स का महत्वपूर्ण योगदान होता है। चार्टर्ड अकाउंटेंट व्यापार, व्यवसाय और उद्योग के आईने की तरह होते हैं, जो उनकी वास्तविक आर्थिक स्थिति को दिखाने का काम करते हैं और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मार्गदर्शन देकर अपना योगदान देते हैं। अधिवेशन के दौरान इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों द्वारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी क्षेत्र की प्रगति के लिए उसके लिए अच्छा वातावरण तैयार करने की जरूरत होती है। आईसीएआई नवा रायपुर में वर्ल्ड क्लास इंस्टिट्यूट बनाना चाहता है, इसके लिए राज्य सरकार जमीन देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तेजी से आगे बढ़ते छत्तीसगढ़ राज्य में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के लिए अच्छी संभावनाएं हैं। राज्य सरकार की नीतियों से छत्तीसगढ़ में पिछले पौने पांच वर्षाें में कृषि, उद्योग, व्यापार के क्षेत्र में उत्साहजनक वातावरण निर्मित हुआ है। राज्य सरकार की नई उद्योग नीति से नए-नए उद्योग धंधे प्रारंभ हुए हैं। खेती-किसानी आज छत्तीसगढ़ में लाभ का व्यवसाय बन गया है। पिछले पौने पांच वर्षों में प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या 12 लाख से बढ़कर 26 लाख हो चुकी है। खेती का रकबा 22 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 32 लाख हेक्टेयर हो गया है। समर्थन मूल्य पर पहले जहां 55 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी होती थी, वहीं इस वर्ष हमने 107 लाख मेट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह स्वास्थ और शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य सरकार द्वारा नागरिकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के हर संभव प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बिजली की खपत सबसे ज्यादा है, यहां 2200 यूनिट प्रति व्यक्ति बिजली क बिजली की खपत हो रही है। बिजली की मांग 4100 मेगावाट से बढ़कर 5800 मेगावाट हो गई है। बिजली की खपत में बढ़ोत्तरी छत्तीसगढ़ की आर्थिक प्रगति का द्योतक है। कोरोना काल में जब सभी जगह आर्थिक मंदी का प्रभाव था, छत्तीसगढ़ इससे अछूता रहा। उद्योग, व्यापार सहित सभी सेक्टरों में उन्नति हुई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि राज्य के लोगों के चेहरे की मुस्कान है। लोगों के सपनों को उड़ान देने की जिम्मेदारी सरकार की होती है। राज्य सरकार इसके लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि व्यापार और व्यवसाय को प्रोत्साहित करने के लिए नवा रायपुर में 1000 एकड़ में एशिया के सबसे बड़े होल सेल मार्केट की स्थापना की जाएगी।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के प्रथम एक्ंिटग मुख्य न्यायाधीश तथा गौहाटी हाइकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सूरजमल गर्ग, आईसीएआई के वाइस प्रेसीडेंट श्री रंजीत कुमार अग्रवाल, लल्लूराम न्यूज़ के फाउंडर श्री नमित जैन तथा सेंटर कॉउंसिल के मेंबर्स विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस राष्ट्रीय अधिवेशन के अवसर पर द इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित पत्रिका का विमोचन किया।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के प्रथम एक्टिंग मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सूरजमल गर्ग ने कहा कि छत्तीसगढ़ आज पूरे देश के लिए एक मॉडल के रूप में उभरा है। आज छत्तीसगढ़ देश के किसी भी अच्छे राज्य से स्पर्धा कर सकता है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कॉलेज और अच्छे इंस्टिट्यूटस की स्थापना की आवश्यकता पर जोर दिया। आईसीएआई के वाइस प्रेसीडेंट श्री रंजीत कुमार अग्रवाल ने कहा कि राज्य की इकॉनामी कैसे ग्रोथ करें, रिवेन्यू कलेक्शन कैसे बढ़े और नागरिकों को कैसे बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके, इसके लिए चार्टर्ड एकाउंटेंट्स बेहतर योगदान दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि संसद द्वारा 1949 में एक्ट पारित कर आईसीएआई की स्थापना की गई थी। 75 वर्षाें में 1600 मेंबर के साथ प्रारंभ हुए आईसीएआई की मेंबरशिप बढ़कर 4 लाख हो गई है। कार्यक्रम को एसएसईबी के चेयरमेन श्री मंगेश किनारे ने कहा कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बच्चों की स्किल बढ़ाने में योगदान देगा। श्री नमित जैन और रायपुर ब्रांच के चेयरमेन श्री रवि ग्वालानी, रायपुर ब्रांच सीआईसीएएसए की चेयरमेन सुश्री रश्मि भांग्ला ने भी अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न स्थानों से आए सीए के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
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युवाओं से भेंट-मुलाकात, दुर्ग
दुर्ग : मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपने संबोधन की शुरुआत की। कका अभी जिंदा है कहकर अपनी बात की आरम्भ। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल 4 मई से हमने भेंट मुलाकात कार्यक्रम आरम्भ किया। सबसे भेंट की। समाज प्रमुखों से मिले। उस समय मन में आया कि युवाओं के साथ पृथक से संवाद हुआ।
मुख्यमंत्री ने पूछा कि किन युवाओं ने रायपुर और बिलासपुर का प्रोग्राम यूट्यूब से देखा।युवाओं ने आवाज लगाई हमने। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ युवाओं ने अपनी आकांक्षा बताई। उनका जो सपना है। वही हमारे पुरखों का भी सपना था। सरकार का भी यही सपना है। पौने 2 लाख करोड़ रुपये पैसा डालने का काम हमारी सरकार ने किया। इससे मंदी नहीं आई। यूनिवर्सिटी खोले, 4 मेडिकल कॉलेज खोले।
जहां -जहां भेंट मुलाकात के लिए गए, दो मांग आती है स्वामी आत्मानंद स्कूल खोल दें और बैंक खोल दें। इतने साल हो गए इंग्लिश माध्यम के कॉलेज नहीं थे। हमने 10 कॉलेज खोले। आगे भी खोलेंगे। अब छत्तीसगढ़ की पहचान हमारी विशिष्ट संस्कृति से है। चाहे आदिवासी परम्परा हो, राम वन पथ गमन हो, कबीर सरोवर हो या बाबा घासीदास के पुण्यस्थलों से जुड़े स्थलों का विकास।
1 मई को जब हम बोरे बासी खाये तो सभी ने खाया। अब शिक्षा और संस्कृति से सम्पन्न भविष्य नई पीढ़ी का होगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने युवाओं से संवाद करते हुए कहा कि पिछले साल 4 मई से हमने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम की शुरुआत की। शहर और गांव क्षेत्र में सभी वर्गों के लोगों से मुलाकात की।
उस समय से ही मन में था कि युवाओं के साथ भेंट-मुलाकात करना है। इस क्रम में पहले रायपुर फिर बिलासपुर में भेंट-मुलाकात किए और आज दुर्ग संभाग में भेंट-मुलाकत कर रहे हैं। अभी कुछ युवाओं ने मंच में आकर विभिन्न प्रस्तुतियां दी। -
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छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास की लक्ष्य पूर्ति की ओर आकृष्ट किया ध्यान
प्रतिक्षा सूची के शेष 6 लाख 99 हजार 439 आवासों का लक्ष्य प्रदान करने का किया अनुरोध
आवास प्लस के 8 लाख 19 हजार 999 परिवार के लिए भी मांगा आवास
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार अब तक जारी कर चुकी है राज्यांश की 88 प्रतिशत राशि
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 हेतु आवंटित 7,81,999 आवास के लक्ष्य को वापस ले लिया गया है, इस लक्ष्य को राज्य को पुनः आवंटित करने का किया अनुरोध
कोविड-19 की विषम परिस्थितियों के बावजूद भी छत्तीसगढ़ राज्य आवास पूर्णता की दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी रहा
छत्तीसगढ़ अपने सीमित संसाधनों के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में सराहनीय प्रदर्शन किया
शेष आवासों को पूर्ण करने के लिये राज्य सरकार ने वर्ष 2023-24 के बजट में 3238 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है
केंद्र द्वारा शेष आवासों के लक्ष्य प्राप्त न होने के कारण प्रदेश सरकार द्वारा नहीं की जा सकी है स्वीकृति
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत प्रतिक्षा सूची के शेष आवासों के लिए लक्ष्य आबंटित करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही प्रधानमंत्री जी से प्रदेश में आवास प्लस के 8 लाख 19 हजार 999 हितग्राही परिवारो के लिए भी लक्ष्य आबंटित करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश में वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजनातर्गत कुल 18,75,585 हितग्राही भारत सरकार की सामाजिक- आर्थिक जाति जनगणना-2011 (SECC-2011 ) की स्थायी प्रतीक्षा सूची ग्रामीण में दर्ज है। उपरोक्त सूची से वर्ष 2016-2023 तक कुल 11,76,146 हितग्राहियों को आवास की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। स्वीकृति पश्चात् योजना में लगभग 73.5 प्रतिशत (8,63,567) आवास निर्माण सफलतापूर्वक पूर्ण किया जा चुका है। इस प्रकार स्थायी प्रतीक्षा सूची 6,99,439 लक्ष्य प्राप्ति हेतु शेष है। यह भी कि वर्ष 2021-22 हेतु आवंटित 7,81,999 आवास के लक्ष्य को भारत सरकार द्वारा वापस ले लिया गया। इस लक्ष्य को राज्य को पुनः आवंटित करने हेतु राज्य शासन के पत्र क्रमांक 5026 दिनांक 18.08.2022 के माध्यम से भारत सरकार को इन आवास को किश्तों में देने का अनुरोध किया गया है, किन्तु भारत सरकार की ओर से कृत कार्यवाही की जानकारी आज दिनांक तक अपेक्षित है। मात्र वर्ष 2022-23 में 79,000 आवास का ही लक्ष्य दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि मैं आपका ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाहूंगा कि कोविड-19 की विषम परिस्थितियों के बावजूद भी छत्तीसगढ़ राज्य आवास पूर्णता की दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी रहा है। प्रारंभ से अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु औसत वार्षिक व्यय अपने अनुमानित वार्षिक बजट की तुलना में राज्य का प्रदर्शन बेहतर परिलक्षित हुआ है। कृपया इस तथ्य से भी अवगत होवें कि राज्य सरकार के द्वारा वर्ष 2020-21 एवं 2022-23 में स्वीकृत 2,36,813 आवासों को पूर्ण करने के लिये वर्ष 2023-24 के बजट में राशि रूपये 3238.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसमें राशि रूपये 674.75 करोड़ का आवंटन जारी किया जा चुका है। हितग्राहियों को प्रथम किश्त राशि रूपये 285.33 करोड़, द्वितीय किश्त राशि रूपये 270.66 करोड़, तृतीय किश्त राशि रूपये 78.77 करोड़ एवं चतुर्थ किश्त राशि रुपये 19.20 करोड़ भी उनके खाते में हस्तांतरित किया जा चुका है।
श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार से स्थायी प्रतीक्षा सूची के 6,99,439 आवास लक्ष्य प्राप्त न होने के कारण प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृति जारी नहीं की जा सकी, फलस्वरूप आवास प्लस के 8,19,999 हितग्राहियों को भी स्वीकृति प्रदान नहीं किया जा सका। अतः मेरा अनुरोध है कि उपरोक्त शेष आवासों के अतिरिक्त राज्य को आवास प्लस का भी लक्ष्य प्रदाय किये जायें। साथ में अवगत कराना चाहता हूँ कि छत्तीसगढ़ अपने सीमित संसाधनों के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में सराहनीय प्रदर्शन किया है 2,62,677 स्वीकृत आवास के विरूद्ध 51% आवास पूर्ण है एवं शेष प्रगतिरत् है। राज्य सरकार ने इन आवास में लगने वाले राज्यांश राशि रूपये 2,706,69 करोड़ के विरूद्ध 2.389.07 करोड अर्थात 88% राशि उपलब्ध करा दी है। इस प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में भी राज्य का प्रदर्शन सराहनीय है, अतएव उपरोक्त तथ्यों के दृष्टिगत पुनः आग्रह है कि विद्यमान स्थायी प्रतीक्षा सूची (Existing PWL) में शामिल 6,99,439 परिवारों के साथ-साथ, आवास प्लस के 8,19,999 परिवार के लिये भी राज्य सरकार को लक्ष्य प्रदान किये जायें, ताकि योजना के उद्देश्य की पूर्ति हो सके। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पीड़ित निवेशकों को राशि लौटाने वाला देश का पहला राज्य है छत्तीसगढ़ः मुख्यमंत्री
आज 35 हजार 378 पीड़ित निवेशकों को लौटाई गई 4 करोड़ 13 लाख 88 हजार 996 रूपए की राशि
अब तक 81 हजार 204 पीड़ित निवेशकों को लौटाई गई 37 करोड़ 92 लाख 99 हजार 656 रूपए की राशि
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने वायदे के अनुसार चिटफंड के पीड़ित निवेशकों को उनकी राशि लौटा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आज राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय से राज्य के 7 जिलों के 35 हजार 378 पीड़ित निवेशकों को 4 करोड़ 13 लाख 88 हजार 996 रूपए की राशि लौटाई गई। मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर अब तक राज्य के 81 हजार 204 पीड़ित निवेशकों को 37 करोड़ 92 लाख 99 हजार 656 रूपए की राशि लौटाई जा चुकी है, 208 चिटफंड कंपनियों के खिलाफ 462 प्रकरण दर्ज किए गए हैं और इनसे संबंधित 700 से अधिक डायरेक्टर्स/ पदाधिकारियों की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने आज रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, धमतरी, मनेंद्रगढ़ , कोरिया और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के 35,378 निवेशकों को चिटफंड कम्पनियों द्वारा हड़पी गई राशि लौटाई । इसमें रायपुर जिले के 13 हजार 676 निवेशकों को एक करोड़ 44 लाख 37 हजार रूपए, बिलासपुर जिले के 16 हजार 615 निवेशकों को आज 84 लाख 55 हजार रुपए की राशि वापस की गई है।
इसी तरह से राजनांदगांव जिले के 4835 निवेशकों को आज एक करोड़ 10 लाख रुपए और धमतरी जिले के 43 निवेशकों को 12 लाख 55 हजार की राशि वापस दी गई। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के 110 निवेशकों को 44 लाख 41 हजार 895 रूपए, कोरिया जिले के 94 निवेशकों को 17 लाख 18 हजार 960 रूपए और मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ जिले के 5 निवेशकों को 54 हजार 100 रूपए की राशि का अंतरण किया गया है।
हितग्राहियों को आनलाइन संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई करके पीड़ित निवेशकों का पैसा वापस लौटाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे द्वारा की गयी कार्रवाई को देखते हुए अब दूसरे राज्य भी हमसे ये पूछ रहे हैं कि ये कैसे संभव हो पाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सब कुछ राज्य की जनता के विश्वास के कारण ही संभव हो सका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने आपसे वादा किया था आपसे ठगी करके आपके खून-पसीने की कमाई लूटने वाली चिटफंड कंपनियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी और निवेशकों के पैसे लौटाए जाएंगे। हमने चिटफंड कंपनियों से निवेशकों की राशि लौटाने कार्ययोजना बनाई और इस पर अमल के लिए समयसीमा तय की। इस पर अधिकारी कड़ी मेहनत कर रहे हैं और फर्जी कंपनियों पर लगातार कार्रवाई कर निवेशकों को राशि लौटाई जा रही है।
कार्यक्रम में आनलाइन जुड़े राज्य के गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने अपने संबोधन में कहा कि ये मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के दूरगामी सोच का ही परिणाम है कि आज वो पैसे निवेशकों को वापस मिल रहे हैं जिसके बारे में सोचना उन्होंने छोड़ दिया था। श्री साहू ने पीड़ित निवेशको को न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री को विशेष तौर पर धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया ने अपने संबोधन मे कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर लगातार पीड़ित निवेशकों के पैसे वापस लौटाए जा रहे हैं और भविष्य में इस काम में और भी तेजी आएगी। श्री डहरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य की जनता से अपना वादा निभाने का काम बहुत अच्छे तरीके से कर रहे हैं।
पीड़ित निवेशकों की राशि लौटाने के न्याय योजना के दौरान छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, डीजीपी श्री अशोक जुनेजा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अंकित आनंद, गृह विभाग के सचिव श्री बसव राजू, गृह विभाग के संयुक्त सचिव श्री अभिजीत सिंह, सीआईडी के आईजी श्री संजीव शुक्ला उपस्थित थे। -
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बिलासपुर : रायगढ़ से आए नवीन दुबे ने कला संस्कृति पर अपने विचार रखे।नवीन ने कहा कि गुरु घासीदास, शहीद वीर नारायण सिंह जैसे महान विभूति हुए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का नारा दिया। प्रदेश के मुखिया युवाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है।
जहां मिलेट जैसे मोटे अनाज की फसल लहलहा रही है। उन्होंने शासन की विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में हमारा छत्तीसगढ़ नया आयाम छू रहा है।
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के माध्यम से परंपरागत खेल आगे बढ़ रहा है। अपने सपनों का छत्तीसगढ़ प्राप्त करने के लिए हम युवा भी योगदान दें उसने कहा- सभी मिलकर संकल्प करते हैं, बात है अभिमान के छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान के।
जय छत्तीसगढ़, जय जोहार
सीएम को धन्यवाद
बहतराई इंडोर स्टेडियम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के भेंट-मुलाकात युवाओं के साथ कार्यक्रम में सपनों का नया छत्तीसगढ़ कैसा हो ? विषय पर कोरबा जिले से आई युवा कविता शर्मा ने अपनी अभिव्यक्ति की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी के भूमि में मैंने जन्म लिया है। हम सुआ ददरिया आदि नृत्य करते हैं। हम बोरे बासी जैसे पारंपरिक व्यंजनों का सेवन करते हैं।
राज्य में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, महतारी जतन, राम वन गमन पथ के साथ ही साथ अनेक हितकारी योजनाएं संचालित किए जा रहे हैं। जिससे राज्य विकास के पथ में आगे बढ़ रहा है।
सारंगढ़ से आई युवती ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सर्व-धर्म, समभाव की भावना है। जो राष्ट्रीय एकता की महत्वपूर्ण कड़ी है। यहां अनेक महान विभूतियों ने जन्म लिया। छत्तीसगढ़ की संस्कृति को कका ने आगे बढ़ाया है। हम युवा छत्तीसगढ़ की आन-बान-शान हैं। हम युवा छत्तीसगढ़ का गौरव हैं। मुख्यमंत्री ने विभिन्न वर्गों के विकास के लिए बहुत सी योजनाएं बनाई हैं। हम युवाओं को इनके दिखाए रास्तों में चलना है, सपनों का राज्य बनाना है।
साइंस कॉलेज बिलासपुर के छात्र प्रियांशु दुबे ने राज्य के विकास के लिए मुख्यमंत्री द्वारा लाए गए योजनाओं को अपने भाषण के माध्यम से प्रस्तुत किया। युवा नवा छत्तीसगढ़ गढ़ सकते हैं। छत्तीसगढ़ की माटी की खुशबू राज्य को विश्व में अलग पहचान देती है। छत्तीसगढ़ के युवा हर समस्या का हल ढूंढ निकालेंगे। मुख्यमंत्री का साथ युवाओं के साथ है।
मेरे चेहरे की चमक का राज छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की दुआ है रायगढ़ से आए युवा संग्राम ने मुख्यमंत्री से पूछा- आपकी चेहरे की चमक का राज क्या है ? इस पर हसंकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की दुआ से है।
मुंगेली जिले से आई छात्रा ने कहा कि मैं बीसीए की स्टूडेंट हूँ। राज्य में आईटी सेक्टर के ज्यादा विकल्प नहीं है। क्या इसके लिए आगे कुछ किया जाएगा ? मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ट्रिपल आईटी है। टाटा से एएमयू हुआ, इस तरह से हम अनेकों प्रयास कर रहे हैं ताकि रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो सके। सारंगढ़ से आई छात्रा ने कहा कि सारंगढ़ को आपके नेतृत्व में नया जिला बनाया गया है, उसने मुख्यमंत्री का जिला बनाने के लिए आभार व्यक्त किया।छात्रा ने कहा कि लोचन प्रसाद पांडेय कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएशन का कोर्स नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नया जिला बना है, पीजी भी खुलेगा, बॉटनी भी रहेगा।
कोरबा जिले के अनूप दास ने कृषि विश्वविद्यालय में वैकेंसी लाने की मांग की। अनूप ने मुख्यमंत्री से आरईएवो के पोस्ट लाने की मांग की।इस पर मुख्यमंत्री ने विभाग की सहमति से पोस्ट लाने की बात कही।
बिलासपुर की छात्रा ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से मुख्यालय में सीजीपीससी के तैयारी करने आने वाले दूरस्थ क्षेत्र के आदिवासी छात्राओं के लिए हॉस्टल की मांग की। मुख्यमंत्री ने छात्रा के सुझाव को सराहा और अगले सत्र से ऐसे हॉस्टल प्रारम्भ करने की बात कही।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के छात्र ने राम-राम के सम्बोधन से बात की शुरुआत की। उसने बताया कि जीपीएम में पीजी कॉलेज की घोषणा की थी और वो पूरा हो गया है। छात्र ने इंग्लिश मीडियम महाविद्यालय खोलने की मांग की। इसे सुनकर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी 10 महाविद्यालय खोले हैं, आगे भी खोलेंगे। -
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शारदा चौक से तात्यापारा चौक तक सड़क निर्माण कार्य है प्राथमिकताः श्री बघेल
सभी निर्माण एजेंसिया आपस में समन्वय बनाकर करें सड़कों का निर्माणः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने की लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को बारिश खत्म होने के तुरंत बाद सड़कों की मरम्मत करवाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि आम जनता के सुविधा के लिए सड़कों के अधूरे कार्य, सड़कों की मरम्मत और नवीनीकरण के कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य में सड़क निर्माण के कार्य मे लगी सभी एजेंसियों को आपस में सामंजस्य बनाकर तेजी से काम करना है।मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान रायपुर शहर के चार महत्वपूर्ण कार्यों की भी जानकारी ली। इसमें तेलीबांधा में फ्लाईओवर का निर्माण, शारदा चौक से तात्यापारा चौक तक सड़क निर्माण, अटल एक्सप्रेस वे से वीआईपी रोड़ निर्माण तथा खारून रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने विशेष तौर पर शारदा चौक से तात्यापारा चौक तक निर्माण तथा भू -अर्जन प्रकरण समेत लगभग 137 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाली 510 मीटर लंबी सड़क को लेकर अधिकारियों को निर्देश देते हुए जल्द ही इसका कार्य शुरू कराने की बात कही है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक लेते तेलीबांधा ओवरब्रिज और एक्सप्रेस वे को वीआईपी रोड से जोड़ने वाले ओवरब्रिज के बारे में भी अधिकारियों से समीक्षा की। बैठक में लोक निर्माण विभाग मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, शिक्षा मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, नगरीय प्रशासन विभाग के विशेष सचिव श्री अयाज भाई तंबोली, सीजीआरआईडीसीएल के प्रबंध संचालक श्री सारांश मित्तर एवं लोक निर्माण विभाग के ईएनसी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने समीक्षा करते हुए कहा कि बची हुई सड़कों का निर्माण कार्य जल्दी पूरा होना चाहिए। समीक्षा बैठक में जानकारी देते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरगुजा क्षेत्र में कुल 332.7 किलोमीटर सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गयी थी जिसमें 292.2 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है जबकि 40.5 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कार्य अभी शेष है जिसे बारिश के मौसम के बाद जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इसी प्रकार रायगढ़ क्षेत्र में भी 155.4 किलोमीटर सड़कों का कार्य पूरा किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि शेष कार्य भी जल्द पूरा किया जाए। -
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124 एकड़ में 325 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होगा कोरबा का स्व. बिसाहूदास महंत मेमोरियल मेडिकल कॉलेज
कोरबा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज कोरबा जिले को एक बड़ी सौगात देते हुए स्व. बिसाहूदास महंत स्मृति मेडिकल कॉलेज कोरबा के नए भवन की नींव रखी। मेडिकल कॉलेज के नए भवन निर्माण हेतु कोरबा जिले के ग्राम भुलसीडीह, तहसील-भैंसमा में 124.24 एकड़ भूमि का आवंटन किया गया है। इसके निर्माण के लिए 325 करोड का बजट स्वीकृत किया गया है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय कोरबा का उद्घाटन दिनांक 02 मार्च 2021 को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा किया गया था । स्थानीय लोगों की मांग अनुसार कोरबा मेडिकल कॉलेज का नामकरण स्व. बिसाहू दास महंत के नाम पर रखा गया है।
इस महाविद्यालय को सत्र 2022-23 के लिए एम.बी.बी.एस. की 100 सीट की प्रथम मान्यता दिनांक 09 सितंबर 2022 को प्राप्त हुई। वर्तमान में इस महाविद्यालय में 121 छात्र-छात्राएं मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। चिकित्सा महाविद्यालय में 23 विभागों में लगभग 130 चिकित्सक कार्यरत है।
स्व. बिसाहू दास महंत स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध इंदिरा गांधी चिकित्सालय कोरबा में 357 बिस्तर का चिकित्सालय संचालित है, जिसमें विभिन्न प्रकार के जटिल रोगों का ईलाज हो रहा है। पूर्व में बेहतर ईलाज के लिए बड़े शहरों पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन अब जटिल से जटिल बीमारियों का उपचार मेडिकल कॉलेज कोरबा में हो रहा है। -
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उपभोक्ताओं को नए वर्जन से घर बैठे मिलेगी 36 प्रकार की सेवाएं
बिजली बिल हाफ योजना में प्राप्त छूट की भी मिलेगी जानकारी
योजना के प्रारंभ से लेकर अब तक बिजली बिल में मिली छूट का देख सकेंगे विवरण
छत्तीसगढ़ी में जानकारी देने वाला पहला शासकीय एप बना मोर बिजली एप 2.0
मोर बिजली एप के पहले वर्जन को उपभोक्ताओं का मिला अच्छा प्रतिसाद
13 लाख 25 हजार से अधिक उपभोक्ता कर रहे हैं उपयोग
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने कोरबा प्रवास के दौरान ‘मोर बिजली एप 2.0‘ का शुभारंभ किया। मोर बिजली एप के पहले वर्जन को बिजली उपभोक्ताओं का अच्छा प्रतिसाद मिलने के कारण ही नागरिक सेवाओं को विस्तार देते हुए एप के दूसरे वर्जन को तैयार किया गया है। मोर बिजली एप 2.0 के माध्यम से अब उपभोक्ताओं को 36 प्रकार की सेवाएं मिलेंगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को इस पहल के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को अब मोर बिजली एप के पहले वर्जन से अधिक सुविधाएं घर बैठे ही मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए मोर बिजली एप दूसरा दफ्तर बन गया है और खुशी की बात है कि बिजली विभाग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां छत्तीसगढ़ी बोली में उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि इस नए एप में हमारी सरकार द्वारा चलायी जा रही बिजली बिल हाफ योजना अंतर्गत उपभोक्ता को योजना के प्रारंभ से लेकर अब तक बिजली बिल में प्राप्त छूट की राशि के बारे में भी जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही उपभोक्ता छूट की राशि का प्रमाण पत्र भी डाउनलोड कर पायेंगे।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, उप मुख्यमंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, सांसद श्री दीपक बैज तथा ऊर्जा विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद उपस्थित भी थे।
मोर बिजली एप 2.0-
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा लांच किए गए मोर बिजली एप 2.0 में 36 प्रकार की उपभोक्ता सेवाएं प्राप्त होगी। जिसमें बिल की जानकारी, गणना, दरें, बिल भुगतान सुविधाएं, जैसे ऑनलाईन भुगतान, नजदीकी भुगतान केन्द्र, पिछले दो वर्षों का बिल भुगतान विवरण, बिजली बिल हाफ योजना में प्राप्त छूट की जानकारी, विद्युत आपूर्ति तथा बिल से जुड़ी शिकायतें जैसे बिजली बंद, बिल संबंधी शिकायतें, आपातकालीन तथा विद्युत अवरोध, ट्रांसफार्मर की खराबी आदि की सुविधाएं मिलेंगी। इसके साथ ही नए बिजली कनेक्शन, नाम परिवर्तन, टैरिफ परिवर्तन, लोड बढ़ाने-घटाने, मीटर शिफ्टिंग जैसी सुविधाओं के लिए ऑनलाईन आवेदन कर सकते है। उपभोक्ता अपने ऑनलाईन आवेदन की स्थिति की जानकारी भी प्राप्त कर पाएंगे। उपभोक्ता अपनी व्यक्तिगत प्रोफाइल जैसे- मोबाइल नम्बर जोड़ने-बदलने, ई-मेल आईडी के साथी बिजली कनेक्शन प्रोफाईल एप के माध्यम से बना पाएंगे। एसएमएस और मोबाईल एप की भाषा का चुनाव भी आसानी से हो सकेगा।
बिजली कनेक्शन और नजदीकी विद्युत कार्यालय की जानकारी भी एप में-
बिजली उपभोक्ताओं को उनके बिजली कनेक्शन से संबंधित कई जानकारियां जैसे संबंधित बिजली ऑफिस, फ्यूज ऑफ कॉल सेन्टर तथा भुगतान केन्द्र का पता, सहायक/कनिष्ठ अभियंता का नाम तथा अन्य कई आवश्यक जानकारियां मालूम नहीं रहती है, इसलिए मोर बिजली मोबाइल ऐप वर्जन 2.0 में उपभोक्ता को ये सभी जानकारियां बिजली कनेक्शन प्रोफाइल में उपलब्ध करायी गई है। इसमें उपभोक्ता से संबंधित मीटर, पोल, ट्रांसफार्मर, 11 के.व्ही. फीडर तथा सबस्टेशन और अन्य आवश्यक जानकारियां भी शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ी बोली में जानकारी देने वाला पहला शासकीय एप बना मोर बिजली एप 2.0-
नए मोर बिजली एप को प्रदेशवासियों की सुविधा के लिए छत्तीसगढ़ी बोली में उपलब्ध कराया गया है। जिन उपभोक्ताओं ने छत्तीसगढ़ी बोली को एसएमएस की भाषा के रूप में चुना है, उन्हें मासिक बिजली बिल, बिल भुगतान, बिल भुगतान रिमाइन्डर और बिल भुगतान की जानकारी छत्तीसगढ़ी में भेजी जाएगी। इसके साथ ही यह छत्तीसगढ़ी बोली का प्रदेश का पहला शासकीय मोबाइल एप बन चुका है।
मोर बिजली एप ने रचा नया कीर्तिमान-
छत्तीसगढ़ के भुईयां मोबाइल एप के बाद सिर्फ मोर बिजली एप का हीे 10 लाख से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है। 6 अक्टूबर 2020 को लांच हुए मोर बिजली एप के पहले वर्जन को 13 लाख 25 हजार से अधिक उपभोक्ता डाउनलोड कर उपयोग में ला रहे है। गूगल प्ले स्टोर में निःशुल्क उपलब्ध इस मोबाइल ऐप को 36 हजार 700 से अधिक उपभोक्ताओं द्वारा 5 में से 4.4 की रेटिंग दी गई है। राज्य में मोर बिजली के एप की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है, यही इसकी सफलता का परिणाम है।
ग्रामीण क्षेत्रों में मोर बिजली एप सर्वाधिक लोकप्रिय-
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बिल की जानकारी, बिजली बिल का भुगतान और बिजली बंद होने की शिकायत के लिए मोर बिजली ऐप का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। बिजली बंद होने की लगभग 50 प्रतिशत से अधिक शिकायतें मोर बिजली ऐप के माध्यम से प्राप्त हो रही है। शिकायतों का समय-सीमा में निराकरण भी 70 प्रतिशत से बढ़कर अब 94 प्रतिशत हो गया है। -
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12915 करोड़ की अनुमानित लागत के नवीन सुपरक्रिटिकल ताप विद्युत परियोजना का करेंगे शिलान्यास
325 करोड़ लागत की शासकीय मेडिकल कॉलेज का करेंगे लोकार्पण
112 करोड़ 13 लाख से अधिक राशि के 72 विभिन्न विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण, भूमिपूजन और शिलान्यास
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल कोरबा प्रवास के दौरान जिलेवासियों को 13,356 करोड़ से अधिक लागत की विभिन्न विकास कार्यों की सौगात देंगे। मुख्यमंत्री द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी हसदेव ताप विद्युत गृह की नवीन सुपरक्रिटिकल ताप विद्युत परियोजना 2 ग 660 मेगावॉट कोरबा (पश्चिम) का शिलान्यास करेंगे। जिसकी अनुमानित लागत 12915 करोड़ है। इसी प्रकार 325 करोड़ की लागत से स्वर्गीय बिसाहू दास महंत स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय कोरबा का लोकार्पण करेंगे।
श्री बघेल विभिन्न विभागों के अंतर्गत किए जा रहे 72 विकास कार्यों का भी लोकार्पण, भूमिपूजन और शिलान्यास करेंगे। जिसकी लागत 112 करोड़ 13 लाख से भी अधिक है। इन कार्यों में 54 करोड़ 70 लाख राशि के 38 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं 57 करोड़ 43 लाख से अधिक राशि के 34 विकास कार्यों का शिलान्यास कार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा किए जाने वाली लोकार्पण कार्यों के अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग कोरबा द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (नाबार्ड) अंतर्गत 76 लाख 68 हजार की लागत से गोदाम सह कार्यालय भवन निर्माण के 03 कार्य, लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण उपसंभाग कोरबा द्वारा नाबार्ड योजना अंतर्गत 04 करोड़ 32 लाख से अधिक की लागत से उच्च स्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग निर्माण के 03 कार्य, स्वास्थ्य विभाग कोरबा द्वारा 15 वें वित्त एवं ईसीआरपी-2 योजनांतर्गत 02 करोड़ 38 लाख से अधिक की लागत से 13 शहरी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर (हमर क्लीनिक) की स्थापना, वनमण्डल कोरबा द्वारा रामपुर में 03 करोड़ 01 लाख से अधिक की लागत से सड़क, कैम्प व वॉटर हारवेस्टिंग सिस्टम निर्माण के कुल 08 कार्य, शिक्षा विभाग द्वारा नवनिर्मित पुस्तकालय भवन हेतु 03 करोड़ 05 लाख से अधिक की लागत की आवश्यक सामग्री के कार्य, जनपद पंचायत कोरबा द्वारा जिला खनिज संस्थान न्यास से 48 लाख 78 हजार की लागत से सड़क एवं प्राथमिक शाला निर्माण के कुल 03 कार्य तथा जनपद पंचायत करतला द्वारा जिला खनिज संस्थान न्यास से 01 करोड़ 39 लाख से अधिक की लागत से सड़क, भवन एवं तालाब के जीर्णोद्धार के कुल 07 कार्य शामिल हैं।
इसी प्रकार शिलान्यास कार्यों के अंतर्गत छ0ग0 ग्रामीण सहकारी विकास अभिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई कोरबा अंतर्गत 19 करोड़ 56 लाख से अधिक के कुल 22 सड़कों के सतह नवीनीकरण के 04 कार्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत 32 करोड़ 57 लाख से अधिक के जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत एकल ग्राम नल-जल प्रदाय योजना के 20 कार्य, स्वास्थ्य विभाग कोरबा अंतर्गत 03 करोड़ 91 लाख से अधिक के स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार 09 कार्य, नगर पंचायत पाली में 01 करोड़ 95 लाख की लागत से नवीन हाईटेक बस स्टैण्ड निर्माण कार्य शामिल हैं। -
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मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने की सौजन्य मुलाकात
राज्यसभा में छत्तीसगढ़ की जातियों को अनुसूचित जनजातियों में शामिल किए जाने संबंधित विधेयक पारित होने पर मुख्यमंत्री के प्रति जताया आभार
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज शाम यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने इस दौरान मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के उनके प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है।
गौरतलब है कि विगत दिवस 25 जुलाई को राज्यसभा ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक 2022 को मंजूरी दे दी। इसके पहले पिछले साल दिसम्बर में लोकसभा ने इस विधेयक को पारित किया था। इस अवसर पर खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राज्य सरकार के लगातार प्रयासों से मिली इस सफलता पर प्रतिनिधिमंडल को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति समुदाय को उनके अधिकारों का लाभ दिलाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य ध्येय राज्य में आदिवासी समाज को आगे बढ़ाते हुए उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि राज्य में हमारी सरकार के बनते ही आदिवासियों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर आगे कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस संबंध में प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखकर मात्रात्मक त्रुटि के कारण आदिवासी समुदाय को हो रही दिक्कतों से अवगत कराया गया और उन्हें अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जनजाति आयोग को विभिन्न समाजों के माध्यम से जो ज्ञापन मिले, आयोग द्वारा उनकी सुनवाई कर ट्राईबल रिसर्च इंस्टिट्यूट के माध्यम से अध्ययन के बाद प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा गया। राज्य सरकार की इस पहल पर जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने संबंधी विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा से मंजूरी मिली है। मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री बी.एल. ठाकुर, भारत सिंह, प्रेमलाल सिदार, रवि सिदार, मदनलाल, हीरालाल, श्रीमती वेद्वती, डॉ. शंकरलाल उईके सहित आदिवासी समाज के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
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2 अगस्त को मतदाता सूची का प्रारम्भिक प्रकाशन, 31 अगस्त तक नाम जोड़ने, काटने एवं संशोधन के लिए दावा-आपत्ति लिए जाएंगे
12-13 अगस्त एवं 19-20 अगस्त को मतदान केन्द्रों में आयोजित किए जाएंगे विशेष शिविर
4 अक्टूबर को होगा मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन
राज्य में अभी 1.96 करोड़ से अधिक मतदाता पंजीकृत
रायपुर : विधानसभा आम निर्वाचन-2023 के पूर्व प्रदेश में निर्वाचक नामावलियों के द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण की कार्यवाही चल रही है। पुनरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत 2 अगस्त को राज्य में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों द्वारा फॉर्म-5 में मतदाता सूची के प्रारम्भिक प्रकाशन करने के साथ-साथ 1 अक्टूबर 2023 की अर्हता तिथि के सम्बन्ध में दावा-आपत्ति प्राप्त किए जाने नोटिस जारी किया जाएगा। इसी दिन राज्य में विशेष ग्राम सभा में मतदाता सूची का वाचन भी किया जाएगा। विधानसभा एवं जिला स्तर पर भी विशेष कार्यक्रमों का आयोजन कर आमजन में मतदाता सूची को शुद्ध बनाने जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। यह मतदाता सूची राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की वेबसाइटhttps://ceochhattisgarh.nic.in/ में भी होस्ट की जाएगी। इसकी एक फोटोयुक्त हार्ड एवं एक फोटोरहित सॉफ्ट कॉपी सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को भी जिला स्तर पर बैठक कर प्रदान की जाएगी।
मतदाता सूची के प्रारम्भिक प्रकाशन के दिन से 31 अगस्त तक निर्धारित प्रारूपों में बूथ लेवल अधिकारियों द्वारा दावा-आपत्ति प्राप्त किए जाएंगे। 30 दिनों की इस अवधि के दौरान चार दिन, 12-13 अगस्त (शनिवार-रविवार) और 19-20 अगस्त (शनिवार-रविवार) को बूथ स्तर पर विशेष शिविर का भी आयोजन होगा। इस दौरान 1 अक्टूबर 2023 को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवा मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने के लिए फॉर्म-6 के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे। मृत, डुप्लीकेट या स्थाई रूप से स्थानांतरित मतदाताओं के नाम विलोपन के लिए फॉर्म-7 के माध्यम से आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। पूर्व से पंजीकृत मतदाता के विवरण में किसी प्रकार के संशोधन या स्थानांतरण के लिए फॉर्म-8 भरा जाएगा। ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए वोटर हेल्पलाइन एप और वोटर सर्विस पोर्टल भी उपलब्ध हैं। बीएलओ द्वारा फॉर्म भरने के लिए बीएलओ एप का प्रयोग किया जाएगा।
31 अगस्त तक प्राप्त होने वाले दावा-आपत्तियों की साप्ताहिक सूची सभी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों द्वारा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की बैठक कर दी जाएगी। साप्ताहिक रूप से इस सूची का मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की वेबसाइट पर भी प्रकाशन किया जाएगा। 22 सितम्बर तक सभी दावा-आपत्तियों का निराकरण कर 4 अक्टूबर 2023 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन फॉर्म-16 में किया जाएगा। अंतिम प्रकाशित मतदाता सूची पुनः वेबसाइट में होस्ट करने के साथ-साथ इसकी एक हार्ड एवं एक सॉफ्ट कॉपी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को जिला स्तर पर प्रदान की जाएगी।
छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि मतदाता सूची को शुद्ध एवं त्रुटिरहित बनाने के लिए पुनरीक्षण के दौरान सघन कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इस दौरान छूटे हुए युवाओं एवं समाज के वंचित वर्गों को अधिक से अधिक जागरूक कर उनका नाम मतदाता सूची में जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में चार लाख 25 हजार 698 मतदाता 18-19 आयु वर्ग के हैं। दिव्यांग मतदाताओं की संख्या एक लाख 47 हजार 364 तथा 767 तृतीय लिंग समुदाय के मतदाता हैं। राज्य में मतदाता सूची का लिंगानुपात 1002 है तथा मतदाता-जनसंख्या अनुपात 64.65 प्रतिशत है। श्रीमती कंगाले ने प्रदेश के नागरिकों से पुनरीक्षण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर मतदाता सूची को और अधिक शुद्ध एवं त्रुटिरहित बनाने के लिए अधिक से अधिक ऑनलाइन आवेदन करने की अपील की है। -
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31 जुलाई तक चलेगी प्रतियोगिता
08 राजीव युवा मितान क्लब का बनाया गया है एक जोन
रायपुर : हरेली तिहार के दिन शुरू हुए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के दूसरे चरण जोन स्तर की शुरूआत 26 जुलाई से हो रही है। इसमें 8 राजीव युवा मितान क्लब को मिलाकर 01 जोन बनाया गया है। जोन स्तर की इस प्रतियोगिता का समापन 31 जुलाई को होगा। पहले चरण में राजीव युवा मितान क्लब स्तर की प्रतियोगिता ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में 17 जुलाई से 22 जुलाई तक आयोजित की गई थी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित करने, खेलों के प्रति जागरूकता फैलाने, खिलाड़ियों को मंच प्रदान करने और खेल भावना का विकास करने के उद्देश्य से शुरू की गई छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को अभूतपूर्व लोकप्रियता मिली। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोगों ने इस ओलंपिक में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इस वर्ष चल रही छत्तीसगढ़िया ओलंपिक मंे भाग लेने को लेकर लोगों में भारी उत्साह है।
दूसरे चरण में जोन स्तर पर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आयोजित छत्तीसगढ़िया ओलंपिक प्रतियोगिता में 08 राजीव युवा मितान क्लब क्षेत्रों का एक जोन बनाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में जोन बनाने का दायित्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को एवं शहरी क्षेत्रों में नगरीय प्रशासन विभाग के द्वारा नामांकित अधिकारी को दिया गया है। मुकाबला नॉक आऊट पद्धति से राजीव युवा मितान क्लब के विजेता प्रतिभागी एवं दलों के मध्य होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में विजेता प्रतिभागी एव ंदल आयुवार एवं वर्गवार विकासखंड स्तरीय प्रतियोगिता में एवं शहरी क्षेत्रों में विजेता प्रतिभागी ंदल आयुवार एवं वर्गवार नगरीय क्लस्टर स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेंगे।
राजीव युवा मितान क्लब स्तर एवं जोन स्तर के समापन के बाद तीसरे चरण विकासखंड एवं नगरीय क्लस्टर स्तर पर आयोजन 7 अगस्त से 21 अगस्त तक, चौथे चरण जिला स्तर पर आयोजन 25 अगस्त से 04 सितंबर तक, पांचवे चरण संभाग स्तर पर आयोजन 10 सितंबर से 20 सितंबर तक और अंतिम में राज्य स्तर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। जिसका आयोजन 25 सितंबर से 27 सितंबर तक होगा।छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेल प्रतियोगिता दलीय व एकल दो श्रेणी में आयोजित की जा रही है। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में दलीय श्रेणी में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं शामिल की गई हैं। वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद, रस्सी कूद एवं कुश्ती शामिल हैं। - आदिलाबाद : मानसून की बारिश से पनपे बाढ़ के हालातों के बीच देश भर में टमाटर की कीमतें और बढ़ने की संभावना है। मौजूदा वक्त में कहीं 160 तो कहीं 140 रुपए प्रति किलो टमाटर बाजार में बिक रहा है। महंगाई के चलते टमाटर की चोरी और ट्रक हाईजैक के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसी बीच तेलंगाना के आदिलाबाद में 22 लाख रुपए का टमाटर एनएच-44 हाईवे पर बिखर गया।
ट्रक ड्राइवर ने टमाटर की लूट मचने से पहले ही पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने हाईवे पर बिखरे टमाटरों को सुरक्षा प्रदान की। बताया जा रहा है कि ट्रक कर्नाटक के कोलार से टमाटर भरकर नई दिल्ली ले जा रहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में ट्रक लगभग 22 लाख रुपये मूल्य के 18 टन टमाटर लादकर कोलार से नई दिल्ली रवाना हुआ। आदिलाबाद के पास एनएच 44 पर ट्रक ने एक दोपहिया वाहन से टकराने से बचने की कोशिश की। जिसके चक्कर में ट्रक बेकाबू होकर पलट गया और सारे टमाटर सड़क पर ही बिखर गए।
जल्द ही बड़ी भीड़ जमा हो गई, जिससे ड्राइवर को टमाटर की लूट का भय हुआ। ड्राइवर को मामूली चोटें आईं, उसने तुरंत पुलिस को फोन किया और सुरक्षा मांगी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने ड्राइवर को राजीव गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती कराया और टमाटर को सुरक्षा दी। हालांकि, हादसे में 20 फीसदी टमाटर खराब हो गए।
12 घंटे तक जाम में अटकी रहीं टमाटर लॉरियां वहीं, 23 जुलाई की सुबह कर्नाटक के कोलार से माल ले जाने वाली कई लॉरियां एनएच 44 पर 12 घंटे तक फंसी रहीं। इस दौरान ड्राइवरों और किसानों को डर सताता रहा कि डिलीवरी में देरी के कारण टमाटर खराब हो सकते हैं या सड़ सकते हैं। कर्नाटक से ट्रकों में भरकर टमाटर उत्तरी राज्यों में जाते हैं।