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- कौशांबी: यमुना नदी इन दिनों उफान पर है. इस दौरान नदी में कई ऐसी मछलियां भी देखी जा रही हैं, जो पहले दिखाई नहीं देती थीं. यमुना नदी में इन दिनों डॉल्फिन भी देखने को मिल रही हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के पिपरी थाना क्षेत्र स्थित यमुना नदी में चार मछुआरों पर डॉल्फिन का शिकार कर उसे पकाकर खाने का आरोप है. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर एक मछुआरे को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि इस मामले में चार मछुआरों पर केस दर्ज किया गया है
थानाध्यक्ष पिपरी श्रवण कुमार सिंह ने सोमवार को बताया कि जिले की चायल रेंज के वन रेंजर रविंद्र कुमार ने सोमवार को तहरीर देकर बताया कि 22 जुलाई 2023 की सुबह नौ से 10 बजे के बीच थाना क्षेत्र के नसीरपुर गांव निवासी चार मछुआरे यमुना नदी में मछलियां पकड़ रहे थे. इसी दौरान उनके जाल में एक डॉल्फिन फंस गई. शिकायत के मुताबिक, आरोपी उसे कंधे पर लादकर घर ले गए और पकाकर खा गए.
पुलिस ने बताया कि नदी से डॉल्फिन घर ले जाते समय किसी राहगीर ने मछुआरे का वीडियो बना लिया और 23 जुलाई की रात सोशल मीडिया पर इसे डाल दिया. थानाध्यक्ष ने बताया की सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए वीडियो को संज्ञान में लेकर वन रेंजर रविंद्र कुमार ने थाने में रंजीत कुमार, संजय, दीवान व बाबा सहित चार लोगों के विरुद्ध तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है.
मामले में उचित धाराओं में केस दर्ज किया गया है. एक आरोपी रंजीत कुमार को, गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है. शेष तीन आरोपी फरार हो गए हैं. उनकी तलाश में दबिश दी जा रही है. मामले की जांच की जा रही है. -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बीते तीन साल में निर्धन परिवार की 227 बेटियां विवाह बंधन में बंधी
सीमा को सपना साकार करने का एक रास्ता मिला
बेमेतरा: सीमा एक साधारण गरीब परिवार की बेटी है, जो जिले के एक छोटे से गांव में रहती थी। उसके पिता एक छोटे से दुकान पर काम करते थे और माता-पिता बहुत मेहनती थे, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति मेहनत के बावजूद सुधारने में कामयाब नहीं हो रही थी।
सीमा बहुत पढ़ाई-लिखाई में रूचि रखती थी और उसके मन में अपने सपने थे। वह अपने परिवार को भविष्य में सुख-शांति देने का सपना देखती थी। लेकिन उसके परिवार की आर्थिक हालत उसे अपने अध्ययन के लिए समर्थ नहीं बना रही थी। एक दिन, उसके गांव में महिला एवं बाल विकास के अधिकारी ने उसे मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के बारे में बताया। सीमा को यह सुनकर खुशी हुई कि उसके सपनों को साकार करने का एक रास्ता तो है। उसने अपने पिता को योजना के बारे में बताया और उन्हें विवाह के लिए आवेदन करने की सलाह दी।
सीमा के परिवार ने योजना के अंतर्गत आवेदन किया और जल्द ही उनका आवेदन स्वीकार हो गया। उन्हें विवाह के खर्चे का भार सरकार ने दिया। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के सहारे, सीमा का विवाह खुशियों से सम्पन्न हुआ। उसके सपने साकार हो गए और उसे अध्ययन के लिए अधिक संसाधन मिलने लगे। वह अब एक गैर-सरकारी स्कूल में नौकरी करती है और अपने परिवार की मदद कर रही है। बिटिया के विशेष अनुरोध और निजता के कारण वास्तविक नाम व फोटो नहीं दिया गया।वैश्विक महामारी कोरोना काल के चलते वर्ष 19-20 और 20-21 को छोड़ दें तो जिले में तीन सालों में 227 निर्धन परिवारों की बेटियां मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अन्तर्गत विवाह बंधन में बंधी। जो सुखी दाम्पत्य जीवन गुजार रही है। इस योजना के माध्यम से फिजुल खर्च एवं दहेज प्रथा जैसे कुरीतियों को समाप्त करने का एक अच्छा माध्यम है। अब ऐसे कन्याओं के माता-पिता को आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ रहा है। सामूहिक विवाह का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कराया जाता है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत प्रति जोड़ा सहायता राशि 25 हजार रूपए से बढ़ाकर 50 हजार रूपए कर दी गई है। योजना के तहत 21 हजार रूपये तक की आर्थिक सहायता सामग्री के रूप में, 21 हजार रूपये का बैंक ड्राफ्ट तथा सामूहिक विवाह आयोजन व्यवस्था पर अधिकतम 8 हजार रूपये तक व्यय का प्रावधान भी किया गया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
*किस्सागोई के माध्यम से कहने-सुनने की परंपरा को पुनः स्थापित करने के लिए युवा कलाकारों के पहल को सराहा*
*मुख्यमंत्री ‘दास्तान-ए-कबीर‘ कार्यक्रम में हुए शामिल*
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज शाम राजधानी रायपुर स्थित पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के सभागार में आयोजित ‘दास्तान-ए-कबीर‘ कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने दर्शक दीर्घा में बैठकर संत कबीर की दास्तानगो को पूरा सुना और इसका आनन्द लिया। मुख्यमंत्री ने किस्सागोई के माध्यम से कहने-सुनने की परंपरा को पुनः स्थापित करने के लिए युवा कलाकारों के पहल को सराहा। गौरतलब है कि दास्तांगोई के लिए मशहूर कलाकार श्री हिमांशु बाजपेयी सहित श्री अजय टिपानिया, सुश्री प्रज्ञा शर्मा और श्री वेदांत भारद्वाज ने संगीतमय प्रस्तुति दी।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कबीर को हम सभी हमेशा सुनते आए है और आज भी सुन रहे है, लेकिन फिर भी मन नहीं भरता। यह खुशी की बात है कि युवा कलाकारों ने ही युवा पीढ़ी को कबीर से परिचय कराने का संकल्प लिया है और संत कबीर की कहानियां वो सुना रहे है। मुख्यमंत्री ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए बताया कि खेत से फसल काटकर ब्यारा में लाने और मिसाई तक के इन डेढ़-दो महीनों में उन्हें कहानी सुनने का बड़ा अच्छा मौका मिलता था। गांव के जो लोग काम करते थे वे बहुत अच्छी-अच्छी कहानियां सुनाते थे। लोक जीवन में कहानियों का अपना संसार है और उसकी अपनी दुनिया है। कहानियों से सीखते-समझते हम बड़े हुए। आज की युवा पीढ़ी कहानियां नहीं सुनती।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि पुस्तक पढ़कर जो बातें समझ नहीं आती, उन्हें छोटी-छोटी कहानियों और घटनाओं के माध्यम से उसे सहज ही समझा जा सकता है। कहानियों का अपना रस है, बड़ी सीख भी कहानियां आसानी से सीखा जाती है, अन्य विधाओं में ऐसा कम ही होता है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने युवा कलाकारों के प्रयासों की प्रशंसा की और आगे भी ऐसे आयोजन की बात दोहराई। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कलाकारों को शॉल और श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर पद्मश्री मदन चौहान, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री पंकज शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राकेश गुप्ता, सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा - अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दों में कोई तथ्य नहीं
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्य सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में चर्चा के दौरान जवाब में कहा कि जब हमारी सरकार बनी तो हमने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की बात की और इसे साकार करने की दिशा में हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में कहा कि विपक्ष द्वारा प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दों में कोई तथ्य नहीं है। प्रजातंत्र में विपक्ष का अधिकार होता है कि वे अविश्वास करे। सत्ता पक्ष के पास भी मौका होता है कि अपनी बात रखें। इन्होंने 109 आरोप लगाए पर कोई तथ्य नहीं दिए। पहले जब अविश्वास प्रस्ताव आता था तब नक्सली समस्या पर पहले बात होती थी। इस बार सदस्यों ने नही की। ये हमारी उपलब्धि है।
आप इंद्रावती के उस पार गए क्या ये संभव था। ये इसलिए हुआ कि इस समस्या पर काम हुआ। अभी भेंट मुलाकात में बस्तर में रात रुका, सभी से मिला। जो सबसे बड़ा कमेंट मिला जिसने मेरे दिल को छू लिया। जैन समाज के लोगों से मैंने पूछा कि इन चार सालों में क्या फर्क आया। उन्होंने कहा कि रिश्ता करने में बस्तर में अब दिक्कत नहीं होती है। आसानी से लोग रिश्ता दे देते हैं क्योंकि बस्तर बदल गया है। पहले बस्तर में सड़कें काट दी जाती थी आज सड़के काटी नहीं जाती, ये परिवर्तन बस्तर में देखने को मिला है। पिछली सरकार ने जो स्कूल बंद करा दिए थे, उसे हमने आरम्भ कर दिया। राशन पहुंचाना भी पहले टेढ़ी खीर थी। अब कितना आसान हो गया है। ये बदलाव आया है। जब हमारी सरकार बनी तो हमने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की बात की।उन महापुरुषों को, कलाकारों और राजनीतिक दलों के लोगों को नमन करता हूँ जिन्होंने छत्तीसगढ़ निर्माण में अपना योगदान दिया। परिवर्तन केवल सत्ता के लिए नहीं होना चाहिए। यह लोगों के जीवन मे होना चाहिए इसलिए परिवर्तन की मशाल लेकर हमारे नेता परिवर्तन यात्रा में निकले थे। आज हमने किसानों की जिंदगी बदली है। बस्तर, सरगुजा में परिवर्तन हुआ है। महिलाओं के जीवन मे बदलाव आया है। जब बच्चे फर्राटेदार इंग्लिश में बोलते हैं तब संतोष होता है। आरडी तिवारी स्कूल में पहले 56 बच्चे पढ़ रहे थे। अब हजार बच्चे पढ़ रहे हैं। अब ऐसे स्कूल नहीं चल रहे जो गुणवत्ता नही देते, लोग स्वामी आत्मानंद स्कूल में अपने बच्चों को प्रवेश दिला रहे हैं। बस्तर के बच्चों को शिक्षित कर दीजिए, सुपोषित कर दीजिए, वे अपनी जिंदगी स्वयं संवार लेंगे। 20 हजार करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी हमने किसानों को दी। हमारे प्रदेश का किसान आज बहुत खुशहाल है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि अब मैं डीएमएफ के बारे में जानकारी देता हूं। मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने मीटिंग ली। सभी खदान आदिवासी अंचल में थी। मैंने पूछा कि आदिवासियों के जीवन मे क्या परिवर्तन आया। उन्होंने कहा कि नहीं आया। हमने कहा कि यह होना चाहिए। हमने कहा कि इससे स्कूल बनाओ, सड़क बनाओ। डीएमएफ का तभी सही उपयोग होगा। मलेरिया में हमने बड़ा काम किया और यह काफी घट गया। उल्टी दस्त का एक भी प्रश्न विधानसभा में बस्तर से नहीं लगा। बस्तर में आज डॉक्टर है, नर्स हैं। ब्लड बैंक बनवाये गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का संकल्प लेकर जब हम निकले, कितनी बाधा आई। कोरोना आया। सबकी मदद से हमने अपना संकल्प पूरा किया। सबने इसके लिए सहयोग किया। पांच साल में आये परिवर्तन के बारे में उन्होंने बताया। आज जिले 33 हो गए। तहसील भी बढ़ गए। प्रति व्यक्ति आय बढ़ गई। धान खरीदी 56 लाख से 110 लाख मीट्रिक टन हो गई। रकबा भी बढ़ गया। धान खरीदी केंद्र 2400 हो गए। राजीव गांधी न्याय योजना, भूमिहीन ग्रामीण श्रमिक योजना, गोधन न्याय योजना हमने आरम्भ की। 10 हजार से अधिक गौठान बनाये। उर्जिकृत पंप 4 लाख हो गए। एकल बत्ती कनेक्शन 15 लाख से 17 लाख हो गए। आपके समय तो 105 करोड रुपए का ऋण माफ हुआ था, हमने तो 9500 सौ करोड़ का ऋण माफ किया है। केसीसी आपके समय में 14 लाख दिए गए। वह अब बढ़कर 21 लाख हो गए हैं। 245 करोड़ का गोबर खरीदा और 291 करोड़ की सामग्री बेचा, यह घाटे का सौदा नहीं है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि यह कबीर की भूमि है। बाबा गुरु घासीदास की भूमि है। शांति का टापू है। अपनी संस्कृति के लिए हम काम कर रहे हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
वन्य प्राणियों के भोजन तथा रहवास सुधार में चारागाह विकास काफी उपयोगी: वन मंत्री श्री अकबर
रायपुर : छत्तीसगढ़ में नरवा विकास कार्यक्रम के तहत वनांचल स्थित नालों में काफी तादाद में भू-जल संवर्धन संबंधी कार्य कराए जा रहे है। इसके अंतर्गत कैम्पा मद की वार्षिक कार्य योजना 2022-23 में 11 करोड़ 79 लाख रूपए की स्वीकृत राशि से वन क्षेत्रों के 4 हजार 751 हेक्टेयर क्षेत्र में चारागाह विकास का कार्य प्रगति पर है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने इसे वन्य प्राणियों के भोजन तथा रहवास सुधार के लिए काफी उपयोगी बताया है।
गौरतलब है कि वर्ष 2022-23 में ही छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण, निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण ’’कैम्पा’’ की वार्षिक कार्य योजना के तहत 1 हजार 503 नालों का चयन कर 6 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि का उपचार जारी है। इनमें 29 लाख से अधिक भू-जल संबंधी संरचनाओं का निमार्ण किया जा रहा है। इनके निमार्ण के लिए प्रदेश के 32 वनमंडल, 2 राष्ट्रीय उद्यान, 3 टाइगर रिजर्व तथा 1 ऐलीफेंट रिजर्व में 300 करोड़ रूपए से अधिक की राशि स्वीकृत है।
इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि कैम्पा के तहत वर्ष 2022-23 में प्रदेश के वनांचल स्थित 239 स्थलों का चयन चारागाह विकास के लिए किया गया है। इनमें सर्वाधिक 85 स्थलों का चयन वन्य प्राणी संरक्षण के अंतर्गत किया गया है। यहां स्वीकृत 4 करोड़ 93 लाख रूपए की राशि से 1 हजार 955 हेक्टेयर भूमि में चारागाह विकास किया जा रहा है।
इसी तरह सरगुजा वनवृत्त अंतर्गत चारागाह विकास के लिए 62 स्थलों का चयन किया गया है। यहां 2 करोड़ 80 लाख रूपए की राशि से 1 हजार 120 हेक्टेयर भूमि में कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा बिलासपुर वनवृत्त के अंतर्गत 36 स्थलों में 1करोड़ 42 लाख रूपए की राशि से 600 हेक्टेयर भूमि, कांकेर वनवृत्त अंतर्गत 22 स्थलों में 1 करोड़ 14लाख रूपए की राशि से 475 हेक्टेयर तथा दुर्ग वनवृत्त अंतर्गत 18 स्थलों में 91 लाख़ रूपए की राशि से 361 हेक्टेयर और रायपुर वनवृत्त अंतर्गत 8 स्थलों में 50 लाख़ रूपए की राशि से 200 हेक्टेयर में चारागाह विकास का कार्य जारी है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में अग्रणी संगठन आईजेब्रा, रायपुर में आगामी इंटर-स्कूल डेटा और एआई टॉक्स प्रतियोगिता की घोषणा करते हुए प्रसन्न है। इस कार्यक्रम की मेजबानी एनएच गोयल वर्ल्ड स्कूल रायपुर द्वारा की जाएगी और क्यूबलेलो द्वारा प्रायोजित किया जाएगा। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों को एआई और उसके अनुप्रयोगों की आकर्षक दुनिया का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है, उन्हें तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिदृश्य के लिए तैयार करना है।
भाग लेने वाले स्कूलों में एनएच गोयल वर्ल्ड स्कूल, डीपीएस रायपुर, केपीएस नवा रायपुर, केपीएस डुंडा, केपीएस तुलसी, केपीएस तेंदुआ, राजकुमार कॉलेज, आरंभ स्कूल, एनएच गोयल जीडी ब्लॉक, रेडिएंट वे, विचक्षण जैन विद्यापीठ और संत ध्यानेश्वर विद्यालय शामिल हैं। इन प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्र प्रतियोगिता के दौरान अपने एआई-संचालित विचारों और परियोजनाओं का प्रदर्शन करेंगे।
प्रतियोगिता को तीन समूहों में विभाजित किया गया है: समूह ए, समूह बी और समूह सी, विभिन्न आयु समूहों और कौशल स्तरों के लिए। संबंधित स्कूलों में आयोजित प्रतियोगिता का पहला दौर 13 जुलाई को शुरू हुआ। प्रतिभागियों को डेटा-संचालित प्रौद्योगिकियों की शक्ति का लाभ उठाते हुए अपने अभिनव एआई विचारों को प्रस्तुत करने का अवसर मिला।
प्रत्येक समूह से, दो असाधारण छात्रों को अंतिम दौर में प्रतिस्पर्धा करने के लिए चुना जाएगा, जो 31 जुलाई 2023 को होगा। अंतिम दौर एक रोमांचक और बौद्धिक रूप से उत्तेजक कार्यक्रम होने का वादा करता है, जहां चयनित छात्र प्रतिष्ठित चैंपियनशिप खिताब के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। .प्रत्येक समूह के विजेताओं को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों को स्वीकार करते हुए एप्पल आईपैड, पदक, प्रमाण पत्र और रूबिक्स क्यूब्स सहित प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, उपविजेताओं को उनके उल्लेखनीय प्रदर्शन के सम्मान में फिटबिट स्मार्टवॉच, पदक, प्रमाण पत्र और रूबिक्स क्यूब्स प्राप्त होंगे।जो लोग व्यक्तिगत रूप से कार्यक्रम में शामिल होने में असमर्थ हैं, उनके लिए पूरी प्रतियोगिता 31 जुलाई को दोपहर 3 बजे से लाइव.आईजेब्रा.एआई पर लाइवस्ट्रीम की जाएगी। इससे दुनिया भर में दोस्तों, परिवार और एआई के प्रति उत्साही लोगों को इस आयोजन में प्रतिस्पर्धा करने वाले युवा दिमागों की प्रतिभा और रचनात्मकता को देखने का मौका मिलेगा।
प्रतियोगिता का प्राथमिक उद्देश्य छात्रों की एआई-तैयार पीढ़ी को बढ़ावा देना है, उन्हें प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति को अपनाने के लिए तैयार करना है। दुनिया में हर दिन परिवर्तनकारी परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं, ऐसे में स्कूलों और छात्रों के लिए भविष्य की सफलता के लिए एआई की क्षमता को अनुकूलित करना और उसका दोहन करना महत्वपूर्ण है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : प्रदेश के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा वनरक्षक पद पर कार्यरत वनरक्षकों की वेतन विसंगति अब दूर कर ली गई है। विगत दिवस 06 जुलाई 2023 को आयोजित राज्य मंत्री मंडल की बैठक में लिए गए निर्णय के परिपालन में विभाग द्वारा तत्परता पूर्वक कार्यवाही की गई। इसके तहत वन विभाग में विभागीय सेटअप में स्वीकृति 2़6 मार्च 2003 के बाद नियुक्त किए गए सभी वनरक्षकों का वेतनमान 3050-4590 मान्य किया गया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
अभी तक 39 आरोपियों को भेजा गया जेल
रायपुर : वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में विभाग द्वारा वन अपराधों की रोकथाम के लिए सघन अभियान जारी है। इस कड़ी में बाघ के तस्कर गिरोह को पकड़ने में वन विभाग को बड़ी कामयाबी मिली है। इसके तस्कर में संलिप्त अभी तक 39 आरोपियों को जेल भेजा गया।
गौरतलब है कि वन विभाग द्वारा वन्यजीव के तस्करी के प्रकरण में संयुक्त टीम बनाकर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। इन्द्रावती टायगर रिजर्व, बीजापुर के रुद्रारम गांव से बाघ की खाल की तस्करी में लिप्त नौ आरोपियों को बाघ के खाल के साथ गिरफ्तार कर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत 3 जुलाई 2023 को 9 आरोपियों को जेल भेजा गया था। इसके पश्चात आरोपियों के निशान देही पर अन्य आरोपियों को भी पकड़ा गया। 18 जुलाई 2023 की स्थिति में कुल 39 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
प्रकरण में मुख्य रूप से आरोपी तुलसीराम, रामकुमार टिंगे, ओमप्रकाश ठाकुर, गणेश यालम एवं मनोज कुरसम, अमित कुमार झा, आरती दास गंधर्व, पुतुल बर्मन (महिला आरोपी), पीतांबर साहू, सुधाकर हटवार, श्यामराव शिवनकर, शालीकराम मरकाम, अशोक खोटेले, जागेश्वर साहू, धर्माराव चापले, श्रवण झाड़ी, रंजीत कुलदीप, अली बक्श खान, किशोर दशरिया आदि की बाघ, तेंदुआ की खाल, कछुआ और अन्य वन्यजीवों की खरीदी-बिक्री में संलिप्तता रही है।इस प्रकरण में अभी तक कुल 39 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है एवं वर्तमान में प्रकरण से संबंधित 07 आरोपी फरार है। प्रकरण में आरोपियों का संबंध महाराष्ट्र के तस्कर गिरोह से होने से संयुक्त टीम ने 14 आरोपियों को महाराष्ट्र के भंडारा, गोंदिया और चंद्रपुर जिले से आरोपियों को ग्राम कोसाटोला, सालेकसा में बाघ को करंट लगाकर मारने और तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।प्रकरण में आरोपियों से बाघ की खाल, 02 नग हिरण के सींग एवं बाघ की हड्डियां, तेंदुआ का खाल, कोटरी सींग-2 नग, कोटरी का कपाल -01 नग, उल्लू का कपाल, उल्लू का पंजा-02 नग, सांबर का सींग-02 नग, भालू का नाखून-04 नग, कार, मोटरसायकल, मोबाईल फोन, जी.आई.तार. का फंदा आदि सामग्री बरामद की गई है।
इंद्रावती टायगर रिजर्व के उप संचालक, धम्मशील गणवीर ने बताया कि यह सम्पूर्ण कार्यवाही संयुक्त रूप से टीम गठित कर की गयी है। जिसमें उदन्ती सीतानदी टायगर रिजर्व के उप संचालक श्री वरून जैन, वनमण्डलाधिकारी दुर्ग श्री शशी कुमार, शशिगानंदन वनमण्डलाधिकारी पश्चिम भानुप्रतापपुर एवं सबंधित वनमण्डल के टीम द्वारा इस बड़े तस्कर गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की है। इस कार्यवाही में पुलिस विभाग का भी सराहनीय योगदान रहा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : 1.लगभग 5 लाख शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी, इस प्रकार मूल वेतन पर अब तक कुल 42 प्रतिशत बढ़ोत्तरी, 4 प्रतिशत बढ़ोत्तरी होने से 800 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।2. 37000 संविदा कर्मियों के वेतन में 27 प्रतिशत वृद्धि, इससे 350 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।3. दैनिक वेतन भोगी के वेतन में 4000 रुपए मासिक वृद्धि, इससे 240 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।4. 1650 अतिथि शिक्षकों के वेतन में 2 हजार रुपए मासिक की बढ़ोत्तरी, इससे 4 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।5. 6000 पटवारियों को 500 रुपए मासिक संसाधन भत्ता, इससे 4 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।सभी शासकीय सेवकों को 7 वें वेतनमान पर बी श्रेणी शहर हेतु 9 प्रतिशत एवं सी तथा अन्य शहरों हेतु 6 प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता दिया जाएगा। इससे 265 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।6. सभी पुलिस आरक्षकों को 8000 रुपए किट वार्षिक भत्ता दिया जाएगा। इसका 40 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।7. मितानिन ट्रेनर, ब्लाक कोआर्डिनेटर एवं हेल्प डेस्क आपरेटर को प्रतिदिन दैनिक प्रोत्साहन भत्ता 100 रुपए दिया जाएगा। इससे 11 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।8. 10 हजार पंचायत सचिवों को 2500 से 3000 रुपए मासिक दिया जाएगा। इससे 50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। इसके अतिरिक्त उन्हें अर्जित अवकाश, दस लाख रुपए तक की उपादान राशि एवं पांच लाख रुपए तक चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति का लाभ भी दिया जाएगा।9. शासकीय सेवकों के लिए उपरोक्त घोषणाओं से कुल 1764 करोड़ रुपए का व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।10. मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना अंतर्गत अधिकतम सहायता राशि की सीमा 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी गई है।11. सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2011 की सर्वे सूची के आधार पर प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास की पात्रता निर्धारित होने से जरूरतमंद परिवारों को आवास स्वीकृत करने में कठिनाई हो रही थी। इसे दूर करने राज्य के संसाधनों से ग्रामीण आवास न्याय योजना आरंभ की जाएगी। इसके लिए बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री बघेल डॉ खूबचंद बघेल जयंती कार्यक्रम में हुए शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज डॉ खूबचंद बघेल की जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर के फूल चौक स्थित डॉ खूबचंद बघेल व्यवसायिक परिसर नवीन मार्केट में आयोजित जयंती समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने परिसर में स्थापित डॉ खूबचंद बघेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें पुष्पांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि डॉ खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़ के पहले स्वप्नदृष्टा थे। छत्तीसगढ़ के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। डॉ खूबचंद का व्यक्तित्व बहुआयामी था। वे एक कुशल संगठक, चिकित्सक, किसानों के हितैषी, सहकारिता आंदोलन के अग्रणी, लेखक व अच्छे कलाकार भी थे। डॉ खूबचंद बघेल ने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया। उनकी मां और पत्नी भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहीं।
देश की आजादी का समय हमारे राष्ट्र के नवनिर्माण का काल था। उस समय यह प्रश्न था कि एक नए भारत में छत्तीसगढ़ को भारत के नक्शे पर कैसे उभारा जाए । छत्तीसगढ़ के लोगों के जो सवाल हैं उनका समाधान कैसे ढूंढा जाए। डॉ खूबचंद बघेल ने कहा कि इन सभी सवालों का एक ही समाधान है और वह यह कि पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बने। छत्तीसगढ़ बनने में कई महापुरुषों ने अपना योगदान दिया और हमें आज यह नया राज्य मिला है। राज्य बनने के बाद हमारे पुरखों की जो उम्मीदें थी हम उन्हीं उम्मीदों को पूरा करने का कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद सबसे पहला फैसला हमने किसानों की ऋण माफी का लिया। उसके बाद ढाई हजार रुपये क्विंटल धान खरीदने का निर्णय लेकर किसानों की उपज को मान दिया। छत्तीसगढ़ का 44 प्रतिशत जंगल है। इसलिए हमने 65 प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी की व्यवस्था बनाई। हमारे राज्य की दो विभीषिकाएं बहुत बड़ी थी। एक पलायन और दूसरा नक्सलवाद। इन दोनों समस्याओं में बहुत कमी आई है। सांस्कृतिक रूप से छत्तीसगढ़ को समृद्ध बनाने के लिए भी हमने कई कदम उठाये हैं। छत्तीसगढ़ राज्य को अपना राजगीत मिला है। डॉ खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़ की संस्कृति और यहां की परंपराओं के पोषक थे। हमने 1 मई को श्रमिक दिवस को बोरे बासी दिवस के रुप में मनाया।डॉ खूबचंद बघेल का गीत है - गजब विटामिन भरे हुए हे छत्तीसगढ़ के बासी मा । हमने बोरे बासी दिवस मनाकर उनके उस गीत और छत्तीसगढ़ के आहार को सम्मान दिया। आज देश में छत्तीसगढ़ की पहचान यहां की संस्कृति से है, लघु वनोपज की खरीदी से है, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल से है। देश और दुनिया में छत्तीसगढ़ को लेकर सोच में परिवर्तन आया है। पहली बार हमने आदिवासी नृत्य महोत्सव आयोजित किया, जिसमें देश और विदेश के कई नृत्य समूहों ने हिस्सा लिया। हमारा प्रयास छत्तीसगढ़ की प्राचीन, ऐतिहासिक, पौराणिक धरोहर को सामने लाने और सहेजने की है। यह वही परिवर्तन है जिसका सपना हमारे पुरखों ने देखा था कि हर छत्तीसगढ़िया में छत्तीसगढ़िया होने का स्वाभिमान जागे। सभी जिलों में हम छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं। हम छत्तीसगढ़ की संस्कृति को महत्व देने का काम कर रहे हैं।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक, रायपुर नगर निगम के महापौर श्री एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी समाज से केंद्रीय अध्यक्ष श्री चोवाराम वर्मा, श्री जागेश्वर वर्मा, श्री महेश वर्मा, श्री रघुनंदन लाल वर्मा, श्री मनोज वर्मा, श्री संजय श्रीवास्तव, श्री डोमेश्वरी वर्मा सहित अनेक लोग उपस्थित रहे। -
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कोरिया में हुए भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सामने परिवार ने रखी थी तकलीफ
मुख्यमंत्री के निर्देश पर एम्स में हुआ सफल कॉक्लियर इंप्लांट, अब स्पीच थेरेपी से सीखेगी नए शब्द
भावुक परिवार ने विधानसभा में मुख्यमंत्री से मिलकर जताया आभार, कहा- जिंदगी भर नहीं भूलेंगे आपका सहयोग
रायपुर : ‘‘मां ने मुझे जन्म दिया, पिता ने अभयदान, उनके प्यार दुलार को सुनने कका, तुमने मुझको दिया जीवनदान‘‘ इन भावुकतापूर्ण शब्दों से ज़ाहिर होती भावनाएं उस आठ साल की बिटिया वर्षा की हैं, जिसने श्रवण बाधित होने की वजह से जन्म से कभी अपनी मां की आवाज़ ही नहीं सुनी थी। मगर अब नन्हीं वर्षा के जीवन मे खामोशी नहीं स्वर गूंज रहे हैं।
आज वर्षा का भावुक परिवार विधानसभा पहुंचा था। उनके पास मुख्यमंत्री को धन्यवाद देने के लिए शब्द नहीं सूझ रहे थे। बिटिया ने समस्या स्वतः ही हल कर दी। बिटिया ने अपनी मीठी आवाज में कहा, धन्यवाद कका। मुख्यमंत्री ने बिटिया को खूब दुलारा। इस बिटिया को अपनी आवाज काक्लियर इम्प्लांट से वापस मिल गई है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर एम्स रायपुर में वर्षा बिटिया का सफल इंप्लांट हुआ है। नन्ही वर्षा जीवन में पहली बार अपने माता पिता की आवाज़ सुन रही है। माता को पहली बार मां बुला रही है और छोटे भाई को बाबू कह रही है। इसी खुशी को जाहिर करने वर्षा का परिवार आज विधानसभा पहुंचा और मुख्यमंत्री का आभार जताया। जब पहली बार आवाजों की दुनिया को महसूस कर रही वर्षा बिटिया ने मुख्यमंत्री को ‘कका‘ कहकर पुकारा तो मुख्यमंत्री भावविभोर होकर बिटिया को खूब आशीर्वाद दिया। वर्षा के परिवार ने आभार जताते हुए मुख्यमंत्री का पोट्रेट उन्हें भेंट किया और कहा कि वे ज़िंदगी भर इस सहयोग को नहीं भूलेंगे। मुख्यमंत्री ने परिवार को आश्वस्त किया कि स्पीच थेरेपी से बिटिया को नए शब्द सीखने और भाषाज्ञान कराने में भी हरसंभव मदद की जाएगी।एक मां के लिए इससे बड़ी दुःख की बात क्या हो सकती है कि पिछले 8 सालों से उसकी बेटी ने उसकी आवाज ही नहीं सुनी और शायद उस मां का यह दुःख जीवन भर बना रहता, यदि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भेंट मुलाकात के दौरान कोरिया ना आते और परिवार अपने मुखिया के सामने अपना दुःख साझा न कर पाते। इसी का परिणाम हुआ कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर वर्षा की कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी हुई और आज वर्षा अपनी मां और दुनिया की हर आवाज को सुन सकती है और उसे महसूस कर सकती है।
दरअसल 8 साल की वर्षा को बचपन से ही सुनने और बोलने की तकलीफ थी, जिससे उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वर्षा के परिवार ने उसका बहुत इलाज कराया, लेकिन तकलीफ दूर नहीं हुई।
कोरिया में भेंट-मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल के सामने परिवार ने अपनी बात रखी और आग्रह किया कि बेटी के इलाज में सहयोग करें। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने तत्काल जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वर्षा के इलाज में पूरी सहायता करें। वर्षा के पिता श्री मुकेश मिश्रा ने बताया कि वर्षा को प्रशासन के सहयोग से रायपुर एम्स में भर्ती कराया गया और कुशल चिकित्सकों के द्वारा वर्षा की सफल कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी की गई। पिता श्री मिश्रा बताते हैं कि वर्षा अब सुनने लगी है और आवाज सुनकर प्रतिक्रिया दे रही है। अब वह धीरे-धीरे बोलना भी सीख रही है। वर्षा के माता-पिता और परिजनों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल बहुत संवेदनशील हैं और आज उनके सहयोग से ही वर्षा को नया जीवन मिला है। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री चन्द्रदेव राय, विधायक श्री विनय जायसवाल, श्री कुलदीप जुनेजा तथा श्री मुकेश मिश्रा, श्रीमती ज्योति मिश्रा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। -
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मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के शुभंकर बछरू का भी विमोचन किया
16 पारंपरिक मुकाबलों के साथ 6 चरणों में होगी प्रतियोगिता
प्रत्येक आयु वर्ग के प्रतिभागी ले सकेंगे हिस्सा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर के ग्राम पंचायत नवागांव में हरेली पर्व के अवसर पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने गेड़ी दौड़ को हरी झंडी दिखाकर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को खेल सामग्री का भी वितरण किया।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन का ये दूसरा वर्ष है और इसकी लोकप्रियता को देखते हुए पहली बार रस्सी कूद और कुश्ती जैसे खेल भी शामिल किए गए हैं। इस बार छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में 16 पारंपरिक मुकाबलों के साथ 6 चरणों में संपन्न होगी। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में तीन अलग-अलग आयु वर्ग में 30 लाख से ज्यादा महिला एवं पुरूष प्रतिभागी हिस्सा लेंगे और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
लोक संस्कृति से जुड़े छत्तीसगढ़ के पहला तिहार हरेली को बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन किसान खेती-किसानी में उपयोग आने वाली कृषि उपकरणों की पूजा करते हैं। हरेली में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक गेड़ी का आनंद लेते हैं। लोगों के लिए इस बार यह दोगुनी खुशी की बात है की हरेली के दिन से ही छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की भी शुरूआत हो रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन एवं खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल के मार्गदर्शन में शुरू की गई छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में लोग बडे़ उत्साह से भाग लेते हैं। खासकर गांवों में इसका अलग ही रौनक देखने को मिलता है।
पिछले बार के ओलंपिक में पूरे प्रदेश में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला। बच्चों से लेकर बुजुर्गों, महिलाओं एवं बच्चों ने इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। गांव-गांव में पारंपरिक खेलों के प्रति एक अच्छा वातावरण निर्मित हुआ। इस प्रतियोगिता के कई ऐसे क्षण देखने को मिले जो लोगों के लिए एक प्रेरणादायी बनी। शादी के बाद जो महिलाएं ससुराल चली गई थी, उनकी भी इन खेलों में बड़ी संख्या में भागीदारी रही। घरेलु काम में उलझी महिलाएं जब गेंड़ी, लंगड़ी दौड़, फुगड़ी, रस्साकसी और अन्य खेल प्रतियोगिताओं में खेलते हुए नजर आई तो लोगों ने भी उनकी खूब हौसला अफजाई की। मुख्यमंत्री की भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान भी कई ऐसे प्रतिभागी मिले जिन्होंने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल का आभार व्यक्त किया और इसे जारी रखने का आग्रह किया।
शारीरिक कमियां और उम्र की सीमा भी डिगा नहीं पाई हौसलों को
पिछले वर्ष अयोजित छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। ग्रामीण क्षेत्रों में 25 लाख से ज्यादा एवं नगरों में 01 लाख 30 हजार से ज्यादा लोगों की भागीदारी रही। इस ओलंपिक में कई ऐसे क्षण भी आए जब उम्र की बाधा भी प्रतिभागियों के उत्साह के सामने फिकी पड़ गई तो किसी की शारीरिक अक्षमता भी उनके हौसलों को डिगा नहीं पाई। फुगड़ी में रायपुर संभाग के हरदी ग्राम पंचायत की 65 वर्षीय श्रीमती आशोबाई ने 01 घण्टा 31 मिनट 58 सेकेण्ड तक फुगड़ी खेलकर 40 वर्ष से अधिक आयुवर्ग में जीत हासिल की। यह उनके जज्बे को दर्शाता है। हौसलों से भरपूर एक ऐसे ही कहानी है बस्तर जिला के ग्राम सरगीपाली की रहने वाली गुब्बारी की। जिन्होंने शारीरिक कमियों और विपरित परिस्थितियों के बावजूद पूरे दमखम के साथ इस ओलंपिक में शामिल होकर अपने आप को साबित किया। गुब्बारी की बाएं हाथ की हथेली नहीं है, इसके बावजूद उन्होंने राजीव युवा मितान क्लब स्तर पर कई खेलों में भाग लिया और सामूहिक खेल कबड्डी और खो-खो में जीत भी हासिल की। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक प्रतियोगिता खिलाड़ियों के लिए खेलों में आगे कैरियर बनाने के रास्ते भी बना रहा है। इस ओलंपिक प्रतियोगिता के माध्यम से रायपुर की नबोनिता बैरा को बिलासपुर खेल अकादमी में प्रशिक्षण का सुनहरा अवसर भी प्राप्त हुआ है।छत्तीसगढ़िया ओलंपिक 2023-24 में 16 खेल प्रतियोगिताएं
छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेल प्रतियोगिता दलीय व एकल दो श्रेणी में आयोजित होगी। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में दलीय श्रेणी में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं शामिल की गई हैं। वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद, रस्सी कूद एवं कुश्ती शामिल हैं।
राजीव युवा मितान क्लब से शुरू हुई प्रतियोगिता
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक का आयोजन ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में सबसे पहले राजीव युवा मितान क्लब स्तर पर प्रतियोगिता 17 जुलाई से शुरू हुआ जो 22 जुलाई तक नॉकआउट पद्धति से होगा। वहीं दूसरा स्तर जोन है, जिसमें 8 राजीव युवा मितान क्लब को मिलाकर एक क्लब होगा। इसका आयोजन 26 जुलाई से 31 जुलाई तक होगा। विकासखंड एवं नगरीय क्लस्टर स्तर पर आयोजन 7 अगस्त से 21 अगस्त तक होगा। जिला स्तर पर आयोजन 25 अगस्त से 04 सितंबर तक होगा। संभाग स्तर पर आयोजन 10 सितंबर से 20 सितंबर तक होगा और अंतिम में राज्य स्तर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। जिसका की आयोजन 25 सितंबर से 27 सितंबर तक होगा।
प्रत्येक आयु वर्ग के प्रतिभागी ले सकेंगे हिस्सा
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में आयु वर्ग को तीन वर्गों में बांटा गया है। इसमें प्रथम वर्ग 18 वर्ष की आयु तक, दूसरा वर्ग 18-40 वर्ष आयु सीमा तक और तीसरा वर्ग में 40 वर्ष से अधिक उम्र के प्रतिभागी शामिल होंगे। इस प्रतियोगिता में महिला एवं पुरुष दोनों वर्ग में प्रतिभागी भाग ले सकेंगे।विजेता प्रतिभागियों को दिया जाएगा पुरस्कार
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में विकासखंड व नगरीय क्लस्टर स्तर पर विजेता प्रतिभागियों से लेकर राज्य स्तर के विजेता प्रतिभागियों को प्रभाणपत्र एवं पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। विकासखंड व नगरीय क्लस्टर स्तर प्रथम आने वाल विजेता खिलाड़ियों को 1000 रूपए, द्वितीय स्थान आने पर 750 रूपए एवं तीसरा स्थान आने पर 500 रूपए की पुरस्कार राशि एवं प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। इसी तरह जिला स्तर पर प्रथम आने वाल विजेता प्रतिभागियों को 2000 रूपए की राशि, द्वितीय आने पर 1500 रूपए और तीसरे स्थान आने पर 1000 रूपए की राशि सहित प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। संभाग स्तर पर विजेता प्रतियोगियों को प्रथम आने पर 3000 रूपए, द्वितीय आने पर 2500 रूपए एवं तीसरे स्थान पाने वाले खिलाड़ियों को 2000 रूपए एवं प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। राज्य स्तर पर ओलंपिक के अंतिम आयोजन में प्रथम आने वाले प्रतिभागियों को 5000 रूपए, द्वितीय आने पर 4500 रूपए एवं तीसरे स्थान आने वाले खिलाड़ियों को 4000 रूपए की राशि और प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे।प्राथमिक चिकित्सा सुविधा रहेगी उपलब्ध
प्रत्येक आयोजन स्तर पर फर्स्ट एड किट की व्यवस्था एवं स्थानीय स्तर पर यथासंभव आपातकालीन चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता आयोजन समिति द्वारा की जा रही है। आयोजन स्थल पर एंबुलेंस व्यवस्था सुनिश्चित करने की भी जिम्मेदारी आयोजन समिति पर है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग के द्वारा जारी निर्देशानुसार महिला खिलाड़ियों के लिए रेफरी एवं निर्णायक महिलाएं ही रखी जाएंगी। इसके अलावा विभाग द्वारा आयोजन के सभी स्तर पर खिलाड़ियों से मान्य पहचान प्रमाण पत्र लिया जाना अनिवार्य किया गया है। -
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गोधन न्याय योजना: अब तक हो चुका 526 करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान
तेजी से स्वावलंबी हो रहे गौठान योजना की उपलब्धि का प्रतीक
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज 17 जुलाई को हरेली तिहार के अवसर पर गौठानों में गोबर बेचने वाले ग्रामीण पशुपालक किसानों सहित गौठान समितियों और महिला समूहों को 16 करोड़ 29 लाख रूपए की राशि का अंतरण सीधे उनके बैंक खातों में किया। गोधन न्याय योजना के तहत ऑनलाईन राशि अंतरण का यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में हरेली तिहार उत्सव के अवसर पर आज शाम आयोजित हुआ।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इनमें जुलाई माह की प्रथम पखवाड़े में गौठानों में गोबर विक्रय करने वाले 59,729 किसानों को 3 करोड़ 96 लाख रूपए तथा गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 12 करोड़ 33 लाख रूपए की राशि जारी किया। गौठानों में जुलाई माह के प्रथम पखवाड़े में एक लाख 98 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी गोधन न्याय योजना के तहत की गई है। गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना अंतर्गत आज 17 जुलाई को 16.29 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद हितग्राहियों को अब तक 526.37 करोड़ रूपए का भुगतान हो चुका है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हरेली तिहार को रोजगार और आय से जोड़ते हुए गोधन न्याय योजना की शुरूआत हरेली के ही दिन 20 जुलाई 2020 को हुई थी। आय यह योजना अपनी सफलता के लिए एक नजीर बन चुकी है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बना जिसने 2 रूपए किलों में गोबर खरीदकर उससे जैविक खाद का निर्माण किया, बिजली बनाई, प्राकृतिक पेंट का निर्माण किया। इस सब कामों के माध्यम से छत्तीसगढ़ ने देश को महिला सशक्तिकरण की नई राह दिखाई। देश के अनेक राज्य हमारी गोधन न्याय योजना का लगातार विस्तार किया है। गोबर से जैविक खाद बनाने के साथ-साथ गोमूत्र से जैविक वृद्धिवर्धक और जैविक कीटनाशक भी बना रहें है।
उन्होंने अवगत कराया कि अब अपने गौठानों को हम रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में उन्नत कर रहें है। प्रदेश में रीपा योजना शुरू की गई है। इस योजना में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्कों की स्थापना की गई है। गोधन न्याय योजना से 03 लाख 58 हजार से ज्यादा किसानों को लाभ हो रहा है। 17 हजार 834 स्व-सहायता समूहों के 02 लाख 09 हजार 750 सदस्यों कों इस योजना से आजीविका मिल रही है। इस योजना ने हमारी माताओं और बहनों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाकर उनका आत्मविश्वास मजबूत किया है। प्रदेश में 10 हजार 327 गौठान स्वीकृत किए गए है, जिनमें से 10 हजार 263 गौठानों को निर्माण पूरा हो चुका है। याने 99.38 प्रतिशत गौठानों का निर्माण हमने कर लिया है। हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि यह हैै कि हमारे गौठान तेजी से स्वावलंबी भी हो रहे है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस गौठानों द्वारा स्वयं की राशि से गोबर की खरीदी की जा रही है अभी तक 5 हजार 960 स्वावलंबी गौठानों द्वारा 66 करोड़ 96 लाख रूपए के गोबर की खरीदी की जा चुकी है। गोधन न्याय योजना मे अभी तक कुल 125.54 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। इसकी एवज में 251 करोड़ रूपए का भुगतान गोबर विक्रेताओं को किया जा चुका है। इसी तरह गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को 257 करोड़ 29 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. अय्याज एफ. तम्बोली, संचालक पशुधन श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी आदि उपस्थित थें। -
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मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य स्थिति की ली जानकारी
हरसंभव सहायता के लिए परिवारजनों को किया आश्वस्त
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने फोन पर सुप्रसिद्ध पंडवानी गायिका पद्म विभूषण श्रीमती तीजन बाई के स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने परिवारजनों से फोन पर बात करके उन्हें आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री ने श्रीमती तीजन बाई के परिवार से कहा कि हम हर तरह से आपके साथ हैं और स्वास्थ्य लाभ हेतु हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। -
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बस्तर में सभी तरफ फैले शिक्षा का उजियारा: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
प्रदेश में खुलेंगे 10 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम आदर्श कॉलेज
अंग्रेजी माध्यम में हायर सेकेण्डरी उत्तीर्ण विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम कॉलेज में प्राप्त करेंगे शिक्षा
एनआईटी रायपुर में चयनित कांकेर की 3 छात्राओं तथा सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी बिलासपुर में चयनित 1 छात्रा को आगे की पढ़ाई के लिए मिली आर्थिक सहायता
कांकेर जिले के बेरोजगारी भत्ता योजना के 112 हितग्राहियोें को मिली नौकरी
कांकेर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज कांकेर में प्रदेश के प्रथम स्वामी आत्मानंद अंगेज़ी माध्यम आदर्श महाविद्यालय का वर्चुअल लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अंग्रेजी माध्यम से जो बच्चे हायर सेकेण्डरी स्कूलों से पढ़कर निकलेंगे, वे स्वामी आत्मानंद अंगेज़ी माध्यम आदर्श महाविद्यालयों में आगे भी इसी माध्यम से पढ़ाई जारी रख सकेंगे। प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम के 10 स्वामी आत्मानंद आदर्श महाविद्यालय खोले जा रहे हैं। इन्हीं में से पहले स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय का लोकार्पण आज कांकेर में हुआ।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि मुझे खुशी है कि आज प्रदेश के प्रथम स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय का शुभारंभ कांकेर में हो रहा है। हमारा प्रयास है कि बस्तर में शिक्षा का उजियारा सभी तरफ फैले। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि रायपुर एनआईटी और सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिलासपुर में चयनित कांकेर की छात्राएं गरीब परिवारों की हैं। बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है, आवश्यकता उन्हें अवसर प्रदान करने की है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कांकेर जिले में आयोजित इस कार्यक्रम में कांकेर जिले में स्कूली बच्चों के लिए संचालित ‘हमर लक्ष्य‘ कार्यक्रम अंतर्गत एनआईटी रायपुर में चयनित तीन छात्राओं तथा सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिलासपुर में चयनित एक छात्रा से बातचीत की और उन्हें सफलता के लिए शुभकामनाएं दी। गरीब परिवारों की इन छात्राओं को राज्य शासन द्वारा आगे की पढ़ाई के लिए सहायता राशि प्रदान की जा रही है। ‘हमर लक्ष्य‘ कार्यक्रम के तहत कांकेर जिले के 75 बच्चों ने जेईई में क्वालीफाई किया है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कांकेर जिले में बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने वाले हितग्राहियों जिन्हें नौकरी मिली है, उनके साथ तथा कांकेर के अंग्रेजी माध्यम महाविद्यालय के छात्रों से संवाद किया।
वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान कांकेर में संसदीय सचिव एवं विधायक कांकेर श्री शिशुपाल सोरी, विधायक अंतागढ़ श्री अनूप नाग, विधायक भानुप्रतापपुर श्रीमती सावित्री मंडावी, अध्यक्ष नगर पालिका श्रीमती सरोज ठाकुर, कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला, पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब परिवार के विद्यार्थी को भी अंग्रेजी माध्यम में उत्कृष्ट शिक्षा दिलाने के लिए वर्ष 2020 में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय की शुरुआत की गई। यह योजना प्रदेश में काफी लोकप्रिय हुई। भेंट मुलाकात के दौरान प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में स्वामी आत्मानंद विद्यालयों की मांग की जाती थी, जिसके आधार पर अनेक स्कूलों की शुरूआत हुई। प्रदेश में आज स्वामी आत्मानन्द योजना के अंतर्गत अंग्रेजी माध्यम के 377 और हिंदी माध्यम के 350 स्कूल संचालित हो रहे हैं। बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत अब तक तीन किश्तों में 01 लाख 17 हजार हितग्राहियों को 80 करोड़ रूपए की राशि दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलांे में पिछले साढ़े चार सालों में 26 हजार 989 शिक्षकों की भर्तियां निकाली गई हैं। पहले 14 हजार 500 शिक्षकों की भर्तियां निकाली गई थी, इनमें से 10 हजार 834 शिक्षकों को स्कूलों में नियुक्तियां दी जा चुकी है। हाल ही में 12 हजार 489 शिक्षकों की और भर्तियां निकाली है, जोकि प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग के सभी जिलों में शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में प्राथमिकता के साथ काम किया गया है। बस्तर संभाग के 314 बंद स्कूलों को पुनः खोला गया।बेरोजगार युवाओं को नियमित रूप से बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है। राज्य सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों से बस्तर में विश्वास, विकास और सुरक्षा का वातावरण बना है। संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना से बच्चे उत्साहित हैं। बस्तर अंचल के बच्चे भी स्मार्ट हों और उन्हें बड़े पदों पर सेवा का अवसर मिले। कलेक्टर कांकेर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि बेरोजगारी भत्ता योजना के जिन हितग्राहियों को हैदराबाद में प्लेसमेंट मिला है, उन्हें 13 से 15 हजार रूपए प्रतिमाह आय होगी। इस योजना के जिले के 112 हितग्राहियों को अब तक नौकरी मिल चुकी है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहादत को प्राप्त हुए शहीद विनोद चौबे एवं उनके साथ शहीद हुए 28 पुलिसकर्मियों को उनके शहादत दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि 12 जुलाई 2009 को राजनांदगाँव में मदनवाड़ा के जंगलों में नक्सलियों से लोहा लेते हुए जाबांज पुलिस अधीक्षक स्व. विनोद चौबे जी एवं उनकी टीम ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए छत्तीसगढ़ की माटी के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए थे। ऐसे महान सपूतों को हम सब नमन करते हैं, अपनी पुष्पांजलि अर्पित करते हैं। हम सबको आप पर गर्व है। जय हिन्द।
ज्ञात हो कि एसपी श्री विनोद चौबे छत्तीसगढ़ के नक्सल ऑपरेशन में देश के पहले शहीद आईपीएस अधिकारी थे। मरणोपरांत उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। नक्सल हमले के दौरान मुठभेड़ में वो शहीद हुए थे। वह हमला देश का पहला नक्सली हमला था जिसमें कोई एसपी शहीद हुआ था। इस नक्सली हमले में एसपी के अलावा 29 जवान भी शहीद हुए थे।
नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान स्व.विनोद ध्रुव, उनि कोमल साहू, उनि धनेश साहू, प्रआर सुंदर लाल चौधरी, प्रआर दुष्यंत सिंह, आर प्रेमचंद पासवान, आर अरविंद शर्मा, प्रआर गीता भंडारी, प्रआर जखरियस खलखो, प्रआर संजय यादव, आरक्षक प्रकाश वर्मा, आर बेदुराम सूर्यवंशी, आर सुभाष कुमार बेहरा, आर टिकेश्वर देशमुख, आर सूर्यपाल वट्टी, आर अजय कुमार भारद्वाज, आर मनोज वर्मा, आर लोकेश छेदइया, आर श्यामलाल भोई,आर मिथलेश कुमार साहू, आर रजनीकांत, आर निकेश साहू, आर संतराम साहू, आर झाड़ूराम साहू, आर अमित नायक, आर वेदप्रकाश यादव, आर रितेश कुमार वैष्णव, आर लालबहादुर नाग शहीद हुए थे। -
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आप भी बनाकर भेजिए दो मिनट की फिल्म, पंजीयन 25 जुलाई तक
रायपुर : छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत अब लघु फिल्मों के जरिए भी जन जागरूकता के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश के रचनाधर्मी लोगों को सड़क सुरक्षा पर लघु फिल्म बनाने के लिए प्रेरित करते हुए राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव 2023 के अंतर्गत प्रविष्टियां आमंत्रित की गई हैं।
इन लघु फिल्मों को अलग-अलग केटेगरी में राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए ऑनलाइन पंजीयन 5 जुलाई से शुरू हो चुका है। अंतिम तिथि 26 जुलाई 2023 निर्धारित है।
अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर +91-9040834734, +91-9479191791 संपर्क किया जा सकता है या लुघ फिल्म प्रविष्टियों के लिए विस्तृत नियम एवं शर्ते छत्तीसगढ़ पुलिस की वेबसाइट पर देखी जा सकती है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सड़क दुर्घटना को कम करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ पूरे देश में सड़क सहयोग में वृद्धि को बढ़ावा देना है।
फिल्म इन श्रेणियों में निर्धारितफिल्म का श्रेणी निर्धारण किया गया है। फिल्म छत्तीसगढ़ी, गोंड़ी, हल्बी, धुर्वा, भतरी, दोरली, संबलपुरी, कुडुख, सादरी बैगानी, कमारी, ओरिया, सरगुजिया, दंतेवाड़ा, गोंडी, भुजिया आदि में हिंदी भाषान्तर, उच्चारण के साथ होना चाहिए। किसी भी राष्ट्रीय भारतीय भाषा में हिंदी भाषान्तर, उच्चारण, सबटाइटल के साथ होना चाहिए।
फिल्म की अवधिफिल्म की अविधि 2 मिनट निर्धारित की गई है। मूल फिल्म पूर्ण HD(1920*1080) प्रारूप या उससे ऊपर की हो सकती है। गलत/अपर्याप्त अस्पष्ट, अस्पष्ट/अपूर्ण विवरण वाले प्रवेश प्रपों पर विचार नहीं किया जाएगा। एक बार चयन के लिए जमा की गई फिल्म को अंतिम माना जाएगा और जमा करने के बाद किसी भी बदलाव पर विचार नहीं किया जाएगा।
पुरस्कार राशि• सर्वश्रेष्ठ फिल्म रु. 80,000• सर्वश्रेष्ठ कहानी रु. 25,000• सर्वश्रेष्ठ सिनेमॅटोग्राफी रु 25,000•सर्वश्रेष्ठ अभिनेता/अभिनेत्री रु 25,000
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
प्रतिमाह 2200 रूपए मानदेय में वृद्धि की स्वीकृति
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग प्रदान करने वाले मितानिनों के हित में राज्य सरकार द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
इस संबंध में मंत्रालय से जारी आदेश के तहत मितानिनों को पूर्व में दी जा रही प्रोत्साहन राशि के अतिरिक्त मितानिन कल्याण योजना के अंतर्गत 2200 रूपए की राशि प्रतिमाह एक अप्रैल 2023 से मानदेय में वृद्धि करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस आशय का आदेश आज 10 जुलाई को मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर स्थित लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से जारी कर दिया गया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कमांड सेंटर तैयार: जीपीएस से आपराधिक घटनाओं पर लगेगा
अंकुश और बसों के रूट की मिलेगी पल-पल की जानकारी
आपातक़ालीन स्थिति में पैनिक बटन दबाने से मिलेगी पुलिस सहायता
रायपुर : छत्तीसगढ़ में यात्री बसों में महिलाओं एवं स्कूल बसों में विद्यार्थियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पैनिक बटन लगाने की तैयारी है। पैनिक बटन लगने से बस में किसी प्रकार की दुर्घटना, छेड़छाड़ होने पर पैनिक बटन दबाने से तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना मिल जाएगी। इसके साथ ही बसों का लोकेशन, स्पीड आदि का भी पता चलता रहेगा। इससे चालकों की मनमानी पर रोक लगने के साथ हादसे की आशंका भी कम हो जाएगी। जीपीएस सिस्टम का कंट्रोल रूम डायल 112 के कार्यालय में बनाया गया है।
परिवहन विभाग छत्तीसगढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस व्यवस्था के शुरू होने से जनता को किसी तरह के खतरे तथा अनहोनी से निपटने में काफी सहूलियत होगी। वर्तमान में प्रदेश में कुल 12 हजार बसें संचालित हो रही हैं, जो अलग-अलग रूट से प्रदेश के कोने-कोने तक जा रही हैं। इसी तरह राज्य में लगभग 6000 स्कूल बस भी संचालित है। बसों में पैनिक बटन और जीपीएस के लगने से बसों की पल-पल की जानकारी मिलेगी।
गौरतलब है कि राज्य में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा सुगम यातायात व्यवस्था के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे है। इस संबंध में परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नवीन व्यवस्था के तहत स्कूल बस के रूट में भी मैप रहेगा ताकि स्कूल बस यदि बच्चों को लेकर निर्धारित रूट के अलावा कहीं जाये तो ऑटोमैटिक अलर्ट आ जाये। इसके लिए कंट्रोल रूम में शिफ्ट के हिसाब से चार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी जो लगातार सभी बस को मॉनिटर करते रहेंगे और इमरजेंसी की स्थिति में पुलिस विभाग को सूचित करेंगे।
बसों में लगेगा पैनिक बटन, दुर्घटना की तुरंत लगेगी जानकारी
क्या है पैनिक बटन
पैनिक बटन लगने से दुर्घटना या कोई समस्या होने पर बस में सवार यात्री पैनिक बटन को दबाएंगे। बटन के दबते ही पुलिस कंट्रोल रूम व परिवहन कंट्रोल रूम को जानकारी मिलेगी और नजदीकी पुलिस थाने के कर्मचारी तुरंत बस तक पहुंचकर यात्रियों की मदद करेंगे।
दिल्ली में हुए निर्भया प्रकरण के बाद से ही केंद्र सरकार ने महिला सुरक्षा की दिशा में कदम उठाने के लिये निर्देश दिए थे ताकि इस तरह के प्रकरण की पुनरावृत्ति न हो। इसी के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में निर्भया फण्ड के अंतर्गत सभी यात्री वाहनो को ट्रैक करने के लिए यात्री वाहनों में जीपीएस लगा कर व्हीकल ट्रैकिंग प्लेटफ़ार्म के माध्यम से ट्रैकिंग करने का निर्णय लिया गया। व्हीकल ट्रैकिंग सॉफ्टवेर को चिप्स के माध्यम से बनाया गया है और समस्त गाड़ी के लाइव ट्रैकिंग देखने और त्वरित कार्यवाही करने के लिए सिविल लाइंस रायपुर में स्थित डायल 112 भवन में ही कमांड और कंट्रोल सेंटर भी बनाया गया है।जानिए क्या है जीपीएसग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम यानी जीपीएस एक ऐसा उपकरण है, जिसे अगर गाड़ी में फिट कर दिया जाए तो एक निर्धारित सर्वर पर गाड़ी का लोकेशन पता लगाया जा सकता है। जीपीएस सिस्टम लगने से आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगेगा। बसों के सही रूट की जानकारी मिल सकेगी। महिला और बच्चों के सुरक्षा के लिए राज्य के सभी स्कूल बस और यात्री बस को पैनिक बटन सुसज्जित जीपीएस के माध्यम से मॉनिटर किया जायेगा। इसके लिए निर्भया कमांड सेंटर बन कर तैयार हो चुका है।
वर्जन
प्रदेश में चलने वाली निजी बसों में जीपीएस सिस्टम और पैनिक बटन लगाने का निर्णय लिया गया है। इससे बस की पल-पल की जानकारी मिल सकेगी।-दीपांशु काबरा, आयुक्त, परिवहन विभाग, छत्तीसगढ़ -
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सरगुजा को मिली बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की सौगात
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने किया मेडिकल कॉलेज भवन का लोकार्पण
कुल 374.08 करोड़ की लागत से राजमाता श्रीमती देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय मेडिकल कॉलेज, चिकित्सालय और आवासीय परिसर का निर्माण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सरगुजा जिले में आयोजित 'राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए । इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास से उप मुख्यमंत्री श्री टी. एस. सिंहदेव, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी तथा कार्यक्रम स्थल में संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत संसदीय सचिव श्री चिंतामणि महाराज एवं जनप्रतिनिधिगण भी उपस्थित थे ।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज हम सभी वहां कार्यक्रम स्थल में आपके पास जाना चाहते थे लेकिन मौसम खराब होने के कारण वर्चुअली जुड़ना पड़ा । आप सभी सरगुजा वासियों की जो भावनाएं थी आज उसके अनुरूप मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हुआ । राजमाता जी से हमारी मुलाकात होती थी उतना ही प्रेम, स्नेह और वही दुलार हम सभी को भी मिलता था जो सरगुजा वासियों को और राज परिवार के सदस्यों को मिलता रहा । आज उनकी स्मृति में इस महाविद्यालय का लोकार्पण किया जा रहा है तो निश्चित रूप से वे जहां भी होंगी हमें अपना आशीर्वाद दे रही होंगी । चिकित्सा के क्षेत्र में, स्वास्थ्य के क्षेत्र में, रोजगार के क्षेत्र में, कृषि के क्षेत्र में वनांचल में रहने वाले हमारे सरगुजा वासियों के आय में जिस प्रकार से वृद्धि का कार्य हमारी सरकार कर रही है निश्चित रूप से उनका आशीर्वाद हमको मिल रहा होगा ।
उन्होंने कहा कि आज का यह दिन सरगुजा के लोगों के लिए बड़ी उपलब्धियों वाला दिन है। मेरे लिए भी यह बहुत खुशी का अवसर है कि आज राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय का लोकार्पण हो रहा है। इस मेडिकल कॉलेज भवन, चिकित्सालय और आवासीय परिसर की कुल लागत 374 करोड़ रुपए है। इस मेडिकल कॉलेज की खासियत है कि यहां मेडिकल स्टूडेंट्स के कौशल एवं दक्षता विकास के लिए स्किल्स लैब और बहरेपन के परीक्षण एवं ईलाज की विशेष सुविधा उपलब्ध है।माता राजमोहिनी देवी स्मृति चिकित्सालय में मेडिसीन, सर्जरी, आर्थोपेडिक्स, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, शिशुरोग विभाग, निश्चेतना विभाग, नेत्ररोग विभाग सहित तमाम तरह के विभाग हैं। अस्पताल में और भी अनेक तरह की अत्याधुनिक जांच सुविधाएं उपलब्ध होंगी। नये कॉलेज भवन में 08 विभागों का संचालन होगा, इनमें एनाटॉमी, बायोकेमेस्ट्री, फिजियोलॉजी, कम्यूनिटी मेडिसीन, फोरेंसिक मेडिसीन माइक्रोबायोलॉजी, फार्माकोलॉजी विभाग शामिल हैं । अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की अधोसंरचना का काम पूरा हो जाने से पूरे सरगुजा संभाग को इसका लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि सरगुजा संभाग एक आदिवासी बहुल संभाग है। यह समाज का वह तबका है जो सदियों से मूलभूत सुविधाओं और अधिकारों से वंचित रहा है। मुझे इस बात की खुशी है कि हमारे प्रयासों से आज प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में चिकित्सा और शिक्षा की रौशनी पहुंच रही है। हमने मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना की जब शुरुआत की थी, तब उसका उद्देश्य यही था कि हम दुर्गम से दुर्गम गांवों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा पाएं। जब हमने मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना और दाई-दीदी क्लीनिक योजना शुरू की, तब हमारा उद्देश्य शहर की स्लम बस्तियों में रहने वाले गरीब लोगों और माताओं-बहनों की चौखट तक चिकित्सा सुविधा पहुंचा पाएं, लेकिन हमारा लक्ष्य इससे भी कहीं ज्यादा बड़ा है।हम नागरिकों तक केवल सुविधा नहीं पहुंचाना चाहते, बल्कि अत्याधुनिक और गुणवत्तापूर्ण सुविधाओं की पहुंच भी सुनिश्चित करना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हम चिकित्सा और शिक्षा की इतनी मजबूत अधोसंरचना का निर्माण करें कि छत्तीसगढ़ की पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो। हमारे कार्यकाल में राज्य में 8 नये शासकीय मेडिकल कॉलेज खोलने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। इनमें से 04 खोले जा चुके हैं, 04 और प्रक्रिया में है ।हमने विकासखंड से लेकर जिला मुख्यालय तक अपने सभी सरकारी अस्पतालों को सुविधाओं से लैस किया है। डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करते हुए उनकी तैनाती की है।
माँ का आँचल पूरे सरगुजावासियों के लिए था एक समानउपमुख्यमंत्री श्री टीएस सिंहदेव ने भावुकता के साथ अपनी माता जी को याद करते हुए कहा कि आज उनकी स्मृति में यह मेडिकल कॉलेज लोकार्पित हो रहा है । विधानसभा में जब माता जी को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही थी तभी मुख्यमंत्री जी ने यह घोषणा की थी कि अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज का नाम माताजी के नाम पर होगा । आज राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के उद्घाटन अवसर पर हम सब यहां एकत्रित हैं । मेरी माताजी ना केवल मेरे लिये माँ थी, बल्कि उनका आंचल पूरे सरगुजा क्षेत्र के लिए एक बराबर था । वे बड़ी ममत्व एवं प्रेम भाव से सरगुजा को देखती थी ।क्षेत्रवासियों के हित में छोटे से छोटा काम लेकर वह मुख्यमंत्री तक जाने से गुरेज नहीं करती थी । आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने एक बड़ी संस्था के साथ उनका नाम जोड़कर हम सबको गौरवान्वित किया है । श्री सिंहदेव ने कहा कि उनके माता-पिता के नाम पर अब तक सरगुजा में कोई भी इकाई नहीं थी। जिन्होंने बहुत कुछ किया सरगुजा के लिए परंतु कभी जताया और बताया नहीं । आज आपके माध्यम से यह पहली इकाई है । ऐसी एक ममतामयी स्वरूप को एक सम्मान आज दिया गया है, उसके लिए मैं माननीय मुख्यमंत्री जी एवं छत्तीसगढ़ सरकार का आभार व्यक्त करता हूं । प्रदेश में स्थित अन्य मेडिकल कॉलेजों से बेहतर परिस्थितियां इस मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध हैं, ताकि बहुत अच्छे ढंग से यहां बच्चों की पढ़ाई हो सके और यहां से उत्तीर्ण होने के बाद डॉक्टर प्रदेश में अपनी सेवाएं देंगे ।
अनेक सुविधाओं से लैस है मेडिकल कॉलेज
374.08 करोड़ की लागत से निर्मित इस परिसर में मुख्य रूप से 54.26 करोड़ रुपए की लागत से बने महाविद्यालय भवन, 120.73 करोड़ रुपए की लागत से बने हॉस्पिटल भवन के साथ ऑडिटोरियम, छात्रावास, स्टाफ क्वार्टर, डीन आवास सहित अन्य कार्य शामिल है। यह राज्य का छठवां मेडिकल कॉलेज है। इस मेडिकल कॉलेज की खासियत है कि यहां मेडिकल स्टूडेंट्स के कौशल एवं दक्षता विकास के लिए वृहद स्किल्स लैब और बहरेपन के परीक्षण एवं ईलाज की विशेष सुविधा उपलब्ध है।
मेडिकल कॉलेज के नवीन महाविद्यालयीन भवन में कुल 07 विभाग संचालित होंगे। जिनमें एनाटॉमी विभाग, बायोकेमेस्ट्री विभाग, फिजियोलॉजी विभाग, कम्यूनिटी मेडिसीन विभाग, फोरेंसिक मेडिसीन विभाग, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, फार्माकोलॉजी विभाग विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। यहाँ पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को सुविधाजनक प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मेडिकल कॉलेज भवन तथा मल्टीपरपज इण्डोर हॉल के लोकार्पण
सहित विभिन्न कार्यों का होगा लोकार्पण-भूमिपूजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 8 जुलाई को सरगुजा जिले के प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान वे सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण तथा भूमिपूजन कर कुल 390 करोड़ 70 लाख रुपए के कार्यों की सौगात जिले को देंगे।
श्री बघेल इनमें से इस दौरान 385 करोड़ 30 लाख रुपए की लागत के कार्यों का लोकार्पण करेंगे। इसमें 374 करोड़ 8 लाख रुपए की लागत से राजमाता श्रीमती देवेन्द्र कुमारी सिंह शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय भवन तथा माता राजमोहिनी देवी स्मृति चिकित्सालय के निर्माण कार्यों का लोकार्पण मुख्यमंत्री करेंगे। इन कार्यों में मुख्य रूप से 54.26 करोड़ रुपए की लागत से बने महाविद्यालय भवन, 120. 73 करोड़ रुपए की लागत से बने हॉस्पिटल भवन के साथ ऑडिटोरियम, छात्रावास, स्टाफ क्वार्टर, डीन आवास सहित अन्य कार्य शामिल हैं। वहीं खेलो इंडिया योजनांतर्गत गांधी स्टेडियम में 4 करोड़ 37 लाख रुपये की लागत से नवनिर्मित मल्टीपरपज इण्डोर हॉल का लोकार्पण मुख्यमंत्री करेंगे। यहां 04 बैडमिंटन कोर्ट, 03 टेबल टेनिस, बास्केट बॉल एवं व्हॉलीबॉल कोर्ट की सुविधा है। इसके साथ ही केशवपुर, सोहगा, राजापुर, बिलासपुर तथा निम्हा में 6 करोड़ 86 लाख रुपए की लागत से निर्मित स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट विद्यालयों का लोकार्पण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल 5 करोड़ 39 लाख रुपए के लागत के कार्यों का भूमिपूजन करेंगे। भूमिपूजन के कार्यों में 3 करोड़ 39 लाख रुपए की लागत से होने वाले महात्मा गांधी स्टेडियम का उन्नयन कार्य, पीजी कॉलेज ग्राउण्ड में 1 करोड़ रुपए की लागत से मूलभूत सुविधाओं का विस्तार कार्य तथा नगर पालिक निगम, अम्बिकापुर के समस्त वार्डाे में 1 करोड़ रुपए की लागत से विद्युतीकरण कार्य शामिल है।
छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा का करेंगे अनावरण-
अपने प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल जिला कलेक्टरेट कार्यालय परिसर में स्थापित किए गए छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। राज्य शासन द्वारा सभी जिलों में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया गया था, ताकि लोगों में राज्य की संस्कृति के प्रति चेतना को बढ़ावा मिले। छत्तीसगढ़ महतारी, छत्तीसगढ़ की अस्मिता, स्वाभिमान और सम्मान का प्रतीक हैं। -
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परिवार को 4 लाख रूपए की सहायता
करेन्ट से प्रभावित दो छात्राओं को 50-50 हजार रूपए की मदद
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर के ग्राम कोटी में विद्युत करेन्ट से एक छात्रा की मृत्यु तथा दो छात्राओं के घायल होने पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने मृतक छात्रा के परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए 4 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है, वहीं इस घटना में घायल दोनों छात्राओं के उपचार का बेहतर प्रबंध करने के साथ ही 50-50 हजार रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखण्ड के प्राथमिक शाला कोटी में दोपहर दीर्घ अवकाश के समय खेलते हुए स्कूल की तीन छात्राएं समीप पी. डी. एस. भवन के पास पहुंच गई। भवन के चैनल गेट में विद्युत करेन्ट प्रवाहित था, जिसकी चपेट में यह तीनों छात्राएं आ गई। इस घटना में कुमारी वर्षा पिता विनोद कक्षा पहली की मृत्यु हो गई तथा कुमारी काजल पिता महेन्द्र तिवारी कक्षा पहली एवं कुमारी आरती पिता लालसाय कक्षा दूसरी घायल हो गई। दोनों बच्चियों का इलाज सिविल अस्पताल वाड्रफनगर में जारी है और वे खतरे से बाहर हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मरीजों को खुले आसमान के नीचे अब नहीं कराना पड़ेगा ईलाजरायपुर : जिला प्रशासन द्वारा दूरस्थ अंचल में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना के तहत् का बेहतर लाभ देने के लिए जशपुर जिले के 112 हाट बाजारों में स्वास्थ्य शिविर कुटीर बनाया गया है, ताकि मरीजों और डॉक्टरों को धूप, पानी, हवा से सुरक्षित रख सके । चिकित्सकों को मरीजों के ईलाज करने में समस्या न हो। अब स्थाई रूप से स्वास्थ्य कुटीर बनने से सुविधाएं और भी बढ़ गई है। डॉक्टरों द्वारा ईलाज के बाद मरीजों को तत्काल निःशुल्क दवाई एवं परामर्श दिया जा रहा है।गांव के ग्रामीणजनों को हाट बाजार के साथ अपने घर के नजदीक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल रहा है। इससे ग्रामीणजनों को समय के साथ पैसे की बचत हो रही है। अब उन्हें ईलाज के लिए दूर-दूर तक जाने की अवाश्यकता नहीं पड़ती। हाट-बाजार में खून जांच, बीपी, शुगर जांच, मलेरिया, टाइफाइड सहित अन्य बीमारियों की भी जांच होता है। ईलाज के दौरान गंभीर मरीजों को उच्च अस्पताल में रेफर भी किया जाता है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कुशल ड्राइवरों की जरूरतों को पूरा कर रहा ड्राइविंग ट्रेनिंग एण्ड रिचर्स इंस्टीट्यूट
परिवहन विभाग के तुंहर सरकार-तुंहर दुआर अभियान से अब तक 21 लाख 4 हजार 95 लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्रों की हुई होम डिलीवरी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में परिवहन विभाग के अंतर्गत संचालित तुंहर सरकार तुंहर दुआर योजना के तहत दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्राइविंग ट्रेनिंग एण्ड रिचर्स इंस्टीट्यूट के माध्यम से प्रदेश में कुशल ड्राइवरों की आवश्यकता पूरी हो रही है। नागरिक सुविधाओं की दृष्टि से परिवहन विभाग की नवाचारी पहल उपयोगी साबित हुई है। इस दौरान परिवहन आयुक्त श्री दीपांशु काबरा ने परिवहन विभाग द्वारा किए जा रहे नवाचारों की मुख्यमंत्री को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तुंहर सरकार तुंहर दुआर अभियान से अब तक 21 लाख 4 हजार 95 लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्रों की होम डिलीवरी हुई है।
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में खुले 461 परिवहन सुविधा केंद्र
तुंहर सरकार तुंहर दुआर के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 461 परिवहन सुविधा केंद्र आरम्भ किये गए हैं। प्रदेश के सभी विकासखण्डों में यह केन्द्र आरम्भ हो चुके हैं। परिवहन आयुक्त श्री दीपांशु काबरा ने बताया कि अब तक 14 लाख 33 हजार 444 रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र और 6 लाख 70 हजार 651 ड्राइविंग लाइसेंस की होम डिलीवरी हुई है। वर्तमान में परिवहन विभाग द्वारा संचालित तुंहर सरकार-तुंहर दुआर योजना के माध्यम से 22 प्रकार की सेवाओं की घर पहुंच उपलब्ध कराई जा रही है। परिवहन सुविधा केन्द्र के माध्यम से शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी मिला है।अब किसी भी आवेदक के डेटा के आधार प्रमाणीकरण के बाद प्राप्त आवेदनों का बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के स्वतः अनुमोदन हो जाता है। इसी तरह ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जारी होने वाला प्रमाण पत्र वन-ए भी ऑनलाइन जारी किया जा रहा है। इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा डॉक्टरों की सेवाएं ली जा रही हैं। अब तक एक लाख से अधिक मेडिकल फार्म ऑनलाइन जारी किए जा चुके हैं। आवेदक को पंजीयन पुस्तिका एवं ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए परिवहन कार्यालय नहीं जाना पड़ता। इसके साथ ही परिवहन विभाग द्वारा आसानी से स्वामित्व हस्तांतरण के लिए भी आधार प्रमाणीकरण सेवा शुरू की गई है। -
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गोबर से 2,66,155 लीटर प्राकृतिक पेंट उत्पादित
2 लाख लीटर प्राकृतिक पेंट के विक्रय से 4 करोड़ 15 लाख की आय
गोबर से प्राकृतिक पेंट उत्पादन की 13 इकाईयां निर्माणाधीन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए स्थापित गौठान तेजी से ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित होने लगे हैं। गौठानों में विविध आयमूलक गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ नवाचार के रूप में गोबर से प्राकृतिक पेंट का उत्पादन तेजी से होने लगा है। वर्तमान में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए 51 यूनिटें स्थापित की जा चुकी है, जिसमें से 47 यूनिटों में गोबर से प्राकृतिक पेंट उत्पादन का काम शुरू हो गया है।क्रियाशील यूनिटों के माध्यम से अब तक 2,66,155 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 2,00,064 लीटर प्राकृतिक पेंट के विक्रय से 4 करोड़ 15 लाख 16 हजार रूपए की आय हुई है। राज्य में फिलहाल 64 प्राकृतिक पेंट की इकाईयों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 51 यूनिट स्थापित हो चुकी है, जबकि 47 इकाईयों में पेंट उत्पादन किया जा रहा है। निर्माणाधीन 13 पेंट यूनिटों की स्थापना का कार्य अंतिम चरण में है, शीघ्र ही शेष 17 यूनिटों में पेंट उत्पादन शुरू हो जाएगा।