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- दुर्ग : राज्य शासन द्वारा खरीफ वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय हेतु कृषकों के पंजीयन हेतु सर्कुलर जारी किया गया है। जिसके अनुसार गत खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों को इस वर्ष के लिए पंजीकृत माना जाएगा। जारी सर्कुलर के अनुसार खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों का डेटा अद्यतन किए जाने का कार्य 17 अगस्त से 31 अक्टूबर 2020 तक किया जाएगा। गत वर्ष में पंजीकृत किसानों को पंजीयन हेतु समिति में आने की आवश्यकता नहीं होगी। इस वर्ष पंजीयन के लिए गत वर्ष में पंजीकृत कृषकों का डेटा लिया जाएगा। यदि कोई किसान पंजीयन में संशोधन कराना चाहते है, तो समिति के माध्यम से संशोधन कराने की व्यवस्था प्रदान की जाएगी। किसानों की दर्ज भूमि एवं धान के रकबे व खसरे की जानकारी की सूची समिति साॅफ्टवेयर से प्रिन्ट कर समिति द्वारा संबंधित क्षेत्र के पटवारी को उपलब्ध कराई जाएगी। सूची में अंकित जानकारी का पटवारी द्वारा रिकार्ड के आधार पर सत्यापन किया जाएगा। रकबा एवं खसरा सत्यापन कार्य राजस्व विभाग के उच्चाधिकारियों की निगरानी में किया जाएगा।नये किसानों के पंजीयन की प्रक्रियागत खरीफ वर्ष 2019-20 में जिन किसानों ने पंजीयन नहीं कराया था, किन्तु इस वर्ष जो किसान धान विक्रय करने हेतु इच्छुक है ऐसे नवीन किसानों का पंजीयन तहसील माॅड्यूल के माध्यम से तहसीलदार द्वारा किया जाएगा। नवीन किसानों के पंजीयन का कार्य 17 अगस्त से 31 अक्टूबर से किया जाएगा। ऐसे किसानों को समिति से आवेदन प्राप्त कर संबंधित दस्तावेज के साथ तहसील कार्यालय में जमा करना होगा।
- पुलिस लाइन में कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं एसपी श्री प्रशांत ठाकुर ने लिया तैयारियों का जायजादुर्ग : स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों को लेकर रिहर्सल का आयोजन आज सुबह किया गया।इस मौके पर कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं एसपी श्री प्रशांत ठाकुर भी उपस्थित रहे। इस दौरान कलेक्टर ने सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर व्यवस्था करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने पूरे परिसर में तैयारियों की समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि इस बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कोविड वारियर्स को सम्मानित किया जाएगा।
- सूखे आइटम जैसे ठेठरी, खुरमी, बड़ी, बिजौरी और नाश्ते के आइटम जैसे चीला, फरा आदि रहेंगे उपलब्धदुर्ग : स्वतंत्रता दिवस से कलेक्ट्रेट परिसर में गढ़कलेवा आरंभ हो जाएगा। गढ़कलेवा में छत्तीसगढ़ के परंपरागत सूखे आइटम जैसे ठेठरी, खुरमी, बड़ी, बिजौरी आदि के साथ ही चीला, फरा जैसे नाश्ते की सुविधा उपलब्ध होगी। छत्तीसगढ़ के परंपरागत व्यंजनों को आगे बढ़ाने की छत्तीसगढ़ शासन की मंशा के मुताबिक कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कलेक्ट्रेट कैंपस में भी गढ़कलेवा आरंभ करने के निर्देश दिए थे। इस संबंध में तैयारियां पूरी हो जाने के बाद स्वंतत्रता दिवस के शुभ दिन के अवसर पर इसका शुभारंभ करने का निर्णय लिया गया। गढ़कलेवा का संचालन एनयूएलएम के स्वसहायता समूह द्वारा किया जाएगा।इस संबंध में जानकारी देते हुए डिप्टी कलेक्टर सुश्री दिव्या वैष्णव ने बताया कि कलेक्ट्रेट परिसर में आने वाले नागरिकों को और कलेक्ट्रेट परिसर में काम कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ी नाश्ता मिल सके, इस उद्देश्य से गढ़कलेवा आरंभ किया जा रहा है। इसमें सभी तरह के छत्तीसगढ़ी व्यंजन रखे जाएंगे। उन्होंने बताया कि कलेक्ट्रेट से भी अधिकारी-कर्मचारियों की इच्छा थी कि छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को लेकर गढ़कलेवा इस परिसर में आरंभ किया जाए। साथ ही रोज बड़ी संख्या में लोग काम के सिलसिले में यहां आते रहते हैं। गढ़कलेवा आरंभ होने से छत्तीसगढ़ी जायका लोगों को मिल सकेगा। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा लगातार यह कोशिश की जा रही है कि छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की पहचान को पुनः केंद्रीय जगह मिल सके। प्रमुख आयोजनों में नाश्ते में छत्तीसगढ़ी व्यंजन परोसे जा रहे हैं।बड़े आयोजनों में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के स्टाल भी लगाए जा रहे हैं। इनके माध्यम से छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को प्रचार-प्रसार तो मिलता ही है इन्हें बनाने वाली स्वसहायता समूहों की महिलाओं की भी अच्छी खासी आय हो जाती है। कलेक्ट्रेट कार्यालय में गढ़कलेवा आरंभ होने से शहर के बिल्कुल मध्यस्थल में ही लोगों को छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद लेने का अवसर मिल सकेगा। यहां उन्हें बहुत सारी वैरायटी भी मिल पाएगी। सुश्री वैष्णव ने बताया कि इसके लिए आधारिक संरचना तैयार करने का काम प्रशासन ने किया है। इसका संचालन स्वसहायता समूहों द्वारा किया जाएगा। नागरिकों को स्वादिष्ट नाश्ता तो मिलेगा ही, लोगों को भी इसके माध्यम से रोजगार मिल सकेगा।
- दुर्ग : प्रधानमंत्री भारत शक्ति पुरस्कार के लिए ऐसे मेधावी बच्चें जिन्होंने नवाचार, शिक्षा संबंधित विद्यालयीन गतिविधि, खेल, कला और संस्कृति, सामाजिक सेवा और बहादुरी सहित विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धि हासिल किया हो,वे भारत शासन के विभागीय पोर्टल http://nca-wcd.gov.in/ में सीधे आवेदन करते हुए संबंधित क्षेत्र के बाल विकास परियोजना अधिकारी अथवा कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, पांच बिल्डिंग दुर्ग में आवेदन करने की सूचना प्रस्तुत कर सकते हैं।
- होम बेस केअर के लिए जारी गाइड लाइन के अनुसार दुर्ग जिले में भी हो रही कार्रवाईनिजी संस्थाओं की योग्यता के विधिवत परीक्षण के बाद दी जा रही अनुमतिअब तक केवल एक संस्था ने मांगी थी अनुमति, उन्हें परीक्षण के पश्चात दी गई अनुमतिअभी 3 मरीज करा रहे होम बेस केअरउपचार की राशि का निर्धारण निजी संस्थान और मरीज के बीच आपसी समन्वय से होगा निर्धारितअधिकतम 5 मरीजों का इलाज कर सकेंगी निजी संस्थाएंदुर्ग : कोरोना के पेशेंट शासकीय चिकित्सा उपचार अथवा निजी संस्थाओं से उपचार करने की सुविधा का लाभ ले सकते हैं। दुर्ग जिले में शासन द्वारा कोरोना के उपचार के लिए होम बेस केयर प्रारंभ किए जाने की अनुमति प्रदाय की गई है। अतः जिले में कुछ केसेस पात्रता अनुसार होम बेस केयर में रखे गए है। होम बेस केयर में रह रहे कोरोना के पाॅजिटिव पेशेंट के पास विकल्प है की वह शासकीय चिकित्सा सुविधा अथवा निजी सुविधा से उपचार करा सकते हैं।अगर कोई पेशेंट निजी सुविधा से उपचार कराने के विकल्प का चयन करता है तो ऐसी स्थिति में संबंधित संस्था एवं पेशेंट के बीच आपसी समन्वय से उपचार की राशि का निर्धारण होगा। होम बेस केयर में उपचार करा रहे पेशेंट शासकीय चिकित्सा उपचार की सुविधा अथवा निजी संस्था से अपना उपचार कराने के लिए स्वतंत्र है। जिले में भी एक निजी संस्था द्वारा उपचार करने की अनुमति प्रशासन द्वारा मांगी गई थी।जिसका विधिवत परिक्षण के उपरांत उन्हें अनुमति दी गई है, जिसके द्वारा वर्तमान में 03 पेंशेट को सेवा दी जा रही है। निजी संस्थाओं द्वारा अधिकतम 5 मरीजों का उपचार किया जा सकता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने होम बेस केअर के लिए अन्य निजी संस्थानों को भी आमंत्रित किया है।यह स्पष्ट किया जाता है कि यह किट बांटने का कार्य नही है। इसका संबंध प्रभावित मरीज के उपचार हेतु 14 दिन के क्वाॅरेंटाइन पीरियड के समय पर उपचार करने से है। इस दौरान संबंधित मरीज को आवश्यक सुझाव, आवश्यक दवाई, पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर उपलब्ध कराया जाना है। होम बेस केयर के मरीजों के पास यह विकल्प है कि वह शासकीय चिकित्सा उपचार की सुविधा का चयन कर सकता है।
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कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने दिए निर्देश
दुर्ग : कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने सभी जिलास्तरीय अधिकारियों को कोरोना संकट के चलते प्रभावित हुए विभागीय कार्यों को देखते हुए विशेष रणनीति बनाकर तय समय में विभागीय लक्ष्य पूरे करने की दिशा में काम करने कहा है। उन्होंने कहा कि बेहतर रणनीति से और कड़ी मेहनत से इसे प्राप्त करने में कठिनाई नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग के कार्यो को पूर्ण जवाबदेही और गंभीरता से करें। कलेक्टर ने समय सीमा की बैठक में उक्त निर्देश अधिकारियों को दिए है।कलेक्टर ने शासन की महत्वपूर्ण गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की जानकारी लेते हुए सम्बंधित अधिकारियों से कहा है कि योजना के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की चूक या लापरवाही नहीं होनी चाहिए। गौठान में पशुपालकों से गोबर की खरीदी, खरीदे गए गोबर का विधिवत वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने और समय पर अनिवार्य रूप से भुगतान का कार्य करें। उन्होंने बताया कि हर 15 दिन में गोबर का भुगतान किया जाना है। निर्धारित राशि सम्बंधित पशुपालक के खाते में जमा कराएं। पहला भुगतान 5 अगस्त को किया जा चुका है। भुगतान की अगली तिथि 20 अगस्त को निर्धारित की गई है। इस तरह से हर 15 दिन में भुगतान हो सके, इसके लिए पूरी तैयारी रखने की बात उन्होंने कही। खरीदे गए गोबर का वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए सभी स्वसहायता समूहों को ट्रेनिंग के संबंध में भी उन्होंने निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि योजना की सफलता गोबर का कम्पोस्ट खाद बनाने से होगी। इसके लिए सभी गौठानों मे पर्याप्त संख्या में वर्मी टैंक का निर्माण, गायों के बैठने के लिए चबूतरा शेड निर्माण सहित पशुओं के पीने के लिए पानी की व्यवस्था निश्चित रूप से होनी चाहिए।कलेक्टर ने कहा कि बरसात के मौसम के चलते बीमारियों के रोकथाम एवं उपचार के लिए सतर्क व तैयार रहें। पूर्व वर्ष में डेंगू से प्रभावित क्षेत्रों में अभी से पैनी नजर रखें। लोगों को सतर्कता से रहने जागरूकता अभियान चलाए। संक्रमण को रोकने सभी जरूरी उपाय अभी सुनिश्चित कर लेवें। उन्होंने कहा कि बारिश के बाद डेंगू फैलने की आशंका बनी रहती है। इसके मद्देनजर संबंधित क्षेत्र पर नजर बनाए रखें।कलेक्टर ने पाइप लाईन बिछाने के लिए खोदे गए सड़क के गड्ढों को पूर्णरूपेण ठीक करने कहा है। कई जगह खोदे गए गड्ढों को क्षतिग्रस्त स्थिति में छोड़ दिये जाने पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए इसे ठीक करने कहा है।कलेक्टर ने पाइप लाईन बिछाने के लिए खोदे गए सड़को के गड्ढो को पूर्णरूपेण ठीक करने कहा है। उन्होंने महिला एवं बाल विकास, शिक्षा विभाग सहित समाज कल्याण को अनुदान प्राप्त संस्थाओं का निरीक्षण कर यहां प्रदाय की जा रही सेवाएं व इसकी गुणवत्ता का निरीक्षण नियमित रूप से करने कहा जिससे हितग्राहियों को इनकी सेवाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने प्राथमिकता वाले योजना जैसे उचित मूल्य की दुकान का संचालन, पेंशन भुगतान, स्वास्थ्य, पेयजल की सुविधा जैसी बुनियादी सुविधाओं का बेहतर क्रियान्वयन करते हुए हितग्राहियों को इसका लाभ पहुंचाने कहा।कलेक्टर ने सड़क पर सिग्नल में बच्चों के भीख मांगने पर पूर्ण रूप से रोक लगाने कहा। ऐसे बच्चों के अभिभावकों के लिए किसी प्रकार के रोजगार की व्यवस्था व व्यवस्थापन के निर्देश भी उन्होंने दिए। जिले में हो रहे विभिन्न निर्माण कार्यो की जानकारी लेते हुए उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यो की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का समझौता नही किया जाएगा। कलेक्टर ने अन्य विभागों के कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के उपाय सुनिश्चित करते हुए अपना कार्य गुणवत्तापूर्ण एवं प्रभावी रूप से करें। बैठक में नगर निगम भिलाई आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी, जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक, अपर कलेक्टर एवं नगर निगम रिसाली आयुक्त श्री प्रकाश सर्वे, अपर कलेक्टर श्री बीबी पंचभाई, सहायक कलेक्टर श्री जितेंद्र यादव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। - दुर्ग : जिले के ग्राम पीसेगांव, पटवारी हल्का नंबर 26, राजस्व निगम मंडल अंजोरा(ख), तहसील दुर्ग, ग्राम कोलिहापुरी, पटवारी हल्का नंबर 26, राजस्व निगम मंडल अंजोरा(ख), तहसील दुर्ग, ग्राम भिलाई-3, डबरापारा, वार्ड क्रमांक 11, राजस्व निगम मंडल भिलाई 3, तहसील पाटन, ग्राम भेड़ेसरा, पटवारी हल्का नंबर 30, अहिवारा, तहसील धमधा, ग्राम अमलेश्वर, तहसील पाटन, ग्राम डुंडेरा, पटवारी हल्का नंबर 57 राजस्व निगम मंडल रिसाली, तहसील दुर्ग, ग्राम धौराभाठा, पटवारी हल्का नंबर 26, राजस्व निगम मंडल सेलूद, तहसील पाटन, ग्राम बानबरद वार्ड क्रमांक 13, पटवारी हल्का नंबर 60, राजस्व निगम मंडल अहिवारा, तहसील धमधा, कुम्हारी वार्ड क्रंमाक 15, तहसील धमधा, गया नगर वार्ड क्रमांक 6, शंकर नगर वार्ड क्रमांक 11, दीपक नगर सड़क क्रमांक-6, कायस्थ पारा वार्ड क्रमांक 6, काली माता मंदिर वार्ड क्रमांक वार्ड क्रमांक 1, हनुमान मंदिर के पास, सिकोला जवाहर नगर वार्ड क्रमांक 18, आजाद चैक वार्ड क्रमांक 18 शिवपुरी जामुल, लुवकुश नगर वार्ड क्रमांक 13, लेबर कैम्प जामुल, तहसील व जिला दुर्ग, सिकोला वार्ड क्रमांक 16, ढीमर पारा वार्ड क्रमांक 32 ,जैन गली ढीमर पारा वार्ड क्रमांक 32, हरनाबांधा पारा वार्ड क्रमांक 9, मिलन चैक पावर हाउस छावनी, पंजाबी मोहल्ला न्यू खुर्सीपार, संगम चैक न्यू खुर्सीपार, जागीर चैक न्यू खुर्सीपार, बालाजी नगर वार्ड क्रमांक 30, खुर्सीपार रविदास नगर खुर्सीपार, समोदा पटवारी हल्का नंबर 13, तहसील व जिला दुर्ग, भेंड़सर पटवारी हल्का नंबर 10, धीकुड़िया पटवारी हल्का नंबर 37, कोड़िया पटवारी हल्का नंबर 27, राजस्व निगम मंडल, अहिवारा तहसील धमधा, जिला दुर्ग में नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने पर संबंधित क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित करने के परिणामस्वरूप कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी। इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी पुलिस विभाग के द्वारा पेट्रोलिंग कर की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ ही निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी।
- इसी तरह मोरिद में भी 6 एमएलडी जल शुद्धिकरण प्लांट का काम भी इसी महीने के आखिर तक हो जाएगा पूरा, डूंडेरा और पुरैना में होगी शुद्ध जल की आपूर्ति
दुर्ग: भिलाई शहर के नागरिकों की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाये जा रहे 66 एमएलडी जल शुद्धिकरण प्लांट का काम पूरा हो चुका है। इस प्लांट के माध्यम से 46 हजार लोगों तक शुद्ध जल पहुंच सकेगा।इसके लिए बनाये गए 9 ओवरहेड टैंकों में पानी सप्लाई कर इसकी टेस्टिंग कर ली गई है। अमृत मिशन के अंतर्गत बने इस प्लांट और मोरिद में इसी तरह छह एमएलडी प्लांट की समेकित लागत 17 करोड़ 64 लाख रुपए है। इस प्लांट में पानी की गुणवत्ता के बुनियादी मानदंडों जैसे पीएच लेवल, बैक्टीरिया संबंधी टेस्ट और टर्बिडिटी की टेस्टिंग होती है। चूंकि दुर्ग जिले में देश का सर्वोत्तम वाटर टेस्टिंग लैब भी है अतएव इसके माध्यम से भी पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए पीएचई विभाग के पास भेजा गया है। नगर निगम कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी ने बताया कि अमृत मिशन के अंतर्गत बने इन प्लांट से शुद्ध जल तो मुहैया होगा ही, भविष्य की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए भी यह प्लांट पेयजल आपूर्ति के लिए कारगर होंगे। उल्लेखनीय है कि 66 एमएलडी प्लांट में अमृत मिशन के अनुसार वर्ष 2048 तक के लक्ष्य को लेकर पेयजल आपूर्ति की योजना बनाई गई है। इसके अंतर्गत घरों तक पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है। इसकी टेस्टिंग भी पूरी हो चुकी है। प्लांट बनाने वाली कंपनी अगले पांच साल तक आपरेशन और मेंटेंनेंस की व्यवस्था भी देखेगी। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने भी विगत दिनों प्लांट का निरीक्षण किया था, यहां इंजीनियरों ने इसके तकनीकी बिन्दुओं के बारे में विस्तार से उन्हें जानकारी दी थी।टेस्टिंग में पाये गए खरे- प्लांट के अंतर्गत निर्मित ओवरहेड टैंकों की तकनीकी गुणवत्ता की जांच के लिए टेस्टिंग भी कराई जा चुकी है और ये टेस्टिंग में खरे पाए गए हैं। मजबूती के दृष्टिकोण से तो यह खरे उतरे ही हैं शुद्धता के दृष्टिकोण से भी जो टेस्ट कराए गए हैं उनमें भी यह खरे पाये गये हैं। यहां टेस्टिंग की टीम हर दिन पानी की गुणवत्ता के मुताबिक एलम मिलाने एवं अन्य केमिकल ट्रीटमेंट करने का निर्णय लेती है।मोरिद के प्लांट की टेस्टिंग भी 31 अगस्त तक होगी पूरी- मोरिद के प्लांट की टेस्टिंग भी 31 अगस्त तक समाप्त हो जाएगी। यहां से रिसाली नगर निगम के डूंडेरा तथा पुरैना में शुद्ध पेयजल आपूर्ति हो पाएगी। पाइपलाइन बिछ जाने से घरों तक शुद्ध जल मुहैया हो जाएगा और लोगों के लिए काफी आसानी होगी। - गोधन न्याय योजना का पहला पेमेंट प्राप्त होते ही तेजी से बढ़ी शहरी हितग्राहियों की संख्याशुरुआती दिनों में 700 किलो गोबर बिक रहा था। पहला पेमेंट होते ही अब लगभग सात हजार किलोग्राम रोज का गोबर एक ही जोन के खरीदी केंद्र में बिक रहादुर्ग: भिलाई के कोसा नाला के पशुपालक रोहित यादव के पास सोलह गायें हैं। हर दिन इनसे लगभग दो सौ से तीन सौ किलोग्राम गोबर होता है। इसका डिस्पोजल रोहित के लिए पहले बड़ी समस्या थी।गोधन न्याय योजना से यह समस्या तो दूर हो गई, उन्हें इसकी अच्छी खासी कीमत मिलने लगी है। हर दिन वे पांच सौ से छह सौ रुपए का गोबर बेच रहे हैं। 31 जुलाई को जब भुगतान हुआ तो रोहित के खाते में लगभग तीन हजार रुपए की राशि आई। रोहित ने बताया कि मेरे पास गोबर रखने के लिए जगह नहीं है। इसलिए हर दिन गौठान में आकर गोबर बेच देता हूँ। शहरी क्षेत्रों में गोबर का डिस्पोजल बड़ी समस्या है। अब यह योजना शुरू हो गई है तो मुझे इसके पैसे भी मिल रहे हैं। रोहित ने अपना गोबर जोन 4 स्थित शहरी गौठान में बेचा है।भिलाई के जोन 4 में स्थित शहरी गौठान की तरह ही अन्य खरीदी केंद्रों में भी रोहित की तरह अनेक हितग्राही 31 जुलाई को पहली खरीदी का भुगतान ले चुके हैं। 20 अगस्त को आगामी भुगतान की तिथि निर्धारित की गई है।उल्लेखनीय है कि नगर निगम कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी ने सभी जोन कमिश्नरों को हर दिन गोबर खरीदी और इसके पेमेंट की स्थिति की नियमित मानिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने वर्मी टैंक बनाने के काम में तेजी लाने के निर्देश भी जोन कमिश्नरों को दिए हैं ताकि गोबर की आवक के मुताबिक वर्मी टैंक तैयार रहें।भिलाई के शहरी गौठान में हर दिन हितग्राही लगभग सात हजार किलोग्राम के आसपास गोबर का विक्रय कर रहे हैं। अब तक लगभग 95 हजार किलोग्राम गोबर का विक्रय हो चुका है। यहां स्वसहायता समूहों की महिलाएं वर्मी कंपोस्ट बनाने में जुट गई हैं। गोबर की तेजी से आ रही आवक को देखते हुए वर्मी टैंक बनाने की कार्यवाही भी तेजी से की जा रही है। यहां कार्य कर रही आर्य समूह की सुशीला जंघेल ने बताया कि जिस प्रकार से गोबर की तेजी से आवक हो रही है, उससे बड़े पैमाने पर वर्मी कंपोस्ट के लिए कच्चा माल तैयार हो रहा है। हम लोग इसे प्रोसेस करने में लगे हैं। सुशीला ने बताया कि गोधन न्याय योजना में तेजी से भुगतान होने का बड़ा सकारात्मक असर दिखा है। पशुपालकों के लिए सरकार की यह योजना आर्थिक अवसर लेकर आई है। इससे लोग पशुधन को सहेजेंगे भी और पशुपालन को बढ़ावा भी मिलेगा।सरकार का यह कदम डेयरी इंडस्ट्री के लिए भी बहुत अच्छा होगा। उल्लेखनीय है कि शासकीय अवकाश के अलावा बाकी दिनों में खरीदी की सुविधा देने से शहरी पशुपालकों के लिए अच्छा अवसर है क्योंकि इनके पास गोबर रखने के लिए अधिक जगह नहीं होती। भिलाई में जिन जगहों पर गोबर की खरीदी की जा रही है वहां पर अतिरिक्त वर्मी कंपोस्ट बनाये जा रहे हैं। गोबर की आवक की संभावना के दृष्टिकोण से इन्हें तैयार किया जा रहा है।
- दुर्ग : प्राकृतिक आपदा से मृत्यु हो जाने पर मृतक के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है। इनमें स्व. श्री मुरारी लाल साहू का पानी में डुबने से एवं स्व. श्रीमती देवकुमारी का आग लगने से हुई मृत्यु के लिए उनके परिजनों के लिए क्रमशः 4-4 लाख रू. की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है।
- विश्व आदिवासी दिवस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी।दुर्ग : इस अवसर पर उन्होंने आदिवासियों के हितों के लिए राज्य में चलाए जा रहे प्रयासों जनता के बीच रखा। इस अवसर पर वन भूमि पर बरसों से रह रहे लोगों को वन अधिकार पट्टा का वितरण करने के साथ आदिवासी अंचल के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। जिला स्तर पर दुर्ग जिले में प्रयास आवासीय विद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया।कक्षा 10 वी उत्कृष्ट अंक अर्जित करने वाले 3 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। इनमें धमतरी निवासी कुमारी दीपिका एवं रूपेश कुमार को एडीएम श्री प्रकाश सर्वे ने प्रशस्ति पत्र भेटकर सम्मानित किया।
- दुर्ग : दुर्ग जिला के अंतर्गत कुल 06 उत्कृष्ठ अंग्रेजी माध्यम विद्यालय संचालन समितियों के द्वारा शिक्षक (संविदा) में अस्थायी नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी किया गया था।जिसमें आवेदकों के आवेदन के स्क्रूटनी उपरांत पात्र एवं अपात्र अभ्यार्थियों की सूची प्रकाशित की गई है। पात्र आवेदकों का विषयवार साक्षात्कार दिनांक 17 अगस्त से प्रारंभ किया जा रहा है। व्याख्याता के पात्र आवेदकों के लिए साक्षात्कार शा.प्रा.शा. कसारीडीह एवं शिक्षक तथा सहायक शिक्षक के साक्षात्कार शा.बहु.उ.मा. विद्यालय दुर्ग में रखा गया है।साक्षात्कार का समय सारिणी एवं पात्र अपात्रों की सूची जिले के वेबसाईट durg.gov.in में अपलोड किया गया है तथा कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग के सूचना पटल पर चस्पा किया गया है। पात्र आवेदक निर्धारित तिथि एवं समय में अपनी उपस्थिति निर्धारित स्थल में देवे।
- दुर्ग : स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के चेयरमेन श्री अरुण वोरा ने गोधन न्याय योजना को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की दूरदर्शी सोच का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य के वर्तमान पीढ़ी के साथ ही आने वाले पीढ़ियों के लिए वरदान साबित होगी। देश में यह अपनी तरह की पहली और अनूठी योजना है। पशुपालकों से 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदी कर गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट बनाकर इसकी बिक्री से पशुपालकों को आर्थिक लाभ होगा। खेतों में केमिकल खाद से पैदा होने वाले अनाज और सब्जियों की जगह अब जैविक खाद से अनाज और फल-सब्जियांे का उत्पादन होगा।श्री वोरा ने कहा कि गोधन न्याय योजना का क्रियान्वयन होने से किसानों को सस्ती दर पर जैविक खाद मिलेगा। गोबर खरीदी की व्यवस्था से पशुपालक अपने घर पर ही पशुओं को बांधकर रखेंगे। इससे पशु फसल को नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे और शहर और गांव के गली-कूचों में जगह-जगह गोबर के अवशेष नहीं मिलेंगे। इससे स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा। गोबर खरीदी की व्यवस्था से पशुपालकों के साथ-साथ वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने वाली महिला स्वसहायता समूहों और पशुपालकों को भी आमदनी होगी। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा आज 5 अगस्त को गोधन न्याय योजना के तहत राज्य के 46 हजार 964 गोबर विक्रेता पशुपालकों को गोबर खरीदी का भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। राज्य के गोबर विक्रेताओं को एक करोड़ 65 लाख 42 हजार रूपए का भुगतान उनके खाते में ऑनलाईन होगा। श्री वोरा ने गोबर विक्रता पशुपालकों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। श्री वोरा ने गोधन न्याय योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया है।
- पूरे जिले में गोबर विक्रेता पशुपालकों को 23 लाख रुपए का भुगतानचरवाहों के खाते में भी 25 हजार रुपए तक आएजिले में 2413 हितग्राहियों को पहला पेमेंट 23 लाख रुपए का प्राप्त हुआ।
दुर्ग : गोधन न्याय योजना का आज पहला पेमेंट पशुपालकों को हुआ। आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के हाथों यह पेमेंट हुआ। जिले के 2413 हितग्राहियों को 20 जुलाई से 31 जुलाई की अवधि का पहला पेमेंट प्राप्त हुआ। जिन हितग्राहियों के खाते में यह पैसे गए, उनको इस योजना से हुए लाभ के संबंध में समीक्षा करें तो यह योजना उनके जीवन में बेहतरीन बदलाव का माध्यम साबित होगी। छोटे से गांव चंदखुरी की बात करते हैं। यहां लगभग एक हजार क्विंटल गोबर किसानों ने बेचा। इस प्रकार दो लाख रुपए मूल्य का गोबर इसी गांव से बेच लिया गया। यहां लगभग 1960 पशु हैं। चूंकि अभी खरीदी बिल्कुल शुरूआती चरण में है और किसान कई तरह से खरीफ फसल को लेकर मसरूफ हैं और गोबर विक्रय के लिए गौठान तक नहीं पहुंच पाए हैं अतएव अभी गांव के पशुधन की क्षमता का काफी कम गोबर गौठान तक आया है जो निकट भविष्य में तेजी से बढ़ेगा।
द्रौपदी के पास हैं 70 गायें, पहले गोबर फिक जाता था, अब केवल दस दिन में इकट्ठा गोबर बेचकर कमाए 31 हजार रुपए- आज चंदखुरी की द्रौपदी के खाते में 31 हजार रुपए की राशि आई। यह राशि उन्होंने दस दिन में इकट्ठा किये हुए गोबर को बेचकर कमाई। द्रौपदी के पास सत्तर गाय हैं। इससे पहले गोबर बर्बाद हो जाता था। अब यह कमाई का बड़ा स्रोत हो जाएगा। द्रौपदी ने पंद्रह हजार क्विंटल गोबर इकट्ठा किया था। द्रौपदी की तरह ही सावित्री ने लगभग बारह हजार क्विंटल इकट्ठा किया और उन्हें 25 हजार रुपए का पेमेंट आया। उनके पास भी लगभग 65 गाय हैं। गांव के ही रामकृष्ण यादव एवं सूरज यादव ने भी इतना ही गोबर बेचा।इसका मतलब महीने भर में 70 पशुओं का केवल गोबर बेचकर लखपति हुआ जा सकता है- द्रौपदी ने दस दिन में ही लगभग तीस हजार रुपए कमा लिये। इससे साबित होता है कि यदि पशुधन को सहेजा जाए, उन्हें अच्छा चारा खिलाया जाए तो लगभग 70 पशुओं का गोबर इकट्ठा कर और सहेज कर महीने भर में ही लखपति बनने का रास्ता खुल जाता है। इस प्रकार यह योजना पशुपालकों के लिए वरदान साबित हो रही है। 20 जुलाई को इस योजना की शुरूआत जिले में 30 गौठानों से हुई थी और क्रमशः 212 गौठानों में 31 जुलाई तक पूरी तरह आरंभ हो गई।
किकिरमेटा की कलीन बाई और संतरू की कहानी बताती है कैसे चरवाहे हो रहे लाभान्वित- गोधन न्याय योजना का सबसे बड़ा लाभ पहाटियों अर्थात चरवाहों को हो रहा है। किकिरमेटा की कलीन बाई के खाते में 23 हजार रुपए आए हैं। उन्होंने लगभग ग्यारह हजार क्विंटल गोबर विक्रय किया। उनके पति संतरू पहाटिया हैं। गौठानों में पशुओं को लाकर रखने पर वहां एकत्रित किया गया गोबर चरवाहों का होता है। चूंकि चरवाहे काफी मेहनत कर रहे हैं अतः इसका लाभ भी उन्हें मिल रहा है।
यहीं से शुरू होगा जैविक खेती का रास्ता- इतने कम समय में लोगों के सामने आने से और लाभ कमाने से शेष पशुपालकों के मन में भी योजना के प्रति उत्साह बना है। इसके माध्यम से जैविक खाद के लिए बड़े पैमाने पर गोबर एकत्रित हो सकेगा और जैविक खेती की दिशा में बढ़ने के लिए राज्य को भरपूर सहायता मिलेगी। - आईआईटी मुंबई में गायों के घूमने पर पूछा था इंटरव्यू बोर्ड ने प्रश्न, सिमी ने इतना अच्छा उत्तर दिया कि बोर्ड में जम गया प्रत्युत्पन्न मति का रंगदुर्ग : यूपीएससी में 31 वां रैंक आने पर आज कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर भुरे एवं एसपी श्री प्रशांत ठाकुर ने सिमी करण का सम्मान किया। इस अवसर पर सिमी ने अपने अब तक का सफर साझा किया। सबसे रोचक अनुभव उन्होंने इंटरव्यू का बताया।उनसे एक अप्रत्याशित प्रश्न पूछा गया कि आईआईटी कैंपस पवई जहां से उन्होंने बीटेक किया है वहां इधर उधर गायें काफी घूमती दिखती हैं। इस पर आपका क्या कहना है। सिमी को लगा कि बोर्ड मेरा जजमेंट इस पर देखना चाहता है। यह थोड़ा अलग सा प्रश्न था, मुझे लगा कि इसका उत्तर भी इसी ढंग से दिया जाए तो बेहतर होगा। मैंने कहा कि हम लोगों ने तो आईआईटी क्रैक कर यहां तक पहुंचने में बड़ी मेहनत की, ये गायें बड़ी भाग्यशाली हैं जो यहां विचरण कर पाती हैं। इस उत्तर से माहौल बिल्कुल हल्का हो गया और मुझे लगा कि यह प्रश्न इंटरव्यू को सकारात्मक दिशा में ले जाने का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। सिमी ने बताया कि आईएएस की तैयारी का विचार हमेशा से नहीं था। यह बीटेक करने के दौरान आया।मैं कमजोर बच्चों को पढ़ाने के लिए एक कार्यक्रम में जुटी थी। मुझे बहुत अच्छा लगा तब ऐसा महसूस हुआ कि कौन सी ऐसी सर्विस है जहां पर काम करने का लोगों की मदद करने का बड़ा दायरा मुझे मिल पाएगा। फिर आईएएस की तैयारी शुरू की। इस मौके पर कलेक्टर ने सिमी को बधाई देते हुए कहा कि आपने हमारे जिले का गौरव बढ़ाया है आपसे बहुत से लोगों को प्रेरणा मिली है। अभी आप एक दो महीने ट्रेनिंग से पहले यहीं रहेंगी। मैं चाहता हूँ कि यूपीएससी की तैयारी के इच्छुक जिले के प्रतिभागियों को इस संबंध में मार्गदर्शन प्रदान करें। कलेक्टर ने इस मौके पर सिमी के माता-पिता का भी सम्मान किया। सिमी के पिता बीेएसपी में अधिकारी हैं और माता जी डीपीएस दुर्ग में टीचर हैं। कलेक्टर ने कहा कि बिटिया की इस बड़ी सफलता के पीछे आपकी भागीदारी भी बहुत बड़ी है जिन्होंने बेटी को इतने ऊंचे मुकाम के लिए तैयार किया। कलेक्टर ने कहा कि सिमी अभी केवल 22 साल की हैं। उन्हें अभी लंबा करियर तय करना है। इतनी जल्दी उन्होंने अपने सपनों को पूरा किया, यह बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा बन सकता है।कलेक्टर ने कहा कि अपने परिवेश में जब कोई इतनी बड़ी परीक्षा के लिए चयनित होता है तो यकीनन ही वो बहुत से लोगों को प्रोत्साहित करता है और बहुत से प्रतिभाशाली लोगों के मेहनत को नई दिशा मिल जाती है। उनके मार्गदर्शन से वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने और बेहतर तरीके से काम करने लगते हैं। एसपी ने कहा कि आपकी सफलता छोटे शहरों में रहकर बड़े सपने देखने वालों को पंख देते हैं। इससे केवल दुर्ग-भिलाई के युवा ही उत्साहित नहीं हुए हैं अपितु पूरे प्रदेश में युवाओं में मनोबल बढ़ा है। उल्लेखनीय है कि सिमी वर्ष 2015 में छत्तीसगढ़ से बारहवीं बोर्ड सीबीएसई की टापर भी रही हैं। उन्होंने बीटेक की पढ़ाई आईआईटी मुंबई से की। इस मौके पर सिमी ने कलेक्टर एवं एसपी के प्रति आभार जताया।
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दुर्ग 1 अगस्त 2020/जिले के ग्राम गिरहोला, पटवारी हल्का नंबर 38, राजस्व निगम मंडल दारगांव, तहसील धमधा, जिला दुर्ग में नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने पर संबंधित क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित करने के परिणामस्वरूप कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी। इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी पुलिस विभाग के द्वारा पेट्रोलिंग कर की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ ही निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी।
- दुर्ग : कलेक्टर श्री सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देशानुसार महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम के तहत संचालित बाल संप्रेक्षण गृह/ प्लेस ऑफ सेफ्टी/ विशेष गृह दुर्ग जिले में निवासरत बालकों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने व उनमें सुधार हेतु जिला कार्यक्रमअधिकारी श्री विपिन जैन द्वारा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम के सहयोग से विपश्यना साधना केंद्र थनौद के आचार्य के माध्यम से साधना कार्यक्रम 29 जून से 15 दिवसों हेतु आरंभ कराया गया था। उक्त 15 दिवसों में पूर्व में किशोरों ने मनो परिवर्तन व सुधार देखने को मिला जिस कारण उक्त कार्यक्रम को जिला कार्यक्रम अधिकारी व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा पुनः 25 जुलाई से 1 अगस्त तक आरंभ कराया गया। उक्त साधना कार्यक्रम में इन सात दिवसों में किशोरों को अलग-अलग तरीके से समय सारणी अनुसार साधना कराया गया।इस अवधि में किशोरों को नियमित रूप से प्रातः भजन/रतन /जय मंगल कराया गया तत्पश्चात प्रतिदिन सुबह नाश्ता दिया गया। सुबह नाश्ता एवं विश्राम पश्चात सामूहिक साधना कराया गया, इसके बाद बच्चों से परामर्श/चर्चा किया गया। चर्चा उपरांत प्रवचन का आयोजन किया जाता रहा। उक्त प्रवचन पश्चात बच्चों के साथ प्रश्नोत्तरी किया गया। प्रश्नोत्तरी में बच्चों द्वारा साधना व ज्ञान के संबंध में विभिन्न प्रश्न व उत्तर किए गए जिसका जवाब आचार्यों द्वारा दिया गया। उक्त कार्यक्रम पश्चात बच्चों को भोजन एवं विश्राम प्रदाय किया गया। आराम पश्चात किशोरों को पुनः ध्यान साधना सजगतापूर्वक चर्चा एवं आर्य मौन धारण करना सिखाया गया। विपश्यना साधना कार्यक्रम में एक साधना हेतु एक कालखण्ड निर्धारित किया गया।प्रत्येक दिवस प्रत्येक कालखंड के पश्चात किशोरों को लघु आराम दिया गया। विपश्यना साधना के समय सभी बच्चों को मौन धारण कराया गया जिसमें आपस में एक दूसरे से बात करने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया। प्रत्येक साधना कार्यक्रम के पश्चात अच्छा आचार्यों द्वारा चर्चाध् परामर्शध्प्रश्नोत्तरी किया गया जिससे बच्चों में ज्ञान का विकास हो और मनः परिवर्तन किया जा सके। विपश्यना साधना पश्चात किशोरों में शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तन देखने को मिला। किशोरों द्वारा साधना पश्चात अपने आप को सुधार किए जाने व किए गए अपराध पर पश्चाताप करते हुए आपराधिक प्रवृत्ति से दूर रहने का आश्वासन दिया गया। निवासरत बच्चों में हुए परिवर्तन को देखते हुए कलेक्टर महोदय के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रज्ञा मेश्राम द्वारा संस्था की आवश्यतानुसार सुधार हेतु कार्यक्रम का आयोजन समय समय में कराए जाते रहने की जनाकारी दी ।
- मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के प्रथम चरण में लगभग पांच हजार बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने में मिली थी सफलतादुर्ग जिले के अभियान में नवाचार भी शामिल, हर महीने हो रहा वजन त्योहार और बच्चों के बढ़त का रखा जा रहा रिकार्ड
दुर्ग : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कुपोषण से मुक्ति को प्रदेश के सबसे प्राथमिकता के कार्यों में रखा है। इसका व्यापक असर मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की सफलता में दिखा है। पहले चरण में दुर्ग जिले में ही 4800 बच्चे कुपोषण के दायरे से बाहर आये। अब शेष बच्चों को कुपोषण के दायरे से निकालने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के द्वितीय चरण की शुरूआत हो रही है। अगले तीन सौ दिनों का लक्ष्य लेकर इस योजना में काम किया जाएगा। आज सभी जनप्रतिनिधियों ने घरों में बच्चों के लिए सुपोषण टोकरी देकर इस योजना की शुरूआत की। कलेक्टर डाॅक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे भी ग्राम अछोटी पहुंचे। वहां उन्होंने रूही देशमुख को सुपोषण की टोकरी भेंट किया।कलेक्टर ने इस मौके पर बच्चों के परिजनों से कहा कि बच्चे के शुरूआती पांच साल उसके आगे का भविष्य तय करते हैं। यदि इस दौरान बच्चे के पोषण का पूरा ध्यान रखा तो निश्चित ही बच्चा शारीरिक मानसिक रूप से मजबूत होगा जिससे उसका भविष्य उज्ज्वल होगा। इसी के अंतर्गत आपको सुपोषण टोकरी दी गई है। चूंकि अभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद है इसलिए कार्यकर्ता आपके बच्चे के लिए घर में ही रेडी-टू-ईट छोड़ जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हम सभी को निर्देशित किया है कि कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे। इसके लिए हम लोगों ने डीएमएफ मद से बच्चों के पोषण के लिए विशेष राशि रखी है।छह माह से तीन साल तक के बच्चों के लिए हम लोग विशेष रूप से गर्म आहार देंगे। ऐसे बच्चों की संख्या जिले में सात हजार है। अभी लाकडाउन है इसलिए सामग्री घर में ही पंहुचा दी जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि आंगनबाड़ी की दीदी लोग आपसे गृह भेंट करने आते रहेंगे। आप उनके द्वारा दिये गए सुझावों पर अमल करें। इससे बच्चा बहुत तेजी से पोषित होगा। इस मौके पर कलेक्टर ने आंगनबाड़ी क्रमांक 3 भी देखा। वहां सुपोषण वाटिका देखकर उन्होंने खुशी जताई। यहां भाजियों और पपीते के साथ मुनगा के पौधे भी रोप दिये गए हैं। उन्होंने कार्यकर्ता की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपका काम देखकर बहुत अच्छा लग रहा है। उन्होंने सरपंच श्री घनश्याम दिल्लीवार तथा जनपद सदस्य श्री टिकेश्वरी लाल देशमुख को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के सहयोग और रुचि से सुपोषण अभियान कारगर तरीके से आगे बढ़ रहा है। आपके हाथों में आपके गांव का उज्ज्वल भविष्य है। इस दिशा में आप जितना काम करेंगे, गांव का भविष्य उतना ही मजबूत होगा। इस मौके पर परियोजना अधिकारी श्री अजय साहू, सुपरवाइजर श्रीमती देवकी साहू, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दिनेश्वरी दिल्लीवार, आशालता दिल्लीवार तथा माया रामटेके भी उपस्थित रहे।क्या है दुर्ग माडल में खास- जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन ने बताया कि दुर्ग में सुपोषण अभियान में दो खास बातें हैं। पहला तो यह कि हम लोग हर महीने बच्चों के वजन ले रहे हैं। जो पंद्रह से 20 तारीख के बीच होता है। इनके आंकड़े एनआईसी की वेबसाइट में अपलोड हो जाते हैं। हमारे पास हर बच्चे के ग्रोथ का रिकार्ड है। इससे हमें सुपोषण मिशन को ट्रैक करने में आसानी होती है। कमजोर क्षेत्रों के लिए हम विशेष रणनीति बनाते हैं और अच्छा कार्य करने वालों को प्रोत्साहित करने में हमें इससे मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि बच्चों को चिक्की आदि बहुत प्रिय होते हैं। इससे उन्हें स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ भी मिलता है और हम उन्हें इसी बहाने आवश्यक प्रोटीन भी दे पाते हैं। श्री जैन ने कहा कि हमने सुपोषण वाटिका भी विकसित की है। पूरे जिले में बारह हजार मुनगा के पौधे भी लगाए गए हैं। - दुर्ग : जिले के बैगापारा प्रेमसागर चौक, पटवारी हल्का नंबर 24, तहसील दुर्ग, तितुरडीह(पांच बिल्डिंग), पटवारी हल्का नंबर 59, राजस्व निगम मंडल तितुरडीह एवं मुरमुन्दा वार्ड क्रमांक 12, पटवारी हल्का नंबर 44 राजस्व निगम मण्डल मुरमुन्दा, तहसील धमधा, जिला दुर्ग में नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने पर संबंधित क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है।उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित करने के परिणामस्वरूप कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी। इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी पुलिस विभाग के द्वारा पेट्रोलिंग कर की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ ही निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी।
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दुर्ग : प्रतिबंधित अवधि में भी खुली दुकान,एसडीएम श्री खेमलाल वर्मा ने की कार्रवाई गणेश डेयरी और तृप्ति स्वीट्स पर 2 हजार रुपये का जुर्माना - दुर्ग: जिले के कंवर नगर वार्ड क्रमांक 24, पटवारी हल्का नंबर 24, दुर्ग वार्ड क्रमांक 07 महावीर जैन स्कूल के पास, पटवारी हल्का नंबर 24, तहसील व जिला दुर्ग एवं ग्राम अहेरी पटवारी हल्का नंबर 28 राजस्व निगम मंडल अहिवारा तहसील धमधा जिला दुर्ग में नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने पर संबंधित क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित करने के परिणामस्वरूप कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी। इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी पुलिस विभाग के द्वारा पेट्रोलिंग कर की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ ही निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी।
- दुर्ग : जिले में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के प्रबंधन के अंतर्गत दिनांक 23 जुलाई 2020 से जिले में अधिकांश स्थानों पर लाॅकडाउन होने के कारण माह जुलाई 2020 का शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से खाद्यान्न शक्कर, चना, नमक आदि का वितरण पूर्णरूप से नही हो पाया था। इसलिए जिले में माह जुलाई 2020 में वितरण के लिए शेष राशनकार्ड धारियों को माह अगस्त 2020 में राशन सामग्रियों का वितरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से किया जाएगा।
- दुर्ग : छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा दुर्ग जिलेे में स्थित सदर बाजार पुराना बस स्टैण्ड दुर्ग में नजूल शीट क्रं. 46 ए भूखण्ड क्रं. 16 एवं 18 कुल क्षेत्रफल 3602 वर्ग फीट भाग का आबंटन बिक्री /खुली नीलामी पद्धति से किया जाना था। जिसका 31 जुलाई 2020 को किए जाने हेतु प्रकरण क्रं. 78 अ 20(1) वर्ष 2019-20 संस्थित किया गया है। जिले में कोविड 19 के कारण 23 जुलाई से लॉक डाउन प्रभावशील है, जो कि 6 अगस्त तक प्रभावशील होने के कारण उक्त भूखंड के नीलामी हेतु आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 30 जुलाई तथा नीलामी तिथि 31 जुलाई में संशोधन करते हुए आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 10 अगस्त एवं नीलामी तिथि 11 अगस्त किया गया है।
- कंचादुर स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कालेज हास्पिटल पहुंचे कलेक्टर
दुर्ग : कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज कंचादुर स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कालेज हास्पिटल पहुंचकर यहां कोविड केयर सेंटर की व्यवस्था देखी। यहां शीघ्र ही कोविड मरीजों को रखा जाएगा। यहां पर कलेक्टर ने इमरजेंसी की स्थिति में आक्सीजन सपोर्ट एवं अन्य आवश्यक मेडिकल उपकरणों की व्यवस्था देखी। इसके अतिरिक्त पीपीई किट एवं अन्य कोविड संक्रमण से बचाने वाली सामग्री तथा दवाओं की स्थिति की जानकारी भी ली।कलेक्टर ने यहां ड्यूटी करने वाले स्टाफ के रहने की व्यवस्था भी देखी। साथ ही मरीजों के भोजन के लिए की गई व्यवस्था एवं स्टाफ के भोजन के लिए की गई व्यवस्था की जानकारी ली। वे सभी वार्डों में गये। वहां टायलेट की स्थिति, वेंटीलेशन की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सभी वार्डों में बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। यहां नियुक्त किए गए हेल्थ स्टाफ से भी कलेक्टर ने बातचीत की। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. गंभीर सिंह ठाकुर से इनका शेड्यूल लिया।कलेक्टर ने पूरे अस्पताल में पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मियों को रखने के निर्देश दिए। इस दौरान भिलाई नगर निगम आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी भी थे। वे इस कोविड केयर सेंटर के नोडल अधिकारी भी हैं। उन्होंने निगम अमले को चिन्हांकित स्थलों पर कैमरे लगाने, कोविड मरीजों की सुविधा के लिए इमरजेंसी अलार्मिंग सिस्टम आदि के लिए निर्देशित किया। सीएमएचओ ने बताया कि पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। ड्यूटी आफिसर नियुक्त कर दिये गए हैं। स्टाफ के प्रशिक्षण का कार्य पूरा हो गया है। पूरी व्यवस्था पर लगातार मानिटरिंग की जा रही है। - दुर्ग : मूर्ति की ऊंचाई एवं चैड़ाई 4ग4 फिट से अधिक नही होना चाहिए। मुर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15ग15 फिट से अधिक नही होना चाहिए। पंडाल के सामने कम से कम 5000 वर्ग फिट की खुली जगह हो। पंडाल एवं सामने 5000 वर्ग फिट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न हो।पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल नही होना चाहिऐ। दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगाये जायेंगे।किसी भी प्रकार एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक नही होना चाहिए। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेंगी, जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता एवं मोबाईल नम्बर दर्ज किया जाएगा। ताकि उनमें से कोई भी कोरोना संक्रमित होने पर काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके।मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा। ऐसा पाये जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किया जाएगा।मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सेनेटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग, आक्सीमीटर, हैण्डवाॅस एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संक्रमित सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति का होगा।व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बास-बल्ली से बेरिकेटिंग कराया जाएगा।संक्रमित होने पर समिति को देना होगा इलाज का पूरा खर्च - यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो ईलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा किया जाएगा। कंटेन्मेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी, यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेन्मेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी।मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी।मूर्ति स्थापना के समय, स्थापना के दौरान , विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के वाद्ययंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डी.जे. बजाने की अनुमति नहीं होगी।मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी।मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटाएस(छोटा हाथी ) से बडे़ वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा।मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी।विसर्जन में 4 से अधिक नहीं जा सकेंगे - मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी।मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा निर्धारित रूट मार्ग, तिथि एवं समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गो से मूर्ति विसर्जन वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। सामान्य रूप से सभी वाहन रिंग रोड के माध्यम से ही गुजरेंगे।विसर्जन के मार्ग में कहीं भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी।सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी।7 दिवस पूर्व नगर निगम को देना होगा आवेदन- उपरोक्त शर्तो के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी। यदि घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है तो कम से कम 7 दिवस पूर्व नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय में निर्धारित शपथपत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी।इन सभी शर्तो के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश 04 जून 2020 के अंतर्गत जारी एस.ओ.पी का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा।यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा तथा निर्देश के उल्लंघन करने पर ऐपीडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत् कठोर कार्यवाही किया जाएगा।