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- कलेक्टर ने वीसी के पश्चात ली अधिकारियों की बैठक, कहा गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के लिए युद्धस्तर पर करें तैयारी
दुर्ग 17 जुलाई :वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन से जुड़ी आवश्यक बातों को जिले के प्रमुख अधिकारियों ने सुना और इसके सफल क्रियान्वयन के लिए रणनीति बनाई। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने कहा कि गोधन न्याय योजना जैविक खेती को बढ़ाने की दिशा में शासन की सबसे बड़ी पहल है। किसानों की आय बढ़ाने, पशुधन संवर्धन के लिए, गोपालकों को उचित मूल्य दिलाने के लिए और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से उछाल के लिए यह सबसे बड़ी योजना है इसके क्रियान्वयन के लिए युद्धस्तर पर तैयारी करें। 20 जुलाई को हरेली से प्रदेश भर में यह योजना आरंभ होगी। जिले में भी इसके क्रियान्वयन के लिए चरणबद्ध रूप से तैयारी कर लें। वीसी में मुख्य वन संरक्षक श्रीमती शालिनी रैना, डीएफओ श्री केआर बढ़ाई, जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक, अपर कलेक्टर श्री प्रकाश सर्वे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने वीसी में बताए लाभ- मुख्यमंत्री ने कहा कि मिट्टी की ऊर्वरता बचानी है तो जैविक खाद अपनाना होगा। गोधन न्याय योजना से इस क्षेत्र में वर्मी कंपोस्ट की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में बड़ी मदद मिलेगी। शासकीय तंत्र में इस्तेमाल में वर्मी कंपोस्ट ही इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गोबर के विक्रय किये जाने से लोगों में अपने पशुधन को अपने गौठान में रखने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। इससे चराई नहीं होगी और फसल सुरक्षा बढ़ेगी। बरदी में गौठान में एकत्रित किया गया गोबर पहाटिया का होगा जिसे विक्रय कर पहाटिया की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी। सतत विकास और मिट्टी की ऊर्वरता का और प्रकृति को सहेजे रखकर विकास का यह ऐसा माडल बना है जिस पर पूरे देश की नजर है।अमेरिका में हुई चर्चा- मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने बताया कि यूएस में साइल कंजर्वेशन पर साइल नोबल दिया जाता है। इस सम्मान समारोह के दौरान कृषि विशेषज्ञ श्री देविंदर शर्मा ने छत्तीसगढ़ की इस अनूठी योजना को लोगों के समक्ष बताया और लोगों ने इस पहल की काफी तारीफ की। श्री शर्मा ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट के अधिकतम उत्पादन से जैविक खेती का रास्ता तैयार होगा और जैविक उत्पादों की काफी डिमांड बाजार में होती है इस दृष्टि से दूरगामी रूप से भी असर होगा।
कृषि मंत्री ने प्लास्टिक के बजाय झौहों के इस्तेमाल की बात कही- वीसी में वजन की तौलाई और गोबर को रखे जाने वाले पात्र के संबंध में भी चर्चा हुई। कृषि मंत्री श्री रविंद्र चैबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में परंपरागत रूप से बंसोड जाति के लोग झौहे अथवा छलिया तैयार करते हैं। इन पात्रों का इस्तेमाल किया जा सकता है ये प्राकृतिक भी होंगे और कारीगरों को काम भी मिलेगा।
ग्रामीण आजीविका केंद्रों में होगा नवाचार- मुख्यमंत्री ने वीसी में निर्देश दिये कि कोविड काल में स्वदेशी उत्पादों की माँग की संभावना बढ़ी है। इस समय नवाचार कर हम अपने गौठानों में ऐसे उत्पाद तैयार कर लें जो बाहर से आते हैं तो ग्रामीण आजीविका केंद्रों में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ावा देने की दृष्टि से बड़ा उछाल होगा। इसके लिए व्यापारी संघों की बैठक लेकर उनसे पूछे कि किस तरह के उत्पाद वे बाहर से मंगाते हैं। इसके बाद उनकी आवश्यकता के अनुरूप उनसे फीडबैक लेकर गुणवत्तायुक्त चीजें तैयार करें। यदि इसके लिए प्रशिक्षण आवश्यक होता है तो प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री के निर्देश के पश्चात कलेक्टर ने इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। -
-गोबर के क्रय-भुगतान की प्रक्रिया, वर्मी कम्पोस्ट हेतु समूहों के प्रशिक्षण, टांका निर्माण, वर्मी कम्पोस्ट की पैकेजिंग और विपणन हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी
दुर्ग 17 जुलाई :मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में देश की अपनी तरह की अनूठी ’गोधन न्याय योजना’ छत्तीसगढ़ में हरेली पर्व से 20 जुलाई को प्रारंभ हो रही है। पशुपालकों से गोबर खरीदी की इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन के संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने भी इस संबंध में जिला स्तरीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
नवीन गौठानों की स्थापना के साथ होगा योजना का विस्तार - गोबर का क्रय एवं भुगतान की प्रक्रिया के अनुसार गौठान समितियों द्वारा गोबर क्रय किया जाएगा। गौठान समिति गोबर खरीदी के लिए समय का निर्धारण करेगी। गौठान में गोवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुपालक से गोबर का क्रय शासन द्वारा निर्धारित दर से किया जाएगा। वर्तमान में शासन द्वारा 2 रूपए किलोग्राम (परिवहन व्यय सहित) की दर निर्धारित की गई है। पशुपालक गोबर का विक्रय स्वैच्छिक रूप से कर सकेंगे। गोबर की गुणवत्ता हाथ में उठाये जाने लायक अर्धठोस प्रकृति की होगी। गोबर में कांच, मिट्टी, प्लास्टिक इत्यादि नही होना चाहिए।
गौठान समिति द्वारा पशुपालकों से क्रय किए जा रहे गोबर का लेखा विवरण दो प्रतियों में रखा जाएगा। गोबर क्रय पत्रक का नमूना निर्धारित किया गया है। गोबर क्रय पत्रक में पशुपालक का हस्ताक्षर अनिवार्य रूप से लिया जाएगा। हितग्राहियों से गोबर ही लिया जाएगा, गोबर के कोई उत्पाद यथा कंडा इत्यादि नहीं लिया जाएगा। बायोमॉस (जैविक अपशिष्ट) स्वेच्छा से गौठानों में प्रदाय किया जा सकता है, परंतु इसके लिए कोई भी राशि देय नहीं होगी।गौठान में पशुओं हेतु यथासंभव हरा चारा की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। क्रय उपरांत गोबर को संग्रहित कर गौठान में सामान्यतः अंदरूनी क्षेत्र में निर्मित सीपीटी में रखा जाएगा तथा 15 से 20 दिन के उपरांत वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने में उपयोग किया जाएगा। क्रय किए गए गोबर की राशि का भुगतान प्रत्येक 15 दिवस में गौठान समिति द्वारा हितग्राहियों को किया जाएगा। गोबर के भार मापन हेतु कैलिबरेटेड फर्मा, तराजू का उपयोग किया जाएगा। गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के किसी भी प्रक्रिया अथवा चरण में 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति, सदस्य को शामिल नहीं किया जाएगा। गौठान में वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन हेतु स्व सहायता समूह का चिन्हांकन, चयन अनिवार्य रूप से तत्काल करने के निर्देश दिए गए हैं
समूहों के प्रशिक्षण के लिए तैनात होंगे नोडल अधिकारी - वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने हेतु प्रशिक्षण के संबंध में जारी निर्देशो के अनुसार कलेक्टर द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक गौठान के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए चिन्हांकित स्व-सहायता समूह को दो चक्रों में विस्तृत प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। समस्त गौठानों में वर्मीकम्पोस्ट निर्माण के लिए पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित सुनिश्चित किया जाएगा।
वर्मी कम्पोस्ट टांका निर्माण- प्रत्येक गौठान में गोबर की उपलब्धता के अनुसार वर्मी टांका बनाया जाएगा। वर्मी टांका का निर्माण मनरेगा के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा किया जाएगा। नगरीय क्षेत्र में वर्मी टांका का निर्माण संबंधित नगरीय निकायों द्वारा किया जाएगा। जिलावार भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए वर्मी टांका निर्धारित मापदण्ड के अनुसार बनाया जाएगा, ताकि केंचुआ की जीवितता प्रभावित न हो, साथ ही वर्मी वॉश इत्यादि का एकत्रीकरण हो सके। -
- लगभग चैवालीस किमी सड़कों पर चैवालीस हजार पौधे लगाए जा रहे, मातृछाया पथ वृक्षारोपण का होगा लोकार्पण
दुर्ग 17 जुलाई : ये हरियाली और ये रास्ता, दुर्ग जिले की किसी भी सड़क पर निकल जाए। अब यात्रियों को यहीं मंजर मिलेगा। हर तरफ घने वृक्षों से गुलजार खूबसूरत रास्ते लोगों को स्वागत करते मिलेंगे। इसके लिए आधे से अधिक पेड़ लगाए जा चुके हैं। मातृछाया पथ वृक्षारोपण का लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के हाथों होना प्रस्तावित है। इस योजना अंतर्गत चैवालीस हजार पौधे प्रमुख सड़कों पर रोपे जा रहे हैं। इनमें से बीस हजार पौधे जिले की विभिन्न सड़कों के किनारे रोपे जा चुके हैं। इसमें खूबसूरत बात यह है कि इनमें केवल एक तरह के पौधे नहीं है जो आम तौर पर सड़क किनारे वृक्षारोपण में किये जाते हैं और पूरे माहौल में एकरसता सी आ जाती है। इसमें सत्रह प्रजाति के पौधे लगाए जा रहे हैं। इनमें बरगद और पीपल जैसे विशाल पेड़ों के पौधे रोपे जा रहे हैं जो दीर्घजीवी होते हैं और ढेर सारा आक्सीजन भी देते हैं और भारतीय परंपरा में जिनका विशेष महत्व है। इसके साथ ही आम, जामुन और इमली जैसे पेड़ों के पौधे लगाए जा रहे हैं। यह फलदार पौधे छायादार और पथिकों के लिए भी उपयोगी होंगे। अर्जुन जैसा मेडिसिनल प्लांट भी लगाया जा रहा है और हर्रा, बहेड़ा तथा आंवला जैसे मेडिसिनल प्लांट भी लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर जिले में बड़े पैमाने पर पौधरोपण का कार्य किया जा रहा है। डीएफओ श्री केआर बढ़ाई ने बताया कि मातृछाया पथ वृक्षारोपण के लिए व्यापक स्तर पर पौधरोपण किए जा रहे हैं। पौधरोपण के साथ ही इन्हें सहेजने की भी पूरी व्यवस्था की जा रही है।
पिछले साल खारून के किनारे लगाए गए थे पौधे- पिछले साल वन विभाग द्वारा खारून नदी के किनारे पौधे लगाए गए थे। नदी के कटाव को रोकने, तटबंध को मजबूत करने के लिए ऐसे पौधों का प्लांटेशन किया गया था जो मिट्टी की पकड़ को मजबूत करते हैं। नदी तट में प्लांटेशन से नदियों में पानी का स्तर भी बढ़ता है क्योंकि मिट्टी अधिक जल संरक्षण कर रखती है। यह ऐसा काम है जिसके दीर्घकालीन अच्छे नतीजे निकलते हैं।
ऐसा निवेश जो भविष्य के लिए बेहद उपयोगी- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार द्वारा ऐसी योजनाओं पर काम हो रहा है जो इस पीढ़ी को ही नहीं, अगली कई पीढ़ियों के लिए उपयोगी साबित होंगे। मिट्टी की ऊर्वरता को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने गोधन न्याय योजना आरंभ की जिससे गोबर खरीद कर कंपोस्ट खाद के माध्यम से जैविक खेती की दिशा में बड़ा काम होगा। व्यापक पौधरोपण के माध्यम से मिट्टी का संरक्षण तो होगा ही। भूमिगत जल का स्तर भी बढ़ेगा।इन रास्तों में हो रहा पौधरोपण- मड़ियापार से हिर्री, अमलेश्वर से झीट, पाटन सिकोला तुलसी मार्ग, भिलाई ३ से तर्रा, खुड़मुड़ी-झीट-मोतीपुर, पाटन-रानीतराई-जामगांव आर, सेलूद जामगांव आर, गाड़ाडीह से फुण्डा, बोरसी से उतई, मोतीपुर-जामगांव-लोहरसी, खर्रा से बरबसपुर, पाटन-मोतीपुर मुख्य मार्ग से सिपकोन्हा, बीजाभाठ से सुरपा, पाटन-मोतीपुर मुख्य मार्ग से ठकुराइनटोला, फुण्डा नहर से अरसनारा, सिकोला से सोनपुर, गुढ़ियारी से कानाकोट, दुर्ग-राजनांदगांव महमरा मुख्य मार्ग, रवेली से राखी और मानिकचैरी से गोड़पेण्ड्री। -
दुर्ग 17 जुलाई : प्राकृतिक आपदा से मृत्यु हो जाने पर मृतक के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है। इनमें स्व. जिया उलहुदा ,स्व. सरस्वती यादव स्व.पवन कुमार चतुर्वेदी एवं स्व. भोजराम बैस का पानी में डुबने से हुई मृत्यु के लिए उनके परिजनों के लिए क्रमशः 4-4 लाख रू. की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है। -
दुर्ग 17 जुलाई : जिले के उतई, पटवारी हल्का नंबर 42, राज्य निगम मण्डल उतई, तहसील दुर्ग दारगांव, (वार्ड क्रं. 01, वार्ड क्रं. 15, वार्ड क्रं. 18 ),पटवारी हल्का नंबर 33 ,मोहलई वार्ड क्रं. 08, पटवारी हल्का नंबर 34, दारगांव, तहसील धमधा, बटरेल, पटवारी हल्का नंबर 48, राज्य निगम मण्डल जामगांव (आर), तहसील पाटन, जिला दुर्ग में नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने पर संबंधित क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित करने के परिणामस्वरूप कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी। इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी पुलिस विभाग के द्वारा पेट्रोलिंग कर की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ ही निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी। -
दुर्ग 17 जुलाई : कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे के निर्देश पर बाल भिक्षावृति में संलिप्त किशारों को जिला कार्यक्रम, अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग के जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा रेसक्यू आपरेशन चलाया गया। जिसके तहत सुपेला थाना अंतर्गत सुपेला चैक पर भिक्षावृति कर रहे 8 वर्ष व 10 वर्ष के बालक एवं 10 वर्षीय बालिका सहित कुल 3 नाबालिक किशारों को रेसक्यू कर बाल कल्याण समिति दुर्ग के समक्ष प्रस्तुत किया गया। कलेक्टर द्वारा जिले में बाल भिक्षावृत्ति रोकने हेतु चाइल्ड लाइन, महिला बाल विकास एवं पुलिस विभाग को पूर्व में ही निर्देशित किया गया है। जिसके तहत बाल भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों को रेस्क्यू कर संरक्षण व सुरक्षा प्रदाय करते हुए नियोजक के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही किया जा रहा है।आज के रेसक्यू अभियान में यह पाया गया कि बच्चों के परिजनों द्वारा ही इन नाबालिक बच्चों से भिक्षावृत्ति का कार्य कराया जा रहा था, जो कि बाल अधिकारों का हनन व बाल शोषण की श्रेणी में आता है। बाल भिक्षावृत्ति में संलिप्त उक्त बालकों को बालक कल्याण समिति दुर्ग द्वारा किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के अंतर्गत संचालित खुला आश्रय गृह दुर्ग एवं बालिका को सखी वन स्टॉप सेन्टर दुर्ग में अस्थायी संरक्षण हेतु आदेशित किया गया है। वर्तमान में बच्चे इन संस्थाओं में सुरक्षित निवासरत हैं। बच्चों के माता पिता को बालक कल्याण समिति के समक्ष उपस्थित होने हेतु आदेशित किया गया है। उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। -
दुर्ग 17 जुलाई : राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग दुर्ग द्वारा सदर बाजार दुर्ग स्थित 334.634 वर्गमीटर अर्थात 3602 वर्गफीट नजूल भूमि की नीलामी 31 जुलाई को तहसील कार्यालय दुर्ग में दोपहर 2 बजे से होगी। नीलामी में भाग लेने के इच्छुक व्यक्ति अथवा संस्था कलेक्ट्रेट कार्यालय के नजूल शाखा अथवा दुर्ग जिले की वेबसाइट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट दुर्ग डॉट जीओवी डॉट इन में विस्तृत सूचना का अवलोकन कर सकते हैं। नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन एवं निर्धारित अमानत राशि 25.14 लाख रुपए का क्रॉस चेक अथवा डिमांड ड्राफ्ट जो कलेक्टर दुर्ग के नाम से देय हो 30 जुलाई तक जमा करना होगा। -
दुर्ग 17 जुलाई : अन्य राज्यों से वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे के निर्देशानुसार जिले में विकासखंड स्तर पर 22 से 24 जुलाई तक रोजगार कैम्प आयोजित किया जा रहा है। रोजगार कैम्प में जिले के विभिन्न स्थानीय उद्योग, फर्मों एवं संस्थानों में उपलब्ध कुशल एवं अकुशल श्रेणी के लगभग 867 रिक्तियों के लिए नियुक्ति की जाएगी। कुशल श्रेणी में वेल्डर, मेशन, फिटर, इलेक्ट्रीशियन, ड्राइवर, सुरक्षा गार्ड, सुपरवाइजर, माली, ऑपरेटर के पद पर तथा अकुशल श्रेणी में हेल्पर पद पर नियुक्ति की जाएगी। विकासखंड दुर्ग में 22 जुलाई को विवेकानंद सभागार जेल तिराहा दुर्ग में, 23 जुलाई को धमधा तथा 24 जुलाई को विकासखंड पाटन के जनपद पंचायत सभागार में रोजगार कैम्प अयोजिय किया जायेगा। रोजगार प्राप्त करने हेतु इच्छुक प्रवासी श्रमिक आवश्यक दस्तावेज (शैक्षणिक योग्यता की अंकसूची, पहचान पत्र, 02 पासपोर्ट साइज फोटो) के साथ रोजगार कैम्प में भाग ले सकते हैं। -
दुर्ग 16 जुलाई : बिना मास्क वालों पर जुर्माना किया गया। तहसील कार्यालय दुर्ग में 14 लोगों से 1400 रुपये वसूला गया। तृप्ति होटल एवं त्रिमूर्ति होटल बस स्टैंड दुर्ग को एक-एक हजार रुपये जुर्माना किया गया। एसडीएम श्री खेमलाल वर्मा, नायाब तहसीलदार जयेन्द्र बघेल एवं नगर निगम दुर्ग के कर्मचारी उपस्थित थे। -
दुर्ग 16 जुलाई : जिले के ग्राम औरी, पटवारी हल्का नम्बर 04, राज्य निगम मंण्डल भिलाई-03, तहसील पाटन, जिला दुर्ग में नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने पर संबंधित क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित करने के परिणामस्वरूप कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी। इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी पुलिस विभाग के द्वारा पेट्रोलिंग कर की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ ही निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी। -
-मनरेगा के श्रमिकों को कोरोना के साथ दी जाएगी जानकारी-एचआईव्ही.एड्स के बारे में जानकारी ताकि वे रहे सतर्क
दुर्ग 15 जुलाई : बचाव ही सुरक्षा का एक मात्र उपाय इसलिए जरूरी मनरेगा श्रमिको को कोरोना और एड्स की जानकारी इसलिए देने का फैसला किया गया क्योंकि कोरोना और एड्स दोनो से श्रमिकों को जानकारी देकर ही बचाया जा सकता है। मनरेगा श्रमिकों को किया जाएगा जागरूक ग्रामसभा और रोजगार दिवस कार्यक्रमों में दी जाएगी जानकारी।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ने कोरोना वैश्विक महामारी के बीच लाखों श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया। साथ ही ग्रामीणों को कोराना से बचने के लिए उपाय बताए तो अब एच आईवी-एड्स से बचाव के उपाय भी मनरेगा क श्रमिकों को बताए जाएगे।मनरेगा योजना के साथ चिकित्सा विभाग से समन्वय बनाकर हाूमन इम्यूनों डिफिशिएसी वायरस (एच.आईवी) एड्स के बारे में कार्यस्थल ग्राम सभा पंचायत की बैठकों, रोजगार दिवस जैसे आयोजनों में श्रमिकों को बताएगे जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक ने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग महात्मा गांधी नरेगा रायपुर से निर्देश प्राप्त हुए है, कि एच.आई.वी एडस के बारे में अधिक से अधिक मनरेगा के श्रमिकों को विशेषकर महिला श्रमिकों को जानकारी दी जाए।
एच.आई.वी एड्स के बारे में वैसे तो बहुत लोग जानते है, लेकिन इस संबंध में लोग खुलकर बात नही करते है, खासकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं इसलिए जरूरी है कि इसके बारे में अधिक से अधिक लोगों की जानकारी उपलब्ध कराई जाए इसके साथ ही कोरोना से बचाव और संक्रमण को रोकने के बारे में भी लोगों को जितनी अधिक जानकारी इस विषय की होगी इस बीमारी से बचा जा सकता है। जिला स्तर से स्वास्थ्य विभाग से भी समन्वय बनाकर कार्य किया जाएगा और जनपद पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य अमले की सेवाएं इसमें ली जाएगी इस संबंध में सभी जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी क्रियान्वयन एजेंसी को पत्र जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में कोराना महामारी का प्रकोप हैं ऐसे में मनरेगा योजना में ग्रामीणों की व्यापक भागीदारी को देखते हए श्रमिकों को विशेषकर महिलाओं का कोरोना एवं एड्स से बचाव से संबंधित सही जानकारी देकर जागरूक किया जाएगा। -
दुर्ग 15 जुलाई : जिले अमलेश्वर, पटवारी हल्का नम्बर . 05, राज्य निगम मंण्डल अमलेश्वर, तहसील पाटन एवं भोथली, पटवारी हल्का नम्बर 58, राज्य निगम मंण्डल अमलेश्वर, तहसील पाटन जिला दुर्ग में नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने पर संबंधित क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित करने के परिणामस्वरूप कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी। इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी पुलिस विभाग के द्वारा पेट्रोलिंग कर की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ ही निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी। -
दुर्ग 15 जुलाई : शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था भिलाई में संचालित विभिन्न व्यवसायों में लगने वाले कच्चे माल तथा कार्यालय में लगने वाली स्टेशनरी व इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कारपेंटरी, सिविल कार्य, हार्डवेयर, छपाई कार्य, ऑफिस स्टेशनरी, स्टील सामग्री, विद्युत सामग्री सप्लाई करने तथा कंप्यूटर, विभिन्न मशीन, मोटर, लेथ, सी.एन.सी. मशीन आदि सुधार करने के इच्छुक विक्रेता/सुधारक शासकीय नियमानुसार दस्तावेज सहित पंजीयन आवेदन विज्ञप्ति प्रसारित होने के एक सप्ताह के अंदर कार्यालय में जमा कर सकते हैं -
दुर्ग 15 जुलाई : भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार श्रृंखला के तहत पद्म विभूषण, पद्म भूषण एवं पद्म श्री पुरस्कारों हेतु 2020-21 के लिए नामांकन प्रस्ताव ऑनलाइन माध्यम से आमंत्रित किया गया है। निर्धारित पात्रता एवं मापदंड रखने वाले व्यक्ति ऑनलाइन माध्यम से 16 से 28 जुलाई तक वेबसाइट ूूूण्चंकंउंूंतकेण्हवअण्पद पर आवेदन कर, समाज कल्याण विभाग ,जिला दुर्ग में आवेदन की प्रति जमा कर सकते है। -
दुर्ग 15 जुलाई :कलेक्टर दुर्ग डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे के निर्देश एवं सहायक आयुक्त आबकारी, जिला दुर्ग के मार्गदर्शन में आबकारी विभाग, दुर्ग द्वारा अवैध शराब धारण, विक्रय एवं परिवहन की सूचना पर प्रातः गश्त के दौरान ग्राम घटियाखुर्द, थाना नंदिनी में आरोपी मिश्रीलाल साहू आ. बिसाहू के कब्जे से 07 पेटी 63 बल्क लीटर, मध्यप्रदेश निर्मित मदिरा गोवा स्पेशल व्हिस्की एवं आरोपियां गौरी बाई पारधी पति प्रमिला लाल पारधी के कब्जे से 5 पेटी, 45 बल्क लीटर मध्यप्रदेश निर्मित मदिरा गोवा स्पेशल वहसिकय कुल मात्रा 108 बल्क लीटर मदिरा जप्त कर छ.ग. आबकारी अधिनियम 1915 की धरा 34(2), 59(क)एवं 36 के तहत 02 प्रकरण पंजीबध्द किया गया है। उक्त प्रकरण में संलिप्त आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। -
-समय सीमा की पहली बैठक में दिए निर्देश
दुर्ग 15 जुलाई : कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने समय-सीमा की पहली बैठक में अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि लोक सेवा गारंटी के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों को समयसीमा के भीतर प्राथमिकता देते हुए शत-प्रतिशत निराकरण करें। उन्होंने कहा कि लोक सेवा गांरटी अधिनियम शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल योजना है। अधिनियम अंतर्गत जो भी आवेदन प्राप्त होते है उसका गुणवत्तापूर्ण निराकरण किया जाना अधिनियम का मूल उद्देश्य है। अधिनियम अंतर्गत लंबित आवेदनों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि मई 2020 तक जितने भी आवेदन प्राप्त हुए हैं, उनका निराकरण अनिवार्य रूप से एक सप्ताह के भीतर अगले समय-सीमा की बैठक के पूर्व हो जानी चाहिए। जिन विभागों में अधिक आवेदन लंबित है, ऐसे अधिकारी से उन्होंने आवेदनों के लंबित होने के वजहों की जानकारी लेते हुए स्पष्ट रूप से कहा है कि बेवजह कोई भी आवेदन लंबित न रहे, यह सभी अधिकारी सुनिश्चित कर लें।
कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत होने वाले फाइलों के संबंध में उन्होंने कहा है कि जो भी फाईल प्रेषित किए जाते है, उनमें विषय और निर्धारित तिथि का स्पष्ट रूप से उल्लेख करते हुए प्रस्तुत करें। साथ ही साथ नोटशीट में पेज क्रमांक का उल्लेख करते हुए प्रस्तुत किया जाए। विभागीय अधिकारी नोटशीट में संबंधित विषय के संबंध में अपना स्पष्ट रूप से अभिमतध्टीप का उल्लेख करें। कलेक्टर में अपनी पहली समय-सीमा की बैठक में संक्षिप्त समीक्षा करते हुए अधिकारियों को चेताया है कि सभी अधिकारी अपने दायित्वों का पूर्ण दायित्वों के साथ निर्वहन करें। कर्तव्य में लापरवाही अथवा कार्य के प्रति लगन नहीं होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यालय में रहें अन्यथा होगी कार्रवाई-
कलेक्टर ने विभागीय कार्यों को स्थानीय स्तर पर गति देने और योजनाओं का क्रियान्वयन को मूर्तरूप देने के लिए ब्लाक लेवल के अधिकारियों को ब्लाक मुख्यालय में अनिवार्य रूप से निवास करने कहा है। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर ऐसे सभी अधिकारियों को मुख्यालय में शिफ्ट होने निर्देशित किया है। ब्लाक लेवल पर मुख्यालय नहीं बनाने की दशा में सख्त कार्रवाई होने की चेतावनी दी है।
गौ-धन न्याय योजना का क्रियान्वयन सर्वोच्च प्राथमिकता से करें
छत्तीसगढ़ शासन की अति महत्वकांक्षी योजना गौ-धन न्याय योजना प्रारंभ होने जा रही है। योजना अंतर्गत पशुपालकों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुर्नजीवित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही योजना अंतर्गत पशुपालकों के आमदनी में इजाफा करना है। योजना का शुभारंभ 20 जुलाई को विकासखण्ड पाटन के गौठानों से किया जाना संभावित है। जिले के गौठानों में संचालित गतिविधियों की जानकारी लेते हुए उन्होंने कहा कि शुभारंभ अवसर पर पाटन के साथ ही धमधा एवं दुर्ग विकासखण्ड के साथ-साथ नगरीय निकाय क्षेत्रों में गौठानों में भी इसकी विधिवत शुरूवात होगी। गौठान संचालन से संबंधित विभागीय अधिकारियों से कहा है कि योजना को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इसका क्रियान्वयन किया जाना है। योजना में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो यह सुनिश्चित किया जाना है।
गौ-धन न्याय योजना अंतर्गत पशुपालकों से 2 रुपए प्रतिकिलो की दर से गोबर की खरीदी गौठान समिति द्वारा की जाएगी। गौठान समिति के द्वारा वर्मी खाद बनाकर 8 रुपए प्रतिकिलो की दर से विक्रय किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति की जाएगी। उल्लेखनीय है कि जिले में 216 गौठान बनाए गए है जहां से योजना का क्रियान्यवन किया जाएगा। उन्होंने पशुपालन विभाग से कहा है कि वर्मी कम्पोस्ट के लिए सभी तैयारी कर लेवें। समिति को प्रशिक्षण एवं अन्य गतिविधियों से रूबरू करा लें। गौठान में गोबर संग्रहण के आधार पर उपलब्ध कम्पोस्ट किट की जानकारी लेते हुए कहा है कि पर्याप्त संख्या में कम्पोस्ट किट की उपलब्धता सुनिश्चित कर लेवें।कोरोना के संक्रमण से खुद सतर्क रहें और कार्यालय का बेहतर संचालन करें
कलेक्टर ने कोरोना महामारी के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए कहा है कि जिला स्तर के अधिकारी कोरोना के संक्रमण से ना खुद सतर्क रहें, अपितु अधीनस्थ कार्यालय के अमले को भी सतर्क करते हुए कार्यालयीन कार्य का संपादन करें। कोरोना के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क लगाकर सेनिटाइजर के साथ पूर्ण गतिशील होकर कार्य करें। इस दौरान कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों का भी ध्यान रखने कहा गया है।निर्धारित स्थान पर ही लगेगा बाजार, व्यवसायी अब यत्र तत्र नहीं लगा सकेंगे
कलेक्टर ने बैठक में नगरीय निकाय के अधिकारियों से कहा है कि शहरी क्षेत्रों में लगने वाला हाट बाजार अब निश्चित निर्धारित स्थानों पर लगेगा। पसरा लगाकर सड़कों के किनारे अथवा यत्र-तत्र कहीं भी व्यवसाय नहीं किया जाएगा। वर्तमान में कोरोना संक्रमण के चलते सोशल डिस्टेंसिंग के कारण बाजार में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बाजार को नियंत्रित किया गया था, जिसके वजह से अभी कई व्यवसायी अन्यत्र कहीं भी बाजार लगाकर व्यवसाय कर रहे हैं। अब केवल निर्धारित चयनित स्थानों पर ही बाजार का संचालन किया जा सकेगा। इसके लिए व्यवसायियों को समझाइश देकर निर्धारित स्थल ही बाजार लगाने कहा जाएगा। इसके लिए नगरीय निकाय के अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने कहा है। -
दुर्ग 14 जुलाई : छत्तीसगढ़ शासन वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर अटल नगर के पत्र द्वारा नोबेल कोरोना वायरस के संक्रमण से आम जन को सुरक्षित रखने के उद्दयेश्य से एफ.एल.-4/4-क क्लब और रेस्टोरेंट/होटल बार में स्थित बार रूम, स्टाक रूम तथा मदिरा संग्रहण स्थल को 06 जुलाई से 12 जुलाई तक बंद करने हेतु आदेश प्रसारित किए गए थे। छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 24(1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए डॉ. सर्वेश्वर भूरे ने 13 जलाई से 19 जुलाई तक दुर्ग जिले में संचालित समस्त अल्फ एल 4(असैनिक विनोद गृह) एवं एफ.एल. 4(क) (व्यवसायिक क्लब) में स्थित बार रूम,स्टाक रूम तथा मदिरा संग्रहण स्थल को बंद रखे जाने हेतु आदेश दिया गया। आदेश का कड़ाई से पालन किया जावे । -
दुर्ग 14 जुलाई : जिले के ग्राम कंदई, प.ह.नं. 36, रा.नि.म दारगांव एवं कुम्हारी वार्ड क्रमांक 10, प.ह.नं 53, रा.नि.मं कुम्हारी तहसील धमधा, जिला दुर्ग में कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने के उपरांत उक्त क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था। उक्त क्षेत्र में पिछले 14 दिवस में कोई भी नए पाॅजिटिव केस नहीं आये है। अतः कंटेनमेंट जोन की अधिसूचना को समाप्त करते हुए चिन्हित क्षेत्र को निम्न निर्देशों के साथ विमुक्त किया जाता है। उक्त कंटेनमेंट क्षेत्र में जिन व्यक्तियों को होम क्वारंटाईन किया गया है उनके क्वारंटाईन अवधि तक यथास्थिति बनी रहेगी। चिन्हांकित क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकाने एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान शासन के नियमानुसार संचालित होंगे। चिन्हिंत क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को कोरोना से संबंधित लक्षण होने पर तत्काल कंट्रोल रूम के दूरभाष क्रमांक 0788-2210773 अथवा 0771-2210180 पर सूचित करेंगे। -
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से प्राप्त नए दिशा निर्देशों का जिला पंचायत सीईओ ने जनपद पंचायत, क्रियान्वयन एजेंसी को जारी किया पत्र
दुर्ग 14 जुलाई : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत गुड गवर्नेंस इनिशियेटिव के तहत सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक निर्माण कार्यों में नागरिक सूचना पटल मानक प्राक्कलन एवं मानचित्र के अनुसार दिए नए दिशा निर्देशों के अनुरूप ही बनाए जाएंगे। सूचना पटल का निर्माण कार्य प्रारंभ होने के बाद ही बनना शुरू किया जाएगा। जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस आलोक ने बताया कि जिले में कलेक्टर एवं मनरेगा जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे के मार्ग निर्देशन में मनरेगा का कार्य किया जा रहा है। जिपं सीईओ ने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से निर्देश प्राप्त हुए हैं कि मनरेगा कार्यस्थलों में नागरिक सूचना पटल अनिवार्य रूप से नए दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही बनाए जाएं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के गुड गवर्नेंस इनिशिएटिव्ह के तहत पारदर्शिता एवं मनरेगा में हो रहे कार्यों के बारे में ग्रामीणों तक जानकारी पहुंचाने प्रत्येक कार्यस्थल पर नागरिक सूचना पटल लगाना अनिवार्य किया गया है। इस संबंध में क्रियान्वयन एजेंसी एवं जनपद पंचायत सीईओ को पत्र जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि जनपद पंचायत सीईओ एवं तकनीकी अमला निर्माण कार्य के शुरू होने के समय ही नागरिक सूचना पटल का निर्माण करें और प्रारूप के अनुसार दिए गए लेखन का विवरण लिखवाएं।
सूचना बोर्ड के दोनों तरफ होगा लेखन- जिपं सीईओ ने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से भेजे नए दिशा-निर्देश के अनुसार बोर्ड में सबसे पहले नागरिक सूचना पटल लिखा होना जरूरी है। इसके बाद महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का नाम, दोनों तरफ मनरेगा एवं छत्तीसगढ़ शासन का लोगो लगाया जाएगा। इसके बाद जिला का नाम उसके नीचे ग्राम, ग्राम पंचायत, विकासखंड का नाम, फिर यूनिक कोड, प्रशासकीय स्वीकृति राशि, कार्य का मापन एवं इकाई अगर अभिसरण में शामिल अन्य योजना है तो उसका नाम एवं राशि का उल्लेख किया जाएगा। बोर्ड में इसके बाद कार्य प्रारंभ तिथि, कार्य पूर्णता तिथि, व्यय राशि श्रमिक एवं सामाग्री के बारे में लिखा जाएगा। तो वहीं श्रमिक को प्रति दिवस मिलने वाली मजदूरी राशि लिखी जाएगी। कार्य निर्माण एजेंसी का नाम,जिस तकनीकी सहायक ने निर्माण कार्य कराया है उसका नाम एवं मोबाइल नंबर, कार्यक्रम अधिकारी का नाम एवं संपर्क, लोकपाल का नाम एवं मोबाइल नंबर एवं सामाजिक अंकेक्षण इकाई के अधिकारी का नाम एवं संपर्क लिखा जाएगा। अंतिम लाइन में जिला एवं राज्य का टोल फ्री नंबर लिखा जाएगा। वहीं बोर्ड की दूसरी ओर पर योजना से संबंधित जैसे श्रमिकों के अधिकार,कार्य की मांग के तरीके एवं अन्य प्रावधानों के प्रचार-प्रसार का लेखन किया जाएगा।
रंगों का होगा विशेष महत्व- मनरेगा में सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक कार्यों में रंगों का विशेष महत्व रहेगा। सामुदायिक कार्य में दीवाल की पृष्ठभूमि पीले रंग से पोती जाएगी,बोर्ड की बार्डर एवं लेखन नीले रंग से किया जाएगा। तो वहीं हितग्राही मूलक कार्यों में पीले रंग से दीवाल एवं बोर्ड की बार्डर को काले रंग से और लेखन भी काले रंग से किया जाएगा। -
रक्षा बंधन के त्यौहार में इस बार होम मेड -हैंड मेड राखियों से सजेंगी भाईयों की कलाइयांबिहान की दीदियां कर रही हैं राखी तैयार
दुर्ग 14 जुलाई : रक्षा बंधन भाई और बहन के अपार स्नेह का प्रतीक है और जब बिहान की दीदियां अपने हाथों से रेशमी धागों, मोती,रुद्राक्षऔर अक्षत से राखियाँ तैयार कर रही हैं तो इस स्नेह के बंधन में अपनी कला संस्कृति की महक के साथ आंचलिक रंग भी मौजूद रहेगा। एक तरफ परंपरा को पुनर्जीवित किया जा रहा है तो दूसरी तरफ महिलाओं के लिए आजीविका के स्रोत भी बन रहे हैं। प्रदेश सरकार की कोशिशों से हम अपनी जड़ों की ओर लौट रहे हैं ,पुरानी परंपराएं फिर लौट आई हैं।दीवाली पर भी समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित गोबर और मिट्टी के दियों से घर आंगन रोशन किए गए थे। रक्षाबंधन में हैंड मेड राखियाँ उपलब्ध होंगी। बिहान योजना के तहत स्व सहायता समूह को महिलाओं को राखियाँ बनाने का प्रशिक्षण दिया गया साथ ही रॉ मटेरियल खरीदने के लिए राशि भी उपलब्ध कराई गई।
जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुडी स्व- सहायता समूह की महिलाओं ने रक्षाबंधन के पर्व की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि जनपद पंचायत पाटन में सांकरा आजीविका केंद्र और जनपद पंचायत धमधा के ग्राम पंचायत रौदा, मुरमुदा, पथरिया के आजिविका केन्द्र (डोम) में महिलाओं द्वारा राखियाँ बनाई जा रही हैं।
गाँव के बाजार और दुकानों में 5 रुपए से लेकर 65 रुपए तक के दाम में उपलब्ध होंगी ये हैंड मेड राखियाँ- स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा अपने गांव के बाजार और दुकानों के माध्यम से राखियाँ उपलब्ध कराई जाएंगी।ये राखियाँ 5 रुपए से लेकर 65 रुपए तक कि कीमत में उपलब्ध होंगी। सांकरा में कुमकुम स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा अब तक राखियाँ तैयार की जा रही हैं। वहीं जनपद पंचायत धमधा में ग्राम पंचायत रौदा की समृद्धि स्व-सहायता समूह ,ग्राम पंचायत पथरिया के
साधना स्व-सहायता समूह और ग्राम पंचायत मुरमुंदा के श्री गणेश स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा राखियाँ बनाने का कार्य किया जा रहा है। इन महिलाओं द्वारा अब तक 2000 से अधिक राखियाँ तैयार की जा चुकी हैं।संकट को अवसर में बदलकर आत्मनिर्भर बन रही हैं महिलाएं- कोविड संकट ने हम सबको एक बात सिखाई है कि हर संकट को अवसर में तब्दील किया जा सकता है।स्वदेसी का चलन फिर से लोकप्रिय हो रहा है। स्व सहायता समूह की दीदियों ने कदम से कदम मिलाकर न सिर्फ इस संकट का सामना किया बल्कि ,मास्क, सेनिटाइजर, हर्बल साबुन,ओर्गेनिक साग सब्जियाँ,ट्री गार्ड,सीमेंट पोल ,ओर्गेनिक खाद व कीटनाशक बनाकर अपना कौशल भी सिद्ध किया है। काम के लिए इन महिलाओं को दूर जाने की जरूरत भी नहीं ,अपने गांव में अपने घरों में रह कर ही आमदनी अर्जित कर रही हैं। -
दुर्ग 14 जुलाई : जिले के अंतर्गत वैशाली नगर(कोहका), वार्ड कं्र. 15, प.ह.नं. 19, रा.नि.मं. कोहका, तहसील दुर्ग, जंजगीरी वार्ड क्रं. 19, प.ह.नं. 49, रा.नि.मं. कुम्हारी, पंचदेवरी, प.ह.नं. 43, रा.नि.मं. मुरमुंदा एवं ग्राम बिरझापुर प.ह.नं. 10, रा.नि.मं. धमधा, तहसील धमधा, सिरसाकला(सिरसाभाठा), वार्ड क्रं. 37, प.ह.नं. 02, रा.नि.मं. चरोदा तहसील पाटन, सिकोला प.ह.नं. 37, रा.नि.मं. पाटन, तहसील पाटन एवं भोथली, प.ह.नं. 58, रा.नि.मं. अमलेश्वर, तहसील पाटन जिला दुर्ग में नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने पर क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया जाता है। उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित करने के परिणामस्वरूप कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी। इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी पुलिस विभाग के द्वारा पेट्रोलिंग कर की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ ही निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी। -
दुर्ग 14 जुलाई : केन्द्रीय जेल दुर्ग में दण्डित बंदी शिवाकर उर्फ शिवा योगी पिता करणनाथ द्वारा 20 जून को जेल अस्पताल, केन्द्रीय जेल दुर्ग में फांसी लगाकर आत्महत्या करने के संबंध में दण्डाधिकारी जांच की जाएगी। जिला दण्डाधिकारी डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने अनुविभागीय दण्डाधिकारी राजस्व दुर्ग शहर श्री खेमलाल वर्मा को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। उनके द्धारा बंदी की मृत्यु के संबंध में जांच प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। अनुविभागीय दण्डाधिकारी के द्वारा जांच बिन्दु निर्धारित किए गए है।इनमें क्या दण्डित बंदी किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित था, क्या बंदी को समय पर पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई थी, बंदी की मृत्यु किन परिस्थितियों में हुई, बंदी की मृत्यु के लिए क्या इस घटना को टाला जा सकता था, दण्डित बंदी की मृत्यु के लिए जेल अधिकारी/कर्मचारी तो जिम्मेदार नहीं है। इन बिन्दुओं के आधार पर जांच की जाएगी। आम जनता या घटना के संबंध में यदि कोई व्यक्ति जानकारी रखता हो तो स्वयं अथवा अपने अधिकृत अधिवक्ता/अभिकर्ता के माध्यम से साक्ष्य/दावा 22 जुलाई तक प्रस्तुत कर सकते है। -
-जिला व्यापार एवं उद्यम केंद्र से बेकरी व्यवसाय के लिए पीएमईजीपी योजना अंतर्गत लिया था ऋण, २२ लाख का लोन लिया था अब टर्न ओवर ही 30 लाख का- अपने परिश्रम, हुनर और उद्यमशीलता से लोगों के लिए मिसाल बनी वर्षा
दुर्ग 13 जुलाई : वर्षा शर्मा एक छोटे से गांव उरला की महिला उद्यमी हैं। छोटे से बेकरी व्यवसाय से आरंभ कर अब बड़ी विनिर्माण ईकाई का सपना वर्षा पूरा कर चुकी हैं। इस सपने को पूरा करने में उन्हें कई साल नहीं लगे। मात्र 2 साल में ही उन्होंने अपना सेटअप डाला और आज यह स्थिति है कि उनकी विनिर्माण ईकाई में 30 लोग काम कर रहे हैं। इसके पीछे वर्षा का परिश्रम, हुनर और उद्यमशीलता तो है ही, जिला व्यापार एवं उद्यम केंद्र के अधिकारियों की भी बड़ी भूमिका है जिन्होंने वर्षा को इस उद्यम के लिए लगातार उत्साहित किया। उनका प्रकरण जल्द स्वीकृत किया। वर्षा ने 22 लाख रुपए का लोन पीएमईजीपी अंतर्गत लिया, इसमें आठ लाख 75 हजार रुपए का अनुदान उन्हें मिला। एक नवजात उद्योग को मिले अनुदान के इस बड़े सहारे से वर्षा का रास्ता काफी आसान हुआ। उन्होंने अपने पति के सहयोग से अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए दुर्ग-भिलाई में और नजदीकी जिलों में अवसरों की तलाश की। बेकरी से जुड़े लोगों को अपने उत्पाद दिखाये और अपने ब्रांड की गुणवत्ता के संबंध में आश्वस्त किया। वैविध्य की ओर बढ़ाए कदम- वर्षा अभी बेकरी के 50 तरह के उत्पाद तैयार कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि ब्रेड के साथ ही क्रीम रोल, पेस्ट्री, केक आदि विभिन्न तरह के बेकरी आइटम तैयार करती हैं। उन्होंने बताया कि वे वेज केक तैयार कराती हैं। बहुत सारे लोग अंडे वाला केक नहीं पसंद करते। ऐसे में दुकानदारों के पास वेज केक का आप्शन उपलब्ध होने से इसकी बिक्री अच्छी हो जाती है। इसके अलावा हम लोग गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते हैं क्योंकि बेकरी के बिजनेस में गुणवत्ता सबसे अहम है। थोड़ा भी गुणवत्ता कम होने पर हम इसे नष्ट कर देते हैं। इस प्रकार अच्छे उत्पाद देकर, सप्लाई चेन को बेहतर कर हम लोग निरंतर बड़े बाजार को कैप्चर कर रहे हैं।
उन क्षेत्रों में करें अवसर की तलाश जहां संभावनाएंकृवर्षा ने कहा कि मेरे उद्यम का अब तक का अनुभव रहा है कि दृढ़ प्रयास करो तो सफलता मिलती है। साथ ही आपको व्यावसायिक संभावनाओं के आधार पर बिजनेस का चयन करना चाहिए। महिला उद्यमियों के लिए मैं कहना चाहूँगी कि अनंत संभावनाएं हैं क्योंकि सरकार भी चाहती है कि महिला सशक्तिकरण हो। उन्होंने कहा कि हमारे उद्यम में आधी संख्या महिलाओं की हैं। जैसे-जैसे हम तरक्की करते जाएंगे, नई रोजगार की संभावनाएं भी हम जय सुपर बेकर्स में उपलब्ध करा पाएंगे।
अवसर पर्याप्त, आगे आएं उद्यमी, हम करेंगे मदद- जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक श्री राजीव शुक्ला ने बताया कि उद्यमियों को आगे बढ़ाने हम लोग प्रतिबद्ध हैं। हम उनके प्रकरण भी तैयार कराते हैं और मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं। खुशी की बात है कि अनेक उद्यमी इस ओर आगे आ रहे हैं और हम उनके प्रकरण तैयार कर रहे हैं। -
दुर्ग 13 जुलाई : आंगनबाड़ी केन्द्रों में रेडी-टू-ईट फूड प्रदाय हेतु महिला स्वसहायता समूहों से 25 जुलाई 2020 तक आवेदन आमंत्रित किया गया है। जिले में महिला बाल विकास परियोजनाओं के अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों में रेडी-टू-ईट पूरक पोषण आहार प्रदाय हेतु केवल सेक्टर परिक्षेत्र में स्थित सक्ष्म महिला स्व-सहायता समूहों से प्रस्ताव आमंत्रित चाहा गया है। सक्ष्म महिला स्व-सहायता समूह डाक के माध्यम से आवेदन जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास क पर भेज सकते है। -
दुर्ग 13 जुलाई : जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्या. दुर्ग द्वारा अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के शिक्षित बेरोजगारों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। अनुसूचित जाति योजना में -ट्रेक्टर ट्राली योजना, पैसेन्जर व्हीकल योजना, गुड्स कैरियर योजना, स्माॅल बिजनेस एवं अंत्योदय स्व. यो. बैंक परिवर्तित। अनुसूचित जनजाति योजना में आदिवासी स्व. यो. बैंक परिवर्तित, पिछड़ा वर्ग योजना में -टर्मलोन योेजना, पिछड़ा वर्ग स्व-सहायता समूह (महिला समृद्धि), अल्पसंख्यक वर्ग में -टर्मलोनध्स्व-सहायता समूहध्शिक्षा ऋण हेतु लक्ष्य प्राप्त हुआ हैं।
आवेदक अपना आवेदन 15 जुलाई 20 तक कार्यालीन दिवस में जमा करा सकते है। विस्तृत जानकारी हेतु दूरभाष क्रमांक 0788-2323450 पर एवं जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्या. कलेक्ट्रेट परिसर दुर्ग में संपर्क कर सकते है।