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- दुर्ग : जिले के कुम्हारी वार्ड नंबर 08, पटवारी हल्का नंबर 53, राजस्व निगम मंडल कुम्हारी एवं जामगांव (एम), पटवारी हल्का नंबर 16, राजस्व निगम मंडल जामगांव (एम), कसारीडीह ( सुभाष नगर क्षेत्र वार्ड क्रमांक 42, डीपरापारा क्षेत्र, घासीदास नगर वार्ड क्रमांक 44, पदमनाभपुर छोर वार्ड क्रमांक 46, खंडेलवाल कॉलोनी, पदमनाभपुर वार्ड), पटवारी हल्का नंबर 25 (अ), तहसील दुर्ग, सुरडुंग पटवारी हल्का नंबर 48, राजस्व निगम मंडल कुमारी तहसील धमधा, भिलाई-3, मरार पारा वार्ड क्रमांक 07 पटवारी हल्का नंबर 01, राजस्व मंडल भिलाई-3, अमलेष्वर( हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी ग्रीन अर्थ काॅलोनी गुड आईलैंड) पटवारी हल्का नंबर 05, राजस्व निगम मंडल अमलेष्वर, अहिवारा वार्ड क्रमांक 01, राजस्व निगम मंडल अहिवारा, जजंगीरी, पटवारी हल्का नंबर 49, राजस्व निगम मंडल कुम्हारी, कापसी 07, राजस्व निगम मंडल अमलेश्वर, तहसील पाटन जिला दुर्ग में नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने पर संबंधित क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है।उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित करने के परिणामस्वरूप कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी। इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी पुलिस विभाग के द्वारा पेट्रोलिंग कर की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ ही निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी।
- दुर्ग : धान की फसल जिले की मुख्य खरीफ फसल है। वर्तमान में कृषि क्षेत्र में आयी गति को दृष्टिगत रखते हुए कीट प्रबंधन इसका मुख्य हिस्सा है। धान की फसल को बचाने एवं कीट प्रबंधन के संबंध में कृषि विभाग द्वारा रोग प्रबंधन और निदान के उपाय जारी किये गए है। धान की फसल में कीट और रोग प्रबंधन एक आवश्यक कार्य होता है किसानों को अपने द्वारा लगाई गई फसल का लगातार निरीक्षण करते रहना चाहिए। साथ ही कीट एवं रोग प्रबंधन के उपाय समय समय पर करते रहना चाहिए। किसान समन्वित कीट एवं रोग प्रबंधन कर पौधों की संरक्षण कर अधिकतम उत्पादन प्राप्त कर सकते है। इसके लिए नियमित रूप से फसल का अवलोकन करते रहना चाहिए। जिससे की कीट एवं रोग का प्रारंभिक अवस्था में प्रबंधन व नियंत्रण किया जा सके। भूरा माहो एवं बंकी के नियंत्रण हेतु 24 घंटे के लिए पानी की निकासी करने से कीट नियंत्रण में सहायता मिलती है। खेत के बीच में अलग-अलग जगह ‘टी‘ आकर की खूटियां लगानी चाहिए, जिस पर पक्षी बैठकर हानिकारक कीटों को खा सके। धान की फसल पर रस्सी को दोनों किनारों से पकड़ कर घूमाना चाहिए जिस पर पक्षी बैठकर हानिकारक कीटों को खा सके। कीटों की निगरानी व नियंत्रण हेतु प्रकाश प्रपंच, फेरोमान प्रपंच तथा पीले चिपचिपे प्रपंच करना चाहिए। अनुसंशित मात्रा में रसायनिक खाद उपयोग करना चाहिए। अत्याधिक व अनावश्यक नत्रजन के उपयोग से रसचूचक कीट के आक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। फसलों पर पाए जाने वाले लक्षण के आधार पर कीट एवं रोगप्रबंधन करनी चाहिए।कीट /रोग, लक्षण के आधार पर रसायनिक दवा की मात्रा -कीट -तना छेदक (5 प्रतिशत प्रभावित कंसा)लक्षण -इस कीट की सुंडी अंडों से निकालकर मध्य कलकाओं की पत्ती में छेद कर अंदर घुस जाती है तथा तने को नुकसान पहुंचाती ह,ै जिससे बालियां नहीं निकलती है। बाली अवस्था में प्रकोप होने पर बालियां सूखकर सफेद हो जाती हैं तथा दाने नहीं बनते हैं।प्रति एकड़ दवा की मात्रा-करटॉप हाइड्रोक्लोराइड 4 जी, 8 किलोग्राम, करटॉप हाइड्रोक्लोराइड 50 एसपी, 200 ग्राम, ट्राईजोफास 25, 400-500 मिली, फ्लूबेनडियामाइड 30-35, एस.सी 70 ग्राम का उपयोग करना चाहिए।कीट / रोग का नाम-कीट - पत्ती लपेटक (चितरी) (2 प्रभावित पत्ती हील), लक्षण- इस कीट की सुंडियां पहले मुलायम पत्तियों को खाती है तथा अपनी लार द्वारा रेशमी धागा बनाकर पत्तियों को किनारे से मोड़ देती है यह प्रकोप को सितंबर माह में अधिक देखा जा सकता है। प्रति एकड़ रासनायिक दवा की मात्रा-फोसालोंन, ट्राईजोफास, लेम्ब्डा साईंलोथ्रिरीन 20 ई.सी, 400 मिली करटॉप हाइड्रोक्लोराइड 50 प्रतिशत एसपी, 200 ग्राम ,फ्लूबेनडियामाईड 32-35 प्रतिशत एससी 70 ग्राम का उपयोग करना चाहिए।कीट /रोग का नाम -कीट - भूरा माहो कीट (5-10 कीट प्रति पौधा), लक्षण- इस कीट के प्रौढ भूरे रंग के होते हैं ये पत्तियां एवं कल्लों के मध्य रस चूसकर हानि पहुंचाते हैं। अधिक प्रकोप होने पर फसल में अलग-अलग पैच में पौधे काले होकर सूखने लगते हैं जिसे हापर बर्न भी कहते हैं। प्रति एकड़ रासनायिक दवा की मात्रा- इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल, 80-100 मिली बिफेनथ्रिन, 10 प्रतिशत ई.सी. 100 मिली फेनोब्यूकार्न, 50 ई.सी. 400-500 मिली ब्यूप्रोफेजिन 25 प्रतिशत डब्लुपी 120-200 मिली का उपयोग करना चाहिए।कीट /रोग का नाम -कीट -ब्लास्ट रोग (5-10 प्रतिशत ग्रसित पत्ती), लक्षण- पत्तियों पर आंख के आकार के जंग युक्त भुरे धब्बे इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं। प्रति एकड़ रासनायिक दवा की मात्रा- ट्राईसाईक्लोजोल 75 प्रतिशत डब्लूपी 120 ग्राम कीटाजीन 250 मिली हेकजोकोनजोल 5 प्रतिशत ई.सी 500 ग्राम का उपयोग करना चाहिए।कीट /रोग का नाम -कीट - शीथ ब्लास्ट 10 प्रतिशत ग्रसित कंसा, लक्षण- पौधे के आवरण पर अंडाकार स्लेट धब्बा पैदा होता है एवं भूरे रंग के रोगी स्थान बनते हैं। बाद में में ये तनों को चारों और घेर लेते हैं। प्रति एकड़ रासनायिक दवा की मात्रा- कार्बेडाजिम 50 प्रतिशत डब्लू पी 500 ग्राम, हेक्जकेनाजोल 5 प्रतिशत ईसी 1 लीटर 500 मिली का उपयोग करना चाहिए।कीट / रोग का नामकीट -- जीवाणु जनित पर्ण झुलसा रोग, लक्षण- पत्तियों पर पीली या पुआल के रंग का लहरदार धारियाँ बनती है तथा सिरे से शरू होकर नीचे की ओर बढ़ती है और पत्तियां सूख जाती है। प्रति एकड़ रासनायिक दवा की मात्रा-स्ट्रेटोंमाईसीन सल्फेट 90 प्रतिशत और टेट्रासाईक्लीन हाइड्रोक्लोरोड 10 प्रतिशत 15 ग्राम का उपयोग करना चाहिए।
- शास्त्री अस्पताल, सुपेला के औचक निरीक्षण पर पहुंचे कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, सफाई व्यवस्था की बदहाली पर जताई सख्त नाराजगी
दुर्ग : कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे आज औचक निरीक्षण के लिए सुपेला स्थित शास्त्री अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने साफ-सफाई और अस्पताल की व्यवस्था से सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि दुर्ग जिले का यह सबसे महत्वपूर्ण अस्पताल है लेकिन प्रबंधन द्वारा साफसफाई पर एकदम लचर रवैया अख्तियार किया गया है। टायलेट गंदे हैं। कई जगहों पर पान के पीक से दीवारें रंगी हैं। यह बिल्कुल ही लापरवाह व्यवस्था है। एक सप्ताह के भीतर साफ-सफाई की व्यवस्था मुकम्मल करें, अगले हफ्ते इसी समय पुनः आउंगा। सफाई की ऐसी स्थित कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर के दौरे के दौरान नगर निगम कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी, सिविल सर्जन डाॅ. बालकिशोर सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। कलेक्टर ने अस्पताल प्रबंधन को कहा कि अस्पताल की बेहतरी के लिए डीएमएफ द्वारा सहयोग प्रदाय किया गया है।समय-समय पर हमेशा इस बाबत समीक्षा की जाती है कि अस्पताल की बेहतरी के लिए हम किस तरह से सहयोग कर सकते हैं लेकिन इसके बावजूद भी अस्पताल में प्रभावी व्यवस्था का नजर नहीं आना प्रबंधन की लापरवाही दिखा रहा है। यह व्यवस्था ठीक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई के लिए यदि मौजूदा व्यवस्था सक्षम नहीं हो पा रही है तो इसकी वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कल ही जीवनदीप समिति की बैठक आहूत करने के बारे में कहा। कलेक्टर ने कहा कि डीएमएफ के माध्यम से अधोसंरचना मद में पर्याप्त फंड उपलब्ध कराया गया है। अस्पताल में आधारिक संरचना अच्छी है इसका प्रभावी लाभ मरीजों को मिलना चाहिए। अस्पताल के बेहतर संचालन के लिए और मरीजों को सुविधाएं मुहैया कराने में जीवनदीप समिति की प्रभावी भूमिका हो सकती है इसकी राशि का प्रयोग करें। कलेक्टर ने सुपेला अस्पताल में काम कर रहे चिकित्सकों तथा स्टाफ की विस्तृत जानकारी भी ली। उन्होंने प्रभारी अधिकारी से यहां कार्यरत लोगों की पदस्थापना अवधि के संबंध में आज ही शाम को जानकारी देने के लिए कहा।कोविड को लेकर हो प्रभावी रिस्पांस- कलेक्टर ने फीवर क्लीनिक, लैंब, मार्च्यूरी भी देखा। उन्होंने कहा कि फीवर क्लीनिक के संबंध में जो निर्देश पूर्व की बैठकों में दिये गए हैं। उनका प्रभावी रूप से पालन होना चाहिए। कोविड को लेकर जो प्रोटोकाल बताये गए हैं उनके मुताबिक ही काम हो। शवों को परिजनों को सौंपने के मामले में किसी तरह का विलंब नहीं हो। उन्होंने कहा कि कोविड से जुड़े हुए किसी भी तरह के कार्य में किसी तरह का विलंब नहीं होना चाहिए। शास्त्री अस्पताल में काफी संख्या में मरीज आते हैं इसके मुताबिक प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करना प्रबंधन की जिम्मेदारी है।कबाड़ को लेकर जताई नाराजगी- कलेक्टर ने अस्पताल परिसर में कबाड़ के यत्रतत्र रखे जाने को लेकर भी गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि प्रबंधन को यह सब देखना चाहिए। अस्पताल परिसर में सफाई सबसे अहम होती है। मरीजों की बेडशीट उनको दी जाने वाली अन्य सुविधाओं पर प्रबंधन प्रभावी रूप से निगरानी रखे। - नाबार्ड के अधिकारियों के साथ जिला प्रशासन की बैठक में बनाई गई रणनीतिएफपीओ के प्रमोशन के लिए क्रेडिट गारंटी मिलेगी, इसके माध्यम से एफपीओ खर्च कर पाएगा, इसका उद्देश्य सीमांत और छोटे किसानों को सामूहिकता की ताकत देना ताकि आधुनिक तकनीक और बड़े बाजार तक अपनी पकड़ बना सकेंदुर्ग: देश भर में सीमांत और छोटे किसानों को जोड़कर एफपीओ बनाने के लिए प्रेरित करने की दिशा में पहल की जा रही है। दुर्ग जिले में इस संबंध में कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे की अध्यक्षता में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ नाबार्ड के अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में किसानों की कंपनी की संभावनाओं के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। कलेक्टर डाॅ. भुरे ने कहा कि हार्टिकल्चर और मत्स्यपालन में जिले में बड़ी संभावनाएं हैं। उद्यानिकी में केला, पपीता और ड्रैगन फ्रूट जैसी फसल किसान बड़ी मात्रा में लेते हैं। अगर किसानों को एफपीओ के माध्यम से संगठित किया जाए तो उन्हें एफपीओ को मिलने वाली सरकारी मदद मिल सकती है ताकि वे अपनी खेती को भी बेहतर तरीके से कर सकें और अपने उत्पादों के लिए भी बेहतर बाजार तय कर सकें। बैठक में नाबार्ड के प्रबंधक श्री बारा ने विस्तार से इस संबंध में जानकारी दी। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक, डीडीए श्री अश्विनी बंजारा, डीडी वेटरनरी श्री एमके चावला सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।हार्टिकल्चर और मत्स्यपालन पर दें विशेष ध्यान- कलेक्टर ने कहा कि हार्टिकल्चर से जुड़े किसान यदि कंपनी के माध्यम से जुड़ जाते हैं तो उनके लिए काफी अच्छी संभावनाएं बनेंगी। इस तरह के उत्पाद के एक जगह मिल जाने से इनकी प्रोसेसिंग से जुड़ी कंपनियां बल्क में खरीदी कर सकेंगी। चूंकि सरकार द्वारा एफपीओ को स्थापित करने में बड़ा सहयोग दिया जाएगा अतः किसानों के लिए भी यह अच्छा अवसर रहेगा। इस दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि मत्स्यपालन में जिले में बड़ी संभावनाएं हैं जहां कहीं भी वाटर बाडी है वहां इस तरह का काम होना चाहिए। साथ ही एफपीओ में जोड़ने की कोशिश होनी चाहिए।क्या फायदा होगा एफपीओ से- कोई सीमांत किसान यदि खेती करता है तो कुछ सीमाएं हैं जिसकी वजह से उसे पूरा लाभ नहीं मिल पाता। इसके लिए उसे कल्टीवेटर चाहिए, कंबाइन हार्वेस्टर चाहिए, टिलर चाहिए। उद्यानिकी फसलों के लिए उसे स्प्रिंकलर सेट की जरूरत पड़ेगी। अकेले इसका खर्च वहन करना कठिन होता है। अब मान लीजिए कि वो किसी फार्मर प्रोड्यूसिंग कंपनी का हिस्सा बन जाता है तो यह कंपनी उसे तकनीकी साधन मुहैया कराएगी। चूंकि इसके लिए शासन द्वारा कंपनी को क्रेडिट गारंटी मिलती है अतएव कंपनी स्वयं अपने खर्च से यह तकनीकी साधन क्रय कर सकती है। दूसरा बड़ा सहयोग किसान को यह मिलेगा कि कंपनी उसके लाजिस्टिक का कुछ खर्च भी वहन कर सकती है क्योंकि कंपनी द्वारा बहुत से किसानों के उत्पाद को बल्क मात्रा में मार्केट में पहुंचाया जा रहा है। तीसरा बड़ा सहयोग बाजार को लेकर मिल पाएगा। कंपनी बाजार का चिन्हांकन करेगी तथा अधिक मात्रा में सप्लाई होने की वजह से किसान को अच्छा रेट भी मिल पाएगा जो चिल्हर की वजह से नहीं मिल पाता है।
- कलेक्टर ने कहा कि इन निर्देशों पर पूरा अमल करें, परिजनों के लिए होती है चिंता की घड़ी, जितना तेज रिस्पांस कर पाएंगे उतना अच्छा, इससे कोविड नियंत्रण पर भी होगी आसानीदुर्ग : कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज स्वास्थ्य विभाग की अहम बैठक में अब तक कोविड संबंधी हुई कार्रवाई और भविष्य की रणनीति पर अहम चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण समय है। इसका एक पल भी गंवाए बगैर बेहतर रिस्पांस से कोविड आपदा को रोकना है। जितना तेज रिस्पांस होगा, संक्रमण उतना ही रुकेगा। मरीजों के पॉजिटिव चिन्हांकन होने के बाद इन्हें अस्पताल तक पहुंचाने के लिए आप जो कार्रवाई कर रहे हैं उस पर लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। हम कोशिश करें कि यह बेहतरीन हो। जितना तेज हम रिस्पांस करेंगे, कोरोना मरीज को भी राहत मिल पाएगी, घर वालों को भी संक्रमण से बचाया जा सकेगा। साथ ही रिस्पांस टाइम बेहतर होने से परिजनों की चिंता भी दूर हो सकेगी। कोरोना से मृत लोगों के शव अंतिम संस्कार के लिए परिजनों से संपर्क करने और प्रोटोकॉल के मुताबिक इस पर कार्रवाई करना भी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस पर जरा भी विलंब नहीं होना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग की बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जिन मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति दी गई है उनके स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग कर रही टीम पूरा ध्यान रखें। इस संबंध में उनके दिन भर की अपडेट्स से अवगत भी कराते रहें ताकि मोनोटरिंग का पूरा रिकॉर्ड रख सकें, इससे मरीज को जल्द स्वास्थ्य लाभ के लिए या अन्य मेडिकल केअर के लिए निर्णय लेने में आसानी होगी। निजी अस्पतालों में की जा रही मॉनिटरिंग के संबंध में भी उन्होंने विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी हुई तकलीफ वाले मरीजों पर विशेष नजर रखें। साथ ही यह भी देखें कि यहां कोरोना प्रोटोकॉल के अंतर्गत पीपीई किट वगैरह जरूरी तैयारी की गई है या नहीं। कलेक्टर ने कहा कि पॉजिटिव चिन्हांकित होते ही शिफ्टिंग का कार्य बिना विलंब सर्वोच्च प्राथमिकता से करें। इस प्रक्रिया में रिस्पांस टाइम का ध्यान रखें। इस दौरान प्राइमरी कांटेक्ट की ट्रेसिंग पर भी विशेष ध्यान दें। इस संबंध में पूर्व में किये गए प्रशिक्षण में विस्तार से जानकारी दी गई है, इसके मुताबिक ही पूरा फोकस करते हुए कार्य करें। उन्होंने कन्टेनमेंट जोन में चल रहे सर्वे कार्य की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस कार्य में लगे लोगों को सुरक्षा संबंधी सामग्री मिल रही है यह भी सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने डेटाबेस के आधार पर भी लोगों के स्वास्थ्य की नियमित जानकारी लेने कहा। बैठक में भिलाई निगम आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
- दुर्ग: जिले के सदर बाजार, पटवारी हल्का नंबर 24, आपापुरा वार्ड क्रंमाक 31, पटवारी हल्का नंबर 24, बोड़ेगांव पटवारी हल्का नंबर 14, राजस्व निगम मंडल दुर्ग-1, बोराई पटवारी हल्का नंबर 3, राजस्व निगम मंडल दुर्ग-2, उमरपोटी पटवारी हल्का नंबर 42, राजस्व निगम मंडल उतई, देउरकोना पटवारी हल्का नंबर 18, राजस्व निगम मंडल बोरी, बागडूमर पटवारी हल्का नंबर 28, राजस्व निगम मंडल अहिवारा, अहेरी पटवारी हल्का नंबर 28, राजस्व निगम मंडल अहिवारा,सिरसाकला(सिरसाभाठा) वार्ड क्रंमाक 37, पटवारी हल्का नंबर 02, राजस्व निगम मंडल चरोदा, सांकरा पटवारी हल्का नंबर 08, राजस्व निगम मंडल अमलेश्वर, केसरा पटवारी हल्का नंबर 55, राजस्व निगम मंडल रानीतराई, तहसील पाटन, चरोदा (महामाया अपार्टमेंट), वार्ड क्रंमाक 23, पटवारी हल्का नंबर 57, ढौर पटवारी हल्का नंबर 24, राजस्व निगम मंडल सेलूद, तहसील पाटन, गिरहोला पटवारी हल्का नंबर 38, राजस्व निगम मंडल दारगांव, तहसील धमधा, जिला दुर्ग में नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने पर संबंधित क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है।उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित करने के परिणामस्वरूप कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी। इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी पुलिस विभाग के द्वारा पेट्रोलिंग कर की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ ही निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी।
- मनरेगा के माध्यम से 320 मानव दिवस के अकुशल श्रमिक होंगे नियोजितचिन्हांकित गांवों में इस कार्य के लिए जिला पंचायत सीईओ ने दिये निर्देश
दुर्ग : स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत चिन्हांकित गांवों में सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण होगा। इसके लिए 320 दिवस का अकुशल मानव श्रम मनरेगा के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। इस संबंध में कार्यवाही करने के लिए जनपद पंचायतों को निर्देश जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने दिये हैं। उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में ओडीएफ की स्थिरता के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य किये जा रहे हैं। इससे अस्थायी और प्रवासी आबादी की आवश्यकताओं की भी पूर्ति होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में ओडीएफ-प्लस के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण के तहत स्वच्छता परिसरों का निर्माण सामुदायिक स्तर पर एक महत्वपूर्ण कार्य है। स्थानीय स्तर पर रोजगार प्रदान करने और सामुदायिक संरचनाओं को मजबूत करने सामुदायिक स्वच्छता परिसरों के निर्माण के लिए मानव दिवस तक का अकुशल श्रमिक अंश मनरेगा से उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्माण के लिए जारी प्राक्कलन एवं तकनीकी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा।श्री एस. आलोक मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दुर्ग द्वारा बताया गया कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), मनरेगा एवं पंचायत मद अभिसरण के माध्यम से जनपद पंचायत दुर्ग में 19 सामुदायिक शौचालय राशि रू. 2.20 लाख प्रति सामुदायिक शौचालय की दर से निर्माण किये जाने की स्वीकृति दी गई है। सभी स्वीकृति सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसमें राशि 1.80 लाख रू. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) राशि 20 हजार रू. पंचायत मद से एवं राशि 20 हजार रू. की मनरेगा मजदूरी भुगतान किया जायेगा। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), फेस-2 की मार्गदर्शिका अनुसार नवीन सामुदायिक शौचालय का निर्माण राशि रू. 3.50 लाख से प्रत्येक ग्राम में किया जाना है। जिसमें राशि 2.10 लाख रू. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), राशि 90 हजार रू. 15 वें वित्त आयोग एवं राशि 50 हजार रू. की मजदूरी का भुगतान मनरेगा से किया जा रहा है। ग्राम पंचायत पतोरा जनपद पंचायत पाटन में राशि रू. 3.50 लाख का सामुदायिक शौचालय निर्माण किये जाने की स्वीकृति दी जा चुकी है।ग्राम पंचायतों से सामुदायिक शौचालय निर्माण में अंशदान रखरखाव संबंधित शपथ पत्र एवं प्रस्ताव प्राप्त कर स्वीकृति जारी की जा रही है। वल्र्ड बैंक परफारमेंस ग्रांट मद अंतर्गत पायलेट प्रोजेक्ट हेतु प्रदाय आबंटन से ग्राम पंचायत अमलेश्वर, जनपद पंचायत पाटन एवं ग्राम पंचायत मचांदुर, जनपद पंचायत दुर्ग में राशि रू. 12.43 लाख के दिव्यांगजनों एवं तृतीय लिंग समुदाय हेतु सामुदायिक शौचालय निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है। वल्र्ड बैंक परफार्मेंस ग्रांट मद से हाईवे के समीप राशि रू. 5.00 लाख प्रति सार्वजनिक शौचालय की दर से ग्राम पंचायत अण्डा, दुर्ग, जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत बोरी, जनपद पंचायत धमधा एवं ग्राम पंचायत फुण्डा, जनपद पंचायत पाटन में सार्वजनिक शौचालय निर्माण किये जाने की स्वीकृति जारी कर कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। - दुर्ग : दुर्ग जिले के 200 स्कूलों में जिसमें दुर्ग विकास खंड के 112 एवं पाटन विकास खंड के 88 प्राथमिक शालाओं में कक्षा 1 व 2 के लिए “नींव अधिगम कार्यक्रम” चलाया जा रहा है। यह जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा दुर्ग एवं लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन (एलएलएफ) के माध्यम से संचालित है, जिसमें बच्चों की भाषाई दक्षता हेतु कार्य किया जा रहा है। महामारी ‘कोविड -19’ की वजह से मार्च से ही स्कूल प्रदेश के स्कूल बंद चल रहे हैं। इस अवधि में भी बच्चों का पढना लिखना जारी रहे, इसके लिए कक्षा 2 के बच्चों के लिए अगले तीन माह (अगस्त से नवम्बर) हेतु “हर घर स्कूल’’ कैंपेन प्रारंभ किया गया है.बच्चों के पढ़ने-लिखने के लिए सरल और सुनियोजित अभ्यास पुस्तिका और पठन पुस्तिका एलएलएफ के सहयोग से उपलब्ध करायी गई है। शिक्षक बच्चों एवं पालकों से प्रतिदिन ‘’मिस कॉल गुरु जी‘’ के अंतर्गत 200 शालाओं के 4664 बच्चों को फोन पर जुड़कर मार्गदर्शन देते हैं। इसकी सतत (साप्ताहिक एवं पाक्षिक) मानिटरिंग होती है। एलएलएफ की टीम इस हेतु बच्चों एवं उनके पालकों/शिक्षकों से जुड़कर लगातार मार्गदर्शन प्रदान रही है। आवश्यकता पड़ने पर सी.ए.सी., शिक्षक एवं एलएलएफ टीम द्वारा बच्चों के घर विजिट किया जाता है। इस कार्य हेतु अभिभावक द्वारा वालंटियर का सहयोग भी लिया जा रहा है। इस कार्य हेतु समय समय पर शिक्षक एवं सी.ए.सी. का उन्मुखीकरण किया जाता है। उपरोक्त गतिविधि की जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास बघेल, जिला मिशन समन्वयक श्री सुरेन्द्र पाण्डेय एवं अकादमिक मिशन समन्वयक श्री विवेक शुक्ला द्वारा सतत मानिटरिंग एवं मार्गदर्शन किया जा रहा है।
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दुर्ग : दुर्ग संभाग के कमिश्नर श्री टी.सी.महावर ने कल बालोद सर्किट हाउस में अधिकारियों से चर्चा कर जिले में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली और उन्हें आवश्यक निर्देश दिए। बालोद कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे इस अवसर पर मौजूद थे। कमिश्नर ने कलेक्टर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से जिले में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव व रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए।
कमिश्नर श्री महावर ने कृषि विभाग के उपसंचालक से जिले में कृषि कार्य की प्रगति, वर्षा एवं फसल की स्थिति तथा खाद की उपलब्धता की जानकारी ली। उन्होंने जिले में फसल चक्र परिवर्तन तथा कृषि में नवाचार के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने जिले में मक्का, कोदो, कुटकी फसल के लिए भी चर्चा की। कमिश्नर श्री महावर ने उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक को गौठानों के रिक्त भूमि पर हल्दी, अदरक लगाने स्वसहायता समूहों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने शासन की बाड़ी विकास योजना के तहत विभिन्न साग-सब्जी उत्पादन के लिए स्वसहायता समूहों को मार्गदर्शन देने के निर्देश दिए।कमिश्नर ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता से बालोद आवर्धन प्रदाय योजना, नलजल प्रदाय योजना, स्थलजल प्रदाय योजना, आयरन प्रभावित और फ्लोराइड प्रभावित हैण्डपम्प आदि की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए।उन्होंने जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की प्रगति की जानकारी पीएमजीएसवाय के कार्यपालन अभियंता से ली और भूमि संबंधी किसी भी समस्या का समुचित निराकरण कराने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना और मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का लक्ष्य और प्रगति की जानकारी ली और निर्धारित लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए। - दुर्ग : मनरेगा के अंतर्गत जिला पंचायत एवं जनपद स्तर पर सहायक परियोजना अधिकारी, कार्यक्रम अधिकारी एवं तकनीकी सहायक पद हेतु आवेदन आमंत्रित किये गए थे।कार्यालय द्वारा पात्र/अपात्र आवेदनों की सूची प्रकाशित कर दी गई है जिसे जिला दुर्ग के वेबसाइट ूूूण्कनतहण्हवअण्पद पर देखा जा सकता है।अपलोड की गई सूची में यदि किसी आवेदक को उल्लेखित जानकारी त्रुटिपूर्ण लगती हो तो संबंधित आवेदक निर्धारित प्रारूप में अपनी दावा-आपत्ति मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत दुर्ग (मनरेगा प्रकोष्ठ) के नाम से 3 सितंबर 2020 तक डाक द्वारा प्रस्तुत कर सकते हैं।
- तीन घंटे की कड़ी मशक्कत कर किया आपरेशन, चट्टान काट कर बच्चे की बचाई जांच
दुर्ग में खबर लगते ही दो घंटे के भीतर टीम पहुंची राजनांदगांव के गंडई
दुर्ग : जिले में मौजूद एनडीआरएफ की टीम की तत्परता से गंडई में दस साल के बच्चे की जान बच गई। राजनांदगांव जिले के गंडई के एक छोटे से गांव ठंडार का यह बच्चा एक पहाड़ी नाले नर्मदा में दो चट्टानों के बीच फंस गया था। स्थानीय प्रशासन ने कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली।
जेसीबी लगाई गई लेकिन नहीं हो पाया। ऐसे में एसडीआरएफ ने तुरंत दुर्ग स्थित एनडीआरएफ की टीम को फोन किया। फोन आते ही 21 सदस्यीय दल कमांडर श्री शैलेंद्र प्रसाद मौके पर पहुंचे। श्री प्रसाद ने मौके की नजाकत देखी और पानी में उतरने का फैसला किया। यह आपरेशन रात को चला और बेहद जोखिम भरा था क्योंकि पानी काफी अधिक था, नजर नहीं आ रहा था।
सदमें में बच्चे को फिट आ रहे थे। चुनौती यह थी कि बच्चे का पैर भी निकाला जाए और उसे किसी तरह की चोट भी नहीं आए। वैसे ऐसी किसी स्थिति के लिए डाक्टरों का पूरा दस्ता मौजूद था। 21 सदस्य चिपिंग हैमर की मदद से लगातार काम करने लगे। उन्होंने दो घंटे के भीतर यह असंभव कार्य पूरा कर दिखाया। रात एक बजे जब बच्चे को निकाला गया तो सबके चेहरे पर सुकून था। सबने एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम को बहुत बधाई दी जिनकी तत्परता के चलते बच्चे की जान बचाई जा सकी। बच्चे के अभिभावक भी बहुत भावुक हो गये थे।
नजारा देखने लायक था रात को जब बच्चे को गोद में लेकर टीम उफनते नाले से बाहर निकली तो लोगों ने जयकारा लगाया। एनडीआरएफ की टीम दुर्ग में ही नियुक्त है और इस प्रकार के रेस्क्यू कार्य में टीम को महारत हासिल है। टीम समय-समय पर माकड्रिल भी करती है ताकि इस तरह का खतरा होने पर तुरंत अच्छे से रिस्पांस किया जाए। घटना के संबंध में जानकारी देते हुए श्री प्रसाद ने बताया कि पानी इतना तेज था कि कटिंग और ड्रिलिंग बहुत कठिन थी। अंधेरा होने की वजह से और पानी के भीतर चट्टान होने की वजह से आब्जेक्ट का जजमेंट काफी कठिन था।
इसके साथ ही बच्चों को भी संभालना था और बहुत तेजी से कार्य करना था। श्री प्रसाद ने बताया कि मैं अपनी टीम का इस कार्य के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंने अनथक प्रयत्न कर लगातार ड्रिलिंग का कार्य किया क्योंकि थोड़ी भी देर हो जाती तो बच्चे का धैर्य जवाब दे देता क्योंकि बच्चा कई घंटों से पानी में फंसा हुआ था।
रेस्क्यू की स्थिति में इस नंबर पर कर सकते हैं संपर्क- कोलेप्स स्ट्रक्चर, सर्च और रेस्क्यू के केस में एनडीआरएफ से संपर्क किया जा सकता है। इनके कमांडर श्री शैलेन्द्र प्रसाद से ऐसी किसी स्थिति में उनके मोबाइल नंबर 9911695711 में संपर्क किया जा सकता है। -
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जालसाजों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई
दुर्ग : स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिले के उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में इंटरव्यू के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास बघेल के समक्ष यह प्रकाश में आया है कि कुछ लोगों द्वारा अभ्यर्थियों को फोन कॉल करके यह कहा जा रहा है कि यदि वे रुपए देंगे तो शिक्षक पद पर उनकी भर्ती हो जाएगी।जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मामले की सूचना सिटी कोतवाली थाना दुर्ग को दे दी गई है। उन्होंने इन जालसाजों से दूर रहने की अपील भी की है । उन्होंने बताया कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता के साथ कि जाएगी, इसलिए अभ्यर्थी किसी भी प्रकार के झांसे में न आएं। उन्होंने कहा कि समय-समय पर ऐसे गैंग सक्रिय हो जाते हैं जो लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे रुपए ऐंठने की कोशिश करते हैं।उन्होंने कहा कि यदि रुपए लेकर शिक्षक की नौकरी दिलाने के संबंध में कोई भी व्यक्ति फोन अथवा दूसरे माध्यम से उनसे संपर्क करता है तो सावधान हो जाएं और तत्काल इसकी सूचना जिला शिक्षा अधिकारी को दें। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों से प्राप्त शिकायत के आधार पर सायबर सेल में भी शिकायत दर्ज की गई है।उन्होंने बताया की अभ्यर्थियों को जिन मोबाइल नम्बरों से कॉल आए हैं वे हैं- 89677-87733, 95471-65649 एवं 62897-91218 सायबर सेल द्वारा इन नंबरों को ट्रेस करने पर इनका लोकेशन नालंदा बिहार में होने की जानकारी मिली। जिला शिक्षा अधिकारी ने उपरोक्त नम्बरों से सावधान रहने और ऐसे किसी भी कॉल की सूचना तत्काल देने की अपील की है। - दुर्ग : जिले के बोड़ेगांव, पटवारी हल्का नंबर 14, राजस्व निगम मंडल दुर्ग-1, अहिवारा वार्ड क्रमांक 8 टाउनशीप पटवारी हल्का नंबर 29, अहिवारा नंदनी टाउनशीप वार्ड क्रमांक 9, पटवारी हल्का नंबर 29, कोड़िया, पटवारी हल्का नंबर 27, राजस्व निगम मंडल अहिवारा, पतोरा पटवारी हल्का नंबर 26 राजस्व निगम मंडल सेलूद, बठेना पटवारी हल्का नंबर 36, राजस्व निगम मंडल पाटन, दुर्ग, सदर बाजार, ब्राम्हण पारा वार्ड 32, पटवारी हल्का नंबर 24, कुम्हारी वार्ड नंबर 1, पटवारी हल्का नंबर 53, अगार पटवारी हल्का नंबर 03, राजस्व निगम मंडल पेण्ड्रावन, तहसील धमधा, दुर्ग, शंकर नगर वार्ड नंबर 11, पचरी पारा वार्ड नंबर 28, उमरपोटी, पटवारी हल्का नंबर 42, राजस्व निगम मंडल उतई, ननकट्ठी, पटवारी हल्का नंबर 14, राजस्व निगम मंडल दुर्ग-1, अमलेश्वर पटवारी हल्का नंबर 05, राजस्व निगम मंडल अमलेश्वर तहसील पाटन, जिला दुर्ग में नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने पर संबंधित क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित करने के परिणामस्वरूप कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी।इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी पुलिस विभाग के द्वारा पेट्रोलिंग कर की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ ही निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी।
- दुर्ग : जेवरा सिरसा में पदस्थ भौतिक शास्त्र की व्याख्याता श्रीमती सपना सोनी को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है। सपना ने अपने शैक्षणिक हुनर और इस क्षेत्र में किये जा रहे लगातार प्रयास के माध्यम से यह सफलता हासिल की है। प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर भारत सरकार द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान प्रदान किया जाता है।इस साल पूरे देश से 47 शिक्षकों को चयनित किया गया है। जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य से एकमात्र शिक्षिका श्रीमती सपना सोनी हैं। श्रीमती सोनी शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला जेवरा-सिरसा में व्याख्याता (भौतिक शास्त्र) के रूप में पदस्थ हैं। पूरे देश से विभिन्न राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेश एवं स्वतंत्र एजेंसियों से 153 शिक्षकों का राष्ट्रीय ज्यूरी द्वारा साक्षात्कार लिया गया। जिसके बाद श्रीमती सपना सोनी को चयनित किया गया।श्रीमती सपना सोनी ने अपने समर्पित शिक्षण-कौशल के साथ नवीन व आधुनिक अध्यापन विधियों का उपयोग करते हुए एक नवाचारी शिक्षण विधि विकसित की जिसकी मदद से विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। उल्लेखनीय है कि
जनसहयोग से सन् 2014 में जिले के शासकीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास की स्थापना हुई। इस अवसर का उपयोग करते हुए वर्ष 2014 से ही श्रीमती सपना ने आई सी टी के माध्यम से नवीन शिक्षण प्रविधियों द्वारा अध्यापन, हिन्दी माध्यम में ई- कन्टेंट विकसित कर विद्यार्थियों के अधिगम को सरल, रूचिकर व प्रभावशाली बनाया। उन्होंने एजुकेशनल विडियोज के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई को आसान बनाने से लेकर संस्था में अंतरिक्ष विज्ञान क्लब के स्थापना व क्रियान्वयन द्वारा विद्यार्थियों में वैज्ञानिक अभिवृत्ति उत्पन्न करने में सफलता प्राप्त की।संस्था में विज्ञान कार्नर जैसे नवाचार से विज्ञान के विद्यार्थियों को काफी मदद मिली। परिणामतः विगत् 12 वर्षों से संस्था के विद्यार्थीगण उनके उत्कृष्ठ मार्गदर्शन में विभिन्न प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि दुर्ग जिले से विद्यार्थी साइंस के क्षेत्र में नवाचार का प्रदर्शन कर रहे हैं, सपना जैसे शिक्षकों की मदद से विज्ञान को रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाकर रोचक ढंग से विज्ञान सीख और समझ रहे हैं। यहाँ के विद्यार्थी न केवल देश में बल्कि जापान जैसे देश में भी विज्ञान का मॉडल प्रदर्शित कर चुके हैं। इसके पीछे सपना जैसे शिक्षकों का उल्लेखनीय योगदान है। - दुर्ग: दुर्ग जिले में संचालित शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में आवश्यकतानुसार शिशु रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, निश्चेतना विशेषज्ञ, सर्जरी विशेषज्ञ एवं एमडी मेडिसिन (जनरल मेडिसिन) की संविदा नियुक्ति किया जाना है। इस हेतु इच्छुक आवेदक अपने संपूर्ण दस्तावेजों के साथ निर्धारित प्रारूप में अपना आवेदन निर्धारित तिथि एवं समय पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में जमा कर सकते हैं। विस्तृत विज्ञापन एवं आवेदन प्रारूप जिले की वेबसाइट www.durg.gov.in में देखा व डाउनलोड किया जा सकता है।
- दुर्ग : कलेक्टर श्री सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे द्वारा गणेश चतुर्थी के अवसर पर 22 अगस्त को स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार लगातार तीन दिनों अवकाश होने के कारण एक दिवस के लिए समस्त अस्पतालों को 2 घंटे खोले जाने के निर्देश दिए हैं। अतः उपरोक्त निर्देश के परिपालन में जिला चिकित्सालय दुर्ग की ओपीडी 22 अगस्त को सुबह 10ः00 से 12ः00 बजे तक खोली जाएगी।
- स्वच्छ महोत्सव में 25 हजार से कम जनसंख्या वाले नगरीय निकायों में सबसे साफ शहर पाटन, मिला ईस्ट जोन में क्लीनेस्ट सिटी का खिताबपाटन को सबसे साफ शहर बनाने में स्व सहायता समूह की दीदियों की रही महत्वपूर्ण भूमिकाकचरे का सही प्रबंधन कर हर माह 80 हजार से एक लाख रुपए की आमदनीदुर्ग : छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का छोटा सा शहर पाटन, शहर छोटा है मगर इस शहर के नाम बड़े कारनामे दर्ज हैं। प्रदेश के मुखिया इसी शहर से आते हैं।मगर आज इस शहर ने एक और बड़ा कारनामा कर दिखाया है। स्वच्छ महोत्सव 2020 में पाटन को 25 हजार से कम जनसंख्या वाली केटेगरी में देश में सबसे साफ शहर होने का खिताब मिला है। बड़ी बात ये है कि स्वच्छ सर्वेक्षण अपनी तरह का विश्व के में सबसे बड़ा सर्वेक्षण है जिसमें 4242 से अधिक शहरों में स्वतंत्र एजेंसी द्वारा सर्वे किया गया।जिसमें देश भर में गार्बेज फ्री शहर और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के पूरे मापदंडों पर खरा उतरते हुए पाटन नगर पंचायत ने ये उपलब्धि हासिल की है। उपलब्धि के पीछे निःसंदेह प्रदेश के मुखिया का सतत मार्गदर्शन और प्रशासन की कर्तव्यपरायणता तो है ही। मगर खास बात ये है कि ये शहर की महिलाओं के जज्बे का ईनाम भी है।नगर पंचायत के सीएमओ श्री जितेंद्र कुशवाहा ने बताया कि स्व सहायता समूह की महिलाओं की बदौलत हमनें ये उपलब्धि हासिल की है। राज्य सरकार का मार्गदर्शन मिला और कामयाबी की नींव रखी हमारी बहनों ने।कुछ अलग कर दिखाने की उत्कंठा ने आज ये सफलता दी है।पाटन मॉडल में क्या है खास जिसने बनाया इन्हें नम्बर वन- पहला उद्देश्य निश्चित रूप से एक साफ सुथरा शहर जहां नागरिकों को साफ परिवेश मिले।कचरा मुक्त होने के साथ साथ कचरे को कंचन में बदलने की चाह और विशेषज्ञता। पाटन को कचरा मुक्त बनाने की जिम्मेदारी मिली स्व सहायता समूह की महिलाओं को।इनका पहला काम था डोर टू डोर जाकर कचरा इकट्ठा करना,दूसरा कचरे का सेग्रिगेशन और तीसरा इस कचरे से कमाई कर आत्मनिर्भर बनना। डोर टू डोर जाकर कचरा इकट्ठा करना आसान था मगर मुश्किल था था कचरे को अलग अलग कर इसका सही इस्तेमाल। घरों से आम तौर पर कचरे के रूप में निकलने वाली चीजें खाद्य सामग्री, फल, सब्जी, पेपर, प्लास्टिक होती है। सूखा और गीला कचरा आपस में मिल जाए या कचरे के कार्बनिक और अकार्बनिक तत्व आपस में क्रिया कर उसकी उपयोगिता नष्ट कर देते हैं इसके बाद कचरे का लिमिटेड उपयोग जैसे खाद निर्माण आदि हो सकता है। इसलिए सबसे शुरुआती कदम इन महिलाओं ने यह उठाया कि नागरिकों को घरों में ही सूखा और गीला कचरा अलग अलग रखने की प्रेरणा दी।घरों से ही सेग्रिगेटेड कचरा मिल जाने से मेहनत तो कम लगी ही साथ ही उसके इस्तेमाल का एक नया आयाम भी खुला।सार्वजनिक स्थानों पर फ्लोटिंग पॉपुलेशन को जागरूक करने के उपाय भी किए गए।उनको प्रेरणा दी गई कि कचरा केवल लिटर बीन में डालें वो भी सूखा और गीला अलग अलग इसकी निगरानी भी लगातार जारी रही । शहर में माॅडल टायलेट विकसित किये गये और लोगों को इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया गया।इसकी बदौलत ओडीएफ डबल प्लस और गार्बेज फ्री अर्थात कचरा मुक्त शहर में ट्रिपल स्टार मिला।मंदिरों से मिले फूल से बनाई अगरबत्तियां,गोबर से दीप और मूर्तियां- पाटन में हर दिन करीब डेढ़ टन कचरा निकलता है।जिसमें हर तरह की चीजें जैसे खाद्य सामग्री, कागज ,प्लास्टिक आदि।इन महिलाओं ने नए कॉन्सेप्ट पर काम किया एक तरफ गीले कचरे सिर्फ खाद बनाने की लिमिटेशन खत्म की और दूसरी तरफ आमदनी का जरिया पैदा किया। फूलों से अगरबत्ती, गोबर से दीप और मूर्तियां बनायीं सूखे कचरे को खुले बाजार में बेचा।जिससे उन्हें हर माह 1 लाख तक कि आमदनी होने लगी। नगर पंचायत के सीएमओ श्री कुशवाहा नेबताया कि सिर्फ फूलों से अगरबत्ती बनाकर ये महिलाएं 50 हजार प्रतिमाह कमा लेती हैं।क्या कहती है समूह की महिलाएं- कंचन में बदलने के काम में लगी स्व सहायता समूह की महिलाएं यह अवार्ड पाकर खुशी और गर्व से झूम उठी हैं। समूह की लता मंडलेश, रामकली, मंडलेश, एरिच कुर्रे, निर्मला, कंचन बताती हैं कि प्रशासन द्वारा उनको सतत मार्गदर्शन मिला साथ ही नागरिकों का सहयोग। राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश और पाटन शहर को पहचान दिलाने में उनका भी योगदान है ये उनके लिए गर्व की बात है।
- सस्टनेबल डेवलपमेंट कैटेगरी में भिलाई तथा भिलाई चरौदा एवं ईस्ट जोन क्लीनेस्ट सिटी कैटेगरी में पाटन ने स्थान लाकर बनाया कीर्तिमान
दुर्ग: आज जारी हुए स्वच्छता अवार्ड में दुर्ग जिले ने इतिहास रच दिया। सस्टनेबल डेवलपमेंट कैटेगरी में भिलाई तथा भिलाई चरौदा पुरस्कृत हुए तथा ईस्ट जोन क्लीनेस्ट सिटी कैटेगरी में पाटन ने स्थान बनाया। इन नगरीय निकायों में स्वच्छता को लेकर जो कार्य लगातार किया गया, उसके परिणामस्वरूप यह स्थिति आई है। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने इस उपलब्धि पर तीनों निकायों को बधाई दी है।भिलाई बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल सिटी - स्वच्छ सर्वेक्षण में भिलाई शहर को 3 से 10 लाख वाली जनसंख्या की कैटेगरी में पूरे भारत में बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल सिटी का राष्ट्रीय अवार्ड/पुरस्कार प्राप्त हुआ है। यह अवार्ड प्रधानमंत्री जी के स्वच्छ महोत्सव कार्यक्रम के तहत प्राप्त हुआ। कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी कक्ष में महापौर एवं भिलाई नगर विधायक श्री देवेंद्र यादव, महापौर परिषद के सदस्य एवं स्वच्छता प्रभारी श्री लक्ष्मीपति राजू एवं आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी, नोडल अधिकारी स्वच्छ भारत मिशन तरुण पाल लहरें, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा ने ऑनलाइन बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल सिटी का अवार्ड प्राप्त किया। स्वच्छता के मापदंडों पर खरा उतरने के लिए नगर पालिक निगम भिलाई के महापौर श्री देवेंद्र यादव एवं आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी के कुशल मार्गदर्शन में स्वच्छता के निचले स्तर के कर्मचारियों से लेकर सभी अधिकारियों ने कड़ी मेहनत की और शहर की जागरूकता जनता ने अवार्ड दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। निगम ने स्वच्छता के विभिन्न मापदंडों पर विशेष रुप से ध्यान देते हुए कार्य किया है। निगम के महापौर श्री देवेंद्र यादव ने कहा कि भिलाई की जनता हमेशा स्वच्छता के प्रति जागरूक है और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने में अपनी पूर्ण सहभागिता दिखाई है, निगम के अधिकारी/कर्मचारी सहित, इससे जुड़े सभी लोगों को एवं शहर की जनता को इसके लिए बधाई देता हूं।कचरा मुक्त शहरों की सूची में शामिल हो चुका है भिलाई मिल चुकी है 3 स्टार रेटिंग- कचरा मुक्त शहरों में भिलाई नगर को सम्मिलित किया जा चुका है तथा भिलाई 3 स्टार रेटिंग प्राप्त कर चुकी है। भिलाई शहर की जनता स्वच्छता के प्रति जागरूक है तभी भिलाई कचरा मुक्त शहर में शामिल हो सका है। स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत निगम प्रशासन ने स्टार रेटिंग एवं वाटर प्लस पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया था। स्वच्छ सर्वेक्षण के महत्वपूर्ण पहलुओं पर काम किया गया। नालियों में कचरा को रोकने के लिए तथा सीधे जल स्रोतों में कचरा न मिले इसके लिए नालियों में जालियां लगाने का कार्य किया गया तथा जीवीपी पाइंट को समाप्त कर सौंदर्यीकरण करने का कार्य किया गया। एसएलआरएम सेंटर में कचरो का पृथकीकरण, घनी आबादी वाले क्षेत्रों की सघन सफाई व डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के अन्तर्गत सभी पैरामीटर को ध्यान में रखते हुए कार्य संपादित किया गया। एसएलआरएम सेंटर की संख्या में भी वृद्धि की जा रही है दो नए एसएलआरएम सेंटर का निर्माण कार्य किया जा रहा है।ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा प्राप्त कर चुका है भिलाई- नगर पालिक निगम भिलाई खुले में शौच मुक्त का दर्जा पूर्व से प्राप्त करता आ रहा है और ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा भी इस वर्ष भिलाई निगम ने प्राप्त किया है, खुले से शौच मुक्त बनाने के लिए अधिकारियों ने प्रातः से ही ओडी वाले स्थानों पर नजर रखने का कार्य किया है, जुर्माना वसूली की, शौचालय को अपडेट किया नतीजन भिलाई को ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा प्राप्त हो चुका है।महापौर श्री देवेंद्र यादव तथा आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी के नेतृत्व में सभी के अथक प्रयासों से निगम भिलाई ने पहली बार स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत यह राष्ट्रीय अवार्ड हासिल किया है। इसमें बीएसपी प्रबंधन एवं शहरवासियों ने अहम भूमिका निभाई है।भिलाई चरौदा में सस्टनेबल डेवलपमेंट कैटेगरी में ईस्ट जोन में दूसरा- भिलाई चरौदा निगम सस्टनेबल डेवलपमेंट कैटेगरी में दूसरे स्थान पर रहा। यहां कमिश्नर श्री कीर्तिमान राठौर ने बताया कि निकाय वर्ष 2019 से ही स्वच्छता के क्षेत्र में शानदार कार्य करता आया है। इसके साथ ही यह भी महत्वपूर्ण तथ्य है कि स्थायी रूप से स्वच्छता के लिए बनाये गए सभी मानदंडों में इस निकाय का प्रदर्शन बेहतर रहा है। उन्होंने बताया कि डिस्पोजेबल कचरे के निष्पादन में इस निगम का काम अग्रणी है। कुछ महीने पहले भारत सरकार के सचिव महोदय ने भी यहां डिस्पोसेबल कचरे का निष्पादन देखा था, साथ ही निगम द्वारा की गई अन्य पहल भी देखी थी और इसे काफी सराहा था। - दुर्ग एवं भिलाई के विकास एजेंडे को लेकर विधायक श्री अरूण वोरा एवं श्री देवेंद्र यादव से कलेक्टर ने की चर्चाकमिश्नर भी रहे मौजूद, भिलाई में निगम कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी बीएसपी प्रबंधन के साथ बैठक आहूत कर बीएसपी क्वार्टर के बैकलाइन सीवरेज, रूफ रिपेयर आदि मुद्दों पर करेंगे चर्चादुर्ग : कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने दुर्ग एवं भिलाई नगर निगम के विकास एजेंडे पर हो रहे कार्य और नागरिक समस्याओं को लेकर विधायक श्री अरुण वोरा एवं विधायक श्री देवेंद्र यादव से चर्चा की। फर्स्ट हाफ में दुर्ग विधायक के साथ चर्चा हुई। दूसरे हाफ में चर्चा भिलाई विधायक से हुई। बैठक में अधोसंरचना मद पर हो रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। इसके अंतर्गत जलप्रदाय के लिए अमृत मिशन सहित अधोसंरचना के अन्य कार्यों को शीघ्रता से पूरा करने के संबंध में तथा इनके लोकार्पण के बारे में चर्चा की गई। भिलाई में बीएसपी क्वार्टर में रह रहे लोगों की दिक्कतों को दूर करने के संबंध में बीएसपी प्रबंधन से चर्चा कर समाधान निकालने का निर्णय लिया गया। बैठक में विधायक ने नागरिक जरूरतों के मुताबिक विकास योजनाओं के प्रस्ताव भी रखें। बैठक में भिलाई निगम कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी एवं दुर्ग निगम कमिश्नर श्री इंद्रजीत बर्मन भी उपस्थित थे।दुर्ग में इन मुद्दों पर हुई चर्चा- दुर्ग में मुख्यतः चर्चा अमृत मिशन पर हुई। आयुक्त श्री इंद्रजीत बर्मन ने बताया कि अभी इसका काम 69 प्रतिशत तक हो चुका है। समयसीमा में इसे पूर्ण कर लिया जाएगा। विधायक एवं कलेक्टर ने इसकी लगातार मानिटरिंग करते रहने कहा। बैठक में शहर के विकास के लिए जरूरी अधोसंरचनाओं पर भी चर्चा की गई और तय किया गया कि शीघ्र ही मुख्यमंत्री एवं मंत्रीगण से समय लेकर भूमिपूजन का कार्य संपन्न कराया जाएगा। बैठक में विधायक एवं कलेक्टर ने कहा कि पूर्व की बैठकों में जिस तरह से विभिन्न एजेंडा पर चर्चा की गई थी उसके अनुरूप सौंदर्यीकरण एवं अधोसंरचना कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा। शंकर नाला डायवर्सन, ठगड़ा बांध सौंदर्यीकरण एवं इंदिरा मार्केट में किये जाने वाले कार्यों पर जोर दिया गया। कलेक्टर ने कहा कि अधोसंरचना के क्षेत्र में किये कार्यों को तेजी से पूरा किया जाए तथा इनकी लगातार मानिटरिंग की जाए।भिलाई में बीएसपी क्वार्टर सहित अन्य मुद्दों पर हुई चर्चा- भिलाई में जिन महत्वपूर्ण अधोसंरचनाओं पर काम चल रहा है। उनकी प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। इसके साथ ही नागरिक हितों से संबंधित अन्य जरूरी विकास कार्यों के लिए भी योजना बनाई गई। बीएसपी एरिया में बैकलाइन सीवरेज की समस्या पर चर्चा हुई। इस संबंध में कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी को बीएसपी प्रबंधन के साथ बैठक आहूत कर बैकलाइन सीवरेज तथा बीएसपी क्वार्टर में रूफ संबंधी दिक्कतों को लेकर विस्तार से चर्चा करने कहा गया। इसके साथ ही बीएसपी की 3310 दुकानों की हाइट दो फीट बढ़ाने के मसले पर भी बीएसपी प्रबंधन से चर्चा करने का निर्णय लिया गया।
- दुर्ग : जिले के खुर्सीपार, पटवारी हल्का नंबर 59, राजस्व निगम मंडल जामुल, अहेरी, पटवारी हल्का नंबर 28, राजस्व निगम मंडल अहिवारा, दनिया, पटवारी हल्का नंबर 26, राजस्व निगम मंडल बोरी, तहसील धमधा, जिला दुर्ग में नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने पर संबंधित क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित करने के परिणामस्वरूप कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी। इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी पुलिस विभाग के द्वारा पेट्रोलिंग कर की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ ही निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी।
- दुर्ग : सड़क हादसे में घायल अथवा मृत्यु हो जाने पर मृतक के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है। इनमें स्व. श्री सुखचैन सोनी, रितिक कुमार महिपाल और स्व. श्री परसादी बघेल की सड़क हादसे से हुई मृत्यु के लिए उनके परिजनों के लिए क्रमशः 25 -25 हजार रू. और श्री संजीव कुमार, लक्ष्मीनारायण भंडारी और राकेश ठाकुर को घायल होने पर 10 हजार रू की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है।
- दुर्ग : प्रदेश में उद्यानिकी गतिविधियों के एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना वर्ष 2020-21 अंतर्गत विभिन्न घटकों/गतिविधियों हेतु अनुदान सहायता प्राप्त किए जाने के संबंध में इच्छुक कृषकों/ निजी उद्यमी से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं। इस संबंध में जिला कार्यालय में पदस्थ उप/ सहायक संचालक उद्यान एवं संचालनालय से संपर्क कर विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है। प्रस्ताव बैंक के माध्यम से संबंधित जिला कार्यालयों में जमा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस माह की 31 तारीख तक प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर ‘‘पहले आओ पहले पाओ’’ के तहत स्वीकृति दी जाएगी। विभाग द्वारा जिनगतिविधियों/घटकों पर सहायता दी जानी है उनका विवरण निम्नानुसार है-हाईटेक नर्सरी (निजी क्षेत्र) हेतु इकाई लागत 100 लाख रूपए, अधिकतम अनुदान 40 लाख रूपए, छोटी नर्सरी (निजी क्षेत्र) हेतु इकाई लागत 15 लाख रूपए, अधिकतम अनुदान7.50 लाख रूपए, टिश्यू कल्चर यूनिट (निजी क्षेत्र) हेतु इकाई लागत 250 लाख रूपए, अधिकतम अनुदान 100 लाख रूपए प्लग टाईप नर्सरी (निजी क्षेत्र) हेतु इकाई लागत 104 लाख रूपए, अधिकतम अनुदान 52 लाख रूपए बीज अधोसंरचना (निजी क्षेत्र) हेतु इकाई लागत 200 लाख रूपए, अधिकतम अनुदान 100 लाख रूपए मशरूम उत्पादन यूनिट (निजी क्षेत्र) हेतु इकाई लागत 20 लाख रूपए, अधिकतम अनुदान 8 लाख रूपए मशरूम स्पाॅन यूनिट (निजी क्षेत्र) इकाई लागत 15 लाख रूपए, अधिकतम अनुदान 6 लाख रूपए, मशरूम कम्पोस्ट यूनिट (निजी क्षेत्र) हेतु इकाई लागत 20 लाख रूपए, अधिकतम अनुदान 8 लाख रूपए, इंटिग्रेटेड पैक हाऊस (सामान्य क्षेत्र) इकाई लागत 50 लाख रूपए, अधिकतम अनुदान 17.50 लाख रूपए, कोल्ड रूम (स्टेगिंक) (सामान्य क्षेत्र) हेतु इकाई लागत 15 लाख रूपए, अधिकतम अनुदान 5.25 लाख रूपए, कोल्ड स्टोरेज टाइप-1 (सामान्य क्षेत्र) हेतु इकाई लागत 400 लाख रूपए, अधिकतम अनुदान 140 लाख रूपए, कोल्ड स्टोरेज टाइप-2 (सामान्य क्षेत्र) हेतु इकाई लागत 35 लाख रूपए, अधिकतम अनुदान 12.25 लाख रूपए, रेफ्रिजरेटेड वेन (सामान्य क्षेत्र) इकाई लागत 26 लाख रूपए, अधिकतम अनुदान 9.10 लाख रूपए, राइपेनिंग चैम्बर इकाई लागत हेतु 1.00/डज् लाख रूपए, अधिकतम अनुदान 35 लाख रूपए, प्राईमरी मोबाईल/मिनिमल प्रोसेसिंग यूनिट (सामान्य क्षेत्र) हेतु इकाई लागत 25 लाख रूपए, अधिकतम अनुदान 10 लाख रूपए, ग्रामीण बाजार/अपनी मंडी (सामान्य क्षेत्र) हेतु इकाई लागत 25 लाख रूपए, अधिकतम अनुदान 10 लाख रूपए और खुदारा बाजार/आउटलेट (सामान्य क्षेत्र) इकाई लागत 15 लाख रूपए, अधिकतम अनुदान 5.25 लाख रूपए देय होगा। इच्छुक आवेदक योजना की विस्तृत जानकारी एवं दिशा-निर्देश विभागीय वेबसाइट -एग्रीपोर्टल डाॅट सीजी डाॅट एनआइसी(http/agriportal.cg.nic.in/horticulture/HortiHi) पर उपलब्ध से प्राप्त किया जा सकता है।
- दुर्ग : पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी की जयंती पर संभागायुक्त कार्यालय एवं कलेक्ट्रेट कार्यालय के अधिकारी/कर्मचारियों ने सदभावना दिवस की शपथ ली।इस अवसर पर संभागायुक्त कार्यालय में संभागायुक्त श्री टीसी महावर ने कार्यालय के अधिकारी/कर्मचारियों को शपथ दिलाई। कलेक्ट्रेट कार्यालय में कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने शपथ दिलाई। इस अवसर पर कलेक्टर ने अधिकारी/कर्मचारियों से कहा कि सभी अपने दायित्वों का निर्वहन नैतिक मूल्यों से करें। समय प्रबंधन के साथ निर्धारित समय पर उपस्थित हो।कार्यालय में दैनिक कार्याें के लिए आने वाले आमजनों से सहजतापूर्वक भेंट करें और उनकी समस्या को सुने। सदभावनापूर्वक बिना किसी भेदभाव के लोगों की समस्या का निराकरण करें। उन्होंने कहा कि अपने कार्यक्षेत्र के दौरान सदभावनापूर्वक कार्य करते हुए लोगों को भेदभाव रहित त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में तत्पर रहें। इसके साथ ही जिले के अन्य सभी कार्यालयों में अधिकारी-कर्मचारियों ने शपथ ली।
- दुर्ग: शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नाकोत्तर स्वाशासी महाविद्यालय दुर्ग में बी.काम., बीएससी., एव ंबी.सी.ए. में प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए सूची जारी कर दी गई है। सूची का अवलोकन महाविद्यालय की वेबसाईट www.govtscience collegedurg.ac.in से कर सकते हैं। प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए अंतिम तिथि 25 अगस्त निर्धारित की गई है।
- संभागायुक्त श्री टीसी महावर ने दिये निर्देश
दुर्ग: संभागायुक्त श्री टीसी महावर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संभाग के सभी कलेक्टरों को गिरदावरी कार्य प्रमुखता से कराने के निर्देश दिए।उन्होंने गोधन न्याय योजना के अंतर्गत 20 जुलाई को होने वाले भुगतान का कार्य पूरा कराने की तैयारियों के निर्देश भी दिए। साथ ही उन्होंने मक्का खरीदी की तैयारी, वर्षा, खाद की स्थिति की समीक्षा भी की। गौठानों में छायादार एवं फलदार पौधे लगाने के संबंध में भी उन्होंने निर्देश दिए। इसके अलावा वनाधिकार पत्र प्रदाय किये जाने के बारे में भी उन्होंने चर्चा की।संभागायुक्त ने लघु वनोपज क्रय एवं प्रसंस्करण के संबंध में भी निर्देश दिये। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के संबंध में भी उन्होंने कार्य करने के निर्देश दिये। आबादी, नजूल पट्टों के संबंध में भी उन्होंने निर्देश दिये। लोक सेवा गारंटी के अनुपालन के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिये।