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- अस्पताल में भर्ती 88 फीसदी मरीजों ने कहा खानपान की व्यवस्था है अच्छी, 68 प्रतिशत मरीजों ने कहा सफाई की व्यवस्था है अच्छी
दुर्ग : जिला प्रशासन द्वारा टेलीकॉलिंग के माध्यम से कोविड केयर सेंटर में मौजूद मरीजों से साफ-सफाई भोजन एवं तबियत के संबंध में लगातार जानकारी भी ली जा रही है ताकि अस्पताल की व्यवस्था के संदर्भ में लगातार फीडबैक मिलता रहे। 40 नर्सों की टीम लगातार मरीजों से फीडबैक ले रही है। आज लिए गए फीडबैक में 88 प्रतिशत मरीजों ने खानपान की सुविधा को अच्छा बताया तथा 68 प्रतिशत मरीजों ने सफाई की सुविधा को अच्छा बताया। टेलीकॉलर में मरीजों से उनकी तबीयत के संबंध में भी जानकारी ली गई।
अधिकांश मरीजों ने बताया कि तबीयत बहुत अच्छी है, कुछ मरीजों ने वॉमिटिंग की शिकायत बताई। टेलीकॉलर के माध्यम से लगातार इन मरीजों से फीडबैक लिया जा रहा है, इस फीडबैक को उच्च अधिकारियों को प्रेषित किया जा रहा है ताकि हॉस्पिटल की व्यवस्था को निरंतर बेहतर करने की दिशा में काम किया जा सके फीडबैक को 4 बिंदुओं में बांटा गया है, इनमें से शुरुआती 2 बिंदु सेहत से संबंधित है|
इन बिंदुओं में से वर्तमान में कैसा अनुभव कर रहे हैं जनरल कंडीशन कैसी है तथा खान-पान एवं साफ सफाई से संबंधित फीडबैक शामिल है। इस संबंध में जानकारी देते हुए कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि मरीजों का फीडबैक जानना जरूरी है इसके लिए कॉल सेंटर के माध्यम से लगातार मरीजों से पूछताछ की जा रही है उनकी सेहत के बारे में पूछताछ की जा रही है
उनको मिलने वाली सुविधाओं के संबंध में पूछताछ की जा रही है सामान्य स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की जा रही है तथा बीमारी से संबंधित लक्षणों की स्थिति के संबंध में भी पूछताछ की जा रही है इसके माध्यम से मरीजों से जो फीडबैक मिल रहा है उनसे लगातार व्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी टेली सेंटर के माध्यम से दोनों ही केंद्रों शंकराचार्य हॉस्पिटल एवं कचांदूर में मरीजों से बातचीत कर रही है
सभी मरीजों का सभी मरीजों के फीडबैक लिया गया। समय दर्ज किया जा रहा है, इसे नियमित रूप से फीडबैक लिया जाएगा ताकि स्थिति को लगातार बेहतर किया जा सके। अधिकांश मरीज अस्पताल की व्यवस्थाओं के संदर्भ में संतुष्ट है। अस्पताल में सभी बुनियादी व्यवस्थाओं की स्थिति को निरंतर बेहतर करने की दिशा में काम किया जा रहा है। - दुर्ग : जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए कलेक्टर दुर्ग डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के मार्गदर्शन में पॉजिटिव मरीजों की सतत कॉउंसलिंग तथा नागरिकों की सुविधा के लिए एक कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है।कंट्रोल रूम में प्रतिदिन सामान्य नागरिकों ,कोविड हॉस्पिटल में एडमिट मरीज़ों, होम आइसोलेशन में रह रहे पॉज़िटिव मरीजों तथा सम्बन्धित मरीजों के परिजनों से बात की जा रही है, स्वास्थ्य सम्बन्धित हालचाल पूछा जा रहा है तथा सभी लोगों को आवश्यक समस्त जानकारी दी जा रही है।
टेलीकॉलिंग की इस प्रक्रिया में कुल 40 नर्स होम आइसोलेशन के मरीजों की एवं शिक्षा विभाग के कुल 40 स्टाफ सम्बन्धित मरीजों के परिजनों तथा सामान्य नागरिकों की कॉउंसलिंग कर रहे हैं। कॉउंसलिंग के दौरान सम्बन्धित नागरिकों से कंट्रोल रूम की जानकारी, फीवर क्लीनिक की जानकारी, मेडिकल किट की उपलब्धतता, ऑक्सिजन का स्तर, ब्लड प्रेशर का स्तर , कोविड हॉस्पिटल व्यवस्था की स्थिति , भोजन की उपलब्धतता एवं गुणवत्ता , सामान्य स्वास्थ्य की स्थिति, घर तथा परिसर में साफ सफाई की व्यवस्था, आयुर्वेद काढा की जानकारी तथा मनोवैज्ञानिक अभिप्रेरण से सम्बंधित निरन्तर बातचीत की जा रही है।
कलेक्टर ने जिले के सभी नागरिकों से कॉउंसलिंग की इस प्रक्रिया में अपना सहयोग देने तथा किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं छुपाने की अपील की है। - दुर्ग : छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016 के अनुसार उचित मूल्य दुकानो में विहित गुणवत्ता का खाद्यान्न भंडारण करने तथा परिवहनकर्ताओं के माध्यम से उचित मूल्य दुकानो में भंडारित खाद्यान्न के सीलबंद नमूने दिए जाने का प्रावधान है।
इस संबंध कार्यवाही संपादित किया जाये। जिले की समस्त शासकीय उचित मूल्य दुकानो में प्रति माह निर्धारित गुणवत्ता का खाद्यान्न शक्कर, चना, नमक आदि का भंडारण कराए। प्रतिमाह उचित मूल्य दुकानो में भंडारित किए जा रहे खाद्यान्न, शक्कर, चना, नमक सीलबंद सैंपल परिवहनकर्ताओं के माध्यम से उचित मूल्य दुकान संचालनकर्ता को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए तथा क्षेत्रीय सहायक खाद्य अधिकारी, खाद्य निरीक्षक जिले के समस्त उचित मूल्य दुकानो में संग्रहित खाने का प्रदर्शन कराए।
जिले के नागरिक आपूर्ति निगम के प्रदाय केन्द्रों, छत्तीसगढ़ राज्य भंडार गृह निगम के गोदामों, शासकीय उचित मूल्य दुकानों में भंडारित राशन सामग्री का समय-समय पर आकस्मिक निरीक्षण करें। राजस्व, खाद्य, सहकारिता, खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं अन्य मैदानी अमलो द्वारा किया गया जाए।
खाद्यान्न एवं अन्य राशन का रेंडमली सैंपल प्राप्त कर नागरिक आपूर्ति निगम के गुणवत्ता निरीक्षकों से परीक्षण कराए। समस्त सहायक खाद्य अधिकारी, खाद्य निरीक्षक अपने प्रभाव क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानो में भंडारित खाद्यान्न, शक्कर, चना, नमक के समुचित रख-रखाव एवं खाद्यान्न की सुरक्षा कराए। - अफवाहों पर ध्यान न दें, अस्पताल में है पर्याप्त जगह, कोविड से लड़ने सभी संसाधन मौजूद
दुर्ग : कोरोना संक्रमण से रक्षा के लिए सबसे अहम जरूरत है लक्षण दिखते ही टेस्टिंग कराना। लक्षण के उभरने के शुरुआती दिन महत्वपूर्ण होते हैं। इन दिनों में टेस्टिंग के निर्णय में विलंब हो जाने से कई बार स्थिति गंभीर हो जाती है और मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने नागरिकों से अपील की है कि प्राइमरी कांटेक्ट होने पर, लक्षण उभरने पर टेस्ट जरूर कराएं। सभी फीवर क्लिनिक में टेस्ट के निर्देश दिए गए हैं।
कलेक्टर ने कहा कि अस्पताल में कितनी जगह खाली है इस संबंध में जिले की लिंक में सारी जानकारी उपलब्ध है। कोरोना के उपचार के लिए निजी अस्पताल भी चिन्हांकित किए गए हैं जो नागरिक शासकीय कोविड केअर सेंटर में इलाज के इच्छुक नहीं हैं, वे यहां भी इलाज करा सकते हैं। शासन द्वारा चलाए जा रहे कोविड केयर सेंटर में सभी नागरिकों को निशुल्क इलाज प्रदान किया जा रहा है इन कोविड केयर सेंटर में सभी श्रेणियों के मरीजों की इलाज की सुविधा है। मरीजों की ऑक्सीजन की स्थिति पर लगातार नजर रखी जाती है तथा गंभीर बीमारियों के मरीजों को हायर सेंटर में रेफर करने की कार्रवाई की जाती है।
सभी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि कोई भी मरीज जो अस्पताल आए उसे भर्ती करने में किसी तरह से कोताही नहीं होनी चाहिए, जो मरीज गंभीर रूप से अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं अथवा जो पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं। उनके इलाज के लिए अस्पताल में पूरी सुविधा रखी गई है। निजी अस्पतालों के मैनेजमेंट पर भी जिला प्रशासन द्वारा लगातार नजर रखी जा रही है। यहां से आ रही शिकायतों पर कार्रवाई की जा रही है सभी को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि किसी भी सूरत में इलाज में लापरवाही नहीं बरती जाए।
इसके साथ ही इन अस्पतालों में किये जा रहे इलाज की व्यवस्था की मॉनिटरिंग भी जिला प्रशासन द्वारा गठित दल की ओर से की जा रही है । यह दल नियमित रूप से अस्पतालों का निरीक्षण कर यह देखता है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक संक्रमण से सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है या नहीं। सैनिटाइजेशन का ध्यान रखा है या नहीं। फीवर क्लीनिक अलग संचालित किए जा रहे हैं या नहीं। जिला अस्पताल में भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सकों को कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक प्रशिक्षण दिया गया है।
जिला अस्पताल एवं 6 अस्पतालों में रात को भी सैंपलिंग के लिए दल लगाए गए हैं। कलेक्टर ने आम नागरिकों से अपील की है कि अफवाहों से बचें कोविड के लक्षण महसूस होते ही तुरंत टेस्ट कराएं, कोविड केयर सेंटर में सभी प्रकार के मरीजों के लिए इलाज की सुविधा है। इनके भोजन और दवाइयों की पूरी व्यवस्था केंद्र में मौजूद है। यहां रिकवरी रेट बहुत ही अच्छा है कोविड के मामले में सजगता सबसे ज्यादा जरूरी है।
लक्षण प्रकट होते ही इसे नियंत्रित करने की दिशा में प्रयास करने से आसानी से इस विपदा से निपटा जा सकता है। कलेक्टर ने आम जनों से सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन का पूरी तौर पर पालन करने आग्रह किया है। लोगों को भीड़ भाड़ वाली जगह से बचने की सलाह दी है तथा अफवाहों से बचने की सलाह दी है। किसी भी तरह की आपात स्थिति में कंट्रोल रूम के नंबर 0788-2210773 पर सम्पर्क कर सकते हैं। -
शासन की ओर से आई प्रशस्ति और नगद राशि सौंपी
दुर्ग : कोविड-19 संक्रमण के चलते कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने सादे समारोह में जिले के 12 उत्कृष्ट शिक्षकों का सम्मान किया। इसमें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने वाली शिक्षिका सहित मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण योजना के अंतर्गत ज्ञानदीप पुरस्कार जिला स्तर पर प्राप्त करने वाले 3 व शिक्षादूत पुरस्कार विकासखण्ड स्तर प्राप्त करने वाले 9 शिक्षक शामिल हैं।
कलेक्टर ने इनका प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह एवं पुरस्कार राशि इस अवसर पर भेंट की। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जेवरा सिरसा दुर्ग की व्याख्याता श्रीमती सपना सोनी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण योजना के अंतर्गत जिला स्तर पर जिले के ग्राम पंचायत पीसेगांव के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के शिक्षक श्रीमती श्वेता दुबे, श्रीमती रूक्मणी सोरी व श्रीमती मंजू सिंह को ज्ञानदीप पुरस्कार के साथ राशि 7 हजार रूपये का चेक प्रदान कर सम्मानित किया गया।
विकासखण्ड स्तर पर दुर्ग के भिलाई सेक्टर 6 के शासकीय अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक शाला की सहायक शिक्षक श्रीमती नीता त्रिपाठी, नवीन प्रथमिक शाला केम्प 2 भिलाई के सहायक शिक्षक श्री त्रिलोक चंद चैधरी, शाासकीय प्राथमिक शाला बोड़ेगांव के शिक्षक श्री अश्वनी कुमार देवांगन, इसी प्रकार विकासखंड धमधा के शासकीय प्राथमिक शाला लिटिया के श्री धनेश कुमार श्याम, शासकीय प्राथमिक शाला खर्रा के श्री राकेश कुमार हरमुख, शासकीय प्राथमिक शाला मलपुरीखुर्द के श्री राजू, विकासखंड पाटन के शासकीय नवीन प्राथमिक शाला केसरा(दानीपारा)के श्री अनकेश्वर प्रसाद महिपाल, शासकीय प्राथमिक शाला खुड़मुड़ी के श्री विरेन्द्र कुमार साहू, शासकीय नवीन प्राथमिक शाला बजरंग पारा अमलेश्वर के श्री भगवती पटेल को शिक्षादूत पुरस्कार के साथ-साथ 5 हजार रूपए का चेक प्रदान कर सम्मानित किया गया।
समारोह के दौरान कलेक्टर ने प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित कर बधाई देते हुए अध्यापन कार्य के प्रति निरंतरता बनाये रखने के साथ शिक्षा क्षेत्र मे नये आयाम गढ़ने की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री पी.के.एस.बघेल, सहायक संचालक श्रीमती पुष्पा पुरूषोत्तम, श्री अमित घोष, प्रशासक एमआईएस श्री संजय गर्ग के साथ अन्य अधिकारी कर्मचारी गण उपस्थित थे। - दुर्ग : महिला बाल विकास विभाग की एकीकृत बाल विकास परियोजना डगनिया में आंगनबाड़ी केन्द्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित किए जाता है। इच्छुक महिलाएं 30 सितंबर तक परियोजना कार्यालय धमधा, जिला-दुर्ग में सीधे अथवा पंजीकृत डाक के माध्यम से आवेदन जमा कर सकते हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद हेतु में शैक्षणिक योग्यता कक्षा 12 वीं है अथवा 10$1 पद्धति के अनुसार 11 वीं बोर्ड उतीर्ण, आयु 18 से 44 वर्ष (1 वर्ष से अधिक अनुभव रखने वाली सहायिका को आयु सीमा में 3 वर्ष की छुट दी जाएगी)। इसके अलावा आवेदिका को उसी वार्ड की स्थाई निवासी होना अनिवार्य होगा जिस वार्ड में आंगनबाड़ी केन्द्र स्थित है।
साथ ही आवेदिका का नाम संबंधित वार्ड की मतदाता सूची में दर्ज होना चाहिए। जिसकी प्रति आवेदन पत्र के साथ लगानी होगी और वार्ड पार्षद अथवा पटवारी द्वारा जारी निवास प्रमाण पत्र जिसमें स्थाई निवास और पते का स्पष्ट उल्लेख हो प्रस्तुत करना होगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद हेतु गरीबी रेखा परिवार, अनुसूचित जाति, विधवा, परित्यक्ता अथवा तलाकशुदा महिला होने पर अतिरिक्त अंक प्रदान किया जाएगा।अधिक जानकारी के लिए एकीकृत बाल विकास परियोजन कार्यालय धमधा के कार्यालय मंे कार्यालयीन समय में संपर्क किया जा सकता है। - दुर्ग : सड़क हादसे में मृत्यु हो जाने पर मृतक के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है।
इनमें स्व. श्री दिनेश कुमार सोनी की हादसे से हुई मृत्यु के लिए उनके परिजनों को क्रमशः 25 हजार रू. की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है। - कोरोना संक्रमण के प्रसार को कम करने टीम ने दिए सुझाव
दुर्ग : दिल्ली से आई सेंट्रल टीम ने दुर्ग जिले में कोरोना के रोकथाम के लिए अपनाई गई रणनीति की प्रशंसा की है। साथ ही संक्रमण की गति को कम कर सुझाव भी दिए हैं। मीटिंग में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं हेल्थ विभाग की टीम के साथ सेंट्रल टीम ने गहन चर्चा की। इस मौके पर हेल्थ टीम ने अब तक की रणनीति का खाका भी प्रस्तुत किया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 36 अस्पतालों में कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। इन अस्पतालों में फीवर क्लीनिक संचालित किया जा रहा है।
इनमें तथा मोबाइल टीम द्वारा हर दिन लगभग 1000 सैंपल लिए जा रहे हैं। अब तक 50000 से अधिक लोगों के सैंपल जांच से जा चुके हैं लिए जा चुके हैं इनमें से 3438 सैंपल पॉजिटिव आए हैं आरटी पीसीआर के माध्यम से 20663 सैंपल एवं ट्रू नॉट के माध्यम से 7444 सैंपल दिए गए हैं। इसके अलावा 97 कंटेंटमेंट जोन में सर्वे का कार्य निरंतर किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 8189 परिवारों के 41562 लोगों का सर्वे किया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के अलावा निजी अस्पतालों को भी इसके लिए चिन्हांकित किया गया है।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने एक लिंक भी जारी किया है जिसके माध्यम से अस्पतालों में खाली बेड की संख्या की जानकारी भी मिल पाएगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि होम आइसोलेशन में जिन्हें रहने की अनुमति दी गई है। उन्हें कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी जानकारी दी गई है। उनके घरों के समक्ष आइसोलेशन का पर्चा लगाया गया है। कलेक्टर ने बताया कि सैंपलिंग के लिए रात को भी दल लगाए गए हैं। इसके साथ ही शासकीय अस्पताल की ओपीडी में कार्य कर रहे चिकित्सकों को आपात स्थिति में रिस्पांस करने के प्रोटोकॉल के बारे में भी अवगत करा दिया गया है।
लैब टेक्नीशियन नियुक्त किये गए हैं तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा भी आमंत्रित की गई है। कंटेंटमेंट क्षेत्र के लोगों के डेटाबेस हैं और फोन के माध्यम से इससे निरंतर स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जाती है। बैठक में केंद्रीय दल ने तेजी से कोविड रिस्पांस को लेकर तैयार किये गए मैनेजमेंट की प्रशंसा की। उन्होंने कोविड संक्रमण की गति कम करने उपयोगी सुझाव भी दिए। - दुर्ग : जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए कलेक्टर दुर्ग डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के मार्गदर्शन में पॉजिटिव मरीजों की सतत कॉउंसलिंग तथा नागरिकों की सुविधा के लिए एक कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है।कंट्रोल रूम में प्रतिदिन सामान्य नागरिकों ,कोविड हॉस्पिटल में एडमिट मरीजों, होम आइसोलेशन में रह रहे पॉजिटिव मरीजों तथा सम्बन्धित मरीजों के परिजनों से बात की जा रही है, स्वास्थ्य सम्बन्धित हालचाल पूछा जा रहा है तथा सभी लोगों को आवश्यक समस्त जानकारी दी जा रही है।टेलीकॉलिंग की इस प्रक्रिया में कुल 40 नर्स होम आइसोलेशन के मरीजों की एवं शिक्षा विभाग के कुल 40 स्टाफ सम्बन्धित मरीजों के परिजनों तथा सामान्य नागरिकों की कॉउंसलिंग कर रहे हैं। कॉउंसलिंग के दौरान सम्बन्धित नागरिकों से कंट्रोल रूम की जानकारी, फीवर क्लीनिक की जानकारी, मेडिकल किट की उपलब्धतता, ऑक्सिजन का स्तर, ब्लड प्रेशर का स्तर , कोविड हॉस्पिटल व्यवस्था की स्थिति , भोजन की उपलब्धतता एवं गुणवत्ता , सामान्य स्वास्थ्य की स्थिति, घर तथा परिसर में साफ सफाई की व्यवस्था, आयुर्वेद काढा की जानकारी तथा मनोवैज्ञानिक अभिप्रेरण से सम्बंधित निरन्तर बातचीत की जा रही है।कलेक्टर ने जिले के सभी नागरिकों से कॉउंसलिंग की इस प्रक्रिया में अपना सहयोग देने तथा किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं छुपाने की अपील की है।
- दुर्ग : सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जिले में संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकानों से संलग्न सामान्य एपीएल परिवारों को दस रूपये प्रति किलो की दर से दो किलो प्रति माह रिफाइंड आयोडाइज्ड नमक माह जून 2020 से वितरित किए जाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा उचित मूल्य दुकानों में माह जून से माह सितंबर तक भंडारण किया गया है।
माह अक्टूबर 2020 से सामान्य एपीएल नमक का आवंटन समाप्त कर दिया जाएगा । 30 सितंबर 2020 की स्थिति में उचित मूल्य दुकानों में संग्रहित सामान्य बीपीएल राशनकार्ड धारकों को निर्धारित मासिक पात्रता अनुसार माह अक्टूबर में वितरण कराया कराया जाना है। - दुर्ग : राज्य शासन द्वारा कोविड -19 के टेस्टिंग पद्धति में संशोधन किया गया है, जिसके अनुसार प्राइमरी कांटेक्ट में समस्त लक्षण वाले कांटेक्ट की जांच होना चाहिए और समस्त बिना लक्षण वाले उच्च जोखिम वर्ग में आने वाले प्राइमरी कॉन्टैक्ट जैसे 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग, इम्युनो-कंप्रोमाइस्ड एवं को-मोरबीडाइटीज ग्रस्त जैसे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, कैंसर, किडनी रोग , सिकल सेल इत्यादि से प्रभावित व्यक्ति एवं गर्भवती महिलाओं की जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
गाइडलाइन में इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (आई.एल.आई ) अर्थात बुखार, सर्दी-खांसी अथवा सांस में तकलीफ वाले मरीज एवं सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एस.ए.आर.आई.)जैसे निमोनिया एवं श्वांस रोगी आदि तथा कोविड-19 के लक्षण वाले जैसे मुंह में स्वाद न आना, सुगंध ना आना, उल्टी या पतले दस्त होना एवं मांसपेशियों में दर्द वाले व्यक्तियों की जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा दूसरे उच्च जोखिम वर्ग में आने वाले 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग, इम्युनो- कंप्रोमाइस्ड (रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी) एवं को-मोरबीडाइटीज ग्रस्त जैसे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, कैंसर, किडनी रोग , सिकल सेल इत्यादि से प्रभावित व्यक्ति और गर्भवती महिलाओं की भी जांच की जानी चाहिए। गाइडलाइन में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि यदि किट के परिणाम लक्ष्णाात्मक रोगी के नेगेटिव हैं, तो ऐसे सभी रोगियों का आवश्यक रूप से आरटी-पीसीआर अथवा ट्रू नॉट परीक्षण किया जाए। - दुर्ग : जिला पंचायत दुर्ग की सामान्य सभा और सामान्य प्रशासन की बैठक दिनांक 10 सितंबर को आयोजित बैठक कोरोना नियंत्रण अन्तर्गत दिए निर्देश के अनुपालन में स्थगित कर दी गयी हैं।
- दुर्ग : जिले में कोविड-19 के उपचार हेतु चिन्हाकित शासकीय तथा निजी अस्पतालों में कुल बिस्तरों, उपलब्ध बिस्तरों तथा रिक्त बिस्तरों की जानकारी इस https://durg.gov.in/covidbedsdurg/ लिंक के माध्यम से कोई भी नागरिक प्राप्त कर सकते हैं।
इससे पॉजिटिव मरीजों के परिजनों को अस्पताल का चयन करने में आसानी होगी। लिंक में विस्तार से कैपेसिटी बेड की क्षमता आदि इंगित की गई है। - 98 मरीज हायर सेंटर में रेफर किये गए
खाने की सुविधा से मरीज संतुष्ट, नोडल अधिकारी हर दिन ले रहे फीडबैक
दुर्ग : बिना लक्षण वाले मरीजों को रखकर उनका उपचार कर कोविड के दायरे से बाहर लाने में कोविड केयर सेंटर कचांदुर स्थित केंद्र ने लगभग सोलह सौ मरीजों को स्वस्थ कर दिया है। 5 अगस्त से यह अस्पताल आरम्भ किया गया था।इसके बाद से यहां 1910 मरीजों को भर्ती किया जा चुका है। अभी तीन सौ मरीज यहां भर्ती हैं। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया गया है कि ऑक्सीजन लेवल की नियमित मॉनिटरिंग करते रहें। ऐसे 100 मरीज जिन्हें ऐसी समस्या आई, उन्हें तुरंत हायर सेंटर रेफर किया गया।कलेक्टर ने बताया कि एड्रेसिंग सिस्टम से लेकर साफ सफाई की मॉनिटरिंग की पूरी व्यवस्था बनाई है। समय-समय पर इस संबंध में फीडबैक भी लिया जाता है। नोडल अधिकारी निगम आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी और निगम के अधिकारी समय समय पर स्वयं भोजन कर इसकी गुणवत्ता की जांच करते हैं। खाना रिच प्रोटीन डाइट होता है। अस्पताल के प्रभारी अधिकारी डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया कि हर 6 घंटे में टीम बदल जाती है। कोविड वारियर की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है।इन सभी के लिए रहने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। रिटायरिंग रूम की सुविधा उपलब्ध है ताकि आइसोलेशन की सुविधा का भी लाभ उठाया जा सके। नर्सिंग स्टाफ नियमित मॉनिटरिंग करता है। इसके साथ ही पब्लिक अड्रेसिंग सिस्टम की व्यवस्था भी है। अस्पताल की व्यवस्था बेहतर रहे, इसके लिए सेंट्रल मॉनिटरिंग कमांड सेंटर बनाया गया है।कोविड केअर सेंटर में सबसे ज्यादा जोर रिच प्रोटीन डाइट पर है। सुबह के नाश्ते से लेकर रात के भोजन तक की पूरी व्यवस्था है। चरौदा के मुरली राव ने बताया कि उन्हें सेंटर में आये 8 दिन हो गए हैं। यहां अच्छा भोजन मिला, वे संतुष्ट हैं। अब घर जाने का समय पास है।काफी अच्छा लग रहा है। सेक्टर 7 के केशव राव भी जल्द डिस्चार्ज होने वाले हैं। उन्होंने बताया कि समय पर भोजन मिला, मुझे अच्छा लगा, मैं संतुष्ट हूँ। मनीष वर्मा भिलाई निवासी हैं उन्होंने कहा कि भोजन गुणवत्तापूर्ण भी है और भरपेट भी, इसकी व्यवस्था अच्छी है। सबसे सुंदर सेंटर से विदाई का क्षण होता है। स्टाफ विदा करता है और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देता हैं।मरीज भी कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। निगम ने दो बस इसके लिए उपलब्ध कराई है। दुर्ग से दिनेश ने बताया कि यहां आने से पहले मन में चिंता थी। अब दूर हो गई है। दवा ले रहे हैं और स्वस्थ महसूस कर रहे हैं। जल्द ही अब घर जाना है। - दुर्ग : जिले के गोंड़पेंड्री, पटवारी हल्का नंबर 23, राजस्व निगम मंडल, सेलूद, तहसील पाटन, जिला दुर्ग में नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने पर संबंधित क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित करने के परिणामस्वरूप कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी।
इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी पुलिस विभाग के द्वारा पेट्रोलिंग कर की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ ही निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी। - दुर्ग : कार्यालय कलेक्टर, जिला शहरी विकास अभिकरण का वाहन अनुपयोगी होने के कारण नीलामी किया जाना तय किया गया है। नीलामी हेतु वाहन इंडिका विस्टा है, जिसका पंजीयन क्रमांक सीजी 07 एम- ए -0907 है, पंजीयन वर्ष 2009 है। बिक्री हेतु वाहन का न्यूनतम मूल्य 45000 रुपये निर्धारित किया गया है ।
निविदा फॉर्म प्राप्त करने की तिथि 7 सितंबर 2020 से है और जमा करने की तिथि 30 सितंबर 2020 तक है। वाहन बिक्री में भाग लेने हेतु 5000 रुपये धरोहर राशि के रूप में कार्यालय में जमा करने पर ही नीलामी में भाग ले सकते हैं। नीलामी की उचित शर्तें कार्यालय के सूचना पटल में देख सकते हैं और वाहन का अवलोकन जिला कार्यालय परिसर में किया जा सकता है। -
डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे द्वारा हितग्राहियों को स्वास्थ्य बीमा योजना प्रमाण पत्र वितरण किया गया
दुर्ग : समाज कल्याण विभाग व राष्ट्रीय न्यास से मान्यता प्राप्त कल्याण सोशल वेलफेयर एंड रिसर्च आर्गेनाईजेशन, भिलाई नगर द्वारा जिला दुर्ग, राजनांदगांव, कवर्धा और बेमेतरा में निरामया स्वास्थ्य बीमा योजना का शुभारंभ किया गया है। निरामया योजना का उद्देश्य ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, मंदबुद्धि और बहु दिव्यांगता वाले व्यक्तियों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे द्वारा तीन हितग्राहियों को स्वास्थ्य बीमा योजना प्रमाण पत्र वितरण किया गया।
कैसे मिलेगा योजना का लाभसमाज कल्याण विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इस योजना में व्यापक सुरक्षा प्रदान करने की परिकल्पना की गई है जिसमें सभी उम्र वालों को केवल एक प्रीमियम भरना होगा। बीपीएल व्यक्तियों को 250 रुपये एवं एपीएल व्यक्तियों को 500 रुपये का वार्षिक प्रीमियम देना होगा। इसके अंतर्गत समाहित प्रत्येक प्रकार की दिव्यांगता के लिए एक जैसे कवरेज का प्रावधान है और दिव्यांगता युक्त सभी व्यक्ति पात्र होंगे और समाहित किए जायेंगे जिनके पास जो योग्यता प्रमाण पत्र है।इसके तहत नियमित चिकित्सा जांच से लेकर अस्पताल में भर्ती करने जैसी सेवाएं, इलाज से लेकर सुधार करने तक की शल्यक्रिया, परिवहन आदि उक्त इलाज राष्ट्रीय न्यास द्वारा निर्धारित अस्पतालों में इलाज किया जा सकता है, वे सभी दिव्यांग जिनमें कम से कम एक दिव्यांगता है और जिनके पास दिव्यांगता का वैध प्रमाण पत्र है वे इस योजना के अंतर्गत आवेदन के पात्र हैं।कल्याणी सोशल वेलफेयर एंड रिसर्च आर्गेनाइजेशन सुपेला भिलाई, द्वारा किया जाएगा योजना का क्रियान्वयनस्वास्थ्य योजना का क्रियान्यवन समाज कल्याण विभाग व राष्ट्रीय न्यास से मान्यता प्राप्त कल्याणी सोशल वेलफेयर एंड रिसर्च आर्गेनाइजेशन सुपेला भिलाई, द्वारा किया जाएगा।इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक श्री दोनर प्रसाद ठाकुर व श्री कमलेश पटेल, परिवीक्षा अधिकारी, श्री जंतराम ठाकुर, प्रमुख कलाकार, समाज कल्याण विभाग दुर्ग तथा कल्याण संस्था के श्री अजय कुमार, डॉ. जयश्री गुरुमयुम व गोपाल खाड़े उपस्थित थे। - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने दिए थे निर्देश
दुर्ग : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बीते दिनों आम जनता में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने काढे के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए निशुल्क काढ़ा वितरण के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। इसके अनुपालन में दुर्ग जिले में काढ़ा वितरण का कार्यक्रम आरंभ हो गया है। काढा वितरण के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बताया कि इस संबंध में सभी निगम अधिकारियों एवं आयुष विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। चिन्हांकित स्थानों पर शिविर लगाने आरंभ कर दिए गए हैं।
नगर निगम भिलाई चरौदा में आज पदुम नगर के पास लगाए गए काढ़ा वितरण शिविर में बड़ी संख्या में नागरिकों ने हिस्सा लिया। काढा लेने आए राजेश श्याम कर ने बताया कि कोविड से बचाव के लिए हम लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। मास्क लगा रहे हैं। व्यर्थ लोगों से मिलने जुलने को से बच रहे हैं। इसके साथ ही गर्म पानी का उपयोग कर रहे हैं। अब चूंकि काढ़ा वितरण कार्य जिला प्रशासन ने आरंभ कर दिया है इसलिए अब काढे को भी दिनचर्या में शामिल करेंगे।
श्री राजेश ने बताया कि वह हमेशा से आयुर्वेदिक औषधियां लेते रहे हैं। आयुर्वेदिक औषधियों से लंबे समय के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कोविड से बचने में प्रतिरोधक क्षमता की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में हमारे परंपरागत आयुर्वेद को अपनाकर हम लोग गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं या उनकी मारक क्षमता को कम कर सकते हैं।
शिविर में आई निर्मला साहू ने बताया कि वह अपने पूरे परिवार के लिए काढ़ा ले जा रही हैं। इससे पहले उन्होंने काढ़ा रायपुर से मंगवाया था, अब स्थानीय रूप से से ही यह काढ़ा मिल रहा है। शिविर में मौजूद नगर निगम आयुक्त श्री कीर्तिमान राठौर ने बताया कि अभी तक ढाई सौ नागरिकों को काढे का वितरण किया जा चुका है। हर दिन इस शिविर से लगभग 500 नागरिकों को काढ़े का वितरण किया जाएगा। काढे के वितरण के साथ ही आयुष विभाग द्वारा अन्य सावधानियों के संबंध में भी नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है। इस संबंध में नागरिकों को पांपलेट भी वितरित किए जा रहे हैं।
शिविर में मौजूद जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉक्टर केके शर्मा ने बताया कि इस काढ़े में सोंठ, तुलसी, त्रिकुट जैसे तत्व हैं जो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी उपयोगी होते हैं। आयुर्वेद में रोग टालने की दिशा में काम होता है। ऐसे तत्व जो शरीर को निरोगी रखते हैं। उनकी आपूर्ति जड़ी बूटी के सेवन के माध्यम से कराई जाती है। -
48 का चल रहा ट्रीटमेंट, सीटी स्कैन एवं ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था उपलब्ध
रिकवरी रेट काफी अच्छा, अस्पताल की व्यवस्था मुकम्मल करने लगातार हो रही समीक्षा
दुर्ग : शंकराचार्य हॉस्पिटल स्थित कोविड केअर सेंटर में रिकवरी रेट उम्मीद जगाता है। यहां भर्ती किये गए 1008 मरीजों में 929 मरीज पूर्णतः स्वस्थ हो गए हैं। अभी 48 मरीजों का इलाज चल रहा है। 31 मरीजों की मृत्यु हुई है। कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे व्यवस्था पर निरंतर नजर रखे हुए हैं।कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक सीटी स्कैन और ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा यहाँ उपलब्ध है। खाने में रिच प्रोटीन हो, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है।
इस संबंध में आज कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बताया कि शंकराचार्य कोविड हाॅस्पिटल में 50 बिस्तर वाला वार्ड में संपूर्ण सेंट्रलाईज ऑक्सीजन सप्लाई की सुविधा है।इसके साथ ही 100 बिस्तर का वार्ड तैयार किया गया जिसमें आक्सीजन सिलेण्डर की व्यवस्था की गई है। इस अस्पताल में आईसीएमआर की गाईड लाईन को ध्यान में रखते हुये ईलाज किया जा रहा है।वर्तमान में एक्स-रे व लैब की व्यवस्था के साथ सी.टी. स्केन की भी व्यवस्था की गई है। गत दिनों खानपान व साफ-सफाई को लेकर शिकायत की गई थी जिसमें जिला प्रशासन ने त्वरित अस्पताल का निरीक्षण किया जिसमें पाया गया कि अस्पताल का साफ-सफाई की अच्छी व्यवस्था की गई है।इसके अलावा मरीजों को पौष्टिक भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला प्रशासन के कार्यवाही पर वर्तमान अस्पताल में सभी सुविधा उपलब्ध करायी गई है।
कलेक्टर ने बताया कि कोविड अस्पताल में इलाज की और सुविधाओं की नियमित समीक्षा हो रही है। इसके लिए कल ही शंकराचार्य प्रबंधन के साथ महत्वपूर्ण बैठक ली थी। इसमें कोविड को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे। बैठक में निर्देशित किया था कि कोविड में रिस्पांस टाइम का बेहद महत्व है।मरीजों के इलाज में लगे कोविड वारियर्स मरीजों की नियमित अंतराल पर बेसिक जांच करते रहें। ऑक्सीजन सपोर्ट की स्थिति में त्वरित कार्रवाई करें। यदि किसी अन्य तरह की जटिलताएं दिखे तो हायर सेंटर में रेफर करने की कार्रवाई करें।
साफ-सफाई की मॉनिटरिंग बेहद जरूरी है। टॉयलेट की नियमित अंतराल में सफाई, फ्लोर सैनिटाइजर के कार्य की मॉनिटरिंग जरूरी है। मरीजों के पीछे नर्सिंग स्टाफ पर्याप्त होने चाहिए ताकि मरीजों को राहत मिलती रहे। कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक कोरोना वारियर की सुरक्षा भी अहम है।इसके लिए ट्रेनिंग भी कराई जा चुकी है। इसके मुताबिक ही कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि मॉनिटरिंग जितनी अच्छी होगी और समन्वय जितना अच्छा होगा। रिकवरी रेट उतना ही अच्छा होगा और लोगों को भी संतोष मिलेगा। उन्होंने बुजुर्ग मरीजों पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश भी दिये हैं।
कलेक्टर ने बताया कि इनके साथ आयु से जुड़ी हुई अन्य परेशानियां भी होती हैं। इसकी वे दवा कर रहे होते हैं। ऐसे मामलों में विशेष ध्यान दें। कलेक्टर ने बताया कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट को छोटी-छोटी बारीकियों पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। - दुर्ग : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज गोधन न्याय योजना के एप की लॉन्चिंग की। इस अवसर पर उन्होंने पाटन के ग्राम सिकोला के ग्रामीणों से बातचीत की।मुख्यमंत्री ने सबसे पहले सरपंच श्रीमती उषा निषाद से गौठान की स्थिति की जानकारी ली। साथ ही गोबर खरीदी की व्यवस्था की जानकारी भी ली। सरपंच ने बताया कि गोबर खरीदी बहुत अच्छी हो रही है गोधन न्याय योजना से लोगों में काफी उत्साह का वातावरण है।
लोग इससे काफी लाभ कमा रहे हैं। ग्रामीण इससे काफी खुश हैं अब इसके दूसरे चरण में वर्मी कंपोस्ट से भी आय होगी। मुख्यमंत्री ने उप सरपंच श्री पुरुषोत्तम यादव से गांव के चारागाह बाड़ी आदि के बारे में जानकारी ली। श्री यादव ने बताया कि नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना के माध्यम से हम लोग अपने गांव को संवार रहे हैं। बाड़ी का विकास कर रहे हैं। बाड़ी के माध्यम से सब्जियां उगा रहे हैं जिससे हमारे बच्चों को भी पर्याप्त पोषण मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री ने पशु पालकों से भी चर्चा की। पशुपालक श्रीमती कविता ने बताया कि वह 35 क्विंटल गोबर बेच चुकी है जिससे उन्हें 7000 रुपये की आय प्राप्त हो चुकी है। गोधन न्याय योजना पशु पालकों के लिए बहुत अच्छी है। साथ ही इससे जैविक खेती करने के लिए भी रास्ता मिलेगा। ग्रामीणों को वर्मी कंपोस्ट से भी आय हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गौठान अध्यक्ष श्री गोकरण यादव से भी बातचीत की। श्री यादव ने बताया कि गांव में हम लोगों ने दो चरवाहे रखे हैं । एक चरवाहा समिति की ओर से रखा है और एक चरवाहा गांव की ओर से रखा गया है जो आवारा पशुओं की भी देखभाल करता है। मुख्यमंत्री ने ग्राम सचिव श्री बिहारी लाल साहू से कहा कि ऐप के बारे में प्रचार प्रसार करें साथ ही गोधन योजना के बारे में पर्याप्त प्रचार-प्रसार करें ताकि ग्रामीणों को इस महत्वपूर्ण योजना के माध्यम से आर्थिक लाभ हासिल हो सके। इस मौके पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक भी उपस्थित थे। कलेक्टर ने इस मौके पर ग्रामीणों से गांव की समस्या एवं गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी भी ली तथा उन्हें सामूहिक रूप से काम कर इस योजना का लाभ उठाने की अपील भी की। जिला पंचायत सीइओ श्री एस. आलोक ने बताया कि जिले की 216 गौठान में नोडल अधिकारी नियुक्ति किए गए है। जो शासन की महत्वकांक्षी योजना एनजीजीबी के तहत बनाए गए गौठान में सतत् गतिविधियां एवं गोधन न्याय योजना का क्रियान्वयन निरीक्षण करेंगे।
गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं के द्वारा बेचे गए गोबर का खरीदी विक्रय का विवरण रखने के लिए एप तैयार किया गया जिसके माध्यम पंजीकृत हितग्राही अपने सभी विवरण इसमें देख सकेगे । इस संबंध में नोडल अधिकारियों को एप से संबंधित जानकार को लेकर प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस. आलोक ने बताया कि गोबर खरीदी के लिए शासन के द्वारा चिप्स के माध्यम से एप तैयार कराया गया है। जिले में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंन्द्र भुरे के मार्ग दर्शन में गोधन न्याय योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
श्री एस. आलोक बताया कि अब एप के माध्यम से गोधन न्याय योजना का संचालन किया जाएगा। जिस तरह से धान खरीदी में किसानों का पंजीयन किया जाता है। उसी तरह गोधन न्याय योजना में गोबर विक्रता का पंजीयन कृषि सहकारी समिति द्वारा किया जाना है। ऐसा करना इसलिए आवश्यक है क्योकि गोबर खरीदी के समय विक्रताओं की जानकारी भरने की आवश्यकता न रहे। केवल क्रय किए गए गोबर की मात्रा ही भरना पड़े। उन्हांेने बताया कि जिन हितग्राहियों ने गोबर की विक्रय किया है।
उनकी जानकारी एनआईसी में एकत्रित हो गई है। उनका पंजीयन दुबारा करने आवश्यक नही होगा। सिर्फ जिन्होने अब तक गोबर नहीं बेचा है, उनका ही पंजीयन कराये जाने को कहा है। उन्होने गौठान नोडल अधिकारियों को अभियान चलाकर शेष सभी गोबर विके्रता का पंजीयन कराने कहा है। एप के संबंध में सभी नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसके बाद भी अगर कही पर भी कोई कठिनाई आती है, तो जिलास्तरिय अधिकारी या फिर चिप्स के हेल्पलाईन नम्बर पर काॅल करके समस्या का समाधन कर सकते है। उन्होने कहा कि इस एप को सहायता से पंजीकृत हिजग्राही अपने पंजीयन की जानकारी जैसे व्यक्तिगत विवरण, बैक विवरण एवं संबंधित गौठान का नाम देख पाएगें। इसमें हितग्राही द्वारा बेचे गए गोबर की तिथिवार जानकारी एवं विक्रय से प्राप्त राशि को जानकारी आसानी से देख सकेगें। - भरना होगा शपथ पत्र और मानने होंगे सारे नियम वरना होगी कानूनी कार्रवाई
दुर्ग : अब कोरोना पॉजिटिव आने पर बिना लक्षणों वाले मरीज अपने घर पर रहकर भी उपचार ले सकते हैं। मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गंभीर सिंह ने बताया कि राज्य शासन द्वारा आदेश जारी किया गया है कि जाँच के बाद यदि कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव आता है तथा एसिम्प्टोमेटिक अर्थात सर्दी खांसी ,बुखार ,सांस में तकलीफ नहीं है और वह घर पर रहकर उपचार कराना चाहता है तो उन्हें शासन के शर्तों व नियमों का पालन करना होगा। मरीज को शपथ पत्र भरना होगा तथा शपथ पत्र में दी गई गाइडलाइन का अक्षरशः पालन करना होगा। घर में उपचार के लिए चिकित्सक द्वारा सहमति पत्र संलग्न किया जाना अनिवार्य है। साथ ही मरीज की प्रतिदिन माॅनिटरिंग अनिवार्य है जिसमें तापमान, पल्स ऑक्सी मीटर द्वारा शरीर में ऑक्सीजन लेवल की जानकारी देनी होगी। फिजिकल और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। डॉ. गंभीर सिंह ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव होम आईसोलेशन में जाने वाले मरीज की काउंसलिंग श्रीमती मोइत्री मजूमदार कर रही हैं। साथ ही उन्हें मेडिसिन कीट भी उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यदि मरीज द्वारा गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाता तो संबंधित व्यक्ति पर निर्धारित कानूनी कार्रवाई होगी जिसकी जिम्मेदारी उस व्यक्ति की ही होगी।लापरवाही करने पर उन्हें तत्काल शासकीय कोविड केयर संस्था में शिफ्ट किया जा सकता है।
अगर ये लक्षण हों तो कराएं जांचजिला प्रशासन द्वारा सभी आम नागरिकों से अपील की जाती है कि यदि वे कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आए हैं तो अपनी जाँच अवश्य करवाएं। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में प्रशासन की मदद करने से कोविड संकट का मुकाबला करने में काफी मदद होगी।कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भुरे ने अपील की है कि किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें। मास्क का उपयोग करें, अनावश्यक घर से बाहर न निकलें ताकि भीड़ एकत्रित न हो। यदि जाना जरूरी हो तो फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करें। उन्होंने सभी नागरिकों से सहयोग की अपेक्षा की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि यदि किसी भी व्यक्ति को बुखार, सर्दी खांसी या सांस लेने में तकलीफ हो या पाॅजीटीव मरीज के सम्पर्क में आए हों तो वे नजदीक के शासकीय अस्पताल जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जा कर अपनी सैंपलिंग अनिवार्य रूप से करवाएं। ये हम सबकी जिम्मेदारी है कि शासन द्वारा जो भी गाइड लाइन दिए गए हैं उनका पालन करें। स्वयं सुरक्षित रहे व दूसरे को सुरक्षित रखें।कोरोना पॉजिटिव मिलते ही मरीजों को तत्काल कोविड केयर सेंटर में भेजा जा रहा
डॉ. गंभीर सिंह ने बताया कि जैसे ही मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही उसे अविलंब कोविड केयर सेंटर भेजा जा रहा है। कोविड केयर सेन्टर में पाॅजिटीव केस पहुचते ही चिकित्सा टीम द्वारा प्रत्येक मरीज की सुविधा का ध्यान रखते हुए उनको आवश्यक सामग्री प्रदान की जा रही है।साथ ही मेडिसिन कीट भी उपलब्ध कराई जा ही है। चिकित्सा स्टाफ द्वारा मरीजों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। बिना लक्षण वाले मरीजों को चन्दूलाल चन्द्राकर मेडिकल कॉलेज में उपचारित किया जा रहा है। गंभीर लक्षण वाले मरीज को तत्काल शंकराचार्य मेडिकल काॅलेज जुनवानी में रिफर किया जाता है। - 48 का चल रहा ट्रीटमेंट, सीटी स्कैन एवं ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था उपलब्ध
रिकवरी रेट काफी अच्छा, अस्पताल की व्यवस्था मुकम्मल करने लगातार हो रही समीक्षा
दुर्ग : शंकराचार्य हॉस्पिटल स्थित कोविड केअर सेंटर में रिकवरी रेट उम्मीद जगाता है। यहां भर्ती किये गए 1008 मरीजों में 929 मरीज पूर्णतः स्वस्थ हो गए हैं। अभी 48 मरीजों का इलाज चल रहा है। 31 मरीजों की मृत्यु हुई है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे व्यवस्था पर निरंतर नजर रखे हुए हैं। कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक सीटी स्कैन और ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा यहाँ उपलब्ध है। खाने में रिच प्रोटीन हो, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है।
इस संबंध में आज कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बताया कि शंकराचार्य कोविड हाॅस्पिटल में 50 बिस्तर वाला वार्ड में संपूर्ण सेंट्रलाईज ए.सी. की सुविधा है। इसके साथ ही 100 बिस्तर का वार्ड तैयार किया गया जिसमें आक्सीजन सिलेण्डर की व्यवस्था की गई है। इस अस्पताल में आईसीएमआर की गाईड लाईन को ध्यान में रखते हुये ईलाज किया जा रहा है। वर्तमान में एक्स-रे व लैब की व्यवस्था के साथ सी.टी. स्केन की भी व्यवस्था की गई है। गत दिनों खानपान व साफ-सफाई को लेकर शिकायत की गई थी जिसमें जिला प्रशासन ने त्वरित अस्पताल का निरीक्षण किया जिसमें पाया गया कि अस्पताल का साफ-सफाई की अच्छी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा मरीजों को पौष्टिक भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
जिला प्रशासन के कार्यवाही पर वर्तमान अस्पताल में सभी सुविधा उपलब्ध करायी गई है। कलेक्टर ने बताया कि कोविड अस्पताल में इलाज की और सुविधाओं की नियमित समीक्षा हो रही है। इसके लिए कल ही शंकराचार्य प्रबंधन के साथ महत्वपूर्ण बैठक ली थी। इसमें कोविड को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे। बैठक में निर्देशित किया था कि कोविड में रिस्पांस टाइम का बेहद महत्व है। मरीजों के इलाज में लगे कोविड वारियर्स मरीजों की नियमित अंतराल पर बेसिक जांच करते रहें। ऑक्सीजन सपोर्ट की स्थिति में त्वरित कार्रवाई करें। यदि किसी अन्य तरह की जटिलताएं दिखे तो हायर सेंटर में रेफर करने की कार्रवाई करें। साफ-सफाई की मॉनिटरिंग बेहद जरूरी है। टॉयलेट की नियमित अंतराल में सफाई, फ्लोर सैनिटाइजर के कार्य की मॉनिटरिंग जरूरी है।
मरीजों के पीछे नर्सिंग स्टाफ पर्याप्त होने चाहिए ताकि मरीजों को राहत मिलती रहे। कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक कोरोना वारियर की सुरक्षा भी अहम है। इसके लिए ट्रेनिंग भी कराई जा चुकी है। इसके मुताबिक ही कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि मॉनिटरिंग जितनी अच्छी होगी और समन्वय जितना अच्छा होगा। रिकवरी रेट उतना ही अच्छा होगा और लोगों को भी संतोष मिलेगा। उन्होंने बुजुर्ग मरीजों पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश भी दिये हैं। कलेक्टर ने बताया कि इनके साथ आयु से जुड़ी हुई अन्य परेशानियां भी होती हैं। इसकी वे दवा कर रहे होते हैं। ऐसे मामलों में विशेष ध्यान दें। कलेक्टर ने बताया कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट को छोटी-छोटी बारीकियों पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। -
सीटी स्कैन एवं अतिरिक्त वेंटिलेटर की व्यवस्था करने के निर्देश
प्रभारी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने दिये निर्देश, कहा कोविड केअर सर्वोच्च प्राथमिकता, अन्य विकास योजनाओं की समीक्षा भी की
दुर्ग : प्रभारी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने समीक्षा बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा कोविड केअर पर की। उन्होंने कहा कि कोविड मरीजों को संक्रमण के दायरे से बाहर लाना, उन्हें हर संभव सुविधा उपलब्ध कराना अभी सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्य है। अस्पतालों में व्यवस्था मुकम्मल होनी चाहिए। साफ सफाई लगातार होती रहे। भोजन आदि का समय बिल्कुल नियमित बना रहे।
गंभीर मरीजों की स्थिति पर विशेष नजर रखें। अतिरिक्त वेंटिलेटर का इंतजाम भी कर लें। सीटी स्कैन की व्यवस्था भी मुकम्मल हो। मंत्री ने कहा कि कोविड के लिए स्टीम, गर्म पानी वगैरह बहुत उपयोगी होते हैं। यह व्यवस्था होती रहे। खाने की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। बैठक में सांसद श्री विजय बघेल, विधायक श्री अरुण वोरा, संभागायुक्त श्री टीसी महावर, आईजी श्री विवेकानंद सिन्हा, सीएफ श्रीमती शालिनी रैना, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, एसपी श्री प्रशांत ठाकुर, नगर निगम आयुक्त भिलाई श्री ऋतुराज रघुवंशी, जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक एवं अपर कलेक्टर श्री प्रकाश सर्वे, श्री बीबी पंचभाई उपस्थित थे।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बताया कि अस्पताल की व्यवस्था की नियमित मॉनिटरिंग हो रही है। खाने की गुणवत्ता देखने अधिकारी औचक निरीक्षण करते हैं। साफ सफाई के लिए टीम लगाई गई है। व्यवस्था की बेहतरी के लिए निरंतर जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों से मिले फीडबैक के मुताबिक कार्य कर रहे हैं। विधायक श्री अरुण वोरा ने टेस्टिंग बढ़ाने तथा कोविड संक्रमण को रोकने अन्य सुझाव भी दिए।
कलेक्टर ने बताया कि कोविड वारियर इस आपदा से जूझने पूरे समय लगे हैं। हम लगातार संक्रमित क्षेत्रों का सर्वे कर रहे हैं और सैंपल ले रहे हैं। इसे तेजी से बढ़ाया गया है और आगे भी संक्रमण को थामने की दिशा में अधिकाधिक टेस्ट का लक्ष्य है। मंत्री ने कहा कि मरीजों की सुविधा और उनके बेहतर उपचार के लिए सभी प्रभावी कार्य सुनिश्चित हो। इस संबंध में जो निजी अस्पताल प्रोटोकॉल के मुताबिक कार्य करना चाहें उन्हें भी प्रोत्साहित करें। मंत्री ने कहा कि सैनिटीजशन का कार्य बेहद अहम है। इसकी मॉनिटरिंग होती रहे।
गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू भी वीसी के माध्यम से कुछ देर के लिए बैठक से कनेक्ट हुए। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के दौरान कोरोना संक्रमण को रोकने में पुलिस ने बड़ी भूमिका निभाई। ऐसे संक्रमित कोरोना वारियर के इलाज पर भी लगातार नजर रखें। साथ ही जेल में भी संक्रमण की स्थिति पर नजर रखें।
बैठक में मंत्री ने अन्य विभागों की समीक्षा भी की। उन्होंने गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन पर नजर रखने की बात कही। सुपोषण अभियान के लक्ष्यों पर नजर रखने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को सुपोषित रखना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। मंत्री ने कानून एवं व्यवस्था के अतिरिक्त अन्य विषयों पर भी गहन चर्चा की। मंत्री ने कहा कि कोविड नियंत्रण के साथ ही रोजगारमूलक गतिविधि को भी बढ़ावा दिया जाए।
मंत्री ने कहा कि नागरिकों की बुनियादी समस्या हल करना सबसे पहली प्राथमिकता है। कोविड काल में रेस्पॉन्स सिस्टम पर सबसे ज्यादा काम करें, इससे संक्रमण को थामने में काफी मदद मिलेगी। बैठक में विधायक श्री वोरा ने अपने क्षेत्र के लिए जरूरी विकास कार्यों को रखा और जनसरोकार भी रखे।क्रमांक 1121 - जिला प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन ने लिया निर्णय, बीएसपी कर्मचारियों को मिलेगी राहतदुर्ग : कोरोना की त्रासदी से निपटने के लिए अविलंब निर्णय प्रशासन द्वारा लिए जा रहे हैं। आज सेक्टर 9 हॉस्पिटल में भी कोविड यूनिट आरम्भ करने का निर्णय लिया गया। इसमें 25 बेड होंगे। इसमें आईसीयू एवं एचडीयू की सुविधा भी होगी। इस संबंध में इस संबंध में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बीएसपी प्रबंधन के साथ मिलकर चर्चा की। चर्चा के पश्चात निर्णय लिया गया कि कोविड मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए सेक्टर 9 हॉस्पिटल में कोविड यूनिट आरंभ किया जाए। इस कोविड यूनिट में 25 बेड होंगे, इसमें गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू की सुविधा भी होगी।
इससे बीएसपी प्रबंधन में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों को लाभ मिल सकेगा। कलेक्टर ने बीएसपी प्रबंधन के साथ मिलकर आज अस्पताल में कोविड यूनिट के लिए प्रोटोकॉल के मुताबिक आवश्यक सुविधाओं पर चर्चा की। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि इसके लिए प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी सामग्रियां उपलब्ध हैं। ऑक्सीजन की जरूरतों से संबंधित, साथ ही कोरोनावारियर्स के लिए की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपकरण पीपीई किट वगैरह सभी सुविधाएं इस केंद्र में उपलब्ध होंगे।
उल्लेखनीय है कि परसों ही 6 निजी अस्पतालों को भी जिला प्रशासन ने कोविड के मरीजों के इलाज की अनुमति दी है यह सुविधा उन मरीजों के लिए है जो शासकीय अस्पतालों में इलाज का लाभ नहीं लेना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि शासकीय अस्पतालों में मरीजों का इलाज निःशुल्क किया जा रहा है। जिला प्रशासन लगातार कोविड मरीजों के इलाज की निगरानी एवं उन्हें दी जा रही सुविधाओं की मॉनिटरिंग की जा रही है। कल ही विधायक श्री देवेंद्र यादव, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं अन्य अधिकारियों ने कोविड केयर सेंटर कचांदूर एवं शंकराचार्य हॉस्पिटल का निरीक्षण किया।
उल्लेखनीय है कि निजी अस्पतालों के आरंभ होने से इलाज की अतिरिक्त क्षमता जिले में उत्पन्न हुई है। जिला प्रशासन द्वारा तेजी से कोविड संक्रमण को थामने के संदर्भ में निर्णय लिए जा रहे हैं कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य तेज किया जा चुका है। हर दिन लगभग हजार सैंपल लिए जा रहे हैं। इसके पश्चात मरीजों को अस्पताल पहुंचाने एवं इनके प्राइमरी कांटेक्ट की व्यवस्था की जा रही है।
कलेक्टर ने सभी निगम अधिकारियों को एवं पंचायत अधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित किया है कि हॉटस्पॉट एरिया में किसी भी तरह से कोताही नहीं बरतें, संक्रमण को उन्हीं स्थानों तक सीमित रखने की दिशा में काम करना है। जहां पर संक्रमण के बड़े पैमाने पर मामले सामने आ रहे हैं। वहां पर तेजी से सर्वे कार्य किया जा रहा है।
जिन लोगों को सर्दी खांसी की शिकायत आ रही है उनके सैंपल भेजे जा रहे हैं साथ ही डेटाबेस के माध्यम से इसकी मॉनिटरिंग भी लगातार की जा रही है। इसके साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी एक बड़ा निर्णय लिया गया है। काढ़ा वितरण के महा अभियान जिला प्रशासन द्वारा चलाये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्टॉल लगाकर काढ़े के वितरण करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं। -
दुर्ग : जिले में काढ़ा वितरण को लेकर महा अभियान चलाया जाएगा। निगम में वार्डों में एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्टाल लगाकर काढ़े का वितरण किया जाएगा कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि आयुष विभाग द्वारा जो काढ़ा बताया गया है वह प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाने के लिए उपयोगी है। लोगों तक सामग्री उपलब्ध हो तथा काढ़ा बनाने की विधि भी लोगों को मालूम हो जाए इस संबंध में व्यापक अभियान जिला प्रशासन द्वारा चलाया जाएगा। कलेक्टर ने इस संबंध में व्यवस्था बनाने के निर्देश निगम के एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को दिए हैं।
कलेक्टर ने कहा कि कोविड की बीमारी से लड़ने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ावा देने के साथ ही मास्क पहनना एवं सैनिटाइजेशन का पालन करना बेहद आवश्यक है, इसके साथ ही प्रतिरोधक क्षमता को लेकर कार्य करना भी आवश्यक है। इस संदर्भ में आयुष मंत्रालय द्वारा जारी किए गए निर्देश उपयोगी हो सकते हैं। इसके मुताबिक काढ़े को अधिकाधिक लोगों तक उपलब्ध किया जाए ताकि पप्रतिरोधी क्षमता के माध्यम से कोविड की बीमारी से स्वयं को प्रतिरोधी बनाने में मदद मिल सके। कलेक्टर ने आज निगम के एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को कोविड संक्रमण को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने और किसी तरह की चूक नहीं करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह से चूक नहीं होनी चाहिए। जो लोग होम आइसोलेशन में रह रहे हैं उनकी सतत मॉनिटरिंग होनी चाहिए। कोविड के मरीजों की प्राइमरी कांटेक्ट की ट्रेसिंग बहुत जरूरी है। इसके साथ ही जल्द से जल्द इनकी टेस्टिंग भी जरूरी है। टेस्टिंग के नतीजे आते ही इन्हें तय समय अवधि में अस्पताल में शिफ्ट किया जाना जरूरी है जो लोग शासकीय अस्पतालों की सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं उनका निशुल्क इलाज शासकीय अस्पताल में किया जाएगा। जो लोग इसके इच्छुक नहीं है वह प्रशासन द्वारा चिन्हांकित निजी अस्पतालों में अपना इलाज करा सकते हैं। कलेक्टर ने कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष अलर्ट में रहे जहां कहीं से भी पॉजिटिव होने अथवा किसी कोविड मरीज के मृत होने की सूचना मिलती है।
वहां पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। कलेक्टर ने कहा कि कोविड केयर सेंटर में भी मरीजों के प्रभावी इलाज पर नजर रखें। मरीजों की सुविधा का हर तरह से ध्यान रखें। कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार कार्य करें, साथ ही जो मरीज डिस्चार्ज हुए हैं। उन्हें घरों तक पहुंचाने की सुविधा भी उपलब्ध कराएं। डिप्टी कलेक्टर सुश्री प्रियंका वर्मा ने बताया कि डिस्चार्ज मरीजों के लिए निगम द्वारा दो बसें उपलब्ध कराई गई है। कल 74 कोविड मरीज डिस्चार्ज हुए जिन्हें घर तक बसों के माध्यम से विदा किया गया। कलेक्टर ने कहा कि जो लोग होम आइसोलेशन में है उनकी विशेष रूप से मॉनिटरिंग की जाए।
सर्दी खांसी के मरीजों के लिए सर्वे का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाए, इनका सैंपलिंग का कार्य भी तेजी से किया जाए , जिन क्षेत्रों में सर्दी खांसी के अधिक मरीज आ रहे हैं उन्हें चिन्हांकित किया जाए एवं इन क्षेत्रों में विशेष रूप से अभियान चलाकर लगातार लोगों के स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग की जाए।