बॉलीवुड फिल्म भुजः द प्राइड ऑफ इंडिया : जानिए भारतीय वायुसेना के जांबाज अधिकारी विजय कार्णिक की असली कहानी, जिन पर बन रही है 'भुज' फिल्म
बॉलीवुड फिल्म भुजः द प्राइड ऑफ इंडिया की ट्रेलर देखने के बाद हर कोई स्क्वाड्रन लीडर विजय कुमार कार्णिक के बारे में जानने चाहते हैं. वह भारत-पाकिस्तान युद्ध के रियल हीरो थे.
बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन स्टारर 'भुजः द प्राइड ऑफ इंडिया' का ट्रेलर 12 जुलाई को लॉन्च हुआ. ट्रेलर देखने के बाद फैस बेसब्री से फिल्म आने का इंतजार कर रहे हैं. फिल्म स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 12 अगस्त को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज होगी. फिल्म में अजय देवगन ने स्क्वाड्रन लीडर विजय कुमार कार्णिक का किरदार निभा रहे हैं.
फिल्म में अजय देवगन के अलावा, संजय दत्त, सोनाक्षी सिन्हा, नोरा फतेही, प्रणिता सुभाष, श्रद्धा कपूर, एमी विर्क, राणा दग्गुबाती, शरद केलकर समेत कई बड़े सेलेब्स शामिल है. सब फिल्म में अहम किरदार निभा रहे हैं. फिल्म रियल लाइफ की घटना पर आधारित है. फिल्म की कहानी भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित है. इस युद्ध के हीरो स्क्वाड्रन लीडर विजय कुमार कार्णिक थे. यहां हम आपको इस जांबांज हीरो के बारे में बताने जा रहे हैं.
जैसा की हम सभी जानते हैं कि साल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध को बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के रूप में जाना जाता है. ये युद्ध भारत के मित्रा वाहिनी बल और पाकिस्तानी सेना के बीच हुआ. युद्ध की शुरुआत 11 भारतीय एयर स्टेशन पर पाकिस्तानी हमले से हुई. पाकिस्तानी सेना ने अपने इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन चंगेज खान के नाम से किया. ये युद्ध भार 3 दिसंबर 1971 से 16 दिसंबर 1971 तक हुआ.
14 से ज्यादा नेपाम बम गिराए
भारतीय सेना 11 अलग-अलग हिस्सों में पाकिस्तानी सेना से लड़ रही थी. लेकिन सबसे खास और अहम भुज का युद्ध रहा. 8 दिसंबर 1971 को गुजरात के भुज में रुद्र माता एयरफोर्स बेस पर 14 से ज्यादा नेपाम बम गिराए. इससे भारतीय भारतीय वायुसेना के विमानों के उड़ान भरने में दिक्कत हुई. पाकिस्तानी एयरफोर्स ने 14 दिनों तक कई बार हमला किया.
300 महिलाओं और गांव के लोगों ने की मदद
इसी एयरबेस के कमांडर स्क्वाड्रन लीडर विजय कुमार कार्णिक थे. भारतीय वायुसेना, सीमा सुरक्षा बल से मदद लेना चाहती थी लेकिन उनके पास भी ज्यादा जवान नहीं थे. भुज के पास के गांव माधापुर के लोगों ने भारतीय वायुसेना की मदद की और 72 घंटे के भीतर 300 महिलाओं को इस एयरबेस को फिर से तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई और उन्होंने उसे पूरा भी किया.
ऑपरेशन पूरा किया
स्क्वाड्रन लीडर कार्णिक ने अपने दो ऑफिसर्स और 50 वायुसेना के जवानों और डिफेंस सिक्योरिटी के 60 जवानों के साथ मिलकर पाकिस्तान की तरफ से बमबारी के बीच ही इस एयरबेस को फिर से ऑपरेशनल रखने का मिशन पूरा किया था. इसके बाद भारतीय वायुसेना ने अपने मिशन को पूरा किया और दुश्मन को हरा दिया. एयरफील्ड ऑपरेशनल रहने की वजह से सेना के ऑफिसर्स और जवानों को लेकर आ रही फ्लाइट सुरक्षित तरीके से लैंड हो सकी थी. सरकार की तरफ से एयरबेस की मरम्मत करने वाली महिलाओं को 50,000 रुपए कैश के पुरस्कार से सम्मानित किया था.
विजय कार्णिक अब रिटायर
विजय कार्णिक अब भारतीय वायु सेना रिटायर हो चुके हैं. उनका जन्म 6 नवंबर 1939 को नागपुर में हुआ था. उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की और इसके बाद वायुसेना में शामिल हो गए. उनके भाई भी भारतीय सेना के जवान हैं.
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