बलरामपुर : कृषि विभाग द्वारा बीज वितरण के साथ खेती की नई तकनीक की दी जा रही है जानकारी
बलरामपुर : छत्तीसगढ़ शासन निरंतर किसानों के हित में लगातार कार्य कर रही है। सुराजी ग्राम योजना हो या राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसान षासन के योजनाओं का प्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त कर रहे हंै। जिला बलरामपुर-रामानुजगंज में सुराजी ग्राम योजना के तहत गोठान ग्रामों में समग्र विकास किया जा रहा है जिसके लिए कृषि विभाग निरंतर प्रयास कर रही है।
खरीफ फसल की कटाई समाप्त होने के बाद अब रबी फसलों की बुआई में कृषि विभाग की टीम अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय हो गये हैं। जिले के कलेक्टर श्री श्याम धावड़े, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरीष एस. के मार्गदर्षन एवं उप संचालक कृषि श्री अजय अनन्त के दिषा-निर्देष में कृषि विभाग के मैदानी कर्मचारी विभागीय योजनाओं के द्वारा फसल प्रदर्षन की तैयारी शुरू कर दी गई है।
कृषि विभाग द्वारा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से बीज वितरण कर रही है। इसी क्रम में विकासखण्ड शंकरगढ़ में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती विजेता तिर्की की उपस्थिति में गोठान ग्राम मनकेपी के किसानों को गेहूं बीज का वितरण किया गया।
जिला पंचायत सदस्य के द्वारा किसानों को विभागीय फसल प्रदर्षन के बारे में विस्तृत जानकारी भी दिया गया। फसल प्रदर्षन का उद्देष्य यह होता है कि विभाग के द्वारा निःषुल्क बीज एवं अन्य आदान सामग्री जैसे जैविक कीटनाषक, सुक्ष्म पोषक तत्व आदि प्रदान कर वैज्ञानिक पद्धति से फसल की बुआई किया जाए जिससे फसल की अधिक से अधिक उत्पादन हो एवं किसानों के बीच नई तकनीक का प्रचार-प्रसार हो।
इसी उद्देष्य से विकासखण्ड शंकरगढ़ में कृषि विभाग के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री रीझन एक्का, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्रीमती प्रभामणी एक्का, बी.टी.एम. श्री विक्रम श्रीवास्तव की टीम गोठान ग्राम मनकेपी में रबी फसल गेहूं बीज को ट्रेक्टर चलित सीड ड्रील के माध्यम से बीज की बुआई करवाया गया।
इस विधि में टेªक्टर के पीछे सीड ड्रील लगा होता है जिसमे उपर से बीज को मजदूरों द्वारा गिराया जाता है जो सीड ड्रील के माध्यम से एक निष्चित दूरी पर बीज गिरता जाता है। सीड ड्रील से बीज की बुआई करने से बीज की प्रति एकड़ बीज दर में कमी होती है साथ ही कतार से कतार एवं पौधे से पौधे की दूरी निष्चित रहती है फिर इसे कम या ज्यादा भी किया जा सकता है। सीड ड्रील का सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह होता है कि इससे आवष्यकता अनुसार गहराई पर बीज की बुआई किया जा सकता है जिससे बीज का अंकुरण सही होता है।
इस प्रकार बीज को कतार में बोने से अनेकों फायदे हैं, फसल की निराई-गुढा़ई एवं सिंचाई, दवा छिड़काव में सुविधा होती है सबसे महतवपूर्ण बात है कि पौधों को सूर्य की रोषनी, हवा आदि अच्छे से मिलती रहती है जिससे फसल का बढ़वार अच्छा होता है एंव उत्पादन अधिक होता है। कृषि विभाग की यह तकनीक किसानों को पसंद आ रही है। जिले में किसान स्वयं गेहूं तथा सरसों की बुआई सीड ड्रील के माध्यम से कर रहे हैं। किसानों के अनुसार इस तकनीक से समय की बचत होती है तथा मजदूर की कमी के साथ-साथ अन्य खेती की क्रियाओं में आसानी होती है।
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