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 नेत्रदान महादान पखवाड़ा शुरु, 8 सितम्बर तक चलेगा पखवाड़ा
नारायणपुर : राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ए.आर. गोटा, नोडल अधिकारी डॉ. एम.के सूर्यवंशी  के निर्देशानुसार प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 25 अगस्त से 08 सितंबर 2020 तक राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा पूरे नारायणपुर जिले में किया जाना है। नोडल अधिकारी डॉ. एम.के सूर्यवंशी ने बताया कि हमारी आंखे हमारे मरने के बाद भी किसी के काम आ सकती है। नेत्रदान मृत्यु के बाद ही किया जाता है। नेत्रदान के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह अपने जीते जी घोषणा पत्र भरा हो। नेत्रदान कोई भी व्यक्ति कर सकता है, किन्तु रेबीज, एड्स, टिटेनेस, हेपेटाइटिस, सर्पदंश, लेप्रोसी, जहर, सिफलिस, डूबकर या जलकर, ऑख का कैंसर, फॉसी लगााकर, ब्लड कैंसर, सेप्टीसीमिया, तपेदिक एवं संक्रामक बीमारी वाले नेत्रदान के लिए उपयुक्त नहीं रहते। 
 
उन्होंने बतााया कि यदि किसी की आंख के कॉर्निया की सफेदी कॉर्नियल ओपेसिटी के कारण     
 
   दृष्टिहीनता है तो उसकी कॉनिया बदलने से वह व्यक्ति अंधेपन से छुटकारा पा सकता है। कोरोना महामारी के समय केवल आपातकालीन ऑपरेशन किये जा रहे है। नेत्रदान संबंधी प्रक्रिया कोविड-19 से बचाव शासन के समस्त दिशा-निर्देर्शाे का पालन करके किया जाना है। डॉ सूर्यवंशी ने बताया कि नेत्रदान के लिए मृत व्यक्ति के वारिस से लिखित सहमति लेने के बाद ही प्रशिक्षित अधिकारी के द्वारा मृत्यु के 06 घंटे के भीतर नेत्र गोलक को निकाला जाता है। आंखे किसे दिया जाता है ये गुप्त रखा जाता है। एक व्यक्ति के नेत्रदान से 2 दृष्टिहीन पुनः दुनिया देख सकते है। नेत्रदान के लिए नारायणपुर के जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और उप स्वास्थ्य केन्द्रों से संपर्क किया जा सकता है। 

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