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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
परोसा गया पारंपरिक छत्तीसगढ़िया भोजन और व्यंजन
परिवारजनों ने मुख्यमंत्री का उत्साह एवं आत्मीय भाव से किया स्वागत
गरियाबंद : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान आम जनता से सीधा संवाद कर ना केवल उनकी समस्याओ का निराकरण कर रहे, बल्कि छत्तीसगढ़िया संस्कृति, खानपान और जीवनशैली को भी बढ़ावा दे रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज भोजन ग्रहण करने फिंगेश्वर में किसान श्री बिसेलाल साहू के घर पहुंचे। मुख्यमंत्री के घर पहुंचने पर श्री बिसेलाल के परिवार वालों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। उन्होंने पूरी आत्मीयता के साथ मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल को पारंपरिक छत्तीसगढ़िया भोजन और व्यंजन परोसा गया। पारंपरिक तरीके से कांसे की थाली में परोसे गए भोजन में बथुआ भाजी, तिवरा भाजी, जिमिकंदा, दाल पालक, बिजौरी, गुलगुला और सिलबटे से पीसा हुआ टमाटर की चटनी का मुख्यमंत्री ने सादगी के साथ ग्रहण किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने श्री बिसेलाल के परिवार वालों का हाल चाल पूछा और स्नेह के साथ परोसे गए स्वादिष्ट भोजन के लिए उनको धन्यवाद दियाI श्री बिसेलाल साहू के घर पर मुख्यमंत्री के साथ खाद्य मत्री श्री अमरजीत भगत, राजिम विधानसभा के विधायक श्री अमितेश शुक्ल, अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी साथ में भोजन ग्रहण किया। -
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गरियाबंद : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गरियाबंद जिले के गांव छुरा में छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा अर्चना एवं राज्य गीत के साथ भेंट-मुलाकात कार्यक्रम की शुरुआत की।इससे पूर्व संवाद स्थल पहुंचने पर मुख्यमंत्री का आम जनों और हितग्राहियों ने आत्मीय अभिनंदन किया। -
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राम नाथ विद्रोही
नयी दिल्ली : इंडियन जर्नलिस्ट असोसिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामनाथ विद्रोही ने समस्तीपुर जिला मुख्यालय में कार्यरत एक हिंदी दैनिक के संवाददाता ज्योति कुमार उर्फ़ बाला जी पर शनिवार की देर रात सशस्त्र अपराधियों ने हमला कर लूटपाट करने और विरोध करने पर चाक़ू से हमलाकर घायल कर देने की घटना की निंदा करते हुए सरकार तथा समस्तीपुर प्रशासन से तुरंत अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग किया है !आज जारी अपने बयान में श्री विद्रोही ने कहा है की बिहार में पत्रकारों पर हाल के दिनों में कई घटना घटित हुए हैं लेकिन सरकार पत्रकार को सुरक्षा देने में विफल रही है !सरकार को पत्रकार सुरक्षा क़ानून बनाकर अविलम्ब लागू करनी चाहिए !इसके लिए बिहार सहित देश के सभी राज्यों के पत्रकारों को संगठित होकर आवाज बुलंद करनी चाहिए !विज्ञप्ति में कहा गया है समस्तीपुर की घटना ने साबित कर दिया है की घटना सुनियोजित था !चूँकि श्री बालाजी अपना काम समाप्त कर अपने घर लौट रहे थे की मुसरी घरारी थाना के बथुआ गांव में स्कार्पियो सवार अपराधियों ने इस घटना को अंजाम देकर लूट पात की और चाक़ू मारकर घायल कर दिया और बेहोशी की हालत में छोड़कर फरार हो गए !!घायल पत्रकार संगठन के समस्तीपुर जिला उपाध्यक्ष ,प्रभातखबर और tv 9भारतवर्ष के संवाददाता ज्योति कुमार को शनिवार की रात अपराधियों ने लूटपाट के दौरान चाक़ू मारकर घायल कर दिया और लैपटॉप दो मोबाइल एटीएम कार्ड ,नगदी लूट लिए !बेहोशी की हालत मे घटनास्थल से एक ऑटो चालाक ने अस्पताल में भर्ती कराया !समस्तीपुर पुलिस के समक्ष घायल का बयान दर्ज किया गया है !अभीतक किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं मिली है !श्री विद्रोही ने कहा है की यदि अराधियों की गिरफ्तारी एक सप्ताह के अंदर नहीं होती है तो संगठन बिहार स्तरीय धरना प्रदर्शन समस्तीपुर में आयोजित करेगी !तिथि की घोषणा बाद में की जायेगी !!
इंडियन जर्नलिस्ट असोसिएसन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामनाथ विद्रोही ने समस्तीपुर जिला मुख्यालय में कार्यरत एक हिंदी दैनिक के संवाददाता ज्योति कुमार उर्फ़ बाला जी पर शनिवार की देर रात सशस्त्र अपराधियों ने हमला कर लूटपाट करने और विरोध करने पर चाक़ू से हमलाकर घायल कर देने की घटना की निंदा करते हुए सरकार तथा समस्तीपुर प्रशासन से तुरंत अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग किया है !आज जारी अपने बयान में श्री विद्रोही ने कहा है की बिहार में पत्रकारों पर हाल के दिनों में कई घटना घटित हुए हैं लेकिन सरकार पत्रकार को सुरक्षा देने में विफल रही है !सरकार को पत्रकार सुरक्षा क़ानून बनाकर अविलम्ब लागू करनी चाहिए !इसके लिए बिहार सहित देश के सभी राज्यों के पत्रकारों को संगठित होकर आवाज बुलंद करनी चाहिए !विज्ञप्ति में कहा गया है समस्तीपुर की घटना ने साबित कर दिया है की घटना सुनियोजित था !चूँकि श्री बालाजी अपना काम समाप्त कर अपने घर लौट रहे थे की मुसरी घरारी थाना के बथुआ गांव में स्कार्पियो सवार अपराधियों ने इस घटना को अंजाम देकर लूट पात की और चाक़ू मारकर घायल कर दिया और बेहोशी की हालत में छोड़कर फरार हो गए !! -
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मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने की सौजन्य मुलाकात
आदिवासियों के हित संरक्षण के लिए हो रहा निरंतर कार्य
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज शाम राजधानी स्थित उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुलाकात के दौरान हाल ही में 2 दिसंबर को विधानसभा के विशेष सत्र में आरक्षण के संबंध में पारित विधेयक पर अभूतपूर्व उत्साह के साथ मुख्यमंत्री का आभार जताया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आदिवासियों सहित समाज के सभी वर्गों के हित संरक्षण के लिए हमारी सरकार द्वारा निरंतर कार्य किया जा रहा है। आदिवासियों सहित सभी वर्गों के विकास में यह विधेयक मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में सभी वर्गों के साथ-साथ आदिवासी समुदाय के विकास और कल्याण के लिए लगातार कार्य कर रही है। इनमें प्रमुखता से समाज के कमजोर वर्ग सहित आदिवासियों के उत्थान तथा उन्हें अधिकार संपन्न बनाने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने आरक्षण के मुद्दे पर आदिवासी समाज को स्पष्ट रूप से भरोसा दिलाया था कि राज्य में इस मामले में आदिवासी निश्चिंत रहे, उन्हें 32 प्रतिशत् आरक्षण का लाभ जरूर दिलाया जाएगा। इसके लिए हमारी सरकार द्वारा हरसंभव पहल की गई और विधानसभा का विशेष सत्र आहूत कर इसे पारित कराया गया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार का मुख्य फोकस गांव, गरीब, किसान और आदिवासियों, वनवासियों पर है। खासतौर से आदिवासियों को अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने काम किया है। गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को पहला पूर्ण आदिवासी जिले के रूप में गठित किया गया। इसी कड़ी में मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर का भी गठन किया गया है। आदिवासी व वनवासियों को आरक्षित क्षेत्र में अधिकार प्रदान करते हुए व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, सामुदायिक वन अधिकार पत्र एवं सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरित किए जा रहे हैं।
वनवासी क्षेत्र में ग्राम सभा को शक्ति सम्पन्न बनाने पेसा कानून बनाकर लागू किया गया। लघु वनोपजों पर निर्भर वनवासियों की आर्थिक समृद्धि और उन्हें संबल बनाने के लिए सरकारी स्तर पर सात प्रकार के लघु वनोपजों की खरीदी को 65 प्रकार के लघुवनोपज तक बढ़ा दिया गया है। तेंदूपत्ता के समर्थन मूल्य को 25 सौ रुपये से बढ़ाकर चार हजार रुपये तक कर दिया गया है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना की शुरुआत अगस्त 2020 से की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार अब न सिर्फ लघुवनोपजों की खरीदी कर रही है, बल्कि उनका स्थानीय स्तर पर ही प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन का कार्य भी किया जा रहा है, जिससे वनवासियों के रोजगार एवं आय में कई गुना की बढ़ोत्तरी हुई है।इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री भारत सिंह, बी.पी.एस. नेताम, फूलसिंह नेताम, गणेश सिंह ध्रुव, डॉ. शंकर लाल उईके, आर.एन. ध्रुव, कुन्दन सिंह ठाकुर, लोकेन्द्र सिंह कुमर्रा, श्रीमती बसंता ठाकुर, फूलसिंह ठाकुर, सुदर्शन सिंह, मनोहर ठाकुर, दौलत कुंजाम, जग्गूसिंह ठाकुर, छबिलाल नेताम, सुरेश खुसरो, राकेश मिंज, सुशील खलखो, डॉ. वेदमति मण्डावी, उत्तरा मरकाम आदि शामिल थे। -
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मुख्यमंत्री राजिम विधानसभा क्षेत्र में परखेंगे योजनाओं की जमीनी हकीकत
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात अभियान की अगली कड़ी में 5 दिसंबर को गरियाबंद जिले के राजिम विधानसभा क्षेत्र में भेंट-मुलाकात करेंगे।मुख्यमंत्री श्री बघेल भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आमजनों से संपर्क और संवाद के साथ भेंट-मुलाकात करते हुए शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी लेंगे। वहीं आमजनता की समस्याओं पर उनसे सीधे बातचीत करेंगे साथ ही विभिन्न संगठनों से भी मुलाकात कर उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं को जानेंगे। गौरतलब है कि भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आमजनता को प्रदेश के मुखिया से सीधे बातचीत करने का अवसर मिलता है।निर्धारित दौरा कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री सुबह 11.30 बजे कुम्हारी मिनी स्टेडियम से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान कर सुबह 11.55 बजे गरियाबंद जिले की विधानसभा राजिम के विकासखण्ड छुरा के मिनी स्टेडियम पहुंचेंगे और वहां 12 बजे से भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री दोपहर 1.40 बजे छुरा से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान कर दोपहर 2 बजे फिंगेश्वर के कॉलेज ग्राउण्ड पहुंचेंगे और दोपहर 2.45 बजे से भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री शाम 4.45 बजे फिंगेश्वर से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान कर शाम 5 बजे कॉलेज ग्राउण्ड स्टेडियम राजिम पहुंचेंगे और शाम 6 बजे से राजिम में विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात करने के बाद रात्रि विश्राम करेंगे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हॉकी के जादूगर पद्म भूषण मेजर ध्यानचंद की 03 दिसम्बर को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। मेजर ध्यानचंद की उपलब्धियों और खेल के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान को याद करते हुए श्री बघेल ने कहा है कि मेजर ध्यानचंद के जादुई खेल से भारत को ओलंपिक खेलों में तीन स्वर्ण पदक हासिल हुए हैं। मेजर ध्यानचंद का खेल के प्रति समर्पण और देश प्रेम की भावना हम सबके लिए प्रेरणास्पद है। उन्हें भारत सरकार द्वारा देश के प्रतिष्ठित पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। उनके जन्मदिन को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेजर ध्यानचंद अपनी प्रतिभा और हॉकी के प्रति समर्पण, प्रेम और अनुशासन से भारत में हॉकी की पहचान बन गए हैं। -
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बच्चों ने मुख्यमंत्री से मिल कर कहा सपना पूरा हुआरायपुर : पहाड़ी कोरवा बच्चों ने आज पहली बार विधानसभा की कार्यवाही देखी। विधानसभा की प्रक्रिया और संचालन का प्रत्यक्ष अवलोकन कर बच्चे उत्साहित थे। लोकतंत्र के इस मंदिर को देखकर बच्चों ने कहा उनका सपना पूरा हो गया। विशेष पिछड़ी जनजाति से तालुक रखने वाले पहाड़ी कोरवा जनजाति के इन बच्चों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत से भी मुलाकात की।जशपुर जिले से आए पहाड़ी कोरवा जनजाति के बच्चों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान बताया कि उन्हें यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। कक्षा 11 वीं के छात्र विनय भगत ने बताया कि सदन में पक्ष-विपक्ष के बीच चर्चा और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सदन संचालन को देखा। विधायिका के स्तंभ विधानसभा के बारे में आज जानने का अवसर मिला। छात्रा धनमनिया, लीलावती, सविता ने कहा कि आज ऐसा महसूस हो रहा है कि उनका सपना सच हो गया। अभी तक उन्होंने किताबों में विधानसभा के बारे में पढ़ा था, आज पहली बार देखने-जानने को मिला। छात्राओं ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री से मिलकर बहुत अच्छा लगा। इस अवसर पर विधायक द्वय श्री यू.डी. मिंज, श्री विनय भगत तथा अन्य छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। -
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शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत 863 संग्राहक परिवारों को 13 करोड़ 46 लाख 35 हजार रूपए की सहायता अनुदान राशि
छात्रवृत्ति योजनांतर्गत 7566 छात्र-छात्राओं को 8 करोड़ 4 लाख 65 हजार रूपए की छात्रवृत्ति राशि का अंतरण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां विधानसभा स्थित अपने कार्यालय से बिलासपुर एवं अंबिकापुर में रीजनल सी-मार्ट का वर्चुअली उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत 863 संग्राहक परिवारों को 13 करोड़ 46 लाख 35 हजार रूपए की सहायता अनुदान राशि एवं छात्रवृत्ति योजनांतर्गत 7566 छात्र-छात्राओं को 8 करोड़ 4 लाख 65 हजार रूपए की छात्रवृत्ति राशि का अंतरण किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि 28 जिलों में सी-मार्ट बन गए हैं। अब उत्पादों की बिक्री की समस्या नहीं है। सी-मार्ट से उपभोक्ताओं और स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को आसानी हो गई है। समूह की महिलाओं की आय भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि उन वस्तुओं का उत्पादन ज्यादा करें, जिनकी मार्केट में ज्यादा मांग है। नया उत्पाद बनाने के पूर्व उसका बाजार में स्थिति कैसी होगी, इसका आंकलन बेहतर तरीके से कर लें। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज स्व-सहायता समूह के द्वारा बनाए गए उत्पादों को सी-मार्ट के माध्यम से एक बाजार मिला है। इससे उनकी आमदनी में वृद्धि होने के साथ ही रोजगार भी मिला है। उन्होंने कहा कि एक सी-मार्ट दूसरे जिले के या संभाग के सी-मार्ट से ऑनलाइन माध्यम से जुड़े हुए हैं। जिससे किस सी-मार्ट में कौन-कौन से उत्पाद है, इसकी जानकारी मिल जाती है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के हितग्राहियों से सहानुभूतिपूर्वक बात की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस योजना से कम समय में ही पीड़ित परिवार को सहायता राशि मिल रही है। इससे उनके परिवार को एक आर्थिक सम्बल मिला है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मेघावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम के दौरान मेघावी छात्रों से बात की। मुख्यमंत्री ने छात्रों को पूरा दिल लगाकर पढ़ाई करने को कहा और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेघावी छात्र-छात्राओं को मिलने वाली इस राशि से उनकी आगे की पढ़ाई में काफी सहायता मिलती है और भी अन्य छात्र-छात्राओं को पूरी मेहनत से पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।कार्यक्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री टी.एस. सिंह देव, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार, बिलासपुर विधायक श्री शैलेष पाण्डेय, प्रमुख सचिव वन श्री मनोज पिंगुआ, पीसीसीएफ श्री संजय शुक्ला, अपर प्रबंध संचालक लघु वनोपज श्री एस.एस. बजाज उपस्थित थे।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की पर्वतारोही सुश्री नैना सिंह धाकड़ को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किए जाने पर बधाई और शुभकामनाएं दी है। पर्वतारोही सुश्री नैना सिंह धाकड़ को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने तेजनिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार के तहत लैंड एडवेंचर पुरस्कार से सम्मानित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है कि सुश्री नैना ने यह उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने सुश्री नैना के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। उल्लेखनीय है कि सुश्री नैना सिंह धाकड़ ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट और चौथी ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से में 10 दिनों के भीतर चढ़ाई कर तिरंगा फहराया था। सुश्री नैना यह उपलब्धि करने वाली भारत की पहली महिला पर्वतारोही है। -
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मुख्यमंत्री बिलासपुर तथा अम्बिकापुर में सी-मार्ट का करेंगे शुभारंभ
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 2 दिसंबर को विधानसभा सत्र में भाग लेंगे और वहां छत्तीसगढ़ विधानसभा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना एवं छात्रवृत्ति योजनांतर्गत हितग्राहियों तथा छात्र-छात्राओं को राशि का वितरण करेंगे। साथ ही वे बिलासपुर तथा अम्बिकापुर में सी-मार्ट का शुभारंभ भी करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल निर्धारित दौरा कार्यक्रम के तहत 2 दिसंबर को पूर्वान्ह 10.30 बजे मुख्यमंत्री निवास रायपुर से प्रस्थान कर 10.50 बजे छत्तीसगढ़ विधानसभा पहुंचेंगे और विधानसभा सत्र में भाग लेंगे। वे इस दौरान विधानसभा में दोपहर 1 बजे से 1.30 बजे तक आयोजित कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना एवं छात्रवृत्ति योजनांतर्गत हितग्राहियों तथा छात्र-छात्राओं को राशि का वितरण करेंगे। साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही बिलासपुर तथा अम्बिकापुर में सी-मार्ट का शुभारंभ भी करेंगे। -
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*सावित्रीबाई फुले की 191वीं जयंती के अवसर पर ( 3 जनवरी 2023 ) 5 महिलाओं को दिया जाएगा यह सम्मान ।
महाराष्ट्र : अंतर्राष्ट्रीय माता सावित्रीबाई फुले शोध संस्थान आगामी 3 जनवरी 2023 को क्रांतिज्योति, राष्ट्रमाता, भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की 191वीं जयंती के अवसर पर शिक्षा , कला , संस्कृति , साहित्य एवं समाजसेवा के क्षेत्र में सराहनीय सेवाओं और उल्लेखनीय योगदान देने वाली विशिष्ठ विभूतियों को माता सावित्रीबाई फुले अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित करेगा ।
संस्थान के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि संस्थान की ओर से 5 महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा । इसमें पहला माता सावित्रीबाई फुले अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड पीजीडीएवी कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर कृष्णा शर्मा को दिया जाएगा । बालिकाओं की शिक्षा के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए है । सम्मान स्वरूप उन्हें प्रशस्ति पत्र , शाल , स्मृति चिन्ह और ग्यारह हजार रुपये की धनराशि भेंट की जाएगी। इसके अतिरिक्त प्रोफेसर सुषमा यादव ,समकुलपति ( हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय ) प्रोफेसर अनु मेहरा ( विधि संकाय , डीयू ) प्रोफेसर गीता सहारे ( डिप्टी डीन व चेयरपर्सन दुआ ) प्रोफेसर रजत रानी मीनू ( दलित साहित्यकार व कवयित्री ) को सम्मानित किया जायेगा ।
डॉ. सुमन ने बताया है कि सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था। इस दिन को लोग शिक्षा दिवस के रूप में मनाते है । उस ज़माने में जब महिलाओं के लिए घर से बाहर निकलना मुश्किल था और पुरुषों के साथ मिलकर कार्य करने की मनाही थी । उस समय सावित्री बाई फुले ने महिलाओं की शिक्षा के लिए विद्यालय खोलकर महान काम किया था। सावित्रीबाई फुले स्वयं इस विद्यालय में बालिकाओं को पढ़ाने के लिए जाती थीं। उन्हें सामंतीय सोच वाले समाज के विरोध का सामना करना पड़ा। लोग उन्हें गालियाँ देते थे, पत्थर फेंककर मारते थे लेकिन वे अपने उद्देश्य से पीछे नहीं हटी , स्त्री शिक्षा के विरोधी धर्म और समाज के ठेकेदारों ने उनके मिशन को रोकने के लिए उन पर कूड़ा-करकट, कीचड़ व गोबर और मानव-मल भी फेकवाए लेकिन वह अपने पथ पर सदैव आगे बढ़ती रही ।
उन्होंने बताया कि अनेक कठिनाइयों और समाज के प्रबल विरोध के बावजूद महिलाओं का जीवन स्तर सुधारने व उन्हें शिक्षित तथा रूढ़िमुक्त करने में सावित्रीबाई फुले के कार्यों को भुलाया नहीं जा सकता है। कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर के पी सिंह ने कहा कि शोध संस्थान हर साल सावित्रीबाई फुले की स्मृति को बनाए रखने के लिए शिक्षा , साहित्य , कला व संस्कृति में योगदान देने वाली देश की महिलाओं को सम्मानित करेगा । उन्होंने बताया है कि सावित्रीबाई फुले की शिक्षा वर्तमान समाज के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है , उन्होंने बालिकाओं की शिक्षा पर जोर दिया है । उनकी यह शिक्षा हमें उनके व्यक्तित्व व कृतित्व में देखने को मिलती है । इसीलिए समाज का हर तबका उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं को याद करता है ।
डॉ. हंसराज सुमनचेयरमैन -- अंतर्राष्ट्रीय माता सावित्रीबाई फुले शोध संस्थान -
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बस्तर के चार जिलों में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान एवं प्रदेश के शेष जिलों में सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान का होगा आगाज
स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर करेगी सर्वे
रायपुर : छत्तीसगढ़ में 1 दिसम्बर से स्वास्थ्य विभाग के दो बड़े अभियानों की शुरूआत हो रही है। राज्य के चार मलेरिया संवेदी जिलों बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और सुकमा में 1 दिसम्बर से 21 दिसम्बर तक मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का सातवां चरण संचालित किया जाएगा। वहीं प्रदेश के शेष जिलों में इसी अवधि में सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान चलाया जाएगा।
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के सातवें चरण में 1 दिसम्बर से स्वास्थ्य विभाग की टीम बस्तर संभाग के चार जिलों बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और सुकमा के घने जंगलों और पहाड़ों से घिरे दुर्गम एवं दूरस्थ इलाकों में घर-घर पहुंचकर सभी लोगों में मलेरिया की जांच करेगी। इस दौरान पॉजिटिव पाए गए लोगों को तत्काल दवाई खिलाकर मलेरिया का इलाज शुरू किया जाएगा। मलेरिया के मामलों को निम्नतम स्तर तक ले जाकर पूर्ण मलेरिया मुक्त राज्य के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रदेश में लगातार यह अभियान चलाया जा रहा है।
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत मलेरिया की जांच और इलाज के साथ ही इससे बचाव के लिए जन-जागरूकता संबंधी गतिविधियां भी चलाई जाएंगी। इस दौरान लोगों को रोज मच्छरदानी के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही घरों के आसपास जमे पानी और नालियों में डीडीटी या जले हुए तेल का छिड़काव किया जाएगा। घर के आसपास स्वच्छता बनाए रखने और मच्छरों को पनपने से रोकने के उपाय भी लोगों को बताए जाएंगे।
सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान के तहत 1 दिसम्बर से स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर टीबी और कुष्ठ के संभावित मरीजों की पहचान करेगी। अभियान के अंतर्गत संभावित मरीजों की जांचकर पॉजिटिव पाए गए लोगों को इलाज भी उपलब्ध कराया जाएगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने अभियान के प्रभावी संचालन के लिए सभी जिलों के कलेक्टर को परिपत्र जारी कर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं।
दो चरणों में संचालित होने वाले इस अभियान के पहले चरण में 1 दिसम्बर से 21 दिसम्बर तक नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर और दंतेवाडा जिले को छोड़कर राज्य के अन्य सभी जिलों में टीबी और कुष्ठ के संभावित मरीजों की खोज की जाएगी। नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में 4 जनवरी 2023 से 25 जनवरी 2023 तक यह अभियान चलेगा। सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान के दूसरे चरण में 2 जनवरी 2023 से 17 जनवरी 2023 तक सभी निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम्स, प्राइवेट प्रैक्टिशनरों और केमिस्टों द्वारा चिन्हांकित टी.बी. व कुष्ठ के संदेहास्पद मरीजों की दैनिक सूची प्राप्त कर टी.बी. व कुष्ठ के पोर्टल में इन्द्राज किया जायेगा। इस दौरान जांच की जरूरत वाले संदिग्ध मरीजों का निःशुल्क सैंपल भी लिया जाएगा।
अभियान के दौरान मितानिनें 1 दिसम्बर से 15 दिसम्बर 2022 तक अपने-अपने कार्यक्षेत्र में घर-घर भ्रमण कर टीबी एवं कुष्ठ रोग के लक्षण के आधार पर संभावित मरीजों की पहचान करेंगी। 16 दिसम्बर से 21 दिसम्बर की अवधि में मितानिनों द्वारा खोजे गए टीबी एवं कुष्ठ के शंकास्पद मरीजों का पुनः परीक्षण संबंधित क्षेत्र के एमपीडब्ल्यू (बहु-उद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता) एवं एएनएम द्वारा किया जाएगा। हर घर में जाकर सभी व्यक्तियों में लक्षणों का पता लगाया जाएगा। जिन क्षेत्रों में मितानिन कार्यरत नहीं हैं, वहां नजदीक के क्षेत्रों की मितानिनें या कुष्ठ मित्र, टीबी चैम्पियन, टीबी मितान या स्वयंसेवी व्यक्तियों की सेवाएं ली जाएंगी।
मितानिनों द्वारा घर-घर भ्रमण के दौरान चिन्हांकित टीबी एवं कुष्ठ के संभावित रोगियों को निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर जांच कराने की सलाह दी जाएगी। ऐसे शहरी क्षेत्रों (मुख्यतः नॉन-स्लम में) जहां मितानिन की उपलब्धता नहीं है, वहां शहरी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (UHWC) के पुरूष या महिला आरएचओ द्वारा टीबी एवं कुष्ठ के संदिग्ध मरीजों की पहचान की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने टीबी चैम्पियन्स, टीबी मितानों, कुष्ठ मित्रों एवं स्वयंसेवी व्यक्तियों की भी सेवाएं सर्वे कार्य एवं अभियान के प्रचार-प्रसार में लेने कहा है। अभियान के दौरान 1 दिसम्बर से सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले टीबी व कुष्ठ के संदेहास्पद मरीजों की सूची पृथक से संधारित की जाएगी जिससे अभियान के दौरान मितानिनों द्वारा प्राप्त सूची से इसका मिलान किया जा सके। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
शिक्षकों को कार्यक्रम की जानकारी देने वेबीनार का आयोजनरायपुर : प्रदेश के सभी शासकीय प्राथमिक एवं मिडिल स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में उनकी प्रतिभा के अनुरूप कौशल विकास विकसित करने के लिए ‘सुघ्घर पढ़वइया’ कार्यक्रम शुरू की गई है। इस कार्यक्रम की जानकारी जमीन स्तर पर दिए जाने के लिए राज्य स्तरीय वेबीनार का आयोजन किया गया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बाल दिवस के अवसर पर सुघ्घर पढ़वइया कार्यक्रम की घोषणा की थी। इस योजना का उद्देश्य बच्चों में उत्कृष्ट अकादमिक कौशल विकसित करने के साथ ही स्वप्रेरणा से अच्छे कार्य एवं बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित करना है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए तत्काल पहल करते हुए पूरे कार्यक्रम का डिजाइन तैयार किया गया है। कक्षा पहली से आठवीं तक के लिए दक्षताओं का चिन्हांकन निरीक्षण के टूल विकसित करने का कार्य राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निर्देशन में प्रारंभ किया है। समग्र शिक्षा द्वारा स्कूलों के निरीक्षण के लिए इच्छुक 400 से अधिक शिक्षकों और अधिकारियों की सूची एकत्रित की गई है।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी देते हुए इसकी विशेषताओं जैसे एक स्कूल में सभी शिक्षकों को एक टीम के रूप में जुड़कर चुनौती देने, कार्यक्रम से जुड़ने के लिए पूर्ण स्वेच्छिक पहल, टीम वर्क और सभी स्कूलों को जुड़ने की प्रक्रिया बताई। सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. एस. भारतीदासन ने कक्षाओं में आखिरी पंक्ति में बैठे बच्चों के स्तर को भी सुधारने के लिए प्रयास करने का आव्हान किया। उन्होंने इस कार्यक्रम से अधिक से अधिक शिक्षकों के जुड़ने और बच्चों की दक्षता बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।
प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा श्री नरेन्द्र कुमार दुग्गा ने कहा कि सभी संकुलों, विकासखण्डों एवं जिलों के बीच आपस में स्वस्थ्य प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। उन्होंने सभी को एक दूसरे का सहयोग करते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने का आव्हान किया। एनआईसी के वरिष्ठ तकनीकी संचालक श्री सोम शेखर ने बताया कि कार्यक्रम से जुड़ने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल में आवेदन देने की प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने पोर्टल में शिक्षकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं जैसे- ऑन डिमांड प्रशिक्षण एवं संदर्भ सामग्री की उपलब्धता की जानकारी दी। श्री शेखर ने बताया कि एससीईआरटी द्वारा शिक्षकों के लिए छोटे-छोटे कोर्सेस तैयार किए गए हैं। वेबीनार में कार्यक्रम से जुड़े विभिन्न मुद्दे पर शिक्षकों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिया गया। वेबीनार में संचालक एससीईआरटी श्री राजेश राणा, राज्य योजना आयोग में शिक्षा सलाहकार सुश्री मिताक्षरा कुमारी, उप संचालक लोक शिक्षण संचालनालय श्री आशुतोष चावरे ने भी उपस्थित होकर अपने विचार रखे। -
एजेंसी
नई दिल्ली : याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट उस फैसले पर फिर से विचार करे जिसमें कहा गया था कि दोषियों की रिहाई पर फैसला गुजरात सरकार करेगी.बिलकिस बानो ने 2002 के गुजरात दंगों में सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार की हत्या के दोषी 11 लोगों की रिहाई को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दोषियों की रिहाई के खिलाफ बिलकिस बानो ने दो याचिकाएं दाखिल की हैं. पहली याचिका में 11 दोषियों की रिहाई को चुनोती दी गई है और सभी को तुरंत जेल भेजने की मांग की गई है. जबकि दूसरी याचिका सुप्रीम कोर्ट के मई के आदेश पर पुनर्विचार याचिका है. याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट उस फैसले पर फिर से विचार करे जिसमें कहा गया था कि दोषियों की रिहाई पर फैसला गुजरात सरकार करेगी. बिलकिस ने कहा है कि इसके लिए उपयुक्त सरकार महाराष्ट्र सरकार है. क्योंकि केस का ट्रायल महाराष्ट्र में चला था.
बिलकिस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की भी मांग की गई है. CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने भरोसा दिया कि मामले में देखेंगे कि कब सुनवाई हो सकती है. CJI ने कहा है कि वह इस मुद्दे की जांच करेंगे कि क्या दोनों याचिकाओं को एक साथ सुना जा सकता है. क्या उन्हें एक ही बेंच के सामने सुना जा सकता है.
बता दें बिलकिस बानो 21 साल की थी, जब 2002 के दंगों के दौरान उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया था. इतना ही नहीं इनकी तीन साल की बेटी सहित परिवार के नौ सदस्यों की हत्या भी कर दी गई थी.बिलकिस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में आज ये याचिका गुजरात विधानसभा चुनाव के मतदान से ठीक पहले दायर की गई है. -
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सड़क एवं पुलों के 520 कार्यों के लिए मिली 5680 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृतिपूरे प्रदेश में युद्धस्तर पर जारी है सड़कों एवं पुल-पुलियों के निर्माण का कार्य
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में आवागमन के साधनों को मजबूत करने के लिए सड़कों एवं पुलों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ़ रोड़ एवं इंफ्रास्ट्रक्चर डेव्लपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड अंतर्गत छत्तीसगढ़ के समस्त जिलों में आवागमन के साधनों की मजबूती हेतु कुल 520 कार्यों के लिए 5680 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी है।इसमें 3110 किमी. की लंबार्इ वाले महत्त्वपूर्ण 429 मार्गों के लिये 4891 करोड़ रूपए तथा 91 उच्चस्तरीय पुलों के निर्माण कार्यों हेतु 788 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी है। इसके तहत् अभी तक कुल 492 कार्यों हेतु 5460 करोड़ रूपए की लागत वाले कार्यों की निविदाएं स्वीकृत की जा चुकी है।छत्तीसगढ़ रोड़ एवं इंफ्रास्ट्रक्चर डेव्लपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड से मिली जानकारी के अनुसार निर्माण कार्यों पर अभी तक 1109 करोड़ रूपए का व्यय किया गया है। वर्तमान में समस्त कार्य प्रगति पर है एवं निर्धारित समय-सीमा में उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण कर लिये जायेंगे।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार प्रदेश में सड़कों के गड्ढों की भराई एवं सड़कों के मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के परियोजना मण्डल बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा एवं गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले में 1258 कि.मी. लंबाई की कुल 352 सड़कों के मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के लिए लगभग 160 करोड़ रु. की राशि की स्वीकृति प्राप्त हुई है।
कबीरधाम जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत वर्ष 2022-23 में नवीनीकरण के लिए कुल 67 सड़क, लंबाई 252.975 किलोमीटर के लिए 78 करोड़ 97 लाख 8028 रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। कबीरधाम से प्रमुख पर्यटन, धार्मिक एवं जन आस्था का केन्द्र भोरमदेव मंदिर पहुंच मार्ग 16 किलोमीटर सड़क लगभग 9 करोड़ 60 लाख 24 हजार रूपए की लागत से डामरीकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जिसे दिसबंर माह तक पूरा कर किया जाएगा।इसी तरह से पूरे प्रदेश में सड़कों का निर्माण, मरम्मत तथा डामरीकरण का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार सभी जिलों के कलेक्टर स्वयं इन कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं और मौके पर जाकर सड़कों एवं पुलों की गुणवत्ता भी परख रहे हैं ताकि प्रदेश की जनता को आवागमन की बेहतर सुविधा मिल सके। -
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प्रदेश का एमएमआर पहली बार 137 पर पहुंचा, यह अब तक का न्यूनतम मातृत्व मृत्यु दर
रायपुर : छत्तीसगढ़ में मातृत्व मृत्यु दर (MMR) में बड़ी गिरावट आई है। राज्य शासन द्वारा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिए जाने के कारण वर्ष 2016 से 2018 के बीच 159 एमएमआर वाले छत्तीसगढ़ का एमएमआर अब घटकर 137 पर पहुंच गया है। प्रदेश में मातृत्व मृत्यु दर का अब तक का यह सबसे न्यूनतम आंकड़ा है।
भारत के महापंजीयक कार्यालय द्वारा 28 नवम्बर को वर्ष 2018 से 2020 के बीच देश में मातृत्व मृत्यु पर विशेष बुलेटिन (SRS - Sample Registration System) जारी किया गया है। इसके मुताबिक तीन वर्षों में प्रदेश के एमएमआर में 22 अंकों की कमी आई है। एसआरएस के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में प्रति एक लाख जीवित बच्चों के जन्म पर मातृ मृत्यु की दर 159 से घटकर अब 137 हो गई है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में गर्भवती और शिशुवती महिलाओं को बेहतर पोषण उपलब्ध कराने सुपोषण अभियान संचालित किया जा रहा है। मातृत्व स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल और गर्भवती व शिशुवती महिलाओं को हर तरह का इलाज मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का लगातार सुदृढ़ीकरण किया गया है। ज्यादा जोखिम वाले गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की नियमित जांच और निगरानी की जा रही है।
राज्य में संस्थागत प्रसवों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। शासकीय अस्पतालों में सिजेरियन प्रसव की भी सुविधाएं बढ़ी हैं। समुदाय और मैदानी स्तर पर मितानिनें और एएनएम मातृ व शिशु स्वास्थ्य पर लगातार नजर रख रही हैं। राज्य शासन के इन सब कदमों की वजह से प्रदेश में मातृत्व मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई है। -
एजेंसी
मध्यप्रदेश : इंदौर में तीन दिन के भीतर दूसरी हत्या के बाद दहशत का माहौल है। मरने वाली महिला की शिनाख्त उमा पति छोटेलाल के तौर पर हुई है। पुलिस को हत्या का कोई सुराग नहीं मिला है। मध्यप्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में तीन दिन में दो महिलाओं की हत्या हो गई है। मंगलवार को कुमावतपुरा क्षेत्र में एक महिला की लाश बरामद हुई है। उसका सिर कुचल दिया गया था। महिला की पहचान उमा पति छोटेलाल के रुप में हुई है। पुलिस को न तो हत्या का कारण पता चल सका है और न ही हत्यारों के बारे में कुछ पता है।रावजी बाजार क्षेत्र में लड्डूवाली गली में सुबह एक महिला का शव पड़ा होने की सूचना पुलिस को मिली थी। अफसर मौके पर पहुंचे तो देखा कि एक महिला के सिर पर चोट के निशान है। घटनास्थल पर आसपास के लोगों से पूछताछ की, लेकिन किसी ने वारदात होते नहीं देखी। पुलिस ने आसपास के फुटेज भी खंगाले। लोगों ने बताया कि उमा पास की गली में चार माह पहले किराये पर रहने आई थी। वह अक्सर लड्डू वाली गली में भी नजर आती थी। अफसरों को यह पता नहीं चल सका कि हत्या क्यों की गई? पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए एमवाय अस्पताल भेज दिया है।
दो दिन पहले की हत्या में नहीं मिला सुरागरविवार को एरोड्रम क्षेत्र में हुई वंदना रघुवंशी की हत्या के मामले में पुलिस को अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। महिला की उसके घर में गला रेतकर हत्या की गई थी। पुलिस ने इस मामले में महिला के फोन कॅाल की डिटेल खंगाली और हत्या से पहले जिन लोगों की वंदना से बात हुई थी,उनसे पूछताछ की। हत्या से पहले महिला के साथ उसकी सहेली थी, लेकिन वह समोसे लेने चली गई थी। पुलिस ने उससे भी सख्ती से पूछताछ की, लेकिन अभी तक हत्यारों का पता नहीं चल पाया है। -
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अब तक 13 हजार से अधिक निःशुल्क डायलिसिस सेशन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर किडनी के मरीजों के लिए प्रदेश के नौ जिलों में निःशुल्क डायलिसिस की व्यवस्था कर दी गई है। राज्य सरकार की यह सेवा हर वर्ग के बीमार मरीजों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक प्रदेश में 13 हजार से अधिक निःशुल्क डायलिसिस सेशन किए जा चुके हैं।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश के नौ जिलों दुर्ग, कांकेर, कोरबा, बिलासपुर, जशपुर, सरगुजा, महासमुंद, बीजापुर और राजनांदगांव में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके लिए जशपुर, दुर्ग और कांकेर जिले में पांच-पांच, अम्बिकापुर और महासमुंद में चार-चार, कोरबा में छह, बीजापुर में तीन और बिलासपुर में चार (सिम्स मेडिकल कॉलेज में तीन और बिलासपुर कोविड अस्पताल में एक मशीन की स्थापना की गई है।)उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार जनता की सुविधा के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़ी कई योजनाओं का संचालन कर रही है। इन योजनाओं के माध्यम से आमजनों को सस्ती दर पर दवा और निःशुल्क बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो रही है। किडनी की बीमारी के कारण जिन मरीजों को डायलिसिस कराना होता है उन्हें निजी अस्पतालों में एक बार डायलिसिस कराने का एक हजार रूपए से 15 हजार रूपए तक खर्च करना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने किडनी की बीमारी से ग्रसित मरीजों की चिंता करते हुए प्रदेश के नौ जिलों में निःशुल्क डायलिसिस की व्यवस्था करवा दी है।प्रदेश में अब तक इन नौ जिला अस्पतालों में 13 हजार 798 निःशुल्क डायलिसिस सेशन किए जा चुके हैं। इनमें से दुर्ग जिले में 4 हजार 885, कोरबा में 4 हजार 872, कांकेर में 4 हजार 230, बिलासपुर में 3 हजार 504, महासमुंद में 2 हजार 631, सरगुजा में एक हजार 390, बीजापुर में 942 और जशपुर में 675 से अधिक सेशन किए गए हैं। -
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नई दिल्ली : सार्क देशों के पत्रकारों के संगठन सार्क जर्नलिस्ट फोरम ने अपनी बैठक में अपना सम्मेलन दिल्ली में जनवरी माह में करने का निर्णय लिया है। इस सम्मेलन में नेपाल, बंग्लादेश, भूटान,श्रीलंका मालदीव और अफगानिस्तान समेत देश भर के पत्रकारों के शामिल होने की उम्मीद है। जनवरी माह में होने वाले इस सम्मेलन की लगभग सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है और पत्रकार संगठनों से राय भी मांगी गयी।
इस सम्मेलन के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के खालसा कॉलेज के हिन्दी विभाग को संयुक्त आयोजक के रूप में चुना गया है। संगठन के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष राजू लामा ने तैयारियों को लेकर संतोष जाहिर किया और आशा जताई है कि सम्मेलन काफी सफल रहेगा। इस सम्मेलन से दक्षेस देशों में पत्रकारिता की स्थिति और उसके समक्ष चुनौतियों को भी जाना जा सकेगा।
भारत के अध्यक्ष अनिरुद्ध सुधांशु ने बताया कि दक्षेस राष्ट्रों के पत्रकारों को एक साथ एक मंच पर आने से पत्रकारिता के क्षेत्र में एक नई क्रांति होगी। हम इस सम्मेलन में भारत का ही प्रतिनिधित्व नही कर रहे हैं बल्कि उन तमाम पत्रकारों का भी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जो भारत के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे हैं। हम सम्मेलन में भारत भर से पत्रकारो को आमंत्रित कर रहे हैं कि वो हमारे साथ आयें और पत्रकारिता के अधिकारों के लिए संघर्ष में खड़े हो। दिन व दिन पत्रकार और पत्रकारिता पर हो रहे हमले को का भी डट कर मुकाबला करने के लिए पत्रकार हित मे कानून बनाने की मांग भी करें।
सार्क जर्नलिस्ट फोरम इंडिया और भूटान के पत्रकारों के एक डेलिगेशन की मुलाकात नई दिल्ली के होटल में हुई। भूटानी डेलीगेट के प्रमुख रिंगजिंग वांगचुक और इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष अनिरुद्ध सुधांशु ने इस मुलाकात को बहुत दोनों देशों के पत्रकारों के लिए बहुत अहम बताया। इस दौरान भूटान में पत्रकारिता की स्थिति पर चर्चा हुई और वहाँ के पत्रकारों को भारत आने का न्योता भी दिया।
भारत आये ये भूटानी पत्रकार भारत के विभिन्न हिस्सों में घूमकर नया सीखने और जानने को लालायित थे। उन्होंने इस मुलाकात पर खुशी की और भारत मे होने वाले सम्मेलन में हिस्सा लेने की सहमति भी जतायी। भारत के इंडिया चैप्टर के उपाध्यक्ष जकारिया जी ने कहा कि हम कॉन्फ्रेंस में हर तरह से सहयोग करेंगे और संगठन को ऊंचाई पर ले जाएंगे। -
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उषा/अर्चना/सनंत/कुरैशी
नयी दिल्ली : दिल्ली नगर निगम चुनाव प्रचार के क्रम में प्रत्याशियों ने अब नुकड़ सभाएं एवं डोर टू डोर अभियान शुरू कर दिया है।
सर्वाधिक चर्चित सीट सीलमपुर वार्ड संख्या 225 में विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी हाजी अफजाल ने अपनी पत्नी के समर्थन मे नुकड़ सभाएं की।लोगों ने उनका फूल मालाओं के साथ भव्य स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि इलाके में महिलाओं की सुविधा एवं बच्चों को रोजगार परक शिक्षा देने के लिए गैस पाइप लाइन लगाने तथा आईटीआई की स्थापना करने की मांग की गयी है।
हाजी अफजाल की पत्नी हज्जन शकीला अफजाल यहाँ से 10 वर्षो से बसपा की निगम पार्षद रही हैं और इस बार स्वतंत्र प्रत्याशी हैं।इनका चुनाव चिन्ह ऑटो रिक्शा है।
इसी इलाके से सटे गौतमपूरी वार्ड संख्या 226 से भाजपा ने पूर्व मेयर सत्या शर्मा को उतारा है,जबकि कांग्रेस ने मो.रियासत उर्फ साहिल को खड़ा किया है।आप के अनिल जैन अभी से ही रेस से वाहर चल रहे हैं।
कांग्रेस के साहिल ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी के कार्यकाल को यहाँ की जनता पहले ही देख चुकी है।आप अभी से मैदान छोड़ चुका है।
उन्होंने कहा कि समीकरण के हिसाब से भी भाजपा प्रत्याशी किसी हालात में इस बार चुनाव नहीं जीत सकती है।
हालांकि श्रीमती शर्मा ने अपने किये गए कार्यो पर भरोसा जताया है।उन्होंने कहा कि डोर टू डोर प्रचार अभियान जारी है।
महावीर इंक्लेव पार्ट तीन वार्ड संख्या 105 से निर्दलीय अल्ताफ डोर टू डोर पहुँचकर लोगों से एक मौका देने की अपील करते हैं।उनके साथ समर्थकों का काफिला होता है।वह दिल्ली डेमोक्रेटिक एलायंस समर्थित प्रत्याशी हैं।इस संगठन के समर्थित मंगोलपुरी वार्ड संख्या 42 से प्रत्यक्ष तिलकराज राशन वाले हैं।जिनका प्रचार अभियान चौपाल से चलता है।एल.एस। -
एजेंसी
राजस्थान : भरतपुर में साड़ी से फंदा बनाकर एक बैंक कैशियर ने आत्महत्या कर ली। बैंक कैशियर ने दो बार गलत भुगतान कर दिया था। इसलिए उसे नौकरी जाने का डर सता रहा था। भरतपुर के गांव महलपुर चूरा में एक बैंक कैशियर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कैशियर की छह महीने पहले ही नौकरी लगी थी। बैंक कैशियर ने किसी ग्राहक को 1.20 लाख रुपये का ज्यादा भुगतान कर दिया था। जिससे वह डिप्रेशन में आ गया था।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार रुदावल एसएचओ महावीर प्रसाद के अनुसार महलपुर चूरा निवासी मोहित सिंह (25) पुत्र लेखराज सिंह ने गुरुवार रात फांसी लगा ली। जब शुक्रवार सुबह तीन बजे उसकी मां पानी पीने के लिए उठी तो देखा कि उसका बेटा मोहित साड़ी के फंदे से लटका है। मां की चीख सुन कर पड़ोसी मौके पर जमा हो गए। जिन्होंने शव को नीचे उतार पुलिस को सूचना दी।
मोहित की छह महीने पहले पंजाब नेशनल बैंक में पीओ के पद पर नौकरी लगी थी। वह आगरा जिले के फतेहपुर सीकरी के पास गांव दूरा स्थित ब्रांच में कार्यरत था। बताया जा रहा है कि उसने दो बार ग्राहकों को ज्यादा भुगतान कर दिया। इसपर उसे 1.20 लाख रुपए बैंक में जमा कराने पड़े। इस मामले के बाद से ही वह डिप्रेशन में था। मोहित की फरवरी 2022 में वंदना से शादी हुई थी। उसकी पत्नी चार दिन पहले करौली में ननद के ससुराल एक शादी में गई थी। घर पर सिर्फ बैंककर्मी और उसकी मां थी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया है। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन की मुख्यमंत्री मितान योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में लोगों को घर बैठे शासकीय सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। योजना के तहत अब तक करीब 36 हजार शासकीय दस्तावेज नागरिको कों घर बैठे ही प्रदान कर दिए गए हैं। इस योजना के अंतर्गत नागरिकों को दस्तावेज संबंधी जानकारी टोल फ्री नम्बर 14545 पर प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन में एवं नगरीय प्रशासन विकास विभाग द्वारा नागरिकों को सरकारी दस्तावेज बनवाने हेतु घर पहुँच सेवा ’मुख्यमंत्री मितान योजना’ की शुरुआत 01 मई 2022 से प्रदेश के समस्त 14 नगर निगमों में प्रारंभ की गई थी। मितान योजना के तहत अब तक नगर निगम अंबिकापुर क्षेत्र में दो हजार 98 दस्तावेज, भिलाई में तीन हजार 489, भिलाई चरौदा में दो हजार 402, बिलासपुर में दो हजार 992, बीरगांव में एक हजार 516, चिरमिरी में 281, धमतरी में एक हजार 899, दुर्ग में तीन हजार 907 और जगदलपुर नगर निगम क्षेत्र में 831 दस्तावेज मितानों द्वारा नागरिकों के उनके घर पर ही पहुंचाये गये है। इसी प्रकार से नगर निगम कोरबा क्षेत्र में दो हजार 544, रायगढ़ में दो हजार 143, रायपुर में सात हजार 766, राजनांदगांव में दो हजार 295 और रिसाली नगर निगम क्षेत्र में एक हजार 681 आवश्यक सरकारी दस्तावेज मितानो ने नागरिकों के घर पर पहुंचाये है।मितान योजना के अंतर्गत प्राप्त सेवाओं में मूल निवासी प्रमाण पत्र, अनुसूचित जाति जनजाति प्रमाण पत्र, अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, भूमि की रिकार्ड की नकल, भूमि सूचना (भूमि उपयोग) मृत्यु प्रमाण पत्र, विवाह पंजीकरण और प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र सुधार और दुकान और स्थापना पंजीकरण संबंधी दस्तावेज मितान सेवा से प्राप्त किये जा सकते हैं। इसी तरह मृत्यु प्रमाण पत्र सुधार, विवाह प्रमाण पत्र सुधार, आधार कार्ड पंजीकरण, (5 वर्ष तक के बच्चों का) आधार कार्ड में पता एवं मोबाइल नंबर में सुधार घर बैठे मितान सेवा से प्राप्त किए जा सकते हैं। इस सेवा से लोगों को श्रम, समय और धन की बचत हो रही है साथ ही प्रमाण पत्रों को प्राप्त करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से भी निजात मिल रही है। वास्तव में छत्तीसगढ़ में मितान योजना से नागरिक सुविधाओं का विस्तार हुआ है और मितान की सेवाओं से सुविधाएं आसान हो रही है। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
नीलामी नहीं, अब मछली पालन के लिए 10 वर्षीय पट्टे पर दिए जाएंगे तालाब और जलाशय
सामान्य क्षेत्र में मछुआ समुदाय धीवर (ढ़ीमर), निषाद (केंवट), कहार, कहरा, मल्लाह के मछुआ समूह और मत्स्य सहकारी समिति आबंटन में प्राथमिकता
अधिसूचित क्षेत्रों में जनजाति वर्ग के मछुआ समूह और मत्स्य सहकारी समिति को आबंटन में प्राथमिकता
प्रति सदस्य जलक्षेत्र आबंटन सीमा में कमी से लाभान्वितों की संख्या हो जाएगी दोगुनी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में आज छत्तीसगढ़ राज्य की नवीन मछली पालन नीति में मछुआरा के हितों को ध्यान में रखते हुए संशोधन को मंजूरी दी गई।मछुआ समुदाय के लोगों की मांग और उनके हितों को संरक्षित करने के उद्देश्य से नवीन मछली पालन नीति में तालाब और जलाशयों को मछली पालन के लिए नीलामी करने के बजाय लीज पर देने के साथ ही वंशानुगत-परंपरागत मछुआ समुदाय के लोगों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है। तालाबों एवं सिंचाई जलाशयों के जलक्षेत्र आबंटन सीमा में 50 फीसद की कमी कर ज्यादा से ज्यादा मछुआरों को रोजी-रोजगार से जोड़ने का प्रावधान किया गया है। प्रति सदस्य के मान से आबंटित जलक्षेत्र सीमा शर्त घटाने से लाभान्वित मत्स्य पालकों की संख्या दोगुनी हो जाएगी।संशोधित नवीन मछली पालन नीति के अनुसार मछली पालन के लिए तालाबों एवं सिंचाई जलाशयों की अब नीलामी नहीं की जाएगी, बल्कि 10 साल के पट्टे पर दिए जाएंगे। तालाब और जलाशय के आबंटन में सामान्य क्षेत्र में ढ़ीमर, निषाद, केंवट, कहार, कहरा, मल्लाह के मछुआ समूह एवं मत्स्य सहकारी समिति को तथा अनुसूचित जनजाति अधिसूचित क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति वर्ग के मछुआ समूह एवं मत्स्य सहकारी समिति को प्राथमिकता दी जाएगी। मछुआ से तात्पर्य उस व्यक्ति से है, जो अपनी अजीविका का अर्जन मछली पालन, मछली पकड़ने या मछली बीज उत्पादन का कार्य करता हो, के तहत वंशानुगत-परंपरागत धीवर (ढ़ीमर), निषाद (केंवट), कहार, कहरा, मल्लाह को प्राथमिकता दिया जाना प्रस्तावित है।इसी तरह मछुआ समूह एवं मत्स्य सहकारी समिति अथवा मछुआ व्यक्ति को ग्रामीण तालाब के मामले में अधिकतम एक हेक्टेयर के स्थान पर आधा हेक्टेयर जलक्षेत्र तथा सिंचाई जलाशय के मामले में चार हेक्टेयर के स्थान पर दो हेक्टेयर जलक्षेत्र प्रति सदस्य/प्रति व्यक्ति के मान से आबंटित किया जाएगा। मछली पालन के लिए गठित समितियों का ऑडिट अभी तक सिर्फ सहकारिता विभाग द्वारा किया जाता था। अब संशोधित नवीन मछली पालन नीति में सहकारिता एवं मछली पालन विभाग की संयुक्त टीम ऑडिट की जिम्मेदारी दी गई है।त्रि-स्तरीय पंचायत व्यवस्था अंतर्गत शून्य से 10 हेक्टेयर औसत जलक्षेत्र के तालाब एवं सिंचाई जलाशय को 10 वर्ष के लिए पट्टे पर आबंटित करने का अधिकार ग्राम पंचायत का होगा। जनपद पंचायत 10 हेक्टेयर से अधिक एवं 100 हेक्टेयर तक, जिला पंचायत 100 हेक्टेयर से अधिक एवं 200 हेक्टेयर औसत जलक्षेत्र तक, मछली पालन विभाग द्वारा 200 हेक्टेयर से अधिक एवं 1000 हेक्टेयर औसत जलक्षेत्र के जलाशय, बैराज को मछुआ समूह एवं मत्स्य सहकारी समिति को पट्टे पर देगा। नगरीय निकाय अंतर्गत आने वाले समस्त जलक्षेत्र नगरीय निकाय के अधीन होंगे, जिसे शासन की नीति के अनुसार 10 वर्ष के लिए लीज पर आबंटित किया जाएगा। -
एजेंसी
दिल्ली : पश्चिमी दिल्ली के पालम इलाके में मंगलवार रात हुई वारदात से पूरी राजधानी दहल गई है। चौहरे हत्याकांड के आरोपी केशव ने जिस बेरहमी से अपने माता-पिता, बहन व दादी की गला रेतकर हत्या की है, उससे हर कोई सोचने पर मजबूर है कि आखिर कैसे कोई अपना इस तरह की दरिंदगी कर सकता है। केशव ने बाथरूम में माता-पिता को बेरहमी से मार डाला। वहीं उसकी बहन की लाश कमरे में फर्श पर पड़ी थी और दादी का शव बिस्तर पर पड़ा था। जांच में सामने आया है कि आरोपी ने परिजनों की हत्या की योजना पहले से बना रखी थी। इसके लिए आरोपी ने बड़े चाकू का भी इंतजाम किया था।पालम स्थित राजनगर पार्ट-2 में बुधवार सुबह सन्नाटा पसरा हुआ था। लोग जगह-जगह समूह बनाकर बस चारों लोगों की हत्या का ही जिक्र कर रहे थे। किसी को भी यकीन नहीं हो रहा था कि भला एक बेटा जन्म देने वाले माता-पिता और बहन-दादी की हत्या कैसे कर सकता है। एक साथ चार लोगों की मौत से परिवार गहरे सदमे में है।
पूछताछ में सामने आया है कि केशव अक्सर बाकी परिजनों से भी गाली-गलौज करता था। मंगलवार सुबह रुपयों को लेकर केशव मां से झगड़ा भी हुआ था। परिजनों ने बताया कि जिस पोते से दादी सबसे अधिक प्यार करती थी, उसने उन्हें भी नहीं छोड़ा। दीवानो देवी अक्सर केशव को चुपचाप रुपये दे देती थीं। कई दिन बाद जब केशव घर आया था तो वह खुद को रोक नहीं सकीं और उससे मिलने के लिए छोटे बेटे दिनेश के घर चली गईं।
फिलहाल दो दिनों से वह वहीं रुकी हुई थीं। अब बड़े बेटे चंद्रपाल को मलाल है कि मां क्यों उनका घर छोड़कर छोटे भाई के यहां चली गई थी। दिनेश के पिता रामानंद शर्मा दिल्ली के बड़े वेटनरी डॉक्टर थे। उनका इलाके में खासा नाम था। चंद्रपाल ने भी पिता के कहने पर वेटनरी डॉक्टर की पढ़ाई की। वर्ष 2014-15 में रामानंद शर्मा की मौत हुई तो बड़े बेटे ईश्वर सिंह ने अलग मकान बना लिया। वह गली में दो-तीन मकान छोड़कर ही रहते हैं।
चंद्रपाल और दिनेश एक ही मकान में पहली और दूसरी मंजिल पर रहते थे। दीवानो देवी कुछ-कुछ समय के लिए अपने तीनों ही बेटों के पास रुकती थीं। मां और भाई के परिवार की मौत के बाद से सभी का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने बुधवार देर शाम को शव पोस्टमार्टम कराने के बाद परिवार के हवाले कर दिए। बाद में सभी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने कपूर का पौधा भी लगाया
श्रीमती सूर्यमुखी देवी राजगामी संपदा न्यास राजनांदगांव द्वारा प्रदत्त खेल सामग्री, खिलाड़ियों को वितरित की
वृक्षारोपण को जन-जन से जोड़ने और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की दिशा में सार्थक साबित होंगे कृष्ण कुंजराजनंदगांव : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान राजनांदगांव नगरीय निकाय में बनाए गए कृष्ण कुंज का लोकार्पण किया और कपूर का पौधा भी लगाया। मुख्यमंत्री ने यहां श्रीमती सूर्यमुखी देवी राजगामी संपदा न्यास राजनांदगांव द्वारा प्रदत्त खेल सामग्री, हॉकी स्टिक खिलाड़ियों को वितरित की । साथ ही उन्होंने 5 महिलाओं को सिलाई मशीन भी वितरित की। इस मौके पर खिलाड़ियों से बात कर मुख्यमंत्री ने उनका हौसला भी बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को आशीर्वाद देते हुए तन और मन से खेलने कहा।
राज्य शासन द्वारा सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए कृष्ण कुंज विकसित करने की पहल की गई है। पर्यावरण को सहेजने, पेड़ों को बचाने और आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण और पेड़ों के महत्व के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से कृष्ण कुंज स्थापित किए जा रहे हैं । कृष्ण कुंज नगरीय क्षेत्रो में स्थापित किए जा रहे हैं, जहां बरगद ,पीपल,कदम,आम,इमली ,बेर ,जामुन ,गंगा बेर, शहतूत ,चिरौंजी, नीम, गूलर,पलाश ,अमरुद ,सीताफल, बेल जैसे अनेकों महत्व के पेड़ रोपण करने की कार्य योजना है।