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- हैदराबाद : तेलंगाना हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को जमकर फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने बुधवार (17 जून) को हैदराबाद के पुलिस अधिकारियों से पूछा कि लॉकडाउन के दौरान नियमों का उल्लंघन करने के सबसे ज्यादा मामले मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ ही क्यों दर्ज किए गए हैं। क्या इसका मतलब है कि अन्य समुदायों से किसी ने लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं किया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी की पीठ ने लॉकडाउन के दौरान पुलिस ज्यादतियों के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। न्यायाधीशों ने यह भी कहा, अमेरिका में देखिए क्या हो रहा है? एक अफ्रीकी अमेरिकी को पुलिस ने मार दिया और अब पूरा देश जल रहा है। सुनवाई के दौरान पीठ ने यह माना कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस का अल्पसंख्यकों के साथ बर्ताव क्रूर था। पीठ ने डीजीपी एम महेंद्र रेड्डी और हैदराबाद के पुलिस आयुक्त से गलत पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को भी कहा।
सामाजिक कार्यकर्ता शीला सारा मैथ्यूज ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर डाली थी। उन्होंने कोर्ट को कई ऐसी घटनाओं के बारे में बताया, जिसमें पुलिस ने मुस्लिम युवकों के साथ बुरा बर्ताव किया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें भी आईं थी। शीला के वकील दीपक मिश्र ने जुनैद नाम के युवक का हवाला दिया, जिसे पुलिस की पिटाई के बाद 35 टांके लगे थे। उन्होंने बताया कि जुनैद प्रवासी मजदूरों को खाना पहुंचाने का काम कर रहा था। तभी किसी पुलिस कॉन्स्टेबल ने उसे रोका और पिटाई की।
पुलिस ने इस दौरान यह कहते हुए अपना बचाव करने की कोशिश की कि आरोप में किसी भी पीड़ित का कोई बयान शामिल नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने पुलिस की इस दलील को खारिज कर दिया। एक अन्य मामले में किराने का सामान लेने गए मोहम्मद असगर एक इमारत के टॉप फ्लोर से गिर गए। उनके दोनों पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। असगर ने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया था, जिसके बाद लोगों में भगदड़ मच गई थी। सभी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने डीजीपी से मामले में कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिया कि 29 जून तक पुलिस अधिकारी दोषी कॉन्स्टेबल्स के खिलाफ कार्रवाई करें और कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल करें। - रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां निवास कार्यालय में आयोजित वन विभाग की बैठक में राज्य के ग्रामीण वनवासियों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिसके तहत अब छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीकृत वनोपजों को छोड़कर अन्य लघु वनोपजों के लिए परिवहन अनुज्ञा पत्र (टी.पी. पास) लेने की अनिवार्यता खत्म कर करने का अहम निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही वन्य प्राणियों के उपचार के लिए दो अत्याधुनिक और सर्व सुविधा युक्त अस्पताल विकसित करने, मैदानी अमलों पर नियंत्रण के लिए वन विभाग के द्वारा मोबाईल एप तैयार करने सहित अनेक मुद्दों पर निर्णय लिया गया। राज्य में लघु वनोपजों के लिए परिवहन अनुज्ञा पत्र समाप्त होने से इसके परिवहन से जुड़े व्यापारियों को विक्रय हेतु लघु वनोपज एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने में सुविधा होगी। इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक में राज्य में हाथियों सहित अन्य वन्य प्राणियों के संरक्षण पर भी विभागीय अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया। इस दौरान उन्होंने राज्य में वन्य प्राणियों के संरक्षण के उपायोें को बेहतर बनाने सहित इनकी निगरानी के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। राज्य में विगत 10 वर्षाें के दौरान हाथियों सहित अन्य वन्य प्राणियों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में पिछले 10 वर्षाें में हाथियों की संख्या 225 से बढ़कर आज 290 तक हो गई है। इसके अलावा वन तथा राजस्व क्षेत्रों में विशेषकर हाथी प्रभावित क्षेत्रों में वन्यप्राणियों के बचाव के लिए खुली विद्युत तारों को ऊर्जा और वन विभाग के द्वारा केबल लगाने के संबंध में भी विचार किया गया।
बैठक में वन विभाग के मैदानी अमले पर नियंत्रण और फिल्ड में उनकी उपस्थिति सुुनिश्चित करने के लिए मोबाईल एप विकसित करने का निर्णय लिया गया है। इस एप के माध्यम से वन विभाग के फोरेस्ट गार्ड से लेकर उच्च स्तर के सभी अधिकारियों की मॉनिटरिंग की जाएगी। इससे वन प्रबंधन और वन्य प्राणियों के संरक्षण में तत्काल जरूरी कदम उठाए जा सके। इसी तरह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में वन्य प्राणियों तथा हाथियों के दल की सतत निगरानी के लिए सभी प्रभावित वन मण्डलों में 10-10 लोगों को चयन कर टीम बनाने के भी निर्देश दिए हैं। बैठक में उन्हें वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से राशि भुगतान करने का निर्णय लिया गया। राज्य में वर्तमान में महासमुन्द वन मण्डल के अंतर्गत मानव-हाथी द्वंद में नियंत्रण के लिए संचालित मोबाईल बेस्ड एलर्ट सिस्टम की सराहना करते हुए इसे धरमजयगढ़ और सूरजपुर वन मण्डल के 10-10 गांवों में लागू करने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री ने बैठक में वन्य प्राणियों के त्वरित उपचार दिलाने के मद्देनजर राजधानी रायपुर के जंगल सफारी स्थित पशु चिकित्सालय और बिलासपुर के कानन पेंडारी स्थित पशु चिकित्सालय को अत्याधुनिक और सर्व सुविधा युक्त अस्पताल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। इस दौरान चर्चा करते हुए वन मंत्री अकबर ने बताया कि वन विभाग में वर्तमान में कार्यरत पशु चिकित्सक संविदा नियुक्ति पर है, वन्य प्राणियों के उपचार के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक बनने के पहले ही कई चिकित्सक अन्य सेवाओं में चले जाते हैं। जिसके कारण वन्यप्राणियों के उपचार में कई बार कठिनाईयां आती है। मुख्यमंत्री ने वन मंत्री अकबर के अनुरोध पर पशु चिकित्सा विभाग में कार्यरत चिकित्सकों को वन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लेने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी 20 वन मण्डलों में जहां वन्य प्राणियों की संख्या ज्यादा है, वहां इन चिकित्सकों को प्राथमिकता से तैनात करने कहा।
बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी अतुल शुक्ला, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरुण पाण्डेय, कैम्पा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्ही. श्रीनिवास राव, मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। - मुंबई : बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर बिहार के मुजफ्फरपुर में बॉलीवुड की कई नामी हस्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. मुजफ्फरपुर में सुशांत सिंह आत्महत्या मामले में कोर्ट में करण जौहर, सलमान खान, एकता कपूर, संजय लीला भंसाली, साजिद नाडियावाला, आदित्य चोपड़ा, भूषण कुमार और दिनेश समेत 8 कलाकारों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. अधिवक्ता सुधीर ओझा ने बताया कि इन सभी पर आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करने का आरोप लगा कर सीजेएम कोर्ट में मामला दर्ज करवाया गया है.
ओझा द्वारा दायर किए गए शिकायत पत्र में कहा गया है कि करण जौहर, आदित्य चोपड़ा, साजिद नाडियाडवाला, सलमान खान, संजय लीला भंसाली, भूषण कुमार, एकता कपूर तथा निर्माता-निर्देशक दिनेश विजान पर आरोप लगाया गया है कि साजिश के तहत ये लोग सुशांत की फिल्में रिलीज नहीं होने दे रहे थे. इनके कारण फिल्म से जुड़े कार्यक्रमों में सुशांत को आमंत्रित नहीं किया जाता था.
एफआईआर में कहा गया है कि इन सभी लोगों के कारण सुशांत को आत्महत्या करने के लिए विवश होना पड़ा. सुशांत की मौत से बिहार ही नहीं देश के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. ओझा ने बताया कि परिवाद पत्र में भादवि की धारा 306, 109, 504, और 506 के तहत आरोप लगाया गया है.
इस पत्र में गवाह के रूप में अभिनेत्री कंगना रनाौत के भी नाम दर्ज है. ओझा ने बताया अदालत ने कि इस मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई को मुकर्रर की है. उल्लेखनीय है कि सुशांत ने मुंबई के बांद्रा स्थित फ्लैट पर रविवार को आत्महत्या कर ली थी. - रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शहीद जवानों के शोकसंतप्त परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति प्रकट की है।
मुख्यमंत्री ने वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि शहीद जवानों में छत्तीसगढ़ महतारी के सपूत कांकेर निवासी श्री गणेश राम कुंजाम भी शामिल हैं। श्री बघेल ने शहीद जवान श्री गणेश राम कुंजाम को श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हम सबको अपने बहादुर जवानों पर गर्व है, देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए पूरा देश एकजुट है। - जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने नेशनल काफ्रेंस के अतिरिक्त महासचिव और पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर पर लगाए गए जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) को रद करते हुए उनकी तत्काल रिहाई का निर्देश दिया है। पीएसए हटाने और रिहाई के लिए उनके पुत्र ने याचिका दायर की थी।
बीते मंगलवार को सागर के वकील शरीक रेयाज ने कहा, ‘हमने तर्क दिया था कि उनकी (सागर) नजरबंदी का कोई आधार नहीं है. अनुच्छेद 2019 को समाप्त किए जाने का विरोध करने और जुलाई 2019 में पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने को उनके खिलाफ इस्तेमाल किया गया. जुलाई 2019 में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ की गई बैठक में उन्होंने कहा था कि अगर अनुच्छेद 370 को हटाया जाता है तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे.’
सागर को अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के बाद हिरासत में लिया था. उन पर इस साल फरवरी में जन सुरक्षा कानून (पीएसए) लगाया गया था. रेयाज का कहना है कि अदालत ने कहा कि अनुच्छेद 370 का विरोध करना सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरे का आधार नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि अदालत ने अतिरिक्त महाधिवक्ता को सागर की रिहाई के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि लेकिन हमें अभी लिखित आदेश का इंतजार करना होगा. -
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम सिलेब्स के बयान सामने आ रहे हैं। सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर एक और पूरा देश सदमे में है वहीं दूसरी ओर बॉलिवुड में घमासान मचा हुआ है। इस बीच, ख़बर आ रही है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत से आहत 10वीं के एक छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों के मुताबिक, अभिनेता के सुसाइड की खबर सुनने के बाद से ही उनका बच्चा काफी दुखी था। हालांकि, वो ऐसा कदम उठा लेगा इसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी।
बता दें कि, अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने मुंबई के बांद्रा स्थित अपने घर में रविवार (14 मई) की सुबह फांसी लगाकर जान दे दी थी। इस खबर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। उनकी मौत की खबर सुनकर हर कोई हैरान है, किसी को अंदाजा नहीं था कि फिल्म जगत का एक ऐसा कलाकार जिसने इतने थोड़े से वक्त में इतना मुकाम हासिल किया है वो कुछ ऐसा कदम उठा सकता है। सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या कई सवाल पीछे छोड़ गई है। सोशल मीडिया पर कई लोग बॉलिवुड में नेपोटिजम और कैपिंग को इसका जिम्मेदार मान रहे हैं।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 10वीं कक्षा के छात्र की आत्महत्या का ये मामला बिहार के नालंदा में चंडी थाना इलाके का है। परिजनों ने बताया कि मंगलवार सुबह वह अपने निर्माणाधीन मकान के कमरे में गया और वहां कमरे का दरवाजा बंद कर रस्सी के सहारे फंदे से झूल गया। काफी देर तक जब वह घर नहीं लौटा तो परिजन वहां गए और दरवाजा खटखटाया। काफी देर तक दरवाजा नहीं खुलने के बाद उन्हें अनहोनी की आशंका हुई।
परिजनों के मुताबिक, तुरंत ही उन्होंने दरवाजा तोड़ा और जैसे ही कमरे में गए वहां की स्थिति देख दंग रह गए। इसके बाद चीख पुकार मच गई। परिजनों ने बताया कि जब से उसने एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या की खबर सुनी थी तभी से मर्माहत था। बार-बार वह अपने दोस्तों और परिजनों से यही सवाल किया करता था कि हमेशा मुस्कुराते रहने वाला शख्स क्या फांसी लगा सकता है?
घटना की जानकारी मिलते ही चंडी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे के शव को अपने कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए बिहार सदर अस्पताल ले आई। थानाध्यक्ष रितु राज कुमार ने बताया कि केस दर्ज कर पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। उन्होंने बताया कि छात्र अभिनेता सुशांत सिंह की मौत से डिप्रेशन में चल रहा था इसी कारण उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। - नई दिल्ली : कोरोना संकट के बीच पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि होती जा रही है. लगातार 11वें दिन पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी हुई है. नई बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल अब 77.28 प्रति लीटर और डीजल 75.79 रुपये प्रति लीटर मिलेगा. तेल कंपनियों ने बुधवार को भी पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि कर दी. दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 0.55 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 77.28 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है. जबकि डीजल के दाम 0.69 रुपये की वृद्धि के साथ 75.79 रुपये हो गए हैं.
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 0.47 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 76.47 रुपये लीटर पहुंच गई थी. जबकि डीजल के दाम 0.57 रुपये की वृद्धि के साथ 75.19 रुपये हो गए. जबकि सोमवार को पेट्रोल की खुदरा कीमत 76.26 रुपये प्रति लीटर और डीजल 74.26 रुपये प्रति लीटर थी. हर राज्यों में लगने वाले वैट के आधार पर विभिन्न राज्यों में पेट्रोल डीजल की कीमतें अलग-अलग होगी. - नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने में पंजाब की सूक्ष्म-स्तरीय नियंत्रण प्रणाली और डोर-टू-डोर सर्वेक्षण नीति की प्रशंसा की. उन्होंने सभी राज्यों को ‘पंजाब मॉडल’ को अपनाने की बात भी कही. प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी को नियंत्रित करने में पंजाब एक प्रमुख खिलाड़ी है.
सोमवार को प्रधानमंत्री ने 21 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की. इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कोविड-19 से निपटने के लिए राज्य के मॉडल के बारे में जानकारी दी. सीएम ने कहा कि हम प्रभावी रूप से महामारी से मुकाबला कर रहे हैं. उन्होंने सभी राज्यों को इस रणनीति को अपनाने का सुझाव दिया. सीएम ने कोविड-19 से लड़ने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच एक समन्वय समूह बनाने की अपील की.
बैठक के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री को देश भर की अर्थव्यवस्था और सरकारों पर कोविड के विनाशकारी प्रभावों पर चर्चा की. केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय के लिए कुछ मुख्यमंत्रियों से मिलकर एक समूह बनाने का सुझाव दिया. इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी मौजूद रहे.
- रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गड़करी को पत्र लिखकर उनसे छत्तीसगढ़ राज्य में निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्गाें में निर्माण कार्याें की गति बढ़ाने और अंबिकापुर-भैसामुड़ा-वाड्रफनगर-धनगांव-बम्हनी-रेनुकुट मार्ग (छत्तीसगढ़ में लम्बाई 110 किलोमीटर) और रायगढ़-धरमजयगढ़ मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 149बी चांपा-कोरबा-कटघोरा मार्ग के उन्नयन एवं चौड़ीकरण कार्य की एन.एच.ए.आई. से शीघ्र स्वीकृति जारी करने का अनुरोध भी किया है। इस मार्ग के संबंध में श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि इस मार्ग के लिए आपके द्वारा स्वीकृति का आश्वासन दिया गया था। यह मार्ग छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नगरी कोरबा को जोड़ता है एवं इस मार्ग पर यातायात घनत्व बहुत अधिक है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए एन.एच.ए.आई. से शीघ्र स्वीकृति जारी कराने का अनुरोध किया है।श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 रायपुर से धमतरी मार्ग का निर्माण कार्य एन.एच.ए.आई के माध्यम से कराया जा रहा है। कार्य लगभग 2 वर्ष बंद रहने के बाद प्रारंभ किया गया है, परंतु कार्य की प्रगति अत्यंत धीमी है। उन्होंने कार्य की प्रगति बढ़ाने के लिए एन.एच.ए.आई को निर्देशित करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने पत्र में जानकारी दी है कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 पत्थलगांव से कुनकुरी मार्ग की स्थिति बहुत ही खराब है। यह कार्य 4 वर्ष पूर्व प्रारंभ किया गया था, परंतु 2 वर्ष से अधिक समय से 25 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का यह भाग अत्यंत खराब एवं अधूरा है। अक्टूबर माह में इस संबंध में आग्रह किया गया था, परंतु अक्टूबर से अभी तक सड़क निर्माण की प्रगति अत्यंत धीमी है एवं माह मार्च 2020 से कार्य लगभग बंद है। यह मार्ग छत्तीसगढ़ राज्य के आदिवासी बाहुल्य जिला जशपुर से गुजरता है एवं झारखण्ड राज्य को जोड़ता है। श्री बघेल ने इस कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है।मुख्यमंत्री ने लिखा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 111 बिलासपुर-पतरापाली-कटघोरा मार्ग एन.एच.डी.पी. फेस-4 योजना में अनुमोदित है। बिलासपुर से पतरापाली के मध्य कार्य प्रगति पर है। परंतु पतरापाली से कटघोरा के मध्य मार्ग की हालत अत्यधिक खराब है एवं मुनगाडीह पुल निर्माणाधीन है। मुनगाडीह नाले पर क्षतिग्रस्त पुल के स्थान पर नये पुल का निर्माण एवं पतरापाली से कटघोरा मार्ग का संधारण कार्य वर्षाऋतु के पूर्व कराना अत्यंत आवश्यक है। श्री बघेल ने केन्द्रीय मंत्री से इसके लिए संबंधितों को निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।
श्री बघेल ने पत्र में उल्लेख किया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 216 रायगढ़-सारंगढ़-सरायपाली मार्ग का निर्माण कार्य मार्च 2015 में प्रारंभ किया गया था। कार्य की प्रगति प्रारंभ से ही धीमी थी। यह कार्य पांच वर्ष के बाद भी अधूरा है। इस परियोजना के अंतर्गत महानदी पर 1.50 किलोमीटर लम्बा सेतु निर्माण एवं 22 किलोमीटर कांक्रीट रोड बनाया जाना शेष है, परंतु अक्टूबर 2019 से कार्य लगभग बंद है एवं पूर्व में किए गए कार्य में आई खामियों को सुधार भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने उपरोक्त कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने हेतु संबंधितों को निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने अंबिकापुर-वाड्रफनगर उत्तरप्रदेश सीमा तक मार्ग के संबंध में पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में आदिवासी बाहुल्य जिले में अंबिकापुर-वाड्रफनगर मार्ग की लम्बाई 110 किलोमीटर है। यह मार्ग छत्तीसगढ़ राज्य के अंबिकापुर से बनारस (उत्तर प्रदेश) को जोड़ने वाला अंतर्राज्यीय महत्व का है। अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 पर स्थित है एवं रेनुकुट राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 39 पर स्थित है एवं प्रस्तावित मार्ग पर यातायात घनत्व अधिक है। यह अंतर्राज्यीय मार्ग यातायात की दृष्टि से राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने योग्य है। अतः अंबिकापुर-भैसामुड़ा-वाड्रफनगर-धनगांव-बम्हनी-रेनुकुट (छत्तीसगढ़ में लम्बाई 110 किलोमीटर) को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाना चाहिए।
इसी तरह उन्होंने रायगढ़-धरमजयगढ़ मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग करते हुए पत्र में लिखा है कि रायगढ़-धरमजयगढ़ मार्ग की लम्बाई 72 किलोमीटर है। रायगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 200 पर स्थित है एवं धरमजयगढ़ भारतमाला योजना में सम्मिलित मार्ग बिलासपुर-उरगा-धरमजयगढ़-पत्थलगांव पर स्थित है। प्रस्तावित मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 200 को एवं भारतमाला योजना में प्रस्तावित बिलासपुर-उरगा-पत्थलगांव मार्ग को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग है। इस मार्ग पर यातायात घनत्व बहुत अधिक है एवं यह मार्ग छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नगरी रायगढ़ से प्रारंभ होता है। अतः रायगढ़-धरमजयगढ़ मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने श्री गड़करी से इन कार्याें के संबंध में शीघ्र कार्यवाही की अपेक्षा की है। - रायपुर : नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के एक लाख 7 हजार से अधिक श्रमिक अब तक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से सुरक्षित छत्तीसगढ़ लौट चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन पर राज्य सरकार द्वारा अन्य प्रदेशों से श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए अब तक 4 करोड़ 40 लाख रूपए रेल मण्डलों को और 29 बसों के लिए करीब 23 लाख इस तरह कुल 4 करोड़ 16 लाख रूपए की राशि खर्च की गई है। इसी प्रकार राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा श्रमिकों के राहत के लिए जिलों को 18 करोड़ 20 लाख और स्वास्थ्य विभाग को 75 करोड़ रूपए की राशि जारी किया गया है।
श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा जिला प्रशासन को संकटापन्न श्रमिकों की सहायता के लिए 3 करोड़ 90 लाख आबंटित किया है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण श्रमिक जो छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाओं पर पहुंच रहे एवं राज्य से होकर गुजर रहे सभी के लिए नाश्ता, भोजन, स्वास्थ्य परीक्षण एवं परिवहन की निःशुल्क व्यवस्था से श्रमिकों कोे काफी राहत मिली है। छत्तीसगढ़ की सभी सीमाओं पर पहुंचने वाले प्रवासी श्रमिकों को, चाहे वो किसी भी राज्य के हो, उन्हें छत्तीसगढ़ का मेहमान मान कर शासन-प्रशासन के लोग उनकी हरसंभव मदद कर रहे हैं।
डॉ. डहरिया ने बताया कि श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों एवं प्रबंधकों से समन्वय कर श्रमिकों के लिए राशन एवं नगद आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। प्रदेश के 26 हजार 205 श्रमिकों को 39 करोड़ 18 लाख रूपए बकाया वेतन का भुगतान भी कराया गया है। वहीं लॉकडाउन के द्वितीय चरण में शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में 1464 छोटे-बड़े कारखानों को पुनः प्रारंभ कर एक लाख 8 हजार 158 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। -
इस्लामाबाद: पाकिस्तानी अधिकारियों ने सोमवार को भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारियों को ‘हिट एंड रन’ के एक मामले में कथित रूप से शामिल होने को लेकर हिरासत में लेने के कुछ घंटे के बाद छोड़ दिया। एआरवाई टीवी के अनुसार, विदेश कार्यालय द्वारा यह सूचित किए जाने के बाद कि उन्हें राजनयिक छूट प्राप्त है, पुलिस ने दोनों भारतीय अधिकारियों को रिहा कर दिया। विदेश कार्यालय (एफओ) ने दोनों भारतीय अधिकारियों की पहचान पॉल सिल्वादेस और द्विमू ब्रह्म के तौर पर की है। ये दोनों पाकिस्तान में 2017 में आए थे और दोनों ही गैर-राजनयिक हैं। पुलिस ने कहा कि औपचारिकता पूरी करने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया और उन्हें भारतीय मिशन के एक अधिकारी को सौंप दिया गया। इस दौरान विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद थे।
पुलिस के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि उन्हें सचिवालय पुलिस थाने ले जाया गया और उनके खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाते हुए एक व्यक्ति को घायल करने और फिर फरार होने की कोशिश करने का मामला दर्ज किया गया। प्राथमिकी के मुताबिक दोनों के पास कथित रूप से जाली मुद्रा थी। जियो न्यूज ने कुछ प्रत्यक्षदर्शियों को उद्धृत करते हुए अपनी खबर में कहा कि एक बीएमडब्ल्यू कार ने शहर के एंबेसी रोड पर सुबह करीब आठ बजे एक पैदल यात्री को टक्कर मारी और उसके बाद कार सवार लोगों ने वहां से भागने की कोशिश की। पैदल यात्री इस दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
खबर में कहा गया कि मौके पर मौजूद लोगों की भारी भीड़ ने कार में सवार दो लोगों को पकड़ लिया और उन्हें इस्लामाबाद पुलिस के हवाले कर दिया। इसमें कहा गया कि उनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस को पता चला कि वे दोनों भारतीय उच्चायोग के कर्मी हैं। द हिंदू के अनुसार, इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि दोनों कर्मचारियों को लगी चोट से पता चलता है कि उन्हें पुलिस हिरासत में पीटा गया। वापस लौटने के बाद उन्हें मेडिकल जांच के लिए भेजा गया। इससे पहले भारत ने सोमवार को नई दिल्ली में पाकिस्तान के उपराजदूत को तलब कर इस्लामाबाद में दो भारतीय उच्चायोग कर्मियों की कथित गिरफ्तारी पर कड़ा विरोध व्यक्त किया था।
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नई दिल्ली: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की कोरोना वायरस की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई है. डॉक्टरों ने बताया है कि फिलहाल उनकी हालत स्थिर है. हालांकि उन्हें अभी भी बुखार है. सत्येंद्र जैन को तेज बुखार और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत के बाद दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दिल्ली में कोरोना वायरस के 42 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.
बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के निवास पर होने वाली दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की बैठक दो दिनों के लिए टाल दी गई है. दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी और फैसले लिए जाने थे. इस बैठक में दिल्ली के उपराज्यपाल के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को भी शरीक होना था, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन बुखार और गले दर्द की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती हो गए और यह बैठक टल गई.
- रुदौली अयोध्या,रुदौली। विधानसभा के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव रह चुके कर्मठ,निष्ठावान कांग्रेसी नेता आसिम मुन्ना को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने उनकी सक्रियता व मेहनत को देखते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग का स्टेट कोऑर्डिनेटर की अहम जिम्मेदारी सौंपी है एवं उन्होंने अपेक्षा की है असीम मुन्ना संगठन से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ते हुए अपना पूरा योगदान देंगे असिम मुन्ना के मनोनयन पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष अखिलेश यादव,पूर्व जिला अध्यक्ष राजेंद्र प्रताप सिंह,पीसीसी सदस्य मोहम्मद वेद सिंह कमला,कारिब करनी,मुनीर अहमद खान,राकेश बंसल,प्रताप बहादुर सिंह,,शरद त्रिवेदी, अतीकउर रहमान,उस्मान अंसारी ने हर्ष व्यक्त करते हुए उपरोक्त मनोयन पर कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज आलम उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष डॉ निर्मल खत्री के प्रति आभार जताते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया है।
आसिम मुन्ना इससे पहले भी स्टेट कोऑर्डिनेटर थे दूसरी बार स्टेट कोऑर्डिनेटर बनाए जाने पर श्री आसिम मुन्ना को पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं और मुबारकबाद दी है श्री आसिम मुन्ना मूल रूप से रुदौली के रहने वाले हैं और जिला अयोध्या के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं में इनकी गिनती होती है श्री आसिम पिछले 20 सालों से लगातार कांग्रेस की सेवा करते चले आ रहे हैं और उनकी छवि एक ईमानदार जुझारू जमीन से जुड़े नेता और पार्टी के प्रति निष्ठावान रहने की है जिसके कारण ही प्रदेश नेतृत्व ने दोबारा उन्हें यह जिम्मेदारी दी है श्री आसिम मुन्ना को दोबारा इस जिम्मेदारी मिलने पर क्षेत्र के तमाम कांग्रेस जनों ने राष्ट्रीय चेयरमैन जिला नदीम जावेद साहब और प्रदेशीय चेयरमैन श्री से नवाज आलम जी को धन्यवाद भी दिया है श्री आशीष मुन्ना एक ऐसे नेता हैं जो जमीनी स्तर से जुड़े हुए हैं श्री आसिम की राजनीति ऐसी के बंद कमरों में ना होकर खुली सड़कों, गांव ,शहरों और आमजन लोगों के बीच में होती है श्री आसिम मुन्ना गरीबों, मजदूरों ,दलितों ,अल्पसंख्यकों पिछड़ों आदि के सुख दुख में हमेशा मौजूद रहते हैं।
श्रीमती प्रियंका गांधी के राजनीति में आने के बाद और महासचिव का पद संभालने के बाद देश में विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस में एक नया जोश दिखाई दिया है आज कांग्रेस जन जमीनी लड़ाई करते हुए दिखाई दे रहे हैं कांग्रेस उत्तर प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू जी गरीबों पीड़ित लोगों के खिलाफ जमीनी संघर्ष करते हुए इस वक्त जेल में है यह श्री प्रियंका गांधी जी का ही करिश्मा है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में एक नया जोश भर दिया श्री आसिम मुन्ना भी ऐसे ही कांग्रेस के सिपाहियों में से हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन तन मन धन के साथ कांग्रेस को समर्पित कर दिया है। - लखनऊ। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की हालत नाजुक बनी हुई है, लालजी टंडन का इलाज लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में चल रहा है, सोमवार सुबह उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसके बाद लालजी टंडन को वेटिंलेटर पर रखा गया है, आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को बुखार, पेशाब संबंधी समस्या थी,वो रविवार से अस्पताल में भर्ती हैं।
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लखनऊ। बुहचर्चित अनामिका शुक्ला प्रकरण में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने बड़ी सफलता हासिल की है। फर्जी दस्तावेजों के जरिये शिक्षक की नौकरी दिलाने के मामले में एसटीएफ ने गैंग के सरगना पुष्पेंद्र समेत तीन लोगों को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया है। तीनों आरोपितों को गोंडा पुलिस के हवाले किया जा रहा है। गोंडा में अनामिका शुक्ला की ओर से उनके शैक्षिक दस्तावेजों के दुरुपयोग के संबंध में दर्ज कराए गए मुकदमों में तीनों के खिलाफ मामला चलेगा।
एसटीएफ ने इस मामले के मुख्य आरोपित मैनपुरी निवासी पुष्पेंद्र जाटव उर्फ राज, जौनपुर में बेसिक शिक्षा कार्यालय में जिला समन्वयक अधिकारी आनंद तथा लखीमपुर में बेसिक शिक्षा कार्यालय के प्रधान लिपिक रामनाथ को गिरफ्तार किया है। बता दें, मुख्य आरोपित पुष्पेंद्र जाटव उर्फ राज फर्रुखाबाद में सहायक अध्यापक है। इसके अलावा रामनाथ वर्तमान में हरदोई के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, पाली में संबद्ध था। आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि आरोपित राज उर्फ पुष्पेंद्र जाटव उर्फ गुरुजी ही गिरोह का सरगना है। पूछताछ में पुष्पेंद्र ने बताया कि वह सुशील पुत्र गुलाब चंद्र के नाम से फर्जी तरीके से सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त है।
पुष्पेंद्र ने बताया कि 2010 में उसकी मुलाकात बेसिक शिक्षा कार्यालय हरदोई में तैनात प्रधान लिपिक रामनाथ से हुई थी। रामनाथ ने पुष्पेंद्र की मुलाकात जौनपुर में जिला समन्वयक अधिकारी आनंद से कराई। जौनपुर में कस्तूरबा गांधी विद्यालय में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का आवेदन पत्र व शैक्षिक दस्तावेज आनंद सिंह की कस्टडी में होता था। काउंसिलिंग में शामिल न होने पर अनामिका के दस्तावेज आनंद सिंह ने रामनाथ को उपलब्ध करा दिए। रामनाथ ने पुष्पेंद्र की मदद से बबली को अनामिका बनाकर अलीगढ़ में और बबली की ननद सरिता को अनामिका बनाकर प्रयागराज में, दीप्ति को वाराणसी में, प्रिया को कासगंज में 2-2 लाख रुपए लेकर नौकरी दिलाई थी। पुष्पेंद्र ने अपने भाई जसवंत को विभव कुमार के नाम से फर्जी तरीके से नौकरी दिला दी थी।इस मामले में अन्य की भी तलाश की जा रही है। एसटीएफ के मुताबिक अब तक अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों पर अलीगढ़, वाराणसी, कासगंज, सहारनपुर, बागपत, रायबरेली ,अमेठी ,अंबेडकर नगर में फर्जी भर्तियां होने की बात सामने आई है। तीनों के कब्जे से दो मोबाइल फोन, एक ड्राइविंग लाइसेन्स, एक आधार कार्ड, एक एटीएम कार्ड, एक लाइसेंसी पिस्टल 7.65 एमएम सात जिन्दा कारतूस और 1180 रुपये नगद बरामद हुए हैं।साभार : हिंदी वन इण्डिया से - नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के शोपियां स्थित तुर्कवंगाम में सेना और आतंकियों के बीच एनकाउंटर चल रहा है। एनकाउंटर में जम्मू कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना के जवान शामिल हैं। जानकारी के अनुसार इलाके में कुछ आतंकी छिपे थे जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने पूरे इलाके को घेर लिया। अभी तक सेना ने 3 आतंकियों को इस एनकाउंटर में ढेर कर दिया है, इसके बाद सेना ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया। सेना ने जिन तीन आतंकियों को ढेर किया है उनमे से एक का नाम कामरान जहूर मन्हास है। सेना की ओर से कहा गया है है कि कमांडिंग ऑफिसर 44 आरआर, कर्नल एके सिंह ने फोन कर कामरान से संपर्क करने की कोशिश की थी ताकि वह मुख्यधारा में वापस लौट आए। यही नहीं कर्नल उसके घर भी गए थे और उसके परिवार से बात की थी, लेकिन कामरान ने उनकी बात को अनसुना कर दिया और मुख्यधारा में वापस नहीं लौटा।
- नई दिल्ली : टाटा मोटर्स की अधिग्रहित कंपनी जगुआर लैंड रोवर यूनाइटेड किंगडम में अपने 1,000 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। कंपनी का कहना है कि कोविड-19 के कारण कंपनी को घाटा हुआ है जिकी भरपाई करने के लिए कंपनी अपने कार्यबल में कटौती कर रही है। जानकारी के अनुसार कॉन्ट्रैक्ट और एजेंसी सेवा के कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी।
जगुआर लैंड रोवर यूनाइटेड किंगडम की बड़ी कार निर्माताओं में से एक है। कंपनी ने हाल ही में खुलासा किया है कि लॉकडाउन के कारण बिक्री में 31 प्रतिशत की गिरावट आई है। कोरोना वायरस से आई वैश्विक मंदी के कारण कंपनी को घटा हुआ है और खर्च में बढ़ोत्तरी हुई है। कंपनी ऑपरेशन कॉस्ट को कम करने के लिए छंटनी करने जा रही है।
एक सूचना में कंपनी ने बताया कि परिवर्तन कार्यक्रम के माध्यम से, जगुआर लैंड रोवर प्रदर्शन का मूल्यांकन कर रही है। इसके साथ ही स्थायी विकास को सक्षम करने व्यवसाय की दीर्घकालिक सफलता के लिए कार्रवाई कर रही है। कोविड-19 के प्रकोप का सामना करते हुए कंपनी के लिए यह फैसला लेना काफी मुश्किल था। हालांकि, कंपनी को अपने अस्थाई कर्मचारियों को नौकरी से हटाने का कठोर फैसला लेना पड़ा। कंपनी ने कहा कि अधिकतर छंटनी कंपनी के यूनाइटेड किंगडम में स्थित उपक्रमों से की जाएगी। छंटनी की प्रक्रिया जुलाई महीने के अंत से शुरू होकर साल के आखरी महीने तक जारी रहेगी। - मुंबई : बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद उनके परिवार पर एक बार फिर से दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अभिनेता के निधन के बाद से सदमे में चल रही उनकी भाभी ने भी दम तोड़ दिया है। बता दें कि, सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद से उनका पूरा परिवार गहरे सदमे में हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस वक्त सुशांत का अंतिम संस्कार मुंबई में किया जा रहा था, बिहार में रह रहे उनके भाई की पत्नी सुधा देवी चल बसीं। बताया जा रहा है कि, सुशांत के जाने की खबर मिलने के साथ ही उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया था। सुशांत सिंह राजपूत के कजिन भाई की पत्नी सुधा देवी बिहार के पुर्णिया में रहती थीं। सुधा देवी सुशांत सिंह के चचेरे भाई अमरेंद सिंह की पत्नी थीं। परिजनों ने बताया कि बीते कुछ समय से वह बीमार थीं। सुशांत के सुइसाइड की खबर मिलने के बाद से उनका बुरा हाल था और उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया था। सुशांत की मौत की खबर सुनने के बाद वो सदमे में चली गई थीं। सोमवार शाम करीब पांच बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
सुशांत सिंह राजपूत ने रविवार को मुंबई स्थिति अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सोमवार को विले पार्ले स्थित श्मशान घाट पर परिवार के सदस्यों और करीबी दोस्तों की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को लेकर तमाम सिलेब्स के बयान सामने आ रहे हैं। - मुंबई : अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद अब कई तरह की बातें कही जा रही हैं। अभिनेता के कई रिश्तेदारों को इस बात का यकीन नहीं है कि उन्होंने आत्महत्या की है। अभिनेता की मौत को लेकर हत्या किये जाने की बात उनके परिवार वाले कह रहे हैं। मामले में सीबीआई से जांच कराने की मांग भी उठ रही है।
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मामा ने उनकी हत्या किये जाने की आशंका जताई है। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ‘हमें नहीं लगता कि उसने आत्महत्या की है। इस मामले में पुलिस को जांच करनी चाहिए। उसकी मौत के पीछे साजिश नजर आ रही है। उसका कत्ल हो सकता है। सुशांत सिंह राजपूत के रिश्तेदार और भारतीय जनता पार्टी के विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू ने साफ किया है कि अभिनेता का अंतिम संस्कार मुंबई में होगा। उन्होंने कहा कि ‘हम मुंबई जा रहे हैं। उनकी अंत्योष्टि मुंबई में होगी। अभी तक विश्वास नहीं हो रहा कि वो अब नहीं है। अगर जरुरत पड़ी तो हम जांच की मांग भी करेंगे।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अभिनेता की बहन ने पुलिस को बयान दिया है कि सुशांत को पैसे की कोई परेशानी या दिक्कत नहीं थी। ना ही उन पर किसी तरह का कोई कर्ज़ था। रिपोर्ट्स के अुसार, पुलिस अभिनेता के बैंक अकाउंट्स की भी जांच करेगी। सुशांत के लैपटॉप और मोबाइल की भी पुलिस ने जांच की बात कही है। - भोपाल : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भोपाल क्राइम ब्रांच ने IPC की विभिन्न धाराओं के तहत उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। दरअसल, सिंह के खिलाफ यह कार्रवाई सूबे में सत्तारूढ़ BJP की शिकायत पर हुई है। सूत्रों के मुताबिक, दिग्विजय ने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जुड़ा फर्जी वीडियो डाला या शेयर किया था, जिसे लेकर उन पर मामला दर्ज हुआ है।
पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता के नेतृत्व में बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने भोपाल पुलिस की क्राइम ब्रांच को इस बाबत ज्ञापन सौंपा था। मेमोरैंडम के तहत मांग की गई थी कि मॉर्फ्ड (छेड़खानी किए गए) वीडियो शेयर करने को लेकर दिग्विजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जाए। रविवार को इसके बाद केस दर्ज हुआ। जिस क्लिप को लेकर दिग्विजय पर कार्रवाई हुई है, उसमें शिवराज सिंह चौहान का शराब को लेकर पुराना बयान है।
भोपाल डीआईजी इरशद वली ने ट्वीट कर बताया था- यह मामला सीएम शिवराज के पुराने वीडियो की एडिटिंग से जुड़ा है और उसे उनकी छवि खराब करने के मकसद से सोशल मीडिया पर फैलाया गया। हमने इस मामले को गंभीरता से लिया है। फिलहाल सायबर ऐक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच चल रही है।
- केरल सीएम पिनारई विजयन की बेटी टी. वीना की शादी आज DYFI (Democratic Youth Fedration of India) अध्यक्ष मोहम्मद रियास के साथ तिरुवअनंतपुरम में सीएम आवास पर संपन्न हुई। कोरोना वायरस माहमारी के चलते शादी का कार्यक्रम काफी सादगीपूर्ण और निजी रखा गया था। जिसमें वर और वधू पक्ष के करीबी रिश्तेदार ही शामिल रहे। शादी में 50 से भी कम लोग शामिल हुए। बता दें कि टी. वीना और मोहम्मद रियास, दोनों की ही यह दूसरी शादी है। शादी समारोह में केरल के उद्योग मंत्री ईपी जयराजन, सीपीएम स्टेट कमेटी सदस्य कोलियाकोडे कृष्णन नायर और डीवाईएफआई नेता साजीश आदि भी मौजूद रहे।
बता दें कि मोहम्मद रियास केरल की सत्ताधारी सीपीएम पार्टी के प्रमुख चेहरों में गिने जाते हैं। रियास ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के साथ की थी। सीपीएम की यूथ विंग DYFI का अध्यक्ष बनने से पहले मोहम्मद रियास इसके प्रदेश अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं। मुहम्मद रियास रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी पीएम अब्दुल खादर के बेटे हैं। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में मोहम्मद रियास ने केरल की कोझिकोड लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था। हालांकि उस चुनाव में कांग्रेस के वेटरन नेता एमके राघवन के हाथों उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। मोहम्मद रियास ने साल 2002 में समीहा सैथालावी से शादी की थी। इस शादी से मोहम्मद रियास के दो बेटे हैं। साल 2015 में रियास ने समीहा को तलाक दे दिया था। - रायपुर : छत्तीसगढ़ में ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान‘ और विभिन्न योजनाओं के एकीकृत प्लान से बच्चों में कुपोषण दूर करने में बड़ी सफलता मिली है। वर्ष 2019 में किये गये वजन त्यौहार से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 9 लाख 70 हजार बच्चे कुपोषित थे, इनमें से मार्च 2020 तक 67 हजार 889 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए हैं। इस तरह कुपोषित बच्चों की संख्या में लगभग 13.79 प्रतिशत की कमी आई है। जो कुपोषण के खिलाफ शुरू की गई जंग में एक बड़ी उपलब्धि है। बहुत ही कम समय में ही कुपोषण की दर में उल्लेखनीय कमी का श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व सहित उनकी दूरदर्शी सोच को जाता है।
छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के आंकड़ों में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण और एनीमिया की दर को देखते हुए प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने अभियान की शुरूआत की। राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-4 के अनुसार प्रदेश के 5 वर्ष से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण और 15 से 49 वर्ष की 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थे। इन आंकड़ों को देखे तो प्रदेश में 9 लाख 70 हजार बच्चे कुपोषित थे। इनमें से अधिकांश आदिवासी और दूरस्थ वनांचल इलाकों के बच्चे थे। इन आंकड़ों को नयी सरकार एक चुनौती के रूप में लिया और ‘कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ‘़ की संकल्पना के साथ महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर 2019 से पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की है। अभियान की सफलता के लिए इसमें जन-समुदाय को भी शामिल किया गया है।
प्रदेश के नक्सल प्रभावित बस्तर सहित वनांचल के कुछ ग्राम पंचायतों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सुपोषण अभियान की शुरूआत की गई। दंतेवाड़ा जिले में पंचायतों के माध्यम से गर्म पौष्टिक भोजन और धमतरी जिले में लइका जतन ठउर जैसे नवाचार कार्यक्रमों के जरिए इसे आगे बढ़ाया गया। जिला खनिज न्यास निधि का एक बेहतर उपयोग सुपोषण अभियान के तहत गरम भोजन प्रदान करने की व्यवस्था की गई। इसकी सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अभियान को 2 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में लागू किया। इस अभियान के तहत चिन्हांकित बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्र में दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार के अतिरिक्त स्थानीय स्तर निःशुल्क पौष्टिक आहार और कुपोषित महिलाओं और बच्चों को गर्म पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई है। एनीमिया प्रभावितों को आयरन पोलिक एसिड, कृमिनाशक गोली दी जा रही है। प्रदेश को आगामी 3 वर्षों में कुपोषण से मुक्त करने का लक्ष्य के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा समन्वित प्रयास किये जा रहे हैं।
कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सभी आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों को बंद किया गया है। ऐसी स्थिति में बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर को बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम प्रदेश के 51 हजार 455 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लगभग 28 लाख 78 हजार हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट पोषक आहार का वितरण सुनिश्चित कराया है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत हितग्राहियों को गर्म भोजन के स्थान पर सूखा राशन वितरित करने की व्यवस्था की गई है। इसके तहत मई माह तक तीन लाख 47 हजार हितग्राहियों को सूखा राशन प्रदान किया गया है। विश्व बैंक ने भी आंगनाबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कोरोना वायरस के नियंत्रण के साथ ही टेक होम राशन वितरण कार्य की प्रशंसा की है। छत्तीसगढ़ में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे सभी महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित भवन में ठहराकर उनके टीकाकरण, आवश्यक दवाई, स्वास्थ्य परीक्षण की पुख्ता व्यवस्था भी की गई है।
कुपोषण प्रभावित बच्चों और महिलाओं को निःशुल्क काउंसलिंग और परामर्श सेंवाएं देने के साथ नियमित मॉनिटरिंग भी की जा रही है। सुपोषण रथ, शिविरों और परिचर्चा के माध्यम से जनजागरूकता के प्रयास भी हो रहे हैं। इसी की एक कड़ी के रूप में एनीमिया के स्तर और स्वास्थ्य सुधार के लिए बस्तर जिले में शुरू किये गए मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान और स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत किचन गार्डन बागवानी को पोषण के लिए अनूठी राह बताते हुए यूनिसेफ ने सराहना की है। -
खारून नदी के किनारे कुम्हारी-मरघटा-अमलेश्वर तकसड़क और सौदर्यीकरण के कार्यों को मंजूरी
लोक निर्माण के कार्यों में अन्य राज्यों से आने वाले 15 हजार सेअधिक प्रवासी श्रमिकों को मिल रहा रोजगार
मुख्यमंत्री ने एडीबी से 1184 किलोमीटर लम्बाई की 30 सड़कों के लिएतैयार की गई 4000 करोड़ रूपए की कार्य योजना को दी सैद्धांतिक सहमति
अंबिकापुर-बनारस मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने केन्द्र को प्रस्ताव भेजने के निर्देश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य की सड़कों के मरम्मत कार्यों को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं, ताकि बरसात में लोगों को आवागमन में असुविधा न हो। उन्होंने राष्ट्रीय राज मार्ग के अधिकारियों को खराब सड़कों को सुधारने कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ऐसे सभी शासकीय भवनों जो मुख्यमार्ग से नहीं जुड़े हैं, उन्हें पक्के पहुंच मार्ग से जोड़ा जाए। उन्होंने इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश आज यहां अपने निवास कार्यालय में लोक निर्माण विभाग के कार्याें की समीक्षा के दौरान दिए। बैठक में गृह एवं लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, मुख्य सचिव श्री आर.पी.मंडल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू और लोक निर्माण विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्गों की समीक्षा करते हुए अंबिकापुर से बनारस मार्ग और रायगढ़ से धरमजयगढ़ सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। निर्माणाधीन रायपुर-बिलासपुर मार्ग में जहां मरम्मत की आवश्यकता है, उन कार्यों को जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए। कोरबा शहर में रेल लाइनों पर ओव्हर ब्रिज बनाने के लिए योजना बनाने भी कहा। राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे वृक्षारोपण कराने के निर्देश दिए। राजधानी से लगने खारून नदी के किनारे सौदर्यीकरण और जनसुविधा की दृष्टि से 8.80 किलोमीटर सड़क निर्माण किया जाएगा। यह सड़क कुम्हारी-मरघटा-अमलेश्वर तक बनेगी। इसके लिए 70.40 करोड़ रूपए की कार्य योजना बनायी गई है। कार्य योजना में स्टाप डेम और चौपाटी, वृक्षारोपण, रिटेनिंग वाल तथा अन्य सौंदर्यीकरण शामिल किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति प्रदान की। एशियन विकास बैंक की सहायता से वर्ष 2020 से 2024 परियोजना अवधि के लिए 1184 किलोमीटर लम्बाई की 30 सड़कों के लिए 4000 करोड़ ऋण लेने की कार्य योजना तैयार की गई है। मुख्यमंत्री ने कार्ययोजना को सैद्धांतिक सहमति दी।
लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में खाली शासकीय भूमि पर नवीन आवासीय सह व्यावसायिक कम्पलेक्स बनाने के लिए रायपुर के कटोरा तालाब स्थित लोक निर्माण कार्यालय परिसर में 5.43 एकड़ और दुर्ग के कसारीडीह पुराने सिविल लाइन में 16.58 की भूमि चिन्हित कर कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में लगभग 272 करोड़ रूपए लागत की 33 स्थानों पर 52 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। बैठक में राम वन गमन पथ की निर्माण के लिए कार्ययोजना पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में बताया गया कि इस पथ की कुल लम्बाई 2260 किलोमीटर है। इसमें से 748 किलोमीटर राष्ट्रीय राज मार्ग है, जिसमें मरम्मत की जरूरत नहीं है। कार्ययोजना में 78 किलोमीटर राज्य मार्ग और 43 किलोमीटर मुख्य जिला मार्ग एडीबी परियोजना के अंतर्गत बनाया जाएगा। इसी तरह 123 किलोमीटर ग्रामीण मार्ग छत्तीसगढ़ सड़क परियोजना के अंतर्गत और 243 किलोमीटर सड़क प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत और 45 किलोमीटर सड़क वन विभाग द्वारा बनाना प्रस्तावित है।लोक निर्माण विभाग के सचिव ने बताया कि नवीन जिला गौरेला पेड्रा मारवाही को छोड़ कर राज्य के सभी जिला मुख्यालय राष्ट्रीय राजमार्ग से जुडे हैं। राज्य के सभी 146 विकासखंडों में से केवल 6 विकासखंड देवभोग, नरहपुर, जनकपुर, कुंआकोंडा, लुण्ड्रा और मैनपाट डबल लेन से नहीं जुड़ें हैं इन्हें जोड़ने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। ऐसे प्रवासी श्रमिक जो अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ लौटे हैं ऐसे लगभग 15 हजार श्रमिकों को क्वारंटाइन पूरा करने के बाद सड़क और भवन निर्माण कार्यों में रोजगार दिया जा रहा है। इनमें काफी संख्या में स्किल्ड हैं जो मुम्बई और दिल्ली सड़क निर्माण का कार्य कर रहे थे। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा कोविड -19 की रोकथाम के लिए अस्पतालों के उन्नयन का कार्य किया गया है। - शासकीय भूमि के आवंटन की प्रक्रिया हुई सरल: कब्जाधारियों को मिलेगी राहत
कलेक्टर कर सकेंगे भूमि का आवंटन एवं व्यवस्थापन
नगरीय निकायों को व्यावसायिक प्रयोजन के लिए एक चैथाई दर पर उपलब्ध होगी शासकीय जमीन
15 वर्ष का भू-भाटक एकमुश्त जमा करने पर विशेष छूट
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि पर काबिज लोगों के साथ ही अन्य लोगों को आवासीय अथवा व्यावसायिक या अन्य प्रयोजन हेतु शासकीय भूमि सहजता से आवंटित हो सके इसके लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए है। जिसके तहत शासकीय भूमि के आवंटन एवं व्यवस्थापन के संबंध में राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ राजस्व पुस्तक परिपत्र के खण्ड चार-एक एवं खण्ड चार-2 के प्रावधानों में आंशिक संशोधन करते हुए इसे अब और सरल करते हुए कलेक्टर को अधिकार प्रत्यायोजित किए गये है। इससे जिला स्तर पर भूमि आवंटन एवं व्यवस्थापन के मामलों को पूरी पारदर्शिता के साथ सहजता एवं शीघ्रता से निराकृत किया जा सकेगा। भूमि आवंटन की सरलीकृत प्रक्रिया का लाभ कब्जाधारियों सहित अन्य इच्छुक लोगों को मिल सकेगा।राज्य शासन द्वारा केन्द्र तथा राज्य के विभागों और निगमों, मंडलों एवं आयोगों को शासकीय भूमि के आवंटन का अधिकार कलेक्टरों को दिया गया है। नगरीय क्षेत्रों में 7500 वर्गफीट तक शासकीय भूमि का 30 वर्षीय पट्टे पर आवंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार भी कलेक्टरों को दिया गया है। 7500 वर्गफीट से अधिक शासकीय भूमि के आवंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार राज्य सरकार को होगा।नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा अधिसूचित विकास योजना के अनुरूप ही नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि का आवंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि का व्यवस्थापन हो सकेगा। नगरीय निकायों को व्यावसायिक प्रयोजन के लिए भू-खण्ड का आवंटन हेतु प्रब्याजि का निर्धारण प्रचलित गाईड लाइन के 25 प्रतिशत के बराबर मूल्य पर किया जाएगा। शासकीय भूमि का आबंटन किसी व्यक्ति या संस्था को करते समय देय प्रब्याजि का निर्धारण प्रचलित गाईडलाईन के आधार पर किया जाएगा। इसी तरह किसी शासकीय भू-खण्ड के आवंटन हेतु दो या दो से अधिक व्यक्ति अथवा संस्था का आवेदन प्राप्त होने पर प्रचलित गाईडलाईन के दर पर निर्धारित की गई प्रीमियम दर को आफसेट मानते हुए नीलामी के माध्यम से सर्वाधिक बोली लगाने वाले को किया जाएगा। राज्य शासन ने भूमि स्वामी या पट्टेदार को भू-भाटक की अदायगी के मामले में भी विशेष रियायती दी है। भू-भाटक की राशि का 15 वर्ष का एकमुश्त भुगतान करने पर भूमि स्वामी या पट्टेदार को आगामी 15 वर्ष (16वें वर्ष से 30वें वर्ष तक) के भू-भाटक से छूट रहेगी। शासन की इस रियायत से प्रति वर्ष भू-भाटक के भुगतान की कठिनाईयों से भी लोगों को राहत मिलेगी।सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि जिला स्तर पर शासकीय भूमि के आवंटन एवं अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन के संबंध में सभी कलेक्टरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। भूमि आवंटन के संबंध में प्राप्त होने आवेदनों का परीक्षण जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रियायती एवं गैर रियायती दर पर प्राप्त पट्टों की भूमि को भूमि स्वामी हक में परिवर्तन के लिए निर्धारित मूल्य से 2 प्रतिशत अतिरिक्त राशि देनी होगी। भूमि आवंटन अथवा व्यवस्थापन तथा भूमि स्वामी हक में परिवर्तन से संबंधित सभी प्रकरणों में ईश्तहार प्रकाशन, दावा-आपत्ति की प्रक्रिया तथा विधिवत सुनवाई किया जाना है। कलेक्टर भूमि आवंटन एवं व्यवस्थापन के मामले में केवल ऐसी भूमि का ही आवंटन कर सकेंगे, जिसे लोक बाधा, स्वास्थ्य सुरक्षा, जन सुविधा, लोक प्रयोजन तथा पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से सुरक्षित रखने की आवश्यकता न हो। आवंटन योग्य भूमि का चिन्हांकन कर भुईंया सॉफ्टवेयर में अपलोड कराकर शासकीय विभागों को उक्त भूमि की आवश्यकता के संबंध में प्रस्ताव प्राप्त कर आवंटित किया जाएगा। - रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर ट्रांसमिशन कंपनीज में सेवारत रहते हुये दिवगंत कर्मियों के 27 आश्रितों को आज अपने निवास कार्यालय में अनुकम्पा नियुक्ति पत्र प्रदान किये। राज्य शासन की इस सम्वेदनशील पहल से इन परिवारों को काफी राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने नवनियुक्त कर्मियों के सुखद जीवन की कामना की और उन्हें परिवार के अन्य आश्रितों की समुचित देखभाल के लिये प्रेरित किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हो रहे तेज विकास की धुरी बिजली है। हर्ष की बात है कि बिजली के मामले में छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्य में शामिल है। यहां कृषि-उद्योग जगत सहित घरेलू उपभोक्ताओं के लिये सहज और सस्ते दर पर बिजली उपलब्ध हो रही है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार बिजली उपभोक्ताओं को विभिन्न रियायतें दी गई हैं।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में कृषि, उद्योग के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार पावर कंपनी जनहितैषी कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता से पूरी कर रही है। इसके अनुपालन में आज वितरित किये गये 27 अनुकम्पा नियुक्ति में 25 नियुक्तियाॅ महिलाओं को दी गई।
पाॅवर कंपनी में नियुक्ति मिलने से दिवगंत कर्मियों के आश्रितों को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री बघेल जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान मुख्यमंत्री से मिले इस नियुक्ति पत्र से पूरे परिवार को संबल मिला है।
अनुकम्पा नियुक्ति पाने वाले में सर्वश्रीमती मंजू साहू महासमुंद, शीतल कोशले गुढ़ियारी, अंजु धीवर राजेंद्रनगर, रूकमणी सिन्हा सड्डू, संध्या देवांगन तेलीबांधा, मंजू साहू सेलूद पाटन, नलिनी विश्वकर्मा भिलाई और रोहणी साहू खम्हारडीह को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। शेष आश्रितों को उनके नियुक्ति पत्र कंपनी प्रबंधन व्दारा वितरित किए जाएंगे। इनमें सर्व श्रीमती मंजू देवांगन तखतपुर, ममता साहू बिलासपुर, फिरतीन देवी टंडन जैजपुर, ओमिन करभाल बालोद, बबीता बिंझेलकर राजनांदगांव, पूनम महला कवर्धा, गीता निषाद जांजगीर-चांपा, कांति ठाकुर महासमुंद, , नीलम वैष्णव डोंगरगढ़, केश्वरी दास कुनकुरी, कु. देवकी निषाद जगदलपुर, श्यामबाई साहू बिरकोना, विजयलक्ष्मी रावटे नारायणपुर, रेश्मा कश्यप बिलासपुर, दीपिका प्रजापति धमतरी, उर्मिला कुंजाम कांकेर, सुमन सिंह सरगुजा, श्री धनीराम रजक जांजगीर-चांपा तथा रामनारायण राठौर बिलासपुर शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव व छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनीज के चेयरमेन श्री सुब्रत साहू, प्रबंध निदेशक (ट्रांसमिशन) श्री अशोक कुमार व मुख्य अभियंता (मानव संसाधन) श्री पी.सी. पारधी सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।