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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चीन के खिलाफ लोगों का गुस्सा सड़कों पर देखने को मिल रहा है। भारतीय कंपनियों में चीनी निवेश से गुस्साए जोमैटो के कर्मचारियों ने नौकरी से इस्तीफा दिया है, साथ ही उनके खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन भी किया गया है। कोलकाता में ज़ोमैटो फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म कर्मचारियों के एक समूह ने फर्म में चीनी निवेश का विरोध करने के लिए अपनी आधिकारिक टी-शर्ट को जला दिया। दक्षिण 24 परगना में ज़ोमैटो डिलीवरी ब्वॉयज़ ने भारतीय कंपनियों में चीनी निवेश का विरोध करते हुए नौकरी से इस्तीफा दिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने अपनी जर्सियां जलाईं।
दक्षिण 24 परगना में विरोध प्रदर्शन कर रहे एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि ज़ोमैटो से 150 डिलीवरी ब्वॉयज़ ने इस्तीफा दिया है लेकिन यहां विरोध प्रदर्शन में कुछ ही लोग शामिल हैं। हम ऐसी किसी कंपनी के साथ काम नहीं करना चाहते जो उन देश की कंपनियों के साथ मिलकर काम करती हैं जिस देश की सेना ने हमारे जवानों की जान ली हो।
लद्दाख के गलवन घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच जारी विवाद के चलते जहां लोग चीनी सामान का बहिष्कार कर रहे हैं, कोलकाता में करीब 100 लोगों ने जोमैटो की नौकरी छोड़ दी। कोलकाता में कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्होंने उन प्रतिष्ठानों में काम करने से इन्कार कर दिया है जहां चीन ने निवेश किया है। इसका सबसे बड़ा और पहला नाम जोमैटो का है।
इससे पहले शनिवार को कोलकाता के बेहाला इलाके में 100 से अधिक डिलीवरी ब्वॉय ने जोमैटो से इस्तीफा देने का फैसला किया है। खबर है कि चीनी कंपनी अलीबाबा की सहायक कंपनी एंट फाइनेंशियल द्वारा जनवरी में जोमैटो में लगभग 150 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। शनिवार को 100 से अधिक डिलीवरी ब्वॉय ने विरोध किया और जोमैटो द्वारा दिए गए कपड़े जला दिए।
उन्होंने कहा कि हमारे पसीने का मुनाफा चीनी कंपनियों को नहीं दिया जाएगा। हमारे पैसे से वे हमारे देश की सेना पर हमला कर रहे हैं और हमसे हमारी जमीन लेना चाहते हैं। हम ऐसा नहीं होने देंगे। हम और हमारा परिवार भूखे रहेंगे, यह स्वीकार्य है, पर हम किसी भी ऐसी कंपनी में काम नहीं करेंगे, जिसमें चीन ने निवेश किया हो। उनमें से कई लोग ऐसे हैं, जिनके परिवार की आजीविका उनकी नौकरियों पर निर्भर करती है, लेकिन ये लोग देश और सेना के लिए भूखे रहने के लिए तैयार हैं। -
मल्टीयूटीलिटी सेंटर की गतिविधियों के लिए सीएसआर फंड
से 15 लाख रूपए देने की घोषणा की
मुख्यमंत्री से ‘कल्पतरू‘ मल्टीयूटीलिटी सेंटर सेरीखेड़ी की
महिलाओं ने की मुलाकात
कोरोना संकट काल में मल्टीयूटीलिटी सेंटर से महिलाओं को
मिला बड़ा सहारा
महिलाओं को 30 लाख रूपए की मिली मजदूरी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से कल यहां उनके निवास कार्यालय में ‘कल्पतरू‘ मल्टीयूटीलिटी सेंटर, सेरीखेड़ी में कार्य कर रही बिहान रायपुर (उजाला ग्राम संगठन) की महिलाओं ने मुलाकात की। महिलाओं ने इस सेंटर में तैयार किए जा रहे विभिन्न उत्पाद मुख्यमंत्री को दिखाए और उनके संबंध मंे जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की सराहना की और उनके बारे में महिलाओं से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए सेरीखेड़ी के इस मल्टीयूटीलिटी सेंटर के कार्य के विस्तार और विभिन्न गतिविधियों के लिए सीएसआर मद से 15 लाख रूपए की राशि उपलब्ध कराने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राशि से उन्हें काम करने और भी अधिक आसानी होगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मल्टीयूटीलिटी सेंटर सेरीखेड़ी की गतिविधियों और तैयार किए जा रहे उत्पादों पर केन्द्रित फोल्डर का विमोचन किया। महिलाओं ने मुख्यमंत्री को बताया कि कोरोना संकट काल में उन्हें इस सेंटर के माध्यम से रोजगार और आय का बड़ा सहारा मिला। महिलाएं अपने साथ गोबर से तैयार गमले, राखी जैसे उत्पाद भी मुख्यमंत्री को दिखाने लायी थीं। महिला समूह की अध्यक्ष श्रीमती मोहिनी डहरिया ने गोधन न्याय योजना प्रारंभ करने की घोषणा के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत समूहों की महिलाएं इस सेंटर में ग्लिसरीन साबुन, डिजायनर मोमबत्ती, बांस के ट्री गार्ड, अगरबत्ती, फिनायल, फेश वास, मशरूम, मुनगा पावडर से तैयार कुकीज, हर्बल टी, एलईडी बल्ब, स्लीपर, गोबर के गमले, हर्बल गुलाल तथा बांस, गोबर, सब्जी के बीज और ग्लिसरीन सोप से डिजायनर राखियां तैयार कर रही हैं। कोरोना संकट के काल में सेंटर की महिलाओं द्वारा सेनेटाईजर, कोरोना से बचाव के लिए फेश सील्ड, तीन लेयर वाले कॉटन के मास्क, मेडिकल गाउन और हाल ही में पीपीई किट तैयार करना शुरू किया गया है। सेरीखेड़ी सेंटर की महिलाओं ने क्वारेंटाईन सेंटर में रूके मजदूरों के लिए कोरोना सुरक्षा किट भी तैयार किए, जिनका उपयोग रायपुर के क्वारेंटाईन सेंटरों में किया गया। इस किट में सेनेटाईजर, साबुन, मास्क आदि सामग्री शामिल की गई थी।
इस अवसर पर उपस्थित रायपुर कलेक्टर श्री एस. भारतीदासन ने मुख्यमंत्री को बताया कि पिछले वर्ष दिसम्बर से प्रारंभ इस सेंटर में 180 महिलाएं काम कर रही है। महिलाओं द्वारा उत्पादित विभिन्न सामग्रियों का अब तक कुल 1 करोड़ 10 लाख रूपए का व्यवसाय किया है। इस अवधि में महिलाओं को लगभग 30 लाख रूपए की मजदूरी का भुगतान किया गया है। यहां काम करने वाली महिलाओं को 25 रूपए प्रति घंटे के हिसाब से मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। हर महिला को औसतन 200 रूपए प्रतिदिन मजदूरी मिलती है। महिलाएं इस केन्द्र में गौमूत्र, गोबर पावडर, गोबर के अर्क, आलू विटामिन ई, कैमल मिल्क, गोट मिल्क और एलोवेरा से साबुन तैयार कर रही हैं। अच्छी गुणवत्ता के कारण इनकी अच्छी बिक्री हो रही है। अब तक इस केन्द्र में तैयार लगभग 12 लाख रूपए के साबुन बेचा गया है। इस केन्द्र में तैयार साबुन को भारत सरकार के खादी बोर्ड द्वारा खरीद कर पूरे देश में इसका विक्रय किया जा रहा है। सेरीखेड़ी सेंटर में कोरोना से बचाव के लिए तैयार किए जा रहे मास्क मात्र 40 रूपए में बेचे जा रहे है, जबकि बाजार में इसकी कीमत 120 रूपए तक है। मल्टीयूटीलिटी सेंटर से उजाला ग्राम संगठन के 35 स्व-सहायता समूह जुड़े हैं।
सेंटर की महिलाओं द्वारा 11 हजार बांस के ट्री गार्ड तैयार किए गए। बैम्बू ट्री गार्ड का लगभग 46 लाख रूपए का बिजनेस किया गया, जिसमें से 5 से 6 लाख रूपए का फायदा हुआ। सेंटर की महिलाएं बांस के पावडर, गोबर और चारकोल से अगरबत्ती तैयार कर रही है। सेंटर द्वारा तैयार किए जा रहे बेकरी आइटम में मशरूम, मुनगा, रागी, कोदो, ओटस आदि का उपयोग भी किया जा रहा हैै। विभिन्न प्रकार की चाकलेट, पेस्टीज तैयार किए जा रहे हैं। मुनगा पावडर और मशरूम पाउडर भी यहां तैयार किए जा रहे हैं। इस सेंटर की 19 महिलाओं को चप्पल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया, 10 मशीनें उपलब्ध कराई गई, यहां एक हजार चप्पल प्रतिदिन तैयार किए जाते हैं। जिसे स्थानीय व्यापारियों द्वारा बेचा जाता है। अब तक इस सेंटर में तैयार 25 लाख रूपए की चप्पलें बेची गई, जिनसे 3 लाख रूपए की आमदनी हुई। सेंटर में एलईडी एसेम्बलिंग यूनिट की शुरूआत की गई है। इस यूनिट में 400 बल्ब बनाने की क्षमता है। महिलाओं को शत-प्रतिशत बाई बेक की नीति पर सामग्री उपलब्ध कराकर एलईडी बल्ब तैयार कराए जा रहे हैं। हर्बल गुलाल, जूट बैग, पेपर बैग भी तैयार किए जाते हैं। सेंटर द्वारा 6 से 7 हजार लीटर सेनेटाईजर की बिक्री की जा चुकी है। सेंटर में कृत्रिम मोती की खेती, एक्वा कल्चर, बैम्बू बेस पर एक्वेरियम के निर्माण का काम भी शुरू किया गया है। इस सेंटर में पांच तरह की हर्बल टी तैयार की जा रही है, जिसकी काफी मांग है। यहां इम्युनिटी बूस्टर टी, एनर्जी बूस्टर टी, फ्रेशनर टी और कामिग टी जैसे उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। सेरीखेड़ी की मल्टीयूटीलिटी सेंटर को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं, विभिन्न विभागों के सहयोग, सीएसआर फंड की राशि से विकसित किया गया है। क्रेडा द्वारा कोल्ड स्टोरेज, सोलर ड्रायर, सोलर वाटर हीटर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही साथ केनरा बैंक, मोनेट, बैंक ऑफ बडौदा, यूनाईटेड इंडिया इंश्योरेंश, हाईटेक पावर, नंदन स्टील्स, बाल्को और जनमन फाउंडेशन द्वारा सहयोग दिया गया है। इस सेंटर में काम करने वाली महिलाओं के लिए दाल-भात सेंटर, छोटे बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र भी संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान मुख्य सचिव श्री आर. पी. मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, जिला पंचायत रायपुर के सीईओ डॉ. गौरव कुमार सिंह, सेरीखेड़ी मल्टीयूटीलिटी सेंटर की महिलाएं श्रीमती मोहिनी डहरिया, श्रीमती स्वमिता वर्मा, श्रीमती दया धु्रव, श्रीमती लता मनहर और श्रीमती सीमा साहू उपस्थित थीं।
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खारे पानी की समस्या वाले स्थानों पर सतही जल पर आधारित पेयजल योजना बनाएंरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कल यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनियों और क्रेडा के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने क्रेडा के अधिकारियों से कहा कि पहुंच विहीन और दुर्गम इलाकों में सोलर के जरिए विद्युत की व्यवस्था के साथ ही नदी किनारे जहां विद्युत लाइन नहीं हैं, उन स्थानों पर सोलर पम्प किसानों को दिए जायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन स्थानों पर पानी में हैवी मेटल या खारे पानी होने की शिकायत है वहां सतही जल (सरफेस वाटर) के माध्यम से जल आपूर्ति की व्यवस्था की जाए।मुख्यमंत्री ने गरियाबंद के सुपेबेड़ा में नदी के जल से और बेमेतरा, बालोद, धमधा, साजा और नवागढ़ में खारे पानी की शिकायत के कारण सरफेस वाटर का उपयोग कर जल आर्पूिर्त के लिए योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्युत कम्पनियों की विभिन्न योजनाओं और सीएसआर मद के कार्यों की समीक्षा की । मुख्यमंत्री ने निजी विद्युत संयंत्रों से वेरिएबल कास्ट पर मिलने वाली बिजली की समीक्षा करते हुए कहा कि निर्धारित मात्रा में विद्युत प्रदाय नहीं करने वाले संयंत्र को नोटिस जारी किया जाये। बैठक में सोलर पेयजल योेजना, सौभाग्य योजना, सौर सुजला योजना, सोलर कोल्ड स्टोरेज, शासकीय भवनों का सौर उर्जीकरण, सोलर विद्युत संयंत्र आदि योजनाओं की समीक्षा की गयी।बैठक में क्रेडा के अधिकारियों ने बताया कि सौर सुजला योजना के तहत अब तक 78 हजार 730 पम्प स्थापित किए गए है। इससे 2 लाख 46 हजार एकड़ में सिंचाई सुविधा मिल रही है। वर्ष 2020 -21 में 20 हजार सोलर पम्प स्थापित करने का लक्ष्य है। इससे लगभग 50 हजार एकड़ में सिंचाई हो सकेगी। सामुदायिक सिंचाई के 40 प्रोजेक्टों में 3450 एकड़ में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हुई है। प्रदेश में 5998 गांवों तथा बसाहटों में 11459 सोलर पेयजल पम्पों के माध्यम से 3.25 लाख परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी प्रकार 281 सोलर जल शुद्धिकरण संयंत्र स्थापित किए गए हैं।बैठक में मुख्य सचिव श्री आर.पी.मंडल, विद्युत कम्पनियों के चेयरमेन और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, छत्तीसगढ विद्युत वितरण कम्पनी के एमडी श्री मोहम्मद अब्दुल कैसर हक, ट्रांसमिशन कम्पनी के एमडी श्री अशोक कुमार, ट्रेडिंग कम्पनी के एमडी श्री राजेश वर्मा, जनरेशन कम्पनी के एमडी श्री एन.एल. बिजौरा सहित विद्युत कम्पनियों एवं क्रेडा के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में शनिवार को एक औद्योगिक संयंत्र से अमोनिया गैस रिसाव के कारण कंपनी के एक अधिकारी की मौत हो गई। घटना नंदयाल कस्बे में स्थित कंपनी एसपीवाई एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड में हुई।समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के महाप्रबंधक श्रीनिवास राव की हादसे में मौत हो गई। राव की दम घुटने से मौत हुई है। उनके साथ मौजूद चार लोग वहां से भागने में कामयाब रहे और वे सुरक्षित हैं। कुरनूल के जिला कलेक्टर जी.वीरापांडियन ने कहा कि अग्निशमन कर्मी गैस रिसाव को रोकने की कोशिश कर रहे थे। प्लांट के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कोई खतरा नहीं हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और अपने घर के अंदर ही रहें। यह संयंत्र पूर्व सांसद एस.पी.वाई. रेड्डी का है।
वीरापांडियन ने कहा कि कंपनी के अंदर गैस रिसाव हुआ। लेकिन यह गैस बाहर तक नहीं फैली इस कारण खतरे की कोई बात नहीं है। इस बाबत चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि हमने एक आपातकालीन स्थिति गैस रिसाव के पता चलने के बाद शुरू की और सभी टीमों को घटनास्थल पर भेजकर सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित किया।
स्थानिय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी से निकलने वाली तीखी गंध से आसपास के इलाके के लोगों में दहशत फैल गई और वे सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे। जिला अधिकारियों ने तब मजदूरों को बचाने के लिए एंबुलेंस और फायर टेंडर मौके पर पहुंचाए।
- नई दिल्ली। दुनिया की दिग्गज FMCG कंपनियों में शुमार कोका कोला ने बड़ा फैसला लिया है। कोका कोला ने अगले 30 दिनों तक सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपने सभी विज्ञापनों के भुगतान को रोक दिया है। जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक कंपनी ने ये फैसला विश्व में चल रहे रंगभेद के खिलाफ अभियान को नजर में रखते हुए लिया है। आपको बता दें कि कोका कोला वैश्विक विज्ञापन की एक बड़ी ताकत है। ऐसे में विज्ञापनों पर रोक लगाए जाने से विज्ञापन कंपनियों को नुकसान झेलना पड़ सकता है।
कोका-कोला ने शुक्रवार को घोषणा की कि कम से कम 30 दिनों के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापनों को निलंबित कर रही है। क्योंकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नस्लवादी सामग्री से निपटने के तरीके पर कंपनी काम करना चाहती है।
शुक्रवार को इस मामले की घोषणा करते हुए कोका कोला कंपनी के चेयरमैन और सीईओ जेम्स क्विंसी ने कहा कि दुनिया में नस्लवाद की कोई जगह नहीं है और न ही सोशल मीडिया पर नस्लवाद की जगह है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों ने जो अन्य प्रमुख ब्रैंड्स को घृणित सामग्री से निपटने के लिए बायकॉट किया है, उन्हें ज्यादा जवाबदेह और पारदर्शिता प्रदान करने की जरूरत है। जेम्स ने आगे कहा कि कोका कोला हमारे विज्ञापन नीतियों को फिर से निर्धारित करने के लिए एक ठहराव का उपयोग करेगा। यह देखने के लिए कि क्या संशोधन की आवश्यकता है। - नई दिल्ली: अनलॉक-1 में सरकार ने ज्यादातर गतिविधियों की छूट दे दी है। जिस वजह से उद्योग-धंधे दो महीने बाद फिर से शुरू हो गए हैं। इसी के साथ कोरोना वायरस के मामलों में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। अब बाइक बनाने वाली देश की टॉप कंपनी बजाज ऑटो के वालुज (औरंगाबाद) फैक्ट्री में 140 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसमें से दो कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। बजाज ऑटो ने अभी फैक्ट्री बंद करने से इनकार कर दिया है।
कंपनी प्रबंधन के मुताबिक वालुज फैक्ट्री में 8100 कर्मचारी काम करते हैं। यहां पर 24 अप्रैल को कुछ कर्मचारियों के साथ उत्पादन दोबारा से शुरू हुआ था। वहीं अनलॉक में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई गई। फिर 6 जून को यहां पर कोरोना वायरस का पहला केस सामने आया था। पहले तो फैक्ट्री के 79 कर्मचारी पॉजिटिव बताए जा रहे थे, लेकिन शुक्रवार को सामने आई रिपोर्ट में इनकी संख्या बढ़कर 140 हो गई। जिसमें से दो लोगों की मौत भी हुई है। दोनों डायबिटीज और हाइपर टेंशन से ग्रसित थे।
कंपनी प्रबंधन के मुताबिक वालुज फैक्ट्री में हर साल 5 लाख बाइक का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग फैक्ट्री के बंद होने की बात कर रहे हैं, लेकिन ये गलत है। फैक्ट्री सामान्य रूप से चल रही है। वहीं पूरे परिसर में स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन हो रहा है। फैक्ट्री सामान्य रूप से चलती रहे, इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कंपनी नो वर्क नो पे के नियमों के तहत फैक्ट्री को बंद करेगी, तो इससे कर्मचारियों पर बुरा असर पड़ेगा। इस वजह से वो एहतियात बरतते हुए फैक्ट्री को जारी रखना चाहते हैं। - नई दिल्ली। कोरोना वायरस को 'कोरोनिल' दवा से ठीक करने के दावे को लेकर योग गुरू बाबा रामदेव मुश्किलों में घिरते हुए नजर आ रहे हैं। राजस्थान के जयपुर में इस दवा के दावे को लेकर बाबा रामदेव, पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण और तीन अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि बाबा रामदेव ने पतंजलि आयुर्वेद की दवा कोरोनिल को कोरोना वायरस की दवा के रूप में प्रचारित कर देश को लोगों को गुमराह किया है।
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, इस मामले को लेकर जयपुर के ज्योति नगर पुलिस थाने में बाबा रामदेव, उनके सहयोगी और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण, वैज्ञानिक अनुराग वार्ष्णेय, एनआईएमएस के चेयरमैन बलबीर सिंह तोमर और निदेशक अनुराग तोमर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। एफआईआर में इन लोगों के ऊपर कोरोनिल को कोरोना वायरस की दवा बताकर, भ्रामक प्रचार के जरिए देश को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है।
ज्योति नगर पुलिस थाने के एसएचओ सुधीर कुमार उपाध्याय ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया, 'हां, पतंजलि के बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, बलबीर सिंह तोमर, अनुराग तोमर और एक वैज्ञानिक अनुराग वार्ष्णेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर कोरोनिल के भ्रामक प्रचार के मामले में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) सहित विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है।' एफआईआर बलबीर जाखड़ नामक शख्स ने दर्ज कराई है। - नई दिल्ली: संदेसरा घोटाले में कांग्रेस नेता अहमद पटेल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इस बीच शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम उनके घर पहुंची और उनसे पूछताछ कर रही है। इस दौरान घोटाले को लेकर उनका बयान भी दर्ज किया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना महामारी के चलते बुजुर्गों को घर पर रहने की हिदायत दी है। इसी गाइडलाइन का हवाला देते हुए अहमद पटेल ने ईडी ऑफिस आने में असमर्थता जताई थी, क्योंकि उनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है। जिस वजह से उनका बयान लेने ईडी की टीम खुद उनके घर पहुंच गई।
दरअसल स्टर्लिंग बॉयोटेक के प्रवर्तक नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा पर 11,500 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का आरोप है। संदेसरा परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार और कर चोरी की जांच सीबीआई और आयकर विभाग कर रहा है, जबकि मनी लॉन्ड्रिंग की जांच का जिम्मा ईडी के पास है। आरोप है कि संदेसारा भाइयों ने अहमद पटेल के कहने पर ही दिल्ली के वसंत विहार में घर खरीदा और फिर उसे रेनोवेट करवा कर उनके दामाद इरफान सिद्दीकी को रहने के लिये दिया। पिछले साल जुलाई में ईडी ने उनके दामाद से पूछताछ की थी। - नई दिल्ली: देश में पेट्रोल (Petrol Price) और डीजल (Diesel Price) के दाम आसमान छू रहे हैं. लगातार 21वें दिन यानी आज (शनिवार) एक बार फिर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, आज दिल्ली में पेट्रोल पर 25 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 21 पैसे प्रति लीटर इजाफा हुआ है. जिसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 80.38 रुपये और डीजल के लिए 80.40 पैसे चुकाने होंगे. शुक्रवार को पेट्रोल पर 21 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 17 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी.गौरतलब है कि 7 जून से पेट्रोलियम कंपनियों ने आज शनिवार तक लगातार 21वें दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में (पेट्रोल के दाम में बीते बुधवार बढ़ोतरी नहीं की गई थी) बढ़ोतरी की है. इससे पहले 82 दिनों तक इनकी कीमतों में कोई इजाफा नहीं किया गया था. यह पहली बार है कि दिल्ली में डीजल पेट्रोल से भी महंगा बिक रहा है.
तेल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि को लेकर विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने हाल ही में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को वापस लेने की मांग करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखा था. बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बीते गुरुवार अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायकों संग साइकिल मार्च निकाला.
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव (Sharad Yadav) ने भी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि COVID-19 से सही तरीके से नहीं निपटने के कारण लोग पहले से ही नाराज थे अब पेट्रोल तथा डीजल के मूल्यों में लगातार उछाल ने उनकी समस्याओं को और बढ़ा दिया है. शरद यादव ने कहा कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी कर आग में घी डालने का काम किया है और इसकी कीमत भाजपा नीत NDA को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में चुकानी होगी. -
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के छात्र-छात्राओं और आमजनों को एक बड़ी राहत देते हुए अब जाति और निवास प्रमाण पत्र उनके घरों में ही प्रदान करने की सुविधा मुहैया करायी है। मुख्यमंत्री बघेल के निर्देश पर राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जाति और निवास प्रमाण पत्र के वितरण को सरलीकरण करते हुए प्रमाण पत्रों को आवेदकों के घर पहुंच सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश सभी जिला कलेक्टरों को जारी किया गया है।
जारी आदेश के तहत जाति एवं निवास प्रमाण पत्र जारी होने के पश्चात संबंधित आवेदकों से डाक रजिस्ट्री शुल्क लेकर प्रमाण पत्र उनके घर के पते पर भेजा जाएगा। इसके लिए लोक सेवा केन्द्रों तथा तहसील कार्यालयों द्वारा आवेदकों से डाक रजिस्ट्री व्यय शुल्क लेकर और व्यय शुल्क की पावती देते हुए आवेदकों के निवास के पते पर प्रमाण पत्र भेजने की सुविधा दी जाएगी। जिससे आवेदकों को पुनः तहसील कार्यालयों एवं लोक सेवा केन्द्रों में जाने की जरूरत नही होगी। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव ने राज्य के सभी कलेक्टरों को शासन की मंशा अनुसार जाति एवं निवास प्रमाण पत्र आवेदकों के घर भिजवाने की सुविधा शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत तहसील कार्यालयों, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा जाति एवं निवास प्रमाण पत्र जारी कर प्रदाय किए जाते हैं। वर्तमान प्रचलित व्यवस्था में आवेदकों द्वारा लोक सेवा केन्द्रांे तथा तहसील कार्यालयों में जाति एवं निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन पत्र जमा कर निर्धारित अवधि पश्चात प्राप्त किए जाते हैं। अब आवेदकों को डाक द्वारा घर पहुंच सेवा उपलब्ध करायी जा रही है।
- लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ का शुभारंभ कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए इस अभियान की शुरुआत की। सरकार का कहना है कि इसके जरिए सवा करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा।
सरकार के इन दावों पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सवाल खड़ा किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मनरेगा में जनता को नाममात्र के अस्थायी रोजग़ार का झुनझुना देने की जगह उप्र के मुख्यमंत्री ये बताएं कि तथाकथित ‘इंवेस्टर मीट्स’ और ‘डिफ़ेंस एक्सपो’ के बाद हुए कितने करार सच में बैंकों के सहयोग से ज़मीन पर उतरे हैं व उनसे कितनों को सच्चा रोजगार मिला है।’’ - नई दिल्ली : कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार का दावा करने वाली पतंजलि आयुर्वेद ने कहा है कि उसने कोरोनिल (Coronil) टैबलेट को लेकर कुछ भी गलत क्लेम नहीं किया है. पतंजलि आयुर्वेद ने पिछले दिनों यह कहा था कि उसने कोरोनिल टैबलेट बनाई है जो कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के इलाज में कारगर है. हालांकि इसके तुरंत बाद भारत सरकार ने इस टैबलेट की बिक्री पर रोक लगा दी और पतंजलि से डिलेट रिपोर्ट मांग ली. इसके बाद से आलोचनाओं को सामना कर रही योग गुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने कहा है कि उसने कोई नियम नहीं तोड़ा है
कंपनी ने यह कहते हुए अपना बचाव किया कि उसने कोरोनिल टैबलेट सभी कानूनी नियमों का अनुपालन करते हुए बाजार में उतारी है और इस आयुर्वेदिक दवाई के लेबल पर कोई गैर कानूनी दावा नहीं किया गया है.
पतंजलि आयुर्वेद ने ट्वीट किया है, ‘इसमें भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं है.’ कंपनी की तरफ से किए ट्वीट में पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने कहा, ‘दो चीजें साफ हैं —अश्वगंधा, गिलोय और तुलसी के औषधीय गुणों से संबंधित पारपंरिक ज्ञान और अनुभव के आधार पर दवाई बनाने का लाइसेंस लिया गया.’
उन्होंने कहा, ‘कोरोना मरीजों पर कानूनी रूप से किए गए क्लिनिकल परीक्षण के सकारात्मक परिणाम साझा किए गए.’ एक अन्य टवीट में कंपनी ने कहा कि दवा के लेबल पर कोई गैरकानूनी दावा नहीं किया गया है.
इसमें कहा गया है, ‘दवा का उत्पादन और उसकी बिक्री सरकार द्वारा बनाए गये नियमों के अनुसार ही की गयी, न कि किसी के व्यक्तिगत विश्वास या विचारधारा के आधार पर.’ ट्वीट में कहा गया है कि पतंजलि ने सभी वैधानिक पहलुओं का पालन किया है. इसमें लोगों से मामले पर अनावश्यक टिप्पणी करने से बचने का आग्रह भी किया गया है. - नई दिल्ली: दिल्ली के मानसरोवर पार्क इलाके के रहने वाले एक युवक की प्रीत विहार इलाके में रोड रेज के चलते गोली मारकर हत्या कर दी गई. वारदात बुधवार रात की है. जानकारी के अनुसार, मृतक सोमेश छावड़ा अपने दोस्तों शिवम दुआ और राहुल के साथ कार से कनॉट प्लेस घूमने आया था. यहां से वह प्रीत विहार की ओर जा रहा था तभी बाइक पर सवार दो लड़के उसकी कार के पीछे हॉर्न बजाने लगे. साइड न देने पर कुछ आगे जाकर इन बाइक सवार लड़कों ने फायरिंग की जिससे कार ड्राइव कर रहे सोमेश के सीने पर गोली लग गई. उसका दोस्त शिवम भी घायल हो गया.फायरिंग के बाद सोमेश की कार डिवाइडर पर चढ़कर रुक गई. फिर पीछे बैठे राहुल ने पुलिस को फोन किया. पुलिस घायलों को अस्पताल ले गई, जहां सोमेश की मौत हो गई जबकि शिवम को इलाज़ के बाद छुट्टी दे दी गई. पुलिस ने राहुल के बयान पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है. आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखकर फायरिंग करने वालों की तलाश की जा रही है लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. सोमेश एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे
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भोपाल: मध्य प्रदेश के विदिशा के कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव पर नरेंद्र मोदी सरकार की एक केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए मामला दर्ज किया गया है. विधायक का कमेंट वायरल होने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से उनके कारखाने में तोड़फोड़ की थी. जानकारी के अनुसार, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस की ओर से प्रदेश में प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं.
ईंधन की बढ़ती कीमतों के खिलाफ एक साइकिल रैली में भार्गव ने कहा था, "केंद्र सरकार में एक मंत्री हैं जो बहुत सारी चूड़ियां पहनती हैं. मैं मीडिया के माध्यम से अपील करना चाहता हूं कि चूंकि वह प्रधानमंत्री के बहुत करीब हैं, इसलिए अपनी चूड़ियां दे सकती हैं. इसके साथ ही उन्हें पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को वापस लेने का अनुरोध करना चाहिए. विधायक भार्गव की इस टिप्पणी के बाद, भाजपा नेता और विदिशा नगरपालिका के अध्यक्ष मुकेश टंडन ने अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विदिशा कोतवाली पुलिस स्टेशन में कांग्रेस नेता के खिलाफ FIR दर्ज कराई है.
- एजेंसी
कटक : केरल में मादा हाथी के साथ हुई बर्बरता की घटना अभी अधिक पुरानी भी नहीं हुई कि ओडिशा में भी मानवता को झकझोर देने वाली ऐसी ही एक घटना सामने आई है. ओडिशा के कटक जिले में 40 से अधिक आवारा कुत्तों को जहर देकर मार डालने का मामला सामने आया है. कटक जिले के चौधवार थाना अंतर्गत महंग इलाके में हुई इस घटना को लेकर सरपंच की शिकायत पर पुलिस ने गांव के ही दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस ने मामले की तहकीकात शुरू कर दी है. घटना को अंजाम देने के बाद से ही दोनों आरोपी फरार बताए जाते हैं.
ग्रामीणों के मुताबिक ब्रह्मानंद मलिक की बकरी को एक कुत्ते ने काट लिया था. इस घटना के बाद से ही वह भड़का हुआ था. उसने भरत मलिक के साथ मिलकर गांव के सभी कुत्तों को मारने की योजना बना डाली. आरोप है कि दोनों ने ही मिलकर मांस के टुकड़ों में जहर मिलाकर गांव के कुत्तों को खिलाया. इससे गांव के 40 से अधिक कुत्तों की दर्दनाक मौत हो गई. घटना को अंजाम देने के बाद से ही ब्रह्मानंद और भरत मलिक फरार बताए जाते हैं. गांव के सरपंच ने दोनों के खिलाफ नामजद तहरीर दे दी है. अब पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है. -
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को आगामी तीन माह सितम्बर 2020 तक बढ़ाने का किया अनुरोध
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अलावा राज्य द्वारा चिन्हांकित 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को भी करें लाभान्वित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों में ’प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ को आगामी तीन माह हेतु सितम्बर 2020 तक बढ़ाने का अनुरोध किया है। उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अलावा राज्य द्वारा चिन्हांकित 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को भी खाद्यान्न सुरक्षा के उद्देश्य से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत लाभान्वित करने की बात कही है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पत्र में लिखा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों में केन्द्र सरकार द्वारा लागू ’प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के माध्यम से देश में खाद्यान्न उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिली है। छत्तीसगढ़ में ’यूनिवर्सल पीडीएस’ के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत मान्य 51.50 लाख राशनकार्डधारी परिवारों के अलावा राज्य द्वारा अपनी योजनाओं के माध्यम से भी अतिरिक्त 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को खाद्यान्न सुरक्षा उपलब्ध करायी जा रही है। लॉकडाउन को धीरे-धीरे एवं सावधानीपूर्वक खोलते हुए आर्थिक गतिविधियां पुनः प्रारंभ की जा रही हैं, किन्तु स्थिति सामान्य होने में अभी काफी समय लगना संभावित है। वर्तमान में किसान, कृषि मजदूर, निर्माण क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिक, उद्योगों में कार्य करने वाले श्रमिक तथा व्यवसायिक संस्थानों में काम करने वाले निम्न-मध्यम वर्गों के कर्मचारियों सहित अधिकांश जन साधारण के लिए अत्यंत कठिन परिस्थितियां हैं।श्री बघेल ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से अनुरोध करते हुए लिखा है कि वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए संकट ग्रस्त परिवारों को राहत पहंुचाने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई ’प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ को आगामी तीन माह हेतु सितम्बर 2020 तक बढ़ाने का कष्ट करें। साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अलावा राज्य द्वारा चिन्हांकित 14.10 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को भी खाद्यान्न सुरक्षा के उद्देश्य से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत लाभान्वित किया जाए। निःशुल्क खाद्यान्न के माध्यम से न केवल जरूरतमंद व्यक्तियों की रोजी-रोटी की चिन्ता कम की जा सकेगी, बल्कि जन साधारण में भी इसका सकारात्मक संदेश जाएगा। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी है कि इस संबंध में प्रदेश के हित में इस अनुरोध पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। -
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में गौ-पालन को आर्थिक रूप से लाभदायी बनाने तथा खुले में चराई की रोकथाम तथा सड़कों एवं शहरों में जहां-तहां आवारा घुमते पशुओं के प्रबंधन एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन न्याय योजना शुरू करने का एलान किया है। इस योजना की शुरूआत राज्य में हरेली पर्व के शुभ दिन से होगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय के सभा कक्ष में ऑनलाईन प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार की इस अभिनव योजना की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का उद्देश्य प्रदेश में गौपालन को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी सुरक्षा और उसके माध्यम से पशुपालकों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बीते डेढ़ सालों में छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के माध्यम से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने चारों चिन्हारियों को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। गांवों में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठानों का निर्माण किया गया है। राज्य के 2200 गांवों में गौठानों का निर्माण हो चुका है और 2800 गांवों में गौठानों का निर्माण किया जा रहा है। आने वाले दो-तीन महीने में लगभग 5 हजार गांवों में गौठान बन जाएंगे। इन गौठानों को हम आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित कर रहे हैं। यहां बड़ी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण भी महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना राज्य के पशुपालकों के आर्थिक हितों के संरक्षण की एक अभिनव योजना साबित होगी। उन्होंने कहा कि पशुपालकों से गोबर क्रय करने के लिए दर निर्धारित की जाएगी। दर के निर्धारण के लिए कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय मंत्री मण्डलीय उप समिति गठित की गई है। इस समिति में वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल शामिल किए गए हैं। यह मंत्री मण्डलीय समिति राज्य में किसानों, पशुपालकों, गौ-शाला संचालकों एवं बुद्धिजीवियों के सुझावों के अनुसार आठ दिवस में गोबर क्रय का दर निर्धारित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर खरीदी से लेकर उसके वित्तीय प्रबंधन एवं वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन से लेकर उसके विक्रय तक की प्रक्रिया के निर्धारण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रमुख सचिवों एवं सचिवों की एक कमेटी गठित की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में हरेली पर्व से पशुपालकों एवं किसानों से गोबर निर्धारित दर पर क्रय किए जाने की शुरूआत होगी। यह योजना राज्य में अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगी और इसके दूरगामी परिणाम होंगे। इसके माध्यम से गांवों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने किसानों, पशुपालकों एवं बुद्धिजीवियों से राज्य में गोबर खरीदी के दर निर्धारण के संबंध में सुझाव देने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में खुले में चराई की परंपरा रही है। इससे पशुओं के साथ-साथ किसानों की फसलों का भी नुकसान होता है। शहरों में आवारा घूमने वाले मवेशियों से सड़क दुर्घटनाएं होती है, जिससे जान-माल दोनांे का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि गाय पालक दूध निकालने के बाद उन्हें खुले में छोड़ देते हैं। यह स्थिति इस योजना के लागू होने के बाद से पूरी तरह बदल जाएगी। पशु पालक अपने पशुओं के चारे-पानी का प्रबंध करने के साथ-साथ उन्हें बांधकर रखेंगे, ताकि उन्हें गोबर मिल सके, जिसे वह बेचकर आर्थिक लाभ प्राप्त कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों में आवारा घूमते पशुओं की रोकथाम, गोबर क्रय से लेकर इसके जरिए वर्मी खाद के उत्पादन तक की पूरी व्यवस्था नगरीय प्रशासन करेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि इस योजना को पूरी तरह से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के आधार पर तैयार किया गया है। इससे अतिरिक्त आमदनी सृजित होगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए पूरा एक सिस्टम काम करेगा। एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट के जरिए हम जैविक खेती की ओर बढेंगे। इसका बहुत बड़ा मार्केट उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से तैयार होने वाली वर्मी कम्पोस्ट खाद की बिक्री सहकारी समितियों के माध्यम से होगी। राज्य में किसानों के साथ-साथ वन विभाग, कृषि, उद्यानिकी, नगरीय प्रशासन विभाग को पौधरोपण एवं उद्यानिकी की खेती के समय बड़ी मात्रा में खाद की आवश्यकता होती है। इसकी आपूर्ति इस योजना के माध्यम से उत्पादित खाद से हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में आगे यह भी कहा कि अतिरिक्त जैविक खाद की मार्केटिंग की व्यवस्था भी सरकार करेगी।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्यमंत्री के पंचायत एवं ग्रामीण विकास सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मीडिया सलाहकार श्री रूचिर गर्ग, मुख्य सचिव श्री आर. पी. मण्डल, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। - नई दिल्ली। असम में आई बाढ़ से हालात हर रोज बिगड़ते जा रहे हैं। बुधवार को बाढ़ के चलते एक और व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि अबतक प्रदेश में बाढ़ से तकरीबन 38000 लोग पांच अलग-अलग जिलों में प्रभावित हुए हैं। सिवनगर जिले में एक व्यक्ति की मौत हुई है, इसके साथ ही प्रदेश में इस वर्ष आई बाढ़ की वजह से 12 लोगों की मौत हो चुकी है। असम राज्य आपदा प्रबंधन निगम की ओर से जानकारी दी गई है कि बाढ़ से प्रदेश में धेमजी, जोरहाट, मजूली, सिवनगर, डिब्रूगढ़ में 38000 लोग प्रभावित हुए हैं।
धेमजी में सबसे ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, यहां 15000 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं ,जबकि डिब्रूगढ़ में 11000 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. वहीं सिवनगर की बात करें तो यहां तकरीबन 10000 लोग प्रभावित हुए हैं। मंगलवार को बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या प्रदेश में 37000 थी, लेकिन मजूली में भी बाढ़ आने से यह आंकड़ा बढ़ गया। बाढ़ की वजह से 102 गांव डूब चुके हैं, जबकि 5031 हेक्टेएयर खेत बर्बाद हो चुके हैं। प्रशासन 27 राहत कैंप चला रहा है, जहां 1081 लोगों को रखा गया है। ब्रह्मपुत्र नदी अपनी सामान्य स्तर से कहीं ज्यादा उपर बह रही है। यह जोरहाट और धुबरी में खतरे के निशान के उपर बह रही है। इसकी सहायक नदियां भी खतरे के निशान के उपर बह रही हैं। सड़क और अन्य निर्माण कार्य भी बुरी तरह से प्रभावित हुए है। - एजेंसीइम्फाल: मणिपुर (Manipur) के पूर्व मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह (O Ibobi Singh) ने ‘‘मणिपुर डेवलपमेंट सोसाइटी'' में कथित वित्तीय अनियमितता को लेकर सीबीआई द्वारा पूछताछ किये जाने के बाद बुधवार को कहा कि वह इसके अध्यक्ष पद पर सिर्फ एक साल थे और वित्तीय लेन-देन करने की उनके पास कोई शक्ति नहीं थी. यहां बाबूपारा स्थित अपने आवास में सीबीआई द्वारा करीब तीन घंटे पूछताछ किये जाने के बाद कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है.सिंह ने कहा कि वह जुलाई 2013 से अगस्त 2014 तक सोसाइटी के अध्यक्ष थे और उस संक्षिप्त अवधि के दौरान उन्होंने आम सभा की केवल एक बैठक की अध्यक्षता की थी. उन्होंने इन खबरों का खंडन किया कि वह इस पद पर सात-आठ साल थे. उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्य सचिव के अनुरोध पर उन्होंने यह पदभार संभाला था.
सिंह ने कहा, ‘‘सोसाइटी के नियमों के मुताबिक, अध्यक्ष की कोई भूमिका नहीं है. किसी भी तरह का वित्तीय लेन-देन, आवंटन और चेक पर हस्ताक्षर परियोजना निदेशक द्वारा किया जाता है. इसलिए, अध्यक्ष इससे अवगत नहीं हैं. '' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सोसाइटी के सिलसिले में कोई बैंक खाता नहीं खोला, एक भी चेक पर कभी हस्ताक्षर नहीं किया.''
तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके इबोबी सिंह और सोसाइटी के चार अन्य पूर्व अध्यक्षों पर 332 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने का आरोप है. सिंह ने कहा कि वह जांच का स्वागत करते हैं और इसमें पूरा सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई दोषी पाया जाता है तो अदालत आरोपों की पड़ताल के बाद जरूरी सजा दे सकती है.''
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सिंह से पूछताछ मणिपुर में भाजपा नीत सरकार को बचाने की हताशाजनक कोशिश है, जिसे हाल ही में नौ विधायकों की बगावत का सामना करना पड़ा है. इनमें उसके सहयोगी दल एनपीपी के चार मंत्री भी शामिल हैं. कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने सिंह को एजेंसी द्वारा तलब किये जाने के बाद ट्वीट किया था, ‘‘एक अलोकप्रिय मुख्यमंत्री को बचाने के सारे प्रयास विफल होंगे. यह सारा प्रयास एक डूबते जहाज को बचाने का है। सीबीआई पर से लोगों का विश्वास उठ जाएगा.''
- एजेंसीनई दिल्ली: इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (ISRO) के प्रमुख के. सिवन ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर को अब रॉकेट, उपग्रहों के निर्माण और प्रक्षेपण सेवाएं प्रदान करने जैसी अंतरिक्ष गतिविधियों को करने की अनुमति दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र भी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अंतर-ग्रहीय मिशनों का हिस्सा हो सकता है.गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ग्रहों की खोज मिशन सहित अंतरिक्ष गतिविधियों की श्रृंखला में निजी क्षेत्र की भागीदारी को मंजूरी प्रदान की है.हालांकि इसके साथ की सिवन ने स्पष्ट किया कि इसरो अपनी गतिविधियां कम करने नही जा रहा और संगठन अंतरिक्ष-आधारित गतिविधियों को उन्नत अनुसंधान और विकास, अंतर-ग्रहीय और मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन सहित जारी रखेगा.
- रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर नगर निगम द्वारा निर्मित छत्तीसगढ़ के वृहद ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र का अपने रायपुर निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ई-लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर ग्राम सकरी में लगभग 127 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित संयंत्र जनता को समर्पित किया। छत्तीसगढ़ के इस सबसे बड़े ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र में रोज 500 टन कचरे का वैज्ञानिक पद्धति से निपटान किया जाएगा। इस पूरी परियोजना की लागत 197 करोड़ रूपए है। यह संयंत्र पीपी माडल पर कार्य करेगा। इस संयंत्र में कचरे से खाद बनेगी तथा सीमेंट कारखानों के लिए सहायर्क इंधन भी मिलेगा। इस संयंत्र में 6 मेगावाट बिजली उत्पादन भी प्रस्तावित है। 15 साल की इस परियोजना पर नगर निगम रायपुर और नई दिल्ली की एम एस डब्ल्यू साल्यूशन लिमिटेड मिलकर काम कर रहे हैं। परियोजना में हर घर और दुकान से डोर-टू-डोर कचरे का संग्रहण, परिवहन, प्रोसेसिंग और डिस्पोजल की व्यवस्था की गई है।
शुभारंभ कार्यक्रम को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रानी दुर्गावती को उनके बलिदान दिवस पर नमन करते हुए कहा कि रायपुर नगर निगम क्षेत्र में आज छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र जनता को समर्पित किया जा रहा है। इस संयंत्र में 500 टन कचरे का प्रतिदिन निपटान होगा। इस संयंत्र के लोकर्पण के बाद छत्तीसगढ़ भारत का ऐसा पहला राज्य बन जाएगा, जहां किसी शहर में उत्सर्जित कचरे का शत प्रतिशत निपटान वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा। श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के रायपुर और बिलासपुर शहरों में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली से एवं शेष नगरीय निकायों में मिशन क्लीन सिटी तथा स्वच्छता दीदीयों के माध्यम से प्रतिदिन 1600 टन कचरे का निपटान किया जाता है। राज्य सरकार स्वच्छ छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को पूर्ण करते हुए सभी शहरों में कचरे के वैज्ञानिक निपटान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान गांव के साथ शहरों में नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों ने अपने कर्तव्य का बखूबी निर्वहन किया, लेकिन खतरा अभी टला नही है सावधानी अभी जरूरी है। बारिश के मौसम के साथ नाले एवं नालियों की साफ-सफाई आदि कार्य आवश्यक है।
इस कार्य के लिए राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों में प्राथमिकता से कार्य कर रही है। राज्य सरकार पौनी पसारी योजना, शहरी गरीबों को पट्टा देने, पुराने पट्टों का नियमितिकरण और मालिकाना हक देने का कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ के नगरीय क्षेत्र में साफ-सफाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम आप सब ने उठाया है। जितने भी कर्मचारी इस कार्य में लगे हैं उनको बधाई और शुभकामनाएं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी और नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी. सहित वरिष्ठ अधिकारी और सकरी स्थित संयंत्र स्थल पर लोक सभा सांसद श्री सुनील सोनी, विधायक सर्वश्री सत्यनारायण शर्मा, विकास उपाध्याय, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे, एमआईसी सदस्य खाद्य श्री नागभूषण राव सहित नगर निगम के अनेक पार्षद, नगर निगम रायपुर के आयुक्त श्री सौरभ कुमार सहित अनेक अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
राजधानी रायपुर को साफ सुथरा रखने के लिए एक केंद्रीकृत तंत्र की आवश्यकता को देखते हुए तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 और एनजीटी के निर्देशों के तहत नगर पालिक निगम रायपुर और दिल्ली की एम एस डब्ल्यू साल्यूशन लिमिटेड के बीच शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एकीकृत ठोस अपशिष्ट योजना के क्रियान्वयन हेतु 22 फरवरी 2018 को अनुबंध किया गया। जिसमें संस्था द्वारा प्रत्येक आवासीय एवं वाणिज्यिक संस्थानों से डोर टू डोर कचरा संग्रहण परिवहन और कचरे की प्रोसेसिंग और डिस्पोजल तक का कार्य किया जाएगा। यह छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा प्लांट है, जिसमें प्रतिदिन 500 टन कचरे का निष्पादन किया जाएगा। प्लांट परिसर में पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम हेतु किए गए वृहद वृक्षारोपण से वातावरण को स्वच्छ एवं सुंदर बनाया जा रहा है। यह प्लांट शहर को कचरे की समस्या से निजात दिलाएगा। प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित होने से स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत स्वच्छता सर्वेक्षण में रायपुर नगर के स्वच्छता रैंकिंग में सुधार होगा। कचरे के वैज्ञानिक पद्धति से प्रसंस्करण से प्रदूषण पर नियंत्रण होगा। डोर-टू-डोर कलेक्शन में लगी गाड़ियों के माध्यम से घरों एवं दुकानों से कचरा कलेक्शन के साथ ही वाहन पर लगे स्पीकर से स्वच्छता संदेश स्लोगन तथा मुनादी संदेश जैसे पीलिया, डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों के रोकथाम के उपाय और अन्य सूचना का प्रचार-प्रसार भी किया जाता है। इस परियोजना की अवधि 15 वर्ष की होगी और पीपीपी मोड पर कार्य होगा।
सम्पूर्ण परियोजना पर शासन द्वारा चरणबद्ध तरीके से 20 करोड़ रूपए अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया जा रहा है। संस्था द्वारा नगर में 14 अप्रैल 2018 से कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। वर्तमान स्थिति में संस्था द्वारा सभी 70 वार्डो से डोर टू डोर कचरा संग्रहण परिवहन का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में कंपनी की 220 टाटा एस गाड़ियां, 29 पोर्टेबल कम्पेक्टर एवं 6 हुक लिफ्टर, 4 रिफ्यूज कम्पेक्टर, 6 टिप्पर, 2 जेसीबी को लगाया गया है। सभी डोर टू डोर गाड़ियां 9 ट्रांसफर स्टेशन में आती है और वहां स्थित पोर्टेबल कम्पेक्टर में गाड़ी खाली करती है। जिन्हें बाद में बड़े हुक लिफ्टर की मदद से प्रोसेसिंग प्लांट सकरी में ले जाया जाता है। इसके साथ ही कंपनी को 67 एकड़ की जमीन भी 15 साल की लैंड लीज समझौते के तहत दी गई है। संस्था द्वारा विधिवत परियोजना के अनुरूप प्रोसेसिंग प्लांट और साइंटिफिक लैंडफिल का कार्य किया गया। इस प्रोसेसिंग प्लांट में 75 एमएम 2 ट्रामेल, 25 एमएम के दो ट्रामेल और 4 एमएम के 2 ट्रामेल, वृहद आकर के निर्मित शेड के नीचे लगाया गया है। जो कि है ट्रिपिंग फ्लोर है। संग्रहण किए गए कूड़े को लिफ्ट मशीन की मदद से ट्रामेल में डाल कर पृथक किया जाएगा, 75 एमएम से अधिक के सूखा कचरा से आरडीएफ बनाकर उसे सीमेंट फैक्ट्री को भेजा जाएगा।
ट्रामेल में पृथक हुआ गीला कचरा विडरोेज में रखा जाएगा। जहां पर ढेर बनाकर कर उसे 28 दिनों तक काम्पोस्टिंग के लिए रखा जाएगा। जिसमें नमी और तापमान सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे इसके कंपोस्ट बनने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। इसके बाद पुनः उस गीले कचरे को 25 एमएम और 4 एमएम की ट्रामेल में प्रोसेस किया जाएगा और अंततः खाद के रूप में अंतिम उत्पाद मिलेगा। राम की शक्ति के नाम से संस्था द्वारा खाद उत्पाद तैयार कर विभिन्न फर्टिलाइजर कंपनियों को विक्रय किया जाएगा। इस उत्पाद खाद को आसपास के किसानों को भी बागवानी एवं खेती के लिए इस खाद का विक्रय किया जा सकता है।
इस प्रोसेसिंग प्लांट की निकलने वाले आरडीएफ लगभग 300 मीट्रिक टन प्रतिदिन होगा। जिसका उपयोग संस्था द्वारा अनुबंधित सीमेंट कारखाना या अन्य औद्योगिक संस्थानों में सहायक ईंधन के रूप में किया जाएगा। इस प्रोसेसिंग कार्य के उपरांत कुड़े से बचे हुए करीब 15 से 20 प्रतिशत रिजेक्ट कूड़ा को जिसका कोई उपयोग नहीं होता, उसे साइंटिफिक लैंडफिक में एकत्र किया जाएगा और वैज्ञानिक पद्धति अनुरूप इसका निष्पादन किया जाएगा। कूड़े से निकलने वाले लीचेट को लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट में प्रोसेस कर ट्रिटेड वाटर का उपयोग प्लांट परिसर के भीतर बागवानी एवम ग्रीन बेल्ट मशीनरी तथा फ्लोर धोने के लिए उपयोग किया जाएगा। इस योजना में ठोस अपशिष्ट में विद्युत उत्पादन करने हेतु 6 मेगावाट के विद्युत उत्पादन संयत्र का प्रावधान भी किया गया है। यह छत्तीसगढ़ का प्रथम ठोस अपशिष्ट से विद्युत उत्पादन का संयंत्र होगा। - रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर अपने निवास कार्यालय में उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उनके अदम्य साहस, शौर्य और बलिदान को नमन किया है। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, मुख्य सचिव आर. पी. मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। सीएम बघेल ने कहा है मातृभूमि की रक्षा के लिए रानी दुर्गावती का बलिदान देशवासियों को सदैव प्रेरणा देता रहेगा।
- नई दिल्ली : सीबीआई ने वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार को लेकर एक मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि धूत पर मोजम्बिक में अपनी तेल एवं गैस परिसंपत्तियों को वित्त प्रदान करने में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) नीत बैंकों के एक समूह के अज्ञात अधिकारियों की मिलीभगत के साथ भ्रष्टाचार करने के आरोप हैं। जांच एजेंसी ने तेल मंत्रालय की एक शिकायत पर शुरूआती छानबीन के बाद प्राथमिकी दर्ज की है।
छानबीन में यह पाया गया कि 2008 में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज की अनुषंगी, वीडियोकॉन हाइड्रोकार्बन होल्डिंग लिमिटेड (वीएचएचएल) ने मोजम्बिक में अमेरिकी कंपनी अनादारको से रोउमा क्षेत्र 1 ब्लॉक में तेल एवं गैस ब्लॉक में 10 प्रतिशत भागीदारी रूचि हासिल की। मोजम्बिक स्थित परिसंपत्ति को बाद में ओएनजीसी विदेश लिमिटेड और ऑयल इंडिया लिमिटेड ने जनवरी 2014 में खरीद लिया।
अप्रैल 2012 में एसबीआई के नेतृत्व में बैंकों के एक समूह ने मोजम्बिक, ब्राजील और इंडोनेशिया में अपने तेल एवं गैस परिसंपत्तियों के विकास के लिए ‘स्टैंडबाय लेटर ऑफ क्रेडिट’ (एसबीएलसी) सुविधा दी। साथ ही, इस संबंध में वित्त आवंटन की अन्य जरूरतों भी पूरी की। बैंकों के इस समूह में आईसीआईसीआई बैंक और आईडीबीआई बैंक भी शामिल थे। - नई दिल्ली : कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए बाबा रामदेव ने मंगलवार को ‘कोरोनिल’ नाम की दवा पेश करते हुए दावा किया था कि इससे मरीज अधिकतम 14 दिनों ठीक हो सकता है। बाबा रामदेव की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद से ही दवा को लेकर विवाद छिड़ गया है। आयुष मंत्रालय ने ही बाबा रामदेव के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ऐसी किसी भी दवा को पहले मंजूरी के लिए मिनिस्ट्री के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। मोदी सरकार के आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि यह अच्छी बात है कि बाबा रामदेव ने देश को नई दवा दी है, लेकिन नियम के मुताबिक इसे पहले मंत्रालय के समक्ष रखा जाना चाहिए था। नाइक ने कहा कि पतंजलि का कहना है कि उन्होंने हमें रिपोर्ट भेजी है, जिसे हम देखेंगे। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ही दवा के बारे में कुछ कहा जाएगा।
यही नहीं पतंजलि की ओर से दावा किए जाने के बाद खुद आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल दवा को लेकर बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि से जानकारी मांगी है। आयुष मंत्रालय ने कहा है कि कोरोनिल दवा में इस्तेमाल किए गए तत्वों का विवरण दें। इसके साथ ही जहां दवा पर अध्ययन किया गया है उस जगह का नाम, हॉस्पिटल का नाम, प्रोटोकॉल, सैंपल साइज की भी डिटेल दें। इसके अलावा मंत्रालय ने संस्थागत आचार समिति की मंजूरी, सीटीआरआई रजिस्ट्रेशन और अध्ययन के नतीजों का डेटा भी पतंजलि से मांगा है।
इस बीच मंगलवार की शाम को सवाल उठने के बाद पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर इस मसले पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि हमसे जो जानकारी मांगी गई थी, वह हमने आयुष मंत्रालय को दे दी है। बालकृष्ण ने ट्वीट किया, ‘यह सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन व गौरव देने वाली है। जो कम्युनिकेशन गैप था, वह दूर हो गया है। क्लीनिकल ट्रायल के सभी पैमानों को हमने पूरा किया है और इस संबंध में आयुष मंत्रालय को हमारी ओर से पूरी डिटेल दे दी गई है। -
कर्नाटक के एक वरिष्ठ आईएएस (IAS) अधिकारी बी एम विजय शंकर मंगलवार रात बेंगलुरु में अपने आवास पर मृत मिले हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। सीबीआई 4,000 करोड़ रुपये के आईएमए पोंजी घोटाल में शंकर के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहती थी। पुलिस के अनुसार बेंगलुरु शहरी जिले के डिप्टी कमिश्नर बीएम विजय शंकर बेंगलुरु के जयानगर में अपने आवास पर मृत मिले हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा, ”यह सच है कि वह अपने घर पर मृत मिले हैं।” विजय शंकर पर आईएमए पोंजी घोटाले पर पर्दा डालने के लिये कथित रूप से रिश्वत लेने का आरोप है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार ने 2019 में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था, जिसने शंकर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद जब राज्य में भाजपा सरकार सत्ता में आई तो इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया।
सीबीआई के सूत्रों ने पीटीआई (भाषा) को बताया कि हाल ही में एजेंसी ने इस मामले में शंकर और दो अन्य लोगों को के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी। सीबीआई ने इस मामले में दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए भी राज्य सरकार से इजाजत मांगी थी। मोहम्मद मंसूर खान ने 2013 में बड़ी रकम वापस करने का वादा कर पोंजी स्कीम शुरू की थी। यह मामला उसी से जुड़ा है।