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 बाल विवाह पर रोकथाम हेतु करें संभव प्रयास - कलेक्टर
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
 
 
बेमेतरा ; जिले में बाल विवाह को रोकने हेतु कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा द्वारा विभागीय अधिकारियों को पत्र जारी कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर द्वारा सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की जानकारी देते हुए बताया कि बाल विवाह केवल एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध भी है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह कराने वाले सभी सेवा प्रदाताओं पर भी कानूनी कार्यवाई की जा सकती है। इसके अतिरिक्त वर या कन्या बाल विवाह पश्चात् विवाह को शून्य घोषित करने हेतु आवेदन कर सकते है। बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण शिशु मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है। ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि समाज में व्याप्त इस बुराई के पूर्णतः उन्मूलन हेतु जनप्रतिनिधियों, समेत नगरीय निकाय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों स्वयंसेवी संगठनों एवं आम जनों से सहयोग प्राप्त कर इस प्रथा के उन्मूलन हेतु कारगर कार्यवाई करें।

हर ग्राम में विवाह संबंधी पंजी संधारित करें, कलेक्टर ने कहा कि जिले में बाल विवाह की रोकथाम हेतु कार्ययोजना बनाई गई है। उन्होने बताया कि कुछ विशिष्ट जातियों में बाल विवाह के प्रकरण पूर्व वर्षो से प्राप्त होते रहें है। ऐसे में सबसे पहले जिले में ऐसे क्षेत्रों व जातियों को चिन्हांकित करें। चिन्हित करने के लिए पटवारी, कोटवार शिक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं ग्राम स्तरीय शासकीय अमले को दायित्व सौंपा जा सकता है। प्रत्येक ग्राम व ग्राम पंचायत में विवाह पंजी संधारित की जानी चाहिए। रामनवमी एवं अक्षय तृतीया पर बडी संख्या में विवाह होते है इन अवसर पर बाल विवाह भी हो सकते है। इस समय खास नजर रखें। पुलिस अधीक्षक प्रारंभ से ही थाना प्रभारियों को निर्देशित करें की पुलिस दल ग्रामों के भ्रमण में ग्रामजनों को बाल विवाह ना करने की समझाइश दें। साथ ही थाने में किसी भी माध्यम से बाल विवाह होने की मौखिक या लिखित सूचना प्राप्त होती है, तो रोकथाम हेतु तत्काल सक्रिय हो जायें।

बाल विवाह रोकने करें ये पहल

कलेक्टर नें कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत के ग्रामों के कोटवार द्वारा बाल विवाह नहीं करने, बाल विवाह कानूनी अपराध होने के संबंध में मुनादी कराई जाय। इससे सभी ग्रामीण जनों को पता चले की बाल विवाह करना अपराध है। जिले में आयोजित होने वाली समस्त ग्राम सभाओं में बाल विवाह की रोकथाम के उपाय, बाल विवाह के कारण महिलाओं के स्वास्थ्य पर पडने वाले दुष्प्रभाव, शिशुओं में कुपोषण, मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में वृद्धि के संबंध में जानकारी दी जावे। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री चन्द्रबेश सिंह सिसोदिया एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री सी.पी.शर्मा द्वारा सभी परियोजना अधिकारी एवं सेक्टर पर्यवेक्षक, जिला बाल संरक्षण इकाई,चाइल्ड हेल्पलाईन की बैठक लेकर सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सचेत रहने एवं प्रचार - प्रसार हेतु निर्देशित किये है। 

बाल विवाह रोकथाम हेतु व्यापक प्रचार प्रसार, दीवारों पर नारा लेखन, पॉपलेटस का वितरण, शालाओं एवं आंगनबाड़ी के केन्द्रो के बच्चों द्वारा बाल विवाह रोकथाम रैली, बाल विवाह रोकथाम के उपाय, बाल विवाह का समाज पर प्रभाव, बाल विवाह एवं कुपोषण आदि विषयों पर शालाओं में वाद - विवाद एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जा सकता है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए सूचना तंत्र का प्रभावी होना अत्यंत आवश्यक है। जिले में कहीं पर भी बाल विवाह तय होने की सूचना मिलते ही प्रशासन को संबंधित परिवार को समझाइश देकर बाल विवाह रोकना है एवं बाल विवाह कि जानकारी प्राप्त होने पर चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के संपर्क नं. 8319141116, 8269844404 से सूचना दी जा सकती है।

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