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 जंगलों को आग से बचाने के लिए
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
 
 
सबकी सहभागिता जरूरी-कलेक्टर श्री विनय लंगेह

कोरिया, : कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने कहा कि गर्मी के मौसम में जंगलों या सूखे कचरे, कबाड़ में आग लगने की आशंका बनी होती है, इसके लिए नगरीय निकाय, फायर ब्रिगेड व वन विभाग को समुचित व्यवस्था कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। श्री लंगेह ने कहा कि जंगलों में आग न लगे इसके लिए संबंधित विभाग के अलावा सबकी सहभागिता भी जरूरी है।

श्री लंगेह ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि आगजनी की घटना रोकने व आग न लगे इसके लिए स्वयं जागरूक होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में जंगलों में जली हुई बीड़ी, सिगरेट या माचिस न छोड़े। श्री लंगेह ने कहा कि सूखे कचरे, कबाड़ में आग लगने की आशंका बनी होती है। इसलिए इसके आसपास माचिस या किसी भी ज्वलनशील पदार्थ का उपयोग बिल्कुल न करें।

वन मंडलाधिकारी श्रीमती प्रभाकर खलको ने बताया कि जंगलों में आग न लगे इसके लिए गांवों व कस्बों में लगातार मुनादी कराई जा रही और आग लग जाने पर तत्काल इसकी सूचना देने के लिए आम लोगों से अपील भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांवों में फायर वार्चर भी रखा गया ताकि जंगलों में आग लगने पर इनके माध्यम से सूचना मिले और आग पर काबू को किया जा सके। जिले के रेंजर, एसडीओ द्वारा गांव-गांव जाकर लोगों को जंगलों को आग से बचाने के उपाय बताए जा रहे हैं। श्रीमती खलको ने बताया कि वन प्रबंधन सूचना प्रणाली (एफएमआईएस) के तहत जंगलों में आग लगने पर तत्काल मोबाइल पर सूचना मिल जाती है, जिसके तहत आग को रोकने में मदद मिलती है। उन्होंने मोबाइल नम्बर 9981884978 पर भी आग लगने पर सूचना देने की अपील की है।

बता दें गर्मियों के मौसम में ट्रेन के पहिए से निकली चिंगारी भी आग लगा सकती है। इसके अलावा आग प्राकृतिक रूप से भी लग जाती है। यह आग ज्यादा गर्मी या बिजली कड़कने से भी लगती है। कई बार जंगलों में आग लगने की वजह आगजनी, कैम्प फायर, बिना बुझी बीड़ी-सिगरेट फेंकना, जलता हुआ कचरा छोड़ना भी आग लगने का मुख्य कारण बनता है।

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