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 कलेक्टर की मौजूदगी में माइक्रो ऑब्जर्वर का हुआ प्रशिक्षण
 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
 
 
’सतर्क और निष्पक्ष होकर काम करें माइक्रो ऑब्जर्वर - कलेक्टर’

मतदान की सभी प्रक्रियाओं पर रखें नजर

बेमेतरा : लोक सभा आम निर्वाचन 2024 को लेकर मतदान के दौरान निर्वाचन के हर कार्यकलापों पर पैनी नजर रखने की जिम्मेवारी माइक्रो ऑब्जर्वर की होगी। ज़िले के तीनों विधानसभा क्षेत्र के माइक्रो ऑब्जर्वर का प्रशिक्षण कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन श्री रणबीर शर्मा की उपस्थिति में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्वक निर्वाचन कराये जाने के उद्देश्य से चिन्हित मतदान केंद्रों पर तैनात किये गये माइक्रो ऑब्जर्वर को उनके दायित्वों एवं कर्तव्यों की जानकारी प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण आज जिला कार्यालय के दिशा सभाकक्ष में दिया गया।

लोकसभा निर्वाचन के तहत संसदीय क्षेत्र 7 दुर्ग निर्वाचन हेतु जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र साजा 68, बेमेतरा 69 एवं नवागढ़ 70 में माइक्रो ऑब्जर्वर की नियुक्ति की गई है। तीनों विधानसभा क्षेत्र के कलेक्टर एवं ज़िला निर्वाचन श्री रणबीर शर्मा की उपस्थिति में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्वक निर्वाचन कराये जाने के उद्देश्य से चिन्हित मतदान केंद्रों पर तैनात किये गये माइक्रो ऑब्जर्वर को उनके दायित्वों एवं कर्तव्यों की जानकारी प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण आज जिला कार्यालय के दिशा सभाकक्ष में दिया गया। बैठक मे जिला पंचायत सीईओ श्री टेकचन्द्र अग्रवाल, अपर कलेक्टर डॉ. अनिल बाजपेयी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी गुड्डू लाल जगत, उपस्थित थे। 
 
 
प्रशिक्षण में कलेक्टर श्री शर्मा ने कहा कि लोकसभा निर्वाचन की शुचिता, निष्पक्षता, गुणवत्ता व समयबद्धता को सुनिश्चित करने के लिए माइक्रो ऑब्जर्वर की तैनाती की गयी है, उन्होंने माइक्रो आब्जर्वर्स की भूमिका और दायित्वों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने मतदान की सभी प्रक्रियाओं पर पैनी नजर रखने कहा। उन्होंने इस दौरान उनकी शंकाओं का भी समाधान किया।

कलेक्टर ने कहा कि माइक्रो आब्जर्वर मतदान दल का सदस्य नहीं होता है। वह मतदान दलों के कार्यों का बारीकी से निरीक्षण करने के लिए नियुक्त किया जाता है। इसलिए माइक्रो आब्जर्वर को मतदान प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए। वे सीधे प्रेक्षक को मतदान से संबंधित फीडबैक देंगे। उन्होंने प्रशिक्षण सत्र में कहा कि चुनाव प्रक्रिया को बेहतर तरीके से क्रियान्वयन करने के लिए यह आवश्यक है कि सभी को अपने दायित्वों की जानकारी हो। यदि निर्वाचन के दौरान कोई प्रक्रिया आपको सही नहीं लगती है तो इसकी सूचना तत्काल दी जाए।

उन्होंने कहा कि माइक्रो आब्जर्वर को ये सुनिश्चित करना होगा की किसी भी मतदान केंद्र में दोबारा वोटिंग की स्थिति न बने। प्रशिक्षण में ईवीएम एवं वोटिंग कम्पार्टमेंट की सुरक्षा और गोपनीयता की ओर विशेष ध्यान देने कहा। प्रशिक्षण में ये बताया गया कि माइक्रो आब्जर्वर पोलिंग पार्टी के साथ ही मतदान केंद्रों तक पहुंचेंगे और शाम को आब्जर्वर या उनके प्रतिनिधियों को रिपोर्ट सौंपेंगे।

कलेक्टर श्री शर्मा ने कहा कि आयोग ने माइक्रो आब्जर्वर को इसलिए नियुक्त किया है कि कोई भी समस्या उत्पन्न होने पर आपकी रिपोर्ट से स्थानीय कर्मचारियों की रिपोर्ट को क्रॉस चेक किया जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि माइक्रो ऑब्जर्वर रिपोर्ट के किसी भी कॉलम को खाली नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने ने बताया कि माइक्रो ऑब्जर्वर पोलिंग पार्टी का अंग न होकर प्रेक्षक के प्रतिनिधि के तौर पर मतदान केंद्र पर उपस्थित रहकर सभी प्रक्रियाओं को वाच करेंगे और उसकी टाइमिंग को अपने प्रपत्र पर भरते रहेंगे।
 
 
उन्होंने बताया कि माइक्रो ऑब्जर्वर को मॉक पोल अपने सामने संपन्न कराना है। मतदान कब शुरू हुआ और अंतिम मतदाता ने किस समय अपना वोट डाला, अपरान्ह तीन, चार व पांच बजे मतदान केंद्र पर कितने लोग लाइन में लगे हुए थे, जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट कब-कब मतदान केंद्र पर भ्रमण के लिए पहुंचे, पोलिंग एजेंट को पीठासीन अधिकारी द्वारा बैलेट व कंट्रोल यूनिट का नंबर दिया गया अथवा नहीं, मतदान अधिकारी प्रथम, द्वितीय व तृतीय सही प्रकार से अपना कार्य कर रहे हैं या नहीं, वोटिंग कंपार्टमेंट इस तरह से बनाया गया है कि वो पोलिंग पार्टी मतदान केंद्र से कब रवाना हुईं आदि से सूचनाओं को आयोग द्वारा दिये गये प्रपत्र पर भरना होगा।

बैठक में ज़िला  स्तरीय मास्टर ट्रेनर श्री सुनील झा ने सभी माइक्रो ऑब्जर्वर को पी.पी.टी के माध्यम से माइक्रो ऑब्जर्वर के कार्य एवं उत्तरदायित्वों को विस्तार से बताया गया। माइक्रो ऑब्जर्वर की नियुक्ति क्रिटिकल मतदान केन्द्रों में लगाई जाती है। ये सामान्य प्रेक्षक के प्रतिनिधि के रूप में मतदान दिवस के दिन मतदान केन्द्र में उपस्थित होकर मतदान प्रक्रिया का पर्यवेक्षण कार्य करते हैं। मास्टर ट्रेनर ने बताया की समय 90 मिनट पूर्व सम्पन्न होने वाली मॉक पोल प्रक्रिया की निगरानी करना, मॉक पोल करने के बाद उसके डाटा को क्लीयर बटन दबाकर हटाने के कार्य का निगरानी, व्ही. व्ही. पेट के ड्रॉप बॉक्स के मॉक पोल की पेपर पर्चियों को निकालकर काले रंग के लिफाफे में सील बंद करने की कार्य की निगरानी, मतदाताओं के मतदान कक्ष में आने और जाने की व्यवस्था देखना, मतदाता रजिस्टर प्रारूप 17 की प्रविष्टियों देखना, मतदान मशीन सीलिंग प्रक्रिया की निगरानी, मॉक पोल प्रमाण पत्र तैयार करने के कार्य में निगरानी आदि की जानकारी दी।
 

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