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 विश्व उपभोक्ता दिवस के अवसर पर ग्रामीणों को उपभोक्ता अधिकारों के संबंध में दी गई जानकारी
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
 
हाशिम खान 

सूरजपुर : जिला कार्यालय में खाद्य अधिकारी श्री विजय किरण द्वारा 15 मार्च 2024 को विश्व उपभोक्ता दिवस के अवसर पर कार्यालय में उपस्थित ग्रामीणों को उपभोक्ता अधिकारों के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराया गया एवं अधिकारों के प्राप्ति हेतु जागरूक किया गया। खाद्य अधिकारी ने बताया कि जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावट, नाप-तोल में गड़बड़ी, मनमाने दाम वसूलना, बगैर मानक वस्तुओं की बिक्री, ठगी, सामान की बिक्री के बाद गारंटी अथवा वारंटी के बावजूद सेवा प्रदान नहीं करना इत्यादि समस्याओं से ग्राहकों का सामना अकसर होता रहता है। ऐसी ही समस्याओं से उन्हें निजात दिलाने और अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 15 मार्च को संसार में विश्व उपभोकता अधिकार दिवस मनाया जाता है। वास्तव में यह उपभोकताओं को उनकी शक्तियों और अधिकारों के बारे में जागरूक करने का एक महत्वपूर्व अवसर है। इस लिए 15 मार्च 1983 से यह दिवस इसी दिन निरन्तर मनाया जा रहा है।
 
विश्व उपभोकता अधिकार दिवस मनाए जाने का मूल उद्देश्य यही है कि उपभोकताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाए और अगर वे धोखाधड़ी, कालाबाजारी, घटतौली इत्यादि के शिकार होते हैं तो वे इसकी शिकायत उपभोकता अदालत में कर सकें। ग्राहकों के साथ आए दिन होने वाली धोखाधड़ी को रोकने और उपभोकता अधिकारों को ज्यादा मजबूती प्रदान करने के लिए देश में 20 जुलाई 2020 को ’उपभोकता संरक्षण कानून-2019’ (कन्ज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट-2019) लागू किया गया, जिसमें उपभोकताओं को किसी भी प्रकार की ठगी और घोखाधड़ी से बचाने के लिए कई प्रावधान है।
 
भारत में उपभोकता संरक्षण कानून में स्पष्ट किया गया है कि प्रत्येक वह व्यक्ति उपभोकता है, जिसने किसी वस्तु या सेवा के क्रय के बदले धन का भुगतान किया है या भुगतान करने का आश्वासन दिया है और ऐसे में किसी भी प्रकार के शोषण अथवा उत्पीड़न के खिलाफ वह अपनी आवाज उठा सकता है तथा क्षतिपूर्ति की मांग कर सकता है। खरीदी गई किसी वस्तु, उत्पाद अथवा सेवा में कमी या उसके कारण होने वाली किसी भी प्रकार की हानि के बदले उपभोकताओं को मिला कानूनी संरक्षण ही उपभोकता अधिकार है। यदि खरीदी गई किसी वस्तु या सेवा में कोई कमी है या उससे आपको कोई नुकसान हुआ है तो आप उपभोकता फोरम में सादे पेपर में लिख कर निःशुल्क अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उपभोकताओं का शोषण होने और ऐसे मामलों में उनके द्वारा उपभोकता अदालत की शरण लिए जाने के बाद मिले न्याय से स्पष्ट हो जाता है कि उपभोकता अदालतें उपभोकताओं के हितों के संरक्षण के लिए कितना बड़ा काम कर रही हैं।

खाद्य अधिकारी श्री विजय किरण ने बताया कि छोटी-बड़ी समस्याओं का सामना जीवन में कभी न कभी हम सभी को करना ही पड़ता है लेकिन अधिकांश लोग अपने अधिकारों की लड़ाई नहीं लड़ते। इसका एक प्रमुख कारण यही है कि देश की बहुत बड़ी आबादी अशिक्षित है, जो अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति अनभिज्ञ है लेकिन जब शिक्षित लोग भी अपने उपभोकता अधिकारों के प्रति उदासीन नजर आते हैं तो आश्चर्य होता है। यदि आप एक उपभोकता है और किसी भी प्रकार के शोषण के शिकार हुए हैं तो अपने अधिकारों की लड़ाई लड़कर न्याय पा सकते हैं। कोई वस्तु अथवा सेवा लेते समय हम धन का भुगतान तो करते हैं पर बदले में उसकी रसीद नहीं लेते। शोषण से मुक्ति पाने के लिए सबसे जरूरी है कि आप जो भी वस्तु, सेवा अथवा उत्पाद खरीदें, उसकी रसीद अवश्य लें। यदि आपके पास रसीद के तौर पर कोई सबूत ही नहीं है तो आप अपने मामले की पैरवी सही ढंग से नहीं कर पाएंगे।

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