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परीक्षा पे चर्चा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विद्यार्थियों को परीक्षा में तनाव कम करने के दिए टिप्स
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

यदि लाखों चुनौतियां हैं, तो अरबों समाधान भी हैं - श्री मोदी

महासमुंद : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परीक्षा पे चर्चा के सातवें संस्करण अंतर्गत आज नई दिल्ली के भारत मंडपम से देशभर के विद्यार्थियों को परीक्षा में तनाव कम करने के महत्वपूर्ण टिप्स दिए। जिसका सीधा प्रसारण पूरे भारतवर्ष में किया गया। इस प्रसारण को देखने जिले के सभी शालाओं में लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई थी।

प्रधानमंत्री श्री मोदी के ऑनलाइन परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े। इसके आलावा जिले के विभिन्न स्कूलों में भी प्रधानमंत्री के परीक्षा पे चर्चा का ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजन किया। जिला मुख्यालय के स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम स्कूल के कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती मीता मुखर्जी, डीएमसी श्री के.के. चंद्राकर सहित अन्य स्कूलों के माध्यमिक और हायर सेकेण्डरी के शिक्षक, बच्चे और पालक उपस्थित थे। इसी तरह अन्य स्कूलों में  एवं विकासखंड स्तरीय आयोजन भी किया गया।

 प्रधानमंत्री ने परीक्षा पे चर्चा 2024 के दौरान छात्राएं शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने स्कूली बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमारे बच्चों में लचीलापन पैदा करना और उन्हें दबावों से निपटने में मदद करना महत्वपूर्ण है। छात्रों की चुनौतियों का समाधान अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षकों को भी सामूहिक रूप से करना चाहिए। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा छात्रों के विकास के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि शिक्षक नौकरी की भूमिका में नहीं हैं बल्कि वे छात्रों के जीवन को संवारने की जिम्मेदारी निभाते हैं। माता-पिता को अपने बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को उनका विजिटिंग कार्ड नहीं बनाना चाहिए। छात्रों और शिक्षकों के बीच का बंधन पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या से परे होना चाहिए। अपने बच्चों के बीच प्रतिस्पर्धा और प्रतिद्वंद्विता के बीज कभी न बोएं। बल्कि भाई-बहनों को एक.दूसरे के लिए प्रेरणा बनना चाहिए। अपने सभी कार्यों और अध्ययन में प्रतिबद्ध और निर्णायक बनने का प्रयास करें। जितना संभव हो उत्तर लिखने का अभ्यास करें।

यदि आपके पास वह अभ्यास है तो परीक्षा हॉल का अधिकांश तनाव दूर हो जाएगा। प्रौद्योगिकी को बोझ नहीं बनना चाहिए। इसका विवेकपूर्ण उपयोग करें। सही समय जैसा कुछ नहीं है इसलिए इसका इंतजार न करें। चुनौतियां आती रहेंगी और आपको उन चुनौतियों को चुनौती देनी होगी। यदि लाखों चुनौतियां हैं, तो अरबों समाधान भी हैं। असफलताओं से निराशा नहीं होनी चाहिए। हर गलती एक नई सीख हैं। उचित शासन के लिए भी नीचे से ऊपर तक उत्तम सूचना की व्यवस्था और ऊपर से नीचे तक उत्तम मार्गदर्शन की व्यवस्था होनी चाहिए। मैंने अपने जीवन में निराशा के सभी दरवाजे और खिड़कियां बंद कर दी हैं। इस दौरान देश के अन्य राज्यों से बच्चों और अभिभावकों ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से सवाल पूछे जिनका प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सकारात्मक जवाब देकर मौजूद बच्चों और अभिभावकों को बिना तनाव के परीक्षा की तैयारी करने प्रेरित किया। 
 

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