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रेमेडिसविर इंजेक्शन, आइवरमेक्टिन टैबलेट्स, एनोक्सापारिन इंजेक्शन, डेक्सामेथासोन टैबलेट एवं इंजेक्शन, टोसीलीजुमब इंजेक्शन और फेविपिराविर कैप्सूल को करें अधिसूचित
जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने में मिलेगी मदद
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कोविड-19 संक्रमण के प्रबंधन के लिए आवश्यक दवाओं की अधिसूचना के सम्बंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री हर्षवर्धन को पत्र लिखा है।
पत्र में उल्लेखित है कि देश के बाकी प्रदेशों की तरह छत्तीसगढ़ में भी कोविड-19 की द्वितीय लहर के अंतर्गत संक्रमण के मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है। इस महामारी के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में 25 अप्रैल 2021 तक के 6,52,362 मामले दर्ज किए गए हैं। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 अंतर्गत औषधियों को आवश्यक वस्तुओं में शामिल किया गया है। औषधि का अर्थ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत अधिसूचित औषधियों से है।
भारत सरकार ने इससे पहले भी कोविड-19 से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मास्क (2 और 3 प्लाई सर्जिकल मास्क एवं N95 मास्क) एवं हैंड सेनेटाइजर को आवश्यक वस्तु अधिनियम,
1955 के अंतर्गत अधिसूचित (भारत सरकार अधिसूचना दिनांक 13 मार्च, 2020) किया था जिससे महामारी की पहली लहर से निपटने में अत्यंत सहायता हुई।
कोविड-19 की वजह से प्रदेश में बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर मरीजों के उपचार हेतु रेमेडिसविर इंजेक्शन, आइवरमेक्टिन टैबलेट्स, एनोक्सापारिन इंजेक्शन, डेक्सामेथासोन टैबलेट एवं इंजेक्शन, टोसीलीजुमब इंजेक्शन और फेविपिराविर कैप्सूल की मांग बढ़ गयी है। इन औषधियों की बड़ी मांग के कारण इनके जमाखोरी एवं काला बाजारी की शिकायतें भी लगातार प्राप्त हो रही है जिसकी वजह से मरीजों के उपचार में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।प्रदेश सरकार ने उपरोक्त औषधियों की काला बाजारी को रोकने के कई निर्णायक कदम उठाए हैं। इसमें अस्पतालों में दवाओं के वितरण एवं उपयोग पर लगातार निगरानी, विशेष टास्क फोर्स का गठन, आकस्मिक जाँच एवं काला बाजारी की खबर मिलने पर तत्काल दबिश इत्यादि
शामिल हैं। उपरोक्त औषधियों को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत अधिसूचित करने से प्रशासन को काला बाजारी रोकने तथा गुणवत्ता एवं आपूर्ति सुनिश्चित करने में आवश्यक सहायता प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से अनुरोध किया है कि कोविड-19 महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त औषधियों को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत आवश्यक वस्तुओं के रूप में तत्काल अधिसूचित किया जाए। - एजेंसीमहाराष्ट्र : महाराष्ट्र के ठाणे स्थित एक निजी अस्पताल में आज अहले सुबह करीब 3 बजकर 40 मिनट पर लगी भीषण आग में चार मरीजों की मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक बाकी मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है. मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है. कई मरीज घायल बताए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि आग लगने के बाद मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा था जिसमें चार मरीजों की मौत हो गई. राहत और बचाव कार्य अभी तक जारी है.
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, बुधवार को तड़के ठाणे जिले के मुंब्रा इलाके के कौसा में प्राइम क्रिटिकेयर अस्पताल में आग लग गई. ठाणे पुलिस और दमकल अधिकारियों के अनुसार, अब तक 20 से अधिक रोगियों को निकाला गया है.
खबर सुनने के बाद, मुंब्रा-कलवा के विधायक और राज्य के आवास मंत्री डॉक्टर जितेंद्र अवहद स्थिति का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे. “आग का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है,” उन्होंने कहा. - मिडिया रिपोर्टअसम : आज सुबह असम के गुवाहाटी समेत पूर्वोत्तर इलाके में भूकंप का बड़ा झटका महसूस किया गया है. जानकारी के मुताबिक 7 बजकर 55 मिनट पर आए इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.4 बताई जा रही है और भूकंप का केंद्र बिंदु असम का सोनितपुर बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि लगातार तीन झटके महसूस किए, जिसमें से पहला झटका कई मिनट तक महसूस किया गया है. भूकंप की खबर मिलते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, भूकंप से अबतक जान-माल के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं है. वहीं, अधिकारियों के मुताबिक, असम में एक के बाद एक तीन भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिनमें से 6.4 तीव्रता का भूकंप सबसे तेज था. भूकंप के ये तेज झटके असम के साथ मेघालय और दक्षिणी बंगाल में भी महसूस किए गए हैं.राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने दो तस्वीरें शेयर की है और साथ ही एक वीडियो भी शेयर किया है. इसमें भूकंप के तेज झटकों से होने वाला नुकसान दिख रहा है. तस्वीरों में घर की दीवारें टूटकर जमीन पर गिरी नजर आ रही हैं.आज सुबह आए इस भूकंप का प्रभाव असम समेत उत्तर बंगाल में महसूस किया गया है. असम के गुवाहाटी में कई जगह बिजली गुल हो गई है. बताया जा रहा है कि भूकंप के लगातार दो झटके महसूस किए गए हैं. पहला झटका 7 बजकर 55 मिनट पर महसूस किया गया. इसके थोड़ी देर बाद दूसरा झटका महसूस किया गया. बताया जा रहा है कि भूकंप की वजह से असम के कई घरों में दरारें आ गई हैं.
असम के सीएम सर्वानंद सोनोवाल ने बताया कि आज सुबह असम में भूकंप के तेज झटके आए हैं. मैं प्रार्थना करता हूं कि हमसब ठीक रहें. सभी जिलों से जानकारी लेने की कोशिश की जा रही है. सबलोगों से अपील है कि अलर्ट रहें. - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सार- कोरोना बीमारी के संबंध में फैली भ्रान्तियों और भय को दूर कर लोगों के मनोबल बढ़ाने के कार्य में सहयोग करे मीडिया, मुख्यमंत्री ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौर में प्रेस और मीडिया की भूमिका को बताया महत्वपूर्ण, राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं में हुई कई गुना वृद्धि, छत्तीसगढ़ में 18 से 44 वर्ष के लोगों को मुफ्त में कोविड वैक्सीन लगाने की कार्य योजना तैयार, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राजधानी के मीडिया प्रमुखों से की चर्चा
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजधानी के मीडिया प्रमुखों से चर्चा की और उनसे महत्वपूर्ण सुझाव लिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना को हराने में किसी भी तरह से फंड्स की कमी नहीं होने दी जाएगी। राज्य में सबके सहयोग से कोरोना को जल्द से जल्द हराना है। इसमंे समाज के सभी वर्गों के साथ-साथ प्रेस और मीडिया के योगदान को भी भुलाया नही जा सकता। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौर में प्रेस और मीडिया की भूमिका बहुत अहम है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में वर्तमान सरकार के आते ही स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए हर संभव पहल की गई और मरीजों के बेहतर इलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में कई गुना की वृद्धि की गई है। वर्तमान में राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर सतत निगरानी रखते हुए हर आवश्यक संसाधन की व्यवस्था तत्परता से की जा रही है। यही वजह है कि राज्य में वर्तमान में आईसीयू बेड, एचडीयू बेड तथा ऑक्सीजन बेड पर्याप्त है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2018 में 279 बेड थे, जिसे बढ़ाकर 729 कर दिया गया है। ऑक्सीजन बेड 1242 से बढ़ाकर 7042 तक पहुंचाया गया है। पहले एचडीयू बेड एक भी नही था, परंतु अभी 477 एचडीयू बेड है। प्रदेश के अस्पतालों में 15001 जनरल बेड थे, जिसे बढ़ाकर 29667 तक कर दिया गया है। प्रदेश में 2018 के अंत में 204 वेंटिलेटर्स थे, जिसे बढ़ाकर 593 कर दिया गया है। इस तरह राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं में कई गुना की वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राज्य में वर्तमान में कोरोना संक्रमण से बचाव और इसके रोकथाम के लिए हर आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। इसके तहत कोरोना की दवाईयों के किट ग्रामीण इलाकों में लोगों के घर-घर तक उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे संक्रमण रोकने में काफी मदद मिल रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 6 लाख 39 हजार 696 लोग संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 5 लाख 9 हजार 622 लोग रिकवर कर चुके हैं। वर्तमान में एक लाख 22 हजार 963 लोग एक्टिव संक्रमित है। एक्टिव पेशेंट अनुपात 19.22 प्रतिशत के आसपास है, वहीं रिकवरी की दर 79.67 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ कोविड वैक्सीनेशन के मामले में देश के कई विकसित और साधन सम्पन्न राज्यों को पीछे छोड़ चुका है। प्रदेश में 53 लाख से ज्यादा डोज वैक्सीन के लग चुके हैं और देश के बड़े राज्यों में हमारा स्थान दूसरा हैं। छत्तीसगढ़ में आगामी 1 मई से हम एक नया इतिहास रचने जा रहे हैं। इसके तहत प्रदेश के 18 वर्ष से लेकर 44 वर्ष तक के लोगों को मुफ्त में कोविड वैक्सीन लगाएंगे और इसके लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इसमें सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक दोनों को 25-25 लाख वैक्सीन डोज अर्थात कुल 50 लाख डोज के लिए आदेश भी कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने कोरोना की इस लड़ाई में फंड्स की कमी नही होने देने का संकल्प लिया है। राज्य में इन दो वर्षों में स्वास्थ्य बजट में 880 करोड़ रूपए, एसडीआरएफ में इस वर्ष 50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। यहां जनता ने बढ-चढ़कर मुख्यमंत्री सहायता कोष में सहायता की है, जो सरकार पर जनता के अटूट भरोसे का परिचायक है। इस कोष से हमने अभी तक 73 करोड़ 53 लाख रूपए कोविड के खिलाफ लड़ाई के लिए जिलों को जारी कर चुके हैं। इस तरह अब तक 1003 करोड़ 53 लाख रूपए स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगा चुके हैं। वहीं अब भी मुख्यमंत्री सहायता कोष में 53 करोड़ 88 लाख रूपए जमा है। उनका उपयोग भी कोविड की लड़ाई में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने चर्चा करते हुए कहा कि प्रेस और मीडिया लोकतंत्र के फ्रंट लाईन वर्कर हैं। आज कोविड आपदा के बीच भी वे ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के संबंध में मृत्यु, अंतिम संस्कार, दवाओं, ऑक्सीजन आदि के बारे में कई भ्रॉमक खबरें काफी वायरल होती है, जिसका नकारात्मक प्रभाव जनता पर पड़ता है। ऐसे हालात में उन्होंने मीडिया से लोगों के भ्रम और भय को दूर करने तथा मरीजों के मनोबल बढ़ाने वाले खबर के लिए अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि सभी पत्रकारों की सूची स्थानीय जनसम्पर्क कार्यालय में अपडेट करवा दें, ताकि यदि कोई पत्रकार कोविड पीड़ित हुआ तो उसे आर्थिक सहायता एवं मदद प्रदान की जा सके। इस अवसर पर सचिव जनसम्पर्क श्री डी.डी.सिंह तथा मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी तथा रूचिर गर्ग उपस्थित थे।
- एजेंसी
नई दिल्ली : भारत कोरोना महामारी की दूसरी लहर से लड़ रहा है। भारत में लोग इस समय दवाईयों, बेड और ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना कर रहे है। इसी बीच टीएमसी लीडर यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। दूसरे देशों से मदद मांग रही मोदी पर को निशाना साधते हुए यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर लिखा कि, विश्व गुरु से हम विश्व भिखारी बन गए हैं। सिन्हा ने मौजूदा हालतों को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है।
टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा कि, विश्व गुरु से हम विश्व भिखारी बन गए हैं। दुनिया में टीका देने वाले हम चिकित्सा सहायता के लिए भीख मांग रहे हैं। इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया, जिसमें लिखा कि, हमें पहले भी विदेशों से मदद मिली है, लेकिन उन दिनों में हम अपने लोगों के सामने अपनी सोच को लेकर गलत नहीं थे। हमारा वर्तमान नेतृत्व केवल तथ्यों की गलत व्याख्या पर विश्वास करता है।
यशवंत सिन्हा ने अमित शाह और नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि, मोदी / शाह ने अपने कर्तव्यों और उनके द्वारा ली गई संवैधानिक शपथ की उपेक्षा करते हुए बंगाल को जीतने की कोशिश की। इस बीच भारत कोरोना से मरने लगा। बता दें कि, हर दिन कोरोना के मामले 3 लाख के पार जा रहे हैं, जिसके कारण एक्टिव केसों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। बीते 24 घंटे में देश में 3.23 लाख कोरोना के नए मामले सामने आए हैं, जो पिछले कुछ दिनों में कम आंकड़ा है. जबकि 2771 लोगों की मौत हुई है ।
एक स्टडी के मुताबिक दुनिया के 38 फीसदी कोरोना केस सिर्फ भारत में है। जो इसकी भयावहता को दर्शाती है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी ने जो डाटा जारी किया है उससे साफ है कि दुनिया भर के कुल संक्रमितों की संख्या में भारत की हिस्सेदारी चिंताजनक है। पिछले महीने ही यह हिस्सेदारी 9 फीसदी के आसपास थी। लेकिन अब यह बढ़कर 38 फीसदी पर पहुंचता दिख रहा है।
- मध्यप्रदेश : देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं लोगों के बीच कोरोना के प्रति जागरूकता कम होने के भी कई मामले सामने आ रहे हैं। अब मध्यप्रदेश के रतलाम से लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने पीपीई किट पहनकर शादी रचाई। बता दें कि इस शादी में दूल्हा-दुल्हन से लेकर पंडित समेत बाकी सभी लोग पीपीई किट पहने हुए दिखाई दिए।
इस शादी का एक वीडियो भी सामने आया है, जो कि अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दूल्हा-दुल्हन पीपीई किट पहनकर सात फेरे ले रहे हैं। खास बात यह भी है कि स्थानीय पुलिस को कोरोना संक्रमित दूल्हे की शादी होने की सूचना भी मिल गई थी। इसके बाद पुलिस कोरोना संबंधी दिशा-निर्देशों के तहत इस शादी को रुकवाने के लिए मौके पर पहुंची भी थी। परंतु बाद में शादी संपन्न कराने का निर्णय लिया गया।
इस संबंध में रतलाम के तहसीलदार नवीन गर्ग का कहना है कि 19 अप्रैल को दुल्हा कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। उन्होंने आगे बताया कि हम यहां शादी रुकवाने आए थे लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के अनुरोध और मार्गदर्शन पर शादी को संपन्न कर दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि जोड़े ने पीपीई किट पहनकर शादी की ताकि संक्रमण ना फैले।
- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाफिलहाल मेकाहारा रायपुर में उपचार जारी
कल उनका कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आया था
गरियाबंद : गरियाबंद जिला के मैनपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम कुल्हाड़ीघाट की रहने वाली 92 वर्षीय बल्दी बाई का कल रात एंटीजन टेस्ट में कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट आया था। इसके पूर्व उन्हें सामान्य सर्दी बुखार का लक्षण दिखाई दे रहा था। कुल्हाड़ीघाट के स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा इसकी तत्काल जानकारी दी गई और कल रात्रि ही उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैनपुर में एडमिट किया गया। यहां एंटीजन टेस्ट और प्रारंभिक उपचार के पश्चात उन्हें रात में ही कोविड अस्पताल गरियाबंद रिफर किया गया। कलेक्टर श्री निलेश क्षीरसागर के निर्देश पर सीएमएचओ डॉ नवरत्न ने कोविड-19 के बेहतर चिकित्सा के लिए उन्हें रायपुर मेकाहारा रिफर किया गया। वर्तमान में उनका रायपुर में ही उपचार जारी है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के संज्ञान में आते ही उन्होंने वरिष्ठ डॉक्टरों को तत्काल निर्देशित किया कि बल्दी बाई को बेहतर से बेहतर चिकित्सा मुहैया कराई जाए। उन्होंने बल्दी बाई के स्वास्थ्य पर चिकित्सकों को कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने बल्दी बाई के जल्दी स्वस्थ होने की कामना की है। फिलहाल उनका स्वास्थ्य स्थिर है। ज्ञात है कि ग्राम कुल्हाड़ीघाट में ही बल्दी बाई के घर पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी आए थे और उनके हाथों से कन्द मूल खाये थे।क्रमांक - 29/पोषण - नई दिल्ली : प्रधानमंत्री ने देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए बैठक की। उन्होंने इस पर जोर दिया कि मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के साथ घर और अस्पतालों में मरीज़ों की देखभाल के लिए जरूरी उपकरण भी उपलब्ध कराने की तत्काल आवश्यकता है
इसी क्रम में रुदौली के रहने वाले एम कयू सय्यद ( क़ायम) की कम्पनी EXHICON Healthcare जो की मल्टीनैशनल EXHICON Group की सिस्टर कम्पनी है अब अयोध्या में ऑक्सिजन जेनरेटर प्लांट की आपूर्ति एवं कोविड प्रोजेक्ट मैनज्मेंट का कार्य शुरू कर रही है , ज़िला अधिकारी अयोध्या श्री अनुज झा ने आज इस प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी, ज्ञात रहे की EXHICON ने पिछले वर्ष कोविड के दौरान महाराष्ट्र सरकार के लिए जंबो हॉस्पिटल्ज़, भारत का सबसे बड़ा कोविड ICU एवं ५०-१००० बेड्ज़ के आक्सिजन जेनरेटर लॉंच किया था !
EXHICON Group मुंबई,हॉंगकॉंग,दुबई, थाईलैंड एवं स्विट्सर्लंड में एग्ज़िबिशन,इवेंट्स,कन्वेन्शन वेन्यूज़, इंपोर्ट इक्स्पोर्ट्स,हेल्थकएर एवं FMCG के कारोबार में कार्यरत है ! ग्रुप के फ़ाउंडर एम॰ क्यू॰ सय्यद ( क़ायम) रुदौली स्थित मोहल्ला सोफ़ियाना के रहने वाले हैं ! - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राशन दुकानों से मुफ्त में मिलेगा मई और जून माह का एकमुश्त खाद्यान्न
मुख्यमंत्री ने सभी जिला पंचायत अध्यक्षों से कोरोना संक्रमण के नियंत्रण एवं बचाव के उपायों के संबंध में की चर्चा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला पंचायत अध्यक्षों से राज्य के ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण की स्थिति, इसके नियंत्रण एवं बचाव के उपायों केे बारे में विस्तार से चर्चा की और उनसे सुझाव मांगे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोरोना संक्रमण की पिछली लड़ाई हमने राज्य में सभी लोगों की भागीदारी से जीती थी। वर्तमान लड़ाई भी हम सावधानी और सभी लोगों के सहयोग से जीतेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण का वर्तमान दौर ज्यादा घातक है, हमें बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड के प्रारंभिक लक्षण वाले लोगों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुशंसित दवाओं का सेवन तत्काल शुरू कराए जाने की बात कही, ताकि कोरोना संक्रमण को गंभीर होने से रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य के ग्रामीण अंचलों में भी कोरोना की दवाओं की आपूर्ति शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले एवं मितानिनों के माध्यम से लक्षण वाले मरीजों को पर्ची और दवाएं (कोविड किट) उपलब्ध कराई जा रही है। जिसका सेवन संबंधित लोग पर्ची में लिखी मात्रा के अनुसार कर सकेंगे। बैठक में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्रीमती रेणु जी. पिल्ले, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर., मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, संचालक पंचायत श्री मोहम्मद कैसर अब्दुल हक उपस्थित थे। जिला पंचायतों के अध्यक्ष एवं कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित अन्य जनप्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे ही किसी व्यक्ति को सर्दी, खांसी, बुखार और कोरोना संक्रमण का लक्षण मालूम पड़े उसे कोरोना जांच की रिपोर्ट का इंतजार किए बिना प्रारंभिक तौर पर तयशुदा दवाएं लेनी शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्षों एवं ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से इस संबंध में लोगों को जागरूक करने और समझाईश देने की भी अपील की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान एक-एक कर सभी जिला पंचायत अध्यक्षों से उनके जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति, अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिकों एवं लोगों के स्वास्थ्य की जांच-पड़ताल, क्वारेंटीन सेंटर की व्यवस्था, रोजगार मूलक कार्याें के संचालन सहित अन्य मामलों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रदेश सरकार आप सबके साथ है। हम सब मिलकर कोरोना की रोकथाम की लड़ाई लड़ेगे और जीतेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की विषम परिस्थिति और रोजी-रोजगार के संकट को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने मई और जून माह का खाद्यान्न एकमुश्त मुफ्त में देने का फैसला लिया है। उन्होंने गांवों में ग्रामीणों की रायशुमारी से मनरेगा के कार्य का संचालन किए जाने की भी बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे लोग श्रम के कार्याें में जुटे रहेंगे। उनका मन लगे रहेगा और आर्थिक लाभ होने के साथ अधोसंरचना का भी निर्माण होगा। मुख्यमंत्री ने गर्मी के मौसम को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की व्यवस्था पर पंचायतों को विशेष रूप से ध्यान देने की बात कही। उन्होंने गांवों में स्थापित क्वारेंटीन सेंटर में मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने जिला पंचायत अध्यक्षों एवं ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से कोरोना से बचाव के उपायों को लेकर लोगों को जागरूक और टीकाकरण के लिए प्रेरित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि संक्रमण से बचाव के लिए सावधानी ही सबसे बड़ा उपाय है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप राज्य के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 10-10 ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने जिलों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप सीटी स्केन मशीन, रेमडीसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति की भी बात कही। मंत्री श्री सिंहदेव ने बाहर से आने वाले श्रमिकों को गांवों में कार्य उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा के तहत जॉब कार्ड प्रदाय करने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को गांवों में बाहर से आने वाले लोगों को क्वारेंटीन सेंटर में रखने और उनके टेस्टिंग की व्यवस्था तथा कोरोना गाइडलाइन के पालन के निर्देश दिए। बैठक के प्रारंभ में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु की जा रही कार्यवाही एवं टीकाकरण के बारे में जानकारी दी। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण उपजी विषम परिस्थिति को देखते हुए राज्य के अंत्योदय , गरीब, निराश्रित एवं प्राथमिकता श्रेणी वाले परिवारों को दो माह का चावल निशुल्क दिए जाने का ऐलान किया है। इसका लाभ राज्य के 58 लाख 29 हजार 371 राशन कार्ड धारी परिवारों को मिलेगा।
छत्तीसगढ़ सरकार मई एवं जून माह के कोटे के एवज में 3 लाख 94 हजार 136 मेट्रिक टन चावल का निशुल्क वितरण करेगी । निःशुल्क चावल वितरण पर सब्सिडी व्यय का भार प्रदेश सरकार वहन करेगी।
खाद्य विभाग द्वारा मई और जून माह के एकमुश्त नि:शुल्क चावल वितरण को लेकर आज जिलों को ऑनलाइन आवंटन भी जारी कर दिया गया । राज्य में प्राथमिकता श्रेणी के राशन कार्ड धारी परिवारों की संख्या 40 लाख 67 हजार 356 , अंत्योदय के 14 लाख 6 हज़ार 490, अन्नपूर्णा के 6 हजार 86 , निराश्रित कार्ड धारियों की संख्या 38 हजार 563 और निशक्तजन कार्ड धारियों की संख्या 10 हजार 876 है। उक्त राशन कार्ड धारियों को मई एवं जून माह के कोटे का चावल राशन दुकानों से मई माह में निशुल्क प्रदाय किया जाएगा। - एजेंसीनई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी के जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से 20 मरीजों को देर रात मौत हो गई है. अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर का कहना है कि सरकार की तरफ से अस्पताल को 3.5 मीट्रिक टन ऑक्सीजन अलॉट की गई है, जिसको कल से फिर रीफिल होना था लेकिन देर रात रीफिल नही हुई. शुक्रवार की रात महज 1500 लीटर रीफिलिंग की गई थी, इसी कारण अस्पताल के पास ऑक्सीजन खत्म हो गई और 20 कोविड मरीजों की मौत हो गई.
अस्पताल ने बताया है कि वहां अभी 215 कोविड मरीज और भर्ती हैं, जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है. जानकारी है कि मरने वाली सभी मरीजों की हालत काफी गंभीर थी. यहां ऑक्सीज़न का लो प्रेशर था. उसपर से जो ऑक्सीज़न 5:30 बजे पहुंचनी थी वो 12 बजे पहुंची.
बता दें कि शनिवार सुबह से दिल्ली के कई अस्पतालों ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर इमरजेंसी संदेश जारी किया है. रोहिणी के ही एक अन्य अस्पताल सरोज हॉस्पिटल ने भी ऑक्सीजन की कमी के चलते हाथ खड़े कर दिए हैं. अस्पताल की ओर मरीजों को डिस्चार्ज किया जा रहा है और यहां नए मरीजों की भर्ती नहीं हो रही.
अस्पताल की ओर से एक नोटिस जारी कर कहा गया कि अब बहुत कोशिशों के बाद भी उनको ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं मिल पा रही, जिसके चलते अब वो नए मरीजों की भर्ती नहीं ले रहा और सभी मरीजों को डिस्चार्ज कर रहा है. अस्पताल ने कहा है कि 'यह दिल तोड़ने वाली स्थिति है और अब इस तथ्य को हम खुद तक सीमित नहीं रख सकते कि हमारे सिस्टम ने हमें निराश कर दिया है, हम असहाय हैं.'
सरोज अस्पताल की ओर से बताया गया है कि पिछली रात उन्हें राजीव गांधी अस्पताल से ऑक्सीजन का टैंकर मिला था, लेकिन वो भी अब खत्म हो गया है. ऑक्सीजन की आपूर्तिकर्ता कंपनी INOX ने कल रात ऑक्सीजन लाने की बात कही थी, लेकिन आज कह रहे हैं कि उनके पास अब ऑक्सीजन नहीं बची है. - गाजियाबाद : कोरोना महामारी के इस समय में गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा भी संकटमोचक बनकर सामने आया है। गुरुद्वारे की ओर से कोरोना मरीजों के लिए 'ऑक्सीजन लंगर' शुरू किया गया है और उसने बीमार लोगों को अस्पताल में बेड्स मिलने तक अपने परिसर में ऑक्सीजन आपूर्ति का वादा किया है।
गुरुद्वारे के प्रबंधक गुरप्रीत सिंह रम्मी ने बताया कि हम ऑक्सीजन सिलेंडर देने या भरने का काम नहीं कर रहे। लोगों से हम कह रहे हैं कि वे वाहन में अपने मरीज के साथ इंदिरापुरम गुरुद्वारे में आएं और हम उन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध कराएंगे।
उन्होंने कहा कि दो घंटे की बात हो, चार या आठ घंटे की बात हो, मरीज को हम तब तक ऑक्सीजन उपलब्ध कराएंगे जब तक कि उसे अस्पताल में बेड नहीं मिल जाता। रम्मी ने कहा कि मेरी गाजियाबाद के डीएम और सांसद वी.के.सिंह जी से अपील है कि आप हमें बैकअप के लिए 20-25 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराएं, 25 सिलेंडर से हम 1,000 लोगों की जिंदगी बचाएंगे।
गौरतलब है कि कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के आगे अब अस्पताल और संसाधन भी कम पड़ने लगे हैं। सबसे ज्यादा मारामारी ऑक्सीजन को लेकर है। अस्पतालों में सभी ऑक्सीजन बेड फुल हैं और मरीजों को ऑक्सीजन के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट गहराया गया है।
पहले से ऑक्सीजन की कमी झेल रहे अधिकतर अस्पताल अब ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले नए मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं। ऐसे में लोगों को अपनों की जान बचाने के लिए खुद ही इधर-उधर से ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए भटकना पड़ रहा है। जिले में 34 अस्पतालों में कोविड के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इन अस्पतालों में 900 मरीज ऑक्सीजन के सहारे कोरोना को मात देने का प्रयास कर रहे हैं।
बेड की कमी को देखते हुए प्रशासन ने आठ और कोविड अस्पताल बनाए हैं। इनसे मरीजों को राहत मिलेगी। जिन मरीजोंं को सांस लेने में दिक्कत हो ही हैं उन्हें अस्पतालों में ऑक्सीजन वाले बेड नहीं मिल रहे हैं। वहीं जो मरीज भर्ती हैं उनके लिए भी ऑक्सीजन की मात्रा कम पड़ रहे हैं। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारेडमेसिविर और अन्य जीवन रक्षक दवाईयों के उत्पादक राज्यों द्वारा अन्य राज्यों में भी प्राथमिकता से आपूर्ति के लिए मुख्यमंत्री ने गाइडलाइन जारी करने प्रधानमंत्री से किया अनुरोध
स्टील उद्योगों की ऑक्सीजन की आपूर्ति रुकने से हज़ारों लोगों का रोज़गार प्रभावित होगा, निर्णय पर पुनर्विचार की मांग
मुख्यमंत्री कोरोना नियंत्रण की व्यवस्था और टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्रियों की वर्चुअल बैठक में हुए शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से केंद्र सरकार को कोरोना के टीके मिलने की दर पर ही राज्यों को भी टीका उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इससे राज्यों पर वित्तीय भार कम होगा। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए प्रदेश को केंद्र सरकार से मिलने वाले वैक्सीन की आपूर्ति की समय सारणी से भी अवगत कराने का आग्रह किया है, जिससे राज्य में सभी पात्र लोगों के टीकाकरण की कार्ययोजना बनाई जा सके। श्री बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना नियंत्रण की व्यवस्था और टीकाकरण की प्रगति की वर्चुअल समीक्षा बैठक में यह अनुरोध किया। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू और मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन भी शामिल हुए। वहीं नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ गृहमंत्री श्री अमित शाह, रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल और नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बैठक में प्रधानमंत्री से कहा कि जिस तरह से ऑक्सीजन उत्पादक राज्य अपनी जरूरत के बाद का अतिरिक्त आक्सीजन प्राथमिकता से दूसरे राज्यों को उपलब्ध करा रहे हैं। वैसे ही रेडमेसिविर और अन्य जीवन रक्षक दवाइयों के उत्पादक राज्य प्राथमिकता से इन्हें दूसरे राज्यों को भी उपलब्ध कराएं। इसके लिए भारत सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री से यह अनुरोध भी किया कि छत्तीसगढ़ में इस्पात उद्योगों की अधिकता को देखते हुए औद्योगिक ऑक्सीजन के उत्पादन और उसके उपयोग की अनुमति दी जाए, जिससे अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव न पड़े और इन उद्योगों से जुड़े हज़ारों परिवारों के समक्ष रोज़गार का संकट न उत्पन्न हो।
श्री बघेल ने कोरोना टीकाकरण की प्रगति के बारे में प्रधानमंत्री को बताया कि प्रदेश की 18 प्रतिशत आबादी को इसकी पहली खुराक दी जा चुकी है। उन्होंने जानकारी दी कि 90 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, 84 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 वर्ष से अधिक के 69 प्रतिशत लोगों को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों से कोरोना संक्रमितों का प्रवेश रोकने के लिए अंतर्राज्यीय सीमाओं, एयरपोर्ट, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर कोरोना की जांच की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में व्यवस्थाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं। निजी अस्पतालों में भी संक्रमितों के इलाज की दरें तय की गई हैं। चिकित्सा क्षेत्र में मानव संसाधन बढ़ाने के लिए सेवानिवृत्त डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ ही नए डॉक्टरों की भर्ती की जा रही है। रेडमेसिविर की कालाबाजारी रोकने और जरुरतमंदों तक इसे पहुंचाने के लिए व्यवस्था बनाई गई है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि चिकित्सा विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों के साथ ही सभी नगरीय निकायों एवं पंचायतीराज संस्थाओं से लगातार चर्चा कर कोरोना प्रबंधन में उनकी सहायता ली जा रही है। डीएमएफ, सीएसआर, सांसद निधि विधायक निधि और महापौर निधि की राशियों का भी उपयोग कोविड-19 की रोकथाम के लिए व्यवस्थाएं विकसित करने में की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन उत्पादन के लिए आठ नई औद्योगिक इकाइयों को लाइसेंस जारी किए गए हैं। प्रदेश में कुल 29 यूनिटों द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है। राज्य की जरूरत के बाद का अतिरिक्त ऑक्सीजन हम दूसरे राज्यों को भी दे रहे हैं। समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्लै, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला भी मौजूद थीं। - बिहार : बिहार में आज शुक्रवार को एक बड़ा हादसा हुआ है. करीब 15 यात्रियों से भरी एक जीप पटना के पीपापुल से गंगा नदी में गिरने से कम से कम 10 लोग पानी में गायब हैं. राहत और बचाव दल गायब लोगों की तलाशी के लिए ऑपरेशन चला रहा है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बिहार की राजधानी में पटना के पीपापुल में एक जीप जिसमें करीब 15 लोग सवार थे गंगा नदी में गिर गई. इससे कम से कम 10 लोग लापता हैं. बचाव अभियान चलाया जा रहा है. - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महापौर एवं पार्षद निधि का हो सकेगा कोरोना नियंत्रण एवं उपचार की व्यवस्था में उपयोग
कोरोना जांच के बिना किसी को राज्य की सीमा में प्रवेश की अनुमति नहीं
कलेक्टरों को राज्य के चेकपोस्टों, बस स्टेंडों, रेल्वे स्टेशनों में अन्य राज्यों से आने वाले लोगों की टेस्टिंग की व्यवस्था के निर्देश
रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति सिर्फ अस्पतालों को ही होगी
कोरोना लक्षण वाले लोगों को तत्काल दिए जाएं दवाओं के किट
नगर निगमों को उनकी डिमांड के अनुसार इलेक्ट्रिक शवदाह गृह की स्थापना की स्वीकृति देने के निर्देश
राजनीतिक दलों एवं स्वयंसेवी-समाजसेवी संस्थाओं और दानदाताओं के सहयोग से जरूरतमंदों के लिए सूखा राशन एवं गर्म भोजन की व्यवस्था सुनश्चित करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव में अव्यवस्था को लेकर जताई नाराजगी: अस्पताल अधीक्षक को हटाने के निर्देश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य के नगर निगम क्षेत्रों में कोरोना महामारी के नियंत्रण, उपचार एवं जरूरतमंद लोगों की मदद के संबंध में महापौर, कलेक्टर एवं निगम आयुक्तों की वर्चुअल बैठक लेकर अद्यतन स्थिति की गहन समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की गंभीर चुनौती हमारे सामने है। राज्य के नगरीय इलाकों में विशेषकर नगर निगम क्षेत्रों में कोरोना संक्रमितों की संख्या अत्यधिक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में निगम क्षेत्रों में साफ-सफाई, मेडिकल वेस्ट के निष्पादन, होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को दवाओं तथा राशन, फल-सब्जी के आपूर्ति की व्यवस्था की बड़ी जिम्मेदारी नगर निगमों पर है। उन्होंने कोरोना संकट काल में उक्त जिम्मेदारियों के सफल निर्वहन के लिए नगरीय निकायों के पदाधिकारियों एवं अधिकारियों-कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि कोरोना की चुनौती से निपटने के लिए हम सबको बिना थके, बिना रूके सामंजस्य के साथ काम करना है। उन्होंने कहा कि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि कोरोना के मरीजों को उनके जरूरत के अनुरूप रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति अस्पतालों के माध्यम से की जाएगी। उन्होंने राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन एवं अन्य उपचारात्मक व्यवस्थाओं के संबंध में मिली शिकायत पर नाराजगी जताई और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्रीमती रेणु जी. पिल्ले को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी चिकित्सालयों में अग्निशमन की व्यवस्था की जांच-पड़ताल के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना लक्षण वाले लोगों को तत्काल दवाओं की किट प्रदाय किए जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कोरोना से संक्रमित ऐसे लोग, जो होम आइसोलेशन में रहकर उपचार करा रहे हैं, उनके परिजनों को संक्रमण से बचाने के लिए मार्गदर्शन एवं एहतियाती तौर पर आवश्यक दवाएं भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट काल में राज्य के सार्वजनिक वितरण प्रणाली उपभोक्ताओं को मई एवं जून माह का राशन एकमुश्त उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने लॉकडाउन की अवधि में राजनीतिक दल और दानदाताओं के सहयोग से जरूरतमंदों को सूखा राशन एवं गर्म भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश कलेक्टरों एवं निगम आयुक्तों को दिए। मुख्यमंत्री ने बाहर से आने वाले श्रमिकों एवं अन्य लोगों की कोरोना टेस्टिंग की व्यवस्था के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसके लिए रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडो, एवं राज्य के सीमावर्ती चेक पोस्टों पर कोरोना टेस्टिंग टीम अनिवार्य रूप से तैनात की जानी चाहिए। बिना टेस्टिंग बाहर से आने वाले को राज्य की सीमा में प्रवेश न दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि नगर निगमों को उनके प्रस्ताव के अनुसार इलेक्ट्रिक शवदाह गृह की स्थापना की मंजूरी दी जाएगी। राज्य सरकार द्वारा आगामी एक मई से राज्य में 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों को कोरोना का टीका लगाए जाने के निर्णय के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की कमेटी गठित किए जाने तथा टीकाकरण की कार्ययोजना तैयार करने के भी निर्देश दिए।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में राज्य में कुल कोरोना संक्रमितों में से 43 प्रतिशत लोग शहरी क्षेत्रों के हैं। कोरोना संक्रमितों के उपचार को लेकर सबसे ज्यादा दबाव भी शहरी क्षेत्रों में है। उन्होेंने मेडिकल कॉलेजों में आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाए जाने के संबंध में की जा रही कार्यवाही की जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्था की शिकायत के मद्देनजर वहां के अस्पताल अधीक्षक को हटाने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति एवं आरटीपीसीआर टेस्ट सेम्पल लिए जाने के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। बैठक को नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने साफ-सफाई व्यवस्था में लगे कर्मियों को सुरक्षा उपकरण जैसे मास्क, हैण्डग्लोब्स एवं अन्य संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश निगम आयुक्तों को दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार महापौर एवं पार्षद निधि से कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए दवाएं उपकरण एवं अन्य व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने गर्मी के मौसम को देखते हुए नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति तथा पीलिया की रोकथाम के लिए विशेष उपाय किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन एवं अपर मुख्य सचिव गृह श्री सुब्रत साहू ने कलेक्टरांे एवं निगम आयुक्तों को लॉकडाउन के अवधि में आवश्यक सामग्रियों की होम डिलिवरी, नगरीय क्षेत्रों में रिक्त भवनों को कोविड केयर सेंटर के रूप में स्थापित करने हेतु स्वास्थ्य विभाग को सौंपने, जरूरतमंदों को फूड पैकेट का वितरण सुनिश्चित करने के साथ ही लोगों की सहूलियत के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करने निर्देश दिए। बैठक के शुरूआती दौर में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने एक-एक कर सभी नगर निगम क्षेत्रों के महापौर, कलेक्टर एवं निगम आयुक्तों से साफ-सफाई, होम आइसोलेशन, वैक्सीनेशन, सब्जी-फल एवं राशन की सप्लाई, गरीबों एवं निराश्रितों के लिए सूखा राशन एवं भोजन की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी और नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी. भी मौजूद थी। - एजेंसीभोपाल : मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के मंडीदीप में 23 वर्ष की युवती को जैसे ही पता चला कि उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं रही तो उसने खुद का जीवन खत्म करने का निर्णय ले लिया. कोरोना संक्रमण के चलते इस युवती की मां की मौत हुई थी. परिजनों के विरोध के बावजूद युवती मल्टी की पांचवी मंजिल की बालकनी से नीचे कूदने के लिए लटक गई. घर की महिलाएं कुछ देर युवती को नीचे गिरने से बचाने के लिए संघर्ष करती रहीं लेकिन उनकी कोशिश नाकाम हुई. इन महिलाओं से युवती का हाथ छूट गया और वह जमीन पर आ गिरी.परिजन गंभीर अवस्था मे युवती को अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. यह मामला मंडीदीप के वार्ड 24 कोलार रोड स्थित हिमांशु कॉलोनी की मल्टी का है.
- एजेंसीनई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है, क्या आम और क्या खास सभी इसके चपेट में हैं। गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटों में देश में कोरोना के 3,14,835 नए केस सामने आए हैं, नए केसों के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या 1,59,30,965 हो गई है तो वहीं 24 घंटे के अंदर कोरोना 2,104 लोगों ने दम तोड़ा है, जिसके बाद मौत का आंकड़ा 1,84,657 पहुंच गया है। भारत में अब एक्टिव केस 22,91,428 हैं, जबकि 1,34,54,880 लोग ठीक होकर अस्पताल से घर जा चुके हैं।
तो वहीं देश में अब तक 13,23,30,644 हुआ। लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है। बीते 24 घंटों में 22,11,334 लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है। तो वहीं रेमडेसिविर की मांग में अचानक तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाने का आदेश फार्मा कंपनियों को दिया है। जिसके बाद अब रेमडेसिविर फार्मा निर्माताओं की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता 38 लाख शीशियों से बढ़कर प्रति माह 74 लाख शीशियां कर दी गई हैं।
तो वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कल एक बयान जारी करते हुए बताया कि भारत 13 करोड़ COVID-19 वैक्सीन की खुराक देने वाला सबसे तेज देश बन गया है। मात्र 95 दिन में भारत ने ऐसा कर दिखाया है जबकि अमेरिका को 101 और चीन ने 109 दिन लगे हैं।
100 दिनों तक चलेगी कोरोना की दूसरी लहर
इंडिया में इस वक्त कोरोना की दूसरी लहर चल रही है, एक्सपर्ट की माने तो ये लहर अगले 100 दिनों तक चलने वाली है और जब तक 70 प्रतिशत आबादी का वैक्सीनेशन नहीं हो जाता है, तब तक कोरोना की लहर लोगों को परेशानी में डालती रहेगी। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाअपने नागरिकों की जीवन रक्षा के लिए हम हरसंभव कदम उठाएंगे- मुख्यमंत्री
केंद्र सरकार से अनुरोध है कि वह पर्याप्त संख्या में वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करे
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने घोषणा की है कि छत्तीसगढ़ में 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को निशुल्क कोरोना वैक्सीन लगाया जाएगा। 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के कोरोना के टीकाकरण का भुगतान राज्य सरकार करेगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि अपने नागरिकों की जीवन रक्षा के लिए हम हरसंभव कदम उठाएंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि छत्तीसगढ़ में पर्याप्त संख्या में वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कोविड टीकाकरण के लिए पात्र सभी हितग्राहियों से अपील भी की है कि उन्होंने अगर अब तक टीकाकरण नहीं कराया है तो ज़रूर करा लें, जिससे वे संक्रमण से होने वाली गम्भीर बीमारी से बच सकें।
उल्लेखनीय है कि 45 वर्ष से अधिक आयु समूह को कोविड 19 वैक्सीन की प्रथम डोज़ देने में छत्तीसगढ़ राज्य का स्थान पूरे देश में चौथा है। यदि साठ वर्ष और उससे अधिक आयुवर्ग की बात करें तो छत्तीसगढ़ पूरे देश में लद्दाख, राजस्थान, सिक्किम और त्रिपुरा के बाद पाँचवें स्थान पर है। 88 प्रतिशत हेल्थ केयर वर्कर, 92 प्रतिशत फ्रंट लाइन वर्कर को भी वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है ।छत्तीसगढ़ में अब तक 51 लाख 25 हज़ार 640 कोरोना वैक्सीन की डोज़ का उपयोग किया गया है। प्रदेश में अब तक पहला और दूसरा डोज मिलाकर कुल 50 लाख 55 हजार 698 डोज लगाए जा चुके हैं।
- एजेंसीनई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस की रफ्तार बेकाबू हो गई है। फिलहाल इसमें कमी के कोई आसार नजर नहीं आ रहे है। संक्रमण के नए मामले बेहद तेज गति से तो बढ़ ही रहे हैं, इसके साथ ही मरने वालों की संख्या में भी बेहिसाब इजाफा देखने को मिल रहा है। बीते एक दिन में कोरोना संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक 2.95 लाख से अधिक नए मामले आए हैं और इस दौरान 2 हजार से अधिक लोगों की जान गई है। ज्यादातर नए मामले 10 राज्यों में ही पाए गए हैं। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में संक्रमण की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। सबसे ज्यादा इन्हीं राज्यों में नए मामले पाए गए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण से रिकॉर्ड 2023 लोगों की मौत हुई है और 2 लाख 95 हजार से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद देश में कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,56,16,130 हो गई है। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 21,57,538 है और कुल ठीक हुए मरीजों की संख्या 1,32,76,039 पहुंच गई है।
मृत्युदर में लगातार गिरावट
कोरोना महामारी के चलते अब तक 1,82,553 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि, रिकॉर्ड मौतों के बावजूद मृत्युदर में लगातार गिरावट आ रही है और वर्तमान में यह 1.17 फीसद पर है। विशेषज्ञों का भी कहना है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर संक्रामक ज्यादा घातक कम है यानी इसमें संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है, लेकिन उनके अनुपात में मौतें कम हो रही हैं। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
वेंटिलेटर, आईसीयू और ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता सुनिश्चित कर पीड़ितों के की बेहतर इलाज का प्रबंध
कलेक्टर के माध्यम से जिलों को उपलब्ध कराए जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन
मुख्यमंत्री ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करने प्रदेशवासियों से की अपील
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में कोरोना जांच की संख्या में वृद्धि, मरीजों के त्वरित इलाज और वैक्सीनेशन के जरिए कोरोना नियंत्रण के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में कोरोना गाइडलाइन का पालन के साथ ही कंटेन्मेंट जोन और लॉकडाउन के माध्यम से भी कोरोना के प्रसार को रोकने की पहल की जा रही है। इन सब प्रयासों से प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी आई है। कोरोना पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा जिला एवं विकासखण्ड स्तर में स्थित कोविड केयर सेंटरों में वेंटिलेटर, आईसीयू और ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके अतिरिक्त कलेक्टरों के माध्यम से मरीजों को प्राथमिकता के तौर पर रेमडेसिविर इंजेक्शन एवं आवश्यक दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही है।
कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने तथा पीड़ितों के त्वरित इलाज के लिए आवश्यकता अनुसार उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर और आइसोलेशन केेन्द्र में रखने की व्यवस्था भी की गई है। जांजगीर-चांपा जिले में गत दिवस डॉक्टरों के बेहतर इलाज और जिला प्रशासन की बेहतर प्रबंधन के कारण होम आइसोलेशन में कोरोना का इलाज करा करे 425 मरीजों ने कोरोना का हराया है। यह जिले और प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है जो कोरोना को हराने में उम्मीद की जगाता है।
जिले में कलेक्टर की देख-रेख में कोविड अस्पतालों और कोविड केयर सेंटरों में समुचित प्रबंध किए गए हैं। इसके लिए जिला अस्पताल परिसर जांजगीर-चांपा में एसईटीसी में 9 बेड आईसीयू के और 71 बेड ऑक्सीजन युक्त हैं। इसके अलावा 12 कोविड केयर सेंटर्स में 1220 बेड की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। कोविड केयर सेंटर्स के 114 बेड में ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है। समुचित इलाज के फल स्वरुप अस्पताल में भर्ती मरीज तथा चिकित्सकों की निगरानी में उपचार करवा रहे होम आइसोलेशन के 425 मरीज आज पूरी तरह स्वस्थ्य हो गए। इसी प्रकार जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ अनुविभाग के एसडीएम श्री करूण डहरिया ने जनसहयोग के माध्यम से कोविड केयर सेंटर खोलने का प्रसंशनीय पहल की है, इसके लिए उन्होंने अपने एक माह का वेतन देने की घोषणा की है। उन्होंने 50 बेड सर्वसुविधायुक्त कोविड केयर सेंटर तैयार करने के लिए समाज सेवी व आम नागरिकों से भी सहयोग करने की अपील की है।
कबीरधाम (कवर्धा) जिले में कोरोना संक्रमण को रोकने तथा पीड़ितों की इलाज के लिए आवश्यक अन्य व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सा दलों और जिला प्रशासन द्वारा बेहतर प्रबंधन भी किया जा रहा है। जरूरतमंदों को प्राथमिकता के तौर पर ऑक्सीजन बेड उपलब्ध कराने के लिए 82 बेड से बढ़ाकर 98 बेड किया गया है। वहीं साधारण बेड 140 से बढ़ाकर 300 बेड किया गया है। इस दिशा में पहल करते हुए जिले के प्रभारी मंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा 85 ऑक्सीजनयुक्त बेड उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा कोविड सेंटरों में 172 रेमडेसिविर इंजेक्शन भी भेजा गया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महासमुंद - महासमुंद ज़िले में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और कोविड मरीज़ों को त्वरित और बेहतर उपचार के लिए अब सरकारी अस्पताल के साथ महासमुंद ज़िले के निजी अस्पतालों में ईलाज किया जा रहा है। आज ज़िला प्रशासन द्वारा महासमुंद के आदित्य हॉस्पिटल को कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए प्रशासन द्वारा अनुमति दी गई। अब ज़िले में कोविड का करने वाले निजी अस्पतालों की संख्या 4 हो गई है ।
इससे पहले कल शुक्रवार को महासमुंद ज़िले के तीन निजी अस्पतालों आरएलसी हॉस्पिटल महासमुंद और जैन हॉस्पिटल महासमुंद के साथ ही भारती हॉस्पिटल सरायपाली में कोविड मरीज़ों का ईलाज की अनुमति दी गई थी। इन चारो निजी अस्पतालों में आक्सीजन बेड की सुविधा के साथ अन्य ज़रूरी सुविधाएँ है ।कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने बताया की ज़िले के अन्य निजी अस्पतालों से भी सहमति ली जा रही है। ताकि कोविड के मरीज़ों को तुरंत ईलाज की सुविधा मिल सकें। उन्होंने कहा कि फ़िलहाल सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में कोरोना का ईलाज हो रहा है। सरकारी अस्पतालों में इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। वहीं निजी अस्पतालों में सरकार की तय गाइडलाइन के मुताबिक कोविड ट्रीटमेंट (covid 19 treatment cost in chhattisgarh) फीस ली जाएगी । -
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बेवजह घरों से निकलने पर होगी सख्त कार्रवाई, सभी शासकीय कार्यालय भी रहेंगे बंदसब्जी और राशन दुकानें भी रहेगी बंद, अस्पताल-क्लीनिक तथा कोविड वैक्सीनेशन रहेगी चालूकोरबा -देश-प्रदेश सहित कोरबा जिले में भी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिये 12 अप्रैल दोपहर तीन बजे से 22 अप्रैल रात्रि 12 बजे तक पूरे जिले में सख्त लाॅकडाउन रहेगा। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इस संबंध में जरूरी निर्देश जारी किये हैं और जिले वासियों से लाॅकडाउन को सफल बनाकर कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने में प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है। लाॅकडाउन की इस अवधि में कोरबा जिले की सभी सीमायें पूरी तरह से सील रहेंगी। केवल मेडिकल दुकानों को अपने निर्धारित समय में खुलने की अनुमति होगी। मेडिकल दुकान संचालकों द्वारा मरीजों के लिए दवाओं की होम डिलीवरी को प्राथमिकता देना होगा। जिले के प्रवेश तथा निकास स्थलों पर बैरियर लगाकर सघन चेकिंग की जाएगी। आपातकालीन परिस्थितियों में जिले से बाहर आने जाने वाले लोगों को ई-पास के माध्यम से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। प्रतियोगी तथा अन्य परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों के लिए उनका एडमिट कार्ड और रेलवे, टेलिकाॅम संचालक, हाॅस्पिटल या कोविड-19 ड्यूटी में संलग्न कर्मचारियों के लिये नियोक्ता द्वारा जारी आईडी कार्ड को भी ई-पास के रूप में मान्य किया गया है। अस्पताल एवं एटीएम पहले की तरह संचालित होती रहेगी।कोविड वैक्सीनेशन के लिए जाने की रहेगी अनुमति - कोविड-19 टीकाकरण के लिए पंजीयन, कोविड-19 जांच के लिए मेडिकल दस्तावेज, आधार कार्ड या विधि मान्य परिचय पत्र दिखाने पर टीकाकरण केन्द्र, अस्पताल एवं पैथोलाॅजी लैब आने-जाने की अनुमति होगी। लाॅकडाउन के दौरान समस्त हाॅस्पिटल, क्लीनिक तथा मेडिकल संबंधित व्यवसाय को अपने निर्धारित समय में कोविड-19 के प्रोटोकाॅल का पालन करते हुये खुलने की अनुमति रहेगी। कोविड संक्रमण के रोकथाम के लिए जिले में समस्त कार्य जैसे काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग, एक्टिव सर्विलेंस, होम आईसोलेशन एवं दवाई वितरण पहले की तरह जारी रहेंगे। इन कार्यों में संलग्न सभी शासकीय कर्मचारियों की उपस्थिति पूर्वानुसार अनिवार्य होगी। कोविड केयर सेंटर से डिस्चार्ज होने वाले मरीजों के परिवहन में लगे हुए वाहन पहले की तरह संचालित होंगे।[10/04, 18:41] Nagesh DPR: कार्यालय रहेंगे बंद, घर से काम करेंगे कर्मचारी- जिले के सभी केन्द्रीय, शासकीय, अर्द्धशासकीय और अशासकीय, सार्वजनिक एवं बैंक कार्यालय लाॅकडाउन की अवधि में बंद रहेंगे। टेलिकाॅम, रेलवे संचालन एवं रखरखाव से जुड़े कार्यालय वर्कशाॅप, रेक पाॅइंट पर लोडिंग-अनलोडिंग का कार्य खाद्य सामग्री के थोक परिवहन, धान मिलिंग के लिए परिवहन संचालित होंगे। शासन से अनुमति प्राप्त समस्त परीक्षाओं को छोेड़कर अन्य सभी शैक्षणिक गतिविधियां बंद रहेंगी। सभी पदाधिकारी और कर्मी अपने घरों से कार्यालयीन कार्यों का निष्पादन करेंगे। किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं होगी। कलेक्टोरेट, एसपी आफिस, एडीएम कार्यालय, एडिशनल एसपी कार्यालय, डीएसपी कार्यालय, कोषालय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय, सभी ब्लाक चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, सभी एसडीएम आफिस, तहसील एवं पुलिस थाना तथा चैकियां इस प्रतिबंध से अलग रहेंगी। परंतु इन कार्यालयों में आम जनता का प्रवेश निषिद्ध होगा। विद्युत, पेयजल आपूर्ति एवं नगर पालिका सेवाओं अंतर्गत सफाई, सिवरेज एवं कचरे का डिस्पोज तथा अग्निशमन सेवाओं के संचालन के लिए संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों को कार्यालय संचालन एवं आवागमन की अनुमति रहेगी।इन वाहनों को ही मिलेगा पेट्रोल पंपो पर ईंधन - पेट्रोल पंप संचालकों द्वारा पेट्रोल पंपों में केवल शासकीय वाहनों, शासकीय कार्य में प्रयुक्त वाहन तथा मेडिकल एमरजेंसी के निजी वाहन या एम्बुलेंस, एलपीजी परिवहन कार्य में प्रयुक्त वाहन, आपात स्थिति में यात्रियों को रेलवे स्टेशन जाने वाले वाहन, एटीएम कैश वैन, कोल एवं एल्युमिनियम परिवहन में प्रयुक्त वाहन, एडमिट कार्ड-काॅल लेटर दिखाने पर परीक्षार्थी एवं उनके अभिभावक, छत्तीसगढ़ में नहीं रूकने वाली एक राज्य से सीधे दूसरे राज्य जाने वाले वाहनों को, अंतर्राज्यीय बस स्टैण्ड से संचालित ऑटो, टैक्सी, ई-पास धारित करने वाले वाहन, परिचय पत्र दिखाने पर मीडिया कर्मी, प्रेस वाहन, न्यूज पेपर हाॅकर एवं दूध वाहनों को ही पेट्रोल-डीजल प्रदान किया जायेगा। अति आवश्यक कोल परिवहन से संबंधित वाहनों के लिए नगरीय निकाय सीमा क्षेत्र के बाहर स्थित ऑटोमोबाइल रिपेयर शाॅप, ऑटो पाट्र्स, गैरेज, टायर पंचर की दुकानें तथा ढाबा-रेस्टोरेंट (केवल टेक अवे) सीमित संख्या में संबंधित एसडीएम की पूर्वानुमति सेे संचालित हो सकेगी। -
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कोरबा जिले में आज मिले 429 कोरोना संक्रमित 248 पुरुष और 181 महिलाएं शामिलकोरबा शहर में 160, कटघोरा शहर में 119, कटघोरा ग्रामीण इलाकों में 99 संक्रमितों की पहचानकोरबा। शनिवार को कोरबा जिले में 429 नए संक्रमितों के साथ कोरोना का आंकड़ा कुछ कम हुआ। 248 पुरुष और 181 महिलाओं के साथ करतला ब्लाक से 8, कटघोरा ब्लाक ग्रामीण से 99, शहर से 119, कोरबा ब्लाक ग्रामीण से 12, शहर से 160, पाली ब्लाक से 17 व पोड़ीउपरोड़ा ब्लाक से 14 संक्रमित मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोरबा के 8 मरीजों ने दम तोड़ा। इनमें से 5 ने कोविड अस्पताल, एक ने बिलासपुर, एक ने रायपुर और एक मरीज ने घर से अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ा है।करतला ब्लॉक के ग्राम घिनारा, जर्वे मड़वारानी, बरपाली, नवाडीह से संक्रमित मिले हैं। कटघोरा ब्लाक के बांकी साइड, बांकीमोंगरा, यमुना विहार, परममित्र नगर, कावेरी विहार, अभयपुर बस्ती, आनंदनगर, अटल आवास लाटा, अयोध्यापुरी, कुसमुण्डा, आदर्श नगर, प्रगतिनगर, सीएमपीडीआई, परममित्र नगर, ऊर्जानगर, कृष्णा विहार, बल्गी प्रोजेक्ट, सुराकछार, बांकी नं.-2, भिलाईबाजार, एचटीपीएस कालोनी, चाकाबुड़ा, छिंदपुर, चुनचुनी, सीआईएसएफ फायर कालोनी, दर्रीपारा, डबरीपारा कटईनार, दर्री बस्ती, धनगांव, ढेलवाडीह, ढेलवाडीह कालोनी, डुडगा, कैलाश विहार, गोपालपुर, यमुना विहार, हुंकरा, जेल कालोनी, जेंजरा, झाबर दीपका, झाबू, कटघोरा वार्ड-1, 3, 8, 4, कटघोरा तहसील, खोड्डल, कुमगरी, सुमेधा, महेशपुर, आजाद चौक दीपका, साडा जमनीपाली, मोहनपुर, नागिनभाठा, मुढ़ाली, नगोईखार दर्री, नवोदय छुरी, केन्द्रीय विद्यालय-4 गोपालपुर, नेहरूनगर, कुसमुंडा, नर्मदा विहार, पानी टंकी गायत्री मंदिर बांकी, सैनिक माइनिंग दीपका, सलिहाभांठा, सरईसिंगार, शक्ती चौक बांकी, भिलाईबाजार उपकेन्द्र, वैशालीनगर, कोरबा ब्लाक के बालकोनगर कालोनी, सीएसईबी पूर्व कालोनी, अग्रोहा मार्ग, आनंदम अपार्टमेंट, एसएस ग्रीन, भदरापारा, बनखेता कोरकोमा, बरमपुर सर्वमंगलानगर, बेंदरकोना, भिलाईखुर्द, सीएसईबी कालोनी, ढोढ़ीपारा, दोंदरो, एमपी नगर, हाउसिंग बोर्ड रामपुर व बालको, जीईटी हास्टल, गोकुलनगर, आईटीआई रामपुर, खरमोरा, कोहड़िया, कोरबा शहर, निहारिका, पताढ़ी, कोरकोमा, कृष्णानगर, कोसाबाड़ी, कुदरीखार, कुरूडीह, लालूराम कालोनी, लैंको, शारदा विहार, शिवाजी नगर, अग्रोहा मार्ग, मधु स्वीट गली, सीतामणी, सुभाष चौक, मिशन रोड, मुड़ापार कार एवेन्यू, पथर्रीपारा, नेहरूनगर, पुरानी बस्ती, रानी रोड, आरपी नगर, राजस्व कालोनी, आरएसएस नगर, रामनगर, रामसागरपारा, राताखार, रिस्दी, रूकबहरी, साडा कालोनी, सर्वमंगला नगर, एसईसीएल, टीपी नगर, तिलकेजा, उरगा, बांधाखार, पाली ब्लाक के ग्राम बांधाखार, हरदीबाजार, जरमहुआ, मुनगाडीह, केराझरिया, नवापारा, पहाड़ जमड़ी, वार्ड 3, 11, पुलालीकला, पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के घुमानीडांड, केंदई मोरगा, कोरबी, सरमा, सिरकीखुर्द व सुतर्रा अटल चौक से सभी संक्रमित मिले हैं। -
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कलेक्टर श्रीमती कौशल ने दिये निर्देश, प्रशासनिक अधिकारी करेंगे सतत् निगरानीकोरबा 10 अप्रैल 2021/कोरोना वायरस के फैलाव से बदलते माहौल के बीच जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चावल-दाल जैसी राशन सामग्रियों और सब्जियों के दाम बढ़ने तथा उनकी कालाबाजारी एवं जमाखोरी की अपुष्ट खबरों को कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने गम्भीरता से लिया है। उन्होंने लाॅकडाउन के पहले दो दिन किसी भी परिस्थिति में अति आवश्यक चीजों को, सामान्य दिनों के दामों से अधिक दाम पर नहीं बेचने की अपील दुकानदारों से की है। कलेक्टर ने कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ाई में सभी व्यापारियों से अपना सहयोग देने की अपील की है और राशन, सब्जियों आदि की कालाबाजारी तथा जमाखोरी नहीं करने को कहा है। श्रीमती कौशल ने सभी व्यापारियों और राशन दुकानों में उपलब्ध सामग्रियों का स्टाॅक निरीक्षण करने के निर्देश प्रशासनिक अधिकारियों को दिये हैं। श्रीमती कौशल ने तहसीलदारों एवं पटवारियों को निर्देशित किया है कि लाॅकडाउन के पहले दो दिन ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में आलू-प्याज, तेल, दाल, चावल, दूध, सब्जी, नमक आदि जरूरी खाद्य सामग्री उचित दामों पर ही मिलना सुनिश्चित करें। किसी भी दुकानदार द्वारा अधिक दाम में चीजों की बिक्री की सूचना मिलने पर संबंधित विक्रेता के विरूद्ध विधिसम्मत प्रकरण तैयार कर कार्यवाही सुनिश्चित करें। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने यह भी निर्देश दिये हैं कि यदि कोई दुकानदार, संस्थान आवष्यक वस्तुओं को एमआरपी से अधिक दाम में बेचते हुये पाया जाता हैं तो उसके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता 1860 के तहत् कड़ी कानूनी कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये हैं कि आने वाले दो दिन तथा लाॅकडाउन के दौरान भी किसी भी माध्यम से प्राप्त शिकायत, फीडबैक पर त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें तथा व्हाट्सअप के माध्यम से नियमित रिपोर्टिंग भी करें।कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने दवाई, फल, सब्जी, राशन, दूध, पशु चारा सही दाम पर तथा आवश्यक मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित कराने और इसकी निगरानी के लिए प्रशासनिक अधिकारियों एवं सेक्टर ऑफिसर्स को जिम्मेदारी दी है। अगले दो दिन अधिकारी कोरबा जिले के सम्पूर्ण नगरीय क्षेत्रों के साथ-साथ जिले के पाॅंचों तहसीलों में भी आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी रोकने हेतु आवश्यकतानुसार क्षेत्रों का भ्रमण करके सघन निगरानी करेंगे। हर दिन दुकानों पर जाकर आवश्यक वस्तु-सामग्रीयों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) और स्टाॅक की जानकारी लेंगे। ग्राहकों से भी रेट और सामग्री की क्वालिटी के बारे में फीड बैक भी लेंगे।कलेक्टर बोली: सभी करें सहयोग, जरूरत अनुसार ही खरीदें सामग्री- संपूर्ण जिले में 12 अप्रैल से लागू लाॅकडाउन को देखते हुए कलेक्टर ने साफ कहा है कि अगले दो दिन लोगों की दैनिक उपयोग की चीजों वाली राशन और किराना दुकानें निर्धारित समय पर ही खुले व बंद की जाए। कलेक्टर ने कहा कि लोग बिना किसी घबराहट और शंका-आशंकाओं के अपने घरों में रहें, स्वयं को साफ और स्वस्थ रखें। सामानों की अतिरिक्त खरीदी के लिये दुकानों में भीड़ न लगायें और न ही अतिरिक्त सामान खरीदकर घरों में जमा करें, ताकि बाजार में जरूरी सामान की कमीं न हो। और दूसरे लोगो को सामान आसानी से सामान्य कीमत पर मिल सके। कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि वे अपनी जरूरतों के हिसाब से ही राशन और खाने-पीने की सामग्री खरीदें तथा घरों में रखें। अगले दो दिन भी जरूरत पड़ने पर ही दुकानों पर जायें और सामान खरीदकर लायें। उन्होने कहा कि जिला वासियों को राशन और खाने-पीने की चीजें, दवाईयां आदि अति जरूरी सामान उपलब्ध कराने के लिये सभी जरूरी इंतजाम प्रशासन द्वारा किये गए हैं। जिले में कोविड नियंत्रण को लेकर प्रशासन सजग है तथा सभी लोगों से प्रशासन के सहयोग की अपेक्षा है। -
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श्री भूपेश बघेल : छत्तीसगढ़ के नये बजट में सभी वर्ग के लोगों का हित शामिल
जन-जन का विकास हमारा मुख्य ध्येयराजीव गांधी किसान न्याय योजना के नए बजट में 5 हजार 703 करोड़ रूपए का प्रावधान
भूमिहीन श्रमिकों को नियमित आय से जोड़ने नवीन न्याय योजना
कौशल्या मातृत्व योजना का लाभ 24 हजार प्रसूता बहनों को मिलेगा
गोधन न्याय योजना में हितग्राहियों को 90 करोड़ रुपए का भुगतान
गौठान योजना के लिए बजट में 175 करोड़ रूपए का प्रावधान
स्व-सहायता समूहों ने वर्मी खाद उत्पादन तथा बिक्री, गोबर दीया निर्माण आदि कार्यों से अर्जित की लगभग 950 करोड़ रूपए की आय
किसानों को 5 हजार 900 करोड़ रूपए के ब्याज मुक्त ऋण वितरण का लक्ष्य
कोरोना से निजात पाने सबको पूरी गंभीरता से करने होंगे सुरक्षा के उपाय
किसानों को रियायती तथा निःशुल्क बिजली देने 2500 करोड़ रूपए का प्रावधान
35 हजार लंबित सिंचाई पम्पों को बिजली कनेक्शन देने करीब 350 करोड़ रूपए का प्रावधान
तेलघानी विकास बोर्ड, चर्म शिल्पकार विकास बोर्ड, लौह शिल्पकार विकास बोर्ड तथा रजककार विकास बोर्ड के माध्यम से उठाए जाएंगे परंपरागत कर्मकारों के कल्याण के कदम
रायपुर, 11 अप्रैल 2021
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लोकवाणी की 17वीं कड़ी में कहा कि छत्तीसगढ़ का बजट न्याय की अवधारणा को आगे बढ़ाने वाला है। इसमें कोरोना काल के सबक ग्लोबल इंसानियत तथा लोकल संसाधनों से स्थानीय लोगों के सशक्तीकरण पर जोर दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ‘नया बजट-नए लक्ष्य’ विषय पर श्रोताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में इस वर्ष सभी वर्ग के लोगों के हित को ध्यान में रखकर बजट पेश किया गया है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना का उद्देश्य प्रदेश में विभिन्न फसल लेने वाले किसान भाइयों को किसी न किसी तरीके से सशक्त बनाना है। पहले साल हमने 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान का भुगतान किया। दूसरे साल समर्थन मूल्य पर खरीदी के नियम के अनुसार समर्थन मूल्य का भुगतान किया और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से धान, मक्का, गन्ना आदि फसल लेने वाले लगभग 19 लाख किसानों को 5 हजार 628 करोड़ का भुगतान किया गया। इस साल हमने 20 लाख 53 हजार किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की है, जो प्रदेश के इतिहास में धान खरीदी का सबसे बड़ा कीर्तिमान है। इस वर्ष भी हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को नगद सहायता देने के लिए 5 हजार 703 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा है।इसके अलावा चिराग योजना के तहत 7 आदिवासी बहुल जिलों और मुंगेली जिले के 14 विकासखण्डों में पोषण सुरक्षा व किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए 150 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा गया है। किसानों को बिना ब्याज ऋण देने के लिए इतिहास में सबसे बड़ा लक्ष्य 5 हजार 900 करोड़ रूपए ऋण वितरण का रखा है, जिसके लिए बजट प्रावधान किया गया है। किसानों को रियायती तथा निःशुल्क बिजली देने के लिए 2 हजार 500 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। वहीं सिंचाई पम्पों के ऊर्जीकरण पर लगभग 1000 करोड़ रूपए खर्च होंगे। सोलर पम्पों के लिए 530 करोड़ रूपए का प्रावधान है तो लगभग 35 हजार लंबित सिंचाई पम्प कनेक्शन देने का काम भी पूर्ण किया जाएगा, जिसमें करीब 350 करोड़ रूपए खर्च होंगे। उद्यानिकी फसलों के विकास के लिए अनुदान सहायता पर 495 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। किसानों की जेब में जो पैसा डाला जा रहा है, वह उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलम्बन और खुशहाली में लगे। इस तरह किसानों की आय बढ़ाने, खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए हमारी सरकार कृत-संकल्पित है।
भूमिहीन श्रमिकों को नियमित आय से जोड़ने नवीन न्याय योजना
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि ग्रामीण कृषि भूमिहीन श्रमिकों की सहायता हेतु नवीन न्याय योजना का उद्देश्य भूमिहीन श्रमिकों को नियमित आय सुनिश्चित करना है। हमने न्याय को जरूरतमंद तबकों की आय से जोड़ा है क्योंकि एक निश्चित आय मिलने से ही किसी व्यक्ति का जीवन संवारा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना अंतर्गत 2 रूपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदने का काम जारी रहेगा। गोबर खरीदी पर हमने राज्य सरकार की तरफ से हालांकि लगभग 90 करोड़ रूपए का भुगतान किया है, लेकिन मुझे यह कहते हुए खुशी है कि गौठानों के माध्यम से स्व-सहायता समूहों ने वर्मी खाद उत्पादन तथा बिक्री, गोबर दीया निर्माण आदि कार्यों से लगभग 950 करोड़ रूपए की आय प्राप्त की है। वैसे तो हमारा प्रयास है कि स्वावलम्बी गौठानों का विकास तेजी से हो, लेकिन गौठान योजना के लिए बजट में 175 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है, जिससे गौठानों की गतिविधियां बेहतर ढंग से संचालित होती रहें।
मुख्यमंत्री ने बीजापुर में नक्सली हिंसा में शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बीजापुर में नक्सली हिंसा में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि यह घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटना में सीआरपीएफ तथा राज्य पुलिस बल के हमारे साथी हताहत हुए हैं। जिन वीर जवानों की शहादत हुई है, उन्हें मैं अपनी ओर से तथा राज्य की 2 करोड़ 80 लाख जनता की ओर से सादर श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। हमारे सुरक्षा बल के जवान बहुत ही बहादुरी के साथ नक्सलवादियों से लड़े और वीर गति को प्राप्त हुए। हमारा संकल्प है कि इन अमर शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्ति दिलाने के लिए भारत सरकार की मदद से निर्णायक अभियान जारी रखा जाएगा। मैं आप सबसे अपील करता हूं कि नक्सलवादी हिंसा में शहीद हुए हमारे वीर जवानों के परिवारों के दुःख में सहभागी बनें। राज्य सरकार ने प्रत्येक शहीद के परिवार को 80 लाख रूपए की आर्थिक सहायता तथा उनके आश्रितों को नौकरी दिलाने की पहल की है। यह कर्त्तव्य निर्वाह का एक छोटा सा प्रयास है। हम महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के रास्ते पर विश्वास करते हैं। लोकतांत्रिक मूल्यों, सिद्धांतों और तौर तरीकों पर विश्वास करते हैं। नक्सलवादी हिंसा के खिलाफ लड़ाई में आप सबके सहयोग और समर्थन की अपील करता हूं।
वैश्विक महामारी से निपटने संयम, धीरज, सावधानी तथा कड़े सुरक्षा उपायों की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना या कोविड-19 की दूसरी लहर के देश-दुनिया और प्रदेश में बढ़ते प्रकोप के विषय में मेरा मानना है कि इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए हमें बहुत संयम, धीरज, सावधानी तथा कड़े सुरक्षा उपायों की जरूरत है। राज्य सरकार द्वारा स्थिति का मुकाबला करने के लिए जांच, उपचार, टीकाकरण तथा जागरूकता अभियान चलाने जैसी सारी व्यवस्थाएं की गई हैं। सावधानी बरतने में कोताही करने से न सिर्फ व्यक्ति बल्कि उसका परिवार और उसके संपर्क में आने वाले अनेक लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हो जाते हैं। इसलिए मैं आप सबसे अपील करता हूं कि जितना अधिक संभव हो उतना अधिक घर पर रहें। अलग-अलग जिलों में जिस तरह से नियंत्रण के प्रयास जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे हैं, उसमें सहयोग प्रदान करें। पात्रता के अनुसार टीका लगाने में किसी भी तरह का भ्रम नहीं रखें। बिल्कुल स्पष्ट मानें कि टीकाकरण एक सुरक्षित उपाय है और पात्रता अनुसार सभी को अनिवार्य रूप से टीका लगवाना है। जिन्होंने पहला डोज ले लिया है, वे दूसरे डोज का ध्यान रखें और किसी भी स्थिति में दूसरे डोज की अवहेलना न करें। टीका लगाने से संक्रमण की तीव्रता तथा क्षति में कमी आती है, पर पूर्ण स्वस्थ रहने के लिए टीका लगाने के बाद भी सुरक्षा उपायों का पालन करते रहें। मास्क लगाना, साबुन-पानी से बार-बार हाथ धोना, हाथों को सेनेटाइजर से साफ करना, अपनी निजी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए डॉक्टरों के परामर्श से विटामिन-सी, विटामिन-डी, जिंक का उपयोग, गर्म पानी के गरारे करना, भाप लेना आदि उपाय करते रहें। भीड़ में जाने से बचें अर्थात फिजिकल डिस्टेनसिंग नियमों का पालन करें। विभिन्न समाजों तथा संगठनों के प्रमुख लोगों, विशेषज्ञों से परामर्श के बाद जिला प्रशासन द्वारा अपने-अपने जिलों में लॉकडाउन की कार्यवाही की जा रही है। स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा जो भी उपाय किए जा रहे है, वे सब आपकी सुरक्षा के लिए हैं। इन सभी उपायों को पूरी गंभीरता के साथ अपनाएं। पिछले दौर में आपने देखा है कि आप सबके सहयोग तथा सुरक्षा उपायों को अपनाने से कोरोना संक्रमण में काफी हद तक कमी आई थी। हम सब मिलकर एक बार फिर पूरी गंभीरता से सुरक्षा के उपाय करें तो हम फिर कोरोना से निजात पा सकते हैं। यह समय किसी भी तरह से दहशत अथवा गलत जानकारी फैलाने का नहीं है बल्कि समझदारी से मानवता की सेवा करने का है। आप अपना ध्यान रखकर बेहतर तरीके से यह काम कर सकते हैं। मुझे विश्वास है कि आपका पूरा सहयोग मिलेगा।लोकवाणी में अनेक श्रोताओं ने नए बजट में किए गए प्रावधानों को काफी महत्वपूर्ण बताया। श्रोताओं ने मुख्यमंत्री धरसा योजना, 11 नई तहसील, 5 एसडीएम ऑफिस खोलने, 3 नए मेडिकल कॉलेज, 6 नवीन महाविद्यालय एवं बस्तर संभाग के सभी जिलों में बस्तर टाइगर के नाम से विशिष्ट पुलिस बल का गठन, छात्रावास आश्रमों में महिला एवं गार्ड की भर्ती, स्वच्छता दीदीयों का मानदेय बढ़ाकर 6000 करने, मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा देने के प्रावधानों के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। रायपुर के बुलाकी वर्मा ने कहा कि जब से प्रदेश में आपकी सरकार बनी है, तब से हम किसान भाई और हमारे परिवार के सदस्य चिंतामुक्त हो गए हैं। आर्थिक मंदी और कोरोना संकट के दौर में भी आपने जिस तरह से हम किसानों को आर्थिक सहायता दी वह बहुत साहस का काम था, इसके लिए आपको साधुवाद।आदिवासी समाज सहित परंपरागत वन निवासियों को भी उनके अधिकार दिलाने का सिलसिला शुरू
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में बदलाव की सबसे बड़ी जरूरत वहां के लोगों के स्वाभिमान को वापस लौटाने व स्वावलम्बन दिलाने की थी। आदिवासी समाज की जिंदगी को समझने की थी। सारे संसाधन उनके आसपास होते हुए भी उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। जिसकी शुरूआत हमने की। दो साल पहले तक मात्र 7 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर होती थी। हमने उसे बढ़ाकर 52 तक पहुंचा दिया। तेंदूपत्ता संग्रहण को उनकी आय का मुख्य जरिया बताया जाता था। लेकिन वर्ष 2018 तक मात्र 2500 रू. प्रति मानक बोरा मजदूरी दी जाती थी। हमने आते ही इसे बढ़ाकर 4 हजार प्रति मानक बोरा कर दिया। बहुत बड़े पैमाने पर वन अधिकारों के दावे खारिज करते हुए बहुत बड़ी आबादी को बहुत बुनियादी अधिकारों से वंचित किया गया था। हमने निरस्त दावों की समीक्षा कराई और बहुत बड़े पैमाने पर वन अधिकार पट्टे दिए। इस तरह आदिवासी समाज ही नहीं बल्कि परंपरागत वन निवासियों को भी उनके अधिकार दिलाने का सिलसिला शुरू हुआ। हमने वनों की तरह ही ग्रामीण अंचलों में भी परंपरागत रोजगार के अवसरों को बढ़ावा दिया। हमने दो सालों में एक ऐसी संरचना बना ली है, जिससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी सहित आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को तत्काल सहायता मिले। उनकी जेब में नकद राशि जाए, जो उनकी क्रय शक्ति के साथ उनका स्वावलम्बन बढ़ाए। साथ ही उनके भीतर उद्यमशीलता का विकास करे। हमारे प्रदेश में विभिन्न प्रकार के खाद्यान्न, वनोपज तथा हाथ की कला से बहुत ही उम्दा, वस्तुएं बनाने की परिपाटी है। परंपरागत ज्ञान के रूप में ये चीजें आज भी जनमानस में है जिसे बढ़ाने के लिए हमने कुछ नए फैसले लिए हैं।
नए बजट में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना का प्रावधान
शहरी क्षेत्रों में पौनी-पसारी योजना की तर्ज पर एक कदम और आगे बढ़ते हुए अब ग्रामीण क्षेत्रों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना का प्रावधान नए बजट में किया गया है। छत्तीसगढ़ के स्थानीय कृषि उत्पादों जैसे ढेकी का कूटा चावल, घानी से निकला खाद्य तेल, कोदो, कुटकी, मक्का से लेकर सभी तरह की दलहन फसलें, विविध वनोपज जैसे इमली, महुआ, हर्रा, बहेरा, आंवला, शहद एवं फूलझाडू इत्यादि व वनोपज से निर्मित उत्पाद तथा टेराकोटा, बेलमेटल, बांसशिल्प, चर्मशिल्प, लौहशिल्प, कोसा सिल्क तथा छत्तीसगढ़ी व्यंजनों जैसी सभी सामग्रियों को एक ही छत के नीचे विपणन की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके लिए राज्य एवं राज्य के बाहर सी-मार्ट स्टोर की स्थापना की जाएगी, जो विशिष्ट छत्तीसगढ़ी ब्राण्ड के रूप में मशहूर होंगे। योजना के माध्यम से स्थानीय उत्पादकों को अधिक लाभांश दिलाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वनोपज क्रय करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ प्रथममुख्यमंत्री ने कहा कि चालू सीजन के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 112 करोड़ की लागत के 4 लाख 74 हजार क्विंटल लघु वनोपज का संग्रहण किया गया है। ट्राईफेड नई दिल्ली द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वनोपज क्रय करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ का प्रथम स्थान है। नए बजट में हमने घोषित किया है कि राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में कोदो, कुटकी एवं रागी को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अन्य लघु वनोपज की भांति उपार्जित किया जाएगा। इसके अलावा 12 लाख 50 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को आकस्मिक मृत्यु अथवा दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षा प्रदान करने के लिए ‘शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना’ प्रारंभ की गई है। वर्ष 2021-22 के बजट में इस हेतु 13 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। विशेष केन्द्रीय सहायता पोषित स्थानीय विकास कार्यक्रमों हेतु 359 करोड़ तथा आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास हेतु 170 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
छत्तीसगढ़ में मछली पालन और लाख पालन को मिला कृषि का दर्जा
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में कहा कि मछली पालन और लाख पालन को कृषि के समकक्ष दर्जा देने से इस क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोगों को संबल मिलेगा। कृषि का दर्जा मिलने से इन्हें ब्याज रहित ऋण तथा विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सकता है। हमने राज्य में उपलब्ध जल क्षेत्रों में से 95 प्रतिशत जल क्षेत्र का उपयोग 2 लाख से अधिक मछुवारा परिवारों को बेहतर आय दिलाने के लिए किया है। परंपरागत मछली पालन करने वालों के अलावा नए लोग तथा युवा अब इस काम से जुड़कर अपना भविष्य बना सकते हैं। तेलघानी विकास बोर्ड, चर्म शिल्पकार विकास बोर्ड, लौह शिल्पकार विकास बोर्ड तथा रजककार विकास बोर्ड के माध्यम से परंपरागत कर्मकारों के कल्याण के कदम उठाए जाएंगे।लोकवाणी के लिए रिकॉर्डेड संदेश में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक ने कहा कि आपने एक के बाद एक, ऐसे अनेक फैसले लिए हैं, जिनसे महिलाओं को घर चलाने में मदद मिली और आर्थिक मजबूती भी मिली। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में महिलाओं की सेहत का ध्यान रखा। 2 वर्षो में शिक्षा कर्मियों का नियमितीकरण किया। सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत आरक्षण से लेकर हाफ बिजली बिल योजनाओं से महिलाओं को काफी मदद मिली है। नये बजट में आपने दूसरी संतान बेटी होने पर कौशल्या योजना के माध्यम से 5000 रूपए आर्थिक मदद की नयी पहल की है। इंडियन मेडिकल एसोसियेशन, छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. महेश सिन्हा ने स्वास्थ्य सेवाओं को दूरस्थ अंचल तक ले जाने वाली योजनाओं की सराहना की। शिक्षाविद् डॉ. जवाहर सूरी सेट्टी ने अंग्रेजी मीडियम स्कूल प्रारंभ करने की योजना को अच्छी पहल बताया।
कौशल्या मातृत्व योजना का लाभ 24 हजार प्रसूता बहनों को मिलेगा
मुख्यमंत्री ने कौशल्या मातृत्व योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना में जो भी पात्र हितग्राही हैं, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। हमने यह देखा कि प्रथम संतान यदि बेटा-बेटी हो तो उसके लिए तो योजना है। लेकिन दूसरी संतान बेटी होने पर ऐसी कोई योजना नहीं थी, जिससे बेटियों के जन्म को प्रोत्साहन मिले। इसलिए हमने माता कौशल्या के नाम से योजना बनाई। छत्तीसगढ़ से भगवान राम और माता कौशल्या के अटूट रिश्ते को याद करते हुए योजना का नामकरण किया गया। इस योजना से करीब एक वर्ष में 24 हजार प्रसूता बहनों को लाभ मिलेगा।
कांकेर, कोरबा और महासमुन्द में नए मेडिकल कॉलेज और चंदूलाल चन्द्राकर मेडिकल कॉलेज दुर्ग का होगा शासकीयकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा पूरा जोर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केन्द्रों के उन्नयन पर है। वहां आधुनिक सुविधाओं के विकास पर है। सरकारी क्षेत्र में हम 4 मेडिकल कॉलेज ला रहे हैं। तीन मेडिकल कॉलेज कांकेर, कोरबा और महासमुन्द में नए खुलेंगे तो चंदूलाल चन्द्राकर मेडिकल कॉलेज दुर्ग का शासकीयकरण किया जाएगा। रामानुजगंज में 100 बिस्तर, नवा रायपुर में 50 बिस्तर, ग्राम सन्ना (जिला-जशपुर), शिवरीनारायण (जिला जांजगीर-चांपा) रिसाली (जिला दुर्ग) में 30-30 बिस्तर के अस्पताल खोलने तथा 37 स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण का प्रावधान भी किया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिक योजना, हमर लैब योजना आदि के माध्यम से हम जन-जन तक चिकित्सा सेवाएं पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और सुविधाओं में विस्तार के हमारे प्रयासों को शिक्षाविद् करीब से देख रहे हैं।
जल-जीवन मिशन के माध्यम से 45 लाख 48 हजार ग्रामीण घरों में दिए जाएंगे नल कनेक्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सजावटी और दिखावटी अधोसंरचनाओं पर विश्वास नहीं करते बल्कि सुविधा विहीन अंचल का अभाव जल्दी से जल्दी दूर करने पर विश्वास करते है। जवाहर सेतु योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री धरसा विकास योजना के साथ ही राम वन गमन परिपथ का विकास, नदी तट वृक्षारोपण, विवेकानंद गुरूकुल उन्नयन योजना, सड़क सुरक्षा निर्माण योजना आदि के लिए हमने बजट प्रावधान रखा है। जल-जीवन मिशन के माध्यम से 45 लाख 48 हजार ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन, नगरीय क्षेत्रों में जल आवर्धन योजना, मिनीमाता अमृतधारा नल योजना के माध्यम से गौठानों में नलकूप खनन के लिए पर्याप्त प्रावधान रखा गया है। 5 वर्षों में सिंचाई क्षमता दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है। नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास, स्काडा योजना, शहरी विद्युतीकरण योजना, मुख्यमंत्री मजरा टोला विद्युतीकरण योजना के लिए पर्याप्त प्रावधान रखा गया है। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द प्रदेश में सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी अधोसंरचना हर क्षेत्र के निवासियों को उपलब्ध हो जाए। प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी अधोसंरचना, ऑनलाइन सेवाओं के विकास के लिए बहुत से कदम उठाए जा रहे हैं। इनके लिए बजट प्रावधान भी किया गया है। मैं चाहूंगा कि हमारे युवा स्वयं को शिक्षण व प्रशिक्षण के माध्यम से तैयार रखें। आपके रोजगार व स्वरोजगार के सारे रास्ते खोलने के लिए हम पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। इसमें स्थानीय उद्योगों का भी सहयोग लेने की रणनीति अपनाई जा रही है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा किहमने जिन योजनाओं का उल्लेख किया है, उसके लिए पर्याप्त बजट प्रावधान भी किया है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन पर शासन और प्रशासन पूरा ध्यान दे रही हैं। जन-जन का विकास हमारा मुख्य ध्येय है।